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Ji jarurयश देव की ये लेखनी मैंने कहीं और पढ़ी थी पर पूरी नहीं पढ़ पाया था! करीब 190 अंक लिखे थे उन्होंने! आशा करता हूँ आप समय पर अपडेट देते रहेंगे!
Tke haiBhaiya ye story theadultstories.com par available hai,to achha ye hoga ki aap yaah ,isse images gif ke sath post kare,सादा post mat kariye