कुछ देर तक कल्लू धीरे-धीरे लौड़े को अन्दर करता रहा। उसका आधा लण्ड अब गाण्ड में जगह बना चुका था। अब वो आधे लण्ड को ही अन्दर-बाहर करने लगा।
गुड़िया- आह्ह.. आइ.. आह्ह.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. चोदो भइया आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. भइया सच्ची गाण्ड में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. उहह..
कल्लू अब स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर कर रहा था और हर धक्के के साथ लौड़ा थोड़ा और अन्दर घुसा देता। उसका लौड़ा एकदम टाइट जा रहा था.. ये तो आयिल का कमाल था.. नहीं तो उसका लौड़ा छिल जाता। थोड़ी देर बाद कल्लू ने लौड़ा पूरा बाहर निकाल लिया।
गुड़िया-आह.. क्या हुआ भाई.. निकाल क्यों लिया.. थक गए क्या?
कल्लू- अरे नहीं मेरी जान.. जितना आयल लगाया था.. वो तेरी गाण्ड पी गई.. अब थोड़ा और लगा के डालूँगा..
गुड़िया- उफ्फ.. भाई जल्दी से पेल दो आप मेरी गाण्ड मार रहे हो और मेरी चूत में खुजली शुरू हो गई है।
कल्लू- सबर कर मेरी गुड़िया.. आज तेरी सारी खुजली मिटा दूँगा मैं..
इतना कहकर कल्लू ने पूरे लौड़े पर अच्छे से तेल लगाया। उसके बाद गुड़िया की गाण्ड को हाथ से खोलकर उसमे तेल पेल दिया.. ताकि पूरा लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।
तेल की बोतल साइड में रख कर कल्लू ने लौड़ा गाण्ड में घुसा दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा, गुड़िया मस्ती में गाण्ड पीछे धकेल कर चुदने लगी।
तभी कल्लू ने जोश में ज़ोर का झटका मार दिया और पूरा लौड़ा जड़ तक गाण्ड में समा गया और इसी झटके के साथ गुड़िया बिस्तर पर गिर गई, उसके साथ-साथ कल्लू भी उसके ऊपर गिर गया।
पूरा लौड़ा जब गाण्ड में गया तो गुड़िया के मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई.. मगर जल्दी ही उसने बिस्तर में मुँह छुपा कर अपनी चीख को दबा लिया.. उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
कल्लू को भी ये अहसास हो गया कि गुड़िया को कितना दर्द हुआ होगा.. क्योंकि शुरू में तो वो प्यार से लौड़ा घुसा रहा था.. मगर अचानक ही पूरा लौड़ा एक साथ गाण्ड में चला गया तो दर्द होना लाजिमी है।
कल्लू कुछ देर वैसे ही गुड़िया के ऊपर लेटा रहा.. जब उसका दर्द कम हुआ।
गुड़िया- आ आह्ह.. भइया.. मेरी जान निकाल दी आपने.. आह्ह.. अब उठो भी.. पूरा वजन मेरे ऊपर पेल रखा है..
कल्लू अपने हाथों और घुटनों पर ज़ोर देकर थोड़ा ऊपर हुआ और धीरे-धीरे लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।
गुड़िया- आह्ह.. भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ अब बस भी करो.. आह्ह.. निकाल लो ना.. आह्ह.. मैं मर जाऊँगी..
कल्लू- अरे अब तो पूरा अन्दर घुस गया.. अब कैसा दर्द.. बस मुझे थोड़े झटके मार कर गाण्ड को खोलने दे.. उसके बाद मज़े ही मज़े..
गुड़िया- आह्ह.. ठीक है.. आह्ह.. जो करना है आह्ह.. जल्दी करो.. मुझे ज़ोर की सूसू आई है.. आह्ह.. जल्दी करो..