- 3,092
- 12,699
- 159
चाची : अच्छा तो मुझे चुदते देख कर पहले तू अपना डर दुर करना चाहती है की कही तेरे भैया का मोटा लंड तेरी चुत फाड न दे।
गुडिया : हाँ पहली बार मरवाने पर मैंने सुना है बड़ा दर्द होता है और फिर भैया का लंड तो खूब मोटा और तगड़ा है इसलिए मै चाहती हु की पहले मै देखु
की कैसे आपकी मस्त चुत को मेरे भैया का लंड फाड फाड कर चोदता है।
चेची : लेकिन अगर कोई आ गया नदी में तब।
गुड़िया : अरे जब तक तुम भैया से चुदोगी तब तक मै इधर उधर आने वाले का ध्यान रखूँगी फिर जब भैया मुझे पूरी नंगी करके चोदेगे तब तुम ध्यान रखना और वैसे भी जिस घाट पर तुम और हम जाते है वहाँ तो और कोई आता ही नहीं है तो डर किस बात का।
चाची : कुछ सोचते हुए अच्छा ठीक है लेकिन।
गुडिया : अब लेकिन वेकिन कुछ नहीं अब तुम जल्दी से मेरे साथ चलो हमें सीधे नदी की ओर जाना है भैया हमें देख कर आ जाएगे।
चाची : अरे जरा रुक तो सही एक दम से उठा नहीं जाता है कमर में दर्द होने लगता है।
गुडिया : चाची की मोटी गाण्ड की दरार को घाघरे के ऊपर से सहला कर दबाते हुए कहने लगी इसीलिए तो चाची कह रही हु एक बार भैया का मोटा लंड जब तुम्हारी गाँड में घुस कर चोदेगा तो तुम्हारे कमर के सारे दर्द दुर हो जाएगे और फिर चाची मुझसे मुसकुराकर बोली: रंडी कही की शहर जाकर तो बहुत चुदासी हो गई है चल आज लगता है कल्लु का मस्ताना लंड मेरी चुत की खूब चुदाई करने वाला है।
आगे कहानी गुड़िया के शब्दों में-
मैं चाची को ले कर नदी की ओर चल पड़ी और कुछ देर बाद भैया आता हुआ दिखाई दिया चाची कपडे धोने लगी और मैं अपनी गोरी गोरी पिण्डलियों को नदी के पानी में डाल कर अपने पैर हिला रही थी और मेरी चुत मस्ती के मारे फूल रही थी, चाची की गदराई जवानी उसकी चिकनी कमर और उठी हुई गुदाज गाण्ड अलग ही कहर ढा रही थी, कुछ देर बाद कल्लु भैया आ गए और।
गीतिका : भैया आज तो आपको चाची को भी तैरना सीखाना पडेगा।
कालू : चाची को तो तैरना आता होगा क्यों चाची।
चाचि : अरे कहा रे कल्लु कभी ऐसी जरुरत ही नहीं पड़ी अब यह गुड़िया जिद करने लगी की भैया बहुत अच्छे से तैरना सीखाते है और मुझे भी पकड़ लाई, चाची की नजर कभी भैया के चौड़े सिने में और कभी उसकी धोती में कसे लंड की ओर जा रही थी।
कल्लु : अच्छा हुआ चाची आप आ गई आपको भी तैरना सीखा देता हु और फिर कल्लु भैया पानी में कमर तक उतर गए और मुझसे कहने लगे आजा गुडिया,
मैने अपने कपडे की तरफ इशारा किया तो भैया ने कपडे उतारने का इशारा कर दिया, मैंने पहले अपनी चोली उतार दी और मेरे बड़े बड़े रसीले आम पूरे नंगे हो गये।
मेरे आमो को देखते ही कल्लु भैया अपने लंड को धोती के ऊपर से सहलाने लगे
कालू : गुड़िया घाघरा भी उतार कर जल्दी से आ जा।
गडिया : भैया पहले चाची को सिख़ाओ उसके बाद मै आउंगी, मैंने चाची को कहा चाची जल्दी से नंगी हो जाओ भैया देखो कैसे तुम्हारे पके हुए आमो को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे है।
गुडिया : हाँ पहली बार मरवाने पर मैंने सुना है बड़ा दर्द होता है और फिर भैया का लंड तो खूब मोटा और तगड़ा है इसलिए मै चाहती हु की पहले मै देखु
की कैसे आपकी मस्त चुत को मेरे भैया का लंड फाड फाड कर चोदता है।
चेची : लेकिन अगर कोई आ गया नदी में तब।
गुड़िया : अरे जब तक तुम भैया से चुदोगी तब तक मै इधर उधर आने वाले का ध्यान रखूँगी फिर जब भैया मुझे पूरी नंगी करके चोदेगे तब तुम ध्यान रखना और वैसे भी जिस घाट पर तुम और हम जाते है वहाँ तो और कोई आता ही नहीं है तो डर किस बात का।
चाची : कुछ सोचते हुए अच्छा ठीक है लेकिन।
गुडिया : अब लेकिन वेकिन कुछ नहीं अब तुम जल्दी से मेरे साथ चलो हमें सीधे नदी की ओर जाना है भैया हमें देख कर आ जाएगे।
चाची : अरे जरा रुक तो सही एक दम से उठा नहीं जाता है कमर में दर्द होने लगता है।
गुडिया : चाची की मोटी गाण्ड की दरार को घाघरे के ऊपर से सहला कर दबाते हुए कहने लगी इसीलिए तो चाची कह रही हु एक बार भैया का मोटा लंड जब तुम्हारी गाँड में घुस कर चोदेगा तो तुम्हारे कमर के सारे दर्द दुर हो जाएगे और फिर चाची मुझसे मुसकुराकर बोली: रंडी कही की शहर जाकर तो बहुत चुदासी हो गई है चल आज लगता है कल्लु का मस्ताना लंड मेरी चुत की खूब चुदाई करने वाला है।
आगे कहानी गुड़िया के शब्दों में-
मैं चाची को ले कर नदी की ओर चल पड़ी और कुछ देर बाद भैया आता हुआ दिखाई दिया चाची कपडे धोने लगी और मैं अपनी गोरी गोरी पिण्डलियों को नदी के पानी में डाल कर अपने पैर हिला रही थी और मेरी चुत मस्ती के मारे फूल रही थी, चाची की गदराई जवानी उसकी चिकनी कमर और उठी हुई गुदाज गाण्ड अलग ही कहर ढा रही थी, कुछ देर बाद कल्लु भैया आ गए और।
गीतिका : भैया आज तो आपको चाची को भी तैरना सीखाना पडेगा।
कालू : चाची को तो तैरना आता होगा क्यों चाची।
चाचि : अरे कहा रे कल्लु कभी ऐसी जरुरत ही नहीं पड़ी अब यह गुड़िया जिद करने लगी की भैया बहुत अच्छे से तैरना सीखाते है और मुझे भी पकड़ लाई, चाची की नजर कभी भैया के चौड़े सिने में और कभी उसकी धोती में कसे लंड की ओर जा रही थी।
कल्लु : अच्छा हुआ चाची आप आ गई आपको भी तैरना सीखा देता हु और फिर कल्लु भैया पानी में कमर तक उतर गए और मुझसे कहने लगे आजा गुडिया,
मैने अपने कपडे की तरफ इशारा किया तो भैया ने कपडे उतारने का इशारा कर दिया, मैंने पहले अपनी चोली उतार दी और मेरे बड़े बड़े रसीले आम पूरे नंगे हो गये।
मेरे आमो को देखते ही कल्लु भैया अपने लंड को धोती के ऊपर से सहलाने लगे
कालू : गुड़िया घाघरा भी उतार कर जल्दी से आ जा।
गडिया : भैया पहले चाची को सिख़ाओ उसके बाद मै आउंगी, मैंने चाची को कहा चाची जल्दी से नंगी हो जाओ भैया देखो कैसे तुम्हारे पके हुए आमो को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे है।