अभी तो पार्टी शुरू हुई हैखाना पीना खाने के बाद हम तीनो माँ के कमरे में रजाई के अंदर घुस गए। कमरे में हीटर चल रहा था और बदन में गर्मी भी थी पर जाड़े में रजाई में बदन से बदन सटा कर लेटने का अलग ही मजा है।
मैंने माँ से कहा - तुम विकास भाई और सुरभि की कहानी सुनाओ ना।
माँ - तू मानेगा तो है नहीं। चल सुन।
--------------------------------------------सुरभि और विकास के बर्थडे के कहानी माँ कि जुबानी (फ्लैशबैक) ----------------------------
तेरी बड़ी मौसी सुशीला नानी और नाना की तरह ही एक नंबर की चुदास हैं। मौसा भी वैसे ही बिंदास। दोनों ने मान लिया था कि इस घर में चुदाई का खुला माहौल था और आगे भी बना रहेगा। लीला जब बड़ी हुई तो उसकी सील तेरे नाना ने तोडा। इस बात का अफ़सोस तेरे बड़े मौसा को बहुत ज्यादा था। उन्होंने तभी मौसी और नाना से वादा ले लिया था कि अगर दूसरी लड़की हुई और वो इस घर के माहौल में सेट हो जाती है तो उसकी सील मौसा ही तोड़ेंगे। मौसी के लिए तो ये मान्य था कि लड़का हुआ तो उसका लौड़ा मौसी के चूत में सबसे पहले जाएगा।
तेरी बहनो ने तो कभी भी नाना और मौसा लोगों को चोदने का मौका नहीं दिया।
वैसे ही तेरी छोटी मौसी कि लड़की सोनी ने कहीं किसी लौड़े से चुदाई नहीं करवाई। उसके कड़े रुख कि वजह से तेरी छोटी मौसी , मौसा और विक्की तो उसके सामने ज्यादा कुछ नहीं करते थे। वो तो तू जब गया तो उनके यहाँ माहौल खुला और अब सब सामने है।
पर बड़ी मौसी के यहाँ ऐसा नहीं था। उनके यहाँ पूरी नंगई थी। सिर्फ वही नहीं था , चुदाई करते समय खुल कर गालियां देना , कपडे फाड़ना , सबके सामने सामान दबा देना सब चलता था। लीला कि जब उम्र हुई तो वो नाना से चुदने लगी थी।
तुझे तो पता ही है लीला के चार साल के होने के बाद विकास और सुरभि पैदा हुए थे और दोनों जुड़वाँ हैं। दोनों जो भी करते एक जैसा करते और एक साथ करते। जब सुरभि को पहला पीरियड आया तो उसी समय विकास का लौड़ा भी पहली बार पानी छोड़ा। दोनों आपस में खुले हुए थे। स्कूल कि बातें आदि सब शेयर करते। लीला तो रंगीन थी ही। उसके कॉलेज में कई दोस्त थे तो सुरभि के स्कूल में भी दोस्त बन चुके थे। पर तेरी मौसी ने शख्त हिदायत दे रखी थी कि चुम्मा छाती और ऊपर से दबवाने और सहलाने कि इजाजत तो है पर सील तो बाप ही तोड़ेगा। सुरभि बहुत स्मार्ट थी। वो लौंडो को टहलाती तो थी पर हाथ नहीं लगाने देती थी। पर किसी को पता नहीं था कि सुरभि और विकास अपनी जवानी को एक्स्प्लोर करना शुरू कर चुके थे। विकास भी अपनी माँ और बड़ी बहन लीला के साथ खेलने लगा था। जब उसका लंड अपने उबाल पर आता तो वो अपनी बड़ी बहन या माँ के पिछवाड़े से जा चिपकता और उनकी गांड में अपना लंड फंसा कर चिपक जाता ये उसका फेवरेट काम था। सोते समय उनके ऊपर सोना , आते जाते उनके मुम्मे दबा देना। ये सब उनके घर में आम था। वैसे ही सुरभि भी अपने पापा या भाई के गोद में बैठ लेती। । कभी पीठ उनके पेट से सटा कर या कभी उनके तरफ अपना चेहरा करके। जब उसकी चूत में ज्यादा खुजली होती तो माँ या बहन से चटवा लेती। चटवाने और रगड़ने तक की छूट उसे मिली हुई थी। जैसे जैसे दोनों बालिग होने की तरफ बढ़ने लगे , सत्रह पूरा होने को आया , दोनों मस्त सपनो की दुनिया में खो जाते। दोनों के अंदर ये चुल्ल थी की कैसे जवानी का मजा चखा जाए।
जब उनके अठारहवें जन्मदिन मनाने की बात हुई तो मौसा और मौसी ने बड़ी पार्टी रखने को सोची। पर दोनों ने तो अलग ही प्लान कर रखा था। उन दोनों ने कहा कि जन्मदिन बिलकुल प्राइवेट में होगा जिसमे सिर्फ वो चार लोग होंगे। दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अलग पार्टी बाद में होगी।
उनकी ये बात सुनकर पहले तो मौसा ने कहा - लाइफ एन्जॉय करो , दोस्तों के साथ मस्ती करो , सेक्स वेक्स होता रहेगा।
पर दोनों ने कहा - उन्हें घर के माहौल में खुलकर एन्जॉय करना है। दोस्तों के साथ एजॉय तभी कर पाएंगे जब उनको एन्जॉयमेंट करने तरीका पता हो।
आखिर सबको मानना पड़ा। उनके उन्नीसवें साल के पहले दिन एक जबरजस्त पार्टी का अरेंजमेंट किया गया। दो बड़े केक , बियर, ड्रिंक्स , खाने का अच्छी व्यवस्था , म्यूजिक सब घर में अर्रेंज हुआ । लीला तेरे नाना और मामा मामी को भी बुलाना चाहती थी पर सुरभि उन्हें नहीं बुलाने के जिद्द पर अड़ी थी।
उस पर लीला ने कहा - तुम दोनों भाई बहन तो अपना उद्घाटन करवा लोगे पर मेरा क्या ? तुम लोग अपनी पार्ट मनाओ मैं जा रही हूँ।
लीला के जिद्द के आगे सबको झुकना पड़ा। बात भी सही थी।
सुरभि ने कहा - सिर्फ नाना और कोई नहीं। और कल नाना ने मुझे बिना मर्जी के छुआ तो उनका लैंड काट दूंगी।
सब ये सुनकर हंसने लगे। शाम को नाना भी उनके घर पहुँच गए। वो साथ में शैम्पेन का बोतल लेकर आये थे।
ये देख कर विकास और सुरभि दोनों खुश हो गए। नाना ने दोनों के लिए बहुत गिफ्ट भी लिए थे। नया फ़ोन, घडी। अभी पार्टी शुरू होनी थी कि बाहर घंटी बजी। विकास दरवाजे पर गया तो दो लोग खड़े थे। पीछे से तेरे मौसा भी पहुँच गए। उन्होंने सुरभि को आवाज दिया।
सब बाहर निकले तो देख कर एकदम खुश हो गए। दोनों बन्दे हौंडा से आये थे। मौसा ने विकास के लिए बाइक और सुरभि के लिए स्कूटी खरीदी थी। सुरभि ने स्कूटी देखा तो एकदम से पापा से लिपट गई और उनके चेहरे को बेतहाशा चुमने लगी। एक तरफ विकास अपनी बाइक देखने में मगन था पर सुरभि तो पापा से लिपटी हुई थी। खैर चाभी और बाकी फॉर्मेलिटी करने के बाद उन दोनों बन्दों को भेज दिया गया और सब घर में आ गए। नाना ने कहा - भाई इस ख़ुशी में शेम्पेन भी खोला जाए।
मौसी - क्या बाउजी , आप भी ना। पहले केक कटेगा फिर कुछ और।
टेबल पर दोनों केक सजा दिए गए सुरभि और विकास ने केक काटा। सुरभी ने पहले अपने पापा को खिलाया और विकास ने माँ को। तभी लीला को ना जाने क्या चुहल सूजी , उसने एक बड़ा टुकड़ा केक का उठाया और सुरभि के चेहरे पर पोत दिया। पहले तो सुरभि बहुत गुस्सा हुई पर सभी उसको देख कर हंसने लगे। ये देख सुरभि ने भी केक का टुकड़ा लिया और लीला के चेहरे पर लगा दिया। फिर क्या था केक का खेल शुरू हो गया। विकास ने एक टुकड़ा उठाया और अपनी माँ के चेहरे पर लगा दिया। सिवाय नाना और तेरे मौसा के सबके चेहरे पर केक पुता हुआ था। सुरभि ने कहा - धूल कर आती हूँ।
उसके पापा बोले - ला मैं साफ़ कर दूँ।
सुरभि - रहने दो मैं धूल कर आती हूँ।
तब तक तेरे मौसा ने उसे अपने गोद में खींच लिया और उसके चेहरे पर लगे केक को जीभ से चाटने लगे।
सुरभि और तेरे मौसा के देखा देखि लेना ने नाना से कहा - आप मेरी सफाई कर दो।
नाना - तू कहे तो तुझे तो चाट कर पूरा साफ़ कर दूँ।
लीला उनके गोद में बैठ गई।
मौसी ने देखा कि खेल शुरू हो गया है तो उन्होंने विकास कि तरफ इशारा किया। विकास जैसे ही उनके पास पहुंचा तेरी मौसी ने उसे चाटना शुरू कर दिया। चूँकि तेरी मौसी के चेहरे पर भी केक लगा था विकास उनके चेहरे को चाटने लगा। दोनों खड़े खड़े एक दुसरे के चेहरे को चाटने लगे। लीला और सुरभि सोफे पर अपने अपने आशिक के गोद में बैठ कर चेहरा साफ़ करवा रही थी। चुम्मा छाती का ये कार्यक्रम चल रहा था। तेरे मौसा ने सुरभि के टॉप को उतारना चाहा तो सुरभि बोल पड़ी - अभी नहीं।
उसके ना बोलते ही तेरे मौसा रुक गए। सुरभि ने भी अपने आपको कन्ट्रोल किया और बाथरूम कि तरफ चली गई। उसके हटते ही मौसी और विकास भी चेहरा साफ़ करने चले गए। पर लीला वहीँ तेरे नाना और मौसा के साथ चिपक कर बैठ गई। उसे पता था अभी तो चुसाई और चटाई का खेल चलने वाला है।
-------------------------------------------------------------------वर्तनाम में --------------------------------------------------------------------
माँ कि बात सुनकर मैंने कहा - माँ तुहे याद है तुमने और दीदी ने कैसे ऐसे ही मुझे फ्रूट्स खिलाये थे।
माँ - वो तो कुछ भी नहीं था। तेरे मौसा के यहाँ उस रात तो बहुत कुछ हुआ।
श्वेता - आगे सुनाओ ना।
माँ - रुक जरा शुशु आई है।
श्वेता - रुको मैं भी ऑटो हूँ।
मैं - मैं भी।
बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए।
Wowww jabardast party hone wali hai.खाना पीना खाने के बाद हम तीनो माँ के कमरे में रजाई के अंदर घुस गए। कमरे में हीटर चल रहा था और बदन में गर्मी भी थी पर जाड़े में रजाई में बदन से बदन सटा कर लेटने का अलग ही मजा है।
मैंने माँ से कहा - तुम विकास भाई और सुरभि की कहानी सुनाओ ना।
माँ - तू मानेगा तो है नहीं। चल सुन।
--------------------------------------------सुरभि और विकास के बर्थडे के कहानी माँ कि जुबानी (फ्लैशबैक) ----------------------------
तेरी बड़ी मौसी सुशीला नानी और नाना की तरह ही एक नंबर की चुदास हैं। मौसा भी वैसे ही बिंदास। दोनों ने मान लिया था कि इस घर में चुदाई का खुला माहौल था और आगे भी बना रहेगा। लीला जब बड़ी हुई तो उसकी सील तेरे नाना ने तोडा। इस बात का अफ़सोस तेरे बड़े मौसा को बहुत ज्यादा था। उन्होंने तभी मौसी और नाना से वादा ले लिया था कि अगर दूसरी लड़की हुई और वो इस घर के माहौल में सेट हो जाती है तो उसकी सील मौसा ही तोड़ेंगे। मौसी के लिए तो ये मान्य था कि लड़का हुआ तो उसका लौड़ा मौसी के चूत में सबसे पहले जाएगा।
तेरी बहनो ने तो कभी भी नाना और मौसा लोगों को चोदने का मौका नहीं दिया।
वैसे ही तेरी छोटी मौसी कि लड़की सोनी ने कहीं किसी लौड़े से चुदाई नहीं करवाई। उसके कड़े रुख कि वजह से तेरी छोटी मौसी , मौसा और विक्की तो उसके सामने ज्यादा कुछ नहीं करते थे। वो तो तू जब गया तो उनके यहाँ माहौल खुला और अब सब सामने है।
पर बड़ी मौसी के यहाँ ऐसा नहीं था। उनके यहाँ पूरी नंगई थी। सिर्फ वही नहीं था , चुदाई करते समय खुल कर गालियां देना , कपडे फाड़ना , सबके सामने सामान दबा देना सब चलता था। लीला कि जब उम्र हुई तो वो नाना से चुदने लगी थी।
तुझे तो पता ही है लीला के चार साल के होने के बाद विकास और सुरभि पैदा हुए थे और दोनों जुड़वाँ हैं। दोनों जो भी करते एक जैसा करते और एक साथ करते। जब सुरभि को पहला पीरियड आया तो उसी समय विकास का लौड़ा भी पहली बार पानी छोड़ा। दोनों आपस में खुले हुए थे। स्कूल कि बातें आदि सब शेयर करते। लीला तो रंगीन थी ही। उसके कॉलेज में कई दोस्त थे तो सुरभि के स्कूल में भी दोस्त बन चुके थे। पर तेरी मौसी ने शख्त हिदायत दे रखी थी कि चुम्मा छाती और ऊपर से दबवाने और सहलाने कि इजाजत तो है पर सील तो बाप ही तोड़ेगा। सुरभि बहुत स्मार्ट थी। वो लौंडो को टहलाती तो थी पर हाथ नहीं लगाने देती थी। पर किसी को पता नहीं था कि सुरभि और विकास अपनी जवानी को एक्स्प्लोर करना शुरू कर चुके थे। विकास भी अपनी माँ और बड़ी बहन लीला के साथ खेलने लगा था। जब उसका लंड अपने उबाल पर आता तो वो अपनी बड़ी बहन या माँ के पिछवाड़े से जा चिपकता और उनकी गांड में अपना लंड फंसा कर चिपक जाता ये उसका फेवरेट काम था। सोते समय उनके ऊपर सोना , आते जाते उनके मुम्मे दबा देना। ये सब उनके घर में आम था। वैसे ही सुरभि भी अपने पापा या भाई के गोद में बैठ लेती। । कभी पीठ उनके पेट से सटा कर या कभी उनके तरफ अपना चेहरा करके। जब उसकी चूत में ज्यादा खुजली होती तो माँ या बहन से चटवा लेती। चटवाने और रगड़ने तक की छूट उसे मिली हुई थी। जैसे जैसे दोनों बालिग होने की तरफ बढ़ने लगे , सत्रह पूरा होने को आया , दोनों मस्त सपनो की दुनिया में खो जाते। दोनों के अंदर ये चुल्ल थी की कैसे जवानी का मजा चखा जाए।
जब उनके अठारहवें जन्मदिन मनाने की बात हुई तो मौसा और मौसी ने बड़ी पार्टी रखने को सोची। पर दोनों ने तो अलग ही प्लान कर रखा था। उन दोनों ने कहा कि जन्मदिन बिलकुल प्राइवेट में होगा जिसमे सिर्फ वो चार लोग होंगे। दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अलग पार्टी बाद में होगी।
उनकी ये बात सुनकर पहले तो मौसा ने कहा - लाइफ एन्जॉय करो , दोस्तों के साथ मस्ती करो , सेक्स वेक्स होता रहेगा।
पर दोनों ने कहा - उन्हें घर के माहौल में खुलकर एन्जॉय करना है। दोस्तों के साथ एजॉय तभी कर पाएंगे जब उनको एन्जॉयमेंट करने तरीका पता हो।
आखिर सबको मानना पड़ा। उनके उन्नीसवें साल के पहले दिन एक जबरजस्त पार्टी का अरेंजमेंट किया गया। दो बड़े केक , बियर, ड्रिंक्स , खाने का अच्छी व्यवस्था , म्यूजिक सब घर में अर्रेंज हुआ । लीला तेरे नाना और मामा मामी को भी बुलाना चाहती थी पर सुरभि उन्हें नहीं बुलाने के जिद्द पर अड़ी थी।
उस पर लीला ने कहा - तुम दोनों भाई बहन तो अपना उद्घाटन करवा लोगे पर मेरा क्या ? तुम लोग अपनी पार्ट मनाओ मैं जा रही हूँ।
लीला के जिद्द के आगे सबको झुकना पड़ा। बात भी सही थी।
सुरभि ने कहा - सिर्फ नाना और कोई नहीं। और कल नाना ने मुझे बिना मर्जी के छुआ तो उनका लैंड काट दूंगी।
सब ये सुनकर हंसने लगे। शाम को नाना भी उनके घर पहुँच गए। वो साथ में शैम्पेन का बोतल लेकर आये थे।
ये देख कर विकास और सुरभि दोनों खुश हो गए। नाना ने दोनों के लिए बहुत गिफ्ट भी लिए थे। नया फ़ोन, घडी। अभी पार्टी शुरू होनी थी कि बाहर घंटी बजी। विकास दरवाजे पर गया तो दो लोग खड़े थे। पीछे से तेरे मौसा भी पहुँच गए। उन्होंने सुरभि को आवाज दिया।
सब बाहर निकले तो देख कर एकदम खुश हो गए। दोनों बन्दे हौंडा से आये थे। मौसा ने विकास के लिए बाइक और सुरभि के लिए स्कूटी खरीदी थी। सुरभि ने स्कूटी देखा तो एकदम से पापा से लिपट गई और उनके चेहरे को बेतहाशा चुमने लगी। एक तरफ विकास अपनी बाइक देखने में मगन था पर सुरभि तो पापा से लिपटी हुई थी। खैर चाभी और बाकी फॉर्मेलिटी करने के बाद उन दोनों बन्दों को भेज दिया गया और सब घर में आ गए। नाना ने कहा - भाई इस ख़ुशी में शेम्पेन भी खोला जाए।
मौसी - क्या बाउजी , आप भी ना। पहले केक कटेगा फिर कुछ और।
टेबल पर दोनों केक सजा दिए गए सुरभि और विकास ने केक काटा। सुरभी ने पहले अपने पापा को खिलाया और विकास ने माँ को। तभी लीला को ना जाने क्या चुहल सूजी , उसने एक बड़ा टुकड़ा केक का उठाया और सुरभि के चेहरे पर पोत दिया। पहले तो सुरभि बहुत गुस्सा हुई पर सभी उसको देख कर हंसने लगे। ये देख सुरभि ने भी केक का टुकड़ा लिया और लीला के चेहरे पर लगा दिया। फिर क्या था केक का खेल शुरू हो गया। विकास ने एक टुकड़ा उठाया और अपनी माँ के चेहरे पर लगा दिया। सिवाय नाना और तेरे मौसा के सबके चेहरे पर केक पुता हुआ था। सुरभि ने कहा - धूल कर आती हूँ।
उसके पापा बोले - ला मैं साफ़ कर दूँ।
सुरभि - रहने दो मैं धूल कर आती हूँ।
तब तक तेरे मौसा ने उसे अपने गोद में खींच लिया और उसके चेहरे पर लगे केक को जीभ से चाटने लगे।
सुरभि और तेरे मौसा के देखा देखि लेना ने नाना से कहा - आप मेरी सफाई कर दो।
नाना - तू कहे तो तुझे तो चाट कर पूरा साफ़ कर दूँ।
लीला उनके गोद में बैठ गई।
मौसी ने देखा कि खेल शुरू हो गया है तो उन्होंने विकास कि तरफ इशारा किया। विकास जैसे ही उनके पास पहुंचा तेरी मौसी ने उसे चाटना शुरू कर दिया। चूँकि तेरी मौसी के चेहरे पर भी केक लगा था विकास उनके चेहरे को चाटने लगा। दोनों खड़े खड़े एक दुसरे के चेहरे को चाटने लगे। लीला और सुरभि सोफे पर अपने अपने आशिक के गोद में बैठ कर चेहरा साफ़ करवा रही थी। चुम्मा छाती का ये कार्यक्रम चल रहा था। तेरे मौसा ने सुरभि के टॉप को उतारना चाहा तो सुरभि बोल पड़ी - अभी नहीं।
उसके ना बोलते ही तेरे मौसा रुक गए। सुरभि ने भी अपने आपको कन्ट्रोल किया और बाथरूम कि तरफ चली गई। उसके हटते ही मौसी और विकास भी चेहरा साफ़ करने चले गए। पर लीला वहीँ तेरे नाना और मौसा के साथ चिपक कर बैठ गई। उसे पता था अभी तो चुसाई और चटाई का खेल चलने वाला है।
-------------------------------------------------------------------वर्तनाम में --------------------------------------------------------------------
माँ कि बात सुनकर मैंने कहा - माँ तुहे याद है तुमने और दीदी ने कैसे ऐसे ही मुझे फ्रूट्स खिलाये थे।
माँ - वो तो कुछ भी नहीं था। तेरे मौसा के यहाँ उस रात तो बहुत कुछ हुआ।
श्वेता - आगे सुनाओ ना।
माँ - रुक जरा शुशु आई है।
श्वेता - रुको मैं भी ऑटो हूँ।
मैं - मैं भी।
बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए।
Waise bhi Hamam mein sab nange hi hote hain. …….बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए।
Shandaar updateखाना पीना खाने के बाद हम तीनो माँ के कमरे में रजाई के अंदर घुस गए। कमरे में हीटर चल रहा था और बदन में गर्मी भी थी पर जाड़े में रजाई में बदन से बदन सटा कर लेटने का अलग ही मजा है।
मैंने माँ से कहा - तुम विकास भाई और सुरभि की कहानी सुनाओ ना।
माँ - तू मानेगा तो है नहीं। चल सुन।
--------------------------------------------सुरभि और विकास के बर्थडे के कहानी माँ कि जुबानी (फ्लैशबैक) ----------------------------
तेरी बड़ी मौसी सुशीला नानी और नाना की तरह ही एक नंबर की चुदास हैं। मौसा भी वैसे ही बिंदास। दोनों ने मान लिया था कि इस घर में चुदाई का खुला माहौल था और आगे भी बना रहेगा। लीला जब बड़ी हुई तो उसकी सील तेरे नाना ने तोडा। इस बात का अफ़सोस तेरे बड़े मौसा को बहुत ज्यादा था। उन्होंने तभी मौसी और नाना से वादा ले लिया था कि अगर दूसरी लड़की हुई और वो इस घर के माहौल में सेट हो जाती है तो उसकी सील मौसा ही तोड़ेंगे। मौसी के लिए तो ये मान्य था कि लड़का हुआ तो उसका लौड़ा मौसी के चूत में सबसे पहले जाएगा।
तेरी बहनो ने तो कभी भी नाना और मौसा लोगों को चोदने का मौका नहीं दिया।
वैसे ही तेरी छोटी मौसी कि लड़की सोनी ने कहीं किसी लौड़े से चुदाई नहीं करवाई। उसके कड़े रुख कि वजह से तेरी छोटी मौसी , मौसा और विक्की तो उसके सामने ज्यादा कुछ नहीं करते थे। वो तो तू जब गया तो उनके यहाँ माहौल खुला और अब सब सामने है।
पर बड़ी मौसी के यहाँ ऐसा नहीं था। उनके यहाँ पूरी नंगई थी। सिर्फ वही नहीं था , चुदाई करते समय खुल कर गालियां देना , कपडे फाड़ना , सबके सामने सामान दबा देना सब चलता था। लीला कि जब उम्र हुई तो वो नाना से चुदने लगी थी।
तुझे तो पता ही है लीला के चार साल के होने के बाद विकास और सुरभि पैदा हुए थे और दोनों जुड़वाँ हैं। दोनों जो भी करते एक जैसा करते और एक साथ करते। जब सुरभि को पहला पीरियड आया तो उसी समय विकास का लौड़ा भी पहली बार पानी छोड़ा। दोनों आपस में खुले हुए थे। स्कूल कि बातें आदि सब शेयर करते। लीला तो रंगीन थी ही। उसके कॉलेज में कई दोस्त थे तो सुरभि के स्कूल में भी दोस्त बन चुके थे। पर तेरी मौसी ने शख्त हिदायत दे रखी थी कि चुम्मा छाती और ऊपर से दबवाने और सहलाने कि इजाजत तो है पर सील तो बाप ही तोड़ेगा। सुरभि बहुत स्मार्ट थी। वो लौंडो को टहलाती तो थी पर हाथ नहीं लगाने देती थी। पर किसी को पता नहीं था कि सुरभि और विकास अपनी जवानी को एक्स्प्लोर करना शुरू कर चुके थे। विकास भी अपनी माँ और बड़ी बहन लीला के साथ खेलने लगा था। जब उसका लंड अपने उबाल पर आता तो वो अपनी बड़ी बहन या माँ के पिछवाड़े से जा चिपकता और उनकी गांड में अपना लंड फंसा कर चिपक जाता ये उसका फेवरेट काम था। सोते समय उनके ऊपर सोना , आते जाते उनके मुम्मे दबा देना। ये सब उनके घर में आम था। वैसे ही सुरभि भी अपने पापा या भाई के गोद में बैठ लेती। । कभी पीठ उनके पेट से सटा कर या कभी उनके तरफ अपना चेहरा करके। जब उसकी चूत में ज्यादा खुजली होती तो माँ या बहन से चटवा लेती। चटवाने और रगड़ने तक की छूट उसे मिली हुई थी। जैसे जैसे दोनों बालिग होने की तरफ बढ़ने लगे , सत्रह पूरा होने को आया , दोनों मस्त सपनो की दुनिया में खो जाते। दोनों के अंदर ये चुल्ल थी की कैसे जवानी का मजा चखा जाए।
जब उनके अठारहवें जन्मदिन मनाने की बात हुई तो मौसा और मौसी ने बड़ी पार्टी रखने को सोची। पर दोनों ने तो अलग ही प्लान कर रखा था। उन दोनों ने कहा कि जन्मदिन बिलकुल प्राइवेट में होगा जिसमे सिर्फ वो चार लोग होंगे। दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अलग पार्टी बाद में होगी।
उनकी ये बात सुनकर पहले तो मौसा ने कहा - लाइफ एन्जॉय करो , दोस्तों के साथ मस्ती करो , सेक्स वेक्स होता रहेगा।
पर दोनों ने कहा - उन्हें घर के माहौल में खुलकर एन्जॉय करना है। दोस्तों के साथ एजॉय तभी कर पाएंगे जब उनको एन्जॉयमेंट करने तरीका पता हो।
आखिर सबको मानना पड़ा। उनके उन्नीसवें साल के पहले दिन एक जबरजस्त पार्टी का अरेंजमेंट किया गया। दो बड़े केक , बियर, ड्रिंक्स , खाने का अच्छी व्यवस्था , म्यूजिक सब घर में अर्रेंज हुआ । लीला तेरे नाना और मामा मामी को भी बुलाना चाहती थी पर सुरभि उन्हें नहीं बुलाने के जिद्द पर अड़ी थी।
उस पर लीला ने कहा - तुम दोनों भाई बहन तो अपना उद्घाटन करवा लोगे पर मेरा क्या ? तुम लोग अपनी पार्ट मनाओ मैं जा रही हूँ।
लीला के जिद्द के आगे सबको झुकना पड़ा। बात भी सही थी।
सुरभि ने कहा - सिर्फ नाना और कोई नहीं। और कल नाना ने मुझे बिना मर्जी के छुआ तो उनका लैंड काट दूंगी।
सब ये सुनकर हंसने लगे। शाम को नाना भी उनके घर पहुँच गए। वो साथ में शैम्पेन का बोतल लेकर आये थे।
ये देख कर विकास और सुरभि दोनों खुश हो गए। नाना ने दोनों के लिए बहुत गिफ्ट भी लिए थे। नया फ़ोन, घडी। अभी पार्टी शुरू होनी थी कि बाहर घंटी बजी। विकास दरवाजे पर गया तो दो लोग खड़े थे। पीछे से तेरे मौसा भी पहुँच गए। उन्होंने सुरभि को आवाज दिया।
सब बाहर निकले तो देख कर एकदम खुश हो गए। दोनों बन्दे हौंडा से आये थे। मौसा ने विकास के लिए बाइक और सुरभि के लिए स्कूटी खरीदी थी। सुरभि ने स्कूटी देखा तो एकदम से पापा से लिपट गई और उनके चेहरे को बेतहाशा चुमने लगी। एक तरफ विकास अपनी बाइक देखने में मगन था पर सुरभि तो पापा से लिपटी हुई थी। खैर चाभी और बाकी फॉर्मेलिटी करने के बाद उन दोनों बन्दों को भेज दिया गया और सब घर में आ गए। नाना ने कहा - भाई इस ख़ुशी में शेम्पेन भी खोला जाए।
मौसी - क्या बाउजी , आप भी ना। पहले केक कटेगा फिर कुछ और।
टेबल पर दोनों केक सजा दिए गए सुरभि और विकास ने केक काटा। सुरभी ने पहले अपने पापा को खिलाया और विकास ने माँ को। तभी लीला को ना जाने क्या चुहल सूजी , उसने एक बड़ा टुकड़ा केक का उठाया और सुरभि के चेहरे पर पोत दिया। पहले तो सुरभि बहुत गुस्सा हुई पर सभी उसको देख कर हंसने लगे। ये देख सुरभि ने भी केक का टुकड़ा लिया और लीला के चेहरे पर लगा दिया। फिर क्या था केक का खेल शुरू हो गया। विकास ने एक टुकड़ा उठाया और अपनी माँ के चेहरे पर लगा दिया। सिवाय नाना और तेरे मौसा के सबके चेहरे पर केक पुता हुआ था। सुरभि ने कहा - धूल कर आती हूँ।
उसके पापा बोले - ला मैं साफ़ कर दूँ।
सुरभि - रहने दो मैं धूल कर आती हूँ।
तब तक तेरे मौसा ने उसे अपने गोद में खींच लिया और उसके चेहरे पर लगे केक को जीभ से चाटने लगे।
सुरभि और तेरे मौसा के देखा देखि लेना ने नाना से कहा - आप मेरी सफाई कर दो।
नाना - तू कहे तो तुझे तो चाट कर पूरा साफ़ कर दूँ।
लीला उनके गोद में बैठ गई।
मौसी ने देखा कि खेल शुरू हो गया है तो उन्होंने विकास कि तरफ इशारा किया। विकास जैसे ही उनके पास पहुंचा तेरी मौसी ने उसे चाटना शुरू कर दिया। चूँकि तेरी मौसी के चेहरे पर भी केक लगा था विकास उनके चेहरे को चाटने लगा। दोनों खड़े खड़े एक दुसरे के चेहरे को चाटने लगे। लीला और सुरभि सोफे पर अपने अपने आशिक के गोद में बैठ कर चेहरा साफ़ करवा रही थी। चुम्मा छाती का ये कार्यक्रम चल रहा था। तेरे मौसा ने सुरभि के टॉप को उतारना चाहा तो सुरभि बोल पड़ी - अभी नहीं।
उसके ना बोलते ही तेरे मौसा रुक गए। सुरभि ने भी अपने आपको कन्ट्रोल किया और बाथरूम कि तरफ चली गई। उसके हटते ही मौसी और विकास भी चेहरा साफ़ करने चले गए। पर लीला वहीँ तेरे नाना और मौसा के साथ चिपक कर बैठ गई। उसे पता था अभी तो चुसाई और चटाई का खेल चलने वाला है।
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माँ - रुक जरा शुशु आई है।
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मैं - मैं भी।
बाथरूम में हम तीनो नंगे ही घुस गए।