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अचानक राज ने अपने होंठों में मेरा भग-शिश्न को भींच कर अपनी उंगली को तेजी से मेरी चूत की दीवार को रगड़ना शुरू
कर दिया। उसकी अभ्यस्त जीभ और उंगली ने मेरे शरीर को वासना के समुन्द्र में फैंक दिया।
मैं ज़ोर से सिसक उठी। मैं अब झड़ने के लिए व्याकुल थी। यदि राज मेरे क्लिटोरिस अपने दाँतों से चबा भी डालता तो मैं कोई शिकायत नहीं करती।
"आह...राज...आंह ...ऊम्म्म्म...हं..हं.. आ..आ...आह्ह्ह मेरी चू..ऊ..ऊ...त आह्ह.मैं आने वाली हूँ," मेरी सिस्कारियों ने राज को
मेरे सन्निकट रति-निष्पत्ति की घोषणा कर दी. राज ने मेरी चूत चूसना रोक दिया. राज ने मुझे मेरे यौन चरमोत्कर्ष के द्वार से पीछे
खींच कर मुझे आश्चर्यचकित कर दिया.
मैं वासना के अतिरेक से बिलबिला रही थी।
राज ने मेरी दोनों भरी-भरी गोल झांघें उठा कर फैला दीं.राजने अपना मूंह मेरी गांड के ऊपर रख उसको प्यार से
चूमा. मेरे मूंह से घुटी-घुटी सिसकारी निकल पड़ी. राज की जीभ शीघ्र ही मेरी गांड के छिद्र को तड़पाने तरसाने लगी.
मेरी गांड का छल्ला बारी-बारी से शिथिल और संकुचित होने लगा. राज ने मेरी गांड के मलद्वार को अपनी जीभ से चूम कर
मेरी वासना को और भी प्रज्ज्वलित कर दिया. राज की जीभ की नोक आखिरकार मेरी गांड के अंदर दाखिल हो गयी. मेरी
सिस्कारियों ने राज को मेरी गांड को और भी चूसने-चूमने का निमंत्रण भेजा.
मेरा कुछ देर पहले का सन्निकट चरम-आनंद मेरे शरीर को फिर से उमेठने लगा.
मेरी गांड स्वतः राज के मूंह से चुपकने का प्रयास करने लगी. राज ने पहले की तरह मेरे चूत को रति-निष्पत्ति होने से पहले
ही मेरी गांड से अपना मूंह हटा लिया. मेरी वासना के अनबुझी आग ने मेरे मस्तिष्क को पागल कर दिया. मैं राज के सामने गिड़गिड़ाने
लगी,"राज मुझे इतना क्यों तरसा रहा हैं? मेरी चूत झाड़ दे . प्लीज़."
मैं अपने चूतड़ पलंग से उठा कर अपनी गांड और चूत राज के मुंह के पास ले जाने का प्रयास कर रही थी।
राज ने अपने तने हुए लंड से मेरी चूत रगड़ और *मेरे ऊपर नीचे गिरते-उठते पेट पर को अपने हाथ से मसल कर बोले, "मॉम मुझे आपकी गांड मारनी है."
"राज, मुझे बहुत दर्द होगा?" राज ने गौर किया होगा िक मैंने मना नहीं किया. इस वक़्त मैं राज की हर शर्त मान लेती. मेरी
वासना की संतुष्टी की चाभी राज का महाकाय लंड था.
मेरी छोटी सी गांड के अंदर राज के विकराल लंड के जाने के विचार से ही मैं सिहर गयी।
राज ने आश्वासन दिया,"मॉम दर्द तो होगा. दर्द तो चूत मरवाने में भी हुआ था. पर अब आप चूत मरवाने से कितने खुश हैं."
राज मेरे दोनों उरोज़ों को हलके हलके सहलाने लगा ।
मैंने अपना निचला होंठ वासना के उबलते ज्वार को नियंत्रित करने के प्रयास करते हुए अपने दांतों के बीच में भींच लिया।
राज ने अपने विशाल लंड को मोटे डंडे की तरह मेरी चूत के द्वार के उपर रगड़ने लगा । मेरा जलता हुआ शरीर चर्मॉनन्द की
खोज में भभक उठा। राज का रेशम जैसा चिकना पर लोहे जैसा सख्त वृहत लोडा मेरे भाग-शिश्न को रगड़ कर मेरी काम वासना की
प्रज्जवलित अग्नि को और भी भड़काने लगा।
"मॉम , जब तक आप स्वयं हमसे अपनी गांड मारने को नहीं कहेंगी में तब तक कुछ भी नहीं करूँगा ," राज के मर्दाने हाथ
मेरी चूचियों को प्यार भरा अमरदान कर रहे थे।
मेरा मस्तिष्क राज के विकराल लंड से गांड मरवाने के विचार से डर के मारे कांप रहा था। पर मेरा विश्वासघाती सम्भोग कामना
से कम्पित शरीर राज के अविश्वसनीय अमानवीय लंड से गांड मरवाने के लिए उत्सुक हो उठा था। मेरे शरीर में
जलती आग भुजाने का यंत्र राज की झांगों के बीच में मोटे खम्बे की तरह फड़क रहा था।
मेरे शरीर की वासना और उसकी संतुष्टि की कामना ने मेरे मस्तिष्क के भीतर भरे भय के उपर विजय पा ली।
मैंने कम्पित स्वर में राज की वासना भरे प्यार से चमकती हल्की भूरी आँखों में देख कर हलके से कहा, "राज मेरी गांड मार
ले । पर प्लीज़ मुझे बहुत दर्द नहीं करना ।"
राज ने निर्ममता से उत्तर दिया, "मॉम दर्द तो होगा और उसे आपको सेहना पड़ेगा। पर मुझसे जितना हो सकेगा उतना प्रयास मैं
ज़रूर करूंगा।"
मेरा भय और वासना से कम्पित शरीर अब राज की कृपा के उपर निर्भर था।
राज ने अपना लंड को मेरे गीली चूत में डाल कर मेरे यौन-रस से लेप लिया. राज ने अपना मुंह को थूक से भर मेरी गांड पर
रख कर अपनी लार गांड पर डाल दी.
राज ने अपना विशाल लंड को मेरी गांड के छोटे तंग छल्ले के ऊपर रख कर दबाया,"मॉम , अपनी गांड पूरी ढीली छोड़ दो. जब
मैं अपना लंड अंदर की तरफ डालूँ तो आप अपनी गांड को मेरे लंड के ऊपर नीचे की तरफ ज़ोर लगायें.
मैंने वासना में जलते अपने शरीर से परेशान हो कर राज के सुझाव को ठीक से समझे बिना अपना सर हिला कर समर्थन
दे दिया. राज ने मुझे अपने बड़े हाथों से जकड़ कर मुझे बिस्तर पर दबा दिया. राज ने अपने विशाल लंड के विकराल सुपाड़े को
मेरी नन्ही सी गांड के छिद्र पर दबाना शुरू कर दिया।
मेरी तंग कसी गांड का छल्ला राज के लंड के प्रविष्टी के रास्ते में था। मेरी गांड की कसी हुई वलय ने राज के भीमकाय लिंग के
आक्रमण को पीछे धकेलने का निरर्थक प्रयास किया।
राज के विशाल लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के छोटे से छेद को खोलने के लिए बेचैन था.
राज ने हचक कर एक ज़ोर से धक्का लगाया. राज के, छोटे सेब जितने बड़े लंड के सुपाड़े ने मेरी गांड के छिद्र को बेदर्दी से
चौड़ा कर दिया. मेरे गले से निकली दर्द भरी चीख से कमरा गूँज उठा.
राज ने मौका देख कर अपने लोहे जैसे सख्त मोटे लंड की तीन इंच मेरी गांड में बलपूर्वक ठूंस दीं. मैं दर्द से बिलबिला कर
चीख पड़ी.
मेरे नाखून राज की बाँहों में गड़ गए. मैंने राज की बाँहों की खाल से अपने नाखूनों से खरोंच कर खून निकाल दिया. राज ने एक बार भी उफ तक नहीं की.
मेरी चीख रोने में बदल गयी.मेरी आँखों से आंसूं बहने लगे. मुझे ऐसा लगा जैसे किसीने मेरी गांड के ऊपर चाक़ू चला दिया हो. मैं
सुबक-सुबक कर रो रही थी. राज बेदर्दी से मेरी गांड में अपने अमानवीय विशाल लंड की एक इंच के बाद दूसरी इंच मेरी दर्द से
बिलखती गांड की गहराइयों में डालते रहे जब तक उसका पेड़ के तने जितना मोटा लंड जड़ तक मेरी गांड में नहीं समा गया
मेरी गांड में उठे भयंकर दर्द से से बिलबिला उठी. मेरा शरीर पानी से बाहर फिकी मछली के समान तड़प रहा था. राज के
विशाल शरीर ने मेरे थरथराते हुए शरीर को अपने नीचे कस दबा लिया. मैं सुबकियां और हिचकी मार मार कर रो रही
थी.
"नहीं...नहीं...राज..मेरी गांड फट गयी..ई...अपना लंड बाहर निका..आ..ल.. ..आ..आ..ये. मैं मर जाऊंगी ,
राज,” मैं सुबक सुबक कर हिचकियों के बीच में से बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी, “मुझे हुंह ....नहीं आन्नंह ....मरवानी
....अपनी गांड।”
राज ने अपने मुंह से मेरा मुंह दबोच लिया. राज ने बेदर्दी से मेरे रोने की उपेक्षा कर मेरी गांड अपने लंड से मारने लगा .
मेरी घुटी-घुटी चीखों और सिस्कारियों कमरे की दीवारों से टकरा कर मेरे कानों में गूँज रहीं थी. राज ने अपने विशाल लंड की आधी
लम्बाई अंदर बाहर कर मेरी गांड की चुदाई शुरू कर दी.
राज की बेरहमी ने मुझे दर्द से व्याकुल कर दिया। मेरे आंसूओं ने मेरे चेहरे को बिलकुल भिगो दिया।
मुझे पता नहीं की कितनी देर तक मैं रो रो कर अपनी गांड फटने की दुहाई देती रही पर राज का विशाल लंड मेरी मेरी गांड को
निरंतर चोदता रहा.
मेरे आंसूओं ने मेरा चेहरा गीला कर दिया. थोड़ी देर में मेरी नाक बहने लगी. मेरी सुबकिया मेरे दर्द की कहानी सुना रहीं थीं।राज ने
मेरा मुंह अभी भी अपने मुंह से दबा रखा था.
राज ने मेरी गांड मारना एक क्षण के लिए भी बंद नहीं किया. मैं न जाने कितनी देर तक दर्द से बिलबिलाती हुई राज के
विशाल शरीर के नीचे दबी सुबकती रही।
कर दिया। उसकी अभ्यस्त जीभ और उंगली ने मेरे शरीर को वासना के समुन्द्र में फैंक दिया।
मैं ज़ोर से सिसक उठी। मैं अब झड़ने के लिए व्याकुल थी। यदि राज मेरे क्लिटोरिस अपने दाँतों से चबा भी डालता तो मैं कोई शिकायत नहीं करती।
"आह...राज...आंह ...ऊम्म्म्म...हं..हं.. आ..आ...आह्ह्ह मेरी चू..ऊ..ऊ...त आह्ह.मैं आने वाली हूँ," मेरी सिस्कारियों ने राज को
मेरे सन्निकट रति-निष्पत्ति की घोषणा कर दी. राज ने मेरी चूत चूसना रोक दिया. राज ने मुझे मेरे यौन चरमोत्कर्ष के द्वार से पीछे
खींच कर मुझे आश्चर्यचकित कर दिया.
मैं वासना के अतिरेक से बिलबिला रही थी।
राज ने मेरी दोनों भरी-भरी गोल झांघें उठा कर फैला दीं.राजने अपना मूंह मेरी गांड के ऊपर रख उसको प्यार से
चूमा. मेरे मूंह से घुटी-घुटी सिसकारी निकल पड़ी. राज की जीभ शीघ्र ही मेरी गांड के छिद्र को तड़पाने तरसाने लगी.
मेरी गांड का छल्ला बारी-बारी से शिथिल और संकुचित होने लगा. राज ने मेरी गांड के मलद्वार को अपनी जीभ से चूम कर
मेरी वासना को और भी प्रज्ज्वलित कर दिया. राज की जीभ की नोक आखिरकार मेरी गांड के अंदर दाखिल हो गयी. मेरी
सिस्कारियों ने राज को मेरी गांड को और भी चूसने-चूमने का निमंत्रण भेजा.
मेरा कुछ देर पहले का सन्निकट चरम-आनंद मेरे शरीर को फिर से उमेठने लगा.
मेरी गांड स्वतः राज के मूंह से चुपकने का प्रयास करने लगी. राज ने पहले की तरह मेरे चूत को रति-निष्पत्ति होने से पहले
ही मेरी गांड से अपना मूंह हटा लिया. मेरी वासना के अनबुझी आग ने मेरे मस्तिष्क को पागल कर दिया. मैं राज के सामने गिड़गिड़ाने
लगी,"राज मुझे इतना क्यों तरसा रहा हैं? मेरी चूत झाड़ दे . प्लीज़."
मैं अपने चूतड़ पलंग से उठा कर अपनी गांड और चूत राज के मुंह के पास ले जाने का प्रयास कर रही थी।
राज ने अपने तने हुए लंड से मेरी चूत रगड़ और *मेरे ऊपर नीचे गिरते-उठते पेट पर को अपने हाथ से मसल कर बोले, "मॉम मुझे आपकी गांड मारनी है."
"राज, मुझे बहुत दर्द होगा?" राज ने गौर किया होगा िक मैंने मना नहीं किया. इस वक़्त मैं राज की हर शर्त मान लेती. मेरी
वासना की संतुष्टी की चाभी राज का महाकाय लंड था.
मेरी छोटी सी गांड के अंदर राज के विकराल लंड के जाने के विचार से ही मैं सिहर गयी।
राज ने आश्वासन दिया,"मॉम दर्द तो होगा. दर्द तो चूत मरवाने में भी हुआ था. पर अब आप चूत मरवाने से कितने खुश हैं."
राज मेरे दोनों उरोज़ों को हलके हलके सहलाने लगा ।
मैंने अपना निचला होंठ वासना के उबलते ज्वार को नियंत्रित करने के प्रयास करते हुए अपने दांतों के बीच में भींच लिया।
राज ने अपने विशाल लंड को मोटे डंडे की तरह मेरी चूत के द्वार के उपर रगड़ने लगा । मेरा जलता हुआ शरीर चर्मॉनन्द की
खोज में भभक उठा। राज का रेशम जैसा चिकना पर लोहे जैसा सख्त वृहत लोडा मेरे भाग-शिश्न को रगड़ कर मेरी काम वासना की
प्रज्जवलित अग्नि को और भी भड़काने लगा।
"मॉम , जब तक आप स्वयं हमसे अपनी गांड मारने को नहीं कहेंगी में तब तक कुछ भी नहीं करूँगा ," राज के मर्दाने हाथ
मेरी चूचियों को प्यार भरा अमरदान कर रहे थे।
मेरा मस्तिष्क राज के विकराल लंड से गांड मरवाने के विचार से डर के मारे कांप रहा था। पर मेरा विश्वासघाती सम्भोग कामना
से कम्पित शरीर राज के अविश्वसनीय अमानवीय लंड से गांड मरवाने के लिए उत्सुक हो उठा था। मेरे शरीर में
जलती आग भुजाने का यंत्र राज की झांगों के बीच में मोटे खम्बे की तरह फड़क रहा था।
मेरे शरीर की वासना और उसकी संतुष्टि की कामना ने मेरे मस्तिष्क के भीतर भरे भय के उपर विजय पा ली।
मैंने कम्पित स्वर में राज की वासना भरे प्यार से चमकती हल्की भूरी आँखों में देख कर हलके से कहा, "राज मेरी गांड मार
ले । पर प्लीज़ मुझे बहुत दर्द नहीं करना ।"
राज ने निर्ममता से उत्तर दिया, "मॉम दर्द तो होगा और उसे आपको सेहना पड़ेगा। पर मुझसे जितना हो सकेगा उतना प्रयास मैं
ज़रूर करूंगा।"
मेरा भय और वासना से कम्पित शरीर अब राज की कृपा के उपर निर्भर था।
राज ने अपना लंड को मेरे गीली चूत में डाल कर मेरे यौन-रस से लेप लिया. राज ने अपना मुंह को थूक से भर मेरी गांड पर
रख कर अपनी लार गांड पर डाल दी.
राज ने अपना विशाल लंड को मेरी गांड के छोटे तंग छल्ले के ऊपर रख कर दबाया,"मॉम , अपनी गांड पूरी ढीली छोड़ दो. जब
मैं अपना लंड अंदर की तरफ डालूँ तो आप अपनी गांड को मेरे लंड के ऊपर नीचे की तरफ ज़ोर लगायें.
मैंने वासना में जलते अपने शरीर से परेशान हो कर राज के सुझाव को ठीक से समझे बिना अपना सर हिला कर समर्थन
दे दिया. राज ने मुझे अपने बड़े हाथों से जकड़ कर मुझे बिस्तर पर दबा दिया. राज ने अपने विशाल लंड के विकराल सुपाड़े को
मेरी नन्ही सी गांड के छिद्र पर दबाना शुरू कर दिया।
मेरी तंग कसी गांड का छल्ला राज के लंड के प्रविष्टी के रास्ते में था। मेरी गांड की कसी हुई वलय ने राज के भीमकाय लिंग के
आक्रमण को पीछे धकेलने का निरर्थक प्रयास किया।
राज के विशाल लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के छोटे से छेद को खोलने के लिए बेचैन था.
राज ने हचक कर एक ज़ोर से धक्का लगाया. राज के, छोटे सेब जितने बड़े लंड के सुपाड़े ने मेरी गांड के छिद्र को बेदर्दी से
चौड़ा कर दिया. मेरे गले से निकली दर्द भरी चीख से कमरा गूँज उठा.
राज ने मौका देख कर अपने लोहे जैसे सख्त मोटे लंड की तीन इंच मेरी गांड में बलपूर्वक ठूंस दीं. मैं दर्द से बिलबिला कर
चीख पड़ी.
मेरे नाखून राज की बाँहों में गड़ गए. मैंने राज की बाँहों की खाल से अपने नाखूनों से खरोंच कर खून निकाल दिया. राज ने एक बार भी उफ तक नहीं की.
मेरी चीख रोने में बदल गयी.मेरी आँखों से आंसूं बहने लगे. मुझे ऐसा लगा जैसे किसीने मेरी गांड के ऊपर चाक़ू चला दिया हो. मैं
सुबक-सुबक कर रो रही थी. राज बेदर्दी से मेरी गांड में अपने अमानवीय विशाल लंड की एक इंच के बाद दूसरी इंच मेरी दर्द से
बिलखती गांड की गहराइयों में डालते रहे जब तक उसका पेड़ के तने जितना मोटा लंड जड़ तक मेरी गांड में नहीं समा गया
मेरी गांड में उठे भयंकर दर्द से से बिलबिला उठी. मेरा शरीर पानी से बाहर फिकी मछली के समान तड़प रहा था. राज के
विशाल शरीर ने मेरे थरथराते हुए शरीर को अपने नीचे कस दबा लिया. मैं सुबकियां और हिचकी मार मार कर रो रही
थी.
"नहीं...नहीं...राज..मेरी गांड फट गयी..ई...अपना लंड बाहर निका..आ..ल.. ..आ..आ..ये. मैं मर जाऊंगी ,
राज,” मैं सुबक सुबक कर हिचकियों के बीच में से बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी, “मुझे हुंह ....नहीं आन्नंह ....मरवानी
....अपनी गांड।”
राज ने अपने मुंह से मेरा मुंह दबोच लिया. राज ने बेदर्दी से मेरे रोने की उपेक्षा कर मेरी गांड अपने लंड से मारने लगा .
मेरी घुटी-घुटी चीखों और सिस्कारियों कमरे की दीवारों से टकरा कर मेरे कानों में गूँज रहीं थी. राज ने अपने विशाल लंड की आधी
लम्बाई अंदर बाहर कर मेरी गांड की चुदाई शुरू कर दी.
राज की बेरहमी ने मुझे दर्द से व्याकुल कर दिया। मेरे आंसूओं ने मेरे चेहरे को बिलकुल भिगो दिया।
मुझे पता नहीं की कितनी देर तक मैं रो रो कर अपनी गांड फटने की दुहाई देती रही पर राज का विशाल लंड मेरी मेरी गांड को
निरंतर चोदता रहा.
मेरे आंसूओं ने मेरा चेहरा गीला कर दिया. थोड़ी देर में मेरी नाक बहने लगी. मेरी सुबकिया मेरे दर्द की कहानी सुना रहीं थीं।राज ने
मेरा मुंह अभी भी अपने मुंह से दबा रखा था.
राज ने मेरी गांड मारना एक क्षण के लिए भी बंद नहीं किया. मैं न जाने कितनी देर तक दर्द से बिलबिलाती हुई राज के
विशाल शरीर के नीचे दबी सुबकती रही।