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Incest मेरे गाँव की नदी (Completed)

Nevil singh

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कल्लू- वाह्ह.. मेरी जान क्या पोज़ में आई हो.. पैर भी फैला दिए.. ताकि गाण्ड थोड़ी और खुल जाए.. तू डर मत.. अभी बस थोड़ी देर की बात है.. उसके बाद गांड की छेद पूरी खोल दूँगा..
इतना कहकर कल्लू खटिया के निचे लगे बिस्तर पर आ गया और कुतिया बनी गुड़िया की गाण्ड को सहलाने लगा।
गुड़िया- उफ्फ.. भाई आपका हाथ लगाते ही अजीब सा महसूस हो रहा है।
कल्लू ने आयिल गुड़िया की गाण्ड के छेद पर डाला और उंगली से उसके छेद में लगाने लगा। कुछ आयिल लौड़े की टोपी पर भी लगा लिया ताकि आराम से घुस जाए।

कल्लू उंगली को गाण्ड के अन्दर घुसा कर तेल लगाने लगा.. तो गुड़िया को थोड़ा दर्द हुआ.. मगर वो दाँत भींच कर चुप रही।
कल्लू बड़े प्यार से उंगली थोड़ी अन्दर डालकर गाण्ड में तेल लगा रहा था और गुड़िया बस आने वाले पल के बारे में सोच कर डर रही थी।
कल्लू- मेरी रानी अब तेरी गाण्ड को चिकना बना दिया है.. अब बस लौड़ा पेल रहा हूँ.. थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लेना.. उसके बाद मज़े ही मज़े हैं.. तूम खुद कहेगी कि रोज गाण्ड मरवाऊँगी.तूम जानती नहीं गांड मराने में चूत से भी ज्यादा मज़ा आता है।
गुड़िया- भाई प्लीज़ आराम से डालना.. मैं आपकी छोटी बहन हूँ.. ये बात भूलना मत..
कल्लू ने लौड़े को गाण्ड पर टिकाया और प्यार से छेद पर लौड़ा रगड़ने लगा।
कल्लू- अरे जान.. डर मत.. जानता हूँ तू मेरी प्यारी सी छोटी बहन है.. तुझे दर्द होगा तो मुझे भी तकलीफ़ होगी.. तू बस देखती जा.. बड़े प्यार से करूँगा।
कल्लू ने दोनों हाथों से गाण्ड को फैलाया और टोपे को छेद में फँसा कर हल्का सा झटका मारा.. तो लौड़ा फिसल कर ऊपर निकल गया।
उसने 3 बार कोशिश की.. मगर लौड़ा अन्दर नहीं गया.. तो कल्लू ने एक हाथ से लौड़े को पकड़ा और छेद पर रख कर दबाव बनाया.. अबकी बार लौड़ा का टोपा गाण्ड में घुस गया और एक दर्द की लहर गुड़िया की गाण्ड में होने लगी।
गुड़िया- ऐइ.. आईईइ.. आह… भइया.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह्ह.. आराम से करना.. नहीं मेरी चीख निकल जाएगी.. उई.. माँ आज नहीं बचूँगी..
कल्लू- मेरी जान.. अभी तो टोपी घुसी है.. थोड़ा सा बर्दास्त कर ले.. बस उसके बाद दर्द नहीं होगा।
गुड़िया- आह्ह.. कर तो रही हूँ.. आप बस झटके से मत पेल देना.. धीरे-धीरे अन्दर डालो.. मैं दाँत भींच लेती हूँ.. आह्ह.. आह..
कल्लू हाथ से दबाव बनाता गया। एक इंच और अन्दर गया और वो रुक गया.. फिर दबाया तो और अन्दर गया.. वैसे कल्लू बड़े प्यार से लौड़ा अन्दर पेल रहा था.. मगर गुड़िया की गाण्ड बहुत टाइट थी। उसकी तो जान निकाल रही थी.. वो बस धीरे-धीरे कराह रही थी।
lovely
 

Nevil singh

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कुछ देर तक कल्लू धीरे-धीरे लौड़े को अन्दर करता रहा। उसका आधा लण्ड अब गाण्ड में जगह बना चुका था। अब वो आधे लण्ड को ही अन्दर-बाहर करने लगा।
गुड़िया- आह्ह.. आइ.. आह्ह.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. चोदो भइया आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. भइया सच्ची गाण्ड में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. उहह..

कल्लू अब स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर कर रहा था और हर धक्के के साथ लौड़ा थोड़ा और अन्दर घुसा देता। उसका लौड़ा एकदम टाइट जा रहा था.. ये तो आयिल का कमाल था.. नहीं तो उसका लौड़ा छिल जाता। थोड़ी देर बाद कल्लू ने लौड़ा पूरा बाहर निकाल लिया।
गुड़िया-आह.. क्या हुआ भाई.. निकाल क्यों लिया.. थक गए क्या?
कल्लू- अरे नहीं मेरी जान.. जितना आयल लगाया था.. वो तेरी गाण्ड पी गई.. अब थोड़ा और लगा के डालूँगा..
गुड़िया- उफ्फ.. भाई जल्दी से पेल दो आप मेरी गाण्ड मार रहे हो और मेरी चूत में खुजली शुरू हो गई है।
कल्लू- सबर कर मेरी गुड़िया.. आज तेरी सारी खुजली मिटा दूँगा मैं..
इतना कहकर कल्लू ने पूरे लौड़े पर अच्छे से तेल लगाया। उसके बाद गुड़िया की गाण्ड को हाथ से खोलकर उसमे तेल पेल दिया.. ताकि पूरा लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।
तेल की बोतल साइड में रख कर कल्लू ने लौड़ा गाण्ड में घुसा दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा, गुड़िया मस्ती में गाण्ड पीछे धकेल कर चुदने लगी।
तभी कल्लू ने जोश में ज़ोर का झटका मार दिया और पूरा लौड़ा जड़ तक गाण्ड में समा गया और इसी झटके के साथ गुड़िया बिस्तर पर गिर गई, उसके साथ-साथ कल्लू भी उसके ऊपर गिर गया।
पूरा लौड़ा जब गाण्ड में गया तो गुड़िया के मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई.. मगर जल्दी ही उसने बिस्तर में मुँह छुपा कर अपनी चीख को दबा लिया.. उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
कल्लू को भी ये अहसास हो गया कि गुड़िया को कितना दर्द हुआ होगा.. क्योंकि शुरू में तो वो प्यार से लौड़ा घुसा रहा था.. मगर अचानक ही पूरा लौड़ा एक साथ गाण्ड में चला गया तो दर्द होना लाजिमी है।
कल्लू कुछ देर वैसे ही गुड़िया के ऊपर लेटा रहा.. जब उसका दर्द कम हुआ।
गुड़िया- आ आह्ह.. भइया.. मेरी जान निकाल दी आपने.. आह्ह.. अब उठो भी.. पूरा वजन मेरे ऊपर पेल रखा है..
कल्लू अपने हाथों और घुटनों पर ज़ोर देकर थोड़ा ऊपर हुआ और धीरे-धीरे लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।
गुड़िया- आह्ह.. भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ अब बस भी करो.. आह्ह.. निकाल लो ना.. आह्ह.. मैं मर जाऊँगी..
कल्लू- अरे अब तो पूरा अन्दर घुस गया.. अब कैसा दर्द.. बस मुझे थोड़े झटके मार कर गाण्ड को खोलने दे.. उसके बाद मज़े ही मज़े..
गुड़िया- आह्ह.. ठीक है.. आह्ह.. जो करना है आह्ह.. जल्दी करो.. मुझे ज़ोर की सूसू आई है.. आह्ह.. जल्दी करो..
fair
 

Nevil singh

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कल्लू अब स्पीड से गुड़िया की गाण्ड मारने लगा। वो सिसकारियाँ लेती रही.. कुछ देर बाद लौड़ा ‘पक-पक’ की आवाज़ के साथ स्पीड से अन्दर-बाहर होने लगा।
अब गुड़िया को दर्द भी कम महसूस हो रहा था। वो झटकों के साथ उत्तेजित होने लगी थी.. उसकी चूत रस टपकना शुरू हो गई थी.. वो जोश में आ गई।
गुड़िया- आ आह्ह.. भाई.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. अब ज़ोर से करो.. आह्ह.. जल्दी मेरी चूत की आ..आग भी आपको मिटानी है आह्ह.. जोर जोर से मेरी गांड मारो आह्ह.. फास्ट..
गुड़िया को अब मज़ा आने लगा था। वो हाथों पर ज़ोर देकर फिर से पूरी घोड़ी बन गई थी और कल्लू अब उसके कूल्हे पकड़ कर ‘दे दनादन..’ लौड़ा पेल रहा था। कुछ देर बाद कल्लू ने गुड़िया की गाण्ड में पिचकारी मारनी शुरू की.. तो गर्म-गर्म वीर्य से उसको बड़ा सुकून मिला।
गुड़िया की गाण्ड को भर कर ‘पक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा बाहर निकाला और कल्लू बिस्तर पर लेट कर लंबी साँसें लेने लग गया।
गुड़िया की गाण्ड से वीर्य टपक कर बाहर आने लगा.. वो भी कल्लू के बराबर में लेट गई।
गुड़िया- क्या भाई.. आज तो आपने हद ही कर दी.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. कितनी ज़ोर से गाँड में लौड़ा घुसाया.. मेरी जान निकाल दी आपने।
कल्लू- अरे यार वो ग़लती से हो गया था.. नहीं मैं तो प्यार से ही कर रहा था। वैसे तेरी गाण्ड बहुत टाइट है.. मज़ा आ गया आज तो..
गुड़िया- आपको तो मज़ा आ गया.. मेरी तो हालत खराब हो गई ना.. अभी भी ऐसा लग रहा है जैसे गाण्ड में लौड़ा घुसा हुआ है.. और दर्द भी बहुत हो रहा है। देखो बिस्तर पर ठीक से गाण्ड टिक भी नहीं रही.. इसी लिए करवट लेकर लेटी हुई हूँ।
कल्लू- हा हा हा.. मेरी प्यारी गुड़िया. पहली बार में ऐसा होता है.. अब रोज मरवाओगी.. तो आदत पड़ जाएगी.. उसके बाद दर्द नहीं मज़ा मिलेगा।
गुड़िया- अच्छा अच्छा.. ठीक है.. अब जल्दी से उठो.. मेरी चूत में खुजली हो रही है.. इसमें डालो अब अपना मोटा लौड़ा..
कल्लू- थोड़ा दम लेने दे मेरी जान.... अभी 5 मिनट में लौड़ा खड़ा हो जाएगा। उसके बाद ना कहना कि बस करो मैं थक गई हूँ.. तेरी चूत की प्यास मिटा कर दोबारा गाण्ड मारूँगा तेरी..
गुड़िया- हाँ मार लेना.. मगर रस मेरी चूत में ही डालना.. बड़ा सुकून मिलता है.. जब चूत में गर्म रस अन्दर जाता है।
कल्लू- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या.. गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
गुड़िया- उस वक्त आया था.. अब नहीं आ रहा है।
कल्लू- जाओ कर लो.. नहीं लौड़ा अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी.. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
गुड़िया- हाँ सही कहा आपने.. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।
गुड़िया जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ.. वो जब चलने लगी तो उसकी चाल बदल गई दर्द की वजह से.. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। गुड़िया गाण्ड को मटकाती हुई सीधी झोपडी के पीछे की तरफ़ चली गई।
good one
 

Nevil singh

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कल्लू आराम से लेटा हुआ था तभी उसके दिमाग़ में कोई बात आई और वो उठकर सीधा झोपडी के पीछे की तरफ़ भागा तो देखा गुड़िया पेशाब करने बैठी ही थी कि कल्लू को देख कर खड़ी हो गई और चौंकती हुई बोली- ओह्ह.. भइया. ये क्या है मैं तो डर गई.. आप ऐसे अचानक आ गए?
कल्लू- अच्छा हुआ तूने सूसू नहीं किया.. मेरा भी सूसू आया है चल दोनों साथ में करेंगे.. मज़ा आएगा..
गुड़िया- हा हा हा भाई.. कुछ भी सूसू साथ में करने में क्या मज़ा?
कल्लू- तू देख तो सही.. मैं क्या करता हूँ.. मज़ा ना आए तो कहना..
गुड़िया- जो करना है जल्दी करो.. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा.. बड़े ज़ोर का सूसू आया है।
कल्लू निचे बैठ गया और गुड़िया को करीब खींच कर अपनी जाँघों पर बिठा कर उसके मम्मों को चूसने लगा। उसका लौड़ा एकदम कड़क हो गया.. तो उसने गुड़िया की चूत पर लौड़ा टिका दिया और हल्का सा अन्दर पेल दिया।
गुड़िया- आह्ह.. भाई क्या कर रहे हो.. पहले सूसू तो करने दो.. आप बाद में आराम से चोद लेना।
कल्लू- मेरी जान.. मैं चोद नहीं रहा हूँ.. अब तू ज़ोर लगा के सूसू कर.. देख कितना मज़ा आता है..
गुड़िया को बात समझ आ गई.. तो वो मुस्कुराने लगी और अपने भइया के गले में हाथ डालकर एक किस कर दिया।
कल्लू- अब सूसू करो.. मैं धीरे-धीरे तुम्हारी चूत में लौड़ा डालूँगा.. बहुत मज़ा आएगा।
गुड़िया ने सूसू करना शुरू कर दिया उसकी चूत से सीटी की आवाज़ निकलने लगी.. उसकी गर्म-गर्म सूसू कल्लू की जाँघों पर लगी.. तो उसको बहुत मज़ा आया और उसी पल कल्लू ने भी सूसू की धार गुड़िया की चूत में मार दी। गुड़िया एकदम से चिहुँक सी गई.. उसको चूत में अजीब सा अहसास होने लगा।
जब दोनों सूसू कर चुके तो एक-दूसरे को देख कर हँसने लगे।
गुड़िया- हा हा हा भाई आपकी सूसू कितना गर्म थी.. मेरी चूत की सिकाई हो गई.. थोड़ा सा गाण्ड में भी कर देते तो मज़ा आ जाता।
कल्लू- तेरी चूत से कौन सी कोल्ड ड्रिंक बाहर आई है.. वो भी गर्म ही थी और तेरी गाण्ड वाली इच्छा भी दोबारा में पूरी कर दूँगा।
गुड़िया- भइया आपकी पूरी जाँघें और पेट सूसू से सन गया है.. पहले नहा लें.. उसके बाद झोपडी में जाएँगे.. नहीं तो पूरा बिस्तर खराब हो जाएगा और बदबू भी आएगी..
कल्लू- ठीक है मेरी जान.. लेकिन ऐसा मत कहो कि बदबू आएगी.. ये तो अमृत है.. मेरा तो दिल करता है तेरी चूत से निकला इसका एक-एक कतरा पी जाऊँ।
गुड़िया- छी: छी: कितने गंदे हो आप.. सूसू पीने की बात कर रहे हो..
कल्लू- अरे मजाक कर रहा हूँ मेरी जान।
गुड़िया- अच्छा अब बातें बंद..।पहले मेरी चूत की खुजली मिटाओ भइया।
rashila
 

Nevil singh

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कल्लू:ठीक है गुड़िया।लेकिन एक शर्त पर मैं जैसे जैसे कहूँगा।तुम करोगी।देखता हु इस चुदाई में तुम जीतती हो या मैं।
कल्लू:गुड़िया आ थोडा मेरा लंड चूस दे मैं तुझे गोद में उठाकर चोदना चाहता हूँ।
गुड़िया कल्लू के आगे बैठ जाती है और उसके लंड को पहले जीभ से चाटने लगती है।फिर वह लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगती है।
कल्लू:गुड़िया अब तो तू लंड चूसने में पूरी एक्सपर्ट हो गई है।आ मेरी गोद में और अपनी चूत मेरे लंड पर रखकर बैठ जा।गुड़िया अपने भैया की गोद में चढ़कर अपने कोमल हाँथो से कल्लू भइया के लंड को अपनी रसीली चूत में सेट करती है और उसपर बैठ जाती है।कल्लू का लंड गुड़िया की गीली चूत में जड़ तक घुस जाता है।
अब कल्लू गुड़िया को गोद में उठाकर खेत में घुमा घुमा कर चोदने लगता है।कुछ ही देर की चुदाई में गुड़िया पूरा गरम हो जाती है और गोद में ही अपने भइया के लंड पर कूदने लगती है।
फिर कुछ देर बाद कल्लू गुड़िया को गोद से उतारकर कुतिया बना देता है।पीछे से अपना मोटा लंड अपनी छोटी बहन की चूत में पेल देता है।फिर वह गुड़िया के दोनों पैर को ऊपर उठा देता है और गुड़िया को हाथों के बल आगे चलने को कहता है।गुड़िया कुतिया बनी अपने दोनों हाथों के बल आगे चलने लगती है।और कल्लू पीछे से अपना लंड पेलता जाता है।
अब गुड़िया को पुरे खेत में कुतिया बना कर दौड़ा दौड़ा के पेलता है।आधे घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद गुड़िया झर जातो है तब कल्लू अपना लंड गुड़िया की चूत से निकालकर उसे सामने बिठा देता है और पूरा वीर्य गुड़िया के पुरे शरीर पर गिरा देता है।गुड़िया का बदन कल्लू के वीर्य से भीग जाता है।
rash bahati
 

Nevil singh

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गुड़िया:भइया देखो तुमने मुझे पूरा गन्दा कर दिया।चलो अब नदी में नहाकर आते है।मेरा पूरा बदन गन्दा हो गया है।
कल्लू:ठीक है गुड़िया चलो।लेकिन पहने कपडे तो पहन लो।गुड़िया अपना टॉप और स्कर्ट पहन लेती है और दोनों नदी के तरफ चल देते है।
गुड़िया:अरे भइया मई तो भूल ही गई थी की जब तुम माँ को तैरना सिखाने लाये थे तो क्या क्या किया।माँ के मोटे मोटे गांड का मज़ा लिया की नहीं।
कल्लू:अरे गुड़िया ।बहुत मज़ा आया माँ के साथ।जब माँ को नंगा करके तैरना सीखा रहा था।तो गहराई में जाने पर जब माँ मेरे लंड पर चढ़ गई थी तो मैंने धीरे से अपना लंड माँ की गदराई चूत में घुसा दिया था।फिर तो माँ इतनी गरम हो गई थी की मेरे गोद में चढ़कर एक घंटे तक अपनी चूत चुदवाती रही।
गुड़िया:सच भइया माँ बहुत चुद्दकड़ है।अब तो तुम्हारे मज़े ही मज़े है।जब मैं शहर चली जाउंगी तब माँ को खेतो में नंगा करके चोदते रहना।

कल्लू:हाँ मेरी गुड़िया।माँ की बात करके तूने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया।चल अब नदी आ गई है।हमदोनो नंगे नहाते है।तू मेरी गोद में चढ़ जा।आज तुझे भी माँ की तरह चोद दूँ।
गुड़िया अपने कपडे उतार कर पूरी नंगी हो जाती है।कल्लू भी नंगा हो जाता है और गुड़िया को गोद में उठा लेता है।फिर अपना लंड गुड़िया की चूत में पेल देता है और दोनों गर्दन भर पानी में चले जाते है।कल्लू अपनी बहन के रसीले होठो को चाटने चूसने लगता है।और निचे से लंड को धीरे धीरे गुड़िया की चूत में पेलने लगता है।
गुड़िया भी अपने भइया के चेहरे को चाटने चूसने लगती है।अपने चूंचियों को अपने भैया को चुसाने लगती है।दोनों को कितना मज़ा आ रहा है।

आधा घंटा पानी में मस्ती करने के बाद दोनों की उत्तेजना बढ़ गई और वहीं कम पानी में लाकर कल्लू ने गुड़िया को हाथ के सहारे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसा दिया और स्पीड से चोदने लगता है।
गुड़िया- आ आह्ह..पेलो भइया.. आह्ह.. आह्ह.. जोर जोर से.. आइ.. आह्. आह्ह.. उई.. मजा आ रहा है।

गुड़िया की बातों से कल्लू को और जोश आ गया, वो उसकी कमर पकड़ कर ज़ोर से चोदने लगा।
दस मिनट में गुड़िया की रसधार बह गई.. मगर कल्लू तो अभी बाकी था.. वो कहाँ रुकने वाला था। वो ‘दे दना दन’ चोदता रहा पेलता रहा।
गुड़िया- आ आह्ह.. भाई.. आह्ह.. चूत ही आ आह्ह.. मारते रहोगे क्या.. आ आह्ह.. दर्द होने लगा है.. अब तो गाण्ड भी खुल गई है.. तो उसमें पेल दो न..
कल्लू- हाँ मेरी रानी.. मन तो मेरा भी तेरी गाण्ड मारने का ही है.. मगर मैं तुम्हारे कहने का वेट कर रहा था।
rashmay
 

Nevil singh

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इतना कहकर कल्लू ने लौड़ा चूत से निकाला और गुड़िया के गांड पर थूक लगा दिया और ‘ठप’ से पूरा लंड एक साथ गाण्ड में घुसा दिया।
गुड़िया- ऐइ.. मर गई रे.. आह्ह.. भाई आराम से डालो ना.. आह्ह.. आज ही तो गाण्ड की ओपनिंग हुई है.. आह्ह..
कल्लू- क्या करूँ जान.. तुम्हारी टाइट गाण्ड को जल्दी से खोलना चाहता हूँ मैं ताकि फिर तुम्हें तकलीफ़ ना हो।
कल्लू स्पीड से गुड़िया की गाण्ड मारने लगा।
करीब 20 मिनट बाद गुड़िया दोबारा गर्म हो गई.. उसकी चूत फिर से रिसने लगी और कल्लू का लौड़ा भी अब आग उगलने को बेताब था.. तो उसने लौड़ा गाण्ड से निकाल कर चूत में घुसा दिया।अब तो कल्लू कभी अपना लंड अपनी बहन की चूत में घुसाता तो कभी गाण्ड में घुसा के पेलने लगता।गुड़िया भी किसी रंडी की तरह गरम हो गई थी ।

वह भी अपनी गांड और चूत दोनों मस्ती में चुदवा रही थी कुतिया बनके।कल्लू ने तेज तेज धक्के मार मार के गुड़िया के गांड और चूत के छेद को पूरा फैला दिया था। जल्दी ही उसका लावा फूट गया.. उसके साथ साथ गुड़िया भी झड़ गई।

गुड़िया- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया भाई.. आपके रस से चूत को सुकून मिलता है.. आह्ह.. आज तो मज़ा आ गया।
कल्लू- उफ्फ.. मज़ा तो मुझे आ रहा है तेरी चूत और गाण्ड इतनी टाइट है कि क्या बताऊ हमेशा चोदने का दिल करता है।।
गुड़िया- हाँ भाई.. जितना चोदना हो.. चोद लेना।

कल्लू- हाँ सही कहा.. चल अब तेरी एक इच्छा और पूरी कर देता हूँ.. बड़े ज़ोर का सूसू आई है.. तेरी गाण्ड में गर्म सूसू करके तुझे मज़ा देता हूँ.. तू भी क्या याद करेगी अपने भाई को.. चल घोड़ी बन जा जल्दी से..
गुड़िया घोड़ी बन गई.. कल्लू का लौड़ा पूरा तो कड़क नहीं था.. मगर उसने दोनों हाथों से गुड़िया की गाण्ड को फैला कर लौड़े का सुपारा गाण्ड में फँसा दिया और ज़ोर लगा कर सूसू करने लगा।
गुड़िया- आह्ह.. भाई.. कितना गर्म है.. मज़ा आ गया आह्ह..।

फिर दोनों एक दूसरे को नहलाते है।फिर दोनों शाम को घर आ जाते है।

अब कल्लू बहुत खुश था।उसकी बर्षो की इच्छा पूरी हो गई थी।उसके गाँव की नदी के कारण ही उसे उसकी माँ बहन और चाची की मस्त चूत और गांड मिली थी।





समाप्त
rashpadr
 

Lutgaya

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ग्रामीण परिवेश की शानदार चुदाई कहानी
इस concept पर कोई नई कहानी शुरू कीजिए राकेश जी
 

Siraj Patel

The name is enough
Staff member
Sr. Moderator
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354
Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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Waaaahhhhh
 
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