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Incest यह क्या हुआ

dirty-u.k

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We are waiting for your next update 🧐🧐👍👍
 
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dheeraj babh

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मजा आ गया
 
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Ajju Landwalia

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सुनीता प्रतिदिन की तरह सुबह उठती है । उठ कर नहा कर, पूजा करने के बाद वह किचन में काम करने के लिए चली जाती है।

किचन में काम करते हैंसमय वह सोच रही थी आज से राजेश को नहलाना है ।

उसने आज सोच लिया था कि आज वह अंतिम प्रयास करेगी ताकि पता लगा सके कि राजेश है नार्मल है की नहीं ।

अतः वह जो कुछ भी कर सकती है आज करेगी वह मंद मंद मुस्कुराने लगी कि वह क्या क्या करने वाली है ।

कभी वह मन में मुस्कुरा रही थी और खुद से ही शर्म आ रही थी ।तो कभी-कभी उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव आ रहे थे ।

वह राजेश को लेकर चिंतित भी हो रही थी।
इधर स्वीटी और शेखर नहा धोकर प्रतिदिन की तरह डायनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए आ चुके थे।

सुनीता ने अपने पति और अपने बेटी के लिए नाश्ता लगाया ।

शेखर ने कहा सुनीता तुम नाश्ता नहीं करोगी ।

सुनीता ने कहा मैं आज राजेश को नहलाऊंगी उसके बाद ही नाश्ता करुंगी।

शेखर ने कहा राजेश ने नाश्ता किया कि नहीं ।

सुनीता बोली राजेश भी नहा कर नाश्ता करेगा।

शेखर ने कहां ठीक है।

स्वीटी और शेखर नाश्ता करने के बाद ,शेखर अपने ड्यूटी पर चला गया।

स्वीटी भी कुछ समय के बाद अपने कालेज चली गई ।

सुनीता आौर राजेश घर में अकेले रह गए थे ।

सुनीता को राजेश को नहलाना था इसके लिए तैयार होने के लिए वह अपने बेडरूम में चली गई।


वह अपनी अलमारी से एक ब्लाउज निकाली ।यह ब्लॉउज, उसने कभी पहनी नहीं थी। यह ब्लाउज स्वीटी के जिद करने पर माल से खरीदी थी ।

लेकिन जब घर में उसे पहन कर देखी उसे बहुत ही शर्म आने लगी क्योंकि ब्लाउज से उसकी चूचिया पूरी बाहर दिखाई पड़ रही थी। केवल उसके निप्पल ही ढक पा रहे थे ।

उसके पीछे वाला हिस्सा भी पूरा खुला हुआ था। जब उसने यह ब्लाउज पहनकर आईने में देखा तो बहुत ही शर्म महसूस की।

वह ब्लाउज निकालकर अलमारी में ही रख दी और फिर उसे कभी नहीं पहनी।

आज वह उस ब्लाउज काउपयोग करना चाहती थी । उस ब्लाउज को अलमारी से प हनने के लिए निकाल ली।

पुराने ब्लाउज जो पहनी थी उसे निकालकर उस ब्लाउज को पहन ली।

अपने पेटीकोट को भीअपने नाभि के काफी नीचे बांध ली और आईने के सामने जाकर खुद को निहारने लगी।

वह इस समय काम की देवी लग रही थी। वह खुद को आईने मे देखकर अपने बदन पर उन्हें गर्व महसूस होने लगी कि आज भी कितनी हॉट है।

वह पेटीकोट को भी अपने नाभि के काफी नीचे बांध ली थी जिसकी वजह से बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रहेी थेी।

उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां बाहर आने के लिए उतावले लग रहे थे।

वह यह सब जतन सोए हुए कामदेव को जगाने के लिए कर रही थी ।वह सोए हुए कामदेव पर काम बाण चलाकर उसे जगाना चाहती थी।

वह अपने को इस रूप में देख कर शर्म भी महसूसरही थी ।लेकिन उसे आज अंतिम प्रयास करना था ताकि वह पता कर लगा सके कि राजेश नॉर्मल है कि नहीं और इसलिए वह अपने को काम देवी के रूप में सोए हुए कामदेव को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी ।

वह ऊपर से एक साड़ी लपेट कर वह राजेश के कमरे की ओर चल पड़ी।

राजेश के कैमरे पर जाने के बाद वह देखती है राजेश मोबाइल चला रहा था ।

सुनीता कहती है चलो बेटा तुम नहाने के लिए तैयार हो जाओ ।आज तुम्हें नहाना है।

राजेश कहता हैं ठीक है मा ।मै काफी दिनों से नहाया नहीं हू ।मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है ।

अनीता ने राजेश से कहा चलो तुम खड़े हो जाओ मैं तुम्हारे कपड़ा निकाल देती हूं ।

राजेश बेड से उतर कर खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश की टी-शर्ट ,लोअर को निकाल दी ।राजेश कुछ असहज महसूस करने लगा।

सुनीता ने राजेश के अंडरवियर को भी दोनों हाथों से पकड़ कर खींच कर उसके पैरों से अलग कर दी ।अंडर वियर निकलते ही राजेश का लंड बाहर आ गया ।इस समय लटका हुआ था।

राजेश शर्माने लगा। वह अपनी लंड को अपने हाथ से छुपाने लगा।

सुनीता उसकी हरकत को देख कर मुस्कुराने लगी और वह राजेश से कहती है बेटा इसमें शर्माना क्या मैंने तो तुम्हें कई बार नंगा नहलाया है।

राजेश ने कहा मा ,मै उस समय छोटा था अब बड़ा हो गया हूं ।

सुनीता ने कहा अब शर्म आना बंद करो चलो बाथरूम में नहला देती हूं।

राजेश बाथरूम की ओर जाने लगा ।पीछे पीछे सुनीता की बाथरूम में जाने लगी।

बाथरूम में जाने के बाद सुनीता ने राजेश से कहा ।बेटा तुम नीचे बैठ जाओ ।

राजेश बाथरूम में नीचे बैठ गया सुनीता ने बाल्टी में पानी भर ली और जग के द्वारा पानी डालकर राजेश को नहलाने लगी ।पानी उसकी साड़ी में पड़ने पर वह राजेश ने बोली बेटा मेरा साडी गीला हो रही है। मुझे साड़ी निकाल देना होगा ।

वह बाथरूम से बाहर आ गई वह अपने साड़ी निकाल दी साड़ी की निकलती ही वह अपने काम देवी रूप में आ गई थी और मैं बाथरूम में चली गई ।

जब वह बाथरुम में गई तब राजेश की नजर अपनी मां पर पड़ी ।आज से पहले उसने अपनी मां को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था। वह असहज महसूस करने लगा और अपने सिर को नीचे कर लिया।

सुनिता ने राजेश के ऊपर जग से पानी डालकर उसे नहलाने लगी पानी डाल लेने के बाद वह साबुन से उसके सर वह उसके बालों पर साबुन लगाने के लिए झुकी और उसके बालों पर साबुन लगाने लगी।

सुनीता की नजर राजेश के लंड पर बार-बार जा रही थी वह देख रही थी कि उसके लंड पर कोई हरकत हो रहीहै या नहीं और वह निराश हो जाती थी ।

राजेश ने अपनी आंख बंद कर लिया था कुछ समय के बाद राजेश ने अपने आप खोला ।राजेश ने अपना आख खोला तो इस समय सुनीता नीचे झुक कर उसके बालों पर साबुन लगा रही थी उसकी चुचिया उसकी आंखों के सामने आ गया था।

राजेश ने जैसी आंख खोला तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी आंखों के सामने झूल रहे थे। राजेश ना चाहते हुए भी वह अपनी मां कीचुचियो को देखने लगा ।

उनकी चुचियों को देखने से उसकी शरीर में अजीब सी अनुभूति होने लगा। इधर सुनीता और झुक गई ताकि उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां राजेश की आंखों के सामने रहे ।

उसने राजेश को अपनी चुचियों को घूरते हुए देखा और मुस्कुराने लगी ।

इधर राजेश आप अपनी मां की चुचियों को एकटक देखने लगा ।उनकी इस शरीर में अब सरसराहट महसूस होने लगा आखिर राजेश भी एक इंसान था और वह एक जवान था अब तक वह अपने आप को संयमित करके रखा था वह अपने आप पर नियंत्रण रख सका था पर अब उसका उसका हिम्मत जवाब देने लगा ।

जब सुनीता खड़ी होती थी तो उसकी नाभि उसकी राजेश की आंखों के सामने आ जाता था उनकी खूबसूरत बदन को देख कर राजेश अपने पर नियंत्रण रख पाना उसके लिए मुश्किल महसूस हो पा रहा था ।
अब उसका शरीर गर्म होने लगा था और उसके लिंग में तनाव आने शुरु हो गया था। अपनी मां के काम रूप को देखकर उसका लिंग में तनाव आना शुरू हो गया ।

उसका लिंक आधा खड़ा हो गया ।

सुनीता देवी की नजर जब राजेश के लंड पर गया तो उसकी आंखों में चमक आ गया।

उसके लंड पर हरकत होते हुए देखा देखा तो वह मुस्कुराने लगी ।उसे खुशी का अनुभव होने लगी।

सिर के बालों पर साबुन लगा ली तब उसने राजेश को खड़ा करा दिया और उसकी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी ।

शरीर पर साबुन लगाते लगाते हुए उसके हाथ उसके लंड* की ओर जाने लगी।
राजेश के शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगा ।सांसे भारी होने लगी।

उसका लंड* आधा खड़ा हो गया था राजेश अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाया। वह अपनी मां की काम रुक को देखकर उसकी सांसे तेज होने लगी उसके हृदय की धड़कन भी अब बढ़ने लग गया था ।

उसकी मां अभिषेक औरत नजर आने लगे एक गदराए बदन की मल्लिका ।

जिसे देखकर वह चाहकर भी अपने पर काबू नहीं रख सका ।

उसके लंड पर असर साफ दिखाई पड़ रहा था ।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश हो रही थी मन ही मन मुस्कुरा रही थी ।सुनीता देवी ने अपनी अंतिम काम-बाण का भी प्रयोग में लाने के लिए उचित समय समझा और उसने अपने हाथों पर साबुन लगाया और राजेश के लंड को पकड़ कर उसे मुठ मारने लगी।
सुनीता की हरकत से राजेश के शरीर में करंट दौड़ पड़
राजेश के लंड जो आधाखडा हुआ था। सुनीता देवी की साबुन से चिकनाई युक्त हाथ पढ़ने से वह अद्भुत आनंद उसे प्राप्त होने लगा ।उसका असर यह हुआ उसकी क सांसे तेज होने लगी और वह उसका लंड अकड़ने लगा और लोहे की राड की तरह हो गया।

अब वह सुनीता के हाथों पर ठूनकी भी मारने लगा सुनीता देवी बहुत हीखुश हो गई और वो मुस्कुराने लगी ।उसे पता चल चुका था कि राजेश नॉर्मल है।

इधर राजेश को अपने आप पर शर्म महसूस होने लगा इस समय उसका लंड* खड़ा हुआ था और सुनीता देवी अपने हाथों पर साबुन लगाकर उस मुट्ठ मार रही थी ।

शर्म के साथ-साथ राजेश को बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा था। वह अपने शर्म को भूल गया और मूठ मारने का आनंद लेने लगा ।

मां के द्वारा मुठ मारने का आनंद लेने लगा। इस समय राजेश की नजर उसकी मां की चूचियों पर थी। वह अपनी मां की चुचियों पर कहीं खो गया था।

इस समय उसकी मां एक गदराए माल लग रही थी ।वह अपनी मां की चूचिये को घूरे जा रहा था ।

राजेश इस समय अपनी मां के कामरूप पर पूर्ण रुप से मोहित हो गया।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश थी और वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी साबुन लगाने के बाद सुनीता देवी ने पानी से राजेश को नहलाया।

अब भी राजेश का लखड़ा होकर ठूनकी मार रहा था राजेश को नहलाने के बाद सुनीता देवी ने राजेश से कहा चलो बेटा अब तुम नहा लिए।

राजेश का लंड खड़ा हुआ था वह बाथरूम से बाहर आया उसका लंड ठूनकी मार रहा था ।

सुनीता की नजर उसके लंड पर ही थी वह मंद मंद मुस्कुरा रही थी।

राजेश़़़बाथरूम से बाहर आया सुनीता देवी भी उसके पीछे-पीछे बाहर आई और टावेल से राजेश के शरीर को पोछने लगी।

शरीर को पोछते समय सूनिता की नजर राजेश के लंड पर थी ।अपने लंड को देखते हुए राजेश ने जब देखा तो वह शर्म महसूस करने लगा।

सुनीता देवी ने देखा कि राजेश असहज महसूस कर रहा है तब उसने राजेश से कहा ।बेटा यहां सब नॉर्मल है ।

राजेश ने कहा सॉरी मां मुझे पता नहीं है सब कैसे हो गया ।

सुनीता ने कहा बेटा अब तू जवान हो गए हो जवानी में यह सब होता है। यह सब नॉर्मल है इसमें शर्माने की जरूरत नहीं है।

इधर सुनीता देवी इस समय पेटीकोट और ब्लाउज में ही थी राजेश की नजर बार-बार उसकी चुचियों पर ही जा रही थी। जिससे उसका लंड ठूनकी मारने लगता था।

इधर सुनीता देवी मुस्कुराए जा रही थी उसे अपने शरीर पर भी गर्व महसूस हो रहा था जो सोए हुए कामदेव को जगा चुकी थी ।

सुनीता ने कहा बेटा कुछ समय के बाद यह नॉर्मल हो जाएगा और वह राजेश को कपड़ा पहना कर अपने साड़ी उठाकर राजेश के कमरे से जाने लगी जाते समय वाह राजेश से बोली बेटा तुम नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाना ।मैं वही तुम्हें नाश्ता करा दूंगी।

सुनीता देवी राजेश के रूम से निकलकर वहां किचन में आ गई अपनी साड़ी को लपेट ली ।

खुश हो रही थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है वह सोचने भी लगी की उसके बेटे का लैंड कितना बड़ा है ।कितना मोटा है। वह जिसके चूत में जाएगा उसकी चूतफाड़ कर रख देगा ।
सुनीता की मां के जाने के कुछ समय के बाद राजेश का लंड * कुछ डीला पड़ा ।वह राहत के सास लेने लगा। वह अपने आप पर शर्मिंदा था ।किमां के सामने उसका लंड खड़ा हो गया । लंड ढीला पढ़ने के बाद राजेश को पेशाब आने लगी।

इधर सुनीता ने नाश्ता लगाकर राजेश को आवाज दी बेटा आ जाओ नाश्ता लग चुका है। राजेश इस समय असहज महसूस कर रहा था कि वह मां के सामने कैसे जाए फिर भी वहां संकोच करते हुए अपने रूम से बाहर निकला और हाल पर लगे हुए डाइनिंग टेबल की ओर चला गया ।
हुआ नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया परंतु से पेशाब आ रही थी तो उसने अपना हाथ अपने लंड पर रखकर दबाने लगा ।जिससे सुनीता ने देख लिया ।

सुनीता ने राजेश से कहा बेटा कुछ प्रॉब्लम है क्या तब राजेश ने अपने मां से संकोच करते हुए कहा मां पेशाब आ रही है ।

सुनीता ने राजेश से कहा चलो पहले तुम्हें पेशाब करा देती हूं तब नाश्ता करना और हाल पर ही एक बाथरूम के कोने पर बना हुआ था वहां उसे राजेश को पेशाब कराने के लिए ले गई ।

पेशाब कराने के लिए जैसे ही सुनीता नीचे बैठ गए और राजेश के लंड को पकड़ ली राजेश की नजर सुनीता की चूचियों पर पर चली गई जिसके कारण राजेश का लंड खड़ा हो गया।

लंड खड़ा हो जाने पर पेशाब लंड से बाहर नहीं आ सका। सुनीता समझ गई कि माजरा क्या है।

कुछ देर तक राजेश वैसा ही खड़ा रहा तब। सुनीता ने राजेश से कहा का बेटा ऐसे में पेशाब नहीं आएगा । जब यह डीला पड़ेगा तभी पेशाब बाहर आएगा ।

तब राजेश ने कहा मा मुझे पता नहीं है कैसे खड़ा हो जाता है। मुझे माफ कर दो ।

तब सुनीता ने कहा बेटा यह सब नॉर्मल है चलो जब यह दढीला हो जाएगा, तब पेशाब करा दूंगी ।तब तक तुम नाश्ता कर लो ।

राजेश ने कहा ठीक है मां और वह बाथरूम से निकलकर डाइनिंग टेबल की ओर चले गए और सुनीता राजेश को नाश्ता कराने लगी और नाश्ता करा कर स्वयं भी नाश्ता कर ली ।

नाश्ता करने के बाद राजेश हाल में ही बैठा था उसका लंड अब ढीला पड़ गया था। अब पेशाब आने लगा था।

सुनीता राजेश के पास आई और राजेश से बोली बेटा अब नॉर्मल हो गया हो तो फिर पेशाब करा दू।

राजेश ने कहा हां मा पेशाब करा दो और वे दोनों बाथरूम की ओर चले गए लेकिन जैसे ही सुनीता ने राजेश के लंड को पेशाब कराने के लिए पकड़ा तो राजेश का लंड* सरसराता हुआ वह फिर से खड़ा हो गया ।वह बहुत ही शर्मिंदा हो गया।

सुनीता देवी भी कुछ कह नहीं पा रही थी तब राजेश ने अपनी मां से कहा पता नहीं यह सब कैसे हो जाता है सॉरी मां तुम्हारे हाथ लगते ही या खड़ा हो जाता है ।

सुनीता देवी समझ गई अब यह मेरे हाथ लगने से उत्तेजित हो जाता है ।उसने राजेश से कहा बेटा तुम घबराओ नहीं यह सब नॉर्मल है ऐसा जवान लड़कों के साथ होता है।

तब राजेश ने कहा ऐसे में तो मैं पेशाब भी नहीं कर पाऊंगा । अब क्या करूं कोई उपाय है तो बताओ।

सुनीता ने कुछ सोचते हुए कहा बेटा इसका एक उपाय है ।तुम्हारे लिंग को हिलाना पड़ेगा उससे कुछ पानी निकलेगा तो तुम्हारा लिंग नॉर्मल हो जाएगा। चलो मैं तुम्हारे लिंग को हिला देती हूं तुम नॉर्मल हो जाओगे। फिर तुम पेशाब कर पाओगे।

सुनीता देवी ने राजेश के लिंग को पकड़ कर मुठ मारने लगी । वह राजेश लंड के सामने आ कर बैठ गई और एक हाथ से उसके अंडकोष को सहलाने लगी और दूसरे हाथ से उसके लंड* को मुठ मारने लगी ।

राजेश की नजर उसकी मां की चूचियो पर चला गया वह उसे देखकर और उत्तेजित होने लगा। उसकी मां के द्वारा मुठ मारने से उसे बहुत ही आनंद आने लगा उसकी सांस तेज तेज चलने लगी।

सुनीता मुठ मारने में खो गई उसकी साड़ी की पल्लू नीचे गिर गया था। जिसेसे चूचियां बाहर आने को उतावले हो रहे थे। जिस पर राजेश की नजर गड़ी हुई थी ।

राजेश के सास तेज होने लगी उसके दिल की धड़कन बढ़ गई इधर सुनीता राजेश के लंड को पकड़कर तेज तेज मुठ मारने लगी। तब राजेश ने अपनी मां से कहा मां और तेज करो, और तेज मारो ,बहुत आनंद आ रहा है ,बहुत मजा आ रहा है मां, और तेज करो मैं और तेज करो ना।

सुनीता राजेश की बात को सुनकर और जोर-जोर से मुठ मारने लगी ।

अब राजेश का ल** अकड़ने लगा ।उसकी सास तेज तेज चलने लगी थी और उसका धैर्य जवाब दे गया और वह वीर्य की लंबी लंबी पिचकारी मारने लगा।

इस समय उसके मुंह से आह आह आह मम्मी की आवाज निकल रहा था।

वीर्य की पिचकारी सूनिता के चेहरे पर पड़ा और उसके चेहरे से होता है वह उसके चुचियों पर वीर्य टपकने लगा ।

ढेर सारा वीर्य उसके उसके लंडसे निकलने लगा पता नहीं कितने दिनों से यह वीर्य इकट्ठा था ।मूठ मारने का पहला अनुभव था राजेश के लिए वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया था झड़ते समय ।

जब उसके लंड से वीर्य निकालना बंद हुआ तब राजेश ने आंखें खोली। सुनीता की नजरें राजेश की नजर से मिली ।

जब राजेश ने देखा कि उसकी मां उसके वीर्य से नहा डाली
राजेश ने अपनी मां से कहा सॉरी मां गलती हो गई

सुनीता ने राजेश से कहा बेटा यह तूने क्या किया मुझे पूरा गंदा कर दिया और वह बनावटी गुस्सा करने लगी और मुस्कुराने लगी ।


Wow
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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सुनीता प्रतिदिन की तरह सुबह उठती है । उठ कर नहा कर, पूजा करने के बाद वह किचन में काम करने के लिए चली जाती है।

किचन में काम करते हैंसमय वह सोच रही थी आज से राजेश को नहलाना है ।

उसने आज सोच लिया था कि आज वह अंतिम प्रयास करेगी ताकि पता लगा सके कि राजेश है नार्मल है की नहीं ।

अतः वह जो कुछ भी कर सकती है आज करेगी वह मंद मंद मुस्कुराने लगी कि वह क्या क्या करने वाली है ।

कभी वह मन में मुस्कुरा रही थी और खुद से ही शर्म आ रही थी ।तो कभी-कभी उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव आ रहे थे ।

वह राजेश को लेकर चिंतित भी हो रही थी।
इधर स्वीटी और शेखर नहा धोकर प्रतिदिन की तरह डायनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए आ चुके थे।

सुनीता ने अपने पति और अपने बेटी के लिए नाश्ता लगाया ।

शेखर ने कहा सुनीता तुम नाश्ता नहीं करोगी ।

सुनीता ने कहा मैं आज राजेश को नहलाऊंगी उसके बाद ही नाश्ता करुंगी।

शेखर ने कहा राजेश ने नाश्ता किया कि नहीं ।

सुनीता बोली राजेश भी नहा कर नाश्ता करेगा।

शेखर ने कहां ठीक है।

स्वीटी और शेखर नाश्ता करने के बाद ,शेखर अपने ड्यूटी पर चला गया।

स्वीटी भी कुछ समय के बाद अपने कालेज चली गई ।

सुनीता आौर राजेश घर में अकेले रह गए थे ।

सुनीता को राजेश को नहलाना था इसके लिए तैयार होने के लिए वह अपने बेडरूम में चली गई।


वह अपनी अलमारी से एक ब्लाउज निकाली ।यह ब्लॉउज, उसने कभी पहनी नहीं थी। यह ब्लाउज स्वीटी के जिद करने पर माल से खरीदी थी ।

लेकिन जब घर में उसे पहन कर देखी उसे बहुत ही शर्म आने लगी क्योंकि ब्लाउज से उसकी चूचिया पूरी बाहर दिखाई पड़ रही थी। केवल उसके निप्पल ही ढक पा रहे थे ।

उसके पीछे वाला हिस्सा भी पूरा खुला हुआ था। जब उसने यह ब्लाउज पहनकर आईने में देखा तो बहुत ही शर्म महसूस की।

वह ब्लाउज निकालकर अलमारी में ही रख दी और फिर उसे कभी नहीं पहनी।

आज वह उस ब्लाउज काउपयोग करना चाहती थी । उस ब्लाउज को अलमारी से प हनने के लिए निकाल ली।

पुराने ब्लाउज जो पहनी थी उसे निकालकर उस ब्लाउज को पहन ली।

अपने पेटीकोट को भीअपने नाभि के काफी नीचे बांध ली और आईने के सामने जाकर खुद को निहारने लगी।

वह इस समय काम की देवी लग रही थी। वह खुद को आईने मे देखकर अपने बदन पर उन्हें गर्व महसूस होने लगी कि आज भी कितनी हॉट है।

वह पेटीकोट को भी अपने नाभि के काफी नीचे बांध ली थी जिसकी वजह से बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रहेी थेी।

उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां बाहर आने के लिए उतावले लग रहे थे।

वह यह सब जतन सोए हुए कामदेव को जगाने के लिए कर रही थी ।वह सोए हुए कामदेव पर काम बाण चलाकर उसे जगाना चाहती थी।

वह अपने को इस रूप में देख कर शर्म भी महसूसरही थी ।लेकिन उसे आज अंतिम प्रयास करना था ताकि वह पता कर लगा सके कि राजेश नॉर्मल है कि नहीं और इसलिए वह अपने को काम देवी के रूप में सोए हुए कामदेव को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी ।

वह ऊपर से एक साड़ी लपेट कर वह राजेश के कमरे की ओर चल पड़ी।

राजेश के कैमरे पर जाने के बाद वह देखती है राजेश मोबाइल चला रहा था ।

सुनीता कहती है चलो बेटा तुम नहाने के लिए तैयार हो जाओ ।आज तुम्हें नहाना है।

राजेश कहता हैं ठीक है मा ।मै काफी दिनों से नहाया नहीं हू ।मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है ।

अनीता ने राजेश से कहा चलो तुम खड़े हो जाओ मैं तुम्हारे कपड़ा निकाल देती हूं ।

राजेश बेड से उतर कर खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश की टी-शर्ट ,लोअर को निकाल दी ।राजेश कुछ असहज महसूस करने लगा।

सुनीता ने राजेश के अंडरवियर को भी दोनों हाथों से पकड़ कर खींच कर उसके पैरों से अलग कर दी ।अंडर वियर निकलते ही राजेश का लंड बाहर आ गया ।इस समय लटका हुआ था।

राजेश शर्माने लगा। वह अपनी लंड को अपने हाथ से छुपाने लगा।

सुनीता उसकी हरकत को देख कर मुस्कुराने लगी और वह राजेश से कहती है बेटा इसमें शर्माना क्या मैंने तो तुम्हें कई बार नंगा नहलाया है।

राजेश ने कहा मा ,मै उस समय छोटा था अब बड़ा हो गया हूं ।

सुनीता ने कहा अब शर्म आना बंद करो चलो बाथरूम में नहला देती हूं।

राजेश बाथरूम की ओर जाने लगा ।पीछे पीछे सुनीता की बाथरूम में जाने लगी।

बाथरूम में जाने के बाद सुनीता ने राजेश से कहा ।बेटा तुम नीचे बैठ जाओ ।

राजेश बाथरूम में नीचे बैठ गया सुनीता ने बाल्टी में पानी भर ली और जग के द्वारा पानी डालकर राजेश को नहलाने लगी ।पानी उसकी साड़ी में पड़ने पर वह राजेश ने बोली बेटा मेरा साडी गीला हो रही है। मुझे साड़ी निकाल देना होगा ।

वह बाथरूम से बाहर आ गई वह अपने साड़ी निकाल दी साड़ी की निकलती ही वह अपने काम देवी रूप में आ गई थी और मैं बाथरूम में चली गई ।

जब वह बाथरुम में गई तब राजेश की नजर अपनी मां पर पड़ी ।आज से पहले उसने अपनी मां को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था। वह असहज महसूस करने लगा और अपने सिर को नीचे कर लिया।

सुनिता ने राजेश के ऊपर जग से पानी डालकर उसे नहलाने लगी पानी डाल लेने के बाद वह साबुन से उसके सर वह उसके बालों पर साबुन लगाने के लिए झुकी और उसके बालों पर साबुन लगाने लगी।

सुनीता की नजर राजेश के लंड पर बार-बार जा रही थी वह देख रही थी कि उसके लंड पर कोई हरकत हो रहीहै या नहीं और वह निराश हो जाती थी ।

राजेश ने अपनी आंख बंद कर लिया था कुछ समय के बाद राजेश ने अपने आप खोला ।राजेश ने अपना आख खोला तो इस समय सुनीता नीचे झुक कर उसके बालों पर साबुन लगा रही थी उसकी चुचिया उसकी आंखों के सामने आ गया था।

राजेश ने जैसी आंख खोला तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी आंखों के सामने झूल रहे थे। राजेश ना चाहते हुए भी वह अपनी मां कीचुचियो को देखने लगा ।

उनकी चुचियों को देखने से उसकी शरीर में अजीब सी अनुभूति होने लगा। इधर सुनीता और झुक गई ताकि उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां राजेश की आंखों के सामने रहे ।

उसने राजेश को अपनी चुचियों को घूरते हुए देखा और मुस्कुराने लगी ।

इधर राजेश आप अपनी मां की चुचियों को एकटक देखने लगा ।उनकी इस शरीर में अब सरसराहट महसूस होने लगा आखिर राजेश भी एक इंसान था और वह एक जवान था अब तक वह अपने आप को संयमित करके रखा था वह अपने आप पर नियंत्रण रख सका था पर अब उसका उसका हिम्मत जवाब देने लगा ।

जब सुनीता खड़ी होती थी तो उसकी नाभि उसकी राजेश की आंखों के सामने आ जाता था उनकी खूबसूरत बदन को देख कर राजेश अपने पर नियंत्रण रख पाना उसके लिए मुश्किल महसूस हो पा रहा था ।
अब उसका शरीर गर्म होने लगा था और उसके लिंग में तनाव आने शुरु हो गया था। अपनी मां के काम रूप को देखकर उसका लिंग में तनाव आना शुरू हो गया ।

उसका लिंक आधा खड़ा हो गया ।

सुनीता देवी की नजर जब राजेश के लंड पर गया तो उसकी आंखों में चमक आ गया।

उसके लंड पर हरकत होते हुए देखा देखा तो वह मुस्कुराने लगी ।उसे खुशी का अनुभव होने लगी।

सिर के बालों पर साबुन लगा ली तब उसने राजेश को खड़ा करा दिया और उसकी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी ।

शरीर पर साबुन लगाते लगाते हुए उसके हाथ उसके लंड* की ओर जाने लगी।
राजेश के शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगा ।सांसे भारी होने लगी।

उसका लंड* आधा खड़ा हो गया था राजेश अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाया। वह अपनी मां की काम रुक को देखकर उसकी सांसे तेज होने लगी उसके हृदय की धड़कन भी अब बढ़ने लग गया था ।

उसकी मां अभिषेक औरत नजर आने लगे एक गदराए बदन की मल्लिका ।

जिसे देखकर वह चाहकर भी अपने पर काबू नहीं रख सका ।

उसके लंड पर असर साफ दिखाई पड़ रहा था ।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश हो रही थी मन ही मन मुस्कुरा रही थी ।सुनीता देवी ने अपनी अंतिम काम-बाण का भी प्रयोग में लाने के लिए उचित समय समझा और उसने अपने हाथों पर साबुन लगाया और राजेश के लंड को पकड़ कर उसे मुठ मारने लगी।
सुनीता की हरकत से राजेश के शरीर में करंट दौड़ पड़
राजेश के लंड जो आधाखडा हुआ था। सुनीता देवी की साबुन से चिकनाई युक्त हाथ पढ़ने से वह अद्भुत आनंद उसे प्राप्त होने लगा ।उसका असर यह हुआ उसकी क सांसे तेज होने लगी और वह उसका लंड अकड़ने लगा और लोहे की राड की तरह हो गया।

अब वह सुनीता के हाथों पर ठूनकी भी मारने लगा सुनीता देवी बहुत हीखुश हो गई और वो मुस्कुराने लगी ।उसे पता चल चुका था कि राजेश नॉर्मल है।

इधर राजेश को अपने आप पर शर्म महसूस होने लगा इस समय उसका लंड* खड़ा हुआ था और सुनीता देवी अपने हाथों पर साबुन लगाकर उस मुट्ठ मार रही थी ।

शर्म के साथ-साथ राजेश को बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा था। वह अपने शर्म को भूल गया और मूठ मारने का आनंद लेने लगा ।

मां के द्वारा मुठ मारने का आनंद लेने लगा। इस समय राजेश की नजर उसकी मां की चूचियों पर थी। वह अपनी मां की चुचियों पर कहीं खो गया था।

इस समय उसकी मां एक गदराए माल लग रही थी ।वह अपनी मां की चूचिये को घूरे जा रहा था ।

राजेश इस समय अपनी मां के कामरूप पर पूर्ण रुप से मोहित हो गया।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश थी और वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी साबुन लगाने के बाद सुनीता देवी ने पानी से राजेश को नहलाया।

अब भी राजेश का लखड़ा होकर ठूनकी मार रहा था राजेश को नहलाने के बाद सुनीता देवी ने राजेश से कहा चलो बेटा अब तुम नहा लिए।

राजेश का लंड खड़ा हुआ था वह बाथरूम से बाहर आया उसका लंड ठूनकी मार रहा था ।

सुनीता की नजर उसके लंड पर ही थी वह मंद मंद मुस्कुरा रही थी।

राजेश़़़बाथरूम से बाहर आया सुनीता देवी भी उसके पीछे-पीछे बाहर आई और टावेल से राजेश के शरीर को पोछने लगी।

शरीर को पोछते समय सूनिता की नजर राजेश के लंड पर थी ।अपने लंड को देखते हुए राजेश ने जब देखा तो वह शर्म महसूस करने लगा।

सुनीता देवी ने देखा कि राजेश असहज महसूस कर रहा है तब उसने राजेश से कहा ।बेटा यहां सब नॉर्मल है ।

राजेश ने कहा सॉरी मां मुझे पता नहीं है सब कैसे हो गया ।

सुनीता ने कहा बेटा अब तू जवान हो गए हो जवानी में यह सब होता है। यह सब नॉर्मल है इसमें शर्माने की जरूरत नहीं है।

इधर सुनीता देवी इस समय पेटीकोट और ब्लाउज में ही थी राजेश की नजर बार-बार उसकी चुचियों पर ही जा रही थी। जिससे उसका लंड ठूनकी मारने लगता था।

इधर सुनीता देवी मुस्कुराए जा रही थी उसे अपने शरीर पर भी गर्व महसूस हो रहा था जो सोए हुए कामदेव को जगा चुकी थी ।

सुनीता ने कहा बेटा कुछ समय के बाद यह नॉर्मल हो जाएगा और वह राजेश को कपड़ा पहना कर अपने साड़ी उठाकर राजेश के कमरे से जाने लगी जाते समय वाह राजेश से बोली बेटा तुम नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाना ।मैं वही तुम्हें नाश्ता करा दूंगी।

सुनीता देवी राजेश के रूम से निकलकर वहां किचन में आ गई अपनी साड़ी को लपेट ली ।

खुश हो रही थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है वह सोचने भी लगी की उसके बेटे का लैंड कितना बड़ा है ।कितना मोटा है। वह जिसके चूत में जाएगा उसकी चूतफाड़ कर रख देगा ।
सुनीता की मां के जाने के कुछ समय के बाद राजेश का लंड * कुछ डीला पड़ा ।वह राहत के सास लेने लगा। वह अपने आप पर शर्मिंदा था ।किमां के सामने उसका लंड खड़ा हो गया । लंड ढीला पढ़ने के बाद राजेश को पेशाब आने लगी।

इधर सुनीता ने नाश्ता लगाकर राजेश को आवाज दी बेटा आ जाओ नाश्ता लग चुका है। राजेश इस समय असहज महसूस कर रहा था कि वह मां के सामने कैसे जाए फिर भी वहां संकोच करते हुए अपने रूम से बाहर निकला और हाल पर लगे हुए डाइनिंग टेबल की ओर चला गया ।
हुआ नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया परंतु से पेशाब आ रही थी तो उसने अपना हाथ अपने लंड पर रखकर दबाने लगा ।जिससे सुनीता ने देख लिया ।

सुनीता ने राजेश से कहा बेटा कुछ प्रॉब्लम है क्या तब राजेश ने अपने मां से संकोच करते हुए कहा मां पेशाब आ रही है ।

सुनीता ने राजेश से कहा चलो पहले तुम्हें पेशाब करा देती हूं तब नाश्ता करना और हाल पर ही एक बाथरूम के कोने पर बना हुआ था वहां उसे राजेश को पेशाब कराने के लिए ले गई ।

पेशाब कराने के लिए जैसे ही सुनीता नीचे बैठ गए और राजेश के लंड को पकड़ ली राजेश की नजर सुनीता की चूचियों पर पर चली गई जिसके कारण राजेश का लंड खड़ा हो गया।

लंड खड़ा हो जाने पर पेशाब लंड से बाहर नहीं आ सका। सुनीता समझ गई कि माजरा क्या है।

कुछ देर तक राजेश वैसा ही खड़ा रहा तब। सुनीता ने राजेश से कहा का बेटा ऐसे में पेशाब नहीं आएगा । जब यह डीला पड़ेगा तभी पेशाब बाहर आएगा ।

तब राजेश ने कहा मा मुझे पता नहीं है कैसे खड़ा हो जाता है। मुझे माफ कर दो ।

तब सुनीता ने कहा बेटा यह सब नॉर्मल है चलो जब यह दढीला हो जाएगा, तब पेशाब करा दूंगी ।तब तक तुम नाश्ता कर लो ।

राजेश ने कहा ठीक है मां और वह बाथरूम से निकलकर डाइनिंग टेबल की ओर चले गए और सुनीता राजेश को नाश्ता कराने लगी और नाश्ता करा कर स्वयं भी नाश्ता कर ली ।

नाश्ता करने के बाद राजेश हाल में ही बैठा था उसका लंड अब ढीला पड़ गया था। अब पेशाब आने लगा था।

सुनीता राजेश के पास आई और राजेश से बोली बेटा अब नॉर्मल हो गया हो तो फिर पेशाब करा दू।

राजेश ने कहा हां मा पेशाब करा दो और वे दोनों बाथरूम की ओर चले गए लेकिन जैसे ही सुनीता ने राजेश के लंड को पेशाब कराने के लिए पकड़ा तो राजेश का लंड* सरसराता हुआ वह फिर से खड़ा हो गया ।वह बहुत ही शर्मिंदा हो गया।

सुनीता देवी भी कुछ कह नहीं पा रही थी तब राजेश ने अपनी मां से कहा पता नहीं यह सब कैसे हो जाता है सॉरी मां तुम्हारे हाथ लगते ही या खड़ा हो जाता है ।

सुनीता देवी समझ गई अब यह मेरे हाथ लगने से उत्तेजित हो जाता है ।उसने राजेश से कहा बेटा तुम घबराओ नहीं यह सब नॉर्मल है ऐसा जवान लड़कों के साथ होता है।

तब राजेश ने कहा ऐसे में तो मैं पेशाब भी नहीं कर पाऊंगा । अब क्या करूं कोई उपाय है तो बताओ।

सुनीता ने कुछ सोचते हुए कहा बेटा इसका एक उपाय है ।तुम्हारे लिंग को हिलाना पड़ेगा उससे कुछ पानी निकलेगा तो तुम्हारा लिंग नॉर्मल हो जाएगा। चलो मैं तुम्हारे लिंग को हिला देती हूं तुम नॉर्मल हो जाओगे। फिर तुम पेशाब कर पाओगे।

सुनीता देवी ने राजेश के लिंग को पकड़ कर मुठ मारने लगी । वह राजेश लंड के सामने आ कर बैठ गई और एक हाथ से उसके अंडकोष को सहलाने लगी और दूसरे हाथ से उसके लंड* को मुठ मारने लगी ।

राजेश की नजर उसकी मां की चूचियो पर चला गया वह उसे देखकर और उत्तेजित होने लगा। उसकी मां के द्वारा मुठ मारने से उसे बहुत ही आनंद आने लगा उसकी सांस तेज तेज चलने लगी।

सुनीता मुठ मारने में खो गई उसकी साड़ी की पल्लू नीचे गिर गया था। जिसेसे चूचियां बाहर आने को उतावले हो रहे थे। जिस पर राजेश की नजर गड़ी हुई थी ।

राजेश के सास तेज होने लगी उसके दिल की धड़कन बढ़ गई इधर सुनीता राजेश के लंड को पकड़कर तेज तेज मुठ मारने लगी। तब राजेश ने अपनी मां से कहा मां और तेज करो, और तेज मारो ,बहुत आनंद आ रहा है ,बहुत मजा आ रहा है मां, और तेज करो मैं और तेज करो ना।

सुनीता राजेश की बात को सुनकर और जोर-जोर से मुठ मारने लगी ।

अब राजेश का ल** अकड़ने लगा ।उसकी सास तेज तेज चलने लगी थी और उसका धैर्य जवाब दे गया और वह वीर्य की लंबी लंबी पिचकारी मारने लगा।

इस समय उसके मुंह से आह आह आह मम्मी की आवाज निकल रहा था।

वीर्य की पिचकारी सूनिता के चेहरे पर पड़ा और उसके चेहरे से होता है वह उसके चुचियों पर वीर्य टपकने लगा ।

ढेर सारा वीर्य उसके उसके लंडसे निकलने लगा पता नहीं कितने दिनों से यह वीर्य इकट्ठा था ।मूठ मारने का पहला अनुभव था राजेश के लिए वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया था झड़ते समय ।

जब उसके लंड से वीर्य निकालना बंद हुआ तब राजेश ने आंखें खोली। सुनीता की नजरें राजेश की नजर से मिली ।

जब राजेश ने देखा कि उसकी मां उसके वीर्य से नहा डाली
राजेश ने अपनी मां से कहा सॉरी मां गलती हो गई

सुनीता ने राजेश से कहा बेटा यह तूने क्या किया मुझे पूरा गंदा कर दिया और वह बनावटी गुस्सा करने लगी और मुस्कुराने लगी ।
वाह क्या बात है भाई, शानदार, दमदार,
ओर कामुक अपडेट दिया है
सुनीता के तो मजे हो गये अब बस चुदाई भी करवा दो भाई।
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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भाई साहब अगले अपडेट का बेसबरी से इंतजार रहेगा
 
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