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Erotica मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

babasandy

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Meri Rupali didi
 
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babasandy

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मेरी रूपाली दीदी रिक्शा में बैठ गई और.बिल्लू ने रिक्शा चला दिया. अपने रिक्शे के शीशे में वह मेरी रूपाली दीदी को बड़े गौर से देख रहा था बार-बार. बिल्लू मेरी रूपाली दीदी को अच्छी तरह जानता था और हमारे घर की हालत भी उसे छुपी हुई नहीं थी.
तुम तो वही रूपाली मैडम हो ना.जिसके पति का एक्सीडेंट हो गया है और वह अपाहिज हो गया है, पीछे मुड़कर उसने मेरी रूपाली दीदी से पूछा.
मेरी बहन को आश्चर्य हुआ कि इतनी जल्दी बिल्लू आप से तुम पर कैसे उतर आया है.
हां मैं वही हूं. तुम जल्दी-जल्दी रिक्शा चलाओ ना मुझे देर हो रही है, मेरी दीदी ने गुस्से में खींचते हुए कहा.
मेरी रूपाली दीदी को गुस्से में देखकर बिल्लू के चेहरे पर एक कामुक मुस्कान तैरने लगी थी. मेरी बहन के रुप यौवन का आनंद वह अपनी आंखों से उठता हुआ मन ही मन बिल्लू मेरी दीदी को नंगा किय जा रहा था.
तुम तो बुरा मान गई मैडम, वैसे हमारे ठाकुर साहब बहुत भले इंसान है जिन्होंने तुम्हें रख लिया है,बिल्लू ने कहा.
"रख लिया है" उसने जोर देकर कहा था.उसकी बात का मतलब समझ कर मेरी रूपाली दीदी के गाल शर्म से लाल हो चुके थे.
तुम्हें इन सब बातों से क्या मतलब है, तुम जल्दी-जल्दी रिक्शा चलाओ ना.वैसे भी मौसम खराब हो रहा है. कभी भी बारिश भी आ सकती है, मेरी दीदी ने खुद को संभालते हुए कहा. वह अपनी शर्म को छुपाने का प्रयास कर रही थी.
देखो ना आज का मौसम कितना मस्त सुहावना हो रहा है, वह बोला. मेरी दीदी चुप ही रही.
वो बोला, अरे उपर देखो बादल छाए हुवे है. तुझे भी ऐसा मौसम अच्छा लगता होगा ना.
मेरी रूपाली दीदी समझ गयी कि ये क्या सुन-ना चाहता है और चुप रही और कुछ नही बोली.
सोनिया को गोद में लिय मेरी रूपाली दीदी उसके रिक्शा में हिचकोले खाती हुई थोड़ी देर बाद बोली,मुझे घर जल्दी जाना है, प्लीज़ थोड़ा तेज-तेज चलाओ.
उसने जैसे कुछ नही सुना, और बोला, मेरा तो मन ऐसे मौसम मे तेरे जैसी मस्त आइटम की चूत मारने का करता है. मस्त गुलाबी मौसम हो रहा है.
मेरी रूपाली दीदी यह सुनकर दंग रह गई और वह कुछ नहीं बोली. मेरी दीदी को लगने लगा था कि उसके रिक्शा में बैठकर उसने बहुत बड़ी भूल कर दी है.
उसने पीछे मुड़कर मेरी रूपाली दीदी को देखा और आंख मारते हुए बोला, क्या करूं तू चीज ही ऐसी है! तुझे देखते ही मेरा लोड़ा खड़ा हो गया है. कसम है झंडे वाले बाबा की.
बिना कुछ बोले मेरी रूपाली दीदी ने अपनी नज़रें झुका ली, और बेचारी अबला नारी कर भी क्या सकती थी.
थोड़ी देर बाद मेरी रूपाली दीदी ने उसे फिर से याद दिलाया, बिल्लू रिक्शा तेज चलाओ मुझे जल्दी घर जाना है.
पर वो धीरे-धीरे रिक्शा चलाता रहा, मानो उसने कुछ सुना ही ना हो.
वो बोला, एक शरत लगाती हो!
न जाने क्यों मेरी रूपाली दीदी ने पूछा, क्या.
आज की रात ठाकुर साहब जरूर तुम्हारी लेंगे. ऐसे.मौसम में भला कौन तेरी चूत नही मारेगा, बिल्लू ने बड़ी शरारत के साथ कहा.
मेरी रूपाली दीदी कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी. वह जानती थी कि यह लड़का अपनी सारी सीमाएं पlर करता हुआ जा रहा है, पर मेरी बहन कर भी क्या सकती थी.
वो फिर पीछे मूड कर बोला, हे मुझपे तरस खा, आज मुझे भी दे, दे, देख ना इस मौसम में तेरे कारण मेरा लंड खड़ा हो गया है.
सोनिया को गोद में ली हुई मेरी रूपाली दीदी उसकी बकवास को सुनती जा रही थी, पर उसकी बातों से ही मेरी दीदी के रोम-रोम में एक अजीब शी हलचल हो रही थी.
वो फिर पीछे मुड़ा और बोला, बता चलती है क्या, मेरे साथ, मेरे घर मे कोई नही है.
मेरी रूपाली दीदी ने इस पर साफ-साफ बोल दिया कि मुझे जल्दी घर जाना है, तुम रिक्शा तेज क्यों नही चलाते.
ये सुनते ही उसने रिक्शे की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर वो चुप रहा. मेरी दीदी भी खामोश बैठी रही.
अचानक रिक्शा रुक गया तो मेरी दीदी ने पूछा क्या हुआ.
वो बोला रिक्शे की चैन उतर गयी है. और वो चैन चढ़ाने के लिए, रिक्शे से नीचे उतरा और रिक्शे के पीछे आ गया. चैन चढ़ा कर वो बोला, मैं थोड़ा पेसाब कर लेता हू, और सामने की झाड़ियो मे चला गया.
मेरी रूपाली दीदी चुपचाप बैठी हुई मन ही मन सोच रही थी की बहुत ही शरारती लड़का है. पता नहीं क्या करने वाला है अब. अचानक मेरी दीदी की नजर झाड़ियां की तरफ गई तो वहां का नजारा देखकर घबरा गई. झाड़ियो मे बिल्लू ने अपने पेट की जिप खोल रखी थी और उसने अपना लौड़ा बाहर निकाल रखा था. वह मेरी दीदी को देखते हुए हिला रहा था.
शर्म के मारे मेरी रूपाली दीदी ने अपनी नज़रें वहां से फेर ली. कोई भी, ये नज़ारा देख सकता था.मेरी दीदी को उसके ऊपर गुस्सा आने लगा था.
वो थोड़ी देर बाद आया और बोला, कैसा लगा उन झाड़ियो मे, मेरे लंड का नज़ारा.
मेरी दीदी ने उसे डाँट ते हुवे कहा, तुम पागल हो गये हो क्या? कोई देख लेता तो. कम से कम, अपनी नही तो, मेरी इज़्ज़त की तो परवाह करो. वो थोड़ा.सकपका गया और बोला ‘ओह सॉरी मुझे माफ़ कर दो’ मुझे इस बात का बिल्कुल ध्यान नही रहा. वो रिक्शे पर चढ़ा और रिक्शा चलाने लगा.
 
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Sushil@10

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मेरी रूपाली दीदी रिक्शा में बैठ गई और.बिल्लू ने रिक्शा चला दिया. अपने रिक्शे के शीशे में वह मेरी रूपाली दीदी को बड़े गौर से देख रहा था बार-बार. बिल्लू मेरी रूपाली दीदी को अच्छी तरह जानता था और हमारे घर की हालत भी उसे छुपी हुई नहीं थी.
तुम तो वही रूपाली मैडम हो ना.जिसके पति का एक्सीडेंट हो गया है और वह अपाहिज हो गया है, पीछे मुड़कर उसने मेरी रूपाली दीदी से पूछा.
मेरी बहन को आश्चर्य हुआ कि इतनी जल्दी बिल्लू आप से तुम पर कैसे उतर आया है.
हां मैं वही हूं. तुम जल्दी-जल्दी रिक्शा चलाओ ना मुझे देर हो रही है, मेरी दीदी ने गुस्से में खींचते हुए कहा.
मेरी रूपाली दीदी को गुस्से में देखकर बिल्लू के चेहरे पर एक कामुक मुस्कान तैरने लगी थी. मेरी बहन के रुप यौवन का आनंद वह अपनी आंखों से उठता हुआ मन ही मन बिल्लू मेरी दीदी को नंगा किय जा रहा था.
तुम तो बुरा मान गई मैडम, वैसे हमारे ठाकुर साहब बहुत भले इंसान है जिन्होंने तुम्हें रख लिया है,बिल्लू ने कहा.
"रख लिया है" उसने जोर देकर कहा था.उसकी बात का मतलब समझ कर मेरी रूपाली दीदी के गाल शर्म से लाल हो चुके थे.
तुम्हें इन सब बातों से क्या मतलब है, तुम जल्दी-जल्दी रिक्शा चलाओ ना.वैसे भी मौसम खराब हो रहा है. कभी भी बारिश भी आ सकती है, मेरी दीदी ने खुद को संभालते हुए कहा. वह अपनी शर्म को छुपाने का प्रयास कर रही थी.
देखो ना आज का मौसम कितना मस्त सुहावना हो रहा है, वह बोला. मेरी दीदी चुप ही रही.
वो बोला, अरे उपर देखो बादल छाए हुवे है. तुझे भी ऐसा मौसम अच्छा लगता होगा ना.
मेरी रूपाली दीदी समझ गयी कि ये क्या सुन-ना चाहता है और चुप रही और कुछ नही बोली.
सोनिया को गोद में लिय मेरी रूपाली दीदी उसके रिक्शा में हिचकोले खाती हुई थोड़ी देर बाद बोली,मुझे घर जल्दी जाना है, प्लीज़ थोड़ा तेज-तेज चलाओ.
उसने जैसे कुछ नही सुना, और बोला, मेरा तो मन ऐसे मौसम मे तेरे जैसी मस्त आइटम की चूत मारने का करता है. मस्त गुलाबी मौसम हो रहा है.
मेरी रूपाली दीदी यह सुनकर दंग रह गई और वह कुछ नहीं बोली. मेरी दीदी को लगने लगा था कि उसके रिक्शा में बैठकर उसने बहुत बड़ी भूल कर दी है.
उसने पीछे मुड़कर मेरी रूपाली दीदी को देखा और आंख मारते हुए बोला, क्या करूं तू चीज ही ऐसी है! तुझे देखते ही मेरा लोड़ा खड़ा हो गया है. कसम है झंडे वाले बाबा की.
बिना कुछ बोले मेरी रूपाली दीदी ने अपनी नज़रें झुका ली, और बेचारी अबला नारी कर भी क्या सकती थी.
थोड़ी देर बाद मेरी रूपाली दीदी ने उसे फिर से याद दिलाया, बिल्लू रिक्शा तेज चलाओ मुझे जल्दी घर जाना है.
पर वो धीरे-धीरे रिक्शा चलाता रहा, मानो उसने कुछ सुना ही ना हो.
वो बोला, एक शरत लगाती हो!
न जाने क्यों मेरी रूपाली दीदी ने पूछा, क्या.
आज की रात ठाकुर साहब जरूर तुम्हारी लेंगे. ऐसे.मौसम में भला कौन तेरी चूत नही मारेगा, बिल्लू ने बड़ी शरारत के साथ कहा.
मेरी रूपाली दीदी कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी. वह जानती थी कि यह लड़का अपनी सारी सीमाएं पlर करता हुआ जा रहा है, पर मेरी बहन कर भी क्या सकती थी.
वो फिर पीछे मूड कर बोला, हे मुझपे तरस खा, आज मुझे भी दे, दे, देख ना इस मौसम में तेरे कारण मेरा लंड खड़ा हो गया है.
सोनिया को गोद में ली हुई मेरी रूपाली दीदी उसकी बकवास को सुनती जा रही थी, पर उसकी बातों से ही मेरी दीदी के रोम-रोम में एक अजीब शी हलचल हो रही थी.
वो फिर पीछे मुड़ा और बोला, बता चलती है क्या, मेरे साथ, मेरे घर मे कोई नही है.
मेरी रूपाली दीदी ने इस पर साफ-साफ बोल दिया कि मुझे जल्दी घर जाना है, तुम रिक्शा तेज क्यों नही चलाते.
ये सुनते ही उसने रिक्शे की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर वो चुप रहा. मेरी दीदी भी खामोश बैठी रही.
अचानक रिक्शा रुक गया तो मेरी दीदी ने पूछा क्या हुआ.
वो बोला रिक्शे की चैन उतर गयी है. और वो चैन चढ़ाने के लिए, रिक्शे से नीचे उतरा और रिक्शे के पीछे आ गया. चैन चढ़ा कर वो बोला, मैं थोड़ा पेसाब कर लेता हू, और सामने की झाड़ियो मे चला गया.
मेरी रूपाली दीदी चुपचाप बैठी हुई मन ही मन सोच रही थी की बहुत ही शरारती लड़का है. पता नहीं क्या करने वाला है अब. अचानक मेरी दीदी की नजर झाड़ियां की तरफ गई तो वहां का नजारा देखकर घबरा गई. झाड़ियो मे बिल्लू ने अपने पेट की जिप खोल रखी थी और उसने अपना लौड़ा बाहर निकाल रखा था. वह मेरी दीदी को देखते हुए हिला रहा था.
शर्म के मारे मेरी रूपाली दीदी ने अपनी नज़रें वहां से फेर ली. कोई भी, ये नज़ारा देख सकता था.मेरी दीदी को उसके ऊपर गुस्सा आने लगा था.
वो थोड़ी देर बाद आया और बोला, कैसा लगा उन झाड़ियो मे, मेरे लंड का नज़ारा.
मेरी दीदी ने उसे डाँट ते हुवे कहा, तुम पागल हो गये हो क्या? कोई देख लेता तो. कम से कम, अपनी नही तो, मेरी इज़्ज़त की तो परवाह करो. वो थोड़ा.सकपका गया और बोला ‘ओह सॉरी मुझे माफ़ कर दो’ मुझे इस बात का बिल्कुल ध्यान नही रहा. वो रिक्शे पर चढ़ा और रिक्शा चलाने लगा.
Nice update
 
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