Newdevil
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Baat me dam hai...हाहाहाःहाहा....कामवासना जब सवार होती है तो क्या संस्कार और क्या बाज़ारू
सिर्फ हवस का नंगा नाच होता है
Baat me dam hai...हाहाहाःहाहा....कामवासना जब सवार होती है तो क्या संस्कार और क्या बाज़ारू
सिर्फ हवस का नंगा नाच होता है
कोई बात नहींI agreed with you but kuch log hai jo nahi samajhte...
देखो काम से free हो के आज रात अपडेट लिख दूंगाWaiting for next update... Kab tak aa raha hai
लगता है आप मेरी कहानी के पात्र कालू बिल्लू रामु रंगा बिल्ला और चोर मंगूस को भूल गएइस लेखक की कहानियों की एक खास बात होती है कि इसकी कहानी मे असलम - अब्दुल जैसे के हथियार ही तगड़े बड़े होते है, जो दमदार चुदाई करते है
और वीरप्रताप - मिश्रा जैसे के हथियार छोटा, पतला या जल्दी झड़ जाने वाला ही दिखता है जो ठीक से कुछ कर नही पाते है।
इसकी कहानी मे ये भेद जरूर रहता है,
इसकी कहानी मे कोई मिश्रा या वीरप्रताप ऐसा नही होता है जो बूढ़े अब्दुल असलम मोहम्मद की जवान बीबी की दमदार चुदाई कर सके।
अपने सड़े/खट्टे दही को भी अच्छा दिखाना, यही इस जैसे लेखक का एजेंडा होता है।
मिश्रा और अब्दुल तो हमारी संस्कृति का हिस्सा है जो करेंगे मिल बाँट के करेंगे
Bro aapko bura laga uske liye sorry me to sirf story ko dekh kar bol raha tha....Mishra ki jagah abdul ko bhi naa laane ki baat kar sakte the yaar tum... Par kya bole ab... Shuruwaat bhi to mishra ne kari thi to abdul ka number pehle kaise aa gaya... Ajeeb ho tum yaar
Focus on the story. Your writing will only decide whether you have an agenda or not.लगता है आप मेरी कहानी के पात्र कालू बिल्लू रामु रंगा बिल्ला और चोर मंगूस को भूल गए
इन्होने भी काफ़ी तूफान मचा रखा है.
Don't be sorry bas ye sab me involve mat hua karo... Issue bante der nahi lagti aur bahut baar to writer ka dimag bhi kharaab ho jataa hai ye sabse aur acchi chalti story band ho jaaati haiBro aapko bura laga uske liye sorry me to sirf story ko dekh kar bol raha tha....