फिर रवि जावेद को फोन करता है उसे उसके घर के पास मिलने को कहता है।
उसके बाद रवि अपने घर को लॉक करता है और अपनी बाईक लेकर, पहले जावेद को लेता और फिर दोनों राज के घर की और निकल जाते है।
कुछ देर बाद दोनों राज के घर पहुंच जाते है। जैसे ही रवि बाईक पार्क करने ही वाला होता है ...
जावेद - भाई एक मिनट के लिए तेरी बाईक देना ।
रवि - क्यों
जावेद - यार राज ने मुझे सिगरेट और कुछ और समान लाने को कहा था और मैं भूल गया
रवि - अच्छा कोई बात नहीं तू जा पर जल्दी आ जाना ।
जावेद - ओके भाई, थैंक्स
और रवि, राज के घर की डोर बेल बजता है उसके घर का नौकर दरवाजा खोलता है,
जैसे ही रवि घर के अंदर आता है सीमा (राज की मां) को देखता है जो एक टाईट शॉर्ट स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहने हुए थी उसके गोरे - गोरे जांघे और बड़े बड़े बूब्स कयामत लग रहे थे । सीमा किसी एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थी।
रवि - हैलो आंटी
सीमा - हैलो रवि, कैसे हो, मॉम कैसी है तुम्हारे ?
रवि - सब ठीक है आंटी, राज कहा है ?
सीमा - अपने कमरे में होगा
की तभी राज अपने कमरे से आ जाता है रवि को देखता, पर रवि राज को नहीं देखता क्युकी उसकी नजर सीमा पर चिपकी हुई थी
और सीमा अपने काम में व्यस्त थी!
राज - हैलो रवि, कब आया और जावेद कहां है ?
रवि - वो आ रहा हैं
सीमा - ओके , बच्चों तो एन्जॉय करों में ऑफिस जा रही हूं
राज - गुड बाय मॉम।
सीमा - गुड बाय स्वीटी
और सीमा अपनी गांड़ मटकाते हुए चली जाती है और रवि सीमा की गांड़ को घूरने लगता है। और सुबह के समय संगीता की गांड़ का दृश्य उसकी आंखों के सामने आ जाता है।
तभी राज ...
राज - ओ हैलो, कहां खो गया क्या देख रहा है?
रवि - हड़बड़ाते वो वो.. कुछ नहीं
राज - साफ़ - साफ़ बोलना मेरी मां की गांड़ देख रहा था।
रवि - मुझे माफ़ कर दे भाई सॉरी
राज - अरे कोई नहीं मेरी मां गांड़ है, ही ऐसी मैं खुद कंट्रोल नहीं कर पाता। कई बार मुठमारना पड़ जाता है। मुझे मिल जाए तो मै ही ना छोड़ो, तो किस खेत की मूली है।
रवि - राज तू अपनी मां के बारे में कैसी बाते करता है।
राज - कैसी बात क्या, लन्ड और चुत का कोई रिश्ता नहीं होता, मेरे भाई।
रवि - छी राज तू कैसे बात करता है।
राज - क्या छी; एक लाइफ है एन्जॉय करों बस
( पहले रवि ऐसा नहीं था, पर जब से रवि और राज में दोस्ती हुई तब रवि भी अपनी मां के बारे उल्टा फुल्टा सोचने लगा है)
राज - चल मेरे रूम में। अरे ये क्या रवि तेरा लन्ड तो एक दम खड़ा है मेरी मां को सलामी दे रहा है क्या?
रवि - शर्मिंदा मत कर यार।
राज - ओके ओके, ये जावेद कहा रहा गया
घर की डोर बेल बजती है राज दरवाजा खोलता है देखता है तो बाहर जावेद खड़ा रहता है
राज - कहा मर गया था बे?
जावेद - भाई वो वो..
राज - वो वो क्या है बे, मेरा सामान लाया ।
जावेद - हां लाया हूं ना भाई
राज - ला दे मुझे
रवि - क्या है ये
राज - ड्रग्स वाले सिगरेट पिएगा
रवि - नहीं भाई तू ही पी।
राज - जावेद कॉन्डम लाया
जावेद - लाया हूं भाई
( जावेद भले ही राज को अपना दोस्त समझता है पर राज के लिए जावेद एक गुलाम से काम नहीं, पर जावेद राज की दोस्ती और राज को खुश रखने के लिए कुछ कर सकता है)