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Incest यह क्या हुआ

Enjoywuth

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Nisha aur nisha ki maa dono ek si.. To phale kaunnsi aayegi rajesh ke neeche ya bahagat number lgyega
 

Ajju Landwalia

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Wah rajesh bhagat Bhai,

Sabhi updates ek se badhkar ek he................Rajesh, Nisha aur Sima ke beech ek love triangle banta nazar aa raha he................dekhte he Rajesh ko kaun milegi Nisha ya fir Sima

Keep posting Bhai
 

rajesh bhagat

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Wah rajesh bhagat Bhai,

Sabhi updates ek se badhkar ek he................Rajesh, Nisha aur Sima ke beech ek love triangle banta nazar aa raha he................dekhte he Rajesh ko kaun milegi Nisha ya fir Sima

Keep posting Bhai
थैंक्स
 

Sanju@

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ड्राईवर राज की बाइक बनाकर कालेज ले आया और उसे निशा को दे दिया।दोपहर लंच की छुट्टी के समय सीमा ने निशा से कहा, लाओ राज की बाइक की चाबी दो मुझे मै राज को दे आती हू। मुझे पता है राज इस समय कैंटीन में ही होगा।

निशा _मै अकेली क्या करूंगी? चलो मैं भी चलती हूं।

सीमा _आश्चर्य से बोली, मैम साहिबा वहा पर उनके और भी दोस्त मौजूद होंगे क्या तुम उनके बीच जाना पसंद करोगी।

निशा _क्यू, जब तुम वहां जा सकती हो तो मैं क्यू नही।
सीमा _ मुसकुराते हुवे बोली,मै तो इसलिए बोल रही थी की तुम लडको से दूर रहना पसंद करती हो।

निशा _नही, चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूं।

सीमा _मुस्कुराते हुवे, क्या बात है मैम साब कुछ बदली बदली सी लग रही हो,अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो चलो।

अब वे दोनो कैंटीन की ओर जाने लगे।
इधर राजेश, भगत और उसके अन्य दोस्त कैंटीन में बैठकर चाय पी रहे थे। और इधर उधर की बाते कर रहे थे। तभी भगत ने निशा को कैंटीन की ओर आते देखा।

भगत _राजेश भाई निशा जी कैंटीन की ओर आ रही है पहले तो कभी कैंटीन में नही आई।

राजेश और उसके अन्य दोस्त निशा को आते हुए देखने लगे।

तभी सीमा और निशा कैंटीन में दाखिल हुई।

सीमा _हाय राज, हेलो भगत।

भगत _हाय सीमा,अरे आप लोग कैंटीन में , बड़ी खुशी हुई आप लोगो को देखकर, आइए बैठिए न।

हटो बे निशा और सीमा जी को बैठने के लिए कुर्सी दो।

उनके अन्य दोस्त कुर्सी से उठ गए और वेटर से और कुर्सी लगाने को बोले ।
कैंटीन का मालिक अरे निशा मैम ,आप यहां,बड़ी खुशी हुई आपको यहां देखकर, आप तो यहां आती ही नहीं।

निशा कैंटीन का अवलोकन करने लगी।

आइए बैठिए न, क्या लेंगी आपलोग।

सीमा _देखिए हम यहां कुछ लेने नही आए, हमे राज से कुछ काम था।
सीमा राजेश से _राज, ये लो तुम्हारा बाइक की चाबी ड्राईवर बाइक बनाकर ले आया है।

राजेश _अरे सीमा जी इसके लिए आप लोगो ने क्यू तकलीफ उठाई,आप फ़ोन लगा देते तो मैं खुद चला आता चाबी लेने।

सीमा _वो आपका नंबर हमारे पास था नही।

राजेश _ओह, शुक्रिया ,सीमा ।थैंक्स,निशा जी।

कैंटीन मालिक _आईए बैठिए न निशा मैम। आईए कुछ तो लीजिए।
हमे भी बड़ी खुशी होगी।

सीमा _न, निशा बाहर का कोई भी चीज नही खाती।
अच्छा राज अब हम चलते हैं।
भगत _निशा जी,आईए न हमारे साथ बैठकर एक कप कॉफी तो लीजिए। हमारे राजेश भाई को अच्छा लगेगा ।क्यू राजेश भाई?

राजेश _हां, आईए न हमारे साथ बैठकर एक काफी लीजिए। हमे खुशी होगी। प्लीज,,,,

सीमा और निशा दोनो जाने के लिए पिछे मुड़कर कदम बड़ा चुके थे, राजेश की बात सुनकर, निशा ने सीमा का हाथ पकड़ लिया,,

सीमा _निसा को फुसफुसाते हुए,मतलब तुम यहां काफी पियोगी।

निशा _धीरे से, इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो,,,

सीमा निशा की आंखों में देखकर मुस्कुराने लगी।

सीमा _पलटकर, अब आप लोग इतने रिक्वेस्ट कर रहे हैं तो निशा आप लोगो के साथ एक काफी ,,,

भगत _ये हुई न बात, वहा मौजूद सभी लोग बहुत खुश हो गए।

भगत ने कैंटीन मालिक दिलदार सिंह से कहा, अरे दिलदार भइया सबके लिए जायकेदार काफी बनवाओ।

दिलदार सिंह ने अपने वर्कर को सभी के लिए एक अच्छी काफी बनाने को कहा,,

भगत _निशा जी आप दिल से कितनी अच्छी है।हम लोग आपके बारे में कितनी गलत सोचते थे।
कि हम जैसे छोटे लोगो से आप बात करना पसंद नहीं करती,,
सीमा _अरे ऐसी बात नहीं है ओ क्या है न किहमारी निशा को लडको से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं।
वैसे आप लोग भी काफी अच्छे हैं? कालेज की भलाई के लिए आप एक छात्र नेता के रुप में अच्छा काम कर रहे हैं? यहां के सीनियर ,अपने जूनियरों को परेशान नहीं करते। अन्य कालेजों की तरह। छात्र हित में भी आप बड़े अच्छे कार्य कर रहे हैं।

भगत _ भई,इसके लिए हमारी नही ,राजेश भाई की तारीफ कीजिए। हमे तो इन्हीं के मार्गदर्शन में चलते हैं।

सीमा_हा,वो तो हमें पता है।

तभी वेटर काफी ले कर आ गया।

भगत _लो जी काफ़ी भी बनकर आ गया।

वेटर ने सभी के सामने काफ़ी का कप रख दिया।

राजेश _लीजिए निशा जी।

निशा ने राजेश की ओर देखा फिर अपना नजरे झुका कर काफी उठा ली। सभी अपनी अपनी काफी उठा ली।

राजेश ने काफी का एक घुट लिया फिर उसने निशा से कहा, लीजिए न निशाजी, टेस्ट कीजिए यहां की काफी।
निशा काफी लेने लगी। सभी काफी पीने लगे।

सीमा _वाह काफी तो बहुत अच्छी बनी है क्यू निशा?

निशा ने हा में सिर हिलाई।

भगत _वैसे राज भाई को यहां की काफी बहुंत पसन्द है। आप लोग भी हमारे साथ लंच के समय काफी लेने के लिए आते रहिए l

सीमा _क्यू नही? अगर काफी लेने का मूड बना तो, क्यू निशा?

निशा ने हां में सर हिलाया।

काफी खत्म होने के बाद निशा ने सीमा को चलने का इशारा किया वह राजेश के सामने खुद को असहज महसूस कर रही थी।

सीमा _अच्छा राज अब हम चलते है। काफी अच्छी थी थैंक्स फॉर काफी।

भगत _आप दोनो हमारे साथ काफी ली हमे काफी अच्छा लगा जी, थैंक्स।

सीमा और निशा दोनो वहा से चलने लगे तभी कैंटीन मालिक,निशा एवम् सीमा से आते रहिएगा हमारी कैंटीन में जी।


सीमा और निशा अपने क्लास की ओर जाने लगीं तभी

सीमा _निशा, मुझे तुम कुछ बदली बदली सी लग रही हो, तुम पहले तो लडको से दूर रहती थी। पर आज

निशा _देखा नही उन लोगो ने कितना जिद की एक कप साथ में काफी पीने तो मैं मना न कर सकी।

सीमा _अच्छा जी, उन लडको के कहने पर की राज के कहने पर, सीमा मुसकुराते हुवे बोली।

निशा _नाराज होती हुई बोली , तुम्हे तो बस मुझे छेड़ने का बहाना चाहिए।

सीमा _ओ हो हो, तो मैं तुम्हे छेड़ रही। देखो तो मेरी तरफ।

निशा _क्यू, क्या हुआ और वह सीमा की ओर देखने लगी।

सीमा निशा की आंखों में देखते हुए मुस्कुराने लगी।

निशा _हस क्यू रही हो, क्या हुवा।

सीमा _कुछ नही, और सीमा मुस्कुराती रही।

निशा _बताओ मुझे तुम हस क्यू रही।

सीमा _हा मै हस रही हू क्यू की जो बाते जुबा नही कह सकती वो आंखें बता देती है। तुम्हारी आंखों मै मैं नही दिखी बल्कि कोई और दिखा इसलिए मुझे हसी आ गई।

निशा _चल हट झुठी कही की, तुमको तो बस मुझको छेड़ने का बहाना चाहिए।

सीमा _निशा रूको मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।

निशा _क्यू मुझे छेड़कर तुम्हारा जी नही भरा है। बोलो क्या बात है।

सीमा _तुम राज को पसंद करती हो क्या? मुझे सच बताओ।

निशा _अरे ऐसा कुछ नहीं। हा राज एक अच्छा लड़का है पर मैं,,,,,,,,

सीमा _बोलो निशा रुक क्यू गई पर क्या?

निशा _लड़खड़ाते जुबा से बोली मुझे राज में कोई इंट्रेस्ट नही।

सीमा _तुम सच कह रही ना।

निशा _हा, पर तुम ये सब क्यू पूछ रही।

सीमा _क्यू की तुम मेरी अच्छी सहेली हो मै तुम्हे खोना नहीं चाहती।

निशा _क्यू, मुझे क्या हुवा।

सीमा _मै राज को पसंद करती हूं और उसे मैं उसे बहुंत जल्द प्रपोज करना चाहती हूं।

निशा _क्या, पर इसका जिक्र कभी की नही।

सीमा _मुझे लगा की यही सही मौका है तुम्हे बताने का। वैसे तुम्हारे मन में राजेश के लिए कुछ हो तो बता देना, मै तुम्हारे लिए अपने दिल को समझा लूंगी।
बोलो कुछ है क्या,,

निशा _न, मुझे लडको में कोई इंटरेस्ट नहीं। निशा ने यह बात अपनी नजरे चुराते हुए बोली।

और वे दोनो अपने क्लास में चले गए।

इधर भगतराजेश से, भाई आपूण को लगता है की निशा जी आप पर कुछ ज्यादा मेहरबान हो रहि है आपुन को तो कुछ,,,

राजेश _अबे बस कर लगता है की सुबह का कीड़ा तुम्हारे दिमाक से अभी तक नही निकला है।

भगत _सॉरी भाई आपुण को जो लगा वही बताया,,

राजेश _मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नही और रही बात लडकियो की तो वो मेरे बारे में क्या सोचती है उससे मुझे क्या? चल अब क्लास का समय हो गया है।

इधर रोहन के दोस्तो ने इसके बारे में रोहन को बताता की किस प्रकार निशा ने राज के साथ काफी पी,,

रोहन _ कोई बात नही,एक बार मुझे स्टूडेंट ऑफ द ईयर बन जाने दे फिर कालेज की साड़ी लड़किया मुझ पर मरेगी निशा और राजेश की बहन स्वीटी भी,,

इधर राजेश और भगत क्लास में पहुंच गए थे। सुमन क्लास लेने पहुंची। वह पिली साड़ी में खाफी खूबसूरत लग रही थी। राजेश उसकी खूबसूरती में कहीं खो सा गया।

सुमन ने जब देखा की राजेश उसी की ओर देखते हुए कहीं खो सा गया है।। उसे शर्म आने लगी,,

सुमन ने कहा, सभी स्टूडेंट्स पढ़ाई पर ध्यान दें, मुझे लग रहा है की कुछ लोगो का ध्यान कही और है।


भगत ने राजेश को कोहनी मारा,राजेश जैसे सोते से जागा ।

राजेश _धीरे से क्या हुवा बे,

भगत, मैम तुम्हारी ओर देख रही, तुम कहीं खोए हुए हो। कही तुम निशा के बारे में नही सोच रहे।

राजेश _अबे मुंह बन्द रख अपनी,,

भगत _सॉरी भाई।

राजेश ने सुमन को अपने मोबाइल से मेसेज किया की आज तुम काफी खूबसूरत लग रही। मै तो तुम्हारी जुल्फो को देखकर कही खो सा गया था।

सुमन ने वह मैसेज पढ़ी और मन ही मन खुश होने लगी।

क्लास खत्म होने के बाद सुमन ने राजेश को मैसेज की, जानू आज तुम आ रहे न।

राजेश ने वह मैसेज पढ़ाऔर मैसेज किया हा जान हमारी तड़प बड़ चुकी है जब से क्लास में तुम्हे देखा है?

सुमन _तुम्हारी बीवी तुम्हारी इंतजार करेगी, तुम्हारे आने की!

कालेज से छुट्टी के बाद राजेश सुमन का घर चला गया और फिर दोनो जी भर कर संभोग सुख का आनंद उठाया। और राजेश फिर एक बार सुमन के कोख को अपने बीज से भर कर घर चला आया।

इधर राजेश और सुनिता दोनो ही स्वीटी और शेखर के बीच सामान्य व्यवहार करने लगे जैसे उनके बीच कुछ हुवा ही नही पर अकेले में एक दुसरे के पास आने में कतराने लगे।

अगली सुबह रीता अपने बंगले के गार्डन में बैठे अपने पति विवेक के साथ बैठी चाय पी रही थी। तभी उसके पास समर आया जो रोहन को ट्रेनिंग दे रहा था। उसे देखकर रीता बोली आओ समर बैठो कैसा चल रहा हैं रोहन की तैयारी कैसी चल रही है?

समर _हा, मैडम रोहन तो पुरी मेहनत कर रहा है मुझे लगता है। मुझे लगता है जरुर रोहन इस बार सबसे आगे रहेगा।

रीता _देखो समर तैयारी में कोई कमी नहीं होना चाहिए। इस बार बेस्ट स्टूडेंट का खिताब रोहन को ही मिलना चाहिए,।

समर _जी मैडम।
रीता _और हा समर तुम उस राजेश के बारे में पता करो उसकी क्या कमजोरी है? क्यू की इस बार हर हाल में रोहन को यह खिताब मिलना चाहिए, उसके लिए मुझे काम,दाम, दण्ड,भेद इनमेसे कोई भी दूसरा तरीका अपनाना पढ़े तो मैं पीछे नहीं हटूंगी।

तभी उसके पास बैठा उसका पति रीता से कहता है। सुनो रीता बिजनेश छोड़कर क्यू तुम पचड़े में पड़ी हो मुझे ये सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है।

रीता _आप तो चुप ही रहिए, खुद से तो कुछ होता नहीं और मेरी हौसला बड़ाने की बजाए हमेशा हतोत्साहित करते हो, अगर सब कुछ तुम पर छोड़ देती न तो हमारी कंपनी कब कीडूब जाती। आज हमारी कम्पनी, विशाल और सुजाता ग्रुप को टक्कर दे पा रही हैं वो सब मेरी बदौलत हैऔर मुझे सुजाता से आगे निकलना हैं। चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी कारण पड़ेऔर तुम मेरे काम में दखल न दो तो ही ठीक है।

विवेक _मै तो तुम्हारी भलाई के लिए कह रहा था पर तुम मेरी बातो को सुनती कब हो। करो जो जी में आए।

रीता _ तुम चुप ही रहो तो बेहतर है।देखो समर ,रोहन के सामने एक ही चुनौती है और वो है राजेश, तुम उसके बारे में किसी से जासूसी करा कर, पता करो ,उसकी कोई तो कमजोरी होगी?। इस बार रोहन खिताब से चूकना नहीं चाहिए।

समर _जी मैडम।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है जो निशा लडको से दूर भागती थी वह अब राजेश से प्यार करने लगी है बस इजहार करना बाकी है
वही रीता रोहन को स्टूडेंट ऑफ द ईयर बनाने के लिए कोई भी हद पार कर सकती है देखते हैं ये क्या करती है
 

Sanju@

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रात में सुजाता , विशाल dऔर निशा डिनर कर रहे थे।

सुजाता _निशा से बोली। कैसी चल रही है बेटा तुम्हारी पढ़ाई।

निशा _अच्छी चल रही है मॉम।

सुजाता _बेटा आज तुम गुम सुम सी लग रही हो कुछ बात है क्या? देखो ठीक से खाना भी नहीं खा रही। तबियत तो ठीक है न।

निशा _नही मां, ऐसी कोई बात नहीं, मै बिल्कुल ठीक हू।

दरअसल सीमा ने जब से यह बात निशा को बोली थी की वह राज को पसन्द करती है और वह राज से बहुत जल्द इस बात का इजहार करने वाली हैं, न जाने क्यूं उसे किसी काम में मन नहीं लग रहा था।

विशाल _ देखो बेटा परसो हमारी शादी की सालगिरह है। तुम तो जानती ही हो।

निशा _हा डैड, मै कैसे भुल सकती हू।

विशाल _रिश्तेदारोंएवम दोस्तों के जिद पर एक पार्टी रख रहे हैं।

निशा _सच डैड, ये तो बड़ी खुशी की बात है। निशा खुश होते हुवे बोली।

विशाल _बेटा पार्टी में हमारे सभी दोस्त एवम रिश्तेदार आयेंगे अगर तुम चाहो तो अपने कालेज के दोस्तों को भी इनवाइट कर देना।

निशा _ओह, थैंक यू डैड। निशा खुश होते हुए बोली।

पर डैड पार्टी की तैयारी के लिए कितना कम समय है। मै कल कालेज से छुट्टी ले लू।

सुजाता _बेटी, इसके लिए तुम्हे चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमने पार्टी प्लानर से बात कर ली है। सारी तैयारी वही करेगा।
हा कल शाम को तुम्हारे कालेजसे आने के बाद हम शॉपिंग के लिए चलेंगे । कोई अच्छी सी ड्रेस और गहने खरीद लेना पार्टी के लिए।
निशा _ठीक है मॉम।

अगली सुबह जब कालेज जा रही थी निशा और सीमा

निशा _सीमा, कल मेरे मॉम और डैड की शादी की सालगिरह है। घर में पार्टी होगी मॉम और डैड ने कहा है कि अपने दोस्तों को भी बुला लेना।

सीमा _वाउ, ये तो बड़ी खुशी की बात है। पार्टी में बड़ा मजा आयेगा। वैसे आमत्रित करने की सोचें हो पार्टी में।

निशा _अपने खास खास दोस्तो को।

सीमा _राज और उसके दोस्तों को नही बुलाओगी।

निशा _न

सीमा _क्यू, वो तुम्हारे खास नही है।

निशा _वो मेरे लिए क्यू खास हुवे।

सीमा _निशा तुम अपने लिए न सही तो मेरे खातिर बुला लो, न, राज और उनके दोस्तों को।

निशा _क्यू?

सीमा _राजेश और उसके दोस्तों के आने से मजा आ जायेगा पार्टी में, और हो सकता है कि मुझे राजेश को इजहार करने का मौका मिल जाए ।

निशा खामोश हो गई,,, सीमा की अजीब सी नज़रों से देखने लगी।

सीमा _चुप क्यू हो गई बोलो न, बुलाओगी न राज और उनके दोस्तों को।

निशा _न, लडको को नही बुलाने वाली।

अब सीमा चुप हो गई,,, और कालेज पहुंचने के बाद तक खामोश ही रही जैसे वह निशा से नाराज हो।

निशा _अब तुम मुंह फूला कर क्यू चुप बैठी हो। देखो तुम चुप रहती हो तो बिल्कुल अच्छा नहीं लगती।

सीमा क्लास में भी फिर भी चुप रही ।

निशा _अच्छा बाबा बुला लेना राजेश और उनके दोस्तों को अब मुंह फुलाकर मत बैठी रहो।

सीमा _खुश होते हुए बोली, सच, ये हुई न बात, लव यू निशु और वह निशा के गालों पे किस कर बोली, अबआयेगा मज़ा।

लंच का समय हो गया,,,

निशा _चलो चलते है।

सीमा _ कहा?

निशा_ अरे राजेश और उनके दोस्तों को कल पार्टी में आमंत्रित नही करनी है क्या?

सीमा _ अरे मैं तो भूल ही गई थी। चलो,,
दोनो कैंटीन की ओर जाने लगी तभी

रोहन _हाई निशा, सुना है कल तुम्हारी मॉम और डैड की शादी की सालगिरह की पार्टी है हमे नही बुलाओगी। क्लास की सारे लड़कियों को बुला रही हो, ? भई हम भी तो आपके दोस्त है।

निशा _बेमन से बोली, आ जाना तुम भी अपने दोस्तों के साथ, भई ये हुई न बात। थैंक्स।

इधर राजेश, भगत और उसके दोस्त कैंटीन में बैठे थे। तभी उनके दोस्तों की नजर निशा और सीमा पर पड़ी जो उनके ही ओर आ रहे थे। एक ने कहा, राजेश भाई उधर देखो?

निशा और सीमा यही इधर ही आ रही,,

भगत _हा भाई, ये लोग तो इधर ही आ रहे।

राजेश _हो, सकता है काफी पीने आ रही हो,,


निशा ओर सीमा उन लोगो के सामने पहुंच गई,,

राजेश _हेलो निशा जी, हेलो सीमा जी, कैसी है आप दोनो।

सीमा _हैलो राज, भई हम दोनो तो मजे में हैं आप लोग कैसे है।

भगत _हम लोग भी मजे में है सीमा जी।

राजेश _आईए बैठिए ।

सीमा _ओह थैंक्स,

वे दोनो चेयर पे बैठ गए।

भगत _कैंटीन मालिक से बोला, दिलदार भाई, निशा और सीमा जी आई है उनके लिए दो बढ़िया कॉफी बनाकर भिजवाओ।

दिलदार सिंह _अरे निशा मैम, नमस्ते जी कैसे है आप लोग।

सीमा _हम अच्छे है दिलदार जी आप सुनाइए कैसी चल रही है आपकी कैंटीन।

दिलदार जी _बस वाहे गुरु की कृपा है जी,,

सीमा _वैसे राज हम लोग कुछ काम से आए थे।

भगत_ _सीमा जी क्या काम है बताओ, बड़ी खुशी होगी हम लोग आप लोगो के कुछ काम आ सके।

दरअसल कल निशा की मॉम और डैड की शादी की सालगिरह है। सालगिरह की पार्टी में निशा अपने सारे दोस्तों को बुला रही है। तो निशा आप लोगो को आमंत्रित करने आई है।

भगत _ये तो बड़ी खुशी की बात है जी हम लोग तो जरुर आयेंगे, पर राजेश भाई से पूछ लो वो कहा जाते है कही।

सीमा _राज आप रहे हैं न।

राजेश _सीमा जी माफ़ करना, पार्टी वगेरह के लिए तो मैं कल ही बता पाऊंगा।

भगत _राजेश भाई तो मां जी के परमिशन से ही किसी पार्टी में जाते है जी,

निशा _ राज की आंखों में देखते हुए कहा,जी, आईए न आप भी।

राजेश भी जब निशा की ओर देखी दोनो की नजरे मिली कुछ पल दोनो एक दूसरे को देखते रहे,राजेश के मुंह से,,

राजेश _ अपना सिर हिलाते हुए, जी।

सीमा और भगत और उसके दोस्त सभी खुश हो गए।

सभी एक साथ बोल पड़े ये हुई न बात।

फिर सभी काफी पीने लगे और,,

सीमा _अच्छा अब हम लोग चलते हैं,,

वे दोनो अपने क्लास की ओर जाने लगे

जाते समय सीमा बोली,
क्या बात है मैम साब तुमने एक बार बोली और राजेश हा बोल दिया,

निशा _तुम्हे तो बस मौका चाहिए मुझे छेड़ने का, अब बस कर बहुत पटर पटर बोलती है।

सीमा अपना मुंह बन्द कर हसने लगीं।

इधर सुजाता अपनी ऑफिस से रीता को काल करती है। रीता अपने ऑफिस में थी,
वह देखा कि सुजाता का कॉल है,

रीता _अरे सुजाता बड़ी दिनो बाद याद की।

सुजाता _कैसी हो।

रीता _मै तो ठीक हू तुम अपना सुनाओ। तुम तो हमें भूल ही। बोलो कैसे याद की,,

सुजाता _कल हमारी शादी की सालगिरह है कल शाम को छोटी सी पार्टी रखी है।

रीता _ ये तो बड़ी खुशी की बात है, मेरे ओर से एडवांस में बधाई।

सुजाता _ थैंक्स, वैसे कल समय मिलेगी न।

रीता _आप बुलाओ और हम न आए ऐसा कभी हुवा।तुम्हारे लिए तो सारा काम छोड़ चली आऊ ।

सुजाता _थैंक्स। अच्छा रखती हू और भी दोस्तों को आमंत्रित करना है।

रीता _ठीक है सुजाता हम समय पर आ जायेंगे,और कुछ हेल्प चाहिए हो तो मुझे बता देना।

कालेज कि छुट्टी के बात सीमा राजेश को कॉल करती है।
राजेश _अरे सीमा जी, कैसे काल की थी। कुछ काम था क्या?

सीमा _राज कल पार्टी में तुम लोगो को महफिल में रंग भरना है।

राजेश _सीमा जी मैं कुछ समझा नहीं। राज मै जानता हूं आप बहुंत अच्छा गाते है तो आप और आपके दोस्त कल की पार्टी में धमाल करे।


ताकि सभी के लिए पार्टी यादगार बन जाए।

मै समझ गया सीमा जी।

सीमा _और हा निशा को इसके बारे में पता न चले। उनके लिए ये सरप्राइज रहेगा।

राजेश _ठीक है सीमा जी आप जैसे कह रही वैसा ही होगा। मै पुरी कोशिश करूंगा। पार्टी में रंग भरने की।ok राज अब मैं रखती हू।

वैसे हम मै निशा के साथ शॉपिंग करने जा रही हूं। कल के पार्टी के लिए।
राजेश _ओके जी।
Nice and lovely update
लगता है निशा पार्टी में राज से प्यार का इजहार कर दे लेकिन सीमा ने बोल दिया है कि वह राज से प्यार करती है हमे लगता है कि सीमा निशा और राज को मिलना चाहती है वह उनकी हेल्प कर रही है उसे पता है कि निशा के मन में राज के लिए प्यार है पार्टी में सर्प्राइज और धमाका होने वाला है रीता की मुलाकात राज से पार्टी में ही होगी
 

Raja1239

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अगले दिन कालेज में राजेश ने अपने दोस्तों को बताया की हमे आज निशा की मॉम डैड की शादी की सालगिरह की पार्टी में हमे परफॉर्म करना है।

दोस्तों ने कहा कि इसके लिए तो हमें तैयारी करनी होगी।

भगत क्यू न हम निखिल के फार्म हाउस चले। हमने पहले भी वहा रिहर्सल की है। क्यू निखिल क्या कहते हो।

निखिल _भाई फार्म हाउस तो बिल्कुल खाली है चलो चलते हैं।

राजेश चलो वही जाकर कुछ तैयारी कर ले।

सभी दोस्त निखिल के फार्म हाउस चले गए।

निखिल राजेश के दोस्तों में से एक था। वह राजेश के दोस्तों में सबसे अमीर था।

जब भी किसी फंक्शन की तैयारी करनी होती तो वे सभी निखिल के फार्म हाउस में चले जाते। वहा म्यूजिक के लिए सारे आवश्यक उपकरण मौजूद थे।

वहा जाकर सभी ने दिनभर अभ्यास किया।

राजेश_अभ्यास, तो हो गया उम्मीद है हम पार्टी को यादगार बनाने में सफल होंगे। हम सभीभगत आ शाम7बजे भगत के घर पर निखिल के घर पर ही मिलेंगे वही से निखिल के कार से निशा के घर जायेंगे।

सभी दोस्तों ने अपनी सहमति दिया।

4बजे सभी दोस्त वहा से निकल गए।


घर में 6बजे,राजेश ने सुनिता से कहा, मां मेरे एक दोस्त की मॉम और डैड की शादी की सालगिरह है उसने मुझे पार्टी में आमंत्रित किया है । मेरे सभी दोस्त जा रहे हैं। मै भी जाऊ।

सुनिता _ सुनिता इस समय कीचन में काम कर रही थी वह काम करते हुवे, राजेश की ओर बिना देखे बोली, क्यू जाना जरूरी है।

राजेश _अगर न गया तो दोस्तों को बुरा लगेगा।

सुनिता _ठीक है, चले जाओ पर ज्यादा रात तक वहा रुके न रहना।

राजेश _खुश होकर, अपने मां को पिछे से हज कर लिया और बोला थैंक्यू मां।

सुनिता _ये क्या कर रहा है, छोड़ मुझेऔर सुनिता राजेश को छुड़ाकर उससे दूर हो गई। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा।

राजेश को अपने गलती का एहसास huwa वह सुनिता से बोला,,
आम सॉरी मां, मै खुशी में भूल गया था।

सुनिता _देखो बेटा हम दूर रहे एक दुसरे से उसी में हमारा भलाई है।

राजेश _सॉरी मां, मै आगे से नही भूलूंगा।

सुनिता _मुझे तुमसे यही उम्मीद है बेटा।

राजेश _अच्छा मां,अब मैं चलता हूं।

सुनिता _ठीक है बेटा।

राजेश अपने घर से अपनी बाइक से निखिल के घर निकल गया। सभी दोस्त उसके घर इकट्ठा होकर वहा से कार में निशा के घर के लिए निकल पड़े।

भगत _अबे निखिल तेरे कार में म्यूजिक नही है क्या? कोई अच्छी सी सॉन्ग तो लगा।

निखिल _अभी लगाया भाई।

निखिल म्यूजिक ऑन किया। म्यूजिक ऑन करते ही वह गाना बजने लगे,,

तुम्हे पुकारे ये मेरी बाहें,,,,,,,,
--

भगत _अबे ये क्या बकवास गाना लगा दिया, चेंज कर।

राजेश _नही भगत, चलने दे इसे।

फिर यह गाना चलने लगा,,

मै जानती हूं तू मेरा है,,

मेरे ही पास तुझे आना है,,

आजा re ,,,,,अब आ भी जा,,

ये जिश्म तुझको पुकारा है,,
मेरा तन सिर्फ तेरा है,,
बन ठन के बैठी हूं,
रास्ता निहारे,,,,

आजा re,,,, अब आ भी जा, ओ माहिया,,


राजेश, गाने में,जैसे कहीं खो सा गया। उसे लगा की सच में कोई बुलारही हो। कोई उसका बरसो से इंतजार कर रही है।

भगत _भाई कहा खो गए, हम पहुंच गए।

राजेश _ओह, पता ही न चला रास्ता कैसे निकल गया।
सभी कार से उतरे निखिल कार को साइड लगाया फिर सभी पार्टी हाल की ओर जाने लगे।

जब पार्टी हाल में पहुंचे। वहा काफ़ी सोर सराबा एवम लोगो की भीड़ थी। बड़े बड़े लोग वहा आए थे,आने वाले महमान सुख सुविधा तथा खाने पीने avm मनोरंजन की सारी व्यवस्थाएं की गई थी। कुछ महमान आ रहे थे कुछ पहुंच चुके थे।

राजेश और भगत की आंखें सीमा और निशा को ढूंढने लगे।

इधर रीता, रोहन और विवेक भी पार्टी रुम में पहुंचे।
तभी सुजाता और विशाल को अपने रूम से पार्टी हाल में आते भगत ने देखा।

भगत _भाई देखो निशा आ रही है।

राजेश , उस ओर देखने लगा।

भगत _भाई निशा साड़ी पहनी हुई है कितनी सुंदर लग रही है और वह उसका डैड होगा,,,

राजेश गौर से देखने के बाद,

राजेश _यार भगत, निशा तो थोडा पतली है, इनका बदन तो भरा huwa है।

पारदर्शी साड़ीमें साड़ी के अदंर उनका गडराया huwa बदन स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था। सपाट पेट, गहरी नाभी, मक्खन जैसी गोरा बदन। खुले बाल एवम गुलाबी होंठ। कजरारी आंखें।उन्नत स्तन, उसके उभार,जो दूर से देखने से ही पता चल रहा था कि ब्लाउज के अदंर जो अंग छिपा है।उसका दीदार होने से नामर्द भी मर्द बन जाय।

राजेश _यार सकल तो निशा का ही है पर यह बदन एक ही दिन में इतना बदलाव कैसे, कितनी खूबसूरत और हॉट लग रही है।
राजेश तो जैसे कही खो सा गया।

भगत _भाई निशा साड़ी पहनी हुई है न इसलिए उसका बदन भरा भरा सा लग रहा है।

राजेश,भगत और उसके दोस्त ।दूर से उस अप्सरा को देखने लगे।

इधर रीता भी कहर ढा रही थी। वह भी हॉट और सेक्सी लग रही थी।
भगत की नजर जब रीता पड़ पड़ी।

भगत _ भाई यहां तो एक से बढ़कर एक हॉट एवम सेक्सी मॉल है।
राजेश तो कही और खोया था।

रीता _अरे सुनो जी ये रोहन कहा चला गया।

विवेक _यही कही होगा _अपने दोस्तो के साथ।

रीता _ये लड़का भी न एक जगह रहता ही नही।
मुझे सुजाता से उसे मिलाना था।

विवेक _अरे बाद में मिला लेना,, चलो उन लोगो को सादी की सालगिरह की शुभकामनाए दे ।

रीता _चलो जी,,

वे दोनो उस मंच पर पहुंच गए, जहां विशाल और सुजाता दोनो खडे थे। और लोग उन्हें शुभ कामनाएं दे रहे थे। फोटोग्राफिंग भी हो रही थी।

रीता _हाय सुजाता, हैलो भाई साहब, शादी की सालगिरह की बहुंत बहुत शुभकामनाए आप दोनो को,हमारी ओर से।

विशाल और सुजाता ने उन दोनो को धन्यवाद दिया।

रीता _सुजाता, तुम तो स्वर्ग की अप्सरा मेनका लग रही हो, सबकी निगाहें सिर्फ तुम्ही पर टिकी हुई है। रीता ने सुजाता के कानो में फुसफुसाते हुवे बोली

सुजाता _तुम भी रंभा से कम नहीं लग रही। वे दोनो हसने लगे।
विशाल _क्या फुसूर फुसुर हो रही है भाई तुम दोनो में।
सुजाता _कुछ नही जी मैं तो रीता से कह रही थी कि तुम तो जल्दी आने वाली थी, मेरी हेल्प करने और इतने लेट से आई।

रीता _क्या करे, सुजाता, ये बाप और बेटा जल्दी करे तब।

सुजाता _वैसे तुम्हारा बेटा रोहन नही आया क्या?

रीता _आया है अपने दोस्तों के साथ होगा यहीं कही। अब आजकल के लड़को को तुम जानते ही हो,,,
मां बाप के पीछे कहा खडे रहना पसंद करते है?

तभी नौकर आकर सुजाता के कान में कुछ कहा शायद किसी का अर्जेंट काल था।

सुजाता _ रीता आप लोग इंजॉय करो,मै अभी आई एक जरुरी काल है।

सुजाता जब वहा से, नौकर के साथ आने लगी,,

भगत _भाई, निशा, कही जा रही है चलो उनसे मिलकर बताते हैं कि हम आ गए हैं।

राजेश _अबे मुझे तो कुछ गडबड लग रहा है,,

भगत _भाई अब चलो भी,,

वे दोनो सुजाता की ओर जाने लगे, सुजाता आगे निकल गई तब भगत ने उसे आवाज़ दी हाय निशा।

सुजाता चौकी और पीछे मुड़कर देखी,,

भगत _हाथ हिलाते हुए हाय कहा, हम आ गए हैं।

सुजाता _माफ़ कीजिए मै आप लोगो को पहचाना नहीं।

राजेश और भगत एकदूसरे को देखने लगे।

भगत _निशा जी, अच्छा मजाक है जी।

सुजाता _लगता है तुम लोगो को गलत फहमी हो गया है मैं निशा नही उसकी मॉम सुजाता हू,

भगत_क्या? पर आपकी सूरत तो हुबहू,,,

सुजाता _जी, मेरी और निशा की सकल बिल्कुल मिलती जुलती है। जो पहली बार मिलते हैं उन्हें गलत फहमी हो जाता है। इसमें तुम लोगो की गलती नही।

सुजाता _वैसे आप लोग है कौन?

भगत _जी मै भगत और ये राजेश भाई।
हम निशा जी के कालेज के दोस्त हैं।

सुजाता _ओह, निशा अपने कमरे मे तैयार हो रही होगी। अभी आ जायेगी।

भगत _जी, आंटी।

सुजाता _अच्छा तुम लोग पार्टी इंजॉय करो।

भगत _ओके जी।

राजेश _देखा बे, मुझे तो पहले ही लगा था कि कुछ गडबड है।

भगत _भाई अगर ये निशा की मां है तो वो बूढ़ा उसका पति। दोनो मां बेटी लगते हैं? ये सब क्या चक्कर है?

राजेश _धीरे धीरे सब पता चल जाएगा?

दरअसल, सुजाता मिडिल फैमली से थी उसके पिता एक आर्मी अफसर थे।

इधर विशाल के पिता जी की छोटी सी कंस्ट्रक्शन कंपनी थी। उसके पिता जी का किसी बीमारी से अचानक निधन हो जाने पर घर की सारी जिम्मेदारी उसी पर आ गया था। वह अपने मेहनत और लगन से अपने कम्पनी को आगे बढ़ाया। देखते देखते उसके उम्र 45पार हो गया। उसके रिश्तेदारों ने शादी के लिए बोला लेकिन काम में इतने व्यस्त रहते की इन सब के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता तभी इसकी कम्पनी में सुजाता की नियुक्ति सी पद परCFO पद के लिए huwa था। सुजाता की उसकी सौंदर्यता, विद्वता, उनके विचार कार्य के प्रति लगन उसकी ईमानदारी ने विशाल को अपनी ओर आकर्षित किया। और एक दिन विशाल ने सुजाता को शादी के लिए प्रपोज किया। सुजाता मना न कर सकी उस समय सुजाता। 23वर्ष की थीऔर और विशाल 46वर्ष के।

दोनो की शादी हो जाने के बाद सुजाता और विशाल दोनो ने अपनी कंपनी को अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया। सीमेंट एवम स्पंज आयरन प्लांट लगाया। ताकि निर्माण कार्य के लिए सारी सामग्री उपलब्ध हो सके। और अपनी कंपनी का नाम विशाल एंड सुजाता ग्रुप रख दिया। विशाल उसका चेयरमैन, सुजाता उसकी MD

उनकी कंपनी काफी तरक्की कर ली। पर कुछ वर्षो से विशाल का स्वास्थ्य खराब चल रहा था। वह अब ऑफिस जाना काफी कम कर दिया। अब कंपनी का सारा काम सुजाता ही देख रही है।



















खूबसूरत गड़बड़ आगे क्या रंग दिखाएंगे
 

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अगले दिन कालेज में राजेश ने अपने दोस्तों को बताया की हमे आज निशा की मॉम डैड की शादी की सालगिरह की पार्टी में हमे परफॉर्म करना है।

दोस्तों ने कहा कि इसके लिए तो हमें तैयारी करनी होगी।

भगत क्यू न हम निखिल के फार्म हाउस चले। हमने पहले भी वहा रिहर्सल की है। क्यू निखिल क्या कहते हो।

निखिल _भाई फार्म हाउस तो बिल्कुल खाली है चलो चलते हैं।

राजेश चलो वही जाकर कुछ तैयारी कर ले।

सभी दोस्त निखिल के फार्म हाउस चले गए।

निखिल राजेश के दोस्तों में से एक था। वह राजेश के दोस्तों में सबसे अमीर था।

जब भी किसी फंक्शन की तैयारी करनी होती तो वे सभी निखिल के फार्म हाउस में चले जाते। वहा म्यूजिक के लिए सारे आवश्यक उपकरण मौजूद थे।

वहा जाकर सभी ने दिनभर अभ्यास किया।

राजेश_अभ्यास, तो हो गया उम्मीद है हम पार्टी को यादगार बनाने में सफल होंगे। हम सभीभगत आ शाम7बजे भगत के घर पर निखिल के घर पर ही मिलेंगे वही से निखिल के कार से निशा के घर जायेंगे।

सभी दोस्तों ने अपनी सहमति दिया।

4बजे सभी दोस्त वहा से निकल गए।


घर में 6बजे,राजेश ने सुनिता से कहा, मां मेरे एक दोस्त की मॉम और डैड की शादी की सालगिरह है उसने मुझे पार्टी में आमंत्रित किया है । मेरे सभी दोस्त जा रहे हैं। मै भी जाऊ।

सुनिता _ सुनिता इस समय कीचन में काम कर रही थी वह काम करते हुवे, राजेश की ओर बिना देखे बोली, क्यू जाना जरूरी है।

राजेश _अगर न गया तो दोस्तों को बुरा लगेगा।

सुनिता _ठीक है, चले जाओ पर ज्यादा रात तक वहा रुके न रहना।

राजेश _खुश होकर, अपने मां को पिछे से हज कर लिया और बोला थैंक्यू मां।

सुनिता _ये क्या कर रहा है, छोड़ मुझेऔर सुनिता राजेश को छुड़ाकर उससे दूर हो गई। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा।

राजेश को अपने गलती का एहसास huwa वह सुनिता से बोला,,
आम सॉरी मां, मै खुशी में भूल गया था।

सुनिता _देखो बेटा हम दूर रहे एक दुसरे से उसी में हमारा भलाई है।

राजेश _सॉरी मां, मै आगे से नही भूलूंगा।

सुनिता _मुझे तुमसे यही उम्मीद है बेटा।

राजेश _अच्छा मां,अब मैं चलता हूं।

सुनिता _ठीक है बेटा।

राजेश अपने घर से अपनी बाइक से निखिल के घर निकल गया। सभी दोस्त उसके घर इकट्ठा होकर वहा से कार में निशा के घर के लिए निकल पड़े।

भगत _अबे निखिल तेरे कार में म्यूजिक नही है क्या? कोई अच्छी सी सॉन्ग तो लगा।

निखिल _अभी लगाया भाई।

निखिल म्यूजिक ऑन किया। म्यूजिक ऑन करते ही वह गाना बजने लगे,,

तुम्हे पुकारे ये मेरी बाहें,,,,,,,,
--

भगत _अबे ये क्या बकवास गाना लगा दिया, चेंज कर।

राजेश _नही भगत, चलने दे इसे।

फिर यह गाना चलने लगा,,

मै जानती हूं तू मेरा है,,

मेरे ही पास तुझे आना है,,

आजा re ,,,,,अब आ भी जा,,

ये जिश्म तुझको पुकारा है,,
मेरा तन सिर्फ तेरा है,,
बन ठन के बैठी हूं,
रास्ता निहारे,,,,

आजा re,,,, अब आ भी जा, ओ माहिया,,


राजेश, गाने में,जैसे कहीं खो सा गया। उसे लगा की सच में कोई बुलारही हो। कोई उसका बरसो से इंतजार कर रही है।

भगत _भाई कहा खो गए, हम पहुंच गए।

राजेश _ओह, पता ही न चला रास्ता कैसे निकल गया।
सभी कार से उतरे निखिल कार को साइड लगाया फिर सभी पार्टी हाल की ओर जाने लगे।

जब पार्टी हाल में पहुंचे। वहा काफ़ी सोर सराबा एवम लोगो की भीड़ थी। बड़े बड़े लोग वहा आए थे,आने वाले महमान सुख सुविधा तथा खाने पीने avm मनोरंजन की सारी व्यवस्थाएं की गई थी। कुछ महमान आ रहे थे कुछ पहुंच चुके थे।

राजेश और भगत की आंखें सीमा और निशा को ढूंढने लगे।

इधर रीता, रोहन और विवेक भी पार्टी रुम में पहुंचे।
तभी सुजाता और विशाल को अपने रूम से पार्टी हाल में आते भगत ने देखा।

भगत _भाई देखो निशा आ रही है।

राजेश , उस ओर देखने लगा।

भगत _भाई निशा साड़ी पहनी हुई है कितनी सुंदर लग रही है और वह उसका डैड होगा,,,

राजेश गौर से देखने के बाद,

राजेश _यार भगत, निशा तो थोडा पतली है, इनका बदन तो भरा huwa है।

पारदर्शी साड़ीमें साड़ी के अदंर उनका गडराया huwa बदन स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था। सपाट पेट, गहरी नाभी, मक्खन जैसी गोरा बदन। खुले बाल एवम गुलाबी होंठ। कजरारी आंखें।उन्नत स्तन, उसके उभार,जो दूर से देखने से ही पता चल रहा था कि ब्लाउज के अदंर जो अंग छिपा है।उसका दीदार होने से नामर्द भी मर्द बन जाय।

राजेश _यार सकल तो निशा का ही है पर यह बदन एक ही दिन में इतना बदलाव कैसे, कितनी खूबसूरत और हॉट लग रही है।
राजेश तो जैसे कही खो सा गया।

भगत _भाई निशा साड़ी पहनी हुई है न इसलिए उसका बदन भरा भरा सा लग रहा है।

राजेश,भगत और उसके दोस्त ।दूर से उस अप्सरा को देखने लगे।

इधर रीता भी कहर ढा रही थी। वह भी हॉट और सेक्सी लग रही थी।
भगत की नजर जब रीता पड़ पड़ी।

भगत _ भाई यहां तो एक से बढ़कर एक हॉट एवम सेक्सी मॉल है।
राजेश तो कही और खोया था।

रीता _अरे सुनो जी ये रोहन कहा चला गया।

विवेक _यही कही होगा _अपने दोस्तो के साथ।

रीता _ये लड़का भी न एक जगह रहता ही नही।
मुझे सुजाता से उसे मिलाना था।

विवेक _अरे बाद में मिला लेना,, चलो उन लोगो को सादी की सालगिरह की शुभकामनाए दे ।

रीता _चलो जी,,

वे दोनो उस मंच पर पहुंच गए, जहां विशाल और सुजाता दोनो खडे थे। और लोग उन्हें शुभ कामनाएं दे रहे थे। फोटोग्राफिंग भी हो रही थी।

रीता _हाय सुजाता, हैलो भाई साहब, शादी की सालगिरह की बहुंत बहुत शुभकामनाए आप दोनो को,हमारी ओर से।

विशाल और सुजाता ने उन दोनो को धन्यवाद दिया।

रीता _सुजाता, तुम तो स्वर्ग की अप्सरा मेनका लग रही हो, सबकी निगाहें सिर्फ तुम्ही पर टिकी हुई है। रीता ने सुजाता के कानो में फुसफुसाते हुवे बोली

सुजाता _तुम भी रंभा से कम नहीं लग रही। वे दोनो हसने लगे।
विशाल _क्या फुसूर फुसुर हो रही है भाई तुम दोनो में।
सुजाता _कुछ नही जी मैं तो रीता से कह रही थी कि तुम तो जल्दी आने वाली थी, मेरी हेल्प करने और इतने लेट से आई।

रीता _क्या करे, सुजाता, ये बाप और बेटा जल्दी करे तब।

सुजाता _वैसे तुम्हारा बेटा रोहन नही आया क्या?

रीता _आया है अपने दोस्तों के साथ होगा यहीं कही। अब आजकल के लड़को को तुम जानते ही हो,,,
मां बाप के पीछे कहा खडे रहना पसंद करते है?

तभी नौकर आकर सुजाता के कान में कुछ कहा शायद किसी का अर्जेंट काल था।

सुजाता _ रीता आप लोग इंजॉय करो,मै अभी आई एक जरुरी काल है।

सुजाता जब वहा से, नौकर के साथ आने लगी,,

भगत _भाई, निशा, कही जा रही है चलो उनसे मिलकर बताते हैं कि हम आ गए हैं।

राजेश _अबे मुझे तो कुछ गडबड लग रहा है,,

भगत _भाई अब चलो भी,,

वे दोनो सुजाता की ओर जाने लगे, सुजाता आगे निकल गई तब भगत ने उसे आवाज़ दी हाय निशा।

सुजाता चौकी और पीछे मुड़कर देखी,,

भगत _हाथ हिलाते हुए हाय कहा, हम आ गए हैं।

सुजाता _माफ़ कीजिए मै आप लोगो को पहचाना नहीं।

राजेश और भगत एकदूसरे को देखने लगे।

भगत _निशा जी, अच्छा मजाक है जी।

सुजाता _लगता है तुम लोगो को गलत फहमी हो गया है मैं निशा नही उसकी मॉम सुजाता हू,

भगत_क्या? पर आपकी सूरत तो हुबहू,,,

सुजाता _जी, मेरी और निशा की सकल बिल्कुल मिलती जुलती है। जो पहली बार मिलते हैं उन्हें गलत फहमी हो जाता है। इसमें तुम लोगो की गलती नही।

सुजाता _वैसे आप लोग है कौन?

भगत _जी मै भगत और ये राजेश भाई।
हम निशा जी के कालेज के दोस्त हैं।

सुजाता _ओह, निशा अपने कमरे मे तैयार हो रही होगी। अभी आ जायेगी।

भगत _जी, आंटी।

सुजाता _अच्छा तुम लोग पार्टी इंजॉय करो।

भगत _ओके जी।

राजेश _देखा बे, मुझे तो पहले ही लगा था कि कुछ गडबड है।

भगत _भाई अगर ये निशा की मां है तो वो बूढ़ा उसका पति। दोनो मां बेटी लगते हैं? ये सब क्या चक्कर है?

राजेश _धीरे धीरे सब पता चल जाएगा?

दरअसल, सुजाता मिडिल फैमली से थी उसके पिता एक आर्मी अफसर थे।

इधर विशाल के पिता जी की छोटी सी कंस्ट्रक्शन कंपनी थी। उसके पिता जी का किसी बीमारी से अचानक निधन हो जाने पर घर की सारी जिम्मेदारी उसी पर आ गया था। वह अपने मेहनत और लगन से अपने कम्पनी को आगे बढ़ाया। देखते देखते उसके उम्र 45पार हो गया। उसके रिश्तेदारों ने शादी के लिए बोला लेकिन काम में इतने व्यस्त रहते की इन सब के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता तभी इसकी कम्पनी में सुजाता की नियुक्ति सी पद परCFO पद के लिए huwa था। सुजाता की उसकी सौंदर्यता, विद्वता, उनके विचार कार्य के प्रति लगन उसकी ईमानदारी ने विशाल को अपनी ओर आकर्षित किया। और एक दिन विशाल ने सुजाता को शादी के लिए प्रपोज किया। सुजाता मना न कर सकी उस समय सुजाता। 23वर्ष की थीऔर और विशाल 46वर्ष के।

दोनो की शादी हो जाने के बाद सुजाता और विशाल दोनो ने अपनी कंपनी को अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया। सीमेंट एवम स्पंज आयरन प्लांट लगाया। ताकि निर्माण कार्य के लिए सारी सामग्री उपलब्ध हो सके। और अपनी कंपनी का नाम विशाल एंड सुजाता ग्रुप रख दिया। विशाल उसका चेयरमैन, सुजाता उसकी MD

उनकी कंपनी काफी तरक्की कर ली। पर कुछ वर्षो से विशाल का स्वास्थ्य खराब चल रहा था। वह अब ऑफिस जाना काफी कम कर दिया। अब कंपनी का सारा काम सुजाता ही देख रही है।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है पहली बार में धोका खा गए अभी तो बहुत धमाल होने वाला है
 
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