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ShukriyaBohot khoob. Kya Sama Bandhan hai bhai. Lagta hai ki Nisha bhi chudegi rajesh bhai se.
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Shandar updateपूजा पाठ करने के बाद जब कमला आरती लेकर अपने पति के पास गई तो उसका पति सोया huwa था वह अपने पति को उठाकर उसको आरती दिखाई। उसके पति आरती लेने की कौशिश की और कमाल हो गया था उसका पति आरती ले पाया यह देखकर कमला का आश्चर्य से देखने लगी वह खुशी से फूला न समाई।
उसके पति के हालात में आश्चर्य जनक सुधार हो रहा था यह बाते जब कमला ने चंदा को बताई तो वह भी बहुंत खुश हो गई।
कमला _ये सब देवी मां की कृपा है।
चंदा _हा मां सब देवी मां की कृपा से बापू जल्दी ठीक हो जाएगा। पर चंदन न होता तो तुम पूजा पाठ नही कर पाती। और पता नही क्या होता।
कमला _हा बेटी तुम सच कह रही हो चंदन ने अनर्थ होने से बचा लिया।
मां बेटी दोनों खुश थे।
इधर चंदन दिन भर दुकान में जब खाली होता तो अपने मां और बहन के साथ प्राप्त किए संभोग सुख को ही महसूस करने लगता जिससे उसके land me तनाव हमेशा बना रहता वह अपने land ko सहलाने लगता। अब उसे कमला और चंदा को देखने का नजरिया बदल चुका था उसे अब मां और बहन गदरई मॉल नज़र आता।
जबकी कमला का व्यवहार सामान्य ही था पर उसे चंदन के सामने खड़ा होने में लज्जा महसूस होती थी।
चंदा _तो प्यासी थी जब से चंदन ने उसकी प्यास बुझाया। था उसका chut की प्यास बुझने के बजाए और बड़ गई उसके chut चंदन के द्वारा की गई chudai को याद करने से उसके chut गीली हो जाती थी जिसके कारण उसकी chut kujane लगती थीं जिसे बीच बीच में वो खुजाने लगती थीं।
रात को भोजन करने के दौरान चंदन ने देखा कि उसके बापू अब अपने हाथो से खाना भी खा रहा है। उसने अपनी मां से कहा की मां बापू की स्थिति में काफ़ी सुधार आ गया है।
कमला रसोई में बर्तन साफ कर रही थी।
इस समय चंदा अपने कमरे में अपनी बच्ची को दूध पिला रही थी।
चंदन अपने रुम मे जाने के पहले रसोई में जाकर अपने मां से कहा, मां बापू तो अपने हाथ से भोजन कर पा रहा है। उसकी हालत में काफ़ी सुधार हो गया है।
कमला _हा बेटा ये सब देवी मां की कृपा है। और तुम्हारी भी।
चंदन _पर मां मेरे कारण क्यू बापू ठीक हो पा रहा, मैने ऐसा क्या कर दिया।
कमला _बेटा अगर तुम मेरी मदद न करते तो मैं पूजा पाठ नही कर पाती पता नही क्या अनर्थ हो जाता।
चंदन _मां कल सुबह तुम आ रही हो न मेरे कमरे में शुद्धिकरण के लिए।
कमला शर्मा गई। वह लजा गई।
मां कुछ बताई नही सुबह तुम आओगी न मेरे कमरे में।
कमला शर्माते हुवे बोली, बेटा बाबा के कहे अनुसार मुझे तीन दिन और शुद्धिकरण कराने होंगे।
कमला के ऐसे बोलते ही चंदन का land तनकर खड़ा हो गया। वह अपने land मसलने लगा।
कमला ने चंदन को खामोश पाकर कहा।
कमला _क्यू तुम्हे suddhikarn करने में कोई कोई परेशानी तो नहीं है न।
चंदन _नही मां कैसी बाते कर रही हो मुझे भला मां की मदद करने में क्या परेशानी होगी। और वह पीछे से अपने मां को पीछे से अपने बाहों में भर लिया।
मां मुझे तो आपकी मदद करके बहुत अच्छा लगता है।
चंदन का शरीर कमला के शरीर से चिपकने से उसका land कमला के गाड़ में महसूस होने लगा।
जिसे महसूस कर कमला का शरीर सिहर उठी। बेटा क्या कर रहा है छोड़ो मुझे चंदा आ जायेगी। वह देखेगी तो क्या समझेगी वह फिर से मजाक बनाएगी।
चंदन _क्यू मां मै अपनी मां को प्यार भी नहीकर सकताआना है तो आ जानें दोदीदी को।
और ऐसा बोलकर चंदन फिर से अपनी मां को कस लिया।
कमला _ लजाते हुवे बोली।अब बस भी कर सुबह कर लेना अपनी मां को प्यार तब तक अपना प्यार बचा के रख।
चंदन _सच मां, मुझे सुबह तुम्हारेआने का बेसब्री से इंतजार रहेगा। तब तक एक चुम्मा तो dede।
कमला _चल हट बदमाश अब तू भी अपनी बहन की तरह बदमाशी करने लगा है मैं तुम्हारी मां हूंबीबी नही जो छुम्मामांग रहा है।
चंदन _अरे मां तुम हो ही इतनी खूबसूरत की chhumaa लेने का मन कर रहा अब de भी दो।
कमला _छी मुझे शर्म आती है। जो करना है सुबह कर लेना। अब छोड़ मुझे चंदा आ जायेगी।
चंदन _ठीक है मां सुबह का मुझे इंतज़ार रहेगा।
और चंदन अपनी मां को छोड़कर अपने कमरे मे सोने चला गया।
इधर अब कमला को भी चंदन की हरकते न चाहते हुए भी अच्छा लगने लगा।
और यह सोचकर की वह सुबह अपने बेटे से फिर चुदेगी।
Fantastic updateसुद्धिकरण की क्रिया 6दिनो तक चली इस दौरान सुध्धिकरण के बहाने चंदन और उसकी मां कमला ने जमकर संभोग सुख का आनंद लिया।
चंदा भी रोज सुबह चंदन के कमरे से कमला के चले जाने के बाद आती और अपना जिस्म का भूख मिटाती। चंदन दो दो गदराई औरतों का सुख भोग रहा था।
उन लोगो के बीच अब शर्म हया खाफी कम हो गया।
चंदन का land घर में दो दो गदराई मॉल से सुख भोगने के अहसास से उसका land हमेशा तना रहता। अब बाबा के कहे अनुसार सुद्धीकरण की अवधी समाप्त हो गया था।
रात में जब भोजन कर लेने के बाद चंदन सोने के लिए अपने रुम में जाकर सोने की कोशिश करने लगा पर उसे नींद नहीं आ रहा था।
उसका मां और बहन से मिलने वाले संभोग सुख के को याद करने से वह उत्तेजित हो गया था। उसे मालूम था की आज सुबह मां शुद्धिकरण के लिए नही आने वाली अतः वह बेचैन हो गया।
अब उसके लिए रात गुजरना मुस्किल था। वह रात में सोने की कोशिश की पर उसे नींद नहीं आया।
तब वह उठकर अपने मां के कमरे कीओर जानें लगा । कमला ने दरवाजा अंदर से बंद कर दी थीं। चंदन ने धीरे से दरवाज़ा खटखटाया, कमला इस समय सोई नहीं थी। वह किसी के द्वारा दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ सुनकर अपने पलंग से उठी इस समय चन्दन का बापू सो चुका था।
कमला उठकर दरवाजा खोलने चली गई। दरवाजा खोल कर देखा तो चंदन को सामने खड़ा पाया। उसने चंदन से कहा, बेटा तुम इस वक्त यहां,अभी तक सोएनही। कुछ काम था क्या?
चंदन _मां मेरा सिर दर्द कर रहा है। आपके पास बाम है क्या?
कमला _देखती हू बेटे होगा तो?
कमला अपने रुम मे जाकर बाम ढूंढने लगी, पर उसे बाम नही मिला।
कमला _बेटा मेरे पास भी बाम दिख नही रहा। तुम दुकान से बाम लेलो।
चंदन आगे कुछ बोल न सका। की उनके आने का मकसद क्या था? चंदन कमला से झूठ बोला।
चंदन _मां वो दुकान में मैने देखा मुझे वहा भी नही मिला।
कमला _बेटा सुबह तो मेने बाम देखी थी ,सारे बिक गए क्या?
चंदन _नही तो। पर मुझे मिला नही।
कमला _ अ च्छा ठीक है मैं दुकान में देखती हूं।
घर से दुकान में जाने के लिए दरवाजा था।
कमला उस ओर जाने लगीं पिछे पीछे चंदन भी जाने लगा।
दुकान का बल्ब चालू कर अलमारी में बाम ढूंढने लगी तभी चंदन उसके पीछे खड़ा था उसका land अभी तना था वह पीछे से अपनी मां को बाहों में भर लिया।
कमला _बेटा ये क्या कर रहा है?
चंदन अपने land का दबाव कमला के गाड़ में डालकर अपने दोनो हाथों से उसके पेट सहलाने लगा।
चंदन के इस हरकत से कमला के दिल जोरों से धड़कने लगा।
कमला _छोड़ो बेटे क्या कर रहे हों। मै तुम्हारी मां हू ये ठीक नहीं।
चंदन _मां, आओ न मुझसे रहा नही जा रहा। मै सो नही पा रहा हूं।
कमला _नही बेटे, छोड़ो मुझे, मां बेटे के बीच मैं ऐसा रिश्ते पाप है।
चंदन _पर मां हम 6दिन तो सम्बंध बनाए न और तुम भी पूरा साथ दी। अब मना क्यू कर रही।
ऐसा कहते हुवे, चंदन, कमला के चूची को हाथ में लेकर मसलने लगा जिससे कमला सिसकने लगी।
कमला _चंदन छोड़ो बेटे ये ठीक नहीं अभी तक जो भी किया वो मजबूरी थी। अब ऐसा करेंगे तो पाप होगा।
कमला की चूची को मसलते एवम अपने land को उसके गाड़ में दबाते हुए कहा।
चंदन _पर मां तुम्हे भी तो मजा आता था न। आओ न मुझसे रहा नही जा रहा।
कमला जी_ सिसकते हुए बोली।नही बेटे, अगर किसी ने देख लिया तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। और वो चंदा तो हाथ धो के पीछे पड़ी रहती है।
चंदन _मां किसी को कुछ पता नही चलेगा। दीदी तो अभी सो रही है। करने दो ना।
कमला _नही बेटे, छोड़ो मुझे, ये पाप है।
चंदन _मां, मै सो नही पा रहा।
कमला _बेटे, अभी तुम होश में नहीं हो, मां बेटे के बीच ये सब ठीक नहीं।मै तुम्हारी जल्दी शादी करा दूंगी। तब तक तुम अपने पे कंट्रोल रखना होगा।
चंदन लगातार कमला के चूची मसले जा रही थी कमला सिसक रही थी और वह चंदन को छोड़ने बोल रही थी।
चंदन _मां, मै शादी तक इंतजार नही कर सकता।
देखो मेरी हालत।
चंदन ने अपनी मां का हाथ को अपने खड़े land पर रख दिया।
कमला का हाथ जब चंदन के land को महसूस किए उसके शरीर कपकापने लगा।
कमला _नही बेटे, ये ठीक नहीं तुम अपने कमरे में जाओ। और कमला जबरदस्ती अपने को चंदन से छुड़ाकर अपने कमरे में जाने लगी।
चंदन ,कमला से बोला _मां, मै सो नही पाऊंगा, मेरा सिर दुख ने लगा है।
कमला _नही बेटे, ये सब ठीक नहीं, अपने कमरे में जाकर सोने की कोशिश करो। मैं जा रही हूं।
कमला अपने कमरे मे चली गई।
इधर चंदन भी अपने मन को मारते हुवे अपने कमरे में आकर सोने की कोशिश करने लगा। पर उसे नींद नहीं आ पा रहा था।
तब वह चंदा के कमरे की ओर गया, उसका दरवाजा धीरे से खटखटाया। चंपा सो चुकी थी।
चंदन ने दरवाजा जोर से खटखटाना उचित नहीं समझा उसकी मां आवाज़ सुन कर आ सकती थीं।
और चंदन अपने कमरे मे वापस लौट आया।
और सोने की कोशिश करने लगा।
इधर कमला के आंखो से भी नींद गायब थी।
चंदन की हरकतों ने उसे गरम कर दिया था।
वैसे भी पिछले 6दिनो से वह चंदन से chud रही थी। जिससे उसके अंदर छुपी औरत जाग चुकी थी। इन 6दिनो में चंदन से जो शारिरिक सुख मिला था ऐसा सुख उसको उसके पति ने अभी तक नही दिया था।
कमला सोचने लगी कि उसने ठीक किया कि नही, कभी अपने फैसले को सही मानती तो उसके अंदर छुपी औरत सुख प्राप्त करने के लिए उस पर हावी होने लगती।
कभी एक मां की नज़र से सोचती तो उसे सब गलत लगता लेकीन जैसे ही उसे चंदन से प्राप्त सुख को महसूस करती तू उसका शरीर गर्म होने लगता।
कमला सोचने लगी जब मुझे नींद नहीं आ पा रहा है तो चंदन कहा सो पाएगा उसे तो अभी नया नया जवानी चढ़ा है। उसने अपने पति की ओर देखा जो गहरी नींद में सोया था।
इधर कमला की आंखों से नींद गायब थी। उसके मन मस्तिक में कई विचार घूमने के बाद पता नहीं क्या सुझा की वह अपने कमरे से निकलकर सीधे कीचन में गई और एक कटोरी में सरसो तेल गर्म करके चंदन के कमरे की ओर जाने लगीं।
चंदन के कमरे का दरवाजा खटखटाया। चंदन अभी सोया नहीं था वह उठा और दरवाजा खोला । सामने देखा उसकी मां कटोरी लिए खड़ी है।
चंदन _मां, तुम। इस वक्त।
कमला _बेटे मै जानती थी की तुम सोए नही होगे तो मेने सोचा सरसो तेल से तेरी सिर की मालिश कर देती हू जिससे तुम्हे अच्छी नींद आ जायेगी। चलो मैं मालिश कर देती हू।
चंदन _ठिक है मां।
चंदन पलंग पर जाकर लेट गया, कमला उसे बाजू में बैठ गई और अपने हाथ में तेल लेकर चंदन की सिर की मालिश करने लगी
चंदन _मां तुम कितनी अच्छी हो।
कमला मुस्कुराने लगी। अब बाते न करो और सोने की कोशिश करो।
चंदन अपनी मां की आंखों में देखने लगा।
कमला _ शर्मातेहुए , ऐसी क्या देख रहा है अपनी मां को खा जाने वाली नजरो से।
चंदन _क्या अपनी मां को देख भी नहीं सकता।
कमला _मुस्कुराते हुवे, देख सकता है पर ऐसी नजरो से भी क्या कोई अपनी मां को कोई बेटा भला देखता है।
चंदन _मां जब इतनी सुंदर हो तो बेटे का नज़र फिसले गा ही।
कमला _चल हट, तू सुधरेगा नही।
चंदन एक हाथ से अपनी मां की चूची को सहलाते हुए कहा।
चंदन _मां एक चुम्मा दो ना।
कमला _sशर्माते हुवे धत,फिर तेरी बदमाशी शुरू।
चंदन को लगा की मां उसकी मां को भी चूची सहलाना अच्छा लग रहा है। उसका हिम्मत बड़ गया।
चंदन _मां दो न एक चुम्मा बड़ा मन कर रहा हैं।
कमला _दरवाजा खुला है चंदा आ गई तो,
अपनी मां की बातो को सुनकर चंदन यह जान गया की मां आगे बढ़ने तैयार है। यह सोचकर ही उसका land fir से तनकर खड़ा हो गया।
चंदन _तो दरवाजा बन्द कर दो। दीदी तो सो रही है। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
चंदन से अब रहा न गया और वह पलंग में उठकर बैठ गया। और अपनी मां के होंठो को चुसने के लिऐ आगे बडा की कमला पलंग से उठ कर दरवाजे की ओर जाने लगीं।
चंदन निराश huwa की मां जा रही है।
पर कमला दरवाजे से बाहर न जाकर दरवाजा बन्द कर वापस आने लगी। जिसे देखकर चंदन खुश हो गया।
और उसका land और तन गया।
चंदन पलंग से उतरकर नीचे खडा हो गया और अपनी मां को बाहों मे भरकर उकसे होंठ चुसने लगा।
कमलाबोली_बेटे इन सब के बारे में किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए।
चंदन _मां तुम बेफिक्र रहो, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
आगे चंदन ने अपनी मां के ब्लाउज खोलने का इशारा किया। कमला अपना ब्लाउज खोल दी।
चंदन उसके चूंचे मसलने एवम पीने लगा जिससे कमला बहुंत अधिक गर्म हो गई।
उसके बाद चंदन अपना कपड़ा निकालकर पूरा नंगा हो गया। और अपने मां को बाहों मे भर लिया।
चंदन ने अपने मां की साड़ी खींचकर उसके शरीर से अलग कर दिया। ब्लाउज भी निकाल दिया।
कमला अब सिर्फ पेटीकोट में थी चंदन अपनी मां को अपने बाहों मे भरकर जी भरकर चूमने चाटने लगा।
फिर उसे पलंग पर पटक कर अपनाland अपने हाथो से सहलाने लागा जोइस समय हवामें लहरा रहाथा । दोनो मां बेटे काफ़ी उत्तेजित हो गए थे। चंदन ने उसका पेटीकोट उपर उठाने का इशारा किया।
कमला अपना पेटिकोट ऊपर उठा कर अपनी टांगे फैला दी। चंदन उसके टांगो के बीच में आ गया।
उसने देखा की कमला की chut काफी गीली हो गई है उससे रस बाहर बह रहा है। चंदन अपना land boor के छेद में सेट कर एक जोर का धक्का लगाया जिससे boor gili होने के कारण एक ही झटके में boor चीरकर आधे से ज्यादा अंदर चला गया।
फिर चंदन अपनी मां की जमकर chudai करने लगा। कमरे में कमला की सिसकने की आवाज़ और fach gach gach की आवाज़ गूंजने लगा। चंदन chudai बंद कर उसके पेटिकोट का नाड़ा खींचकर उसे उसके टांगो से खींचकर अलग कर दिया जिससे कमला पुरी तरह नंगी हो गई चूंकि कमला भी काफ़ी उत्तेजित थी वह ज्यादा विरोध नहीं की। और पुरी तरह नंगी हो गई।
कुछ देर इसी आसन में चोदने के बाद वह कमला को उठाकर पलट कर kutiya बना दिया भी जमकर चोदने लगा। दोनो मां बेटे स्वर्ग में पहुंच गए थे।
अब
बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैअपनी मां कमला को चंदन पहली बार पुरी तरह नंगी करके चोद रहा था। कमला घोड़ी बनी थीं और चंदन पीछे खड़े होकर दनादन अपना land कमला के chut me पेले जा रहा था।
अपनी मां की गोरे गोरे बड़ी बड़ी चिकनी कूल्हे को देखकर, चंदन बावरा हो गया वह अपनी मां के चूतड को चूमने चाटने लगा।
कमला _शर्माते एवमसिसकते हुवे बोली, बेटे ये क्या कर रहा है।
चंदन _मां तुम्हारी चूतड कितनी खूबसूरत है। पीछे से चोदने में बड़ा मजा आ रहा है।
और चंदन आपनी मां के चूतड सहलाते हुए जोर जोर से चोदने लगा।
मां बेटे दोनो ही दिन दुनिया से बेखबर किसी दुसरे लोक की सैर कर रहे थे। संभोग के चरम सुख को प्राप्त कर रहे थे।
कमला अपने चूतड को चंदन के land से सटा सटा कर उसका पूरा सहयोग दे रही थी। कमरे में थप थप, कमला की चूड़ी की खन खन खनकने की आवाज़ और कमला की सिसकने की आवाज़ गूंज रहा था। जिससे कमरे का माहौल एक दम गर्म हो गया था।
कमला के योनि से रस झरने की तरह बह रहा था।land उसके योनि में गप अंदर बाहर हो रहा था।
चंदन _आह मां chudai में बडा मजा आ रहा है। अब तो मैं तुम्हे रोज ही चोदूंगा । बोलो मां रोज चोदने दोगी न मुझे।
चंदन जोर जोर से चोदते हुए बोला
मां बोलो न क्या तुम्हे मजा नही आ रहा है,,
मुझे रोज चोदने दोगी ना, रोज मेरे कमरे में आओगी न चुदाने बोलो।
कमला स्वर्ग में थी वह सिसकते हुवे बोली। तुम जब भी बुलाओगी आऊंगी बेटा,, आह,ऊ, उई मां,, आह आह ऊ ह आह,, तू बडा मस्त चोदता है re, तेरे बाप से ऐसा सुख मुझे कभी नही मिला।
कमला आंखें बंद कर chudai का मज़ा ले रही थी।
चंदन _ले मां,ले और मजा ले,ले खा मेरा land
ऐसा बोल बोलकर, दोनो chudai ka मजा लेने लगे।
पर कुछ ही देर बाद दोनो अपने चरम अवस्था में पहुंच गए। चंदन अपने मां की क़मर को अपने land se जोर से सटा लिया और झड़ने लगा ढेर सारा गाड़ा गाड़ा वीर्य अपने मां की योनि में भरने लगा, आह मां आह, आह मां, करके कराहने की आवाज़ से कमरा गूंजने लगा।
गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता अनुभव कर कमला का शरीर कपकापने लगा और वह भी झड़ने लगी।
चंदन कुछ देर बाद अपना land अपनी मां की योनि से बाहर निकाला वीर्य कमला के योनि से बाहर बहने लगा लगा।
चंदन और कमला जबरदस्त chudai से थक चुके थे दोनो पलंग पर लेट कर सुस्ताने लगे।
कुछ समय बाद जब कमला होस में आई और देखी की वह अपने बेटे के सामने बिल्कुल नंगी है वह शर्म से गड़ गई तुरंत बेड से उठी और अपनी पेटिकोट पहनने लगी।
इधर जब कमला अपने कपड़े पहनने लगी तो चंदन की नज़र उसके चूतड पर गया जिसे देखकर उसके land में फिर तनाव आने लगा।
इधर कमला अपने ब्लाउज पहनने लगी।
चंदन का फिर से खड़ा हो गया था वह अपने मां को वस्त्र पहनता देख। अपने land सहलाने लगा।
जब साड़ी पहनने के लिऐ चंदन की ओर मुड़ी तब कमला की नज़र चंदन के land पर पड़ी। इस वक्त चंदन अपने मां को देख रहा था और अपना land सहला रहा था। उसका land पूरी तरह तना हुवा था। जिसे देखकर कमला मुस्कुराने लगी।
चंदन _मां देखो न ये तो फिर से खड़ा हो गया। आओ न एक बार और करते हैं।
कमला _, मुस्कुराते हुए बोली, न बाबा ना बहुत देर हो गई है। तुमारा तो हमेशा खड़ा ही रहता है।
चंदन _मां आओ न एक बार फिर मजा लेते है। देखो ना कितना लंबा मोटा हो गया है।
कमला अपनी साड़ी पहन चुकी थी। वह पलंग किनारे बैठे गई और चंदन से बोली।
कमला _अब तुम अपने मन पर काबू रखना सीखो जब देखो खड़ा ही कर लेता है। वह चंदन के land को हाथो में लेकर सहलाते हुए बोली अब जो भी करना है कल कर लेना। ऐसा कह कर वह शर्माते हुवे कमरे से बाहर चली गई। और दरवाजा बन्द कर दी।
चंदन अपना land सहलाते लेटा रहा कुछ देर बाद।
कमरे में किसी की आने की आहट हुई चंदन ने देखा।
चंदा ने दरवाजा धकेलकर कमरे के अन्दर आ गई और चंदन, चंदा को देखकर चौकते हुवे बोला दीदी तुम।
चंदा _मुसकुराते हुवे बोली, लगता है मां बेटा दोनो मिलकर chudai का खूब मज़ा लिए हो। मां कैसे चीख एवम सिसक रही थी।
चंदन _दीदी तुम यहां, तुम तो सोई थी।
चंदा _मुझे पेशाब लगी थी तो मैं मूतने उठी थी, बाथरूम जाते समय तुम्हारे कमरे से सिसकने की आवाज़ सुनाई दी तब मुझे पता चला की यहां मां बेटा अपनी राते रंगीन करने में लगे हुए है।
खाफी देर तक चला है re तुम दोनो का खेल।
इस समय चन्दन अपने शरीर के उपर चादर डाल लिया था। अंदर उसका land अभी भी तना huwa था।
चंदन _दीदी तुम मां को ये कभी मत बोलना की हम दोनो को chudai करते हुए देखा है नही तो मां मेरे पास फिर नही आयेगी।
कमला _मुसकुराते हुए बोली, ठीक है पर एक शर्त पर तुम्हे भी मेरी प्यास बुझाना पड़ेगा।
कमला अपनी chut सहलाते हुए बोली तुम दोनो की chudai ka आहट पाकर निगोडी कब से पानी छोड़ रही है। मुझे परेशान करके रखी है।
चंदन _दीदी मैने कब मना किया है तुम्हे मां के जाने के बाद तुम आ जाना मेरे कमरे मे। तुम्हारे इस chut की प्यास बुझा दूंगा, ऐसा कह कर वह चंदा की chut को कपड़े के उपर से सहलाने लगा।
चंदा सिसक उठी।
चंदा भी चादर के उपर से चंदन के land का मुआयना करने लगी।
चंदा _हाय दईया, तुम्हारा तो अभी भी खड़ा है re
मां ने तुम्हारा पानी नहीं झाड़ा है क्या?
चंदन _नही दीदी ऐसी बात नहीं है। मां तो आज जमकर chudi है मुझसे और खूब मज़ा दी है मुझे।
उसी पल को याद कर फिर से खड़ा हो गया है।
चंदा_हां भाई, नया नया जोश है। चल अब मेरी प्यास बुझा दे।
चंदा ने चादर को खीच दिया। चंदन इस समय नंगा था। उसके land ko हाथ में लेकर चंदा खेलने लगी।
चंदा की chut तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी उससे रहा ना गया दोनो ही chudai के लिए तैयार थे।
चंदा अपनी चड्डी निकाल दी और बेड पर चढ़ गई और अपनेपेटिकोट साड़ी उठाकर चंदन के कमरे पर बैठ गई।
चंदन का land उसके chut को छू रहा था।
चंदन ने चंदा को अपनी ओर झुका कर उसके चूची को ब्लाउज की उपर से ही मसलने लगा। चंदा अपने ब्लाउज को खोल दी। उसे अपने शरीर से अलग कर दी।
चंदा के सुडौल स्तन को अपने हाथ में लेकर उसका मर्दन करने लगा उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा। मसल मसल कर उसके दूध निकाल कर।
उसके दूध पीने लगा, जिससे चंदा और बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। उससे रहा ना गया और वह चंदन के land को अपने हांथ से पकड़कर उसे अपने chut के छेद पर रख कर धीरे धीरे उस पर बैठने लगी।land उसके chut में समा गया।
फिर चंदा land पर उछल उछल कर chudne लगी। कमरे का माहौल फिर एक बार गर्म हो गया। कमरे में फिर से एक औरत की सिसकने आवास गूंजने लगी। कुछ देर तक इसी पोजीशन में chudne के बाद चंदा land के उपर से उठी और और पीछे घूमकर land के उपर बैठ गई। और क़मर उछाल उछाल कर chudne लगी। चंदन भी अब जोश में आ गया था और चंदा की क़मर को अपने दोनो हाथों से पकड़कर अपने लन्ड में पटक पटक कर चोदने लगा।
Land सीधा chut को दीवारों को जकड़ कर कसा कसा हुआ अंदर बहार आ जा रहा था इस आसन में चंदन को खूब मजा आ रहा था।
वह जोश में आकर चंदा को जोर जोर से चोदने लगा।
चंदा को लगा की इस आसन में और chudi तो land बच्चा दानी को फाड़ देगा और बच्चा अभी बाहर आ जायेगा।
कमला _चंदन रूको रि, कितना जोर जोर से धक्का लगा रहा है। इस आसन में इतना धक्का ठीक नहीं मेरा बच्चादानी फट जायेगा।
चंदन _ chudai रोकते हुए कहा,माफ करना दीदी, मै खाफी जोश में आ गया था।
चंदा अब land से उठी land chut से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया अब चंदा घोड़ी बन गई।
चंदन से बोली _ले अब इस आसन में मार ले chut जितना मारना है ये ज्यादा सुरक्षित हैं।
चंदन उसके पीछे आ गया और चंदा के chut के छेद में अपना लन्ड सेट कर gach से पेल दिया।land एक ही बार में सरसरता huwa अन्दर जा घुसा, इस आसन में चंदन ने चंदन की chut की जमकर कुटाई किया। चंदा बर्दास्त न कर सकी और झड़ गई जबकि चंदा अपनी मां को एक बार चोदकर झड़ चुका था। वह अभी जल्दी झड़ने वाला नही था।
अतः वह आसनों को बदल बदल कर चंदा को चोदता रहा जब तक वह झड़ा नहीं। चंदा दो बार झड़ी थी उसका chut की प्यास बुझ चुकी थी।
कुछ देर रुककर चंदा अपने कमरे मे सोने चली गई।
चंदन का land भी अब ढीला पड़ चुका था। उसे भी शीघ्र नींद आ गई। मां बेटे और बहन तीनो चैन की नींद में सो गए।
इस तरह तीनो अपनी प्यास बुझाने लगे कुछ दिन बाद चंदा ने एक सुंदर स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया उसका पति कुछ दिन बाद चंदा को अपने साथ ले गया।
अब चंदन और कमला, खुलकर खेलने लगे क्यू की कमला को अब किसी के देख लेने की चिंता या डर नहीं था।
1साल बाद चंदन की शादी चम्पा से हो गया, वे दोनो सतर्क रहकर chudai करने लगे। उनके बीच चंपा के आ जाने के बाद chudai बहुत कम हो गया क्यों की उन्हें मौका कम मिलने लगा पर जब चंपा पेट से थी तो चंपा को ने chudai karana बहुत कम कर दिया जिससे चंदन अपनी प्यास अपनी मां से बुझाना शुरू कर दिया।
दोनो के बीच फिर आय दिन chudai होने लगा। इसी बीच एक दिन मां बेटो को chudai करते देख लिया पर यह बात लोकलाज के डर से किसी को बताई नही क्यों की किसी को बताती हैं तो उसके ही घर की बदनामी होनी थी और वह मां भी बनने वाली थीं। ऐसी हालत में वह कहीं जा भी नही सकती थीं इसलिए इस हालात से चंपा ने समझौता कर लिया।
भगत ने राजेश से कहा तो यह कहानी थी चंपा और उनके बेटे चंदन के बीच नाजायज संबंध बनने की।
कहानी सुनने के बाद मेरा उस घर में आना जाना बड़ गया और मैने भी चंपा से सहमति लेकर उसकी सास कमला के शरीर को जी भर कर भोगा।
कमला ही वह पहली औरत थी जिसका मैने पहली बार गाड़ मारा था। और आज भी जब गांव जाता हू तो चंपा और कमला का जमकर लेता हूं।
भगत ने राजेश से कहा _ राजेश भाई तुम मेरे साथ एकात बार गांव क्यू नही चलते दोनो मिलकर मारेंगे कमला और चंपा की।
राजेश_यार स्टोरी तो काफ़ी हॉ, इंटरेस्टिंग और मजेदार था। एक बार तो जरूर जाना पड़ेगा। चंपा, चंदा और चंपा को चखने।
स्टोरी सुनकर राजेश का land तनकर खड़ा हो गया था उसे chudai ka तीव्र इच्छा हो रहा था उसका land उसके पेंट में बुरी तरह अकड़ा huwa था।
उसने अपना मोबाइल देखा, 4से ज्यादा बज चुका था।
राजेश _यार काफ़ी देर हो गई है कालेज में भी छुट्टी हो चुकी होगी अब मैं घर निकलता हू।
भगत _भाई तुम कहो तो कौशिया मां जी को बुला लाऊं। अब यहां आए हो तो गदराई boor का मजा ले लो वो तो तुम्हारे आने का कब से इंतजार कर रही थी।
राजेश _आज नही यार फिर कभी। अभी मुझे जाना होगा।
राजेश अपना बाइक लेकर वहा से निकल गया। रास्ते में उसने अपना मोबाइल देखा सुमन का कई बार मिस कॉल आया था। उसने सुमन को कॉल किया।
सुमन इस समय कॉलेज से घर जा चुकी थीं और वह राजेश को लेकर काफ़ी चिंतित थी राजेश उसका कॉल क्यों नहीं उठा रहा।
जब उसने देखा राजेश का कॉल है वह खुश हो गई।
सुमन _राजेश तुम कहा थे, मैंने तुम्हे कितना कॉल किया? उठाए क्यू नही।
राजेश _जान सॉरी, मै भगत के साथ था , कुछ काम था।
सुमन _जानते हो मै कितनी चिंतित एवम परेशान हो गई थी। कही कल की घटनाओं के कारण तो ये सब नहीं है।
राजेश _नही जान, ऐसा कुछ बात नही है। तुम खमोखा परेशान हो रही थीं।
सुमन _अछा सुनो, तुम आज घरआ रहें हो ना ।
भगत की कहानी सुनकर राजेश को chudai करने की तीव्र इच्छा हो रहा था। वह भी सुमन को भोगना चाहता था घर जायेगा तो वह मां का सामना अभी नही कर ना चाहता था।
इसलिए वह घर न जाकर सुमन के घर जाने का मन बनाया।
वह सुमन से बोला _डार्लिंग मै अभी तुम्हारे घर आ रहा हूं मैं भी तुमसे मिलने तड़प रहा हूं।
सुमन _सच तुम अभी आ रहे हो,,
राजेशा _हा यार अभी आ रहा,,
सुमन बहुत खुश हो गई।
सुमन _अच्छा सुनो नाश्ता में कुछ बना दू। क्या खाओगे।
राजेश _नाश्ता को छोड़ो डियर दूध से काम चला लेंगे।
सुमन समझ गया की राजेश किस दूध की बात कर रहा है वह शर्माते हुवे बोलो।
धत पागल।
तुम जल्दी आओ मैं तुम्हारा इंतजार कर रही।
राजेश _बस मै अभी पहुंचा।
सुमन बहुंत खुश थीं की राजेश आ रहा है। वह अपने काम वाली को छुट्टी देदी।
इस समय वह सलवार शूट में थी जो कॉलेज पहनकर गई थी।
अब वह सलवार सूट निकालकर वह कल वाली शादी का ड्रेस लहंगा चोली पहन ली और चुनरी ओढ़ ली। क्यू की उसे पता था कि राजेश को यह ड्रेस बहुंत पसंद आया था। इसे ड्रेस में देखकर वह काबू में नहीं रह पाएगा। वहा ड्रेस पहनकर सोफे में बैठकर राजेश का आने का इंतजार करने लगी।
राजेश सुबह से कुछ खाया नही था। उसका जिस्म के भूख के साथ साथ पेट का भूख भी बड़ी हुईं थी।
उसने सोचा कीखाली पेट chudaiमें मजा नही आयेगा क्यों न पहले पेट का भूख मिटा लू। और चौपाटी पर गाड़ी रोकी। वहा काफ़ी भीड़ थी।
फिर उसने सोचा नहीं बाहर कुछ खाना ठीक नहीं मैडम के हाथो से बना आमलेट उसी के हाथों से खाऊंगा तो ज्यादा मजा आयेगा।
और फ़िर वह सीधे गाड़ी को सुमन के घर की ओर आगे बढा दिया।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैराजेश सुमन का घर पहुंचा । दरवाजा बंद था उसने घंटी बजाया।सुमन इस समय लहंगा चोली पहनकर तैयार बैठी राजेश का ही आने का इंतजार कर रही थी।
बेल बजने पर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा। वह दरवाजा खोलने धड़कते दिल के साथ गई। दरवाजा खुलने पर देखा सामने राजेश खड़ा था।
सुमन खाफी खूबसूरत और हॉट लग रही थी। पोर्न स्टार की तरह बड़ी बड़ी चूचियां, पतली कमर, उसके गोरे बदन पर खूबसूरत गहरी नाभि, किसी भी मर्द को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पर्याप्त था।
राजेश एक टक सुमन को ही निहारने लगा। उसके शरीर का मुआइना करने लगा। सुमन राजेश द्वारा इस तरह देखने शर्म महसूस करने लगी।
सुमन सिर नीचे कर मुस्कुराते हुवे बोली अब दरवाजे पर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे मेरे स्वामी जी।
और वह मुस्कुराने लगी।
राजेश सुमन के खूबसूरती में खो गया था।
वह जैसे नींद से जागा और शर्माते हुवे कहा, सामने कोई स्वर्ग की अप्सरा खड़ी हो तो पुरुष की आंखें चौड़ी होगी ही, मेरी रानी। राजेश ने अपना दोनो हांथ सुमन के कमर पे रख अपनी ओर खींचते हुवे कहा।
सुमन _अछा जी, मै तुम्हे अप्सरा लगती हू, तो आज दिनभर मेरी याद क्यू नहीं आई,? सुमन ने अपने दोनो हाथों को राजेश के गले में डालते हुए बोली।
भगत _आज दिन भर जहा था। अपनी रानी को ही याद कर रहा था।
सुमन _चल झूठे। पता है तुम्हे कालेज में न पाकर और तुम्हारा मेरी काल न उठाने से कितनी परेशान हो गई थी।
भगत _मुझे नही पता था मेरी जान की तुम मेरे लिए इतनी तड़प रही है, नही तो सारा काम छोड़ के तेरे पास चला आता।
ऐसा कहकर, राजेश सुमन को अपनी तरफ और खीच लिया और किस करना चाहा मगर सुमन ने रोकते हुवे कहा, अरे तुम तो अभी से शुरू हो गए।
राजेश _क्या करू, जब बीवी इतनी हॉट और खूबसूरत हो तो, मर्द कितनी देर तक रूक सकता है?
सुमन _नही अभी नही, पहले अंदर चलो।
और सुमन अपने को राजेश से छुड़ाते हुवे, राजेश को अंदर जाकर सोफे पर बैठने को बोला और खुद दरवाजा बंद कर उसके पास आ गई।
सुमन _बोलो क्या खाओगे, तुम्हारे लिऐ कुछ बना दू।
राजेश ने सुमन को खींचकर अपने गोद में बिठा लिया। और उसके कंधे पर अपना सिर रखकर उसके कंधे को चूमते avmएक हाथ से उसका पेट सहलाते हुए कहा।
भूख तो जोरो की लगी है। शरीर की भी और पेट की भी। पहले पेट की भूख मिटा दो फिर शरीर की मिटा देना।
सुमन को अपनी गाड़ में राजेश के land का चुभने और उसके खड़े होने का अहसास हुआ
सुमन _ मुसकुराते हुवे। तुम्हे तो सच में बड़ी जोर की भुख लगी है।भूख लगी थी तो फ़ोन पर ही बता देते मै कुछ बना के रख देती। बोलो क्या खाओge
राजेश उसके चूची को मसलते हुए कहा।
मन तो कर रहा है तुम्हे पहले खाउ, पर नही पहले कुछ बना दो। पहले पेट का भुख मिटा लू।
सुमन हंसते हुवे बोली
ठीक है अब मुझे छोड़ो मैं तुम्हारे लिए कुछ बना के लाती हूं। और वह राजेश के गोद से उठकर मुसकुराते हुए कीचन में चली गई।
राजेश अपने land को सहलाते हुवे उसे जाते हुए देखता रहा।
कीचन में जाकर वह ब्रेड और अंडे से डिस बनाने लगी।
इधर राजेश ज्यादा देर तक इंतजार न कर सका और वह कीचन में जाकर सुमन को पीछे से अपने बाहों मे भर लिया। और उसके गर्दन को चूमने लगा।
सुमन _ मुसकुराते हुवे,अरे स्वामी जी तुम तो बड़े बेताब लग रहे हो थोड़े देर रुक नही सकते क्या?
राजेश _मुझसे रहा नही जा रहा है जान क्या करूं?
और वह सुमन की चोली का बटन खोलने लगा।
सुमन _ये क्या कर रहे हों जानू रूको न पहले कुछ खा तो लो।
राजेश _तुम अपनी काम करो दिलरुबा मुझे मेरा काम करने दो।
सुमन _इसे मत खोलो ना, मुझे शर्म आयेगी।
राजेश नही माना और उसकी चोली निकाल कर ब्रा भी खोल दिया और सुमन की चुचियों को आजाद कर दिया।
और पीछे से उसे अपने हाथो में लेकर मसलने लगा। सुमन सिसकने लगी।
सुमन _ सिसकते हुए,जानू, मुझे शर्म आ रही है, तुम बड़े बदमाश निकले। मै तो तुम्हे भोला भाला समझता था।
राजेश सुमन के पीठ को सहलाने एवम चूमने चाटने लगा।
सुमन किसी तरह डीस तैयार किया। और कुछ नमकीन तलने लगी।
सुमन जानती थी की ऐसे समय में मर्द को क्या खाना चाहिए।
नमकीन तलने के बाद वह राजेश की और मुड़ी और बोली चलो पहले नाश्ता कर लो।
पर राजेश उसके चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा।
सुमन आंखें बंद कर सिसकने लगी।
राजेश अब चूची से नीचे गया और नीचे फर्श पर बैठ कर उसके नाभी को चूमने लगा।
सुमन _उसके सिर को सहलाते एवम सिसकते हुवे कहा, जानू अब बस करो पहले कुछ खा लो अब तो मैं तुम्हारी हू खाने के बाद कर लेना जो करना है।
राजेश खड़ा huwa और अपने पैंट और अंडरवियर उतार दिया उसका land suman को सलामी देने लगा।
राजेश अब सुमन को land चुसने का इसरा किया।
राजेश के land देखकर, सुमन से भी रहा न गया और उसे अपने हाथो में लेकर सहलाने लगा। फिर वह नीचे बैठ गई और राजेश की ओर देखने लगी राजेश ने उसे चुसने का इशारा किया।
सुमन अपनी जीब निकालकर पहले टोपे को चांटा फिर मुंह में टोपे को भर लिया राजेश आनद में अपनी आंखें बन्द कर लिया।
सुमन अब राजेश की ओर देखते हुए land को मुंह में लेकर चूसने लगी।land को अपनी गुलाबी ओंठ में दबाकर चुसने लगी।
राजेश अपने हाथो से सुमन के सिर पकड़ कर सहलाने लगा सुमन राजेश के land को अपने मुंह में गपागप अंदर बाहर करने लगी।
Rajhesh स्वर्ग में पहुंच गया।
कुछ देर land चुसने के बाद land चूसना छोड़ कर सुमन उठ गई और राजेश से बोली चलो पहले नाश्ता कर लो।
और वह प्लेट में नाश्ता निकलकाकर हाल में आ गई। राजेश भी उसके पीछे पीछे आ गया। और सोफे में आकर बैठ गया।
सुमन ने नाश्ता का टुकड़ा अपने हांथ में लेकर राजेश की ओर बढ़ाया।
राजेश ने सुमन से कहा पहले मेरे गोद में बैठो दूध पी पीकर खाना है मुझे।
सुमन मुस्कुराने लगी अच्छा जी आज काफ़ी मूड में लग रहे हो। और हसने लगी।
राजेश उठा और सुमन को अपने गोद में उठा कर सोफे में बैठ गया। राजेश उसके होंठ चूसने लगा।
राजेश अब नाश्ता का टुकड़ा सुमन के मुंह में डाल दिया फिर अपना मुंह आगे बडा कर नाश्ता का टुकड़ा उसके मूंह से अपने मुंह में लेकर खाने लगा और उसके होंठो को चुसने लगा।
कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा फिर उसने अपना शर्ट और बनियान उतार कर फेंक दिया और पुरी तरह नंगा हो गया।
सुमन के लहंगा का नाड़ा खींच दिया और अब सुमन
सिर्फ पेंटी में थी। राजेश पेंटी के उपर से ही उसके chut ko सहलाने लगा जिससे सुमन सिसकने लगी।
राजेश अब पेंटी को भी खींचने लागा सुमन उसे रोकने की कोशिश की पर ज्यादा विरोध न कर सकी और अगले ही क्षण वह पुरी तरह नंगी हो गई। राजेश सुमन के chut ko सहलाने लगा एक ऊंगली अंदर डाल दिया और भगनासे को रगड़ने लगा जिससे सुमन अत्यंत काम विहिल हो गई।
राजेश ने अपने आंखो से सुमन को अपने land पर बैठे का इशारा किया।
सुमन राजेश की ओर मुंह करके उसके land के उपर बैठ गई अब राजेश सुमन को चूमने चाटने लगा और उसके स्तन को मसलने एवम चुसने लगा।
सुमन सिसक रही थी।
अब राजेश सुमन को थोड़ा ऊपर उठा दिया और एक हाथ से अपने land को पकड़कर उसके chut के छेद पर सेट कर दिया। सुमन को बैठने का इशारा किया।
सुमन को भी chudne ki तीव्र इच्छा हो रही थी वह land पर बैठने लगी chut गीली हो चुकी थी। सुमन काफी उत्तेजित हो गई थी, उसके chut का रस झरने की तरह बह रहा था।
सुमन के बैठते ही land boor को चीरता हुआ पूरा अंदर समा गया।
बहुत ही कामुक उत्तेजना पूर्ण अपडेट हैराजेश के land में बैठकर सुमन उछल उछल कर chudne लगी, फिर राजेश ने सुमन के मुंह में नमकीन डाल दिया और और उसके मुंह से अपने मुंह में नमकीन लेकर खाने लगा।
फिर अपने दोनो हाथों से सुमन के कूल्हे पकड़कर उसे अपने land पर उछाल उछाल कर चोदने लगता वह सुमन को ऐसे ही चोदता रहा जब तक पूरा नाश्ता खत्म नहीं हो गया। वह पेट की आग और शरीर की भूख दोनो साथ साथ मिटा रहा था।
जब पेट का भूख शांत huwa तब राजेश ने सुमन को land से ऊपर उठने का इशारा किया।
सुमन , राजेश के land से उपर उठा land उसके boor से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया जो सुमन के chut का रस पीकर और मोटा तथा लम्बा हो गया था, रस से सराबोर हो कर चमक रहा था।
राजेश ने सुमन को घुमा दिया और अब सुमन का पीठ राजेश की ओर थी फिर राजेश ने सुमन को land के उपर बिठा दिया।
सुमन एक हाथ नीचे ले जाकर land पकड़कर उसे boor के छेद पे सेट कर land पर बैठ गया।land boor में एक बार फिर से समा गया।
अब सुमन फिर से land पर उछल उछल कर chudne लगी राजेश भी अपने दोनो हाथों से सुमन के क़मर पकड़कर उसे अपने land par पटक पटक कर चोदने लगा।
सुमन land boor में fuch fuch guch guch की आवाज़ करता अंदर बाहर हो रहा था। राजेश का land का टोपा सुमन के बच्चेदानी के मुख को को ठोकने लगा। जिसका एहसास पाकर सुमन को एक अनोखा आनंद मिलने लगा।
वह स्वर्ग में पहुंच गई। उसके मुंह से लगातार कामुक आवाजे निकल रही थी। और अधिक आनद प्राप्त करने वह और तेज तेज उछलकर chudne लगी पर वह अपने को ज्यादा देर तक रोक न सकी और आंखे बंद कर सिसकते हुवे झड़ने लगी। झड़ते समय उछलना बंद कर दी उसके पैर कपकपाने लगे।
राजेश को भी पता चल गया कि सुमन झड़ गई है वह भी chudai रोक कर उसके चूची सहलाते हुए उसके गर्दन पर चूमने चाटने लगा।
कुछ देर आंखें बंद कर सुमन झड़ने का आनंद लेने लगी। फिर जब होश में आई तो वह राजेश के land से उपर उठकर अपना लहंगा उठाई और एक हाथ से अपना चूची को और एक हाथ से अपने chut छिपाते हुवे।
राजेश से शर्माते हुवे बोली इतना आज के लिए काफी है। अब कल करेंगे।
राजेश झड़ा नहीं था उसे उम्मीद नहीं थी कि सुमन ऐसा करेगी। वह सुमन से नाराज होकर बोला।
राजेश _ देखो जान ऐसा न करो देखो मेरे land का क्या हाल है, वह अपने land को सहलाते हुए कहा। अभी ये झड़ा नहीं है। खड़े land पर धोखा न दो।
सुमन _न, मेरा हो गया, अब मुझे शर्म आ रही। अब कल करेंगे।
राजेश _नही जानू ऐसा न करो, आकर मेरे गोद में बैठो।
सुमन _न, मुझे बड़ी शर्म आ रही। अब नंगी नही रह सकती तुम्हारे सामने।
राजेश से रहा न गया और वह सोफे से उठकर वह सुमन को पकड़ने उसकी और लपका।
सुमन तेजी से भागा, राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे भागा।
सुमन राजेश को अंगूठा और जीब दिखाकर राजेश को चिड़ाते हुए अपने बेडरूम की ओर भागी। राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे पीछे भागने लगा।
राजेश सुमन को पकड़ पाता उससे पहले ही वह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
राजेश दरवाजा पीटते हुए उसे खोलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।
देखो जान आधे में धोखा न दो। दरवाजा खोलो मुझे मेरे बाहों मे आओ।
सुमन _न बाबा, आज के लिए हो गया अब कल करना, मुझे बड़ी शर्म आ रही।
जब सुमन दरवाजा न खोली तो राजेश नाराज होकर बोला, तुम दरवाजा नही खोल रही तो ठीक है मैं जा रहा अब तुम्हारे पास कभी नहीं आऊंगा।
राजेश वापस जाने के लिए मुड़ा ही था कि सुमन दरवाजा खोला और पीछे से राजेश को पकड़कर अपने बाहों मे जकड़ लिया।
सुमन _सैय्या जी तुम तो नाराज हो गए। मै तो मजाक कर रही थी। तुम तो अपने बीवी से नाराज हो गए।
मुझे माफ़ कर दो जानू।
राजेश _नाराज होकर, सुमन को छुड़ाने लगा ,छोड़ो मुझे नही करना।
सुमन _ओ हो हो देखो तो अभी कितने तड़प रहे थे मुझे बाहों में भरने। अब इतनी नाराजगी,अछा मै कान पकड़ती हू मुझे माफ़ कर दोसैय्या जी।
सुमन राजेश के सामने गई और फर्श पर बैठ गई और कान पकड़ कर माफी मांगने लगी। मुसकुराते हुए बोली, तुम तो नाराजगी में और प्यारे लगते हो और हसने लगी।
राजेश कुछ न बोला तो,
सुमन राजेश के land को पकड़ कर सहलाने लगी और उसे अपने ओंठ में लेकर चूसने लगी। उसके अंडकोष को सहलाने लगी।
जिससे राजेश फिर गर्म हो ने लगा।
सुमन राजेश के land को मुंह में भरकर गपागप अन्दर बाहर करने लगी। जिससे राजेश फिर उत्तेजित हो गया। अब उससे रहा ना गया और वह सुमन को अपने बाहों मे उठा लिया।
सुमन अपने बाहों को राजेश के गले में डाल दिया दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
राजेश सुमन को बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और खुद ऊपर चढ़कर उसके टांगो के बीच आ गया। और सुमन के ऊपर झुककर उसके ओंठो को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।
उसके चूची सहलाते हुवे गर्दन चूमने लगा फिर उसके चूची चूसना शुरु कर दिया। कुछ देर चुसने के बाद वह नीचे जाकर उसके नाभी को चूमने चाटने लगा। जिससे सुमन गर्म होकर सिसकने लगी।
अब राजेश तकिया उठाया और उसे सुमन के चूतड के नीचे रख दिया। उसके पैरो को चूमते चाटते हुए अपने कंधे पर रख दिया।
फिर अपना लेंड पकड़कर सुमन के boor में रखकर एक जोर का धक्का लगाया जिससे land सुमन के boor को चीरकर गहराई तक समा गया।
सुमन के मुंह से चीख निकल गई।
अब राजेश अपने दोनो हाथो से सुमन के चूची को थाम लिया।
और land को boor में अंदर बाहर करने लगा।
Land सुमन के chut के गहराई नापने लगा।
सुमन के चूची को मसलते हुवे राजेश सुमन को दनादन चोदने लगा। जिससे सुमन फिर से जन्नत में पहुंच गई।
कमरे मे सुमन के कामुक सिसकारियां गूंजने लगी।
राजेश अब झड़ना चाहता था वह लगातार chudai जारी रखा। और उसके चूची मसलते हुवे दनादन धक्के मारने लगा।land chut के गहराई में जाकर सुमन के बच्चेदानी को ठोकने लगा।
सुमन तो जैसे किसी और दुनिया में पहुंच गई थीं। उसे संभोग का परम सुख प्राप्त होने लगा। इधर राजेश से अब रहा न गया और जोर जोर से चोदते हुए chudai रोक दिया और आह आह आह करके कराहते हुवे सुमन के chut में झड़ने लगा।
अपने land के पानी से सुमन के boor को पुरी तरह भर दिया।
सुमन भी अपने बच्चेदानी में गर्म वीर्य जाते महसूस कर अपने को रोक न सकी और फिर से झड़ने लगी।
राजेश तो सुमन के ऊपर ही ढेर हो गया, सुमन उसके पीठ को सहलाने लगी।
करीब आधे घण्टे तक एक दूसरे के बाहों मे लेकर लेटे रहे फिर सुमन उठी और बाथरूम में चली गईं जब बाथरूम से निकली तो वह अपने शहरी पे टावेल लपेटी हुई थी।
राजेश तो नंगा ही लेटा हुआ था। सुमन राजेश की ओर देखकर मुस्कुराने लगी।
वह कीचन में गई और बादाम वाली दूध बनाकर बेडरूम आकर ,राजेश से बोली लो पिलो। थक गए होगे मेरे सैया जी ,अपनी बीवी की सेवा करके।
Nice and lovely updateसुमन राजेश को दूध पिला रही थी। तभी उसका मोबाइल बजा। किसी का काल आया था।
सुमन _सैया जी तुम दुध पियो, लगता है किसी का काल आया है मैं अभी आई।
और वह हाल में आ गई जहां टी टेबल पर उसका मोबाइल रखा हुआ था।
सुमन ने देखा कॉल किसका है? कॉल सुनिता ने की थी। सुमन ने कॉल रिसीव की।
सुमन _हा मां जी, बोलो।
सुनिता _सुमन, राजेश से तुम्हारी बात हुई क्या? अभी तक घर नहीं आया है।
सुमन _मां जी, राजेश यही है। वह लगभग 5बजे मेरा घर आया।
सुनिता _सब ठीक तो है न सुमन, उससे पूछी कहा था वह।
सुमन _मां जी सब ठीक है। वह अपने दोस्तो के साथ था, राजेशने बताया ।
सुनिता _अभी क्या कर रहा है वह।
सुमन _मुसकुराते हुवे, वह बेडरूम में है।जनाब बादाम वाला दूध पी रहा है। काफी मेहनत करके थक गया है। लजाते हुवे बोली।
सुनिता _काफी देर हो गया है सुमन, अगर आज का तुम दोनो का प्यार मोहब्बत हो गया हो तो,उसे जल्दी घर भेज देना।
सुमन _जी मां जी, आप चिंता न करे मै समय पर घर भेज दूंगी।
सुनिता _सुमन मुझे तुम पर भरोसा है।मै भगवान से प्रार्थना करूंगीकि तुम्हारी मनोकामना शीघ्र पूर्ण करे।
सुमन _धन्यवाद मां जी।
सुनिता ने कॉल रख दी।
सुमन बेडरूम में गई और राजेश के बाजू में जाकर लेट गई।
राजेश _किसका कॉल था जान?
सुमन _सासू मां का, तुम्हारे बारे में पूछ रही थी। बोल रही थी कि राजेश अभी तक लौटा नही है। तुमसे बात huwa है क्या?
राजेश _तुम क्या बोली?
सुमन _मैने कहा, राजेश यही है। मेहनत करके काफी थक गया है। बेडरूम में आराम कर रहा है।
राजेश _अच्छा जी मैं थक गया हूं। देखो मेरा छोटा पप्पू ये तो कुश्ती लड़ने फिर से तैयार है। अपने land को सहलाते हुए कहा।
तो हो जाय एक राउंड और क्या ख्याल है?
सुमन _न बाबा न। अब मैंआज और कुस्ती नही लड़ सकती। तुम्हारा पप्पू तो काफी लंबा और मोटा है। एक ही बार पर्याप्त है।
ऊपर से इतना पानी छोड़ता है कि अभी तक बह रहा है।
सुमन ने राजेश के land को पकड़कर कर सहलाते हुए कहा अब जो करना है कल करेंगे। देखो तो मेरा हांथ लगते ही कैसे ठुमकने लगा है।
अब इसे काबू में रखो।
अब चलो उठो ,मां जी तुम्हे जल्दी घर भेजने बोली है।
सुमन अब बेड से उठी और हाल में आकर अपना कपड़ा पहनने लगी कुछ देर बाद राजेश भी फ्रेस होकर बाहर निकला और कपड़ा पहनकर बोला, अच्छा जान अब मैं चलता हूं।
सुमन _ कल तुम्हे फिर आना है।
राजेश,_तुम कहो तो यही रह जाऊ।
सुमन _न बाबा मैं मां जी का भरोसा नहीं तोड़ना चाहती। अब जाओ।
राजेश _अच्छा एक किस तो देदो। और सुमन को बाओ में लेकर उसके होंठ चुसने लगा।
सुमन भी उसका सहयोग करने लगी।
राजेश वहा से चला गया।
राजेश जब घर पहुंचा उस समय सुनिता किचन में थी वह खाना बना रही थी। राजेश जब दरवाजा खटखटाया तब सुनिता ने स्वीटी जो उस समय हाल में ही थी,से कहा जाओ दरवाजा खोलो , लगता है राजेश आ गया।
स्वीटी जाकर दरवाजा खोलती हैं।
स्वीटी _भइया अभी घर आ रहे हों, कहा थे किसी को कुछ बताया भी नही था।
राजेश _मैं दोस्तो के साथ था,कुछ काम था।
स्वीटी _बता तो देना था न, मां कितनी परेशान थीं?
राजेश _मां कहा है?
सुनिता किचन में जाकर काम कर रही थी। वह राजेश का सामना नहीं करना चाहती थी। अतः कीचन में जाकर खाना बनाने लगी।
स्वीटी _मां कीचन में है।
राजेश जाते अपने कमरे मे जाते समय कीचन की ओर देखा ,उसकी मां सुनिता कीचन में दरवाजे की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
जब राजेश अपनी कमरे मे जाने लगा तब सुनिता पिछे मुडकर उसे देखने लगी।
स्वीटी _मां, दिन भर तो तुम परेशान हो रही थी की भइया अभी तक आया नही कोई खबर भी नहीं अब जब आया तो उससे पूछी नही की तुम कहा थे? ऐसा क्यू? कोई बात है क्या?
सुनीता _तुमने तो पूछा न की वह कहा था? उसने बताया भी कि वह दोस्तो के साथ था, उसे कुछ काम था। मैने सुना। अब और क्या पूछती। अब जाओ तुम भी अपने कमरे मे और पढ़ाई करो।
स्वीटी _जा रही हूं। पर मुझे तो लगता है जरूर कोई बात है।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई, और पढ़ाई करने लगी। उधर राजेश भी अपने कमरे मे जाकर पढ़ाई करने लगा।
रात में भोजन करते समय भी राजेशखामोश रहा, किसी सेकुछ बात नही किया। सुनिता और राजेश के बीच कोई बात न huwa, सुनिता नजरे चुराती रही। भोजन करने के बाद राजेश, स्वीटी एवम शेखर तीनो अपने कमरे में चले गए।
राजेश पढ़ाई करने लगा।
इधर सुनिता कीचन का काम निपटा लेने के बाद अपने कमरे में सोने चली गई, पर वह बेचैन थी उसे नींद नहीं आ रही थी।
वह सोचने लगी अगर कल जो घटना घटित huwa उसके बारे में राजेश ने किसी से कुछ कह दिया तो अनर्थ हो जायेगा। स्वीटी भी सक करने लगी है कि कोई बात है। मुझे राजेश से बात करना होगा।
परिस्थिति को सामान्य बनाना होगा। शेखर और स्वीटी को नहीं लगना चाहिए कि हम दोनो के बीच कुछ ठीक नहीं।
सुनिता ने अपना मोबाइल पसे राजेश को मेसेज किया कि तुम छत पर आओ, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
राजेश उस समय पढ़ाई कर रहा था, उसे मेसेज आने की बेल सुनाई पड़ा। तो उसने चेक किया की किसने मेसेज किया है।
वह देखा की उसकी मां का मैसेज है और उसे छत पर आने को कह रही है।
वह अपने कमरे से निकलकर छत की ओर जाने लगा। जब वह छत पर पहुंचा तो सुनिता पहले से मौजूद थी।
सुनिता राजेश की ओर पीठ कर खड़ी थीं।
राजेश अपनी मां से बोला क्या बात हैं? मां।
सुनिता _मुझे तुमसे जरूरी बाते करनी है और वह चुप हो गई।
राजेश _ झिझकते,सहमते हुवे कहा,बोलो मां क्या बात है?
सुनिता _बेटे हमारे बीच कल जो कुछ भी huwa उसके बाद मैं तुमसे नजरे मिलाने लायक नहीं रही है। मै तो शेखर से भी नजरे नही मिला पा रही। जो पाप हमारे बीच huwa वह नही होना चाहिए था। मै अपवित्र हो गई। पता नही तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे होगे।
राजेश _नही मां, आज भी तुम मेरे लिए उतनी ही पवित्र हो जितना पहले थी। मेरे मन में तुम्हारे प्रति सम्मान पहले से कम नहीं हुआ। आज भी तुम मेरे लिए पहले की तरह ही हो।
सुनिता _बेटे एक बार जब मर्यादा टूट कर पाप जन्म ले लेता है इंसान कितने भी कोशिश करले मन में कभी न कभी फिर पाप जागृत हो ही जाती है।
मै तुम्हे ये कहने के लिए बुलाई थी कि कल जो भी हमारे बीच huwa उसकी चर्चा भूल कर भी किसी से न कहना, नही तो अनर्थ हो जायेगा। येसमाज हमे जीने नही देगी।
राजेश _मां, ऐसी बातें मैं किसी से कैसे शेयर कर सकता हूं, मां क्या मै इतना न समझ हू?
सुनिता _जानती हू मेरा बेटा समझदार है फिर भी कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता इसलिए तुमसे बात करना आवश्यक समझी।
हमे घर में भी सामान्य स्वीटी और शेखर के सामने सामान्य व्यवहार करना होगा। उन्हे नही लगना चाहिए की हमारे बीच कुछ huwa है।
राजेश _जी मां।
सुनिता _और एक बात का ध्यान रखना होगा, कल जो कुछ भी huwa उसे एक बुरा सपना समझ कर भूलना होगा। और पहले की तरह मेरे करीब न आना। मै नही चाहती की जो पाप हमारे बीच कल huwa उसकी पुनरावृत्ति फिर कभी हो। मुझे वचन दो की अपने मन में मेरे लिए कभी पाप नही लाओगे।
राजेश _मां मै तो हमेशा तुम्हे खुश देखना चाहता हूं। मै वादा करता हूं की मैं ऐसा कोई भी कार्य नही करूंगा जिससे तुम्हारा दिल दुखे।
सुनिता _मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटे, मेरे भरोसे को बनाए रखना। हा अब तुम पढ़ाई पर ध्यान दो मै चाहती हूं की तुम पड़ लिख कर, बड़ा अफसर बनो।
, और सुनो तुम सुमन के घर २दिन और चले जाना, उसकेे बाद तुम नही जाओगे। रोज रोज जाने से लोग सवाल उठाने शुरु कर देंगे मै नही चाहती की तुम्हारे चरित्र पर लोग कोई सवाल उठाए।
राजेश _ठीक है मां।
सुनिता _रात काफी हो चुकी है अब तुम अपने कमरे मे जाकर आराम करो।
राजेश _ठीक है मां, गुड नाईट मॉम।
सुनिता _गुड नाईट बेटा।
वे दोनो छत से नीचे अपने कमरे मे सोने चले गए।
अगले दिन प्रतिदिन की तरह राजेश और स्वीटी बाइक में कालेज जा रहे थेकि रास्ते में बाइक पंचर हो गया।
स्वीटी _भइया क्या huwa, बाइक क्यू रोक दी।
राजेश _स्वीटी, लगता है बाइक पंचर है।
स्वीटी _भइया कालेज का समय हो चुका है। मै पहला पीरियड मिस करना नही चाहती।
राजेश _स्वीटी, ऐसा करो तुम आटो से कालेज चली जाओ। मै कोई ऑटो देखता हू।
वे दोनो ऑटो का इंतजार करने लगे।
तभी एक कार उनके पास से गुजरा। उस कार में बैठी थीं, निशा और उसकी सहेली सीमा।
निशा _ड्राइवर जरा कार रोकना।
सीमा _क्या huwa निशा कार क्यू रुकवा दी।
निशा _राज और उसकी बहन स्वीटी है न देखो तो।
सीमा _कार से पीछे देखने लगीऔर बोली हां राज और स्वीटी खड़ी है। पर दोनो रास्तेमें खड़े क्यू है?
निशा ड्राइवर से बोली, ड्राइवर ज़रा कार पीछे लेना।
ड्राइवर कार को पीछे ले गया जहां राजेश खड़ा था।
सीमा कार का शीशा नीचे सरका कर हैलो राज, साप लोग यहां कैसे खडे है? कालेज नही जाना क्या?
राजेश _ सीमा, हम कालेज ही जा रहे थे पर बाइक पंचर हो गया। क्या एक हेल्प करोगी? स्वीटी लो साथ लेलो।
सीमा _क्यू नही। और तुम।
राजेश _मै देखता हूं कोई आस पास पंचर बनाने वाला हो तो, मै थोडा लेट से कालेज आ जाऊंगा।
सीमा _कार का दरवाजा खोलकर बोली। आओ स्वीटी बैठो।
Switi थैंक्यू दी।
स्वीटी कार में बैठ गई।
निशा ने सीमा से कहा, राज से पूछो क्या उसे कार चलाने आता है।
सीमा _राज क्या तुम्हे कार चलाने आता है?
राजेश _हा, पर क्यू?
निशा _सीमा से बोली राज से बोलो की तुम भी आ जाओ। ड्राइवर,बाइक बनवा कर कालेज छोड़ देगा।
निशा ड्राइवर से बोली,जफर तुम देखो बाइक को क्या प्राब्लम है। बाइक ठीक करा कार कालेज ले आना।
जफर _ठीक है मैम।
जफर कार से उतर जाता है।
सीमा _राज अब इस कार को तुमको ही कालेज लेजाना है। हमारी मैम साब यही चाहती है।
राजेश ड्राइविंग सीट पर बैठ गया।
सीमा _मुझे लगता है की हम तीनो में से एक को सामने वाली सीट पर बैठनी चाहिए।
सीमा निशा के कानो में बोली, मैम साब आप बैठना चाहोगी ए मै बैठ जाऊंऔर वह मुस्कुराने लगी।
निशा _कार से उतरकर सामने वाली सीट पर आकर बैठ गई।
राजेश _कार स्टार्ट कर दिया।
दरअसल निशा कालेज की सबसे अमीर बाप की लडकी थी। वह बी काम सेकंड ईयर की छात्रा थी। वह विशाल एंड सुजाता ग्रुप के मालिक की इकलौती संतान थी। राजेश से जूनियर और स्वीटी की सीनियर थीं।
सीमा , निशा के क्लास में ही थी उनके पिता जी विशाल एंड सुजाता ग्रुप के बड़े पद पर थे।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट हैसुमन राजेश को दूध पिला रही थी। तभी उसका मोबाइल बजा। किसी का काल आया था।
सुमन _सैया जी तुम दुध पियो, लगता है किसी का काल आया है मैं अभी आई।
और वह हाल में आ गई जहां टी टेबल पर उसका मोबाइल रखा हुआ था।
सुमन ने देखा कॉल किसका है? कॉल सुनिता ने की थी। सुमन ने कॉल रिसीव की।
सुमन _हा मां जी, बोलो।
सुनिता _सुमन, राजेश से तुम्हारी बात हुई क्या? अभी तक घर नहीं आया है।
सुमन _मां जी, राजेश यही है। वह लगभग 5बजे मेरा घर आया।
सुनिता _सब ठीक तो है न सुमन, उससे पूछी कहा था वह।
सुमन _मां जी सब ठीक है। वह अपने दोस्तो के साथ था, राजेशने बताया ।
सुनिता _अभी क्या कर रहा है वह।
सुमन _मुसकुराते हुवे, वह बेडरूम में है।जनाब बादाम वाला दूध पी रहा है। काफी मेहनत करके थक गया है। लजाते हुवे बोली।
सुनिता _काफी देर हो गया है सुमन, अगर आज का तुम दोनो का प्यार मोहब्बत हो गया हो तो,उसे जल्दी घर भेज देना।
सुमन _जी मां जी, आप चिंता न करे मै समय पर घर भेज दूंगी।
सुनिता _सुमन मुझे तुम पर भरोसा है।मै भगवान से प्रार्थना करूंगीकि तुम्हारी मनोकामना शीघ्र पूर्ण करे।
सुमन _धन्यवाद मां जी।
सुनिता ने कॉल रख दी।
सुमन बेडरूम में गई और राजेश के बाजू में जाकर लेट गई।
राजेश _किसका कॉल था जान?
सुमन _सासू मां का, तुम्हारे बारे में पूछ रही थी। बोल रही थी कि राजेश अभी तक लौटा नही है। तुमसे बात huwa है क्या?
राजेश _तुम क्या बोली?
सुमन _मैने कहा, राजेश यही है। मेहनत करके काफी थक गया है। बेडरूम में आराम कर रहा है।
राजेश _अच्छा जी मैं थक गया हूं। देखो मेरा छोटा पप्पू ये तो कुश्ती लड़ने फिर से तैयार है। अपने land को सहलाते हुए कहा।
तो हो जाय एक राउंड और क्या ख्याल है?
सुमन _न बाबा न। अब मैंआज और कुस्ती नही लड़ सकती। तुम्हारा पप्पू तो काफी लंबा और मोटा है। एक ही बार पर्याप्त है।
ऊपर से इतना पानी छोड़ता है कि अभी तक बह रहा है।
सुमन ने राजेश के land को पकड़कर कर सहलाते हुए कहा अब जो करना है कल करेंगे। देखो तो मेरा हांथ लगते ही कैसे ठुमकने लगा है।
अब इसे काबू में रखो।
अब चलो उठो ,मां जी तुम्हे जल्दी घर भेजने बोली है।
सुमन अब बेड से उठी और हाल में आकर अपना कपड़ा पहनने लगी कुछ देर बाद राजेश भी फ्रेस होकर बाहर निकला और कपड़ा पहनकर बोला, अच्छा जान अब मैं चलता हूं।
सुमन _ कल तुम्हे फिर आना है।
राजेश,_तुम कहो तो यही रह जाऊ।
सुमन _न बाबा मैं मां जी का भरोसा नहीं तोड़ना चाहती। अब जाओ।
राजेश _अच्छा एक किस तो देदो। और सुमन को बाओ में लेकर उसके होंठ चुसने लगा।
सुमन भी उसका सहयोग करने लगी।
राजेश वहा से चला गया।
राजेश जब घर पहुंचा उस समय सुनिता किचन में थी वह खाना बना रही थी। राजेश जब दरवाजा खटखटाया तब सुनिता ने स्वीटी जो उस समय हाल में ही थी,से कहा जाओ दरवाजा खोलो , लगता है राजेश आ गया।
स्वीटी जाकर दरवाजा खोलती हैं।
स्वीटी _भइया अभी घर आ रहे हों, कहा थे किसी को कुछ बताया भी नही था।
राजेश _मैं दोस्तो के साथ था,कुछ काम था।
स्वीटी _बता तो देना था न, मां कितनी परेशान थीं?
राजेश _मां कहा है?
सुनिता किचन में जाकर काम कर रही थी। वह राजेश का सामना नहीं करना चाहती थी। अतः कीचन में जाकर खाना बनाने लगी।
स्वीटी _मां कीचन में है।
राजेश जाते अपने कमरे मे जाते समय कीचन की ओर देखा ,उसकी मां सुनिता कीचन में दरवाजे की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
जब राजेश अपनी कमरे मे जाने लगा तब सुनिता पिछे मुडकर उसे देखने लगी।
स्वीटी _मां, दिन भर तो तुम परेशान हो रही थी की भइया अभी तक आया नही कोई खबर भी नहीं अब जब आया तो उससे पूछी नही की तुम कहा थे? ऐसा क्यू? कोई बात है क्या?
सुनीता _तुमने तो पूछा न की वह कहा था? उसने बताया भी कि वह दोस्तो के साथ था, उसे कुछ काम था। मैने सुना। अब और क्या पूछती। अब जाओ तुम भी अपने कमरे मे और पढ़ाई करो।
स्वीटी _जा रही हूं। पर मुझे तो लगता है जरूर कोई बात है।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई, और पढ़ाई करने लगी। उधर राजेश भी अपने कमरे मे जाकर पढ़ाई करने लगा।
रात में भोजन करते समय भी राजेशखामोश रहा, किसी सेकुछ बात नही किया। सुनिता और राजेश के बीच कोई बात न huwa, सुनिता नजरे चुराती रही। भोजन करने के बाद राजेश, स्वीटी एवम शेखर तीनो अपने कमरे में चले गए।
राजेश पढ़ाई करने लगा।
इधर सुनिता कीचन का काम निपटा लेने के बाद अपने कमरे में सोने चली गई, पर वह बेचैन थी उसे नींद नहीं आ रही थी।
वह सोचने लगी अगर कल जो घटना घटित huwa उसके बारे में राजेश ने किसी से कुछ कह दिया तो अनर्थ हो जायेगा। स्वीटी भी सक करने लगी है कि कोई बात है। मुझे राजेश से बात करना होगा।
परिस्थिति को सामान्य बनाना होगा। शेखर और स्वीटी को नहीं लगना चाहिए कि हम दोनो के बीच कुछ ठीक नहीं।
सुनिता ने अपना मोबाइल पसे राजेश को मेसेज किया कि तुम छत पर आओ, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
राजेश उस समय पढ़ाई कर रहा था, उसे मेसेज आने की बेल सुनाई पड़ा। तो उसने चेक किया की किसने मेसेज किया है।
वह देखा की उसकी मां का मैसेज है और उसे छत पर आने को कह रही है।
वह अपने कमरे से निकलकर छत की ओर जाने लगा। जब वह छत पर पहुंचा तो सुनिता पहले से मौजूद थी।
सुनिता राजेश की ओर पीठ कर खड़ी थीं।
राजेश अपनी मां से बोला क्या बात हैं? मां।
सुनिता _मुझे तुमसे जरूरी बाते करनी है और वह चुप हो गई।
राजेश _ झिझकते,सहमते हुवे कहा,बोलो मां क्या बात है?
सुनिता _बेटे हमारे बीच कल जो कुछ भी huwa उसके बाद मैं तुमसे नजरे मिलाने लायक नहीं रही है। मै तो शेखर से भी नजरे नही मिला पा रही। जो पाप हमारे बीच huwa वह नही होना चाहिए था। मै अपवित्र हो गई। पता नही तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे होगे।
राजेश _नही मां, आज भी तुम मेरे लिए उतनी ही पवित्र हो जितना पहले थी। मेरे मन में तुम्हारे प्रति सम्मान पहले से कम नहीं हुआ। आज भी तुम मेरे लिए पहले की तरह ही हो।
सुनिता _बेटे एक बार जब मर्यादा टूट कर पाप जन्म ले लेता है इंसान कितने भी कोशिश करले मन में कभी न कभी फिर पाप जागृत हो ही जाती है।
मै तुम्हे ये कहने के लिए बुलाई थी कि कल जो भी हमारे बीच huwa उसकी चर्चा भूल कर भी किसी से न कहना, नही तो अनर्थ हो जायेगा। येसमाज हमे जीने नही देगी।
राजेश _मां, ऐसी बातें मैं किसी से कैसे शेयर कर सकता हूं, मां क्या मै इतना न समझ हू?
सुनिता _जानती हू मेरा बेटा समझदार है फिर भी कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता इसलिए तुमसे बात करना आवश्यक समझी।
हमे घर में भी सामान्य स्वीटी और शेखर के सामने सामान्य व्यवहार करना होगा। उन्हे नही लगना चाहिए की हमारे बीच कुछ huwa है।
राजेश _जी मां।
सुनिता _और एक बात का ध्यान रखना होगा, कल जो कुछ भी huwa उसे एक बुरा सपना समझ कर भूलना होगा। और पहले की तरह मेरे करीब न आना। मै नही चाहती की जो पाप हमारे बीच कल huwa उसकी पुनरावृत्ति फिर कभी हो। मुझे वचन दो की अपने मन में मेरे लिए कभी पाप नही लाओगे।
राजेश _मां मै तो हमेशा तुम्हे खुश देखना चाहता हूं। मै वादा करता हूं की मैं ऐसा कोई भी कार्य नही करूंगा जिससे तुम्हारा दिल दुखे।
सुनिता _मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटे, मेरे भरोसे को बनाए रखना। हा अब तुम पढ़ाई पर ध्यान दो मै चाहती हूं की तुम पड़ लिख कर, बड़ा अफसर बनो।
, और सुनो तुम सुमन के घर २दिन और चले जाना, उसकेे बाद तुम नही जाओगे। रोज रोज जाने से लोग सवाल उठाने शुरु कर देंगे मै नही चाहती की तुम्हारे चरित्र पर लोग कोई सवाल उठाए।
राजेश _ठीक है मां।
सुनिता _रात काफी हो चुकी है अब तुम अपने कमरे मे जाकर आराम करो।
राजेश _ठीक है मां, गुड नाईट मॉम।
सुनिता _गुड नाईट बेटा।
वे दोनो छत से नीचे अपने कमरे मे सोने चले गए।
अगले दिन प्रतिदिन की तरह राजेश और स्वीटी बाइक में कालेज जा रहे थेकि रास्ते में बाइक पंचर हो गया।
स्वीटी _भइया क्या huwa, बाइक क्यू रोक दी।
राजेश _स्वीटी, लगता है बाइक पंचर है।
स्वीटी _भइया कालेज का समय हो चुका है। मै पहला पीरियड मिस करना नही चाहती।
राजेश _स्वीटी, ऐसा करो तुम आटो से कालेज चली जाओ। मै कोई ऑटो देखता हू।
वे दोनो ऑटो का इंतजार करने लगे।
तभी एक कार उनके पास से गुजरा। उस कार में बैठी थीं, निशा और उसकी सहेली सीमा।
निशा _ड्राइवर जरा कार रोकना।
सीमा _क्या huwa निशा कार क्यू रुकवा दी।
निशा _राज और उसकी बहन स्वीटी है न देखो तो।
सीमा _कार से पीछे देखने लगीऔर बोली हां राज और स्वीटी खड़ी है। पर दोनो रास्तेमें खड़े क्यू है?
निशा ड्राइवर से बोली, ड्राइवर ज़रा कार पीछे लेना।
ड्राइवर कार को पीछे ले गया जहां राजेश खड़ा था।
सीमा कार का शीशा नीचे सरका कर हैलो राज, साप लोग यहां कैसे खडे है? कालेज नही जाना क्या?
राजेश _ सीमा, हम कालेज ही जा रहे थे पर बाइक पंचर हो गया। क्या एक हेल्प करोगी? स्वीटी लो साथ लेलो।
सीमा _क्यू नही। और तुम।
राजेश _मै देखता हूं कोई आस पास पंचर बनाने वाला हो तो, मै थोडा लेट से कालेज आ जाऊंगा।
सीमा _कार का दरवाजा खोलकर बोली। आओ स्वीटी बैठो।
Switi थैंक्यू दी।
स्वीटी कार में बैठ गई।
निशा ने सीमा से कहा, राज से पूछो क्या उसे कार चलाने आता है।
सीमा _राज क्या तुम्हे कार चलाने आता है?
राजेश _हा, पर क्यू?
निशा _सीमा से बोली राज से बोलो की तुम भी आ जाओ। ड्राइवर,बाइक बनवा कर कालेज छोड़ देगा।
निशा ड्राइवर से बोली,जफर तुम देखो बाइक को क्या प्राब्लम है। बाइक ठीक करा कार कालेज ले आना।
जफर _ठीक है मैम।
जफर कार से उतर जाता है।
सीमा _राज अब इस कार को तुमको ही कालेज लेजाना है। हमारी मैम साब यही चाहती है।
राजेश ड्राइविंग सीट पर बैठ गया।
सीमा _मुझे लगता है की हम तीनो में से एक को सामने वाली सीट पर बैठनी चाहिए।
सीमा निशा के कानो में बोली, मैम साब आप बैठना चाहोगी ए मै बैठ जाऊंऔर वह मुस्कुराने लगी।
निशा _कार से उतरकर सामने वाली सीट पर आकर बैठ गई।
राजेश _कार स्टार्ट कर दिया।
दरअसल निशा कालेज की सबसे अमीर बाप की लडकी थी। वह बी काम सेकंड ईयर की छात्रा थी। वह विशाल एंड सुजाता ग्रुप के मालिक की इकलौती संतान थी। राजेश से जूनियर और स्वीटी की सीनियर थी।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट हैराजेश ने कार स्टार्ट किया और वे सभी कालेज को निकल पड़े। रास्ते में,,
राजेश _थैंक्स सीमा हेल्प के लिए।
सीमा _थैंक्स मेरा नही, निशा का कीजिए राज, क्यू की कार तो निशा का है और तुम लोगो को निशा ने ही देखा और कार रुकवाई।
राजेश _ओह क्या सच में, थैंक्स निशा।
निशा ने अपना सिर हिलाया। पर कुछ बोली नहीं।
राजेश _सीमा जी, लडके लोगो का ख्याल निशा जी के बारे में बिल्कुल गलत है।
सीमा _क्या कहते है? लडके हमारे निशा जी के बारे में।
राजेश _यही की निशा जी बहुंत घमंडी है इन्हे अपने दौलत का बहुत घमंड है। वह किसी से ढंग से बात नही करती।
सीमा _हमारी निशा के बारे में ठीक से ,लोग जानते नही है न इसलिए गलत धारणाएं रखते हैं।
वैसे आप क्या सोचते हैं हमारी निशा के बारे में।
राजेश _पहले तो आप लोगो से ठीक से मिला ही नहीं था, पर अब कह सकता हूं की निशा जी तो दिल की अच्छी एवम हेल्पिंग नेचर की है।
सीमा _वो तो है पर सच बात तो ये है कि हमारी निशा को लडको पे ज्यादा इंट्रेस्ट नही है इसलिए ज्यादा उनसे घुलती मिलती नही है। न ही ज्यादा लडको से बात करती है।
राजेश _ओह रियली, वैसे आप दोनो एक कुशल नृत्यांगना है पिछले वर्ष वार्षिक समारोह में आप दोनो ने कमाल का डांस की थी वो क्या गाना था?
हा,,, याद आया,, दिल डोला re,डोला re , डोला दिल डोला,,,,,
राजेश गीत गुनगुनाने लगी,,,
सीमा _हंसते हुवे,क्या हमारा डांस सच में अच्छा लगा?।
राजेश _और नही तो क्या लोग आप लोगो की कितनी तारीफ कर रहे थे। वैसे एक बात पूछूं अगर आप लोग बुरा न मानो तो,,
सीमा _राज हम बुरा नही मानेंगे बोलो।
राजेश _वैसे तुम दोनो में पारो कौन थी और चंद्रमुखी कौन?
यह प्रश्न सुनते ही निशा राज की ओर देखा, राज भी निशा का रिएक्शन जानने के लिए निशा की ओर देखा दोनो की नजरे मिली।
राजेश को लगा की निशा नाराज हो गई।
राजेश _सॉरी गलती हो गई,शायद मैने गलत प्रश्न पूछ दिया।
सीमा _हंसते हुवे बोली, नही राज इसमें सॉरी की क्या बात है । मै तो चंद्रमुखी बनी थींऔर निशा पारो।
सीमा _वैसे राज इस बार स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए आपका तैयारी कैसी चल रहीं।
सुना है इस बार रोहन , आपको चुनौती देने के लिए काफी तैयारी कर रहा है। पिछले बार सेकंड पोजिशन पर था।
रोहन निशा के ही क्लास में था वह भी एक अमीर बाप का इकलौता लड़का था। वह स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब प्राप्त करना चाहता था। पिछले वर्ष वह राजेश से पिछे रह गया।
राजेश _अच्छा लगा सुनकर चलो कोई तो है मुझे चुनौती देना चाहता है। वैसे पिछले वर्ष भी काफी अच्छी कोशिश की थी।
वैसे सीमा तुम किसे इस खिताब में देखना चाहोगी?
सीमा _हम तो आप ही को इस खिताब में देखना चाहते हैं। रोहन में तो ईगो भरा है।
अब वे कालेज के काफी नजदीक पहुंच गए थे।
राजेश _पता, नही इंसान आख़िर ईगो क्यू करता है। धन दौलत तो कमाया जा सकता है? पर इज्जत और मान सम्मान तो व्यक्ति अपने व्याहार से प्राप्त करता है। हमे सब के साथ घुलमिलकर रहना चाहिए।
अगर हम लोगो से अलग और दूर दूर रहे तो जिंदगी एक दिन बोझिल हो जायेगी।
यह जिंदगी तो चार दिनों की है। सबके साथ प्यार बांटकर और हंसते गाते बिताना चाहिए।
क्यू की जिंदगी न मिलेगी दोबारा।
सीमा _राज तुम बिल्कुल सही कह रहे हो।
इधर निशा राजेश की बातो को बड़ी ध्यान से सुन रही थी। उसे लग रही थी की राज ने यह बाते उनके लिए कही है।
राजेश _लो हम कालेज पहुंच गए।
वे सभी कार से उतरे राजेश, ने जाने से पहले निशा को एक बार फिर से धन्यवाद कहा।
इस बार निशा ने बोला _इसमें थैंक्स की क्या बात है राज क्या तुम हमारी मदद नहीं करोगे यदि हम किसी मुस्किल में हो।
निशा और राजेश एक दुसरे के आंखो में देखने लगे।
राजेश _तुमने बिल्कुल सही कहा निशा जी हम सबको एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। क्यू कि
सीमा _ये जिंदगी मिलेगी न दोबारा! और सीमा हसने लगी।
राजेश अपने दोस्तो के पास निशा सीमा और स्वीटी अपने क्लास की ओर जाने लगीं।
जाते जाते सीमा निशा से बोली वैसे
सीमा _वाह मैमसाब, राज से बड़ी अच्छी बात कही तुमने वैसे हिम्मत जुटाई लाई कैसे तुम तो लडको से बात करना पसंद नहीं करती लगता है राज के बातो का असर है और वो हसने लगी।
निशा _चुप रह नही तो पिटेगी मेरे हाथों से तुम्हे तो कुछ ज्यादा बोलने की बीमारी चढ़ी है। और ये क्या मेम साब मेम साब बोले जा रही थी। राजेश क्या समझेगा मेरे बारे में।
सीमा _ओ तो मुझे अच्छा लगता है तुम्हे मेम साब कहना इसलिए बोलती हू। सॉरी। जी अब नही कहूंगी।
वैसे मेम साब शब्द तुमको शूट करता है। और वह मुंह बन्द कर हसने लगी।
निशा _तुम सुधरोगे नही। और वह सीमा को घूरकर देखने लगी।
इधर कालेज में उस समय मौजूद सभी लोग आश्चर्य में थे। राजेश को निशा के कार से उतरते देख।
राजेश जब भगत के पास गया _
भगत _भाई आपून आज बहुत खुश है।
राजेश _क्यू बे, क्या हो गया।
भगत _शूट करता है भाई,,,,अपने दायिने हांथ की तर्जनी और अंगूठा से गोला बनाकर इशारा करते हुवे कहा।
राजेश _क्या बोल रहा है बे मैं समझा नही।
भगत _जोड़ी भाई जोड़ी।
राजेश _किसकी जोड़ी बे।
भगत _बाजू में बैठे अपने दोस्तो से कहा। अबे तुम लोग भी कुछ बोलो।
अन्य दोस्त एक साथ बोले मस्त जोड़ी है भाई।
राजेश _किसकी जोड़ी बे क्या bake जा रहे बे ।
भगत _तेरी और निशा की भाई भगत कैंटीन में चाय पीते हुए कहा।
राजेश हस्ते हुवे कहा अबे क्या बकवास कर रहे हों ऐसा कुछ भी नहीं और उसने दोस्तो को सारी बातें बताई।
भगत _अरे भाई ऐसी बात है हम तो कुछ और ही समझ गए थेऔर मै ये कैसे भुल गया की तुमको तो लड़कियों में इंट्रेस्ट नही। सॉरी भाई।
इधर रोहन को जब पता चला की राजेश और निशा कार में एक साथ आए हैं उसके दिल में सांप लौट गया। क्यू की वह निशा को पाना चाहता था।
उसका इस कॉलेज में एडमिशन लेने के पीछे उद्देश्य भी यही था, निशा को पाना।
और वह हर एक उपाय कर रहा था निशा का दिल जीतने। पर अभी तक वह निशा का दिल जीत नही पाया था।
दरअसल रोहन एक बडी कंपनी के मालकिन रीता विवेक मेहता का लड़का था। विशाल एंड सुजाता ग्रुप इनका प्रतिद्वंदी था कई मौकों पर रीता और सुजाता के बीच प्रतिद्वंदिता में सुजाता आगे निकल जाती थी। और रीता अपने आप को अपमानित महसूस करती थी वह सुजाता को अपने से नीचा दिखाने के प्रयास में थी।
वह रोहन को12के बाद विदेश पढ़ना न भेजकर, उसी कालेज में दाखिला दिला दी जिसमे निशा ने एडमिशन ली। ताकि रोहन निशा को अपने प्यार के जाल में फसा सके, और निशा को अपना बहु बनाकर सुजाता से अपने अपमानो का बदला ले सके।
लेकीन रोहननिशा का दिल अभी तक नही जीत सका था। रीता ने ही रोहन से कहा की वह स्टूडेंट ऑफ द ईयर का खिताब जीते जिससे निशा तुम्हारी ओर इंप्रेस हो।
और रोहन की तैयारी के लिए ट्रेनर भी रख लिया था। पर स्टूडेंट ऑफ द ईयर बनना इतना आसान नहीं है उसके लिए खेल, कला और शिक्षा तीनों क्षेत्रों में बेस्ट परफॉर्मेंस देना होगा।