तुमने सिर्फ सेक्स को पढ़ा है। कहानी को ध्यान से नही पढ़ा। ध्यान से पढ़ते तो पाते की जब बस पुरी से नंदन कानन आई थी उसके बाद भुवनेश्वर आना दिखाया गया है उसका समय 2 घंटे दिया गया है जबकि नंदन कानन तो भुवनेश्वर में ही है तो 2 घंटे बस किस हाईवे पर चली।वाह वाह वाह.....क्या लिखा है.
एक एक अपडेट के साथ आपकी लिखने कि कला बढ़ती ही जा रही है.
आप कि कहानी पढ़ते वक़्त ऐसा लगता है जैसे उस जगह हम खुद मौजूद हो.
बस अनुश्री कि फीलिंग कि और भी गहरा दिखाइए प्लीज
और कहानी को जल्दी ख़त्म मत कीजियेगा प्लीज
आप जैसे राइटर्स कि जरुरत है हम लोगो को
और इस अपरिपक्वता से कौनसा बम फूट पड़ा? यहां कोई सरकार का Road Construction Plan नहीं बनाया जा रहा जो इतनी सी बात पर तुम चिल्लाना शुरू कर दोगे। मतलब कुछ भी बोलते हो?तुमने सिर्फ सेक्स को पढ़ा है। कहानी को ध्यान से नही पढ़ा। ध्यान से पढ़ते तो पाते की जब बस पुरी से नंदन कानन आई थी उसके बाद भुवनेश्वर आना दिखाया गया है उसका समय 2 घंटे दिया गया है जबकि नंदन कानन तो भुवनेश्वर में ही है तो 2 घंटे बस किस हाईवे पर चली।
बस को उनके लिए होटल के मुताबिक नंदन कानन से पुरी जाना चाहिए था लेकिन लेखक गलती कर बैठे। उन्हें शायद ये ज्ञान होना चाहिए कि नंदन कानन से भुवनेश्वर की दूरी मात्र 10 km hai or 10 km me 2 घंटे केसे सफर में लगे। इससे लेखक की कहानी को लिखने की अपरिपक्वता झलकती है
और इस अपरिपक्वता से कौनसा बम फूट पड़ा? यहां कोई सरकार का Road Construction Plan नहीं बनाया जा रहा जो इतनी सी बात पर तुम चिल्लाना शुरू कर दोगे। मतलब कुछ भी बोलते story me agr sex khojoge to tum jese log words ki galti or uske effect ko nhi samjh skte.