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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 89 75.4%
  • Soniya

    Votes: 29 24.6%

  • Total voters
    118
  • Poll closed .

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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110,405
304
खाना पीना खाने के बाद हम तीनो माँ के कमरे में रजाई के अंदर घुस गए। कमरे में हीटर चल रहा था और बदन में गर्मी भी थी पर जाड़े में रजाई में बदन से बदन सटा कर लेटने का अलग ही मजा है।
मैंने माँ से कहा - तुम विकास भाई और सुरभि की कहानी सुनाओ ना।
माँ - तू मानेगा तो है नहीं। चल सुन।

-------------------------------------------
-सुरभि और विकास के बर्थडे के कहानी माँ कि जुबानी (फ्लैशबैक) ----------------------------
तेरी बड़ी मौसी सुशीला नानी और नाना की तरह ही एक नंबर की चुदास हैं। मौसा भी वैसे ही बिंदास। दोनों ने मान लिया था कि इस घर में चुदाई का खुला माहौल था और आगे भी बना रहेगा। लीला जब बड़ी हुई तो उसकी सील तेरे नाना ने तोडा। इस बात का अफ़सोस तेरे बड़े मौसा को बहुत ज्यादा था। उन्होंने तभी मौसी और नाना से वादा ले लिया था कि अगर दूसरी लड़की हुई और वो इस घर के माहौल में सेट हो जाती है तो उसकी सील मौसा ही तोड़ेंगे। मौसी के लिए तो ये मान्य था कि लड़का हुआ तो उसका लौड़ा मौसी के चूत में सबसे पहले जाएगा।
तेरी बहनो ने तो कभी भी नाना और मौसा लोगों को चोदने का मौका नहीं दिया।
वैसे ही तेरी छोटी मौसी कि लड़की सोनी ने कहीं किसी लौड़े से चुदाई नहीं करवाई। उसके कड़े रुख कि वजह से तेरी छोटी मौसी , मौसा और विक्की तो उसके सामने ज्यादा कुछ नहीं करते थे। वो तो तू जब गया तो उनके यहाँ माहौल खुला और अब सब सामने है।
पर बड़ी मौसी के यहाँ ऐसा नहीं था। उनके यहाँ पूरी नंगई थी। सिर्फ वही नहीं था , चुदाई करते समय खुल कर गालियां देना , कपडे फाड़ना , सबके सामने सामान दबा देना सब चलता था। लीला कि जब उम्र हुई तो वो नाना से चुदने लगी थी।

तुझे तो पता ही है लीला के चार साल के होने के बाद विकास और सुरभि पैदा हुए थे और दोनों जुड़वाँ हैं। दोनों जो भी करते एक जैसा करते और एक साथ करते। जब सुरभि को पहला पीरियड आया तो उसी समय विकास का लौड़ा भी पहली बार पानी छोड़ा। दोनों आपस में खुले हुए थे। स्कूल कि बातें आदि सब शेयर करते। लीला तो रंगीन थी ही। उसके कॉलेज में कई दोस्त थे तो सुरभि के स्कूल में भी दोस्त बन चुके थे। पर तेरी मौसी ने शख्त हिदायत दे रखी थी कि चुम्मा छाती और ऊपर से दबवाने और सहलाने कि इजाजत तो है पर सील तो बाप ही तोड़ेगा। सुरभि बहुत स्मार्ट थी। वो लौंडो को टहलाती तो थी पर हाथ नहीं लगाने देती थी। पर किसी को पता नहीं था कि सुरभि और विकास अपनी जवानी को एक्स्प्लोर करना शुरू कर चुके थे। विकास भी अपनी माँ और बड़ी बहन लीला के साथ खेलने लगा था। जब उसका लंड अपने उबाल पर आता तो वो अपनी बड़ी बहन या माँ के पिछवाड़े से जा चिपकता और उनकी गांड में अपना लंड फंसा कर चिपक जाता ये उसका फेवरेट काम था। सोते समय उनके ऊपर सोना , आते जाते उनके मुम्मे दबा देना। ये सब उनके घर में आम था। वैसे ही सुरभि भी अपने पापा या भाई के गोद में बैठ लेती। । कभी पीठ उनके पेट से सटा कर या कभी उनके तरफ अपना चेहरा करके। जब उसकी चूत में ज्यादा खुजली होती तो माँ या बहन से चटवा लेती। चटवाने और रगड़ने तक की छूट उसे मिली हुई थी। जैसे जैसे दोनों बालिग होने की तरफ बढ़ने लगे , सत्रह पूरा होने को आया , दोनों मस्त सपनो की दुनिया में खो जाते। दोनों के अंदर ये चुल्ल थी की कैसे जवानी का मजा चखा जाए।


जब उनके अठारहवें जन्मदिन मनाने की बात हुई तो मौसा और मौसी ने बड़ी पार्टी रखने को सोची। पर दोनों ने तो अलग ही प्लान कर रखा था। उन दोनों ने कहा कि जन्मदिन बिलकुल प्राइवेट में होगा जिसमे सिर्फ वो चार लोग होंगे। दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अलग पार्टी बाद में होगी।
उनकी ये बात सुनकर पहले तो मौसा ने कहा - लाइफ एन्जॉय करो , दोस्तों के साथ मस्ती करो , सेक्स वेक्स होता रहेगा।
पर दोनों ने कहा - उन्हें घर के माहौल में खुलकर एन्जॉय करना है। दोस्तों के साथ एजॉय तभी कर पाएंगे जब उनको एन्जॉयमेंट करने तरीका पता हो।
आखिर सबको मानना पड़ा। उनके उन्नीसवें साल के पहले दिन एक जबरजस्त पार्टी का अरेंजमेंट किया गया। दो बड़े केक , बियर, ड्रिंक्स , खाने का अच्छी व्यवस्था , म्यूजिक सब घर में अर्रेंज हुआ । लीला तेरे नाना और मामा मामी को भी बुलाना चाहती थी पर सुरभि उन्हें नहीं बुलाने के जिद्द पर अड़ी थी।
उस पर लीला ने कहा - तुम दोनों भाई बहन तो अपना उद्घाटन करवा लोगे पर मेरा क्या ? तुम लोग अपनी पार्ट मनाओ मैं जा रही हूँ।
लीला के जिद्द के आगे सबको झुकना पड़ा। बात भी सही थी।
सुरभि ने कहा - सिर्फ नाना और कोई नहीं। और कल नाना ने मुझे बिना मर्जी के छुआ तो उनका लैंड काट दूंगी।
सब ये सुनकर हंसने लगे। शाम को नाना भी उनके घर पहुँच गए। वो साथ में शैम्पेन का बोतल लेकर आये थे।

ये देख कर विकास और सुरभि दोनों खुश हो गए। नाना ने दोनों के लिए बहुत गिफ्ट भी लिए थे। नया फ़ोन, घडी। अभी पार्टी शुरू होनी थी कि बाहर घंटी बजी। विकास दरवाजे पर गया तो दो लोग खड़े थे। पीछे से तेरे मौसा भी पहुँच गए। उन्होंने सुरभि को आवाज दिया।

सब बाहर निकले तो देख कर एकदम खुश हो गए। दोनों बन्दे हौंडा से आये थे। मौसा ने विकास के लिए बाइक और सुरभि के लिए स्कूटी खरीदी थी। सुरभि ने स्कूटी देखा तो एकदम से पापा से लिपट गई और उनके चेहरे को बेतहाशा चुमने लगी। एक तरफ विकास अपनी बाइक देखने में मगन था पर सुरभि तो पापा से लिपटी हुई थी। खैर चाभी और बाकी फॉर्मेलिटी करने के बाद उन दोनों बन्दों को भेज दिया गया और सब घर में आ गए। नाना ने कहा - भाई इस ख़ुशी में शेम्पेन भी खोला जाए।
मौसी - क्या बाउजी , आप भी ना। पहले केक कटेगा फिर कुछ और।
टेबल पर दोनों केक सजा दिए गए सुरभि और विकास ने केक काटा। सुरभी ने पहले अपने पापा को खिलाया और विकास ने माँ को। तभी लीला को ना जाने क्या चुहल सूजी , उसने एक बड़ा टुकड़ा केक का उठाया और सुरभि के चेहरे पर पोत दिया। पहले तो सुरभि बहुत गुस्सा हुई पर सभी उसको देख कर हंसने लगे। ये देख सुरभि ने भी केक का टुकड़ा लिया और लीला के चेहरे पर लगा दिया। फिर क्या था केक का खेल शुरू हो गया। विकास ने एक टुकड़ा उठाया और अपनी माँ के चेहरे पर लगा दिया। सिवाय नाना और तेरे मौसा के सबके चेहरे पर केक पुता हुआ था। सुरभि ने कहा - धूल कर आती हूँ।
उसके पापा बोले - ला मैं साफ़ कर दूँ।
सुरभि - रहने दो मैं धूल कर आती हूँ।
तब तक तेरे मौसा ने उसे अपने गोद में खींच लिया और उसके चेहरे पर लगे केक को जीभ से चाटने लगे।
सुरभि और तेरे मौसा के देखा देखि लेना ने नाना से कहा - आप मेरी सफाई कर दो।
नाना - तू कहे तो तुझे तो चाट कर पूरा साफ़ कर दूँ।
लीला उनके गोद में बैठ गई।

मौसी ने देखा कि खेल शुरू हो गया है तो उन्होंने विकास कि तरफ इशारा किया। विकास जैसे ही उनके पास पहुंचा तेरी मौसी ने उसे चाटना शुरू कर दिया। चूँकि तेरी मौसी के चेहरे पर भी केक लगा था विकास उनके चेहरे को चाटने लगा। दोनों खड़े खड़े एक दुसरे के चेहरे को चाटने लगे। लीला और सुरभि सोफे पर अपने अपने आशिक के गोद में बैठ कर चेहरा साफ़ करवा रही थी। चुम्मा छाती का ये कार्यक्रम चल रहा था। तेरे मौसा ने सुरभि के टॉप को उतारना चाहा तो सुरभि बोल पड़ी - अभी नहीं।
उसके ना बोलते ही तेरे मौसा रुक गए। सुरभि ने भी अपने आपको कन्ट्रोल किया और बाथरूम कि तरफ चली गई। उसके हटते ही मौसी और विकास भी चेहरा साफ़ करने चले गए। पर लीला वहीँ तेरे नाना और मौसा के साथ चिपक कर बैठ गई। उसे पता था अभी तो चुसाई और चटाई का खेल चलने वाला है।
-------------------------------------------------------------------
वर्तनाम में --------------------------------------------------------------------
माँ कि बात सुनकर मैंने कहा - माँ तुहे याद है तुमने और दीदी ने कैसे ऐसे ही मुझे फ्रूट्स खिलाये थे।
माँ - वो तो कुछ भी नहीं था। तेरे मौसा के यहाँ उस रात तो बहुत कुछ हुआ।
श्वेता - आगे सुनाओ ना।
माँ - रुक जरा शुशु आई है।
श्वेता - रुको मैं भी ऑटो हूँ।
मैं - मैं भी।
बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए।
Shaandar Mast Lajwab Update 🔥
 
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Vishalji1

I love lick😋women's @ll body part👅(pee+sweat)
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Super amazing wonderfull update
 

Gokb

Well-Known Member
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Jabardast update diya hai apne
 
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खाना पीना खाने के बाद हम तीनो माँ के कमरे में रजाई के अंदर घुस गए। कमरे में हीटर चल रहा था और बदन में गर्मी भी थी पर जाड़े में रजाई में बदन से बदन सटा कर लेटने का अलग ही मजा है।
मैंने माँ से कहा - तुम विकास भाई और सुरभि की कहानी सुनाओ ना।
माँ - तू मानेगा तो है नहीं। चल सुन।

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-सुरभि और विकास के बर्थडे के कहानी माँ कि जुबानी (फ्लैशबैक) ----------------------------
तेरी बड़ी मौसी सुशीला नानी और नाना की तरह ही एक नंबर की चुदास हैं। मौसा भी वैसे ही बिंदास। दोनों ने मान लिया था कि इस घर में चुदाई का खुला माहौल था और आगे भी बना रहेगा। लीला जब बड़ी हुई तो उसकी सील तेरे नाना ने तोडा। इस बात का अफ़सोस तेरे बड़े मौसा को बहुत ज्यादा था। उन्होंने तभी मौसी और नाना से वादा ले लिया था कि अगर दूसरी लड़की हुई और वो इस घर के माहौल में सेट हो जाती है तो उसकी सील मौसा ही तोड़ेंगे। मौसी के लिए तो ये मान्य था कि लड़का हुआ तो उसका लौड़ा मौसी के चूत में सबसे पहले जाएगा।
तेरी बहनो ने तो कभी भी नाना और मौसा लोगों को चोदने का मौका नहीं दिया।
वैसे ही तेरी छोटी मौसी कि लड़की सोनी ने कहीं किसी लौड़े से चुदाई नहीं करवाई। उसके कड़े रुख कि वजह से तेरी छोटी मौसी , मौसा और विक्की तो उसके सामने ज्यादा कुछ नहीं करते थे। वो तो तू जब गया तो उनके यहाँ माहौल खुला और अब सब सामने है।
पर बड़ी मौसी के यहाँ ऐसा नहीं था। उनके यहाँ पूरी नंगई थी। सिर्फ वही नहीं था , चुदाई करते समय खुल कर गालियां देना , कपडे फाड़ना , सबके सामने सामान दबा देना सब चलता था। लीला कि जब उम्र हुई तो वो नाना से चुदने लगी थी।

तुझे तो पता ही है लीला के चार साल के होने के बाद विकास और सुरभि पैदा हुए थे और दोनों जुड़वाँ हैं। दोनों जो भी करते एक जैसा करते और एक साथ करते। जब सुरभि को पहला पीरियड आया तो उसी समय विकास का लौड़ा भी पहली बार पानी छोड़ा। दोनों आपस में खुले हुए थे। स्कूल कि बातें आदि सब शेयर करते। लीला तो रंगीन थी ही। उसके कॉलेज में कई दोस्त थे तो सुरभि के स्कूल में भी दोस्त बन चुके थे। पर तेरी मौसी ने शख्त हिदायत दे रखी थी कि चुम्मा छाती और ऊपर से दबवाने और सहलाने कि इजाजत तो है पर सील तो बाप ही तोड़ेगा। सुरभि बहुत स्मार्ट थी। वो लौंडो को टहलाती तो थी पर हाथ नहीं लगाने देती थी। पर किसी को पता नहीं था कि सुरभि और विकास अपनी जवानी को एक्स्प्लोर करना शुरू कर चुके थे। विकास भी अपनी माँ और बड़ी बहन लीला के साथ खेलने लगा था। जब उसका लंड अपने उबाल पर आता तो वो अपनी बड़ी बहन या माँ के पिछवाड़े से जा चिपकता और उनकी गांड में अपना लंड फंसा कर चिपक जाता ये उसका फेवरेट काम था। सोते समय उनके ऊपर सोना , आते जाते उनके मुम्मे दबा देना। ये सब उनके घर में आम था। वैसे ही सुरभि भी अपने पापा या भाई के गोद में बैठ लेती। । कभी पीठ उनके पेट से सटा कर या कभी उनके तरफ अपना चेहरा करके। जब उसकी चूत में ज्यादा खुजली होती तो माँ या बहन से चटवा लेती। चटवाने और रगड़ने तक की छूट उसे मिली हुई थी। जैसे जैसे दोनों बालिग होने की तरफ बढ़ने लगे , सत्रह पूरा होने को आया , दोनों मस्त सपनो की दुनिया में खो जाते। दोनों के अंदर ये चुल्ल थी की कैसे जवानी का मजा चखा जाए।


जब उनके अठारहवें जन्मदिन मनाने की बात हुई तो मौसा और मौसी ने बड़ी पार्टी रखने को सोची। पर दोनों ने तो अलग ही प्लान कर रखा था। उन दोनों ने कहा कि जन्मदिन बिलकुल प्राइवेट में होगा जिसमे सिर्फ वो चार लोग होंगे। दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अलग पार्टी बाद में होगी।
उनकी ये बात सुनकर पहले तो मौसा ने कहा - लाइफ एन्जॉय करो , दोस्तों के साथ मस्ती करो , सेक्स वेक्स होता रहेगा।
पर दोनों ने कहा - उन्हें घर के माहौल में खुलकर एन्जॉय करना है। दोस्तों के साथ एजॉय तभी कर पाएंगे जब उनको एन्जॉयमेंट करने तरीका पता हो।
आखिर सबको मानना पड़ा। उनके उन्नीसवें साल के पहले दिन एक जबरजस्त पार्टी का अरेंजमेंट किया गया। दो बड़े केक , बियर, ड्रिंक्स , खाने का अच्छी व्यवस्था , म्यूजिक सब घर में अर्रेंज हुआ । लीला तेरे नाना और मामा मामी को भी बुलाना चाहती थी पर सुरभि उन्हें नहीं बुलाने के जिद्द पर अड़ी थी।
उस पर लीला ने कहा - तुम दोनों भाई बहन तो अपना उद्घाटन करवा लोगे पर मेरा क्या ? तुम लोग अपनी पार्ट मनाओ मैं जा रही हूँ।
लीला के जिद्द के आगे सबको झुकना पड़ा। बात भी सही थी।
सुरभि ने कहा - सिर्फ नाना और कोई नहीं। और कल नाना ने मुझे बिना मर्जी के छुआ तो उनका लैंड काट दूंगी।
सब ये सुनकर हंसने लगे। शाम को नाना भी उनके घर पहुँच गए। वो साथ में शैम्पेन का बोतल लेकर आये थे।

ये देख कर विकास और सुरभि दोनों खुश हो गए। नाना ने दोनों के लिए बहुत गिफ्ट भी लिए थे। नया फ़ोन, घडी। अभी पार्टी शुरू होनी थी कि बाहर घंटी बजी। विकास दरवाजे पर गया तो दो लोग खड़े थे। पीछे से तेरे मौसा भी पहुँच गए। उन्होंने सुरभि को आवाज दिया।

सब बाहर निकले तो देख कर एकदम खुश हो गए। दोनों बन्दे हौंडा से आये थे। मौसा ने विकास के लिए बाइक और सुरभि के लिए स्कूटी खरीदी थी। सुरभि ने स्कूटी देखा तो एकदम से पापा से लिपट गई और उनके चेहरे को बेतहाशा चुमने लगी। एक तरफ विकास अपनी बाइक देखने में मगन था पर सुरभि तो पापा से लिपटी हुई थी। खैर चाभी और बाकी फॉर्मेलिटी करने के बाद उन दोनों बन्दों को भेज दिया गया और सब घर में आ गए। नाना ने कहा - भाई इस ख़ुशी में शेम्पेन भी खोला जाए।
मौसी - क्या बाउजी , आप भी ना। पहले केक कटेगा फिर कुछ और।
टेबल पर दोनों केक सजा दिए गए सुरभि और विकास ने केक काटा। सुरभी ने पहले अपने पापा को खिलाया और विकास ने माँ को। तभी लीला को ना जाने क्या चुहल सूजी , उसने एक बड़ा टुकड़ा केक का उठाया और सुरभि के चेहरे पर पोत दिया। पहले तो सुरभि बहुत गुस्सा हुई पर सभी उसको देख कर हंसने लगे। ये देख सुरभि ने भी केक का टुकड़ा लिया और लीला के चेहरे पर लगा दिया। फिर क्या था केक का खेल शुरू हो गया। विकास ने एक टुकड़ा उठाया और अपनी माँ के चेहरे पर लगा दिया। सिवाय नाना और तेरे मौसा के सबके चेहरे पर केक पुता हुआ था। सुरभि ने कहा - धूल कर आती हूँ।
उसके पापा बोले - ला मैं साफ़ कर दूँ।
सुरभि - रहने दो मैं धूल कर आती हूँ।
तब तक तेरे मौसा ने उसे अपने गोद में खींच लिया और उसके चेहरे पर लगे केक को जीभ से चाटने लगे।
सुरभि और तेरे मौसा के देखा देखि लेना ने नाना से कहा - आप मेरी सफाई कर दो।
नाना - तू कहे तो तुझे तो चाट कर पूरा साफ़ कर दूँ।
लीला उनके गोद में बैठ गई।

मौसी ने देखा कि खेल शुरू हो गया है तो उन्होंने विकास कि तरफ इशारा किया। विकास जैसे ही उनके पास पहुंचा तेरी मौसी ने उसे चाटना शुरू कर दिया। चूँकि तेरी मौसी के चेहरे पर भी केक लगा था विकास उनके चेहरे को चाटने लगा। दोनों खड़े खड़े एक दुसरे के चेहरे को चाटने लगे। लीला और सुरभि सोफे पर अपने अपने आशिक के गोद में बैठ कर चेहरा साफ़ करवा रही थी। चुम्मा छाती का ये कार्यक्रम चल रहा था। तेरे मौसा ने सुरभि के टॉप को उतारना चाहा तो सुरभि बोल पड़ी - अभी नहीं।
उसके ना बोलते ही तेरे मौसा रुक गए। सुरभि ने भी अपने आपको कन्ट्रोल किया और बाथरूम कि तरफ चली गई। उसके हटते ही मौसी और विकास भी चेहरा साफ़ करने चले गए। पर लीला वहीँ तेरे नाना और मौसा के साथ चिपक कर बैठ गई। उसे पता था अभी तो चुसाई और चटाई का खेल चलने वाला है।
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माँ कि बात सुनकर मैंने कहा - माँ तुहे याद है तुमने और दीदी ने कैसे ऐसे ही मुझे फ्रूट्स खिलाये थे।
माँ - वो तो कुछ भी नहीं था। तेरे मौसा के यहाँ उस रात तो बहुत कुछ हुआ।
श्वेता - आगे सुनाओ ना।
माँ - रुक जरा शुशु आई है।
श्वेता - रुको मैं भी ऑटो हूँ।
मैं - मैं भी।
बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए।
Lazawab umda Shandar Romantic update 💯
 

Samar_Singh

Conspiracy Theorist
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Awesome story

Completed all updates in few days....
Writing style is awesome. Erotic and interesting.
Sex parts is also really good.

Raj jo Nana ko sabak sikhne wala tha uska kya hua, jo Nana ki chudai band karwane wala tha. Holi par sabse badhiya mauka hoga pure khandan ke samne nana ki pol kholne ka.

Waiting for next update
 
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tharkiman

Active Member
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माँ कि बात सुनकर मैंने कहा - माँ तुहे याद है तुमने और दीदी ने कैसे ऐसे ही मुझे फ्रूट्स खिलाये थे।
माँ - वो तो कुछ भी नहीं था। तेरे मौसा के यहाँ उस रात तो बहुत कुछ हुआ।
श्वेता - आगे सुनाओ ना।
माँ - रुक जरा शुशु आई है।
श्वेता - रुको मैं भी आती हूँ।
मैं - मैं भी।
बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए। माँ ने एक कोने में निचे ही मूतना शुरू कर दिया था और श्वेता कमोड पर जाकर बैठ गई। दोनों ने जब सीटियों के साथ मूतना शुरू किया तो मेरे लंड ने सब भूल सलामी देना शुरू कर दिया। मैं बस उन दोनों के छूट की म्यूजिक सुन रहा था।
श्वेता हँसते हुए बोली - क्या हुआ मेरे राजा ?
मैं - अरे तुम दोनों उठो तो मैं करूँ।
दोनों उठ गई। माँ - खड़ा करके रखेगा तो मुतेगा कैसे?
मैं - तुम दोनों की चूत का संगीत और तुम्हारी मस्त गांड देख कर ये सलामी देने लगा।
माँ - कर ले अगर आगे की कहानी सुननी है तो। वैसे भी ये कहानी सुनकर खड़ा ही रहने वाला है।
दोनों ने मुझे उसी हालत में छोड़ दिया। बड़ी मुश्किल से लंड पर पानी डाल कर मैंने उसे तैयार किया। कमरे में वापस पहुंचा तो श्वेता नही थी। कुछ ही देर में वो पानी की बोतल लेकर अंदर आई। हम सब वापस रजाई में घुस गए। माँ बीच में और हम दोनों उनके दोनों तरफ उनके शरीर को मींजने लगे। माँ ने आगे की कहानी शुरू की।

-----------------------------------सुरभि और विकास के बर्थडे के कहानी माँ कि जुबानी (फ्लैशबैक) ------------------------
हाथ मुँह धोकर सब वापस आये तो नाना ने कहा - अब तो शेम्पेन खोल लिया जाए।
तेरी मौसी - अभी केक खा लीजिये बाबूजी। कुछ नाश्ता कर लें। एक बार शेम्पेन खुला तो फिर सब उसी पर भीड़ जायेंगे।
केक और नाश्ता खाने के बाद विकास ने बोतल उठा लिया और उसे जोर से हिलाते हुए खोल दिया। शेम्पेन झाग के साथ तेजी से निकलने लगा। चुहलबाजी में उसने उसकी धार उसने तेरी मौसी की तरफ कर दी। मौसी शेम्पेन से भींगने लगीं। ये देख सब हंसने लगें।
तेरे नाना बोले - अरे शेम्पेन क्यों बर्बाद कर रहा है ?
तेरी मौसी गुस्से में - आपको ये नहीं दिख रहा है मैं भींग रही हूँ ?
विकास - मेरे ऊपर केक लगाते समय तो सब मजे ले रहे थे।
सुरभि ने बोतल विकास के हाथ से ले लिया और अपने पापा के पास जाकर बैठ गई। विकास हँसते हुए अपनी माँ को देख रहा था।
और लीला को ना जाने क्या सुझा उठी और अपनी माँ के चेहरे और स्तनों पर से टपकता हुआ शेम्पेन चाट कर बोली - जैसे केक साफ़ किया था वैसे ये भी साफ़ कर दे।
अब विकास भी अपनी माँ के ऊपर टूट पड़ा। तेरे नाना भी उठ कर मौसी के पास गए। मौसी के शरीर और कपड़ों को तीनो चाटने लगे। लीला उनके कपडे भी उतारने लगी। कुक ही देर में मौसी सिर्फ पैंटी में खड़ी थी और तीनो उनके शरीर के अंग अंग को चाट रहे थे। लीला ने तो एक बीयर की बोतल उठा ली और उसे अपनी माँ के दोनों स्तनों पर धीरे धीरे करके उडेलनी लगी। लग रहा था तेरी मौसी के स्तनों से दूध की नहीं शराब की धार निकल रही हो और विकास के साथ साथ तेरे नाना दोनों स्तनों से उस धार को पी रहे थे। तेरी मौसी सिसकारियां ले रही थी।
कुछ देर में लीला अपनी माँ के पैरों के बीच में बैठ गई और चूत को पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगी। विकास उनके सामने खड़ा उनके चेहरे, गर्दन और मुम्मे चाटने में लगा था। नाना अपनी बिटिया के पीछे जा पहुंचे थे और उनके गोर गोर पीठ के को चूमते हुए उनके गांड मसल रहे थे।
लीला ने विकास के पैंट और अंडरवियर को भी उतार दिया। विकास का लंड पुरे उफान पार था। लीला का जीभ अपनी माँ के लंड पर था और हाथ भाई के लंड की लम्बाई नाप रहा था।
उधर सुरभि अपने पिता के गोद में थी। तेरे मौसा उसके छोटे मद्धम अकार के मुम्मो को मसल रहे थे। और सुरभि उनके ऊपर बैठी अपने कमर को आगे पीछे कर रही थी। तेरे मौसा खिलाड़ी थे। उन्हें पता था जल्दीबाजी में कोई मजा नहीं है। वो तो बस उसको हर तरह से प्यार कर रहे थे। कभी उसके गर्दन को चूमते तो कभी उसके कान के लबों को। उनका एक हाथ उसके स्तनों के अकार को नाप रहा था तो एक हाथ नाभि की गहराइयों और पेट की चिकनाई महसूस कर रहा था।
जैसे ही विकास का लंड सामने आया , सुरभि बोल पड़ी - पापा , इसका भी बड़ा है।
तेरे मौसा - आखिर बेटा और नाती किसका है।
सुरभि अब घूम गई और अपने पापा की तरफ मुँह करके बैठ गई। उसकी चुस्त लेग्गिंग आगे से गीली हो रखी थी। मौसा का लंड भी अपने आकार में आ चूका था। सुरभि ने पैंट की जिप खोल कर उसे अंडरवियर के छेद से बाहर कर दिया था। हाथ में बाप का लौड़ा लेकर बोली - पापा लगता है ये अब मानेगा नहीं।
सुरभि के पापा - मानेगा तो नहीं। पर जल्दी क्या है ?
सुरभि - आपका यही अंदाज तो कातिल है।
दोनों फिर से एक दुसरे को चूमने लगे। तेरे मौसा उसकी पीठ सहलाते सहलाते उसके कुर्ती को ऊपर करने लगे। उसने कोई विरोध नहीं किया। अब वो टॉपलेस थी। सिर्फ लेग्गिंग में। तेरे मौसा उसके स्तनों को दबा रहे थे और वो उन्हें चूम रही थी।
उधर तेरे नाना नानी को चोदने का मूड बना चुके थे। उन्होंने अपने कपडे उतार दिए थे। मौसी को जैसे ही लगा कि बाउजी अब छोड़ेंगे नहीं तो वो अलग हो गईं। उन्होंने विकास का हाथ पकड़ा और लड़खड़ाते हुए डाइनिंग टेबल कि तरफ बढ़ते हुए बोली - आज नहीं बाउजी। लीला है न। आज मैं अपने बेटे की हूँ।
ये सुनते ही विकास एकदम से खुश हो गया। उसने मौसी को बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया। कुछ ही पल में मौसी डाइनिंग टेबल पर लेटी हुई थी और विकार उनके ऊपर लेटी हुई अवस्था में उनके शरीर को चूम और चाट रहा था।
तेरे नाना अपनी ही बेटी की इस हरकत को देख कर नाराज से हो गए। बोले - रंडी , अपने बाप को मना करती है। देख तेरी बेटी की क्या हालत करता हूँ।
मौसी ने भी जवाब दिया - वो आपकी रखैल बन चुकी है। साली को बस गहराई तक खुदाई चाहिए। उसका चूत तो पहले से भोसड़ा बना हुआ है। आपने पेल पेल के फाड़ दिया है।
लीला - चुप साली बहनचोद। तूने ही तो सब सिखाया है। अपने मर्द से पहले बाप से चुदी। और खुद तो जवान लौंडे का मजा ले रही है। लौड़ा मिला तो बाप को छोड़ दिया। मैं कम से कम वफादार तो हूँ।
मौसी - तो दिखा न वफादारी। चढ़ा ले मेरे बाप को।
लीला - चढ़ा लुंगी तेरे बाप को भी , अपने बाप को भी। और अभी जो लंड मिला है वो भी एक दिन मेरे चूत में आएगा।
नाना ने लीला कप वहीँ माँ के बगल में डाइनिंग टेबल पर कुटिया बना कर खड़ा कर दिया और पीछे से उसके चूत में अपना लंड दाल कर चोदने लगे।
लीला - आह नाना , चोद दो मुझे। मुझे ये स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है की मैं तुम्हारी पर्सनल रखैल हूँ। आह इस्सस। और तेज।

अब तक विकास भी अपनी माँ की चूत में घुस चूका था। उसने मुठ तो बहुत बार मारी थी। ऊपर ऊपर से अपनी माँ और बहन के ऊपर रगड़ा मार के माल भी गिराया था। पर उसका लंड चूत की सर पहली बार कर रहा था। चूँकि पहले से काफी एक्साइटेड थे तो कुछ ही धक्कों में उसने माल गिरा दिया। माल निकलते ही उसका लंड सिकुड़ गया। अपनी स्थिति का एहसास होते ही उसका मन रुनवासा हो गया।
तेरी मौसी अनुभवी थी। पर जोश में जल्दी कर गईं थी।
वो उठ कर बैठ गई और उससे बोली - होता है। पहली बार था। तेरे पापा का भी पहली बार झट से निकल गया था। देख अब कितने अनुभव से सुरभि को प्यार कर रहे हैं।
विकास ने उधर देखा तो सुरभि सोफे पर नंगी बैठी हुई थी और उसके पापा उसके जांघों में मुँह घुसाए हुए उसकी चूत चाटने में लगे हुए थे। उन्हें कोई जल्दी नहीं थी। सुरभि भी तड़पते हुए अपने बदन को इधर उधर कर रही थी। पसीने में भींगा उसका बदन बता रहा था कि उसकी चूत कई बार बाह चुकी है। और वो एक बार और झड़ने कि कगार पर है।
उधर उसके नाना कुत्ते की तरह लीला को चोद रहे थे।
 

Vishalji1

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