दोस्तों कहानी को अब आगे बढ़ाते हैं
जिम से राजेश घर आ जाता है। घर आने के बाद वह नहा कर। कॉलेज जाने की तैयारी में लग जाता है।
इधर सेखर और स्वीटी दोनों नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाते हैं, परंतु राजेश डाइनिंग टेबल पर नहीं पहुंचता।
शेखर राजेश को आवाज लगाता है।पर राजेश कोई जवाब नहीं देता,। तब शेखर उसके कमरे में जाकर राजेश को आवाज लगाता हैं ।
राजेश अपने पिताजी से कहता है ।पापा आज मेरा पेट कुछ ठीक नहीं है आज मैं नाश्ता नहीं करूंगा।
शेखर राजेश से कहता हैं थोड़ा सा कर ले बेटा,पर राजेश मना कर देता। राजेश यह बात सुनीता को जाकर बताता है ।सुनीता आज राजेश की तबीयत ठीक नहीं है, वह नाश्ता नहीं करना चाहता ।
सुनीता समझ जाती है कि राजेश नाश्ता क्यों नहीं करना चाहता , सुनीता शेखर से कहती है ठीक है जी तुम लोग नाश्ता कर लो जब उसका तबीयत ठीक होगा तो वह नाश्ता कर लेगा या कॉलेज के कैटीन मे नाश्ता कर लेगा ।
शेखर -एक बार जाकर देख लो की राजेश की तबीयत कैसी है ,क्यों नाश्ता नहीं करना चाहता।
सुनीता कहती है मैं बाद में पूछ लूंगी तुम लोग नाश्ता कर लो ।
शेखर को कुछ अजीब सा लगा पहले सुनिता तो ऐसे नही करती थी ।
10:00 बजने के बाद राजेश कालेज जाने के लिए तैयार हो जाता है और वह अपनी मां से बिना कुछ बोले ही कालेज के लिए निकल जाता है ।स्वीटू भी उसके साथ चली जाती है ।
इधर सुनीता अपने किचन में राजेश का कॉलेज जाने ने का इंतजार कर रही थी कि वह कुछ बोलेगा लेकिन राजेश सुनिता से कुछ बोलता नही , सुनीता को थोड़ा बुरा लगता है ।वह में सोचती है कि अभी राजेश नाराज होगा । कुछ दिन बाद सब ठीक हो जाएगा ।
उधर कॉलेज जाने के बाद राजेश कॉलेज की कैटिंन मे बैठा था साथ में भगत और उसके अन्य साथी भी बैठे थे।
भगत राजेश से कहता है भाई आज कुछ बोल नहीं रहा है ।गुमशुम सा हो कुछ बात है क्या ?क्लास का समय हो रहा है आज क्लास अटेंड नहीं करनी है क्या?
राजेश कहता है नहीं यार आज क्लास अटेंड करने का मन नहीं है तुम लोग जाओ क्लास अटेंड करना है।
भगत कहता ह भाई कुछ प्रॉब्लम है क्या ?बताओ मुझे।
राजेश कहता है कुछ नहीं यार, बस ऐसे हीा बस आज मन थोडा ठीक नही ।
तभी भगत को किसी का काल आता है किसी लड़के का काल था। लड़के ने भगत को बताया कि भाई जिन लड़कों ने राजेश भाई पर हमला किया था ।वे लड़के लोग पूल के नीचे पार्टी कर रहे है ।
यह बात भगत ने राजेश को बताता है ।राजेश इस समय गुस्से में था। उसका गुस्सा और बढ़ जाता है।
राजेश अपने मन में कहता हैं इन भोसड़ी वालों को मैं नहीं छोडूंगा इन साले के कारण आज मेरी ये हालत हुई है ।और वे साले मजे कर रहे है ।
वह भगत से कहता है इन सालों को आज मैं छोडूंगा नहीं और वह अपना बाईक लेके निकल पड़ता है । भगत कहता है रूको भाई हम भी आते है ।
भगत अपने साथियो से कहता है।चलो रे भाई के साथ।
वे सभी राजेश के पीछे पीछे अपने बाइक लेकर जाने लगते हैं।
राजेश पुल के नीचे पहुंच जाता है सभी लोग गाड़ी खड़ा करके रूके थे ।राजेश लड़कों की तरफ आगे बढ़ता है ।भगत राजेश से कहता हैं भाई तुम यहीं रुको उन सालों को हम लोग सबक सिखा कर आते हैं।
राजेश कहता हैं नहीं तुम लोग यहीं रुको इन सालों को अकेले ही सबक सिखाऊंगा, पर भगत राजेश से कहता हैं भाई मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं। लड़के लोग को वहीं ठहरने के लिए कह देता है। पर राजेश कहता हैं नहीं तुम भी यही ठहरो ।मैं अकेले ही जाऊंगा ।
राजेश अकेले ही उन लड़कों की तरफ चला जाता हैं।
एक लड़का ,राजेश को आते हुए देखता है और कहता है ।भीमा भाई यह तो वही लडका है जिसका हमने पिटाई किया था। हमारे तरफ ही आ रहा है ।
भीमा उन लड़कों के लीडर का नाम था, भीमा कहता है लगता है । लगता है साला फिर मार खाने आया
है।
जब राजेश लड़कों के पास जाकर खड़ा हो जाता है तब भीमा कहता है क्यों बे लल्लू और मार खाने के लिए चला आया ।
राजेश करता है बहनचोदो , लल्लू नहीं तेरा बाप आया है। तुम लोग को सबक सिखाने।
राजेश पर उन लड़कों को बहुत गुस्सा आता है एक लड़का गुस्से में आकर राजेश के पास जाकर अपने मुक्क से हमला कर देते हैं।
राजेश लड़के कि प्रहार को अपने एक हाथ से रोक देता है और दूसरे हाथ से जोर का मू क्का उसके पेट पर लगाता है ।वह लड़का हवा में उछलता हुआ, अपने साथी लड़कों के पास जाकर गिरता है।
उसकी हालत देखकर दो लड़के राजेश की ओर दौड़ते हैं ।दोनों लड़के राजेश पर मुक्के से हमला करते हैं।
राजेश दोनों लड़कों के प्रहार को हाथ से रोक लेता है। राजेश एक लड़के के पेट पर लात से और एक लड़के की गाल पर पर मुक्के से प्रहार कर देता है ।राजेश के प्रहार से दोनों लड़के हवा में उछलकर दूर जा कर गिर जाते हैं।
शेष लड़के राजेश पर एक साथ टूट पड़ते हैं। राजेश उन सभी लड़कों पर भारी पड़ता है।
राजेश उन लडके को बुरी तरह से पिटने लगता है सभी लड़की जमीन पर पड़े करा ने लगते हैं ।एक लड़का कहता हैं ।यह साला जानवर बन गया है ।हम लोगो को छोड़ेगा नहीं भाई हमें भाग कर अपनी जान बचाना पड़ेगा ।
भीमा को अपने साथियों की हालत देखकर कुछ घबराहट होने लगता है । वह भी राजेश पर हमला कर देते हैं। राजेश भीमा के प्रहार को रोक कर उसे बुरी तरह लात घुसा से पिटने लगता है ।
राजेश के रौद्र रूप को देखकर सभी लड़के अपनी जान बचा कर भाग जाते हैं ।इधर भीमा अकेला पड़ गया ।राजेश उसे बुरी तरीके से लात घुसाे से पीटता है भीमा की हालत खराब होने लगता है वह भगत से माफी मांगने लगता है । पर राजेश रूकता नही ।
तभी भगत को लगता है कि अगर वह राजेश को नही रोकेगा तो अनर्थ हो जाएगा। वह तेजी से राजेश को रोकने उसके पास जाता है। राजेश से कहता हैं भाई उइसे छोड़ दो नही ते ये मर जाएगा ।मर जाने दे साले को ,राजेश भीमा को बूरी तरह पिटाई करता रहता है।
भगत राजेश को पकड़ लेता है ।वह राजेश से कहता है ।भाई उसको छोड़ो नहीं तो मर जाएगा।
राजेश कहता है भगत छोरा मुझे साले को आज छोडूंगा नहीं। तभी भगत के अन्य साथी भी आ जाते है राजेश को पकड़ लेते वे राजेश से कहते है , भैया छोडो इसे, जाने दो नहीं ये तो मर जाएगा ।
सभी लड़के जब राजेश को पकड़ लेते हैं ,तब भीमा भी अपनी जान बचाकर किसी तरह कराहते हुए लंगड़ाते हुए भागने लगता है ।
इधर भगत कहता है भैया यह साले बचकर जाएंगे कहां इन सालों को पुलिस वाले भी कुत्ते की तरह ढूंढ रहे हैं।
राजेश गुस्से में था वह बाइक चलाने की स्थिति में नहीं था ।भगत राजेश इसे कहता हैं। भाई अभी तुम बहुत गुस्से में हो ,तुम गाड़ी चलाने की हालात में नहीं हेो।
भगत अपने साथी लड़का से कहता हैं अरे पप्पू गाड़ी चला लड़का गाड़ी स्टार्ट करता हैं । भगत ,राजेश को गाड़ी पर बैठने के लिए कहता है ।राजेश गाड़ी पर बैठ जाता। भगत जी उसके पीछे बैठ जाता है पप्पू भगत से कहता चलना कहां है भैया। राजेश बीच बीच मे बडबडाता रहता है शालो को छोडूंगा नही ।
भगत कहता हैं अब ऐसी हालत में कॉलेज जाना ठीक नहीं है। गाड़ी मेरे किराये के घर की ओर ले चल।
पप्पू कहता है ठीक है भैया।
राजेश का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। भगत और पप्पू के बीच क्या बातचीत हो रही है ।उस पर उसका ध्यान ही नहीं था ।त भी तीनों बाइक में भगत जहां किराए पर रहता था वहां पहुंच जाते हैं ।मकान कालेज के पास ही थ ।
साथी लड़के भी बाइक लेकर पीछे पीछे पहुंच जाते ,भगत उन्हे आवश्यक सलाह देकर उन लड़कों को कॉलेज के लिए भेज देते हैं।
लड़के अपनी बाइक लेकर कालेज चले जाते हैं
राजेश भगत से कहता हैं अबे तू मुझे यहां क्यों ले आया ।
भगत कहता है भाई तेरा मन ठीक नहीं है आज तुम मेरे रेंट के घर में आराम करना और जब मूड ठीक हो जाये तब घर जाना ।
घर के मेन दरवाजा अंदर से बंद था भगत दरवाजा खटखटाता है।
कौशल्या देवी दरवाजा खोलती है अरे बेटा तुम कॉलेज से आज जल्दी घर आ गए ।
भगत कौशल्या देवी से कहा मा जी आज कालेज में मन नहीं लगा तो घर आ गए। मां जी इसे पहचाना।
कौशल्या देवी राजेश को गौर से देखने लगती है ।अरे यह तो राजेश है न जिसने तुम्हारे अंकल को रक्त देकर मदद किया था।
हां मा जी आपने बिल्कुल सही पहचाना यह मेरा दोस्त राजेश है ।
कौशल्या देवी राजेश से पूछती है ।कैसे हो बेटे?
पर राजेश कोई जवाब नहीं देता।
भगत कौशल्या देवी से कहता है ।मा जी अभी राजेश भाई का मुंड ठीक नहीं है इसलिए मैं इसे अपने यहां ले आया ।
कौशल्या देवी पूछती है क्या हुआ बेटे राजेश को ।
भगत कहता हैं मैं बाद में बताऊंगा ।मां जी।
भगत राजेश को लेकर ऊपर अपने रूम में ले जाता ह। कौशल्या देवी जानना चाहती थी कि आखिर राजेश को हुआ क्या है ?
इधर घर में राजेश की मां सुनीता जब नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठती है ।और जैसे ही वह नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में ले जाने को होती है। वह स सोचने लगती है पता नहीं राजेश कुछ खाया होगा कि नहीं । आज की घटनाओ से उसका भी मन कुछ अच्छा नहीं लग रहा था ।उसे भी खाने का मन नहीं किया।वह नाश्ता को किचन में रख देती है ।
इधर राजेश और भगत बेड पर लेटे हुए थे ।राजेश अपनी सोच में डूबा हुआ था। तभी भगत सिगरेट जलाने लगता है। वह कभी कभार सिगरेट भी पीता था। राजेश की नजर उस पर पड़ता है वह सिगरेट को खींच कर भगत के मुंह से हटाकर अपने मुंह में दबा लेता है ।
भगत को आश्चर्य होता है । वह कहता है भाई यह क्या कर रहे हो ।
राजेश ने कहां हा मुझे भी सिगरेट पीना है , अब मैं वह हर काम करूंगा जो अभी तक नहीं किया है। अब मैं भी हूं गर्लफ्रेंड बनाऊंगा आप उसके साथ वेो सब करूंगा जो तू करने कहता था ।
भगत कहता हैं भाई कोई बात है क्या ? तुम बताते क्यों नहीं ? वह सोचता राजेश भाई मे इतना बदलाव कैसे आ गया ।
राजेश कहता हैं हां मैं बदल गया हूं अब मै वह सब करूंगा जो अभी तक नहीं किया था ।अबे तू सिगरेट जलायेगा या देखता रहेगा।
भगत कहते हैं जलाता हू भाई। भगत सिगरेट जलाता है ।
राजेश सिगरेट पीने लगता है। लेकिन उसका पहली बार था ।इसलिए वह खासने लगता है ।
भगत कहता है भाई आराम से , धीरे-धीरे पीना सीख जाओगे। मैं सिखा दूंगा ।
सिगरेट पीने के बाद राजेश फिर उन लड़कों के बारे में सोचने लगता हैं उन लड़कों की लड़कों के कारण मेरा यह हाल हुआ है मैं उन सालों को को छोडूंगा नहीं। उसे फिर गुस्सा आने लगते हैं। वह भगत से फिर सिगरेट मांगने लगता है, पर भगत सिगरेट नहीं देता। भाई अभी तुम्हारा मूड ठीक नहीं है तुम आराम कर लो ।ज्यादा सिगरेट पीना ठीक नही ।
भगत राजेश से कहता है भाई तूम आराम कराे मै थोडा नीचे से आता हू।
भगत नीचे चला जाता हैा कौशल्या देवी इस समय नीचे घर का काम कर रही थी ।
भगत को देखकर कौशल्या देवी पूछती है बेटा राजेश को क्या हुआ ।भगत कौशल्या देवी के पूरी बातें बता देता है।
भगत कौशल्या देवी से कहता मां जी राजेश का मुड ठीक नहीं है ।वह बहुत गुस्से में है, पर तुम उसकी मदद कर सकती हो ,जिससे उसका गुस्सा शांत हो जाएगा। उसका मूड ठीक हो जाएगा ।
कौशल्या देवी भगत से कहती हैं । बेटे मै कैसे मदद कर सकती हूं ।
भगत कहता हूं मा जी ऐसे समय में यदि मर्द को औरत का प्यार मिल जाता है तो उसका मूड भी ठीक हो जाता है और गुस्सा भी शांत हो जाता है । राजेश ने बुरे समय में रक्त देकर रक्त तुम्हारी मदद किया था। आज उसे औरत का प्यार देकर तूम राजेश भाई की मदद कर सकती हो।
कौशल्या देवी सोच में पड़ जाती है वह क्या जवाब दे। अंत में वह अपन् मन मे कहती है है कि उसे राजेश की मदद करनी चाहिए क्योंकि उसने भी बुरे समय में उसकी मदद की थी।
कौशल्या भगत से कहती है ठीक है बेटा मैं कोशिश करूंगी ।पर मैं यह सब तुम्हारे सामने नहीं कर पाऊंगी
भगत कहता है , ठीक है मा जी मै राजेश से बहाना बना कर कॉलेज चला जाऊंगा, ताकि तुम्हें राजेश की मदद करने में कोई दिक्कत ना हो ।कौशल्या देवी कहती है ठीक है बेटा।