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Incest यह क्या हुआ

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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इधर सुनीता किचन मैं काम करते हुए सोच रही थी कि मेरा बेटा राजेश नेक, सुशील ,संस्कारी और मर्यादित लड़का है ।उसे अपने बेटे पर गर्व हो रहा था।

लेकिन भगत के द्वारा राजेश के को लेकर कही गई बातों को याद करते हैं ही ,उनके मन में एक एक डर भी घर करने लगा।

राजेश को सच में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ।उसके मन में अजीब सी कश्मकश चलने लगी ।

इस तरह 10 दिन निकल गए। सुनीता ने पाया कि इन 10 दिनों तक राजेश को अपने हाथों से पेशाब कराने के बाद भी उनके लिंग में कोई तनाव नहीं आया ।उसे राजेश को लेकर बहुत चिंता होने लगी ।

सुनीता सोचने लगी हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं मुझ में कोई आकर्षण ही न रह गया हो ।मैं राजेश की मां हूं ,इसलिए भी उसे सेक्सुअल फीलिंग भी नहीं आ रहा हो। जिससे लिंग में तनाव ना आप आ रहा हो ।

तभी वह सोचती है , यह जानना आवश्यक है मेरे लिए कि राजेश नॉर्मल है ।पर वह क्या करें? उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था।

तभी स्वीटी अपने मां के पास आती है

इस समय वह ब्लू कलर की लहंगा और चोली पहनी हुई थी ।

सुनीता स्वीटी से कहती है। अरे बेटी इतनी सजी-धजी हो ,कहीं जा रही हो क्या ?

स्वीटी ने अपने मां से कहा हां मा मैं तुम्हें बताने ही आई हूं ।मेरी सहेली की बहन की शादी है मैं वही जा रही हूं।

सुनीता ने स्वीटी को गौर से देखा ।
स्वीटी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ।उसकी नाभि और खुली हुई पेट उसकी सुंदरता में चार चार चांद लगा रहा था ।खूबसूरत के साथ-साथ बहुत ही हॉट भी लग रही थी। चोली की कसावट को को बाहर देख कर ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। कि चोली के अंदर स्तनों का साइज क्या होगा?

सुनीता ने स्वीटी से कहा मेरी बेटी तो बहुत सुंदर लग रही है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा थैंक यू मम्मी ।
इसमें समय शाम के 7:00 बज रहे थे ।

सुनीता ने स्वीटी से कहा ठीक है बेटी तुम चली जाओ लेकिन 9:30 बजे से पहले ही चली आना ।ज्यादा देर ना करना ।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा मामी 9:30 तक आ जाऊंगी ।

सुनीता ने कहा अच्छी बात है बेटी ।

स्वीटी घर से अपने सहेली के यहां चली गई ।घर से

इधर सुनीता किचन में सोच रही थी ,स्वीटी भी कितनी बड़ी हो गई है ।वह लहंगा और चोली मे इतनी सुंदर और हाट लग रही है ।कुछ समय के बाद फिर वह राजेश के बारे में सोचने लगी उसे उसी चिंता होने लगी ।

तभी अचानक से उसके मन में एक विचार आया ,हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं और मैं राजेश की मां भी हूं इस कारण राजेश के मन में कोई सेक्सुअल फिलिंग ना आप आ रहा हूं जिसके कारण उसके लिंग पर तनाव ना आप आ रहा हो पर स्वीटी तो बहुत ही खूबसूरत और हॉट है। क्यों ना आज राजेश की मदद करने के लिए स्वीटी से कहूं ।सिटी की सुंदरता को देखकर हो सकता है। राजेश के मन में कोई फीलिंग जागे और उसके लिंग मैं कोई हरकत हो और पता चल सके कि राजेश नॉर्मल है ।

फिर सोचती है,स्वीटी राजेश की बहन है ,क्या यह करना सही रहेगा?

सुनीता सोचती है राजेश नॉर्मल है कि नहीं यह पता लगाना बहुत ही जरूरी है। चाहे इसके लिए मुझे किसी की भी मदद लेनी पड़े ।

पर मैं स्वीटी से राजेश की मदद करने की बात कैसे कहूं।वह फिर से दुविधा में फंस गई ।

फिर उसके मन में एक विचार आया और वह सोच ली कि उसे क्या करना है। प्रतिदिन की तरह वह घर का सारा काम निपटाने लगी।

शेखर ड्यूटी से आया,सुनिता ने राजेश को खाना खिलाने के बाद, शेखर और सुनीता दोनों भी खाना खा लिए ।
सुनीता ने किचन के काम को निपटा ली और फिर अपने हाथों में मेहंदी लगाने लगी। वह अपने दोनों हाथों में मेहंदी लगा ली।

शेखर ने सुनीता को मेहंदी लगाते हुए देखा। आज क्या बात है जान हाथों पर मेहंदी लगा रही हो।

सुनिता बोली , मैं सोच रही थी कल संडे है तुम्हारा छुट्टी भी है, क्यों ना हम कल घर में में पूजा कराएं ताकि हमारा बेटा जल्दी स्वस्थ हो जाए ।

शेखर ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है तुमने अच्छा सोचा है ।

सुनिता बोली पूजा हम प्रातः 11:00 बजे ही करा देते हैं। पंचांग के अनुसार 11:00 बजे का समय कल पूजा के लिए अच्छा है।

शेखर ने कहा जैसी तुम्हारी इच्छा।

मेहंदी लगाकर सुनीता, स्वीटी के घर आने का इंतजार करने लगी ।वह दरवाजा बंद नहीं की थी। हाथों पर मेहंदी लगाने के कारण उसे दरवाजा खोलने में दिक्कत होती ।

शेखर सो चुका था ।करीब 10:00 बजे स्वीटी घर पहुंची स्वीटी घर के अंदर आई उसे देखकर सुनीता ने कहा। आ गई बेटी कैसा रहा पार्टी।

स्वीटी ने कहा पार्टी में बहुत मजा आया मम्मी ।

स्वीटी अपने रूम की ओर जाने लगी। तभी सुनीता ने स्वीटी से कहा बेटी दरवाजा बंद कर दो मेरी हाथों पर मेहंदी लगी है।

स्वीटी ने अपने मां से कहा क्या बात है मम्मी? हाथों पर मेहंदी लगाई हो।

तब सुनीता ने कहां, बेटा घर में कल पूजा है तुम्हारे भाई जल्दी स्वस्थ हो ,इसके लिए घर में पूजा करा रहे है।

स्वीटी ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है मा।

स्वीटी ने घर के दरवाजा बंद कर दी और वह अपने रूम में जाने लगी।तब सुनीता स्वीटी से बोली बेटी रुको। मुझे तुमसे कुछ काम है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा क्या काम है मां ।

बेटा तुम्हें तुम्हारी भाई की हेल्प करनी होगी। स्वीटी यह सुनकर चौक गई।वह बोली मा कैसी मदद?

सुनिता-- बेटा उस दिन तो तुमने देखी थी कि तुम्हारे भाई की मदद में कैसे करती हूं।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी के दिल की धड़कन बढ़ने लगा। उसे वह दृश्य फिर से याद आने लगी। किस तरह से उसकी मां उसके भाई के लंड को हाथों से पकड़कर उसे मूतवाती है ।

सुनीता स्वीटी से कहती है बेटा मेरे दोनों हाथों पर मेहंदी लगी है। मैं तुम्हारी भाई की मदद अभी नहीं कर सकती ।सोने से पहले राजेश को पेशाब कराना जरूरी है नहीं तो रात में से परेशानी होगी।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी कि दिल की धड़कन बढने लगी । उसके शरीर कपकपाने लगी।

वह लड़खडाते शब्दों में अपने मां से कहती है मा मुझे बहुत शर्म आएगी। यह कहते हुए उसने अपना सिर नीचे झुका ली ।उसके गाल शर्म के मारे लाल हो गए थे ।

सुनीता ने कहा बेटी शर्म छोड़कर हमें राजेश की मदद तो करनी ही पड़ेगी और कोई रास्ता ही नहीं है।

स्वीटी कहती है मा मैं यह कैसे कर पाऊंगी कोई दूसरा तरीका ढूंढो ना ।

सुनीता ने कहा नहीं बेटा या तुम्हें करना ही होगा ।

स्वीटी ने कहा ठीक है मम्मी मैं अपने कपड़े बदल लेती हूं ।उसके बाद मैं भैया की मदद करूंगी।

तब सुनीता कहती है नहीं बेटा पहले तुम अपनी भैया की मदद करो ।रात काफी हो चुकी है। उसे पेशाब भी लग रहा होगा ।उसे पिशाब किए बहुत समय भी हो गयाहै।

तुम पहले राजेश की मदद कर दो उसके बाद कपड़े चेंज कर लेना ।

सुनीता चाहती थी कि स्वीटी इसी ड्रेस पहने हुए राजेश को पेशाब कराएं ,क्योंकि स्वीटी इस ड्रेस में बहुत ही हॉट और खूबसूरत लग रही थी।लहंगा और चोली में देखकर हो सकता है राजेश के लिंग में कोई हरकत हो ।
स्वीटी --ठीक है मां ,मैं भैया की पहले में मदद कर लेती हूं ।उसके बाद मै कपड़ा चेंज करूंगी और स्वीटी राजेश की कमरे की ओर चली जाती है।

आगे क्या होने वाला है यह सो सोच कर उसकी दिल की धड़कन बढ़ गई थी। वह राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।

राजेश सोच रहा था कि उसकी मां होगी ।लेकिन कमरे में स्वीटी थी ।

राजेश ने स्वीटी से कहा क्या बात है? स्वीटी ।कुछ काम था।

स्वीटी ने अपने भाई से लड़खड़ाते हुए शब्दों में कहा। भैया मुझे मा ने भेजा है। आपकी हेल्प करने के लिए ।

ऐसा बोलकर वह शर्म से गाड़ी जा रही थी ।उसके गाल लाल हो गए थे। उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश ने चौकते हुए कहा मम्मी क्यों नहीं आई ?

स्वीटी ने इसके बारे में बताया की मां के दोनों हाथों में मेहंदी लगी हुई है। कल घर में पूजा रखा गया है ,ताकि तुम जल्दी स्वस्थ हो, इसलिए माने तुम्हारे हेल्प के लिए मुझे भेजा है फिर वह अपने सिर झुका ली और मुस्कुराने लगी ।

राजेश असहज महसूस करने लगा वह स्वीटी से कहा तुम्हें क्या करना होगा पता है ?

स्वीटी ने अपना सिर हिला कर हां कहीं। शर्म के मारे उसके गाल लाल हो गए थे ।उनके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश अपने बिस्तर से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा ।स्वीटी भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम की ओर चली गई ।

राजेश यूरिनल पाट के सामने जाकर खड़ा हो गया ।

स्वीटी राजेश के पीछे खड़ी हो गई। राजेश भी कुछ असहज महसूस कर रहा था।

स्वीटी की तो हालत ही खराब थी। बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी ।

स्वीटी अपने कपकपाते हाथों को आगे ले जाकर राजेश के लोवर को खींचते हुए उसे घुटने तक खीच दिया ।हांथ लंड पर रख दिया और उसे पकड़ कर उसके लटके लंड को सीधा कर दिया। उसकी सांसे तेज होने लगी ।

राजेश के कूल्हे को देखकर स्वीटी की शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगी। स्वीटी को मालूम था कि आगे उसे क्या करना है ।उसके दिल जोर-जोर से धड़कने लगी।

राजेश का लंड काफी बड़ा था ।स्वीटी क हाथों मैं लेने के बाद भी आधा लंड उसके हाथ से बाहर बचा हुआ था ।

स्वीटी झुककर राजेश के लंड* को देखने लगी। उसने सही पकड़ी है कि नहीं, ताकि राजेश की मूत यूरिनल पाट में सही तरीके से जाए।

इसके पहले स्वीटी ने किसी का लंड नहीं देखा था। वह बहुत ही उत्तेजित हो गई। उसकी चूची फुलने पिचकने लगी। उसकी निप्पल कड़क हो गई। उसकी चूत मे खलबली मचने लगी । वह रस बहाने शुरू कर शुरू कर दी ।

इधर राजेश अपने लंड* पर दबाव बनाया ।उसके लंड से पेशाब तेज गति से निकलकर यूरिनल पाट मे जाने लगा ।

राजेश की मूतने की आवाज बाथरूम में गूंजने लगा।

उसे सुनकर स्वीटी मदहोश हो गई। स्वीटी का बुरा हाल हो रहा था। उसके चूत का पानी बह कर उसकी पैंटी को भिगो रही थी।

स्वीटी की दिल की धड़कन काफी बढ़ गई थी। उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी ।अब सिटी से बर्दाश्त करना मुश्किल था। उसका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ने लगी ।

झड़ने के बाद स्वीटी जब आंख खोली उसका ध्यान दरवाजे की तरफ गया। दरवाजे के सामने सुनीता खड़ी होकर राजेश के लंड* को ही देख रही थी।

इस समय स्वीटी राजेश के लंड को पकड़ा उसकी मां के द्वारा देखे जाने से हां बहुत ही शर्म महसूस करने लगी।

दरअसल सुनीता की यह एक योजना थी कि वह जाकर देखेगी जब स्वीटी राजेश को पेशाब करा रहेगी तब राजेश के लिंग में तनाव आता है कि नही और समय देखकर राजेश के कमरे में आ गई थी ।

सुनीता ने जब देखा स्वीटी के द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में तनाव नहीं आया। तब वह निराश हो गई।

, राजेश को पेशाब कराता मा के द्वारा देखे जाने से ।स्वीटी बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी। राजेश को पेशाब करा कर, वह सीधे अपने कमरे में चली गई ।

स्वीटी अपने कमरे में जाने के बाद राहत की सांस ली और वह अपने लहंगा और चोली को उतारने लगी ।

उसने अपने लहंगा को हाथो से उठाकर देखा तो उसका एक हिस्सा उसके चूत के रस् से गीला हो गया था ।

उसने अपनी पैंटी की ओर देखा ।उसका तो और बुरा हाल हो गया था जैसे कि वह अपने पेंटी में मूत डाली हो ।

उसे जोरों की मूत भी आ रही थी वह पेंटी को निकालकर अपने बाथरूम में घुस गई औरउकडू बैठककर मूतूने लगी ।

वह मूतते हुए अपनी चूत को देखने लगा । उसके साथ उसके चुत के साथ उसकी चूत का पानी भी मिलकर साथ साथबाहर आ रहा था। मूतने के बाद उसको कुछ अच्छा महसूस होने लगा ।

इधर सुनीता भी राजेश के कैमरे से निकलकर अपने कमरे में आ गई ।अपने बिस्तर पर लेट कर सोचने लगी ।

सिटी के द्वारा द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में कोई हरकत नहीं हुआ यह सोच कर सुनीता की चिंता और बढ़ गई ।

अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आगे क्या करें ।

अगली सुबह सुनीता नहाने के बाद वह घर के काम निपटाने के बाद वह पूजा की तैयारी मैं लग गई। शेखर ने पंडित को फोन करके घर में पूजा करने की बात कही।

पंडित जी ने समय समय पर आने के लिए हामी भर दी।शेखर , पूजा सामग्री लेने के लिए मार्केट चला गया और वह सामग्री लेकर घर आया।

इधर सुनीता , पूजा की सारी तैयारी कर ली थी पंडित जी भी 11:00 बजे पूजा के लिए शेखर के घर पहुंच गया ।

पूजा में बैठने के लिए सुनीता तैयार हो गई थी इस समय लाल रंग की साड़ी पहनी थी ।साडी काफी फैशनेबल था। वह नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी ।

स्वीटी ने अपनी मां को देखकर कहा, मां तुम तो नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही रही हो।

स्वीटी की बात सुनकर सुनीता ने स्वीटी से कहा ,चुप बेशर्म और वह मुस्कुराने लगी।

राजेश को पूजा में शामिल होने के लिये बुला लिया गया।

पंडित जी के सामने की ओर शेखर और सुनीता बैठी थी ।पंडित जी के दाएं और राजेश बैठा था और बाएं और स्वीटी बैठी थी और पूजा का कार्यक्रम 2 घंटे तक चला ।

पंडित जी ने पूजा विधिवत पूर्ण कराया ।पूजा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पंडित जी चला गया ।

स्वीटी ने अपने मम्मी और पापा से कहा आप लोग यहां आइए मुझे सेल्फी लेनी है। फैमिली सेल्फी ।

,सेल्फी लेने के बाद स्वीटी ने अपनी मां से कहा मां मुझे आपकी फोटो लेनी है ।तुम् आज दुल्हन की तरह लग रही हो। बहुत ही सुंदर। मैं अपनी सहेलियों को दिखा उंगी कि मेरी मां कितनी सुंदर है।

सुनीता -- धत पगली मेरा मजाक उड़ाती है !मैं बूड़ी हो चुकी हूं।

स्वीटी-- नहीं मैं झूठ नहीं बोल रही हूं बहुत ही सुंदर लग रही हो !तुम तो मेरी बड़ी बहन जैसी लग रही हो।

राजेश भाई से वह , बोलो भैया क्या मैं झूठ बोल रही हूूं।
तब राजेश की नजर अपनी मा पर गया ।उसने देखा कि उसकी मां सच में खूबसूरत लग रही थी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह।वह एक एकटक अपनी मां को ही देखने लगा ।

सुनीता की नजर राजेश् पर पड़ी ।सुनीता ने देखा कि राजेश उसकी और नजर गड़ाए देख रहा है ।उसे शर्म आने लगी ।शर्म से उसकी गाल लाल हो गई ।

स्वीटी ने राजेश से कहा भैया कुछ बोलते क्यों नहीं ?

राजेश कहीं खो सा गया था ।वह सोते जागा। वह अपनी मां से कहा हा मा आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो ।किसी नई नवेली दुल्हन की तरह ।

अपने बेटे की बात को सुनकर सुनीता शर्म से पानी पानी हो गई और वह सीधी अपने कमरे में चली गई ।

शाम को 4:00 बज गया था। आज राजेश को हॉस्पिटल ले जाना था। चेकअप के लिए। शेखर ने राजेश को हॉस्पिटल जाने कीबात बताया ,फिर दोनों तैयार होकर कार से अस्पताल के लिए चले गए ।

अस्पताल जाने के बाद डॉक्टरों ने राजेश का चेकअप किया। डॉक्टरों ने पाया कि राजेश उमिद से भी ज्यादा ज्यादा तेजी से उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है ।उसके हाथ में मूवमेंट होना शुरू हो गया था। डॉक्टर ने राजेश के के हाथों में लगी पट्टी को निकाल दिया ।राजेश लगभग 70% ठीक हो चुका था लेकिन राजेश को अपने हाथों को उठाने और नीचे ले जाने में अभी दर्द महसूस हो रहा था। राजेश के हाथों को सहारा के लिए एक हाथ में पट्टा डालकर उसके गले से लटका दिया गया ।यह पट्टा वाटरप्रूफ था जो पानी से भीगने पर भी खराब नहीं होता। डॉक्टरों न राजेश के हाथों पर मालिश करने के लिए एक तेल दिया। जिससे हाथों पर मालिश करने से हाथ जल्दी ठीक हो जाएगा। उन्हें 1 सप्ताह के लिए दवाइयां भी दिया गया ।शेखर बहुत खुश था कि उसका बेटा बहुत तेजी से ठीक हो रहा है ।वे दोनों अस्पताल से घर आए ,घर में आते ही सुनीता ने देखा।

राजेश के हाथों पट्टी खोल दिया गया है सुनीता ने शेखर से कहा क्या हुआ जी? राजेश की हाथों मैं लगी पट्टी कहां गया।

शेखर ने बताया राजेश बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा डॉक्टरों ने कहा अब पट्टी लगाने की जरूरत नहीं है। उसने हाथों पर मालिश करने के लिए कोई तेल दिया है जिससे सुबह-शाम राजेश के हाथों को तेल से मालिश करना है ।वह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा।

सुनीता यह सुनकर बहुत ही खुश हो गई पूजा रूम में गई और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगी ।

भगवान को शुक्रिया अदा करने के बाद सुनीता फिर से शेखर के पास गई जो हाल में ही बैठा था। राजेश भी हाल मैं बैठा था।

शेखर सुनीता को राजेश को डॉक्टरों के द्वारा दी गई तेल और दवाइयों को दिखाने लगी। किस समय ककौन सी दवाई को खिलानी है।सुनिता को समझाने लगा और अंत में बताया कि अब राजेश को हम नहला भी सकते हैं ।राजेश पिछले 10 दिनों नहाया नहीं है। कल से तुम उसे रोज नहला ला सकती हो ।

बाते समझकर सुनीता अपने किचन में चली गई। राजेश अपने रूम में चला गया। शेखर भी अपने रूम में चला गया।

इधर राजेश अपने रूम मे लेटा हुआ था ।अपने हाथों को हल्का हल्का मूवमेंट भी करा पा रहा था। उसकी हाथों की कलाइयां और उंगलियां पूरी तरह से कार्य कर रहा था ।वह अब मोबाइल उठा एवं उसे चला भी सकता था। वह मोबाइल उठा कर उसे चलाने लगा ,अपने दोस्तों को व्हाट्सएप मैसेज करने लगा।

रात में सुनीता अपने बिस्तर पर लेटे लेटे सोच रही थी। मेरा बेटा बहुत कुछ ठीक हो गया है और जल्दीही पूरा ठीक हो जाएगा ।यह सोचकर वह मन ही मन बहुत खुश हो रही थी ।

तभी याद आया कि राजेश कैसी उसकी ओर टकटकी की की नजरों से देख रहा था और उसने कहा कि मैं नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही हू। यह सोच कर वह शर्माने लगी ।वह मंद मंद मुस्कुराने लगी ।

कुछ समय बाद फिर से चिंता सताने लगी कि राजेश सेक्सुवली रुप से नॉर्मल तो है ना ।

वह कैसे पता करें इसके बारे में वह सोचने लगी। तब उसे एक रास्ता सुझा । उसे याद आया कि राजेश को कल नहलाना है और उसने यह मन में ठान ली जो भी करना है वह कल करेगी। अगर राजेश के लिंग में फिर भी तनाव नहीं हुआ ,तो इसके बाद वह यह मान लेगी कि राजेश को सचमुच में कोई प्रॉब्लम है ।

कल राजेश को नहलाते समय वह क्या क्या करेगी इसी के बारे में सोचने लगी। वह सोच कर ही शर्माने लगी और मंद मंद मुस्कुराने लगी।
Shandar update Bhai,

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इधर सुनीता किचन मैं काम करते हुए सोच रही थी कि मेरा बेटा राजेश नेक, सुशील ,संस्कारी और मर्यादित लड़का है ।उसे अपने बेटे पर गर्व हो रहा था।

लेकिन भगत के द्वारा राजेश के को लेकर कही गई बातों को याद करते हैं ही ,उनके मन में एक एक डर भी घर करने लगा।

राजेश को सच में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ।उसके मन में अजीब सी कश्मकश चलने लगी ।

इस तरह 10 दिन निकल गए। सुनीता ने पाया कि इन 10 दिनों तक राजेश को अपने हाथों से पेशाब कराने के बाद भी उनके लिंग में कोई तनाव नहीं आया ।उसे राजेश को लेकर बहुत चिंता होने लगी ।

सुनीता सोचने लगी हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं मुझ में कोई आकर्षण ही न रह गया हो ।मैं राजेश की मां हूं ,इसलिए भी उसे सेक्सुअल फीलिंग भी नहीं आ रहा हो। जिससे लिंग में तनाव ना आप आ रहा हो ।

तभी वह सोचती है , यह जानना आवश्यक है मेरे लिए कि राजेश नॉर्मल है ।पर वह क्या करें? उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था।

तभी स्वीटी अपने मां के पास आती है

इस समय वह ब्लू कलर की लहंगा और चोली पहनी हुई थी ।

सुनीता स्वीटी से कहती है। अरे बेटी इतनी सजी-धजी हो ,कहीं जा रही हो क्या ?

स्वीटी ने अपने मां से कहा हां मा मैं तुम्हें बताने ही आई हूं ।मेरी सहेली की बहन की शादी है मैं वही जा रही हूं।

सुनीता ने स्वीटी को गौर से देखा ।
स्वीटी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ।उसकी नाभि और खुली हुई पेट उसकी सुंदरता में चार चार चांद लगा रहा था ।खूबसूरत के साथ-साथ बहुत ही हॉट भी लग रही थी। चोली की कसावट को को बाहर देख कर ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। कि चोली के अंदर स्तनों का साइज क्या होगा?

सुनीता ने स्वीटी से कहा मेरी बेटी तो बहुत सुंदर लग रही है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा थैंक यू मम्मी ।
इसमें समय शाम के 7:00 बज रहे थे ।

सुनीता ने स्वीटी से कहा ठीक है बेटी तुम चली जाओ लेकिन 9:30 बजे से पहले ही चली आना ।ज्यादा देर ना करना ।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा मामी 9:30 तक आ जाऊंगी ।

सुनीता ने कहा अच्छी बात है बेटी ।

स्वीटी घर से अपने सहेली के यहां चली गई ।घर से

इधर सुनीता किचन में सोच रही थी ,स्वीटी भी कितनी बड़ी हो गई है ।वह लहंगा और चोली मे इतनी सुंदर और हाट लग रही है ।कुछ समय के बाद फिर वह राजेश के बारे में सोचने लगी उसे उसी चिंता होने लगी ।

तभी अचानक से उसके मन में एक विचार आया ,हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं और मैं राजेश की मां भी हूं इस कारण राजेश के मन में कोई सेक्सुअल फिलिंग ना आप आ रहा हूं जिसके कारण उसके लिंग पर तनाव ना आप आ रहा हो पर स्वीटी तो बहुत ही खूबसूरत और हॉट है। क्यों ना आज राजेश की मदद करने के लिए स्वीटी से कहूं ।सिटी की सुंदरता को देखकर हो सकता है। राजेश के मन में कोई फीलिंग जागे और उसके लिंग मैं कोई हरकत हो और पता चल सके कि राजेश नॉर्मल है ।

फिर सोचती है,स्वीटी राजेश की बहन है ,क्या यह करना सही रहेगा?

सुनीता सोचती है राजेश नॉर्मल है कि नहीं यह पता लगाना बहुत ही जरूरी है। चाहे इसके लिए मुझे किसी की भी मदद लेनी पड़े ।

पर मैं स्वीटी से राजेश की मदद करने की बात कैसे कहूं।वह फिर से दुविधा में फंस गई ।

फिर उसके मन में एक विचार आया और वह सोच ली कि उसे क्या करना है। प्रतिदिन की तरह वह घर का सारा काम निपटाने लगी।

शेखर ड्यूटी से आया,सुनिता ने राजेश को खाना खिलाने के बाद, शेखर और सुनीता दोनों भी खाना खा लिए ।
सुनीता ने किचन के काम को निपटा ली और फिर अपने हाथों में मेहंदी लगाने लगी। वह अपने दोनों हाथों में मेहंदी लगा ली।

शेखर ने सुनीता को मेहंदी लगाते हुए देखा। आज क्या बात है जान हाथों पर मेहंदी लगा रही हो।

सुनिता बोली , मैं सोच रही थी कल संडे है तुम्हारा छुट्टी भी है, क्यों ना हम कल घर में में पूजा कराएं ताकि हमारा बेटा जल्दी स्वस्थ हो जाए ।

शेखर ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है तुमने अच्छा सोचा है ।

सुनिता बोली पूजा हम प्रातः 11:00 बजे ही करा देते हैं। पंचांग के अनुसार 11:00 बजे का समय कल पूजा के लिए अच्छा है।

शेखर ने कहा जैसी तुम्हारी इच्छा।

मेहंदी लगाकर सुनीता, स्वीटी के घर आने का इंतजार करने लगी ।वह दरवाजा बंद नहीं की थी। हाथों पर मेहंदी लगाने के कारण उसे दरवाजा खोलने में दिक्कत होती ।

शेखर सो चुका था ।करीब 10:00 बजे स्वीटी घर पहुंची स्वीटी घर के अंदर आई उसे देखकर सुनीता ने कहा। आ गई बेटी कैसा रहा पार्टी।

स्वीटी ने कहा पार्टी में बहुत मजा आया मम्मी ।

स्वीटी अपने रूम की ओर जाने लगी। तभी सुनीता ने स्वीटी से कहा बेटी दरवाजा बंद कर दो मेरी हाथों पर मेहंदी लगी है।

स्वीटी ने अपने मां से कहा क्या बात है मम्मी? हाथों पर मेहंदी लगाई हो।

तब सुनीता ने कहां, बेटा घर में कल पूजा है तुम्हारे भाई जल्दी स्वस्थ हो ,इसके लिए घर में पूजा करा रहे है।

स्वीटी ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है मा।

स्वीटी ने घर के दरवाजा बंद कर दी और वह अपने रूम में जाने लगी।तब सुनीता स्वीटी से बोली बेटी रुको। मुझे तुमसे कुछ काम है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा क्या काम है मां ।

बेटा तुम्हें तुम्हारी भाई की हेल्प करनी होगी। स्वीटी यह सुनकर चौक गई।वह बोली मा कैसी मदद?

सुनिता-- बेटा उस दिन तो तुमने देखी थी कि तुम्हारे भाई की मदद में कैसे करती हूं।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी के दिल की धड़कन बढ़ने लगा। उसे वह दृश्य फिर से याद आने लगी। किस तरह से उसकी मां उसके भाई के लंड को हाथों से पकड़कर उसे मूतवाती है ।

सुनीता स्वीटी से कहती है बेटा मेरे दोनों हाथों पर मेहंदी लगी है। मैं तुम्हारी भाई की मदद अभी नहीं कर सकती ।सोने से पहले राजेश को पेशाब कराना जरूरी है नहीं तो रात में से परेशानी होगी।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी कि दिल की धड़कन बढने लगी । उसके शरीर कपकपाने लगी।

वह लड़खडाते शब्दों में अपने मां से कहती है मा मुझे बहुत शर्म आएगी। यह कहते हुए उसने अपना सिर नीचे झुका ली ।उसके गाल शर्म के मारे लाल हो गए थे ।

सुनीता ने कहा बेटी शर्म छोड़कर हमें राजेश की मदद तो करनी ही पड़ेगी और कोई रास्ता ही नहीं है।

स्वीटी कहती है मा मैं यह कैसे कर पाऊंगी कोई दूसरा तरीका ढूंढो ना ।

सुनीता ने कहा नहीं बेटा या तुम्हें करना ही होगा ।

स्वीटी ने कहा ठीक है मम्मी मैं अपने कपड़े बदल लेती हूं ।उसके बाद मैं भैया की मदद करूंगी।

तब सुनीता कहती है नहीं बेटा पहले तुम अपनी भैया की मदद करो ।रात काफी हो चुकी है। उसे पेशाब भी लग रहा होगा ।उसे पिशाब किए बहुत समय भी हो गयाहै।

तुम पहले राजेश की मदद कर दो उसके बाद कपड़े चेंज कर लेना ।

सुनीता चाहती थी कि स्वीटी इसी ड्रेस पहने हुए राजेश को पेशाब कराएं ,क्योंकि स्वीटी इस ड्रेस में बहुत ही हॉट और खूबसूरत लग रही थी।लहंगा और चोली में देखकर हो सकता है राजेश के लिंग में कोई हरकत हो ।
स्वीटी --ठीक है मां ,मैं भैया की पहले में मदद कर लेती हूं ।उसके बाद मै कपड़ा चेंज करूंगी और स्वीटी राजेश की कमरे की ओर चली जाती है।

आगे क्या होने वाला है यह सो सोच कर उसकी दिल की धड़कन बढ़ गई थी। वह राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।

राजेश सोच रहा था कि उसकी मां होगी ।लेकिन कमरे में स्वीटी थी ।

राजेश ने स्वीटी से कहा क्या बात है? स्वीटी ।कुछ काम था।

स्वीटी ने अपने भाई से लड़खड़ाते हुए शब्दों में कहा। भैया मुझे मा ने भेजा है। आपकी हेल्प करने के लिए ।

ऐसा बोलकर वह शर्म से गाड़ी जा रही थी ।उसके गाल लाल हो गए थे। उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश ने चौकते हुए कहा मम्मी क्यों नहीं आई ?

स्वीटी ने इसके बारे में बताया की मां के दोनों हाथों में मेहंदी लगी हुई है। कल घर में पूजा रखा गया है ,ताकि तुम जल्दी स्वस्थ हो, इसलिए माने तुम्हारे हेल्प के लिए मुझे भेजा है फिर वह अपने सिर झुका ली और मुस्कुराने लगी ।

राजेश असहज महसूस करने लगा वह स्वीटी से कहा तुम्हें क्या करना होगा पता है ?

स्वीटी ने अपना सिर हिला कर हां कहीं। शर्म के मारे उसके गाल लाल हो गए थे ।उनके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश अपने बिस्तर से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा ।स्वीटी भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम की ओर चली गई ।

राजेश यूरिनल पाट के सामने जाकर खड़ा हो गया ।

स्वीटी राजेश के पीछे खड़ी हो गई। राजेश भी कुछ असहज महसूस कर रहा था।

स्वीटी की तो हालत ही खराब थी। बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी ।

स्वीटी अपने कपकपाते हाथों को आगे ले जाकर राजेश के लोवर को खींचते हुए उसे घुटने तक खीच दिया ।हांथ लंड पर रख दिया और उसे पकड़ कर उसके लटके लंड को सीधा कर दिया। उसकी सांसे तेज होने लगी ।

राजेश के कूल्हे को देखकर स्वीटी की शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगी। स्वीटी को मालूम था कि आगे उसे क्या करना है ।उसके दिल जोर-जोर से धड़कने लगी।

राजेश का लंड काफी बड़ा था ।स्वीटी क हाथों मैं लेने के बाद भी आधा लंड उसके हाथ से बाहर बचा हुआ था ।

स्वीटी झुककर राजेश के लंड* को देखने लगी। उसने सही पकड़ी है कि नहीं, ताकि राजेश की मूत यूरिनल पाट में सही तरीके से जाए।

इसके पहले स्वीटी ने किसी का लंड नहीं देखा था। वह बहुत ही उत्तेजित हो गई। उसकी चूची फुलने पिचकने लगी। उसकी निप्पल कड़क हो गई। उसकी चूत मे खलबली मचने लगी । वह रस बहाने शुरू कर शुरू कर दी ।

इधर राजेश अपने लंड* पर दबाव बनाया ।उसके लंड से पेशाब तेज गति से निकलकर यूरिनल पाट मे जाने लगा ।

राजेश की मूतने की आवाज बाथरूम में गूंजने लगा।

उसे सुनकर स्वीटी मदहोश हो गई। स्वीटी का बुरा हाल हो रहा था। उसके चूत का पानी बह कर उसकी पैंटी को भिगो रही थी।

स्वीटी की दिल की धड़कन काफी बढ़ गई थी। उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी ।अब सिटी से बर्दाश्त करना मुश्किल था। उसका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ने लगी ।

झड़ने के बाद स्वीटी जब आंख खोली उसका ध्यान दरवाजे की तरफ गया। दरवाजे के सामने सुनीता खड़ी होकर राजेश के लंड* को ही देख रही थी।

इस समय स्वीटी राजेश के लंड को पकड़ा उसकी मां के द्वारा देखे जाने से हां बहुत ही शर्म महसूस करने लगी।

दरअसल सुनीता की यह एक योजना थी कि वह जाकर देखेगी जब स्वीटी राजेश को पेशाब करा रहेगी तब राजेश के लिंग में तनाव आता है कि नही और समय देखकर राजेश के कमरे में आ गई थी ।

सुनीता ने जब देखा स्वीटी के द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में तनाव नहीं आया। तब वह निराश हो गई।

, राजेश को पेशाब कराता मा के द्वारा देखे जाने से ।स्वीटी बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी। राजेश को पेशाब करा कर, वह सीधे अपने कमरे में चली गई ।

स्वीटी अपने कमरे में जाने के बाद राहत की सांस ली और वह अपने लहंगा और चोली को उतारने लगी ।

उसने अपने लहंगा को हाथो से उठाकर देखा तो उसका एक हिस्सा उसके चूत के रस् से गीला हो गया था ।

उसने अपनी पैंटी की ओर देखा ।उसका तो और बुरा हाल हो गया था जैसे कि वह अपने पेंटी में मूत डाली हो ।

उसे जोरों की मूत भी आ रही थी वह पेंटी को निकालकर अपने बाथरूम में घुस गई औरउकडू बैठककर मूतूने लगी ।

वह मूतते हुए अपनी चूत को देखने लगा । उसके साथ उसके चुत के साथ उसकी चूत का पानी भी मिलकर साथ साथबाहर आ रहा था। मूतने के बाद उसको कुछ अच्छा महसूस होने लगा ।

इधर सुनीता भी राजेश के कैमरे से निकलकर अपने कमरे में आ गई ।अपने बिस्तर पर लेट कर सोचने लगी ।

सिटी के द्वारा द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में कोई हरकत नहीं हुआ यह सोच कर सुनीता की चिंता और बढ़ गई ।

अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आगे क्या करें ।

अगली सुबह सुनीता नहाने के बाद वह घर के काम निपटाने के बाद वह पूजा की तैयारी मैं लग गई। शेखर ने पंडित को फोन करके घर में पूजा करने की बात कही।

पंडित जी ने समय समय पर आने के लिए हामी भर दी।शेखर , पूजा सामग्री लेने के लिए मार्केट चला गया और वह सामग्री लेकर घर आया।

इधर सुनीता , पूजा की सारी तैयारी कर ली थी पंडित जी भी 11:00 बजे पूजा के लिए शेखर के घर पहुंच गया ।

पूजा में बैठने के लिए सुनीता तैयार हो गई थी इस समय लाल रंग की साड़ी पहनी थी ।साडी काफी फैशनेबल था। वह नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी ।

स्वीटी ने अपनी मां को देखकर कहा, मां तुम तो नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही रही हो।

स्वीटी की बात सुनकर सुनीता ने स्वीटी से कहा ,चुप बेशर्म और वह मुस्कुराने लगी।

राजेश को पूजा में शामिल होने के लिये बुला लिया गया।

पंडित जी के सामने की ओर शेखर और सुनीता बैठी थी ।पंडित जी के दाएं और राजेश बैठा था और बाएं और स्वीटी बैठी थी और पूजा का कार्यक्रम 2 घंटे तक चला ।

पंडित जी ने पूजा विधिवत पूर्ण कराया ।पूजा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पंडित जी चला गया ।

स्वीटी ने अपने मम्मी और पापा से कहा आप लोग यहां आइए मुझे सेल्फी लेनी है। फैमिली सेल्फी ।

,सेल्फी लेने के बाद स्वीटी ने अपनी मां से कहा मां मुझे आपकी फोटो लेनी है ।तुम् आज दुल्हन की तरह लग रही हो। बहुत ही सुंदर। मैं अपनी सहेलियों को दिखा उंगी कि मेरी मां कितनी सुंदर है।

सुनीता -- धत पगली मेरा मजाक उड़ाती है !मैं बूड़ी हो चुकी हूं।

स्वीटी-- नहीं मैं झूठ नहीं बोल रही हूं बहुत ही सुंदर लग रही हो !तुम तो मेरी बड़ी बहन जैसी लग रही हो।

राजेश भाई से वह , बोलो भैया क्या मैं झूठ बोल रही हूूं।
तब राजेश की नजर अपनी मा पर गया ।उसने देखा कि उसकी मां सच में खूबसूरत लग रही थी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह।वह एक एकटक अपनी मां को ही देखने लगा ।

सुनीता की नजर राजेश् पर पड़ी ।सुनीता ने देखा कि राजेश उसकी और नजर गड़ाए देख रहा है ।उसे शर्म आने लगी ।शर्म से उसकी गाल लाल हो गई ।

स्वीटी ने राजेश से कहा भैया कुछ बोलते क्यों नहीं ?

राजेश कहीं खो सा गया था ।वह सोते जागा। वह अपनी मां से कहा हा मा आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो ।किसी नई नवेली दुल्हन की तरह ।

अपने बेटे की बात को सुनकर सुनीता शर्म से पानी पानी हो गई और वह सीधी अपने कमरे में चली गई ।

शाम को 4:00 बज गया था। आज राजेश को हॉस्पिटल ले जाना था। चेकअप के लिए। शेखर ने राजेश को हॉस्पिटल जाने कीबात बताया ,फिर दोनों तैयार होकर कार से अस्पताल के लिए चले गए ।

अस्पताल जाने के बाद डॉक्टरों ने राजेश का चेकअप किया। डॉक्टरों ने पाया कि राजेश उमिद से भी ज्यादा ज्यादा तेजी से उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है ।उसके हाथ में मूवमेंट होना शुरू हो गया था। डॉक्टर ने राजेश के के हाथों में लगी पट्टी को निकाल दिया ।राजेश लगभग 70% ठीक हो चुका था लेकिन राजेश को अपने हाथों को उठाने और नीचे ले जाने में अभी दर्द महसूस हो रहा था। राजेश के हाथों को सहारा के लिए एक हाथ में पट्टा डालकर उसके गले से लटका दिया गया ।यह पट्टा वाटरप्रूफ था जो पानी से भीगने पर भी खराब नहीं होता। डॉक्टरों न राजेश के हाथों पर मालिश करने के लिए एक तेल दिया। जिससे हाथों पर मालिश करने से हाथ जल्दी ठीक हो जाएगा। उन्हें 1 सप्ताह के लिए दवाइयां भी दिया गया ।शेखर बहुत खुश था कि उसका बेटा बहुत तेजी से ठीक हो रहा है ।वे दोनों अस्पताल से घर आए ,घर में आते ही सुनीता ने देखा।

राजेश के हाथों पट्टी खोल दिया गया है सुनीता ने शेखर से कहा क्या हुआ जी? राजेश की हाथों मैं लगी पट्टी कहां गया।

शेखर ने बताया राजेश बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा डॉक्टरों ने कहा अब पट्टी लगाने की जरूरत नहीं है। उसने हाथों पर मालिश करने के लिए कोई तेल दिया है जिससे सुबह-शाम राजेश के हाथों को तेल से मालिश करना है ।वह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा।

सुनीता यह सुनकर बहुत ही खुश हो गई पूजा रूम में गई और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगी ।

भगवान को शुक्रिया अदा करने के बाद सुनीता फिर से शेखर के पास गई जो हाल में ही बैठा था। राजेश भी हाल मैं बैठा था।

शेखर सुनीता को राजेश को डॉक्टरों के द्वारा दी गई तेल और दवाइयों को दिखाने लगी। किस समय ककौन सी दवाई को खिलानी है।सुनिता को समझाने लगा और अंत में बताया कि अब राजेश को हम नहला भी सकते हैं ।राजेश पिछले 10 दिनों नहाया नहीं है। कल से तुम उसे रोज नहला ला सकती हो ।

बाते समझकर सुनीता अपने किचन में चली गई। राजेश अपने रूम में चला गया। शेखर भी अपने रूम में चला गया।

इधर राजेश अपने रूम मे लेटा हुआ था ।अपने हाथों को हल्का हल्का मूवमेंट भी करा पा रहा था। उसकी हाथों की कलाइयां और उंगलियां पूरी तरह से कार्य कर रहा था ।वह अब मोबाइल उठा एवं उसे चला भी सकता था। वह मोबाइल उठा कर उसे चलाने लगा ,अपने दोस्तों को व्हाट्सएप मैसेज करने लगा।

रात में सुनीता अपने बिस्तर पर लेटे लेटे सोच रही थी। मेरा बेटा बहुत कुछ ठीक हो गया है और जल्दीही पूरा ठीक हो जाएगा ।यह सोचकर वह मन ही मन बहुत खुश हो रही थी ।

तभी याद आया कि राजेश कैसी उसकी ओर टकटकी की की नजरों से देख रहा था और उसने कहा कि मैं नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही हू। यह सोच कर वह शर्माने लगी ।वह मंद मंद मुस्कुराने लगी ।

कुछ समय बाद फिर से चिंता सताने लगी कि राजेश सेक्सुवली रुप से नॉर्मल तो है ना ।

वह कैसे पता करें इसके बारे में वह सोचने लगी। तब उसे एक रास्ता सुझा । उसे याद आया कि राजेश को कल नहलाना है और उसने यह मन में ठान ली जो भी करना है वह कल करेगी। अगर राजेश के लिंग में फिर भी तनाव नहीं हुआ ,तो इसके बाद वह यह मान लेगी कि राजेश को सचमुच में कोई प्रॉब्लम है ।

कल राजेश को नहलाते समय वह क्या क्या करेगी इसी के बारे में सोचने लगी। वह सोच कर ही शर्माने लगी और मंद मंद मुस्कुराने लगी।
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इधर सुनीता किचन मैं काम करते हुए सोच रही थी कि मेरा बेटा राजेश नेक, सुशील ,संस्कारी और मर्यादित लड़का है ।उसे अपने बेटे पर गर्व हो रहा था।

लेकिन भगत के द्वारा राजेश के को लेकर कही गई बातों को याद करते हैं ही ,उनके मन में एक एक डर भी घर करने लगा।

राजेश को सच में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ।उसके मन में अजीब सी कश्मकश चलने लगी ।

इस तरह 10 दिन निकल गए। सुनीता ने पाया कि इन 10 दिनों तक राजेश को अपने हाथों से पेशाब कराने के बाद भी उनके लिंग में कोई तनाव नहीं आया ।उसे राजेश को लेकर बहुत चिंता होने लगी ।

सुनीता सोचने लगी हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं मुझ में कोई आकर्षण ही न रह गया हो ।मैं राजेश की मां हूं ,इसलिए भी उसे सेक्सुअल फीलिंग भी नहीं आ रहा हो। जिससे लिंग में तनाव ना आप आ रहा हो ।

तभी वह सोचती है , यह जानना आवश्यक है मेरे लिए कि राजेश नॉर्मल है ।पर वह क्या करें? उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था।

तभी स्वीटी अपने मां के पास आती है

इस समय वह ब्लू कलर की लहंगा और चोली पहनी हुई थी ।

सुनीता स्वीटी से कहती है। अरे बेटी इतनी सजी-धजी हो ,कहीं जा रही हो क्या ?

स्वीटी ने अपने मां से कहा हां मा मैं तुम्हें बताने ही आई हूं ।मेरी सहेली की बहन की शादी है मैं वही जा रही हूं।

सुनीता ने स्वीटी को गौर से देखा ।
स्वीटी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ।उसकी नाभि और खुली हुई पेट उसकी सुंदरता में चार चार चांद लगा रहा था ।खूबसूरत के साथ-साथ बहुत ही हॉट भी लग रही थी। चोली की कसावट को को बाहर देख कर ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। कि चोली के अंदर स्तनों का साइज क्या होगा?

सुनीता ने स्वीटी से कहा मेरी बेटी तो बहुत सुंदर लग रही है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा थैंक यू मम्मी ।
इसमें समय शाम के 7:00 बज रहे थे ।

सुनीता ने स्वीटी से कहा ठीक है बेटी तुम चली जाओ लेकिन 9:30 बजे से पहले ही चली आना ।ज्यादा देर ना करना ।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा मामी 9:30 तक आ जाऊंगी ।

सुनीता ने कहा अच्छी बात है बेटी ।

स्वीटी घर से अपने सहेली के यहां चली गई ।घर से

इधर सुनीता किचन में सोच रही थी ,स्वीटी भी कितनी बड़ी हो गई है ।वह लहंगा और चोली मे इतनी सुंदर और हाट लग रही है ।कुछ समय के बाद फिर वह राजेश के बारे में सोचने लगी उसे उसी चिंता होने लगी ।

तभी अचानक से उसके मन में एक विचार आया ,हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं और मैं राजेश की मां भी हूं इस कारण राजेश के मन में कोई सेक्सुअल फिलिंग ना आप आ रहा हूं जिसके कारण उसके लिंग पर तनाव ना आप आ रहा हो पर स्वीटी तो बहुत ही खूबसूरत और हॉट है। क्यों ना आज राजेश की मदद करने के लिए स्वीटी से कहूं ।सिटी की सुंदरता को देखकर हो सकता है। राजेश के मन में कोई फीलिंग जागे और उसके लिंग मैं कोई हरकत हो और पता चल सके कि राजेश नॉर्मल है ।

फिर सोचती है,स्वीटी राजेश की बहन है ,क्या यह करना सही रहेगा?

सुनीता सोचती है राजेश नॉर्मल है कि नहीं यह पता लगाना बहुत ही जरूरी है। चाहे इसके लिए मुझे किसी की भी मदद लेनी पड़े ।

पर मैं स्वीटी से राजेश की मदद करने की बात कैसे कहूं।वह फिर से दुविधा में फंस गई ।

फिर उसके मन में एक विचार आया और वह सोच ली कि उसे क्या करना है। प्रतिदिन की तरह वह घर का सारा काम निपटाने लगी।

शेखर ड्यूटी से आया,सुनिता ने राजेश को खाना खिलाने के बाद, शेखर और सुनीता दोनों भी खाना खा लिए ।
सुनीता ने किचन के काम को निपटा ली और फिर अपने हाथों में मेहंदी लगाने लगी। वह अपने दोनों हाथों में मेहंदी लगा ली।

शेखर ने सुनीता को मेहंदी लगाते हुए देखा। आज क्या बात है जान हाथों पर मेहंदी लगा रही हो।

सुनिता बोली , मैं सोच रही थी कल संडे है तुम्हारा छुट्टी भी है, क्यों ना हम कल घर में में पूजा कराएं ताकि हमारा बेटा जल्दी स्वस्थ हो जाए ।

शेखर ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है तुमने अच्छा सोचा है ।

सुनिता बोली पूजा हम प्रातः 11:00 बजे ही करा देते हैं। पंचांग के अनुसार 11:00 बजे का समय कल पूजा के लिए अच्छा है।

शेखर ने कहा जैसी तुम्हारी इच्छा।

मेहंदी लगाकर सुनीता, स्वीटी के घर आने का इंतजार करने लगी ।वह दरवाजा बंद नहीं की थी। हाथों पर मेहंदी लगाने के कारण उसे दरवाजा खोलने में दिक्कत होती ।

शेखर सो चुका था ।करीब 10:00 बजे स्वीटी घर पहुंची स्वीटी घर के अंदर आई उसे देखकर सुनीता ने कहा। आ गई बेटी कैसा रहा पार्टी।

स्वीटी ने कहा पार्टी में बहुत मजा आया मम्मी ।

स्वीटी अपने रूम की ओर जाने लगी। तभी सुनीता ने स्वीटी से कहा बेटी दरवाजा बंद कर दो मेरी हाथों पर मेहंदी लगी है।

स्वीटी ने अपने मां से कहा क्या बात है मम्मी? हाथों पर मेहंदी लगाई हो।

तब सुनीता ने कहां, बेटा घर में कल पूजा है तुम्हारे भाई जल्दी स्वस्थ हो ,इसके लिए घर में पूजा करा रहे है।

स्वीटी ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है मा।

स्वीटी ने घर के दरवाजा बंद कर दी और वह अपने रूम में जाने लगी।तब सुनीता स्वीटी से बोली बेटी रुको। मुझे तुमसे कुछ काम है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा क्या काम है मां ।

बेटा तुम्हें तुम्हारी भाई की हेल्प करनी होगी। स्वीटी यह सुनकर चौक गई।वह बोली मा कैसी मदद?

सुनिता-- बेटा उस दिन तो तुमने देखी थी कि तुम्हारे भाई की मदद में कैसे करती हूं।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी के दिल की धड़कन बढ़ने लगा। उसे वह दृश्य फिर से याद आने लगी। किस तरह से उसकी मां उसके भाई के लंड को हाथों से पकड़कर उसे मूतवाती है ।

सुनीता स्वीटी से कहती है बेटा मेरे दोनों हाथों पर मेहंदी लगी है। मैं तुम्हारी भाई की मदद अभी नहीं कर सकती ।सोने से पहले राजेश को पेशाब कराना जरूरी है नहीं तो रात में से परेशानी होगी।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी कि दिल की धड़कन बढने लगी । उसके शरीर कपकपाने लगी।

वह लड़खडाते शब्दों में अपने मां से कहती है मा मुझे बहुत शर्म आएगी। यह कहते हुए उसने अपना सिर नीचे झुका ली ।उसके गाल शर्म के मारे लाल हो गए थे ।

सुनीता ने कहा बेटी शर्म छोड़कर हमें राजेश की मदद तो करनी ही पड़ेगी और कोई रास्ता ही नहीं है।

स्वीटी कहती है मा मैं यह कैसे कर पाऊंगी कोई दूसरा तरीका ढूंढो ना ।

सुनीता ने कहा नहीं बेटा या तुम्हें करना ही होगा ।

स्वीटी ने कहा ठीक है मम्मी मैं अपने कपड़े बदल लेती हूं ।उसके बाद मैं भैया की मदद करूंगी।

तब सुनीता कहती है नहीं बेटा पहले तुम अपनी भैया की मदद करो ।रात काफी हो चुकी है। उसे पेशाब भी लग रहा होगा ।उसे पिशाब किए बहुत समय भी हो गयाहै।

तुम पहले राजेश की मदद कर दो उसके बाद कपड़े चेंज कर लेना ।

सुनीता चाहती थी कि स्वीटी इसी ड्रेस पहने हुए राजेश को पेशाब कराएं ,क्योंकि स्वीटी इस ड्रेस में बहुत ही हॉट और खूबसूरत लग रही थी।लहंगा और चोली में देखकर हो सकता है राजेश के लिंग में कोई हरकत हो ।
स्वीटी --ठीक है मां ,मैं भैया की पहले में मदद कर लेती हूं ।उसके बाद मै कपड़ा चेंज करूंगी और स्वीटी राजेश की कमरे की ओर चली जाती है।

आगे क्या होने वाला है यह सो सोच कर उसकी दिल की धड़कन बढ़ गई थी। वह राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।

राजेश सोच रहा था कि उसकी मां होगी ।लेकिन कमरे में स्वीटी थी ।

राजेश ने स्वीटी से कहा क्या बात है? स्वीटी ।कुछ काम था।

स्वीटी ने अपने भाई से लड़खड़ाते हुए शब्दों में कहा। भैया मुझे मा ने भेजा है। आपकी हेल्प करने के लिए ।

ऐसा बोलकर वह शर्म से गाड़ी जा रही थी ।उसके गाल लाल हो गए थे। उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश ने चौकते हुए कहा मम्मी क्यों नहीं आई ?

स्वीटी ने इसके बारे में बताया की मां के दोनों हाथों में मेहंदी लगी हुई है। कल घर में पूजा रखा गया है ,ताकि तुम जल्दी स्वस्थ हो, इसलिए माने तुम्हारे हेल्प के लिए मुझे भेजा है फिर वह अपने सिर झुका ली और मुस्कुराने लगी ।

राजेश असहज महसूस करने लगा वह स्वीटी से कहा तुम्हें क्या करना होगा पता है ?

स्वीटी ने अपना सिर हिला कर हां कहीं। शर्म के मारे उसके गाल लाल हो गए थे ।उनके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश अपने बिस्तर से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा ।स्वीटी भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम की ओर चली गई ।

राजेश यूरिनल पाट के सामने जाकर खड़ा हो गया ।

स्वीटी राजेश के पीछे खड़ी हो गई। राजेश भी कुछ असहज महसूस कर रहा था।

स्वीटी की तो हालत ही खराब थी। बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी ।

स्वीटी अपने कपकपाते हाथों को आगे ले जाकर राजेश के लोवर को खींचते हुए उसे घुटने तक खीच दिया ।हांथ लंड पर रख दिया और उसे पकड़ कर उसके लटके लंड को सीधा कर दिया। उसकी सांसे तेज होने लगी ।

राजेश के कूल्हे को देखकर स्वीटी की शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगी। स्वीटी को मालूम था कि आगे उसे क्या करना है ।उसके दिल जोर-जोर से धड़कने लगी।

राजेश का लंड काफी बड़ा था ।स्वीटी क हाथों मैं लेने के बाद भी आधा लंड उसके हाथ से बाहर बचा हुआ था ।

स्वीटी झुककर राजेश के लंड* को देखने लगी। उसने सही पकड़ी है कि नहीं, ताकि राजेश की मूत यूरिनल पाट में सही तरीके से जाए।

इसके पहले स्वीटी ने किसी का लंड नहीं देखा था। वह बहुत ही उत्तेजित हो गई। उसकी चूची फुलने पिचकने लगी। उसकी निप्पल कड़क हो गई। उसकी चूत मे खलबली मचने लगी । वह रस बहाने शुरू कर शुरू कर दी ।

इधर राजेश अपने लंड* पर दबाव बनाया ।उसके लंड से पेशाब तेज गति से निकलकर यूरिनल पाट मे जाने लगा ।

राजेश की मूतने की आवाज बाथरूम में गूंजने लगा।

उसे सुनकर स्वीटी मदहोश हो गई। स्वीटी का बुरा हाल हो रहा था। उसके चूत का पानी बह कर उसकी पैंटी को भिगो रही थी।

स्वीटी की दिल की धड़कन काफी बढ़ गई थी। उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी ।अब सिटी से बर्दाश्त करना मुश्किल था। उसका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ने लगी ।

झड़ने के बाद स्वीटी जब आंख खोली उसका ध्यान दरवाजे की तरफ गया। दरवाजे के सामने सुनीता खड़ी होकर राजेश के लंड* को ही देख रही थी।

इस समय स्वीटी राजेश के लंड को पकड़ा उसकी मां के द्वारा देखे जाने से हां बहुत ही शर्म महसूस करने लगी।

दरअसल सुनीता की यह एक योजना थी कि वह जाकर देखेगी जब स्वीटी राजेश को पेशाब करा रहेगी तब राजेश के लिंग में तनाव आता है कि नही और समय देखकर राजेश के कमरे में आ गई थी ।

सुनीता ने जब देखा स्वीटी के द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में तनाव नहीं आया। तब वह निराश हो गई।

, राजेश को पेशाब कराता मा के द्वारा देखे जाने से ।स्वीटी बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी। राजेश को पेशाब करा कर, वह सीधे अपने कमरे में चली गई ।

स्वीटी अपने कमरे में जाने के बाद राहत की सांस ली और वह अपने लहंगा और चोली को उतारने लगी ।

उसने अपने लहंगा को हाथो से उठाकर देखा तो उसका एक हिस्सा उसके चूत के रस् से गीला हो गया था ।

उसने अपनी पैंटी की ओर देखा ।उसका तो और बुरा हाल हो गया था जैसे कि वह अपने पेंटी में मूत डाली हो ।

उसे जोरों की मूत भी आ रही थी वह पेंटी को निकालकर अपने बाथरूम में घुस गई औरउकडू बैठककर मूतूने लगी ।

वह मूतते हुए अपनी चूत को देखने लगा । उसके साथ उसके चुत के साथ उसकी चूत का पानी भी मिलकर साथ साथबाहर आ रहा था। मूतने के बाद उसको कुछ अच्छा महसूस होने लगा ।

इधर सुनीता भी राजेश के कैमरे से निकलकर अपने कमरे में आ गई ।अपने बिस्तर पर लेट कर सोचने लगी ।

सिटी के द्वारा द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में कोई हरकत नहीं हुआ यह सोच कर सुनीता की चिंता और बढ़ गई ।

अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आगे क्या करें ।

अगली सुबह सुनीता नहाने के बाद वह घर के काम निपटाने के बाद वह पूजा की तैयारी मैं लग गई। शेखर ने पंडित को फोन करके घर में पूजा करने की बात कही।

पंडित जी ने समय समय पर आने के लिए हामी भर दी।शेखर , पूजा सामग्री लेने के लिए मार्केट चला गया और वह सामग्री लेकर घर आया।

इधर सुनीता , पूजा की सारी तैयारी कर ली थी पंडित जी भी 11:00 बजे पूजा के लिए शेखर के घर पहुंच गया ।

पूजा में बैठने के लिए सुनीता तैयार हो गई थी इस समय लाल रंग की साड़ी पहनी थी ।साडी काफी फैशनेबल था। वह नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी ।

स्वीटी ने अपनी मां को देखकर कहा, मां तुम तो नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही रही हो।

स्वीटी की बात सुनकर सुनीता ने स्वीटी से कहा ,चुप बेशर्म और वह मुस्कुराने लगी।

राजेश को पूजा में शामिल होने के लिये बुला लिया गया।

पंडित जी के सामने की ओर शेखर और सुनीता बैठी थी ।पंडित जी के दाएं और राजेश बैठा था और बाएं और स्वीटी बैठी थी और पूजा का कार्यक्रम 2 घंटे तक चला ।

पंडित जी ने पूजा विधिवत पूर्ण कराया ।पूजा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पंडित जी चला गया ।

स्वीटी ने अपने मम्मी और पापा से कहा आप लोग यहां आइए मुझे सेल्फी लेनी है। फैमिली सेल्फी ।

,सेल्फी लेने के बाद स्वीटी ने अपनी मां से कहा मां मुझे आपकी फोटो लेनी है ।तुम् आज दुल्हन की तरह लग रही हो। बहुत ही सुंदर। मैं अपनी सहेलियों को दिखा उंगी कि मेरी मां कितनी सुंदर है।

सुनीता -- धत पगली मेरा मजाक उड़ाती है !मैं बूड़ी हो चुकी हूं।

स्वीटी-- नहीं मैं झूठ नहीं बोल रही हूं बहुत ही सुंदर लग रही हो !तुम तो मेरी बड़ी बहन जैसी लग रही हो।

राजेश भाई से वह , बोलो भैया क्या मैं झूठ बोल रही हूूं।
तब राजेश की नजर अपनी मा पर गया ।उसने देखा कि उसकी मां सच में खूबसूरत लग रही थी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह।वह एक एकटक अपनी मां को ही देखने लगा ।

सुनीता की नजर राजेश् पर पड़ी ।सुनीता ने देखा कि राजेश उसकी और नजर गड़ाए देख रहा है ।उसे शर्म आने लगी ।शर्म से उसकी गाल लाल हो गई ।

स्वीटी ने राजेश से कहा भैया कुछ बोलते क्यों नहीं ?

राजेश कहीं खो सा गया था ।वह सोते जागा। वह अपनी मां से कहा हा मा आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो ।किसी नई नवेली दुल्हन की तरह ।

अपने बेटे की बात को सुनकर सुनीता शर्म से पानी पानी हो गई और वह सीधी अपने कमरे में चली गई ।

शाम को 4:00 बज गया था। आज राजेश को हॉस्पिटल ले जाना था। चेकअप के लिए। शेखर ने राजेश को हॉस्पिटल जाने कीबात बताया ,फिर दोनों तैयार होकर कार से अस्पताल के लिए चले गए ।

अस्पताल जाने के बाद डॉक्टरों ने राजेश का चेकअप किया। डॉक्टरों ने पाया कि राजेश उमिद से भी ज्यादा ज्यादा तेजी से उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है ।उसके हाथ में मूवमेंट होना शुरू हो गया था। डॉक्टर ने राजेश के के हाथों में लगी पट्टी को निकाल दिया ।राजेश लगभग 70% ठीक हो चुका था लेकिन राजेश को अपने हाथों को उठाने और नीचे ले जाने में अभी दर्द महसूस हो रहा था। राजेश के हाथों को सहारा के लिए एक हाथ में पट्टा डालकर उसके गले से लटका दिया गया ।यह पट्टा वाटरप्रूफ था जो पानी से भीगने पर भी खराब नहीं होता। डॉक्टरों न राजेश के हाथों पर मालिश करने के लिए एक तेल दिया। जिससे हाथों पर मालिश करने से हाथ जल्दी ठीक हो जाएगा। उन्हें 1 सप्ताह के लिए दवाइयां भी दिया गया ।शेखर बहुत खुश था कि उसका बेटा बहुत तेजी से ठीक हो रहा है ।वे दोनों अस्पताल से घर आए ,घर में आते ही सुनीता ने देखा।

राजेश के हाथों पट्टी खोल दिया गया है सुनीता ने शेखर से कहा क्या हुआ जी? राजेश की हाथों मैं लगी पट्टी कहां गया।

शेखर ने बताया राजेश बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा डॉक्टरों ने कहा अब पट्टी लगाने की जरूरत नहीं है। उसने हाथों पर मालिश करने के लिए कोई तेल दिया है जिससे सुबह-शाम राजेश के हाथों को तेल से मालिश करना है ।वह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा।

सुनीता यह सुनकर बहुत ही खुश हो गई पूजा रूम में गई और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगी ।

भगवान को शुक्रिया अदा करने के बाद सुनीता फिर से शेखर के पास गई जो हाल में ही बैठा था। राजेश भी हाल मैं बैठा था।

शेखर सुनीता को राजेश को डॉक्टरों के द्वारा दी गई तेल और दवाइयों को दिखाने लगी। किस समय ककौन सी दवाई को खिलानी है।सुनिता को समझाने लगा और अंत में बताया कि अब राजेश को हम नहला भी सकते हैं ।राजेश पिछले 10 दिनों नहाया नहीं है। कल से तुम उसे रोज नहला ला सकती हो ।

बाते समझकर सुनीता अपने किचन में चली गई। राजेश अपने रूम में चला गया। शेखर भी अपने रूम में चला गया।

इधर राजेश अपने रूम मे लेटा हुआ था ।अपने हाथों को हल्का हल्का मूवमेंट भी करा पा रहा था। उसकी हाथों की कलाइयां और उंगलियां पूरी तरह से कार्य कर रहा था ।वह अब मोबाइल उठा एवं उसे चला भी सकता था। वह मोबाइल उठा कर उसे चलाने लगा ,अपने दोस्तों को व्हाट्सएप मैसेज करने लगा।

रात में सुनीता अपने बिस्तर पर लेटे लेटे सोच रही थी। मेरा बेटा बहुत कुछ ठीक हो गया है और जल्दीही पूरा ठीक हो जाएगा ।यह सोचकर वह मन ही मन बहुत खुश हो रही थी ।

तभी याद आया कि राजेश कैसी उसकी ओर टकटकी की की नजरों से देख रहा था और उसने कहा कि मैं नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही हू। यह सोच कर वह शर्माने लगी ।वह मंद मंद मुस्कुराने लगी ।

कुछ समय बाद फिर से चिंता सताने लगी कि राजेश सेक्सुवली रुप से नॉर्मल तो है ना ।

वह कैसे पता करें इसके बारे में वह सोचने लगी। तब उसे एक रास्ता सुझा । उसे याद आया कि राजेश को कल नहलाना है और उसने यह मन में ठान ली जो भी करना है वह कल करेगी। अगर राजेश के लिंग में फिर भी तनाव नहीं हुआ ,तो इसके बाद वह यह मान लेगी कि राजेश को सचमुच में कोई प्रॉब्लम है ।

कल राजेश को नहलाते समय वह क्या क्या करेगी इसी के बारे में सोचने लगी। वह सोच कर ही शर्माने लगी और मंद मंद मुस्कुराने लगी।
Nice update
 
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