सुनीता अपने बेड से उठी और आईने के सामने आकर, अपने कपड़े ठीक की, थोड़ा मेकप किया अपने शरीर पर सुगंधित इत्र को छिड़की और राजेश की कमरे की ओर जानें लगी।
जब वह राजेश के कमरे के सामने पहुंची, उसने दरवाजे को धक्का दिया पर दरवाजा खुला नही, अदंर से बंद था।
सुनीता दरवाजा खटखटाना चाही, पर उसे लगा की दरवाजा खटखटाई तो स्वीटी उठ जाएगी।
वह निराश हो गई। उसकी chut में आग जो लगी थीं।
वह निराश होकर, अपने कमरे में जाकर फिर से लेट गई। और सोने की कोशिश करने लगीं।
लेकिन उसकी बुर की खुजली गई नही थी, वह अपनी बुर को जैसे ही खुजाई,chut की खुजली और बढ़ने लगी। वह अपनी एक उंगली से अपनी बुर की भगनाशा रगड़ने लगी, जिससे उसकी chut की आग और धधकने लगी, अब उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया।
वह अपने पति की ओर देखा जो इस समय नींद में खर्राटे भर रहा था।
उसे पहली बार अपने पति पर गुस्सा आया,
देखो तो इन्हे तो मेरी कोई चिंता ही नही है, मेरी chut में आग लगा कर कैसे बेफिक्र होकर सो रहा है।
अगर यह आग नही बुझी तो लगता है आज मै मर ही जाऊंगी।
तब उसने अपने मोबाइल पे राजेश को मिस काल किया।
राजेश सो रहा था।
जब उसकी मोबाइल बजने लगा तो, उसकी नींद खुल गई।
उसने देखा मां ने काल किया है,, इस वक्त
उसने काल उठाया, पर सुनीता ने काल काट दी।
राजेश _मां ने मोबाइल रख दिया,,, आखिर बात क्या है?
इधर सुनीता ने राजेश को वॉट्सएप पे मेसेज की,,
बेटा सो गया था क्या?
राजेश ने वॉट्सएप पर मेसेज पड़ा, और जवाब दिया,,
राजेश _मां इस समय , कुछ काम था क्या?
सुनीता ने और राजेश के बीच चैटिंग होने लगीं,,
सुनीता _हां, बेटा काम तो था, पर सोचती हूं रहने ही दो, क्यू खामोखा तुम्हारी नींद खराब करू।
राजेश _मां बताओ ना, क्या काम है इसमें नींद खराब की क्या बात? आपके लिए तो मैं सारी उम्र जागने तैयार हूं।
सुनीता _वो बेटा क्या है कि आज काफी दिनों बाद होटल में डांस की न तो लगता है मेरी कमर पकड़ लिया। कमर दर्द कर रही है। मूव से मालिश कर देते तो, कुछ राहत मिल जाती।
राजेश _बस इतनी सी बात, मै तो डर ही गया था। कही कोई बड़ी समस्या तो नहीं।
सुनीता _नही बेटा, और कोई समस्या नहीं है।
तुम्हारे पापा तो नींद में खर्राटे भर रहा है,उसे जगाना उचित नहीं समझी।
राजेश _पर मां आज तो आप दोनों की सादी की सालगिरह है न, आज तो पापा को जागना चाहिए। आज भी इतना जल्दी सो गया।
सुनीता _अरे बेटा तुम्हारे पापा जाग कर करेंगे भी क्या?
राजेश _क्यू मां, आज की रात को पति को जागकर अपनी पत्नी को खूब प्यार करना चहिए।
सुनीता _अरे बेटा, इस उम्र में रात भर जाग कर पत्नी से प्यार करना हर किसी की बस की बात थोड़े ही है।
राजेश _मां इसका मतलब पापा आपको उसकी सैर कराने नही ले गए।
सुनीता _किसकी सैर बेटे मै कुछ समझी नहीं।
राजेश _मां, उसकी सैर मां जहां पति अपनी पत्नी को ले जाता है?
सुनीता _बेटा, मै सच में समझी नहीं, ठीक से बताओ।
राजेश _मां तुम भी न जानकर भी भोली बनती हो।
जन्नत की बात कर रहा हूं,,
सुनीता _बेटा, तुम्हारे पापा तो मुझे कभी नहीं ले गए मुझे जन्नत की सैर कराने।
वैसे भी बेटा ये जन्नत है कहा जो कोई सैर करने जाए।
राजेश _मां ये क्या कह रही हो? आप ही ने तो बताया था कि जब एक मर्द स्त्री को जी भर कर ओ करता है तो स्त्री को जन्नत का मज़ा मिलता है।
सुनीता _क्या करने से स्त्री जन्नत में पहुंच जाती है बेटा, मै कुछ समझी नहीं,,
राजेश _मां आप ने ही तो बताया था, आज भोली बन रही हो,,
सुनीता _अरे बेटा मै ने तुम्हें क्या बताया था मुझे तो कुछ याद ही नहीं रहा,,
खुल कर बताओ।
राजेश _खुल कर, बताया तो आप बुरा मान जाएगी।
सुनीता _अरे नही बेटा मै बुरा नही मानूंगी बताओ,,
राजेश _मां आपने ही तो कहा था कि एक मर्द जब स्त्री को जी भर कर चोदता है तो औरत को खूब मज़ा आता है वह जन्नत में पहुंच जाती है।
सुनीता ने जब चोदता शब्द पड़ी तो उसकी दिल जोरो से धड़कने लगी उसकी बुर पानी छोड़ने ने।
उसने राजेश को मेसेज की,,
सुनीता _औरत को जन्नत में ले जानें के लिए बेटा पुरुष के राकेट काफी मजबूतऔर उसमे ईंधन भी खूब होना चाहिए।
राजेश _मतलब पापा आपको जन्नत की सैर नही करा पाए।
सुनीता _बेटा तुम्हारा पापा का राकेट तो कुछ दूर उड़ान भरने के बाद क्रेश हो जाता है, वो कहा किसी औरत को जन्नत पे ले जायेगा।
राजेश _तो ये बात है?
मां आप बुरा न मानें तो एक बात कहूं,,
सुनीता _क्या? कहो ना,
राजेश _नही मानूंगी बाबा, बोलो।
राजेश _
मां आपको निराश होने की आवश्कता नही है। आप चाहो तो मेरे राकेट में बैठ कर जन्नत की सैर कर लो।
मेरा राकेट में खूब ईंधन है। वह तुम्हें जन्नत की सैर कराकर ही लौटेगा। वैसे आप पहले भी तो मेरे राकेट पे बैठ चुकी हो।
आप ही बताओ मेरे राकेट ने आपको जन्नत की सैर कराया था की नही,,
राजेश _मां, बताती क्यू नही?
ठीक है आपको नही बताना है तो चैटिंग बंद करता हू।
तभी सुनीता ने मेसेज की,
सुनीता _हां,
राजेश _क्या, हां मां पुरा जवाब दो।
सुनीता _मुझे लिखने में शर्म आ रही,,,
राजेश _अच्छा ठीक है मैं जो आपसे पूछुंगा उसका हां या न में सच सच जवाब देना,,,
बोलो दोगी,,,
नही तो चैट करना बन्द करते हैं,,
सुनीता _ठीक है बाबा,, पूछो,
राजेश _ये हुई न बात।
अच्छा बताओ,,,
आज आपको पापा पर बड़ा गुस्सा आ रहा है? हा या न
सुनीता _ये कैसा प्रश्न है?
राजेश _सच सच जवाब दो नही तो mobile रखता हूं।
सुनीता _तुम भी न बहुंट जिद्दी हो,,
राजेश _ये मेरे सवालों का जवाब नही है।
लगता है आपका मन नही जवाब देने की, मै मोबाइल रखता हूं
सुनीता _हां बाबा, मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा है तुम्हारे पापा पे।
राजेश _गुड ये हुई न बात।
मेरा दूसरा प्रश्न।
आज आपके कमर पे कोई दर्द नही हो रहा, तुम मुझसे झूठ बोल रही हो।
सुनीता _हां।
राजेश _मेरा तीसरा प्रश्न।
तुम्हें चुदने का बड़ा मन कर रहा है।
सुनीता _छी कितना गंदा सवाल पूछता है, बेशरम कही का।
राजेश _आपको उत्तर नही देना है तो मोबाइल रखो। मै भी सो जाता हूं।
सुनीता _तू तो बेशर्म है ही मुझे भी बेशरम बनने के लिए मजबूर कर रहा है।
राजेश _मां मैंने तो सिर्फ हा या न में जवाब पूछा है।
अब तुमको नही बताना है तो फ़ोन रख दो।
नही तो बताओ, आज तुम्हें चुदने का बड़ा मन कर रहा है न।
सुनीता _हां,,
गुड
राजेश _अब मेरे आखिरी प्रश्न का जवाब दो।
क्या तुम मुझसे चुदवाना चाहती हो,,,
बोलो,,,,
जल्दी जवाब दो,,
नही तो,,,,
चैटिंग बंद करो,,
जल्दी बताओ,,
सुनीता _हा,
सुनीता बडी मुस्किल से लिख पाई, इस समय उसे चुदने का बड़ा मन था। इस लिए बेशर्म बनकर जवाब दें दी।
राजेश _ये हुई न बात।
लेकिन मेरी एक शर्त है?
सुनीता_कैसी शर्त?
राजेश _आज हम सुहाग रात मनाएंगे, कल हनीमून।
सुनीता _मै कुछ समझी नहीं।
राजेश _आज रात भर तो खेलेंगे ही, कल मै कालेज नही जाऊंगा।
और घर में केवल मै और आप रहेंगी।
स्वीति के कालेज से आ जानें तक हनीमून मनाएंगे।
और आप मेरा हर कहा मानोगी। बोलो,,
सुनीता _मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर नहीं,,,
राजेश _ठीक है मत मानो, मै भी सो जाता हूं मुझे भी बडी नींद आ रही है।
ओके गुड नाईट मां। स्वीट ड्रीम्स।
राजेश ने मोबाइल रख दिया।
इधर राजेश के साथ चैटिंग करने के बाद सुनीता की बुर और अधिक पानी बहा रही थी।
उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या करे?
इधर राजेश का land भी इस गर्म गर्म चैटिंग से खड़ा होकर झटके मार रहा था।
उसे लग रहा था कि मां उसके कमरे में जरूर आएगी।
इधर सुनीता को बर्दास्त नही हो रहा था आखिर वह मजबूर होकर राजेश की कमरे की ओर जानें से पहले कीचन में गई और बादाम वाली दूध गिलास में ले लिया।
वह राजेश के कमरे के पास जाकर,दरवाजे को हल्के से धेकेली दरवाजा खुल गया।
राजेश को यकीन था की उसकी मां जरूर आएगी।
वह दरवाजे को खोल कर रखा था।
जब कमरे के अदंर प्रवेश की सुनीता ने अपने सिर पर घुघट डाल ली।
राजेश अपने बेड से खड़ा हो गया।
राजेश _मां मुझे यकीन था आप जरूर आएंगी।
सुनीता ने गिलास आगे बढ़ाते हुवे बोली,,
लो ये दूध पिलो,,
राजेश ने सुनीता को बेड में बिठा दिया।
राजेश _मै यह दूध तभी पियूंगा जब तुम मेरा शर्त मानोगी।
बोलो क्या तुम्हें मेरा शर्त मंजूर है?
सुनीता ने घूंघट के अदंर से हा में सिर हिलाया।
राजेश _ये हुई न बात!
राजेश _अब देखना मै कैसे आपको 18घंटे तक जन्नत की सैर कराता हूं?
राजेश दूध का गिलास लेकर, पीने लगा।
दूध पीने के बाद वह बेड पर चढ़कर सुनीता के सामने बैठ गया।
अपने दोनों हाथों से घूंघट पकड़ कर धीरे धीरे उपर उठाया।
सुनीता अपनी आंखे बंद कर रखी थी ।
राजेश _सुनीता की चेहरे को देखकर बोला।
मां कितनी खुबसूरत हो तुम, स्वर्ग की अप्सरा मेनका लग रही हो।
आंखे खोलो न।
सुनीता अपनी दोनों हाथी से अपनी चेहरा छिपाने लगी।
सुनीता _मुझे शर्म आ रही।
राजेश ने अपने दोनों हाथों से सुनीता की हाथ को पकड़ कर हटाया फिर उसकी माथे को चूम लिया।
सुनीता अपनी आंखे फिर से बंद कर ली।
राजेश अब सुनीता की ओंठ को चूमा।
सुनीता सिसक उठी।
राजेश सुनीता की गालों फिर गर्दन को चूमते हुए नीचे बड़ा।
उसकी चुनरी निकाल कर अलग कर दिया।
अब वह घाघरा और चोली में थी।
राजेश ने सुनीता को बेड पे लिटा दिया।
फिर उसकी गर्दन चूमते हुए नीचे बढा।
वह उसकी चोली का बटन खोल दिया।
सुनीता ब्रा नही पहनी थी।
चोली खुलते ही, सुनीता की चूची आजाद हो गया। राजेश ने दोनों चूचियों को मुंह में भर कर बारी बारी से चूसने एवम मसलने लगा।
सुनीता और अधिक गर्म हो गई, उसकी बुर पानी छोड़ने लगी।
राजेश नीचे गया और सुनीता की नाभी को चूमते चाटने लगा।
सुनीता के मुंह से सिसकारी निकलने लगी।
राजेश घाघरा को भी निकाल कर फेंक दिया। सुनीता पेंटी पहनी नही थी।
घाघरा खुलते ही, मस्त फूली हुई चिकनी chut राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश देर न करते हुए सुनीता की बुर को चाटने लगा।
जिससे सुनीता अत्यंत कामोत्तेजित हो गई।
सुनीता _बस कर बेटा, मुझसे और बर्दास्त नही होगा।
पर राजेश नही रुका, वह चाटता रहा।
सुनीता से बर्दास्त करना मुस्किल हो गया। वह अत्यंत उत्तेजित हो कर अपना सर पटकने लगी।
सुनीता _आह मां,, मर जाऊंगी मैं, बस कर अब चोद मुझे।
बेटा अब चोदो मुझे, मै मर जाऊंगी,,,,
सुनीता चीखी,,,
राजेश रुका नहीं और बुर की भग्नाशा को चाटने लगा।
सुनीता _आह मां मर गई मै,,,
अब चाटना बंद कर चोद मुझे,,
सुना नही, भड़वे मैंने क्या कहा?
अगर तू अपने मां का दूध पिया है तो चोद मुझे मादरचोद।
हवस में आकार सुनीता के मुंह से अब गाली निकलने लगी।
राजेश मुस्कुराने लगा,,
सुनीता _अरे भड़वे, तूने सुना नही मैंने क्या कहा? अब फाड़ मेरी बुर अपने घोड़े जैसी लैंड से। साले मुझे तड़फा रहा है,,,
राजेश _साली, गाली बकती है।
रण्डी की तरह, अब देख तेरी बुर कैसे फाड़ता हू।
राजेश ने अपना सारा कपड़ा निकाल कर पुरा नंगा हो गया।
और अपना लैंड सुनीता के मुंह में डाल दिया।
ले साली चूस, पहले मेरे लौड़े को।
सुनीता राजेश के land को मुंह में लेकर चूसने लगे।
राजेश उसका सिर पकड़ कर land उसके मुंह में अदंर बाहर करने लगा।
सुनीता, खो खो, करने लगी,,,
राजेश अब खड़ा हो गया।
वह सुनीता की कमर को उठाया और उसके नीचे तकिया लगा दिया।
फिर उसकी टांगो को फैला कर खुद उसके बीच उकड़ू बैठ गया।
अब राजेश अपना land पकड़ कर सुनीता की योनि द्वार में रख कर एक जोर का धक्का मारा।
फ़च की आवाज़ करता huwa लौड़ा बुर चीरकर आधा से ज्यादा अदंर चला गया ।
सुनीता _शाबास मेरे शेर,,, एक और जोर लगा, डाल दे पुरा अदंर,,
राजेश _ले साली,,,,
राजेश एक और जोर का धक्का मारा, पुरा land बुर के अदंर चला गया।land का टोपा सीधा बच्चे दानी से टकराया।
सुनीता _आह मां, मर गई रि,,,
राजेश अब दोनों हाथो से सुनीता की मस्त सुडौल चुचियों को थाम कर अपना लौड़ा सुनीता की बुर मे दनादन पेलना शुरु किया।
सुनीता के मुंह से चीख एवम कामुक सिसकारी निकल कर कमरे मे गूंजने लगी ।
राजेश इसी पोजीशन में लगातार सुनीता की गच गच चोदने लगा।l
सुनीता की योनि से पानी झरने की तरह बह रही थी।land बिना किसी रोक टोक के गप गप अदंर बाहर हो रहा था जिससे सुनीता जन्नत में गई।
वह राजेश को अपने टांगो से जकड़ ली और अपनी क़मर उसका सहयोग करने लगी।
राजेश _ले साली ले,, एक और ले आज तो तेरी बुर फाड़के ही रहूंगा। तेरी सारी खुजली आज ही दूर कर दूंगा।
सुनीता _चोद साले चोद, अपनी मां को और जोर से चोद, मादरचोद, बुझा मेरी प्यास, और जोर लगा, मेरी दूध नहीं पिया है क्या फाड़ मेरी chut
राजेश _साली रण्डी, आज से तुम मेरी रखैल है, तुम्हें तो रोज ही चोदूंगा, क्या मस्त मॉल है तू।
कसम से तेरी chudai में जो मजा आता है वह और कही नही,,
ले भोंसड़ी के chud अपने बेटे से,
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा,
सुनीता _चोद भड़वे चोद, मै आने वाली हु, और जोर लगा,, सारी ताकत खतम हो गई क्या साले,,, चोद मुझे,,,
राजेश _और कस कस कर चोदते हुवे, दोनों हाथो से सुनीता की मस्त सुडौल चुचियों को मसल मसल कर दनादन चोदता रहा। ले साली, ले,,chud अपने बेटे के land से ,,,,
सुनीता अपने को और रोक न सकी और चीखते हुए झरने लगी,,
आह मां,, मै गई रि,,,,,, आह,,,,
वह राजेश को कसकर लपेट ली।
राजेश सुनीता के उपर लेट कर, उसकी ओंठ चूसने लगा।
सुनीता बिलकुल मूर्छित अवस्था में पड़ी रही।
राजेश भी अपना खड़ा land सुनीता की बुर में डालकर सुस्ताने लगा और अपना खोया ताकत फिर से प्राप्त करने लगा।
जब सुनीता होस में आई,,,
सुनीता _बेटा अब बस करो,,,
राजेश _क्या huwa मां शर्मा क्यू रही हो।
सुनीता _छी मै हवस में आकर, कितनी गंदी गंदी गालियां बक रही थी,,,
राजेश _मां मुझे, बुरा नही लगा,, मुझे तो और ज्यादा मज़ा आया, तुम्हारि मुंह से गालियां सुनकर मेरा जोश और बढ़ जाता है?
सुनीता _क्या तू सच कह रहा है?
राजेश _हां, बडा मजा आता है जब आप मुझे मादर चोद कहती है।
सुनीता _अच्छा,,
मै थक गई हूं थोड़ा सुस्ताने दे फिर कर लेना,,
Rajesh _क्या कर लूंगा? मै समझा नही?
सुनीता _अरे चोद लेना अपनी मां को। तू पुरा बेशरम है और मुझे भी बेशरम बना दिया है।
राजेश _सच मां तुम्हारी chudai में जो मजा आता है। वैसा कही और नही,,
सुनीता _चल हट झूठा कही का मेरी ढीली बुर में ज्यादा मज़ा आता है?
अब तक तूने कोई कुंवारी chut नही मारी है न इसलिए,,
जिस दीन तूने कुंवारी chut मार लिया अपनी मां की chut भूल जाएगा ।
सुनीता को मालूम नही था की राजेश ने स्वीटी का सिल तोड़ चुका है।
राजेश _अरे नही मां, जिस बिल से निकले हो उसी बिल में जानें में जो मजा है न वो मजा कही और नही। एक अलग ही मजा आता है।
सुनीता _अच्छा तो ये बात है।
राजेश _मां, अब दूसरा राउंड हो जाए।
सुनीता _बेटा, पहले मुझे तैयार तो करो।
राजेश सुनीता की बुर से अपना land निकाला और उसकी बुर को मुंह में भर कर चूसने लगा।
कुछ ही देर में फिर से सिसकने लगी,,
उसकी बुर में फिर से पानी भर गया।
सुनीता _बेटा, अब बस कर, अब चोदो मुझे,, अपने मूसल जैसे land से।
राजेश बुर चाटता रहा,, जिससे सुनीता फिर बहुत गर्म हो गई,,,
सुनीता _अबे कुत्ते, चाटता ही रहेगा की चोदेगा भी,,
तेरा बाप तो सिर्फ आग लगा ना जनता है बुझाना नही, साले तुभी सिर्फ चाट चाट कर आग भड़का रहा है,,, चोद मुझे भड़वे चोद अपनी मां को,,,
राजेश _साली रण्डी, तुम्हें तो kutiya बनाकर चोदूंगा। बन साली kutiya साली लौड़ी के,,,
सुनीता kutiya बन गई।
राजेश उसकी चुतड़ को चाटने लगा। उसकी गाड़ चाटने लगा।
जिससे सुनीता की हालात और खराब हो गई,,
सुनीता _अब डाल न re हराम खोर, क्यू तडफा रहा है अपनी मां को,, रण्डी की तरह चोद भड़वे,,,
राजेश _ले साली सम्हाल मेरे लौड़े को,,,
राजेश ने सुनीता की योनि के द्वार पर रख कर एक जोर का धक्का मारा जिससे land बुर को फाड़कर सरसराता huwa एक ही बार में अदंर घुस गया।
सुनीता _आह मां,,
कितना बडा है रि तेरा पुरा अदंर तक ठोकता है साला।
लगता है पेट में किसी ने रॉड डाल दिया है।
अब राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर अपने लौड़े को सुनीता की बुर में डालना शुरू कर दिया।
Land बुर में गच गच अदंर बाहर होने लगा।
सुनीता फिर सी एक बार जन्नत मे पहुंच गई।
सुनीता _, क्या मस्त चोदता है रि तू, आह मां,,,
आह सच में स्वर्ग की सैर कराता है re,,
आज से मैं तेरी रखैल,
मेरी असली मर्द तू है,,,
राजेश _साली, मै जब मांगूंगा मुझे देगी बोल।
सुनीता _हा, मै तेरी रखैल तू जब चाहेगा तुम्हें दूंगी,,
आह चोदो मुझे और जोर से,,
आह मां,,, मर जाऊंगी,,,
Chudai में ऐसा मज़ा, आह,, तू ही मेरा इस शरीर का असली मालिक है।
भोगों मुझे,,,,,
सुनीता चीखी _
राजेश,_, ले साली,kutiya,chud अपने बेटे के land से, जिस से ये बाहर निकला है आज फिर अदंर जाकर ही मानेगा ये,,
ले एक और ले
राजेश दनादन चोदता रहा,,
सुनीता की कामुक सिसकारी कमरे में गूंजती रही,,,
सुनीता _, आई,, आए आह मां ई,,,,
चोदो मुझे और जोर जोर से, चोदो मादरचोद,,,, अरे मैं तो भूल ही गई थीं की तू अपनी बहन प्रिया को भी चोद कर बहन चोद बन गया है।
राजेश _, अरे हां हा, मै मादरचोद हू, मै बहंचोद हू। मै मामी चोद भी हूं।
ले chud मुझसे, ले और ले साली, मर्दखोर कही की।
राजेश और जोर जोर से चोदने लगा।
कमरे में gach gach फैच फाच की आवाज़ गूंज रही थी।
सुनीता तो जन्नत की सैर कर रही थीं लगातार उसके मुंह से मादक सिसकारी निकल कर कमरे मे गूंज रही थी।
आह उन,, आह उई मां,,,
राजेश gach gach बुर चोदे जा रहा था। तभी उसकी नजर सुनीता की गाड़ पर पड़ी जो फूल और पिचक रहा था।
राजेश ने एक उंगली सुनीता की गाड़ में घुसा दिया।
सुनीता _अबे साले, पहले मेरी बुर की प्यास तो बुझाले तब गाड़ मारने की योजना बनाना,,
राजेश _चुप साली, बाकचोदी कही की क्या मस्त गाड़ है तेरी आज तो मैं गाड़ और chut दोनो फाडूंगा,
और राजेश एक उंगली गाड़ में डालकर अदंर बाहर करते हुए, दनादन बुर चोदने लगा।
सुनीता की तो हालत खराब होने लगीं। गाड़ और बुर दोनों की chudai होने से उसे अलग ही मजा मिलने लगा,
आह मां, आह, कुत्ते मै आने वाली हूं, और जोर जोर से चोद, मादर चोद,,,
राजेश ले साली रण्डी, ले आज तो तेरी बुर की सारी प्यास बुझा दूंगा।
ले एक और ले,,
राजेश और जोर जोर से gach gach चोदने लगा।
राजेश अब दो उंगली गाड़ में डालकर अदंर बाहर करने लगा।
सुनीता की जमकर chudai से वह अपने को रोक न सकी और सुनीता चीखते हुए,,
आह मां,, आह मैं गई,, मां,,,
सुनीता झड़ने लगी,,,
और बेड पर लुड़क गई।
राजेश उसके ऊपर ही लेट कर सुस्ताने लगा।
राजेश अपना land बुर से निकाला और एक ओर लुड़क गया।
उसका land अभी भी हवा में खड़ा हो कर झटकेमार रहा था, जिसे अपने हाथ से सहलाने लगा।
कुछ देर ऐसे ही दोनों पड़े रहे।
कुछ देर बाद,,
राजेश _मां आप ठीक तो है न।
सुनीता _हूं,,,
राजेश _मां इधर तो देखो।
सुनीता _न मुझे शर्म आ रही है।
राजेश _पर क्यू?
सुनीता _छी, मै कितनी गंदी गंदी गालियां दे रही थी।
आज से पहले मैंने कभी ऐसी गालियां नही दी है।
पता नही हवस में मुझे आज क्या हो गया है।
पता नही तू मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा।
राजेश _, मां, मैंने कहा न, मुझे भी मज़ा आया। तुम्हारे मुंह से गालियां सुनकर मेरा जोश बड़ जाता है।
इधर देखो न मेरा land तो अभी भी झटके मार रहा है, आपकी बुर में जानें के लिए।
सुनीता _न बाबा अब मैं थक गई हूं। अभी और नही।
राजेश _मतलब तुम्हारी बुर की आग बूझ गई।
सुनीता _हा,
राजेश _पर मेरा तो अभी huwa नही है न।
अभी तो मेरे land की प्यास बुझा नही है।
सुनीता पीठ के बल लेट गई।
उसने देखा राजेश का land और काफी लंबा और मोटा हो गया था जो हवा में झटके मार रहा था।
सुनीता _मतलब जब तक तू झड़ेगा नही, मुझे छोड़ेगा नही।
राजेश _तुम ही ने तो कहा था न अभी की आज से मैं तुम्हारा मर्द हूं।
तो क्या अपने मर्द को ऐसे ही बीच में छोड़ दोगे।
सुनीता _बाते बनाना तो कोई तुमसे सीखे। अभी मैं थक गई हूं बाबा, मुझे सुस्ताने दे। मुझे प्यास भी लगी है।
राजेश _मै तुम्हारे लिए पानी लेकर आऊ।
सुनीता _अरे नही, मै पानी पी कर आती हूं।
राजेश _कही आप भाग तो नही जाएंगी।
सुनीता _अरे नही बाबा, अपने मर्द को छोड़ कर भागी तो नुकसान मेरा ही है।
राजेश _वो कैसे?
सुनीता _तुम कही और मुंह मारने लगोगे।
सुनीता बेड से उठी और किचन की ओर जानें लगी।
जब वह दरवाज़े की ओर जा रही थीं तो उसकी मटकते चूतड को देखकर राजेश का land और झटके मारने लगा।राजेश अपने land को अपने हाथो से सहलाने लगा।
दरवाज़े से बहार निकलने से पहले जब सुनीता मुड़कर राजेश की ओर देखी दोनों की नजरे मिली, सुनीता शर्म के मारे पानी पानी हो गई।
सुनीता किचन में जाकर, पेट भर पानी पी।
फिर वह अपने बेड रूम की ओर गई। उसने देखा उसका पति अभी भी घोड़े बेच कर सो रहा है।
वह अपने कमरे में जाकर अपने आलमारी से चिकनाई वाला क्रीम ले ली, और अपने कमरे से निकल कर सीधे राजेश के कमरे की ओर चली गईं।
इधर राजेश अपने land को सहलाते हुवे,सुनीता की आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।
सुनीता जब कमरे में पहुंची, उसकी नजर राजेश के land पर गया जो अभी भी हवा में झटके मार रहा था। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी।
सुनीता कमरे में आने के बाद राजेश के बगल में आकर लेट गई।
राजेश एक हाथ से अपने land तो दूसरे हाथ से सुनीता की बुर रगड़ने लगा।
सुनीता का शरीर फिर गर्म होने लगा।
राजेश सुनीता के उपर आ गया और उसकी ओंठ को चूसने लगा।
राजेश _sunita की बुर चाटने लगा।
जिससे सुनीता फिर गर्म होने लगीं।
आह उन, आह,,,
सुनीता जब पूरी तरह गर्म हो गई।
वह बेड से उठी और राजेश को भी बेड से नीचे ले आया। फिर नीचे बैठ कर राजेश की land को मुंह में भर कर चूसने लगीं।
राजेश सुनीता का सिर पकड़ कर अपना land उसके मुंह में अदंर बाहर करने लगा।
कुछ देर तक मुंह चोदने के बाद राजेश ने तकिया फर्श पर रखा और नीचे फर्श पर पीठ के बल लेट गया।
और सुनीता को अपने उपर आने का इशारा किया।
सुनीता राजेश के land के उपर आकार खड़ा हो गई और राजेश के land को पकड़ कर अपने योनि के मुंह में रखकर बैठ गई।
Land सरसराता huwa अदंर चला गया।
अब सुनीता राजेश के land के उपर उछलने लगी।
राजेश ने सुनीता की क़मर को पकड़ कर नीचे से land को उसकी बुर में ठेलने लगा।
सुनीता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
कमरे में गिर से fach fach की आवाज़ और सुनीता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
सुनीता फिर से जन्नत में पहुंच गई।राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा।
दोनों पूरे जोश में थे, और संभोग सुख के परम आनंद को प्राप्त कर रहे थे,,
तभी सुनीता land को बुर से बाहर निकाल कर जोरसे चीखते हुवे,मूतने लगी।
आह मां, आह,,,
उसकी मूत की तेज धार राजेश के सीने पर गिरने लगा।राजेश मुस्कुराने लगा।
सुनीता फिर से land को बुर में डाल कर उछल कर कर चुदने लगी।
राजेश भी उसकी क़मर को पकड़ कर अपने land पर पटक पटक कर चोदने लगा कि कुछ देर में ही सुनीता फिर से land योनि से बाहर निकाल कर मूतने लगी।
सुनीता फिर से योनि में land डालकर चुदने लगी, फिर कुछ देर बाद मूतने लगी।
राजेश को अपनी मां को मूत ते देख मजा आ रहा था। उसका जोश और बढ़ता जा रहा था।
जीतना पानी पी थी वह मूत के बाहर निकाल दी उसके बाद वह अपने कमरे से लाई क्रीम अपनी गाड़ में भर कर राजेश के land पर चुपड़ दिया।
फिर लैंड को पकड़ कर अपनी गाड़ की छेद पर उसका टोपा रख कर अदंर डालने की कोशिश करने लगीं।
धीरे धीरे land गाड़ में उतरने लगा। जब आधा land गाड़ में घुस गया वह धीरे धीरे लैंड के ऊपर उछलने लगी।
कुछ देर में ही land ने गाड़ में अपनी जगह बना लिया।
अब राजेश भी नीचे से धक्का मार मार कर सुनीता की गाड़ मारने लगा।
सुनीता के मुंह से सिसकारी निकल कमरे में गूंजने लगा।
कुछ देर बाद सुनीता राजेश के उपर लुड़क गई।
सुनीता _बेटा अब मै थक गई।
सुनीता राजेश के उपर से उठा राजेश ने सुनीता को बेड पकड़कर झुका दिया और स्वयं उसके दोनों टांगो के बीच आ गया।
अपने land को सुनीता की योनि के मुख पर रख एक जोर का धक्का मारा। एक ही बार में सरसरता huwa land योनि में उतर गया।
अब राजेश सुनीता की क़मर पकड़ कर gach gach बुर चोदने लगा।
सुनीता की मुंह से फिर कामुक सिसकारी गूंजने लगी।
फिर से वह जन्नत की सैर करने लगीं।
हवस में उसकी मुंह से,,,,
आह चोद साले और चोद फाड़ दे मेरी chut बुझा दे इसकी प्यास,,,
राजेश,, ले साली रण्डी, ले chud अपने बेटे की land से,,,
राजेश जोर जोर से बुर चोदने लगा,,,
तभी वह अपना land boor से निकाल कर सुनीता की गाड़ में रख कर जोर का धक्का मारा।
सुनीता चीख उठी,,
सुनीता _अबे लौड़े का, ये बुर नही गाड़ है? ऐसे गाड़ मांरेगा तो कल मै हग नही पाऊंगी, बहेंचोद कही का।
राजेश _और चीख साली मै आज तेरी गाड़ फाड़ के रहूंगा।
ले साली ले और ले,राजेश और जोर जोर से गाड़ मारने लगा,,
सुनीता _अबे छोड़ मादरचोद, मेरी गाड़ फट जाएगी।
राजेश _साली kutiya तेरी गाड़ फाड़ना ही तो है।
राजेश और जोर जोर से गाड़ मारने लगा।
पर गाड़ की तेज रगड़ के कारण वह खुद को रोक न सका और आह मां आह आह,,,
वह गाड़ के अदंर ही झड़ने लगा।
सुनीता भी गर्म गर्म वीर्य को अपने गाड़ में जाती हुई महसूस की और झड़ने लगीं।
दोनों काफी थक गए थे एक दूसरे के बाहों में सो गए।
कुछ देर बाद सुनीता की नजर घड़ी पर पड़ी,,,
सुबह के 5बज गए थे,,
सुनीता _बेटा मेरा नहाने का समय हो गया है।
अब मैं चलती हूं अपने कमरे में,,,
सुनीता अपने कपडे पहन ली, और कमरे से जानें लगी,,
तभी राजेश ने कहा मां तैयार रहना अभी हनीमून बांकि है।
सुनीता _चुप बेशरम इतना करने के बाद भी मन नही भरा है। वह मुस्कुराते हुवे अपने कमरे की ओर जानें लगी।