Shandaar updateअगले दिन राजेश प्रातः 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंच गया। भगत उसे छोड़ने गया था। ट्रेन के आने का वेट कर रहे थे। तभी fशेखर राजेश से मिलने के लिए स्टेशन पहुंचा। राजेश को स्टेशन में इधर उधर ढूंढा।
कुछ देर बाद उसे राजेश और भगत बेंच पर बैठे ट्रेन का वेट करते मिले।
वह राजेश के पास गया।
शेखर _बेटा राजेश।
राजेश _पापा आप, अच्छा हो गया आप आ गए। मै आप को ही याद कर रहा था। जब कल घर से निकला तो आप अपने ऑफिस गए हुवे थे।
शेखर _बेटा अच्छा होता की मै भी तुम्हारे साथ गांव चला जाता। पर ऑफिस में काम इतना है की छुट्टी नही मिल पा रही है।
राजेश _कोई बात नही पापा जब आपको छुट्टी मिले आ जाइएगा।
शेखर _बेटा मैने तुम्हारे ताऊ जी को फोन कर दिया है कि तुम गांव आ रहें हो। कुछ दिन वही रहोगे।
वहा स्टेशन पर लेने तुम्हारा बडा भाई भुवन पहुंच जाएगा। मैने उसका नम्बर तुम्हारे मोबाइल पे सेंड कर दिया है। तुम उससे बात करना।
राजेश _ठीक हैं पापा।
शेखर _बेटा तुम अपना ख्याल रखना और किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे फोन करना।
राजेश _ठीक है पापा।
राजेश ने अपने पिता जी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
शेखर _जी ता रह बेटा, मेरे बेटे को भगवान कामयाब बनाए। उसने राजेश को अपने गले से लगा लिया।
शेखर के आंखो में आंसू आ गए।
राजेश _ये क्या पापा आपके आंखो में आंसू।
शेखर _पहली बार तुम दूर जा रहें हो न, अभी तक हम साथ ही थे।
अच्छा बेटा अब मैं चलता हूं।
राजेश _ठीक है पापा, आप अपना और मां का ख्याल रखना।
शेखर _बेटा तुम हमारी चिन्ता बिल्कुल मत करना।
अपने लक्ष्य पर ध्यान देना।
राजेश _ठीक है पापा।
शेखर वहा से सीधा अपना ऑफिस चला गया।
इधर ट्रेन के निकलने का समय हो जाने के बाद भी ट्रेन स्टेशन में आया नही।
तभी अलाउंस huwa की अभी जो ट्रेन यहां से निकलने वाली थी वाली थीं तकनीकी खराबी के कारण। आज नही जा पाएगी।
भगत _भाई हमे कोई दूसरी ट्रेन देखनी पड़ेगी।
जिस ट्रेन पर जाने वाले थे उसमें खराबी आ गई है।
दोनो टिकट काउंटर में जाकर पता किए तो पता चला की एक ट्रेन शाम को दिल्ली से आयेगी। उसमे एक शीट खाली है।
राजेश ने वह शीट बुक करा ली।
भगत _भाई अब ट्रेन तो शाम को 5बजे आयेगी। यहां बैठकर क्या करेंगे चलो। घर चलते हैं। शाम को ही आयेंगे। हम साथ में कुछ और वक्त बिता ले।
राजेश _तुम ठीक कह रहें हो भगत।
दोनो घर आ गए।
घर आने के बाद राजेश बेड रूम में आराम करने लगा।
भगत _भाई आप आराम करिए। पार्टी के कुछ लोग मुझसे मिलने आए हैं।
मै उनसे मिलकर आता हूं।
राजेश _ठीक है भगत।
यार सिगरेट हो तो देते जाना ।
भगत ने सिगरेट का पैकेट दे गया।
राजेश सिगरेट का कश लगाते हुवे छत बालकनी से रास्ते में आने जाने वाले को देखने लगा।
तभी कमरे में कोई दाखिल हुई।
उसने राजेश को पुकारा।
राजेश ने पीछे पलट कर देखा सामने सुजाता खड़ी थी।
राजेश _मैम आप, यहां।
सुजाता _भगत ने बताया की तुम इस शहर से जा रहें हो, उससे पूछने पर बताया की अभी तुम उनके साथ ही हो। शाम को निकलोगे ट्रेन से।
राजेश _तो आप यहां क्या करने आई है?
सुजाता _राजेश, मैने पिछले दो दिनों में बहुत सोचा और पाया की तुमने हमारी कंपनी को डूबने से बचाया। अपनी जान से खेलकर मेरी इज्जत बचाई। मेरी कंपनी और इस जिस्म पर तुम्हारा हक है।। सुजाता ने राजेश को पीछे से जकड़ लिया और कहा तुम मेरे शरीर का जैसे चाहे उपयोग कर सकते हो।
राजेश मेरे चाहती हू कि तुम मेरे साथ मेरी कंपनी सम्हालो। तुम्हे कही जाने की जरूरत नहीं।
राजेश _नही मैम, मुझे अपनी मां के सपने पूरे करने है। मै सरकारी अफसर बनकर जनता की सेवा करना चाहता हूं। धन कमाना मेरा उद्देश्य नही।
और रही बात तुम्हारे जिस्म की इतना कुछ होने के बाद हम एक दूसरे से दूर रहें, वही दोनो के लिए अच्छा होगा। आप चले जाइए यहां से।
सुजाता _पर राजेश मै तुम्हारे साथ बिताए हुवे पल नही भुल पाऊंगी।
राजेश _अब सब कुछ भुल जाने में ही भलाई है मैम। तुम्हारा और मेरा दोनो का।
सुजाता _यहां से जाना क्या तुम्हारा अंतिम फ़ैसला है।
राजेश _मेरा नही, परिस्थिति चाहती है कि मैं यहां से चला जाऊ।
सुजाता _तो ठीक है राजेश, अब तुम जा रहें हो तो जाने से पहले का कुछ पल मुझे दे दो, क्यू कि इसके बाद पता नही हम कब मिलेंगे।
मै आज तुम्हारे साथ बिताए पल के सहारे जिंदगी बिता दुंगी।
सुजाता ने राजेश का हाथ पकड़ कर कमरे के अंदर ले गया।
राजेश को बेड पर बिठा दिया।
राजेश की आंखो में देखने लगा।
फिर उसके करीब गया उसके ओंठ पर अपना ओंठ रख चुसने लगी।
राजेश ने सुजाता को अपने से दूर धकेल दिया।
राजेश _नही मैम अब ये सब मुझसे नही हो पाएगा।
राजेश अपना सिर पकड़ कर बैठ गया।
सुजाता ने अपनी साड़ी खींचकर निकाल दी।
सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
राजेश इधर देखो क्या मुझमें पहले जैसा आकर्षण नही रहा।
राजेश ने अपना सिर उठा कर देखा।
राजेश _मैम प्लीज आप यहां से चले जाओ।
उसने फिर सिर को नीचे झुका लिया।
इधर सुजाता ने अपना ब्लाउज और ब्रा, पेटीकोट उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
फिर राजेश के ठुड्ढी पकड़ कर ऊपर कहा, राजेश इधर देखो मेरा ये जिस्म का रोम रोम तुम्हे पुकार रही है।
राजेश ने आंखे खोल सुजाता को देखा जो मादर जात नंगी थी।
अप्सरा की तरह खुबसूरत ऊपर से नंगी औरत को देखकर नामर्द के शरीर में ही कुछ हलचल न हो, राजेश तो मर्द था।
सुजाता की नग्न शरीर को को देखकर उसका मन विचलित होने लगा।
सुजाता एक बार फिर अपनी ओंठ राजेश की ओंठ को चुसने लगी।
राजेश से अब सहन न huwa वह भी सुजाता का साथ देने लगा।
वह भी सुजाता को पागलों की तरह चूमने लगा।
इधर सुजाता राजेश के कपड़ो को एक एक कर निकालता गया और उसे निर्वस्त्र कर दिया।
फिर राजेश को बेड में लिटा कर पूरे शरीर को चूमने लगी।
अंत में राजेश का land मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश बहुत अधिक उत्तेजित हो गया। उसका land लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
अब राजेश से रहा न गया, वह सुजाता को नीचे कर खुद उसके ऊपर आ गया। उसके सुडौल मस्त चूचियों को मुंह में भर कर चूसने लगा।
मसलने लगा। सुजाता की मादक सिसकारी कमरे में गूंजने लगा।
राजेश सुजाता की बदन को चूमते हुवे नीचे गया और उसकी मस्त फूली हुई रसीली चिकनी chut को चाटने लगा।
सुजाता की पैर मारे उत्तेजना के कप कपाने लगा। उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया। वह राजेश को पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया।
राजेश ने उसकी ओंठो को फिर जी भर कर चूसा।
फिर सुजाता की दोनो टांगो को फैला दिया।
अपना तना huwa land पकड़ का सुजाता की योनि द्वार पर रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही धक्के में बुर फाड़कर सरसरता huwa आधे से ज्यादा अंदर चला गया।
सुजाता की मुंह से आह मां,
निकल पड़ा।
अब राजेश सुजाता की दोनो चूचियां अपने हाथ में थामकर गच गच सुजाता को चोदना शुरू कर दिया।
कुछ ही पलों में सुजाता जन्नत की सैर करने लगी।
वह अपनी क़मर उचका कर राजेश का सहयोग करने लगी।
राजेश ने इस पोजीसन में सुजाता को जमकर काम सुख दिया। आह उह उई मां की आवाज़ से कमरा गूंजता रहा।
उसके राजेश नीचे आ गया सुजाता राजेश के ऊपर आ गई।
राजेश के land के ऊपर बैठ कर उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो काम के परम सुख को प्राप्त कर रहे थे।
राजेश भी अपना क़मर उठा उठा कर अपने land को सुजाता की योनि में और अधिक गहराई तक ले जाने का प्रयास कर रहा था।land का टोपा सुजाता की गर्भाशय को ठोक रहा था जिससे सुजाता के जिस्म में एक अलग तरंग पैदा हो रहा था।
वह उत्तेजना की अंतिम शिखर तक पहुंच गई। और झडने लगी।
राजेश के ऊपर लुड़क गई।
कुछ देर राजेश की बाहों मे सुस्ताने लगी।
कुछ देर बाद राजेश सुजाता को नीचे किया और स्वयं ऊपर आ गया।
फिर उसकी ओंठ चूसने लगा चूचियां मसलने लगा।
नाभी जीभ से चाटने लगा।
राजेश की इस हरकत से सुजाता फिर गर्म हो गई।
राजेश ने सुजाता को घोड़ी बना दिया।
अपना land पकड़ कर फिर से उसकी योनि द्वार पर रख कर ग च से पेल दिया।
Land एक ही बार में पुरा अंदर चला गया।
अब राजेश सुजाता की क़मर को पकड़ कर सुजाता की दनादन chudai शुरू कर दिया।
एक बार फिर सुजाता के मुंह से आह उह, उई मां आह की आवाज़ निकल कर कमरे मे गूंजने लगा।
राजेश ने अपना देखा की सुजाता की गाड़ फूल और पिचक रहा है। वह एक उंगली उसकी गाड़ में डाल दिया।
कुछ देर बाद दो उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा।
कुछ देर जमकर बुर मारने के बाद वह अपने land को बुर से बाहर निकाल दिया।
और सुजाता की गाड़ में रख कर दबाव बनाया
सुजाता की गाड़ धीरे धीरे फैलने लगा और राजेश का land उसमे समाते चला गया।
सुजाता को दर्द भी हो रहा था।
पर वह सारा दर्द सह ली एक समय ऐसा आया जब लन्ड ने गाड़ में अपना जगह बना लिया।
अब सुजाता का दर्द कम होने लगा।
अब राजेश सुजाता की गाड़ में land तेज तेज अंदर बाहर करने लगा।
Land गाड़ में कसा कसा अंदर बाहर होने लगा।
राजेश को भी बहुत मजा आने लगा।
राजेश अब land Ko गाड़ से निकाल योनि में डाल दिया। फिर कुछ देर जमकर बुर चोदा फिर गाड़ में डाल दिया और गाड़ मारने लगा ।
दोनो संभोग के परमसुख को प्राप्त कर रहे थे।
गाड़ की तेज रगड़ से राजेश भी अब झडने की स्थिति में आ गया ।
वह सुजाता को लिटा दिया और उसकी टांगो को अपने कंधे पर रख कर।
अपना land उसकी योनि में डाल कर जमकर चोदा।
और अपने land का पानी सुजाता की बुर में भर दिया।
गर्म गर्म वीर्य को अपनी योनि में जाता पाकर सुजाता को एक असीम आनद का अनुभव huwa और वह फिर झडने लगी।
दोनो एक दूसरे के बाहों में सो गए।
जब सुजाता आंखे खोली तो देखा दो बज रहे थे।
सुजाता _राजेश उठाे मुझे भुख लग रही है। किसी अच्छे से होटल में चलकर खाना खाते हैं।
सुजाता उठी और बाथरुम में घुस कर नहाई।
उसने देखा राजेश अभी भी सो रहा है। वह राजेश को उठा कर बाथरुम ले गई उसे नहलाई।
फिर दोनो अपने कपड़े पहन कर तैयार होने लगे।
दोनो तैयार होकर बाहर निकले। भगत को फोन कर बता दिया कि वे होटल जा रहें हैं लंच के लिए।
फाइव स्टार होटल में जाकर सुजाता ने पसंदिदा डीस आर्डर किया।
फिर दोनो ने लंच किया। लंच करने के बाद 3.30बजे तक साथ समय बिताए।
ट्रेन का समय 4बजे का था।
राजेश और सुजाता दोनो भगतके निवास स्थल आय। वहा बैग लेकर निकल पड़े।
निकलते समय भगत साथ आ रहा था कि राजेश ने कहा।
राजेश _मैम स्टेशन जा रही है, भगत तुम अपने काम देखो।
भगत _भाई, मुझे हर पल आपकी मदद की जरूरत होगी।
राजेश _किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत हो मुझे फोन कर बताना।
भगत _ठीक है भाई। भगवान आपको कामयाब बनाए।
सुजाता और राजेश स्टेशन के लिए निकल गए।
कुछ देर में ही ट्रेन पहुंच गई।
राजेश _अच्छा मैम अब मै चलता हूं।
सुजाता _ठीक है राजेश, तुम अपना ख्याल रखना।
और समय मिले तो मुझसे फोन पर बात करना।
ट्रेन पर राजेश चढ़ गया।
ट्रेन चलने लगी।
राजेश ट्रेन के गेट पर खड़ा होकर सुजाता को टाटा कर रहा था ट्रेन दूर निकल गई।
तभी एक बहुत खुबसूरत लड़की ट्रेन के पीछे पीछे भागते हुवे ट्रेन को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
राजेश ने देखा लड़की ट्रेन पर चढ़ने के लिए दौड़ रही है।
राजेश उसकी मदद करना चाहा।
वह हाथ आगे बढाया।
लड़की ने अपना एक हाथ आगे बढ़ाई। और पूरे जोर लगाकर दौड़ी।
राजेश भी जितना हो सके झुक गया।
और लड़की की तरफ हाथ आगे बढाया।
लड़की ने पूरा जोर लगाकर आखिर राजेश का हाथ पकड़ने में कामयाब हो गई।
राजेश ने उसे अपनी ओर खींचा।
लड़की ट्रेन पर चढ़ गई।
लड़की हापने लगी।
लड़की _ओह थैंक्स, अगर तुमने मदद नहीं की होती तो ट्रेन छूट गई होती।
राजेश _पर आपका बैग कहा है।
लड़की _मेरा बैग मेरे सीट पर है। मै कुछ सामान लेने उतरी थी की ट्रेन स्टार्ट हो गई।
राजेश _ओह।
लड़की अपने सीट की ओर जाने लगी।
राजेश अपना टिकट चेक किया सीट नंबर देखा।
उसे ढूंढने लगा।
जब अपना सीट पाया तो देखा की उसका सीट उस लड़की के सीट का ऊपर वाला सीट था।
लड़की _आपका सीट नंबर क्या है?
राजेश _जी ये ऊपर वाला सीट मेरी है।
लड़की _ओह।
राजेश ने अपना बैग नीचे डाल दिया। और उस लड़की के सामने वाली सीट पर बैठ गया।
वह बोगी पूरी तरह यात्रियों से भर चुका था।
राजेश जिस सीट पर बैठा था। उस पर २लोग और बैठे थे।
सामने वाली सीट पर भी ३लोग बैठे थे।
राजेश अपने ऊपर के सीट पर चढ़ गया और लेट गया।
अपने विचारो में खो गया।
राजेश अपने मोबाइल पर अपनी मां पापा का फोटो देखकर उन्हें मिस करने लगा।
इधर ट्रेन सिटी बजाते हुवे तेज गति से सरपट दौड़ने लगा।
नीचे उस लड़की के बाजू में एक औरत और उसका पति बैठा था।
औरत को लगा की राजेश ऊपर से उसका फोटो खीच रही है।
औरत _सुनो जी वो लडका ऊपर चडकर मेरी फोटो खीच रहा है।
पति _क्या? मेरे सामने ही मेरी बीवी की फोटो खीच रहा है। इसकी इतनी हिम्मत।
अबे उतर, तेरी इतनी हिम्मत मेरी बीबी की फोटो ले रहा है।
नीचे उतर, तुम जैसे लफंगों से मुझे निपटना आता है।
चोरी छिपे औरतों की फोटो खिचतो हो फिर उसे यू ट्यूब पर डालते हो।
नीचे उतर।
लड़की _क्या तुमने सच मे इनकी फोटो खींची, मै तुम्हे शरीफ लडका समझ रहा था तुम तो लफंगा निकले।
राजेश _इनकी बीवी को कोई गलत फहमी huwa हैं मैने इनकी कोई तस्वीर नही लिया है।
पति _सच क्या है अभी पता चल जायेगा दिखाओ अपना मोबाइल।
राजे_मैंने कहा न मैने कोई तस्वीर नही खींची है।
लड़की _अगर तुमने कोई तस्वीर नही खींची है तो मोबाइल दिखा क्यू नही देते।
राजेश ने लड़की को अपना मोबाइल दे दिया ठीक है आप चेक कर लीजिए।
लड़की ने मोबाइल लिया और कहा _पासवर्ड क्या है?
राजेश ने मोबाइल का पासवर्ड बता दिया।
लड़की ने मोबाइल की गैलरी चेक की। उसे उस औरत की कोई फोटो नही मिला।
लड़की _इसमें तो आपकी कोई फोटो नही है।
पति _इसने जरूर फोटो कही छिपा दिया होगा।
इन जैसे बदमाशो को मैं अच्छी तरह जानता हूं।
राजेश ने अपना मोबाइल लिया और अपने सीट पर चादर ओर के सो गया।
राजेश का गांव राजधानी से 600km दूर था। लक्ष्मण पुर स्टेशन से उतरकर 15km अंदर जाना था। ट्रेन सुबह ही लक्ष्मण पुर स्टेसन पहुंचेगा।
जिस रूट पर ट्रेन चल रहा था 400km से आगे 200km तक इंटिरयल रूट था। उसके आगे केवल 2ही स्टेशन पड़ता था।400km चलते चलते अधि कांश यात्री उतर जाते थे।
बोगी में 1/3यात्री ही शेष रह जाते।
इसी का फायदा बदमाश लड़के उठाते।
400km के बाद एक स्टेशन पड़ता था। जहा बदमाशो का एक गिरोह सक्रिय था। जो औरतों और लड़कियों का शिकार करता था।
बदमाशोका गिरोह न जाने कितने लड़कियो को अपने हवस का शिकार बना चूके थे।
इनको चलती ट्रेन में लडकियों औरतों का बलात्कार करने में बड़ा मजा आता था।
इधर ट्रेन आगे बड़ने लगी। रात होने पर यात्री अपने पास रखे भोजन करके सोने लगे।
राजेश भी सो गया था।
वह लड़की और औरत भी अपने अपने सीट पर सोने की तैयारी करने लगें।
इधर जैसे जैसे स्टेशन आता यात्री उतरने लगे। बोगी खाली होता गया।
400 km के बाद जब स्टेशन आया वहा। गिरोह के बदमाश जो 8_9के संख्या मे थे।
ये गिरोह जनरल कोच का टिकट लेते थे।
फिर सभी अलग अलग एसी कोच स्लीपर कोच में चले जाते और अपनी शिकार की तलास में जुट जाते।
जब किसी सदस्य को खुबसूरत औरत या लड़की मिल जाता। और बोगी में कम लोग बैठे हो तो उसका चुनाव करता और फोन कर अपने सभी साथी को इसकी जानकारी देते। फिर वे धीरे धीरे सभी उस बोगी में एकत्र होने लगते।
इशारों में बात करते।
जब सभी यात्री सो जाते तब ये पिस्तौल, चाकू निकाल लेते। बोगी के दोनो ओर के दरवाज़े बंद कर देते। लोगो को डरा धमकाकर लडकियों औरतों का बलात्कार करते फिर अगले स्टेशन पर उतर कर भाग जाते।
जब गिरोह के एक सदस्य ने राजेश के सीट के नीचे वाली लड़की को देखा।
तो वह अपने banki साथियों को फोन कर इसकी जानकारी दिया की आज का शिकार मिल गया है।
सदस्य _भाई तुम लोग एसी कोच के 25 नंबर की बोगी में आ जाओ।
यार सच में क्या गजब की मॉल है?
दिव्या भारती से भी ज्यादा खुबसूरत मॉल है।
गिरोह के सभी सदस्य एक एक कर के उस बोगी में आने लगें।
खाली सीटो में बैठने लगे।
वे इशारों में बात करते।
इधर बोगी में कम यात्री ही बचे थे। वो भी अपने अपने सीट पर सो चूके थे।
गिरोह को लगा की यह सही मौका है।
रात के करीब 2बज चूके थे।
बदमाशो का लीडर ने अपने साथियों को इशारा किया।
उनके साथियों ने बोगी के दोनो ओर का दरवाजा बंद कर दिया। ताकि दूसरे बोगी के लोग न आ सके।
उसके बाद वह लड़की के पास गए।
लड़की का मुंह बन्द कर दिया। उसे ठाकर खाली सीट पर ले जाने लगे।
लड़की हाथ पैर चलाने लगी। चीखने की कोशिश करने लगी।
उसने पूरे जोर लगाकर कर उनका विरोध किया।
बदमाशो की पकड़ कम होने पर चीखी।
चीख सुनकर आसपास के लोग उठे।
बदमाशो ने पिस्तौल दिखा कर लोगो को धमकी दी, सभी अपने सीट पर चुप चाप लेटे रहे किसी ने कोई हरकत किया तो मारे जाओगे।
लोग डर के मारे अपने जगह पर लेटे रहे।
इधर बदमाश लड़की को खाली सीट पर उठा कर ले जाने लगे।
लड़की चीखने लगी तुम लोग कौन हो?
छोड़ो मुझे, इधर एक बदमाश कोऔरतों के साथ खेलने में ज्यादा मजा आता था।
जब लड़की के बाजू वाली सीट पर लेटी महिला पर नजर गया।
तो, यार तुम लोग उस लड़की का सील तोड़ो।
मुझे मेरा मॉल मिल गया है।
उस औरत को बदमाश ने उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया।
आजा मेरी रानी मेरी प्यास तू बुझायेगी।
क्या गदराया बदन है तुम्हारा।
उसका पति, जो लेटा था उठ गया।
छोड़ दो मेरी बीवी को।
बदमाश _तेरी बीबी को तो तेरे आंखो के सामने चोदूंगा हाय बड़ा मजा आएगा।
एक बदमाश ने उसके पति के गले में चाकू अड़ा दिया।
उसका पति डर गया।
प्लीज मेरी पत्नि को छोड़ दो।
कोई बचाव मेरी बीवी को।
औरत भी छोड़ने की रहम मांग रहि थी।
बदमाश को बड़ा मजा आ रहा था वह उसकी चूची को कपड़े के ऊपर से ही मसलने लगा।
उधर लड़की भी चीख रही थी।
बदमाश _और चीखों यहाँ तुम्हारी पुकार सुनने वाला कोई नहीं।
हा हा हा,,,,
दो बदमाश लड़की के दोनो हाथ पकड़ लिए। दो बदमाश उसके पैर।
बदमाशो का लीडर लड़की के कपड़े को पकड़ कर फाड़ने वाला ही था कि,,,
किसी ने आवाज़ दिया,,,
छोड़ दो इन लोगो को,,,
बदमाशो ने इधर उधर देखा कौने बोला बे,,
किसको मरने का है,,,
राजेश अपने सीट से उठकर बैठ गया,,,
मैने कहा छोड़ दो इन लोगो को,,,
बदमाश _लो जग गया हीरो, हीरोइन को बचाने सभी बदमाश हसने लगे।
अबे क्यू अपनी जान गवाना चाहता है।
राजेश _अगर तुम लोग अपनी जान बचाना चाहते हो तो छोड़ दो इस लड़की और औरत को।
बदमाश _अबे शाला हमे धमकाता है ।
एक बदमाश ने चाकू से प्रहार किया।
राजेश ने उसके हाथ को रोक दिया ।
फिर उसके हाथ पकड़ कर ज़ोर से खींचा की उस बदमाश का गला उसके चाकू से ही कट गया वह वही लुड़क गया।
अपने साथी को जमीन पर गिरता देख।
बदमाशो के लीडर ने कहा _मारो साले को। राजेश पर एक एक करके अटैक करने लगें।
एक चाकू राजेश के भुजा पर लगा।
उसके भुजा से खून बहने लगा।
राजेश शेर की भाती दहाड़ा।
जो भी उसके सामने आता उसे उसके प्रहार को रोक कर उसकी गर्दन को अपनी भुजा में दबाता।
दूसरे बदमाश को जोर दार मुक्का मारता एक एक कर सभी बदमाश नीचे लुढ़कते गए।
बचे बदमाश डर के मारे भागने लगे वे बोगी का दरवाजा खोल कर दूसरे बोगी की ओर भागने लगे तभी राजेश एक एक को पकड़कर उसकी गर्दन तोड़ने और ट्रेन की दरवाजा खोल बाहर फेकने लगा।
राजेश और बदमाशो के बीच tarin के दरवाजे के पास जमकर फाइट huwa बदमाश मिलकर राजेश को ट्रेन से फेकने की कोशिश करने लगें।
पर राजेश को ट्रेन से फेकने में असफल रहे राजेश ने फिर से जोर दार दहाड़ा और बदमाशो पर जोरदार प्रहार कर सबकी हाथ गर्दन तोड़ कर ट्रेन से फेकता गया।
एक एक कर सभी बदमाशो को ट्रेन से फेक दिया। ट्रैन तेज गति से चली जा रही थी।
लड़की राजेश को बदमासो से लड़ते हुए देख रही थी।
जब सभी बदमाशो को मारकर ट्रैन से फेक दिया।
राजेश लड़खड़ाता हुवा अपने सीट की ओर गया लड़की ने उसे सहारा दिया। और राजेश को सीट पर बिठाया।
लड़की _, तुम्हारी भुजाओं से तो काफी खून बह रहा है।
लड़की ने अपने बैग से उपचार की सामाग्री निकाला।
और राजेश का उपचार करने लगा।
राजेश लड़ते लड़ते थक चुका था। करीब आधे घण्टे बाद वह नार्मल महसूस किया।
उस औरत और उसके पति ने राजेश से माफी मांगने लगीं। हम लोग तुम्हे लोफर समझ कर बुरा भला कहा और तुम ने हमारी इज्जत और जान बचाया।
हमे।
उसका पति _तुम सच में हीरो हो,,,
लड़की _तुम बहुत बहादुर हो,,,
क्या नाम है तुम्हारा,,,
राजेश _राजेश,,,
लड़की _राजेश,,, हम लोगो की इज्जत बचाने के लिए,,, बहुत बहुत धन्यवाद।
राजेश _वैसे आपका नाम क्या हैं?
लड़की _दिव्या, दिव्या ठाकुर।
राजेश _दिव्या जी,,
आप डॉक्टर है क्या?
ये सब उपचार की सामाग्री,,
दिव्या _आप ने बिलकुल ठीक कहा मैं एक डॉक्टर हूं।
मै मुंबई के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर अपना घर जा रही हूं।
राजेश _ओह।