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Adultery मैफिल ए चुदास-Season 1

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kamdev99008

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bahut badhiya................... twist to bahut huye....................

ab to dono ko apne hath mein rakhna chahiye sanju ko...............

sala abdul aur maa................. dono ne hi sanju ki aukat hi nahin samjhi.................
 

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EPISODE 5

सुबह जब उठा तब माँ नहाके किचन में कुछ काम कर रही थी।मैं फ्रेश होकर नहाके बाहर आया तो उन्होंने सब्जी लाने भेज दिया।जैसे मैं बाहर गया।मेरे घर के साइड में ही अब्दुल चाचा का घर था।अब्दुल चाचा दरवाजे पे मिल जाने के लिए तैयार हो रहे थे।

अब्दुल ने थोड़ा हिम्मत कर पूछा।

अब्दुल:क्यो संजू कहा जा रहे हो?

मैं:कुछ नही चाचा थोड़ा मा ने सब्जी फल लाने बोला है वो लेने जा रहा हु।

मैने स्माइल नही किया पर,हल्का जवाब देखे जल्दी में निकल गया।पीछे से हमारी 2 मिनट की बातचीत हिना ने सुनी,जैसे वो बाहर आयी ,तभी मैं वह से उनको देख अनदेखा कर जल्दी निकल गया।

अब्दुल चाचा के मुह पे थोड़ी हसि सी आ गयी।ओ ये बात बताने के लिए घूमकर हिना चाची को बुलाने वाला था उससे पहले हिना चाची बोल पड़ी।

हिना चाची: हाहा मालूम पड़ा संजू ने तुझसे बात की चिल्लाओ मत,पर ओ मुझे देख अनदेखा कर चला गया।

हिना चाची रुआँसी हो गयी और मेरे मा के पास गयी।

हिना चाची:ओ सविता सुन रही है?

मा : हा बोलो क्या हुआ सुबह सुबह,कोई बात हुई क्या?

हिना:अब मुझसे रहा नही जाता,संजू अब्दुल से भी बात कर रहा है अभी मेरे से क्या अइसी नाराजगी?

अब्दुल से बात करने की बात को सुन मा खुश हो गयी।उसके चेहरे की खुशी हिना चाची के दिल में लगी आग को तेल डालने जैसी थी।

हिना चाची:तुम लोगो को मेरी कुछ पढ़ी ही नही है।सिर्फ अपना देखो।

मा :तुम सब्र करो,सब्र का फल मीठा होता है।

मा हिना चाची को समझाते हुए आटा बून्द रही थी और हिना चाची बाजू में बर्तन घिस रही थी बेसिंग में।

मैं माँ को पुकारते हुए किचन में आया।वह हिना चाची को देख थोड़ा चुप हो गया।
मा:आ गए संजू,जाओ सब्जी ट्रे में रखो सही से।मैं बाद में अलग कर दूंगी।
अइसा बोल के मा हिना चाची के साथ बातों में लग गयी।

इधर मैं हिना चाची से बात नही करना चाह रहा था,क्योकि किसी औरत को तड़पाने में कुछ अलग से मजा है।और मुझसे डबल गेम करने की सजा तो मिलेगी ही न।पर जब मैं बाहर जा रहा था न चाहते हुए मेरी नजर उन दोनो पे चली गयी।

36'34'36 और 38,36,38 के दो गांड फुलाये चुदास भरे माल मटक रहे हो तो लन्ड हलचल करेगा।बहोत दिन से चाची को पेला नही था।उनकी चुत को चुचो को बहुत याद कर रहा था।इधर इसी सोच विचार में मेरा लन्ड खड़ा हुआ।
मैं बाहर जाकर दरवाजे खिड़की जो सामने बाहर के पब्लिक को दिख सकती थी उसको आहिस्ता बन्द किया।

Tshirt निकाला और शॉर्ट निकाल अंडरविअर और बनियान में किचन में गया।दोनो रंडिया आपस में गुफ्तगू में लगी थी।मैं सीधा हिना चाची के पास गया और पीछे से सलवार के ऊपर से ही गांड के छेद में खड़ा लन्द घुसा दिया और आगे हाथ दाल चुचे मसलना चालू कर दिया।
इस हमले से दोनो चौक गयी।माँ थोड़ा मजाक मस्ती में ली पर मा के सामने ही की इस हरकत पर हिना थोड़ी सुन्न हो गयी।उसे कुछ समझ नही आया।

हिना चाची:"अरे संजू मा के सामने ये क्या कर रहा है।"

अटकते हुए कुछ अल्फाज हिना चाची के मुह से निकल गए।उनको और झटका देने के लिए मैंने मा को अपनी तरफ खिंचा और ओंठ चूसने लगा।हम दोनो का ये खेल देख हिना चाची तो हक्काबक्का रह गयी।
पर हमारी लिप किसिंग बढ़ती गयी।मैंने हिना चाची को पूरा छोड़ दिया और मा के साथ ओंठ चूसने में लग गया।
हमारा जोश देख हिना चाची जो पहले ही 4 5 दिन से चुदाई की भूखी थी उसके चुत से मुह से जाने कहा कहा से पानी बहने लग गया।मैंने उनके आंखों में भाव बदलते चेहरे में गौर से उस बात को नोटिस किया।उनकी तड़प मुझे अब देखी नही गयी।बाकी तो मैं सख्त हु पर यहा मैं पिघल गया।
मैंने हिना चाची को भी उसमे शामिल किया।अभी दोनो के रसीले ओंठ बारी बारी से चूस के रसपान कर रहा था।थोड़ी देर बाद सब अलग हो गए।मैं बनियान अंडरविअर में था तो ओ दोनो भी ब्रा और पेंटी में आ गए।हम किचन से बाहर वाले कमरे में आ गए जहा tv और बेड है।

मैं:दोनो क्या कयामत लग रही हो।चलो इस बात पर लेसबियन किस हो जाय।

दोनो के ओंठ एक दूसरे के ओंठो को चिपक गए।
दोनो एकदम सटीक प्रोफेशनल पोर्नस्टार की तरह एक दूसरे को चिपक चूतड़ दबा कर किसिंग कर रहे थे।मैं अंडरविअर और बनियान निकल फेंकी और बेड पे बैठ लन्ड को हिलाने लगा।
मेरा लन्ड अभी तप कर लोहा हो गया था।ओ रंडिया जो एक दूसरे को नागिन की तरह चिपक कर चुसाई कर रहे थे अचानक से मेरे लन्ड पर धाबा बोल दिया।
मैं बेड पे पीछे गिर गया।दोनो राइट लेफ्ट मेरी तरफ गांड कर घोड़ी की तरह बारी बारी लन्ड को चूसे जा रही थी।आइसक्रीम कैंडी को जैसे जीभ मटका कर चाट कर मजे से खाया जाता है वैसे वो मेरे लन्ड के साथ कर रही थी।
मेरे सामने का नजारा ये था की 36 की गांड राइट में उछल रही थी और 38 की लेफ्ट में।मैने दोनो उछलती गांड के अंडरविअर नीचे खिंचे और कैसे वैसे बाहर निकाल दिए।
दोनो के गांड का और चुत का छेद साफ दिखाई दे रहा था।दोनो के चुत पर छोटी झांट उगी थी ।मतलब शेव किये बहुत वक्त हुआ था।
मैने पहले 1 उंगली फिर दो फिर तीन अइसे करके चुत में अंदर बाहर करने लगा दोनो की गांडों की उछलने की गरी और लन्ड चूसने की गति में बदलाव होने लगा।मैं दोनो की गांड़ों पर चपेट मारने लगा,वैसे वो दोनो रंडिया उछलने लगी।इस मस्ती में मेरा लोहा अपना लोहा रास छोड़ने के कगार पे आया मैंने दोनो की चूतड़ों को जखड लिया।मेरी जखड़न का मतलब समझ मा ने लन्ड को जोरसे हिलाना चालू किया।कुछ ही पल में फाउंटेन की तरह लोहा रास उड़ने लगा दोनो के चेहरे सफेद हो चुके थे।दोनो ने पहले लन्द को चाट पोछ के फिर एक दूसरे के चेहरे चाटने चालू किये।
मेरा लन्ड फिरसे खड़ा करने में हिना चाची लग गयी।मा अपनी fantacyके आदत अनुसार मेरे मुह पे चुत फुला के बैठ गयी।मैं उसकी चुत में जीभ को डलवाये चूस रहा था।जैसे ही लन्ड खड़ा हुआ।हिना चाची उसपे चुत का छेद रख बैठ गयी।लन्ड घुसते ही ओ सिसक पड़ी "आआह"।भर रसभरी मादक आवाज।
फिर जो चुदाई शुरू हुई,थोड़ी देर में मा ने भी उसे जॉइन किया,लन्ड चुसाई की तरह ये भी बारी बारी करने लगी।दोनो करीब आधे घंटे बाद झड़ गयी।मेरा लन्ड भी वैसे ही गिरा पड़ा रहा।मुझे नींद आ चुकी थी थकावट से।दोनो मेरे साइड में लेट गयी।
करीब शाम 3 बजे नींद खुली।दोनो औरते गायब थी।
मैं किचन में गया।किचन भी खाली था।अभी मैं फ्रेश होने बाथरूम में गया।वह हम लोगो के कपड़े सुख रहे थे।मैन अभी नहाने की ही सोची और बाहर के टॉवल लेकर ठंडे पानी से नहा कर खुद को पूरा साफसुदरा कर दिया

मैं सुबह लेट उठा था तो नाश्ता करने का मन नही था।पर आदतन किचन में झांकने गया तो नाश्ता नही था पर खाना बिल्कुल तैयार था।मैं बाहर आया और अपना काम देखने लगा।

अभी 12 बज गया फिर भी मा नही आयी।सुबह से मैंने मोबाइल पर ध्यान नही दिया था।पर मोबाइल को जांचा तो मालूम पड़ा की मा मुझे मेसेज करके गयी थी

"संजू खाना बनाया है खा लेना।मैं हिना चाची के साथ गयी हु कुछ जरूरी काम से।आकर बात करेंगे।फोन मत करते बैठना।टाइम पे खाना खा लेना।मुझे आने तक शाम हो सकती है"

मैं तो पहले ही भूख से तड़प रहा था।किचन में जाके खाना खत्म किया।और बाहर बेड पे आराम कर रहा था।पर बैठ बैठे नींद कैसी आ गयी मालूम नही पड़ा।जब आँख खुली तो अब्दुल चाचा सामने बैठे थे।

अब्दुल:अरे संजू उठ गए,बहोत गहरी नींद थी।

मैंने "हा"कहा और घड़ी मे देखा,6.30 बजे थे।मैं बाथरूम जाने उठा।तो अंदर मा और हिना चाची के अलावा 3 और औरते थी।मा कुछ बोलती उससे पहले मैं बाथरूम में घुस गया।5 मिनट बाद बाहर आया तो सारी औरते गायब।
मेरा सिर चकरा जा रहा था।हॉरर फ़िल्म जैसा लग रहा था।मैं फ्रिज मेंसे ठंडा पानी पिया और बाहर आया तो देखा की सारी मंडली बाहर बैठी है मेरी राह ताकते हुए।

मा:आ संजू बैठ कुछ बात करनी है तुझसे।

मैं: क्या हुआ,कोई परेशानी तो नही न?

हिना:नही संजू ओ....

हिना चाची की बात काटते हुए मा बोली।

मा:संजू हम शादी के सिलसिले में बात करना चाहते है,जिसपर मैने तुम्हे पिछली बार बोला था"

मैं:ओ अच्छा अच्छा,पर अभी क्यो?और यहां!?!?।

मैन"यहा?!?!"बोलते समय मेरा स्वर थोड़ा अलग था और नजर साथ में बैठे तीन औरतो पर था।मेरे स्वर और नजर की परिभाषा को समझ उसने उन तीनो की पहचान करवाई

मा:ये!!!! ये हिना चाची की मा ये बहन और ये बेटी है।

।मैंने भी तीनो को नमस्ते किया।अभी सब लोग मेरे तरफ गौर से देख रहे थे।

मैं :क्या?

मा:अरे शादी के विषय में क्या विचार किया तुमने क्या निर्णय है तुम्हारा?

मैं:मुझे सोचने तो दो,अइसे एकदम से सरप्राइज करोगे तो कैसे होगा।आपके पुनर्विवाह को मेरे तरफ से मंजूरी है।पर मेरे बारे मे थोड़ा टाइम दो।

मा:अरे पर...

मा की बातों को काटते हुए हिना चाची की मा बोल पड़ी।

फ़ॉर शॉर्टकट(हिना की मा=ही.मा

ही.मा: सविता जवान लड़का है,समझदार है,उसे तय करने दो ,इस मामले में जल्दबाजी नही की जाती,तुम अपना फैसला कर लो बेटा।

मैंने उनको स्माइल में धन्यवाद दिया और अंदर वाले रूम में चला गया।यहां ये लोग भी आपस में चर्चा में लगे रहे।
तभी पीछे से हिना चाची मेरे कमरे में आई।और दरवाजा बन्द कर वही खड़ी मुझे ताकने लगी।उनके चेहरे पर अजीब सी सनसनाहट थी।वैसे आज वो साड़ी में थी काले ।बड़ी कयामत लग रही थी।

मैंने उनको देख स्माइल किया और सोच विचार करने लगा।कुछ पल के गुजरने के पश्चात हिना चाची ने अपनी कपकपाती आवाज में मुझे समझाने की कोशिश की।

हिना: इतना क्या सोच रहे हो संजू,क्या मैं तुम्हे पसन्द नही?

मैं:वो बात नही है हिना चाची,पर उम्र में काफी अंतर है।शादी कोई खेल नही है।पूरे जिंदगी की बात है।

हिना चाची मेरे सामने आके मेरा हाथ पकड़कर बोली:
"तो मुझमे क्या कमी है,क्या मेरा प्यार झूठा हैं।"

मैं: मैं कब कहा की आपका प्यार झूठा है।पर बात की गहराई समझो।

मैं थोड़ा बाजू में खिसक गया।

हिना:तुम भी तो मेरे प्यार की गहराई समझ न।"

हिना चाची ने पीछे से आके मुझसे चिपक कर बोली:
"संजू मैं तुमसे सच में बहोत प्यार करती हु।प्लीज मुझे अपना लो,मैं तेरा साथ पाने के लिए कुछ भी करूंगी।प्लीज....."

इतना बोल पल्लू नीचे झटक दिया।और मेरा हाथ पकड़ चुचो पर रख दिया।ओ मुझे अपने यौवन की भूल दे कर हा करवाना चाहती थी।ओ मेरे प्यार के लिए पागल हुए जा रही थी।ये सब सोचके ही मैं हैरान और परेशान हो रहा था।

मैं हाथ नीचे लेके:बात ये है की आप सुंदर हो सब अच्छा है आपमे पर मैं मेरी उम्र और आपके बीच बहोत जड़ मतलब करीब 15 से 20 साल का अंतर।

हिना:तो उससे क्या होगा,कुछ नही होता,तुम रखेल बना लेना बस मुझे तुम चाहिए।

मैं "रखेल "शब्द से सन्न पड़ गया।

मैंने उनको बाहर जाने बोला ,उनके इस उत्साह नही पर पागलपन बोल सकते है उसकी चिंता होने लगी।

मैं थोड़ी देर में बाहर आया और मा से कहाँ"????????????????????????????????????????????????????"

कैसी लगी कहानी और क्या होगा आगे संजू क्या कहेगा वो राजी होगा, कुछ और ही दिशा में लेके जाएगी ये कहानी की रुख।अपनी राय बताना जरूर।
 
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sunoanuj

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कहानी बहुत ही जबर्दस्त है मित्र ।
 

kamdev99008

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.........................भाई कहानी में ट्विस्ट लाना होगा............... अभी तो माँ हो या हीना... दोनों ही हीरो को चूतिया समझ रही हैं................ जिस्म दिखाओ और कुछ भी करवा लो...कुछ भी मनवा लो
और चूतियों का सरदार..... हीना का पति.... अब्दुल........................... उसे जब हीरो की मौजूदगी में उसकी माँ चोदते डर नहीं लगा...., तो फिर और क्या डर .............. और थोड़ी बहुत नाराजगी जो थी....................... वो भी उसकी दोनों रंडियों ने दूर करवा दी.... अपने भोसड़े दिखाकर
यार हीरो को हीरो बनाओ
वो जो बेटी आयी है......................उससे शादी करवा दो.............. हीना और अपनी माँ को रखैल बनाए रहे....................अब्दुल भी काबू में रहेगा
 

Mr Mystery ©

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Episode 6

संजू:"मा अगर आप इतना ही चाहते हो तो मैं शादी कर लूंगा......

सबकी आंखे चमक गयी।मा से ज्यादा तो हिना चाची उछलने लगी।सबका आनंद सातवे आसमान को छू रहा था।
पर गौर करे तो संजू ने अपनी बात को पूरा नही किया था।

संजू:अरे रुकिए रुकिए रुकिए,मैंने शादी के लिए हा की है पर मुझे दुल्हन के रूप में शकीना पसंद है।

शकीना- हिना की विधवा बहन।उम्र करीब 38 से 40 साल।
अचानक से पति के मौत के बाद ससुराल से निकाला गया।पिताजी ने उसके दूसरे निकाह की कोशिश की पर कलमुँही समझ किसीने उसे निकाह नही किया।6 साल से करीब विधवा वाली जिंदगी जी रही है।363436 का मजबूत शरीर।हिना के जैसी ही बौनी।रंग सावला।

संजू के इस बात पर जो चमक आई थी ओ एकायक चली गयी सबके मुह पर से।हिना तो झट से निचे बैठ गयी।अब्दुल मा को चौक कर ताक रहा था और हिना की मा और शकीना आश्चर्यजनक स्थिति में मुह खुला रख संजू को ताक रहे थे।संजू के मुह पर धीमी सी स्माइल थी।

नगमा बाहर से आ रही थी उसके हाथ में मोबाइल था।
लगता है बाहर बात करने चली गयी थी।जैसे ही ओ आई,सबके चेहरे के भाव देख उसे कुछ समझ नही आया।जमीन पर मा को अइसा बिखरा पड़ा देख उसने मा को संभाला।मा उठी और हिना को अंदर ले गयी,साथ में नगमा भी चली गयी।

अब्दुल चाचा वैसे ही फट्टू थे,उनको कुछ समझ नही आया वो क्या करे तो उन्होंने वहा से खिसकना ही सही समझा।वो बाहर जा के बैठ गए।

मैं जाकर हिना की मा आबिदा चाची और शकीना के सामने बैठ गया।मैंने शकीना को देख स्माइल की,वो थोड़ी शर्मा से गयी सहमा सी गयी,ओ मुझसे नजर चुराने लगी।
उसे लगा की मैं उससे बात करूँगा।पर मैन हिना की मा मतलब आबिदा से पूछा.

"क्यो चाची आपकी छोटी बेटी से शादी की तो चलेगा ना।कोई दिक्कत तो नही?"

आबिदा चाची बड़े ब्रम्हसंकट में थी।हा करेगी तो हिना चाची नाराज और ना करेगी तो वैसे भी मैं हिना चाची से शादी पे इनकार कर दिया था।दिमाग में उनके सारी बाते घूम रही थी तभी अचानक से मैंने उनका हाथ पकड़ के झटकते हुए बोला"चाची कहा खो गयी जवाब दो"।दिमाग और दिल की चलमचल में उनके मुह से "हा' निकल गया।समय का भी खेल अइसा था की उसी समय मा हिना और नगमा बाहर आ रहे थे।उन्होंने सुन लिया।जब मैंने ये बात सुनी मैंने फौरन शकीना से कहा"क्यो मोहतरमा क्या आप तैयार है।"

शकीना अपनी मा को देख बोली"जी अम्मी बोली तो अब मैं क्या बोलू,पर...!?!?

मैं"आप दूसरी बातों पे ध्यान न दो बस अपने मन की बोलो,चलो कुछ और जान लेते है एकदूसरे के बारे में।

मैंने उनका हाथ पकड़ा तो वो सिहर सी गयी।उनका हाथ ठंडा था और थोड़ा कांप भी रहा था।मैंने उनको हाथ पकड़ के उठाया और उन तीनो के सामने से किचन में लेके गया और दरवाजा बन्द किया।यहां पर हिना अपने मा के पास जाकर उसे कोसना चालू की।उसको नगमा और मेरी मा संभाल रहे थे।

इधर हम लोग अपने बारे में एक दूसरे से बात कर रहे थे।अपनी आपबीती और बहोत कुछ।
मैं:"दूसरी शादी क्यो नही की?दिखती भी बहोत सुंदर हो।

शकीना चाची:जभी शादी की उसके बाद पति की नोकरी चली गयी,फिर 1 2 साल में सास ससुर चल बसे फिर किसी कारण पति का देहांत हो गया।इतने सारी घटनाओ के सदमो से बाहर आने में वक्त लगा।पिताजी ने कोशिश की पर मुझे कलमुँही डायन समझ कोई आगे नही आ रहा था निकाह को।उसमे अब्बू भी चल बसे।फिर क्या फैमिली भी बिखर गयी।अम्मी कहा कुछ करती इसलिए ओ बात छोड़ ही दी।"

मैं:"और बच्चा?

शकीना चाची चौक गयी पर तुरन्त नॉर्मल जैसा जवाब देते हुए बोली:"नही ओ ज्यादा घर पे नही रहते थे।काम ढूंढते रहते थे।दिन की मजदूरी पे चलता था।अम्मी अब्बा से मदत लेना उनके उसूल के खिलाफ लगता था।तो काम की वजह से हममे उतनि नजदीकियां नहीं आयी ज्यादा।

शकीना:"और आप?आपका कोई?

मैं:नही मेरा वैसा कोई नही बस हलफिलाल में...!!"
शकीना चाची ने मेरी बात काटते हुए बोला:"हिना बेन,

मैं स्माइल कर दिया।शकीना चाची आगे बोल पड़ी:"हिना इतना प्यार करती है तो उनसे ही शादी क्यो नही कर लेते।

मैं:"मुझे उनसे शादी करने में कोई दिलचस्पी नही और उनके पतिदेव है।ओ अलग बात है की वो मेरी मा से शादी करना चाहते है,अगर मा तयार है तो मुझे कोई एतराज नही।पर मुझे जो पसन्द मेरी शादी उसीसे होगी।औऱ मुझे आप पसंद आयी।

शकीना खुलते हुए बोलने लगी:"अच्छा जी अइसी बात,जनाब को क्या पसंद आया मुझमे,जो हिना से खूब है?

मैंने उनके पास जाके उनके चेहरे को हाथ में लेके बोला
:"ये मासूम चेहरा

शकीना चाची:बस और कुछ

मैं:"ये नशीली आंखे

मैं हर बार इश्क़ महोब्बत में उनसे बाते छेड़ रहा था।पर उनका तो"बस और कुछ "यही चल रहा था।मुझे लगा,मतलब मुझे अइसा महसूस हुआ की ये भी हिना की छोटी बहन है।उसके ही गुण भरे है।उनकी आंखे नजर वही बया कर रहे थे।कुछ समय बोलने से झिझकने वाली अब बहोत खुल के बात कर रही थी।मतलब अंदर की असली औरत बाहर आ रही थी।

मैंने उसके और कुछ के पहेली को जवाब देते हुए अचानक से उसको खींचा अपने होंठ उसके ओंठ पर चिपकाए और उनकी गांड को दबोच कर किसिंग चालू किया।पर ये अचानक हुआ तो ओ तैयार नही थी।ओ हल्का से छूटने की कोशिश कर रही थी।उसकी गांड मेरी हाथो में दबी थी,चुचे छाती में दबे थे,और होंठ मेरे होंठो के तले दबे थे।कुछ वक्त बाद लगा उसे भी मजा आने लगा है उस खेल का,क्योकि पकड़ से छूटने की नाकाम कोशिशें बन्द हो गयी थी।उसी वक्त मैंने उसको अपने से बाजू कर दिया और पूछा।

"और कुछ"

ओ:नही अभी के लिए ये काफी है।"

तभी मा का आवाज आया की चलो खाना भी खाना है।
हमने दरवाजा खोला।मा ने अंदर आके खाना लगाया।सबका खाना हुआ।खाना खाते वक्त मैं औऱ शकीना चाची स्माइल करते एकदूसरे को देखते हुए खाना खा रहे थे।पर हमारी ये नजदीकिया देख हिना चाची खाना अधूरा छोड़ चली गयी।
मा मुझे ताना मारते हुए बोली:"अभी मुह क्या देख रहा है,तेरे ही करतूतों की वजह से ड्रामा हो रहा है,जा संभाल।

मा की बात भी सही थी तो मैं ज्यादा तूतू मैं मैं न करते हाथ धोया,क्योकि मेरा खत्म होने को था तो हाथ धोके बाहर हिना चाची को समझाने गया।

मुझे आते देख हिना चाची:"अभी तुम मुझे कुछ समझा मत,पूरे अरमानो का गला चिर दिया तूने।

मैं उनके पास जाके
:"आप गलत सोच रही हो।

हिना:क्या गलत सही तो है,तुझे मालूम है मैं तुमसे प्यार करती हु ,तब भी मेरे बहन के साथ ही निकाह करने चला है।
मैं:आप समझ नही रहे हो,मैं भी आपसे प्यार करता हु,पर हम शादी करेंगे तो हमारा प्यार ख़त्म हो जाएगा।और आपकी बहन से शादी करूँगा तो आपसे प्यार करने से ओ रोक भी ना पाएगी।जब लगेगा प्यार खत्म हो रहा है तब कर लेंगे शादी।अभी मा को संभालने को बहु चाहिए इसलिए शकीना से शादी औऱ मुझे संभालने को आप।

हिना चाची मेरे आंखों में देख कुछ सोची और बोली:"सच्ची संजू!!?!!।

मैं:"सच्ची हिना चाची?!?

इस बात पे हिना खुश होकर मुझसे चिपक गयी।अब शादी के लिए उन्हें भी कोई एतराज नही था।

दूसरे दिन अब्दुल चाचा अपनी सास और हिना चाची की मा आबिदा बेगम के साथ शादी के लिए कोर्ट में जाकर आये।एक हफ्ते बाद शादी की रजिस्ट्रेशन की तारीख थी।हिना की मा बहन और बेटी बहोत दूर के शहरों में थी।तो वो सब तबतक इधर ही ठहरने वाले थे।

मा बहन आने के बाद हिना चाची अपने घर में रहती थी।अब्दुल चाचा को निकाह के बाद छुटी लगेगी इसलिए फैक्ट्री में ज्यादा काम कर रहे थे।हिना चाची की बेटी नगमा मेरी मा के साथ ही रहती थी।उनके साथ ही ज्यादा टाइम बिता रही थी।क्योकि अभी वो उनकी भी बेटी होने वाली थी।

 
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