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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 89 75.4%
  • Soniya

    Votes: 29 24.6%

  • Total voters
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tharkiman

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Writer Sahab,
Readers bechaare dukh ki Lata se lipte hain
Unke Naina taras rahe hain ki kab un par
Aapke dwara updates ki ghanghor Varsha hogi
Utsukta ke Sikhar par pahuch kar sabhi aas lagaye baithe hain ki
intezaar ke is lambe waqt ka ab vinash hoga
Papa ke ilaaj mein ab der naa kijiye

Aapke Anurag ko taraste readers...
Us story par se ek Satvik Prkriti ke vyakti ne man uchta diya . Bhai is forum par aate hain, sex story aur incest story padhte hain par yahan bhi unko satvikata aur imaandaari chahiye. Ajeeb baat ye lagi ki padhne bhi aate hain. Constructive criticism is welcomed but sometimes it distracts and discourages the writer. Currently do not want to complete that..
 

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Us story par se ek Satvik Prkriti ke vyakti ne man uchta diya . Bhai is forum par aate hain, sex story aur incest story padhte hain par yahan bhi unko satvikata aur imaandaari chahiye. Ajeeb baat ye lagi ki padhne bhi aate hain. Constructive criticism is welcomed but sometimes it distracts and discourages the writer. Currently do not want to complete that..
i fully understand your situation bhai...first concentrate on this sexy story and complete it..and then revisit that one...hopefully by that time, that idiot would have gone out...
most people dont remember that the stories written here are for entertainment purposes and nothing connected to reality...but some dont understand this simple thing...even when we put a disclaimer at the begining of the story.

Look forward to the update of this story whenever your find time. Thanks.

tharkiman
 

tharkiman

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---------------------------------------------------------अर्चना की कहानी उसकी जुबानी ----------------------------------------------------------

उस दिन के बाद से ये दोनों बाप बेटे मेरे शरीर से खेलने लगे। पापा को ये पता नहीं था की जतिन भी मेरे शरीर के मजे ले रहा है। पर ये सब ऊपर ऊपर से ही होता था। न जतिन , न ही पापा किसी को भी मैंने अपनी चूत में ऊँगली तक नहीं करने दी थी। पापा को तो दर्शन भी नहीं हुए थे पर ऊपर ही ऊपर उन्होंने बहुत सहलाया था। पापा को चूत न देने की वजह थी मेरे अंदर का डर। उन्होंने बहुत रंडीबाजी की थी। मुझे डर था कोई बिमारी ना लेकर बैठे हों। मुझमे ये डर अंदर तक समाया था। पापा ने भी सब्र रखा हुआ था। पर आदत से मजबूर थी। रंडीबाजी और दारूबाजी बंद नहीं हुई थी।

पापा को उनके कहने पर मैं मुठिया जरूर देती थी। उन्होंने कई बार लंड को मुँह में लेने को कहा पर डर से मैंने लिया नहीं। मैं हर बार यही कहती थी उसके लिए वो दोनों रंडी हैं ना। वो ये सु नाराज भी होते, एक आध बार मुझे मार भी देते पर जोर जबरदस्ती नहीं करते। एक लेवल की अंडरस्टैंडिंग बन गई थी। पर उन्हें मेरे गांड पर चढ़ कर माल निकलना पसंद आने लगा था। कभी लेटे लेटे तो कभी कुतिया बना कर वि मेरे गांड के फैंको के बीच अपना माल निकाल लेटे थी।

पर मेरे इस प्यारे छोटे भाई के साथ सम्बन्ध आगे बढ़ चुके थी। हम दोनों एक दुसरे के सामने नंगे रह लेते। मैं इसकी लुल्ली चूसने लगी थी और ये मेरा चूत चाटने लगा था। कभी कभी इससे चूत में ऊँगली करवा लेती थी। पापा ने कई बार मुझे चोदने की कोशिश की और मेरा मन करता भी था पर हर बार मैं मना कर देती। इस चक्कर में वो मुझसे मार पीट भी करते और जब ऐसा होता उनका दारू पीना बढ़ जाता।

आखिर में हुआ वही तो जिसका डर था पापा एक दिन शराब पीकर आ रहे थे और उनका एक्सीडेंट हो गया। एक्सीडेंट इतना भयंकर था की उनकी ऑन स्पॉट मौत हो गई।

मेरे ससुर पापा के ऑफिस में ही काम करते थे। उन लोगों से थोड़ी पहचान पहले भी थी। उन्हें हमारे घर के अंदुरुनी मसलों का पता तो नहीं था पर पापा की बुरी आदतों का पता था। उन्हें मुझ पर थोड़ा तरस आया और अपने लड़के से मेरी शादी करने का प्रस्ताव रख दिया। उन्होंने वादा किया जैसे सी जतिन का कॉलेज पूरा होगा पापा की जगह नौकरी लगवा देंगे। मुझे ये लोग अच्छे लगे तो मैं भी हाँ कर दी।



---------------------------------------------------------------------वर्तमान ----------------------------------------------------------------

पर मुझे पता नहीं था की मेरे पति के लौड़े में दम नहीं है। साला जोर लगा कर चोदता तो है पर रिजल्ट कुछ नहीं है। पर ये लोग अपनी कमी नहीं मानते हैं। मैंने भी कंप्लेंट नहीं किया क्योंकि मुझे लगा जतिन ही कुछ कर लेगा पर इस साले में भी कोई दम नहीं है। मुझे बच्चा चाहिए , अब ये दोनों नहीं तो कोई और सही। तू लंबा चौड़ा है , तेरे में दम है। मुझे यकीन है तू मेरे अंदर जो बीज डालेगा उसका फल तगड़ा आएगा।
 

tharkiman

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i fully understand your situation bhai...first concentrate on this sexy story and complete it..and then revisit that one...hopefully by that time, that idiot would have gone out...
most people dont remember that the stories written here are for entertainment purposes and nothing connected to reality...but some dont understand this simple thing...even when we put a disclaimer at the begining of the story.

Look forward to the update of this story whenever your find time. Thanks.

tharkiman
Thanks for the support..
 
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Ek number

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---------------------------------------------------------अर्चना की कहानी उसकी जुबानी ----------------------------------------------------------

उस दिन के बाद से ये दोनों बाप बेटे मेरे शरीर से खेलने लगे। पापा को ये पता नहीं था की जतिन भी मेरे शरीर के मजे ले रहा है। पर ये सब ऊपर ऊपर से ही होता था। न जतिन , न ही पापा किसी को भी मैंने अपनी चूत में ऊँगली तक नहीं करने दी थी। पापा को तो दर्शन भी नहीं हुए थे पर ऊपर ही ऊपर उन्होंने बहुत सहलाया था। पापा को चूत न देने की वजह थी मेरे अंदर का डर। उन्होंने बहुत रंडीबाजी की थी। मुझे डर था कोई बिमारी ना लेकर बैठे हों। मुझमे ये डर अंदर तक समाया था। पापा ने भी सब्र रखा हुआ था। पर आदत से मजबूर थी। रंडीबाजी और दारूबाजी बंद नहीं हुई थी।

पापा को उनके कहने पर मैं मुठिया जरूर देती थी। उन्होंने कई बार लंड को मुँह में लेने को कहा पर डर से मैंने लिया नहीं। मैं हर बार यही कहती थी उसके लिए वो दोनों रंडी हैं ना। वो ये सु नाराज भी होते, एक आध बार मुझे मार भी देते पर जोर जबरदस्ती नहीं करते। एक लेवल की अंडरस्टैंडिंग बन गई थी। पर उन्हें मेरे गांड पर चढ़ कर माल निकलना पसंद आने लगा था। कभी लेटे लेटे तो कभी कुतिया बना कर वि मेरे गांड के फैंको के बीच अपना माल निकाल लेटे थी।

पर मेरे इस प्यारे छोटे भाई के साथ सम्बन्ध आगे बढ़ चुके थी। हम दोनों एक दुसरे के सामने नंगे रह लेते। मैं इसकी लुल्ली चूसने लगी थी और ये मेरा चूत चाटने लगा था। कभी कभी इससे चूत में ऊँगली करवा लेती थी। पापा ने कई बार मुझे चोदने की कोशिश की और मेरा मन करता भी था पर हर बार मैं मना कर देती। इस चक्कर में वो मुझसे मार पीट भी करते और जब ऐसा होता उनका दारू पीना बढ़ जाता।

आखिर में हुआ वही तो जिसका डर था पापा एक दिन शराब पीकर आ रहे थे और उनका एक्सीडेंट हो गया। एक्सीडेंट इतना भयंकर था की उनकी ऑन स्पॉट मौत हो गई।

मेरे ससुर पापा के ऑफिस में ही काम करते थे। उन लोगों से थोड़ी पहचान पहले भी थी। उन्हें हमारे घर के अंदुरुनी मसलों का पता तो नहीं था पर पापा की बुरी आदतों का पता था। उन्हें मुझ पर थोड़ा तरस आया और अपने लड़के से मेरी शादी करने का प्रस्ताव रख दिया। उन्होंने वादा किया जैसे सी जतिन का कॉलेज पूरा होगा पापा की जगह नौकरी लगवा देंगे। मुझे ये लोग अच्छे लगे तो मैं भी हाँ कर दी।



---------------------------------------------------------------------वर्तमान ----------------------------------------------------------------

पर मुझे पता नहीं था की मेरे पति के लौड़े में दम नहीं है। साला जोर लगा कर चोदता तो है पर रिजल्ट कुछ नहीं है। पर ये लोग अपनी कमी नहीं मानते हैं। मैंने भी कंप्लेंट नहीं किया क्योंकि मुझे लगा जतिन ही कुछ कर लेगा पर इस साले में भी कोई दम नहीं है। मुझे बच्चा चाहिए , अब ये दोनों नहीं तो कोई और सही। तू लंबा चौड़ा है , तेरे में दम है। मुझे यकीन है तू मेरे अंदर जो बीज डालेगा उसका फल तगड़ा आएगा।
Nice update
 
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