awesome update hai bhai,13.......
सारा सामान रख कर नोखा लिफ्ट से वापस जा चुका था जबकि में उस ट्री हॉउस की मैन एंट्रेस की तरफ बढ़ गया.....दरवाजे के ठीक ऊपर की तरफ एक हाई डेफिनेशन क्लोज सर्किट कैमरा मुझे दिखाई दे गया......
वो कैमरा लगातार मूव हो रहा था इस से पता पड़ रहा था कि हम सब यहां अकेले नही रहने वाले .....कोई और भी है जो यहां की सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखता है.....
मैंने दरवाजा को धक्का देके खोलने की कोशिश करी लेकिन दरवाजा टस से मस नही हुआ....तभी मेरी नज़र दरवाजे के पास बनी एक खाली जगह पर पड़ी जहां फिंगर प्रिंट सेंसर लगा हुआ था.....
मेने उस सेंसर पर अपनी पूरी हथेली रख दी और मेरी हथेली उस सेंसर पाए पड़ते ही वो प्रकाश से जगमगा उठा.....
अभी मुझे एक पल ही बीता होगा सेंसर पर हाथ रखे हुए तभी जहां सेंसर लगा हुआ था वहां से ठीक एक फ़ीट ऊपर एक छिद्र प्रकट हो गया.....उस छिद्र में से लगातार रोशनी निकल रही थी जो कि ठीक मेरी दोनों आंखों पर पड़ने लगी थी.....
कुछ दो सेकंड ही लगे होंगे उस रोशनी को मेरा रेटिना स्कैन करने मे की तभी दरवाजा अपने आप खुलता चला गया और एक मधुर आवाज भी उसी के साथ गूंज उठी.....
"" आपका स्वागत है मिस्टर राज ....मेरा नाम रुचि हैं और मैं अब से आपके प्रोजेक्ट में हर तरह की मदद करूँगी....""
ये आवाज सुनते ही में आश्चर्यचकित होते हुए इधर उधर देखने लगता हूँ लेकिन मुझे वहां कोई भी दिखाई नही दे रहा था , में अभी परेशान होता हुआ इधर उधर देख ही रहा था कि एक खनकती हँसी के साथ वह आवाज पुनः मेरे कानों में पड़ी.....
"" किसे ढूंढ रहे है आप...? में तो इस घर मैं हर जगह पर हु....चलिये अब आपको ज्यादा तंग न करते हुए में अपने बारे मै आपको परिचित करती हूं.....में एक सिक्स जनरेशन ऐ आई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) प्रोग्राम हूं.... मुझे इस लिए बनाया गया ताकि आपको कुछ भी करने के लिए कंप्यूटर से कुश्ती नही करनी पड़े.....मुझ मैं सोचने समझने की काबिलियत डाली गई है जिस वजह से मुझे किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए किसी की कमांड की आवश्यकता नही है.....वैसे तो मैं अभी सिर्फ इस घर और लेब तक सीमित हु लेकिन जब आप चाहेंगे तब मैं हर वक़्त भी आपके साथ हो सकती हूं....""
रुचि की बात सुनकर मेरे आश्चर्य का ठिकाना ना रहा...आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काबिले तारीफ होती है लेकिन इतनी भी कारगर नही होती कि आपके सारे सवालों के जवाब उसके पास हो और जब ऐसे किसी प्रोग्राम में सोचने समझने की काबिलियत आ जाये तो सोने पे सुहागा....
अभी में उस से कुछ कहने ही वाला था कि प्रिया मेरे साथ आकर खड़ी हो गई और कहने लगी....
प्रिया - अरे वाह रुचि जी....आप तो बड़ी कमाल की हो....अब तो मुझे पढ़ाई करने के लिए किताब उठाने की भी जरूरत नही है मुझे पढ़ाने की जिम्मेदारी आज से आपकी....।
प्रिया कि बात खत्म ही हुई थी कि रुचि बोल पड़ी....
"" क्यों नही प्रिया....आप तो मेरी बहन जैसी हो....और आपका नाम भी कितना प्यारा है....प्रिया.....जो सबकी लाडली हो भला मुझे उसे पढ़ाने में क्यों जोर आएगा.....प्रिया अगर तुम्हें बुरा न लगे तो क्या मैं तुम्हे स्कैन कर सकती हूँ...??""
एक प्रोग्राम के मुहँ से अपना नाम सुनना प्रिया को आश्चर्य के सागर में गोते लगवा देने के लिए काफी था....लेकिन रुचि के दुबारा वही बात पूछने पर प्रिया जैसे नींद से जागी....
प्रिया - हां हां क्यों नही रुचि....तुम मुझे स्कैन भी कर सकती हो और अगर तुम्हारे मन मे कोई सवाल भी हो तो वह भी मुझ से पूछ सकती हो....।
"" हां जरूर पूछूंगी पहले एक बार आपको स्कैन तो कर लेने दो.....""
अभी रुचि ने अपनी बात खत्म करी ही थी कि ऊपर लगा हुआ क्लोज सर्किट कैमरे से नीले रंग की रोशनी निकल कर प्रिया को नहलाने लगी....कोई दस सेकण्ड ही लगे होंगे कि रुचि बोल उठी.....
"" क्या बात है प्रिया ....तुम तो छुपी रुस्तम निकली....चलिए आप पहले घर के अंदर आइये उसके बाद आपसे अकेले में बात करूँगी....""
रुचि कि बात खत्म होते ही प्रिया ने उछलते हुए मेरे एक गाल पर किस करी और भागते हुए घर के अंदर चली गयी.....
मां और नेहा अभी भी नीचे ही खड़े थे....नेहा लिफ्ट के पास खड़ी थी जबकि मां नोखा से कुछ बात करने में व्यस्त प्रतीत हो रही थी....
मेने ऊपर से ही मां को आवाज लगाई तो उन्होने एक बार मेरी तरफ देखा और नोखा को कुछ समझाते हुए नेहा के पास चली आई.....
में भी थोड़ा आगे चलकर लिफ्ट के दरवाजे के पास मां और नेहा का इंतजार करने लगता हूँ.....एक हल्के कम्पन्न के साथ लिफ्ट ऊपर उठ कर बॉलकोनी तक पहुँच जाती है और फिर में मां और नेहा के साथ घर के दरवाजे की तरफ बढ़ जाता हूं.....
"" मां जी प्रणाम.....""
सुमन और नेहा ये आवाज सुन चारों तरफ देखने लगती है लेकिन में उन्हें ज्यादा परेशान ना होने देकर रुचि के बारे में सब कुछ बता देता हूं.....आश्चर्य की बात थी कि रुचि मां , नेहा और प्रिया का नाम कैसे जान गई....
"" मां जी....अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं...""
मां - तुझे जो करना है गुड़िया कर ले.....बस जल्दी कर मुझे अभी खाना भी बनाना हैं...
इतना कह कर मां चुप हो गयी जबकि रुचि मां को स्कैन करते करते अपनी बात कहने लगी....
"" आज इस घर में आपका पहला दिन हैं....भला आज मैं कैसे आपको कोई काम करने दूंगी....मैं भी आपकी बेटी जैसी हु....आज आप सबको खाना मैं बना कर खिलाऊंगी...""
रुचि की बात सुनकर मां खिल खिला कर हस पड़ी....आज काफी दिनों बाद मां को इस तरह हँसते हुए देख रहा था मैं....लेकिन तभी अचानक क्या हुआ मां हँसते हंसते रुक गयी और तेज़ी से घर के अंदर बढ़ गयी.....
""बेचारी मां....अपने बेटे के लिए कितना दर्द झेल रही है....""
रुचि ने ये बात काफी लौ वोल्युम पर कही जिसे कम से कम मे और नेहा सुन नहीं पाए.....
नेहा - रुचि जी आपकी आज्ञा हो तो क्या में घर के अंदर जा सकती हूं.....??
"" अरे अरे रुकिए भी.....थोड़ा स्वागत तो करने दिजीये घर की बहू का......नेहा जी अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं....??""
नेहा ने ज्यादा कुछ नही कहा और बस अपनी मुंडी हिला दी.....
कैमरे से निकलती नीली रौशनी से नेहा स्कैन होने लगी लेकिन तभी रुचि ने कुछ कहा....
"" नेहा जी आपकी आंख अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है....आप चाहे तो ये पट्टी हटा सकती है....""
नेहा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.....
नेहा - आप कहती हो तो मैं जरूर ये पट्टी हटा दूंगी वेसे अगर आप बुरा ना माने तो क्या मै आपसे एक सवाल पूछ सकती हूं.....?? आपने हम सब को स्कैन किया ....क्या किसी तरह की बीमारी का पता लगाने के लिए आप ऐसा करती है....??
नेहा का रुचि से सवाल पूछना हुआ और रुचि के मुह पर जवाब जैसे पहले से रखा हुआ हो.....
"" मुझे प्लीज रुचि जी मत कहिये.....में तो प्रिया से भी छोटी हु....इसलिए मुझे बस रुचि नाम से ही बुलाइये.....में आप लोगो को स्कैन सिर्फ इस लिए नही कर रहीं की कोई बीमारी है या नही.... में स्कैन कर रही हूं आपकी सोच आपके जज्बात और आपके दिल में छुपी हुई बातों को.....आप चिंता मत करो आपका राज अबसे मेरा भी राज रहेगा नेहा जी""
रुचि की बात सुनकर नेहा का मुंह खुला का खुला रह गया.....वह ये कल्पना भी नही कर पा रही थी कि एक प्रोग्राम ने उसके दिल की सारी जानकारी निकाल ली.....वह अपने खुले मुह पे बस हाथ ही रख पाई और घर के अंदर की तरफ बढ़ गयी.....
"" आपको क्या अब अलग से इनविटेशन देना पड़ेगा क्या राज सर घर के अंदर आने के लिए....?? राज सर क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं....??""
में समझ चुका था कि रुचि किसी भी व्यक्ति को स्कैन करके उसके जहन के सारे राज जान सकती है इसलिए मैंने उस से कहा....
राज - रुचि सब से पहले तो तुम मुझे सर बुलाना बन्द करो.....और दूसरा तुम मुझे कभी भी मेरी परमिशन के बिना स्कैन नही करोगी.....हम इंसानो के पास बस हमारे जज्बात ही होते हैं जो हम किसी के साथ नही बांट सकते....इसलिए नो स्कैन""
अपनी बात कह कर में तेजी से घर के अंदर बढ़ गया जबकि मेरा रूखा सा जवाब सुनकर रुचि की बोलती बंद हो चुकी थी.....
घर अंदर से काफी बड़ा था.....अंदर घुसते ही एक बड़ा सा हाल फिर हाल को लगाकर डाइनिंग रूम जहां सारा फर्नीचर पूरी तरह करीने से रखा हुआ था.....सीढियां चढ़ कर 5 क्वीन साइज बैडरूम बने हुए थे जो कि किसी फाइव स्टार होटेल रूम से कहीं से भी कम नही था........मैंने पूरे घर का चक्कर लगा लिया था लेकिन मुझे अभी तक लेब कहीं पर भी नज़र नहो आई.....रुचि से में लेब के बारे में पूछना चाहता था लेकिन वह अभी मां और प्रिया के साथ किचन में खाना बनाने में उन दोनों की हेल्प कर रही थी.....
आज का सारा दिन थका देने के लिए काफी था और वेसे भी इस द्वीप पर अंधेरा जल्दी हो जाता है इसलिए आज आराम करने में ही सबकी भलाई है......
तो दोस्तो कैसी लगी आपको आपकी नई दोस्त रुचि..... रुचि ने राज को छोड़ कर सबके दिल की बात जान ली है क्या नेहा और प्रिया का राज रुचि संभाल कर रख पाएगी......सुमन क्यों बेहोश हो गयी थी.....नोखा से अकेले में सुमन क्या बात कर रही थी.....इन्हि सारे सवालों का जवाब जानने के लिए साथ में बने रहें ....।
Badka balandar h e to jiska naam h ruchi...13.......
सारा सामान रख कर नोखा लिफ्ट से वापस जा चुका था जबकि में उस ट्री हॉउस की मैन एंट्रेस की तरफ बढ़ गया.....दरवाजे के ठीक ऊपर की तरफ एक हाई डेफिनेशन क्लोज सर्किट कैमरा मुझे दिखाई दे गया......
वो कैमरा लगातार मूव हो रहा था इस से पता पड़ रहा था कि हम सब यहां अकेले नही रहने वाले .....कोई और भी है जो यहां की सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखता है.....
मैंने दरवाजा को धक्का देके खोलने की कोशिश करी लेकिन दरवाजा टस से मस नही हुआ....तभी मेरी नज़र दरवाजे के पास बनी एक खाली जगह पर पड़ी जहां फिंगर प्रिंट सेंसर लगा हुआ था.....
मेने उस सेंसर पर अपनी पूरी हथेली रख दी और मेरी हथेली उस सेंसर पाए पड़ते ही वो प्रकाश से जगमगा उठा.....
अभी मुझे एक पल ही बीता होगा सेंसर पर हाथ रखे हुए तभी जहां सेंसर लगा हुआ था वहां से ठीक एक फ़ीट ऊपर एक छिद्र प्रकट हो गया.....उस छिद्र में से लगातार रोशनी निकल रही थी जो कि ठीक मेरी दोनों आंखों पर पड़ने लगी थी.....
कुछ दो सेकंड ही लगे होंगे उस रोशनी को मेरा रेटिना स्कैन करने मे की तभी दरवाजा अपने आप खुलता चला गया और एक मधुर आवाज भी उसी के साथ गूंज उठी.....
"" आपका स्वागत है मिस्टर राज ....मेरा नाम रुचि हैं और मैं अब से आपके प्रोजेक्ट में हर तरह की मदद करूँगी....""
ये आवाज सुनते ही में आश्चर्यचकित होते हुए इधर उधर देखने लगता हूँ लेकिन मुझे वहां कोई भी दिखाई नही दे रहा था , में अभी परेशान होता हुआ इधर उधर देख ही रहा था कि एक खनकती हँसी के साथ वह आवाज पुनः मेरे कानों में पड़ी.....
"" किसे ढूंढ रहे है आप...? में तो इस घर मैं हर जगह पर हु....चलिये अब आपको ज्यादा तंग न करते हुए में अपने बारे मै आपको परिचित करती हूं.....में एक सिक्स जनरेशन ऐ आई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) प्रोग्राम हूं.... मुझे इस लिए बनाया गया ताकि आपको कुछ भी करने के लिए कंप्यूटर से कुश्ती नही करनी पड़े.....मुझ मैं सोचने समझने की काबिलियत डाली गई है जिस वजह से मुझे किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए किसी की कमांड की आवश्यकता नही है.....वैसे तो मैं अभी सिर्फ इस घर और लेब तक सीमित हु लेकिन जब आप चाहेंगे तब मैं हर वक़्त भी आपके साथ हो सकती हूं....""
रुचि की बात सुनकर मेरे आश्चर्य का ठिकाना ना रहा...आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काबिले तारीफ होती है लेकिन इतनी भी कारगर नही होती कि आपके सारे सवालों के जवाब उसके पास हो और जब ऐसे किसी प्रोग्राम में सोचने समझने की काबिलियत आ जाये तो सोने पे सुहागा....
अभी में उस से कुछ कहने ही वाला था कि प्रिया मेरे साथ आकर खड़ी हो गई और कहने लगी....
प्रिया - अरे वाह रुचि जी....आप तो बड़ी कमाल की हो....अब तो मुझे पढ़ाई करने के लिए किताब उठाने की भी जरूरत नही है मुझे पढ़ाने की जिम्मेदारी आज से आपकी....।
प्रिया कि बात खत्म ही हुई थी कि रुचि बोल पड़ी....
"" क्यों नही प्रिया....आप तो मेरी बहन जैसी हो....और आपका नाम भी कितना प्यारा है....प्रिया.....जो सबकी लाडली हो भला मुझे उसे पढ़ाने में क्यों जोर आएगा.....प्रिया अगर तुम्हें बुरा न लगे तो क्या मैं तुम्हे स्कैन कर सकती हूँ...??""
एक प्रोग्राम के मुहँ से अपना नाम सुनना प्रिया को आश्चर्य के सागर में गोते लगवा देने के लिए काफी था....लेकिन रुचि के दुबारा वही बात पूछने पर प्रिया जैसे नींद से जागी....
प्रिया - हां हां क्यों नही रुचि....तुम मुझे स्कैन भी कर सकती हो और अगर तुम्हारे मन मे कोई सवाल भी हो तो वह भी मुझ से पूछ सकती हो....।
"" हां जरूर पूछूंगी पहले एक बार आपको स्कैन तो कर लेने दो.....""
अभी रुचि ने अपनी बात खत्म करी ही थी कि ऊपर लगा हुआ क्लोज सर्किट कैमरे से नीले रंग की रोशनी निकल कर प्रिया को नहलाने लगी....कोई दस सेकण्ड ही लगे होंगे कि रुचि बोल उठी.....
"" क्या बात है प्रिया ....तुम तो छुपी रुस्तम निकली....चलिए आप पहले घर के अंदर आइये उसके बाद आपसे अकेले में बात करूँगी....""
रुचि कि बात खत्म होते ही प्रिया ने उछलते हुए मेरे एक गाल पर किस करी और भागते हुए घर के अंदर चली गयी.....
मां और नेहा अभी भी नीचे ही खड़े थे....नेहा लिफ्ट के पास खड़ी थी जबकि मां नोखा से कुछ बात करने में व्यस्त प्रतीत हो रही थी....
मेने ऊपर से ही मां को आवाज लगाई तो उन्होने एक बार मेरी तरफ देखा और नोखा को कुछ समझाते हुए नेहा के पास चली आई.....
में भी थोड़ा आगे चलकर लिफ्ट के दरवाजे के पास मां और नेहा का इंतजार करने लगता हूँ.....एक हल्के कम्पन्न के साथ लिफ्ट ऊपर उठ कर बॉलकोनी तक पहुँच जाती है और फिर में मां और नेहा के साथ घर के दरवाजे की तरफ बढ़ जाता हूं.....
"" मां जी प्रणाम.....""
सुमन और नेहा ये आवाज सुन चारों तरफ देखने लगती है लेकिन में उन्हें ज्यादा परेशान ना होने देकर रुचि के बारे में सब कुछ बता देता हूं.....आश्चर्य की बात थी कि रुचि मां , नेहा और प्रिया का नाम कैसे जान गई....
"" मां जी....अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं...""
मां - तुझे जो करना है गुड़िया कर ले.....बस जल्दी कर मुझे अभी खाना भी बनाना हैं...
इतना कह कर मां चुप हो गयी जबकि रुचि मां को स्कैन करते करते अपनी बात कहने लगी....
"" आज इस घर में आपका पहला दिन हैं....भला आज मैं कैसे आपको कोई काम करने दूंगी....मैं भी आपकी बेटी जैसी हु....आज आप सबको खाना मैं बना कर खिलाऊंगी...""
रुचि की बात सुनकर मां खिल खिला कर हस पड़ी....आज काफी दिनों बाद मां को इस तरह हँसते हुए देख रहा था मैं....लेकिन तभी अचानक क्या हुआ मां हँसते हंसते रुक गयी और तेज़ी से घर के अंदर बढ़ गयी.....
""बेचारी मां....अपने बेटे के लिए कितना दर्द झेल रही है....""
रुचि ने ये बात काफी लौ वोल्युम पर कही जिसे कम से कम मे और नेहा सुन नहीं पाए.....
नेहा - रुचि जी आपकी आज्ञा हो तो क्या में घर के अंदर जा सकती हूं.....??
"" अरे अरे रुकिए भी.....थोड़ा स्वागत तो करने दिजीये घर की बहू का......नेहा जी अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं....??""
नेहा ने ज्यादा कुछ नही कहा और बस अपनी मुंडी हिला दी.....
कैमरे से निकलती नीली रौशनी से नेहा स्कैन होने लगी लेकिन तभी रुचि ने कुछ कहा....
"" नेहा जी आपकी आंख अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है....आप चाहे तो ये पट्टी हटा सकती है....""
नेहा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.....
नेहा - आप कहती हो तो मैं जरूर ये पट्टी हटा दूंगी वेसे अगर आप बुरा ना माने तो क्या मै आपसे एक सवाल पूछ सकती हूं.....?? आपने हम सब को स्कैन किया ....क्या किसी तरह की बीमारी का पता लगाने के लिए आप ऐसा करती है....??
नेहा का रुचि से सवाल पूछना हुआ और रुचि के मुह पर जवाब जैसे पहले से रखा हुआ हो.....
"" मुझे प्लीज रुचि जी मत कहिये.....में तो प्रिया से भी छोटी हु....इसलिए मुझे बस रुचि नाम से ही बुलाइये.....में आप लोगो को स्कैन सिर्फ इस लिए नही कर रहीं की कोई बीमारी है या नही.... में स्कैन कर रही हूं आपकी सोच आपके जज्बात और आपके दिल में छुपी हुई बातों को.....आप चिंता मत करो आपका राज अबसे मेरा भी राज रहेगा नेहा जी""
रुचि की बात सुनकर नेहा का मुंह खुला का खुला रह गया.....वह ये कल्पना भी नही कर पा रही थी कि एक प्रोग्राम ने उसके दिल की सारी जानकारी निकाल ली.....वह अपने खुले मुह पे बस हाथ ही रख पाई और घर के अंदर की तरफ बढ़ गयी.....
"" आपको क्या अब अलग से इनविटेशन देना पड़ेगा क्या राज सर घर के अंदर आने के लिए....?? राज सर क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं....??""
में समझ चुका था कि रुचि किसी भी व्यक्ति को स्कैन करके उसके जहन के सारे राज जान सकती है इसलिए मैंने उस से कहा....
राज - रुचि सब से पहले तो तुम मुझे सर बुलाना बन्द करो.....और दूसरा तुम मुझे कभी भी मेरी परमिशन के बिना स्कैन नही करोगी.....हम इंसानो के पास बस हमारे जज्बात ही होते हैं जो हम किसी के साथ नही बांट सकते....इसलिए नो स्कैन""
अपनी बात कह कर में तेजी से घर के अंदर बढ़ गया जबकि मेरा रूखा सा जवाब सुनकर रुचि की बोलती बंद हो चुकी थी.....
घर अंदर से काफी बड़ा था.....अंदर घुसते ही एक बड़ा सा हाल फिर हाल को लगाकर डाइनिंग रूम जहां सारा फर्नीचर पूरी तरह करीने से रखा हुआ था.....सीढियां चढ़ कर 5 क्वीन साइज बैडरूम बने हुए थे जो कि किसी फाइव स्टार होटेल रूम से कहीं से भी कम नही था........मैंने पूरे घर का चक्कर लगा लिया था लेकिन मुझे अभी तक लेब कहीं पर भी नज़र नहो आई.....रुचि से में लेब के बारे में पूछना चाहता था लेकिन वह अभी मां और प्रिया के साथ किचन में खाना बनाने में उन दोनों की हेल्प कर रही थी.....
आज का सारा दिन थका देने के लिए काफी था और वेसे भी इस द्वीप पर अंधेरा जल्दी हो जाता है इसलिए आज आराम करने में ही सबकी भलाई है......
तो दोस्तो कैसी लगी आपको आपकी नई दोस्त रुचि..... रुचि ने राज को छोड़ कर सबके दिल की बात जान ली है क्या नेहा और प्रिया का राज रुचि संभाल कर रख पाएगी......सुमन क्यों बेहोश हो गयी थी.....नोखा से अकेले में सुमन क्या बात कर रही थी.....इन्हि सारे सवालों का जवाब जानने के लिए साथ में बने रहें ....।
Nice update bhai13.......
सारा सामान रख कर नोखा लिफ्ट से वापस जा चुका था जबकि में उस ट्री हॉउस की मैन एंट्रेस की तरफ बढ़ गया.....दरवाजे के ठीक ऊपर की तरफ एक हाई डेफिनेशन क्लोज सर्किट कैमरा मुझे दिखाई दे गया......
वो कैमरा लगातार मूव हो रहा था इस से पता पड़ रहा था कि हम सब यहां अकेले नही रहने वाले .....कोई और भी है जो यहां की सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखता है.....
मैंने दरवाजा को धक्का देके खोलने की कोशिश करी लेकिन दरवाजा टस से मस नही हुआ....तभी मेरी नज़र दरवाजे के पास बनी एक खाली जगह पर पड़ी जहां फिंगर प्रिंट सेंसर लगा हुआ था.....
मेने उस सेंसर पर अपनी पूरी हथेली रख दी और मेरी हथेली उस सेंसर पाए पड़ते ही वो प्रकाश से जगमगा उठा.....
अभी मुझे एक पल ही बीता होगा सेंसर पर हाथ रखे हुए तभी जहां सेंसर लगा हुआ था वहां से ठीक एक फ़ीट ऊपर एक छिद्र प्रकट हो गया.....उस छिद्र में से लगातार रोशनी निकल रही थी जो कि ठीक मेरी दोनों आंखों पर पड़ने लगी थी.....
कुछ दो सेकंड ही लगे होंगे उस रोशनी को मेरा रेटिना स्कैन करने मे की तभी दरवाजा अपने आप खुलता चला गया और एक मधुर आवाज भी उसी के साथ गूंज उठी.....
"" आपका स्वागत है मिस्टर राज ....मेरा नाम रुचि हैं और मैं अब से आपके प्रोजेक्ट में हर तरह की मदद करूँगी....""
ये आवाज सुनते ही में आश्चर्यचकित होते हुए इधर उधर देखने लगता हूँ लेकिन मुझे वहां कोई भी दिखाई नही दे रहा था , में अभी परेशान होता हुआ इधर उधर देख ही रहा था कि एक खनकती हँसी के साथ वह आवाज पुनः मेरे कानों में पड़ी.....
"" किसे ढूंढ रहे है आप...? में तो इस घर मैं हर जगह पर हु....चलिये अब आपको ज्यादा तंग न करते हुए में अपने बारे मै आपको परिचित करती हूं.....में एक सिक्स जनरेशन ऐ आई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) प्रोग्राम हूं.... मुझे इस लिए बनाया गया ताकि आपको कुछ भी करने के लिए कंप्यूटर से कुश्ती नही करनी पड़े.....मुझ मैं सोचने समझने की काबिलियत डाली गई है जिस वजह से मुझे किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए किसी की कमांड की आवश्यकता नही है.....वैसे तो मैं अभी सिर्फ इस घर और लेब तक सीमित हु लेकिन जब आप चाहेंगे तब मैं हर वक़्त भी आपके साथ हो सकती हूं....""
रुचि की बात सुनकर मेरे आश्चर्य का ठिकाना ना रहा...आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काबिले तारीफ होती है लेकिन इतनी भी कारगर नही होती कि आपके सारे सवालों के जवाब उसके पास हो और जब ऐसे किसी प्रोग्राम में सोचने समझने की काबिलियत आ जाये तो सोने पे सुहागा....
अभी में उस से कुछ कहने ही वाला था कि प्रिया मेरे साथ आकर खड़ी हो गई और कहने लगी....
प्रिया - अरे वाह रुचि जी....आप तो बड़ी कमाल की हो....अब तो मुझे पढ़ाई करने के लिए किताब उठाने की भी जरूरत नही है मुझे पढ़ाने की जिम्मेदारी आज से आपकी....।
प्रिया कि बात खत्म ही हुई थी कि रुचि बोल पड़ी....
"" क्यों नही प्रिया....आप तो मेरी बहन जैसी हो....और आपका नाम भी कितना प्यारा है....प्रिया.....जो सबकी लाडली हो भला मुझे उसे पढ़ाने में क्यों जोर आएगा.....प्रिया अगर तुम्हें बुरा न लगे तो क्या मैं तुम्हे स्कैन कर सकती हूँ...??""
एक प्रोग्राम के मुहँ से अपना नाम सुनना प्रिया को आश्चर्य के सागर में गोते लगवा देने के लिए काफी था....लेकिन रुचि के दुबारा वही बात पूछने पर प्रिया जैसे नींद से जागी....
प्रिया - हां हां क्यों नही रुचि....तुम मुझे स्कैन भी कर सकती हो और अगर तुम्हारे मन मे कोई सवाल भी हो तो वह भी मुझ से पूछ सकती हो....।
"" हां जरूर पूछूंगी पहले एक बार आपको स्कैन तो कर लेने दो.....""
अभी रुचि ने अपनी बात खत्म करी ही थी कि ऊपर लगा हुआ क्लोज सर्किट कैमरे से नीले रंग की रोशनी निकल कर प्रिया को नहलाने लगी....कोई दस सेकण्ड ही लगे होंगे कि रुचि बोल उठी.....
"" क्या बात है प्रिया ....तुम तो छुपी रुस्तम निकली....चलिए आप पहले घर के अंदर आइये उसके बाद आपसे अकेले में बात करूँगी....""
रुचि कि बात खत्म होते ही प्रिया ने उछलते हुए मेरे एक गाल पर किस करी और भागते हुए घर के अंदर चली गयी.....
मां और नेहा अभी भी नीचे ही खड़े थे....नेहा लिफ्ट के पास खड़ी थी जबकि मां नोखा से कुछ बात करने में व्यस्त प्रतीत हो रही थी....
मेने ऊपर से ही मां को आवाज लगाई तो उन्होने एक बार मेरी तरफ देखा और नोखा को कुछ समझाते हुए नेहा के पास चली आई.....
में भी थोड़ा आगे चलकर लिफ्ट के दरवाजे के पास मां और नेहा का इंतजार करने लगता हूँ.....एक हल्के कम्पन्न के साथ लिफ्ट ऊपर उठ कर बॉलकोनी तक पहुँच जाती है और फिर में मां और नेहा के साथ घर के दरवाजे की तरफ बढ़ जाता हूं.....
"" मां जी प्रणाम.....""
सुमन और नेहा ये आवाज सुन चारों तरफ देखने लगती है लेकिन में उन्हें ज्यादा परेशान ना होने देकर रुचि के बारे में सब कुछ बता देता हूं.....आश्चर्य की बात थी कि रुचि मां , नेहा और प्रिया का नाम कैसे जान गई....
"" मां जी....अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं...""
मां - तुझे जो करना है गुड़िया कर ले.....बस जल्दी कर मुझे अभी खाना भी बनाना हैं...
इतना कह कर मां चुप हो गयी जबकि रुचि मां को स्कैन करते करते अपनी बात कहने लगी....
"" आज इस घर में आपका पहला दिन हैं....भला आज मैं कैसे आपको कोई काम करने दूंगी....मैं भी आपकी बेटी जैसी हु....आज आप सबको खाना मैं बना कर खिलाऊंगी...""
रुचि की बात सुनकर मां खिल खिला कर हस पड़ी....आज काफी दिनों बाद मां को इस तरह हँसते हुए देख रहा था मैं....लेकिन तभी अचानक क्या हुआ मां हँसते हंसते रुक गयी और तेज़ी से घर के अंदर बढ़ गयी.....
""बेचारी मां....अपने बेटे के लिए कितना दर्द झेल रही है....""
रुचि ने ये बात काफी लौ वोल्युम पर कही जिसे कम से कम मे और नेहा सुन नहीं पाए.....
नेहा - रुचि जी आपकी आज्ञा हो तो क्या में घर के अंदर जा सकती हूं.....??
"" अरे अरे रुकिए भी.....थोड़ा स्वागत तो करने दिजीये घर की बहू का......नेहा जी अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं....??""
नेहा ने ज्यादा कुछ नही कहा और बस अपनी मुंडी हिला दी.....
कैमरे से निकलती नीली रौशनी से नेहा स्कैन होने लगी लेकिन तभी रुचि ने कुछ कहा....
"" नेहा जी आपकी आंख अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है....आप चाहे तो ये पट्टी हटा सकती है....""
नेहा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.....
नेहा - आप कहती हो तो मैं जरूर ये पट्टी हटा दूंगी वेसे अगर आप बुरा ना माने तो क्या मै आपसे एक सवाल पूछ सकती हूं.....?? आपने हम सब को स्कैन किया ....क्या किसी तरह की बीमारी का पता लगाने के लिए आप ऐसा करती है....??
नेहा का रुचि से सवाल पूछना हुआ और रुचि के मुह पर जवाब जैसे पहले से रखा हुआ हो.....
"" मुझे प्लीज रुचि जी मत कहिये.....में तो प्रिया से भी छोटी हु....इसलिए मुझे बस रुचि नाम से ही बुलाइये.....में आप लोगो को स्कैन सिर्फ इस लिए नही कर रहीं की कोई बीमारी है या नही.... में स्कैन कर रही हूं आपकी सोच आपके जज्बात और आपके दिल में छुपी हुई बातों को.....आप चिंता मत करो आपका राज अबसे मेरा भी राज रहेगा नेहा जी""
रुचि की बात सुनकर नेहा का मुंह खुला का खुला रह गया.....वह ये कल्पना भी नही कर पा रही थी कि एक प्रोग्राम ने उसके दिल की सारी जानकारी निकाल ली.....वह अपने खुले मुह पे बस हाथ ही रख पाई और घर के अंदर की तरफ बढ़ गयी.....
"" आपको क्या अब अलग से इनविटेशन देना पड़ेगा क्या राज सर घर के अंदर आने के लिए....?? राज सर क्या मैं आपको स्कैन कर सकती हूं....??""
में समझ चुका था कि रुचि किसी भी व्यक्ति को स्कैन करके उसके जहन के सारे राज जान सकती है इसलिए मैंने उस से कहा....
राज - रुचि सब से पहले तो तुम मुझे सर बुलाना बन्द करो.....और दूसरा तुम मुझे कभी भी मेरी परमिशन के बिना स्कैन नही करोगी.....हम इंसानो के पास बस हमारे जज्बात ही होते हैं जो हम किसी के साथ नही बांट सकते....इसलिए नो स्कैन""
अपनी बात कह कर में तेजी से घर के अंदर बढ़ गया जबकि मेरा रूखा सा जवाब सुनकर रुचि की बोलती बंद हो चुकी थी.....
घर अंदर से काफी बड़ा था.....अंदर घुसते ही एक बड़ा सा हाल फिर हाल को लगाकर डाइनिंग रूम जहां सारा फर्नीचर पूरी तरह करीने से रखा हुआ था.....सीढियां चढ़ कर 5 क्वीन साइज बैडरूम बने हुए थे जो कि किसी फाइव स्टार होटेल रूम से कहीं से भी कम नही था........मैंने पूरे घर का चक्कर लगा लिया था लेकिन मुझे अभी तक लेब कहीं पर भी नज़र नहो आई.....रुचि से में लेब के बारे में पूछना चाहता था लेकिन वह अभी मां और प्रिया के साथ किचन में खाना बनाने में उन दोनों की हेल्प कर रही थी.....
आज का सारा दिन थका देने के लिए काफी था और वेसे भी इस द्वीप पर अंधेरा जल्दी हो जाता है इसलिए आज आराम करने में ही सबकी भलाई है......
तो दोस्तो कैसी लगी आपको आपकी नई दोस्त रुचि..... रुचि ने राज को छोड़ कर सबके दिल की बात जान ली है क्या नेहा और प्रिया का राज रुचि संभाल कर रख पाएगी......सुमन क्यों बेहोश हो गयी थी.....नोखा से अकेले में सुमन क्या बात कर रही थी.....इन्हि सारे सवालों का जवाब जानने के लिए साथ में बने रहें ....।