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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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राजेश के द्वारा गीत गाने के बाद वहा मौजूद सभी लोगों के आंखो में आंसू भर गए,निशा फूट फूट कर रोने लगी। सीमा ने उसे ढाढस बंधाया।

इधर गीत गाने के बाद राजेश और उसके दोस्त डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। बाजू वाले टेबल पर सुजाता और रीता बैठी थी।
वेटर विस्की का ट्रे लेकर विस्की के लिए आवाज़ लगा रहा था। तभी राजेश ने वेटर से विस्की के लिए आवाज़ लगाया।
रीता और सुजाता चौकी। वह राऐश की ओर देखने लगे।
राजेश_भाई आज रिया की सगाई है। सभी दोस्तो के लिए विस्कि लगाओ।
भगत _भाई आप शराब मत पियो।
राजेश _क्यू, आज तो खुशी का पल है।वेटर सबके लिए पेग बनाओ।
राजेश ने एक पैग उठाया और चेस कहते हुए। शराब की दो तीन पैग पी लिया।
सुजाता और राजेश की गतिविधियों को देख रही थीं।

राजेश _ये दुनियां भी कितनी अजीब है। कौन कब बदल जाय कहा नही जा सकता। कल जो हमारे बाहों से लिपटी रहती थीं। आज उन्हे हमारी ओर देखना भी पसंद नही। राजेश ने एक पैग और पी लिया।

भगत _अब बस करो तीन पैग ले चूके हो।
राजेश _शाला ये कैसा शराब है नशा ही नहीं हो रहा। राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ में कहा।
एक और पैग बनाओ।
राजेश ने एक पैग पी लिया।
कुछ ही देर में राजेश का नशा चढ़ गया।
राजेश _भाई हम तो ठहरे आवारा भौरा कभी इस डाली तो कभी उस डाली मंडराने की हमारी फितरत है। कोई कली पसंद आ जाए तो हम उसका रस पी लेते है।
भगत तुम शरीफ लडकियों और और औरतों से कह दो मुझसे दूर रहें।
एक पैग और बनाओ re।
शाला शराब में नशा ही नही है,,
भगत _भाई, मै आपको ओर पीने नही दूंगा।
राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ से कहा।
कल तक बड़े बड़े कसमें खाते थे,,, और एक पल में ही कह देते है सब कुछ खतम,,,
राजेश ने एक और पैग पीने के लिए, प्याला उठाया।
सुजाता जो बाजू टेबल पर बैठी थी ।
उससे बर्दाश्त नही huwa और उठ कर आई गिलास प्याला राजेश की हाथो से छीनते हुवे बोली।
सुजाता _राजेश और कितना पियोगे। मै तुम्हे और पीने नही दुंगी। प्याला छीनकर फेक दिया।
सभी लोग राजेश और सुजाता की ओर देखने लगे।
आप कौन हैं मोहतरमा हमे रोकने वाली। हमारी मर्जी हमारा जितना मर्जी करेगा उतना पियेंगे।

राजेश की बात सुनकर सुजाता रोने लगी। वह आंसू पोछते हुवे वहा से भागी। रीता उसको आवाज़ देते हुए पीछे गईं ।

सुजाता के वहा से जाने के बाद राजेश अपने चेयर पर बैठ गया।
बिलकुल खामोश हो गया।
रिया वहा पहुंची।
रिया _राजेश तुम ठीक तो हो न।
तभी राजेश के आंखो में आंसू देख कर। वह राजेश की अपने सीने से लगा लिया
। राजेश तुम रो रहे हों।
राजेश सब ठीक हो जाएगा।
रिया _भगत तुम राजेश को घर छोड़ आओ।
भगत राजेश को लेकर उसके घर छोड़ने चला गया।
भगत बेल दरवाज़े का बजाया।

सुनीता ने दरवाजा खोली।
सुनीता _क्या huwa मेरे बेटे को
भगत,_कुछ नही मां जी। राजेश भाई ने थोडा विस्की पी लिया है।
भगत ने राजेश को उसके कमरे तक पहुंचाया ।

उसे बेड पर लिटा दिया।
भगत _अच्छा मां जी अब मै चलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश को होश नहीं था। वह अपने आंखे खोला सामने अपनी मां को पाया।

इधर स्वीटी भी कमरे में आ चुकी थी।
स्वीटी _मां, भाई को क्या हुआ है।
राजेश _आईएम सॉरी मां, मैंने शराब पी।
सुनीता रोने लगी।

राजेश _मां तुम रो रही हो।
सुनीता _अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर कौन मां नही रोएगी ।
राजेश _आई एम सॉरी मां गलती हो गई अब मैं कभी शराब नही पियूंगा।
स्वीटी राजेश की मोजे जूते उतारने लगी। उसकेशर्ट पेंट उतार दिया।
सुनीता _बेटा तुम आराम करो। तुम होश में नहीं हो।
सुनीता ने राजेश को चादर उड़ा दिया।
सुनीता _स्वीटी बेटा तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो।
स्वीटी _ठीक है मां।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई।


सुनीता , राजेश को कुछ देर सुलाने की कोशिश की फिर अपने कमरे में चली गई।

इधर स्वीटी कुछ देर बाद राजेश के कमरे मे पहुंची।
वह नाईटी में थी।
राजेश सोया huwa था।
स्वीटी _भाई मै तुम्हे निशा की कभी कमी महसूस नही होने दुंगी।
वह नाईटी उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
और राजेश की अंडरवियर निकाल दिया।
उसके land को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने आंखे खोला।
सामने स्वीटी को थी। वह अभी भी नसे में था। उसने स्वीटी को निर्वस्त्र पाया।

राजेश _स्वीटी, तुम ये ये क्या कर रही हो, जाओ यहां से।
स्वीटी _नही भईया मै निशा की याद तुम्हारे दिल से निकाल दुंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश नसे में था ज्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं था।
राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो जाओ अपने कमरे मे।
स्वीटी _नही भईया, मै तुम्हारे दिल से निशा को निकाल के रहूंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को चूसती रही उसके अंडकोष को सहलाती रही।
स्वीटी की हरकतों से राजेश का land खड़ा हो गया।
स्वीटी राजेश के land को पकड़ कर अपने chut पर सेट की और उस पर बैठ गई।
फिर उसके ऊपर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश नसे में था वह ज्यादा विरोध नही कर सका।
स्वीटी की हरकतों से राजेश भी उत्तेजित हो गया।

राजेश का land स्वीटी की बुर में अंदर बाहर होने लगा
धीरे धीरे राजेश के ऊपर भी काम वासना हावी होने लगा। वह स्वीटी की कमर को अपने दोनो हाथो से थाम लिया।
इधर स्वीति कामुक सिसकारी, निकालने लगी।
आह उह आह,,,
स्वीटी राजेश के ऊपर झुक कर अपनी चूंची राजेश के मुंह में भर दी।
कहते हैं कि काम सुख के आगे व्यक्ति अपना सारा गम कुछ पलो के लिए भुल जाता है ।
राजेश भी अब काम के वशीभूत हो गया।
वह स्वीटी की क़मर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर land को स्वीटी की बुर की गहराइयों में उतारने की कोशिश करने लगा।
दोनो काम के परम आनंद को प्राप्त करने लगें।
कमरे में स्वीटी की कामुक सिसकारी गूंज रही थी। दोनो स्वर्ग की सैर कर रहें थे।

इधर सुजाता की आंखो में नींद नहीं थी।
कुछ देर बाद वह अपने कमरे से यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही।
जब वह राजेश के कमरे के पास पहुंची तो उसके कमरे से सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी। वह वही जम गई और धीरे से दरवाजा धकेली ।
दरवाजा थोडा खुला। सामने का दृश्य देखकर उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
वह उस दृश्य को ज्यादा देर तक नहीं देख सकी। वहा से हाल में आकार रोने लगी।
उसने सोचा नहीं था कि राजेश और स्वीटी के बीच ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगीं।
उसेउन दोनो पर बहुत गुस्सा आया पर राजेश की हालात को देखकर वह दोनो को रोक नहीं पाया।
इधर स्वीटी राजेश के ऊपर तब तक उछल उछल कर चुदती रही जब तक राजेश झड़ नही गया। इधर सुनीता अपने कमरे मे आकार लेट गई।
वह रात भर सो न सकी।
वहसोचती रही हे भगवान ये कैसा अनर्थ हो गया। राजेश बेटा ये तुमने क्या किया? अपनी कुंवारी बहन की सील तोड़ दी।
स्वीटी की शादी के बाद सुहागरात के दिन दूल्हे को जब पता चलेगा की स्वीटी की सील टूट चुकी है और chudai की आदी हैं। पता नही वह स्वीटी के साथ कैसा बरताव करेगा। वह बहुन्त चिंतित हो गई।

और अंत में एक फैसले पर पहुंची।
सुबह होते ही वह अपने फैसले से अपनी पति को अवगत कराई।
सुनीता _सुनो जी मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
शेखर _यार इतनी सुबह।
सोने दो, न।
सुनीता _तुमको तो घर परिवार की कोई चिन्ता ही नहीं ।
शेखर _बोलो क्या बात है?
सुनीता _राजेश अपनी आई ए एस की तैयारी ई पर फोकस नही कर पा रहा है। मुझे लगता है कि राजेश को दिल्ली के किसी कोचिंग सेन्टर में एडिमिसन लें लेना चाहिए। वह यहां रहेगा तो। उनकी पुरानी यादें,जीने नही दे। कल रात तो उसने शराब पीकर घर आया था।
तुम राजेश से आज बोल देना कि आई ए एस की तैयारी के लिए तुम दिल्ली जाकर वहां कोई अच्छे कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर लो।
शेखर _ठीक है, मै आज राजेश से इस बारे में बात करूंगा।

सुबह जब सभी डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे तब शेखर ने कहा
शेखर _बेटा, तुम्हारी मां चाह रही है कि तुम दिल्ली जाकर कोई अच्छी सी कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर आई ए एस की तैयारी करो। तुम्हारी मां का कहना है कि तुम यहां ठीक से तैयारी नही कर पा रहे हों।
राजेश ने अपनी मां की ओर देखा।
राजेश _पापा, मुझे कोचिंग की आवश्यकता नहीं है मुझे विश्वास है कि मैं आई ए एस की परिक्षा निकाल लूंगा।
सुनीता _नही, तुम दिल्ली जाओगे, यह मेरा अंतिम फैसला है।
राजेश _पर मां मै वहा अकेला आप लोगो के बिना कैसे रह पाऊंगा?
सुनीता _अब तुम छोटे बच्चे नही हो जो हर काम के लिए मां बाप की मदद की जरूरत पड़े। यहां रह कर तुम बिगड़ते जा रहें हो। लडकियों के चक्कर में अपना कैरियर पर ध्यान नहीं दे पा रहे।

राजेश _मां दिल्ली तो बहुत भीड़ भाड़ वाली जगह है। वहा का वातावरण प्रदूषित है। वहा सांस लेना भी मुस्किल है।
सुनीता _कुछ बनने के लिए कुछ त्याग तो करना ही पड़ता है। सब कुछ तुम्हारे हिसाब से तो नही हो सकता।
तुम यहां नही रहोगे यह मेरा अंतिम फैसला है।

स्वीटी _मां भईया, जब नही जाना चाहते तो उसे क्यू जबरदस्ती भेज रहे हो।
सुनीता _तू चुप कर अच्छे बुरे की तुम्हे कोई समझ है। मेरे लाड प्यार ने तुम दोनो को बहुत बिगाड़ दिया है।
राजेश _पापा, मां का यही अंतिम फैसला है कि मैं यहां न रहूं। तो ठीक है मैं गांव चला जाता हूं वहा के एकांत वातावरण में मै आई ए एस की तैयारी भी कर लूंगा। वैसे मुझे अपने ताऊ और चाचा जी से मिलना है। मैने कितनी बार आप लोगो से कहा की गांव चलते है। आप लोग न खुद जाते हो न हमें जाने देते हो।
शेखर_बेटा गांव में कोई सुविधा नहीं वह बहुत पिछड़ा क्षेत्र है।वहा तुमअभावमें कैसे रह पाओगे।
राजेश _वहा रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे आखिर वे भी तो हमारी तरह इंसान है न।
शेखर_बेटा, तुम अपनी मां से पूछ लो अगर वह अनुमति देती है तो,,,
राजेश _नही पापा जब मां मुझे यहां नही रहने देना चाहती है तो मैं गांव ही जाऊंगा।
और कहीं नहीं ।
मुझे आप लोग कलेक्टर बना देखना चाहते हैं न, मै वही, रहकर आप लोगो का सपना पूरा कर दिखाऊंगा।
राजेश डाइनिंग टेबल से उठ कर अपने कमरे मे चला गया।
कुछ देर बाद शेखर अपना ऑफिस चला गया।
शेखर के ऑफिस चले जाने के बाद स्वीटी कीचन में गई। जहां सुनीता काम कर रही थी।
स्वीटी _मां मै जानती हूं कि भईया को आप यहां क्यू नही रहने देना चाहते।
सुनीता _तुम क्या जानती हो?
स्वीटी _कल रात तुम भाई के कमरे में आए थे मैने आपको देख लिया था।
सुनीता _तुम्हे शर्म नही आई, अपनी भाई के साथ सोने में। तुम्हे अपनी भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं। अपना सील अपने भाई से ही तुड़वा डाली।
स्वीटी _यही बात मै आपसे कहूं तो आपको शर्म नही आती भईया से अपनी जिश्म की भूख मिटाती हो।
सुनीता _क्या बकवास कर रही है तू?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है तुम्हे भईया से चुदाते हुवे।
सुनीता ने एक जोर का थप्पड़ स्वीटी के गालों पर मारा,,,
सुनीता _चुप कर बेहया, अपनी मां से ऐसी बातें करती है।
स्वीटी _क्यू क्या मै झूठ बोल रही हूं?
क्या ये सच नहीं है की तुम भईया से चुदती हो।
सुनीता _अब चुप कर बेशरम और कितना जलील करेगी मुझे।
सुनीता फफक फफक कर रोने लगी।
स्वीटी _मां मै ये सब तुमसे नही कहना चाहती थी पर भईया को यहां से जाने को कह कर मुझे सब बोलने पर मजबूर कर दी आपने।
सुनीता _*ये सब मै तुम्हारे दोनो की भलाई के लिए रही हूं बेटा ।
राजेश यहां रहेगा तो तुम्हारा जीवन भी खराब हो जायेगा।
मै तुम दोनो की जिंदगी खराब होते नही देख सकती। राजेश का यहां से जाने में ही हमारी भलाई है।

राजेश दरवाज़े पर खड़ा सब सून रहा था।
सुनीता और स्वीटी की नजर उस पर पड़ी तो दोनो सकते मेंआ गए ।
राजेश वहा से चला गया।
नदी किनारे जा कर किसी विचार में डूब गया।

इधर निशा ने राजेश की कल रात की घटना से आहत होकर उसने व्हाट्सएप मेसेज किया,,,

तुम मुझे भुल जाओ राज।अब मै कभी वापस नहीं आउंगी। अच्छा होगा तुम जिंदगी की नई शुरुवात करो। आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां के सपने पूरा करो। इसमें मुझे भी खुशी होगी। अब मुझे याद न करना राज। मै तुम्हे भूलने की कोशिश कर रही हूं। तुम भी मुझे भुल जाओ।

राजेश ने यह मेसेज पड़ा।
आज का दिन उसके जीवनमें भूचाललेके आया था।
वह सीधा आश्रम चला गया।

सेविकाओं ने बाबा चर्मानंद को बताया की राजेश आया है।
बाबा ने सेविकाओं को राजेश को अंदर भेजने को कहा।
राजेश बाबा के कमरे में गया।
बाबा साधना में बैठे थे।
बाबा _आओ राजेश बैठो।
राजेश ने बाबा का चरण छूकर प्रणाम किया।
बाबा _जीता रह बेटा। सदा सुखी रहो। हमेशा कामयाब रहो।
राजेश बाबा के सामने बैठ गया।
बाबा _बेटा तुमबहुत उदास लग रहे हो । मुझे तुम्हारे आंखो में कई सवाल तैरते नजर आ रहे हैं।
बोलो राजेश क्या बात है?
राजेश _आपने एक दिन मुझे कहा था कि मुझे सभी ठुकरा देंगे। मेरी प्रेमिका मेरी मां, आज वहसच होगया बाबा । आज मै अपने आप को बहुंत अकेला महसूस कर रहा हूं ।
बाबा _बेटा, दुखी मत हो। जो होता है अच्छे के लिए होता है।
और जो आगे होगा वह अच्छा ही होगा।
अब तुम्हारी जिंदगी की नई शुरुवात होगी बेटा।
तुम अपने को कभी अकेला मत समझना। क्यो की जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।
तुम्हारे जिंदगी में अभी कई घटनाएं घटेगी। तुम बस एक योद्धा की तरह लड़ते रहना बेटा। ईश्वर सदा तुम्हारी मदद करेगा।
अब जाओ राजेश, तुम्हारे घर वाले चिंतित होंगे।
राजेश बाबा जी का आशीर्वाद लेकर चला गया।
राजेश ने भगत को फोन कर बता दिया की वह अपने पिता जी का गांव जा रहा है। अब कुछ समय वही रहेगा।
भगत को रेल टिकट बुक कराने कह दिया।
भगत _भाई ये अचानक से गांव जाने का फैसला।
राजेश _हां भगत सब, जिंदगी में सब अचानक ही होता है।
राजेश ने घर पहुंच कर अपनी मां को बता दिया की आज शाम को ही वह निकल जायेगा।
कल सुबह की ट्रेन है।
दोस्त लोग आज रात अपने साथ बिताने को कह रहे हैं।
राजेश अपना सामान पैक करने लगा।
स्वीटी _भईया, आप मत जाओ, मै आपके बिना नहीं रह पाऊंगी। मै भी आपके साथ जाऊंगी।
राजेश _नही स्वीटी, तुम यहीं रहोगी । मै जानता हू मां ने अपने दिल में पत्थर रख कर यह फ़ैसला लिया है। मेरे जाने के बाद पता नही मां और पापा पर क्या बीतेगी। तुम्हे उन दोनो का ख्याल रखना है।
मुझे कसम दो मेरी बहना।
तुम हमेशा मां और पापा का कहना मानेगी और उनका ख्याल रखेगी।
मुझे कसम दो,,,

स्वीटी _भईया, मै कसम देती हूं। मै हमेशा उन दोनो को खुश रखने की कोशिश करुंगी।
राजेश _मुझे तुमसे यही उम्मीद है छूटकी।
स्वीटी राजेश को गले से लगा लिया। और रोने लगी।
स्वीटी _भाई अपना ख्याल रखना।
राजेश अपना सामान लेकर घर से जाने लगा।
कीचन पर जाकर,,
राजेश _मै जा रहा हूं मां, अपना ख्याल रखना,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर इजाजत लिया,,
सुनीता _रोते हुवे बोली, मुझे माफ करना बेटा मै मजबूर हूं।
भगवान तुम्हारी सदा रक्षा करे बेटा।
कल सुबह की ट्रेन है पापा से कहना स्टेशन पर मिले।

राजेश वहा से चला गया। भगत उसे लेने आया वह उसके कार से उसके घर चला गया।

सभी दोस्त राजेश से मिले रात में किसी होटल में खाने के लिए चले गए।
एक दोस्त ने कहा यार अब राजेश भाई से पता नही कब मुलाकात होगा। चलो एक एक पैग हो जाए।
विस्की का आर्डर किया और दो दो पैग पीने लगे।
रात में आज का मौसम कुछ खराब था।
बाहर बारिश होने लगी।
होटल में खाने के बाद कुछ देर और समय बिताने के बाद। सभी दोस्त एक एक कर के अपने अपने घर चलें गए।
आखरी में राजेश और भगत भी कार से अपने निवास स्थान की ओर निकलने के लिए अपने कार के पास पहुंचे ही थे की उन्हे कुछ लोग होटल के बाहर बारिश में नाचते गाते दिखे।
राजेश को बडा अच्छा लगा और वह भी उसमे शामिल हो गया।









 

Shubhamkumar23942

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राजेश के द्वारा गीत गाने के बाद वहा मौजूद सभी लोगों के आंखो में आंसू भर गए,निशा फूट फूट कर रोने लगी। सीमा ने उसे ढाढस बंधाया।

इधर गीत गाने के बाद राजेश और उसके दोस्त डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। बाजू वाले टेबल पर सुजाता और रीता बैठी थी।
वेटर विस्की का ट्रे लेकर विस्की के लिए आवाज़ लगा रहा था। तभी राजेश ने वेटर से विस्की के लिए आवाज़ लगाया।
रीता और सुजाता चौकी। वह राऐश की ओर देखने लगे।
राजेश_भाई आज रिया की सगाई है। सभी दोस्तो के लिए विस्कि लगाओ।
भगत _भाई आप शराब मत पियो।
राजेश _क्यू, आज तो खुशी का पल है।वेटर सबके लिए पेग बनाओ।
राजेश ने एक पैग उठाया और चेस कहते हुए। शराब की दो तीन पैग पी लिया।
सुजाता और राजेश की गतिविधियों को देख रही थीं।

राजेश _ये दुनियां भी कितनी अजीब है। कौन कब बदल जाय कहा नही जा सकता। कल जो हमारे बाहों से लिपटी रहती थीं। आज उन्हे हमारी ओर देखना भी पसंद नही। राजेश ने एक पैग और पी लिया।

भगत _अब बस करो तीन पैग ले चूके हो।
राजेश _शाला ये कैसा शराब है नशा ही नहीं हो रहा। राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ में कहा।
एक और पैग बनाओ।
राजेश ने एक पैग पी लिया।
कुछ ही देर में राजेश का नशा चढ़ गया।
राजेश _भाई हम तो ठहरे आवारा भौरा कभी इस डाली तो कभी उस डाली मंडराने की हमारी फितरत है। कोई कली पसंद आ जाए तो हम उसका रस पी लेते है।
भगत तुम शरीफ लडकियों और और औरतों से कह दो मुझसे दूर रहें।
एक पैग और बनाओ re।
शाला शराब में नशा ही नही है,,
भगत _भाई, मै आपको ओर पीने नही दूंगा।
राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ से कहा।
कल तक बड़े बड़े कसमें खाते थे,,, और एक पल में ही कह देते है सब कुछ खतम,,,
राजेश ने एक और पैग पीने के लिए, प्याला उठाया।
सुजाता जो बाजू टेबल पर बैठी थी ।
उससे बर्दाश्त नही huwa और उठ कर आई गिलास प्याला राजेश की हाथो से छीनते हुवे बोली।
सुजाता _राजेश और कितना पियोगे। मै तुम्हे और पीने नही दुंगी। प्याला छीनकर फेक दिया।
सभी लोग राजेश और सुजाता की ओर देखने लगे।
आप कौन हैं मोहतरमा हमे रोकने वाली। हमारी मर्जी हमारा जितना मर्जी करेगा उतना पियेंगे।

राजेश की बात सुनकर सुजाता रोने लगी। वह आंसू पोछते हुवे वहा से भागी। रीता उसको आवाज़ देते हुए पीछे गईं ।

सुजाता के वहा से जाने के बाद राजेश अपने चेयर पर बैठ गया।
बिलकुल खामोश हो गया।
रिया वहा पहुंची।
रिया _राजेश तुम ठीक तो हो न।
तभी राजेश के आंखो में आंसू देख कर। वह राजेश की अपने सीने से लगा लिया
। राजेश तुम रो रहे हों।
राजेश सब ठीक हो जाएगा।
रिया _भगत तुम राजेश को घर छोड़ आओ।
भगत राजेश को लेकर उसके घर छोड़ने चला गया।
भगत बेल दरवाज़े का बजाया।

सुनीता ने दरवाजा खोली।
सुनीता _क्या huwa मेरे बेटे को
भगत,_कुछ नही मां जी। राजेश भाई ने थोडा विस्की पी लिया है।
भगत ने राजेश को उसके कमरे तक पहुंचाया ।

उसे बेड पर लिटा दिया।
भगत _अच्छा मां जी अब मै चलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश को होश नहीं था। वह अपने आंखे खोला सामने अपनी मां को पाया।

इधर स्वीटी भी कमरे में आ चुकी थी।
स्वीटी _मां, भाई को क्या हुआ है।
राजेश _आईएम सॉरी मां, मैंने शराब पी।
सुनीता रोने लगी।

राजेश _मां तुम रो रही हो।
सुनीता _अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर कौन मां नही रोएगी ।
राजेश _आई एम सॉरी मां गलती हो गई अब मैं कभी शराब नही पियूंगा।
स्वीटी राजेश की मोजे जूते उतारने लगी। उसकेशर्ट पेंट उतार दिया।
सुनीता _बेटा तुम आराम करो। तुम होश में नहीं हो।
सुनीता ने राजेश को चादर उड़ा दिया।
सुनीता _स्वीटी बेटा तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो।
स्वीटी _ठीक है मां।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई।


सुनीता , राजेश को कुछ देर सुलाने की कोशिश की फिर अपने कमरे में चली गई।

इधर स्वीटी कुछ देर बाद राजेश के कमरे मे पहुंची।
वह नाईटी में थी।
राजेश सोया huwa था।
स्वीटी _भाई मै तुम्हे निशा की कभी कमी महसूस नही होने दुंगी।
वह नाईटी उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
और राजेश की अंडरवियर निकाल दिया।
उसके land को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने आंखे खोला।
सामने स्वीटी को थी। वह अभी भी नसे में था। उसने स्वीटी को निर्वस्त्र पाया।

राजेश _स्वीटी, तुम ये ये क्या कर रही हो, जाओ यहां से।
स्वीटी _नही भईया मै निशा की याद तुम्हारे दिल से निकाल दुंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश नसे में था ज्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं था।
राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो जाओ अपने कमरे मे।
स्वीटी _नही भईया, मै तुम्हारे दिल से निशा को निकाल के रहूंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को चूसती रही उसके अंडकोष को सहलाती रही।
स्वीटी की हरकतों से राजेश का land खड़ा हो गया।
स्वीटी राजेश के land को पकड़ कर अपने chut पर सेट की और उस पर बैठ गई।
फिर उसके ऊपर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश नसे में था वह ज्यादा विरोध नही कर सका।
स्वीटी की हरकतों से राजेश भी उत्तेजित हो गया।

राजेश का land स्वीटी की बुर में अंदर बाहर होने लगा
धीरे धीरे राजेश के ऊपर भी काम वासना हावी होने लगा। वह स्वीटी की कमर को अपने दोनो हाथो से थाम लिया।
इधर स्वीति कामुक सिसकारी, निकालने लगी।
आह उह आह,,,
स्वीटी राजेश के ऊपर झुक कर अपनी चूंची राजेश के मुंह में भर दी।
कहते हैं कि काम सुख के आगे व्यक्ति अपना सारा गम कुछ पलो के लिए भुल जाता है ।
राजेश भी अब काम के वशीभूत हो गया।
वह स्वीटी की क़मर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर land को स्वीटी की बुर की गहराइयों में उतारने की कोशिश करने लगा।
दोनो काम के परम आनंद को प्राप्त करने लगें।
कमरे में स्वीटी की कामुक सिसकारी गूंज रही थी। दोनो स्वर्ग की सैर कर रहें थे।

इधर सुजाता की आंखो में नींद नहीं थी।
कुछ देर बाद वह अपने कमरे से यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही।
जब वह राजेश के कमरे के पास पहुंची तो उसके कमरे से सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी। वह वही जम गई और धीरे से दरवाजा धकेली ।
दरवाजा थोडा खुला। सामने का दृश्य देखकर उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
वह उस दृश्य को ज्यादा देर तक नहीं देख सकी। वहा से हाल में आकार रोने लगी।
उसने सोचा नहीं था कि राजेश और स्वीटी के बीच ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगीं।
उसेउन दोनो पर बहुत गुस्सा आया पर राजेश की हालात को देखकर वह दोनो को रोक नहीं पाया।
इधर स्वीटी राजेश के ऊपर तब तक उछल उछल कर चुदती रही जब तक राजेश झड़ नही गया। इधर सुनीता अपने कमरे मे आकार लेट गई।
वह रात भर सो न सकी।
वहसोचती रही हे भगवान ये कैसा अनर्थ हो गया। राजेश बेटा ये तुमने क्या किया? अपनी कुंवारी बहन की सील तोड़ दी।
स्वीटी की शादी के बाद सुहागरात के दिन दूल्हे को जब पता चलेगा की स्वीटी की सील टूट चुकी है और chudai की आदी हैं। पता नही वह स्वीटी के साथ कैसा बरताव करेगा। वह बहुन्त चिंतित हो गई।

और अंत में एक फैसले पर पहुंची।
सुबह होते ही वह अपने फैसले से अपनी पति को अवगत कराई।
सुनीता _सुनो जी मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
शेखर _यार इतनी सुबह।
सोने दो, न।
सुनीता _तुमको तो घर परिवार की कोई चिन्ता ही नहीं ।
शेखर _बोलो क्या बात है?
सुनीता _राजेश अपनी आई ए एस की तैयारी ई पर फोकस नही कर पा रहा है। मुझे लगता है कि राजेश को दिल्ली के किसी कोचिंग सेन्टर में एडिमिसन लें लेना चाहिए। वह यहां रहेगा तो। उनकी पुरानी यादें,जीने नही दे। कल रात तो उसने शराब पीकर घर आया था।
तुम राजेश से आज बोल देना कि आई ए एस की तैयारी के लिए तुम दिल्ली जाकर वहां कोई अच्छे कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर लो।
शेखर _ठीक है, मै आज राजेश से इस बारे में बात करूंगा।

सुबह जब सभी डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे तब शेखर ने कहा
शेखर _बेटा, तुम्हारी मां चाह रही है कि तुम दिल्ली जाकर कोई अच्छी सी कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर आई ए एस की तैयारी करो। तुम्हारी मां का कहना है कि तुम यहां ठीक से तैयारी नही कर पा रहे हों।
राजेश ने अपनी मां की ओर देखा।
राजेश _पापा, मुझे कोचिंग की आवश्यकता नहीं है मुझे विश्वास है कि मैं आई ए एस की परिक्षा निकाल लूंगा।
सुनीता _नही, तुम दिल्ली जाओगे, यह मेरा अंतिम फैसला है।
राजेश _पर मां मै वहा अकेला आप लोगो के बिना कैसे रह पाऊंगा?
सुनीता _अब तुम छोटे बच्चे नही हो जो हर काम के लिए मां बाप की मदद की जरूरत पड़े। यहां रह कर तुम बिगड़ते जा रहें हो। लडकियों के चक्कर में अपना कैरियर पर ध्यान नहीं दे पा रहे।

राजेश _मां दिल्ली तो बहुत भीड़ भाड़ वाली जगह है। वहा का वातावरण प्रदूषित है। वहा सांस लेना भी मुस्किल है।
सुनीता _कुछ बनने के लिए कुछ त्याग तो करना ही पड़ता है। सब कुछ तुम्हारे हिसाब से तो नही हो सकता।
तुम यहां नही रहोगे यह मेरा अंतिम फैसला है।

स्वीटी _मां भईया, जब नही जाना चाहते तो उसे क्यू जबरदस्ती भेज रहे हो।
सुनीता _तू चुप कर अच्छे बुरे की तुम्हे कोई समझ है। मेरे लाड प्यार ने तुम दोनो को बहुत बिगाड़ दिया है।
राजेश _पापा, मां का यही अंतिम फैसला है कि मैं यहां न रहूं। तो ठीक है मैं गांव चला जाता हूं वहा के एकांत वातावरण में मै आई ए एस की तैयारी भी कर लूंगा। वैसे मुझे अपने ताऊ और चाचा जी से मिलना है। मैने कितनी बार आप लोगो से कहा की गांव चलते है। आप लोग न खुद जाते हो न हमें जाने देते हो।
शेखर_बेटा गांव में कोई सुविधा नहीं वह बहुत पिछड़ा क्षेत्र है।वहा तुमअभावमें कैसे रह पाओगे।
राजेश _वहा रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे आखिर वे भी तो हमारी तरह इंसान है न।
शेखर_बेटा, तुम अपनी मां से पूछ लो अगर वह अनुमति देती है तो,,,
राजेश _नही पापा जब मां मुझे यहां नही रहने देना चाहती है तो मैं गांव ही जाऊंगा।
और कहीं नहीं ।
मुझे आप लोग कलेक्टर बना देखना चाहते हैं न, मै वही, रहकर आप लोगो का सपना पूरा कर दिखाऊंगा।
राजेश डाइनिंग टेबल से उठ कर अपने कमरे मे चला गया।
कुछ देर बाद शेखर अपना ऑफिस चला गया।
शेखर के ऑफिस चले जाने के बाद स्वीटी कीचन में गई। जहां सुनीता काम कर रही थी।
स्वीटी _मां मै जानती हूं कि भईया को आप यहां क्यू नही रहने देना चाहते।
सुनीता _तुम क्या जानती हो?
स्वीटी _कल रात तुम भाई के कमरे में आए थे मैने आपको देख लिया था।
सुनीता _तुम्हे शर्म नही आई, अपनी भाई के साथ सोने में। तुम्हे अपनी भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं। अपना सील अपने भाई से ही तुड़वा डाली।
स्वीटी _यही बात मै आपसे कहूं तो आपको शर्म नही आती भईया से अपनी जिश्म की भूख मिटाती हो।
सुनीता _क्या बकवास कर रही है तू?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है तुम्हे भईया से चुदाते हुवे।
सुनीता ने एक जोर का थप्पड़ स्वीटी के गालों पर मारा,,,
सुनीता _चुप कर बेहया, अपनी मां से ऐसी बातें करती है।
स्वीटी _क्यू क्या मै झूठ बोल रही हूं?
क्या ये सच नहीं है की तुम भईया से चुदती हो।
सुनीता _अब चुप कर बेशरम और कितना जलील करेगी मुझे।
सुनीता फफक फफक कर रोने लगी।
स्वीटी _मां मै ये सब तुमसे नही कहना चाहती थी पर भईया को यहां से जाने को कह कर मुझे सब बोलने पर मजबूर कर दी आपने।
सुनीता _*ये सब मै तुम्हारे दोनो की भलाई के लिए रही हूं बेटा ।
राजेश यहां रहेगा तो तुम्हारा जीवन भी खराब हो जायेगा।
मै तुम दोनो की जिंदगी खराब होते नही देख सकती। राजेश का यहां से जाने में ही हमारी भलाई है।

राजेश दरवाज़े पर खड़ा सब सून रहा था।
सुनीता और स्वीटी की नजर उस पर पड़ी तो दोनो सकते मेंआ गए ।
राजेश वहा से चला गया।
नदी किनारे जा कर किसी विचार में डूब गया।

इधर निशा ने राजेश की कल रात की घटना से आहत होकर उसने व्हाट्सएप मेसेज किया,,,

तुम मुझे भुल जाओ राज।अब मै कभी वापस नहीं आउंगी। अच्छा होगा तुम जिंदगी की नई शुरुवात करो। आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां के सपने पूरा करो। इसमें मुझे भी खुशी होगी। अब मुझे याद न करना राज। मै तुम्हे भूलने की कोशिश कर रही हूं। तुम भी मुझे भुल जाओ।

राजेश ने यह मेसेज पड़ा।
आज का दिन उसके जीवनमें भूचाललेके आया था।
वह सीधा आश्रम चला गया।

सेविकाओं ने बाबा चर्मानंद को बताया की राजेश आया है।
बाबा ने सेविकाओं को राजेश को अंदर भेजने को कहा।
राजेश बाबा के कमरे में गया।
बाबा साधना में बैठे थे।
बाबा _आओ राजेश बैठो।
राजेश ने बाबा का चरण छूकर प्रणाम किया।
बाबा _जीता रह बेटा। सदा सुखी रहो। हमेशा कामयाब रहो।
राजेश बाबा के सामने बैठ गया।
बाबा _बेटा तुमबहुत उदास लग रहे हो । मुझे तुम्हारे आंखो में कई सवाल तैरते नजर आ रहे हैं।
बोलो राजेश क्या बात है?
राजेश _आपने एक दिन मुझे कहा था कि मुझे सभी ठुकरा देंगे। मेरी प्रेमिका मेरी मां, आज वहसच होगया बाबा । आज मै अपने आप को बहुंत अकेला महसूस कर रहा हूं ।
बाबा _बेटा, दुखी मत हो। जो होता है अच्छे के लिए होता है।
और जो आगे होगा वह अच्छा ही होगा।
अब तुम्हारी जिंदगी की नई शुरुवात होगी बेटा।
तुम अपने को कभी अकेला मत समझना। क्यो की जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।
तुम्हारे जिंदगी में अभी कई घटनाएं घटेगी। तुम बस एक योद्धा की तरह लड़ते रहना बेटा। ईश्वर सदा तुम्हारी मदद करेगा।
अब जाओ राजेश, तुम्हारे घर वाले चिंतित होंगे।
राजेश बाबा जी का आशीर्वाद लेकर चला गया।
राजेश ने भगत को फोन कर बता दिया की वह अपने पिता जी का गांव जा रहा है। अब कुछ समय वही रहेगा।
भगत को रेल टिकट बुक कराने कह दिया।
भगत _भाई ये अचानक से गांव जाने का फैसला।
राजेश _हां भगत सब, जिंदगी में सब अचानक ही होता है।
राजेश ने घर पहुंच कर अपनी मां को बता दिया की आज शाम को ही वह निकल जायेगा।
कल सुबह की ट्रेन है।
दोस्त लोग आज रात अपने साथ बिताने को कह रहे हैं।
राजेश अपना सामान पैक करने लगा।
स्वीटी _भईया, आप मत जाओ, मै आपके बिना नहीं रह पाऊंगी। मै भी आपके साथ जाऊंगी।
राजेश _नही स्वीटी, तुम यहीं रहोगी । मै जानता हू मां ने अपने दिल में पत्थर रख कर यह फ़ैसला लिया है। मेरे जाने के बाद पता नही मां और पापा पर क्या बीतेगी। तुम्हे उन दोनो का ख्याल रखना है।
मुझे कसम दो मेरी बहना।
तुम हमेशा मां और पापा का कहना मानेगी और उनका ख्याल रखेगी।
मुझे कसम दो,,,

स्वीटी _भईया, मै कसम देती हूं। मै हमेशा उन दोनो को खुश रखने की कोशिश करुंगी।
राजेश _मुझे तुमसे यही उम्मीद है छूटकी।
स्वीटी राजेश को गले से लगा लिया। और रोने लगी।
स्वीटी _भाई अपना ख्याल रखना।
राजेश अपना सामान लेकर घर से जाने लगा।
कीचन पर जाकर,,
राजेश _मै जा रहा हूं मां, अपना ख्याल रखना,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर इजाजत लिया,,
सुनीता _रोते हुवे बोली, मुझे माफ करना बेटा मै मजबूर हूं।
भगवान तुम्हारी सदा रक्षा करे बेटा।
कल सुबह की ट्रेन है पापा से कहना स्टेशन पर मिले।

राजेश वहा से चला गया। भगत उसे लेने आया वह उसके कार से उसके घर चला गया।

सभी दोस्त राजेश से मिले रात में किसी होटल में खाने के लिए चले गए।
एक दोस्त ने कहा यार अब राजेश भाई से पता नही कब मुलाकात होगा। चलो एक एक पैग हो जाए।
विस्की का आर्डर किया और दो दो पैग पीने लगे।
रात में आज का मौसम कुछ खराब था।
बाहर बारिश होने लगी।
होटल में खाने के बाद कुछ देर और समय बिताने के बाद। सभी दोस्त एक एक कर के अपने अपने घर चलें गए।
आखरी में राजेश और भगत भी कार से अपने निवास स्थान की ओर निकलने के लिए अपने कार के पास पहुंचे ही थे की उन्हे कुछ लोग होटल के बाहर बारिश में नाचते गाते दिखे।
राजेश को बडा अच्छा लगा और वह भी उसमे शामिल हो गया।

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राजेश के द्वारा गीत गाने के बाद वहा मौजूद सभी लोगों के आंखो में आंसू भर गए,निशा फूट फूट कर रोने लगी। सीमा ने उसे ढाढस बंधाया।

इधर गीत गाने के बाद राजेश और उसके दोस्त डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। बाजू वाले टेबल पर सुजाता और रीता बैठी थी।
वेटर विस्की का ट्रे लेकर विस्की के लिए आवाज़ लगा रहा था। तभी राजेश ने वेटर से विस्की के लिए आवाज़ लगाया।
रीता और सुजाता चौकी। वह राऐश की ओर देखने लगे।
राजेश_भाई आज रिया की सगाई है। सभी दोस्तो के लिए विस्कि लगाओ।
भगत _भाई आप शराब मत पियो।
राजेश _क्यू, आज तो खुशी का पल है।वेटर सबके लिए पेग बनाओ।
राजेश ने एक पैग उठाया और चेस कहते हुए। शराब की दो तीन पैग पी लिया।
सुजाता और राजेश की गतिविधियों को देख रही थीं।

राजेश _ये दुनियां भी कितनी अजीब है। कौन कब बदल जाय कहा नही जा सकता। कल जो हमारे बाहों से लिपटी रहती थीं। आज उन्हे हमारी ओर देखना भी पसंद नही। राजेश ने एक पैग और पी लिया।

भगत _अब बस करो तीन पैग ले चूके हो।
राजेश _शाला ये कैसा शराब है नशा ही नहीं हो रहा। राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ में कहा।
एक और पैग बनाओ।
राजेश ने एक पैग पी लिया।
कुछ ही देर में राजेश का नशा चढ़ गया।
राजेश _भाई हम तो ठहरे आवारा भौरा कभी इस डाली तो कभी उस डाली मंडराने की हमारी फितरत है। कोई कली पसंद आ जाए तो हम उसका रस पी लेते है।
भगत तुम शरीफ लडकियों और और औरतों से कह दो मुझसे दूर रहें।
एक पैग और बनाओ re।
शाला शराब में नशा ही नही है,,
भगत _भाई, मै आपको ओर पीने नही दूंगा।
राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ से कहा।
कल तक बड़े बड़े कसमें खाते थे,,, और एक पल में ही कह देते है सब कुछ खतम,,,
राजेश ने एक और पैग पीने के लिए, प्याला उठाया।
सुजाता जो बाजू टेबल पर बैठी थी ।
उससे बर्दाश्त नही huwa और उठ कर आई गिलास प्याला राजेश की हाथो से छीनते हुवे बोली।
सुजाता _राजेश और कितना पियोगे। मै तुम्हे और पीने नही दुंगी। प्याला छीनकर फेक दिया।
सभी लोग राजेश और सुजाता की ओर देखने लगे।
आप कौन हैं मोहतरमा हमे रोकने वाली। हमारी मर्जी हमारा जितना मर्जी करेगा उतना पियेंगे।

राजेश की बात सुनकर सुजाता रोने लगी। वह आंसू पोछते हुवे वहा से भागी। रीता उसको आवाज़ देते हुए पीछे गईं ।

सुजाता के वहा से जाने के बाद राजेश अपने चेयर पर बैठ गया।
बिलकुल खामोश हो गया।
रिया वहा पहुंची।
रिया _राजेश तुम ठीक तो हो न।
तभी राजेश के आंखो में आंसू देख कर। वह राजेश की अपने सीने से लगा लिया
। राजेश तुम रो रहे हों।
राजेश सब ठीक हो जाएगा।
रिया _भगत तुम राजेश को घर छोड़ आओ।
भगत राजेश को लेकर उसके घर छोड़ने चला गया।
भगत बेल दरवाज़े का बजाया।

सुनीता ने दरवाजा खोली।
सुनीता _क्या huwa मेरे बेटे को
भगत,_कुछ नही मां जी। राजेश भाई ने थोडा विस्की पी लिया है।
भगत ने राजेश को उसके कमरे तक पहुंचाया ।

उसे बेड पर लिटा दिया।
भगत _अच्छा मां जी अब मै चलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश को होश नहीं था। वह अपने आंखे खोला सामने अपनी मां को पाया।

इधर स्वीटी भी कमरे में आ चुकी थी।
स्वीटी _मां, भाई को क्या हुआ है।
राजेश _आईएम सॉरी मां, मैंने शराब पी।
सुनीता रोने लगी।

राजेश _मां तुम रो रही हो।
सुनीता _अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर कौन मां नही रोएगी ।
राजेश _आई एम सॉरी मां गलती हो गई अब मैं कभी शराब नही पियूंगा।
स्वीटी राजेश की मोजे जूते उतारने लगी। उसकेशर्ट पेंट उतार दिया।
सुनीता _बेटा तुम आराम करो। तुम होश में नहीं हो।
सुनीता ने राजेश को चादर उड़ा दिया।
सुनीता _स्वीटी बेटा तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो।
स्वीटी _ठीक है मां।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई।


सुनीता , राजेश को कुछ देर सुलाने की कोशिश की फिर अपने कमरे में चली गई।

इधर स्वीटी कुछ देर बाद राजेश के कमरे मे पहुंची।
वह नाईटी में थी।
राजेश सोया huwa था।
स्वीटी _भाई मै तुम्हे निशा की कभी कमी महसूस नही होने दुंगी।
वह नाईटी उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
और राजेश की अंडरवियर निकाल दिया।
उसके land को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने आंखे खोला।
सामने स्वीटी को थी। वह अभी भी नसे में था। उसने स्वीटी को निर्वस्त्र पाया।

राजेश _स्वीटी, तुम ये ये क्या कर रही हो, जाओ यहां से।
स्वीटी _नही भईया मै निशा की याद तुम्हारे दिल से निकाल दुंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश नसे में था ज्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं था।
राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो जाओ अपने कमरे मे।
स्वीटी _नही भईया, मै तुम्हारे दिल से निशा को निकाल के रहूंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को चूसती रही उसके अंडकोष को सहलाती रही।
स्वीटी की हरकतों से राजेश का land खड़ा हो गया।
स्वीटी राजेश के land को पकड़ कर अपने chut पर सेट की और उस पर बैठ गई।
फिर उसके ऊपर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश नसे में था वह ज्यादा विरोध नही कर सका।
स्वीटी की हरकतों से राजेश भी उत्तेजित हो गया।

राजेश का land स्वीटी की बुर में अंदर बाहर होने लगा
धीरे धीरे राजेश के ऊपर भी काम वासना हावी होने लगा। वह स्वीटी की कमर को अपने दोनो हाथो से थाम लिया।
इधर स्वीति कामुक सिसकारी, निकालने लगी।
आह उह आह,,,
स्वीटी राजेश के ऊपर झुक कर अपनी चूंची राजेश के मुंह में भर दी।
कहते हैं कि काम सुख के आगे व्यक्ति अपना सारा गम कुछ पलो के लिए भुल जाता है ।
राजेश भी अब काम के वशीभूत हो गया।
वह स्वीटी की क़मर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर land को स्वीटी की बुर की गहराइयों में उतारने की कोशिश करने लगा।
दोनो काम के परम आनंद को प्राप्त करने लगें।
कमरे में स्वीटी की कामुक सिसकारी गूंज रही थी। दोनो स्वर्ग की सैर कर रहें थे।

इधर सुजाता की आंखो में नींद नहीं थी।
कुछ देर बाद वह अपने कमरे से यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही।
जब वह राजेश के कमरे के पास पहुंची तो उसके कमरे से सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी। वह वही जम गई और धीरे से दरवाजा धकेली ।
दरवाजा थोडा खुला। सामने का दृश्य देखकर उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
वह उस दृश्य को ज्यादा देर तक नहीं देख सकी। वहा से हाल में आकार रोने लगी।
उसने सोचा नहीं था कि राजेश और स्वीटी के बीच ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगीं।
उसेउन दोनो पर बहुत गुस्सा आया पर राजेश की हालात को देखकर वह दोनो को रोक नहीं पाया।
इधर स्वीटी राजेश के ऊपर तब तक उछल उछल कर चुदती रही जब तक राजेश झड़ नही गया। इधर सुनीता अपने कमरे मे आकार लेट गई।
वह रात भर सो न सकी।
वहसोचती रही हे भगवान ये कैसा अनर्थ हो गया। राजेश बेटा ये तुमने क्या किया? अपनी कुंवारी बहन की सील तोड़ दी।
स्वीटी की शादी के बाद सुहागरात के दिन दूल्हे को जब पता चलेगा की स्वीटी की सील टूट चुकी है और chudai की आदी हैं। पता नही वह स्वीटी के साथ कैसा बरताव करेगा। वह बहुन्त चिंतित हो गई।

और अंत में एक फैसले पर पहुंची।
सुबह होते ही वह अपने फैसले से अपनी पति को अवगत कराई।
सुनीता _सुनो जी मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
शेखर _यार इतनी सुबह।
सोने दो, न।
सुनीता _तुमको तो घर परिवार की कोई चिन्ता ही नहीं ।
शेखर _बोलो क्या बात है?
सुनीता _राजेश अपनी आई ए एस की तैयारी ई पर फोकस नही कर पा रहा है। मुझे लगता है कि राजेश को दिल्ली के किसी कोचिंग सेन्टर में एडिमिसन लें लेना चाहिए। वह यहां रहेगा तो। उनकी पुरानी यादें,जीने नही दे। कल रात तो उसने शराब पीकर घर आया था।
तुम राजेश से आज बोल देना कि आई ए एस की तैयारी के लिए तुम दिल्ली जाकर वहां कोई अच्छे कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर लो।
शेखर _ठीक है, मै आज राजेश से इस बारे में बात करूंगा।

सुबह जब सभी डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे तब शेखर ने कहा
शेखर _बेटा, तुम्हारी मां चाह रही है कि तुम दिल्ली जाकर कोई अच्छी सी कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर आई ए एस की तैयारी करो। तुम्हारी मां का कहना है कि तुम यहां ठीक से तैयारी नही कर पा रहे हों।
राजेश ने अपनी मां की ओर देखा।
राजेश _पापा, मुझे कोचिंग की आवश्यकता नहीं है मुझे विश्वास है कि मैं आई ए एस की परिक्षा निकाल लूंगा।
सुनीता _नही, तुम दिल्ली जाओगे, यह मेरा अंतिम फैसला है।
राजेश _पर मां मै वहा अकेला आप लोगो के बिना कैसे रह पाऊंगा?
सुनीता _अब तुम छोटे बच्चे नही हो जो हर काम के लिए मां बाप की मदद की जरूरत पड़े। यहां रह कर तुम बिगड़ते जा रहें हो। लडकियों के चक्कर में अपना कैरियर पर ध्यान नहीं दे पा रहे।

राजेश _मां दिल्ली तो बहुत भीड़ भाड़ वाली जगह है। वहा का वातावरण प्रदूषित है। वहा सांस लेना भी मुस्किल है।
सुनीता _कुछ बनने के लिए कुछ त्याग तो करना ही पड़ता है। सब कुछ तुम्हारे हिसाब से तो नही हो सकता।
तुम यहां नही रहोगे यह मेरा अंतिम फैसला है।

स्वीटी _मां भईया, जब नही जाना चाहते तो उसे क्यू जबरदस्ती भेज रहे हो।
सुनीता _तू चुप कर अच्छे बुरे की तुम्हे कोई समझ है। मेरे लाड प्यार ने तुम दोनो को बहुत बिगाड़ दिया है।
राजेश _पापा, मां का यही अंतिम फैसला है कि मैं यहां न रहूं। तो ठीक है मैं गांव चला जाता हूं वहा के एकांत वातावरण में मै आई ए एस की तैयारी भी कर लूंगा। वैसे मुझे अपने ताऊ और चाचा जी से मिलना है। मैने कितनी बार आप लोगो से कहा की गांव चलते है। आप लोग न खुद जाते हो न हमें जाने देते हो।
शेखर_बेटा गांव में कोई सुविधा नहीं वह बहुत पिछड़ा क्षेत्र है।वहा तुमअभावमें कैसे रह पाओगे।
राजेश _वहा रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे आखिर वे भी तो हमारी तरह इंसान है न।
शेखर_बेटा, तुम अपनी मां से पूछ लो अगर वह अनुमति देती है तो,,,
राजेश _नही पापा जब मां मुझे यहां नही रहने देना चाहती है तो मैं गांव ही जाऊंगा।
और कहीं नहीं ।
मुझे आप लोग कलेक्टर बना देखना चाहते हैं न, मै वही, रहकर आप लोगो का सपना पूरा कर दिखाऊंगा।
राजेश डाइनिंग टेबल से उठ कर अपने कमरे मे चला गया।
कुछ देर बाद शेखर अपना ऑफिस चला गया।
शेखर के ऑफिस चले जाने के बाद स्वीटी कीचन में गई। जहां सुनीता काम कर रही थी।
स्वीटी _मां मै जानती हूं कि भईया को आप यहां क्यू नही रहने देना चाहते।
सुनीता _तुम क्या जानती हो?
स्वीटी _कल रात तुम भाई के कमरे में आए थे मैने आपको देख लिया था।
सुनीता _तुम्हे शर्म नही आई, अपनी भाई के साथ सोने में। तुम्हे अपनी भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं। अपना सील अपने भाई से ही तुड़वा डाली।
स्वीटी _यही बात मै आपसे कहूं तो आपको शर्म नही आती भईया से अपनी जिश्म की भूख मिटाती हो।
सुनीता _क्या बकवास कर रही है तू?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है तुम्हे भईया से चुदाते हुवे।
सुनीता ने एक जोर का थप्पड़ स्वीटी के गालों पर मारा,,,
सुनीता _चुप कर बेहया, अपनी मां से ऐसी बातें करती है।
स्वीटी _क्यू क्या मै झूठ बोल रही हूं?
क्या ये सच नहीं है की तुम भईया से चुदती हो।
सुनीता _अब चुप कर बेशरम और कितना जलील करेगी मुझे।
सुनीता फफक फफक कर रोने लगी।
स्वीटी _मां मै ये सब तुमसे नही कहना चाहती थी पर भईया को यहां से जाने को कह कर मुझे सब बोलने पर मजबूर कर दी आपने।
सुनीता _*ये सब मै तुम्हारे दोनो की भलाई के लिए रही हूं बेटा ।
राजेश यहां रहेगा तो तुम्हारा जीवन भी खराब हो जायेगा।
मै तुम दोनो की जिंदगी खराब होते नही देख सकती। राजेश का यहां से जाने में ही हमारी भलाई है।

राजेश दरवाज़े पर खड़ा सब सून रहा था।
सुनीता और स्वीटी की नजर उस पर पड़ी तो दोनो सकते मेंआ गए ।
राजेश वहा से चला गया।
नदी किनारे जा कर किसी विचार में डूब गया।

इधर निशा ने राजेश की कल रात की घटना से आहत होकर उसने व्हाट्सएप मेसेज किया,,,

तुम मुझे भुल जाओ राज।अब मै कभी वापस नहीं आउंगी। अच्छा होगा तुम जिंदगी की नई शुरुवात करो। आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां के सपने पूरा करो। इसमें मुझे भी खुशी होगी। अब मुझे याद न करना राज। मै तुम्हे भूलने की कोशिश कर रही हूं। तुम भी मुझे भुल जाओ।

राजेश ने यह मेसेज पड़ा।
आज का दिन उसके जीवनमें भूचाललेके आया था।
वह सीधा आश्रम चला गया।

सेविकाओं ने बाबा चर्मानंद को बताया की राजेश आया है।
बाबा ने सेविकाओं को राजेश को अंदर भेजने को कहा।
राजेश बाबा के कमरे में गया।
बाबा साधना में बैठे थे।
बाबा _आओ राजेश बैठो।
राजेश ने बाबा का चरण छूकर प्रणाम किया।
बाबा _जीता रह बेटा। सदा सुखी रहो। हमेशा कामयाब रहो।
राजेश बाबा के सामने बैठ गया।
बाबा _बेटा तुमबहुत उदास लग रहे हो । मुझे तुम्हारे आंखो में कई सवाल तैरते नजर आ रहे हैं।
बोलो राजेश क्या बात है?
राजेश _आपने एक दिन मुझे कहा था कि मुझे सभी ठुकरा देंगे। मेरी प्रेमिका मेरी मां, आज वहसच होगया बाबा । आज मै अपने आप को बहुंत अकेला महसूस कर रहा हूं ।
बाबा _बेटा, दुखी मत हो। जो होता है अच्छे के लिए होता है।
और जो आगे होगा वह अच्छा ही होगा।
अब तुम्हारी जिंदगी की नई शुरुवात होगी बेटा।
तुम अपने को कभी अकेला मत समझना। क्यो की जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।
तुम्हारे जिंदगी में अभी कई घटनाएं घटेगी। तुम बस एक योद्धा की तरह लड़ते रहना बेटा। ईश्वर सदा तुम्हारी मदद करेगा।
अब जाओ राजेश, तुम्हारे घर वाले चिंतित होंगे।
राजेश बाबा जी का आशीर्वाद लेकर चला गया।
राजेश ने भगत को फोन कर बता दिया की वह अपने पिता जी का गांव जा रहा है। अब कुछ समय वही रहेगा।
भगत को रेल टिकट बुक कराने कह दिया।
भगत _भाई ये अचानक से गांव जाने का फैसला।
राजेश _हां भगत सब, जिंदगी में सब अचानक ही होता है।
राजेश ने घर पहुंच कर अपनी मां को बता दिया की आज शाम को ही वह निकल जायेगा।
कल सुबह की ट्रेन है।
दोस्त लोग आज रात अपने साथ बिताने को कह रहे हैं।
राजेश अपना सामान पैक करने लगा।
स्वीटी _भईया, आप मत जाओ, मै आपके बिना नहीं रह पाऊंगी। मै भी आपके साथ जाऊंगी।
राजेश _नही स्वीटी, तुम यहीं रहोगी । मै जानता हू मां ने अपने दिल में पत्थर रख कर यह फ़ैसला लिया है। मेरे जाने के बाद पता नही मां और पापा पर क्या बीतेगी। तुम्हे उन दोनो का ख्याल रखना है।
मुझे कसम दो मेरी बहना।
तुम हमेशा मां और पापा का कहना मानेगी और उनका ख्याल रखेगी।
मुझे कसम दो,,,

स्वीटी _भईया, मै कसम देती हूं। मै हमेशा उन दोनो को खुश रखने की कोशिश करुंगी।
राजेश _मुझे तुमसे यही उम्मीद है छूटकी।
स्वीटी राजेश को गले से लगा लिया। और रोने लगी।
स्वीटी _भाई अपना ख्याल रखना।
राजेश अपना सामान लेकर घर से जाने लगा।
कीचन पर जाकर,,
राजेश _मै जा रहा हूं मां, अपना ख्याल रखना,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर इजाजत लिया,,
सुनीता _रोते हुवे बोली, मुझे माफ करना बेटा मै मजबूर हूं।
भगवान तुम्हारी सदा रक्षा करे बेटा।
कल सुबह की ट्रेन है पापा से कहना स्टेशन पर मिले।

राजेश वहा से चला गया। भगत उसे लेने आया वह उसके कार से उसके घर चला गया।

सभी दोस्त राजेश से मिले रात में किसी होटल में खाने के लिए चले गए।
एक दोस्त ने कहा यार अब राजेश भाई से पता नही कब मुलाकात होगा। चलो एक एक पैग हो जाए।
विस्की का आर्डर किया और दो दो पैग पीने लगे।
रात में आज का मौसम कुछ खराब था।
बाहर बारिश होने लगी।
होटल में खाने के बाद कुछ देर और समय बिताने के बाद। सभी दोस्त एक एक कर के अपने अपने घर चलें गए।
आखरी में राजेश और भगत भी कार से अपने निवास स्थान की ओर निकलने के लिए अपने कार के पास पहुंचे ही थे की उन्हे कुछ लोग होटल के बाहर बारिश में नाचते गाते दिखे।
राजेश को बडा अच्छा लगा और वह भी उसमे शामिल हो गया।

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Rajpoot MS

I love my family and friends ....
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राजेश के द्वारा गीत गाने के बाद वहा मौजूद सभी लोगों के आंखो में आंसू भर गए,निशा फूट फूट कर रोने लगी। सीमा ने उसे ढाढस बंधाया।

इधर गीत गाने के बाद राजेश और उसके दोस्त डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। बाजू वाले टेबल पर सुजाता और रीता बैठी थी।
वेटर विस्की का ट्रे लेकर विस्की के लिए आवाज़ लगा रहा था। तभी राजेश ने वेटर से विस्की के लिए आवाज़ लगाया।
रीता और सुजाता चौकी। वह राऐश की ओर देखने लगे।
राजेश_भाई आज रिया की सगाई है। सभी दोस्तो के लिए विस्कि लगाओ।
भगत _भाई आप शराब मत पियो।
राजेश _क्यू, आज तो खुशी का पल है।वेटर सबके लिए पेग बनाओ।
राजेश ने एक पैग उठाया और चेस कहते हुए। शराब की दो तीन पैग पी लिया।
सुजाता और राजेश की गतिविधियों को देख रही थीं।

राजेश _ये दुनियां भी कितनी अजीब है। कौन कब बदल जाय कहा नही जा सकता। कल जो हमारे बाहों से लिपटी रहती थीं। आज उन्हे हमारी ओर देखना भी पसंद नही। राजेश ने एक पैग और पी लिया।

भगत _अब बस करो तीन पैग ले चूके हो।
राजेश _शाला ये कैसा शराब है नशा ही नहीं हो रहा। राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ में कहा।
एक और पैग बनाओ।
राजेश ने एक पैग पी लिया।
कुछ ही देर में राजेश का नशा चढ़ गया।
राजेश _भाई हम तो ठहरे आवारा भौरा कभी इस डाली तो कभी उस डाली मंडराने की हमारी फितरत है। कोई कली पसंद आ जाए तो हम उसका रस पी लेते है।
भगत तुम शरीफ लडकियों और और औरतों से कह दो मुझसे दूर रहें।
एक पैग और बनाओ re।
शाला शराब में नशा ही नही है,,
भगत _भाई, मै आपको ओर पीने नही दूंगा।
राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ से कहा।
कल तक बड़े बड़े कसमें खाते थे,,, और एक पल में ही कह देते है सब कुछ खतम,,,
राजेश ने एक और पैग पीने के लिए, प्याला उठाया।
सुजाता जो बाजू टेबल पर बैठी थी ।
उससे बर्दाश्त नही huwa और उठ कर आई गिलास प्याला राजेश की हाथो से छीनते हुवे बोली।
सुजाता _राजेश और कितना पियोगे। मै तुम्हे और पीने नही दुंगी। प्याला छीनकर फेक दिया।
सभी लोग राजेश और सुजाता की ओर देखने लगे।
आप कौन हैं मोहतरमा हमे रोकने वाली। हमारी मर्जी हमारा जितना मर्जी करेगा उतना पियेंगे।

राजेश की बात सुनकर सुजाता रोने लगी। वह आंसू पोछते हुवे वहा से भागी। रीता उसको आवाज़ देते हुए पीछे गईं ।

सुजाता के वहा से जाने के बाद राजेश अपने चेयर पर बैठ गया।
बिलकुल खामोश हो गया।
रिया वहा पहुंची।
रिया _राजेश तुम ठीक तो हो न।
तभी राजेश के आंखो में आंसू देख कर। वह राजेश की अपने सीने से लगा लिया
। राजेश तुम रो रहे हों।
राजेश सब ठीक हो जाएगा।
रिया _भगत तुम राजेश को घर छोड़ आओ।
भगत राजेश को लेकर उसके घर छोड़ने चला गया।
भगत बेल दरवाज़े का बजाया।

सुनीता ने दरवाजा खोली।
सुनीता _क्या huwa मेरे बेटे को
भगत,_कुछ नही मां जी। राजेश भाई ने थोडा विस्की पी लिया है।
भगत ने राजेश को उसके कमरे तक पहुंचाया ।

उसे बेड पर लिटा दिया।
भगत _अच्छा मां जी अब मै चलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश को होश नहीं था। वह अपने आंखे खोला सामने अपनी मां को पाया।

इधर स्वीटी भी कमरे में आ चुकी थी।
स्वीटी _मां, भाई को क्या हुआ है।
राजेश _आईएम सॉरी मां, मैंने शराब पी।
सुनीता रोने लगी।

राजेश _मां तुम रो रही हो।
सुनीता _अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर कौन मां नही रोएगी ।
राजेश _आई एम सॉरी मां गलती हो गई अब मैं कभी शराब नही पियूंगा।
स्वीटी राजेश की मोजे जूते उतारने लगी। उसकेशर्ट पेंट उतार दिया।
सुनीता _बेटा तुम आराम करो। तुम होश में नहीं हो।
सुनीता ने राजेश को चादर उड़ा दिया।
सुनीता _स्वीटी बेटा तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो।
स्वीटी _ठीक है मां।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई।


सुनीता , राजेश को कुछ देर सुलाने की कोशिश की फिर अपने कमरे में चली गई।

इधर स्वीटी कुछ देर बाद राजेश के कमरे मे पहुंची।
वह नाईटी में थी।
राजेश सोया huwa था।
स्वीटी _भाई मै तुम्हे निशा की कभी कमी महसूस नही होने दुंगी।
वह नाईटी उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
और राजेश की अंडरवियर निकाल दिया।
उसके land को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने आंखे खोला।
सामने स्वीटी को थी। वह अभी भी नसे में था। उसने स्वीटी को निर्वस्त्र पाया।

राजेश _स्वीटी, तुम ये ये क्या कर रही हो, जाओ यहां से।
स्वीटी _नही भईया मै निशा की याद तुम्हारे दिल से निकाल दुंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश नसे में था ज्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं था।
राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो जाओ अपने कमरे मे।
स्वीटी _नही भईया, मै तुम्हारे दिल से निशा को निकाल के रहूंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को चूसती रही उसके अंडकोष को सहलाती रही।
स्वीटी की हरकतों से राजेश का land खड़ा हो गया।
स्वीटी राजेश के land को पकड़ कर अपने chut पर सेट की और उस पर बैठ गई।
फिर उसके ऊपर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश नसे में था वह ज्यादा विरोध नही कर सका।
स्वीटी की हरकतों से राजेश भी उत्तेजित हो गया।

राजेश का land स्वीटी की बुर में अंदर बाहर होने लगा
धीरे धीरे राजेश के ऊपर भी काम वासना हावी होने लगा। वह स्वीटी की कमर को अपने दोनो हाथो से थाम लिया।
इधर स्वीति कामुक सिसकारी, निकालने लगी।
आह उह आह,,,
स्वीटी राजेश के ऊपर झुक कर अपनी चूंची राजेश के मुंह में भर दी।
कहते हैं कि काम सुख के आगे व्यक्ति अपना सारा गम कुछ पलो के लिए भुल जाता है ।
राजेश भी अब काम के वशीभूत हो गया।
वह स्वीटी की क़मर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर land को स्वीटी की बुर की गहराइयों में उतारने की कोशिश करने लगा।
दोनो काम के परम आनंद को प्राप्त करने लगें।
कमरे में स्वीटी की कामुक सिसकारी गूंज रही थी। दोनो स्वर्ग की सैर कर रहें थे।

इधर सुजाता की आंखो में नींद नहीं थी।
कुछ देर बाद वह अपने कमरे से यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही।
जब वह राजेश के कमरे के पास पहुंची तो उसके कमरे से सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी। वह वही जम गई और धीरे से दरवाजा धकेली ।
दरवाजा थोडा खुला। सामने का दृश्य देखकर उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
वह उस दृश्य को ज्यादा देर तक नहीं देख सकी। वहा से हाल में आकार रोने लगी।
उसने सोचा नहीं था कि राजेश और स्वीटी के बीच ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगीं।
उसेउन दोनो पर बहुत गुस्सा आया पर राजेश की हालात को देखकर वह दोनो को रोक नहीं पाया।
इधर स्वीटी राजेश के ऊपर तब तक उछल उछल कर चुदती रही जब तक राजेश झड़ नही गया। इधर सुनीता अपने कमरे मे आकार लेट गई।
वह रात भर सो न सकी।
वहसोचती रही हे भगवान ये कैसा अनर्थ हो गया। राजेश बेटा ये तुमने क्या किया? अपनी कुंवारी बहन की सील तोड़ दी।
स्वीटी की शादी के बाद सुहागरात के दिन दूल्हे को जब पता चलेगा की स्वीटी की सील टूट चुकी है और chudai की आदी हैं। पता नही वह स्वीटी के साथ कैसा बरताव करेगा। वह बहुन्त चिंतित हो गई।

और अंत में एक फैसले पर पहुंची।
सुबह होते ही वह अपने फैसले से अपनी पति को अवगत कराई।
सुनीता _सुनो जी मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
शेखर _यार इतनी सुबह।
सोने दो, न।
सुनीता _तुमको तो घर परिवार की कोई चिन्ता ही नहीं ।
शेखर _बोलो क्या बात है?
सुनीता _राजेश अपनी आई ए एस की तैयारी ई पर फोकस नही कर पा रहा है। मुझे लगता है कि राजेश को दिल्ली के किसी कोचिंग सेन्टर में एडिमिसन लें लेना चाहिए। वह यहां रहेगा तो। उनकी पुरानी यादें,जीने नही दे। कल रात तो उसने शराब पीकर घर आया था।
तुम राजेश से आज बोल देना कि आई ए एस की तैयारी के लिए तुम दिल्ली जाकर वहां कोई अच्छे कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर लो।
शेखर _ठीक है, मै आज राजेश से इस बारे में बात करूंगा।

सुबह जब सभी डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे तब शेखर ने कहा
शेखर _बेटा, तुम्हारी मां चाह रही है कि तुम दिल्ली जाकर कोई अच्छी सी कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर आई ए एस की तैयारी करो। तुम्हारी मां का कहना है कि तुम यहां ठीक से तैयारी नही कर पा रहे हों।
राजेश ने अपनी मां की ओर देखा।
राजेश _पापा, मुझे कोचिंग की आवश्यकता नहीं है मुझे विश्वास है कि मैं आई ए एस की परिक्षा निकाल लूंगा।
सुनीता _नही, तुम दिल्ली जाओगे, यह मेरा अंतिम फैसला है।
राजेश _पर मां मै वहा अकेला आप लोगो के बिना कैसे रह पाऊंगा?
सुनीता _अब तुम छोटे बच्चे नही हो जो हर काम के लिए मां बाप की मदद की जरूरत पड़े। यहां रह कर तुम बिगड़ते जा रहें हो। लडकियों के चक्कर में अपना कैरियर पर ध्यान नहीं दे पा रहे।

राजेश _मां दिल्ली तो बहुत भीड़ भाड़ वाली जगह है। वहा का वातावरण प्रदूषित है। वहा सांस लेना भी मुस्किल है।
सुनीता _कुछ बनने के लिए कुछ त्याग तो करना ही पड़ता है। सब कुछ तुम्हारे हिसाब से तो नही हो सकता।
तुम यहां नही रहोगे यह मेरा अंतिम फैसला है।

स्वीटी _मां भईया, जब नही जाना चाहते तो उसे क्यू जबरदस्ती भेज रहे हो।
सुनीता _तू चुप कर अच्छे बुरे की तुम्हे कोई समझ है। मेरे लाड प्यार ने तुम दोनो को बहुत बिगाड़ दिया है।
राजेश _पापा, मां का यही अंतिम फैसला है कि मैं यहां न रहूं। तो ठीक है मैं गांव चला जाता हूं वहा के एकांत वातावरण में मै आई ए एस की तैयारी भी कर लूंगा। वैसे मुझे अपने ताऊ और चाचा जी से मिलना है। मैने कितनी बार आप लोगो से कहा की गांव चलते है। आप लोग न खुद जाते हो न हमें जाने देते हो।
शेखर_बेटा गांव में कोई सुविधा नहीं वह बहुत पिछड़ा क्षेत्र है।वहा तुमअभावमें कैसे रह पाओगे।
राजेश _वहा रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे आखिर वे भी तो हमारी तरह इंसान है न।
शेखर_बेटा, तुम अपनी मां से पूछ लो अगर वह अनुमति देती है तो,,,
राजेश _नही पापा जब मां मुझे यहां नही रहने देना चाहती है तो मैं गांव ही जाऊंगा।
और कहीं नहीं ।
मुझे आप लोग कलेक्टर बना देखना चाहते हैं न, मै वही, रहकर आप लोगो का सपना पूरा कर दिखाऊंगा।
राजेश डाइनिंग टेबल से उठ कर अपने कमरे मे चला गया।
कुछ देर बाद शेखर अपना ऑफिस चला गया।
शेखर के ऑफिस चले जाने के बाद स्वीटी कीचन में गई। जहां सुनीता काम कर रही थी।
स्वीटी _मां मै जानती हूं कि भईया को आप यहां क्यू नही रहने देना चाहते।
सुनीता _तुम क्या जानती हो?
स्वीटी _कल रात तुम भाई के कमरे में आए थे मैने आपको देख लिया था।
सुनीता _तुम्हे शर्म नही आई, अपनी भाई के साथ सोने में। तुम्हे अपनी भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं। अपना सील अपने भाई से ही तुड़वा डाली।
स्वीटी _यही बात मै आपसे कहूं तो आपको शर्म नही आती भईया से अपनी जिश्म की भूख मिटाती हो।
सुनीता _क्या बकवास कर रही है तू?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है तुम्हे भईया से चुदाते हुवे।
सुनीता ने एक जोर का थप्पड़ स्वीटी के गालों पर मारा,,,
सुनीता _चुप कर बेहया, अपनी मां से ऐसी बातें करती है।
स्वीटी _क्यू क्या मै झूठ बोल रही हूं?
क्या ये सच नहीं है की तुम भईया से चुदती हो।
सुनीता _अब चुप कर बेशरम और कितना जलील करेगी मुझे।
सुनीता फफक फफक कर रोने लगी।
स्वीटी _मां मै ये सब तुमसे नही कहना चाहती थी पर भईया को यहां से जाने को कह कर मुझे सब बोलने पर मजबूर कर दी आपने।
सुनीता _*ये सब मै तुम्हारे दोनो की भलाई के लिए रही हूं बेटा ।
राजेश यहां रहेगा तो तुम्हारा जीवन भी खराब हो जायेगा।
मै तुम दोनो की जिंदगी खराब होते नही देख सकती। राजेश का यहां से जाने में ही हमारी भलाई है।

राजेश दरवाज़े पर खड़ा सब सून रहा था।
सुनीता और स्वीटी की नजर उस पर पड़ी तो दोनो सकते मेंआ गए ।
राजेश वहा से चला गया।
नदी किनारे जा कर किसी विचार में डूब गया।

इधर निशा ने राजेश की कल रात की घटना से आहत होकर उसने व्हाट्सएप मेसेज किया,,,

तुम मुझे भुल जाओ राज।अब मै कभी वापस नहीं आउंगी। अच्छा होगा तुम जिंदगी की नई शुरुवात करो। आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां के सपने पूरा करो। इसमें मुझे भी खुशी होगी। अब मुझे याद न करना राज। मै तुम्हे भूलने की कोशिश कर रही हूं। तुम भी मुझे भुल जाओ।

राजेश ने यह मेसेज पड़ा।
आज का दिन उसके जीवनमें भूचाललेके आया था।
वह सीधा आश्रम चला गया।

सेविकाओं ने बाबा चर्मानंद को बताया की राजेश आया है।
बाबा ने सेविकाओं को राजेश को अंदर भेजने को कहा।
राजेश बाबा के कमरे में गया।
बाबा साधना में बैठे थे।
बाबा _आओ राजेश बैठो।
राजेश ने बाबा का चरण छूकर प्रणाम किया।
बाबा _जीता रह बेटा। सदा सुखी रहो। हमेशा कामयाब रहो।
राजेश बाबा के सामने बैठ गया।
बाबा _बेटा तुमबहुत उदास लग रहे हो । मुझे तुम्हारे आंखो में कई सवाल तैरते नजर आ रहे हैं।
बोलो राजेश क्या बात है?
राजेश _आपने एक दिन मुझे कहा था कि मुझे सभी ठुकरा देंगे। मेरी प्रेमिका मेरी मां, आज वहसच होगया बाबा । आज मै अपने आप को बहुंत अकेला महसूस कर रहा हूं ।
बाबा _बेटा, दुखी मत हो। जो होता है अच्छे के लिए होता है।
और जो आगे होगा वह अच्छा ही होगा।
अब तुम्हारी जिंदगी की नई शुरुवात होगी बेटा।
तुम अपने को कभी अकेला मत समझना। क्यो की जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।
तुम्हारे जिंदगी में अभी कई घटनाएं घटेगी। तुम बस एक योद्धा की तरह लड़ते रहना बेटा। ईश्वर सदा तुम्हारी मदद करेगा।
अब जाओ राजेश, तुम्हारे घर वाले चिंतित होंगे।
राजेश बाबा जी का आशीर्वाद लेकर चला गया।
राजेश ने भगत को फोन कर बता दिया की वह अपने पिता जी का गांव जा रहा है। अब कुछ समय वही रहेगा।
भगत को रेल टिकट बुक कराने कह दिया।
भगत _भाई ये अचानक से गांव जाने का फैसला।
राजेश _हां भगत सब, जिंदगी में सब अचानक ही होता है।
राजेश ने घर पहुंच कर अपनी मां को बता दिया की आज शाम को ही वह निकल जायेगा।
कल सुबह की ट्रेन है।
दोस्त लोग आज रात अपने साथ बिताने को कह रहे हैं।
राजेश अपना सामान पैक करने लगा।
स्वीटी _भईया, आप मत जाओ, मै आपके बिना नहीं रह पाऊंगी। मै भी आपके साथ जाऊंगी।
राजेश _नही स्वीटी, तुम यहीं रहोगी । मै जानता हू मां ने अपने दिल में पत्थर रख कर यह फ़ैसला लिया है। मेरे जाने के बाद पता नही मां और पापा पर क्या बीतेगी। तुम्हे उन दोनो का ख्याल रखना है।
मुझे कसम दो मेरी बहना।
तुम हमेशा मां और पापा का कहना मानेगी और उनका ख्याल रखेगी।
मुझे कसम दो,,,

स्वीटी _भईया, मै कसम देती हूं। मै हमेशा उन दोनो को खुश रखने की कोशिश करुंगी।
राजेश _मुझे तुमसे यही उम्मीद है छूटकी।
स्वीटी राजेश को गले से लगा लिया। और रोने लगी।
स्वीटी _भाई अपना ख्याल रखना।
राजेश अपना सामान लेकर घर से जाने लगा।
कीचन पर जाकर,,
राजेश _मै जा रहा हूं मां, अपना ख्याल रखना,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर इजाजत लिया,,
सुनीता _रोते हुवे बोली, मुझे माफ करना बेटा मै मजबूर हूं।
भगवान तुम्हारी सदा रक्षा करे बेटा।
कल सुबह की ट्रेन है पापा से कहना स्टेशन पर मिले।

राजेश वहा से चला गया। भगत उसे लेने आया वह उसके कार से उसके घर चला गया।

सभी दोस्त राजेश से मिले रात में किसी होटल में खाने के लिए चले गए।
एक दोस्त ने कहा यार अब राजेश भाई से पता नही कब मुलाकात होगा। चलो एक एक पैग हो जाए।
विस्की का आर्डर किया और दो दो पैग पीने लगे।
रात में आज का मौसम कुछ खराब था।
बाहर बारिश होने लगी।
होटल में खाने के बाद कुछ देर और समय बिताने के बाद। सभी दोस्त एक एक कर के अपने अपने घर चलें गए।
आखरी में राजेश और भगत भी कार से अपने निवास स्थान की ओर निकलने के लिए अपने कार के पास पहुंचे ही थे की उन्हे कुछ लोग होटल के बाहर बारिश में नाचते गाते दिखे।
राजेश को बडा अच्छा लगा और वह भी उसमे शामिल हो गया।

शानदार गजब्ब बहूत खूब भाई ♥️❤️♥️❤️
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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राजेश के द्वारा गीत गाने के बाद वहा मौजूद सभी लोगों के आंखो में आंसू भर गए,निशा फूट फूट कर रोने लगी। सीमा ने उसे ढाढस बंधाया।

इधर गीत गाने के बाद राजेश और उसके दोस्त डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। बाजू वाले टेबल पर सुजाता और रीता बैठी थी।
वेटर विस्की का ट्रे लेकर विस्की के लिए आवाज़ लगा रहा था। तभी राजेश ने वेटर से विस्की के लिए आवाज़ लगाया।
रीता और सुजाता चौकी। वह राऐश की ओर देखने लगे।
राजेश_भाई आज रिया की सगाई है। सभी दोस्तो के लिए विस्कि लगाओ।
भगत _भाई आप शराब मत पियो।
राजेश _क्यू, आज तो खुशी का पल है।वेटर सबके लिए पेग बनाओ।
राजेश ने एक पैग उठाया और चेस कहते हुए। शराब की दो तीन पैग पी लिया।
सुजाता और राजेश की गतिविधियों को देख रही थीं।

राजेश _ये दुनियां भी कितनी अजीब है। कौन कब बदल जाय कहा नही जा सकता। कल जो हमारे बाहों से लिपटी रहती थीं। आज उन्हे हमारी ओर देखना भी पसंद नही। राजेश ने एक पैग और पी लिया।

भगत _अब बस करो तीन पैग ले चूके हो।
राजेश _शाला ये कैसा शराब है नशा ही नहीं हो रहा। राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ में कहा।
एक और पैग बनाओ।
राजेश ने एक पैग पी लिया।
कुछ ही देर में राजेश का नशा चढ़ गया।
राजेश _भाई हम तो ठहरे आवारा भौरा कभी इस डाली तो कभी उस डाली मंडराने की हमारी फितरत है। कोई कली पसंद आ जाए तो हम उसका रस पी लेते है।
भगत तुम शरीफ लडकियों और और औरतों से कह दो मुझसे दूर रहें।
एक पैग और बनाओ re।
शाला शराब में नशा ही नही है,,
भगत _भाई, मै आपको ओर पीने नही दूंगा।
राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ से कहा।
कल तक बड़े बड़े कसमें खाते थे,,, और एक पल में ही कह देते है सब कुछ खतम,,,
राजेश ने एक और पैग पीने के लिए, प्याला उठाया।
सुजाता जो बाजू टेबल पर बैठी थी ।
उससे बर्दाश्त नही huwa और उठ कर आई गिलास प्याला राजेश की हाथो से छीनते हुवे बोली।
सुजाता _राजेश और कितना पियोगे। मै तुम्हे और पीने नही दुंगी। प्याला छीनकर फेक दिया।
सभी लोग राजेश और सुजाता की ओर देखने लगे।
आप कौन हैं मोहतरमा हमे रोकने वाली। हमारी मर्जी हमारा जितना मर्जी करेगा उतना पियेंगे।

राजेश की बात सुनकर सुजाता रोने लगी। वह आंसू पोछते हुवे वहा से भागी। रीता उसको आवाज़ देते हुए पीछे गईं ।

सुजाता के वहा से जाने के बाद राजेश अपने चेयर पर बैठ गया।
बिलकुल खामोश हो गया।
रिया वहा पहुंची।
रिया _राजेश तुम ठीक तो हो न।
तभी राजेश के आंखो में आंसू देख कर। वह राजेश की अपने सीने से लगा लिया
। राजेश तुम रो रहे हों।
राजेश सब ठीक हो जाएगा।
रिया _भगत तुम राजेश को घर छोड़ आओ।
भगत राजेश को लेकर उसके घर छोड़ने चला गया।
भगत बेल दरवाज़े का बजाया।

सुनीता ने दरवाजा खोली।
सुनीता _क्या huwa मेरे बेटे को
भगत,_कुछ नही मां जी। राजेश भाई ने थोडा विस्की पी लिया है।
भगत ने राजेश को उसके कमरे तक पहुंचाया ।

उसे बेड पर लिटा दिया।
भगत _अच्छा मां जी अब मै चलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश को होश नहीं था। वह अपने आंखे खोला सामने अपनी मां को पाया।

इधर स्वीटी भी कमरे में आ चुकी थी।
स्वीटी _मां, भाई को क्या हुआ है।
राजेश _आईएम सॉरी मां, मैंने शराब पी।
सुनीता रोने लगी।

राजेश _मां तुम रो रही हो।
सुनीता _अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर कौन मां नही रोएगी ।
राजेश _आई एम सॉरी मां गलती हो गई अब मैं कभी शराब नही पियूंगा।
स्वीटी राजेश की मोजे जूते उतारने लगी। उसकेशर्ट पेंट उतार दिया।
सुनीता _बेटा तुम आराम करो। तुम होश में नहीं हो।
सुनीता ने राजेश को चादर उड़ा दिया।
सुनीता _स्वीटी बेटा तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो।
स्वीटी _ठीक है मां।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई।


सुनीता , राजेश को कुछ देर सुलाने की कोशिश की फिर अपने कमरे में चली गई।

इधर स्वीटी कुछ देर बाद राजेश के कमरे मे पहुंची।
वह नाईटी में थी।
राजेश सोया huwa था।
स्वीटी _भाई मै तुम्हे निशा की कभी कमी महसूस नही होने दुंगी।
वह नाईटी उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
और राजेश की अंडरवियर निकाल दिया।
उसके land को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने आंखे खोला।
सामने स्वीटी को थी। वह अभी भी नसे में था। उसने स्वीटी को निर्वस्त्र पाया।

राजेश _स्वीटी, तुम ये ये क्या कर रही हो, जाओ यहां से।
स्वीटी _नही भईया मै निशा की याद तुम्हारे दिल से निकाल दुंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश नसे में था ज्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं था।
राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो जाओ अपने कमरे मे।
स्वीटी _नही भईया, मै तुम्हारे दिल से निशा को निकाल के रहूंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को चूसती रही उसके अंडकोष को सहलाती रही।
स्वीटी की हरकतों से राजेश का land खड़ा हो गया।
स्वीटी राजेश के land को पकड़ कर अपने chut पर सेट की और उस पर बैठ गई।
फिर उसके ऊपर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश नसे में था वह ज्यादा विरोध नही कर सका।
स्वीटी की हरकतों से राजेश भी उत्तेजित हो गया।

राजेश का land स्वीटी की बुर में अंदर बाहर होने लगा
धीरे धीरे राजेश के ऊपर भी काम वासना हावी होने लगा। वह स्वीटी की कमर को अपने दोनो हाथो से थाम लिया।
इधर स्वीति कामुक सिसकारी, निकालने लगी।
आह उह आह,,,
स्वीटी राजेश के ऊपर झुक कर अपनी चूंची राजेश के मुंह में भर दी।
कहते हैं कि काम सुख के आगे व्यक्ति अपना सारा गम कुछ पलो के लिए भुल जाता है ।
राजेश भी अब काम के वशीभूत हो गया।
वह स्वीटी की क़मर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर land को स्वीटी की बुर की गहराइयों में उतारने की कोशिश करने लगा।
दोनो काम के परम आनंद को प्राप्त करने लगें।
कमरे में स्वीटी की कामुक सिसकारी गूंज रही थी। दोनो स्वर्ग की सैर कर रहें थे।

इधर सुजाता की आंखो में नींद नहीं थी।
कुछ देर बाद वह अपने कमरे से यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही।
जब वह राजेश के कमरे के पास पहुंची तो उसके कमरे से सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी। वह वही जम गई और धीरे से दरवाजा धकेली ।
दरवाजा थोडा खुला। सामने का दृश्य देखकर उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
वह उस दृश्य को ज्यादा देर तक नहीं देख सकी। वहा से हाल में आकार रोने लगी।
उसने सोचा नहीं था कि राजेश और स्वीटी के बीच ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगीं।
उसेउन दोनो पर बहुत गुस्सा आया पर राजेश की हालात को देखकर वह दोनो को रोक नहीं पाया।
इधर स्वीटी राजेश के ऊपर तब तक उछल उछल कर चुदती रही जब तक राजेश झड़ नही गया। इधर सुनीता अपने कमरे मे आकार लेट गई।
वह रात भर सो न सकी।
वहसोचती रही हे भगवान ये कैसा अनर्थ हो गया। राजेश बेटा ये तुमने क्या किया? अपनी कुंवारी बहन की सील तोड़ दी।
स्वीटी की शादी के बाद सुहागरात के दिन दूल्हे को जब पता चलेगा की स्वीटी की सील टूट चुकी है और chudai की आदी हैं। पता नही वह स्वीटी के साथ कैसा बरताव करेगा। वह बहुन्त चिंतित हो गई।

और अंत में एक फैसले पर पहुंची।
सुबह होते ही वह अपने फैसले से अपनी पति को अवगत कराई।
सुनीता _सुनो जी मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
शेखर _यार इतनी सुबह।
सोने दो, न।
सुनीता _तुमको तो घर परिवार की कोई चिन्ता ही नहीं ।
शेखर _बोलो क्या बात है?
सुनीता _राजेश अपनी आई ए एस की तैयारी ई पर फोकस नही कर पा रहा है। मुझे लगता है कि राजेश को दिल्ली के किसी कोचिंग सेन्टर में एडिमिसन लें लेना चाहिए। वह यहां रहेगा तो। उनकी पुरानी यादें,जीने नही दे। कल रात तो उसने शराब पीकर घर आया था।
तुम राजेश से आज बोल देना कि आई ए एस की तैयारी के लिए तुम दिल्ली जाकर वहां कोई अच्छे कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर लो।
शेखर _ठीक है, मै आज राजेश से इस बारे में बात करूंगा।

सुबह जब सभी डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे तब शेखर ने कहा
शेखर _बेटा, तुम्हारी मां चाह रही है कि तुम दिल्ली जाकर कोई अच्छी सी कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर आई ए एस की तैयारी करो। तुम्हारी मां का कहना है कि तुम यहां ठीक से तैयारी नही कर पा रहे हों।
राजेश ने अपनी मां की ओर देखा।
राजेश _पापा, मुझे कोचिंग की आवश्यकता नहीं है मुझे विश्वास है कि मैं आई ए एस की परिक्षा निकाल लूंगा।
सुनीता _नही, तुम दिल्ली जाओगे, यह मेरा अंतिम फैसला है।
राजेश _पर मां मै वहा अकेला आप लोगो के बिना कैसे रह पाऊंगा?
सुनीता _अब तुम छोटे बच्चे नही हो जो हर काम के लिए मां बाप की मदद की जरूरत पड़े। यहां रह कर तुम बिगड़ते जा रहें हो। लडकियों के चक्कर में अपना कैरियर पर ध्यान नहीं दे पा रहे।

राजेश _मां दिल्ली तो बहुत भीड़ भाड़ वाली जगह है। वहा का वातावरण प्रदूषित है। वहा सांस लेना भी मुस्किल है।
सुनीता _कुछ बनने के लिए कुछ त्याग तो करना ही पड़ता है। सब कुछ तुम्हारे हिसाब से तो नही हो सकता।
तुम यहां नही रहोगे यह मेरा अंतिम फैसला है।

स्वीटी _मां भईया, जब नही जाना चाहते तो उसे क्यू जबरदस्ती भेज रहे हो।
सुनीता _तू चुप कर अच्छे बुरे की तुम्हे कोई समझ है। मेरे लाड प्यार ने तुम दोनो को बहुत बिगाड़ दिया है।
राजेश _पापा, मां का यही अंतिम फैसला है कि मैं यहां न रहूं। तो ठीक है मैं गांव चला जाता हूं वहा के एकांत वातावरण में मै आई ए एस की तैयारी भी कर लूंगा। वैसे मुझे अपने ताऊ और चाचा जी से मिलना है। मैने कितनी बार आप लोगो से कहा की गांव चलते है। आप लोग न खुद जाते हो न हमें जाने देते हो।
शेखर_बेटा गांव में कोई सुविधा नहीं वह बहुत पिछड़ा क्षेत्र है।वहा तुमअभावमें कैसे रह पाओगे।
राजेश _वहा रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे आखिर वे भी तो हमारी तरह इंसान है न।
शेखर_बेटा, तुम अपनी मां से पूछ लो अगर वह अनुमति देती है तो,,,
राजेश _नही पापा जब मां मुझे यहां नही रहने देना चाहती है तो मैं गांव ही जाऊंगा।
और कहीं नहीं ।
मुझे आप लोग कलेक्टर बना देखना चाहते हैं न, मै वही, रहकर आप लोगो का सपना पूरा कर दिखाऊंगा।
राजेश डाइनिंग टेबल से उठ कर अपने कमरे मे चला गया।
कुछ देर बाद शेखर अपना ऑफिस चला गया।
शेखर के ऑफिस चले जाने के बाद स्वीटी कीचन में गई। जहां सुनीता काम कर रही थी।
स्वीटी _मां मै जानती हूं कि भईया को आप यहां क्यू नही रहने देना चाहते।
सुनीता _तुम क्या जानती हो?
स्वीटी _कल रात तुम भाई के कमरे में आए थे मैने आपको देख लिया था।
सुनीता _तुम्हे शर्म नही आई, अपनी भाई के साथ सोने में। तुम्हे अपनी भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं। अपना सील अपने भाई से ही तुड़वा डाली।
स्वीटी _यही बात मै आपसे कहूं तो आपको शर्म नही आती भईया से अपनी जिश्म की भूख मिटाती हो।
सुनीता _क्या बकवास कर रही है तू?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है तुम्हे भईया से चुदाते हुवे।
सुनीता ने एक जोर का थप्पड़ स्वीटी के गालों पर मारा,,,
सुनीता _चुप कर बेहया, अपनी मां से ऐसी बातें करती है।
स्वीटी _क्यू क्या मै झूठ बोल रही हूं?
क्या ये सच नहीं है की तुम भईया से चुदती हो।
सुनीता _अब चुप कर बेशरम और कितना जलील करेगी मुझे।
सुनीता फफक फफक कर रोने लगी।
स्वीटी _मां मै ये सब तुमसे नही कहना चाहती थी पर भईया को यहां से जाने को कह कर मुझे सब बोलने पर मजबूर कर दी आपने।
सुनीता _*ये सब मै तुम्हारे दोनो की भलाई के लिए रही हूं बेटा ।
राजेश यहां रहेगा तो तुम्हारा जीवन भी खराब हो जायेगा।
मै तुम दोनो की जिंदगी खराब होते नही देख सकती। राजेश का यहां से जाने में ही हमारी भलाई है।

राजेश दरवाज़े पर खड़ा सब सून रहा था।
सुनीता और स्वीटी की नजर उस पर पड़ी तो दोनो सकते मेंआ गए ।
राजेश वहा से चला गया।
नदी किनारे जा कर किसी विचार में डूब गया।

इधर निशा ने राजेश की कल रात की घटना से आहत होकर उसने व्हाट्सएप मेसेज किया,,,

तुम मुझे भुल जाओ राज।अब मै कभी वापस नहीं आउंगी। अच्छा होगा तुम जिंदगी की नई शुरुवात करो। आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां के सपने पूरा करो। इसमें मुझे भी खुशी होगी। अब मुझे याद न करना राज। मै तुम्हे भूलने की कोशिश कर रही हूं। तुम भी मुझे भुल जाओ।

राजेश ने यह मेसेज पड़ा।
आज का दिन उसके जीवनमें भूचाललेके आया था।
वह सीधा आश्रम चला गया।

सेविकाओं ने बाबा चर्मानंद को बताया की राजेश आया है।
बाबा ने सेविकाओं को राजेश को अंदर भेजने को कहा।
राजेश बाबा के कमरे में गया।
बाबा साधना में बैठे थे।
बाबा _आओ राजेश बैठो।
राजेश ने बाबा का चरण छूकर प्रणाम किया।
बाबा _जीता रह बेटा। सदा सुखी रहो। हमेशा कामयाब रहो।
राजेश बाबा के सामने बैठ गया।
बाबा _बेटा तुमबहुत उदास लग रहे हो । मुझे तुम्हारे आंखो में कई सवाल तैरते नजर आ रहे हैं।
बोलो राजेश क्या बात है?
राजेश _आपने एक दिन मुझे कहा था कि मुझे सभी ठुकरा देंगे। मेरी प्रेमिका मेरी मां, आज वहसच होगया बाबा । आज मै अपने आप को बहुंत अकेला महसूस कर रहा हूं ।
बाबा _बेटा, दुखी मत हो। जो होता है अच्छे के लिए होता है।
और जो आगे होगा वह अच्छा ही होगा।
अब तुम्हारी जिंदगी की नई शुरुवात होगी बेटा।
तुम अपने को कभी अकेला मत समझना। क्यो की जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।
तुम्हारे जिंदगी में अभी कई घटनाएं घटेगी। तुम बस एक योद्धा की तरह लड़ते रहना बेटा। ईश्वर सदा तुम्हारी मदद करेगा।
अब जाओ राजेश, तुम्हारे घर वाले चिंतित होंगे।
राजेश बाबा जी का आशीर्वाद लेकर चला गया।
राजेश ने भगत को फोन कर बता दिया की वह अपने पिता जी का गांव जा रहा है। अब कुछ समय वही रहेगा।
भगत को रेल टिकट बुक कराने कह दिया।
भगत _भाई ये अचानक से गांव जाने का फैसला।
राजेश _हां भगत सब, जिंदगी में सब अचानक ही होता है।
राजेश ने घर पहुंच कर अपनी मां को बता दिया की आज शाम को ही वह निकल जायेगा।
कल सुबह की ट्रेन है।
दोस्त लोग आज रात अपने साथ बिताने को कह रहे हैं।
राजेश अपना सामान पैक करने लगा।
स्वीटी _भईया, आप मत जाओ, मै आपके बिना नहीं रह पाऊंगी। मै भी आपके साथ जाऊंगी।
राजेश _नही स्वीटी, तुम यहीं रहोगी । मै जानता हू मां ने अपने दिल में पत्थर रख कर यह फ़ैसला लिया है। मेरे जाने के बाद पता नही मां और पापा पर क्या बीतेगी। तुम्हे उन दोनो का ख्याल रखना है।
मुझे कसम दो मेरी बहना।
तुम हमेशा मां और पापा का कहना मानेगी और उनका ख्याल रखेगी।
मुझे कसम दो,,,

स्वीटी _भईया, मै कसम देती हूं। मै हमेशा उन दोनो को खुश रखने की कोशिश करुंगी।
राजेश _मुझे तुमसे यही उम्मीद है छूटकी।
स्वीटी राजेश को गले से लगा लिया। और रोने लगी।
स्वीटी _भाई अपना ख्याल रखना।
राजेश अपना सामान लेकर घर से जाने लगा।
कीचन पर जाकर,,
राजेश _मै जा रहा हूं मां, अपना ख्याल रखना,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर इजाजत लिया,,
सुनीता _रोते हुवे बोली, मुझे माफ करना बेटा मै मजबूर हूं।
भगवान तुम्हारी सदा रक्षा करे बेटा।
कल सुबह की ट्रेन है पापा से कहना स्टेशन पर मिले।

राजेश वहा से चला गया। भगत उसे लेने आया वह उसके कार से उसके घर चला गया।

सभी दोस्त राजेश से मिले रात में किसी होटल में खाने के लिए चले गए।
एक दोस्त ने कहा यार अब राजेश भाई से पता नही कब मुलाकात होगा। चलो एक एक पैग हो जाए।
विस्की का आर्डर किया और दो दो पैग पीने लगे।
रात में आज का मौसम कुछ खराब था।
बाहर बारिश होने लगी।
होटल में खाने के बाद कुछ देर और समय बिताने के बाद। सभी दोस्त एक एक कर के अपने अपने घर चलें गए।
आखरी में राजेश और भगत भी कार से अपने निवास स्थान की ओर निकलने के लिए अपने कार के पास पहुंचे ही थे की उन्हे कुछ लोग होटल के बाहर बारिश में नाचते गाते दिखे।
राजेश को बडा अच्छा लगा और वह भी उसमे शामिल हो गया।

Shaandar jabardast super hot Romanchak Update 👌👌🔥🔥🔥
Rajesh ke life ki ab nayi shuruaat hogi 😃 😃
Ghar pe bhi panga ho gaya par sach ek din aana hi tha
 
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