Shaandar jabardast Emotional Updateअगले दिन सीमा, निशा के घर पहुंची।सुजाता हाल में बैठी थी।
सीमा _नमस्ते आंटी।
सुजाता _नमस्ते बेटा। अच्छा huwa सीमा बेटा आ गई। मै तुम्हे ही काल करने वाली थी।
सीमा_क्या बात है आंटी? कुछ काम था क्या?
सुजाता _बेटा, निशा लंदन जाना चाहती है। मैने उसे बहुत समझाने की कोशिश की पर वो मेरा कहना नही मान रही। शायद तुम्हारा कहना मान जाए ।
सीमा _निशा कहा है आंटी, मै उससे बात करती हूं।
सुजाता _निशा ऊपर है बेटा अपने कमरे में।
सीमा, निशा के कमरे में जाने के लिए सोफे से खड़ी हुई।
तभी निशा कमरे से गाना गाने की आवाज़ सुनाई देने लगा।
निशा अपने कमरे में रखी पियानो पर बैठ कर उसमे अपना सिर रखकर गाने लगी,,,
लिखा हुआ है किस्मत में वो है एक दिन होना,,,,,,,
भूली बिसरी बातो को यारो तुम याद करोना,,,,
2024 New Dard Bhari Ghazal Kanchan Yadav : निकल गया दिल से | Heart Touching Sad Song | गम भरे गाने
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धीरे धीरे सीमा और सुजाता सीडी चढ़ते हुवे निशा के कमरे की ओर जाने लगी।
उसके कमरे के दरवाज़े पर जाकर खड़ी होकर दोनो निशा की गाना सुनने लगीं।
दर्द भरी गाने को सुनकर दोनो के आंखो से आंसू निकल गए।
गाना गाती गाती, निशा पियानो पर सिर रख कर सो गई।
सीमा उसके पास जाकर। उसके कंधे पर हाथ रखकर कर निशा को आवाज़ दी,,,
सीमा _निशा,, निशा,,,
निशा ने आंखे खोली,,,
निशा _सीमा, तुम यहां, कब आई,,
सीमा _जब तुम अपनी दर्द को बया कर रही थी।
निशा, आंटी क्या कह रही है तुम लंदन जा रही हो।
निशा _मै राज को भुल जाना चाहती हूं, सीमा।
मै यहां रहूंगी तो जी नही पाऊंगी,,,
सीमा _निशा, राजेश भी एक इंसान हैं, गलती हो जातीहै, उसे एक मौका देकर देखो। शायद वो सुधर जाए।
निशा _नही सीमा, बार बार वह गंदा दृश्य मेरे आंखो के सामने आता है, जो राज, रिया और उसकी सहेलियो के साथ कर रहा है। मै उसे माफ नहीं कर सकती।
सीमा _तुम्हे लगता है कि तुम लंदन जाकर राजेश को भुल जायेगी।
निशा _हां, उसे मै दिल से निकाल चुकी हूं। कुछ भूली बिसरी बाते है उन यादों को भी भुला दूंगी।
सीमा _निशा तुम मेरे तरफ देखो।
सीमा, निशा की आंखो में देखने लगी,,,
कुछ देर बाद,,
सीमा _पता है निशा, पहले की तरह आज भी तुम्हारी आंखो में मै नही दिखाई दे रही,,
आज भी तुम्हारी आंखों में राज दिखाई दे रहा है।
निशा खड़ी हो गई।
निशा _नही तुम झूठ बोल रही हो, उस आवारा के लिए मेरे दिल में कोई जगह नही है,,
निशा _जो से चीखती हुई बोली, आई हेट, राज,,
सुनी तुमने,, आई हेट , राज,
वह बेड पर सिर रख कर रोने लगी,,,
कुछ देर बाद,,
निशा _मै लंदन जा रही, हमेशा के लिए ये मेरा अंतिम फैसला है।
मैने वीजा के लिए एप्लाई कर दिया है।
सीमा _ठीक है निशा अगर यही तुम्हारी जिद है तो, कर लो अपनी इच्छा पूरी। पर मैं तुम्हारे भले के लिए कह रही हूं। एक बार तुम राज को मौका देकर देखो,,,
निशा _नही सीमा, अब राजेश मेरी नजरो से गिर चुका है,, पहले जैसे उसे मान सम्मान नही दे सकती।
सीमा वहा से चली गईं।
सुजाता _क्या huwa बेटा, निशा मानी क्या?
सीमा _नही आंटी, वह मानने को तैयार नहीं।
सुजाता _बेटा, मुझे तुम से एक निवेदन करना था।
सीमा _बोलो आंटी,,
सुजाता _बेटा, मेरे फूल जैसी बच्ची वहा लंदन में अकेली कैसे रहेगी। मै उसकी चिंता में मर जाऊंगी। बेटा तुम भी निशा के साथ अगर लंदन चली जाती तो। मै तुम्हारा यह अहसान जिंदगी भर नही भूलूंगी।
तभी निशा वहा पर पहूंच गई थी। अपनी मां की बात सुनकर निशा बोली,,
नही मां, मुझे किसी की मदद नहीं लेनी, मै अकेली ही रह लूंगी। मै नही चाहती मेरे कारण किसी दूसरे की जिंदगी खराब हो,,,
सीमा _वाह निशा वाह, बना दी न मुझे पराया।
बचपन से मै तुम्हारे साथ हूं। मैने सहेली नही हमेशा अपनी बहन माना है। तुम्हे क्या लगता है मै तुम्हारे बिना रह पाऊंगी?
मुझे दुख है कि तुम मुझे अब तक समझ नहीं पाई।
सीमा की आंखो से आंसू बहने लगीं।
निशा ने सीमा को अपने गले से लगा लिया,, और सीमा से बोली।
सीमा मुझे माफ कर दो मेरी बहना,,,
सीमा _निशा, तू जहां भी जाएगी मै तुम्हारे साए की तरह साथ रहूंगी। जहां निशा वहा सीमा। मुझे भी अपने साथ ले चलो निशा।
निशा और सीमा दोनो रोने लगे।
उन दोनो के बीच प्यार देखकर सुजाता की आंखे भर आई।
इधर सुनीता राजेश के कमरे में जाकर राजेश से पूछता है, जो उस समय अपने कमरे में उदास लेटा हुआ था।
सुनीता _बेटा, आखिर बात क्या है? कुछ बताता क्यू नही। क्या हो गया है तुझे, दिन भर गुमसुम सा रहता । तू जिम भी जाना बंद कर दिया है। मुझे तुम्हारी ये हालात देखी नही जाती।
राजेश _कुछ भी तो नहीं huwa है मां, मै बिल्कुल ठीक हू। तुम बेकार ही चिंता कर रही हो।
सुनीता _अभी तक नहाया भी नही है। नाश्ता का समय हो गया है।
राजेश _तुम जाओ मां, मै अभी नहाकर आता हूं।
सुजाता _जल्दी आना बेटा, हम सब टेबल पर तुम्हारा वेट कर रहे है।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश नहाकर निकला और कपड़े पहन कर डाइनिंग टेबल पर पंहुचा। जहां सभी इन्तजार कर रहे थे।
शेखर _राजेश बेटा तुम्हारी मां कह रही थीं की तुम जिम जाना बंद कर दिए, कुछ बात है क्या?
राजेश _नही पापा, ऐसी कोई बात नही कल से जाऊंगा।
शेखर _ठीक है बेटा, कोई बात हो तो हम तुम्हारे मां ता पिता है हमसे शेयर किया करो।
राजेश _ठीक है पापा।
अगले दिन से राजेश जिम के लिए निकलता लेकीन वह जिम न जाकर नदी की ओर चला जाया करता। निशा के साथ बिताए पलो को याद करता रहता।
2दिन बाद जब राजेश जिम के लिए निकला।
भगत का फोन आया,,,
भगत _भाई कैसा है?
राजेश _, मै ठीक हू भगत ,तू कैसा है? कैसा चल रहा है सब।
भगत _सब अच्छा है भाई यहां, सबका अच्छा सपोर्ट मिल रहा है।
भाई आपको पता है न?
राजेश _किस बारे में।
भगत _यही की निशा और सीमा जी हमेशा के लिए लंदन जा रही है।
राजेश _क्या?
राजेश को गहरा धक्का लगा।
भगत _भाई मुझे आज दोस्तो से पता चला तो तुमको काल किया।
राजेश _कब जा रहें हैं?
भगत _भाई, दोस्त लोग बता रहें थे की उन दोनो को एयर पोर्ट पर देखे है। पूछने पर सीमाजीउन्हे ने बताया कि वे लंदन जा रहें हैं।
राजेश ने फोन जेब में रख दिया,,
भगत ने भाई भई चिल्लाता रहा, उसे राजेश की चिन्ता होने लगीं।
इधर राजेश अपनी बाइक को तेज गति से एयर पोर्ट की ओर दौड़ा दिया।
कुछ देर में ही वह एयर पोर्ट पहूंच गया था।
वह एयर पोर्ट में पागलों की तरह निशा को ढूंढने लगा।
कुछ देर में ही निशा सुजाता और सीमा तीनो के बेंच पर बैठी हुईं दिखी।
राजेश तेज तेज सांस लेता huwa खडा होकर निशा की ओर देखने लगा।
शायद फ्लाइट थोडा लेट था तो वे वेट कर रहे थे।
सुजाता उन्हे छोड़ने आई थी।
सीमा की नजर राज पर पड़ी।
सीमा _निशा, राज आया है।
तीनो राज की ओर देखने लगें।
तभी एयर पोर्ट पर अलाउंस की लंदन वाली फ्लाइट कुछ देर में उड़ान भरने वाली है कृपया सभी यात्री प्लेन पर बैठ जाए।
सुजाता _बेटा, अब जाओ, तुम दोनो एक दूसरे का ख्याल रखना।
निशा और सीमा दोनो एयर लाइन एरिया की ओर चले गए।
राजेश उन्हे जाते हुए देखता रहा उसकी आंखो से आंसू बहने लगा।
सुजाता राजेश के पास आया।
सुजाता _राजेश तुम यहां क्यू आए हो, अब सब कुछ ख़त्म हो गया। निशा हमेशा के लिए लंदन जा रही है।
अच्छा होगा कि अब तुम भी उसे भुल जाओ और मुझे भी। यह बोलकर सुजाता रोती हुई वहा से चली गई।
राजेश का पैर लड़खड़ाने लगा,,,
वह बेंच पर बैठ कर वह उस ओर देखता रहा जहां से निशा गई, शायद वह वापस आ जाए।
पर वह नही आई।
उसकी फ्लाइट उड़ान भर चुकी थी।
फ्लाइट में निशा की आंखो में आंसू देख सीमा ने उसे कंधे का सहारा दिया।
इधर राजेश भारी कदमों के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकला। उसकी आत्मा यह गीत गा रहा था,,