पहला प्यार - विवाह प्रस्ताव – Update #3
काजल, हमेशा के जैसे ही, फर्श पर सोने की व्यवस्था करने के लिए बढ़ी, लेकिन मैंने उसे मना किया। रात में ठंड बढ़ गई थी, और अब हमारे बीच में ऐसी किसी औपचारिकता की न तो कोई जरूरत थी, और न ही उसके लिए कोई स्थान। काजल का स्थान बहुत खास था - मेरे जीवन में, मेरे दिल में, और मेरे घर में भी। गैबी ने भी उसको नीचे लेटने से साफ़ मना कर दिया, और उसको अपने साथ, अपने बिस्तर पर लेटने के लिए कहा। गैबी ने कहा कि उसे भी नींद आ रही थी, इसलिए चारों ही साथ में आ सकते हैं। मुझे नींद नहीं आ रही थी, इसलिए मैं ड्राइंग रूम में बैठ कर टीवी देखने लगा।
मुझे मालूम नहीं था कि गैबी के मन में क्या चल रहा था, लेकिन मैंने फिलहाल उसे अपने मन का करने दिया। अगर उसे अपना स्पेस चाहिए था, और अगर वो अपनी बात केवल काजल से करना चाहती थी, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं थी। गैबी के बेड पर सुनील और लतिका, अपनी माँ के बगल आ कर लेट गए। रोज़ की ही तरह जब जब गैबी ने अपना पजामा उतार दिया, और बिस्तर पर चड्ढी और शमीज़ पहने लेट गई, तो सुनील को थोड़ा विचित्र सा लगा। हो सकता है कि सुनील ने पहली बार किसी लड़की को ऐसे नंगे देखा हो, लेकिन किशोरवय होने के बावज़ूद, वो अभी कुछ भी कामुक सोचने के लिए बहुत छोटा था। जब, सभी लोग बिस्तर पर आराम से सेटल हो गए, तब काजल ने झिझकते हुए अपना एक स्तन निकाल कर सुनील के मुंह में डाल दिया। ऐसा करते ही, उसने उसका चेहरा अपनी साड़ी के पल्लू से ढँक लिया [जैसा भारतीय माताएँ अपने बच्चों को स्तनपान कराते समय करती हैं]। सुनील को ऐसे स्तनपान करते देख कर गैबी को बहुत हैरानी हुई।
“दीदी, आप अभी भी उसको दूध पिलाती हैं?” उसने काजल से पूछा।
काजल ने संकोच करते हुए सफ़ाई दी, “अरे दीदी, मैं क्या करूँ! एक रात को ये बदमाश सो नहीं रहा था, और जब मैंने इसको सुलाने की कोशिश करी, तो ये मुझसे दूध पिलाने की ज़िद करने लगा। अब इतने बड़े लड़के को दूध कैसे? लेकिन इसको सुलाने के लिए मैंने इसको दूध पिला दिया। तब से ये ऐसा कर रहा है। अब मेरे पास इतना बल नहीं है कि देर देर तक जाग कर इन दोनों को सुलाऊँ - इसलिए अगर दूध पिलाने से काम हो जा रहा है, तो मैं कर देती हूँ!”
“हा हा हा! शरारती लड़का है!”
तो काजल और गैबी दोनों बातें करने लगीं, और जल्दीी ही सुनील सो गया। जब काजल ने देखा कि सुनील सो गया, तो वो अपना स्तन उसके मुँह से निकाल कर, अपने ब्लाउज में वापस डालने को हुई। लेकिन गैबी ने उसका हाथ थाम कर उसको ऐसा करने से रोक दिया। काजल ने उसको उत्सुकता से देखा - गैबी उसका पल्लू हटा रही थी, और अब उसके स्तन सहला रही थी। काजल उसको ऐसा करते देख कर मुस्कुराई - जैसे वो भी समझ रही थी कि गैबी को क्या चाहिए। काजल की प्रतिक्रिया से उत्साहित हो कर, गैबी उसका ब्लाउज उतारने लगी। काजल थोड़ी हैरान तो ज़रूर हुई, लेकिन उसने उसको मना नहीं किया, और गैबी को वो सब करने दिया जो वो करना चाहती थी। चूंकि दोनों ही लेटी हुई अवस्था में थीं, इसलिए कपड़े कितने उतर सकते हैं, उसकी एक सीमा थी।
तो काजल ने गैबी को थोड़ी और जगह देने के लिए दोनों बच्चों को बहुत सम्हाल कर, बिस्तर के एक तरफ कर दिया, और खुद गैबी के बगल में आ गई। काजल बहुत जिज्ञासु और साहसी हो सकती है। यह उसका एक ऐसा पक्ष था, जिसके बारे में मुझे अधिक जानकारी नहीं थी। काजल मुझसे भी बहुत सहज व्यवहार करती थी; और जैसा हमारे बीच में अंतरंग सम्बन्ध थे, उसकी के कारण, मुझे लगता है कि, वो गैबी के साथ भी इतना सहज महसूस कर रही थी। दूसरी ओर, यह भी संभव है कि गैबी, काजल के साथ मेरी निकटता के बारे में जान कर खुद भी काजल के साथ भी जुड़ना चाहती थी। काजल इस बड़े शहर में मेरी अभिभावक जैसी थी। मैंने कभी भी उसके साथ नौकरानी जैसा व्यवहार नहीं किया; वह वास्तव में यहाँ पर मेरा परिवार ही थी। गैबी भी यह बात जानती थी, और महसूस करती थी। संभव है, कि आज शाम को अपनी मम्मी के साथ जो गंदापन उसने देखा, उसके कारण इस समय ‘परिवार का प्यार’ पाने के लिए, उसका अवचेतन मन उससे यह सब करवा रहा था! गैबी के बगल आ कर, काजल ने झट पट अपना ब्लाउज उतारा, और अपने सुन्दर, ममतामई स्तनों को गैबी के लिए मुक्त कर दिया!
गैबी ने जब पहली बार काजल के खूबसूरत स्तनों को देखा, तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया। काजल के स्तन तो जबरदस्त थे! दो बच्चे होने के बाद भी काजल के स्तन और शारीरिक बनावट उम्दा थी! गैबी ने उनको छूआ; पहले तो अनिश्चय से, और फिर थोड़े आत्मविश्वास से!
“दीदी, मैं इनको चूम लूँ?” गैबी ने पूछा।
काजल मुस्कुरा दी।
“तुम्हारा हस्बैंड भी इनको चूमना बहुत पसंद करता है।” काजल ने प्यार से कहा, “मैंने अमर को कई बार दूध पिलाया है। और अगर तुम भी पीना चाहती हो, तो ऐसा करने में मुझे बहुत खुशी होगी।”
काजल यह कह कर थोड़ा रुक गई, और गैबी पर इस बात के प्रभाव को देखने लगी। उसने सोचा होगा कि शायद इस खुलासे पर गैबी चौंक जाएगी या हैरान हो जाएगी। लेकिन, गैबी केवल मुस्कुराई। मैंने काजल के बारे में उसको सब बातें पहले ही बता दी थीं। काजल ने यह देखा, और वो शांति से, मुस्कुराते हुए गैबी की तरफ करवट लेकर लेट गई। इस पोजीशन में कोई काजल को देखता, तो उसको ऐसा लगता कि जैसे उसके स्तन गैबी के मुंह में जाने को आतुर हैं! गैबी भी काजल के स्तन पीने को आतुर थी - उसने लगभग तुरंत ही उसको चूमना, और चूसना शुरू कर दिया।
लोग यह पूछ सकते हैं कि एक महिला, दूसरी महिला के स्तनों की ओर कैसे आकर्षित हो सकती है? क्या यह समलैंगिकता की निशानी नहीं है? तो मैं कहना चाहूँगा कि बिना समलैंगिक हुए भी, एक महिला, दूसरी महिला के स्तनों की ओर आकर्षित हो सकती है! मुझे तो लगता है कि स्तनों में कुछ न कुछ चुम्बकीय आकर्षण होता है। अगर कोई पुरुष, किसी महिला के स्तनों की ओर आकर्षित होता है तो उसको हम कितनी आसानी से उचित सिद्ध कर देते हैं! उसके लिए लोग अक्सर कहते हैं कि यह आकर्षण तो बचपन से ही उत्पन्न हो जाता है, जब एक माँ अपने बेटे को स्तनपान कराती है। यह तर्क बेहद बेतुका है - अरे भाई, अगर एक माँ अपने बेटे को स्तनपान कराती है, तो वही माँ अपनी बेटी को भी तो दूध पिलाती है! आप मेरी बात समझ रहे हैं? तो यदि बचपन के स्तनपान के कारण, कोई पुरुष किसी महिला के स्तनों की ओर आकर्षित हो सकता है, तो बचपन के स्तनपान के कारण, कोई महिला भी किसी महिला के स्तनों की ओर आकर्षित हो सकती है। और वैसे भी, अगर कोई सुन्दर, सुडौल, और गोल स्तनों की जोड़ी की ओर आकर्षित हो जाए, तो उसमे आश्चर्य कैसा? स्तन तो प्रकृति की सबसे अद्भुत रचना की तरह हैं।
इसलिए, स्तनपान के दौरान और उसके बाद काजल और गैबी के बीच में क्या हुआ होगा, इसकी कल्पना करना बहुत कठिन काम नहीं है। गैबी ने काजल के सुस्वाद स्तनों को बहुत देर तक चूसा। न जाने कितने वर्षों बाद उसको माँ का दूध पीने का अवसर मिला था। काजल भी बड़े ममता भरे अंदाज में गैबी का पोषण कर रही थी। उसकी छठी इंद्रिय ने उसे बताया था कि गैबी को किसी प्रकार के भावनात्मक आश्वासन की आवश्यकता थी, और वो अपनी स्वेच्छा से, गैबी को ठीक वैसा ही आश्वासन दे रही थी। माँ या किसी भी ममतामई स्त्री का दूध का उनके शिशुओं, या शिशु-जैसे संबंधों पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है। मैंने यह प्रभाव स्वयं पर पड़ते देखा है। सुनील भी माँ का दूध पी कर चैन से सो जाता है। जाहिर सी बात है, गैबी भी उसी तरह के सुख का अनुभव कर रही होगी!
मुझे लगा था कि दोनों अब तक सो गई होंगी, इसलिए जब गैबी और काजल कमरे से बाहर आती दिखीं, तो मुझे हैरानी हुई! कभी कभी मैं बहुत देर रात तक टेलीविजन पर फिल्म या वयस्क चैनल देखता था। लेकिन फिलहाल तो एक बढ़िया फिल्म आ रही थी - ‘कैसाब्लांका’! यह मेरी सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक है! मैं सोफे पर बैठा हुआ फिल्म का आनंद ले रहा था, और जब दोनों मेरे साथ बैठने के लिए बाहर आईं, तो मैं बीच में बैठ गया, और गैबी मेरे दाहिनी ओर और काजल मेरी बाईं ओर बैठ गई। मैंने कुछ कहा नहीं; बस फिल्म देखता रहा।
“हनी, तुमको कुछ चाहिए? समथिंग टू ड्रिंक परहैप्स?” गैबी ने पूछा।
“हे! व्हाई नॉट! मुझे याद है कि वाइन की एक दो बोतलें हैं, फ्रिज में। हम उनको पी सकते हैं।”
उस समय भारत का वाइन उद्योग बहुत छोटा था - बहुत सारे लोग वाइन पीना पसंद नहीं करते थे। या तो बियर का चलन था, या फिर हार्ड स्पिरिट्स जैसे व्हिस्की, रम, इत्यादि का। जो भी थोड़ी बहुत वाइन आती थी, वो नाशिक से आती थी। उसको बेचने वाले भी बिरले ही लोग थे। लेकिन मैंने एक दुकान का पता लगा लिया था, और वो ठीक ठाक दाम में वाइन देता था। रेगुलर कस्टमर होने के कारन कभी कभी वो डिस्काउंट भी दे देता था।
आज वैसे भी शनिवार की रात थी, और मुझे शराब पीने से कतई गुरेज़ नहीं था। मेरे फ्रिज में हमेशा कुछ मदिरा तो मिल ही जाती थी। मेरे कहने पर गैबी ने कैबरने सॉविनो वाइन निकाला और तीन गिलासों में डाल कर हमको थमा दिया। काजल वाइन नहीं पीना चाहती थी। उसका मानना था कि मदिरा पान करा बुरा और अनैतिक काम है। दरअसल आस पास के बेवड़ों और पियक्कड़ों को देख कर कोई भी कहेगा कि मदिरा पान बुरा और अनैतिक काम है। लेकिन इसको सामाजिक तौर पर भी पिया जा सकता है, और इसका आनंद उठाया जा सकता है, यह उसके लिए एक नई बात है! मैंने काजल को यह सब समझाया, और काफी समझाने के बाद उसने एक-दो घूंट पीने का वायदा किया। तो, हमने उसके गिलास से थोड़ी थोड़ी वाइन निकाल कर अपने में डाल ली, और उसके लिए केवल कुछ चम्मच भर ही वाइन छोड़ी।
“हम्म ... दिस इस अ वैरी गुड वाइन!” गैबी ने एक दो सिप ले कर टिप्पणी की। उसने आज से पहले किसी भी भारतीय वाइन को नहीं चखा था।
“हाँ! है न?”
काजल कुछ और आइसक्रीम खाना चाहती थी - सुनील के साथ साथ काजल को भी आइसक्रीम बहुत पसंद है। और उसने मुझसे आइसक्रीम खाने की अपनी इच्छा बताई। मैंने उससे कहा कि उसे मेरी अनुमति की आवश्यकता क्यों है? यह उसका घर भी था, और वो जो मन चाहे, वो कर सकती थी। उसने जल्दीी से शराब गटक ली, और आइसक्रीम को फ्रिज से निकाल कर मेरे बगल बैठ गई। फिल्म अंग्रेजी में थी, इसलिए काजल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। वो शायद बोर भी हो रही हो, लेकिन वो हमारे साथ नाइट-आउट करना चाहती थी, इसलिए साथ में बैठी हुई थी। हमने लाइट बंद कर दी और वापस फिल्म देखने लगे। कुछ देर में फिल्म ने थोड़ी गति पकड़ी, और मैंने अपना हाथ गैबी के कंधों पर रख कर उसे अपने पास खींचा।
“दिस इस अ वैरी रोमांटिक फ़िल्म!” गैबी ने कहा, “दिस इस वैरी रोमांटिक! जानू, हम लोग निश्चित रूप से इस तरह के और नाइट आउट कर सकते हैं!”
मैं हँसा और गैबी को चूमा। जब हम चूम रहे थे, तब हमको एक दूसरे के मुँह में मीठा मीठा, थोड़ा ठंडा, और खुशबूदार शराबी स्वाद आ रहा था। मैंने गैबी के कंधों को अपनी बाहों से घेर कर उसको अपने से दुबका लिया था। अँधेरे में सामने नाचती तस्वीरें वाकई बहुत रोमांटिक सीन बना रहीं थीं। गैबी का हाथ पकड़कर, मैंने उसके हाथ और उंगलियों को सहलाना शुरू किया, और उसकी हथेली पर छोटे-छोटे वृत्त बनाने शुरू कर दिए। बस यूँ ही!
गैबी मुस्कुराई, और मेरे कान में फुसफुसाई, “आई लव यू सो मच हनी।”
हमने उस रोमांटिक अंधेरे में फिर से एक दूसरे को चूमा, और फिल्म में उस समय जो चल रहा था, उसको देखा - रिक, भ्रष्ट लेकिन दिलकश, कैप्टेन रेनॉल्ट, दुष्ट मेजर स्ट्रैसर, बदकिस्मत उगार्ट, और रिक के कैफे में रात की चहल पहल! गैबी के साथ बैठ कर, उसके शरीर की गर्माहट को अपने करीब महसूस कर, मेरी पसंदीदा फिल्म देखना - मुझे बहुत भा रहा था! सच में, मुझको गैबी से पूरी तरह प्यार हो गया था! अब मुझे इस बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता था कि उसका शरीर कैसा था। हमारी आत्माएँ अब एक थी। शायद वो मुझसे इसी तरह के प्रेम की उम्मीद लगाए बैठी थी! मैंने उसका एक और चुंबन लिया - इस बार, उसके होंठों पर! गैबी ने अपना मुंह खोल दिया, और हमारी जीभें भी एक दूसरे को चूमने लगीं!
“ओह …” गैबी ने फुसफुसाते हुए गहरी साँस भरी, “... तुमको चूमना बहुत अच्छा लगता है, मेरी जान!”
फिल्म जारी रहती है - पूर्वदृश्य [फ्लैशबैक] में! जर्मनों के आने से पहले कुछ घंटों पहले - पेरिस में रिक और इल्सा की कहानी!
“Kiss me. Kiss me as if it were the last time…” इल्सा कहती है।
जब रिक और इल्सा एक दूसरे को चूमते हैं, तो हम भी एक दूसरे को चूमते हैं! फिल्म में दृश्य बदल जाता है - रात का दृश्य है, और स्टेशन पर खड़े खड़े रिक, इल्सा के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा होता है, ताकि वे दोनों एक साथ वहां से निकल जाएँ, और जर्मनों से बच सकें। जैसे ही रिक, इल्सा के बिना ट्रेन में चढ़ता है, गैबी के गाल पर आँसू ढलक पड़ते हैं। मैंने यह देखा, और बड़े प्यार से गैबी को चूमा, और कहा, “हनी, आई लव यू! हम जल्दी ही हमेशा के लिए एक हो जाएंगे!”
हमने फिल्म देखते हुए एक दूसरे को थोड़ा और चूमा और एक दूसरे को अपने आलिंगन में भर लिया। गैबी मेरे काफी पास आती जा रही थी, और यह मुझे अच्छा लग रहा था। एक दूसरे के गर्म चुम्बनों से हमारे होंठ और गाल गीले हो गए थे, हमारी जीभ आपस में नृत्य कर रही थीं। वाइन का असर गैबी पर बहुत जल्दी पड़ने लगा; शायद बहुत महीनों बाद वाइन पीने का प्रभाव हो! केवल दो गिलास वाइन पीते ही, गैबी प्रमत्त [drunk] हो गई।