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Incest यह क्या हुआ

Ek number

Well-Known Member
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ड्राईवर राज की बाइक बनाकर कालेज ले आया और उसे निशा को दे दिया।दोपहर लंच की छुट्टी के समय सीमा ने निशा से कहा, लाओ राज की बाइक की चाबी दो मुझे मै राज को दे आती हू। मुझे पता है राज इस समय कैंटीन में ही होगा।

निशा _मै अकेली क्या करूंगी? चलो मैं भी चलती हूं।

सीमा _आश्चर्य से बोली, मैम साहिबा वहा पर उनके और भी दोस्त मौजूद होंगे क्या तुम उनके बीच जाना पसंद करोगी।

निशा _क्यू, जब तुम वहां जा सकती हो तो मैं क्यू नही।
सीमा _ मुसकुराते हुवे बोली,मै तो इसलिए बोल रही थी की तुम लडको से दूर रहना पसंद करती हो।

निशा _नही, चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।

सीमा _मुस्कुराते हुवे, क्या बात है मैम साब कुछ बदली बदली सी लग रही हो,अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो चलो।

अब वे दोनो कैंटीन की ओर जाने लगे।
इधर राजेश, भगत और उसके अन्य दोस्त कैंटीन में बैठकर चाय पी रहे थे। और इधर उधर की बाते कर रहे थे। तभी भगत ने निशा को कैंटीन की ओर आते देखा।

भगत _राजेश भाई निशा जी कैंटीन की ओर आ रही है पहले तो कभी कैंटीन में नही आई।

राजेश और उसके अन्य दोस्त निशा को आते हुए देखने लगे।

तभी सीमा और निशा कैंटीन में दाखिल हुई।

सीमा _हाय राज, हेलो भगत।

भगत _हाय सीमा,अरे आप लोग कैंटीन में , बड़ी खुशी हुई आप लोगो को देखकर, आइए बैठिए न।

हटो बे निशा और सीमा जी को बैठने के लिए कुर्सी दो।

उनके अन्य दोस्त कुर्सी से उठ गए और वेटर से और कुर्सी लगाने को बोले ।
कैंटीन का मालिक अरे निशा मैम ,आप यहां,बड़ी खुशी हुई आपको यहां देखकर, आप तो यहां आती ही नहीं।

निशा कैंटीन का अवलोकन करने लगी।

आइए बैठिए न, क्या लेंगी आपलोग।

सीमा _देखिए हम यहां कुछ लेने नही आए, हमे राज से कुछ काम था।
सीमा राजेश से _राज, ये लो तुम्हारा बाइक की चाबी ड्राईवर बाइक बनाकर ले आया है।

राजेश _अरे सीमा जी इसके लिए आप लोगो ने क्यू तकलीफ उठाई,आप फ़ोन लगा देते तो मैं खुद चला आता चाबी लेने।

सीमा _वो आपका नंबर हमारे पास था नही।

राजेश _ओह, शुक्रिया ,सीमा ।थैंक्स,निशा जी।

कैंटीन मालिक _आईए बैठिए न निशा मैम। आईए कुछ तो लीजिए।
हमे भी बड़ी खुशी होगी।

सीमा _न, निशा बाहर का कोई भी चीज नही खाती।
अच्छा राज अब हम चलते हैं।
भगत _निशा जी,आईए न हमारे साथ बैठकर एक कप कॉफी तो लीजिए। हमारे राजेश भाई को अच्छा लगेगा ।क्यू राजेश भाई?

राजेश _हां, आईए न हमारे साथ बैठकर एक काफी लीजिए। हमे खुशी होगी। प्लीज,,,,

सीमा और निशा दोनो जाने के लिए पिछे मुड़कर कदम बड़ा चुके थे, राजेश की बात सुनकर, निशा ने सीमा का हाथ पकड़ लिया,,

सीमा _निसा को फुसफुसाते हुए,मतलब तुम यहां काफी पियोगी।

निशा _धीरे से, इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो,,,

सीमा निशा की आंखों में देखकर मुस्कुराने लगी।

सीमा _पलटकर, अब आप लोग इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो निशा आप लोगो के साथ एक काफी ,,,

भगत _ये हुई न बात, वहा मौजूद सभी लोग बहुत खुश हो गए।

भगत ने कैंटीन मालिक दिलदार सिंह से कहा, अरे दिलदार भइया सबके लिए जायकेदार काफी बनवाओ।

दिलदार सिंह ने अपने वर्कर को सभी के लिए एक अच्छी काफी बनाने को कहा,,

भगत _निशा जी आप दिल से कितनी अच्छी है।हम लोग आपके बारे में कितनी गलत सोचते थे।
कि हम जैसे छोटे लोगो से आप बात करना पसंद नहीं करती,,
सीमा _अरे ऐसी बात नहीं है ओ क्या है न किहमारी निशा को लडको से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं।
वैसे आप लोग भी काफी अच्छे हैं? कालेज की भलाई के लिए आप एक छात्र नेता के रुप में अच्छा काम कर रहे हैं? यहां के सीनियर ,अपने जूनियरों को परेशान नहीं करते। अन्य कालेजों की तरह। छात्र हित में भी आप बड़े अच्छे कार्य कर रहे हैं।

भगत _ भई,इसके लिए हमारी नही ,राजेश भाई की तारीफ कीजिए। हमे तो इन्हीं के मार्गदर्शन में चलते हैं।

सीमा_हा,वो तो हमें पता है।

तभी वेटर काफी ले कर आ गया।

भगत _लो जी काफ़ी भी बनकर आ गया।

वेटर ने सभी के सामने काफ़ी का कप रख दिया।

राजेश _लीजिए निशा जी।

निशा ने राजेश की ओर देखा फिर अपना नजरे झुका कर काफी उठा ली। सभी अपनी अपनी काफी उठा ली।

राजेश ने काफी का एक घुट लिया फिर उसने निशा से कहा, लीजिए न निशाजी, टेस्ट कीजिए यहां की काफी।
निशा काफी लेने लगी। सभी काफी पीने लगे।

सीमा _वाह काफी तो बहुत अच्छी बनी है क्यू निशा?

निशा ने हा में सिर हिलाई।

भगत _वैसे राज भाई को यहां की काफी बहुंत पसन्द है। आप लोग भी हमारे साथ लंच के समय काफी लेने के लिए आते रहिए l

सीमा _क्यू नही? अगर काफी लेने का मूड बना तो, क्यू निशा?

निशा ने हां में सर हिलाया।

काफी खत्म होने के बाद निशा ने सीमा को चलने का इशारा किया वह राजेश के सामने खुद को असहज महसूस कर रही थी।

सीमा _अच्छा राज अब हम चलते है। काफी अच्छी थी थैंक्स फॉर काफी।

भगत _आप दोनो हमारे साथ काफी ली हमे काफी अच्छा लगा जी, थैंक्स।

सीमा और निशा दोनो वहा से चलने लगे तभी कैंटीन मालिक,निशा एवम् सीमा से आते रहिएगा हमारी कैंटीन में जी।


सीमा और निशा अपने क्लास की ओर जाने लगीं तभी

सीमा _निशा, मुझे तुम कुछ बदली बदली सी लग रही हो, तुम पहले तो लडको से दूर रहती थी। पर आज

निशा _देखा नही उन लोगो ने कितना जिद की एक कप साथ में काफी पीने तो मैं मना न कर सकी।

सीमा _अच्छा जी, उन लडको के कहने पर की राज के कहने पर, सीमा मुसकुराते हुवे बोली।

निशा _नाराज होती हुई बोली , तुम्हे तो बस मुझे छेड़ने का बहाना चाहिए।

सीमा _ओ हो हो, तो मैं तुम्हे छेड़ रही। देखो तो मेरी तरफ।

निशा _क्यू, क्या हुआ और वह सीमा की ओर देखने लगी।

सीमा निशा की आंखों में देखते हुए मुस्कुराने लगी।

निशा _हस क्यू रही हो, क्या हुवा।

सीमा _कुछ नही, और सीमा मुस्कुराती रही।

निशा _बताओ मुझे तुम हस क्यू रही।

सीमा _हा मै हस रही हू क्यू की जो बाते जुबा नही कह सकती वो आंखें बता देती है। तुम्हारी आंखों मै मैं नही दिखी बल्कि कोई और दिखा इसलिए मुझे हसी आ गई।

निशा _चल हट झुठी कही की, तुमको तो बस मुझको छेड़ने का बहाना चाहिए।

सीमा _निशा रूको मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।

निशा _क्यू मुझे छेड़कर तुम्हारा जी नही भरा है। बोलो क्या बात है।

सीमा _तुम राज को पसंद करती हो क्या? मुझे सच बताओ।

निशा _अरे ऐसा कुछ नहीं। हा राज एक अच्छा लड़का है पर मैं,,,,,,,,

सीमा _बोलो निशा रुक क्यू गई पर क्या?

निशा _लड़खड़ाते जुबा से बोली मुझे राज में कोई इंट्रेस्ट नही।

सीमा _तुम सच कह रही ना।

निशा _हा, पर तुम ये सब क्यू पूछ रही।

सीमा _क्यू की तुम मेरी अच्छी सहेली हो मै तुम्हे खोना नहीं चाहती।

निशा _क्यू, मुझे क्या हुवा।

सीमा _मै राज को पसंद करती हूं और उसे मैं उसे बहुंत जल्द प्रपोज करना चाहती हूं।

निशा _क्या, पर इसका जिक्र कभी की नही।

सीमा _मुझे लगा की यही सही मौका है तुम्हे बताने का। वैसे तुम्हारे मन में राजेश के लिए कुछ हो तो बता देना, मै तुम्हारे लिए अपने दिल को समझा लूंगी।
बोलो कुछ है क्या,,

निशा _न, मुझे लडको में कोई इंटरेस्ट नहीं। निशा ने यह बात अपनी नजरे चुराते हुए बोली।

और वे दोनो अपने क्लास में चले गए।

इधर भगतराजेश से, भाई आपूण को लगता है की निशा जी आप पर कुछ ज्यादा मेहरबान हो रहि है आपुन को तो कुछ,,,

राजेश _अबे बस कर लगता है की सुबह का कीड़ा तुम्हारे दिमाक से अभी तक नही निकला है।

भगत _सॉरी भाई आपुण को जो लगा वही बताया,,

राजेश _मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नही और रही बात लडकियो की तो वो मेरे बारे में क्या सोचती है उससे मुझे क्या? चल अब क्लास का समय हो गया है।

इधर रोहन के दोस्तो ने इसके बारे में रोहन को बताता की किस प्रकार निशा ने राज के साथ काफी पी,,

रोहन _ कोई बात नही,एक बार मुझे स्टूडेंट ऑफ द ईयर बन जाने दे फिर कालेज की साड़ी लड़किया मुझ पर मरेगी निशा और राजेश की बहन स्वीटी भी,,

इधर राजेश और भगत क्लास में पहुंच गए थे। सुमन क्लास लेने पहुंची। वह पिली साड़ी में खाफी खूबसूरत लग रही थी। राजेश उसकी खूबसूरती में कहीं खो सा गया।

सुमन ने जब देखा की राजेश उसी की ओर देखते हुए कहीं खो सा गया है।। उसे शर्म आने लगी,,

सुमन ने कहा, सभी स्टूडेंट्स पढ़ाई पर ध्यान दें, मुझे लग रहा है की कुछ लोगो का ध्यान कही और है।


भगत ने राजेश को कोहनी मारा,राजेश जैसे सोते से जागा ।

राजेश _धीरे से क्या हुवा बे,

भगत, मैम तुम्हारी ओर देख रही, तुम कहीं खोए हुए हो। कही तुम निशा के बारे में नही सोच रहे।

राजेश _अबे मुंह बन्द रख अपनी,,

भगत _सॉरी भाई।

राजेश ने सुमन को अपने मोबाइल से मेसेज किया की आज तुम काफी खूबसूरत लग रही। मै तो तुम्हारी जुल्फो को देखकर कही खो सा गया था।

सुमन ने वह मैसेज पढ़ी और मन ही मन खुश होने लगी।

क्लास खत्म होने के बाद सुमन ने राजेश को मैसेज की, जानू आज तुम आ रहे न।

राजेश ने वह मैसेज पढ़ाऔर मैसेज किया हा जान हमारी तड़प बड़ चुकी है जब से क्लास में तुम्हे देखा है?

सुमन _तुम्हारी बीवी तुम्हारी इंतजार करेगी, तुम्हारे आने की!

कालेज से छुट्टी के बाद राजेश सुमन का घर चला गया और फिर दोनो जी भर कर संभोग सुख का आनंद उठाया। और राजेश फिर एक बार सुमन के कोख को अपने बीज से भर कर घर चला आया।

इधर राजेश और सुनिता दोनो ही स्वीटी और शेखर के बीच सामान्य व्यवहार करने लगे जैसे उनके बीच कुछ हुवा ही नही पर अकेले में एक दुसरे के पास आने में कतराने लगे।

अगली सुबह रीता अपने बंगले के गार्डन में बैठे अपने पति विवेक के साथ बैठी चाय पी रही थी। तभी उसके पास समर आया जो रोहन को ट्रेनिंग दे रहा था। उसे देखकर रीता बोली आओ समर बैठो कैसा चल रहा हैं रोहन की तैयारी कैसी चल रही है?

समर _हा, मैडम रोहन तो पुरी मेहनत कर रहा है मुझे लगता है। मुझे लगता है जरुर रोहन इस बार सबसे आगे रहेगा।

रीता _देखो समर तैयारी में कोई कमी नहीं होना चाहिए। इस बार बेस्ट स्टूडेंट का खिताब रोहन को ही मिलना चाहिए,।

समर _जी मैडम।
रीता _और हा समर तुम उस राजेश के बारे में पता करो उसकी क्या कमजोरी है? क्यू की इस बार हर हाल में रोहन को यह खिताब मिलना चाहिए, उसके लिए मुझे काम,दाम, दण्ड,भेद इनमेसे कोई भी दूसरा तरीका अपनाना पढ़े तो मैं पीछे नहीं हटूंगी।

तभी उसके पास बैठा उसका पति रीता से कहता है। सुनो रीता बिजनेश छोड़कर क्यू तुम पचड़े में पड़ी हो मुझे ये सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है।

रीता _आप तो चुप ही रहिए, खुद से तो कुछ होता नहीं और मेरी हौसला बड़ाने की बजाए हमेशा हतोत्साहित करते हो, अगर सब कुछ तुम पर छोड़ देती न तो हमारी कंपनी कब कीडूब जाती। आज हमारी कम्पनी, विशाल और सुजाता ग्रुप को टक्कर दे पा रही हैं वो सब मेरी बदौलत हैऔर मुझे सुजाता से आगे निकलना हैं। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी कारण पड़ेऔर तुम मेरे काम में दखल न दो तो ही ठीक है।

विवेक _मै तो तुम्हारी भलाई के लिए कह रहा था पर तुम मेरी बातो को सुनती कब हो। करो जो जी में आए।

रीता _ तुम चुप ही रहो तो बेहतर है।देखो समर ,रोहन के सामने एक ही चुनौती है और वो है राजेश, तुम उसके बारे में किसी से जासूसी करा कर, पता करो ,उसकी कोई तो कमजोरी होगी?। इस बार रोहन खिताब से चूकना नहीं चाहिए।

समर _जी मैडम।
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Raj_sharma

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ड्राईवर राज की बाइक बनाकर कालेज ले आया और उसे निशा को दे दिया।दोपहर लंच की छुट्टी के समय सीमा ने निशा से कहा, लाओ राज की बाइक की चाबी दो मुझे मै राज को दे आती हू। मुझे पता है राज इस समय कैंटीन में ही होगा।

निशा _मै अकेली क्या करूंगी? चलो मैं भी चलती हूं।

सीमा _आश्चर्य से बोली, मैम साहिबा वहा पर उनके और भी दोस्त मौजूद होंगे क्या तुम उनके बीच जाना पसंद करोगी।

निशा _क्यू, जब तुम वहां जा सकती हो तो मैं क्यू नही।
सीमा _ मुसकुराते हुवे बोली,मै तो इसलिए बोल रही थी की तुम लडको से दूर रहना पसंद करती हो।

निशा _नही, चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।

सीमा _मुस्कुराते हुवे, क्या बात है मैम साब कुछ बदली बदली सी लग रही हो,अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो चलो।

अब वे दोनो कैंटीन की ओर जाने लगे।
इधर राजेश, भगत और उसके अन्य दोस्त कैंटीन में बैठकर चाय पी रहे थे। और इधर उधर की बाते कर रहे थे। तभी भगत ने निशा को कैंटीन की ओर आते देखा।

भगत _राजेश भाई निशा जी कैंटीन की ओर आ रही है पहले तो कभी कैंटीन में नही आई।

राजेश और उसके अन्य दोस्त निशा को आते हुए देखने लगे।

तभी सीमा और निशा कैंटीन में दाखिल हुई।

सीमा _हाय राज, हेलो भगत।

भगत _हाय सीमा,अरे आप लोग कैंटीन में , बड़ी खुशी हुई आप लोगो को देखकर, आइए बैठिए न।

हटो बे निशा और सीमा जी को बैठने के लिए कुर्सी दो।

उनके अन्य दोस्त कुर्सी से उठ गए और वेटर से और कुर्सी लगाने को बोले ।
कैंटीन का मालिक अरे निशा मैम ,आप यहां,बड़ी खुशी हुई आपको यहां देखकर, आप तो यहां आती ही नहीं।

निशा कैंटीन का अवलोकन करने लगी।

आइए बैठिए न, क्या लेंगी आपलोग।

सीमा _देखिए हम यहां कुछ लेने नही आए, हमे राज से कुछ काम था।
सीमा राजेश से _राज, ये लो तुम्हारा बाइक की चाबी ड्राईवर बाइक बनाकर ले आया है।

राजेश _अरे सीमा जी इसके लिए आप लोगो ने क्यू तकलीफ उठाई,आप फ़ोन लगा देते तो मैं खुद चला आता चाबी लेने।

सीमा _वो आपका नंबर हमारे पास था नही।

राजेश _ओह, शुक्रिया ,सीमा ।थैंक्स,निशा जी।

कैंटीन मालिक _आईए बैठिए न निशा मैम। आईए कुछ तो लीजिए।
हमे भी बड़ी खुशी होगी।

सीमा _न, निशा बाहर का कोई भी चीज नही खाती।
अच्छा राज अब हम चलते हैं।
भगत _निशा जी,आईए न हमारे साथ बैठकर एक कप कॉफी तो लीजिए। हमारे राजेश भाई को अच्छा लगेगा ।क्यू राजेश भाई?

राजेश _हां, आईए न हमारे साथ बैठकर एक काफी लीजिए। हमे खुशी होगी। प्लीज,,,,

सीमा और निशा दोनो जाने के लिए पिछे मुड़कर कदम बड़ा चुके थे, राजेश की बात सुनकर, निशा ने सीमा का हाथ पकड़ लिया,,

सीमा _निसा को फुसफुसाते हुए,मतलब तुम यहां काफी पियोगी।

निशा _धीरे से, इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो,,,

सीमा निशा की आंखों में देखकर मुस्कुराने लगी।

सीमा _पलटकर, अब आप लोग इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो निशा आप लोगो के साथ एक काफी ,,,

भगत _ये हुई न बात, वहा मौजूद सभी लोग बहुत खुश हो गए।

भगत ने कैंटीन मालिक दिलदार सिंह से कहा, अरे दिलदार भइया सबके लिए जायकेदार काफी बनवाओ।

दिलदार सिंह ने अपने वर्कर को सभी के लिए एक अच्छी काफी बनाने को कहा,,

भगत _निशा जी आप दिल से कितनी अच्छी है।हम लोग आपके बारे में कितनी गलत सोचते थे।
कि हम जैसे छोटे लोगो से आप बात करना पसंद नहीं करती,,
सीमा _अरे ऐसी बात नहीं है ओ क्या है न किहमारी निशा को लडको से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं।
वैसे आप लोग भी काफी अच्छे हैं? कालेज की भलाई के लिए आप एक छात्र नेता के रुप में अच्छा काम कर रहे हैं? यहां के सीनियर ,अपने जूनियरों को परेशान नहीं करते। अन्य कालेजों की तरह। छात्र हित में भी आप बड़े अच्छे कार्य कर रहे हैं।

भगत _ भई,इसके लिए हमारी नही ,राजेश भाई की तारीफ कीजिए। हमे तो इन्हीं के मार्गदर्शन में चलते हैं।

सीमा_हा,वो तो हमें पता है।

तभी वेटर काफी ले कर आ गया।

भगत _लो जी काफ़ी भी बनकर आ गया।

वेटर ने सभी के सामने काफ़ी का कप रख दिया।

राजेश _लीजिए निशा जी।

निशा ने राजेश की ओर देखा फिर अपना नजरे झुका कर काफी उठा ली। सभी अपनी अपनी काफी उठा ली।

राजेश ने काफी का एक घुट लिया फिर उसने निशा से कहा, लीजिए न निशाजी, टेस्ट कीजिए यहां की काफी।
निशा काफी लेने लगी। सभी काफी पीने लगे।

सीमा _वाह काफी तो बहुत अच्छी बनी है क्यू निशा?

निशा ने हा में सिर हिलाई।

भगत _वैसे राज भाई को यहां की काफी बहुंत पसन्द है। आप लोग भी हमारे साथ लंच के समय काफी लेने के लिए आते रहिए l

सीमा _क्यू नही? अगर काफी लेने का मूड बना तो, क्यू निशा?

निशा ने हां में सर हिलाया।

काफी खत्म होने के बाद निशा ने सीमा को चलने का इशारा किया वह राजेश के सामने खुद को असहज महसूस कर रही थी।

सीमा _अच्छा राज अब हम चलते है। काफी अच्छी थी थैंक्स फॉर काफी।

भगत _आप दोनो हमारे साथ काफी ली हमे काफी अच्छा लगा जी, थैंक्स।

सीमा और निशा दोनो वहा से चलने लगे तभी कैंटीन मालिक,निशा एवम् सीमा से आते रहिएगा हमारी कैंटीन में जी।


सीमा और निशा अपने क्लास की ओर जाने लगीं तभी

सीमा _निशा, मुझे तुम कुछ बदली बदली सी लग रही हो, तुम पहले तो लडको से दूर रहती थी। पर आज

निशा _देखा नही उन लोगो ने कितना जिद की एक कप साथ में काफी पीने तो मैं मना न कर सकी।

सीमा _अच्छा जी, उन लडको के कहने पर की राज के कहने पर, सीमा मुसकुराते हुवे बोली।

निशा _नाराज होती हुई बोली , तुम्हे तो बस मुझे छेड़ने का बहाना चाहिए।

सीमा _ओ हो हो, तो मैं तुम्हे छेड़ रही। देखो तो मेरी तरफ।

निशा _क्यू, क्या हुआ और वह सीमा की ओर देखने लगी।

सीमा निशा की आंखों में देखते हुए मुस्कुराने लगी।

निशा _हस क्यू रही हो, क्या हुवा।

सीमा _कुछ नही, और सीमा मुस्कुराती रही।

निशा _बताओ मुझे तुम हस क्यू रही।

सीमा _हा मै हस रही हू क्यू की जो बाते जुबा नही कह सकती वो आंखें बता देती है। तुम्हारी आंखों मै मैं नही दिखी बल्कि कोई और दिखा इसलिए मुझे हसी आ गई।

निशा _चल हट झुठी कही की, तुमको तो बस मुझको छेड़ने का बहाना चाहिए।

सीमा _निशा रूको मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।

निशा _क्यू मुझे छेड़कर तुम्हारा जी नही भरा है। बोलो क्या बात है।

सीमा _तुम राज को पसंद करती हो क्या? मुझे सच बताओ।

निशा _अरे ऐसा कुछ नहीं। हा राज एक अच्छा लड़का है पर मैं,,,,,,,,

सीमा _बोलो निशा रुक क्यू गई पर क्या?

निशा _लड़खड़ाते जुबा से बोली मुझे राज में कोई इंट्रेस्ट नही।

सीमा _तुम सच कह रही ना।

निशा _हा, पर तुम ये सब क्यू पूछ रही।

सीमा _क्यू की तुम मेरी अच्छी सहेली हो मै तुम्हे खोना नहीं चाहती।

निशा _क्यू, मुझे क्या हुवा।

सीमा _मै राज को पसंद करती हूं और उसे मैं उसे बहुंत जल्द प्रपोज करना चाहती हूं।

निशा _क्या, पर इसका जिक्र कभी की नही।

सीमा _मुझे लगा की यही सही मौका है तुम्हे बताने का। वैसे तुम्हारे मन में राजेश के लिए कुछ हो तो बता देना, मै तुम्हारे लिए अपने दिल को समझा लूंगी।
बोलो कुछ है क्या,,

निशा _न, मुझे लडको में कोई इंटरेस्ट नहीं। निशा ने यह बात अपनी नजरे चुराते हुए बोली।

और वे दोनो अपने क्लास में चले गए।

इधर भगतराजेश से, भाई आपूण को लगता है की निशा जी आप पर कुछ ज्यादा मेहरबान हो रहि है आपुन को तो कुछ,,,

राजेश _अबे बस कर लगता है की सुबह का कीड़ा तुम्हारे दिमाक से अभी तक नही निकला है।

भगत _सॉरी भाई आपुण को जो लगा वही बताया,,

राजेश _मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नही और रही बात लडकियो की तो वो मेरे बारे में क्या सोचती है उससे मुझे क्या? चल अब क्लास का समय हो गया है।

इधर रोहन के दोस्तो ने इसके बारे में रोहन को बताता की किस प्रकार निशा ने राज के साथ काफी पी,,

रोहन _ कोई बात नही,एक बार मुझे स्टूडेंट ऑफ द ईयर बन जाने दे फिर कालेज की साड़ी लड़किया मुझ पर मरेगी निशा और राजेश की बहन स्वीटी भी,,

इधर राजेश और भगत क्लास में पहुंच गए थे। सुमन क्लास लेने पहुंची। वह पिली साड़ी में खाफी खूबसूरत लग रही थी। राजेश उसकी खूबसूरती में कहीं खो सा गया।

सुमन ने जब देखा की राजेश उसी की ओर देखते हुए कहीं खो सा गया है।। उसे शर्म आने लगी,,

सुमन ने कहा, सभी स्टूडेंट्स पढ़ाई पर ध्यान दें, मुझे लग रहा है की कुछ लोगो का ध्यान कही और है।


भगत ने राजेश को कोहनी मारा,राजेश जैसे सोते से जागा ।

राजेश _धीरे से क्या हुवा बे,

भगत, मैम तुम्हारी ओर देख रही, तुम कहीं खोए हुए हो। कही तुम निशा के बारे में नही सोच रहे।

राजेश _अबे मुंह बन्द रख अपनी,,

भगत _सॉरी भाई।

राजेश ने सुमन को अपने मोबाइल से मेसेज किया की आज तुम काफी खूबसूरत लग रही। मै तो तुम्हारी जुल्फो को देखकर कही खो सा गया था।

सुमन ने वह मैसेज पढ़ी और मन ही मन खुश होने लगी।

क्लास खत्म होने के बाद सुमन ने राजेश को मैसेज की, जानू आज तुम आ रहे न।

राजेश ने वह मैसेज पढ़ाऔर मैसेज किया हा जान हमारी तड़प बड़ चुकी है जब से क्लास में तुम्हे देखा है?

सुमन _तुम्हारी बीवी तुम्हारी इंतजार करेगी, तुम्हारे आने की!

कालेज से छुट्टी के बाद राजेश सुमन का घर चला गया और फिर दोनो जी भर कर संभोग सुख का आनंद उठाया। और राजेश फिर एक बार सुमन के कोख को अपने बीज से भर कर घर चला आया।

इधर राजेश और सुनिता दोनो ही स्वीटी और शेखर के बीच सामान्य व्यवहार करने लगे जैसे उनके बीच कुछ हुवा ही नही पर अकेले में एक दुसरे के पास आने में कतराने लगे।

अगली सुबह रीता अपने बंगले के गार्डन में बैठे अपने पति विवेक के साथ बैठी चाय पी रही थी। तभी उसके पास समर आया जो रोहन को ट्रेनिंग दे रहा था। उसे देखकर रीता बोली आओ समर बैठो कैसा चल रहा हैं रोहन की तैयारी कैसी चल रही है?

समर _हा, मैडम रोहन तो पुरी मेहनत कर रहा है मुझे लगता है। मुझे लगता है जरुर रोहन इस बार सबसे आगे रहेगा।

रीता _देखो समर तैयारी में कोई कमी नहीं होना चाहिए। इस बार बेस्ट स्टूडेंट का खिताब रोहन को ही मिलना चाहिए,।

समर _जी मैडम।
रीता _और हा समर तुम उस राजेश के बारे में पता करो उसकी क्या कमजोरी है? क्यू की इस बार हर हाल में रोहन को यह खिताब मिलना चाहिए, उसके लिए मुझे काम,दाम, दण्ड,भेद इनमेसे कोई भी दूसरा तरीका अपनाना पढ़े तो मैं पीछे नहीं हटूंगी।

तभी उसके पास बैठा उसका पति रीता से कहता है। सुनो रीता बिजनेश छोड़कर क्यू तुम पचड़े में पड़ी हो मुझे ये सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है।

रीता _आप तो चुप ही रहिए, खुद से तो कुछ होता नहीं और मेरी हौसला बड़ाने की बजाए हमेशा हतोत्साहित करते हो, अगर सब कुछ तुम पर छोड़ देती न तो हमारी कंपनी कब कीडूब जाती। आज हमारी कम्पनी, विशाल और सुजाता ग्रुप को टक्कर दे पा रही हैं वो सब मेरी बदौलत हैऔर मुझे सुजाता से आगे निकलना हैं। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी कारण पड़ेऔर तुम मेरे काम में दखल न दो तो ही ठीक है।

विवेक _मै तो तुम्हारी भलाई के लिए कह रहा था पर तुम मेरी बातो को सुनती कब हो। करो जो जी में आए।

रीता _ तुम चुप ही रहो तो बेहतर है।देखो समर ,रोहन के सामने एक ही चुनौती है और वो है राजेश, तुम उसके बारे में किसी से जासूसी करा कर, पता करो ,उसकी कोई तो कमजोरी होगी?। इस बार रोहन खिताब से चूकना नहीं चाहिए।

समर _जी मैडम।
Very good update rajesh bhai
Ekdum majedar. Lagta hai ab Nisha ki Bari hai. Laga lo dubai.😁
 

rajesh bhagat

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Very good update rajesh bhai
Ekdum majedar. Lagta hai ab Nisha ki Bari hai. Laga lo dubai.😁
Thanks
 

sunoanuj

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Bahut hi shandar updates ab rohan ki maan ko le aao raj ke niche …
 

Rishiii

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सुनीता प्रतिदिन की तरह सुबह उठती है । उठ कर नहा कर, पूजा करने के बाद वह किचन में काम करने के लिए चली जाती है।

किचन में काम करते हैंसमय वह सोच रही थी आज से राजेश को नहलाना है ।

उसने आज सोच लिया था कि आज वह अंतिम प्रयास करेगी ताकि पता लगा सके कि राजेश है नार्मल है की नहीं ।

अतः वह जो कुछ भी कर सकती है आज करेगी वह मंद मंद मुस्कुराने लगी कि वह क्या क्या करने वाली है ।

कभी वह मन में मुस्कुरा रही थी और खुद से ही शर्म आ रही थी ।तो कभी-कभी उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव आ रहे थे ।

वह राजेश को लेकर चिंतित भी हो रही थी।
इधर स्वीटी और शेखर नहा धोकर प्रतिदिन की तरह डायनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए आ चुके थे।

सुनीता ने अपने पति और अपने बेटी के लिए नाश्ता लगाया ।

शेखर ने कहा सुनीता तुम नाश्ता नहीं करोगी ।

सुनीता ने कहा मैं आज राजेश को नहलाऊंगी उसके बाद ही नाश्ता करुंगी।

शेखर ने कहा राजेश ने नाश्ता किया कि नहीं ।

सुनीता बोली राजेश भी नहा कर नाश्ता करेगा।

शेखर ने कहां ठीक है।

स्वीटी और शेखर नाश्ता करने के बाद ,शेखर अपने ड्यूटी पर चला गया।

स्वीटी भी कुछ समय के बाद अपने कालेज चली गई ।

सुनीता आौर राजेश घर में अकेले रह गए थे ।

सुनीता को राजेश को नहलाना था इसके लिए तैयार होने के लिए वह अपने बेडरूम में चली गई।


वह अपनी अलमारी से एक ब्लाउज निकाली ।यह ब्लॉउज, उसने कभी पहनी नहीं थी। यह ब्लाउज स्वीटी के जिद करने पर माल से खरीदी थी ।

लेकिन जब घर में उसे पहन कर देखी उसे बहुत ही शर्म आने लगी क्योंकि ब्लाउज से उसकी चूचिया पूरी बाहर दिखाई पड़ रही थी। केवल उसके निप्पल ही ढक पा रहे थे ।

उसके पीछे वाला हिस्सा भी पूरा खुला हुआ था। जब उसने यह ब्लाउज पहनकर आईने में देखा तो बहुत ही शर्म महसूस की।

वह ब्लाउज निकालकर अलमारी में ही रख दी और फिर उसे कभी नहीं पहनी।

आज वह उस ब्लाउज काउपयोग करना चाहती थी । उस ब्लाउज को अलमारी से प हनने के लिए निकाल ली।

पुराने ब्लाउज जो पहनी थी उसे निकालकर उस ब्लाउज को पहन ली।

अपने पेटीकोट को भीअपने नाभि के काफी नीचे बांध ली और आईने के सामने जाकर खुद को निहारने लगी।

वह इस समय काम की देवी लग रही थी। वह खुद को आईने मे देखकर अपने बदन पर उन्हें गर्व महसूस होने लगी कि आज भी कितनी हॉट है।

वह पेटीकोट को भी अपने नाभि के काफी नीचे बांध ली थी जिसकी वजह से बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रहेी थेी।

उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां बाहर आने के लिए उतावले लग रहे थे।

वह यह सब जतन सोए हुए कामदेव को जगाने के लिए कर रही थी ।वह सोए हुए कामदेव पर काम बाण चलाकर उसे जगाना चाहती थी।

वह अपने को इस रूप में देख कर शर्म भी महसूसरही थी ।लेकिन उसे आज अंतिम प्रयास करना था ताकि वह पता कर लगा सके कि राजेश नॉर्मल है कि नहीं और इसलिए वह अपने को काम देवी के रूप में सोए हुए कामदेव को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी ।

वह ऊपर से एक साड़ी लपेट कर वह राजेश के कमरे की ओर चल पड़ी।

राजेश के कैमरे पर जाने के बाद वह देखती है राजेश मोबाइल चला रहा था ।

सुनीता कहती है चलो बेटा तुम नहाने के लिए तैयार हो जाओ ।आज तुम्हें नहाना है।

राजेश कहता हैं ठीक है मा ।मै काफी दिनों से नहाया नहीं हू ।मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है ।

अनीता ने राजेश से कहा चलो तुम खड़े हो जाओ मैं तुम्हारे कपड़ा निकाल देती हूं ।

राजेश बेड से उतर कर खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश की टी-शर्ट ,लोअर को निकाल दी ।राजेश कुछ असहज महसूस करने लगा।

सुनीता ने राजेश के अंडरवियर को भी दोनों हाथों से पकड़ कर खींच कर उसके पैरों से अलग कर दी ।अंडर वियर निकलते ही राजेश का लंड बाहर आ गया ।इस समय लटका हुआ था।

राजेश शर्माने लगा। वह अपनी लंड को अपने हाथ से छुपाने लगा।

सुनीता उसकी हरकत को देख कर मुस्कुराने लगी और वह राजेश से कहती है बेटा इसमें शर्माना क्या मैंने तो तुम्हें कई बार नंगा नहलाया है।

राजेश ने कहा मा ,मै उस समय छोटा था अब बड़ा हो गया हूं ।

सुनीता ने कहा अब शर्म आना बंद करो चलो बाथरूम में नहला देती हूं।

राजेश बाथरूम की ओर जाने लगा ।पीछे पीछे सुनीता की बाथरूम में जाने लगी।

बाथरूम में जाने के बाद सुनीता ने राजेश से कहा ।बेटा तुम नीचे बैठ जाओ ।

राजेश बाथरूम में नीचे बैठ गया सुनीता ने बाल्टी में पानी भर ली और जग के द्वारा पानी डालकर राजेश को नहलाने लगी ।पानी उसकी साड़ी में पड़ने पर वह राजेश ने बोली बेटा मेरा साडी गीला हो रही है। मुझे साड़ी निकाल देना होगा ।

वह बाथरूम से बाहर आ गई वह अपने साड़ी निकाल दी साड़ी की निकलती ही वह अपने काम देवी रूप में आ गई थी और मैं बाथरूम में चली गई ।

जब वह बाथरुम में गई तब राजेश की नजर अपनी मां पर पड़ी ।आज से पहले उसने अपनी मां को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था। वह असहज महसूस करने लगा और अपने सिर को नीचे कर लिया।

सुनिता ने राजेश के ऊपर जग से पानी डालकर उसे नहलाने लगी पानी डाल लेने के बाद वह साबुन से उसके सर वह उसके बालों पर साबुन लगाने के लिए झुकी और उसके बालों पर साबुन लगाने लगी।

सुनीता की नजर राजेश के लंड पर बार-बार जा रही थी वह देख रही थी कि उसके लंड पर कोई हरकत हो रहीहै या नहीं और वह निराश हो जाती थी ।

राजेश ने अपनी आंख बंद कर लिया था कुछ समय के बाद राजेश ने अपने आप खोला ।राजेश ने अपना आख खोला तो इस समय सुनीता नीचे झुक कर उसके बालों पर साबुन लगा रही थी उसकी चुचिया उसकी आंखों के सामने आ गया था।

राजेश ने जैसी आंख खोला तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी आंखों के सामने झूल रहे थे। राजेश ना चाहते हुए भी वह अपनी मां कीचुचियो को देखने लगा ।

उनकी चुचियों को देखने से उसकी शरीर में अजीब सी अनुभूति होने लगा। इधर सुनीता और झुक गई ताकि उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां राजेश की आंखों के सामने रहे ।

उसने राजेश को अपनी चुचियों को घूरते हुए देखा और मुस्कुराने लगी ।

इधर राजेश आप अपनी मां की चुचियों को एकटक देखने लगा ।उनकी इस शरीर में अब सरसराहट महसूस होने लगा आखिर राजेश भी एक इंसान था और वह एक जवान था अब तक वह अपने आप को संयमित करके रखा था वह अपने आप पर नियंत्रण रख सका था पर अब उसका उसका हिम्मत जवाब देने लगा ।

जब सुनीता खड़ी होती थी तो उसकी नाभि उसकी राजेश की आंखों के सामने आ जाता था उनकी खूबसूरत बदन को देख कर राजेश अपने पर नियंत्रण रख पाना उसके लिए मुश्किल महसूस हो पा रहा था ।
अब उसका शरीर गर्म होने लगा था और उसके लिंग में तनाव आने शुरु हो गया था। अपनी मां के काम रूप को देखकर उसका लिंग में तनाव आना शुरू हो गया ।

उसका लिंक आधा खड़ा हो गया ।

सुनीता देवी की नजर जब राजेश के लंड पर गया तो उसकी आंखों में चमक आ गया।

उसके लंड पर हरकत होते हुए देखा देखा तो वह मुस्कुराने लगी ।उसे खुशी का अनुभव होने लगी।

सिर के बालों पर साबुन लगा ली तब उसने राजेश को खड़ा करा दिया और उसकी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी ।

शरीर पर साबुन लगाते लगाते हुए उसके हाथ उसके लंड* की ओर जाने लगी।
राजेश के शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगा ।सांसे भारी होने लगी।

उसका लंड* आधा खड़ा हो गया था राजेश अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाया। वह अपनी मां की काम रुक को देखकर उसकी सांसे तेज होने लगी उसके हृदय की धड़कन भी अब बढ़ने लग गया था ।

उसकी मां अभिषेक औरत नजर आने लगे एक गदराए बदन की मल्लिका ।

जिसे देखकर वह चाहकर भी अपने पर काबू नहीं रख सका ।

उसके लंड पर असर साफ दिखाई पड़ रहा था ।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश हो रही थी मन ही मन मुस्कुरा रही थी ।सुनीता देवी ने अपनी अंतिम काम-बाण का भी प्रयोग में लाने के लिए उचित समय समझा और उसने अपने हाथों पर साबुन लगाया और राजेश के लंड को पकड़ कर उसे मुठ मारने लगी।
सुनीता की हरकत से राजेश के शरीर में करंट दौड़ पड़
राजेश के लंड जो आधाखडा हुआ था। सुनीता देवी की साबुन से चिकनाई युक्त हाथ पढ़ने से वह अद्भुत आनंद उसे प्राप्त होने लगा ।उसका असर यह हुआ उसकी क सांसे तेज होने लगी और वह उसका लंड अकड़ने लगा और लोहे की राड की तरह हो गया।

अब वह सुनीता के हाथों पर ठूनकी भी मारने लगा सुनीता देवी बहुत हीखुश हो गई और वो मुस्कुराने लगी ।उसे पता चल चुका था कि राजेश नॉर्मल है।

इधर राजेश को अपने आप पर शर्म महसूस होने लगा इस समय उसका लंड* खड़ा हुआ था और सुनीता देवी अपने हाथों पर साबुन लगाकर उस मुट्ठ मार रही थी ।

शर्म के साथ-साथ राजेश को बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा था। वह अपने शर्म को भूल गया और मूठ मारने का आनंद लेने लगा ।

मां के द्वारा मुठ मारने का आनंद लेने लगा। इस समय राजेश की नजर उसकी मां की चूचियों पर थी। वह अपनी मां की चुचियों पर कहीं खो गया था।

इस समय उसकी मां एक गदराए माल लग रही थी ।वह अपनी मां की चूचिये को घूरे जा रहा था ।

राजेश इस समय अपनी मां के कामरूप पर पूर्ण रुप से मोहित हो गया।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश थी और वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी साबुन लगाने के बाद सुनीता देवी ने पानी से राजेश को नहलाया।

अब भी राजेश का लखड़ा होकर ठूनकी मार रहा था राजेश को नहलाने के बाद सुनीता देवी ने राजेश से कहा चलो बेटा अब तुम नहा लिए।

राजेश का लंड खड़ा हुआ था वह बाथरूम से बाहर आया उसका लंड ठूनकी मार रहा था ।

सुनीता की नजर उसके लंड पर ही थी वह मंद मंद मुस्कुरा रही थी।

राजेश़़़बाथरूम से बाहर आया सुनीता देवी भी उसके पीछे-पीछे बाहर आई और टावेल से राजेश के शरीर को पोछने लगी।

शरीर को पोछते समय सूनिता की नजर राजेश के लंड पर थी ।अपने लंड को देखते हुए राजेश ने जब देखा तो वह शर्म महसूस करने लगा।

सुनीता देवी ने देखा कि राजेश असहज महसूस कर रहा है तब उसने राजेश से कहा ।बेटा यहां सब नॉर्मल है ।

राजेश ने कहा सॉरी मां मुझे पता नहीं है सब कैसे हो गया ।

सुनीता ने कहा बेटा अब तू जवान हो गए हो जवानी में यह सब होता है। यह सब नॉर्मल है इसमें शर्माने की जरूरत नहीं है।

इधर सुनीता देवी इस समय पेटीकोट और ब्लाउज में ही थी राजेश की नजर बार-बार उसकी चुचियों पर ही जा रही थी। जिससे उसका लंड ठूनकी मारने लगता था।

इधर सुनीता देवी मुस्कुराए जा रही थी उसे अपने शरीर पर भी गर्व महसूस हो रहा था जो सोए हुए कामदेव को जगा चुकी थी ।

सुनीता ने कहा बेटा कुछ समय के बाद यह नॉर्मल हो जाएगा और वह राजेश को कपड़ा पहना कर अपने साड़ी उठाकर राजेश के कमरे से जाने लगी जाते समय वाह राजेश से बोली बेटा तुम नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाना ।मैं वही तुम्हें नाश्ता करा दूंगी।

सुनीता देवी राजेश के रूम से निकलकर वहां किचन में आ गई अपनी साड़ी को लपेट ली ।

खुश हो रही थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है वह सोचने भी लगी की उसके बेटे का लैंड कितना बड़ा है ।कितना मोटा है। वह जिसके चूत में जाएगा उसकी चूतफाड़ कर रख देगा ।
सुनीता की मां के जाने के कुछ समय के बाद राजेश का लंड * कुछ डीला पड़ा ।वह राहत के सास लेने लगा। वह अपने आप पर शर्मिंदा था ।किमां के सामने उसका लंड खड़ा हो गया । लंड ढीला पढ़ने के बाद राजेश को पेशाब आने लगी।

इधर सुनीता ने नाश्ता लगाकर राजेश को आवाज दी बेटा आ जाओ नाश्ता लग चुका है। राजेश इस समय असहज महसूस कर रहा था कि वह मां के सामने कैसे जाए फिर भी वहां संकोच करते हुए अपने रूम से बाहर निकला और हाल पर लगे हुए डाइनिंग टेबल की ओर चला गया ।
हुआ नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया परंतु से पेशाब आ रही थी तो उसने अपना हाथ अपने लंड पर रखकर दबाने लगा ।जिससे सुनीता ने देख लिया ।

सुनीता ने राजेश से कहा बेटा कुछ प्रॉब्लम है क्या तब राजेश ने अपने मां से संकोच करते हुए कहा मां पेशाब आ रही है ।

सुनीता ने राजेश से कहा चलो पहले तुम्हें पेशाब करा देती हूं तब नाश्ता करना और हाल पर ही एक बाथरूम के कोने पर बना हुआ था वहां उसे राजेश को पेशाब कराने के लिए ले गई ।

पेशाब कराने के लिए जैसे ही सुनीता नीचे बैठ गए और राजेश के लंड को पकड़ ली राजेश की नजर सुनीता की चूचियों पर पर चली गई जिसके कारण राजेश का लंड खड़ा हो गया।

लंड खड़ा हो जाने पर पेशाब लंड से बाहर नहीं आ सका। सुनीता समझ गई कि माजरा क्या है।

कुछ देर तक राजेश वैसा ही खड़ा रहा तब। सुनीता ने राजेश से कहा का बेटा ऐसे में पेशाब नहीं आएगा । जब यह डीला पड़ेगा तभी पेशाब बाहर आएगा ।

तब राजेश ने कहा मा मुझे पता नहीं है कैसे खड़ा हो जाता है। मुझे माफ कर दो ।

तब सुनीता ने कहा बेटा यह सब नॉर्मल है चलो जब यह दढीला हो जाएगा, तब पेशाब करा दूंगी ।तब तक तुम नाश्ता कर लो ।

राजेश ने कहा ठीक है मां और वह बाथरूम से निकलकर डाइनिंग टेबल की ओर चले गए और सुनीता राजेश को नाश्ता कराने लगी और नाश्ता करा कर स्वयं भी नाश्ता कर ली ।

नाश्ता करने के बाद राजेश हाल में ही बैठा था उसका लंड अब ढीला पड़ गया था। अब पेशाब आने लगा था।

सुनीता राजेश के पास आई और राजेश से बोली बेटा अब नॉर्मल हो गया हो तो फिर पेशाब करा दू।

राजेश ने कहा हां मा पेशाब करा दो और वे दोनों बाथरूम की ओर चले गए लेकिन जैसे ही सुनीता ने राजेश के लंड को पेशाब कराने के लिए पकड़ा तो राजेश का लंड* सरसराता हुआ वह फिर से खड़ा हो गया ।वह बहुत ही शर्मिंदा हो गया।

सुनीता देवी भी कुछ कह नहीं पा रही थी तब राजेश ने अपनी मां से कहा पता नहीं यह सब कैसे हो जाता है सॉरी मां तुम्हारे हाथ लगते ही या खड़ा हो जाता है ।

सुनीता देवी समझ गई अब यह मेरे हाथ लगने से उत्तेजित हो जाता है ।उसने राजेश से कहा बेटा तुम घबराओ नहीं यह सब नॉर्मल है ऐसा जवान लड़कों के साथ होता है।

तब राजेश ने कहा ऐसे में तो मैं पेशाब भी नहीं कर पाऊंगा । अब क्या करूं कोई उपाय है तो बताओ।

सुनीता ने कुछ सोचते हुए कहा बेटा इसका एक उपाय है ।तुम्हारे लिंग को हिलाना पड़ेगा उससे कुछ पानी निकलेगा तो तुम्हारा लिंग नॉर्मल हो जाएगा। चलो मैं तुम्हारे लिंग को हिला देती हूं तुम नॉर्मल हो जाओगे। फिर तुम पेशाब कर पाओगे।

सुनीता देवी ने राजेश के लिंग को पकड़ कर मुठ मारने लगी । वह राजेश लंड के सामने आ कर बैठ गई और एक हाथ से उसके अंडकोष को सहलाने लगी और दूसरे हाथ से उसके लंड* को मुठ मारने लगी ।

राजेश की नजर उसकी मां की चूचियो पर चला गया वह उसे देखकर और उत्तेजित होने लगा। उसकी मां के द्वारा मुठ मारने से उसे बहुत ही आनंद आने लगा उसकी सांस तेज तेज चलने लगी।

सुनीता मुठ मारने में खो गई उसकी साड़ी की पल्लू नीचे गिर गया था। जिसेसे चूचियां बाहर आने को उतावले हो रहे थे। जिस पर राजेश की नजर गड़ी हुई थी ।

राजेश के सास तेज होने लगी उसके दिल की धड़कन बढ़ गई इधर सुनीता राजेश के लंड को पकड़कर तेज तेज मुठ मारने लगी। तब राजेश ने अपनी मां से कहा मां और तेज करो, और तेज मारो ,बहुत आनंद आ रहा है ,बहुत मजा आ रहा है मां, और तेज करो मैं और तेज करो ना।

सुनीता राजेश की बात को सुनकर और जोर-जोर से मुठ मारने लगी ।

अब राजेश का ल** अकड़ने लगा ।उसकी सास तेज तेज चलने लगी थी और उसका धैर्य जवाब दे गया और वह वीर्य की लंबी लंबी पिचकारी मारने लगा।

इस समय उसके मुंह से आह आह आह मम्मी की आवाज निकल रहा था।

वीर्य की पिचकारी सूनिता के चेहरे पर पड़ा और उसके चेहरे से होता है वह उसके चुचियों पर वीर्य टपकने लगा ।

ढेर सारा वीर्य उसके उसके लंडसे निकलने लगा पता नहीं कितने दिनों से यह वीर्य इकट्ठा था ।मूठ मारने का पहला अनुभव था राजेश के लिए वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया था झड़ते समय ।

जब उसके लंड से वीर्य निकालना बंद हुआ तब राजेश ने आंखें खोली। सुनीता की नजरें राजेश की नजर से मिली ।

जब राजेश ने देखा कि उसकी मां उसके वीर्य से नहा डाली
राजेश ने अपनी मां से कहा सॉरी मां गलती हो गई

सुनीता ने राजेश से कहा बेटा यह तूने क्या किया मुझे पूरा गंदा कर दिया और वह बनावटी गुस्सा करने लगी और मुस्कुराने लगी ।
Bahot hee hot 🔥 update
 

Rishiii

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पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था ,किस प्रकार राजेश अपनी मां के मुंह में ही झड़ जाता है। पूरा वीर्य लंड से बाहर निकल जाने के बाद, वह अपनी मां के मुंह से अपना लंड बाहर खींच लेता है।

Amazing update .. wow .. hottest

सुनीता के मुंह से राजेश का लंड फच की आवाज करता हुआ बाहर निकलता है ।जैसे ही उसका लंड सुनीता के मुंह से बाहर निकलता है। सुनीता अपना मुंह बंद कर लेती है और पूरा वीर्य अपने मुंह में भर कर राजेश की ओर देखती है ।

राजेश इस समय अपनी मां को ही देख रहा था। दोनों की नजरें मिलती है सुनीता शर्म से पानी पानी हो जाती है।

वहां इस समय उसका ठहर पाना मुस्किल था। वह शर्म के मारे गड़ी जा रही थी ।एक पल भी वहां उसको ठहरना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। वह अपने मूह में वीर्य को भरे हुए ही बाहर ,अपने कमरे की ओर भागती है ।और सीधे अपने कमरे के बाथरूम में चली जाती है। और वहां जाकर वाश बेसिन पर खो खो की आवाज आवाज करते हुए सारा वीर्य अपने मूह से उगलने लगती है।

खो-खो की आवाज सुनकर शेखर का नींद खुल जाता है ।वह सुनीता को उल्टियां करते हुए देखता है ।
वह घबराकर वागड़ सुनीता के पास जाकर उसे पूछता है ।सुनीता क्या हुआ? तबीयत ठीक नहीं है क्या ?

सुनीता घबरा जाती है ।वह बातें बनाते हुए बोलती है हां जी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है ।लगता है मैंने आज दोपहर पार्टी में कुछ उल्टा सीधा खा लिया इसलिए उल्टी आ रही है ।मैं ठीक हो जाऊंगी परेशान होने की बात नहीं नहीं है ।

और सुनीता अपने मुंह से राजेश का पूरा वीर्य बाहर निकाल लेने के बाद वह मुंह को पानी से कुल्ला कर गो़ बेड पर सोने के लिए चली जाती है
।शेखर भी उसके पीछे पीछे चला जाता है।

शेखर सुनीता से पूछता है ,सुनीता तुम सच कह रही हो ना तुम ठीक हो।

तब सुनीता शेखर से कहती है हां जी मैं ठीक हूं परेशान होने की बात नहीं है तूम सो जाओ।

शेखर सुनिता की बातो से राहत महसूस करता है ।और वह सो जाता है।

इधर सुनीता आज की घटनाओं के बारे में सोचने लगती है कि मैं कितनी गंदी हो गई हूं मैंने अपने बेटे का लंड* अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा मै कर सकती हूं। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । मुझे आज अपनी पाप छुपाने के लिए शेखर से भी पहली बार झूठ बोलना पड़ा ।हे भगवान मुझे माफ कर दो पता नहीं मैं ना चाहते हुए भी कैसे राजेश के बातों में आ गई। उसका लंड चूसने लगी हे ।भगवान मुझे क्षमा कर दो।

यह सोचते सोचते उसे नींद आ गई ।इसी प्रकार 2 दिन का समय और निकल गया ।इन 2 दिनों में सुनीता ने राजेश को केवल हाथों से ही मुठ मार कर शांत किया। राजेश के बोलने पर भी उसके लंड को नहीं चूसा । राजेश अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस करने लगा ।

आज शेखर अपने बैंक से छुट्टी लेकर घर आ जाता है क्योंकि आज उसे राजेश को लेकर हॉस्पिटल जाना था। शेखर और राजेश दोनों ही तैयार होकर, हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं ,जहां पर राजेश की जांच डॉक्टरों को द्वारा की जाती है ।डॉक्टर पाते हैं कि अब राजेश पूर्ण रूप से ठीक हो चुका है ।

यह बात डॉक्टरों के द्वारा, शेखर को बताया जाता है। शेखर बहुत खुश हो जाता है ।राजेश की हाथों पर लगाई गई पट्टियां भी निकाल दी गई ।डॉक्टरों के द्वारा राजेश को आवश्यक सलाह देकर हॉस्पिटल उसे छुट्टी दे दिया गया ।
दोनों ही अपने घर चले आते हैं।

राजेश ने सुनीता को फोन करके, पहले ही बता दिया था कि डॉक्टर ने कहा है कि अब राजेश बिल्कुल ठीक हो गया है ।सुनीता बहुत ही खुश हो जाती है और वह अपने बेटे का स्वागत करने के लिए थाली पर आरती सजा देती है ।जैसे ही राजेश और शेखर घर में प्रवेश करते हैं। आरती की थाली लेकर सुनीता खड़ी रहती है। और वह अपने बेटे राजेश की आरती उतारने लगती है। मेरे बेटे को किसी की नजर ना लगे और अपने बेटे को राजेश को अपने गले से लगा लेती हैऔर उसके उसके माथे पर किस कर देती है ।

राजेश भी अपनी मां को गले से लगा लेता है ।

इधर शेखर मां बेटे का प्यार देखकर भावुक हो जाता है।
रात के समय राजेश अपनी मां का आने का इंतजार कर रहा होता है ,पर उसकी मां सुनीता उसके कमरे में नहीं आती है क्योंकि उसके कमरे में जाने का कोई कारण भी नहीं था। अब राजेश पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया था। उसे अब हेल्प की जरूरत नहीं थी। राजेश थोड़ा निराश हो जाता है ।इससे अच्छा तो मैं ठीक नहीं हुआ था तो ही अच्छा था। राजेश रात में अपने लंड को अपने ही हाथो से मसलते सोना पड़ता है ।

राजेश सुबह 6:00 बजे उठ जाता है ,राजेश सीधा किचन की ओर चला जाता है ।सुनिता किचन में काम कर रही होती है। वह किचन में जाकर अपनी मां को पीछे से बाहों में ले लेता है और कहता हैं गुड मॉर्निंग मा।
सुनीता थोड़ी चौक से जाती है, और रिप्लाई देतीहै, गुड मॉर्निंग बेटा ।उठ गया ,मेरा बेटा ।तुम्हारी तबीयत कैसी है ।

मैं ठीक हूं मा । राजेश सुनीता से पूछता है मम्मी कल रात मेरे कमरे में क्यों नहीं आई ।

सुनीता कहती है क्याे बेटे कुछ काम था क्या ?

राजेश-नहीं मा ऐसे ही ।

सुनीता-बेटा अब तुम अपना काम स्वयं कर सकते हो इसलिए मैं तुम्हारे कमरे में नहीं आई।

राजेश- ओक मम्मी, मैं जिम के लिए जा रहा हूं ।
सुनीता कहते हैं ठीक है बेटा और राजेश जिम के लिए भी निकल जाता है ।

राजेश जिम से आने के बाद नहा कर तैयार हो जाता है और स्वीटी ,राजेश और शेखर तीनों ही डायनिंग टेबल पर नाश्ता करने के लिए बैठ जाते है आज सुनीता ने राजेश की पसंद का नास्ता बनाई थी िजसे द्खकर राजेश खुश हो जाताहै ।वह अपने मा को अपनी पसंद का नाश्ता बनाने की के लिए धन्यवाद देता है और मां की हाथों को पकड़कर किस कर देता है।

तीनों नाश्ता खत्म कर लेते हैं ,घर के सभी सदस्य बहुत खुश थे कि राजेश आज ठीक हो चुका है और आज युवा कॉलेज भी जाएगा ।

10 बजते ही स्वीटी और राजेश दोनों साथ में कॉलेज के लिए निकल जाते हैं ।कॉलेज पहुंचते ही सभी दोस्त राजेश को देखकर बहुत ही खुश हो जाते हैं कि राजेश ठीक होकर आज कॉलेज आया हुआ है। भगत दोस्तों को कैटिंन में राजेश के ठीक होने पर पार्टी दे डालता है।
राजेश कॉलेज में अपनी सभी क्लास अटेंड करता है। छुट्टी के समय राजेश और भगत दोनो क्लास से जब बाहर निकल रहे होते हैं ,ठीक उसी समय उनकी केमिस्ट्री टीचर मैडम सुमन भी अपने स्टाफ रूम से बाहर ,अपने घर जाने के लिए निकल रही होती है।

वह राजेश को देखकर आवाज लगाती है राजेश एक मिनट इधर आना ।

राजेश सुमन मैडम की आवाज सुनकर उसके पास चला जाता है।

राजेश कहताहैं मैम आपने मुझे बुलाया ,कुछ काम था क्या ?

सुमन कहती है राजेश जब मैने तुम्हारे बारे में सुना था मुझे काफी दुख हुआ । मैं तुम से संपर्क करना चाहती थी पर कर नहीं सकी।

राजेश कहता है मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं मैम।

सुमन कहती है राजेश तुम्हारे पढ़ाई का काफी नुकसान हो गया ।तुम्हारी अनुपस्थिति के दौरान मैंने तीन यूनिट कंप्लीट कर दीए ।अगर तुम्हें इन यूनिटों के किसी टॉपिक पर कोई समस्या हो तो , तुम मेरे घर आ सकते हो ।मैं तुम्हें समझा दूंगी ।

राजेश ने कहा धन्यवाद मैन, मुझे कोई समस्या होगी तो मैं जरूर आपसे संपर्क करूंगा ।

सुमन ने कहा जब तुम मेरे घर आओगे तो मुझे पहले से ही फोन कर जानकारी दे देना ।

राजेश ने कहा ठीक है मैम ।

मैडम सुमन अपने घर के लिए निकल जाती है इधर राजेश भगत के पास जाता है। भगत राजेश से पूछता है मैडम क्या बोल रही थी । राजेश भगत को सारी बातें बता देता है।

भगत राजेश से कहता है यार यह तो तुम्हें बहुत ही अच्छा मौका मिला है मैडम सुमन के करीब जाने का क्या मस्त माल है ,?कॉलेज के सभी लड़के और टीचर उसके करीब आने के लिए तरसते हैं ।मगर किसी को भाव ही नहीं देती। तुम तो लकी हो यार।

राजेश कहता है अबे तुम्हें तो और कुछ सूझता नही अपनी बकवास बंद कर ।

भगत कहता है सॉरी भाई क्या करूं आदत से मजबूर जो हूं ।इधर स्वीटी राजेश के पास पहुंच जाती है भैया चलो घर चलते ।

सीटीआर राजेश दोनों बाइक से अपने घर के लिए निकल जाते है ।

रात के समय राजेश फिर से अपनी मां को मिस करने लगता है उसे याद आने लगता है कि किस प्रकार से
उसकी मा ने उसका लंड * चूसी थी । सोचते ही उसका लंड में तनाव आने लगता है ।राजेश अपने लंड को सहलाने लगता है । पर रात में सुनीता उसके पास नहीं आती वह निराश हो जाता है।

इस तरह से 5दिन और निकल जाता है ।इधर राजेश को अपने मा से मूठ मरवाये 7 दिन हो गए थे। राजेश ने अपने लंड पर मुठ न मारने के कारण उसके टट्टो पर बहुत अधिक मात्रा वीर्य में जमा हो गया था,जो लंड से बाहर आने के लिए बेताब थे।

राजेश अपने मां के हाथों मुठ मरवाकर अपना लंड को शांत करना चाहता था, पर उसकी मां , उसके कमरे में जब नहीं आती है तो व्याकुल हो जाता है क्योंकि आज वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो चुका था उससे रहा नहीं जा रहा था।

राजेश अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है ।

राजेश- मां सो गई क्या?

सुनीता इस समय सोई नहीं थी।वह बेड पर लेटी जरूर थी उसकी नींद नहीं लगीथी ।, क्योंकि वह भी राजेश के साथ जो भी घटना हुई थी। याद कर रही थी। वह सोच रही थी कि वह राजेश के साथ कितना आगे बढ़ गई थी ।अगर राजेश कुछ दिन और ठीक ना हो पाता तब पता नहीं क्या हो अनर्थ हो जाता ।

जब उसे व्हाट्सएप पर मैसेज रिंग सुनाई पड़ती है तो अपने मोबाइल उठा कर देखती है कि किसका मैसेज है। और देखती है कि राजेश ने मैसेज किया है ।

वह शेखर की ओर देखती है इस समय खर्राटे लेकर सो रहा था ।सुनीता व्हाट्सएप पर रिप्लाई देती है।

सुनीता -बेटे तू अभी तक सोया नहीं।

राजेश -नहीं मां नींद नहीं आ रही है ।

सुनीता -बेटा नींद क्यों नहीं आ रही है ।कोई समस्या क्या ।

राजेश- मां मै पिछले 1 सप्ताह से ठीक से सो नहीं पाया हूं।

सुनीता- क्यों क्या हुआ बेटा ?
राजेश- मा हमारे बीच जो भी की घटनाएं घटित हुई मुझे याद आ रही है जिसके कारण मैं बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाता हूं। और मै 7 दिनो से ठीक से सो नहीं ना पा रहा ।मैं क्या करूं ?

सुनीता -बेटा मैं समझ सकती हूं। लेकिन अब तुम ठीक हो चुके हो । जब तुम अधिक उत्तेजित हो जाते होंगे तो अपने हाथों का इस्तेमाल कर लेना ,जिससे तुम्हें राहत मिलेगी ।

राजेश -नहीं मा मैं अपने हाथों से मूठ मारू ईसके लिए मेरा दिल गवाही नहीं देता ।

सुनीता - बेटे अगर तुम अपने हाथों से मूठ नहीं मारना चाहते तब राहत पाने का केवल एक ही तरीका है। तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो, जो तुम्हें उत्तेजना से राहत दे सके।

राजेश -पर मा मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

सुनीता -बेटा तुम स्मार्ट हो, टैलेंटेड हो ,तुम पर तो कई लड़कियां मरती होगी ,उसमे से तुम किसी एक को अपनी गर्लफ्रेंड बना लो ,जो तुम्हें पसंद हो।

राजेश -पर मा गर्लफ्रेंड बनाने में तो समय लगेगा। मुझे अभी बरदास्त से बाहर हो रहा है, मां मेरे लंड* में दर्द कर रहा है ।मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया हूं ।मां तुम कुछ करो मा ।

सुनीता- बेटा अब यह सब ठीक नहीं है मैं तुम्हारी मां हूं हमें हमारे बीच एक मर्यादा है हमें उस मर्यादा को बनाकर रखना होगा। अभी तक जो भी हमारे बीच हुआ है।वह मजबूरी में हुआ ,पर अब जानबूझकर करना पाप होगा।

राजेश- पर मा मैं 7 दिनों से ठीक से सो नहीं पाया हू प्लीज मेरी हेल्प करो ना, कम से कम मेरी कोई गर्लफ्रेंड बनने तक मेरी हेल्प कर दो । मा मेरे लंडमें बहुत दर्द कर रहा है।

सुनीता राजेश की बातों को सुनकर सोचने लगती है राजेश 1 सप्ताह से ठीक से सोया नहीं है इसी तरह से अगर चलता रहा तो उसकी तबीयत फिर से खराब ना हो जाए ।मुझे कुछ करना चाहिए ,लेकिन मुझे अपने आप पर नियंत्रण रखना होगा ।मैं भी बहक जाती हूं और जो चीज ना करना चाहिए वह कर जाती हूं। सुनीता राजेश को व्हाट्सएप मैसेज करती है ।

सुनीता -ठीक है बेटा तुम्हारे रूम में मै आ रही ।एक शर्त है मैं सिर्फ मूठ मारूंगी। तुम्हारी लंड* नहीं चूसूगी ।

राजेश- ठीक है मा तुम केवल मेरा मुठ मार कर राहत दे दो ।

इधर राजेश यह जानकर कि उसकी मां उसकी कमरे में आ रही है और बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो जाता है उसके लंड तनकर और कठोर हो जाता है। इस समय राजेश अपने लंड को अपने लोवर र से बाहर निकाल लिया था । और उसे अपने हाथो से सहला रहा था। उसका लंड हवा में ठुमके लगा रहा था। यह जानकर कि उसकी मां उसी कमरे में आने वाली है ।

राजेश ने अपना कमरे का दरवाजा लॉक नहीं किया था ,। सुनीता दरवाजे को धक्के मार कर , राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।कमरे में घुसते ही उसकी नजर राजेश के लंड पर जाती है ।राजेश इस समय बेड पर लेटा हुआ था ।उसका लंड खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था ।राजेश अपने एक हाथ से लंड सहला रहा था ।सुनीता की नजर राजेश की लंड पर जाती है । सुनिता के शरीर मे सिहरन दैडने लगती है।

राजेश अपनी मां से कहता है देखो ना मा लंड अकड़ गया है। अपने हाथों से इसे हिलाकर कर शांत कर दो।

राजेश अपने बेड से उठ कर खड़ा हो जाता है सुनीता बिना कुछ बोले फर्श पर नीचे बैठ जाती है और एक हाथ से राजेश की लंड को पकड़ कर सहलाने लगती है।

वाह राजेश से कहती है बेटा जल्दी तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो ।अपनी मां से यह सब कराना ठीक नहीं । इससे से पाप होता है ।पहले की बात और थी।

राजेश कहता है ठीक है मा मेरी कॉलेज में जब तक कोई गर्लफ्रेंड न बन जाए ,तब तक तूम मेरी मदद कर देना ।

सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को सहलाने * लगता है और एक हाथ से उसकी टट्टो को ।

राजेश को बहुत आनंद का अनुभव होने लगता है। आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लेता है और अपनी मां के हाथों से मूठ मरवाने का मजा लेने लगता है। धीरे-धीरे राजेश की उत्तेजना और बढ़ने लगती है उसके शरीर का सारा खून उसके लंड की ओर दैडता महसूस हेनो लगता है ।

वह जोश में आने लगा और अपनी मां से कहने लगा मा बहुत ही मजा आ रहा है ।हिलाती रहो ,हिलाती रहो मा।

राजेश जोश मे आकर अपनी मा से कहता है ।मां तुम चूस्ती तो और कितना मजा आता मा।

इधर सुनीता भी गर्म होने गई थी । वह राजेश का लंड को अपने हाथों में महसूस कर उसके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ने लगती है ।

इधर राजेश अपनी मां से कहता है आह बहुत ही मजा आ रहा है मा । थोड़ा सा मुंह में ले लो ना ।

इधर सुनीता कि सासे भी तेज होने लगती है। उसकी चूचियां फूलने और पिचकने लगती है ।उसके चूत से रस बहना शुरू हो जाता है ।

राजेश अपनी मां की आंखों में देखता हुआ कहता है मा प्लीज एक बार मह मे ले लो न बहुत मजा आता है।

राजेश के बार बार कहने पर सुनीता को पता नहीं क्या हो जाता है वह राजेश के लंड * को मुंह में भर लेती है।
और धीरे धीरे लंड को अपनी मुंह में अंदर बाहर करने करने लगती है।

राजेश आनंद के मारे पागल सा होकर आंखें बंद कर आह ,आह ,आह मां बहुत मजा आ रहा है बोलने लगता है और जोश में आकर अपने कमर को हिला कर अपनी मां के मुंह में हल्के हल्के धक्के लगाना शुरु कर देता है ।

राजेश अपनी आंखें खोलता है अपनी मा की ओर देखता है ।सुनीता इस समय लंड चूसने में व्यस्त थी राजेश की नजर उसी चूचियो पर पडता है ।

सुनीता इस समय नाइटी पहनी. हुई थी इसकी चूचियो का काफी है हिस्सा बाहर नजर आ रहा था जिस पर राजेश की नजर चला गया ।

वह अपनी मां की खूबसूरत चूचियो को देखकर और ।अधिक उत्तेजित और जोश में आ गया। उससे रहा न गया । और वह थोड़ा झुक कर अपनी मां की दोनों चूचियो को अपने हाथों से पकड़ कर मजा लेने लगा।

वह अपनी मां से बोला मा तुम्हारी चुचीया बहुत ही सुंदर है।

सुनिता इस समयअपनी आंखों को बंद कर, अपने बेटे के लंड* को चूस रही थी ।जैसी अपने स्तनों पर किसी मरदाना हाथों का एहसास हुआ ,उसकी आंखें खुल जाती है। वह लंड * चूसना बंद कर देती है। उसकी सांसे तेज हो जाती है ।

राजेश के हाथों को ,अपने हाथों से चुराते हुए कहती है। बेटा यह पाप है छोड़ो मुझे ,मेरे स्तनों को मत पकड़ो।

राजेश जोश मे था । वह नहीं मानता और उनकी चुचियों को अपने हाथों में लेकर मसलता रहता है।

सुनीता एहसास होता है कि बहुत ही गलत हो रहा है।राजेश को नही रोकी तो अनर्थ हो जाएगा । वह अपने बेटे के हाथ को छुड़ाते हुए खड़ी हो जाती है और वह राजेश के कमरे से चली जाती है।

राजेश मां को आवाज देत् रह गया मां कहां जा रही हो अभी मेरा शांत हुआ नहीं है ।

सुनीता राजेश की बातों पर ध्यान नहीं देती हो तेजी से और अपने रूम में चली जाती है।

इधर राजेश को कुछ समझ नहीं आता अचानक से मां को क्या हो गया ।वह अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है।
राजेश- मा क्या हुआ अचानक से क्यों चली गई।

सुनीता रिप्लाई देती है।

सुनीता -मां बेटे की के बीच मैं यह सब ठीक नहीं बेटे।

राजेश -मा मुझे नींद नहीं नहीं आएगी ।

सुनीता -बेटा अब मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा तुम कोई गर्लफ्रेंड से कराना ।

राजेश को बहुत ही बुरा लगता है पर वह कर भी क्या सकता था ।वह किसी तरह सोने की कोशिश करता है पर ठीक से सो नहीं पाता ।

इधर सुनिता अपने कमरे में जाकर लेटे हुए सोचने लगती है पता नहीं मैं कैसे बहक जाती हूं और राजेश की बातों में आ जाती हूं। आज मैं राजेश के कैमरे से नहीं आती तो अनर्थ हो जाता है । वह द्रिड निश्चय कर लेती है कि आज के बाद वह राजेश के बहकावे मे कभी नहीं आएगी । वह अपने गलती पर पछताने लगती है। भगवान से क्षमा मांगने लगती है कि वह ना चाहते हुए भी फिर से गलती कर बैठी।

इधर राजेश को रात भर ठीक से नींद नहीं आता है। जैसे खडे लंड पर किसी ने धोखा दे दिया हो ।रात भर ठीक से सो नहीं पाता । वह सुबह जल्दी उठ जाता है वह रात मैं की घटनाओं को याद करत करता है किस प्रकार किया उसकी मां ने रात के समय उसे अधूरा छोड , उसकी बिना मदद किए ही चली गई हैं ।

वह सुबह 6:00 बजे जिम जाने के लिए अपने रूम से बाहर निकलता है ।राजेश को पता था कि इस समय उसकी मां कीचन मे में होगी ।वह किचन की ओर चला जाता है ।

सुनीता इस समय किचन में काम कर रही थी सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी ।राजेश किचन में जाकर अपने मां को काम करते हुए देखता हैऔर पीछे से अपने मां को जाकर जकड़ लेता है। राजेश अपना खडा लंड* को अपनी मां की गांड मैं दबाने लगता है। और अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर अपनी मां की चूचियों को पकड़ मसलने लगता है ।

राजेश अपनी मा से कहता है मा रात में क्यों चली आई मुझे ऐसे ही छोड़कर ,मैं रात भर सो नहीं सका ।

सुनिता राजेश के द्वारा अचानक से ऐसे जकडकर चूची मसलने से वहचौक जाती है ।राजेश को छुड़ाने लगती है ।बेटा छोड़ो कोई देख लेगा तो क्या कहेगा ।दूर हटो मुझसे।
राजेश नहीं मानता और अपनी मां के स्तनों को अपने हाथों में लेकर जोर-जोर से मसलने लगता है ।

सुनीता उसकी हाथों से छूटने के लिए कसमसाने लगती है ।वह राजेश से कहती है बेटा यह गलत है । पाप है।
राजेश नहीं मानता ,उसकी आंखों में हवस जाग चुका था ।

सुनिता किसी तरह राजेश की ओर घूम जाती है ।उसे समझाने लगती है ।बेटा यह गलत है ।

राज्श अपनी मा को सीने से लगा लेता है और उसकी ओठ को चूमने लगता है ।

सुनिता राजेश को अपनी पूरी ताकत से दूर हटा कर उसकी गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा देती है ।राजेश अपने होश में आता है ।वह भौचक रह जाता है।

सुनिता राजेश को गुस्से मे कहती है , नालायक कहीं का तू मर्यादा भूल गया है । मैनै तुम्हें यही संस्कार दिया ।तू हवस मे आकर अपनी ही मां पर चढ़ना चाहता है।

राजेश का जोश ठंडा पड़ गया था वह एक हाथ से अपने गाल पकड़े हुए चूपचाप खडा था ।वह मां के इस रूप को देखकर हैरान था ।वह चुपचाप खड़ा होकर अपनी मां की बातों को सुनने लगा ।

सुनीता ने कहा मैं कभी सोची नहीं थी कि तू स हद तुम गिर सकता हो चले जाओ मेरी आंखों के सामने से ,चले जाओ ।

राजेश अपना मुंह लटका करके घर से निकल जा ता वह अपने बाइक लेकर सीधे जिम चला जाता है ।

वह बाइक चला रहा था पर का ध्यान नही था ।अभी जो घटनाएं घटित हुआ था उसे ही याद कर रहा था।

जीम मे वह एक ही व्यायाम को लगातार किया जा रहा था। उसका ध्यान कहीं और था उसके मन में उथल-पुथल मचा हुआ था।

इधर सुनीता भी राजेश के जाने के बाद अपने आप से कहती है यह मैंने क्या कर दिया ।मैंने अपने बेटे को थप्पड़ मारा ।आज तक कभी मैंने उस पर हाथ नहीं उठाई थी ।यह भगवान यह मुझसे क्या हो गया ।फिर वह सोचती है उसने जो किया ठीक किया उसे रोकने का यही एक तरीका था ।नहीं तो आज न जाने क्या हो जाता ।उसे रोकना बहुत जरूरी था ।

इधर राजेश काफी मंथन करने के बाद एक निर्णय पर पहुंचता है ।वह अपने मन में कहता है। मा ,दर्द तुमने दिया है तो दवा तुम्हे ही करना होगा ।अगर उस दिन तुमने मुझे कामदेवी रूप नहीं दिखाई होती तो आज मेरी यह स्थिति नहीं होती । हां मैं अपनी मर्यादा भूल गया ।तुम्हारी दी हुई संस्कारों को भूल गया हूं । मैं यह नहीं जानता कि क्या पाप क्या पुण्य है ।मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैं तुम्हें पाकर ही रहूंगा ।मैं तुम्हें इतना तड़पाऊंगा कि तुम खुद ही मुझसे चुदने के लिए मेरे रूम में आओगी ।मेरे खड़े लंड पर आकर बैठो गी ।

दोस्तों राजेश किस तरह अपनी मां को तड़पाएगा और उसकी मा उससे चुदने के लिए खुद ही उसके कमरे में कैसे आएगी ।यह जानने के लिए पढ़ते रहिए
,,, यह क्या हो गया,,,
 
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