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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 89 75.4%
  • Soniya

    Votes: 29 24.6%

  • Total voters
    118
  • Poll closed .

Ek number

Well-Known Member
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दीदी से नाना द्वारा लीला दी की पहली चुदाई का किस्सा सुन कर जहाँ मुझे एक्ससाइटमेंट हो रहा था वहीँ गुस्सा भी आ रहा था। ये शायद इस लिए भी था की नाना की वजह से ही मैं लीला दी का दूध पीते पीते रह गया। और लीला दी ने भी एक जवान लंड छोड़ बुड्ढे नाना को ज्यादा पसंद किया था। उन्हें पता नहीं था की क्या मिस किया था उन्होने।
दीदी ने फिर बताया की उस दिन के बाद से वो नाना से दूर ही भागती रहीं। पर लीला दी मस्त मजे लेती रही। दीदी की वजह से माँ हम बच्चों को नाना के यहाँ काम ही ले जाती थी। बल्कि उनका भी जाना काम हो गया।
मैंने दीदी से पुछा - आपकी नाना की चिढ की वजह से नाना नाराज नहीं हुए ?
दीदी - तुझे क्या लगता है , मैं तेरे साथ क्यों हूँ ? में शादी के नामर्द से नाना ने ही करवाई है। तुझे लगता नहीं की ये उनका बदला है।
मुझे ये सोच कर बहुत गुस्सा आया। मैंने कहा - माँ ने नहीं रोका उन्हें ?
दीदी - पहले तो पापा की जाने की वजह से माँ नाना और मौसी लोगों पर ही निर्भर थी। किसी को भी उम्मीद नहीं थी की नाना ऐसा कर सकते हैं। दूसरी बात नाना ने ये माँ को बताया ही नहीं होगा।
मैं - पर आपको कैसे पता नाना ने जान बुझ कर ये किया है।
दीदी - नाना मेरे ससुराल वालों को अच्छे से जानते थे। मेरी सास भी कह रही थी की नाना को उनके परिवार के बारे में साड़ी जानकारी थी। हो सकता है नाना को ये भी अंदाजा रहा हो। तभी मुझे वहां बाँध दिया।
मैं एकदम गुस्से में था। मुझे समझ नहीं आ रहा था आदमी अपने हवस में इतना पागल भी हो सकता है। मैंने मन बना लिया था की लीला दी और मौसी की अच्छे से कुटाई करूँगा। तड़पा तड़पा कर उनके चूत का भोसड़ा बनाऊंगा। पर नाना के लिए भी मुझे कुछ करना था। मैंने मन में डिसाइड किया की अगर ये बात सच निकली तो नाना को अब एक भी चूत नसीब नहीं होगी। पर ये बात मुझे नाना के मुँह से ही निकलवानी थी।
यही सब सोचते सोचते मुझे नींद आ गई। दीदी भी मुझसे चिपक कर यूँ ही सो गई।
Nice update
 
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007 Bond

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कहानी बहुत ही अच्छे लै में जा रही है आपके हाथों मे जादू है keep it up
 

Premkumar65

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दीदी से नाना द्वारा लीला दी की पहली चुदाई का किस्सा सुन कर जहाँ मुझे एक्ससाइटमेंट हो रहा था वहीँ गुस्सा भी आ रहा था। ये शायद इस लिए भी था की नाना की वजह से ही मैं लीला दी का दूध पीते पीते रह गया। और लीला दी ने भी एक जवान लंड छोड़ बुड्ढे नाना को ज्यादा पसंद किया था। उन्हें पता नहीं था की क्या मिस किया था उन्होने।
दीदी ने फिर बताया की उस दिन के बाद से वो नाना से दूर ही भागती रहीं। पर लीला दी मस्त मजे लेती रही। दीदी की वजह से माँ हम बच्चों को नाना के यहाँ काम ही ले जाती थी। बल्कि उनका भी जाना काम हो गया।
मैंने दीदी से पुछा - आपकी नाना की चिढ की वजह से नाना नाराज नहीं हुए ?
दीदी - तुझे क्या लगता है , मैं तेरे साथ क्यों हूँ ? में शादी के नामर्द से नाना ने ही करवाई है। तुझे लगता नहीं की ये उनका बदला है।
मुझे ये सोच कर बहुत गुस्सा आया। मैंने कहा - माँ ने नहीं रोका उन्हें ?
दीदी - पहले तो पापा की जाने की वजह से माँ नाना और मौसी लोगों पर ही निर्भर थी। किसी को भी उम्मीद नहीं थी की नाना ऐसा कर सकते हैं। दूसरी बात नाना ने ये माँ को बताया ही नहीं होगा।
मैं - पर आपको कैसे पता नाना ने जान बुझ कर ये किया है।
दीदी - नाना मेरे ससुराल वालों को अच्छे से जानते थे। मेरी सास भी कह रही थी की नाना को उनके परिवार के बारे में साड़ी जानकारी थी। हो सकता है नाना को ये भी अंदाजा रहा हो। तभी मुझे वहां बाँध दिया।
मैं एकदम गुस्से में था। मुझे समझ नहीं आ रहा था आदमी अपने हवस में इतना पागल भी हो सकता है। मैंने मन बना लिया था की लीला दी और मौसी की अच्छे से कुटाई करूँगा। तड़पा तड़पा कर उनके चूत का भोसड़ा बनाऊंगा। पर नाना के लिए भी मुझे कुछ करना था। मैंने मन में डिसाइड किया की अगर ये बात सच निकली तो नाना को अब एक भी चूत नसीब नहीं होगी। पर ये बात मुझे नाना के मुँह से ही निकलवानी थी।
यही सब सोचते सोचते मुझे नींद आ गई। दीदी भी मुझसे चिपक कर यूँ ही सो गई।
Great going.
 
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