Skb21
Well-Known Member
- 2,577
- 4,272
- 158
Bhot hi badiya update bhai waiting for updateअगली सुबह जब सुजाता की नींद खुली। खुद को राजेश के बाहों में निर्वस्त्र लेटी हुईपाकर, शर्म महसूस करने लगी।
उसने राजेश की ओर देखा, जो अभी भी गहरी नींद में सो रहा था।
सुजाता को उस पर बड़ा प्यार आया, वह राजेश की माथा चूम कर बेड से उठी , उसे chut पर दर्द महसूस हुई।वह लंगड़ाती हुई चलकर सीधा बाथरूम में घुस गई।
अपने बुर की हालत देखी, जो कुछ सूजी हुई लग रही थी। वह अपनी बुर की हालत देखकर मुस्कुराने लगी।
वह बाथरुम में फ्रेश होकर नहाने लगी।
वह अपने शरीर की सभी अंगों की अच्छी तरह से सफाई की।
नहाने के बाद वह अपने बदन में टावेल लपेटकर, बाथरुम से बाहर निकली और ड्रेसिंग टेबल के सामने रखी कुर्सी पर बैठे कर अपने को आईने में निहारने लगी।
वह अपने Ko आईने में निहारकर मुस्कुरा एवम शर्मा रही थी।
वह अपने बदन पर सुगंधित तेल लगाने के बाद
वह अपनी आंखो में काजल लगाने लगीं। और अपने होंठो पर हल्का लिपिस्टिक।
वैसे वह सुबह सुबह ये सब लगाती नही थी पर पता नही उसे आज क्यू ये सब करने का उसका मन कर रहा था।
फिर एक नई सूट निकालकर पहन ली।
तभी राजेश की नींद खुल गई।
उसे बाथरुम जाना था, फ्रेश होने के लिए।
वह अपने बेड से उठा, पर लड़खड़ाने लगा।
तभी सुजाता उसे दौड़कर सम्हाली।
सुजाता _राजेश, उठने से पहले,मुझे बता दिए होते, अभी तुम पूरी तरह ठीक नहीं हुवे हो।
राजेश _ओ मैम मुझे बाथरुम जाना था।
सुजाता _चलो,मै ले चलती हूं।
राजेश इस समय निर्वस्त्र था, उसे सुजाता के सामने शर्म महसूस हो रहा था।
पर अकेले बाथरुम जा पाने के स्थिति में नहीं था। अतः वह सुजाता के बाहों के सहारे बाथरुम में गया।
उसे पेशाब लगी थी, उसका land पेशाब के कारण तना हुआ था।
जिसे देखकर सुजाता मन ही मन हस रही थी।
बाथरुम में ले जानें के बाद, राजेश सुजाता को पकड़कर खड़ा रहा और एक हाथ से अपना land पकड़कर मूतने लगा।
सुजाता राजेश को मूतता huwa देखकर मुस्कुराने लगी।
पेशाब कर लेने के बाद,
राजेश _मैम, मुझे कमोड use करना है।
सुजाता ने राजेश को कमोड पर बिठा दिया,
राजेश _मैम आप बाहर जाओ ना, मैम आपको बुलाऊंगा।
सुजाता _मुस्कुराते हुए बोली क्यू शर्म आ रही है क्या? मेरे रहने से।
अच्छा मै बाहर हूं, जब हो जाए तो आवाज देना।
शौच करने के बाद, राजेश ने सुजाता को आवाज दिया।
राजेश _मैम, मुझे नहाना है।
सुजाता _राजेश पहले मैं डाक्टर से पूछ लूंकि तुम्हें नहाना है कि नही।
सुजाता ने डाक्टर को फ़ोन कर पूछी, डॉक्टर ने गर्म पानी से नहलाने को कहा।
सुजाता ने राजेश के लिए गीजर पे पानी गर्म किया, और फिर राजेश को नहलाने के लिए अपनी सूट निकालकर ब्रा और पैंटी में आ गई।
राजेश को गर्म पानी से नहलाने लगी, एंटीसेप्टिक साबुन लगाकर उसकी शरीर की अच्छे से सफाई की।
राजेश _मैम आपको मेरे कारण कितने कष्ट उठाने पड़ रहे हैं।
सुजाता _राजेश, ये जो तुम्हारी हालत हुई है उसके लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। तुम्हारे लिए जितनी भी करू, कुछ भी नहीं।
नहाने के बाद शरीर को टावेल से अच्छे से पोछा।
सुजाता _राजेश, अब तुम आराम करो।
एक मिनट, पहले मैं बेड शीट बदल दू।
सुजाता ने राजेश को आराम करने के लिए फिर से लिटा दिया।
कुछ समय बाद डाक्टर आया और राजेश का चेक अप किया।
डाक्टर_राजेश, कोई तकलीफ तो नही, पहले से कैसे महसूस कर रहे हो।
राजेश _जी पहले से बेहतर फील कर रहा हूं।
शरीर में दर्द पहले से कम हो गया है।
डाक्टर _गुड, 2दिनों में तुम पहले की तरह चलने फिरने लगोगे।
डाक्टर ने सुजाता को राजेश के लिए कुछ और दवाई दी और उसके भोजन के बारे में बताया।
उसे भोजन में दाल, रोटी, सब्जी , फल एवम दूध देने को कहा।
डाक्टर के जानें के कुछ देर बाद। नौकर राजेश के लिए भोजन बनाकर लाई।
सुजाता ने अपने हाथो से दाल रोटी सब्जी खिलाया, उसे दूध पिलाया।
फिर राजेश के पूरे शरीर पर मलहम लगाया।
मलहम लगाते समय जब सुजाता ने राजेश की land की मालिश की तो सुजाता की मुलायम हाथो का अहसास पाकर राजेश का land फिर से अकड़ गया।
सुजाता मुस्कुराने लगी।
सुजाता ने प्यार से उसके land को चूमा फिर राजेश की आंखो में देखते हुए उसकी सुपाड़े को मुंह भरकर चूसने लगी।
राजेश ने सुजाता को land चूसते हुए देखता रहा।
कुछ देर land चूसने के बाद।
वह राजेश की बाहों में लेट गई।
उसकी सीने पे सिर रखकर बोली।
सुजाता _राजेश अब समझ में आया की मै बार बार तुम्हारी सपने क्यू देखती थीं।
जब सपने में मै बाढ़ से डूब रही होती तो, मुझे तुम बचाने आते थे।
राजेश _मैम, ये आप क्या कह रही हो, मै और आपके सपने में।
सुजाता _ हा, राजेश, तुम मेरे सपनो में आते थे। मुझे डूबने से बचाने, आज वो सच हो गया।
तभी राजेश को सुनीता का फ़ोन आया।
राजेश _हां मां बोलो।
सुनीता _बेटा, कैसा है तू ।
राजेश _मां ठीक हूं, मै।
सुनीता _घर कब आ रहा है।
राजेश _मां, एक दो दिन और रुकने पड़ेंगे।
सुनीता _बेटा मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही है, तुम जल्दी घर आ जाओ।
राजेश _मां, मेरी चिंता न करो, मै बिल्कुल ठीक हू।
मैं एक दो दिनों में घर आ जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटे, अपना ख्याल रखना।
राजेश _ठीक है मां।
सुनीता ने फोन रख दिया।
सुजाता _ओह राजेश, कितना अच्छा होता कि हम यही रह जाते।
मैं तुमसे दूर नहीं रहना चाहती। शहर जाते ही, तुम मुझसे दूर हो जाओगे। I love you राजेश, मै अब तुमसे दूर नहीं रह पाऊंगी।
राजेश _मैम मै आपकी जज्बातों को समझ सकता हूं। लेकिन भावना में आकर हमें ऐसे काम नही करने चाहिए जिससे हमारे परिवार वालो को दुख पहुंचे।उस शहर में तुम्हारी एक बेटी है निशा और मेरी मां और पिता जी ,जो हमारे घर आने का इंतजार कर रहे है। मेरी मां मुझे लेकर न जानें कितने सपने सजोई है। हमे उनकी भावनाओं का कद्र करना चाहिए।
सुजाता _ राजेश, रिश्ते नाते अपनी जगह सही है लेकिन आज तुमने मेरे निरश जीवन में एक नया रंग भर दिया है।
देखो मेरे इन आंखो को, इसमें मैने काजल लगाई है देखो मेरे इन ओंठो को इस पर मैंने रंग चढ़ाया है। मैं तो ये सब करना कब की भूल चुकी थी।
मैं तो अपने लिए कब की जीना ही छोड़ दी थी। सिर्फ निशा के लिए ही जी रही थी, आज पहली बार मेरे मन में मुझे अपने लिए जीने के लिए उमंग पैदा huwa है।
क्या मैं तुम्हें पसंद नही?
राजेश _मैम, ये आप क्या कह रही है?, मै खुशनशीब हूं जो तुम्हारा इतना करीब हूं। जिसने तुम्हारे दिल में जगह पाया। तुम्हारा प्यार पाया। न जानें कितने लोग तुम्हारे करीब आने के लिए तरसते होंगेऔर तुम मेरी बाहों में हो। यह मेरी किस्मत है।
सुजाता _ओह राजेश, तुम मुझे मैम न बोलो,मुझे अपनी जान कहो प्लीज।
इधर सीमा , निशा के घर कालेज जाने के लिए आई।
निशा तैयार हो रही थी।
सीमा _क्या बात है ?मैमसाब आज बड़ी खुश लग हो।
_तू आ गई, तू फ़ोन पर मुझे कुछ बताना चाहती थी, बोलो मेरी बहना को क्या बताना है मुझे।
निशा _सीमा कैसे कहूं मुझे शर्म आ रही है।
सीमा _ओ हो क्या बात है मैं भी तो जानू आख़िर ये शर्म हया किस लिए।
निशा _सीमा, मुझे,,,
सीमा _हा बोलो, तुम्हें क्या,, क्यू शर्मा और घबरा रही हो,,
निशा _सीमा मुझे प्यार हो गया है।
सीमा _हुं तो तुम्हें ये बात आज पता चल रही है कि तुम्हें प्यार हो गया है।
निशा _हां।
सीमा _मै तो बहुत पहले से जानती हूं की तुम राजेश से प्यार करती हो।
निशा _पर वो कैसे?
सीमा _मै इतनी बुद्ध भी नही,,
अब छोड़ो, अच्छा ये बताओ की आगे क्या सोचा है?
राजेश को तुम यह बात जितनी जल्दी हो सके बता दो, अगर उसने किसी और से प्यार कर लिया तो जिंदगी भर पछताएगी।
निशा _सीमा मै क्या करू तुम ही बताओ?
सीमा _तुम राजेश से कह दो की तुम उससे प्यार करती हो।
निशा _मै ये कैसे कह पाऊंगी? मुझसे नही हो पाएगा। कही उसने न कर दिया तो।
सीमा _नही, वो न नही कहेगा।
निशा _क्यू, तुम इतनी विश्वास से कैसे कह सकती हो।
सीमा _क्यों कि वह तुमसे प्यार करता है? मैने उनकी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार देखा है।
निशा _चल झूठी कही की,,
सीमा _वह सोनपुर से आएगा तो तुम मौका देख कर उसे अपनी दिल की बात कह देना।
निशा _सीमा तुम मेरी मदद करना न प्लीज।
सीमा _इजहार तो तुमको ही करना पड़ेगा।
मैं भी देखना चाहती हूं, मैम साब अपनी प्यार का इजहार करती हुई कैसी लगती हैं?
निशा _मतलब तू मेरी मजा लेना चाहती है।
सीमा _हूं।
इधर सुजाता रात में राजेश को भोजन कराकर खुद भोजन की उसके बाद अपनी सूट उतार कर बहुत ही सेक्सी नाइटी पहन ली, राजेश सुजाता को नाइटी पहनता huwa देख गर्म होने लगा।
सुजाता ने राजेश के पूरे शरीर पे चुम्बन लेते हुए मलहम लगाने लगी।
राजेश का land तो सुबह से ही तना हुआ था।
राजेश के आंखो में देखते हुए सुजाता एक एक कर अपनी सारे अंतः वस्त्र उतार कर निर्वस्त्र हो गई। और अपनी बालो को खुला छोड़ दी।
सुजाता की इस अवतार को देख राजेश के land झटके मारने लगा।
राजेश के आंखो में देखते हुए उसके करीब गई। उसकी सांसे तेज हो गई थी।
वह राजेश की ओंठ को अपने मुंह में भरकर चूसने लगी। राजेश भी उसका सहयोग करने लगा।
फिर उसके सीने को चूमते हुवे नीचे गई, और राजेश के land को मुंह में भरकर चूसने लगी।
राजेश सुजाता की बालो को प्यार से सहलाने लगा।
कुछ देर तक land चूसने के बाद सुजाता ने अपना दूदू राजेश के मुंह में डाल दिया।
राजेश एक हाथ से सुजाता की दूदू मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता के मुंह से कामुक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी सांसे तेज तेज चलने लगी।
अब सुजाता राजेश के land को पकड़ कर उसे अपनी बुर के छेद में रख कर उस पर बैठ गई। फिर राजेश के ओंठ को चूसते हुए।
धीरे धीरे land को बुर में अंदर बाहर करने लगी।
राजेश भी एक हाथ से सुजाता की कमर पकड़ी रखा था।
सुजाता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
आह मां आह, अन आह, आह,, उन,,,,
राजेश और सुजाता दोनों एक बार फिर संभोग की परम सुख को प्राप्त करने लगे।
कुछ देर में ही सुजाताअपनीचरम अवस्थामें पहुंच कर झड़ गई।
वह राजेश की सीने में लुड़क गई।
कुछ देर बाद फिर से वह अपनी चूची राजेश के मुंह में डाल दी।
राजेश सुजाता की चूची मुंह में भरकर फिर चूसने लगा।
सुजाता अब राजेश की ओर पीठ कर land के उपर बैठ गई।
उसके बाद वह फिर से राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कमरा एक बार फिर सुजाता की आह, उह, उन, उई मां, आह, की कराहो से गूंजने लगी।
राजेश की land सुजाता की बुर की गहराइयों को नापने लगा।
Land सुजाता की बच्चेदानी के मुंह को ठोक रहा था जिससे सुजाता बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।
वह तेज तेज उछलने लगी।
इधर राजेश भी अपना कमर उठाकर land को बुर में और अधिक गहराई तक पहुंचाने की कोशिश करने लगा। उसके बदन का सारा दर्द कही खो गया था।
दोनों जन्नत की सैर पर निकल गए थे।
सुजाता बिना land को बाहर निकाले राजेश की ओर मुड़ गई और फिर उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों एक दूसरे के ओंठ चूसने लगे,
कुछ देर सुस्ताने के बाद सुजाता फिर मैदान सम्हाल लेती।
इस तरह लगभग घण्टे भर की धमकेदार chudai के बाद दोनों झड़ गए।
सुजाता राजेश की सीने में लुड़क कर लेट गई।
सुजाता ,राजेश के land को बुर से बिना बाहर निकाले ही राजेश की बाहों मे सो गई।
जब सुबह सुजाता की नींद खुली, वह राजेश की ओर प्यार से देखने लगी और उसकी बालों को सहलाने लगी।
वह बेड से उठी, बाथरुम में जाकर फ्रेश हुई और बाथरुम से बाहर निकल फिर से निर्वस्त्र ही राजेश की बाहों मे जाकर लेट गई।
इधर राजेश का नींद खुला, वह सुजाता के अपनी बाहों में पाया।
वह सुजाता की बालो को सहलाने लगा।
सुजाता की नींद खुल गई,
एक दूसरे को देखने लगे।
राजेश _मैम आप अभी तक सोई हो।
सुबह के 8बजने को है।
मुझे बाथरुम जाना है।
सुजाता _आज हम दोनों साथ में नहाएंगे।
सुजाता ने राजेश को बाथरुम ले गया फिर राजेश को फ्रेश कराकर।
सावर चालू कर दिया।
दोनो सावर के नीचे खड़े होकर, एक दूसरे को चूमते चाटते हुए नहाने लगे।
राजेश के पूरे बदन पर साबुन लगाकर अपने शरीर को राजेश की बदन से घिसने लगी।
दोनो काफी देर तक नहाने के बाद।
राजेश के शरीर को टावेल से अच्छी तरह पोछकर साफ किया। इस समय दोनो ही निर्वस्त्र थे।
राजेश की बालो पर कंघी की।
उसे बेड पर बिठा दिया, और खुद ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ कर सजने सवरने लगीं।
बहुत ही सुंदर साड़ी निकालकर पहन ली। और श्रृंगार करने लगी।
सुजाता, इस साड़ी में स्वर्ग की अप्सरा सी लगने लगी।
राजेश सुजाता के पास गया और उसे बाहों में भरकर आईने में देखने लगा।
राजेश _तुम स्वर्ग की अप्सरा लग रही हो।
सुजाता मुड़ी और राजेश से लिपट गई,,
वह गीत गाने लगी,,
आपके प्यार में हम संवरनेलगे
देख के आपको हम निखरने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूट के बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे।
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जाएगी,मन मचल जाएगा
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जाएगी मन मचल जाएगा
ये लब जरा टकराए जो, दिलबर के ओंठ से
चिंगारिया उड़ने लगीं शबनम की चोट से
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूट के बाजुओं में में बिखरने लगे
टूट के बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे।
इधर निशा सोनपुर राजेश का आने का इंतजार करने लगी।
वह कालेज से छुट्टीके बाद घर न आकर, सीमा के साथ नदी किनारे चली गईं ।
और राजेश के साथ, बिताए पलो को याद करने लगी।
वह नदी किनारे गीत गाने लगी,,
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल
कहे नदिया का पानी कल कल
तुझे आस मिलन की पल पल
है हवा,,,,,,,,
तूने ये कैसा जादू किया है
बिन डोर के मुझे बांध दिया है
तूने ये कैसा जादू किया है
बिन डोर के मुझे बांध दिया है
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल,,,
रुक न सकू मै दौड़ी आऊं
फिर कुछ सोच के मै घबराऊ
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल,,,,
Bahot sundar updateअगली सुबह जब सुजाता की नींद खुली। खुद को राजेश के बाहों में निर्वस्त्र लेटी हुईपाकर, शर्म महसूस करने लगी।
उसने राजेश की ओर देखा, जो अभी भी गहरी नींद में सो रहा था।
सुजाता को उस पर बड़ा प्यार आया, वह राजेश की माथा चूम कर बेड से उठी , उसे chut पर दर्द महसूस हुई।वह लंगड़ाती हुई चलकर सीधा बाथरूम में घुस गई।
अपने बुर की हालत देखी, जो कुछ सूजी हुई लग रही थी। वह अपनी बुर की हालत देखकर मुस्कुराने लगी।
वह बाथरुम में फ्रेश होकर नहाने लगी।
वह अपने शरीर की सभी अंगों की अच्छी तरह से सफाई की।
नहाने के बाद वह अपने बदन में टावेल लपेटकर, बाथरुम से बाहर निकली और ड्रेसिंग टेबल के सामने रखी कुर्सी पर बैठे कर अपने को आईने में निहारने लगी।
वह अपने Ko आईने में निहारकर मुस्कुरा एवम शर्मा रही थी।
वह अपने बदन पर सुगंधित तेल लगाने के बाद
वह अपनी आंखो में काजल लगाने लगीं। और अपने होंठो पर हल्का लिपिस्टिक।
वैसे वह सुबह सुबह ये सब लगाती नही थी पर पता नही उसे आज क्यू ये सब करने का उसका मन कर रहा था।
फिर एक नई सूट निकालकर पहन ली।
तभी राजेश की नींद खुल गई।
उसे बाथरुम जाना था, फ्रेश होने के लिए।
वह अपने बेड से उठा, पर लड़खड़ाने लगा।
तभी सुजाता उसे दौड़कर सम्हाली।
सुजाता _राजेश, उठने से पहले,मुझे बता दिए होते, अभी तुम पूरी तरह ठीक नहीं हुवे हो।
राजेश _ओ मैम मुझे बाथरुम जाना था।
सुजाता _चलो,मै ले चलती हूं।
राजेश इस समय निर्वस्त्र था, उसे सुजाता के सामने शर्म महसूस हो रहा था।
पर अकेले बाथरुम जा पाने के स्थिति में नहीं था। अतः वह सुजाता के बाहों के सहारे बाथरुम में गया।
उसे पेशाब लगी थी, उसका land पेशाब के कारण तना हुआ था।
जिसे देखकर सुजाता मन ही मन हस रही थी।
बाथरुम में ले जानें के बाद, राजेश सुजाता को पकड़कर खड़ा रहा और एक हाथ से अपना land पकड़कर मूतने लगा।
सुजाता राजेश को मूतता huwa देखकर मुस्कुराने लगी।
पेशाब कर लेने के बाद,
राजेश _मैम, मुझे कमोड use करना है।
सुजाता ने राजेश को कमोड पर बिठा दिया,
राजेश _मैम आप बाहर जाओ ना, मैम आपको बुलाऊंगा।
सुजाता _मुस्कुराते हुए बोली क्यू शर्म आ रही है क्या? मेरे रहने से।
अच्छा मै बाहर हूं, जब हो जाए तो आवाज देना।
शौच करने के बाद, राजेश ने सुजाता को आवाज दिया।
राजेश _मैम, मुझे नहाना है।
सुजाता _राजेश पहले मैं डाक्टर से पूछ लूंकि तुम्हें नहाना है कि नही।
सुजाता ने डाक्टर को फ़ोन कर पूछी, डॉक्टर ने गर्म पानी से नहलाने को कहा।
सुजाता ने राजेश के लिए गीजर पे पानी गर्म किया, और फिर राजेश को नहलाने के लिए अपनी सूट निकालकर ब्रा और पैंटी में आ गई।
राजेश को गर्म पानी से नहलाने लगी, एंटीसेप्टिक साबुन लगाकर उसकी शरीर की अच्छे से सफाई की।
राजेश _मैम आपको मेरे कारण कितने कष्ट उठाने पड़ रहे हैं।
सुजाता _राजेश, ये जो तुम्हारी हालत हुई है उसके लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। तुम्हारे लिए जितनी भी करू, कुछ भी नहीं।
नहाने के बाद शरीर को टावेल से अच्छे से पोछा।
सुजाता _राजेश, अब तुम आराम करो।
एक मिनट, पहले मैं बेड शीट बदल दू।
सुजाता ने राजेश को आराम करने के लिए फिर से लिटा दिया।
कुछ समय बाद डाक्टर आया और राजेश का चेक अप किया।
डाक्टर_राजेश, कोई तकलीफ तो नही, पहले से कैसे महसूस कर रहे हो।
राजेश _जी पहले से बेहतर फील कर रहा हूं।
शरीर में दर्द पहले से कम हो गया है।
डाक्टर _गुड, 2दिनों में तुम पहले की तरह चलने फिरने लगोगे।
डाक्टर ने सुजाता को राजेश के लिए कुछ और दवाई दी और उसके भोजन के बारे में बताया।
उसे भोजन में दाल, रोटी, सब्जी , फल एवम दूध देने को कहा।
डाक्टर के जानें के कुछ देर बाद। नौकर राजेश के लिए भोजन बनाकर लाई।
सुजाता ने अपने हाथो से दाल रोटी सब्जी खिलाया, उसे दूध पिलाया।
फिर राजेश के पूरे शरीर पर मलहम लगाया।
मलहम लगाते समय जब सुजाता ने राजेश की land की मालिश की तो सुजाता की मुलायम हाथो का अहसास पाकर राजेश का land फिर से अकड़ गया।
सुजाता मुस्कुराने लगी।
सुजाता ने प्यार से उसके land को चूमा फिर राजेश की आंखो में देखते हुए उसकी सुपाड़े को मुंह भरकर चूसने लगी।
राजेश ने सुजाता को land चूसते हुए देखता रहा।
कुछ देर land चूसने के बाद।
वह राजेश की बाहों में लेट गई।
उसकी सीने पे सिर रखकर बोली।
सुजाता _राजेश अब समझ में आया की मै बार बार तुम्हारी सपने क्यू देखती थीं।
जब सपने में मै बाढ़ से डूब रही होती तो, मुझे तुम बचाने आते थे।
राजेश _मैम, ये आप क्या कह रही हो, मै और आपके सपने में।
सुजाता _ हा, राजेश, तुम मेरे सपनो में आते थे। मुझे डूबने से बचाने, आज वो सच हो गया।
तभी राजेश को सुनीता का फ़ोन आया।
राजेश _हां मां बोलो।
सुनीता _बेटा, कैसा है तू ।
राजेश _मां ठीक हूं, मै।
सुनीता _घर कब आ रहा है।
राजेश _मां, एक दो दिन और रुकने पड़ेंगे।
सुनीता _बेटा मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही है, तुम जल्दी घर आ जाओ।
राजेश _मां, मेरी चिंता न करो, मै बिल्कुल ठीक हू।
मैं एक दो दिनों में घर आ जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटे, अपना ख्याल रखना।
राजेश _ठीक है मां।
सुनीता ने फोन रख दिया।
सुजाता _ओह राजेश, कितना अच्छा होता कि हम यही रह जाते।
मैं तुमसे दूर नहीं रहना चाहती। शहर जाते ही, तुम मुझसे दूर हो जाओगे। I love you राजेश, मै अब तुमसे दूर नहीं रह पाऊंगी।
राजेश _मैम मै आपकी जज्बातों को समझ सकता हूं। लेकिन भावना में आकर हमें ऐसे काम नही करने चाहिए जिससे हमारे परिवार वालो को दुख पहुंचे।उस शहर में तुम्हारी एक बेटी है निशा और मेरी मां और पिता जी ,जो हमारे घर आने का इंतजार कर रहे है। मेरी मां मुझे लेकर न जानें कितने सपने सजोई है। हमे उनकी भावनाओं का कद्र करना चाहिए।
सुजाता _ राजेश, रिश्ते नाते अपनी जगह सही है लेकिन आज तुमने मेरे निरश जीवन में एक नया रंग भर दिया है।
देखो मेरे इन आंखो को, इसमें मैने काजल लगाई है देखो मेरे इन ओंठो को इस पर मैंने रंग चढ़ाया है। मैं तो ये सब करना कब की भूल चुकी थी।
मैं तो अपने लिए कब की जीना ही छोड़ दी थी। सिर्फ निशा के लिए ही जी रही थी, आज पहली बार मेरे मन में मुझे अपने लिए जीने के लिए उमंग पैदा huwa है।
क्या मैं तुम्हें पसंद नही?
राजेश _मैम, ये आप क्या कह रही है?, मै खुशनशीब हूं जो तुम्हारा इतना करीब हूं। जिसने तुम्हारे दिल में जगह पाया। तुम्हारा प्यार पाया। न जानें कितने लोग तुम्हारे करीब आने के लिए तरसते होंगेऔर तुम मेरी बाहों में हो। यह मेरी किस्मत है।
सुजाता _ओह राजेश, तुम मुझे मैम न बोलो,मुझे अपनी जान कहो प्लीज।
इधर सीमा , निशा के घर कालेज जाने के लिए आई।
निशा तैयार हो रही थी।
सीमा _क्या बात है ?मैमसाब आज बड़ी खुश लग हो।
_तू आ गई, तू फ़ोन पर मुझे कुछ बताना चाहती थी, बोलो मेरी बहना को क्या बताना है मुझे।
निशा _सीमा कैसे कहूं मुझे शर्म आ रही है।
सीमा _ओ हो क्या बात है मैं भी तो जानू आख़िर ये शर्म हया किस लिए।
निशा _सीमा, मुझे,,,
सीमा _हा बोलो, तुम्हें क्या,, क्यू शर्मा और घबरा रही हो,,
निशा _सीमा मुझे प्यार हो गया है।
सीमा _हुं तो तुम्हें ये बात आज पता चल रही है कि तुम्हें प्यार हो गया है।
निशा _हां।
सीमा _मै तो बहुत पहले से जानती हूं की तुम राजेश से प्यार करती हो।
निशा _पर वो कैसे?
सीमा _मै इतनी बुद्ध भी नही,,
अब छोड़ो, अच्छा ये बताओ की आगे क्या सोचा है?
राजेश को तुम यह बात जितनी जल्दी हो सके बता दो, अगर उसने किसी और से प्यार कर लिया तो जिंदगी भर पछताएगी।
निशा _सीमा मै क्या करू तुम ही बताओ?
सीमा _तुम राजेश से कह दो की तुम उससे प्यार करती हो।
निशा _मै ये कैसे कह पाऊंगी? मुझसे नही हो पाएगा। कही उसने न कर दिया तो।
सीमा _नही, वो न नही कहेगा।
निशा _क्यू, तुम इतनी विश्वास से कैसे कह सकती हो।
सीमा _क्यों कि वह तुमसे प्यार करता है? मैने उनकी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार देखा है।
निशा _चल झूठी कही की,,
सीमा _वह सोनपुर से आएगा तो तुम मौका देख कर उसे अपनी दिल की बात कह देना।
निशा _सीमा तुम मेरी मदद करना न प्लीज।
सीमा _इजहार तो तुमको ही करना पड़ेगा।
मैं भी देखना चाहती हूं, मैम साब अपनी प्यार का इजहार करती हुई कैसी लगती हैं?
निशा _मतलब तू मेरी मजा लेना चाहती है।
सीमा _हूं।
इधर सुजाता रात में राजेश को भोजन कराकर खुद भोजन की उसके बाद अपनी सूट उतार कर बहुत ही सेक्सी नाइटी पहन ली, राजेश सुजाता को नाइटी पहनता huwa देख गर्म होने लगा।
सुजाता ने राजेश के पूरे शरीर पे चुम्बन लेते हुए मलहम लगाने लगी।
राजेश का land तो सुबह से ही तना हुआ था।
राजेश के आंखो में देखते हुए सुजाता एक एक कर अपनी सारे अंतः वस्त्र उतार कर निर्वस्त्र हो गई। और अपनी बालो को खुला छोड़ दी।
सुजाता की इस अवतार को देख राजेश के land झटके मारने लगा।
राजेश के आंखो में देखते हुए उसके करीब गई। उसकी सांसे तेज हो गई थी।
वह राजेश की ओंठ को अपने मुंह में भरकर चूसने लगी। राजेश भी उसका सहयोग करने लगा।
फिर उसके सीने को चूमते हुवे नीचे गई, और राजेश के land को मुंह में भरकर चूसने लगी।
राजेश सुजाता की बालो को प्यार से सहलाने लगा।
कुछ देर तक land चूसने के बाद सुजाता ने अपना दूदू राजेश के मुंह में डाल दिया।
राजेश एक हाथ से सुजाता की दूदू मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता के मुंह से कामुक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी सांसे तेज तेज चलने लगी।
अब सुजाता राजेश के land को पकड़ कर उसे अपनी बुर के छेद में रख कर उस पर बैठ गई। फिर राजेश के ओंठ को चूसते हुए।
धीरे धीरे land को बुर में अंदर बाहर करने लगी।
राजेश भी एक हाथ से सुजाता की कमर पकड़ी रखा था।
सुजाता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
आह मां आह, अन आह, आह,, उन,,,,
राजेश और सुजाता दोनों एक बार फिर संभोग की परम सुख को प्राप्त करने लगे।
कुछ देर में ही सुजाताअपनीचरम अवस्थामें पहुंच कर झड़ गई।
वह राजेश की सीने में लुड़क गई।
कुछ देर बाद फिर से वह अपनी चूची राजेश के मुंह में डाल दी।
राजेश सुजाता की चूची मुंह में भरकर फिर चूसने लगा।
सुजाता अब राजेश की ओर पीठ कर land के उपर बैठ गई।
उसके बाद वह फिर से राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कमरा एक बार फिर सुजाता की आह, उह, उन, उई मां, आह, की कराहो से गूंजने लगी।
राजेश की land सुजाता की बुर की गहराइयों को नापने लगा।
Land सुजाता की बच्चेदानी के मुंह को ठोक रहा था जिससे सुजाता बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।
वह तेज तेज उछलने लगी।
इधर राजेश भी अपना कमर उठाकर land को बुर में और अधिक गहराई तक पहुंचाने की कोशिश करने लगा। उसके बदन का सारा दर्द कही खो गया था।
दोनों जन्नत की सैर पर निकल गए थे।
सुजाता बिना land को बाहर निकाले राजेश की ओर मुड़ गई और फिर उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों एक दूसरे के ओंठ चूसने लगे,
कुछ देर सुस्ताने के बाद सुजाता फिर मैदान सम्हाल लेती।
इस तरह लगभग घण्टे भर की धमकेदार chudai के बाद दोनों झड़ गए।
सुजाता राजेश की सीने में लुड़क कर लेट गई।
सुजाता ,राजेश के land को बुर से बिना बाहर निकाले ही राजेश की बाहों मे सो गई।
जब सुबह सुजाता की नींद खुली, वह राजेश की ओर प्यार से देखने लगी और उसकी बालों को सहलाने लगी।
वह बेड से उठी, बाथरुम में जाकर फ्रेश हुई और बाथरुम से बाहर निकल फिर से निर्वस्त्र ही राजेश की बाहों मे जाकर लेट गई।
इधर राजेश का नींद खुला, वह सुजाता के अपनी बाहों में पाया।
वह सुजाता की बालो को सहलाने लगा।
सुजाता की नींद खुल गई,
एक दूसरे को देखने लगे।
राजेश _मैम आप अभी तक सोई हो।
सुबह के 8बजने को है।
मुझे बाथरुम जाना है।
सुजाता _आज हम दोनों साथ में नहाएंगे।
सुजाता ने राजेश को बाथरुम ले गया फिर राजेश को फ्रेश कराकर।
सावर चालू कर दिया।
दोनो सावर के नीचे खड़े होकर, एक दूसरे को चूमते चाटते हुए नहाने लगे।
राजेश के पूरे बदन पर साबुन लगाकर अपने शरीर को राजेश की बदन से घिसने लगी।
दोनो काफी देर तक नहाने के बाद।
राजेश के शरीर को टावेल से अच्छी तरह पोछकर साफ किया। इस समय दोनो ही निर्वस्त्र थे।
राजेश की बालो पर कंघी की।
उसे बेड पर बिठा दिया, और खुद ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ कर सजने सवरने लगीं।
बहुत ही सुंदर साड़ी निकालकर पहन ली। और श्रृंगार करने लगी।
सुजाता, इस साड़ी में स्वर्ग की अप्सरा सी लगने लगी।
राजेश सुजाता के पास गया और उसे बाहों में भरकर आईने में देखने लगा।
राजेश _तुम स्वर्ग की अप्सरा लग रही हो।
सुजाता मुड़ी और राजेश से लिपट गई,,
वह गीत गाने लगी,,
आपके प्यार में हम संवरनेलगे
देख के आपको हम निखरने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूट के बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे।
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जाएगी,मन मचल जाएगा
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जाएगी मन मचल जाएगा
ये लब जरा टकराए जो, दिलबर के ओंठ से
चिंगारिया उड़ने लगीं शबनम की चोट से
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूट के बाजुओं में में बिखरने लगे
टूट के बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे।
इधर निशा सोनपुर राजेश का आने का इंतजार करने लगी।
वह कालेज से छुट्टीके बाद घर न आकर, सीमा के साथ नदी किनारे चली गईं ।
और राजेश के साथ, बिताए पलो को याद करने लगी।
वह नदी किनारे गीत गाने लगी,,
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल
कहे नदिया का पानी कल कल
तुझे आस मिलन की पल पल
है हवा,,,,,,,,
तूने ये कैसा जादू किया है
बिन डोर के मुझे बांध दिया है
तूने ये कैसा जादू किया है
बिन डोर के मुझे बांध दिया है
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल,,,
रुक न सकू मै दौड़ी आऊं
फिर कुछ सोच के मै घबराऊ
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल,,,,
Nice updateअगली सुबह जब सुजाता की नींद खुली। खुद को राजेश के बाहों में निर्वस्त्र लेटी हुईपाकर, शर्म महसूस करने लगी।
उसने राजेश की ओर देखा, जो अभी भी गहरी नींद में सो रहा था।
सुजाता को उस पर बड़ा प्यार आया, वह राजेश की माथा चूम कर बेड से उठी , उसे chut पर दर्द महसूस हुई।वह लंगड़ाती हुई चलकर सीधा बाथरूम में घुस गई।
अपने बुर की हालत देखी, जो कुछ सूजी हुई लग रही थी। वह अपनी बुर की हालत देखकर मुस्कुराने लगी।
वह बाथरुम में फ्रेश होकर नहाने लगी।
वह अपने शरीर की सभी अंगों की अच्छी तरह से सफाई की।
नहाने के बाद वह अपने बदन में टावेल लपेटकर, बाथरुम से बाहर निकली और ड्रेसिंग टेबल के सामने रखी कुर्सी पर बैठे कर अपने को आईने में निहारने लगी।
वह अपने Ko आईने में निहारकर मुस्कुरा एवम शर्मा रही थी।
वह अपने बदन पर सुगंधित तेल लगाने के बाद
वह अपनी आंखो में काजल लगाने लगीं। और अपने होंठो पर हल्का लिपिस्टिक।
वैसे वह सुबह सुबह ये सब लगाती नही थी पर पता नही उसे आज क्यू ये सब करने का उसका मन कर रहा था।
फिर एक नई सूट निकालकर पहन ली।
तभी राजेश की नींद खुल गई।
उसे बाथरुम जाना था, फ्रेश होने के लिए।
वह अपने बेड से उठा, पर लड़खड़ाने लगा।
तभी सुजाता उसे दौड़कर सम्हाली।
सुजाता _राजेश, उठने से पहले,मुझे बता दिए होते, अभी तुम पूरी तरह ठीक नहीं हुवे हो।
राजेश _ओ मैम मुझे बाथरुम जाना था।
सुजाता _चलो,मै ले चलती हूं।
राजेश इस समय निर्वस्त्र था, उसे सुजाता के सामने शर्म महसूस हो रहा था।
पर अकेले बाथरुम जा पाने के स्थिति में नहीं था। अतः वह सुजाता के बाहों के सहारे बाथरुम में गया।
उसे पेशाब लगी थी, उसका land पेशाब के कारण तना हुआ था।
जिसे देखकर सुजाता मन ही मन हस रही थी।
बाथरुम में ले जानें के बाद, राजेश सुजाता को पकड़कर खड़ा रहा और एक हाथ से अपना land पकड़कर मूतने लगा।
सुजाता राजेश को मूतता huwa देखकर मुस्कुराने लगी।
पेशाब कर लेने के बाद,
राजेश _मैम, मुझे कमोड use करना है।
सुजाता ने राजेश को कमोड पर बिठा दिया,
राजेश _मैम आप बाहर जाओ ना, मैम आपको बुलाऊंगा।
सुजाता _मुस्कुराते हुए बोली क्यू शर्म आ रही है क्या? मेरे रहने से।
अच्छा मै बाहर हूं, जब हो जाए तो आवाज देना।
शौच करने के बाद, राजेश ने सुजाता को आवाज दिया।
राजेश _मैम, मुझे नहाना है।
सुजाता _राजेश पहले मैं डाक्टर से पूछ लूंकि तुम्हें नहाना है कि नही।
सुजाता ने डाक्टर को फ़ोन कर पूछी, डॉक्टर ने गर्म पानी से नहलाने को कहा।
सुजाता ने राजेश के लिए गीजर पे पानी गर्म किया, और फिर राजेश को नहलाने के लिए अपनी सूट निकालकर ब्रा और पैंटी में आ गई।
राजेश को गर्म पानी से नहलाने लगी, एंटीसेप्टिक साबुन लगाकर उसकी शरीर की अच्छे से सफाई की।
राजेश _मैम आपको मेरे कारण कितने कष्ट उठाने पड़ रहे हैं।
सुजाता _राजेश, ये जो तुम्हारी हालत हुई है उसके लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। तुम्हारे लिए जितनी भी करू, कुछ भी नहीं।
नहाने के बाद शरीर को टावेल से अच्छे से पोछा।
सुजाता _राजेश, अब तुम आराम करो।
एक मिनट, पहले मैं बेड शीट बदल दू।
सुजाता ने राजेश को आराम करने के लिए फिर से लिटा दिया।
कुछ समय बाद डाक्टर आया और राजेश का चेक अप किया।
डाक्टर_राजेश, कोई तकलीफ तो नही, पहले से कैसे महसूस कर रहे हो।
राजेश _जी पहले से बेहतर फील कर रहा हूं।
शरीर में दर्द पहले से कम हो गया है।
डाक्टर _गुड, 2दिनों में तुम पहले की तरह चलने फिरने लगोगे।
डाक्टर ने सुजाता को राजेश के लिए कुछ और दवाई दी और उसके भोजन के बारे में बताया।
उसे भोजन में दाल, रोटी, सब्जी , फल एवम दूध देने को कहा।
डाक्टर के जानें के कुछ देर बाद। नौकर राजेश के लिए भोजन बनाकर लाई।
सुजाता ने अपने हाथो से दाल रोटी सब्जी खिलाया, उसे दूध पिलाया।
फिर राजेश के पूरे शरीर पर मलहम लगाया।
मलहम लगाते समय जब सुजाता ने राजेश की land की मालिश की तो सुजाता की मुलायम हाथो का अहसास पाकर राजेश का land फिर से अकड़ गया।
सुजाता मुस्कुराने लगी।
सुजाता ने प्यार से उसके land को चूमा फिर राजेश की आंखो में देखते हुए उसकी सुपाड़े को मुंह भरकर चूसने लगी।
राजेश ने सुजाता को land चूसते हुए देखता रहा।
कुछ देर land चूसने के बाद।
वह राजेश की बाहों में लेट गई।
उसकी सीने पे सिर रखकर बोली।
सुजाता _राजेश अब समझ में आया की मै बार बार तुम्हारी सपने क्यू देखती थीं।
जब सपने में मै बाढ़ से डूब रही होती तो, मुझे तुम बचाने आते थे।
राजेश _मैम, ये आप क्या कह रही हो, मै और आपके सपने में।
सुजाता _ हा, राजेश, तुम मेरे सपनो में आते थे। मुझे डूबने से बचाने, आज वो सच हो गया।
तभी राजेश को सुनीता का फ़ोन आया।
राजेश _हां मां बोलो।
सुनीता _बेटा, कैसा है तू ।
राजेश _मां ठीक हूं, मै।
सुनीता _घर कब आ रहा है।
राजेश _मां, एक दो दिन और रुकने पड़ेंगे।
सुनीता _बेटा मुझे तुम्हारी बड़ी चिंता हो रही है, तुम जल्दी घर आ जाओ।
राजेश _मां, मेरी चिंता न करो, मै बिल्कुल ठीक हू।
मैं एक दो दिनों में घर आ जाऊंगा।
सुनीता _ठीक है बेटे, अपना ख्याल रखना।
राजेश _ठीक है मां।
सुनीता ने फोन रख दिया।
सुजाता _ओह राजेश, कितना अच्छा होता कि हम यही रह जाते।
मैं तुमसे दूर नहीं रहना चाहती। शहर जाते ही, तुम मुझसे दूर हो जाओगे। I love you राजेश, मै अब तुमसे दूर नहीं रह पाऊंगी।
राजेश _मैम मै आपकी जज्बातों को समझ सकता हूं। लेकिन भावना में आकर हमें ऐसे काम नही करने चाहिए जिससे हमारे परिवार वालो को दुख पहुंचे।उस शहर में तुम्हारी एक बेटी है निशा और मेरी मां और पिता जी ,जो हमारे घर आने का इंतजार कर रहे है। मेरी मां मुझे लेकर न जानें कितने सपने सजोई है। हमे उनकी भावनाओं का कद्र करना चाहिए।
सुजाता _ राजेश, रिश्ते नाते अपनी जगह सही है लेकिन आज तुमने मेरे निरश जीवन में एक नया रंग भर दिया है।
देखो मेरे इन आंखो को, इसमें मैने काजल लगाई है देखो मेरे इन ओंठो को इस पर मैंने रंग चढ़ाया है। मैं तो ये सब करना कब की भूल चुकी थी।
मैं तो अपने लिए कब की जीना ही छोड़ दी थी। सिर्फ निशा के लिए ही जी रही थी, आज पहली बार मेरे मन में मुझे अपने लिए जीने के लिए उमंग पैदा huwa है।
क्या मैं तुम्हें पसंद नही?
राजेश _मैम, ये आप क्या कह रही है?, मै खुशनशीब हूं जो तुम्हारा इतना करीब हूं। जिसने तुम्हारे दिल में जगह पाया। तुम्हारा प्यार पाया। न जानें कितने लोग तुम्हारे करीब आने के लिए तरसते होंगेऔर तुम मेरी बाहों में हो। यह मेरी किस्मत है।
सुजाता _ओह राजेश, तुम मुझे मैम न बोलो,मुझे अपनी जान कहो प्लीज।
इधर सीमा , निशा के घर कालेज जाने के लिए आई।
निशा तैयार हो रही थी।
सीमा _क्या बात है ?मैमसाब आज बड़ी खुश लग हो।
_तू आ गई, तू फ़ोन पर मुझे कुछ बताना चाहती थी, बोलो मेरी बहना को क्या बताना है मुझे।
निशा _सीमा कैसे कहूं मुझे शर्म आ रही है।
सीमा _ओ हो क्या बात है मैं भी तो जानू आख़िर ये शर्म हया किस लिए।
निशा _सीमा, मुझे,,,
सीमा _हा बोलो, तुम्हें क्या,, क्यू शर्मा और घबरा रही हो,,
निशा _सीमा मुझे प्यार हो गया है।
सीमा _हुं तो तुम्हें ये बात आज पता चल रही है कि तुम्हें प्यार हो गया है।
निशा _हां।
सीमा _मै तो बहुत पहले से जानती हूं की तुम राजेश से प्यार करती हो।
निशा _पर वो कैसे?
सीमा _मै इतनी बुद्ध भी नही,,
अब छोड़ो, अच्छा ये बताओ की आगे क्या सोचा है?
राजेश को तुम यह बात जितनी जल्दी हो सके बता दो, अगर उसने किसी और से प्यार कर लिया तो जिंदगी भर पछताएगी।
निशा _सीमा मै क्या करू तुम ही बताओ?
सीमा _तुम राजेश से कह दो की तुम उससे प्यार करती हो।
निशा _मै ये कैसे कह पाऊंगी? मुझसे नही हो पाएगा। कही उसने न कर दिया तो।
सीमा _नही, वो न नही कहेगा।
निशा _क्यू, तुम इतनी विश्वास से कैसे कह सकती हो।
सीमा _क्यों कि वह तुमसे प्यार करता है? मैने उनकी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार देखा है।
निशा _चल झूठी कही की,,
सीमा _वह सोनपुर से आएगा तो तुम मौका देख कर उसे अपनी दिल की बात कह देना।
निशा _सीमा तुम मेरी मदद करना न प्लीज।
सीमा _इजहार तो तुमको ही करना पड़ेगा।
मैं भी देखना चाहती हूं, मैम साब अपनी प्यार का इजहार करती हुई कैसी लगती हैं?
निशा _मतलब तू मेरी मजा लेना चाहती है।
सीमा _हूं।
इधर सुजाता रात में राजेश को भोजन कराकर खुद भोजन की उसके बाद अपनी सूट उतार कर बहुत ही सेक्सी नाइटी पहन ली, राजेश सुजाता को नाइटी पहनता huwa देख गर्म होने लगा।
सुजाता ने राजेश के पूरे शरीर पे चुम्बन लेते हुए मलहम लगाने लगी।
राजेश का land तो सुबह से ही तना हुआ था।
राजेश के आंखो में देखते हुए सुजाता एक एक कर अपनी सारे अंतः वस्त्र उतार कर निर्वस्त्र हो गई। और अपनी बालो को खुला छोड़ दी।
सुजाता की इस अवतार को देख राजेश के land झटके मारने लगा।
राजेश के आंखो में देखते हुए उसके करीब गई। उसकी सांसे तेज हो गई थी।
वह राजेश की ओंठ को अपने मुंह में भरकर चूसने लगी। राजेश भी उसका सहयोग करने लगा।
फिर उसके सीने को चूमते हुवे नीचे गई, और राजेश के land को मुंह में भरकर चूसने लगी।
राजेश सुजाता की बालो को प्यार से सहलाने लगा।
कुछ देर तक land चूसने के बाद सुजाता ने अपना दूदू राजेश के मुंह में डाल दिया।
राजेश एक हाथ से सुजाता की दूदू मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता के मुंह से कामुक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी सांसे तेज तेज चलने लगी।
अब सुजाता राजेश के land को पकड़ कर उसे अपनी बुर के छेद में रख कर उस पर बैठ गई। फिर राजेश के ओंठ को चूसते हुए।
धीरे धीरे land को बुर में अंदर बाहर करने लगी।
राजेश भी एक हाथ से सुजाता की कमर पकड़ी रखा था।
सुजाता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
आह मां आह, अन आह, आह,, उन,,,,
राजेश और सुजाता दोनों एक बार फिर संभोग की परम सुख को प्राप्त करने लगे।
कुछ देर में ही सुजाताअपनीचरम अवस्थामें पहुंच कर झड़ गई।
वह राजेश की सीने में लुड़क गई।
कुछ देर बाद फिर से वह अपनी चूची राजेश के मुंह में डाल दी।
राजेश सुजाता की चूची मुंह में भरकर फिर चूसने लगा।
सुजाता अब राजेश की ओर पीठ कर land के उपर बैठ गई।
उसके बाद वह फिर से राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कमरा एक बार फिर सुजाता की आह, उह, उन, उई मां, आह, की कराहो से गूंजने लगी।
राजेश की land सुजाता की बुर की गहराइयों को नापने लगा।
Land सुजाता की बच्चेदानी के मुंह को ठोक रहा था जिससे सुजाता बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।
वह तेज तेज उछलने लगी।
इधर राजेश भी अपना कमर उठाकर land को बुर में और अधिक गहराई तक पहुंचाने की कोशिश करने लगा। उसके बदन का सारा दर्द कही खो गया था।
दोनों जन्नत की सैर पर निकल गए थे।
सुजाता बिना land को बाहर निकाले राजेश की ओर मुड़ गई और फिर उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों एक दूसरे के ओंठ चूसने लगे,
कुछ देर सुस्ताने के बाद सुजाता फिर मैदान सम्हाल लेती।
इस तरह लगभग घण्टे भर की धमकेदार chudai के बाद दोनों झड़ गए।
सुजाता राजेश की सीने में लुड़क कर लेट गई।
सुजाता ,राजेश के land को बुर से बिना बाहर निकाले ही राजेश की बाहों मे सो गई।
जब सुबह सुजाता की नींद खुली, वह राजेश की ओर प्यार से देखने लगी और उसकी बालों को सहलाने लगी।
वह बेड से उठी, बाथरुम में जाकर फ्रेश हुई और बाथरुम से बाहर निकल फिर से निर्वस्त्र ही राजेश की बाहों मे जाकर लेट गई।
इधर राजेश का नींद खुला, वह सुजाता के अपनी बाहों में पाया।
वह सुजाता की बालो को सहलाने लगा।
सुजाता की नींद खुल गई,
एक दूसरे को देखने लगे।
राजेश _मैम आप अभी तक सोई हो।
सुबह के 8बजने को है।
मुझे बाथरुम जाना है।
सुजाता _आज हम दोनों साथ में नहाएंगे।
सुजाता ने राजेश को बाथरुम ले गया फिर राजेश को फ्रेश कराकर।
सावर चालू कर दिया।
दोनो सावर के नीचे खड़े होकर, एक दूसरे को चूमते चाटते हुए नहाने लगे।
राजेश के पूरे बदन पर साबुन लगाकर अपने शरीर को राजेश की बदन से घिसने लगी।
दोनो काफी देर तक नहाने के बाद।
राजेश के शरीर को टावेल से अच्छी तरह पोछकर साफ किया। इस समय दोनो ही निर्वस्त्र थे।
राजेश की बालो पर कंघी की।
उसे बेड पर बिठा दिया, और खुद ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ कर सजने सवरने लगीं।
बहुत ही सुंदर साड़ी निकालकर पहन ली। और श्रृंगार करने लगी।
सुजाता, इस साड़ी में स्वर्ग की अप्सरा सी लगने लगी।
राजेश सुजाता के पास गया और उसे बाहों में भरकर आईने में देखने लगा।
राजेश _तुम स्वर्ग की अप्सरा लग रही हो।
सुजाता मुड़ी और राजेश से लिपट गई,,
वह गीत गाने लगी,,
आपके प्यार में हम संवरनेलगे
देख के आपको हम निखरने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूट के बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे।
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जाएगी,मन मचल जाएगा
रूप की आंच से तन पिघल जायेगा
आग लग जाएगी मन मचल जाएगा
ये लब जरा टकराए जो, दिलबर के ओंठ से
चिंगारिया उड़ने लगीं शबनम की चोट से
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
हम सनम हद से आगे गुजरने लगे
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
इस कदर आपसे हमको मोहब्बत हुई
टूट के बाजुओं में में बिखरने लगे
टूट के बाजुओं में बिखरने लगे
आपके प्यार में हम संवरने लगे।
इधर निशा सोनपुर राजेश का आने का इंतजार करने लगी।
वह कालेज से छुट्टीके बाद घर न आकर, सीमा के साथ नदी किनारे चली गईं ।
और राजेश के साथ, बिताए पलो को याद करने लगी।
वह नदी किनारे गीत गाने लगी,,
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल
कहे नदिया का पानी कल कल
तुझे आस मिलन की पल पल
है हवा,,,,,,,,
तूने ये कैसा जादू किया है
बिन डोर के मुझे बांध दिया है
तूने ये कैसा जादू किया है
बिन डोर के मुझे बांध दिया है
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल,,,
रुक न सकू मै दौड़ी आऊं
फिर कुछ सोच के मै घबराऊ
ऐ हवा मेरे संग संग चल
मेरे दिल में हुई है हल चल,,,,
Thanksnice update bhai
idhar sujata aur rajesh ka pyar chal raha hai
jaha ilaaj aur dekhbhal ke saath dono ka ek tarah se honeymoon ho raha hai
wahi nisha bhi ab ready hai rajesh se apne pyar ka izhar karne ke liye
rajesh kya karega ek taraf sujata hai to dusri taraf nisha
dono hi payar karne lagi hai rajesh se
ab rajesh kiske pyar ko apnayega aur kise tukhrayega
ye dekhne wali baat hogi
keep writing
meri personal thought hai iss situation ke liye agar acha lage to batna
rajesh sujata se yahi shadi karle secretly sonpur me
aur wapas jane par use nisha ka pyar accept karna pade jisse bad me use nisha se bhi shadi karni pade
par jis tarah se rajesh ki zindagi hai mujhe nahi lagta ki uski ek hi shadi hogi isiliye ye thought diya
baaki aap writier ho aapki kahani hai