• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest मुझे प्यार करो,,,

rohnny4545

Well-Known Member
13,309
34,632
259
Gazab ki update he rohnny4545 Bhai,

Ankit ki to lottery lag gayi...........

Milne to vo suman se aaya tha.......lekin uski maa ke nange badan ke darshan ho gaye...........

Keep rocking Bro
सही कहा दोस्त,,, लेकिन कहानी में इन किरदारों की बहुत जरूरत है
Gazab ki update he rohnny4545 Bhai,

Ankit ki to lottery lag gayi...........

Milne to vo suman se aaya tha.......lekin uski maa ke nange badan ke darshan ho gaye...........

Keep rocking Bro

1737622400-picsay
 
  • Love
Reactions: Ajju Landwalia

rohnny4545

Well-Known Member
13,309
34,632
259
वाकई लाजवाब तरीके से कहानी को नई नई घटनाओं से संजोया है, अंकित अपनी मां को ब्रा पैंटी नहीं पहना पाया तो क्या हुआ उसका जुगाड़ लगता है दूसरी जगह हो गया है। जबरदस्त अपडेट है, तुसी ग्रेट हो Rohnny Bhai
धन्यवाद दोस्त

1737560077-picsay
upload images
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

rohnny4545

Well-Known Member
13,309
34,632
259
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
माँ बेटे यानी राहुल और नुपूर की चुदाई देख कर अंकित के मन में चल रहे ग्लानी भाव को पुर्णविराम लगा दिया और उसकी उसकी माँ सुगंधा का उसके साथ का रवैया या छेडछाड उसे एक कामुक औरत की लगने लगी और वो अब सुगंधा के साथ आगे बढाने का पक्का निश्चय कर चुका था
परंतु उसकी पढाई पर का ध्यान न भटके इस लिये सुगंधा ने अपनी सभी हरकतें को बंद कर दिया
लेकीन गणित के कुछ सवालों के जवाब पाने के लिये सुमन के घर गये अंकित को वहा एक अलग ही नजारा देखने को मिला वहा नंगी नहाती सुमन की माँ सुषमा दिख गयी अंकित भी उसे देखकर उत्तेजना महसुस कर रहा था उसने अंकित से टाॅवेल भी मांग लिया और अपने चुद पर के झुरमट के बारे सोच रही थी की अंकित क्या सोच रहा होगा
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
बहुतही उमदा कमेंट दोस्त बस इसी तरह से मेरा हौसला बढ़ाते रहे

1737624851-picsay
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
46,483
48,292
304
नूपुर के घर पर जो कुछ भी अंकित ने देखा था वह सब कुछ एक फिल्म की तरह उसके दिलों दिमाग पर छप चुका था,,,, क्योंकि ऐसा गरमा गरम नजर उसने आज तक अपनी आंखों से कभी नहीं देखा था,,, इस तरह की क्रियाकलाप को वह केवल गंदी किताब की रंगीन पन्नों पर ही चित्र के रूप में देखा था लेकिन उसने कभी सोचा नहीं था कि रंगीन पन्नों के चित्र को वह अपनी नंगी आंखों से देख पाएगा और वह भी मां बेटे को,,, राहुल के घर से अंकित एक नई ऊर्जा लेकर अपने घर की तरफ लौट रहा था वह पूरी तरह से बदल चुका था कमरे के अंदर के गरमा गरम दृश्य नहीं उसके दिल दिमाग के सारे रहस्य को उजागर कर दिया था इसके बारे में सोचकर उसे कभी-कभी अपने आप पर ही ग्लानी महसूस होती थी,, एक नजारे ने सब कुछ बदल दिया था उसे लगने लगा था कि हर घर में कैमरे के अंदर इसी तरह का रिश्ता कायम होता है बस किसी को पता नहीं चलता,,, वह अपने मन में निश्चय कर लिया था कि अब वह भी राहुल की तरह ही अपनी मां से संभोग सुख प्राप्त करेगा और उसे पक्का यकीन था कि उसकी मां इस कार्य में उसका पूरा सहयोग करेगी क्योंकि वह भी यही चाहती थी,,,।



1737279568-picsay
नूपुर राहुल के बारे में सोचता हुआ अंकित अपने घर पर पहुंच चुका था,,। घर पर अभी उसकी मां नहीं आई थी और नहीं उसकी बड़ी बहन तृप्ति आई थी वह घर में प्रवेश करके कुर्सी पर बैठकर उसे घटना के बारे में ही सोचने लगा जिसे वह अपनी आंखों से देखकर आया था राहुल की बात तो उसे और उसकी मां की हरकत से पहले से ही अंकित के मन में शंका के बीच उगने लगे थे लेकिन अभी तक यह शंका ही था लेकिन अपनी आंखों से देखने के बाद उसका शंका हकीकत में बदल चुका था पहले तो उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या वाकई में एक मां बेटे के बीच इस तरह का रिश्ता कायम हो सकता है लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखों ने देखा था उसे झूठलाया नहीं जा सकता था अगर किसी के मुंह से सुनता तो शायद वह पूरी तरह से यकीन नहीं कर पाता लेकिन वह खुद अपनी आंखों से देखा था इसलिए इनकार करने का तो सवाल ही नहीं उठता था,,,। अभी तक उसे दृश्य की गर्मी उसके बदन में महसूस हो रही थी अभी तक उसके पेंट में तंबू बना हुआ था,,,‌।






1737279583-picsay
कुर्सी पर बैठकर अंकित एक-एक दृश्य के बारे में सोच रहा था वह सोच रहा था कि धक्का मारते समय राहुल के चेहरे पर कितना सुकून नजर आ रहा था और उससे भी ज्यादा मदहोशी उसकी मां के चेहरे पर दिखाई दे रही थी क्या वाकई में बुर में लंड डालने में इतना मजा आता है,,, लेकिन राहुल तो डालने के साथ-साथ बड़े जोर-जोर से धक्का लगा रहा था और हर धक्के के साथ उसकी मां पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी क्या वाकई में बुर में लंड डालने के बाद जोर-जोर से कमर हिलाना जरूरी हो जाता है,,, राहुल का उसकी मां की बुर में जोरदार धक्के लगाना अंकित के लिए किसी पहली से काम नहीं था क्योंकि अंकित यही समझता था की बुर में सिर्फ लंड डाला जाता है आगे पीछे किया जाता है,, लेकिन वह इतनी तेज धक्के के साथ किया जाता है इस बारे में उसे जानकारी नहीं थी,,,। लेकिन अब उसे इतना पता चलने लगा था कि तेज धक्को के साथ ही मर्द और औरत दोनों को मजा आता है,,,,।





1737279616-picsay
हर एक दृश्य अंकित के लिए मनोहर था अनमोल था और अतुलनीय था क्योंकि यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था उसे और ज्यादा हैरानी हुई थी जब राहुल को अपनी मां की बुर चाटते हुए देखना इस तरह के दृश्य को वहां रंगीन पन्नों पर चित्र के रूप में देख चुका था लेकिन उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक मर्द औरत की बुर पर अपने होंठ लगाकर अपनी जीभ से वास्तविक में चाटते होंगे क्योंकि अंकित भी यही सोचता था कि उसमें से तो पेसाब किया जाता है भला उसे मुंह में लेकर चाटने में क्या मजा आता होगा,,, लेकिन राहुल को देखने के बाद उसके मन का यह सवाल भी पहेली नहीं रह गया था इस सवाल का भी जवाब उसे मिल गया था क्योंकि वह बड़े साफ तौर पर खिड़की पर खड़ा होकर देख पा रहा था कि इस क्रिया को करने में राहुल से ज्यादा मजा उसकी मां को मिल रहा था तभी तो अपना हाथ उसके सर पर रखकर जोर-जोर से उसे अपनी दोनों टांगों के बीच दबा रही थी ऐसा जाता रही थी कि वह और जोर-जोर से चाटे ,,,।






1737279709-picsay
इसके बाद की क्रिया उसके लिए और भी ज्यादा उत्तेजित कर देने वाली थी इसके बारे में वह केवल सोचा करता था उसे इस क्रिया पर भी यकीन नहीं था कि वाकई में औरत मर्द के लंड को मुंह में लेकर किसी लॉलीपॉप की तरह चुसती है,, लेकिन इस शंका का भी समाधान हो गया था राहुल की मां की क्रियाकलाप को देखकर वह एकदम मंत्र मुग्ध हो गया था,,, वाकई औरत का हर एक अंग हर एक क्रियाकलाप मर्दों को पूरी तरह से मदहोश कर देती है नूपुर बड़े चाव से बेझिझक अपने ही बेटे के लंड को मुंह में लेकर मस्ती के साथ चूस रही थी यह दृश्य अंकित को पूरी तरह से गर्म कर गया था,,, इन सब के बारे में सोचकर कुर्सी पर बैठा अंकित पूरी तरह से उत्तेजना का अनुभव कर रहा था और वह अब अपनी मां के साथ मजा लेने के लिए तैयार था लेकिन वह जानता था कि अभी मंजिल बहुत दूर है क्योंकि वह खुद पहल करने से डरता था भले ही उसे इस बात का एहसास था कि उसकी मां भी यही चाहती है लेकिन फिर भी वह पहल नहीं करना चाहता था क्योंकि उसे डर था कि कहीं उसकी मां उसकी हरकत का बुरा मान गई तो वह घर में रहकर अपनी मां से कभी नजर नहीं मिल पाएगा,,,।








1737279723-picsay
पेट में बनी तंबू को शांत करने की कोशिश करता हुआ वहां पेट के ऊपर से ही अपने लंड को जोर-जोर से दबा रहा था उसकी आंखों के सामने नूपुर का नंगा बदन नाच रहा था नंगी होने के बाद नूपुर वाकई में बहुत खूबसूरत लगती है बड़ी-बड़ी चूची बड़ी-बड़ी कम गुलाबी पर का मजा वह पूरी तरह से अपने बेटे को दे रही थी और यही मजा अंकित भी लेना चाहता था वह अपने मन में सोच रहा था कि जब वह उसके घर गया था तो राहुल की मां उसके साथ कुछ ज्यादा ही छूट छाट ले रही थी,,, और उसकी क्रियाकलाप को वह इस समय सोचकर मदहोश हुआ जा रहा था और अपने मन में यही सोच रहा था कि जब वह अपने बेटे से चुदवा सकती है तो उसके साथ क्यों नहीं,,, जरूर राहुल की मां उसके बारे में भी कुछ सोच रही होगी कभी तो चाय बनाते समय उसकी मदद लेकर उसे पूरी तरह से उत्तेजित कर गई थी,,, नंगी गांड का स्पर्श उसे इस समय भी महसूस हो रहा था,,,।






1737279751-picsay
इन सबको याद करके अंकित से रहा नहीं गया और वह तुरंत कुर्सी पर से उठकर खड़ा हो गया और बाथरूम में चला गया और वहां पर जाकर अपने हाथ से ही अपनी जवानी की गर्मी को शांत करके बाहर आकर हाथ में धोकर अपने आपको फ्रेश कर लिया और तभी दरवाजे पर दस्तक होने लगी,, वह समझ गया था कि उसके सपनों की रानी उसकी मां आ चुकी थी वह जल्दी से उठकर दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ़ गया और जैसे ही दरवाजा खोला तो उसकी आंखों के सामने उसकी मां तो थी लेकिन उसके साथ तृप्ति भी थी आज दोनों साथ में आए थे और दोनों को साथ में देखकर अंकित के चेहरे पर उदासी की लकीर जाने लगी क्योंकि वह अपनी मन में सोच रहा था कि आज ही वह अपनी मां को फिर से एक जोड़ी ब्रा पेंटी का नाप लेने के लिए बोलेगा और इसी मौके का फायदा उठाकर उसके नंगे बदन का रसपान अपनी आंखों से करेगा और उसका स्पर्श करके मदहोश हो जाएगा,,, लेकिन तृप्ति के कारण वह ऐसा नहीं कर सकता था इसलिए एकदम उदास हो गया था और दरवाजा खोलकर एक तरफ खड़ा हो गया दोनों जैसे ही अंदर आए वह दरवाजा बंद करके बोला,,,।




1737279778-picsay
चाय बना दो मम्मी मैं कब से इंतजार कर रहा था,,,।

क्यों कब से इंतजार कर रहा था यही समय तो है मेरा घर पर आने का,,,।

फिर भी मुझे चाय पीना था इसलिए,,।

चल कोई बात नहीं अभी बना देती हुं,,,,
(इतना कहने के बाद सुगंधा हाथ में धोकर फ्रेश हो गई और किचन में जाकर चाय बनाने लगी तृप्ति थक चुकी थी इसलिए वह भी बगल वाली कुर्सी पर बैठकर गहरी सांस लेते हुए बोली)

आखिरी परीक्षा शुरू होने वाली है तैयारी किया कि नहीं,,,,,।

मैं तो पूरी तरह से तैयार हूं,,,,।






1737279827-picsay
देखना नंबर कम नहीं आना चाहिए,,, तु कितना तैयार है यह रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा,,,।

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो दीदी मेरी तैयारी पूरी तरह से,,,,।(सुगंधा और नूपुर की मदहोश कर देने वाली जवानी में इस कदर अंकित को चुका था कि आखिरी परीक्षा शुरू होने वाली थी और वह परीक्षा के बारे में कुछ सोचा ही नहीं रहा था लेकिन अपनी बड़ी बहन के मुंह से सुनकर उसे एहसास हुआ कि वाकई में इस ही तैयारी करनी चाहिए कहीं फेल हो गया तो पूरा साल बिगड़ जाएगा,,,, अंकित की बात सुनकर तृप्ति बोली,,)

मुझे भी तुझसे यही उम्मीद है,,,, कोई दिक्कत हो तो बताना,,,।

नहीं दीदी सब बराबर है,,,,।






1737279854-picsay

(चाय बनाते समय सुगंधा दोनों की बातों को सुन रही थी और एक शिक्षिका होने की नाते उसे इस बात का एहसास था कि वाकई में उसके बेटे को अब पढ़ाई की ज्यादा जरूरत है इसलिए वह अपने मन में सोचने लगी कि अब कुछ दिनों तक जो कुछ भी हो रहा है उसे बंद करना होगा वरना इस अंकित पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएगा और इन सब बातों पर गौर करके इसका असर उसके रिजल्ट पर पड़ेगा और वह ऐसा नहीं चाहती थी इसलिए वह अपने मन में सोच ली थी कि कुछ दिनों तक वह सब कुछ बंद कर देगी,,,।






1737279870-picsay
रात को खाना खाने के बाद,,, अंकित टीवी देखने के लिए बैठा था वह अपनी मां का इंतजार कर रहा था क्योंकि उसकी मां भी उसके बगल में बैठकर टीवी देखती थी और तृप्ति की अनुपस्थिति में अपनी टांग उठाकर अपनी मोटी मोटी जांघों के दर्शन कराती थी और फिर सोने जाने से पहले घर के पीछे जाकर पेशाब करती थी एक तरह से उसकी हर एक क्रिया अपने बेटे को लुभाने के लिए ही थी क्योंकि वह अपने बेटे को अच्छी तरह से जान गई थी और एक औरत आने की नाते मर्द की फितरत से अच्छी तरह से बाकी थी वह जानती थी कि मर्दों को क्या चाहिए इसलिए तो वहां अपनी जवानी के दर्शन कराकर अपने बेटे को पूरी तरह से अपनी जवानी के जाल में फंसा ली थी,,,,,, इसीलिए आज भी अंकित इसी इंतजार में बैठा हुआ था,,, और थोड़ी ही देर में उसकी मां भी टीवी वाली रूम में आई लेकिन आते ही बोली,,,।






1737279917-picsay
अंकित तुम्हारी परीक्षा शुरू होने वाली है और तुम टीवी देख रहे हो जाओ अपने कमरे में जाकर परीक्षा की तैयारी करो,,,,,।
(अपनी मां की बात सुनकर अंकित को थोड़ी हैरानी हुई क्योंकि वह सोचा नहीं था कि उसकी मां इस तरह से उसे कमरे में जाने के लिए बोलेगी क्योंकि जहां तक अंकित का मानना था उसकी मां को भी ईस खेल में मजा आ रहा था और किसी न किसी बहाने से वह अपने अंगों को उसकी आंखों के सामने उजागर कर ही देती थी,,, लेकिन आज का रवैया कुछ बदला हुआ था अंकित को इस बात का एहसास हुआ कि उसकी मां एक शिक्षिका थी शायद इसी जिम्मेदारी के बदौलत वह नहीं चाहती थी कि उसका बेटा परीक्षा में काम नंबर लाया फेल हो जाए इसीलिए शायद इस तरह का व्यवहार कर रही थी और अंकित भी मौके की नजाकत को समझते हुए अपनी मां की बात मानते हुए बोला,,,)





1737280028-picsay
ठीक है मम्मी थोड़ी देर में चला जाता हूं,,,,।
(अंकित एक बहाना करके कुछ देर और बैठा रहा क्योंकि वह जानता था कि टीवी देखने के बाद उसकी मां घर के पीछे पेशाब करने के लिए जाती थी और जी भर कर अपनी गांड दिखाई थी और इसी लालच के बस वह वहां पर बैठा रह गया,,, लेकिन थोड़ी ही देर में उसकी मां टीवी देखने के बाद खुद ही टीवी बंद कर दी और फिर से अंकित को अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने के लिए बोली और खुद घर के पीछे ना जाकर के
अपने कमरे में सोने के लिए चली गई,,,। अंकित समझ गया था कि अब परीक्षा खत्म होने तक ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है इसलिए वह अपना मन मसोस कर वहां से उठा और वह भी अपने कमरे में चला गया,,, कुछ देर पढ़ाई करने के बाद वह सो गया,,,।

सुगंधा भी अपने मन को मनाकर नींद की आगोश में चली गई,,,,,,,।






1737280071-picsay
कुछ दिनों तक यह सब कुछ संपूर्ण रूप से बंद रहा अंकित को ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला जिससे उसके पेंट में तंबू बन सके,,, सुगंधा भी अपनी हरकतों को काबू में करके अपने आप को व्यवस्थित रखने की कोशिश करने लगी वह घर के पीछे पेशाब करने भी नहीं जाती थी उसे इस बात का फ़िक्र था कि कहीं उसका बेटा उसकी नंगी गांड को देखकर उसकी जवानी के जाल में फंसकर कहीं फेल न हो जाए,,, इसलिए बहुत संभाल कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि अगर उसके बेटे का नंबर कम आया या फेल हुआ तो इसके पीछे वह खुद जिम्मेदार होगी,,, पर वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि उसके कारण उसके बेटे का नंबर काम आए या वह फेल हो जाए,,,, परीक्षा शुरू हो चुकी थी और बड़े अच्छे से अंकित परीक्षा दे रहा था,,, लेकिन गणित की परीक्षा के पहले वह कुछ सवाल को हल नहीं कर पा रहा था वह अपनी बहन से पूछना चाहता था लेकिन उससे मैं उसकी बहन घर पर मौजूद नहीं थी,,, तभी उसे सुमन के बारे में याद आया सुमन ने ही उसे बोली थी कि पढ़ाई में किसी चीज की जरूरत पड़े तो वह बेझिझक उससे पूछ सकता है,,,,।




1737280002-picsay

रविवार का दिन था और दूसरे दिन गणित की परीक्षा थी इसलिए वह दोपहर में सुमन के घर अपने सवालों का हल ढूंढने के लिए उसके घर पहुंच गया घर का मुख्य दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था इसलिए उसे दरवाजे पर दस्तक देने की जरूरत नहीं महसूस हुई और वैसे भी वह उसके घर के एकदम सेट हुए घर में ही रहती थी इसलिए एक दूसरे के घर में आने-जाने में किसी को दिक्कत नहीं होती थी इसलिए वह दस्तक नहीं दिया और सीधे घर में प्रवेश कर गया,,,। उसे गणित के सवालों का हल तो चाहिए ही था इस बहाने वह सुमन से मुलाकात करना भी चाहता था क्योंकि पिछली मुलाकात बेहद रोमांचक और उत्तेजक थी,,, इसलिए वह आवाज भी नहीं दे रहा था वह धीरे-धीरे आगे की तरफ बढ़ रहा था,,, तभी उसे बाथरूम में पानी गिरने की आवाज आने लगी उस आवाज को सुनकर अंकित के चेहरे पर प्रसन्नता के भावना जरने लगे क्योंकि उसे लगने लगा था कि बाथरूम में समान ही होगी,,, पिछले कुछ दिनों से सुमन से जिस तरह से मुलाकात हो रही थी जिस तरह से सुमन ने पिछली मुलाकात में हरकत की थी उसे देखते हुए अंकित खुद उसके बदन से छूट छाट लेना चाहता था,, और यही सोचकर वह बाथरूम के करीब बढ़ रहा था,,,।





1737280130-picsay

बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था,,, बार-बार पानी गिरने की आवाज से उसे इतना तो एहसास हो रहा था कि बाथरूम के अंदर सुमन नहा रही है इसलिए उसकी उत्सुकता और प्रसन्नता दोनों बढ़ती जा रही थी धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ता हुआ वह जैसे ही बाथरूम के ठीक सामने पहुंचा तो बाथरूम के अंदर का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए उसकी आंखें फटी के फटी रह गई ,,,,,अंदर का नजारा ही कुछ ऐसा था,,, बाथरूम के अंदर नहा तो रही थी लेकिन सुमन नहीं उसकी मां आ रही थी और वह भी बिना कपड़ों के एकदम नंगी होकर,,,,एक खूबसूरत औरत को बाथरूम के अंदर नंगी नहाता हुआ देख कर अंकित के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,, वह आंख फाड़े,, सुमन की मां को ही देखे जा रहा था जो कि नहाने में ही व्यस्त थी पूरी तरह से नंगी उनका हर एक अंग दिखाई दे रहा था,,,।





1737280052-picsay
अपनी मां को कई बार नग्न अवस्था में देखने के बाद अंकित को इतना तो पता ही था कि औरत को नंगी देखने पर उसके कौन से अंग को ज्यादा देखना चाहिए और इसीलिए उसे इस समय कोई दिक्कत नहीं हुई उसकी नजर सीधे उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों से होकर उसकी दोनों टांगों के बीच पहुंच गई थी जहां पर झांटों का झुरमुट उगा हुआ था,,,, ऐसा लग रहा था कि महीने से सुमन की मां अपने झांट के बाल साफ नहीं की थी,,,, अंकित को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें एक मन कर रहा था कि वहां से चला जाए और दूसरा मन उसे वही रोकने के लिए कह रहा था,,, क्योंकि कुछ दिनों से उसे ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला था जिससे उसके पेंट में तंबू बन सके उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ सके,,, और आज पल भर में उसके पेंट में तंबू बन गया था,,, इसलिए वह आंख फाड़े सुमन की मां को प्यासी नजरों से देखे जा रहा था,,,।





1737280193-picsay

सुमन की मां इस बात से अनजान की उनके पड़ोस का जवान लड़का उसे नंगी नहाता हुआ देख रहा है वह अपने ही धुन में अपने बदन पर पानी पर पानी डाल रही थी,,, लेकिन जैसे ही उन्हें ऐहसास हुआ की बाथरूम के बाहर कोई खड़ा है तो वह नजर घूमाकर देखने लगी और जैसे ही अंकित को अपने सामने खड़ा पाई तो उनके तो होश उड़ गए वह एकदम से चौंक गई और जल्दबाजी में अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करने लगी लेकिन बाथरूम में कोई कपड़ा नहीं था जो उनके नंगे बदन को ढक सकता था वह इसलिए एक हाथ की कहानी अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों पर रखकर दूसरे हाथ की हथेली को अपनी बर पर रखकर उसे देखने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली,,,।

हाय दइया तू कब आया रे,,,,।






1737280214-picsay
(अंकित तो सुषमा आंटी की मदद कर देने वाली जवानी में पूरी तरह से खो चुका था भारी भरकम शरीर होने के बावजूद भी उनके बदन कहां आकर्षण पूरी तरह से अंकित को अपने तरफ मोह रहा था, बड़ी-बड़ी चूचियां बड़ी-बड़ी गांड और झाटों से घिरी हुई गुलाबी बुर जो की दिखाई तो नहीं दे रही थी लेकिन फिर भी अपने होने का एहसास करा रही थी,,, सुषमा आंटी की आवाज जैसे ही उसके कानों में पड़ी वह एकदम से हक्का-बक्का रह गया और हकलाहट भरे स्वर में बोला,,,,।)

वो,,,,,वो ,,,,,,,,आ,,,आआआआआ,,,आंटी ,,,,, सुमन दीदी से मिलना था परीक्षा के सिलसिले से,,,,,,,

पहले जल्दी से वह टावल दे,,, तेरे माथे पर लटक रही है,,,,,।




1737280178-picsay
(इतना सुनकर अंकित ऊपर नजर करके देखने लगा जहां रस्सी पर टावल टंगी हुई थी,,, जल्दी से वह टावर लेकर सुषमा आंटी की तरफ आगे बढ़ा दिया,,, सुषमा आंटी अपनी चूचियों पर से हाथ को हटाकर टावल लेने के लिए उसे आगे बढ़ा दी लेकिन अपनी बुर को ढंक कर रखी,,,, चूचियों पर से हाथ हटाने की वजह से एक बार फिर से उसकी दोनों खरबूजा जैसी चुचीया उजागर हो गई और अंकित प्यासी नजरों से ना चाहते हुए भी उनकी चूचियों को देखने लगा सुषमा खेली खाई औरत थी और इस उम्र में पहुंचने के बाद वह मर्दों की नजर को अच्छी तरह से जानती थी वह समझ गई थी कि अंकित क्या देख रहा है इसलिए जल्दी से उसके हाथों से टावल को लेकर अपने नंगे बदन पर लपेटकर अपने खूबसूरत अंगों को छुपाने की कोशिश करते हुए बोली,,,)






जा अब खड़ा क्यों है अंदर कमरे में है,,,,,,।

जी,,,जी,,,, आंटी,,,,,(इतना कहकर वह हड़बड़ाते हुए अंदर की तरफ जाने लगा उसे जाता हुआ देखकर उसका घबराया हुआ चेहरा देखकर सुषमा आंटी मन ही मन प्रसन्न होने लगी,,,, उन्हें इस बात की प्रसन्नता थी कि इस उम्र में भी जवान लड़का उसे प्यासी नजरों से देख रहा था उसके नंगे बदन को देख रहा था और वह अपनी टॉवल को खोलकर एक बार अपनी दोनों टांगों के बीच की स्थिति को देखने लगी जो की पूरी तरह से काले काले बालों के झुरमुट से घिरी हुई थी,,, और वह अपने मन में सोचने लगी कि अंकित उसकी बुर को देखकर क्या सोच रहा होगा उसे पर ढेर सारे बाल को देखकर क्या सोच रहा होगा ठीक तरह से उसकी बुर तो दिखाई भी नहीं दे रही थी,,, वह अपने मम्मी यही सोच रहा होगा कि कैसी औरत ठीक तरह से अपने अंगों की सफाई भी नहीं करती,,,।





1737280262-picsay
इस बात को लेकर सुषमा अपने मन में शर्मिंदगी का एहसास कर रही थी। क्योंकि उसकी आंखों के सामने एक जवान लड़का था जो जवान की दहलीज पर कदम रख चुका था औरतों को कैसी नजरों से देखने लगा था और उसे अभी-अभी इस बात का पता चला था कि अंकित भी औरतों को प्यासी नजरों से देखा है इसलिए तो वह शर्मिंदगी महसूस कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि अंकित उसके नंगे बदन के खूबसूरत अंगों को अपनी आंखों से देख चुका होगा,,,, और उसकी बुर के बारे में क्या सोच रहा होगा उसकी सफाई के बारे में क्या सोच रहा होगा लेकिन जो भी हो उसकी नजर में वासना एकदम साफ दिखाई दे रही और इस बात का एहसास करके वह एकदम से गनगना गई थी,,,।

1737279797-picsay

1737279898-picsay

1737280242-picsay
Gazab romantic update
💦💦💦💦💦💦
👌👌👌👌👌
 

rohnny4545

Well-Known Member
13,309
34,632
259
अगली बारी सुमन की है , लगता है सुमन आज मौका मिलते ही अपनी जवानी का रस अंकित को पिला कर ही अपने घर भेजेगी, बहरहाल देखते हैं हमारे लेखक जी कहानी को किस तरह से रंगीन मोड देते हैं, जहां तक ट्विस्ट की बात है रौनी भाई कुछ अलग तरीके से ही, सबसे हटकर कहानी की रूपरेखा पिरोते हैं यही उनकी खासियत भी है। अभी क्या होने वाला है ये तो लेखक जनता है और बेसब्री से इंतजार है अगले अपडेट का।
धन्यवाददोस्त,,,

1737624954-picsay
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

Rajadopyaja

New Member
64
100
33
Rohnny4545 bhai please update de do
 

rohnny4545

Well-Known Member
13,309
34,632
259
सुमन के घर में जो कुछ भी हुआ था अंकित ने कभी उसे तरह का अंदाजा भी नहीं लगाया था,,, हां थोड़ी बहुत शरारत सुमन के साथ होती थी और यही शरारत का मजा लेने ही वह सुमन के घर गया था,,, लेकिन उसे क्या मालूम था कि सुमन से मिलने से पहले उसकी मुलाकात उसकी मां से हो जाएगी और इस हालत में होगी वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था जिंदगी में पहली बार हुआ किसी गैर औरत को संपूर्ण रूप से नग्नावस्था में देखा था और वह भी बाथरुम में नहाते हुए,,, वैसे भी एक औरत को पूरी तरह से नंगी होकर नहाते हुए देखना हर मर्द की चाह होती है और ऐसी चाहत अंकित के मन में भी पूरी तरह से बस गई थी लेकिन वह अभी तक केवल अपनी मां को ही नंगी नहाते हुए देखने की इच्छा रखता था लेकिन आज पहली बार वह सुमन की मां को नंगी नहाते हुए देखा था जिसे देखकर उसके तन बदन में अजीब सी हल हो गई थी,,,।



1737023359-picsay

सुमन की मां के प्रति उसके मन में किसी भी प्रकार का भावना नहीं था खास करके उसके प्रति आकर्षण तो बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि वह सुमन की मां को इस नजरिया से कभी देखा ही नहीं था उसका नजरिया केवल अपनी मां को देखने के बाद से ही बदलने लगा था लेकिन अपनी मां को जिस हालात में वह देखा था,,, उसे देखने के बाद दुनिया की हर औरत में वह अपने लिए आकर्षण ही ढूंढता था लेकिन इसमें सुमन की मां पूरी तरह से पड़ी थी क्योंकि ज्यादातर उनसे मुलाकात होती नहीं थी लेकिन आज मुलाकात हुई तो अंकित पूरी तरह से दंग रह गया था सुमन की मां की मदद कर देने वाली जवानी को देखकर,,, वह कभी सोचा भी नहीं था कि सुमन की मां बिना कपड़ों की इतनी मादक दिखती होगी अभी तक वह सुमन की मां को केवल कपड़ों में ही देखता आ रहा था,,, लेकिन पहली बार सुमन की मां को नंगी देखने के बाद उसे देखने का नजरिया अंकित का पूरी तरह से बदल गया था,,,।




1737023442-picsay
मोटी होने के बावजूद भी बदन का आकर्षण पूरी तरह से बरकरार था किसी भी मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने में पूरी तरह से सक्षम थी सुमन की मां,,, अंकित जो की पूरी तरह से जवानी से भरा हुआ था और इस उम्र में अक्सर ऐसे जवान लड़कों का आकर्षण इस तरह की औरतों में हमेशा ही रहता है जिसकी बड़ी-बड़ी चूची हो बड़ी बड़ी गांड हो लेकिन फिर भी वह अपने पड़ोस की सुषमा आंटी मतलब की सुमन की मां को इस नजरिए से कभी नहीं देखा था लेकिन अब सुमन की मां के प्रति उसका आकर्षण पूरी तरह से बढ़ गया था एक तरह से वह अब सुमन को भी बनी औरतों के नजरिया से देखने लगा था जैसा कि वह सभी औरतों को देखा था,,,,।





1737023421-picsay

वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सुमन की मां को वह नंगी देख पाएगा वरना उनके प्रति उसका आकर्षण कभी इस कदर बढ़ता ही नहीं पहली नजर में ही उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसे दिखाई दी थी और उसके बाद तुरंत ही वह अपनी नजर को नीचे दौड़ा था वह उसकी दोनों टांगों के बीच ले गया था जहां पर हमेशा मर्द की नजर घूमती रहती है,,, औरत के उसे अंग को देखते ही अंकित के तन-बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी थी भले ही बालों की झुरमुट में सुमन की मां की बुर तरह से दिखाई नहीं दे रही थी लेकिन फिर भी इतना तो वह जानता ही था कि उसकी दोनों टांगों के बीच की वह जगह पर क्या है इसलिए पल भर में ही उसके पेंट में तंबू बन गया था,,, उस खूबसूरत अंग को देखते ही पल भर में ही अंकित की आंखों में वासना के डोरो नजर आने लगे,,,, वह कभी सोचा भी नहीं था कि किसी औरत की बुर पर इतने सारे बाल होते हैं गुच्छो के रूप में,,, पहली बार उसे इस बात का एहसास हुआ की औरत की दोनों टांगों के बीच की ढेर सारे बाल होते हैं क्योंकि अभी तक वह केवल अपनी मां की बुर को ही देखता आ रहा था,,, और गांधी किताब क्यों रंगीन पन्नों को जिस पर औरतों की नंगी और संभोग व्रत चित्र छपे हुए होते थे लेकिन उन चित्रों में भी औरतों की बुर पर बाल बिल्कुल भी नहीं होते थे,, एकदम चिकनी बुर ही देखा रहा था इसलिए उसे कभी अंदाजा भी नहीं था कि औरतों की दोनों टांगों के बीच मर्दों की तरह ही बाल होते हैं,,,।




1737023458-picsay
लेकिन सुमन की मां को नंगी देखने के बाद उसकी यह धारणा पूरी तरह से टूट चुकी थी,,, और इस बात से भी वह अच्छी तरह से मुखातिब हो गया था कि मोटी होने के बावजूद भी औरतों की खूबसूरती बरकरा रहती है अंकित अच्छी तरह से जानता था कि सुमन की मां उसकी मां से उम्र में बड़ी है लेकिन बड़ी होने के बावजूद भी भारी भरकम शरीर होने के बावजूद भी उनके बदन के अंगों का आकर्षण बिल्कुल भी कम नहीं हुआ था,,, पल भर में ही सुमन की माने अपने नंगे बदन के आकर्षण में पूरी तरह से अंकित को अपनी जवानी के जाल में फंसा ली थी,,,, अंकित के पेट में बना तंबू इस बात का सबूत था कि वह पूरी तरह से सुमन की मां की नंगी जवानी के प्रति आकर्षित हो गया था आया था तो वह सुमन से मिलने लेकिन सुमन की मां के साथ की मुलाकात उसके लिए पूरी तरह से यादगार बन गई थी,,,।




1737095424-picsay
जिस हालात में वह सुमन की मां को देखा था,,, पल भर के लिए अंकित घबरा गया था क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि सुमन की मां को ही सा हालत में देखना उचित नहीं था और उसे इस बात का डर था कि कहीं सुमन की मां उसे अपने ठीक सामने अपने आप को ही देखा हुआ पाकर कहीं गुस्सा ना हो जाए,,, इस बात की घबराहट अपने मन में लिए अंकित फिर भी इस बात का फैसला नहीं कर पा रहा था कि वह वहीं पर रुके या वहां से चला जाए,,,, अंकित बेचारा कर भी कर सकता था उसकी जगह कोई और होता तो शायद अभी हम किसकी तरह ही करता इतनी खूबसूरत नजारे को अपनी आंखों से देखने की लालच वह भी रोक नहीं पाता,,, और वैसे भी जब अंकित अपनी मां को अपनी तरह से नंगी देखने से बिल्कुल भी नहीं कतराता था तो यह तो सुमन की बात भला ऐसा मौका वह अपने हाथ से कैसे जाने दे सकता था लेकिन फिर भी इस बात का डर था कि कहीं सुमन की मां उस पर डांट फटकार ना लगाए,,,।




1737023486-picsay
लेकिन अंकित सुमन की मां के स्वभाव को देखते हुए और वह जिस तरह से पूरी प्रक्रिया को अपने हाथ में लेकर संभाली थी उसे देखकर अंकित समझ गया था कि सुमन की मां उससे नाराज बिल्कुल भी नहीं है वरना इस समय उस पर डांट फटकार लगाती,, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था बस उसे अपनी आंखों के सामने देखते ही पल भर के लिए वह पूरी तरह से घबरा गई थी और घबराहट में अपनी खूबसूरत अंगों को दोनों हाथों से रखने की नाकाम कोशिश की थी और इस कोशिश को बरकरार रखते हुए खुद उससे ही डोरी पर टंगी हुई टॉवल भी मांगी थी और जब अंकित उसे टावल को उसे थामने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया था तब एक बार फिर से टावल लेने के लिए वह अपना हाथ आगे बढ़ती थी और एक बार फिर से उसके खूबसूरत अंगों का दीदार अंकित को अच्छी तरह से हो गया था बस इससे ज्यादा सुमन की मां ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था जिसे यह जाहिर हो की वह अंकित पर गुस्सा है,,,,। इसलिए वह थोड़ा निश्चिंत था,,,।




1737023313-picsay
वहां पर खड़े रहना उचित नहीं था इसलिए वह धीरे से अपनी कदम आगे बढ़ा दिया अंदर की तरफ जहां पर पहली बार उसकी मुलाकात सुमन से हुई थी और उसे मुलाकात में ही दोनों के बीच बहुत कुछ हो गया था,,, तभी से अंकित का आकर्षण सुमन की तरह बढ़ने लगा था और सुमन पहली मुलाकात में थी उसकी दोनों टांगों के बीच के हथियार को भांप ली थी और तब से उसे पाने के लिए तड़प रही थी,,, देखते ही देखते अंकित अंदर वाले कमरे में आ गया जहां पर सुमन पढ़ाई करती थी और यह उसी का ही कमरा था इतना तो वह जानता ही था,,, दरवाजे पर पहुंचते ही देखा कि दरवाजा खुला हुआ था और सामने बिस्तर पर सुमन पड़ रही थी और वह आज शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी जिसमें से उसकी टांगें दिखाई दे रही थी जिस पर नजर पढ़ते ही एक बार फिर से अंकित केतन बदन में आग लगने लगी,,,। कुछ देर तक वह दरवाजे पर खड़े होकर सुमन को ही देखता रहा,,, सुमन कुछ पढ़ रही थी इसलिए उसका ध्यान दरवाजे पर नहीं गया इसलिए अंकित ही दरवाजे पर खड़े होकर दरवाजे पर दस्तक देते हुए बोला,,,।






1737023289-picsay
क्या मैं अंदर आ सकता हूं दीदी,,,?

अरे अंकित,,,,(दरवाजे की तरफ देखते हुए,,,) आओ,,,, तुम्हें इजाजत लेने की जरूरत नहीं है,,,(एकदम प्रसन्न होते हुए,,, सुमन की बात सुनकर अंकित भी मुस्कुराता हुआ कमरे में दाखिल हो गया और उसे कमरे में आता हुआ देखकर सुमन किताबों को एक तरफ रखते हुए बोली,,,)

आज कैसे याद आ गई,,,!

तुम्हें तो मालूम है दीदी परीक्षा शुरू हो गई है और कल गणित का पेपर है तो मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी इसलिए तुमसे मदद मांगने के लिए आ गया,,,।

चलो कोई बात नहीं इसी बहाने तुम मिलने तो आए वरना तुम तो भूल ही जाते हो की तुम्हारे बगल में कोई है जो तुम्हारा इंतजार करती है,,,,।




1737023274-picsay
क्या करूं दीदी समय नहीं मिलता इसलिए तुमसे मुलाकात नहीं हो पाती आते जाते सड़क पर कभी मिल जाती हो तो मुझे भी अच्छा लगता है,,,।

अच्छा तो लगेगा ही आखिरकार उम्र ही कुछ ऐसी है,,,।(आंखों को नचाते हुए सुमन बोली,,, तो उसकी बात सुनकर आश्चर्य से अंकित बोला,,,)

मे कुछ समझा नहीं,,,,,,


यही तो बात है तुमको समझते नहीं अगर समझते होते तो इतना पापड़ नहीं बेलना पड़ता,,,,।
(सुमन किस तरह की बातों को सुनकर अंकित के तन-बाद में आग लगने लगती थी उसकी उत्तेजना बढ़ने लगती थी क्योंकि अंदर ही अंदर वह सुमन के मन की बात को समझता था उसकी हरकत को समझता था और वह उसके साथ छुट-छाट भी लेती थी जिसका मतलब साफ था कि वह उसके साथ चुदवाना चाहती है,, लेकिन फिर भी पहन करने से डरता था,,,, सुमन अपनी बात पूरी करने के बाद कुछ देर खामोश रहकर अंकित की तरफ देखते हुएबोली,,,)




1737007667-picsay
अब खड़े‌ ही रहोगे या बैठोगे भी,,,, मम्मी दिखाई नहीं दे रही है,,,(दरवाजे की तरफ देखते हुए बोली,,,,) लगता है अभी तक नहा रही है,,,, रुको अभी आ जाएगी फिर चाय भी पी लेना,,,।

अरे दीदी इसकी क्या जरूरत है,,,,,(अंकित उसके ही बिस्तर पर बैठता हुआ बोला लेकिन उसने यह नहीं बोला कि वह आते समय आंटी से मुलाकात करके आया है और जैसे हालात में उसकी मुलाकात हुई थी वह तो बयां करने लायक नहीं था,,, इसलिए वह उसकी मां के बारे में बिल्कुल भी जिक्र नहीं किया और मुस्कुराते हुए सुमन बोली,,,)





1737007641-picsay
लाओ कहां दिक्कत हो रही है,,,,।
(इतना सुनते ही अंकित अपने पेट में हाथ डालकर कुछ कागज के टुकड़े निकाला और सुमन के सामने रख दिया सुमन कुछ देर तक उन सवाल को देखती रही और इस समय अंकित भी उन सवालों में अपना मन पिरोने की कोशिश कर रहा था,,,। क्योंकि वह भी जानता था कि पास होना कितना जरूरी है,,,। और सवाल को बड़े गौर से देख लेना,,, और पल भर में अंकित को भी एहसास होने लगा किया सुमन चरित्र की चाहे जैसी भी है लेकिन पढ़ने में बहुत तेज थी जल्द ही वह सवाल की गुत्थी को सुलझा दी थी,, और अंकित को समझ में भी आ गया था उसी से मिलता जुलता सवाल वह कागज पर लिखकर अंकित को दे दी और बोली इसे हल करके रखो तब तक में आती हुं,,,,। और इतना कहकर वह कमरे से बाहर चली गई,,,,




1737095463-picsay
सुमन के मन में शरारत सुझ रही थी,,, वह पहले बाथरूम से होते हुए आगे की तरफ आगे बढ़ गई वह देखना चाहती थी कि घर में उसकी मां मौजूद है या नहीं लेकिन तभी अच्छी की किचन में उसकी मां चाय बना रही थी इसलिए उसके चेहरे पर थोड़े उदासी के भाव नजर आने लगे लेकिन अगले ही पल भर एकदम से स्वस्थ होते हुए तुरंत बाथरूम में घुस गई और जल्दी से अपनी पेंटिं निकाल कर उसे बाथरूम नहीं तांती और बिना पैंटी के बाथरूम से बाहर आ गई,,, और एक बार फिर से किचन की तरफ गई वह देखना चाहती थी कि कितना समय लगेगा चाय बनाने में क्योंकि उसकी मां चाय बना रही थी और वह अपनी मां से बोली,,,,)

मम्मी चाय बन गई क्या,,,?




1737624879-picsay
नहीं थोड़ा समय लगेगा अभी तो चाय बनाने की तैयारी कर रही हूं,,,, अंकित के लिए भी बनाना है ना,,,।

हां यही तो कहने के लिए आई थी,,,,।

ठीक है तू जा मैं जल्दी से चाय बना कर लाती हूं,,,,।

जल्दबाजी वाली चाय मत बनाना अच्छी चाय बनाना इलायची अदरक डालकर,,,,।

ठीक है बनाकर लाती हूं,,,, तु जा,,,, (सुषमा एकदम सहज होकर बोल रही थी उसने अपनी बेटी समान सहित बात का जिक्र तक नहीं की,,, की अंकित बाथरूम के सामने उस समय आ गया था जब वह नंगी होकर नहा रही थी,,, और वैसे भी सुषमा यह सब बताना नहीं चाहती थी इसलिए एकदम शांत होकर चाय बनाने लगी थी और जब सुमन को इस बात का एहसास हुआ कि चाय बनने में 10-15 मिनट लग जाएगा वह तुरंत अपने कमरे की तरफ वापस आ गई और कमरे में प्रवेश करते हुए हल्के से दरवाजे को बंद कर दी लेकिन कड़ी नहीं लगाई ताकि उसकी मां को शक ना हो,,,,,, अपने कमरे में पहुंचते ही बाहर अंकित से बोली,,,)




1737624851-picsay
सवाल हल हो गया,,,।

हां दीदी अच्छे से हल हो गया तुम इतना अच्छे से समझाइए कि मैं एकदम से समझ गया अब कोई दिक्कत नहीं है,,,,।

तो अब कुछ देर के लिए पढ़ाई छोड़ो,,, और यह बताओ उसे दिन मजा आया था कि नहीं,,,।

मजा,,,,, कैसा मजा दीदी,,,(अंकित जानबूझकर अनजान बनता हुआ बोला वह सब कुछ जानता था कि सुमन किस बारे में बात कर रही है और अंकित की ना समझी को देखकर सुमन थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)

ओफ्फो,,, बोली ना कि तुम बिल्कुल भी नहीं समझते अरे उसे दिन जब तुम मेरी चूची दबा रहे थे,,,।




1737007729-picsay

(इतना सुनते ही अंकित के चेहरे पर उत्तेजना का असर एकदम साफ दिखाई देने लगा और वह शर्माने लगा उसे शर्म आता हुआ देखकर सुमन बोली)

आज भी दबाना चाहोगे,,,,,( ईतना कहने के साथ ही वह अंकित की इजाजत लेना मुनासिब नहीं समझी क्योंकि वह जानती थी कि ऐसी हालात में सभी मर्द एक जैसे होते हैं,,, और इतना कहने के साथ ही वह अपनी शर्ट को एकदम ऊपर की तरफ उठाती और उसकी चूचियां एकदम से बाहर चालाक होती क्योंकि गर्मी का महीना होने के कारण और वह घर से बाहर इस समय जाती भी नहीं है इसलिए ब्रा नहीं पहनी थी और इसी का फायदा उठाते हुए वह अपनी दोनों जवानी को अंकित की आंखों के सामने परोस दी,,,, यह देख कर अंकित पूरी तरह से मदहोश हो गया अपनी आंखों के सामने गोल-गोल चूचियों को देखकर एक बार फिर से उत्तेजना उसके सर पर सवार हो गई और वह जानता था कि उसे दिन की तरह ही आज भी उसे सुमन की चूचियों को स्पर्श करने का उसे दबाने का मौका प्राप्त होगा और वह बिना कुछ बोले,,, बिस्तर पर बैठा हुआ ही अपने दोनों हाथों को आगे बढ़कर सुमन की चूचियों पर रख दिया और उसे हल्के-हल्के दबाने लगा अंकित की हरकत को देखकर सुमन मदहोश होने लगी और उत्तेजना में अपनी आंखों को बंद कर ली और बोली,,,)



1737007684-picsay
जोर-जोर से दबाओ अंकित,,,,

(इतना सुनते ही अंकित जोर-जोर से सुमन की चुचियों का दबाने लगा और सुमन की हालत खराब होने लगी उसके मुंह से हल्की शिसकारी फूट पड़ी,,)

सहहहहहह आहहहहह,,,,,ऊमममममम कैसा लग रहा है अंकित,,,,।


बहुत मजा आ रहा है दीदी उसे दिन की तरह आज भी बहुत मजा आ रहा है,,,,।

ऐसे ही दबाता रह,,,आहहहहहह,,,,(ऐसा कहते हुए वहां पूरी तरह से मदहोश भी हुए जा रही थी और अपना ध्यान दरवाजे पर भी लगाई हुई थी क्योंकि उसे इस बात का डर भी था कि कहीं उसकी मा ना आ जाए,,,,,, अंकित पूरी तरह से मदहोश हो गया था उसकी आंखों के सामने एक खूबसूरत लड़की की जवानी थी जिसे वह जोर-जोर से मसल रहा था और उसे दबाने भी बहुत मजा आ रहा था और वह अपने मन में यही सोच रहा था कि जब सुमन की चूची दबाने में इतना मजा आ रहा है तो जब उसके हाथों में उसकी मां की चुची या नूपुर की चुची होगी तब कितना मजा आएगा,,,,,)



1737007866-picsay

मुंह में लेकर चुस अंकित,,, मेरे दोनों दूध को पी,,,,।

(सुमन एकदम मदहोशी भरे स्वर में बोली और उसकी यह बात सुनकर तो अंकित केतन बादल में उत्तेजना की लहर बड़ी तेजी से ऊपर नीचे होने लगी वह मदहोश होने लगा उसे अपने कानों पर भरोसा नहीं हो रहा था लेकिन वह जानता था कि सुमन जो कुछ भी कह रही है वहीं उसने सुना है वह भी सुमन की चूची को मुंह से लगाकर पीना चाहता था और वह जानता था कि ऐसा मौका उसे फिर कभी मिलने वाला नहीं है इसलिए एकदम से वह अपने प्यास होठों को सुमन की चूची की तरफ ले गया और उसे मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह पीना शुरू कर दिया उसे बहुत मजा आ रहा था वह नहीं जानता था कि औरत की चूची पीने में कितना आनंद आता है इस बात का एहसास उसने बिल्कुल भी नहीं था लेकिन आज उसे इस बात का पता चल रहा था कि वाकई में औरत की चूची को मुंह से लगाने में कितना आनंद आता है उस एहसास को वह पूरी तरह से जी रहा था,,, कुछ देर तक अंकित उसकी एक चुची को मुंह में लेकर पीता रहा तो सुमन तुरंत उसके चेहरे को अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूची से दूर करते हुए अपनी दूसरी चूची को उसके मुंह में डाल दे और वह उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,,।



1737007792-picsay
सुमन को मजा आ रहा था वह पूरी तरह से आनंदित हुए जा रही थी उसकी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार से मदन रस टपकने लगा था उसकी बुर गीली हो रही थी,,,, वह पूरी तरह से चुदवासी हुए जा रही थी,,, उसकी मन अंकित के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए तड़प रहा था,,,, लेकिन वह जानती थी कि उसकी मां कभी भी आ सकती है इसलिए वह अपने आप पर काबू की हुई थी लेकिन फिर भी अपने हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर उसके पेट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ ली थी जो की पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था,,, वह जोर-जोर से मदहोश होकर पेट के ऊपर से उसके लंड को दबाना शुरू कर दी मां तो उसका बहुत कुछ कर रहा था इस समय उसकी मन यह भी कर रहा था कि अगर अपनी बुर में ना सही तो वह अंकित के लंड को अपने मुंह में लेकर चुस तो सकती है लेकिन फिर भी इतना भी समय उसके पास नहीं था,,,, पूरी तरह से मदहोश होने के बाद वह फिर से अंकित के कानों में मधुर रस घोलते हुए बोली,,,)




1737560006-picsay
अंकित,,,, क्या तुमने कभी औरत की बुर देखे हो,,,(ऐसा कहते हुए वह जोर-जोर से पेट के ऊपर सही अंकित के लंड को दबा रही थी और उसकी यह बात सुनकर तो ऐसा लग रहा था कि अंकित का लंड और ज्यादा मोटा होने लगा है,,, वह बिस्तर पर दोनों पैर नीचे लटकाए बैठा था और उसके ठीक सामने उसकी दोनों टांगों के बीच सुमन खड़ी थी वह नजर ऊपर करके ना में सिर हिलाया तो बिना कुछ बोले सुमन अपनी मादकता भरी जवानी को एकदम से अंकित की आंखों के सामने परोसते हुए अपनी चूची पर से अंकित के मुंह को हटाते हुए अपनी एक टांग को ऊपर उठाते हुए बिस्तर पर रख दी और अपनी स्कर्ट को एकदम से कमर तक उठा दे,,,, और यह नजारा देखकर तो अंकित का मुंह खुला का खुला रहेगा क्योंकि उसने देखा कि स्कर्ट के नीचे सुमन पूरी तरह से नंगी थी वह पेंटी नहीं पहनी थी और उसकी नंगी कचोरी जैसी गुलाबी बुर देखकर एकदम से अंकित के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आने लगा,,,,, गहरी सांस लेते हुए अंकित नजर भरकर सुमन की बुर को देख रहा था और सुमन अंकित को देख रही थी,,,, और मदहोश होते हुए बोली,,,)

कैसी लगी मेरी बुर,,,,।



1737560027-picsay
बबबबब,,,, बहुत खूबसूरत है दीदी,,,, क्या मैं इसे छू सकता हूं,,,,(अंकित का इतना कहना था कि सुमन बिना कुछ जवाब दिए अपना दोनों हाथ अंकित के सर पर रखी और बिना कुछ बोले सीधा उसके मुंह को अपनी बुर से सटा दी उसके होंठों को अपनी बुर से लगा दी,,,, और मदहोश होते हुए बोली,,,)

चाट अंकित,,,, जीभ लगाकर चाट,,,,,।

(इतना सुनते ही अंकित को वह दिल से याद आ गया जब राहुल अपनी मां की बुर चाट रहा था और उसे नजारे को देखकर अंकित अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी किस्मत कब इतनी तेज होगी कि जब वह औरत की बुर को अपने होठों से लगाकर चाटेगा,,, और इसीलिए उसे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा था उसे नहीं मालूम था कि इतनी जल्दी ऊपर वाला उसकी बात को सुन लेगा सुमन की इजाजत पातें ही अंकित धीरे से अपनी जीत को बाहर निकाल कर उसकी बुर को चाटना शुरू कर दिया उसमें से उठ रही मादक खुशबू उसे पूरी तरह से मदहोश बना रही थी उसमें से जिस तरह की गंध उसके नथुनो से अंदर तक पहुंच रही थी वह ऐसी गंध को कभी महसूस तक नहीं किया था,,, इसलिए उसे थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन अगले ही पल वह अपनी किस्मत पर इतराते हुआ जीत से उसकी बुर को चाटना शुरू कर दिया जिसमें से मदन रस निकाल रहा था और उसका रस हल्का कसैला और हल्का खट्टा था जिसका स्वाद वह पहली बार ले रहा था लेकिन उसे मजा आ रहा था क्योंकि उसके दिलों दिमाग पर मदहोशी छाई हुई थी,,,।



1737726024-picsay
सुमन पूरी तरह से उत्तेजना के सागर पर अपनी नाव लेकर आगे बढ़ रही थी वह एकदम चुदवासी हो चुकी थी अंकित के सर को दोनों हाथों से पड़कर वह अपनी कमर को गोल-गोल घूमते हुए अपनी बुर को उसके चेहरे पर रगड़ रही थी,,, वह झड़ने वाली थी,,, और उसे ईस बात का डर भी था कि उसकी मां कहीं आ ना जाए,,,, उसके मुख से लगातार सिसकारी की आवाज निकल रही थी जैसा कि अंकित राहुल की मां के कमरे में सुना था,,,। सुमन जोर जोर से अपनी बुर को अंकित के चेहरे पर रगड़ते हुए झड़ना चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि किसी भी वक्त उसकी मां कमरे में आ सकती था पर तभी उसे अंदर किचन में बर्तन गिरने की आवाज आई और वह समझ गई कि उसकी मां जल्दी आने वाली है और वह जल्दी-जल्दी अपनी कमर को अपनी बुर को गोल-गोल घूमाते हुए अंकित के चेहरे पर रगड़कर अपना पानी निकालना चाहती थी हो ऐसा ही हुआ,,,।



1737725979-picsay


उत्तेजना के मारे सुमन अंकित के बालों को दोनों मुट्ठी में कस ली और झडना शुरू कर दी उसकी बुर से बदन रस की पिचकारी फुट खड़ी जो सीधा थोड़ी बहुत अंकित के मुंह में गई और उसके चेहरे को भिगोने लगी पल भर के लिए तो अंकित पूरी तरह से घबरा गया था कि यह क्या हुआ लेकिन सुमन अपनी उत्तेजना को जारी रखते हुए झड़ते हुए ही अपनी बर को लगातार उसके चेहरे पर रगड़ती रही जब तक की उसकी मां के कदमों की आहट एकदम पास सुनाई ना देने लगी,,, सुषमा कमरे के बेहद करीब पहुंच चुकी थी और सुमन का काम हो चुका था लेकिन उसके मदन रस से अंकित का चेहरा भी किया था इसलिए वह तुरंत एक चादर उठाकर उसके चेहरे को अपने हाथों से ही साफ करने लगी और जब तक उसकी मां कमरे के अंदर दाखिल होती तब तक वह उसे चादर को एक तरफ रख दी थी और अंकित भी एकदम सहज होता हुआ बिस्तर पर बैठा रह गया था लेकिन उसका चेहरा एकदम लाल हो चुका था उत्तेजना के मारे उसके चेहरे की चमक एकदम बढ़ गई थी,,,,।



1737725998-picsay
अंदर प्रवेश करते ही सुषमा आंटी बोली,,,।


लो तुम दोनों के लिए चाय बना कर लाई हुं,,,।


इसकी क्या जरूरत थी आंटी,,,।

अरे ऐसे कैसे नहीं तू जब भी घर में आता है ऐसे ही चला जाता है इसलिए तेरे लिए चाय बना कर लाई हूं,,,,(सुषमा एकदम सहज होकर बोल रही थी और उसका व्यवहार देखकर अंकित समझ गया था कि बाथरूम में जो कुछ भी हुआ था उसे लेकर उनके मन में कुछ भी नहीं है और वह अपना हाथ आगे बढ़कर ट्रे में से चाय का कप ले लिया और सुमन भी अपने आप को एकदम सहज करते हुए बिस्तर पर बैठी हुई थी और वह भी अपना हाथ आगे बढ़कर चाय का कप ले ली और पीना शुरू कर दी चाय के चुस्की लेते हुए अंकित बोला,,)

तुम भी चाय पी लो आंटी,,,,।



1737725955-picsay

मैं बाद में पी लूंगी किचन में अपने लिए रख कर आई हूं,,,, तुम दोनों बातें करो मैं तब तक अपना काम कर लेती हूं,,,(इतना कहकर सुषमा आंटी वहां से चली गई और उनके जाते ही सुमन मुस्कुराते हुए अंकित की तरफ देखने लगी और चाय की चुस्की लेते हुए बोली)

कैसा लगाअंकित,,,,।

(इतना सुनकर वह शर्म से पानी पानी होने लगा वह बोला कुछ नहीं बस मुस्कुरा कर चाय पीता रहा और चाय पीने के बाद वह जाने लगा तो सुमन भी उठकर खड़ी हो गई और उसे अपनी तरफ खींचकर उसे अपनी बाहों में भरकर उसके होठों पर चुंबन करने लगे उसकी सरकार से एक बार फिर से उसके पेंट में तंबू बनने लगा जो सीधे स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी बुर पर ठोकर मारने लगा,,, और वह चुम्बन लेने के बाद बोली,,,)

आते रहना इसी तरह से मजा देती रहूंगी,,,।

(और इतना सुनकर अंकित मुस्कुराते हुए घर से बाहर निकल गया एक नए अनुभव के साथ)


1737725928-picsay
 
Last edited:
Top