अगले दिन जब सुबह राजेश जिम जानें के लिए अपने कमरे से बाहर निकला, वह कीचन में गया जहां सुनीता काम कर रही थी।
राजेश पीछे से सुनीता को अपने बाहों मे भरते हुए कहा,
राजेश _गुड मॉर्निंग मां।
सुनीता _गुड मॉर्निंग बेटा।
अरे क्या कर रहा है छोड़ो,
राजेश _अपनी मां को प्यार कर रहा हूं।
सुनीता _कल इतना प्यार करके भी जी नही भरा है।
राजेश _मां, प्यार करने से जी भरता है क्या? मुझे तो जितना प्यार करता हूं। उतना ही और प्यार करने का मन करता है।
सुनीता _बेटा मुझे तुमसे कुछ बाते करनी थीं।
राजेश_बोलो मां, क्या बात करनी है,बोलो?
सुनीता _बेटा, मै चाहती हूं की तुम अब सिर्फ पढाई पर ध्यान दो। एक्जाम पास आ गया है।
ये प्यार व्यार तो बाद मे भी होता रहेगा।
पर यह समय पढ़ाई पर ध्यान देने का है।
यह समय तुम्हें दोबारा नहीं मिलेगा।
प्यार के लिए तो पूरी उम्र पढ़ी है। इसलिए मैं चाहती हूं एक्जाम तक अब तुम सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस करो।
मुझे तुमसे बडी उम्मीदे है।
मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा पढ़ लिखकर बडा अफसर बने।
राजेश _मां, मै जानता हूं। आपको मुझसे क्या अपेक्षाएं है?
मां मै कड़ी मेहनत करूंगा आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए।
मैं आपसे वादा करता हूं कि जब तक एक्जाम नही हो जाता। मै औरतों से दूर ही रहूंगा।
सुनीता _मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटा।
राजेश _ठीक है मां अब मै जिम के लिए निकलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
जिम से आने के बाद राजेश, स्नान कर, स्वीटी और शेखर के साथ बैठकर डिनर किया।
फिर स्वीटी के साथ कालेज निकल गया।
कालेज में लंच के समय, रोहन और स्वीटी कालेज के गार्डन में बैठे थे।
रोहन _स्वीटी, अभी तक तुमने मेरे बारे में अपनी खयालात नही बताई।
मुझे बडी बेशब्री से इंतजार है, तुम्हारे जवाब का।
स्वीटी _रोहन, मुझे थोड़ा और वक्त चहिए, मैंने इस बारे में अब तक ठीक से सोंचा नही है।
हा मै तुम्हें अपना सबसे अच्छा दोस्त मान लिया है।
पर उसके आगे की सोचने के लिए मुझे और समय चाहिए।
रोहन _ठीक है, स्वीटी तुम और समय ले लो, मुझे जवाब का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
इधर राजेश और भगत किसी काम से क्लास में ही रुके थे।
जबकि सीमा, निशा कैंटीन में राजेश का वेट कर रहे थे।
तभी रिया अपनी सहेलियों के साथ पहुंची।
रिया _हाई निशु।
निशा _हाई
रिया _यार राजेश और भगत कही दिखाई नहीं दे रहे।
सीमा _वे लोग आते ही होंगे।
रिया _निशु क्या मै यहां बैठ जाऊ।
निशा _क्यू नही?
रिया _थैंक यू
वैसे यार उस दिन तुमने चाटा बड़ी जोर से मारी थी। पुरा नशा उतर गया था मेरा।
निशा _उसके लिए मैं माफी मांग चुकी हूं।
रिया _ओ हा यार मैं तो मजाक कर रही थीं। वैसे तुम बडी किस्मत वाली हो।
निशा _वो कैसे?
रिया _यार, अब देखो न कालेज की सारी लड़कियां राजेश पर मरती हैं और राजेश तुम पर।
सीमा _तुम ये कैसी कह सकती हो कि राजेश निशा पर मरता है।
रिया _अरे यार सब दिखता है।
जब भी कोई लड़की राजेश से कुछ पूछती है या कहना चाहती है, राजेश निशा की ओर देखने लगता है।
जैसे शादी शुदा मर्द किसी लड़की से बात करने से पहले अपनी पत्नि की ओर देखता है कही ओ बुरा न मान जाए।
सीमा _हा, राजेश और निशा एक दूसरे को पसन्द करते है। तो एक दूसरे का ख्याल तो रखेंगे ही।
निशा, सीमा की ओर देखने लगीं।
रिया _हां ये तो है भई।
बडी लकी है यार निशु तुम।
काश मेरे पास भी ऐसा कोई बॉय फ्रेंड होता।
सीमा _क्यू सहर में लडको की कमी है क्या?
रिया _हाय, लड़के तो बहुत देखे है पर राजेश जैसा नहीं।
तभी राजेश और भगत भी वहा पहुंच गए।
रिया _हाई राजेश,
राजेश _हाई, रिया, हाई सीमा
रिया _आओ बैठो, आप लोग, काफ़ी आर्डर करू की और कुछ लेना है।
भगत _भाई को काफ़ी पसन्द है तो काफ़ी ही ऑर्डर कर दीजिए, रिया जी।
रिया _ओके,
रिया ने सबके लिए काफी ऑर्डर कर दिया।
भगत _वैसे रिया जी, विकी आपको फिर परेशान तो नही कर रहा ।
रिया _नही भगत जबसे मैंने आप लोगो के साथ उठना बैठना शुरु की है, वह मुझे ब्लैक मेल करना बन्द कर दिया।
भगत _ओह ये तो अच्छी बात है, फिर भी अगर आपको जरूरत महसूस हो तो हम उनसे बात करेंगे।
तुमको तो क्या शाला किसी भी लड़कियो के साथ, ऐसा करने का सोचेगा भी नहीं।
रिया _ओह थैंक यू भगत आप लोग कितने अच्छे है। मै आप लोगो के ग्रुप में पहले क्यू नही आई?
वैसे कुछ दिनों के बाद कॉलेज में एक्जाम शुरू हो जाएगी, फिर हम लोग मिल नही पाएंगे। इस्का मुझे अपसोश हो रहा है।
वैसे ये तो आप लोगो के कालेज का अंतिम साल है।
कालेज के बाद आगे आप लोगो का क्या प्लानिंग है?
भगत _भाई मै तो राजनीति में जाऊंगा।
राजेश भाई ने तो डिसाइड कर लिया है कि वह आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां का सपन पुरा करेगा।
भगत _वैसे आपने क्या सोचा है, एमबीए के बाद।
रिया _भई मै तो एमबीए मेरे मॉम डैड के कहने पर कर रही हूं, वे तो एमबीए के बाद मेरी शादी कराना चाहते है। मेरी इच्छा तो अभी शादी करने की बिलकुल नहीं है। ये भी कोई शादी करने की उम्र है।
ये तो लाइफ को एंजॉय करने के दीन है।
सीमा _सबकी अपनी अपनी सोच है।
वैसे आपको शादी कर लेनी चाहिए।
रिया _वो क्यू ?
सीमा _लाइफ एंजॉय करने के चक्कर में कहीं फिर बुरा फस गई तो।
सभी हसने लगे,,,
रिया _तुम भी सही कह रही, शादी तो कर लू, पर कोई पसन्द का लडका मिलना भी तो चाहिए। जब तक न मिल जाय, रिस्क तो लेना ही पड़ेगा,,
सभी लोग फिर हसने लगे,,,
रिया _वैसे निशा, तुम चुप हो कुछ बोल नहीं रही।
लगता है तुमको मेरा तुम्हारे ग्रुप में शामिल होना अच्छा नहीं लग रहा।
निशा _नही ऐसी कोई बात नही है, मै तो आप लोगो की बाते सुनकर एंजॉय कर रही हूं।
वेटर ने सबके लिए काफी लगाया, सभी काफी पीने लगे।
कुछ देर बाद घंटी लगी ।
सभी अपने अपने क्लास में चले गए।
रिया की सहेली _रिया हम लोगो को तो कुछ समझ नहीं आ रहा है, तुम तो निशा से अपने अपमान की बदला लेना चाहती थीं।
पर तुम तो कुछ और ही कर रही,,,
रिया _मै निशा के द्वारा लगाया गया थप्पड़ को कभी भूल नही सकता, मै इन लोगो का विश्वास जीत कर अपने अपमान का ऐसा बदला लूंगी कि,,,,
सहेली _अब बस करो,, किसी को तुम्हारी योजना के पता नहीं चलना चाहिए ।
राजेश अब अपनी मां से किए वादे के अनुसार। कालेज से आने के बाद घर में पढाई में लग जाता और देर रात तक पढ़ाई करता ।
वह सेक्स के बारे में सोचना छोड़ दिया था।
सुजाता काल करके राजेश को बुलाती पर राजेश परीक्षा की तैयारी की बात कर सुजाता को मना कर देता।
सुनीता ने स्वीटी को भी पढाई पर ध्यान देने की बोलकर उसकी इधर उधर जानें पर प्रतिबंध लगा दी थीं। स्वीटी भी कालेज से आने के बाद घर में देर रात तक परीक्षा तैयारी करने लगीं।
सीमा और निशा भी तैयारी में लग गए।
कुछ दिन बाद एक्जाम शुरू हो गया।
पहले पेपर के दिन कालेज जानें के समय,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर आशीर्वाद लिया,,
राजेश _मां आज मेरा पहला पर्चा है, आशीर्वाद दो की पर्चा अच्छा जाय।
सुनीता _सुनीता ने राजेश की माथे को चूमते हुए कहा।
बेटा मेरा आशीर्वाद हमेशा आपके साथ है ।
वैसे भी तुम्हारी मेहनत को देखकर मुझे पुरा यकिन है तुम मेरी अपेक्षाओं पर जरूर खरा उतरो ge।
राजेश _थैंक यू मां
सुनीता _जाओ बेटा।
राजेश कालेज चला गया।
राजेश का पर्चा बहुत अच्छा गया।
घर आने पर,,
सुनीता _आ गया बेटा।
राजेश _हा मां
सुनीता _कैसा गया बेटा पर्चा।
राजेश _बहुत अच्छा मां।
सुनीता _जाओ बेटा अपने कमरे मे जाकर फ्रेस हो जाओ मैं काफी लेकर आती हूं।
राजेश _ठीक है मां।
अगले स्वीटी की पर्चा थी। वह सुनीता से आशीर्वाद लेकर कालेज पर्चा दिलाने गई।
कालेज से आकर सुनीता को बताई की उसका पर्चा बहुत अच्छा गया है।
राजेश और स्वीटी दोनो देर रात तक जग कर पढाई करता, सुनीता उन दोनो का रात जग कर ख्याल रखती। पानी चाय या काफी पिलाती रहती।
इधर निशा और सीमा भी देर रात तक पढ़ाई कर रही थीं।
करीब एक माह तक एक्जाम चला।
राजेश _मां आज अंतिम पर्चा है, आशीर्वाद दो आज का पर्चा भी बांकी पर्चो की तरह अच्छा जाय।
सुनीता _मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है देखना तुम्हारी मेहनत जरूर रंग लायेगा।
राजेश कालेज चल गया।
अंतिम पर्चा भी बहुत अच्छा गया।
पर्चा दिलाने के बाद राजेश , भगत और उसके दोस्त कैंटीन में बैठे थे।
भगत _भाई आज एक्जाम खत्म हो गया।
चलो आज कोई मूवी देखने चलते है।
सभी दोस्तो के कहने पर राजेश भी तैयार हो गया।
शाम को सभी ने मूवी देखने का प्लानिंग बनाया।
इधर राजेश घर पहुंचा और मां को बताया की अंतिम पर्चा भी बहुत अच्छा गया।
सुनीता खुश हुईं।
सुनीता _देखना मेरा बेटा का मेहनत जरूर रंग लायेगा।
इधर जब राजेश अपने कमरे मे आराम कर रहा था, तभी सुजाता ने काल किया।
सुजाता _हाई जान कैसे हो?
राजेश _अच्छा हूं मैम, आप कैसी है?
सुजाता _कैसी अच्छी हो सकती हूं, पूरे एक माह हो गए हमे मिले। पता है ये एक माह एक बरस के बराबर बीती है। अब और नही तड़फना अब तो एक्जाम भी खत्म हो गया।
सुनो मै आफिस में तुम्हारा वेट कर रही। तुम आ जाओ।
राजेश _मैम, आज तो दोस्तो ने मूवी देखने का प्लान बनाया है।
सुजाता _ओहो, मै कुछ नहीं सुनूंगी, तुम्हें आना ही होगा।
राजेश _ पर मै दोस्तो को क्या बोलूंगा? हम कल मिलते हैं। प्लीज बेबी।
सुजाता_देखो तुम अभी नहीं आए तो मैं तुमसे कभी बात नही करुंगी।
राजेश _ओ हो ये कैसी मुसीबत है?
सुजाता _अच्छा तो अब तुम्हें मै मुसीबत लगने लगीं।
राजेश _आई हो बेबी मैंने ऐसा तो नहीं कहा,,
सुजाता _मै सब समझती हूं तुम कोई न कोई बहाना बनाकर मुझसे दूर होते जा रहे हो।
राजेश _ठीक है बाबा, मै आ रहा,,,,
सुजाता खुश हो गई,,,
जल्दी आओ मैं वेट कर रही,,,
राजेश अपना कपड़ा पहना और सुनीता के पास जाकर बताया,,
राजेश _मां, मै दोस्तों के घर जा रहा हूं, वहा से हम मूवी देखने जानें वाले है। मुझे आने में थोड़ी देर होगी।
सुनीता _ठीक है बेटा, पर जल्दी आना।
राजेश _, ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सीधा सुजाता की आफिस पहुंचा।
और जब वह सुजाता की केबिन में पहुंचा,,
सुजाता का दिल जोरो से धड़क रहा था।
जब राजेश अदंर गया। सुजाता दरवाज़े के पास ही खड़ी थी। वह दरवाजा बंद कर दी।
राजेश ने पीछे मुड़कर देखा,,
सुजाता ने अपने दोनो हाथ राजेश के गले में डाल दिया,,
सुजाता _, बच्चू बहुत तड़फाया है मुझे बोलो तुम्हें क्या सजा दू।
राजेश _जो सजा देनी चाहो, मंजूर है।
सुजाता ने राजेश का ओंठ अपनी मुंह में भर लिया और चुसने लगी।
राजेश भी सुजाता की कमर पर हाथ रख दिया और उसकी ओंठ चूसने लगा।
दोनों जी भर कर एक दूसरे को चूमने चाटने लगे।
सुजाता आगे बडी और राजेश के पैंट का चैन खीच कर उसका land बाहर निकाल कर चुसने लगी।
राजेश सुजाता की बालो को सहलाता रहा। और मजा लेता रहा, काफी दिनों के बाद वह भी land चूसा रहा था। उसका land एकदम सख्त हो गया।
अब राजेश ने सुनीता को डेस्क पर लिटा दिया और उसकी पेंटी खींचकर निकाल दिया, फिर उसकी chut चाटने लगा।
सुजाता बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।
फिर राजेश ने सुनीता की टांगो को फैलाया और उसके बीच में आ गया फिर अपना मूसल उसकी योनि की द्वार में रख कर जोर का धक्का मारा,land एक ही बार में बुर चीरकर सरसराता huwa अदंर घुस गया।
अब उसकी दोनो चूची को मसल मसल कर गच गच चोदने लगा।
कुछ ही देर में दोनो स्वर्ग की सैर करने लगें।
कुछ देर बाद राजेश ने सुनीता को घोड़ी बनाकर फच फच चोदने लगा।
दोनों संभोग की अपार सुख को प्राप्त करने लगें।
कुछ देर तक इसी पोजीशन में चोदने के बाद राजेश चेयर पर बैठ गया और सुनीता उसकी गोद में बैठ कर चुदने।
कमरे में सुजाता की कामुक सिसकारी गूंजने लगी।
करीब एक घंटा दोनो के बीच chudai का खेल चला इस दौरान सुजाता चार बार झड़ कर थक गई।
सुजाता _राजेश अब बस करो मै थक गई।
राजेश _पर मै तो झड़ा नहीं हूं, बेबी।
सुजाता _तुम एक काम करो अपने साथ निशा और सीमा को भी फिल्म दिखाने ले जाओ, उन दोनो का भी एकजाम के बाद माइंड फ्रेश हो जायेगा।
फिर तुम निशा को छोड़ने घर आ जाना फिर मेरे साथ डिनर करना उसके बाद तेरे मूसल का पानी निकाल दूंगी।
राजेश मुस्कुराने लगा,,
राजेश _कही निशा को हमारे बारे में पता चल गया तो,,
सुजाता _बोल दूंगी,राजेश तुम्हारे नए पापा है,
वह हसने लगी,,
राजेश _क्या?
निशा को मेरी बेटी बनाओगी?
ओ नो,,,,
सुजाता हसने लगी,,
अरे मै मजाक कर रही थी,
पर,,,,
राजेश _पर क्या?
अगर तुम बनने तैयार हो तो,,,
मैं तुम्हें निशा की पापा बनाने तैयार हूं,,
राजेश _न ऐसा मत करना नही तो मैं मां को मुंह दिखा ने लायक नहीं रहूंगा।
सुजाता _अच्छा ठीक है बाबा,मत बनो निशा के पापा।
पर तुम रात को डिनर मेरे साथ करोगे।
निशा और सीमा को भी मूवी दिखाने ले जाओ। मै निशा से बात करती हूं।
राजेश _ok