Bahot hi sundar updateअगली सुबह सुजाता सो कर उठने के बाद फ्रेश हुई और राजेश के कमरे में चली गई। राजेश अभी तक सोया ही था।
सुजाता ने दरवाजा खटखटाई, राजेश ने दरवाजा खोला।
सुजाता _ये क्या राजेश तुम अभी तक तैयार नहीं हुवे हो? मैने कल तुमसे कहा था ना कि हम सुबह घूमने चलेंगे।
राजेश _ओह सॉरी मैम, कल लेट से सोया ना इसलिए उठने में लेट हो गई। मै फटाफट अभी रेडी होकर आता हूं।
सुजाता _ओके, जल्दी करना, सुबह का मौसम और ज्यादा सुहावना लगता हैं।
सुजाता नीचे हाल में आकर राजेश का वेट करने लगी।
राजेश कुछ ही समय में तैयार होकर नीचे पहुंचा।
राजेश _चलिए मैम मै रेडी हू।
सुजाता _रुको कॉफी पीकर चलते हैं।
राजेश _हा ये ठीक रहेगा।
सुजाता ने नौकरों सी काफी बनाने पहले ही कह दिया था। दोनों कॉफी पीने के बाद दोनों कार से निकल पड़े। मनोरम दृश्यों का आनंद उठाने और झरने में नहाने। वह ड्राइव और बॉडीगार्ड को साथ नही ले गई।
सोनपुर से निकलकर कुछ दूर चलने के बाद।
प्रकृति की सुंदरता देखते ही बन रहा था। चारो तरफ पहाड़, नदी घने पेड़, तरह तरह के पेड़ पौधे। मन को आनंदित कर रहे थे।
सुजाता _रुको राजेश, देखो कितना सुंदर नजारा है। मन करता है यही बस जाऊं।
चारो तरफ फूलो की खुशबू, मन को आनंदित कर रहा था पक्षियों की आवाजवातावरण में संगीत भर रहा था।
तभी एक बैलगाड़ी सुजाता को जाती हुई दिखाई दी, जिसमे घास फूस ले जाया जा रहा था।
सुजाता _राजेश, मुझे बैलगाड़ी पे बैठना है। गाड़ी रुको।
राजेश _कही बैल गाड़ी से गिर गई तो।
सुजाता _हूं, तुम मुझे इतना कमजोर समझते हो। मै भाई अपने कालेज के दिनों में बेस्ट स्टूडेंट्स थी, समझे।
राजेश _ओह, तब तो आप बैल गाड़ी को सवारी कर सकती हो।
राजेश _ओ बैल गाड़ी वाले भैया, जरा रुकना तो।
बैलगाड़ी वाला _बोलो बाबू, क्या काम है?
राजेश _हमारी मेमसाब आपकी बैल गाड़ी में बैठना चाहती है।
बैलगाड़ी वाला_बिठा दे बाबू जी, मैम साहब को गाड़ी पर, पर थोड़ा सम्हल के बैठने कहना।
राजेश _लो मैम कर लीजिए अपनी बैलगाड़ी में बैठने की इच्छा पूरी।
सुजाता बैलगाड़ी में चढ़ने की कोशिश करने लगी पर वह नाकाम रही।
सुजाता _अब देख क्या रहे हो?, चढ़ने में मेरी मदद करो।
राजेश _ओह,क्यूअगली सुबह सुजाता सो कर उठने के बाद फ्रेश हुई और राजेश के कमरे में चली गई। राजेश अभी तक सोया ही था। सुजाता ने दरवाजा खटखटाई, राजेश ने दरवाजा खोला। सुजाता _ये क्या राजेश तुम अभी तक तैयार नहीं हुवे हो? मैने कल तुमसे कहा था ना कि हम सुबह घूमने चलेंगे। राजेश _ओह सॉरी मैम, कल लेट से सोया ना इसलिए उठने में लेट हो गई। मै फटाफट अभी रेडी होकर आता हूं। सुजाता _ओके, जल्दी करना, सुबह का मौसम और ज्यादा सुहावना लगता हैं। सुजाता नीचे हाल में आकर राजेश का वेट करने लगी। राजेश कुछ ही समय में तैयार होकर नीचे पहुंचा। राजेश _चलिए मैम मै रेडी हू। सुजाता _रुको कॉफी पीकर चलते हैं। राजेश _हा ये ठीक रहेगा। सुजाता ने नौकरों सी काफी बनाने पहले ही कह दिया था। दोनों कॉफी पीने के बाद दोनों कार से निकल पड़े। मनोरम दृश्यों का आनंद उठाने और झरने में नहाने। वह ड्राइव और बॉडीगार्ड को साथ नही ले गई। सोनपुर से निकलकर कुछ दूर चलने के बाद। प्रकृति की सुंदरता देखते ही बन रहा था। चारो तरफ पहाड़, नदी घने पेड़, तरह तरह के पेड़ पौधे। मन को आनंदित कर रहे थे। सुजाता _रुको राजेश, देखो कितना सुंदर नजारा है। मन करता है यही बस जाऊं। चारो तरफ फूलो की खुशबू, मन को आनंदित कर रहा था पक्षियों की आवाजवातावरण में संगीत भर रहा था। तभी एक बैलगाड़ी सुजाता को जाती हुई दिखाई दी, जिसमे घास फूस ले जाया जा रहा था। सुजाता _राजेश, मुझे बैलगाड़ी पे बैठना है। गाड़ी रुको। राजेश _कही बैल गाड़ी से गिर गई तो। सुजाता _हूं, तुम मुझे इतना कमजोर समझते हो। मै भाई अपने कालेज के दिनों में बेस्ट स्टूडेंट्स थी, समझे। राजेश _ओह, तब तो आप बैल गाड़ी को सवारी कर सकती हो। राजेश _ओ बैल गाड़ी वाले भैया, जरा रुकना तो। बैलगाड़ी वाला _बोलो बाबू, क्या काम है? राजेश _हमारी मेमसाब आपकी बैल गाड़ी में बैठना चाहती है। बैलगाड़ी वाला_बिठा दे बाबू जी, मैम साहब को गाड़ी पर, पर थोड़ा सम्हल के बैठने कहना। राजेश _लो मैम कर लीजिए अपनी बैलगाड़ी में बैठने की इच्छा पूरी। सुजाता बैलगाड़ी में चढ़ने की कोशिश करने लगी पर वह नाकाम रही। सुजाता _अब देख क्या रहे हो?, चढ़ने में मेरी मदद करो।
राजेश ओह क्यू नही?
राजेश ने सुजाता को अपनी बाहों में उठा लिया।
सुजाता राजेश की आंखो में देखते हुवे बोली, सम्हाल के बिठाना गिरा न देना।
राजेश ने सुजाता को बैल गाड़ी में बिठा दिया।
बैल गाड़ी वाले ने बैल को हांकना सुरू किया।
बैल गाड़ी में बैठने से सुजाता एक अलग ही रोमांच का अनुभव करने लगी।
वह बैल गाड़ी में बैठ कर प्राकृतिक नजारों का आनद उठाने लगी ।
राजेश बैलगाड़ी के पीछे पीछे धीरे धीरे कार चलाते हुए चलने लगा।
इधर सुजाता का मन नाचने और गाने का कर रहा था।
और वह गाना शुरू कर दी।
कांटो से खीच के ये आंचल
तोड़ के बंधन बांधे पायल
कोई न रोको दिल की उड़ान को
दिल ओ चला, हा हा हा हा
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
अपने ही बस में नहीं मै
दिल है कहीं तो हूं कहीं मैं
हो अपने ही बस में नहीं मै
दिल है कहीं तो कही मैं
हो जाने का पया के मेरी जिंदगी ने
हस कर कहा,,,,,,,,,
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
गाड़ी वाला गाड़ी आगे बढ़ाता रहा, वहा के मनोरम दृश्य को देखने सुजाता गाड़ी से उतर गई।
और मनोरम दृश्य को देखने दौड़ने लगी।
राजेश भी कार रोककर उसके पीछे पीछे दौड़ने लगा।
सुजाता फिट नाचने गाने लगी,
कल के अंधेरा से निकल के
देखा है आंखे मलते मलते
हो कल के अंधेरा से निकल के
देखा है आंखे मलते मलते
हो फूल ही फूल जिंदगी बहार है
तय कर लिया,,,,,,
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है।
इस प्रकार नाचते गाते वे लोग झरने के पास पहुंच गए।
वहा पर पहले से कुछ लोग मौजूद थे झरने पे नहाने का मजा ले रहे थे।
सुजाता और राजेश दोनों खूबसूरत झरने को देखकर रोमांचित हो गए।
सुजाता _चलो राजेश झरने में नहाने का मजा लेते हैं।
सुजाता आगे आगे और राजेश पीछे पीछे चलते हुए झरने के के पास पहुंच गए।
सुजाता झरने के नीचे जाने लगी
राजेश _मैम संभल कर, कही पैर फिसल न जाए।
सुजाता झरने के नीचे खड़ी हो गई और नहाने लगी।
राजेश सुजाता को झरने के नीचे नहाते हुए देखने लगा।
कुछ लोग और भी नहा रहे थे।
सुजाता _राजेश, वहा क्यू खड़ा है आओ न।
राजेश भी झरने के नीचे चला गया।
दोनों झरने के पानी में नहाने लगे।
नहाते समय पानी में सुजाता की साड़ी उसकी बदन से चिपक गई।
जिससे वह और भी खूबसूरत और हॉट लगने लगीं।
वहा पर मौजुद लोग, सुजाता की खूबसूरती को ही निहारने लगे।
तभी वहां पर सुजाता की कंपनी से निकाला गया मज़दूर यूनियन का एक सदस्य भी मौजुद था।
उसने जब राजेश और सुजाता को नहाते देखा।
वह सदस्य अपने साथी से कहा,,
यार ये तो कंपनी की मालकिन सुजाता और वही लड़का है जिसके कारण हम लोगो को कंपनी से निकाल दिया गया।
ये लोग मजे करने आए हैं, हमे कंपनी से बेइज्जत कर।
मुझे अभी राकेश भाई को बताना चाहिए।
वह व्यक्ति राके श सिंह को काल किया।
राकेश सिंह _क्या है बे, क्यू काल किया।
सदस्य _भैया, सुजाता मैडम और वह लौंडा यहां झरने में नहाने आए है।
खूब इंजॉय कर रहे हैं दोनों,
राकेश _अबे क्या कह रहा है? कोई और होंगे।
इतनी अमीर महिला इस तरह खुले में नहाएगी?
सदस्य _नही भैया ये वही है, मै फ़ोटो खीच कर भेजता हूं।
राकेश _ठीक है भेजो।
उस व्यक्ति ने सुजाता की फ़ोटो खीच कर राकेश सिंह को भेज दिया।
राकेश सिंह ने जब फ़ोटो देखा, तो सुजाता और राजेश को पहचान लिया।
राकेश सिंह ने उस व्यक्ति को फ़ोन किया।
राकेश सिंह _अबे सुन इन लोगो ने कंपनी से हमे अपमानित कर निकलवा दिया, आज हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे हैं।
इनसे बदला लेने का अच्छा मौका मिला है।
तुम इन दोनों पर नजर रख।
मैं अपने साथियों को लेकर वहा पहुंचता हूं।
सदस्य _ठीक है भैया।
इधर राजेश और सुजाता इन बातों से बेखबर नहाने का मजा लेने लगे।
सुजाता ने देखा की झरने का पानी नीचे बहकर जहां जा रहा था वहा एक बड़ा सा कुंड बना था जिसमे कई लोग जल क्रीड़ा कर रहे थे।
सुजाता _राजेश, चलो न हम भी कुंड पर चलते हैं वहा नहाने का मजा लेंगे।
दोनों कुंड में जाकर नहाने लगे।
सुजाता _राजेश तुम भागो मै तुम्हें पकड़ती हूं।
राजेश _मैम रहने दो आप मुझे नही पकड़ पाएंगी।
सुजाता _अच्छा देखते हैं।
सुजाता राजेश की ओर पकड़ने के लिए दौड़ी। राजेश पानी के अंदर से तैरते हुए दूसरे जगह पहुंच गया।
सुजाता निराश हो गई। वह राजेश को पकड़ने की कोशिश करते करते थक गई।
वह निराश हो गई।
अंत में अंतिम बार प्रयास की, इस बार राजेश भागा नही।
सुजाता ने राजेश को जोर से अपनी बाहों मे भर कर करा, लो पकड़ लिया। बच्चू आख़िर तुम पकड़े गए।
सुजाता राजेश को जोर से पकड़कर चिपक गई थी।
राजेश _मैम क्या कर रही हो सब देख रहे हैं अब छोड़ो।
सुजाता _न, तुमने मुझे मुझे बहुत थकाया, इतनी आसानी से छोडूंगी नही।
राजेश _सब देख रहे हैं छोड़ो।
सुजाता ने लोगो की ओर देखा सभी की नजर दोनों पर ही थी। वह शर्मिंदा महसूस करने लगी।
राजेश _मैम अब चलो, काफी देर हो चुकी है।
दोनों कुंड से बाहर निकले। और बाल संवारने लगे।
राजेश _मैम, अब चलो यहाँ से सभी लोग आप ही को घूर रहे हैं।
सुजाता _पर यहां पर तो बहुत लोग नहा रहे हैं फिर मुझे ही क्यू घूर रहे हैं।
राजेश _क्यू की तुम बहुत खूबसूरत और हॉट लग रही हो।
सुजाता _चल हट बदमाश कही का, मुझपे बुरी नजर डालता है।
राजेश _ठीक है मै अपनी आंखे बंद कर लेता हूं।
सुजाता _हां ये ठीक रहेगा, तुम अपनी आंखे बंद कर मेरी उंगली पकड़ कर चलो।
राजेश _अच्छा जी लो आंखे बंद कर लिया, पर तुम तो आंखे बंद करने के बाद भी नजर आ रही हो।
सुजाता _हूं, तो मुझसे बदमाशी कर रहे हो।
राजेश _हूं थोड़ा थोड़ा।
दोनों हसने लगे।
राजेश _मैम ,दोनों थोड़ी देर धूप में खड़े हो जाते हैं।
कपड़ा कुछ सुख जायेगा फिर ऐसे ही घर चले जायेंगे, घर जाकर चेंज कर लेंगे।
सुजाता _हां ठीक है।
इधर राकेश सिंह अपने साथी से राजेश और सुजाता की पल पल की जानकारी ले रहा था।
राकेश सिंह ने अपने साथियों के साथ प्लान बनाया।
राकेश सिंह _देखो वहा झरने के पास लोगो की भीड़ है, हम कुछ नहीं कर पाएंगे।
वे लोग इसी रास्ते से वापस आयेंगे। रास्ता सुनसान है आस पास घने जंगल है। हमे यही पर उन्हें रोकना होगाऔर दोनों को रास्ते से घने जंगल में ले जायेंगे।
फिर अपने अपमान की बदला लेंगे।
उधर कुछ देर रुकने के बाद राजेश और सुजाता कार से अपने घर के लिए निकल पड़े।
इसकी जानकारी राकेश सिंह के साथी ने राकेश को फ़ोन पर बताया।
राकेश सिंह _उन लोग आने ही वाले हैं तुम सब झाड़ियों में छुप जाओ।
राकेश सिंह ने अपने एक साथी को सड़क पर लिटा दिया।
एक बाइक को भी गिरा दिया।
जैसे उसका एक्सीडेंट हो गया हो।
सभी लोग छिप गए।
राजेश और सुजाता इस बात से अंजान वे बात चीत करते हुए कार से वहा पर पहुंचे।
सामने रोड पर किसी व्यक्ति को पड़ा हुआ देखकर राजेश ने कार रोक दिया।
सुजाता _राजेश, कार क्यू रोक दिया?
राजेश _मैम सामने देखो।
लगता है किसी का एक्सीडेंट हो गया है।
मैं देखता हूं।
सुजाता _राजेश और सुजाता दोनों कार से उतरे।
राजेश उस आदमी के पास गया और उसे हिला कर देखा।
वह आदमी अपने हांथ में मिर्ची पाउडर रखा था उसने राजेश की आंखो में मिर्ची पाउडर फेक दिया।
राजेश की आंखो में तेज जलन होने लगीं। वह अपनी आंखे नही खोल पा रहा था।
तभी राकेश सिंह और उसके साथी सामने आए और हसने लगे।
राकेश सिंह _मैडम पहचाना।
सुजाता _राकेश सिंह तुम।
राकेश सिंह _हां मैडम जी मै।
पकड़ लो इन दोनों को और ले चलो जंगल के अंदर।
सुजाता को दो लॉग पकड़ लिए।
सुजाता _छोड़ो मुझे।
इधर बांकी लोग राजेश को पकड़ने लगे लेकिन राजेश को काबू में नहीं कर पा रहे थे।
तभी एक ने बड़े डंडे से राजेश के सिर पर वार किया जिससे राजेश का सिर फट गया वह चक्कर खा कर बेहोश सा हो गया।
साला बहुत छटपटा रहा था।
सुजाता चीखी, राजेश।
राजेश के सिर से खून बह रहा था वह बेशुध सा हो गया।
सुजाता _भगवान के लिए छोड़ दो हमे, तुम लोग बहुत गलत कर रहे हो।
राकेश सिंह _राकेश सिंह जब तक अपने अपमान का बदला नही ले लेता। शांत नहि बैठता। हा हा हा
तुमने हमें अपमानित कर अपने कंपनी से बाहर किया।
इस अपमान का बदला तेरे यार के सामने तेरी इज्जत लूट कर लेंगे।
ले चलो दोनों को जंगल में।
राकेश सिंह के साथी राजेश और सुजाता को घसीटते हुए जंगल के अंदर ले जानें लगे। सुजाता मदद के लिए चिल्लाती रही पर वहा सुनने वाला कोई नहीं था।
राकेश सिंह _ये जगह ठीक है, बांध दो इसके यार को पेड़ से।
सुजाता _नही राजेश को छोड़ दो।
राजेश को रस्सी की सहायता से दो उसके दोनों हाथो को दो पेड़ो से बांध दिया।
राकेश _हाय सच में तू कयामत लग रही है। क्या मस्त मॉल है तू। तुम्हारी लेने में बड़ा मजा आयेगा।
सुजाता _छोड़ दो हमे जाने दो, पुलिस वाले तुम लोगो को छोड़ेंगे नहीं।
किसी को पता चलेगा तब न तुम्हारी चीख किसी को सुनाई नही देगी। इसी लिए तो हम तुम दोनों को यहां पर लाए है जानेमन।
अबे होश में लाओ रe इनके यार को, सुना है हड़ताल तुड़वाने के पीछे इसी लौंडे का दिमाक था।
अब साला अपनी आंखो से अपनी महबूबा की इज्जत लुटते देखेगा। तब हमारे अपमान का बदला पूरा होगा।
राकेश सिंह के साथी राजेश के ऊपर पानी डालने लगे। उसे कुछ कुछ होश आने लगा।
राकेश सिंह _Rajeshके बाल पकड़कर कहा,अबे होश में आ , देख तेरी दिलरुबा का हम क्या हाल करने वाले है। देख अपनी आंखो से, और डालो re पानी इसके ऊपर
राजेश के चेहरे पर और पानी डाला गया। राजेश कुछ होश में आया उसने खुद को पेड़ से बंधा पाया, सामने राकेश सिंह खड़ा था, दो लोग सुजाता को पकड़े हुवे थे, बांकि लोग राजेश के आस पास खड़े थे।
राजेश _राकेश सिंह तू।
कुत्ते छोड़ दे मैडम को क्यू अपनी मौत को दावत दे रहा है।
राकेश सिंह _साले बल चला गया है पर तेरा अकड़ नही गया है। वैसे बॉडी तो काफी अच्छी बना रखी है। पर लगता हैं सिर्फ दिखाने के लिए है।
तेरे आंखो के सामने तेरी महबूबा का इज़्जत लूट कर हम अपने अपमानो का बदला लेंगे। अगर तेरे में दम है तो बचा ले अपनी महबूबा को।
राजेश _कुत्ते, अगर तुमने मैडम को हाथ भी लगाया न तो मां कसम तुम सबका हाथ पाव तोड़ कर रख दूंगा।
सभी लोग राजेश की बात सुनकर हसने लगे,,
हमारा हाथ पांव तोड़ेगा ये,, हा हा हा,,
अभी तू बच्चा है, बात तो बड़ी बड़ी कर रहा है,,
अब तू देख तेरे सामने तेरी मैम की इज्जत कैसे लुटते है?
राकेश सिंह, सुजाता की ओर आगे बड़ा,,
राजेश _कुत्ते, रुक जा, ऐसी गुस्ताखी भी न कर,, क्यू अपनी मौत को बुला रहा है?
राकेश सिंह ने आगे बड़ा और सुजाता की साड़ी के पल्लू को पकड़ लिया।
राजेश _कुत्ते मै कहता हूं रुक जाओ।
इधर राकेश सिंह सुजाता की पल्लू को पकड़ कर खींचने लगा, सुजाता खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
राकेश _आजा मेरी रानी क्या मस्त मॉल है तू, तेरी लेने में तो बड़ा मजा आयेगा।
सभी हसने लगे।
सुजाता _साड़ी की पल्लू छुड़ाने की कोशिश करने लगी,नही छोड़ दो, हमे जाने दो।
तभी राकेश सिंह साड़ी की पल्लू को जोर लगा कर खींचने लगा।
राजेश बहुत गुस्से में आ गया, वह जोर से दहाड़ने लगा,आ,,,,,,
उसने अपनी पूरी ताकत से रस्सी को तोड़ने का प्रयास करने लगा।
राकेश सिंह और उसके साथी हसने लगे।
इधर सुजाता अब राकेश सिंह को रोक पाने में असमर्थ हो गई वह जोर से चीखी, राजेश बचाओ मुझे।
राजेश ने एक बार फिर अपना पूरा जोर लगा दिया , इस बार जिस पेड़ से बंधा था ज्यादा मोटे नही थे, पेड़ ही उखड़ गया।
राजेश को दहाड़ पूरे जंगल में गूंजने लगा।
राकेश और उसके साथी भयभित हो गए।
राकेश _मारो साले को।
एक ने डंडे से राजेश के पीठ पर प्रहार किया, राजेश टस से मस न huwa वह ।
उसने फिर दूसरी बार प्रहार किया राजेश ने उसका प्रहार रोक दिया फिर एक जोर का मुक्का उसके चेहरे पर मारा।
उस व्यक्ति का पूरा दांत बाहर आ गया, उसका मुंह लहुलुहाहन हो गया।
राकेश सिंह के साथियों ने राजेश पर एक साथ धावा बोल दिया। राजेश पर लाठी डंडों से प्रहार किया।
राजेश की पकड़ में जो भी आता उसे बुरी तरह मार कर अधमरा कर देता।
इस तरह एक एक करके राकेश सिंह के सभी साथी जमीन पर लुढ़कते गए, और फिर उठ न सके।
अंत में राकेश सिंह ने चाकू से राजेश पर प्रहार कर दिया,
राजेश की भुजा पर चाकू लगी,
सुजाता चीखी _राजेश,,,
तभी राकेश सिंह ने दूसरा प्रहार किया पर राजेश ने उसका प्रहार रोक एक जोर का लात उसके पेट में मारा, राकेश सिंह हवा में उड़कर दूर जा गिरा।
राजेश ने उसे गर्दन से पकड़कर उठाया और एक जोर का मुक्का उसके मुंह पे मारा मुंह से खून की धार निकल गया।
राजेश बहुत गुस्से में था, वह राकेश सिंह के जांघो पर जोर से प्रहार किया इस प्रहार से उसका जांघ टूट गया, इसके बाद भी राजेश
राजेश _कुत्ते तूने इसी हाथ से मैम को छुआ ने देख इसकी क्या हालत करता हु।
राजेश ने राकेश सिंह के हाथ पर अपने पैर से जोर का प्रहार किया जिससे राकेश सिंह का हाथ टूट चुका था।
राजेश का गुस्सा शांत ही नहीं हो रहा था वह एक पत्थर उठाकर राकेश सिंह को खत्म करने को उठाया।
तभी सुजाता दौड़ते हुवे उसके पास आई और राजेश से लिपट गई।
सुजाता _नही राजेश उसे छोड़ दो, मत मारो।
राजेश _नही मैम इसने तुम्हें हाथ लगाने की जरूरत कैसे की मैं नही छोडूंगा।
सुजाता _नही राजेश, तुम्हें मेरी कसम इसे छोड़ दो, मै नही चाहती की तुम किसी मुसीबत में फसो।
सुजाता की कसम देने से राजेश रुक गया।
राकेश सिंह और उसके सभी साथी उठ पाने की स्थिति में नहीं थे इधर राजेश भी लड़ते लड़ते घायल हो चुका था।
उसके पैर लड़खड़ाने लगे।
सुजाता ने उसको सहारा देकर किसी तरह धीरे धीरे उस जंगल से बाहर निकाला और थाना प्रभारी को सारी घटना के बारे में बता दिया।
थाना प्रभारी तुरंत वहां अपने साथियों के साथ पहुंच गया।
राकेश और उसके साथी बुरी तरह घायल थे उसे अस्पताल ले जाया गया। और राजेश को भी अस्पताल ले जानें के लिए बोला।
राजेश _नही, मुझे घर ले चलिए।
सुजाता _पर राजेश, तुम्हारी हालत बहुत खराब है।
राजेश _मैम मैं नही चाहता की जो भी घटना घटित हुआ उसके बारे में लोगो को पता चले, यह हमारे कंपनी के लिए ठीक नहीं, निवेशकों में गलत संदेश जा सकता है।
सुजाता _ओह, राजेश मुझे ये कंपनी वगैरा कुछ नहीं चाहिए।
मुझे तुम्हारी सलामती चाहिए।
राजेश,_मैम मै ठीक हूं, मुझे घर ले चलिए।
थाना प्रभारी सर इस घटाना के बारे में आप किसी से कुछ न कहना।
थाना प्रभारी _ठीक है राजेश अगर आप लोग यही चाहते हो तो ऐसा ही होगा लेकिन इन सालो को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाऊंगा।
सुजाता गाड़ी चलाकर राजेश को बंगला में ले गया।
बांग्ला में ले जानें के बाद वहा नौकरों की मदद से उसे अपने कमरे में ले जाकर लिटा दिया
और डॉक्टर को बुलाया।
कुछ देर बाद नर्स के साथ डॉक्टर पहुंच गया।
वह राजेश की स्थिति का मुआइना करने लगा।
राजेश के सारे कपड़े उतारने कहा जो जगह जगह फट चुके थे खून धूल और मिट्टी लगे हुए थे।
राजेश के शरीर से पूरे कपड़े उतार कर निर्वस्त्र कर दिया।
सुजाता की आंखो से आंसु निकलने लगे थे।
राजेश की शरीर की पहले अच्छे से सफाई किया गया। राजेश के शरीर के ऊपर एक पतला चादर डाल दिया।
जगह जगह उसके शरीर पर चोट के निशान थे।
डाक्टर ने राजेश के शरीर पर लगे चोटों पर लगाने के लिए मलहम, दर्द निवारक गोली, कुछ एन टीबायोटिक दिया।
उसे इंजेक्शन लगाकर सुजाता से राजेश को आराम करने देने को कहा। डाक्टर ने कहा समय समय पर मलहम लगा ने और दवा खिलाने से कुछ ही दिन में राजेश ठीक हो जायेगा। घबराने की बात नही है।
अभी नर्स को यही छोड़ रहा हूं।
यह राजेश कादेखभाल करेगी।
सुजाता _ठीक है डाक्टर।
राजेश आराम करने लगा।
इधर सुजाता फिर से नहाकर नए कपडे पहन ली।
नर्स रूम में ही कुर्सी पर बैठ कर अपनी मोबाइल पर समय व्यतीत कर रही थी।
नर्स _इनके दवाई का समय हो गया है। इसे उठाओ।
सुजाता ने राजेश के बालो को प्यार से सहलाते हुए राजेश को उठाने लगी।
राजेश अपने आंखे खोला।
सुजाता _राजेश अब कैसा महसूस कर रहे हो।
राजेश_ पहले से बेटर।
नर्स _पहले इसे कुछ खिलाओ। उसके बाद इन्हें मलहम लगा कर दवाई खिलाएंगे।
सुजाता ने काल कर नौकरों को रोटी दाल सब्जी लाने को कहा।
नौकर भोजन लेकर आया।
सुजाता ने राजेश को बेड पर बिठाया और अपने हाथो से खाना खिलाने के लिए आगे बड़ी,,
राजेश _मैम आप ने भोजन की।
सुजाता _राजेश, तुम पहले खा लो फिर मैं खा लूंगी।
राजेश _नही आप भी साथ में खाओगी, तब खाऊंगा।
सुजाता _ओ हो राजेश, मै खा लूंगी न बाबा तुम पहले खा लो।
राजेश _न, पहले तुम खाओ फिर मुझे।
सुजाता ने राजेश को खिलाती फिर वह भी खाती इस प्रकार जब दोनों ने भोजन कर लिया।
नर्स बोली _इसके पूरे शरीर में मलहम लगाना होगा।
राजेश को पेट के बल लिटा दिया राजेश पूरा निर्वस्त्र था। नर्स मलहम लेकर राजेश के पूरे शरीर में मलने लगी।
उसके पीठ कूल्हे फिर पैर।
राजेश को सीधा होकर लेटने कहा।
नर्स ने राजेश के सीने फिर, उसके पेट फिर उसने राजेश के लैंड पर भी मलहम लगाने लगीं।
नर्स राजेश के लंबे land देखकर मुस्कुरा रही थी।
इधर सुजाता को नर्स पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उसका मन कर रहा था कि वह नर्स की गालों पर दो चार तमाचा लगा दे ।
पर चोट तो पूरे शरीर पर लगीं थीं तो नर्स ने काफी देर तक राजेश के land उसके अंडकोष पर ऊपर चादर डालकर मालिश किया।
राजेश को भी अच्छा फील हो रहा था।
वह अपना आंख बंद कर लेटा रहा।
इधर सुजाता गुस्से से आग बगुला हो रही थी।
सुजाता _अब नीचे भी मालिश करो।
नर्स _हा, ठीक है।
पैरो की मालिश करने के बाद राजेश को दवा पिलाया गया।
राजेश के शरीर पर चादर ओढ़ा दिया, राजेश को आराम करने कहा गया।
सुजाता ने नर्स से बोली _देखो अब तुम हॉस्पिटल जाओ, मै राजेश की देखभाल कर लूंगी ।
मैं डाक्टर से बात कर ली हूं।
नर्स _ठीक है मैम जैसी आपकी ईच्छा।
नर्स चली गई।
सुजाता को निशा का फ़ोन आया।
सुजाता _बोलो बेटा, तुम और तुम्हारे पापा ठीक तो हो न।
निशा _हा मॉम, मै ठीक हूं। आप और राजेश कैसे है?
सुजाता _हम लॉग भी ठीक है बेटा।
निशा _मॉम, आप लोग आज आने वाले थे।
सुजाता _बेटा, यहां अभी कुछ काम बाकी है, 2_3दिन बाद ही हम आ पाएंगे।
तब तक अपना और अपने डैड का ख्याल रखना बेटी।
निशा _ओके मॉम पर जल्दी आने की कौशिश करना।
सुजाता _मै जितनी जल्दी हो सके आ जाऊंगी बेटा तुम चिंता न करना।
निशा _ओके मॉम, लव यू मॉम बाई
सुजाता _लव यू टू बेटा।
शाम को 6बजे राजेश उठा।
सुजाता _राजेश अब कैसा फील कर रहे हो।
पहले से बेटर।
दर्द से कुछ राहत मिला।
सुजाता _गुड।
राजेश ये सब मेरे कारण ही huwa, मैने ही बाहर घूमने जाने के लिए तुमसे जिद किया।
राजेश मुझे माफ कर दो।
राजेश _मैम इसमें आपकी क्या गलती है? आख़िर आप भी एक औरत हो। हर औरत की एक चाह होती है घूमने फिरने की।
गलती तो उस राकेश सिंह और उसके साथियों की है जो मौके के तलाश में थे।
सुजाता _राजेश तुमने मेरी जान बचाने अपने जान की परवाह नही की ।
राजेश _मैम, निशा ने मुझे आपकी हिफाजत करने के लिए कहा था। अगर आपको कुछ हो जाता तो मैं निशा को क्या जवाब देता।
राजेश को सुजाता ने कुछ फल फूल खाने को दिया।
फिर राजेश को आराम करने कहा।
रात को 8बजे राजेश भोजन करनेफिर को उठाया।
राजेश को सुजाता ने अपने हाथो से खाना खिलाया और खुद भी खाई।
भोजन कर लेने के बाद दोनों एक दूसरे से बाते करते रहे।
करीब दस बजे।
सुजाता _राजेश अब सोने का समय हो चुका है, मै तुम्हारे शरीर में मलहम लगा देती हूं।
सुजाता ने बाथरूम में जाकर अपना साड़ी उतार कर नाइटी पहन ली थीं। नाइटी में सुजाता बहुत खूबसूरत और हॉट लग रही थी।
जब सुजाता नाइटी पहन कर कमरे में आई तो राजेश को उसने घूरते हुवे पाया।
सुजाता _शरमाते हुवे क्या देख रहे हो?
राजेश _आपकी खुबसूरती।
सुजाता _मै तुम्हें इतनी खूबसूरत लगती हूं।
राजेश_हूं।सिर्फ मुझे ही क्यू तुम हो ही खूबसूरत?
सुजाता _चल हट झूठा कही का।
इधर बंगला में सभी नौकर भी सो गए थे।
बंगला में बिल्कुल शांति फैली थी।
सुजाता _चलो अब पेट के बल लेट जाओ पीठ पर मलहम लगा दू।
राजेश पेट के बल लेट गया।
सुजाता उसके शरीर के ऊपर से चादर हटा दिया
जब उसने राजेश के पीठ पर डंडे के निशान देखी तो उसकी आंखे भर आई।
वह राजेश से लिपट गई ओह राजेश तुमने मेरे लिए कितना दर्द सहा है।
वह उनके जिस्मों को चूमने लगा।
और हाथो में मलहम लेकर उसके पीठ पर मालिश करती हुई नीचे बड़ने लगी।
सुजाता ने
राजेश की कमर फिर उसके कूल्हे पर मालिश करने लगी। वह शर्म भी महसूस कर रही थी और उत्तेजना भी।
सुजाता _राजेश अब सीधा लिटा दिया।
राजेश सीधा होकर लेट गया।
राजेश जैसे ही पीठ के बल लेटा उसका land सुजाता के नजरो के सामने आ गया।
उसका दिल जोरो से धड़कने लगा।
राजेश सुजाता की खूबसूरती को निहार रहा था।
सुजाता किसी तरह अपने दिल की धड़कन को सम्हालते हुए, राजेश के ऊपर झुकी और उसके सीने परडंडेके प्रहार से खून जम जानें से बने निशान को चूमने लगी।
सुजाता _ओह राजेश I love you, तुम कितने बहादुर हो।
सुजाता राजेश के पूरे बदन को चूमता huwa नीचे बड़ा।
जैसे जैसे वह नीचे बड़ रही थीं सुजाता को दिल की धड़कन भी बड़ रही थीं।
राजेश को भी बहुत अच्छा लग रहा था।
सुजाता जब कमर से नीचे पहुंची। वह राजेश के land को देखने लगीं। फिर वह राजेश की चहरे की तरफ देखी। राजेश आंखे बंद कर आने वाला पल का इंतजार में था।
सुजाता ने राजेश के land को हाथ में लेकर पहले चूमा उसे सहलाया फिर उसके सुपाड़े को मुंह में लेकर चूसने लगीं। कितनी सालो के बाद वह किसी का land मुंह में लेकर चूस रही थी।
इधर सुजाता के मुंह में राजेश अपने land का अहसास पाकर राजेश का शरीर भी गर्म हो ने लगा।
इधर सुजाता ने land मुंह में लेकर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
राजेश का land धीरे धीरे मोटा और लंबा होकर एक दम लोहे की तरह सख्त हो गया।
राजेश के मोटे एवम तगड़े land देखकर सुजाता भी काफी उत्तेजित हो गई थी।
उसकी बुर पानी फेकने लगी थी।
जब से विशाल की तबियत खराब huwa था, उसके पास सुजाता को शारीरिक सुख दे पाने का ताकत नहीं बचा था।
आज राजेश के मोटे और तगड़े land को देखकर, उसकी अंदर की औरत जाग चुकी थीं। वह से राजेश से वह प्यार करने लगीं थीं।
उसे राजेश के इतने मोटे और लम्बे land से प्यार के साथ भय भी लग रहा था।
कही वह राजेश के land को न ले पाई तो ,,
नही मुझे राजेश को हर हाल में संतुष्ट करना है,
वह राजेश की ओंठ की आंखो में देखा । राजेश भी सुजाता की ही देख रहा था।
सुजाता उपर आया और राजेश के ओंठ को मुंह में भरकर चूसने लगा।
राजेश भी उसकी ओंठ चूस कर सहयोग करने लगा।
फिर सुजाता बेड से उठी और खड़ी होकर अपनी नाइटी निकाल दी फिर अपनी ब्रा और पैंटी भी निकाल कर नंगी हो गई।
सुजाता की बड़ी बड़ी सुडौल चुचियों, एक दम गोरा बदन और मस्त फुली हुई चिकनी chut ऐसा लग रहा था कि स्वर्गकीकोई अप्सरा लग रही थी जिसे देखकर राजेशका land हवा में ठुमके लगाने लगा।
सुजाता एक फिर राजेश का land पकड़कर चूसने लगी।
फिर वह बेड में उपर चढ़ गई।
और राजेश की land को हाथ में पकड़ कर अपनी बुर की छेद पर रख कर उसे अंदर लेने की कोशिश करने लगी।
बड़ी कोशिशों के बाद land का टोपा बुर को चीरकर अंदर घुसने में कामयाब huwa। सुजाता ने थोड़ी राहत की सांस ली।
फिर उसने land पर अपनी बुर का दबाव बनाते हुए धीरे धीरे बैठने लगी land बुर में आधे से ज्यादा घुस चुका था।
अब सुजाता ने राजेश की ओंठ चूसते हुए अपना एक चूची राजेश के मुंह में डाल दिया।
राजेश सुजाता की चुचक को मुंह में भरकर चूसने लगा।
सुजाता की मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी बुर से पानी निकलकर राजेश के land पर बहने लगा।
अब सुजाता बहुत ज्यादा उत्तेजी हो गई वह राजेश के land उठक बैठक करने लगीं।
Land धीरे धीरे बुर में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गया।
सुजाता को यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी बुर ने राजेश के land को पूरी तरह निगल गई है।
वह land पर अब उछल उछल कर चुदने लगी।
उसे राजेश से चुदने में बहुत मजा आने लगा। उसके मुख से कामुक सिसकारी निकल कर कमरे में गूंजने लगी।
आह, उन, उई मां आह अन,,
कमरे में फ्च उईफ़च gach gach की आवाज गूंजने लगा।
सुजाता उछल उछल कर पूरा land अपनी बुर में लेने लगीं वह बहुत गर्म हो चुकी थी।
चुद वाने में ऐसा मजा उसे कभी नहीं आया था।
Land बुर को चीरता हुआ गपागप अंदर बाहर हो रहा था।
सुजाता उछल उछल कर जमकर चुद रही थी।
पर वह अपने को ज्यादा देर तक न रोक सकी और आह मां, आह करके झड़ गई, और राजेश के उपर ढेर हो गई।
राजेश का land अभी भी सुजाता की बुर के अंदर खड़ा था।
कुछ देर बाद जब सुजाता होश में आई वह फिर से राजेश के ओंठ चूसने लगीं राजेश भी उसकी ओंठ चूस कर सहयोग करने लगा।
फिर सुजाता राजेश के मुंह में अपने चुचक डालकर चुसवाने लगीं।
सुजाता धीरे धीरे फिर गर्म हो गई।
सुजाता की बुर फिर पानी फेकने लगी।
सुजाता ने राजेश के land पर फिर उछल उछल कर chudna शुरू कर दिया।
फिर से कमरा सुजाता की कामुक सिसकारी से गूंजने लगी।
आह ओह अन अन,, आई,, उन मां,,
राजेश का land सुजाता की बुर के हर हिस्से को अच्छी तरह रगड़ रहा था।
जिससे सुजाता को ऐसा अधभूत आनंद मिल रहा था जिसकी कल्पना उसने कभी नहीं की थी।
दोनों की शरीर की ऊर्जा उसके बुर और land पर ही समाहित हो चुके थे।
राजेश को भी सुजाता को चोदने से ऐसा अनुभव हो रहा था जैसे वह किसी कुंवारी chut को चोद रहा हो। बिल्कुल कसा कसा अंदर बाहर हो रहा था।
सुजाता दो बार झड़ चुकी थी, वह राजेश को हर हाल में संतुष्ट करना चाहती थीं ।
वह फिर से मैदान में डट जाती और उछल उछल कर चुदने लगती। वह राजेश की मर्दानगी की दीवानी हो गई।
कुछ देर अब राजेश भी अपने को और ज्यादा देर तक नहीं रोक सका और आह मां, आह करके कराहते हुवे सुजाता के बुर में ही झड़ने लगा।
गर्म गर्म वीर्य से सुजाता का बुर पूरी तरह भर गया। सुजाता भी एक बार फिर से झड़ गई।
वह बुरी तरह थक गई थी।
वह राजेश के उपर ही ढेर हो गई।
फिर राजेश के बाहों में ही सो गई।
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Rajesh aur sujata jis tarah ghum rahe the aur saath me samay bitaya ye lag raha tha ki dono ek dusre ko pasand karte hai par Rakesh ke attack karne ke Karan sujata ka pyar Rajesh ke liye badh Gaya aur ab raat me dono ke bich sex bhi ho gaya
Pasand to dono hi karte hai ek dusre ko par sujata ka pyar dekh kar lag raha hai ab sujata Puri tarah Rajesh ki or dhal gayi hai
Ek dum mast
Keep going
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