सीमा_आज के वाकिए से तो स्पष्ट हो गया कि राजेश तुम्हे चाहता है। निशा जाओ यही सही समय है राजेश से अपनी दिल की बात कहने की।
इधर प्रिया और राजेश दोनो एक दूसरे की बाहों मे बाहें डाल डांस कर रहे थे।
प्रिया _राजेश आख़िर तुमने मान ही लिया कि तुम निशा से प्यार करते हो।
राजेश जाओ यही समय है निशा को अपने प्यार का इजहार कर दो।
राजेश _पर दी कही निशा ने इनकार कर दिया तो।
प्रिया _अरे पागल ओ तुम पर मरती है। जाओ अब देर न करो।
इधर रीता और सुजाता,,
रीता _सुजाता, अभी तक तुमने बताया नही कि राजेश को तुमने क्या गिफ्ट दिया है?
सुजाता मै तुमसे पूछ रही यार तुम्हारा ध्यान कहा है?
सुजाता का ध्यान राजेश और प्रिया की ओर था दोनो को एक दूसरे के बाहों में बाहें डाल डांस करता देख अच्छा नही लग रहा था।
वहा पर कई लोग डांस कर रहे थे।
रीता _सुजाता, क्या सोच रही हो यार?
सुजाता _रीता तुमने कुछ कहा?
रीता _मैने कहा कि तुमने राज को क्या गिफ्ट दिया है?
सुजाता _ये सिक्रेट है।
रीता_अरे मै तो तुम्हारी दोस्त हूं, मूझसे क्या छिपाना?
सुजाता _कुछ चीजे गुप्त रहे तो ही अच्छा है।
रीता _ठीक है भई तुम्हारी मर्जी।
सुजाता राजेश और प्रिया के पास गई।
सुजाता _राजेश, अपनी दी के साथ ही डांस करोगे क्या? हमारे साथ नही।
राजेश _ओ मैम, ये आप क्या कह रही हो? हम तो आपके साथ रात भर डांस करने तैयार है।
सुजाता ने म्यूजिक बदलने कहा।
फिर राजेश के बाहों में आकार, राजेश की आंखो में देखते हुए, नृत्य करने लगी।
इधर, निशा ने जब राजेश और सुजाता को एक दूसरे से चिपक कर नृत्य करते देखी।
निशा पार्टी से जानें लगी,
सीमा _निशा, कहा जा रही हो यार , रुको।
निशा _नही, सीमा मै राजेश से कभी नही कहूंगी कि मैं उससे प्यार करती हूं।
देखो, मां कितनी खुश हैं, राजेश के साथ। अगर उसे पता चला कि मैं राजेश से प्यार करती हूं। तो उसकी खुशी, दुख में बदल जायेगी। जो मै नही चाहती।
निशा वहा से चली गई।
इधर रीता, अपने आप से
सुजाता ऐसी क्या गिफ्ट देने जा रही है भई ?जो हमें भी नहीं बता रही, लगता है कुछ ज्यादा ही सिक्रेट है। पर मै भी पाया करके ही रहूंगी।
सभी लोग पार्टी में खूब इंजॉय करने के बाद
,लोगो का धीरे धीरे पार्टी से जाना शुरू होने लगा।
एक एक करके लगभग सभी लोग चले गए, खास लोग ही रह गए।
सुनिता _बेटा, रात बहुत हो गई है अब हम लोग निकल रहे हैं, तुम भी सभी मेहमानों के जानें के बाद घर आ जाना।
राजेश _ठीक है मां।
प्रिया और समीर_राजेश अब हमे भी इजाजत दो।
राजेश _ठीक है दी, थैंक्यू जीजू आप लोग पार्टी में आए।
रीता _सुजाता, अब मै भी चलती हूं यार।
सुजाता _ठीक है रीता।
भगत _मैम अब तो सभी लोग चले गए, अब हमे भी चलना चाहिए।
सुजाता _ठीक है भगत तुम अपने दोस्तो के साथ निकलो। मै और राजेश दोनो साथ निकलेंगे। मै राजेश को घर छोड़ दूंगी।
इधर रीता ने होटल के एक वेटर को पैसे का लालच देकर खरीद लिया था।राजेश और सुजाता पर नजर रखने को कहा था। फ़ोन कर उनकी गतिविधि की जानकारी देने को कहा था।
राजेश _मैम सभी लोग चले गए अब हमे भी चलना चाहिए।
सुजाता _राजेश अभी तो मैने तुमको बर्थ डे गिफ्ट दिया ही नहीं।
राजेश _, मैम सब कुछ तो आपने दे दिया अब बचा क्या है?
सुजाता _बचा है राजेश, मैने एक चीज ऐसी अभी तक सम्हाल कर रखी है। तुम्हे देना चाहती हूं।
मैं कमरे में जा रही हूं। तुम 10मिनट बाड़ कमरे में आ जाना।
राजेश _, ठीक है मैम, मै भी यह जानने उत्साहित हूं कि अभी तक आपने कौन सा चीज बचा कर रखी है।
सुजाता कमरे में चली गई। 10मिनट बाद राजेश भी कमरे में पहुंचा।
जब वह कमरे में पहुंचा तो फूलो की खुशबू कमरे में महक रहा था।
बेड सेज की तरह सजा huwa था। सुजाता सेज में घूंघट डाले बैठी हुई थी।
राजेश के दोस्तो ने कोलड्रिंक में विस्की डालकर पिला दिया था जिससे वह हल्के नशे मे था।
राजेश जब बेड में जाकर बैठा और सुजाता की घूंघट उठाया ।
राजेश ने सुजाता का चेहरा देखा तो उसे निशा नजर आने लगा। उसे लगा की वह निशा की घूंघट उठा रहा है।
निशा दुल्हन की तरह सज कर उनका इंतजार कर रही है।
राजेश ने सुजाता की चेहरा ऊपर उठाया । दोनो एक दूसरे की आंखो में देखने लगे। सुजाता और निशा की चेहरा तो एक जैसी ही थी। राजेश को लगा की मेरे सामने जो अप्सरा बैठी है। वह निशा ही है। वह उसके ओंठो को चूम लिया।
सुजाता अपनी आंखे बंद कर ली।
राजेश उसकी चेहरे को देखता रहा।
फिर राजेश ने सुजाता को लिटा दिया और खुद उसके ऊपर झुक गया।
राजेश और सुजाता एक दूसरे को देखने लगे।
राजेश ने सुजाता की ओंठ चूसना शुरू कर दिया।
फिर धीरे धीरे वह नीचे गर्दन पर पहुंचा और जी भर कर चूमने चाटने लगा। आगे बढ़ते हुवे साड़ी की पल्लू को सरकाते हुवे उसकी पेट तक पहुंच कर उसकी खुबसूरत नाभी के चूमने चाटने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
फिर साड़ी जो कमर पर बंधा huwa था उसे खोल कर उसके शरीर से अलग कर दिया।
अब सुजाता ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
राजेश एक बार फिर सुजाता की ओंठ चूसने लगा सुजाता भी उसका साथ देने लगी।
इधर वेटर ने इसकी जानकारी फ़ोन से रीता को दे दिया कि राजेश और सुजाता दोनो एक कमरे में साथ में ठहरे हुए है और दरवाज़ा बंद है।
रीता ने कहा की उन लोगो पर नजर बनाए रखना और मुझे जानकारी देते रहना।
इधर राजेश ने सुजाता की ब्लाउज भी निकाल दिया और ब्रा भी।
ब्रा निकलते ही सुजाता की मस्त सुडौल बडी बडी खुबसूरत चूची राजेश के आंखो के सामने आ गया। जिसे देखकर राजेश का land लोहे की तरह सख्त हो गया।
राजेश सुजाता की चुचियों को बारी बारी से मुंह में भरकर चूसने लगा।
सुजाता की मादक सिसकारी कमरे मे गूंजने लगी।
राजेश जी भरकर चूची मसलने एवम पीने केबाद नीचे गया और उसकी पेटीकोट का नाड़ा खोल कर उसकी पेटीकोट को नीचे से खींचकर अलग कर दिया।
सुजाता अब सिर्फ पेंटी में थी। वह बेड से उठी और राजेश के सारे कपडे एक एक कर उतार दी। राजेश पुरा नंगा हो गया। उसका land हवा में झटके मार रहा था।
सुजाता niche बैठ कर राजेश के land को हाथ में पकड़ ली और पहले उसके अंडकोष को सहलाई फिर मुठ मारी, उसके बाद land को मुंह में भरकर चूसने लगी।
राजेश जन्नत में पहुंच गया। वह सुजाता की बालो को हाथ से पकड़ कर land को सुजाता के मुंह में हल्के हल्के अन्दर बाहर करने लगा।land चूसने से राजेश का land और मोटा तथा लंबा हो गया।
जी भरकर land चूसने के बाद सुजाता उठी और बेड के किनारे लेट गई।
राजेश ने सुजाता की पेंटी को खींचकर निकाल दिया।
सुजाता पूरी तरह नंगी हो गई।
सुजाता की मस्त फुली हुई चिकनी chut राजेश के सामने आंखो के सामने आ गया।
जिसे देखकर राजेश का land झटके मारने लगा।
राजेश सुजाता की मस्त chut को मुंह में भरकर चूसने लगा, अपने जीभ से चाटने लगा। सुजाता की उत्तेजना के मारे उसकी पैर कपकपाने लगा।
उसकी मुंह से लगातार सिसकारी निकलने लगी।
उसकी chut से रज बहकर टांगो तक जानें लगी।
राजेश से रहा न गया और सुजाता की टांगो के बीच आ गया।
राजेश एक बार फिर सुजाता की ओंठ चूसा, उसकी चूची मसल मसल के पिया फिर अपना land सुजाता की chut के छेद पर रख उसकी टांगो के फैला कर एक जोर के धक्का मारा।
Land बुर को चीरकर आधा लन्ड बुर के अंदर चला गया। सुजाता चीख उठी।
राजेश उसकी ओंठ फिर चूसा। कुछ देर दूदू पीने लगा। सुजाता फिर सिसकने लगी।
राजेश ने फिर से एक जोर का धक्का मारा पुरा land बुर के अंदर चला गया।
सुजाता फिर से चीख उठी।
कुछ देर राजेश रुका रहा। सुजाता एक दर्द कम होने पर धीरे धीरे land को बुर में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
कुछ देर अन्दर बाहर करने के बाद सुजाता को दर्द की जगह मजा आने लगा जिससे वह सिसकने लगी। राजेश ने अब अपना स्पीड बडा दिया। वह सुजाता की बुर जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।
सुजाता को खूब मजा आने लगा।land बुर में गपागप अंदर बाहर होने लगा। कमरे में गच गाच फ़च फच की आवाज, सुजाता की चूड़ियों की खनक खन खन और सुजाता के मुंह से उई मां आह उन की आवाज से मौहल अत्यंत कामुक बन गया था, राजेश और सुजाता दोनो स्वर्ग में पहुंच गए थे। दोनो अपना सुध बुध खोकर chudai का मजा ले रहे थे।
सुजाता कुछ ही देर में अपनी चर्म अवस्था में पहुंच गई। वह राजेश को और जोर जोर से चोदने बोलने लगी।
राजेश दनादन बुर चोदने लगा। सुजाता से अब बर्दास्त न huwa वह राजेश को जकड़ कर झड़ने लगी।
राजेश ने chudai बंद कर दिया।
राजेश सुजाता के ओंठ चूसने लगा।
कुछ देर बाद सुजाता होश में आई।
सुजाता _राजेश उठो अब।
राजेश _मैम अभी मेरा huwa नही है।
सुजाता _अब मै आपको बर्थ डे गिफ्ट दूंगी।
राजेश _मैम कहा है गिफ्ट।
सुजाता _घोड़ी बन गई। देखो राजेश तुम्हारा गिफ्ट दिख रहा होगा जिसे मैंने अब तक सम्हाल कर रखी है।
राजेश _मैम मैं समझा नहीं।
सुजाता _अरे बुद्धू मेरा दूसरा छेद जो अब तक कुंवारी है वही तुम्हारा बर्थ डे गिफ्ट हैं।
राजेश _मैम क्या सच में तुम्हारी गाड़ कुवारी है।
सुजाता _हा। आज तुम मेरी गाड़ की सील तोड़ो यही तुम्हारा बर्थ डे गिफ्ट हैं।
राजेश _, मैम तुम्हारी गाड़ तो बहुत खुबसूरत और नाजुक हैक्या मेरा मोटा land ले पावोगी। कही ऐसा न हो आपकी गाड़ फट जाए और आपकी चीख सुनकर यहां के वर्कर कमरे में आ जाए।
सुजाता _क्यू इतना कमजोर समझा है क्या मुझे?
चलो डालो इसमें मै तुम्हारे लिए दर्द सह लूंगी।
राजेश _मैम इसमें डालने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। इतना आसान नहीं है। छोटी सी छेद में मूसल जैसा land घुसाना।
कोई लुब्रिकेट लगाना पड़ेगा।
सुजाता कमरे की आलमारी को खोली और एक लुब्रिकेट का ट्यूब और एक डिल्डो निकाल कर राजेश को थमा दी।
राजेश _मैम आपने तो पूरी तैयारी कर रखी है।
सुजाता _मै जानती थी कि इन चीजों की जरूरत पढ़ सकती है इस लिए मैंने इसे मंगा कर रख दी थी।
राजेश _इन चीजों से तो काम आसान हो जाएगा।
सुजाता बेड पर घोड़ी बन गई।
राजेश ने ट्यूब से लुब्रिकेत निकाला और सुजाता की गाड़ में भर दिया।
फिर डिल्डो को उसकी गाड़ की छेद में घुसाने लगा। डिल्डो सामने से पतला पीछे से मोटा था।
सामने वाला भाग आसानी से गाड़ में घुस गया।राजेश डिल्डो के गाड़ में अन्दर बाहर करने लगा और डिल्डो को गाड़ के अन्दर घुसाता गया।
सुजाता के मुख से कभी दर्द से कराहने तो कभी मजे से सिसकने की आवाज निकलने लगी।
धीरे धीरे राजेश ने सुजाता की गाड़ में डिल्डो के जड़ तक घुसा दिया।
फिर उसने डिल्डोनिकाल कर देखा की गाड़ land के अन्दर जानें लायक फैला है कि नही।
जब उसे लगा कि land गाड़ में जा सकता है वह लुब्रिकेट् को फिर से गाड़ में डाला और अपने land पर अच्छे से मला।
फिर सुजाता की मुख में उसकी पेंटी को डाल दिया ताकि ज्यादा चीख न सके।
अपना land पकड़ा और सुजाता की गाड़ के छेद पे रख कर दबाव बनाया काफी मशक्कत के बाद land का कुछ भाग अन्दर घुसा।राजेश land का दबाव गाड़ पर बढ़ाया। सुजाता दर्द से छटपटाने लगी राजेश ने land का दबाव गाड़ पर और बढ़ाया land का टोपा अंदर घुस गया।
सुजाता दर्द से छटपटाने लगी। कराहने लगी अब राजेश ने गाड़ पर और land का दबाव डाला लन्ड का कुछ और भाग अन्दर सरक गया।
सुजाता जोर से चीखना चाही पर मुंह पर कपड़ा होने के कारण चीख न सकी।
राजेश ने एक जोर का धक्का मारा। आधा land गाड़ में सरक गया। गाड़ फट गया। गाड़ सी खून निकलने लगा।
सुजाता का दर्द से आंसू निकल गए।
राजेश _मैम आपकी गाड़ तो फट गई। निकाल दू क्या?
सुजाता _खुद को सम्हालते हुवेबोली, नहीं राजेश निकलना मत, थोडा रुक जाओ।
राजेश _नीचे झुका और सुजाता की चुचियों को पकड़ कर मसलने लगा उसकी पीठ और चूतड सहलाने लगा।
उसकी बुर की भग्नाशा को उंगली से रगड़ने लगा जिससे सुजाता सिसकने लगी।
कुछ देर बाद सुजाता का दर्द कुछ कम हुआ।
राजेश अब अपना land थोड़ा पीछे खींचा और फिर आगे धकेला वह धीरे धीरे गाड़ मारना शुरु किया । और उंगली से भग्नाश को रगड़ने लगा जिससे सुजाता को मजा और दर्द दोनो मिलने लगा।
राजेश अब धीरे धीरे land को गाड़ में और अन्दर सरकाने लगा।
धीरे धीरे आधे से ज्यादा land गाड़ में घुस गया। उसकी गाड़ की खून राजेश के land पर लगा huwa था।
राजेश अब थोडा तेज तेज गाड़ की ठुकाई करने लगा। एक उंगली से बुर के भगनासा को रगड़ता रहा।
Land गाड़ को फैलाता गया और एक समय आया जब गाड़ land को पूरी तरह निगल गया।
सुजाता_मैम आपकी गाड़ ने तो पुरा मेरा land ही निगल लिया। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा।
अब राजेश ने गाड़ की जोर जोर से ठुकाई सुरु कर दिया।
राजेश को गाड़ मारने में बहुत मजा आने लगा राजेश का land गाड़ में बुरी तरह रगड़ का रहा था। अगर वह नही रुका टू जल्द ही झड़ जायेगा। इसलिए उसने अपना land बाहर निकाल लिया।
और सुजाता की बुर में अंदर डाल कर गच गच चोदने लगा।
बुर चोदते हुए राजेश ने सुजाता की गाड़ की छेद देखा जो बुरी तरह फैल चुकी थी। उस पर कुछ खून भू लगा huwa था।
इधर बोर की chudai होने सी सुजाता को बहुत मजा आने लगा। उसकी सिसकने की आवाज कमरे मे गूंजने लगी।
राजेश ने अब land बुर से निकाल कर गाड़ में डाल दिया। और गाड़ चोदना शुरु कर दिया। कभी गाड़ तो कभी बुर की chudai करने लगा जिससे सुजाता को बहुत मजा आने लगा। और वह फिर से झड़ गई।
सुजाता बेड पर लेट कर सुस्ताने लगी। उसकी गाड़ फट चुकी थी उसे दर्द कर रहा था।
सुजाता _राजेश , मै तुम्हे और देने के स्थिति में नहीं हूं। मेरी गाड़ पे दर्द हो रहा है।
राजेश _मैम अगर दर्द ज्यादा है तो रहने देते हैं। कोई बात नही। मैंने आपकी कुंवारी गाड़ फाड़ी। यह मेरे लिए आज का सर्वश्रेष्ठ गिफ्ट हैं।
राजेश और सुजाता दोनो कुछ देर सुस्ताने के बाद अपने अपने कपड़े पहने। फिर कमरे से निकल गए। वेटर ने दोनो को देखा। सुजाता ठीक सै चल नही पा रही थी। उसकी गाड़ फटने से तेज जलन हो रहा था।
राजेश ने सुजाता को सहारा देकर गाड़ी में बिठाया।
इन सब बातों की जानकारी वेटर ने रीता को फ़ोन में दे दिया।
सुजाता ने राजेश को घर छोड़ा फिर वह अपने घर के लिए निकल गई।
राजेश जब घर पहुंचा, वह दरवाजे के पास लगी घंटी बजाया। दरवाज़ा खुली। सामने सुनिता खड़ी थी।
सुनिता _हूं तो आ गया जनाब , इतनी रात तक कौन रुका था पार्टी में जो अब आ रहा है।
राजेश _ओह मां, दोस्तों ने रोक रखा था।
सुनिता _पुरुष दोस्तो ने या महिला दोस्त न।
राजेश _मां, आप क्या कह रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।
सुनिता_बड़ा भोला बन रहा है। बहुत रात हो गई है जा कर अपने कमरे में सो जा।
राजेश चुप चाप अपने कमरे में चला गया।
और अपने कपडे चेंज कर बाथरुम में जाकर फ्रेश हो गया।
वह बेड में लेटकर आज के हुए घटना क्रम को याद करने लगा। जब उसे याद आया की कैसे उसने आज सुजाता की गाड़ फाड़ी उसका land तन कर खड़ा हो गया।
इधर सुनिता राजेश के जल्दी घर आने का इंतजार कर रही थी। वह आज राजेश को उसके जन्म दिन पर खुश करना चाहती थी। वह दिन भर यही सोच रही थी कि आज वह राजेश से चुदेगी जिसके कारण उसके बुर से सुबह से ही पानी बह रहा हा थ। वह पार्टी से आने के बाद भी अपनी साड़ी नही उतारी थी।
पार राजेश के लेट आने से उसका सारी योजना खराब हो गया था।
इधर राजेश को सोने से पहले पानी पीने का आदत था। लेकिन सुजाता ने गुस्से में पानी भी नहीं रख पाई थी। राजेश ने जब देखा की उसकी मां ने आज पानी नहीं रखा है तो वह किचन में चला गया। वहा जाकर वह फिल्टर से पानी लेने लगा पता नही उसे क्या सूझा की उसने गिलास नीचे छोड़ दिया जिसकी तेज आवाज सुनिता की कानो में पड़ी तो वह वह उठ कर किचन की ओर आई। ये आवाज़ कैसी है? जानने।
जब वह किचन में आई तो
सुनिता _बेटा क्या हुआ? तुम यहां क्या कर रहे हों।
राजेश _ओ मां मै यहां पानी पीने के लिए आया था आज आप कमरे में पानी रखना भूल गई थी।
सुनिता _ओ हा गलती मेरी ही है। पुरा पानी किचन में फैल गया। तुम अपने कमरे में चलो मैंफर्शसाफ कर पानी लेकर आती हूं।
राजेश _ठीक है मां
राजेश कमरे में चला गया और सुनिता की आने का इंतजार करने लगा।
कुछ देर बाद सुनिता कमरे मे पानी लेकर आई।
राजेश को पानी का गिलास देते हुए बोली।
सुनिता _लो बेटा पानी पी लो।
राजेश पानी पीने लगा।
पानी पीने के बाद गिलास सुनिता को दे दिया। सुनिता गिलास लेकर जानें को हुई तभी राजेश उसके पीछे गया और सुनिता को अपनी बाहों में भर लिया।
सुनिता _क्या कर रहा है छोड़ो मुझे रात बहुत हो गई है चुप चाप सो जाओ।
राजेश _मां, आप मूझसे नाराज हो क्या?
सुनिता _नही तो।
राजेश _फिर मूझसे ठीक से बात क्यू नही कर रही?
मुझे ठीक से बर्थ डे विश भी नही किया।
सुनिता _क्यू कि मुझे लगता है कि अब मेरे विश की तुम्हे जरूरत ही नहीं। तुम्हे बर्थ डे विश करने वाली जो मिल गई है।
राजेश _आपके विश के बीना बर्थ डे अधूरा है एक किस तो देदो।
सुनिता _क्यू उसने विश नही किया क्या? जिससे तुम चिपक चिपक कर नाच रहे थे।
राजेश _हूं, अब समझा कि आप इस लिए नाराज हो।
आपके विश बिना तो बर्थ डे अधूरा है।
राजेश ने सुनिता को अपने तरफ घुमाया और उसकी ओंठ को अपनी मुंह में भरकर चूसने लगा।
सुनिता _हू, हो गया न अब चलूं।
राजेश _न, अभी नही huwa है। मुझे आपका दुदू पीना है।
राजेश ने सुनिता को अपनी बाहों में जकड़ कर उठा लिया और उसे अपनी गोद में उठा कर बेड पर बैठ गया।
वह सुनिता की ओंठ फिर से चुसने लगा।
राजेश का land खड़ा था जिसका एहसास सुनिता को huwa तो वह भी गर्म होने लगी। वैसे तो वह सुबह से ही गर्म थी।
राजेश की हरकतों से वह और उत्तेजित होने लगी।
राजेश ने सुनिता की साड़ी की पल्लू नीचे हटा कर उसकी ब्लाउज का बटन खोल दिया और ब्रा खिसका कर उसकी चूची बाहर निकाल कर, मुंह में भरकर चूसने लगा ।
सुनिता सिसकने लगी।
जी भरकर चूची पीने के बाद राजेश ने सुजाता को गोद से उतारा और अपना लोअर , अंडर वियर निकाल दिया जिससे उसका मूसल जैसा land सुनिता के आंखो के सामने आ गया।
राजेश ने सुनिता की साड़ी खींचकर निकाल दिया अब सुनिता सिर्फ पेटीकोट में थी।
राजेश ने सुनिता को land चूसने का इशारा किया। सुनिता नीचे बैठ गई और राजेश के land को मुंह में भरकर चूसने लगी। राजेश जन्नत में पहुंच गया।
वह सुनिता की बाल को पकड़ कर land को उसके मुंह में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा।
राजेश का land सुनिता के चुसने से और मोटा तथा लंबा हो गया।
राजेश ने सुनिता को ऊपर उठाया और उसकी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
सुनिता को बेड के किनारे लिटा कर उसकी पेंटी भी उतार दिया।
उसकी मस्त फुली हुई चिकनी बुर को मुंह में भरकर चूसने लगा।
सुनिता सिसकने लगी,,
सुनिता की बुर से पानी टपके लगा।
राजेश ने सुनिता की चूची फिर से मसल मसल कर पीने लगा।
राजेश सुजाता की chudai कर झड़ा नहीं था, वह सुनिता को बेड के किनारे घोड़ी बना दिया। उसके पीछे आकार अपना land का टोपा उसके बुर के छेद में रख कर एक जोर का धक्का मारा land सरसराता huwa बुर फाड़कर अंदर घुस गया।
सुनिता के मुंह से आह मां निकल गया।
कमबख्त मैं कही भगी नही जा रही। एक ही बार में अन्दर घुसा दिया। आराम से नही कर सकता।
राजेश _सॉरी मां। मूझसे रहा न गया।
अब राजेश सुनिता की बुर पे अपना land अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया। वह उसकी कमर पकड़ कर gach gach बुर चोदने लगा।
राजेश का land सुनिता की बुर के रस से भीगकर सर सर अन्दर बाहर होने लगा।
सुनिता को बहुत मजा आने लगा।
राजेश अब तेज गति से सुनीता की बुर की chudai करने लगा।
राजेश और सुनिता दोनो जन्नत की सैर करने लगें। कमरे मे सुनिता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
दोनो दुनिया दारी भूल कर संभोग की परम सुख को प्राप्त करने लगें।
राजेश _आह मां, बहुत मजा आ रहा है, तुम्हारी chudai करने में जो मजा है वैसा कही और नही।
सुनिता भी अपनी क़मर हिला हिला कर राजेश का साथ देने लगी।
सुनिता बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। उसे राजेश से चुदने में जो मजा आ रहा था। उसका वर्णन नहीं किया जा सकता था।
राजेश भी जोश में आकर दनादन बुर चोदने लगा। जिससे सुनिता की बुर की पानी झरने की तरह बहने लगी। बुर से फच फच की आवाज़ आने लगी।
सुनिता खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी और आह मां आह करके झड़ने लगी।
राजेश ने सुनिता की बुर से अपना land बाहर निकाल लिया। उसका land बुर की पानी से चमकने लगा।
राजेश अपने अलमारी से क्रीम निकाला और उसे सुनिता की गाड़ में भर कर अपनी एक उंगली अन्दर डाल कर उसकी गाड़ में अन्दर बाहर करने लगा।
सुनिता की गाड़ राजेश पहले भी मार चुका था जिससे वह फैल चुका था। वह अब दो उंगली डालकर सुनिता की गाड़ फैलाने लगा।
राजेश एक उंगली से उसकी बुर की भग्नासा रगड़ने लगा दूसरे हाथ की दो उंगली उसकी गाड़ में डाल कर फैलाने लगा।
राजेश की हरकतों से सुनीता फिर से गर्म हो गई। उसकी बुर में फिर पानी भरने लगा।
राजेश ने अपना land फिर से बुर में रख कर गच से पेल दिया।
सुनिता सिसक उठी।
कुछ देर gach gach बुर चोदने के बाद land को बुर से निकाल कर उसकी गाड़ के छेद में रख कर दबाव डाला land का टोपा अंदर चला गया।
सुनिता कराह उठी।
राजेश सुनिता की चूची को मसलने लगा।
फिर अपना land का दबाव गाड़ पर बढ़ाया जिससे land और आगे सरक गया। जब land गाड़ में आधा घुस गया वह land को हल्के से बाहर खींचा फिर से gach से पेल दिया।
सुनिता कराह उठी।
आह बेटा आराम से।
राजेश ने अब land को गाड़ में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।
सुनिता दर्द से कराहने लगी।
धीरे धीरे land ने गाड़ में अपनी जगह बना ली।
गाड़ पूरी तरह फैल गई।
सुनिता को अब गाड़ मरवाने में मजा आने लगा।
राजेश अब सुनिता की गाड़ की जमकर ठुकाई करने लगा।
राजेश कुछ देर गाड़ मारने के बाद अपना land गाड़ से बाहर निकाल लिया और बेड पर जाकर लेट गया। उसका land हवा मेरे लहराने लगा।
वह सुनिता को land पर बैठने का इशारा किया।
सुनिता बेड पर खड़ी होकर राजेश के land के सीध में आकर नीचे झुकी और राजेश के land को अपने हाथ से पकड़ कर इसके टोपे को अपनी बुर के छेद में रख कर बैठ गई।land बुर को चीरकर उसके गर्भाशय से टकराया जिससे सुनिता सिसक उठी।
राजेश ने सुनिता की चूची पकड़ उसे मसलने लगा।
इधर सुनिता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो को फिर से मजा आने लगा।
राजेश भी सुनिता की कमर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर सुनिता की सहयोग करने लगा।
सुनिता के मुंह से, आह अन आई ई आह मां उन की कामुक आवाजे निकलने लगी। वह राजेश के land पर जोर जोर से उछल उछल कर चुदने लगी। दोनो फिर से स्वर्ग की सुख भोगने लगे।
राजेश ने सुनिता को इशारा किया।
सुनिता राजेश के land को बुर से निकाल कर अपनी गाड़ पे रख कर बैठ गई। और उछल उछल कर गाड़ गाड़ चुदाने लगी।
कभी गाड़ तो कभी बुर में land डालकर चुदने लगी।
कुछ देर बाद राजेश उठ कर बैठ गया। सुनिता अब भी राजेश के गोद में बैठी थी उसका land बुर में ही था।
राजेश ने जी भर कर सुनिता की ओंठ चूसा फिर उसकी बुर में land अन्दर बाहर करने लगा।
सुनिता ने जब राजेश के लैंड को अपनी बुर में आते जाते देखा तो वह शर्मा गई।
कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद राजेश ने सुनिता अपनी गोद में उठा कर बेड के नीचे ले आया और उसे अपनी land पर बिठा कर खड़े खड़े हवा में उछाल उछाल कर चोदने लगा सुनिता राजेश की मर्दानगी की दीवानी हो गई।
राजेश ने land को बुर से निकाल कर गाड़ में डाल दिया और हवा में उछाल उछाल कर अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
कुछ देर इसी पोजीशन में chudai करने के बाद राजेश सुनिता को बेड किनारे लिटा दिया और दनादन उसकी बुर चोदने लगा।
बुर को land से निकाल उसकी गाड़ में डाल कर गाड़ मारने लगा।
इसी तरह राजेश ने सुनिता की जमकर बुर और गाड़ की chudai किया। और अंत में उसकी गाड़ में झड़ गया।
सुनिता न जानें कितनी बार झड़ी थी।
झड़ने के बाद दोनों ऐसे एक दूसरे के बाहों में सो गए।