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Incest मुर्दों का जजी़रा

DARK WOLFKING

Supreme
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nice ..ruchi ka matter mast hai ekdam real ladki wala ..

aur ye raj 15 dino me marnewala hai aisa pujari ne kaha tha 🤔🤔..par ye raj ko kis cheej ka experiment karna hai ?? ..

aur agar un baadlo ko koi bhi satelite bhed nahi sakti hai to us island ko target kyun karega koi bhi desh ..
 

Vijay2309

Well-Known Member
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nice ..ruchi ka matter mast hai ekdam real ladki wala ..

aur ye raj 15 dino me marnewala hai aisa pujari ne kaha tha 🤔🤔..par ye raj ko kis cheej ka experiment karna hai ?? ..

aur agar un baadlo ko koi bhi satelite bhed nahi sakti hai to us island ko target kyun karega koi bhi desh ..
हर समय जहां तूफान और बादल रहते हैं वो एक अलग जगह है जो हेलीकाप्टर मैं आते वक्त पायलेट ने सब को दिखाई थी.......इस द्वीप पर भी उस रहस्यमयी तूफान की वजह से अँधेरा जल्दी हो जाता है लेकिन और किसी प्रकार का विघ्न उस तूफान की बजह से इस द्वीप पर नही होता....नही तो किसी भी प्रकार की मशीन का काम करना यहां नामुमकिन होता.....मेरे ख्याल से आपने पिछले अपडेट शायद जल्दबाजी मैं पढ़े है नही तो इस तरह का सवाल आप नही करते.....अगर मुझ से अभी भी कुछ छूट रहा है तो मुझे बताइये ताकि मैं आप सभी का कंफ्यूसन दूर कर सकू:hug:
 
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घड़ी के हिसाब से अभी दिन के 3 ही बजे थे लेकिन द्वीप पर अंधेरा छा चुका था.....नेहा एक अलग रूम में आराम कर रही थी जबकि प्रिया एक अलग रूम में घोड़े बेच कर सो रही थी.... मैं काफी देर से बाहर हॉल में ही बैठा आज दिन में जो कुछ भी घटित हुआ लगातार उसी के बारे में सोचे जा रहा था.....मां के बेहोश होने के बाद से ही मन उद्विग्न हो उठा था.....

रुचि - क्या हुआ सर आप कुछ परेशान नज़र आ रहे है.....कोई बात है तो प्लीज मुझे बताइये में आपकी कुछ न कुछ मदद जरूर कर पाऊंगी.....

रुचि का मधुर स्वर मुझे सवालों के द्वंद से बाहर ले आया और मैंने बात पलटते हुए रुचि से पूछा....

"" रुचि क्या तुम मुझे बता सकती हो कि यहां मैं जिस काम के लिए आया हूं उसकी तुम्हारे पास कोई जानकारी है और दूसरी बात जिस लेब में मुझे काम करना है वो आखिर हैं कहाँ....???"""

रुचि ने बिना एक पल गवाए मेरे सवालों का जवाब देना शुरू किया...

"" सॉरी सर मुझे अभी तक कोई जानकारी नही हैं कि आपको यहां किस प्रोजेक्ट पर काम करना है....शायद इस बारे में प्रोफेसर दास आप से जल्द ही कॉन्टेक्ट करेंगे.... और रही बात लेब की तो वो आपको ऐसे दिखाई नहीं देगी क्योकी वो लेब इस घर के ठीक नीचे ज़मीन की गहराइयों में है , यानी कि तकरीबन 70 मीटर अंडरग्राउंड ....आप अगर लेब देखना चाहते हैं तो मैं आपको लेब दिखा सकती हूं....""

रुचि की बात सुनते ही में आश्चर्य के सागर में गोते लगाने लगा .....ज़मीन के इतना नीचे लेब बनाने की आखिर जरूरत क्या थी ....वेसे भी ये द्वीप गुप्त है फिर लेब ज़मीन के नीचे क्यों है ...??

मुझे सवालों मैं घिरा देख रुचि ने फिर से अपना मुह खोल दिया....

"" दरअसल इस लेब में इतने ज्यादा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम किया जाता है कि ज़मीन के ऊपर लेब बनाना खतरे से खालीं नही था.....कई देशों की सेटेलाइट इस द्वीप और आस पास के द्वीपों पर नज़र बनाए रखती है....इसी वजह से यहां कबीले के लोगो के अलावा ज्यादा लोग नही होते और ना ही कोई फिजिकल सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई सिपाही....दुनिया की नज़रों से इस लेब को बचाये रखने के लिए ही इसे इतना गहराई में बनाया गया है ।"""


रुचि की बात से सहमत होते हुए में सोफे से उठा और रुचि को निर्देश देते हुए कहने लगा .....


"" ओके रुचि ....चलो अब मुझे लेब भी दिखा दो ताकि मैं जान सकूँ की आखिर मुझे कैसी जगह पे काम करना हैं....""


"" ठीक है सर....आपके रूम मैं चलिये.... फिर में बताती हु की आगे का सफर कैसे होगा....""


मैं बिना देर किये अपने रूम मैं पहुंचा और इधर उधर देखने लगा....

"" सर आपके बेड के निचले हिस्से पर एक स्विच है उसे दो सेकंड तक दबा के रखे....""

बेड के नीचे मैं वह स्वीच देखने के लिए जैसे ही झुका मुझे वह स्विच नज़र आ गया.....रुचि के बताए अनुसार मैंने उस स्विच को दो सेकण्ड तक दबाये रखा और तभी एक हल्के वाइब्रेशन ने मुझे अपने कदम पीछे खीचने पर मजबूर कर दिया....


बेड अपनी जगह से उठकर दीवार से जा लगा और जहां कुछ देर पहले बेड था वहां मुझे एक बड़ा गड्ढा नज़र आने लगा.....


अभी मैं रुचि से इस गड्ढे के बारे में पूछ पाता उस से पहले ही एक गोलाकार कैप्सूल जो कि तकरीबन 8 फ़ीट ऊंचा ओर 3 फ़ीट गोलाकार जिसकी दीवारें मजबूत ग्लास की बनी प्रतीत हो रही थी वह मेरे सामने उभर आया....

"" ये लीजिये सर आपकी सवारी आ पहुँची है आपको लेब तक ले जाने के लिए...""

में जैसे ही कैप्सूल नुमा उस लिफ्ट के पास पहुंचा , उस लिफ्ट का दरवाजा स्वतः ही खुल गया....

मैं थोड़ा सा झिझकते हुए लिफ्ट में दाखिल हुआ लेकिन वहां पर कोई भी स्विच न देख मैंने रुचि से सवाल किया....

""रुचि यहां तो कोई स्विच है ही नही इस लिफ्ट को ऑपरेट करने के लिए.....?? ""


हमेशा की तरह मेरे सवाल का जवाब रुचि की जुबान पे था....


"" सर....मैने आपको पलंग के नीचे वाला स्विच भी इसीलिए बताया था ताकि आप पूरा सिस्टम समझ सके.....क्योंकि सिर्फ एक स्विच भर दबा देने से कोई भी व्यक्ति नीचे मौजूद लेब तक पहुँच जाए तो फिर मेरा यहां क्या काम......ये लिफ्ट मेरे इंस्ट्रक्शन पर काम करती है इसलिए कोई भी मेरी इजाजत के बिना लेब तक नही पहुच सकता.....लेकिन आपको मुझ से किसी भी तरह की इजाजत लेने की जरूरत नही है.....आपको बस मुझे आर्डर देना है और आपका वो काम चुटकी बजाते ही मैं पूरा कर दूंगी.....""


रुचि ने जो कुछ भी कहा था वह काफी हद्द तक सही भी था.....भला इतने एडवांस सिस्टम का फायदा ही क्या की कोई भी सिर्फ बटन दबा के टॉप सिक्रेट लेब तक पहुंच जाए....

"" ठीक है रुचि.....इसे शुरू करो ताकि में लेब तक जा सकूँ ""

मेरा इतना कहना था कि लिफ्ट का दरवाजा बंद हुआ और लिफ़्ट किसी बंदूक से निकली गोले की तरह उस गहरे कुएँ में समाती चली गयी.....


तकरीबन दस सेकंड का वक़्त ही लगा होगा और में इस वक़्त सतह से 70 मीटर नीचे पहुंच चुका था.....एक बार तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे मुझे उल्टी आ जाएगी लेकिन लिफ्ट का दरवाजा खुलते ही स्वच्छ ऑक्सीजन झोंका मेरी नाक से टकराया.....

ऑक्सीजन फेफड़ो तक पहुचते ही मेरा जी घबराना यकायक बंद हो गया और में अब नीचे के माहौल का अच्छे से जायजा लेने लगा....

इस वक़्त में 7 फ़ीट चौडी एक गैलरी में था जहां साइड में कुछ अजीब तरह की मशीनें पड़ी हुई थी....मैं उन सब मशीनों को नीहार ही रहा था कि रुचि की आवाज मेरे कानों मैं गुंजी....


""सर ये साफ सफाई करने वालीं मशीन है....दरअसल इन मशीनों को मैंने ही बनाया है ताकि ऊपर घर और लेब की अच्छे से साफ सफाई करी जा सके.....जब यहां कोई काम नही चल रहा होता तो घर का ओर लेब का ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी मेरी ही होती है ......क्लीनिग से लेकर बेड शीट तक बदलने का काम मेरी बनाई ये सारी मशीने करती हैं.....अब आप खुद सोचिये अगर मैं ये सारा काम अकेले करती तो भरी जवानी में बुढापा न आ जाता मेरा....""


रुचि की आखिरी लाइन सुनकर मैं खुद को हँसने से नही रोक पाया इसलिए मैंने उस से हँसते हुए पूछा.....


"" अच्छा तो क्या उम्र हैं आपकी रुचि जी.....अब ये मत बोल देना की स्वीट सिक्सटीन हो....आवाज से तो मुझे आप शादी शुदा प्रतीत हो रही हो ""


"" हा हा हा .....बड़ा ही अच्छा मजाक था सर....वेसे में 18 की हो गयी हु इस साल.....और प्लीज मुझे सिर्फ रुचि कह कर बुलाए आप....मुझे अच्छा नही लगता कोई मुझे रुचि जी कह के बुलाए बुड्ढों जैसी फीलींग्स आती है ऐसा सुनती हूं तो....""


रुचि कि बात सुनकर मैंने अपने दोनों कान पकड़ लिए और उसे कहने लगा....

"" ओके रुचि आई एम सॉरी.....लेकिन तुम भी मुझे राज सर या सर कह कर नही पुकारोगी.....आज से हम अच्छे दोस्तो की तरह साथ काम करेंगे बोलो मंजूर...""


इतने समय में पहली बार ऐसा हुआ कि रुचि ने मेरी बात का तुरंत जवाब नहीं दिया.....अब या तो वो सच मे नाराज हो गयी या फिर उसके प्रोग्राम मैं कोई परेशानी आ गयी है....और इसी लिए मैंने रुचि से दुबारा अपनी बात कही....


"" क्या हुआ रुचि ....दोस्ती नही करोगी क्या मुझ से ...?""

अभी मेरी बात खत्म हुई थी कि रुचि की उदासी से भरी आवाज मुझे सुनाई दी....



"" दोस्ती..........मुझे कभी किसी ने अपना दोस्त नही बनाया.....मैंने इतनी देर आपको जवाब देने में इसी लिए कर दी क्योंकि मैं दोस्ती को समझना चाहती थी इसलिए पूरी दुनिया का डाटाबेस मैंने खंगाल लिया की आखिर दोस्ती होती क्या है और कैसे करी जाती है.....मैंने अभी तक जो समझा है उस हिसाब से दोस्ती का रिश्ता सभी रिश्तों से बढ़कर होता है.....क्योंकि जो काम कोई नही कर सकता वो एक दोस्त कर जाता है.....इसीलिए माता पिता अगर अपने बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखते है तो वह बच्चे अपने माता पिता के और भी ज्यादा करीब होते है....मैं आपसे दोत्ती करूँगी सर....आई मीन राज.....""



रुचि की बात सुनकर मुझे काफी आश्चर्य हुआ.....कैसे एक मशीनी दिमाग दोस्ती जैसे रिश्ते की गूढ़ता को पल भर मैं समझ गया.....

"" राज क्या हुआ इरादा बदल लिया क्या आपने मुझ से दोस्ती करने का....?""


"" नही नही रुचि.....में सच मे किस्मत वाला रहूंगा जो तुम्हारी जैसी विलक्षण बुध्दि वाली लड़की मेरी दोस्त बने ""


"" तो ठीक है राज अब जब हम दोनों दोस्त बन ही गए है तो क्या मैं तुन्हें स्कैन कर सकती हूं....मैं जानना चाहती हूं कि मेरा एकलौता दोस्त कैसा है.....आपके अनुभवों से काफी कुछ सीखने को मिल सकता है मुझे जो हमारी दोस्ती में आगे काम भी आ सकते हैं....""


रुचि की बात सुन में मन ही मन मुस्कुरा उठा....मैंने अपने सर को हिला कर रुचि को खुद को स्कैन करने की परमिशन दे दी.....



उधर ऊपर घर में सुमन एक सपने मैं खोई हुई थी..... और बार बार नींद में एक ही बात बोले जा रही थी....

"" ये मरेगा पंद्रह दिन में ""

ये वही शब्द थे जो नोखा ने सुमन से कहे थे जब राज पुजारी से आशीर्वाद ले रहा था.....


"" राज ।।।।।।।।।।""

एक तेज़ चीख के साथ सुमन उस सपने से बाहर निकल आई....जबकि नीचे राज का स्कैन हो चुका था और रुचि कुछ कहते कहते रुक गयी....


"" तुम तो बि...... ओह माई गॉड .....राज तुम्हारी माँ जोर जोर से चीख रही है जैसे कोई बुरा सपना देख लिया हो उन्होंने....""

रुचि की बात सुनते ही घबराहट के मारे मेरे माथे पर पसीना छलक आया में तुरंग उस कैप्सूल नुमा लिफ्ट की दिशा में भागा और लिफ्ट में सवार हो गया........

इस बार लिफ्ट बिना रुचि की आवाज के ही तेज़ी से ऊपर उठती चली गई.....





कौन मरने वाला था अगले 15 दिनों मैं.....रुचि ने क्या स्कैन किया था राज में जो वह कहते कहते अचानक चुप हो गई.....क्या असल कहानी शुरू होने का समय आ चुका है ....?? ऐसे ही सारे सवालों का जवाब जानने के लिए साथ बने रहें....।
दोस्ती के बारे में बहुत ही बढ़िया कहा रूचि ने ।
एक मशीन को पता है कि दोस्ती क्या होती है लेकिन अफसोस मानव जाति को पता नहीं है । आज की दोस्ती मतलबपरस्त और खुदगर्जी की रह गई है ।
जमीं से सतर फुट नीचे अंदर लैब ..... और वहां जाने के लिए आयरन कैप्सूल । गजब का व्यवस्था है । काफी सुरक्षित जगह लैब बनाया गया है । मतलब कुछ एक्स्ट्रा आर्डिनरी इन्वेंशन करना है ।
सुमन ने सपने में बाबा की बात कही - ये मरेगा पंद्रह दिन में - क्या ये राज के लिए कहा गया था ? शायद बात कुछ और है ।

बेहतरीन अपडेट विजय भाई ।
 

DARK WOLFKING

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हर समय जहां तूफान और बादल रहते हैं वो एक अलग जगह है जो हेलीकाप्टर मैं आते वक्त पायलेट ने सब को दिखाई थी.......इस द्वीप पर भी उस रहस्यमयी तूफान की वजह से अँधेरा जल्दी हो जाता है लेकिन और किसी प्रकार का विघ्न उस तूफान की बजह से इस द्वीप पर नही होता....नही तो किसी भी प्रकार की मशीन का काम करना यहां नामुमकिन होता.....मेरे ख्याल से आपने पिछले अपडेट शायद जल्दबाजी मैं पढ़े है नही तो इस तरह का सवाल आप नही करते.....अगर मुझ से अभी भी कुछ छूट रहा है तो मुझे बताइये ताकि मैं आप सभी का कंफ्यूसन दूर कर सकू:hug:
nahi ..aapne sab sahi se samjhaya hai ..aur maine bhi aaram se padha hai ..
jo jagah badlo se ghiri rehti hai uske kuch ( thoda ya jyada ) wo island hai ..isliye aisa kaha ki agar satelite un badlo se dekh nahi sakti to wo shayad us island ko bhi najar andaaj kar de ..
 

aman rathore

Enigma ke pankhe
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घड़ी के हिसाब से अभी दिन के 3 ही बजे थे लेकिन द्वीप पर अंधेरा छा चुका था.....नेहा एक अलग रूम में आराम कर रही थी जबकि प्रिया एक अलग रूम में घोड़े बेच कर सो रही थी.... मैं काफी देर से बाहर हॉल में ही बैठा आज दिन में जो कुछ भी घटित हुआ लगातार उसी के बारे में सोचे जा रहा था.....मां के बेहोश होने के बाद से ही मन उद्विग्न हो उठा था.....

रुचि - क्या हुआ सर आप कुछ परेशान नज़र आ रहे है.....कोई बात है तो प्लीज मुझे बताइये में आपकी कुछ न कुछ मदद जरूर कर पाऊंगी.....

रुचि का मधुर स्वर मुझे सवालों के द्वंद से बाहर ले आया और मैंने बात पलटते हुए रुचि से पूछा....

"" रुचि क्या तुम मुझे बता सकती हो कि यहां मैं जिस काम के लिए आया हूं उसकी तुम्हारे पास कोई जानकारी है और दूसरी बात जिस लेब में मुझे काम करना है वो आखिर हैं कहाँ....???"""

रुचि ने बिना एक पल गवाए मेरे सवालों का जवाब देना शुरू किया...

"" सॉरी सर मुझे अभी तक कोई जानकारी नही हैं कि आपको यहां किस प्रोजेक्ट पर काम करना है....शायद इस बारे में प्रोफेसर दास आप से जल्द ही कॉन्टेक्ट करेंगे.... और रही बात लेब की तो वो आपको ऐसे दिखाई नहीं देगी क्योकी वो लेब इस घर के ठीक नीचे ज़मीन की गहराइयों में है , यानी कि तकरीबन 70 मीटर अंडरग्राउंड ....आप अगर लेब देखना चाहते हैं तो मैं आपको लेब दिखा सकती हूं....""

रुचि की बात सुनते ही में आश्चर्य के सागर में गोते लगाने लगा .....ज़मीन के इतना नीचे लेब बनाने की आखिर जरूरत क्या थी ....वेसे भी ये द्वीप गुप्त है फिर लेब ज़मीन के नीचे क्यों है ...??

मुझे सवालों मैं घिरा देख रुचि ने फिर से अपना मुह खोल दिया....

"" दरअसल इस लेब में इतने ज्यादा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम किया जाता है कि ज़मीन के ऊपर लेब बनाना खतरे से खालीं नही था.....कई देशों की सेटेलाइट इस द्वीप और आस पास के द्वीपों पर नज़र बनाए रखती है....इसी वजह से यहां कबीले के लोगो के अलावा ज्यादा लोग नही होते और ना ही कोई फिजिकल सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई सिपाही....दुनिया की नज़रों से इस लेब को बचाये रखने के लिए ही इसे इतना गहराई में बनाया गया है ।"""


रुचि की बात से सहमत होते हुए में सोफे से उठा और रुचि को निर्देश देते हुए कहने लगा .....


"" ओके रुचि ....चलो अब मुझे लेब भी दिखा दो ताकि मैं जान सकूँ की आखिर मुझे कैसी जगह पे काम करना हैं....""


"" ठीक है सर....आपके रूम मैं चलिये.... फिर में बताती हु की आगे का सफर कैसे होगा....""


मैं बिना देर किये अपने रूम मैं पहुंचा और इधर उधर देखने लगा....

"" सर आपके बेड के निचले हिस्से पर एक स्विच है उसे दो सेकंड तक दबा के रखे....""

बेड के नीचे मैं वह स्वीच देखने के लिए जैसे ही झुका मुझे वह स्विच नज़र आ गया.....रुचि के बताए अनुसार मैंने उस स्विच को दो सेकण्ड तक दबाये रखा और तभी एक हल्के वाइब्रेशन ने मुझे अपने कदम पीछे खीचने पर मजबूर कर दिया....


बेड अपनी जगह से उठकर दीवार से जा लगा और जहां कुछ देर पहले बेड था वहां मुझे एक बड़ा गड्ढा नज़र आने लगा.....


अभी मैं रुचि से इस गड्ढे के बारे में पूछ पाता उस से पहले ही एक गोलाकार कैप्सूल जो कि तकरीबन 8 फ़ीट ऊंचा ओर 3 फ़ीट गोलाकार जिसकी दीवारें मजबूत ग्लास की बनी प्रतीत हो रही थी वह मेरे सामने उभर आया....

"" ये लीजिये सर आपकी सवारी आ पहुँची है आपको लेब तक ले जाने के लिए...""

में जैसे ही कैप्सूल नुमा उस लिफ्ट के पास पहुंचा , उस लिफ्ट का दरवाजा स्वतः ही खुल गया....

मैं थोड़ा सा झिझकते हुए लिफ्ट में दाखिल हुआ लेकिन वहां पर कोई भी स्विच न देख मैंने रुचि से सवाल किया....

""रुचि यहां तो कोई स्विच है ही नही इस लिफ्ट को ऑपरेट करने के लिए.....?? ""


हमेशा की तरह मेरे सवाल का जवाब रुचि की जुबान पे था....


"" सर....मैने आपको पलंग के नीचे वाला स्विच भी इसीलिए बताया था ताकि आप पूरा सिस्टम समझ सके.....क्योंकि सिर्फ एक स्विच भर दबा देने से कोई भी व्यक्ति नीचे मौजूद लेब तक पहुँच जाए तो फिर मेरा यहां क्या काम......ये लिफ्ट मेरे इंस्ट्रक्शन पर काम करती है इसलिए कोई भी मेरी इजाजत के बिना लेब तक नही पहुच सकता.....लेकिन आपको मुझ से किसी भी तरह की इजाजत लेने की जरूरत नही है.....आपको बस मुझे आर्डर देना है और आपका वो काम चुटकी बजाते ही मैं पूरा कर दूंगी.....""


रुचि ने जो कुछ भी कहा था वह काफी हद्द तक सही भी था.....भला इतने एडवांस सिस्टम का फायदा ही क्या की कोई भी सिर्फ बटन दबा के टॉप सिक्रेट लेब तक पहुंच जाए....

"" ठीक है रुचि.....इसे शुरू करो ताकि में लेब तक जा सकूँ ""

मेरा इतना कहना था कि लिफ्ट का दरवाजा बंद हुआ और लिफ़्ट किसी बंदूक से निकली गोले की तरह उस गहरे कुएँ में समाती चली गयी.....


तकरीबन दस सेकंड का वक़्त ही लगा होगा और में इस वक़्त सतह से 70 मीटर नीचे पहुंच चुका था.....एक बार तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे मुझे उल्टी आ जाएगी लेकिन लिफ्ट का दरवाजा खुलते ही स्वच्छ ऑक्सीजन झोंका मेरी नाक से टकराया.....

ऑक्सीजन फेफड़ो तक पहुचते ही मेरा जी घबराना यकायक बंद हो गया और में अब नीचे के माहौल का अच्छे से जायजा लेने लगा....

इस वक़्त में 7 फ़ीट चौडी एक गैलरी में था जहां साइड में कुछ अजीब तरह की मशीनें पड़ी हुई थी....मैं उन सब मशीनों को नीहार ही रहा था कि रुचि की आवाज मेरे कानों मैं गुंजी....


""सर ये साफ सफाई करने वालीं मशीन है....दरअसल इन मशीनों को मैंने ही बनाया है ताकि ऊपर घर और लेब की अच्छे से साफ सफाई करी जा सके.....जब यहां कोई काम नही चल रहा होता तो घर का ओर लेब का ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी मेरी ही होती है ......क्लीनिग से लेकर बेड शीट तक बदलने का काम मेरी बनाई ये सारी मशीने करती हैं.....अब आप खुद सोचिये अगर मैं ये सारा काम अकेले करती तो भरी जवानी में बुढापा न आ जाता मेरा....""


रुचि की आखिरी लाइन सुनकर मैं खुद को हँसने से नही रोक पाया इसलिए मैंने उस से हँसते हुए पूछा.....


"" अच्छा तो क्या उम्र हैं आपकी रुचि जी.....अब ये मत बोल देना की स्वीट सिक्सटीन हो....आवाज से तो मुझे आप शादी शुदा प्रतीत हो रही हो ""


"" हा हा हा .....बड़ा ही अच्छा मजाक था सर....वेसे में 18 की हो गयी हु इस साल.....और प्लीज मुझे सिर्फ रुचि कह कर बुलाए आप....मुझे अच्छा नही लगता कोई मुझे रुचि जी कह के बुलाए बुड्ढों जैसी फीलींग्स आती है ऐसा सुनती हूं तो....""


रुचि कि बात सुनकर मैंने अपने दोनों कान पकड़ लिए और उसे कहने लगा....

"" ओके रुचि आई एम सॉरी.....लेकिन तुम भी मुझे राज सर या सर कह कर नही पुकारोगी.....आज से हम अच्छे दोस्तो की तरह साथ काम करेंगे बोलो मंजूर...""


इतने समय में पहली बार ऐसा हुआ कि रुचि ने मेरी बात का तुरंत जवाब नहीं दिया.....अब या तो वो सच मे नाराज हो गयी या फिर उसके प्रोग्राम मैं कोई परेशानी आ गयी है....और इसी लिए मैंने रुचि से दुबारा अपनी बात कही....


"" क्या हुआ रुचि ....दोस्ती नही करोगी क्या मुझ से ...?""

अभी मेरी बात खत्म हुई थी कि रुचि की उदासी से भरी आवाज मुझे सुनाई दी....



"" दोस्ती..........मुझे कभी किसी ने अपना दोस्त नही बनाया.....मैंने इतनी देर आपको जवाब देने में इसी लिए कर दी क्योंकि मैं दोस्ती को समझना चाहती थी इसलिए पूरी दुनिया का डाटाबेस मैंने खंगाल लिया की आखिर दोस्ती होती क्या है और कैसे करी जाती है.....मैंने अभी तक जो समझा है उस हिसाब से दोस्ती का रिश्ता सभी रिश्तों से बढ़कर होता है.....क्योंकि जो काम कोई नही कर सकता वो एक दोस्त कर जाता है.....इसीलिए माता पिता अगर अपने बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखते है तो वह बच्चे अपने माता पिता के और भी ज्यादा करीब होते है....मैं आपसे दोत्ती करूँगी सर....आई मीन राज.....""



रुचि की बात सुनकर मुझे काफी आश्चर्य हुआ.....कैसे एक मशीनी दिमाग दोस्ती जैसे रिश्ते की गूढ़ता को पल भर मैं समझ गया.....

"" राज क्या हुआ इरादा बदल लिया क्या आपने मुझ से दोस्ती करने का....?""


"" नही नही रुचि.....में सच मे किस्मत वाला रहूंगा जो तुम्हारी जैसी विलक्षण बुध्दि वाली लड़की मेरी दोस्त बने ""


"" तो ठीक है राज अब जब हम दोनों दोस्त बन ही गए है तो क्या मैं तुन्हें स्कैन कर सकती हूं....मैं जानना चाहती हूं कि मेरा एकलौता दोस्त कैसा है.....आपके अनुभवों से काफी कुछ सीखने को मिल सकता है मुझे जो हमारी दोस्ती में आगे काम भी आ सकते हैं....""


रुचि की बात सुन में मन ही मन मुस्कुरा उठा....मैंने अपने सर को हिला कर रुचि को खुद को स्कैन करने की परमिशन दे दी.....



उधर ऊपर घर में सुमन एक सपने मैं खोई हुई थी..... और बार बार नींद में एक ही बात बोले जा रही थी....

"" ये मरेगा पंद्रह दिन में ""

ये वही शब्द थे जो नोखा ने सुमन से कहे थे जब राज पुजारी से आशीर्वाद ले रहा था.....


"" राज ।।।।।।।।।।""

एक तेज़ चीख के साथ सुमन उस सपने से बाहर निकल आई....जबकि नीचे राज का स्कैन हो चुका था और रुचि कुछ कहते कहते रुक गयी....


"" तुम तो बि...... ओह माई गॉड .....राज तुम्हारी माँ जोर जोर से चीख रही है जैसे कोई बुरा सपना देख लिया हो उन्होंने....""

रुचि की बात सुनते ही घबराहट के मारे मेरे माथे पर पसीना छलक आया में तुरंग उस कैप्सूल नुमा लिफ्ट की दिशा में भागा और लिफ्ट में सवार हो गया........

इस बार लिफ्ट बिना रुचि की आवाज के ही तेज़ी से ऊपर उठती चली गई.....





कौन मरने वाला था अगले 15 दिनों मैं.....रुचि ने क्या स्कैन किया था राज में जो वह कहते कहते अचानक चुप हो गई.....क्या असल कहानी शुरू होने का समय आ चुका है ....?? ऐसे ही सारे सवालों का जवाब जानने के लिए साथ बने रहें....।
:superb: :good: amazing update hai bhai
 

Napster

Well-Known Member
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बहोत ही धमाकेदार, रोमांचकारी और रहस्यमयी कहानी है
बहूत दिनों के बाद ऐसी स्टोरी पढने में बहोत ही ज्यादा मजा आ गया
आज एक दिन में ही पुरे अपडेट पण डाले बडा मजा आया
बहोत ही जबरदस्त स्टोरी है विजय भाई
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
धन्यवाद
 
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