अपडेट 1:
आज सोमवार है । रात का वक्त। मैने खाना बना कर रख दिया है । मै अब रसोईघर से बाहर आकर हमारे हॉल मे टिव्ही देखने जाती हूँ । मैरे पतिदेव सबके साथ पहिले से ही कोई फिल्म देख रहे है । राजू जो की अब 18 साल का है मेरे बेटे को लेकर उसके साथ खेल रहा है । राजू अब बँक मे नोकरी करता है और बाहर से पढाई भी पुरी कर रहा है।
उसके पास मेरे पतिदेव बैठे है । टिव्ही के बिलकुल सामने वाले सोफे पर राजू के पिता समीर जी , ससुरजी और देवर मनोज बैठकर फिल्म का आनंद उठा रहे है। मै जमीन पर बैठती हूँ और राजू से कहती हूँ,
" राजू, मून्ना को मेरे पास दो। "
राजू उठकर मून्ना को मेरे हाथ मे देता है ।
मून्ना अब बेचैन है। मे उसको गोद मे सुलाकर उसका सर पल्लू से ढक देती हूँ। और फिर उसे स्तनपान करने लग जाती हूँ। पहले जब मै मुन्ना को स्तनपान करती थी तब घर के सब लोगो को बेचैनी होती थी। पर अब लगभग एक साल बीत चुका है और सबको अब मेरी आदत पड चुकी है। राजू मुझे स्तनपान करके देख शरमा जाता है। उसे तो शरम लगेगी ही ना? लडको को औरत के स्तनों का आकर्षण तो रहता ही है। फिर भी मै उसकी तरह देख कर हसती हूँ। वो भी मुस्कूराता है। मैने आज ब्लॅक कलर की साडी और ब्लाऊज पहना है। जेठ जी, ससुरजी और देवर भी मुझे स्तनपान करते देखते है। पर मुझे कोई परेशानी नही होती। कुछ देर बाद मेरे पतिदेव बोलते है,
"अब तो उसे दूध पिलाना छोड दो। एक साल हो गया है। "
मै बोलती हूँ, "वो अब कम ही पिता है। अपने आप छोड देगा। "
राजू मेरे स्तनोंको बहुत ही बारीकी से देख रहा है।
मै उसको हसते हुए पुछती हूँ,
"राजू, तुझे भी पिना है दूध? "
राजू शरमाते हुए कहता है,
"क्या बोल रही हो चाची? मै क्या अब छोटा हूँ? "
सब उसके उपर हसते है।
मै फिर उसे चिढाती हूँ, "तो क्या हूआ? हो तो मेरे बेटे जैसे ही ना? तो तुझे मेरा दूध पिने मे क्या है? "
जेठ जी बोलते है,
"दूध अच्छा होता है सेहत के लिए। और बडे भी पिते है। "
ससुरजी भी मुस्कुराकर हा कहते है।
मेरे पतिदेव कहते है,
"राजू को पिलाया करो अब। बाहर का खाना खा खा कर उसकी सेहत बिगड गयी है। "
मै हा कर देती हूँ।
राजू तो अब बहुत ही शरमा गया है। पर मै तो मन मै ही खुश हो जाती हूँ I
क्रमश...