5. संगीत संध्या
मारवाड़ी वैसे तो बहुत कन्जरवेटीव होते है पर बहुत कम लोग जानते है कि थोड़ा ट्रिगर करो तो कामुकता भरी पड़ी है.
क्यु भाई कुछ ज्यादा नहीं हो रहा, मैंने कोरियोग्राफर को थोड़ा हडकाते हुए बोला, अरे सर, खुद ही चांस दे रही है भेण की लोडी देखो ना, अशरफ खीसीयाते हुए बोला, भेनचौद लाइन बेटी पर मार रहा था, यहां माँ खुद फस रही है. सीमा की दूर की कजीन थी अमिता , अशरफ को सिगरेट पीने बाहर ले गया और बातों बातों में पता चला, रगड़ तो वो काफ़ी दिनों से रहा है, चुदाई शादी वाले दो दिनों में करने वाला है.
बिल्कुल मेरे जैसा केस था, जैसे मैं सीमा और कृति को एक साथ चौदने का प्लान बना रहा था, कोरियोग्राफर अशरफ अमिता और उसकी बेटी स्वाति पर हाथ साफ करने की फिराक में था, यार अशरफ मुझे नहीं लगता अमिता भाभी ऐसा कुछ कर सकती है, बड़ी संस्कारी, घरेलू और धार्मिक है, अशरफ फिर खिसिया पड़ा और बोला, लो सुन लो, उसने फोन मिलाया और स्पीकर ऑन किया, स्क्रीन पर अमिता स्लट नाम फ्लैश हुआ:
A: हा भैय्या बोलो
As: क्या भैनचौद कहा है, कब से फोन का वेट कर रहा हूं, कहाँ गांड मरवा रही है
A: अरे भैय्या आप को ही फोन करने वाली थी कि ये आ गए, इनका शाम वाला सुट तैयार कर रही हू (आनंद भैय्या का फोन है अपने पति को बताती है) बस आपको अभी पांच मिनट में कॉल करती हूं
As: तेरे हबी की माँ की चुत, जल्दी कॉल कर
अशरफ मेरी तरह देखकर मुस्कराया, बोलो अभी क्या बोलते हो, सही है भाई और बेटी तक मामला कहाँ पहुचा, मैं सवालिया अंदाज में था, ओह स्वाति, वो अभी कच्ची कली है, बस नींबुऔ को संतरे बना रहा हूं और डांस से साथ लंड चूसाई सीखा रहा हूं, इसबार उसने मेरे सवाल का इंतजार किए बगैर फोन पर एक क्लिप चला दी, स्वाति का वीडियो था, मस्ती के साथ अशरफ का लोडा चूस रही थी.
डिनर चल रहा था पर कृति और सीमा की शर्म तोड़ कर एक ही बिस्तर में साथ में चौदने का सोच सोच कर लौडा कड़क हो रहा था पर उससे भी ज्यादा स्वाति को निगाहें ढूंढ रही थी, ओ तेरी क्या माल था, कृति से भी कड़क, कुछ सहेलियों के साथ खड़ी थी, एकदम कच्ची शर्मीली कली, टाइट जींस की निकर और सफेद टी-शर्ट, मैं पास गया लोडा और भी तन गया, क्या कसी हुई गांड थी, उसके कानों में फुसफुसाया, अशरफ अंकल रूम नंबर 34 में डांस प्रैक्टिस के लिए बुला रहे है, वो एकदम से गुलाबी सी हो गई, जी अंकल और अपनी सहेलीयो को कुछ बोला और होटल के कोरीडोर की तरफ चलने लगी, कसम से कृति को भूल सा गया, क्या माल पटाया है अशरफ ने, लिफ्ट में हम दो ही थे, मैंने आराम से स्वाति की गांड को सहलाया, वो सिसक पडी. प्लीज़ अंकल यहां नहीं कोई आ जाएगा. मैंने भी कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई.
रूम में आया, कली एकदम कमसिन थी, बिल्कुल कच्चा शर्मिला माल, मैंने पहले सीधा निकर के ऊपर से चुत सहलाई, उसने आखें बंद कर ली, मैंने उसे गोद में बिठा लिया, और सबसे पहले एक लंबा गहरा किस किया, बुब्स नहीं के बराबर थे, निप्पलस तनी हुई थी, अंकल प्लीज़ धीरे धीरे मसलो बहुत दुखता है, अशरफ अंकल भी बहुत जोर जोर से रगड़ते है, चल निकर उतार, वो चुपचाप अपना जिंस का निकर उतारने लगी, छोटी सी पैंटी पहने थी, मैंने रोका और घूमने को बोला, बहुत प्यारी गांड थी, बिस्तर पर घोड़ी बना दिया और पैंटी को थोड़ा साइड किया, गुलाबी कली सा गांड का छेद आमंत्रित कर रहा था, जीभ से छुआ, स्वाति सिसकती हुई बोली आह अंकल, उंगलिया चुत को सहला रही थी, जीभ गांड को चाट रही थी और दूसरे हाथ की उंगलिया छोटे छोटे नींबुओ को रगड़ रही थी, और स्वाती किसी वाद्य यंत्र की तरह बज रही थी, तभी फोन की घंटी बज पडी, देखा अशरफ का फोन था, बॉस जम के रगड़ना, बस थोड़ा अपनी भांजी को मुझे भी चांस देना, मैं हंस पड़ा, क्यु नहीं.