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Adultery मेरी दीदी कि कामवासना

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Premkumar65

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मैं तो दीदी के बदन को एकदम से चुपचाप देखा ही रहा कुछ देर बाद दीदी ने कहा बता क्या पूछना चाह रहा है तो मैं बोला मुझे आपकी सारी कहानी जाननी है तो दीदी ने कहा चल तुझे आज पूरी स्टोरी सुनती हूं

दोस्तों आगे

दीदी,,,, क्या पूछना चाह रहा है अब जो भी पूछना चाहता है पूछ ले मैं सब कुछ तुझे खुले में बताऊंगी

मे,,, खुश होते हुए सच दीदी

दीदी,,,, जब तुझे सब कुछ पता ही चल गया है तुझे सब कुछ बताना ही अच्छा रहेगा लेकिन यह बातें अपन दोनों के बीच में ही रहनी चाहिए समझा

मै,,, बिल्कुल दीदी आप चिंता मत करिए यह बातें में कभी किसी को नहीं बताऊंगा

मे,,,,, दीदी आप इतने बदसूरत काले गुंडे मवाली जैसे आदमी के साथ मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है आप ही मुझे बताओ यह सब किया है मुझे तो यही लग रहा है कि उसने आपको जादू टोना कर रखा है या आपको डरा धमका कर ब्लैकमेल कर कर उसे कर रहा है

दीदी,,,, अरे बुद्धू ऐसा कुछ नहीं है तू नहीं समझेगा सब कुछ मेरी मर्जी से होता है हां लेकिन उसने एक बार शुरू शुरू में मुझे जबरदस्ती से ही किया था लेकिन उसमें भी मेरी थोड़ी बहुत मर्जी थी

मे,,,, थोड़ी बहुत मर्जी मतलब और जबरदस्ती से मतलब कृपया मुझे आप बताइए दीदी साफ-साफ

दीदी,,, अच्छा सुन मैं शादी के 6 महीने तक जयपुर ही रही और मैं शादी से पहले कभी भी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था शादी के बाद एक पहला सेक्स तुम्हारे जीजा के साथ हुआ था उसमें मुझे बिल्कुल भी अच्छा मजा नहीं आता था लेकिन मैं तो सेक्सी बिल्कुल अनजान थी उसे ही सब कुछ समझ बैठी थी लेकिन जब मेरी सहेलियों से जिनकी शादी हो चुकी थी उनसे बातचीत होती थी तो उनके सेक्स के किस्से सुनती थी तो मुझे बहुत ही अलग लगता था कि यह सब तो मेरे साथ होता ही नहीं है मुझे तो इतना मजा आता ही नहीं है लेकिन यह सब बात मुझे तब पता चले और इन चीजों का मुझे एहसास जब हुआ जब रंगा ने मेरे साथ पहली बार सेक्स किया तो मुझे सहेलियों की बातों का पूरा का पूरा विश्वास हो गया और यह भी कंफर्म हो गया की असली सेक्स क्या होता है जो चीज हो लोगों ने बताइए उससे भी मुझे कहीं ज्यादा मजा आया

मै,,,, अरे यह सब सही है दीदी लेकिन यह हुआ कैसे यह बताओ मुझे यह मुझे समझ में नहीं आ रहा आप क्या बता रहे हो

दीदी,,,, अरे वही तो बता रही हूं ना तू सुन तो सही है
शादी के 6 महीने बाद जब मैं तुम्हारे जीजा के साथ दिल्ली आई तो हमने यह घर किराए पर ले लिया था। और मैं बिल्कुल साधारण पहले के जैसे ही थी जैसे हम ब्राह्मण लड़कियां घरेलू हाउसवाइफ के जैसी रहती है मेरा शरीर भी बिल्कुल नॉर्मल था फिगर भी बिल्कुल नॉर्मल मेरे चूचियां छोटी-छोटी थी 32 साइज की गांड भी बिल्कुल छोटी थी और शरीर भी बिल्कुल नाजुक बिल्कुल पतला था लेकिन मैं लंबाई और अपने गोरेपन की वजह से बहुत ही अच्छी और सुंदर तो दिखती ही थी लेकिन हमेशा संस्कारी साड़ी और सलवार कमीज नॉर्मल की पहनती थी और अपने शरीर को ढक कर रखी है मैं बिल्कुल नॉर्मल हाउसवाइफ के जैसे रही थी जैसे तैसे करके धीरे-धीरे दिन निकलते गए और हमें यहां रहते हुए लगभग 15 20 दिन हो गए थे।
फिर एक दिन तेरे जीजा और मे जब हम बाजार से किराने का सामान लेकर घर की तरफ आ रहे थे तभी एक आवारा सा लड़का आया और तेरे जीजा के सामने ही मुझे छेड़ने लगा बहुत गंदे गंदे कमेंट पास करने लगा
तो तेरे जीजा बोले सुमन जल्दी चलो उनके मुंह नहीं लगते यह मोहल्ले के आवारा लड़के हैं ऐसा करके मेरा हाथ पकड़ कर जल्दी-जल्दी करती और चलने लगे
और वह लड़का हम्हारे पीछे-पीछे आने लगा और गंदे गंदे कमेंट करने लगा क्या मस्त माल है अच्छे से ठुकाई नहीं हो रही है शायद इसकी यह इसका पति तो लोडू लगता है खास एक बार मेरे पास आजा जानेमन जन्नत की सैर कर दूंगा वैसे बातें बोलता हुआ हमारे पीछा करने लगा।
और हम जल्दी से घर आ गए हैं मुझे तेरे जीजा को देखते हुए महसूस हुआ की है डरपोक आदमी है नहीं तो किसी की बीवी के लिए कोई ऐसे शब्द बोलते हैं तो उसके पति का खुन खोलना चाहिए।
मुझे अपने आप में बहुत दुख हुआ कि यह कैसा डरपोक पति मिला है मुझे।

वह लड़का रोज ही कि मुझे बाजार जाते वक्त छेड़छाड़ करता था एक दिन तो उसने हद ही करती उसने बाजार में मेरा हाथ पकड़ लिया
और बोला जानेमन एक बार मेरे नीचे आजा तुझे जन्नत दिखा दूंगा।
और मैं जोर लगाकर उसे हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी और तभी पीछे से एक बड़ा सा भयानक दिखने वाला आदमी आया और उसने उस लड़के गर्दन पकड़ के एक जोर का गुस्सा मारा बाजार के सभी लोग तमाशा देखने लग गए उस आदमी ने बहुत ही जोरदार तरीके से पिटा और उससे बोला
बहन के लोड़े दो बार दिख मत जाना इधर मोहल्ले की शरीफ औरतों को छेड़ता है साले तेरे को तो मैं छोड़ूंगा नहीं और उसे पीटने लगा सब लोग तमाशा देख रहे थे कोई कुछ नहीं बोल रहा था उसने उसे इतना मारा कि उसके मुंह से खून निकल गया। और वह बेहोशी की हालत में हो गया

वह आदमी जोर से चिल्लाया और मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला आगे से कोई भी इसकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं दिखेगा समझ में आई बात ओर सब चुपचाप खड़े हुए उसकी बातें सुन रहे थे
फिर वह बोला अब चलो बहन के लोड़े यहां तमाशा थोड़ी हो रहा है इतनी देर से कोई इसको चल रहा था तो तब तो सब तमाशा देख रहे थे चलो सब अपना काम करो उसका गुस्सा देखकर तो मेरी रूह कप गई।

जब मैंने रंगा को पहली बार देखा तो मुझे खुद पर विश्वास ही नहीं हुआ की कोई
हाइट उसकी 6 फुट 7 इंच रंग बिल्कुल काला आखे बिल्कुल लाल बड़े-बड़े हाथ छोडा सिना मजबूत कंधे बहुत ही भारी भरकम और हैवान जैसा दिखता था।
उसे देखने से ही लोगों में डर पैदा होता था उसने मेरी तरफ देखा और वहां से चला गया मैं चुपचाप खड़ी सब्जी लेने लग गई और सब्जी वाले ने भी मुझे बहुत ही इज्जत और घबराहट के साथ बातचीत करने लगा और जल्दी से मुझे सबसे पहले सब्जी देकर पैसे भी बहुत कम लिए।
मैं सामान लेकर बाजार से घर आए तो रास्ते में किसी ने भी मेरी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखा मैं मन में सोच रही थी कि आखिर यह आदमी है कौन और यह सब लोग इसे इतना डर क्यों रहे हैं।

ऐसे ही दो-चार दिन और निकल गए मुझे वह आदमी फिर दोबारा कभी दिखाई नहीं दिया फिर एक जब मैं छत पर कपड़े सुखाने गई तो हमारी छत के पास बने हुए उस कमरे कोई आदमी अपने सामान सेट कर रहा था यह कमरा बहुत दिनों से बंद पड़ा हुआ था।
शायद इसमें कोई आज रहने आया है इसलिए अपने सामान अंदर जमा रहा है मैं कपड़े सुखाकर जैसे ही नीचे जाने लगी तभी उसे कमरे से कोई बाहर आया और जब मैं उसे दिखा तो मेरे पांव वहां के वहीं रुक रहे क्योंकि यह वही आदमी था जिसने बाजार में उसे आवारा लड़के से मुझे बचाया था वह मेरी तरफ देखकर नीचे चला गया और मैं भी नीचे आ गई।
मैं सोचने लगी शायद यह यहीं रहने आया है
मैं शाम को जब बाजार गई तो मैं सब्जी वाले से पहुंचा कि वह अपने कौन था जिसने उस लड़के को पूरी तरह से मारा था और उसे दिन के बाद सब लोग मेरी इतनी इज्जत क्यों करने लग गए हैं आखिर वह आदमी है कौन
तो सब्जी वाला डर कर बोला मैडम हुआ आदमी रंगा भाई हे फैक्ट्री में काम करने वाले हमाल यूनियन का लीडर है वह आदमी बहुत ही बड़ा अपराधी है जिसके ऊपर चार-पांच हत्याओं के कैस हैं और सभी लोग उससे डरते हैं।
वह बहुत ही खतरनाक और गुंडा टाइप का आदमी है।
और जब उसने बोल दिया तो सब लोग आपकी आपसे डरते हैं और उसके गुर्गे हर समय बाजार में मौजूद रहते हैं।
सब्जी वाला बोला क्या हुआ मैडम आप क्यों पूछ रहे हैं क्या वह आपको दोबारा मिला है
मैं बोली नहीं मुझे दोबारा नहीं मिला इसलिए मैं उसके बारे में पहुंच रही हूं

और यह कहकर में सामान लेकर घर आ गई और उसके बारे में सोचने लगी इतना बड़ा गुंडा होकर भी मेरी मदद करी है। और भगवान का धन्यवाद देने लगी

कुछ देर बाद में खाना बनाने लगी और तभी दरवाजे की गंट्टी बाजी मैं बाहर आकर दरवाजा खोलने लगी और जैसे मैंने देखा तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गई तेरे जीजा जी के मुंह से खून निकल रहा था और रंगा ने उन्हें अपने हाथों में सहारा देकर पड़ रहा था और घर के अंदर लेकर आ रहा।
यह सब देखकर मैं बहुत बुरी तरीके से डर गई और बोलने लगी यह सब क्या है वह कैसे हो गया

अंदर लिए मैं आपको सब कुछ बताता हूं।

और उसने सहारा देकर तुम्हारे जीजा को सोफे पर बिठाया और मुझे एक गिलास पानी मांगा मैं तोड़कर उसे एक गिलास पानी लेकर आई और बोली के सब क्या है और एक कैसे हो गया

रंगा,,, कुछ नहीं आपके पति ने किसी के अपने स्कूटर से उड़ा दिया था तो वहां के लोगों ने मिलकर उनकी पिटाई कर दी वह तो मैं समय पर पहुंच गया नहीं तो इनको और ज्यादा पिटाई करते हुए लोग और मैं उनसे बचा कर उनका घर लेकर आया हूं

मे,,,, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया आपने उसे दिन आकर मुझे भी बचाया और आज मेरे पति की मदद करें मैं आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगी आप बेठ्या है मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।

ऐसा कह कर में किचन में चाय बनाने के लिए जाने लगी तो उसने कहा
नहीं भाभी जी आप रहने दीजिए चाय मै नहीं पीता हू और मुझे जरुरी काम के लिए अभी जाना है फिर कभी
और वैसे भी अब तो मैं आपके पास वाले मकान में ही रहने लगा हूं और आपको किसी भी तरह की जरूरत हो तो आप बे जिजक बोलिए

तभी तुम्हारे जीजा बोल भाई साहब आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो मुझे अपने बचाया और आपने उस दिन सुमन को भी बचाया हम आपका बहुत-बहुत शुक्रगुजार हैं

मे,,,, आप रुकिए मैं 2 मिनट में आपके लिए चाय बना कर लाती हूं प्लीज चाय तो पीजिए

रंगा,,, नहीं अभी नहीं मुझे जरुरी काम से जाना है और हां अगर कोई भी आपको लोगों को तंग करें या परेशान करें तो उनसे मेरा नाम ले दीजिए
रंगा....

नाम ही काफी है मेरा यहां पर यह कह उठ कर चला गया।
और मैं तुम्हारे जीजा से बोली क्या हो गया था
तुम्हारे जीजा बोल कुछ नहीं यह एक लड़की के मेरे थोड़ी स्कूटी अड गई और सब लोग मुझे मरने लगे तभी समय पर रंगा भाई आ गए और इन्होंने मुझे बचाया नहीं तो आज वह लोग मेरा बहुत बुरा हाल कर देते हैं।

शाम को हम लोग खाना खाकर टीवी देख रहे थे और फिर हम लोग बेडरूम में सोने चले गए लेकिन बेडरूम में वही तुम्हारे जीजा की दिक्कत अपने छोटे से लड को निकलते और मेरी चूत में डालते हैं 5 मिनट तक धक्के लगते हैं और फिर झड़ जाते हैं मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता और मैं अपनी चुत को सहला कर सहेलियों की बातों को याद करती रहती।

ऐसे ही दिन गुजरते चले गए और उसने धीरे-धीरे तुम्हारे जीजा से दोस्ती का हाथ बढ़ाने लग गया
और तुम्हारे जीजा के साथ ही फैक्ट्री की तरफ जाने लगा और वापस भी साथ-साथ भी आने लग गया
और कभी-कभी घर पर भी आने लग गया लेकिन वह तभी आता था जब तुम्हारे जीजा घर पर रहते थे उनके बिना वह घर पर नहीं आता था मैं कभी छत पर कपड़े सुखा नहीं जाती हूं तो कभी-कभी वह मुझे वहां पर दिख जाता तो वह बड़े आदर के साथ नमस्कार करता और कभी भी उसने अश्लील तरीके से मुझे नहीं घूरता हमेशा आदर सम्मान के साथ ही मुझसे बात करता।

फिर एक दिन तेरे जीजा जी का फैक्ट्री में एक वॉचमैन से झगड़ा हो गया उसे वॉचमैंने अपने साथियों को बुलाकर तेरे जीजा के साथ बहुत ही भयंकर तरीके से मारपीट कर दी है तेरे जीजा जैसे तैसे करके वह घर पहुंचे और उन्होंने मुझे सारी घटना बताएं कि वह चौकीदार बिना कारण मेरे से उलझ गया और मुझे जान से मारने की धमकी दी है और मेरे साथ मारपीट भी कर दी है।

उन चौकीदारों का एक ग्रुप है और मुझे तो कल फैक्ट्री जाने से ही बहुत ज्यादा डर लग रहा है तुम एक काम करो सुमन रंगा जी को फोन करके घर पर बुलाओ वही कोई ना कोई रास्ता निकाल सकते हैं।

मै,,,, लेकिन उनको हमेशा ही अपने मामलों के लिए बार-बार नहीं कर सकते और क्या सोचेंगे

संजय,,,, पर इसके अलावा कोई रास्ता भी नहीं है या फिर मेरे को नौकरी छोड़कर ही जाना पड़ेगा

मे,,,, आप इन सब से क्यों आगे होकर मुसीबत मोल लेते हो हम उनको कब तक अपनी मुसीबत में पटकते रहेंगे।

संजय,,,, नहीं लेकिन अब कोई रास्ता नहीं है और उन्होंने तो कहा है की कोई भी मुसीबत हो तो मुझे याद करना।

कुछ देर सोचने के बाद मैं तेरे जीजा के फोन में से नंबर निकाले और अपने फोन में डायल करके रंगा जी को फोन लगाया
दो-तीन बार फोन लगाने के बाद भी उधर से कोई रिप्लाई नहीं आया एक दो बार संजय के फोन से भी ट्राई किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

यह सब चीजों होने के बाद हम और टेंशन में आ गए
शाम का वक्त होने पर मैं खाना बनाने में व्यस्त हो गई और तेरे जीजा हाल में बैठकर कुछ देर टीवी के चैनल बदलकर बैठे रहे

मैंने हम दोनों के लिए खाना बनाया लेकिन तुम्हारे जीजा ने टेंशन की वजह से खाना नहीं खाया और मैं भी तोड़ा खाना खाया और बेडरूम में सोने के लिए चले गए।

लेकिन हम दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर की इधर-उधर करोटे बदल कर लेते रहे और समय लगभग रात के 1:30 के ऊपर हो गया

अभी तेरे जीजा की तरफ देखा तो थोड़ा नींद में लग रहे थे तभी मेरा फोन जो वाइब्रेशन पर था अचानक मेरा फोन वाइब्रेशन करने लगा और मैं स्क्रीन पर देखा तो रंगा जी का कॉल बैक था
Mast story hai.
 
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