Shetan
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Ha ha sab yaad he. Tu bas aage ki batati jaपरेशानी
सुबह तड़के इन्हे बनारस जाना था , वहां दो तीन लोगों से मिलने एक कोई महिला थीं , ताज में रुकी थीं , गालिया समथिंग ,... कोई एटामिक स्वैप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके , करेंसी में ,... तो क्या उसका इस्तेमाल इनके पेपर में हो सकता था.
बी एच यू में क्वांटम कम्प्यूटिंग का कोई सेमीनार था उसमें कोई प्रिंसटन से आया था , उससे भी इन्हे मिलना था , फिर जो पेपर इन्होने इतनी मेहनत करके , उसको पियर रिव्यू के लिए ,... और जिस कम्पनी में इन्होने ज्वाइन किया था उसके एच आर के हेड के साथ लंच पर ,...
शाम तक बल्कि थोड़ा पहले , चार बजे तक पक्का ,
लेकिन सुबह इनके जाने के साथ एक और परेशानी
परेशानी ये नहीं थी , की मैं रात में बच जाती थी ,
नहीं नहीं इसका मतलब ये नहीं था की मेरी बचत हो जाती थी , ये तो सूद समेत , ...
अब दिन रात का फरक ख़तम होगया था , पहले तो सिर्फ बेड रूम में , लेकिन अब तो कहीं भी , कई बार किचेन में भी , और जब मेरी सास जेठानी को पता चलता की ' ये मेरे साथ ' हैं तो वो लोग बाहर नहीं निकलती थीं हाँ मेरी जेठानी , इनकी भाभी इन्हे बाद में छेड़ने से नहीं चूकती थीं , और अब ये भी एकदम बेशरम ,
पहले तो रात में ३-४ बार और कभी दिन में भी एकाध बार लेकिन अभी तो कम से कम छह बार , और ऊपर से इनकी भौजाई कम्मो वो और , मैं तो बल्कि इनसे कहती भी थी , फागुन भी है और गरमाई हुयी भौजी भी है ,
लेकिन ये भी न मेरे पीछे ,
पर परेशानी ये भी नहीं थी ,...
मैं जानती थी मेरे मायके में तो इनकी सालिया , सलहज इन्हे छोड़ेंगी नहीं और मुझे इन्हे छूने नहीं देंगी , दस दिन की मेरी पूरी छुट्टी रहेगी , ... इसलिए ,
पर परेशानी कुछ और थी , और बहुत बड़ी थी , ...
भाभियों की परेशानी क्या होती है , उनकी छोटी कुँवारी ननद ,
बस वही मेरी भी थी , और कौन गुड्डी , इनकी ममेरी बहन ,...
थोड़ा पन्ने पलटिये , यादों को कुरेदीये
याद आ गया न , .... मेरी शादी में कोहबर में इनकी पक्की साली और मेरी पक्की सहेली चंदा ने , गुड्डी के साथ वही कोहबर में पूरा प्रोग्राम बनाया था , अभी भी मुझे याद है और मैं उन्हें चिढ़ाती हूँ
( छुटकी ने पूरी वीडियो रिकार्डिंग की थी और मेरी जेठानी को भी भेज दी थी )
चंदा ने उनसे कहा था ,