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कल्लु : गुड़िया एक बात बोलु।
गुडिया : आह सी वह क्या भैया।
कालू :तेरे दूध है तो माँ से छोटे लेकिन माँ के दूध से कितने ठोस और कठोर है।
गुडिया : माँ के दूध आपने दबा कर देखे है।
कालू : हाँ जब एक बार माँ को तैरना सीखा रहा था तब मैंने उनके दूध पकडे थे।
गुडिया : भैया माँ के दूध तो मुझसे भी खूब बड़े और मोटे मोटे है तुमने अच्छे से दबा कर नहीं देखा होगा। और कसावट भी बिलकुल मेरे दूध की तरह है उनके दूध तो देख कर ऐसा नहीं लगता की बाबा ने कभी उन्हें दबाया होगा।
कल्लु : क्या मतलब।
गुडिया : मुस्कुरा कर कुछ नहीं भइया, तुम्हे मेरे दूध ज्यादा अच्छे लगते है या माँ के।
कालू : मुझे तो तेरे ही दूध ज्यादा अच्छे लगते है।
भैया लगतार गुड़िया की गाण्ड में लंड दबाये जा रहे थे और अब उन्होंने उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर खूब खींच खींच कर मसलना और दबाना शुरू कर दिया था उसकी चुत की फाँके अपने आप खुल गई थी और उसकी बुर पानी के अंदर ही पानी पानी हो रही थी।
गुड़िया: आह भैया कितने जोर जोर से दबा रहे हो।
कालू : मै इन्हे अच्छे से दबा कर इनका सारा मैंल निकाल दुँगा।
गुडिया : भैया इनका मैंल तो आह सी ओह भैया धीरे दबाओ इनका मैल तो निकल गया है।
कालू : तूने ही तो कहा था की जब तक खूब अच्छे से तेरे दूध लाल नहीं हो जाते इन्हे दबाते रहना है।
गुडिया : आह हाँ दबाओ लेकिन थोड़ा धीरे मसलो आप तो मेरे दूध पूरे नोच डाल रहे हो, अच्छा भैया और क्या अच्छा लगता है आपको मुझ मे।
कालू : तू जब जीन्स पहनती है तो मुझे बहुत अच्छी लगती है।
गुडिया ने अपनी गाण्ड भैया के लंड में इस बार कस कर दबाते हुए कहा मै सब जानती हु आपको मै जीन्स में अछि क्यों लगती हूँ।
कालू : क्योँ।
गुडिया : आह सी भैया मै जानती हु जब मै जीन्स पहनती हु तो मेरे चूतड़ बहुत बड़े बड़े नजर आते है और इसीलिए आपको मै अछि लगती ह, मेरी बात सुनते ही भैया ने एक हाथ से मेरी गुदाज जांघो को दबोचते हुए कहा।
तूझे कैसे पता की मुझे तेरे चूतड़ बहुत अच्छे लगते है
गुडिया : इसलिए की आप बार बार अपनी बहन के चूतडो को ही देख रहे थे।
कालू : दूध दबाते हुए हाँ यह तो तूने ठीक कहा वैसे गुड़िया सचमुच तेरे चूतड़ बहुत बड़े बड़े हो गए है दो चार महिने पहले तेरे चूतड़ इतने मोटे मोटे और चौड़े नहीं थे।
गुडिया : भैया लड़किया जैसे ही जवान होती है उनके चूतड़ सबसे पहले मोटे हो जाते है, माँ के चूतड़ तो और भी ज्यादा बड़े और चौड़े है, तुमने कभी माँ के चूतडो को नहीं देखा क्या।
कल्लु : गुड़िया की मोटी गाण्ड में लंड दबाते हुये, नहीं बस ऐसे ही घाघरे के ऊपर से ही देखा है।
गुडिया : अरे भैया माँ के चूतड़ तो बहुत बड़े है मेरे चूतडो से भी बहुत अच्छे और भारी दीखते है।
कालू : क्या तूने माँ के चूतडो को देखा है।
गुडिया : हाँ मैंने तो माँ को पूरी नंगी भी देखा है।
कालू : अच्छा तूने कब माँ को नंगी देख लिया।
गुडिया : मैंने तो माँ को कई बार नंगी देखा है वह तो नहाते समय या कपडे बदलते समय कई बार मेरे सामने नंगी हो चुकी है।
कालू : क्या बहुत मोटे मोटे चूतड़ है माँ के।
गुडिया : सच भैया तुम देख लोगे तो देखते ही रह जाओगे।
कालू : अब मै कैसे देखुंगा, माँ मुझे दिखा थोड़ी देगी।
गुडिया : मै तुम्हे दिखा सकती हु माँ के मोटे मोटे चूतडो को।
कालू भैया ने गुड़िया की गाण्ड में लंड दबाते हुए कहने लगे कैसे।
गुडिया : आह सी वह क्या भैया।
कालू :तेरे दूध है तो माँ से छोटे लेकिन माँ के दूध से कितने ठोस और कठोर है।
गुडिया : माँ के दूध आपने दबा कर देखे है।
कालू : हाँ जब एक बार माँ को तैरना सीखा रहा था तब मैंने उनके दूध पकडे थे।
गुडिया : भैया माँ के दूध तो मुझसे भी खूब बड़े और मोटे मोटे है तुमने अच्छे से दबा कर नहीं देखा होगा। और कसावट भी बिलकुल मेरे दूध की तरह है उनके दूध तो देख कर ऐसा नहीं लगता की बाबा ने कभी उन्हें दबाया होगा।
कल्लु : क्या मतलब।
गुडिया : मुस्कुरा कर कुछ नहीं भइया, तुम्हे मेरे दूध ज्यादा अच्छे लगते है या माँ के।
कालू : मुझे तो तेरे ही दूध ज्यादा अच्छे लगते है।
भैया लगतार गुड़िया की गाण्ड में लंड दबाये जा रहे थे और अब उन्होंने उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर खूब खींच खींच कर मसलना और दबाना शुरू कर दिया था उसकी चुत की फाँके अपने आप खुल गई थी और उसकी बुर पानी के अंदर ही पानी पानी हो रही थी।
गुड़िया: आह भैया कितने जोर जोर से दबा रहे हो।
कालू : मै इन्हे अच्छे से दबा कर इनका सारा मैंल निकाल दुँगा।
गुडिया : भैया इनका मैंल तो आह सी ओह भैया धीरे दबाओ इनका मैल तो निकल गया है।
कालू : तूने ही तो कहा था की जब तक खूब अच्छे से तेरे दूध लाल नहीं हो जाते इन्हे दबाते रहना है।
गुडिया : आह हाँ दबाओ लेकिन थोड़ा धीरे मसलो आप तो मेरे दूध पूरे नोच डाल रहे हो, अच्छा भैया और क्या अच्छा लगता है आपको मुझ मे।
कालू : तू जब जीन्स पहनती है तो मुझे बहुत अच्छी लगती है।
गुडिया ने अपनी गाण्ड भैया के लंड में इस बार कस कर दबाते हुए कहा मै सब जानती हु आपको मै जीन्स में अछि क्यों लगती हूँ।
कालू : क्योँ।
गुडिया : आह सी भैया मै जानती हु जब मै जीन्स पहनती हु तो मेरे चूतड़ बहुत बड़े बड़े नजर आते है और इसीलिए आपको मै अछि लगती ह, मेरी बात सुनते ही भैया ने एक हाथ से मेरी गुदाज जांघो को दबोचते हुए कहा।
तूझे कैसे पता की मुझे तेरे चूतड़ बहुत अच्छे लगते है
गुडिया : इसलिए की आप बार बार अपनी बहन के चूतडो को ही देख रहे थे।
कालू : दूध दबाते हुए हाँ यह तो तूने ठीक कहा वैसे गुड़िया सचमुच तेरे चूतड़ बहुत बड़े बड़े हो गए है दो चार महिने पहले तेरे चूतड़ इतने मोटे मोटे और चौड़े नहीं थे।
गुडिया : भैया लड़किया जैसे ही जवान होती है उनके चूतड़ सबसे पहले मोटे हो जाते है, माँ के चूतड़ तो और भी ज्यादा बड़े और चौड़े है, तुमने कभी माँ के चूतडो को नहीं देखा क्या।
कल्लु : गुड़िया की मोटी गाण्ड में लंड दबाते हुये, नहीं बस ऐसे ही घाघरे के ऊपर से ही देखा है।
गुडिया : अरे भैया माँ के चूतड़ तो बहुत बड़े है मेरे चूतडो से भी बहुत अच्छे और भारी दीखते है।
कालू : क्या तूने माँ के चूतडो को देखा है।
गुडिया : हाँ मैंने तो माँ को पूरी नंगी भी देखा है।
कालू : अच्छा तूने कब माँ को नंगी देख लिया।
गुडिया : मैंने तो माँ को कई बार नंगी देखा है वह तो नहाते समय या कपडे बदलते समय कई बार मेरे सामने नंगी हो चुकी है।
कालू : क्या बहुत मोटे मोटे चूतड़ है माँ के।
गुडिया : सच भैया तुम देख लोगे तो देखते ही रह जाओगे।
कालू : अब मै कैसे देखुंगा, माँ मुझे दिखा थोड़ी देगी।
गुडिया : मै तुम्हे दिखा सकती हु माँ के मोटे मोटे चूतडो को।
कालू भैया ने गुड़िया की गाण्ड में लंड दबाते हुए कहने लगे कैसे।