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Incest मेरा परिवार सुखी संसार

Lusty Star

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नमस्कार दोस्तों,
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद,
कहानी लम्बी है, आशा है आपको पसन्द आएगी,

कई किरदार आएंगे,
कई मौके आएंगे

सम्भव है कि कहानी में कुछ ऐसे से भी संवाद और परिस्थिती आएंगी जो आपको लगे कि कही पर ये पढ़ा है,

और भी बहुत कुछ होगा, कहानी को मजेदार बनाने के लिए आप सभी के द्वारा दिए गए सुझावों को समिल्लित करे जाने का पूरा प्रयास करूंगा,
 
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बहुत बढ़िया गब्बर खुश हुआ
Doja Cat Thank You GIF by Billboard Music Awards
Danke Schön Thank You GIF by Luis Ricardo
 

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अध्याय 10


रमेश ने उर्मी को आईने में देखते हुए देखा तो मुस्कुरा कर उर्मी की दोनों बगलों में अपने हाथ डाल कर सामने से उर्मी के मम्मों को सहलाने लगा।

उर्मी भी अपने सुंदर मम्मों को रमेश के हाथों से मसले जाते देख रही थी।

उर्मी की पीठ रमेश के सीने से लगी हुई थी। उर्मी ने अपना सिर पीछे की ओर कर के रमेश के कंधे पर रख दिया।

ऊँची हील के सैंडल पहने होने से उर्मी और रमेश के लम्बाई एक जैसी हो गई थी,

रमेश के हाथ उर्मी के दोनों बूब्स को बुरी तरह मसल रहे थे। आईने में उनका ये पोज़ बड़ा ही सैक्सी लग रहा था।


रमेश ने उर्मी के दोनों निप्पल अपनी उँगलियों से पकड़ कर आगे की तरफ खींचे। उर्मी के दोनों निप्पल खिंचाव के कारण लंबे-लंबे हो गये थे।

रमेश के मसलने के कारण दोनों मम्मो की रंगत गुलाबी हो गई थी।

रमेश की गरम साँसें उर्मी अपनी गर्दन पर इधर से उधर फिरते हुए महसूस कर रही थी।

रमेश के होंठ उर्मी की गर्दन के पीछे, जहाँ से उर्मी के बाल शुरू हो रहे थे, वहाँ जाकर चिपक गये। फिर रमेश ने उर्मी की गर्दन पर हल्के से दाँत गड़ाये।

रमेश के होंठ उर्मी की गर्दन पर घूमते हुए उर्मी के बाँये कान तक आये। वो उर्मी के बाँये कान के ऊपर अपने होंठ फिराने लगा,

औरत का कान एक जबरदस्त उत्तेजक हिस्सा होता है,

उर्मी उसकी हरकतों से उत्तेजित हो गई,

उर्मी के मुँह से उत्तेजना में टूटे हुए शब्द निकल रहे थे, उर्मी ने अपने होंठों को दाँतों में दबा रखा था,

उर्मी - ‘आआऽऽऽ हहऽऽऽ ममऽऽऽऽ ऊऊऽऽऽ हहऽऽऽ’

फिर रमेश ने कान पर अपनी जीभ फ़िराते हुए कान के निचले हिस्से को अपने मुँह में भर लिया और हल्के-हल्के से उसे दाँत से काटने लगा।

उर्मी ने रमेश के सिर को अपने हाथों से थाम लिया। उनके नंगे बदन संगीत की धुन पर एक दूसरे से सटे हुए इस तरह से थिरक रहे थे कि मानो दो नहीं एक ही जिस्म हों।

रमेश ने उर्मी को अपनी ओर घुमाया और उर्मी के मम्मो पर अपने होंठ रख कर उर्मी के निप्पल को चूसने लगे।

इसी तरह की हरकतों की कल्पना तो कब से उर्मी के मन में थी

रमेश भी उसको अपनी ओर से पूरा मज़ा देना चाहता था। क्यंकि कल वो राजश्री के साथ उदयपुर चला जायेगा, और शायद एक सप्ताह बाद ही उसे चूत नसीब होगी, और यही हालत उर्मी भी थी,

उर्मी भी उसकी छातियों पर झुक कर उसके छोटे-छोटे निप्पलों को अपने दाँतों से कुरेदने लगी।

उर्मी ने अपनी जीभ से रमेश के निप्पलों को सहलाना शुरू किया तो उत्तेजना से रमेश के निप्पल भी खड़े हो गये।

मैं रमेश के बालों से भरे सीने को सहला रही थी। उर्मी ने अपने दाँतों को रमेश के सीने में गड़ा कर जगह-जगह अपने दाँतों के निशान छोड़ दिये।

उर्मी ने कुछ देर तक रमेश के निप्पल से खेलने के बाद अपने होंठ नीचे की ओर ले जाते हुए उनकी नाभि में अपनी जीभ घुसा दी और उनकी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगी।

रमेश उर्मी के खुले बालों में अपनी उँगलियाँ फ़िरा रहे थे। फिर उर्मी घुटनों के बल रमेश के सामने बैठ गई और रमेश के लंड को अपने हाथों में लेकर निहारने लगी।

उर्मी ने मुस्कुरा कर उनकी ओर देखा। रमेश के लंड का गोल-मटोल टोपा गुब्बारे की तरह फूला हुआ था।

उर्मी ने उसकी टिप पर अपने होंठ लगा दिये। एक छोटा सा किस लेकर अपने चेहरे के सामने रमेश के लंड को सहलाने लगी।

रमेश के लंड को अपने मुँह में लेने की तीव्र इच्छा तो हो रही थी लेकिन वो रमेश के अनुरोध करने का इंतज़ार कर रही थी।

वो रमेश को और थोड़ा तड़पाना चाहती थी,

थोड़ी देर जीभ लन्ड पर फिराते हुवे गप्प से उसको मुंह मे ले लिया, ठीक उसी तरह जैसे चोकोबार आईसक्रीम को मुँह में लेकर चाट रही हो।”


उर्मी के बाल खुले होने की वजह से उनको देखने में परेशानी हो रही थी।

इसलिये रमेश ने उर्मी के बालों को पकड़ कर जूड़े के रूप में बाँध दिया। फिर उर्मी के चेहरे को पकड़ कर अपने लंड को उर्मी की ओर ठेलने लगे।

उसका लंड आधा अंदर जा कर उर्मी के गले में फंस गया।


उर्मी - “ऊँऽऽऽ ऊँऽऽऽ”

उर्मी ने रमेश के लंड को अपने मुँह में लिये-लिये ही उन्हें इशारा किया।

वो अपने लंड को अब आगे-पीछे करने लगे।

रमेश अपने लंड से उर्मी के मुंह को चोद रहा था, और उर्मी साथ-साथ रमेश के लंड पर अपनी जीभ भी फ़िरा रही थी।

रमेश - “पूरा ले ! मज़ा नहीं आ रहा है ! पूरा अंदर जाये बिना मज़ा नहीं आयेगा।”

उर्मी - इतना बड़ा लंड पूरा कैसे जायेगा? मेरा मुँह मेरी चूत जैसा तो है नहीं कि कितना भी लंबा और मोटा हो सब अंदर ले लेगा !

रमेश ने उर्मी को उठाया और बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया, मैं पीठ के बल लेट गई,

अब रमेश ने उर्मी के बदन को कंधों से पकड़ कर बिस्तर से बाहर की तरफ़ खींचा।

अब उर्मी का सिर बिस्तर से नीचे लटकने लगा था।

रमेश - “हाँ ये ठीक है… अब अपने सिर को बिस्तर से नीचे लटकाते हुए, अपने मुँह को खोल!”

उर्मी ने वैसा ही किया। इस पोजीशन में उर्मी का मुँह और गले का छेद एक सीध में हो गये थे।

रमेश ने अब उर्मी के मुँह में अपने लंड को डालते हुए बोला

रमेश - “एक जोर की साँस खींच अंदर !”

उर्मी ने वैसा ही किया। वो अपने लंड को अंदर ठेलते चले गया,

उसका मोटा लंड सरसराता हुआ गले के अंदर घुसता चला गया। पहले तो उबकाई जैसी आई।

लेकिन उनका लंड फंसा होने के कारण कुछ नहीं हुआ।

उनका लंड अब पूरा अंदर घुस चुका था। रमेश के लंड के नीचे लटकते दोनों अंडकोष अब उर्मी की नाक को दाब रहे थे।

एक सेकेंड इस हालत में रख कर रमेश ने वापस अपने लंड को बाहर खींचा।

रमेश के लंड ने जैसे ही गले को खाली किया, उर्मी ने अपने फ़ेफ़ड़ों में जमी हवा खाली की और वापस साँस लेकर रमेश के अगले धक्के का इंतज़ार करने लगी।

रमेश ने झुक कर उर्मी के दोनों मम्मों को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और उन्हें मसलते हुए वापस अपने लंड को जड़ तक उर्मी के मुँह में ठेल दिया।

फिर एक के बाद एक धक्के मारने लगा। उर्मी ने अपनी साँसें रमेश के धक्कों के साथ एडजस्ट कर ली थी।

हर धक्के के साथ उर्मी के मम्मों को वो बुरी तरह मसलते जा रहे थे और साथ-साथ उर्मी के निप्पलों को भी उमेठ देते।

दरवाजे के दर्शक की ये देख देख कर हालात खराब से खराब हो गई थी,

जैसे ही रमेश उर्मी के निप्पलों को पकड़ कर खींचता, उर्मी का पूरा बदन कमान की तरह ऊपर की ओर उठ जाता। और दरवाजे के दर्शक की जान गले मे अटक जाती,

काफी देर तक यूँ ही मुँह में ठेलने के बाद रमेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया। और ज्यादा देर तक चूसने से हो सकता है मुँह में ही निकल जाता।
 

AssNova

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Very Nice and erotic description
Bahot hi HOT
jis tarah vistaar se aapne pure chitra ko ubhara hai wo bahot hi lajawaab hai , adbhut shaili hai aapki likhne ki
aurr aap devnagri me likhte hai to usse aur bhi maza badh jata hai
par ek guzarish hai ki koi bhi sex scene ho to usko ek lamba update deke ek hi update me pura likh dijiye
varna aise bich me chor dete hain aap aur fir ek din ke intazaar ke baad bhi bas Blowjob padhne ko mila .... to thodhi frustration ho jati
isliye request hai ki thodhe badhe update post kiye jayeen
: aur kripya font size thodha badha de , Desktop me bahot chota dikhta hai
aasha hai aap meri baat ko smjhenge
dhanyawaad

--Keep up the Good work & keep updating--
 
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Lusty Star

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अध्याय 11


दूसरी तरफ राजेश सिंह भी बड़े जबरदस्त तरीके से कविता की चुदाई कर रहे थे, कविता की सिसकारियां दरवाजे के बाहर तक सुनी जा सकती थी,

मन ही मन कविता अपनी बेटी राजश्री को धन्यवाद दे रही थी कि उसके उस छिनारपने की वजह से आज उसको कई बरसो के बाद चुदाई का ये असीम सुख मिल रहा, राजेश सिंह की हालत कुछ कुछ ऐसी ही थी,

लेकिन इनकी चुदाई में जोश था होश नही, और दूसरी तरफ उसके बेटे बहु की चुदाई में जोश और होश दोनों थे,

सास बहू जब साथ चुदेगी,
अनचुदी चूत नही मिलेगी,


राजेश सिंह आज भी जोश में था, शक्तिवर्धक दवा का सेवन करके कविता की बूर का भोसड़ा बना रहे थे,

इधर भी एक दर्शक था जो कि AC की खिड़की के पास से सीधा प्रसारण देख रही था, यहाँ की दर्शक एक स्त्रीलिंग है, जो दिन में कविता द्वारा सुनाई गई चुदाई की कहानी की सत्यता जाचने आई थी और वही पर चूत में उंगली करने लगी,




उधर उर्मी और रमेश


रमेश का लंड उर्मी के थूक से गीला हो गया था और चमक रहा था। रमेश के उठते ही उर्मी भी उठ बैठी।

रमेश ने उर्मी को बिस्तर से उतार कर वापस अपने आगोश में ले लिया।


उर्मी ने रमेश के सिर को अपने हाथों से थाम कर रमेश के होंठों पर अपने होंठ सख्ती से दाब दिये। मेरी जीभ रमेश के मुँह में घुस कर रमेश की जीभ से खेलने लगी। साढ़े-चार इंच ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने होने के बावजूद उर्मी को अपनी ऐड़ियों को और ऊपर करना पड़ा, जिससे मेरा कद रमेश के कद के कुछ हद तक बराबर हो जाये।


उर्मी के सैंडलों के ऐड़ियाँ अब ज़मीन से ऊपर उठी हुई थी और उर्मी के पंजे मुड़े हुए थे।

फिर उर्मी ने अपने दोनों मम्मों को हाथों से उठा कर रमेश के सीने पर इस तरह रखा कि रमेश के निप्पलों को उर्मी के निप्पल छूने लगे

रमेश के निप्पल भी मेरी हरकत से एकदम कड़े हो गये थे। उर्मी के निप्पल तो पहले से ही उत्तेजना में तन चुके थे।

उर्मी ने अपने निप्पल से रमेश के निप्पल को सहलाना शुरू किया।

रमेश ने उर्मी के चूतड़ों को सख्ती से पकड़ कर अपने लौड़े पर खींचा,

रमेश - “मम्मऽऽऽ.. उर्मी मीऽऽ.. ऊँमऽऽ.. तुम बहुत सैक्सी हो। अब अफ़सोस हो रहा है कि तुम्हारी ये कल्पना इतने दिनों तक पूरी क्यों नही की । ओफ.. ओह..हऽऽऽ तुम तो मुझ पागल कर डालोगी। आ..आआऽऽऽ..हहहऽऽऽ.. हाँऽऽऽ ऐसे हीऽऽऽ..”

रमेश अपने लंड को उर्मी की चूत के ऊपर रगड़ रहे था,

दरवाजे के बाहर भी आह उन्ह की आवाज आने लगीं जिसने उर्मी का ध्यान दरवाजे की तरफ खींचा

कुछ देर तक एक दूसरे के बदन को रगड़ने के बाद रमेश ने उर्मी को बिस्तर के पास ले जाकर उर्मी के एक पैर को उठा कर बिस्तर के ऊपर रख दिया।

अब घुटनों के बल बैठने की रमेश की बारी थी। वो उर्मी की टाँगों के पास बैठ कर बिस्तर पर रखे उर्मी के पैर और उसके सैंडल की पट्टियों पर अपनी जीभ फिराने लगा,


फिर रमेश की जीभ उर्मी की टाँगों और जाँघों से होती हुई उर्मी की टाँगों के जोड़ पर घूमने लगी।

रमेश ने अपनी जीभ से उर्मी की चिकनी चूत को ऊपर से चाटना शुरू किया। वो अपने हाथों से उर्मी की चूत की फाँकों को अलग करके उसकी चूत के भीतर अपनी जीभ डालना चाहते थे।

उर्मी - “नहीं ! ऐसे नहीं !”

कहकर उर्मी ने रमेश के हाथों को अपने बदन से हटा दिया और उर्मी ने खुद एक हाथ की उँगलियाँ से अपनी चूत को खोल कर दूसरे हाथ से रमेश के सिर को थाम कर अपनी चूत से सटा दिया,

उर्मी - “लो अब चाटो इसे !”

रमेश की जीभ किसी छोटे लंड की तरह उसकी चूत के अंदर बाहर होने लगी। हवस के नशे में उर्मी बहुत उत्तेजित हो गई थी।

उर्मी रमेश के बालों को अपनी मुठ्ठी में पकड़ कर उन्हें खींच रही थी, मानो उन्हें उखाड़ ही देना चाहती थी।

दूसरे हाथ की उँगलियों से उर्मी ने अपनी चूत को फैला रखा था और साथ-साथ एक उँगली से अपनी क्लीटोरिस को सहला रही थी।

उर्मी ने सामने आईने में देखा तो उन दोनों की हालत को देख कर अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पाई और उर्मी के चूत जवाब दे गई और लावा बह निकला।

उर्मी ने सख्ती से दूसरे हाथों की मुठ्ठी में रमेश के बालों को पकड़े हुए रमेश के सिर को अपनी चूत में दाब रखा था।

रमेश की जीभ उर्मी की चूत से बहती हुई रस धारा को पूरा चाट गई,।

काफी देर तक इसी तरह चुसवाते हुए जब उर्मी की बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उर्मी ने रमेश के सिर को अपनी चूत से खींच कर अलग किया।

रमेश के सिर के कई बाल टूट कर उर्मी की मुठ्ठी में आ गये थे। रमेश के होंठ और ठुड्डी उर्मी के रस से चमक रहे थे।

उर्मी - “ऊऊहहऽऽ… मेरे कामदेव!”

अब उर्मी ने वासना और और कल्पना की उड़ान को आगे ले जाने के लिए रमेश को ऊपर अपनी ओर खींचा।

रमेश खड़ा होकर उर्मी लिपट गया, और उर्मी के होंठों पर अपने होंठ रख कर उर्मी के होंठों को अपने मुँह में खींच लिया और उन्हें बुरी तरह चूसने लगा

उर्मी नहीं जानती थी कि उधर भी इतनी ज्यादा आग लगी हुई है। रमेश ने अपनी जीभ उर्मी के मुँह में डाल दी।

मुँह में अजीब सा स्वाद समा गया, उर्मी ने ज़िंदगी में पहली बार अपनी चूत के रस का स्वाद चखा।

उर्मी ने रमेश के चेहरे पर लगे अपने रस को चाट कर साफ़ किया।

रमेश ने थिरकते हुए बिस्तर के साईड में रखी बियर की केन उठा ली।

उर्मी ये देख कर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई, उस घर और ससुराल मे मांसाहार और मदिरापान वर्जित था, फिर भी उसकी कल्पना को नया आयाम देने के लिए रमेश ने इतना बड़ा कदम उठाया,

इसे देख कर उर्मी की आँखों मे आंसू आ गए, जिसे देख रमेश ने उन आंसुओ को आंखों पर से ही चूम लिया

रमेश - आज इनकी क्या जरूरत,

उर्मी - आज से उर्मी पूरे तन मन से तुम्हारी है, हमेशा हमेशा के लिए, और सातो जन्म में मैं तुम्हे ही अपना जीवन साथी भगवान से मांगती हूँ

रमेश ने तुरन्त ही गाना बदल दिया और अब म्यूजिक सिस्टम में वो गाना बजने लगा,

"सातो जन्म में तेरे, मैं साथ रहूंगा यार"



उर्मी ने कॉलेज में बीयर भी पी थी, मदिरा भी, धूम्रपान भी,

आप समस्त पाठकगणों को बता दूँ, मैं मदिरापान और धूम्रपान के सख्त विरोध में हूँ, परन्तु कहानी को आगे बढ़ाने हेतु इन चीजों का समावेश किया गया है,


केन को खोल कर रमेश ने उसमें से एक घूँट लगाया और एक घूँट उर्मी ने भी लगाया और फिर रमेश ने उर्मी को अपने सामने खड़ा कर दिया।

फिर उस बोतल से उर्मी के एक मम्मे पर धीरे-धीरे बियर डालने लगा।

रमेश ने अपने होंठ उर्मी के निप्पल के ऊपर रख दिये,

बियर उर्मी के सीने से फ़िसलती हुई उर्मी के निप्पल के ऊपर से होती हुई रमेश के मुँह में जा रही थी।

बहुत ही एग्ज़ोटिक और रोमांटिक सीन था वो।

फिर वो उस उर्मी को ऊपर करके उर्मी के चेहरे पर वाईन उड़ेलने लगे। साथ-साथ उर्मी के चेहरे से टपकती हुई बियर को पीते जा रहे थे।

उर्मी बियर में नहा रही थी और रमेश की जीभ उर्मी के पूरे जिस्म पर दौड़ रही थी।

उर्मी रमेश की हरकतों से पागल हुई जा रही थी। इस तरह से उर्मी की कल्पना को रमेश इस तरह से पूरा करेगा ये उर्मी ने स्वप्न में भी नही सोचा था,

लेकिन आज की इस प्लानिंग को देख के इतना तो साफ़ दिख रहा था कि रमेश चुदाई का अच्छा खिलाड़ी है और अपनी पत्नी उर्मी से इतना प्यार करता है कि घर की एक पुरानी परम्परा को तोडने से भी पीछे नही हटा,

जब केन आधी से ज्यादा खाली हो गई तो रमेश ने केन उर्मी को पकड़ा दी और उर्मी के पूरे जिस्म को चाटने लगे। उर्मी केन से घूँट पीने लगी और वो उर्मी का बदन चाटने लगा
 
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