ड्राईवर राज की बाइक बनाकर कालेज ले आया और उसे निशा को दे दिया।दोपहर लंच की छुट्टी के समय सीमा ने निशा से कहा, लाओ राज की बाइक की चाबी दो मुझे मै राज को दे आती हू। मुझे पता है राज इस समय कैंटीन में ही होगा।
निशा _मै अकेली क्या करूंगी? चलो मैं भी चलती हूं।
सीमा _आश्चर्य से बोली, मैम साहिबा वहा पर उनके और भी दोस्त मौजूद होंगे क्या तुम उनके बीच जाना पसंद करोगी।
निशा _क्यू, जब तुम वहां जा सकती हो तो मैं क्यू नही।
सीमा _ मुसकुराते हुवे बोली,मै तो इसलिए बोल रही थी की तुम लडको से दूर रहना पसंद करती हो।
निशा _नही, चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।
सीमा _मुस्कुराते हुवे, क्या बात है मैम साब कुछ बदली बदली सी लग रही हो,अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो चलो।
अब वे दोनो कैंटीन की ओर जाने लगे।
इधर राजेश, भगत और उसके अन्य दोस्त कैंटीन में बैठकर चाय पी रहे थे। और इधर उधर की बाते कर रहे थे। तभी भगत ने निशा को कैंटीन की ओर आते देखा।
भगत _राजेश भाई निशा जी कैंटीन की ओर आ रही है पहले तो कभी कैंटीन में नही आई।
राजेश और उसके अन्य दोस्त निशा को आते हुए देखने लगे।
तभी सीमा और निशा कैंटीन में दाखिल हुई।
सीमा _हाय राज, हेलो भगत।
भगत _हाय सीमा,अरे आप लोग कैंटीन में , बड़ी खुशी हुई आप लोगो को देखकर, आइए बैठिए न।
हटो बे निशा और सीमा जी को बैठने के लिए कुर्सी दो।
उनके अन्य दोस्त कुर्सी से उठ गए और वेटर से और कुर्सी लगाने को बोले ।
कैंटीन का मालिक अरे निशा मैम ,आप यहां,बड़ी खुशी हुई आपको यहां देखकर, आप तो यहां आती ही नहीं।
निशा कैंटीन का अवलोकन करने लगी।
आइए बैठिए न, क्या लेंगी आपलोग।
सीमा _देखिए हम यहां कुछ लेने नही आए, हमे राज से कुछ काम था।
सीमा राजेश से _राज, ये लो तुम्हारा बाइक की चाबी ड्राईवर बाइक बनाकर ले आया है।
राजेश _अरे सीमा जी इसके लिए आप लोगो ने क्यू तकलीफ उठाई,आप फ़ोन लगा देते तो मैं खुद चला आता चाबी लेने।
सीमा _वो आपका नंबर हमारे पास था नही।
राजेश _ओह, शुक्रिया ,सीमा ।थैंक्स,निशा जी।
कैंटीन मालिक _आईए बैठिए न निशा मैम। आईए कुछ तो लीजिए।
हमे भी बड़ी खुशी होगी।
सीमा _न, निशा बाहर का कोई भी चीज नही खाती।
अच्छा राज अब हम चलते हैं।
भगत _निशा जी,आईए न हमारे साथ बैठकर एक कप कॉफी तो लीजिए। हमारे राजेश भाई को अच्छा लगेगा ।क्यू राजेश भाई?
राजेश _हां, आईए न हमारे साथ बैठकर एक काफी लीजिए। हमे खुशी होगी। प्लीज,,,,
सीमा और निशा दोनो जाने के लिए पिछे मुड़कर कदम बड़ा चुके थे, राजेश की बात सुनकर, निशा ने सीमा का हाथ पकड़ लिया,,
सीमा _निसा को फुसफुसाते हुए,मतलब तुम यहां काफी पियोगी।
निशा _धीरे से, इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो,,,
सीमा निशा की आंखों में देखकर मुस्कुराने लगी।
सीमा _पलटकर, अब आप लोग इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो निशा आप लोगो के साथ एक काफी ,,,
भगत _ये हुई न बात, वहा मौजूद सभी लोग बहुत खुश हो गए।
भगत ने कैंटीन मालिक दिलदार सिंह से कहा, अरे दिलदार भइया सबके लिए जायकेदार काफी बनवाओ।
दिलदार सिंह ने अपने वर्कर को सभी के लिए एक अच्छी काफी बनाने को कहा,,
भगत _निशा जी आप दिल से कितनी अच्छी है।हम लोग आपके बारे में कितनी गलत सोचते थे।
कि हम जैसे छोटे लोगो से आप बात करना पसंद नहीं करती,,
सीमा _अरे ऐसी बात नहीं है ओ क्या है न किहमारी निशा को लडको से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं।
वैसे आप लोग भी काफी अच्छे हैं? कालेज की भलाई के लिए आप एक छात्र नेता के रुप में अच्छा काम कर रहे हैं? यहां के सीनियर ,अपने जूनियरों को परेशान नहीं करते। अन्य कालेजों की तरह। छात्र हित में भी आप बड़े अच्छे कार्य कर रहे हैं।
भगत _ भई,इसके लिए हमारी नही ,राजेश भाई की तारीफ कीजिए। हमे तो इन्हीं के मार्गदर्शन में चलते हैं।
सीमा_हा,वो तो हमें पता है।
तभी वेटर काफी ले कर आ गया।
भगत _लो जी काफ़ी भी बनकर आ गया।
वेटर ने सभी के सामने काफ़ी का कप रख दिया।
राजेश _लीजिए निशा जी।
निशा ने राजेश की ओर देखा फिर अपना नजरे झुका कर काफी उठा ली। सभी अपनी अपनी काफी उठा ली।
राजेश ने काफी का एक घुट लिया फिर उसने निशा से कहा, लीजिए न निशाजी, टेस्ट कीजिए यहां की काफी।
निशा काफी लेने लगी। सभी काफी पीने लगे।
सीमा _वाह काफी तो बहुत अच्छी बनी है क्यू निशा?
निशा ने हा में सिर हिलाई।
भगत _वैसे राज भाई को यहां की काफी बहुंत पसन्द है। आप लोग भी हमारे साथ लंच के समय काफी लेने के लिए आते रहिए l
सीमा _क्यू नही? अगर काफी लेने का मूड बना तो, क्यू निशा?
निशा ने हां में सर हिलाया।
काफी खत्म होने के बाद निशा ने सीमा को चलने का इशारा किया वह राजेश के सामने खुद को असहज महसूस कर रही थी।
सीमा _अच्छा राज अब हम चलते है। काफी अच्छी थी थैंक्स फॉर काफी।
भगत _आप दोनो हमारे साथ काफी ली हमे काफी अच्छा लगा जी, थैंक्स।
सीमा और निशा दोनो वहा से चलने लगे तभी कैंटीन मालिक,निशा एवम् सीमा से आते रहिएगा हमारी कैंटीन में जी।
सीमा और निशा अपने क्लास की ओर जाने लगीं तभी
सीमा _निशा, मुझे तुम कुछ बदली बदली सी लग रही हो, तुम पहले तो लडको से दूर रहती थी। पर आज
निशा _देखा नही उन लोगो ने कितना जिद की एक कप साथ में काफी पीने तो मैं मना न कर सकी।
सीमा _अच्छा जी, उन लडको के कहने पर की राज के कहने पर, सीमा मुसकुराते हुवे बोली।
निशा _नाराज होती हुई बोली , तुम्हे तो बस मुझे छेड़ने का बहाना चाहिए।
सीमा _ओ हो हो, तो मैं तुम्हे छेड़ रही। देखो तो मेरी तरफ।
निशा _क्यू, क्या हुआ और वह सीमा की ओर देखने लगी।
सीमा निशा की आंखों में देखते हुए मुस्कुराने लगी।
निशा _हस क्यू रही हो, क्या हुवा।
सीमा _कुछ नही, और सीमा मुस्कुराती रही।
निशा _बताओ मुझे तुम हस क्यू रही।
सीमा _हा मै हस रही हू क्यू की जो बाते जुबा नही कह सकती वो आंखें बता देती है। तुम्हारी आंखों मै मैं नही दिखी बल्कि कोई और दिखा इसलिए मुझे हसी आ गई।
निशा _चल हट झुठी कही की, तुमको तो बस मुझको छेड़ने का बहाना चाहिए।
सीमा _निशा रूको मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
निशा _क्यू मुझे छेड़कर तुम्हारा जी नही भरा है। बोलो क्या बात है।
सीमा _तुम राज को पसंद करती हो क्या? मुझे सच बताओ।
निशा _अरे ऐसा कुछ नहीं। हा राज एक अच्छा लड़का है पर मैं,,,,,,,,
सीमा _बोलो निशा रुक क्यू गई पर क्या?
निशा _लड़खड़ाते जुबा से बोली मुझे राज में कोई इंट्रेस्ट नही।
सीमा _तुम सच कह रही ना।
निशा _हा, पर तुम ये सब क्यू पूछ रही।
सीमा _क्यू की तुम मेरी अच्छी सहेली हो मै तुम्हे खोना नहीं चाहती।
निशा _क्यू, मुझे क्या हुवा।
सीमा _मै राज को पसंद करती हूं और उसे मैं उसे बहुंत जल्द प्रपोज करना चाहती हूं।
निशा _क्या, पर इसका जिक्र कभी की नही।
सीमा _मुझे लगा की यही सही मौका है तुम्हे बताने का। वैसे तुम्हारे मन में राजेश के लिए कुछ हो तो बता देना, मै तुम्हारे लिए अपने दिल को समझा लूंगी।
बोलो कुछ है क्या,,
निशा _न, मुझे लडको में कोई इंटरेस्ट नहीं। निशा ने यह बात अपनी नजरे चुराते हुए बोली।
और वे दोनो अपने क्लास में चले गए।
इधर भगतराजेश से, भाई आपूण को लगता है की निशा जी आप पर कुछ ज्यादा मेहरबान हो रहि है आपुन को तो कुछ,,,
राजेश _अबे बस कर लगता है की सुबह का कीड़ा तुम्हारे दिमाक से अभी तक नही निकला है।
भगत _सॉरी भाई आपुण को जो लगा वही बताया,,
राजेश _मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नही और रही बात लडकियो की तो वो मेरे बारे में क्या सोचती है उससे मुझे क्या? चल अब क्लास का समय हो गया है।
इधर रोहन के दोस्तो ने इसके बारे में रोहन को बताता की किस प्रकार निशा ने राज के साथ काफी पी,,
रोहन _ कोई बात नही,एक बार मुझे स्टूडेंट ऑफ द ईयर बन जाने दे फिर कालेज की साड़ी लड़किया मुझ पर मरेगी निशा और राजेश की बहन स्वीटी भी,,
इधर राजेश और भगत क्लास में पहुंच गए थे। सुमन क्लास लेने पहुंची। वह पिली साड़ी में खाफी खूबसूरत लग रही थी। राजेश उसकी खूबसूरती में कहीं खो सा गया।
सुमन ने जब देखा की राजेश उसी की ओर देखते हुए कहीं खो सा गया है।। उसे शर्म आने लगी,,
सुमन ने कहा, सभी स्टूडेंट्स पढ़ाई पर ध्यान दें, मुझे लग रहा है की कुछ लोगो का ध्यान कही और है।
भगत ने राजेश को कोहनी मारा,राजेश जैसे सोते से जागा ।
राजेश _धीरे से क्या हुवा बे,
भगत, मैम तुम्हारी ओर देख रही, तुम कहीं खोए हुए हो। कही तुम निशा के बारे में नही सोच रहे।
राजेश _अबे मुंह बन्द रख अपनी,,
भगत _सॉरी भाई।
राजेश ने सुमन को अपने मोबाइल से मेसेज किया की आज तुम काफी खूबसूरत लग रही। मै तो तुम्हारी जुल्फो को देखकर कही खो सा गया था।
सुमन ने वह मैसेज पढ़ी और मन ही मन खुश होने लगी।
क्लास खत्म होने के बाद सुमन ने राजेश को मैसेज की, जानू आज तुम आ रहे न।
राजेश ने वह मैसेज पढ़ाऔर मैसेज किया हा जान हमारी तड़प बड़ चुकी है जब से क्लास में तुम्हे देखा है?
सुमन _तुम्हारी बीवी तुम्हारी इंतजार करेगी, तुम्हारे आने की!
कालेज से छुट्टी के बाद राजेश सुमन का घर चला गया और फिर दोनो जी भर कर संभोग सुख का आनंद उठाया। और राजेश फिर एक बार सुमन के कोख को अपने बीज से भर कर घर चला आया।
इधर राजेश और सुनिता दोनो ही स्वीटी और शेखर के बीच सामान्य व्यवहार करने लगे जैसे उनके बीच कुछ हुवा ही नही पर अकेले में एक दुसरे के पास आने में कतराने लगे।
अगली सुबह रीता अपने बंगले के गार्डन में बैठे अपने पति विवेक के साथ बैठी चाय पी रही थी। तभी उसके पास समर आया जो रोहन को ट्रेनिंग दे रहा था। उसे देखकर रीता बोली आओ समर बैठो कैसा चल रहा हैं रोहन की तैयारी कैसी चल रही है?
समर _हा, मैडम रोहन तो पुरी मेहनत कर रहा है मुझे लगता है। मुझे लगता है जरुर रोहन इस बार सबसे आगे रहेगा।
रीता _देखो समर तैयारी में कोई कमी नहीं होना चाहिए। इस बार बेस्ट स्टूडेंट का खिताब रोहन को ही मिलना चाहिए,।
समर _जी मैडम।
रीता _और हा समर तुम उस राजेश के बारे में पता करो उसकी क्या कमजोरी है? क्यू की इस बार हर हाल में रोहन को यह खिताब मिलना चाहिए, उसके लिए मुझे काम,दाम, दण्ड,भेद इनमेसे कोई भी दूसरा तरीका अपनाना पढ़े तो मैं पीछे नहीं हटूंगी।
तभी उसके पास बैठा उसका पति रीता से कहता है। सुनो रीता बिजनेश छोड़कर क्यू तुम पचड़े में पड़ी हो मुझे ये सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है।
रीता _आप तो चुप ही रहिए, खुद से तो कुछ होता नहीं और मेरी हौसला बड़ाने की बजाए हमेशा हतोत्साहित करते हो, अगर सब कुछ तुम पर छोड़ देती न तो हमारी कंपनी कब कीडूब जाती। आज हमारी कम्पनी, विशाल और सुजाता ग्रुप को टक्कर दे पा रही हैं वो सब मेरी बदौलत हैऔर मुझे सुजाता से आगे निकलना हैं। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी कारण पड़ेऔर तुम मेरे काम में दखल न दो तो ही ठीक है।
विवेक _मै तो तुम्हारी भलाई के लिए कह रहा था पर तुम मेरी बातो को सुनती कब हो। करो जो जी में आए।
रीता _ तुम चुप ही रहो तो बेहतर है।देखो समर ,रोहन के सामने एक ही चुनौती है और वो है राजेश, तुम उसके बारे में किसी से जासूसी करा कर, पता करो ,उसकी कोई तो कमजोरी होगी?। इस बार रोहन खिताब से चूकना नहीं चाहिए।
समर _जी मैडम।