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सुनीता राजेश के कमरे से निकलने के बाद सीधा अपने कमरे में गई। वहा पहुंची तो शेखर अभी भी सोया huwa था।
वह सीधा बाथरूम में घुस गई और प्रतिदिन की तरह फ्रेस होने के बाद नहाने लगी।
नहाते समय अपनी chut और गाड़ की रगड़ रगड़ कर अच्छे से सफाई की वह अपने chut और गाड़ की हालत देखकर मुस्कराने लगीं।
कमबख्त ने क्या हाल बना दिया है मेरी गाड़ का। बुरी तरह से गाड़ मारा है। पुरा सूजा दिया है बडी मुस्किल से हग पाई।
रात की chudai से तो मेरी मूत ही निकल गई। वह लज्जित महशुस करने लगीं।
छी मै अपने बेटे के सामने उसके शरीर के उपर ही मूतने लगी।
हवस मै बिल्कुल अंधी हो गई थी।
हे भगवान आज तो हनीमून मनाने की बात कह रहा था।
पता नही दिन भर में मेरी chut और गाड़ का और क्या हालत करेगाअपने घोड़े जैसे land से।
वह नहाते हुवे यही सब सोच रही थी।
जब वह नहाकर बाहर निकली तो, शेखरअभी भी सोया huwa था।
वह पेटीकोट, ब्लाउज और साड़ी पहन कर तैयार हुई।
पूजा रूम में चली गईं। और पूजा करने के बाद अपने कमरे में आई।
सुनीता _अजी उठने का समय हो गया है। और कितने देर तक सोएंगे आप, आज ड्यूटी पर नहीं जाना है क्या?
शेखर ने आंखे खोला।
शेखर _रात को थोड़ा लेट से सोया था न समय सुबह समय के पता ही नहीं चला।
शेखर बेड से उठ कर घर में ही थोड़ा व्यायाम और योगा किया, फिर अखबार पढ़ने के बाद पौधो को पानी दिया। फिर बाथरूम में जाकर नहाने लगा।
इधर सुनीता किचन में काम करने लगीं।
स्वीटी भी समय पर उठ कर प्रतिदिन की तरह दैनिक दिनचर्या करने लगी।
इधर राजेश रात भर सुनीता की chudai कर थक गया था।
तो वह घोड़े बेच कर सो रहा था।
शेखर और स्वीटी को सुनीता ने समय पर नाश्ता करने के लिए आवाज़ दिया।
दोनों डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने पहुंच गए।
शेखर _सुनीता, राजेश कहा है? नाश्ता करने के लिए अभी तक नही पहुंचा।
स्वीटी _हां मां, भईया कहा है।
सुनीता _राजेश अपने कमरे में आराम कर रहा है? उसका सिर दर्द कर रहा था तो दवाई लेकर फिर से सो गया। कह रहा था कि वह आज कालेज नही जायेगा।
शेखर _अरे, मुझे अभी बता रही हो, ज्यादा चिन्ता वाली बात तो नही।
सुनीता _नही जी, दवाई लिया है ठीक हो जायेगा ज्यादा चिन्ता की बात नही।
नाश्ता करने के बाद शेखर अपना आफिस चला गया।
स्वीटी राजेश के कमरे में गई उसने देखा की सच में राजेश सोया हुआ था। स्वीटी ने उसे जगाना उचित नहीं समझा।
स्वीटी भी समय पर कालेज पहुंच गई।
इधर किचन का काम निपटा लेने के बाद, सुनीता अपने कमरे में गई, और खुद को आईने में निहारी और थोडा मेकअप की।
फिर राजेशके कमरे की ओर जानें लगी।
जब वह उसके कमरे में पहुंची, वह राजेश के सिर के पास जाकर बेड में बैठ गई।
राजेश के सिर को सहलाते हुवे बोली।
सुनीता _और कितनी देर तक सोएगा बदमाश उठ जाओ।
अपनी मै के स्पार्स और आवाज़ सुन कर राजेश उठ गया।
राजेश _मां, आप कब आई।
सुनीता _जस्ट अभी।
चलो अब उठ जाओ, 10बज चुका है और कितने देर तक सोएगा।
राजेश _क्या दस बज गया? मुझे तो समय का पता ही नहीं चला।
सुनीता _तुम्हारे पापा आफिस चला गया है और स्वीटी कालेज आज तुम्हें कालेज नही जाना क्या?
राजेश _, मां, अब मै कालेज कितने बजे जाऊंगा। अगर कालेज ही भेजना था तो थोड़ा जल्दी उठा देती।
बोलो क्यूं नहीं उठाई।
सुनीता _हूं, मै सोंची तुम रात भर जागे हो, तो मुझे तुम्हें जल्दी उठाना उचित नहीं लगा।
राजेश _सच बताओ यही बात है की कुछ और
सुनीता _और क्या बात हो सकती है?
राजेश _कही आप भी तो हनीमून मनाने के मूड में तो नहीं।
सुनीता _चल हट बदमाश , कुछ भी बोलता है।मै भला ऐसे क्यू सोचूंगी?
वैसे भी कल तुमने मेरी जो हालत की है उसके बाद मेरी और हिम्मत नही।
राजेश _पर हमारा मूड तो है। खुद ही देख लो।
राजेश ने अपने ऊपर डले चादर को हटाया।
वह अभी नंगा ही लेटा था। उसका land खड़ा huwa था।
सुनीता _ढक इसे बेशरम सुबह सुबह मुझे अपना घोड़ा दिखा रहा है।
वैसे रात भर दौड़ लगाने के बाद भी तेरा घोड़ा थका नही है।
राजेश _मां , मै भले ही थक जाऊ लेकिन ये घोड़ा नही थकता।
सुनीता _चल अब उठ कर नहा ले, फिर मै तेरे लिए नाश्ता लगाती हूं।
राजेश _मां, पता है तुमनेरात मुझसे क्या कहां था?
सुनीता _क्या बोली थी, मुझे तो कुछ याद नहीं।
राजेश _तुमने कहा था की आज से जो तुम बोलोge वही करुंगी।
सुनीता _पर बेटा रात गई बात गई। तुम भूल जाओ ऐसा मैंने तुमसे कुछ कहा भी होगा तो।
राजेश _मां, आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती?
आप अपनी बातो से नही मुकर सकती।
सुनीता _लो मुकर गई, बोलो क्या करोगे?
राजेश _मै आपसे बात नही करूंगा और इस कमरे से दिन भर बाहर नहीं निकलूंगा। कुछ खाऊंगा पियूंगा भी नहीं।
जाओ आप मेरे कमरे से।
सुनीता _ओ हो हो मेला बेटा तो नाराज हो गया।
बोलो किया चाहते हो?
राजेश _, ये हुई न बात।
आज मै सिर्फ टावेल में रहूंगा, और आप सिर्फ पेटीकोट में।
सुनीता _न बाबा, मुझे बडी शर्म आयेगी।
मेरी दूदू देखकर तेरा खड़ा ही रहेगा और मेरे ऊपर दिन भर चढ़ने की कोशिश करेगा। वैसे भी रात में तूने मेरी हालात खराब कर रखी है।
राजेश _ठीक है फिर जाओ अपने कमरे में, मेरी कमरे की दरवाजा अब पापा के आने के बाद ही खुलेगा।
सुनीता _तू न बडा जिद्दी है, हमेशा अपनी बात ही मनवाता ।
ठीक है मैं तेरी बात मानता हूं पर मेरी भी एक शर्त है।
राजेश _कैसी शर्त?
सुनीता _तू मेरे साथ जबरदस्ती नहीं करेगा।
राजेश _प्रामिश, आप जब कहेंगी, तभी करूंगा। जबरदस्ती नहीं।
अब चलो निकालो अपनी साड़ी।
सुनीता _अपनी आंखे बन्द करो।
जैसे ही सुनीता अपना साड़ी खोली, अपना साड़ी राजेश के मुंह में फेकी, राजेश आंखे खोल कर सुनीता की ओर दौड़ा और उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया
सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ो मुझे। तुमने कहा था कोई जबरदस्ती नहीं करोगे।
राजेश _ठीक है,सॉरी।
चलो अब चोली भी उतार दो।
सुनीता _न, मुझे शर्म आ रही है।
राजेश _मै आंखे बन्द कर लेता हूं।
राजेश ने अपनी आंखे बन्द कर ली।
सुनीता ने अपनी चोली भी उतार दी और अपनी दोनों हाथो से अपनी चूची छुपा ली।
राजेश ने आंखे खोला।
सुनीता शर्म के मारे गड़ी जा रही थी।
सुनीता _देखो तुम मुझसे दूर ही रहना।
राजेश _ठीक है।
चलो अब मुझे नहलाओ।
सुनीता _क्या?
राजेश _तुमने तो कहा था न कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _क्या मुसीबत है?
राजेश बाथरूम मे चला गया।
मां अदंर आओ।
सुनीता अपनी चूची छिपाते हुए अदंर गई।
राजेश_, मुझे मूत आ रही है!
सुनीता _, तो मूत लो।
राजेश _तुम मूतने में मेरी मदद करो।
सुनीता _वो कैसे?
राजेश _अपने हाथों से पकड़ कर मुतवाओ।
सुनीता _न न मै ये नही करने वाली।
राजेश _आपने कहा था कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _देखो मुझे बडी शर्म आयेगी। तुम अपने आंखे बन्द करो।
राजेश _ठीक है।
राजेश ने अपनी आंखे बंद कर लिया।
सुनीता राजेश के पीछे खड़ी हो गई और एक हाथ से उसका land पकड़ लिया।
सुनीता _लो, अब मूतो।
राजेश _मूत ऐसे ही थोड़ी बाहर आयेगी, थोड़ा हिलाओ।
सुनीता _ओ हो क्या मुसीबत है?
सुनीता ने राजेश का land अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी।
राजेश _हां ऐसे ही।
सुनीता _अब जल्दी मूतो।
राजेश का land सुनीता के हाथ लगने से और अकड़ गया।
सुनीता _तुम्हारा घोड़ा तो और अकड़ रहा है। जल्दी मूतो।
राजेश land पर दबाव बढ़ाया।
मूत रुक रुक कर पिचकारी मारने लगा।
सुनीता आगे पीछे हिलाती रही।
राजेश _आह, उन,,, बहुंत अच्छा फील हो रहा है। थोड़ा और हिलाओ।
आह उन,,,
राजेश का मूत रुक रुक कर बाहर आ रहा था। जब मूत बाहर निकलना बंद हो गया।
सुनीता _मेरे ख्याल से तुम्हारी सारी मूत बाहर आ गई है।
राजेश ने आंखे खोला तो। उसकी नजर सुनीता की चूची पर गया।
सुनीता शर्मा गई वह अपने दोनों हाथों से अपनी चूची छुपा ने लगी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _अब मुझे शौच करना है।
सुनीता _तो क्या वो भी मै कराऊंगी?
राजेश _न, मै कमोड पर बैठ रहा हूं। आप यही रहो।
सुनीता _न,मै बाहर बैठ रही हूं। जब हो जाय तब बताना।
सुनीता बाहर चली गईं।
राजेश मुस्कुराने लगा।
शौच करने के बाद राजेश ने,,
राजेश _मां, मैंने शौच कर लिया है, अब मुझे नहला दो।
राजेश ने सावर आन कर दिया।
और नहाने लगा।
सुनीता अदंर गई।
सुनीता _सावर बन्द करो नही तो मैं भीग जाऊंगी।
राजेश _मां, आप तो सिर्फ पेटीकोट में हो। भीग गई थी क्या होगा दूसरा पेटिकोट पहन लेना।
सुनीता ने सावर बंद कर दिया।
चलो मैं साबुन लगा देती हूं।
सुनीता ने राजेश को नीचे बैठने कहा।
राजेश नीचे बैठ गया।
फिर सुनीता उसकी बालो पर साबुन लगाने लगीं।
दोनों हाथो से साबुन लगाने से उसकी चूची आजाद हो गई। जिससे वह राजेश के आंखो के सामने झूलने लगे।
जिसे देखकर राजेश का land अकड़ कर लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
राजेश को चूची पकड़ने की इच्छा हो रही थी। पर सुनीता ने मना किया था।
राजेश _मां, आज आप को भी मेरे साथ नहाना है।
सुनीता _न बाबा मै नहा चुकी हूं।
राजेश _देखो, हनीमून मे मर्द और औरत दोनों साथ नहाते हैं। आप मना नही कर सकती।
सुनीता _अब खड़ा हो जाओ पेट पर साबुन लगा दू।
राजेश खडा हो गया।
उसका खड़ा land सुनीता के आंखो के सामने आ गया।
वह मुस्कुराने लगी।
और राजेश के पेट पर साबुन लगाने लगीं।
धीरे धीरे वह नीचे गई।
वह राजेश के land के पास पहुंच गई।
सुनीता _मां, अपने छोटे बेटे को भी साबुन से अच्छे से धो दो।
कल कुवे और खाई में खूब डुबकी लगाया है।
सुनीता _चुप बेशरम।
राजेश मुस्कुराने लगा।
इधर सुनीता ने राजेश के land पर साबुन लगा कर मूठ मारना शुरू कर दिया।
राजेश _आ मां, आह,, बहुंत अच्छा फिल हो रहा है।
सुनीता ने land के सुपाड़े की चमड़ी को हटाकर अच्छे से सफाई की।
राजेश की घोड़े जैसे land को छूने मूठ मारने से सुनीता भी गर्म होने लगी।
साबुन लगा लेने के बाद राजेश ने सावर चालू कर दिया।
सुनीता और राजेश दोनों के उपर सावर का पानी गिरने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सावर बंद कर दिया।
मां अब मै आपको साबुन लगाऊंगा।
राजेश ने सुनीता की पीठ पर साबुन मलने लगा।
फिर उसके पीछे खड़ा होकर गले फिर हाथो में फिर उसके सीने की ओर आगे बडा।
उसकी चुचियों को मसल मसल कर साबुन लगाने लगा।
सुनीता सिसकने लगी।
राजेश _क्या huwa मां, सिसक क्यू रही हो?
सुनीता _तुम्हारी हरकतों, से गुदगुदी हो रही है।
राजेश ने सुनीता की पेट और नाभी पर भी खूब मल मल कर साबुन लगाया।
जिससे सुनीता बहुत ज्यादा गर्म होने लगी। वह तेज तेज सांस लेने लगीं।
राजेश _मां, आपका पेटीकोट उतार दो साबुन Lलगाते नही बन रहा है।
सुनीता _ तुम ही उतार दो।
राजेश ने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया। पेटी कोट सरसराता huwa नीचे गिर गया।
राजेश ने जैसे ही सुनीता की chut में साबुन लगाया, सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने बुर में उंगली डाल कर अच्छे से बुर की सफाई करने लगा। जिससे सुनीता की उत्तेजना एक दम से बड़ गई।
उसकी बुर से पानी बहने लगा।
राजेश बुर में उंगली डालकर रगड़ रगड़ कर सफाई करने लगा, जिससे सुनीता की हालत एक दम खराब हो गई।
सुनीता _हो गया बेटा बस कर, सुनीता कपकपाते आवाज़ में बोली।
राजेश सुनीता को पीछे घुमाया और उसकी चूतड पर साबुन मलने लगा।
सुनीता की उत्तेजना चरम पर पहुंच गई।
फिर जब राजेश सुनीता की गाड़ में उंगली डाल कर सफाई किया तो, सुनीता की मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगीं।
राजेश गाड़ की सफाई के बाद फिर chut पर साबुन लगाया और हाथ से रगड़ने लगा।
सुनीता का पुरा शरीर कपकपाने लगा।chut से पानी झरने की तरह बहने लगा।
सुनीता _आह मां, उन आह बेटा बस कर,, आह मां मै मर जाऊंगी।
मादरचोद बस कर,,,
मुझसे बर्दास्त नही हो रहा,,
राजेश _मां आपकी chut से तो पानी बह रहा है।
सुनीता _साले ऐसी हरकत करेगा तो पानी निकलेगा ही,,,
अब देख क्या रहा है बहेंचौद, बुझा मेरी प्यास, पूरे शरीर में आग लगा दी तूने,,
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _ले मेरी रण्डी,chud मुझसे।
राजेश ने अपना land सुनीता की बुर में सेट कर एक जोर का धक्का मारा,land एक बार में ही सरसराता huwa अदंर घुस गया।
सुनीता बाथरूम के नल को पकड़ कर नीचे झुक गई। राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर, गच गच बुर चोदना शुरू कर दिया।
सुनीता की मादक सिसकारी बाथरूम में गूंजने लगा।
सुनीता ने सावर चालू कर दिया।
दोनों के उपर पानी गिरने लगा।
इधर राजेश गपागप बुर में अपना land पेलने लगा।
सुनीता जन्नत में पहुंच गई।
सुनीता _चोद साले और जोर से चोद, बहुंत मज़ा आ रहा है।
तू पुरा सांड है। गजब का चोदता है।
राजेश _ले chud मेरे land से, ले एक और ले, मेरी चुड़क्कड मां,chud अपने बेटे की land से, क्या मस्त मॉल है तू।
दोनों के बीच काफी देर तक इसी पोजीशन में घमासान chudai चलता रहा।
फिर राजेश सुनीता को अपने लैंड पर उठा कर कमोड पर बैठ गया।
और उसकी क़मर उठा उठा कर chudai करने लगा।
सुनीता _आह मां मर गई मै, साले और चोद अपनी मां को, बुझा मेरी प्यास।
राजेश _ले साली, ले और ले,chud मेरे मूसल से।
राजेश इसी पोजीशन में कुछ देर तक चोदने के बाद।
कमोड से उठ गया और नीचे फर्श पर लेट गया।
और उसका land हवा में लहराने लगा।
सुनीता राजेश के land को पकड़ी और अपनी बुर के छेद पर सुपाड़े को सेट कर बैठ गई।
Land सरसराता huwa बुर में जड़ तक घुस गया।
सुनीता चिहुंक उठी,, आह मां।
साला कितना बडा land है तेरा ऐसा लगता है पेट फाड़कर गले से बाहर आ जायेगा।
सावर से पानी दोनों के ऊपर गिर रहा था।
सुनीता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश भी उसकी कमर पकड़ कर नीचे से कमर उठा उठा कर land को बुर में और अधिक घुसाने का प्रयास करने लगा।
दोनों जन्नत का सुख भोगने लगे।
सुनीता को इतना मज़ा आ रहा था कि वह बिना रुक land पर जोर जोर से उछल उछल कर chud रही थी, कि तभी उसने land को बुर से बाहर निकाल दी और जोर से चीखते हुए मूतने लगी,
आह मां, आह आह,, माई,,
उसकी मूत सीधे राजेश की चेहरे पर जानें लगा, दो तीन पिचकारी तो सीधा राजेश के मुंह में गया।
राजेश ने सुनीता की मूत मुंह में भर लिया।
फीर सुनीता की मुंह में पुरकी मारा।
कुछ मूत तो राजेश के पेट में चल गया।
राजेश _मां क्या स्वाद हैतुम्हारी मूत की एक दम नमकीन।
इधर सुनीता हवस में अंधी हो चुकी थी। उसे होश नही था। वह जोश में थी।
वह land को बुर में डाल कर फिर जोर जोर से उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर बाद फिर से वह chikhte हुवे मूतने लगीं,,
आह मां,,, आह,, माई ई,,
राजेश के फेस पर मूत की कई पिचकारी मारी। एक दो पिचकारी राजेश के मुंह में गया।
राजेश सुनीता की मूत पीने लगा।
राजेश _आह गजब की,,
सुनीता _, पी ले साले, मादरचोद,,, पी मेरी मूत,,,
सुनीता हवस में अंधी होकर बोली,,,
फिर सुनीता land में उछलना सुरू कर दी।
राजेश भी उसकी चूची मसल मसल कर चूतड उपर उठा उठा कर सुनीता का सहयोग करने लगा।
सुनीता खुद को रोक न सकी और चीखते हुवे झड़ने लगी।
आह मां आई,, मै गईं रि आह,,,
वह राजेश के उपर लुड़क गई।
इधर सावर का पानी दोनों के उपर गिर रहा था। कुछ देर तक यू ही लेट कर सुस्ताने के बाद,,,
राजेश _मां आप ठीक तो है न
सुनीता _हूं,,
कुछ देर तक ऐसे ही सुस्ताने के बाद दोनों उठे और सावर के पानी से नहाने लगे।
नहाकर जब दोनों बाथरूम से बाहर आए।
सुनीता _मेरे तो पूरे बाल गीले हो गए। अब इसे खुले ही रखने पड़ेंगे।
राजेश _अच्छे है, खुले बालो में आप और ज्यादा हॉट लगोगी।
सुनीता _चुप बेशरम।
सुनीता अपनी शरीर को टावेल से पोछने के बाद उसे लपेट ली।
सुनीता _तुम तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ। नाश्ता के लिए।
राजेश _मां अब तैयार क्या होना सिर्फ टावेल में ही तो रहना है। और अपको भी याद है न सिर्फ पेटीकोट में रहोगी।
सुनीता _इतना होने के बाद भी जी नही भरा है।
राजेश _मां मेरा कहा huwa है अभी, देखो तो वे अभी तक अकड़ा हुआ है, इसका पानी अभी कहा निकला है।
सुनीता _चुप बेशर्म।
सुनीता अपने कमरे में चली गई। और अपनी बालो को सुखाने लगी। फिर एक पेटीकोट पहन ली।
इधर राजेश भी अपने शरीर को पोछने के बाद एक टावेल लपेट कर।
नाश्ता के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंच गया।
राजेश _मां जल्दी नाश्ता लगाओ, बडी भूख लगी है।
सुनीता _अभी लाया बेटा।
सुनीता नाश्ता लेकर डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
सुनीता _क्या huwa मुस्कुरा क्यू रहा है?
राजेश _बस ऐसे ही।
सुनीता _चलो अब नाश्ता करो।
राजेश _आप अपने हाथो से नाश्ता कराओ।
सुनीता _अच्छा,पता नही और क्या क्या करना पड़ेगा?
सुनीता _नाश्ता का टुकड़ा लेकर राजेश को खिलाने लगी।
राजेश _ऐसे नही।
सुनीता _फिर कैसे?
राजेश _पहले मेरे गोद में बैठो।
फिर खिलाओ।
सुनीता _पहले जब तू छोटा था तो तुमको अपनी गोद में बिठा कर खिलाती थी।
अब तू बडा हो गया है, अब मुझे अपनी गोद में बिठा कर खिलाना चाहता है।
राजेश _, हा, सही समझी।
तुम मुझे खिलाना मै आपको खिलाऊंगा।
सुनीता _अच्छा।
सुनीता राजेश की गोद में आ कर बैठ गई।
और राजेश को नाश्ता का टुकड़ा खिलाने लगी।
राजेश ने भी नाश्ता का टुकड़ा लिया और सुनीता को खिलाई।
राजेश _मां, सिर्फ नाश्ता खिलाओगी दूध नहीं पिलाओगी।
सुनीता _पहले नाश्ता कर लो फिर दूध लाऊंगी बादाम वाली।
राजेश _मै तो नाश्ता के साथ साथ दूध भी पियूंगा।
ये वाली।
राजेश ने सुनीता की चूची मसल दिया।
सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने एक चूची मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुनीता _अरे छोड़ बेशरम, वैसे भी इसमें दूध कहा आता है जो पिएगा।
राजेश _तो क्या huwa चूस कर ही मन बहला लूंगा।
राजेश नाश्ता का टुकड़ा मुंह में डाल कर चबाने के बाद चूची मुंह में भर कर मसल मसल कर पीने लगता, जिससे सुनीता फिर उत्तेजित होने लगीं।
राजेश का land तो पहले से ही तना हुआ था। सुनीता की चूतड से दब कर और झटके मार रहा था जिसका एहसास सुनीता को हो रहा था। जिससे उसके शरीर में उत्तेजना बड़ने लगी।
इधर राजेश अब सुनीता की पीठ चूमने चाटने लगा। साथ में नाश्ता भी जारी था।
दोनों एक दूसरे को नाश्ता करा रही थे।
मां ये लो नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में भर कर रखो फिर मै आपके मुंह से इसे खाऊंगा।
सुनीता _छी तू बिलकुल बेशरम हो गया है।
सुनीता ने नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में लिया।
राजेश सुनीताकी मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर सुनीता की ओंठ चूसते हुवे। नाश्ता चबाने लगा।
सुनीता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
उसकी बुर पानी छोड़ने लगा।
तीन चार बार ऐसे ही करने से सुनीता की हालात खराब हो गई।
राजेश ने सुनीता को खड़ा किया और अपना टावेल खोल दिया।
राजेश ने सुनीता की पेटीकोट ऊपर उठा कर सुनीता को अपने land पर बिठा दिया।
राजेश अब फिर से सुनीता के मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर खाने लगा, बीच बीच में वह चूची पीने और मसलने लगता।
सुनीता अत्यंत काम विहिल हो गई।
वह थोड़ी उठी और राजेश के land को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर की छेद पर रख कर बैठ गई।
बुर एक दम गीली थी बिना किसी रुकावट के land बुर में सरसरता huwa पूरा अदंर घुस गया।
अब सुनीता राजेश की land पर थोड़ा थोड़ा उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों नाश्ता भी कर रहे थे और संभोग भी जिससे दोनों को परम आनंद मिलने लगा।
बीच बीच में राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगता।
फिर दोनों नाश्ता निगलते यही प्रक्रिया चलता रहा जब तक नाश्ता खत्म नहीं हो गया।
जब नाश्ता खत्म huwa राजेश खडा हुआ और सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पेट के बल लिटा कर गच गच चोदने लगा।
पुरा हाल सुनीता की कामुक सिसकारी से गूंजने लगा।
उसके बाद राजेश ने सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पीठ के बल लिटा कर उसकी टांगों को उठा कर दनादन चोदने लगा।
सुनीता तो जन्नत में पहुंच गई,,
सुनीता _आह, चोद मेरे राजा,, और जोर से चोद, बना दे भोसड़ा मेरे बुर को। साली बहुत खुजाती है।
राजेश _ले मेरी रानी, ले एक और ले, आज तेरी बुर की पूरी प्यास बुझा दूंगा।
राजेश कुछ देर इसी आसन में चोदता रहा उसके बाद सुनीता को उठा कर सोफे पर ले गया और सुनीता को अपनी land पर बिठा कर उसकी ओंठ चूसने लगा।
सुनीता भी उसका साथ देने लगी।
फिर राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर गच गच चोदने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को घुमा दिया अब उसका पीठ राजेश की ओर हो गया।
इस आसन पर सुनीता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी। और संभोग का परम आनंद को प्राप्त करने लगी।
इस आसन में दोनों के बीच घमासान chudai चला।
सुनीता झड़ गई।
दोनों सोफे में लेटकर सुस्ताने लगे।
कुछ देर बाद,,
सुनीता _अब छोड़ो, मुझे किचन पे काम करना है, तुम कमरे मे जाकर आराम करो।
राजेश _ठीक है, मै कमरे मे जा रहा हूं पर अपने नही आपके और पापा के। हम आज साथ ही सोएंगे।
सुनीता _पुरा बेशरम बन गया है।
राजेश _हां और जल्दी आना रूम में मेरा अभी बडा मन है।
सुनीता _इतना करने के बाद भी तू थका नही है?
राजेश _chudai कटके जो थक जाए ओ मर्द ही क्या?
सुनीता _अच्छा मै भी देखती हूं तू कितना बडा मर्द है।
तू चल मै अभी आई।
राजेश सुनीता के कमरे मे जाकर इंतजार करने लगा।
वह झड़ा नहीं था, उसे और चोदने का मन कर रहा था।
कुछ देर बाद सुनीता कमरे में आई।
राजेश इस समय अपने land सहला रहा था।
राजेश _आ गई मेरी जान,,
चल चूस मेरा लौड़ा,,
इंतजार कराती है साली अपनी असली मर्द को चल चूस मेरे लौड़े को। रण्डी कही की।
सुनीता राजेश की land को अपनी मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश सिसकने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को बेड पर लिटा दिया और उसका chut चाटने लगा।
सुनीता फिर से उत्तेजित हो गई,,,
आह मां उन,, आई,
सुनीता _अब चोद न re भड़वे, सिर्फ चाट ता रहेगा क्या?
राजेश _साली छिनाल। देख अब मै तुम्हें कैसे चोदता हूं।
राजेश ने सुनीता को अपनी गोद में उठा लिया। और land पे बिठा कर, हवा में उछाल उछाल कर भच भ च चोदने लगा।
कमरे में सुनीता की चीखने और chudai की गच गच आवाज़ गूंजने लगा।
कुछ देर तक राजेश ने ऐसे ही सुनीता को चोदता रहा फिर बेड पर लिटा कर अलग अलग तरीकों से तब तक चोदता रहा जब तक सुनीता झड़ न गई।
फिर सुनीता, थक कर सो गई।
राजेश भी सोने की कोशिश करने लगा।
करीब दो बजे सुनीता उठी।
सुनीता _बेटा, क्या बनाऊं लंच में?
राजेश _मां जो तुम्हारा मन हो बना कर खिला दो।
सुनीता _अरे तुम्हारा तो अभी तक खड़ा है। पता नहि तू कब झड़ेगा। सुबह से मुझे तीन बार झाड़ चुका है।
राजेश _मां मै 4बजे के पहले झडूंगा नही।
सुनीता _अच्छा, तब तक मुझे चोदता ही रहेगा।
राजेश _हां।
सुनीता _, मान गई तेरी मर्दानगी को,
राजेश _अभी तो और देखना banki है।
अब तुम किचन में लंच बनाएगी, मै पीछे से चोदता रहूंगा।
सुनीता _तू पुरा पागल हो गया है।
राजेश _पागल नही दीवान आपका।
सुनीता, मुस्कुराने लगीं।
राजेश _चलो पहली चूसो मेरा औजार।
सुनीता कुछ देर राजेश का लैंड चूसी।
फिर वह किचन में चली गई। भोजन बनाने राजेश भी चला गया।
सुनीता किचन में खाना बनाने लगीं। राजेश पीछे से अपना मूसल सुनीता की बुर में डालकर चोदने लगा।
कुछ देर बुर मारने के बाद वह किचन से घी निकाल कर अपने land और सुनीता की गाड़ में भर दिया
फिर सुनीता की गाड़ मारने लगा।
कभी गाड़ तो कभी बुर में land डाल कर खूब चोदता जिससे दोनो को संभोग का अपार सुख मिल रहा था ।
लंच बन जानें के बाद, राजेश डाइनिंग टेबल पर सुनीता को लच करते हुए खूब चोदा।
लंच करने के बाद दोनों फिर से सुनीता के बेड रूम में पहुंच गए और राजेश ने सुनीता को जमकर भोगा।
सुनीता की सारी प्यास बुझ कर बुर और गाड़ दोनों सूजा कर, सुनीता के मुंह में झड़ गया।
सुनीता राजेश का सारा वीर्य पी गई ,,
कुछ देर सुस्ताने के बाद,
Sunita_, बेटा अब तुम अपने कमरे में जाओ, स्वीटी कालेज से आती ही होगी।
राजेश अपने रूम में चला गया। वह काफ़ी थक गया था अपने कमरे में जाकर दो गया।
सुनीता राजेश के कमरे से निकलने के बाद सीधा अपने कमरे में गई। वहा पहुंची तो शेखर अभी भी सोया huwa था।
वह सीधा बाथरूम में घुस गई और प्रतिदिन की तरह फ्रेस होने के बाद नहाने लगी।
नहाते समय अपनी chut और गाड़ की रगड़ रगड़ कर अच्छे से सफाई की वह अपने chut और गाड़ की हालत देखकर मुस्कराने लगीं।
कमबख्त ने क्या हाल बना दिया है मेरी गाड़ का। बुरी तरह से गाड़ मारा है। पुरा सूजा दिया है बडी मुस्किल से हग पाई।
रात की chudai से तो मेरी मूत ही निकल गई। वह लज्जित महशुस करने लगीं।
छी मै अपने बेटे के सामने उसके शरीर के उपर ही मूतने लगी।
हवस मै बिल्कुल अंधी हो गई थी।
हे भगवान आज तो हनीमून मनाने की बात कह रहा था।
पता नही दिन भर में मेरी chut और गाड़ का और क्या हालत करेगाअपने घोड़े जैसे land से।
वह नहाते हुवे यही सब सोच रही थी।
जब वह नहाकर बाहर निकली तो, शेखरअभी भी सोया huwa था।
वह पेटीकोट, ब्लाउज और साड़ी पहन कर तैयार हुई।
पूजा रूम में चली गईं। और पूजा करने के बाद अपने कमरे में आई।
सुनीता _अजी उठने का समय हो गया है। और कितने देर तक सोएंगे आप, आज ड्यूटी पर नहीं जाना है क्या?
शेखर ने आंखे खोला।
शेखर _रात को थोड़ा लेट से सोया था न समय सुबह समय के पता ही नहीं चला।
शेखर बेड से उठ कर घर में ही थोड़ा व्यायाम और योगा किया, फिर अखबार पढ़ने के बाद पौधो को पानी दिया। फिर बाथरूम में जाकर नहाने लगा।
इधर सुनीता किचन में काम करने लगीं।
स्वीटी भी समय पर उठ कर प्रतिदिन की तरह दैनिक दिनचर्या करने लगी।
इधर राजेश रात भर सुनीता की chudai कर थक गया था।
तो वह घोड़े बेच कर सो रहा था।
शेखर और स्वीटी को सुनीता ने समय पर नाश्ता करने के लिए आवाज़ दिया।
दोनों डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने पहुंच गए।
शेखर _सुनीता, राजेश कहा है? नाश्ता करने के लिए अभी तक नही पहुंचा।
स्वीटी _हां मां, भईया कहा है।
सुनीता _राजेश अपने कमरे में आराम कर रहा है? उसका सिर दर्द कर रहा था तो दवाई लेकर फिर से सो गया। कह रहा था कि वह आज कालेज नही जायेगा।
शेखर _अरे, मुझे अभी बता रही हो, ज्यादा चिन्ता वाली बात तो नही।
सुनीता _नही जी, दवाई लिया है ठीक हो जायेगा ज्यादा चिन्ता की बात नही।
नाश्ता करने के बाद शेखर अपना आफिस चला गया।
स्वीटी राजेश के कमरे में गई उसने देखा की सच में राजेश सोया हुआ था। स्वीटी ने उसे जगाना उचित नहीं समझा।
स्वीटी भी समय पर कालेज पहुंच गई।
इधर किचन का काम निपटा लेने के बाद, सुनीता अपने कमरे में गई, और खुद को आईने में निहारी और थोडा मेकअप की।
फिर राजेशके कमरे की ओर जानें लगी।
जब वह उसके कमरे में पहुंची, वह राजेश के सिर के पास जाकर बेड में बैठ गई।
राजेश के सिर को सहलाते हुवे बोली।
सुनीता _और कितनी देर तक सोएगा बदमाश उठ जाओ।
अपनी मै के स्पार्स और आवाज़ सुन कर राजेश उठ गया।
राजेश _मां, आप कब आई।
सुनीता _जस्ट अभी।
चलो अब उठ जाओ, 10बज चुका है और कितने देर तक सोएगा।
राजेश _क्या दस बज गया? मुझे तो समय का पता ही नहीं चला।
सुनीता _तुम्हारे पापा आफिस चला गया है और स्वीटी कालेज आज तुम्हें कालेज नही जाना क्या?
राजेश _, मां, अब मै कालेज कितने बजे जाऊंगा। अगर कालेज ही भेजना था तो थोड़ा जल्दी उठा देती।
बोलो क्यूं नहीं उठाई।
सुनीता _हूं, मै सोंची तुम रात भर जागे हो, तो मुझे तुम्हें जल्दी उठाना उचित नहीं लगा।
राजेश _सच बताओ यही बात है की कुछ और
सुनीता _और क्या बात हो सकती है?
राजेश _कही आप भी तो हनीमून मनाने के मूड में तो नहीं।
सुनीता _चल हट बदमाश , कुछ भी बोलता है।मै भला ऐसे क्यू सोचूंगी?
वैसे भी कल तुमने मेरी जो हालत की है उसके बाद मेरी और हिम्मत नही।
राजेश _पर हमारा मूड तो है। खुद ही देख लो।
राजेश ने अपने ऊपर डले चादर को हटाया।
वह अभी नंगा ही लेटा था। उसका land खड़ा huwa था।
सुनीता _ढक इसे बेशरम सुबह सुबह मुझे अपना घोड़ा दिखा रहा है।
वैसे रात भर दौड़ लगाने के बाद भी तेरा घोड़ा थका नही है।
राजेश _मां , मै भले ही थक जाऊ लेकिन ये घोड़ा नही थकता।
सुनीता _चल अब उठ कर नहा ले, फिर मै तेरे लिए नाश्ता लगाती हूं।
राजेश _मां, पता है तुमनेरात मुझसे क्या कहां था?
सुनीता _क्या बोली थी, मुझे तो कुछ याद नहीं।
राजेश _तुमने कहा था की आज से जो तुम बोलोge वही करुंगी।
सुनीता _पर बेटा रात गई बात गई। तुम भूल जाओ ऐसा मैंने तुमसे कुछ कहा भी होगा तो।
राजेश _मां, आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती?
आप अपनी बातो से नही मुकर सकती।
सुनीता _लो मुकर गई, बोलो क्या करोगे?
राजेश _मै आपसे बात नही करूंगा और इस कमरे से दिन भर बाहर नहीं निकलूंगा। कुछ खाऊंगा पियूंगा भी नहीं।
जाओ आप मेरे कमरे से।
सुनीता _ओ हो हो मेला बेटा तो नाराज हो गया।
बोलो किया चाहते हो?
राजेश _, ये हुई न बात।
आज मै सिर्फ टावेल में रहूंगा, और आप सिर्फ पेटीकोट में।
सुनीता _न बाबा, मुझे बडी शर्म आयेगी।
मेरी दूदू देखकर तेरा खड़ा ही रहेगा और मेरे ऊपर दिन भर चढ़ने की कोशिश करेगा। वैसे भी रात में तूने मेरी हालात खराब कर रखी है।
राजेश _ठीक है फिर जाओ अपने कमरे में, मेरी कमरे की दरवाजा अब पापा के आने के बाद ही खुलेगा।
सुनीता _तू न बडा जिद्दी है, हमेशा अपनी बात ही मनवाता ।
ठीक है मैं तेरी बात मानता हूं पर मेरी भी एक शर्त है।
राजेश _कैसी शर्त?
सुनीता _तू मेरे साथ जबरदस्ती नहीं करेगा।
राजेश _प्रामिश, आप जब कहेंगी, तभी करूंगा। जबरदस्ती नहीं।
अब चलो निकालो अपनी साड़ी।
सुनीता _अपनी आंखे बन्द करो।
जैसे ही सुनीता अपना साड़ी खोली, अपना साड़ी राजेश के मुंह में फेकी, राजेश आंखे खोल कर सुनीता की ओर दौड़ा और उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया
सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ो मुझे। तुमने कहा था कोई जबरदस्ती नहीं करोगे।
राजेश _ठीक है,सॉरी।
चलो अब चोली भी उतार दो।
सुनीता _न, मुझे शर्म आ रही है।
राजेश _मै आंखे बन्द कर लेता हूं।
राजेश ने अपनी आंखे बन्द कर ली।
सुनीता ने अपनी चोली भी उतार दी और अपनी दोनों हाथो से अपनी चूची छुपा ली।
राजेश ने आंखे खोला।
सुनीता शर्म के मारे गड़ी जा रही थी।
सुनीता _देखो तुम मुझसे दूर ही रहना।
राजेश _ठीक है।
चलो अब मुझे नहलाओ।
सुनीता _क्या?
राजेश _तुमने तो कहा था न कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _क्या मुसीबत है?
राजेश बाथरूम मे चला गया।
मां अदंर आओ।
सुनीता अपनी चूची छिपाते हुए अदंर गई।
राजेश_, मुझे मूत आ रही है!
सुनीता _, तो मूत लो।
राजेश _तुम मूतने में मेरी मदद करो।
सुनीता _वो कैसे?
राजेश _अपने हाथों से पकड़ कर मुतवाओ।
सुनीता _न न मै ये नही करने वाली।
राजेश _आपने कहा था कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _देखो मुझे बडी शर्म आयेगी। तुम अपने आंखे बन्द करो।
राजेश _ठीक है।
राजेश ने अपनी आंखे बंद कर लिया।
सुनीता राजेश के पीछे खड़ी हो गई और एक हाथ से उसका land पकड़ लिया।
सुनीता _लो, अब मूतो।
राजेश _मूत ऐसे ही थोड़ी बाहर आयेगी, थोड़ा हिलाओ।
सुनीता _ओ हो क्या मुसीबत है?
सुनीता ने राजेश का land अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी।
राजेश _हां ऐसे ही।
सुनीता _अब जल्दी मूतो।
राजेश का land सुनीता के हाथ लगने से और अकड़ गया।
सुनीता _तुम्हारा घोड़ा तो और अकड़ रहा है। जल्दी मूतो।
राजेश land पर दबाव बढ़ाया।
मूत रुक रुक कर पिचकारी मारने लगा।
सुनीता आगे पीछे हिलाती रही।
राजेश _आह, उन,,, बहुंत अच्छा फील हो रहा है। थोड़ा और हिलाओ।
आह उन,,,
राजेश का मूत रुक रुक कर बाहर आ रहा था। जब मूत बाहर निकलना बंद हो गया।
सुनीता _मेरे ख्याल से तुम्हारी सारी मूत बाहर आ गई है।
राजेश ने आंखे खोला तो। उसकी नजर सुनीता की चूची पर गया।
सुनीता शर्मा गई वह अपने दोनों हाथों से अपनी चूची छुपा ने लगी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _अब मुझे शौच करना है।
सुनीता _तो क्या वो भी मै कराऊंगी?
राजेश _न, मै कमोड पर बैठ रहा हूं। आप यही रहो।
सुनीता _न,मै बाहर बैठ रही हूं। जब हो जाय तब बताना।
सुनीता बाहर चली गईं।
राजेश मुस्कुराने लगा।
शौच करने के बाद राजेश ने,,
राजेश _मां, मैंने शौच कर लिया है, अब मुझे नहला दो।
राजेश ने सावर आन कर दिया।
और नहाने लगा।
सुनीता अदंर गई।
सुनीता _सावर बन्द करो नही तो मैं भीग जाऊंगी।
राजेश _मां, आप तो सिर्फ पेटीकोट में हो। भीग गई थी क्या होगा दूसरा पेटिकोट पहन लेना।
सुनीता ने सावर बंद कर दिया।
चलो मैं साबुन लगा देती हूं।
सुनीता ने राजेश को नीचे बैठने कहा।
राजेश नीचे बैठ गया।
फिर सुनीता उसकी बालो पर साबुन लगाने लगीं।
दोनों हाथो से साबुन लगाने से उसकी चूची आजाद हो गई। जिससे वह राजेश के आंखो के सामने झूलने लगे।
जिसे देखकर राजेश का land अकड़ कर लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
राजेश को चूची पकड़ने की इच्छा हो रही थी। पर सुनीता ने मना किया था।
राजेश _मां, आज आप को भी मेरे साथ नहाना है।
सुनीता _न बाबा मै नहा चुकी हूं।
राजेश _देखो, हनीमून मे मर्द और औरत दोनों साथ नहाते हैं। आप मना नही कर सकती।
सुनीता _अब खड़ा हो जाओ पेट पर साबुन लगा दू।
राजेश खडा हो गया।
उसका खड़ा land सुनीता के आंखो के सामने आ गया।
वह मुस्कुराने लगी।
और राजेश के पेट पर साबुन लगाने लगीं।
धीरे धीरे वह नीचे गई।
वह राजेश के land के पास पहुंच गई।
सुनीता _मां, अपने छोटे बेटे को भी साबुन से अच्छे से धो दो।
कल कुवे और खाई में खूब डुबकी लगाया है।
सुनीता _चुप बेशरम।
राजेश मुस्कुराने लगा।
इधर सुनीता ने राजेश के land पर साबुन लगा कर मूठ मारना शुरू कर दिया।
राजेश _आ मां, आह,, बहुंत अच्छा फिल हो रहा है।
सुनीता ने land के सुपाड़े की चमड़ी को हटाकर अच्छे से सफाई की।
राजेश की घोड़े जैसे land को छूने मूठ मारने से सुनीता भी गर्म होने लगी।
साबुन लगा लेने के बाद राजेश ने सावर चालू कर दिया।
सुनीता और राजेश दोनों के उपर सावर का पानी गिरने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सावर बंद कर दिया।
मां अब मै आपको साबुन लगाऊंगा।
राजेश ने सुनीता की पीठ पर साबुन मलने लगा।
फिर उसके पीछे खड़ा होकर गले फिर हाथो में फिर उसके सीने की ओर आगे बडा।
उसकी चुचियों को मसल मसल कर साबुन लगाने लगा।
सुनीता सिसकने लगी।
राजेश _क्या huwa मां, सिसक क्यू रही हो?
सुनीता _तुम्हारी हरकतों, से गुदगुदी हो रही है।
राजेश ने सुनीता की पेट और नाभी पर भी खूब मल मल कर साबुन लगाया।
जिससे सुनीता बहुत ज्यादा गर्म होने लगी। वह तेज तेज सांस लेने लगीं।
राजेश _मां, आपका पेटीकोट उतार दो साबुन Lलगाते नही बन रहा है।
सुनीता _ तुम ही उतार दो।
राजेश ने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया। पेटी कोट सरसराता huwa नीचे गिर गया।
राजेश ने जैसे ही सुनीता की chut में साबुन लगाया, सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने बुर में उंगली डाल कर अच्छे से बुर की सफाई करने लगा। जिससे सुनीता की उत्तेजना एक दम से बड़ गई।
उसकी बुर से पानी बहने लगा।
राजेश बुर में उंगली डालकर रगड़ रगड़ कर सफाई करने लगा, जिससे सुनीता की हालत एक दम खराब हो गई।
सुनीता _हो गया बेटा बस कर, सुनीता कपकपाते आवाज़ में बोली।
राजेश सुनीता को पीछे घुमाया और उसकी चूतड पर साबुन मलने लगा।
सुनीता की उत्तेजना चरम पर पहुंच गई।
फिर जब राजेश सुनीता की गाड़ में उंगली डाल कर सफाई किया तो, सुनीता की मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगीं।
राजेश गाड़ की सफाई के बाद फिर chut पर साबुन लगाया और हाथ से रगड़ने लगा।
सुनीता का पुरा शरीर कपकपाने लगा।chut से पानी झरने की तरह बहने लगा।
सुनीता _आह मां, उन आह बेटा बस कर,, आह मां मै मर जाऊंगी।
मादरचोद बस कर,,,
मुझसे बर्दास्त नही हो रहा,,
राजेश _मां आपकी chut से तो पानी बह रहा है।
सुनीता _साले ऐसी हरकत करेगा तो पानी निकलेगा ही,,,
अब देख क्या रहा है बहेंचौद, बुझा मेरी प्यास, पूरे शरीर में आग लगा दी तूने,,
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _ले मेरी रण्डी,chud मुझसे।
राजेश ने अपना land सुनीता की बुर में सेट कर एक जोर का धक्का मारा,land एक बार में ही सरसराता huwa अदंर घुस गया।
सुनीता बाथरूम के नल को पकड़ कर नीचे झुक गई। राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर, गच गच बुर चोदना शुरू कर दिया।
सुनीता की मादक सिसकारी बाथरूम में गूंजने लगा।
सुनीता ने सावर चालू कर दिया।
दोनों के उपर पानी गिरने लगा।
इधर राजेश गपागप बुर में अपना land पेलने लगा।
सुनीता जन्नत में पहुंच गई।
सुनीता _चोद साले और जोर से चोद, बहुंत मज़ा आ रहा है।
तू पुरा सांड है। गजब का चोदता है।
राजेश _ले chud मेरे land से, ले एक और ले, मेरी चुड़क्कड मां,chud अपने बेटे की land से, क्या मस्त मॉल है तू।
दोनों के बीच काफी देर तक इसी पोजीशन में घमासान chudai चलता रहा।
फिर राजेश सुनीता को अपने लैंड पर उठा कर कमोड पर बैठ गया।
और उसकी क़मर उठा उठा कर chudai करने लगा।
सुनीता _आह मां मर गई मै, साले और चोद अपनी मां को, बुझा मेरी प्यास।
राजेश _ले साली, ले और ले,chud मेरे मूसल से।
राजेश इसी पोजीशन में कुछ देर तक चोदने के बाद।
कमोड से उठ गया और नीचे फर्श पर लेट गया।
और उसका land हवा में लहराने लगा।
सुनीता राजेश के land को पकड़ी और अपनी बुर के छेद पर सुपाड़े को सेट कर बैठ गई।
Land सरसराता huwa बुर में जड़ तक घुस गया।
सुनीता चिहुंक उठी,, आह मां।
साला कितना बडा land है तेरा ऐसा लगता है पेट फाड़कर गले से बाहर आ जायेगा।
सावर से पानी दोनों के ऊपर गिर रहा था।
सुनीता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश भी उसकी कमर पकड़ कर नीचे से कमर उठा उठा कर land को बुर में और अधिक घुसाने का प्रयास करने लगा।
दोनों जन्नत का सुख भोगने लगे।
सुनीता को इतना मज़ा आ रहा था कि वह बिना रुक land पर जोर जोर से उछल उछल कर chud रही थी, कि तभी उसने land को बुर से बाहर निकाल दी और जोर से चीखते हुए मूतने लगी,
आह मां, आह आह,, माई,,
उसकी मूत सीधे राजेश की चेहरे पर जानें लगा, दो तीन पिचकारी तो सीधा राजेश के मुंह में गया।
राजेश ने सुनीता की मूत मुंह में भर लिया।
फीर सुनीता की मुंह में पुरकी मारा।
कुछ मूत तो राजेश के पेट में चल गया।
राजेश _मां क्या स्वाद हैतुम्हारी मूत की एक दम नमकीन।
इधर सुनीता हवस में अंधी हो चुकी थी। उसे होश नही था। वह जोश में थी।
वह land को बुर में डाल कर फिर जोर जोर से उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर बाद फिर से वह chikhte हुवे मूतने लगीं,,
आह मां,,, आह,, माई ई,,
राजेश के फेस पर मूत की कई पिचकारी मारी। एक दो पिचकारी राजेश के मुंह में गया।
राजेश सुनीता की मूत पीने लगा।
राजेश _आह गजब की,,
सुनीता _, पी ले साले, मादरचोद,,, पी मेरी मूत,,,
सुनीता हवस में अंधी होकर बोली,,,
फिर सुनीता land में उछलना सुरू कर दी।
राजेश भी उसकी चूची मसल मसल कर चूतड उपर उठा उठा कर सुनीता का सहयोग करने लगा।
सुनीता खुद को रोक न सकी और चीखते हुवे झड़ने लगी।
आह मां आई,, मै गईं रि आह,,,
वह राजेश के उपर लुड़क गई।
इधर सावर का पानी दोनों के उपर गिर रहा था। कुछ देर तक यू ही लेट कर सुस्ताने के बाद,,,
राजेश _मां आप ठीक तो है न
सुनीता _हूं,,
कुछ देर तक ऐसे ही सुस्ताने के बाद दोनों उठे और सावर के पानी से नहाने लगे।
नहाकर जब दोनों बाथरूम से बाहर आए।
सुनीता _मेरे तो पूरे बाल गीले हो गए। अब इसे खुले ही रखने पड़ेंगे।
राजेश _अच्छे है, खुले बालो में आप और ज्यादा हॉट लगोगी।
सुनीता _चुप बेशरम।
सुनीता अपनी शरीर को टावेल से पोछने के बाद उसे लपेट ली।
सुनीता _तुम तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ। नाश्ता के लिए।
राजेश _मां अब तैयार क्या होना सिर्फ टावेल में ही तो रहना है। और अपको भी याद है न सिर्फ पेटीकोट में रहोगी।
सुनीता _इतना होने के बाद भी जी नही भरा है।
राजेश _मां मेरा कहा huwa है अभी, देखो तो वे अभी तक अकड़ा हुआ है, इसका पानी अभी कहा निकला है।
सुनीता _चुप बेशर्म।
सुनीता अपने कमरे में चली गई। और अपनी बालो को सुखाने लगी। फिर एक पेटीकोट पहन ली।
इधर राजेश भी अपने शरीर को पोछने के बाद एक टावेल लपेट कर।
नाश्ता के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंच गया।
राजेश _मां जल्दी नाश्ता लगाओ, बडी भूख लगी है।
सुनीता _अभी लाया बेटा।
सुनीता नाश्ता लेकर डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
सुनीता _क्या huwa मुस्कुरा क्यू रहा है?
राजेश _बस ऐसे ही।
सुनीता _चलो अब नाश्ता करो।
राजेश _आप अपने हाथो से नाश्ता कराओ।
सुनीता _अच्छा,पता नही और क्या क्या करना पड़ेगा?
सुनीता _नाश्ता का टुकड़ा लेकर राजेश को खिलाने लगी।
राजेश _ऐसे नही।
सुनीता _फिर कैसे?
राजेश _पहले मेरे गोद में बैठो।
फिर खिलाओ।
सुनीता _पहले जब तू छोटा था तो तुमको अपनी गोद में बिठा कर खिलाती थी।
अब तू बडा हो गया है, अब मुझे अपनी गोद में बिठा कर खिलाना चाहता है।
राजेश _, हा, सही समझी।
तुम मुझे खिलाना मै आपको खिलाऊंगा।
सुनीता _अच्छा।
सुनीता राजेश की गोद में आ कर बैठ गई।
और राजेश को नाश्ता का टुकड़ा खिलाने लगी।
राजेश ने भी नाश्ता का टुकड़ा लिया और सुनीता को खिलाई।
राजेश _मां, सिर्फ नाश्ता खिलाओगी दूध नहीं पिलाओगी।
सुनीता _पहले नाश्ता कर लो फिर दूध लाऊंगी बादाम वाली।
राजेश _मै तो नाश्ता के साथ साथ दूध भी पियूंगा।
ये वाली।
राजेश ने सुनीता की चूची मसल दिया।
सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने एक चूची मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुनीता _अरे छोड़ बेशरम, वैसे भी इसमें दूध कहा आता है जो पिएगा।
राजेश _तो क्या huwa चूस कर ही मन बहला लूंगा।
राजेश नाश्ता का टुकड़ा मुंह में डाल कर चबाने के बाद चूची मुंह में भर कर मसल मसल कर पीने लगता, जिससे सुनीता फिर उत्तेजित होने लगीं।
राजेश का land तो पहले से ही तना हुआ था। सुनीता की चूतड से दब कर और झटके मार रहा था जिसका एहसास सुनीता को हो रहा था। जिससे उसके शरीर में उत्तेजना बड़ने लगी।
इधर राजेश अब सुनीता की पीठ चूमने चाटने लगा। साथ में नाश्ता भी जारी था।
दोनों एक दूसरे को नाश्ता करा रही थे।
मां ये लो नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में भर कर रखो फिर मै आपके मुंह से इसे खाऊंगा।
सुनीता _छी तू बिलकुल बेशरम हो गया है।
सुनीता ने नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में लिया।
राजेश सुनीताकी मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर सुनीता की ओंठ चूसते हुवे। नाश्ता चबाने लगा।
सुनीता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
उसकी बुर पानी छोड़ने लगा।
तीन चार बार ऐसे ही करने से सुनीता की हालात खराब हो गई।
राजेश ने सुनीता को खड़ा किया और अपना टावेल खोल दिया।
राजेश ने सुनीता की पेटीकोट ऊपर उठा कर सुनीता को अपने land पर बिठा दिया।
राजेश अब फिर से सुनीता के मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर खाने लगा, बीच बीच में वह चूची पीने और मसलने लगता।
सुनीता अत्यंत काम विहिल हो गई।
वह थोड़ी उठी और राजेश के land को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर की छेद पर रख कर बैठ गई।
बुर एक दम गीली थी बिना किसी रुकावट के land बुर में सरसरता huwa पूरा अदंर घुस गया।
अब सुनीता राजेश की land पर थोड़ा थोड़ा उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों नाश्ता भी कर रहे थे और संभोग भी जिससे दोनों को परम आनंद मिलने लगा।
बीच बीच में राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगता।
फिर दोनों नाश्ता निगलते यही प्रक्रिया चलता रहा जब तक नाश्ता खत्म नहीं हो गया।
जब नाश्ता खत्म huwa राजेश खडा हुआ और सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पेट के बल लिटा कर गच गच चोदने लगा।
पुरा हाल सुनीता की कामुक सिसकारी से गूंजने लगा।
उसके बाद राजेश ने सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पीठ के बल लिटा कर उसकी टांगों को उठा कर दनादन चोदने लगा।
सुनीता तो जन्नत में पहुंच गई,,
सुनीता _आह, चोद मेरे राजा,, और जोर से चोद, बना दे भोसड़ा मेरे बुर को। साली बहुत खुजाती है।
राजेश _ले मेरी रानी, ले एक और ले, आज तेरी बुर की पूरी प्यास बुझा दूंगा।
राजेश कुछ देर इसी आसन में चोदता रहा उसके बाद सुनीता को उठा कर सोफे पर ले गया और सुनीता को अपनी land पर बिठा कर उसकी ओंठ चूसने लगा।
सुनीता भी उसका साथ देने लगी।
फिर राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर गच गच चोदने लगा। कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को घुमा दिया अब उसका पीठ राजेश की ओर हो गया।
इस आसन पर सुनीता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी। और संभोग का परम आनंद को प्राप्त करने लगी।
इस आसन में दोनों के बीच घमासान chudai चला।
सुनीता झड़ गई।
दोनों सोफे में लेटकर सुस्ताने लगे।
कुछ देर बाद,,
सुनीता _अब छोड़ो, मुझे किचन पे काम करना है, तुम कमरे मे जाकर आराम करो।
राजेश _ठीक है, मै कमरे मे जा रहा हूं पर अपने नही आपके और पापा के। हम आज साथ ही सोएंगे।
सुनीता _पुरा बेशरम बन गया है।
राजेश _हां और जल्दी आना रूम में मेरा अभी बडा मन है।
सुनीता _इतना करने के बाद भी तू थका नही है?
राजेश _chudai कटके जो थक जाए ओ मर्द ही क्या?
सुनीता _अच्छा मै भी देखती हूं तू कितना बडा मर्द है।
तू चल मै अभी आई।
राजेश सुनीता के कमरे मे जाकर इंतजार करने लगा।
वह झड़ा नहीं था, उसे और चोदने का मन कर रहा था।
कुछ देर बाद सुनीता कमरे में आई।
राजेश इस समय अपने land सहला रहा था।
राजेश _आ गई मेरी जान,,
चल चूस मेरा लौड़ा,, इंतजार कराती है साली अपनी असली मर्द को चल चूस मेरे लौड़े को। रण्डी कही की।
सुनीता राजेश की land को अपनी मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश सिसकने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को बेड पर लिटा दिया और उसका chut चाटने लगा।
सुनीता फिर से उत्तेजित हो गई,,,
आह मां उन,, आई,
सुनीता _अब चोद न re भड़वे, सिर्फ चाट ता रहेगा क्या?
राजेश _साली छिनाल। देख अब मै तुम्हें कैसे चोदता हूं।
राजेश ने सुनीता को अपनी गोद में उठा लिया। और land पे बिठा कर, हवा में उछाल उछाल कर भच भ च चोदने लगा।
कमरे में सुनीता की चीखने और chudai की गच गच आवाज़ गूंजने लगा।
कुछ देर तक राजेश ने ऐसे ही सुनीता को चोदता रहा फिर बेड पर लिटा कर अलग अलग तरीकों से तब तक चोदता रहा जब तक सुनीता झड़ न गई।
फिर सुनीता, थक कर सो गई।
राजेश भी सोने की कोशिश करने लगा।
करीब दो बजे सुनीता उठी।
सुनीता _बेटा, क्या बनाऊं लंच में?
राजेश _मां जो तुम्हारा मन हो बना कर खिला दो।
सुनीता _अरे तुम्हारा तो अभी तक खड़ा है। पता नहि तू कब झड़ेगा। सुबह से मुझे तीन बार झाड़ चुका है।
राजेश _मां मै 4बजे के पहले झडूंगा नही।
सुनीता _अच्छा, तब तक मुझे चोदता ही रहेगा।
राजेश _हां।
सुनीता _, मान गई तेरी मर्दानगी को,
राजेश _अभी तो और देखना banki है।
अब तुम किचन में लंच बनाएगी, मै पीछे से चोदता रहूंगा।
सुनीता _तू पुरा पागल हो गया है।
राजेश _पागल नही दीवान आपका।
सुनीता, मुस्कुराने लगीं।
राजेश _चलो पहली चूसो मेरा औजार।
सुनीता कुछ देर राजेश का लैंड चूसी।
फिर वह किचन में चली गई। भोजन बनाने राजेश भी चला गया।
सुनीता किचन में खाना बनाने लगीं। राजेश पीछे से अपना मूसल सुनीता की बुर में डालकर चोदने लगा।
कुछ देर बुर मारने के बाद वह किचन से घी निकाल कर अपने land और सुनीता की गाड़ में भर दिया
फिर सुनीता की गाड़ मारने लगा।
कभी गाड़ तो कभी बुर में land डाल कर खूब चोदता जिससे दोनो को संभोग का अपार सुख मिल रहा था ।
लंच बन जानें के बाद, राजेश डाइनिंग टेबल पर सुनीता को लच करते हुए खूब चोदा।
लंच करने के बाद दोनों फिर से सुनीता के बेड रूम में पहुंच गए और राजेश ने सुनीता को जमकर भोगा।
सुनीता की सारी प्यास बुझ कर बुर और गाड़ दोनों सूजा कर, सुनीता के मुंह में झड़ गया।
सुनीता राजेश का सारा वीर्य पी गई ,,
कुछ देर सुस्ताने के बाद,
Sunita_, बेटा अब तुम अपने कमरे में जाओ, स्वीटी कालेज से आती ही होगी।
राजेश अपने रूम में चला गया। वह काफ़ी थक गया था अपने कमरे में जाकर दो गया।
सुनीता राजेश के कमरे से निकलने के बाद सीधा अपने कमरे में गई। वहा पहुंची तो शेखर अभी भी सोया huwa था।
वह सीधा बाथरूम में घुस गई और प्रतिदिन की तरह फ्रेस होने के बाद नहाने लगी।
नहाते समय अपनी chut और गाड़ की रगड़ रगड़ कर अच्छे से सफाई की वह अपने chut और गाड़ की हालत देखकर मुस्कराने लगीं।
कमबख्त ने क्या हाल बना दिया है मेरी गाड़ का। बुरी तरह से गाड़ मारा है। पुरा सूजा दिया है बडी मुस्किल से हग पाई।
रात की chudai से तो मेरी मूत ही निकल गई। वह लज्जित महशुस करने लगीं।
छी मै अपने बेटे के सामने उसके शरीर के उपर ही मूतने लगी।
हवस मै बिल्कुल अंधी हो गई थी।
हे भगवान आज तो हनीमून मनाने की बात कह रहा था।
पता नही दिन भर में मेरी chut और गाड़ का और क्या हालत करेगाअपने घोड़े जैसे land से।
वह नहाते हुवे यही सब सोच रही थी।
जब वह नहाकर बाहर निकली तो, शेखरअभी भी सोया huwa था।
वह पेटीकोट, ब्लाउज और साड़ी पहन कर तैयार हुई।
पूजा रूम में चली गईं। और पूजा करने के बाद अपने कमरे में आई।
सुनीता _अजी उठने का समय हो गया है। और कितने देर तक सोएंगे आप, आज ड्यूटी पर नहीं जाना है क्या?
शेखर ने आंखे खोला।
शेखर _रात को थोड़ा लेट से सोया था न समय सुबह समय के पता ही नहीं चला।
शेखर बेड से उठ कर घर में ही थोड़ा व्यायाम और योगा किया, फिर अखबार पढ़ने के बाद पौधो को पानी दिया। फिर बाथरूम में जाकर नहाने लगा।
इधर सुनीता किचन में काम करने लगीं।
स्वीटी भी समय पर उठ कर प्रतिदिन की तरह दैनिक दिनचर्या करने लगी।
इधर राजेश रात भर सुनीता की chudai कर थक गया था।
तो वह घोड़े बेच कर सो रहा था।
शेखर और स्वीटी को सुनीता ने समय पर नाश्ता करने के लिए आवाज़ दिया।
दोनों डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने पहुंच गए।
शेखर _सुनीता, राजेश कहा है? नाश्ता करने के लिए अभी तक नही पहुंचा।
स्वीटी _हां मां, भईया कहा है।
सुनीता _राजेश अपने कमरे में आराम कर रहा है? उसका सिर दर्द कर रहा था तो दवाई लेकर फिर से सो गया। कह रहा था कि वह आज कालेज नही जायेगा।
शेखर _अरे, मुझे अभी बता रही हो, ज्यादा चिन्ता वाली बात तो नही।
सुनीता _नही जी, दवाई लिया है ठीक हो जायेगा ज्यादा चिन्ता की बात नही।
नाश्ता करने के बाद शेखर अपना आफिस चला गया।
स्वीटी राजेश के कमरे में गई उसने देखा की सच में राजेश सोया हुआ था। स्वीटी ने उसे जगाना उचित नहीं समझा।
स्वीटी भी समय पर कालेज पहुंच गई।
इधर किचन का काम निपटा लेने के बाद, सुनीता अपने कमरे में गई, और खुद को आईने में निहारी और थोडा मेकअप की।
फिर राजेशके कमरे की ओर जानें लगी।
जब वह उसके कमरे में पहुंची, वह राजेश के सिर के पास जाकर बेड में बैठ गई।
राजेश के सिर को सहलाते हुवे बोली।
सुनीता _और कितनी देर तक सोएगा बदमाश उठ जाओ।
अपनी मै के स्पार्स और आवाज़ सुन कर राजेश उठ गया।
राजेश _मां, आप कब आई।
सुनीता _जस्ट अभी।
चलो अब उठ जाओ, 10बज चुका है और कितने देर तक सोएगा।
राजेश _क्या दस बज गया? मुझे तो समय का पता ही नहीं चला।
सुनीता _तुम्हारे पापा आफिस चला गया है और स्वीटी कालेज आज तुम्हें कालेज नही जाना क्या?
राजेश _, मां, अब मै कालेज कितने बजे जाऊंगा। अगर कालेज ही भेजना था तो थोड़ा जल्दी उठा देती।
बोलो क्यूं नहीं उठाई।
सुनीता _हूं, मै सोंची तुम रात भर जागे हो, तो मुझे तुम्हें जल्दी उठाना उचित नहीं लगा।
राजेश _सच बताओ यही बात है की कुछ और
सुनीता _और क्या बात हो सकती है?
राजेश _कही आप भी तो हनीमून मनाने के मूड में तो नहीं।
सुनीता _चल हट बदमाश , कुछ भी बोलता है।मै भला ऐसे क्यू सोचूंगी?
वैसे भी कल तुमने मेरी जो हालत की है उसके बाद मेरी और हिम्मत नही।
राजेश _पर हमारा मूड तो है। खुद ही देख लो।
राजेश ने अपने ऊपर डले चादर को हटाया।
वह अभी नंगा ही लेटा था। उसका land खड़ा huwa था।
सुनीता _ढक इसे बेशरम सुबह सुबह मुझे अपना घोड़ा दिखा रहा है।
वैसे रात भर दौड़ लगाने के बाद भी तेरा घोड़ा थका नही है।
राजेश _मां , मै भले ही थक जाऊ लेकिन ये घोड़ा नही थकता।
सुनीता _चल अब उठ कर नहा ले, फिर मै तेरे लिए नाश्ता लगाती हूं।
राजेश _मां, पता है तुमनेरात मुझसे क्या कहां था?
सुनीता _क्या बोली थी, मुझे तो कुछ याद नहीं।
राजेश _तुमने कहा था की आज से जो तुम बोलोge वही करुंगी।
सुनीता _पर बेटा रात गई बात गई। तुम भूल जाओ ऐसा मैंने तुमसे कुछ कहा भी होगा तो।
राजेश _मां, आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती?
आप अपनी बातो से नही मुकर सकती।
सुनीता _लो मुकर गई, बोलो क्या करोगे?
राजेश _मै आपसे बात नही करूंगा और इस कमरे से दिन भर बाहर नहीं निकलूंगा। कुछ खाऊंगा पियूंगा भी नहीं।
जाओ आप मेरे कमरे से।
सुनीता _ओ हो हो मेला बेटा तो नाराज हो गया।
बोलो किया चाहते हो?
राजेश _, ये हुई न बात।
आज मै सिर्फ टावेल में रहूंगा, और आप सिर्फ पेटीकोट में।
सुनीता _न बाबा, मुझे बडी शर्म आयेगी।
मेरी दूदू देखकर तेरा खड़ा ही रहेगा और मेरे ऊपर दिन भर चढ़ने की कोशिश करेगा। वैसे भी रात में तूने मेरी हालात खराब कर रखी है।
राजेश _ठीक है फिर जाओ अपने कमरे में, मेरी कमरे की दरवाजा अब पापा के आने के बाद ही खुलेगा।
सुनीता _तू न बडा जिद्दी है, हमेशा अपनी बात ही मनवाता ।
ठीक है मैं तेरी बात मानता हूं पर मेरी भी एक शर्त है।
राजेश _कैसी शर्त?
सुनीता _तू मेरे साथ जबरदस्ती नहीं करेगा।
राजेश _प्रामिश, आप जब कहेंगी, तभी करूंगा। जबरदस्ती नहीं।
अब चलो निकालो अपनी साड़ी।
सुनीता _अपनी आंखे बन्द करो।
जैसे ही सुनीता अपना साड़ी खोली, अपना साड़ी राजेश के मुंह में फेकी, राजेश आंखे खोल कर सुनीता की ओर दौड़ा और उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया
सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ो मुझे। तुमने कहा था कोई जबरदस्ती नहीं करोगे।
राजेश _ठीक है,सॉरी।
चलो अब चोली भी उतार दो।
सुनीता _न, मुझे शर्म आ रही है।
राजेश _मै आंखे बन्द कर लेता हूं।
राजेश ने अपनी आंखे बन्द कर ली।
सुनीता ने अपनी चोली भी उतार दी और अपनी दोनों हाथो से अपनी चूची छुपा ली।
राजेश ने आंखे खोला।
सुनीता शर्म के मारे गड़ी जा रही थी।
सुनीता _देखो तुम मुझसे दूर ही रहना।
राजेश _ठीक है।
चलो अब मुझे नहलाओ।
सुनीता _क्या?
राजेश _तुमने तो कहा था न कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _क्या मुसीबत है?
राजेश बाथरूम मे चला गया।
मां अदंर आओ।
सुनीता अपनी चूची छिपाते हुए अदंर गई।
राजेश_, मुझे मूत आ रही है!
सुनीता _, तो मूत लो।
राजेश _तुम मूतने में मेरी मदद करो।
सुनीता _वो कैसे?
राजेश _अपने हाथों से पकड़ कर मुतवाओ।
सुनीता _न न मै ये नही करने वाली।
राजेश _आपने कहा था कि आज मेरी सारी बाते मानोगी।
सुनीता _देखो मुझे बडी शर्म आयेगी। तुम अपने आंखे बन्द करो।
राजेश _ठीक है।
राजेश ने अपनी आंखे बंद कर लिया।
सुनीता राजेश के पीछे खड़ी हो गई और एक हाथ से उसका land पकड़ लिया।
सुनीता _लो, अब मूतो।
राजेश _मूत ऐसे ही थोड़ी बाहर आयेगी, थोड़ा हिलाओ।
सुनीता _ओ हो क्या मुसीबत है?
सुनीता ने राजेश का land अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी।
राजेश _हां ऐसे ही।
सुनीता _अब जल्दी मूतो।
राजेश का land सुनीता के हाथ लगने से और अकड़ गया।
सुनीता _तुम्हारा घोड़ा तो और अकड़ रहा है। जल्दी मूतो।
राजेश land पर दबाव बढ़ाया।
मूत रुक रुक कर पिचकारी मारने लगा।
सुनीता आगे पीछे हिलाती रही।
राजेश _आह, उन,,, बहुंत अच्छा फील हो रहा है। थोड़ा और हिलाओ।
आह उन,,,
राजेश का मूत रुक रुक कर बाहर आ रहा था। जब मूत बाहर निकलना बंद हो गया।
सुनीता _मेरे ख्याल से तुम्हारी सारी मूत बाहर आ गई है।
राजेश ने आंखे खोला तो। उसकी नजर सुनीता की चूची पर गया।
सुनीता शर्मा गई वह अपने दोनों हाथों से अपनी चूची छुपा ने लगी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _अब मुझे शौच करना है।
सुनीता _तो क्या वो भी मै कराऊंगी?
राजेश _न, मै कमोड पर बैठ रहा हूं। आप यही रहो।
सुनीता _न,मै बाहर बैठ रही हूं। जब हो जाय तब बताना।
सुनीता बाहर चली गईं।
राजेश मुस्कुराने लगा।
शौच करने के बाद राजेश ने,,
राजेश _मां, मैंने शौच कर लिया है, अब मुझे नहला दो।
राजेश ने सावर आन कर दिया।
और नहाने लगा।
सुनीता अदंर गई।
सुनीता _सावर बन्द करो नही तो मैं भीग जाऊंगी।
राजेश _मां, आप तो सिर्फ पेटीकोट में हो। भीग गई थी क्या होगा दूसरा पेटिकोट पहन लेना।
सुनीता ने सावर बंद कर दिया।
चलो मैं साबुन लगा देती हूं।
सुनीता ने राजेश को नीचे बैठने कहा।
राजेश नीचे बैठ गया।
फिर सुनीता उसकी बालो पर साबुन लगाने लगीं।
दोनों हाथो से साबुन लगाने से उसकी चूची आजाद हो गई। जिससे वह राजेश के आंखो के सामने झूलने लगे।
जिसे देखकर राजेश का land अकड़ कर लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
राजेश को चूची पकड़ने की इच्छा हो रही थी। पर सुनीता ने मना किया था।
राजेश _मां, आज आप को भी मेरे साथ नहाना है।
सुनीता _न बाबा मै नहा चुकी हूं।
राजेश _देखो, हनीमून मे मर्द और औरत दोनों साथ नहाते हैं। आप मना नही कर सकती।
सुनीता _अब खड़ा हो जाओ पेट पर साबुन लगा दू।
राजेश खडा हो गया।
उसका खड़ा land सुनीता के आंखो के सामने आ गया।
वह मुस्कुराने लगी।
और राजेश के पेट पर साबुन लगाने लगीं।
धीरे धीरे वह नीचे गई।
वह राजेश के land के पास पहुंच गई।
सुनीता _मां, अपने छोटे बेटे को भी साबुन से अच्छे से धो दो।
कल कुवे और खाई में खूब डुबकी लगाया है।
सुनीता _चुप बेशरम।
राजेश मुस्कुराने लगा।
इधर सुनीता ने राजेश के land पर साबुन लगा कर मूठ मारना शुरू कर दिया।
राजेश _आ मां, आह,, बहुंत अच्छा फिल हो रहा है।
सुनीता ने land के सुपाड़े की चमड़ी को हटाकर अच्छे से सफाई की।
राजेश की घोड़े जैसे land को छूने मूठ मारने से सुनीता भी गर्म होने लगी।
साबुन लगा लेने के बाद राजेश ने सावर चालू कर दिया।
सुनीता और राजेश दोनों के उपर सावर का पानी गिरने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सावर बंद कर दिया।
मां अब मै आपको साबुन लगाऊंगा।
राजेश ने सुनीता की पीठ पर साबुन मलने लगा।
फिर उसके पीछे खड़ा होकर गले फिर हाथो में फिर उसके सीने की ओर आगे बडा।
उसकी चुचियों को मसल मसल कर साबुन लगाने लगा।
सुनीता सिसकने लगी।
राजेश _क्या huwa मां, सिसक क्यू रही हो?
सुनीता _तुम्हारी हरकतों, से गुदगुदी हो रही है।
राजेश ने सुनीता की पेट और नाभी पर भी खूब मल मल कर साबुन लगाया।
जिससे सुनीता बहुत ज्यादा गर्म होने लगी। वह तेज तेज सांस लेने लगीं।
राजेश _मां, आपका पेटीकोट उतार दो साबुन Lलगाते नही बन रहा है।
सुनीता _ तुम ही उतार दो।
राजेश ने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया। पेटी कोट सरसराता huwa नीचे गिर गया।
राजेश ने जैसे ही सुनीता की chut में साबुन लगाया, सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने बुर में उंगली डाल कर अच्छे से बुर की सफाई करने लगा। जिससे सुनीता की उत्तेजना एक दम से बड़ गई।
उसकी बुर से पानी बहने लगा।
राजेश बुर में उंगली डालकर रगड़ रगड़ कर सफाई करने लगा, जिससे सुनीता की हालत एक दम खराब हो गई।
सुनीता _हो गया बेटा बस कर, सुनीता कपकपाते आवाज़ में बोली।
राजेश सुनीता को पीछे घुमाया और उसकी चूतड पर साबुन मलने लगा।
सुनीता की उत्तेजना चरम पर पहुंच गई।
फिर जब राजेश सुनीता की गाड़ में उंगली डाल कर सफाई किया तो, सुनीता की मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगीं।
राजेश गाड़ की सफाई के बाद फिर chut पर साबुन लगाया और हाथ से रगड़ने लगा।
सुनीता का पुरा शरीर कपकपाने लगा।chut से पानी झरने की तरह बहने लगा।
सुनीता _आह मां, उन आह बेटा बस कर,, आह मां मै मर जाऊंगी।
मादरचोद बस कर,,,
मुझसे बर्दास्त नही हो रहा,,
राजेश _मां आपकी chut से तो पानी बह रहा है।
सुनीता _साले ऐसी हरकत करेगा तो पानी निकलेगा ही,,,
अब देख क्या रहा है बहेंचौद, बुझा मेरी प्यास, पूरे शरीर में आग लगा दी तूने,,
राजेश मुस्कुराने लगा।
राजेश _ले मेरी रण्डी,chud मुझसे।
राजेश ने अपना land सुनीता की बुर में सेट कर एक जोर का धक्का मारा,land एक बार में ही सरसराता huwa अदंर घुस गया।
सुनीता बाथरूम के नल को पकड़ कर नीचे झुक गई। राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर, गच गच बुर चोदना शुरू कर दिया।
सुनीता की मादक सिसकारी बाथरूम में गूंजने लगा।
सुनीता ने सावर चालू कर दिया।
दोनों के उपर पानी गिरने लगा।
इधर राजेश गपागप बुर में अपना land पेलने लगा।
सुनीता जन्नत में पहुंच गई।
सुनीता _चोद साले और जोर से चोद, बहुंत मज़ा आ रहा है।
तू पुरा सांड है। गजब का चोदता है।
राजेश _ले chud मेरे land से, ले एक और ले, मेरी चुड़क्कड मां,chud अपने बेटे की land से, क्या मस्त मॉल है तू।
दोनों के बीच काफी देर तक इसी पोजीशन में घमासान chudai चलता रहा।
फिर राजेश सुनीता को अपने लैंड पर उठा कर कमोड पर बैठ गया।
और उसकी क़मर उठा उठा कर chudai करने लगा।
सुनीता _आह मां मर गई मै, साले और चोद अपनी मां को, बुझा मेरी प्यास।
राजेश _ले साली, ले और ले,chud मेरे मूसल से।
राजेश इसी पोजीशन में कुछ देर तक चोदने के बाद।
कमोड से उठ गया और नीचे फर्श पर लेट गया।
और उसका land हवा में लहराने लगा।
सुनीता राजेश के land को पकड़ी और अपनी बुर के छेद पर सुपाड़े को सेट कर बैठ गई।
Land सरसराता huwa बुर में जड़ तक घुस गया।
सुनीता चिहुंक उठी,, आह मां।
साला कितना बडा land है तेरा ऐसा लगता है पेट फाड़कर गले से बाहर आ जायेगा।
सावर से पानी दोनों के ऊपर गिर रहा था।
सुनीता अब राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश भी उसकी कमर पकड़ कर नीचे से कमर उठा उठा कर land को बुर में और अधिक घुसाने का प्रयास करने लगा।
दोनों जन्नत का सुख भोगने लगे।
सुनीता को इतना मज़ा आ रहा था कि वह बिना रुक land पर जोर जोर से उछल उछल कर chud रही थी, कि तभी उसने land को बुर से बाहर निकाल दी और जोर से चीखते हुए मूतने लगी,
आह मां, आह आह,, माई,,
उसकी मूत सीधे राजेश की चेहरे पर जानें लगा, दो तीन पिचकारी तो सीधा राजेश के मुंह में गया।
राजेश ने सुनीता की मूत मुंह में भर लिया।
फीर सुनीता की मुंह में पुरकी मारा।
कुछ मूत तो राजेश के पेट में चल गया।
राजेश _मां क्या स्वाद हैतुम्हारी मूत की एक दम नमकीन।
इधर सुनीता हवस में अंधी हो चुकी थी। उसे होश नही था। वह जोश में थी।
वह land को बुर में डाल कर फिर जोर जोर से उछल उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर बाद फिर से वह chikhte हुवे मूतने लगीं,,
आह मां,,, आह,, माई ई,,
राजेश के फेस पर मूत की कई पिचकारी मारी। एक दो पिचकारी राजेश के मुंह में गया।
राजेश सुनीता की मूत पीने लगा।
राजेश _आह गजब की,,
सुनीता _, पी ले साले, मादरचोद,,, पी मेरी मूत,,,
सुनीता हवस में अंधी होकर बोली,,,
फिर सुनीता land में उछलना सुरू कर दी।
राजेश भी उसकी चूची मसल मसल कर चूतड उपर उठा उठा कर सुनीता का सहयोग करने लगा।
सुनीता खुद को रोक न सकी और चीखते हुवे झड़ने लगी।
आह मां आई,, मै गईं रि आह,,,
वह राजेश के उपर लुड़क गई।
इधर सावर का पानी दोनों के उपर गिर रहा था। कुछ देर तक यू ही लेट कर सुस्ताने के बाद,,,
राजेश _मां आप ठीक तो है न
सुनीता _हूं,,
कुछ देर तक ऐसे ही सुस्ताने के बाद दोनों उठे और सावर के पानी से नहाने लगे।
नहाकर जब दोनों बाथरूम से बाहर आए।
सुनीता _मेरे तो पूरे बाल गीले हो गए। अब इसे खुले ही रखने पड़ेंगे।
राजेश _अच्छे है, खुले बालो में आप और ज्यादा हॉट लगोगी।
सुनीता _चुप बेशरम।
सुनीता अपनी शरीर को टावेल से पोछने के बाद उसे लपेट ली।
सुनीता _तुम तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ। नाश्ता के लिए।
राजेश _मां अब तैयार क्या होना सिर्फ टावेल में ही तो रहना है। और अपको भी याद है न सिर्फ पेटीकोट में रहोगी।
सुनीता _इतना होने के बाद भी जी नही भरा है।
राजेश _मां मेरा कहा huwa है अभी, देखो तो वे अभी तक अकड़ा हुआ है, इसका पानी अभी कहा निकला है।
सुनीता _चुप बेशर्म।
सुनीता अपने कमरे में चली गई। और अपनी बालो को सुखाने लगी। फिर एक पेटीकोट पहन ली।
इधर राजेश भी अपने शरीर को पोछने के बाद एक टावेल लपेट कर।
नाश्ता के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंच गया।
राजेश _मां जल्दी नाश्ता लगाओ, बडी भूख लगी है।
सुनीता _अभी लाया बेटा।
सुनीता नाश्ता लेकर डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
राजेश मुस्कुराने लगा।
सुनीता _क्या huwa मुस्कुरा क्यू रहा है?
राजेश _बस ऐसे ही।
सुनीता _चलो अब नाश्ता करो।
राजेश _आप अपने हाथो से नाश्ता कराओ।
सुनीता _अच्छा,पता नही और क्या क्या करना पड़ेगा?
सुनीता _नाश्ता का टुकड़ा लेकर राजेश को खिलाने लगी।
राजेश _ऐसे नही।
सुनीता _फिर कैसे?
राजेश _पहले मेरे गोद में बैठो।
फिर खिलाओ।
सुनीता _पहले जब तू छोटा था तो तुमको अपनी गोद में बिठा कर खिलाती थी।
अब तू बडा हो गया है, अब मुझे अपनी गोद में बिठा कर खिलाना चाहता है।
राजेश _, हा, सही समझी।
तुम मुझे खिलाना मै आपको खिलाऊंगा।
सुनीता _अच्छा।
सुनीता राजेश की गोद में आ कर बैठ गई।
और राजेश को नाश्ता का टुकड़ा खिलाने लगी।
राजेश ने भी नाश्ता का टुकड़ा लिया और सुनीता को खिलाई।
राजेश _मां, सिर्फ नाश्ता खिलाओगी दूध नहीं पिलाओगी।
सुनीता _पहले नाश्ता कर लो फिर दूध लाऊंगी बादाम वाली।
राजेश _मै तो नाश्ता के साथ साथ दूध भी पियूंगा।
ये वाली।
राजेश ने सुनीता की चूची मसल दिया।
सुनीता सिसक उठी।
राजेश ने एक चूची मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुनीता _अरे छोड़ बेशरम, वैसे भी इसमें दूध कहा आता है जो पिएगा।
राजेश _तो क्या huwa चूस कर ही मन बहला लूंगा।
राजेश नाश्ता का टुकड़ा मुंह में डाल कर चबाने के बाद चूची मुंह में भर कर मसल मसल कर पीने लगता, जिससे सुनीता फिर उत्तेजित होने लगीं।
राजेश का land तो पहले से ही तना हुआ था। सुनीता की चूतड से दब कर और झटके मार रहा था जिसका एहसास सुनीता को हो रहा था। जिससे उसके शरीर में उत्तेजना बड़ने लगी।
इधर राजेश अब सुनीता की पीठ चूमने चाटने लगा। साथ में नाश्ता भी जारी था।
दोनों एक दूसरे को नाश्ता करा रही थे।
मां ये लो नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में भर कर रखो फिर मै आपके मुंह से इसे खाऊंगा।
सुनीता _छी तू बिलकुल बेशरम हो गया है।
सुनीता ने नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में लिया।
राजेश सुनीताकी मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर सुनीता की ओंठ चूसते हुवे। नाश्ता चबाने लगा।
सुनीता बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
उसकी बुर पानी छोड़ने लगा।
तीन चार बार ऐसे ही करने से सुनीता की हालात खराब हो गई।
राजेश ने सुनीता को खड़ा किया और अपना टावेल खोल दिया।
राजेश ने सुनीता की पेटीकोट ऊपर उठा कर सुनीता को अपने land पर बिठा दिया।
राजेश अब फिर से सुनीता के मुंह से नाश्ता अपने मुंह में भर कर खाने लगा, बीच बीच में वह चूची पीने और मसलने लगता।
सुनीता अत्यंत काम विहिल हो गई।
वह थोड़ी उठी और राजेश के land को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर की छेद पर रख कर बैठ गई।
बुर एक दम गीली थी बिना किसी रुकावट के land बुर में सरसरता huwa पूरा अदंर घुस गया।
अब सुनीता राजेश की land पर थोड़ा थोड़ा उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों नाश्ता भी कर रहे थे और संभोग भी जिससे दोनों को परम आनंद मिलने लगा।
बीच बीच में राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगता।
फिर दोनों नाश्ता निगलते यही प्रक्रिया चलता रहा जब तक नाश्ता खत्म नहीं हो गया।
जब नाश्ता खत्म huwa राजेश खडा हुआ और सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पेट के बल लिटा कर गच गच चोदने लगा।
पुरा हाल सुनीता की कामुक सिसकारी से गूंजने लगा।
उसके बाद राजेश ने सुनीता को डाइनिंग टेबल पर पीठ के बल लिटा कर उसकी टांगों को उठा कर दनादन चोदने लगा।
सुनीता तो जन्नत में पहुंच गई,,
सुनीता _आह, चोद मेरे राजा,, और जोर से चोद, बना दे भोसड़ा मेरे बुर को। साली बहुत खुजाती है।
राजेश _ले मेरी रानी, ले एक और ले, आज तेरी बुर की पूरी प्यास बुझा दूंगा।
राजेश कुछ देर इसी आसन में चोदता रहा उसके बाद सुनीता को उठा कर सोफे पर ले गया और सुनीता को अपनी land पर बिठा कर उसकी ओंठ चूसने लगा।
सुनीता भी उसका साथ देने लगी।
फिर राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर गच गच चोदने लगा। कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को घुमा दिया अब उसका पीठ राजेश की ओर हो गया।
इस आसन पर सुनीता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी। और संभोग का परम आनंद को प्राप्त करने लगी।
इस आसन में दोनों के बीच घमासान chudai चला।
सुनीता झड़ गई।
दोनों सोफे में लेटकर सुस्ताने लगे।
कुछ देर बाद,,
सुनीता _अब छोड़ो, मुझे किचन पे काम करना है, तुम कमरे मे जाकर आराम करो।
राजेश _ठीक है, मै कमरे मे जा रहा हूं पर अपने नही आपके और पापा के। हम आज साथ ही सोएंगे।
सुनीता _पुरा बेशरम बन गया है।
राजेश _हां और जल्दी आना रूम में मेरा अभी बडा मन है।
सुनीता _इतना करने के बाद भी तू थका नही है?
राजेश _chudai कटके जो थक जाए ओ मर्द ही क्या?
सुनीता _अच्छा मै भी देखती हूं तू कितना बडा मर्द है।
तू चल मै अभी आई।
राजेश सुनीता के कमरे मे जाकर इंतजार करने लगा।
वह झड़ा नहीं था, उसे और चोदने का मन कर रहा था।
कुछ देर बाद सुनीता कमरे में आई।
राजेश इस समय अपने land सहला रहा था।
राजेश _आ गई मेरी जान,,
चल चूस मेरा लौड़ा,, इंतजार कराती है साली अपनी असली मर्द को चल चूस मेरे लौड़े को। रण्डी कही की।
सुनीता राजेश की land को अपनी मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश सिसकने लगा।
कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को बेड पर लिटा दिया और उसका chut चाटने लगा।
सुनीता फिर से उत्तेजित हो गई,,,
आह मां उन,, आई,
सुनीता _अब चोद न re भड़वे, सिर्फ चाट ता रहेगा क्या?
राजेश _साली छिनाल। देख अब मै तुम्हें कैसे चोदता हूं।
राजेश ने सुनीता को अपनी गोद में उठा लिया। और land पे बिठा कर, हवा में उछाल उछाल कर भच भ च चोदने लगा।
कमरे में सुनीता की चीखने और chudai की गच गच आवाज़ गूंजने लगा।
कुछ देर तक राजेश ने ऐसे ही सुनीता को चोदता रहा फिर बेड पर लिटा कर अलग अलग तरीकों से तब तक चोदता रहा जब तक सुनीता झड़ न गई।
फिर सुनीता, थक कर सो गई।
राजेश भी सोने की कोशिश करने लगा।
करीब दो बजे सुनीता उठी।
सुनीता _बेटा, क्या बनाऊं लंच में?
राजेश _मां जो तुम्हारा मन हो बना कर खिला दो।
सुनीता _अरे तुम्हारा तो अभी तक खड़ा है। पता नहि तू कब झड़ेगा। सुबह से मुझे तीन बार झाड़ चुका है।
राजेश _मां मै 4बजे के पहले झडूंगा नही।
सुनीता _अच्छा, तब तक मुझे चोदता ही रहेगा।
राजेश _हां।
सुनीता _, मान गई तेरी मर्दानगी को,
राजेश _अभी तो और देखना banki है।
अब तुम किचन में लंच बनाएगी, मै पीछे से चोदता रहूंगा।
सुनीता _तू पुरा पागल हो गया है।
राजेश _पागल नही दीवान आपका।
सुनीता, मुस्कुराने लगीं।
राजेश _चलो पहली चूसो मेरा औजार।
सुनीता कुछ देर राजेश का लैंड चूसी।
फिर वह किचन में चली गई। भोजन बनाने राजेश भी चला गया।
सुनीता किचन में खाना बनाने लगीं। राजेश पीछे से अपना मूसल सुनीता की बुर में डालकर चोदने लगा।
कुछ देर बुर मारने के बाद वह किचन से घी निकाल कर अपने land और सुनीता की गाड़ में भर दिया
फिर सुनीता की गाड़ मारने लगा।
कभी गाड़ तो कभी बुर में land डाल कर खूब चोदता जिससे दोनो को संभोग का अपार सुख मिल रहा था ।
लंच बन जानें के बाद, राजेश डाइनिंग टेबल पर सुनीता को लच करते हुए खूब चोदा।
लंच करने के बाद दोनों फिर से सुनीता के बेड रूम में पहुंच गए और राजेश ने सुनीता को जमकर भोगा।
सुनीता की सारी प्यास बुझ कर बुर और गाड़ दोनों सूजा कर, सुनीता के मुंह में झड़ गया।
सुनीता राजेश का सारा वीर्य पी गई ,,
कुछ देर सुस्ताने के बाद,
Sunita_, बेटा अब तुम अपने कमरे में जाओ, स्वीटी कालेज से आती ही होगी।
राजेश अपने रूम में चला गया। वह काफ़ी थक गया था अपने कमरे में जाकर दो गया।
Kataii lajwaab update
Shandar diwali gift,
gali bhara sex bahut hi mast aur uttejak update
Jab sunita chudate samay apne bete ko gali deti hai to lagata hai uske muh se amrit वाणी निकल रही है ।
प्रिया के साथ राजेश बहुत दिनों से दिखा नही
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