मैं बाहर खड़ा होकर अब इन्तजार करने लगा मगर जब भाभी ने दरवाजा खोला तो, भाभी को देखकर मेरी आँखें फटी की फटी ही रह गईं... क्योंकि भाभी ने अब उस दिन वाली ही नाईटी पहन रखी थी.. जिसमें से उनकी ब्रा-पैन्टी यहाँ तक उनका पुरा गोरा बदन स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
मै आँखे फाङे बस भाभी को ही देखे जा रहा था मगर तभी..
"अब अन्दर नही आना क्या, या बाहर ही रहना है..? भाभी ने शरारत से हँशते हुवे कहा।
"ह्.ह्.ह्.ऊ.. हाँ.. " कहकर मै अब अन्दर आ गया मगर मेरी नजरे अभी भी भाभी पर ही टिकी रही।
"सोते समय लाईट बन्द कर देना कल भी चालु छोङकर सो गये थे...!" भाभी ने शिकायत के लहजे मे कहा और बिस्तर पर जाकर सो गईं.. मगर सोते समय आज भी भाभी की नाईटी उनके घुटनों तक पहुँच गई थी जिससे भाभी की संगमरमर सी सफेद पिण्डलियाँ दिखने लगीं।
वैसे तो भाभी की नाईटी का होना और ना होना एक बराबर ही था, क्योंकि उसका कपङा इतना पतला व झीना था की उनका पुर का पुरा गोरा बदन स्पष्ट दिखाई दे रहा था , मगर फिर भी नाईटी के घुटनो तक उठ जाने से जो थोङा बहुत अवरोध था वो भी दुर हो गया था।
भाभी ने भी उसे ठीक करने की कोशिश नही की वो ऐसे ही सो गईं और मैं फिर से पढ़ाई करने लगा। मगर मेरा ध्यान अब पढ़ने में कहाँ था.. मैं तो बस टयूब लाईट की सफेद रोशनी में दमकते भाभी के दूधिया गोरे बदन व उनकी गोरी चिकनी पिण्डुलियाँ ही देखे जा रहा था..
मैं भगवान से दुआ भी कर रहा था कि भाभी की नाईटी थोड़ा और ऊपर खिसक जाए तो कसम से मजा आ ही जाये, और शायद उस दिन भगवान ने भी मेरी दुआ सुन ली... क्योंकि करीब दस पन्द्रह मिनट बाद ही भाभी ने करवट बदली..करवट तो क्या बदली बस एक बार पैरो को थोङा सा मोङकर उन्हे सीधा किया था।
वो पिछली रात के जैसे ही दिवार की तरफ मुँह करके अपना एक पैर मोङकर सोई थी जिससे पहले ही उनकी नाईटी घुटनो तक उपर उठी हुई थी मगर अब पैरो को मोङकर उन्होंने सीधा किया तो उनकी नाईटी उनके घुटनो से उपर, उनकी जाँघो तक चढ गयी..
अब तो मेरे लिए खुद पर काबू पाना ही मुश्किल हो गया, क्योंकि भाभी की गोरी चिकनी जाँघो को देख मेरा लण्ड अकड़ कर लोहे की रॉड की तरह एकदम सख्त हो गया था तो उसमें बहुत तेज दर्द भी होने लगा...
भाभी की नँगी जाँघो को देख देखकर मैं अब हाथ से ही अपने लण्ड को मसलने लगा जिससे मेरे लण्ड ने पानी छोड़-छोड़ कर मेरे अण्डरवियर को ही गीला करना शुरु कर दिया... मै कल के जैसे अब अपने कपङो को खराब नही करना चाहता था इसलिये कुछ देर तो ऐसे ही भाभी की जाँघो को देख देखकर अपने लण्ड को मसलता रहा. फिर वहाँ से उठकर बाहर बाथरुम मे आ गया...