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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 89 75.4%
  • Soniya

    Votes: 29 24.6%

  • Total voters
    118
  • Poll closed .

tharkiman

Active Member
803
6,167
124
माहौल इतना गरम हो चूका था पर विक्की मेरी और मौसा की ही चुदाई देखने में व्यस्त था । तभी अन्वी की माँ ने मौसी से कहा - कैसा मादरचोद बेटा पैदा किया है। साला इतनी चुदाई देखने के बाद भी लौड़ा ताने खड़ा है।
मौसी ने ये सुना तो विक्की की तरफ देखते हुए कहा - जब तुम्हारी गांड फाड़ेगा तो समझ आएगा।
विक्की ने उन दोनों की बात सुनी तो उनके पास आकर कहा - माँ , कहो तो पहले इसकी छूट का भोसड़ा बना दूँ।
मौसी ने आंटी की साडी कमर में हाथ डाल कर एक हो बार में निकाल दिया और कहा - चूत का भोसड़ा तो पहले ही तेरा बाप बना चूका होगा। तू इसके गांड का फाटक बना आज।
विक्की ने आंटी को डाइनिंग टेबल पर हाथो के सहारे झुका दिया। और उनके पेटीकोट को उठाने लगा। पेटीकोट उठा कर उसने सीधा अपना लंड आंटी के गांड में ठेल दिया।
आंटी - हरामी साले , आराम से कर।
मौसी - क्यों बे रंडी। तूने ही तो ललकारा है। अब आराम वराम भूल जा।

इधर मैं सोनी को सीधे लेता कर चोद रहा था और उसका मुँह आंटी के ठीक सामने था। आंटी ने झुक कर सोनी को चूम लिया। कमरे में सिसकारियां गूँज रही थीं। मौसम ठंढ का था पर माहौल एकदम गरमा चूका था। मौसा अब तक खलास हो चुके थे और वो हम दोनों को बड़े आराम से देख रहे थे। उन्हें पता था कि विक्की को उनकी मदद कि जरूरत पड़ेगी। मौसी अब सोफे पर जाकर अन्वी और मौसा के बगल में आराम से बैठ गईं थी। विक्की जैसे ही आने को हुआ , मौसा तपाक से उठे और विक्की को हटा कर उन्होंने अपना लौड़ा आंटी के गांड में ठेल दिया और कहा - रांड साली मेरे बेटे के बारे में क्या बोल रही थी। तेरी गांड फाड़ दूंगा अगर तूने मेरे बेटे के बारे में कुछ भी कहा तो।
आंटी - तुम तो फाड़ ही दोगे। मुझे पता है।

विक्की के लंड के साथ धोखा हुआ था। पर मौसा ने सही ही किआ था। उसे रोकना जरूरी था वर्ना आंटी को सनतुष्ट किये बिना ही वो झाड़ जाता। विक्की कुछ देर तक देखता तहा फिर सोफे पर मौसी और अन्वी के पास जाकर बैठ गया। अन्वी जो थकी हुई थी, उसने विक्की का उतरा हुआ चेहरा देखा तो बोली - भाई , निराश ना हो। माँ को तगड़ी वाली चुदाई चाहिए होती है। अंकल ही लेंगे उनकी। मैं तेरी गरमी निकाल देती हूँ।
ये कहकर वो झुकी और विक्की के लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे केले कि तरह चूसने लगी।
अब मैं भी खलास हो चूका था पर मौसा आंटी कि गांड से लंड निकाल कर उनकी चूत का भोसड़ा बना रहे थे। कमरे में सब चुद रहे थे सिवाय मौसी के। मौसी पुरे कपडे में थीं। कुछ ही देर में अन्वी ने विक्की का लंड चूस कर उसका माल निकाल दिया। उधर मौसा भी खलास हो चुके थे। मौसी ने देखा कि खेल बंद है तो कहा - अब कुछ खाना पीना भी हो जाए ?
मौसा - हाँ। खाना खाते हैं। उसके बाद दूसरा राउंड। पर तुमने कपडे क्यों पहने हुए हैं। सबके तो उतर चुके हैं। क्यों राज , तू मौसी का ख्याल ऐसे रखेगा। घर पर तो भाभी को नंगा घुमाता है और यहाँ माँ कि बहन को छोड़ दिया।
मौसी - रहने दो। आज घर में नया माल है। उसका ख्याल रखो पहले।
हमें लग गया था कि मौसी थोड़ी नाराज हैं। सोनी और अन्वी ने ये भांप लिया था।
सोनी बोली - अरे हम खाना लगाते हैं तब तक तुम सब माँ का ख्याल रखो।

अन्वी भी उठ गई। दोनों पहले सफाई में जुट गईं। चारो तरफ बिखरे कपडे को समेटने में जुट गईं। इधर विक्की जो उनके बगल में बैठा था उसने मौसी की साडी हटा कर उनके ब्लॉउज खोलने में जुट गया। मैं भी मौसी के दुसरे तरफ आकर बैठ गया और उनको चूम कर बोला - मौसी , आपको तो सबसे ज्यादा मजे देंगे। वैसे आप माँ हो तो थोड़ा दूध पिलाओ ताकत आएगी।

मौसी ने मेरे किस का जवाब दिया और बोली - ले ले। इन थानों में जब दूध था तब भी तूने पिया है। अब भी चूस ले।

मैं और विक्की उनके दोनों मुम्मो को चूसने लगे। मौसी आनंद के सागर में गोते लगाने लगीं। तभी मौसा भी उनके पास आ गए और उन्होंने मौसी की साडी पेटीकोट से निकाल कर पेटीकोट की डोरी भी खोल दी। मौसी ने अपना गांड धीरे से उठा दिया और मौसा ने उनके पेटीकोट को भी उतार दिया। अब मौसा उनके चूत पर भीड़ गए। अब मौसी पर चौतरफा आक्रमण हो रहा था। कहाँ वो अन्वी की माँ की चूत फड़वाने की बात कर रही थी कहा अब कुछ ही देर में उनकी चूत का कबाड़ा होने वाला था। खैर ये ठीक ही था। उन्हें गर्व हो रहा होगा कि उनके घर में अब भी उनका राज है। उनको संतुष्ट करने में कोई भी सदस्य कोर कसार नहीं छोड़ेगा। हुआ भी वही। कुछ देर में मैं सोफे पर लेटा हुआ था। मौसी मेरे ऊपर थी। उनके चूत में मेरा लंड और मौसा का लंड पीछे से उनके गांड में। विक्की ने अपना लंड उनके मुँह में डाला हुआ था। उनके हर छेद में लौड़ा था। उनकी जबरजस्त चुदाई शुरू हो चुकी थी। मौसी कि हालत देखते ही बनती थी। सोफे लग रहा था आज टूट जायेगा। पर सभी जोश में थे। आखिर में जीत मौसी कि ही हुई। जबरजस्त चुदाई के बाद हम सबने फिर खाना खाया।

उस रात अन्वी और उसकी माँ हमारे यहाँ ही रुकीं। रात को बिस्तर पर उनकी मौसी वाली हालत हुई। उनके भी हर छेद को हम तीनो ने भर दिया। अन्वी को भरपूर चोदने का मौका मुझे नहीं मिला। पर पता था अब तो सिग्नल हो गया है। जब चाहूंगा उनके प्लेटफार्म पर अपनी गाडी दौड़ा दूंगा। मुझसे ज्यादा ये हरी झंडी विक्की के लिए जरूरी थी। वो बेचारा अन्वी के लिए कब से मारा जा रहा था।

अगले दिन मैं भी वापस आ गया। माँ को ज्यादा दिन अकेले नहीं छोड़ सकता था। फिर ये भी तय हो गया था कि सब होली एक जगह मनाएंगे वो भी नाना के यहाँ। नाना के यहाँ कि होली में ज्यादा मस्ती और खुलापन होना था। होली में सभी मौसी लोगों और उनके बच्चों का आना फिक्स हुआ था।

पर होली से पहले फैक्ट्री के लिए मेरा यहाँ आना तय था। डील फाइनल करनी थी। मौसा चाहते थे कि फैक्ट्री पर हम तीनो भाई बहनो का नाम चढ़े। इन्वेस्टमेंट हम तीनो का ही था। विक्की और सोनी काफी खुश थे। आखिर दोनों पूरी तरह से सेटल हो रहे थे।
 

Ek number

Well-Known Member
8,383
17,996
173
माहौल इतना गरम हो चूका था पर विक्की मेरी और मौसा की ही चुदाई देखने में व्यस्त था । तभी अन्वी की माँ ने मौसी से कहा - कैसा मादरचोद बेटा पैदा किया है। साला इतनी चुदाई देखने के बाद भी लौड़ा ताने खड़ा है।
मौसी ने ये सुना तो विक्की की तरफ देखते हुए कहा - जब तुम्हारी गांड फाड़ेगा तो समझ आएगा।
विक्की ने उन दोनों की बात सुनी तो उनके पास आकर कहा - माँ , कहो तो पहले इसकी छूट का भोसड़ा बना दूँ।
मौसी ने आंटी की साडी कमर में हाथ डाल कर एक हो बार में निकाल दिया और कहा - चूत का भोसड़ा तो पहले ही तेरा बाप बना चूका होगा। तू इसके गांड का फाटक बना आज।
विक्की ने आंटी को डाइनिंग टेबल पर हाथो के सहारे झुका दिया। और उनके पेटीकोट को उठाने लगा। पेटीकोट उठा कर उसने सीधा अपना लंड आंटी के गांड में ठेल दिया।
आंटी - हरामी साले , आराम से कर।
मौसी - क्यों बे रंडी। तूने ही तो ललकारा है। अब आराम वराम भूल जा।

इधर मैं सोनी को सीधे लेता कर चोद रहा था और उसका मुँह आंटी के ठीक सामने था। आंटी ने झुक कर सोनी को चूम लिया। कमरे में सिसकारियां गूँज रही थीं। मौसम ठंढ का था पर माहौल एकदम गरमा चूका था। मौसा अब तक खलास हो चुके थे और वो हम दोनों को बड़े आराम से देख रहे थे। उन्हें पता था कि विक्की को उनकी मदद कि जरूरत पड़ेगी। मौसी अब सोफे पर जाकर अन्वी और मौसा के बगल में आराम से बैठ गईं थी। विक्की जैसे ही आने को हुआ , मौसा तपाक से उठे और विक्की को हटा कर उन्होंने अपना लौड़ा आंटी के गांड में ठेल दिया और कहा - रांड साली मेरे बेटे के बारे में क्या बोल रही थी। तेरी गांड फाड़ दूंगा अगर तूने मेरे बेटे के बारे में कुछ भी कहा तो।
आंटी - तुम तो फाड़ ही दोगे। मुझे पता है।

विक्की के लंड के साथ धोखा हुआ था। पर मौसा ने सही ही किआ था। उसे रोकना जरूरी था वर्ना आंटी को सनतुष्ट किये बिना ही वो झाड़ जाता। विक्की कुछ देर तक देखता तहा फिर सोफे पर मौसी और अन्वी के पास जाकर बैठ गया। अन्वी जो थकी हुई थी, उसने विक्की का उतरा हुआ चेहरा देखा तो बोली - भाई , निराश ना हो। माँ को तगड़ी वाली चुदाई चाहिए होती है। अंकल ही लेंगे उनकी। मैं तेरी गरमी निकाल देती हूँ।
ये कहकर वो झुकी और विक्की के लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे केले कि तरह चूसने लगी।
अब मैं भी खलास हो चूका था पर मौसा आंटी कि गांड से लंड निकाल कर उनकी चूत का भोसड़ा बना रहे थे। कमरे में सब चुद रहे थे सिवाय मौसी के। मौसी पुरे कपडे में थीं। कुछ ही देर में अन्वी ने विक्की का लंड चूस कर उसका माल निकाल दिया। उधर मौसा भी खलास हो चुके थे। मौसी ने देखा कि खेल बंद है तो कहा - अब कुछ खाना पीना भी हो जाए ?
मौसा - हाँ। खाना खाते हैं। उसके बाद दूसरा राउंड। पर तुमने कपडे क्यों पहने हुए हैं। सबके तो उतर चुके हैं। क्यों राज , तू मौसी का ख्याल ऐसे रखेगा। घर पर तो भाभी को नंगा घुमाता है और यहाँ माँ कि बहन को छोड़ दिया।
मौसी - रहने दो। आज घर में नया माल है। उसका ख्याल रखो पहले।
हमें लग गया था कि मौसी थोड़ी नाराज हैं। सोनी और अन्वी ने ये भांप लिया था।
सोनी बोली - अरे हम खाना लगाते हैं तब तक तुम सब माँ का ख्याल रखो।

अन्वी भी उठ गई। दोनों पहले सफाई में जुट गईं। चारो तरफ बिखरे कपडे को समेटने में जुट गईं। इधर विक्की जो उनके बगल में बैठा था उसने मौसी की साडी हटा कर उनके ब्लॉउज खोलने में जुट गया। मैं भी मौसी के दुसरे तरफ आकर बैठ गया और उनको चूम कर बोला - मौसी , आपको तो सबसे ज्यादा मजे देंगे। वैसे आप माँ हो तो थोड़ा दूध पिलाओ ताकत आएगी।

मौसी ने मेरे किस का जवाब दिया और बोली - ले ले। इन थानों में जब दूध था तब भी तूने पिया है। अब भी चूस ले।

मैं और विक्की उनके दोनों मुम्मो को चूसने लगे। मौसी आनंद के सागर में गोते लगाने लगीं। तभी मौसा भी उनके पास आ गए और उन्होंने मौसी की साडी पेटीकोट से निकाल कर पेटीकोट की डोरी भी खोल दी। मौसी ने अपना गांड धीरे से उठा दिया और मौसा ने उनके पेटीकोट को भी उतार दिया। अब मौसा उनके चूत पर भीड़ गए। अब मौसी पर चौतरफा आक्रमण हो रहा था। कहाँ वो अन्वी की माँ की चूत फड़वाने की बात कर रही थी कहा अब कुछ ही देर में उनकी चूत का कबाड़ा होने वाला था। खैर ये ठीक ही था। उन्हें गर्व हो रहा होगा कि उनके घर में अब भी उनका राज है। उनको संतुष्ट करने में कोई भी सदस्य कोर कसार नहीं छोड़ेगा। हुआ भी वही। कुछ देर में मैं सोफे पर लेटा हुआ था। मौसी मेरे ऊपर थी। उनके चूत में मेरा लंड और मौसा का लंड पीछे से उनके गांड में। विक्की ने अपना लंड उनके मुँह में डाला हुआ था। उनके हर छेद में लौड़ा था। उनकी जबरजस्त चुदाई शुरू हो चुकी थी। मौसी कि हालत देखते ही बनती थी। सोफे लग रहा था आज टूट जायेगा। पर सभी जोश में थे। आखिर में जीत मौसी कि ही हुई। जबरजस्त चुदाई के बाद हम सबने फिर खाना खाया।

उस रात अन्वी और उसकी माँ हमारे यहाँ ही रुकीं। रात को बिस्तर पर उनकी मौसी वाली हालत हुई। उनके भी हर छेद को हम तीनो ने भर दिया। अन्वी को भरपूर चोदने का मौका मुझे नहीं मिला। पर पता था अब तो सिग्नल हो गया है। जब चाहूंगा उनके प्लेटफार्म पर अपनी गाडी दौड़ा दूंगा। मुझसे ज्यादा ये हरी झंडी विक्की के लिए जरूरी थी। वो बेचारा अन्वी के लिए कब से मारा जा रहा था।

अगले दिन मैं भी वापस आ गया। माँ को ज्यादा दिन अकेले नहीं छोड़ सकता था। फिर ये भी तय हो गया था कि सब होली एक जगह मनाएंगे वो भी नाना के यहाँ। नाना के यहाँ कि होली में ज्यादा मस्ती और खुलापन होना था। होली में सभी मौसी लोगों और उनके बच्चों का आना फिक्स हुआ था।

पर होली से पहले फैक्ट्री के लिए मेरा यहाँ आना तय था। डील फाइनल करनी थी। मौसा चाहते थे कि फैक्ट्री पर हम तीनो भाई बहनो का नाम चढ़े। इन्वेस्टमेंट हम तीनो का ही था। विक्की और सोनी काफी खुश थे। आखिर दोनों पूरी तरह से सेटल हो रहे थे।
Nice update
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
42,195
107,692
304
माहौल इतना गरम हो चूका था पर विक्की मेरी और मौसा की ही चुदाई देखने में व्यस्त था । तभी अन्वी की माँ ने मौसी से कहा - कैसा मादरचोद बेटा पैदा किया है। साला इतनी चुदाई देखने के बाद भी लौड़ा ताने खड़ा है।
मौसी ने ये सुना तो विक्की की तरफ देखते हुए कहा - जब तुम्हारी गांड फाड़ेगा तो समझ आएगा।
विक्की ने उन दोनों की बात सुनी तो उनके पास आकर कहा - माँ , कहो तो पहले इसकी छूट का भोसड़ा बना दूँ।
मौसी ने आंटी की साडी कमर में हाथ डाल कर एक हो बार में निकाल दिया और कहा - चूत का भोसड़ा तो पहले ही तेरा बाप बना चूका होगा। तू इसके गांड का फाटक बना आज।
विक्की ने आंटी को डाइनिंग टेबल पर हाथो के सहारे झुका दिया। और उनके पेटीकोट को उठाने लगा। पेटीकोट उठा कर उसने सीधा अपना लंड आंटी के गांड में ठेल दिया।
आंटी - हरामी साले , आराम से कर।
मौसी - क्यों बे रंडी। तूने ही तो ललकारा है। अब आराम वराम भूल जा।

इधर मैं सोनी को सीधे लेता कर चोद रहा था और उसका मुँह आंटी के ठीक सामने था। आंटी ने झुक कर सोनी को चूम लिया। कमरे में सिसकारियां गूँज रही थीं। मौसम ठंढ का था पर माहौल एकदम गरमा चूका था। मौसा अब तक खलास हो चुके थे और वो हम दोनों को बड़े आराम से देख रहे थे। उन्हें पता था कि विक्की को उनकी मदद कि जरूरत पड़ेगी। मौसी अब सोफे पर जाकर अन्वी और मौसा के बगल में आराम से बैठ गईं थी। विक्की जैसे ही आने को हुआ , मौसा तपाक से उठे और विक्की को हटा कर उन्होंने अपना लौड़ा आंटी के गांड में ठेल दिया और कहा - रांड साली मेरे बेटे के बारे में क्या बोल रही थी। तेरी गांड फाड़ दूंगा अगर तूने मेरे बेटे के बारे में कुछ भी कहा तो।
आंटी - तुम तो फाड़ ही दोगे। मुझे पता है।

विक्की के लंड के साथ धोखा हुआ था। पर मौसा ने सही ही किआ था। उसे रोकना जरूरी था वर्ना आंटी को सनतुष्ट किये बिना ही वो झाड़ जाता। विक्की कुछ देर तक देखता तहा फिर सोफे पर मौसी और अन्वी के पास जाकर बैठ गया। अन्वी जो थकी हुई थी, उसने विक्की का उतरा हुआ चेहरा देखा तो बोली - भाई , निराश ना हो। माँ को तगड़ी वाली चुदाई चाहिए होती है। अंकल ही लेंगे उनकी। मैं तेरी गरमी निकाल देती हूँ।
ये कहकर वो झुकी और विक्की के लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे केले कि तरह चूसने लगी।
अब मैं भी खलास हो चूका था पर मौसा आंटी कि गांड से लंड निकाल कर उनकी चूत का भोसड़ा बना रहे थे। कमरे में सब चुद रहे थे सिवाय मौसी के। मौसी पुरे कपडे में थीं। कुछ ही देर में अन्वी ने विक्की का लंड चूस कर उसका माल निकाल दिया। उधर मौसा भी खलास हो चुके थे। मौसी ने देखा कि खेल बंद है तो कहा - अब कुछ खाना पीना भी हो जाए ?
मौसा - हाँ। खाना खाते हैं। उसके बाद दूसरा राउंड। पर तुमने कपडे क्यों पहने हुए हैं। सबके तो उतर चुके हैं। क्यों राज , तू मौसी का ख्याल ऐसे रखेगा। घर पर तो भाभी को नंगा घुमाता है और यहाँ माँ कि बहन को छोड़ दिया।
मौसी - रहने दो। आज घर में नया माल है। उसका ख्याल रखो पहले।
हमें लग गया था कि मौसी थोड़ी नाराज हैं। सोनी और अन्वी ने ये भांप लिया था।
सोनी बोली - अरे हम खाना लगाते हैं तब तक तुम सब माँ का ख्याल रखो।

अन्वी भी उठ गई। दोनों पहले सफाई में जुट गईं। चारो तरफ बिखरे कपडे को समेटने में जुट गईं। इधर विक्की जो उनके बगल में बैठा था उसने मौसी की साडी हटा कर उनके ब्लॉउज खोलने में जुट गया। मैं भी मौसी के दुसरे तरफ आकर बैठ गया और उनको चूम कर बोला - मौसी , आपको तो सबसे ज्यादा मजे देंगे। वैसे आप माँ हो तो थोड़ा दूध पिलाओ ताकत आएगी।

मौसी ने मेरे किस का जवाब दिया और बोली - ले ले। इन थानों में जब दूध था तब भी तूने पिया है। अब भी चूस ले।

मैं और विक्की उनके दोनों मुम्मो को चूसने लगे। मौसी आनंद के सागर में गोते लगाने लगीं। तभी मौसा भी उनके पास आ गए और उन्होंने मौसी की साडी पेटीकोट से निकाल कर पेटीकोट की डोरी भी खोल दी। मौसी ने अपना गांड धीरे से उठा दिया और मौसा ने उनके पेटीकोट को भी उतार दिया। अब मौसा उनके चूत पर भीड़ गए। अब मौसी पर चौतरफा आक्रमण हो रहा था। कहाँ वो अन्वी की माँ की चूत फड़वाने की बात कर रही थी कहा अब कुछ ही देर में उनकी चूत का कबाड़ा होने वाला था। खैर ये ठीक ही था। उन्हें गर्व हो रहा होगा कि उनके घर में अब भी उनका राज है। उनको संतुष्ट करने में कोई भी सदस्य कोर कसार नहीं छोड़ेगा। हुआ भी वही। कुछ देर में मैं सोफे पर लेटा हुआ था। मौसी मेरे ऊपर थी। उनके चूत में मेरा लंड और मौसा का लंड पीछे से उनके गांड में। विक्की ने अपना लंड उनके मुँह में डाला हुआ था। उनके हर छेद में लौड़ा था। उनकी जबरजस्त चुदाई शुरू हो चुकी थी। मौसी कि हालत देखते ही बनती थी। सोफे लग रहा था आज टूट जायेगा। पर सभी जोश में थे। आखिर में जीत मौसी कि ही हुई। जबरजस्त चुदाई के बाद हम सबने फिर खाना खाया।

उस रात अन्वी और उसकी माँ हमारे यहाँ ही रुकीं। रात को बिस्तर पर उनकी मौसी वाली हालत हुई। उनके भी हर छेद को हम तीनो ने भर दिया। अन्वी को भरपूर चोदने का मौका मुझे नहीं मिला। पर पता था अब तो सिग्नल हो गया है। जब चाहूंगा उनके प्लेटफार्म पर अपनी गाडी दौड़ा दूंगा। मुझसे ज्यादा ये हरी झंडी विक्की के लिए जरूरी थी। वो बेचारा अन्वी के लिए कब से मारा जा रहा था।

अगले दिन मैं भी वापस आ गया। माँ को ज्यादा दिन अकेले नहीं छोड़ सकता था। फिर ये भी तय हो गया था कि सब होली एक जगह मनाएंगे वो भी नाना के यहाँ। नाना के यहाँ कि होली में ज्यादा मस्ती और खुलापन होना था। होली में सभी मौसी लोगों और उनके बच्चों का आना फिक्स हुआ था।

पर होली से पहले फैक्ट्री के लिए मेरा यहाँ आना तय था। डील फाइनल करनी थी। मौसा चाहते थे कि फैक्ट्री पर हम तीनो भाई बहनो का नाम चढ़े। इन्वेस्टमेंट हम तीनो का ही था। विक्की और सोनी काफी खुश थे। आखिर दोनों पूरी तरह से सेटल हो रहे थे।
Super hot update 🔥 🔥
 

ayush246

New Member
5
7
3
Bhai shweta ki baari kab ayegi , ap isme time hin nhi de rahe ho thik se... By the way mast update h , thoda baht update dete raho ... Aap late karte to hame story firse piche jana pad raha ha , characters ka naam bhul jate h
 
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