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राजेश एयरपोर्ट के पास दुखी मन से विचारमग्न होकर पेड़ के नीचे बैठा था। तभी भगत एयर पोर्ट पहुंचा। वह राजेश का बाइक देखा, पर राजेश कही नजर नहीं आ रहा था। उसने राजेश को काल किया, राजेश ने काल नही उठाया।
उसे ध्यान ही नहीं रहा की मोबाइल की रिंग बज रही है। भगत ने राजेशको एयरपोर्ट केअंदर काफी ढूंढा , , राजेश नजर नहीं आया तो उसने एयर पोर्ट के आस पास ढूंढा। राजेश को उसने पेड़ के नीचे बैठा पाया।
वह राजेश के पास गया।
भगत _भाई आप यहां हैं मैने कहा कहा नही ढूंढा आपको।
राजेश गुमसुम सा बैठा था।
भगत _भाई, निशा जी से मिले,,,
राजेश _निशा जी, चली गई भगत,, दुखी मन से कहा,,,
भगत _भाई आपने रोकने की कोशिश नही की।
राजेश _मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं भगत किस मुंह से उसे रुकने के लिए कहता।
भगत _भाई आप दुखी मत हो, निशा जी जरूर वापस आयेगी।
राजेश _नही भगत, अब वह वापस नहीं आएगी। अब मुझसे नफरत करती है। उसके दिल में मेरे लिए कोई जगह नही।
राजेश _तुम जाओ भगत मुझे अकेला छोड़ दो।
भगत _नही भाई मै, आपको अकेला नहीं छोड़ सकता। चलो आप मेरे साथ।
भगत कार में आया था जो पार्टी वालो ने उसके आने जाने के लिए दिया था।
वह राजेश को लेकर अपने निवास स्थान पर ले गया।
राजेश को अपने बेड रूम में ले गया।
राजेश बेड में लेट कर पुनः विचारो में डूब गया।
भगत _भाई सुबह से आप कुछ खाए नही होगे, मैने नाश्ता मंगाया है। चलो नाश्ता करलो।
राजेश _नही भगत, मेरा कुछ खाने का मन नही है, तुम खालों।
इधर जब काफी समय हो जाने के बाद भी राजेश घर नही लौटा तो सुनीता को चिंता होने लगी।
उसने राजेश को काल किया।
भगत _भाई मां जी का काल है।
राजेश _मां से कह दो की मै तुम्हारे साथ हूं, मै बाद में घर आऊंगा।
भगत _मां जी मै भगत बोल रहा हूं। राजेश भाई मेरे साथ है, वह बाद में घर पहुंचे गा।
सुनीता _बेटा, राजेश कहा है, वह बात क्यू नही कर रहा।
भगत को समझ नही आ रहा था क्या बोले तभी उसने बहाना बनाया,,
भगत _राजेश बाई बाथरुम में हैं मा जी।
सुनीता _ठीक है भगत, राजेश से कहना जल्दी घर आ जाए।
भगत _ठीक है मां जी।
इधर कालेज केअधिकांश छात्र छात्राओं को पता चल गया कि निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
यह बात स्वीटी को उसकी सहेलियों ने फोन पर बताई।
स्वीटी को जब पता चला तो वह अपने मां की कमरे की ओर गई। सुनीता इस समय आराम कर रही थी।और सोच में डूबी हुई थी कि आखिर राजेश उदास क्यू रहता है।
स्वीटी जब सुनीता के कमरे में पहुंची।
सुनीता _बेटा , तुम मेरे कमरे मे, कुछ काम था क्या?
स्वीटी _मां, मुझे पता चल गया कि भईया आज कल उदास क्यू रहतेहै?
सुनीता _क्या, तुम्हे पता चल गया, राजेश के उदासी का कारण।
स्वीटी _हां मां।
सुनीता _बताओ, क्या बात है?
स्वीटी _निशा, हमेशा के लिए लंदन चली गई।
सहेलियों ने बताया की भईया और निशा के बिच कुछ विवाद huwa हैं।
सुनीता _क्या? हे भगवान , आखिर वही huwa जिसका मुझे डर था। मैने राजेश को मना किया था की अमीर घर की लडकियों से दूर रहें। वह माना नही। पता नही मेरे बेटे पर क्या बीत रही होगी? पिछले कुछ दिनों से मेरे बेटे ने हंसना भूल गया है।
सुनीता रोने लगी।
स्वीटी _मां भईया, कहा है मुझे उसकी चिंता हो रही है।
सुनीता _बेटा, अभी लगाया था उसको काल, भगत ने फोन उठाया था। वह बता रहा था कि राजेश उसके साथ है। सुनीता सुबकते हुए बोली।
बेटा तुम फोन लगाकर राजेश से बात करो उसे जल्दी घर आने के लिए कहो।
Switi ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई स्वीटी का काल है।
बात करलो।
राजेश ने फोन उठाया।
स्वीटी _भईया, आप कहा है? सहेलियां बता रही थी की निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
मां परेशान है, तुमको लेकर आप जल्दी घर आ जाओ।
राजेश _छोटी मै ठीक हू, मां से कहना मेरी चिंता न करे। मै घर आ जाऊंगा।
राजेश ने दुखी मन से कहा।
स्वीटी _ठीक है भैया।
इधर सुनीता बहुत चिंतित थी।
शाम हो चुका था।राजेश अभी भी घर नही पंहुचा था।
सुनीता की चिंता और बड़ गई।
उसने प्रिया को फोन किया।
प्रिया इस समय हॉस्पिटल में थी।
प्रिया _प्रमाण बुवा।
सुनीता _जीती रह बेटा।
घर मे सब कैसे है?
प्रिया _सब अच्छे है बुआ। वहा सब कैसा है?
सुनीता _अब क्या बताऊं बेटा तुम्हे? मै राजेश को लेकर चिंतित हूं। सुनीता सुबकने लगी।
प्रिया _क्या huwa राजेश को बुआ सब ठीक तो है न।
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से राजेश उदास रहता है। गुमसुम सा रहता है। आज पता चला कि निशा और उसके बीच कुछ कहासुनी हो गई है और आज निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
राजेश सुबह से अभी तक घर नहीं लौटा?
प्रिया _क्या? निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई। ये कैसे हो सकता है? वो तो राजेश से बहुत प्यार करती थीं।
इतना कुछ हो गया और राजेश ने मुझे कुछ बताया नही।
सुनीता _वो तो हमें भी अब तक कुछ बताया नही है। स्वीटी के दोस्तो ने बताया तब पता चला।
प्रिया _हे भगवान, राजेश पर क्या गुजर रहा होगा।
सुनीता _मुझे बडी चिंता हो रही है बेटा,
सुनीता सुबकते हुई बोली।
प्रिया _बुआ तुम चिन्ता न करो मै अभी पहुंचती हूं।
प्रिया हॉस्पिटल से सीधा राजेश के घर के लिए निकल गई।
घर पहुंचने के बाद।
सुनीता ने दरवाजा खोला।
सुनीता _आओ प्रिया।
सुनीता सुबकते हुवे प्रिया के गले लग गई।
स्वीटी भी वही खड़ी थी उसकी आंखो में भी आंसू थे।
प्रिया _बुआ आप लोग चिन्ता न करो सब ठीक हो जाएगा।
प्रिया ने राजेश को काल किया।
राजेश ने काल रिसीव किया।
प्रिया _कहा है re, मुझे सब पता चल गया है। तुम कहा हो। घर वाले सब परेशान हैं। हम लोग भगत के निवास स्थान पहूंच रहे हैं।
राजेश _नही दी आप लोग यहां मत आओ, मै घर आ रहा हूं।
प्रिय_ठीक है भगत को फोन दो।
भगत _हां दी बोलो।
प्रिया _देखो, राजेश की स्थिति अभी ठीक नहीं होगा। उसे अकेले घर आने मत देना। तुम राजेश को लेकर आओ।
भगत _ठीक है दी।
भगत राजेश को लेकर अपने कार में घर के लिए निकल गया। उसका बाइक अपने दोस्तो घर छोड़ने बोल दिया।
कुछ समय में ही वे घर पहुंच गए।
घर पहुंचने पर राजेश के चहरे की उदासी देखकर, सभी भावुक हो गए।
सुनीता _बेटा, मैने तुमसे कहा था न, अमीर घर की लडकियों से दूर रहने के लिए। आखिर छोड़ कर चली गई।
मेरे बेटे की मुस्कुराहट छीनकर।
सुनीता सुबकने लगी।
प्रिया _राजेश ये सब क्या हो गया? ये कैसे huwa ?
बताओ राजेश, खामोश क्यू हो बताओ,,,
भगत _दी भाई क्या बतायेगा? मै बताता हूं, ये सब किसके कारण huwa है।
राजेश ने भगत को रोक दिया, नही,,,
राजेश _ गीत गाने लगा,,,,
ये क्या huwa? कैसे huwa?
गाना खत्म होने के बाद।
प्रिया ने राजेश को समझाया की, राजेश तुम दुखी न हो मुझे पूरा यकीन है एक दिन निशा जरूर वापस आयेगी।
राजेश को प्रिया ने अपने हाथो से खाना खिलाया। राजेश कहता रहा कि मुझे भुख नही है पर उसने कहा की अगर तुम नही खाओगे तो कोई भी खाना नही खायेगा।
क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारे कारण सभी भूखे रहे
राजेश _नही दी।
प्रिया _तो फिर, आज मै अपने भाई को अपने हाथो से खाना खिलाऊंगी।
प्रिया ने राजेश को खाना खिलाया फिर उसे उसके कमरे में आराम करने के लिए ले गया और उसे समझाया कि तुम्हे उदास देखकर तुम्हारे मां पापा और बहन पर क्या गुजरती होगी?
क्या तुम सबको दुखी देखना चाहते हो?
राजेश _नही दी, मै नही चाहता कि मेरे कारण मेरे परिवार वाले दुखी रहे।
प्रिया _फिर जो हो गया उसे भूलने की कोशिश करो और घर वालो के बारे में भी सोचो।
राजेश _ठीक है दी।
प्रिया _अच्छा भाई, मै चलता हूं। पिंकी मेरी राह देख रही होगी?
राजेश _ठीक है दी।
इधर निशा लंदन पहुंच चुकी थी उसे एयरपोर्ट पर लेने के लिए उसकी बुआ और फूफा जी पहुंचे थे।
निशा ने जब अपनी बुआ लक्ष्मी देवी और फूफा प्रीतम सिंह से मिली।
निशा ने और सीमा दोनो का पैर छूकर प्रणाम किया।
लक्ष्मी देवी _कैसी है मेरी बच्ची। उसने निशा को गले लगा लिया।
मुझे सुजाता ने सब बता दिया हैं। बेटा तुम दुखी मत हो सब ठीक है जायेगा।
चलो घर चलो।
चारो घर चलें गए।
घर जाने के बाद।
लक्ष्मी देवी _निशा बेटा देख लो कौन सा कमरा तुम लोगों को पसंद है नौकरों से मदद लेकर अपना अपना सामान वहा जमा दो।
निशा _बुवा हम दोनों अलग अलग कमरे मे नही रहेंगे। एक ही कमरे मे रहेंगे।
लक्ष्मी देवी _ठीक है बेटा ये तुम्हारा ही घर है जैसे रहो।
खाने के लिए जब बोली तो निशा ने कहा
निशा _बुवा आज भूख नहीं लग रही। सीमा जाओ तुम खा लो, सीमा _नही सीमा, मै अकेली नही खाऊँगी। मुझे भी भूख नहीं।
लक्ष्मी देवी_देखो बेटा, जो हूवा उसे भूलने में समय तो लगेगा। भूखे रहने से सब ठीक तो नही हो जायेगा।
चलो थोडा खा पता नही सुबह से तुम लोग कुछ खाए भी हो की नही।
बुवा और सीमा के जिद करने पर निशा भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
लक्ष्मी देवी _बेटा मुझे सुजाता ने सब बता दिया है कि तुमको खाने में क्या पसंद है। तुम्हारे पसन्द की सारी चीजे बनी है।
प्रीतम सिंह _निशा बेटा, तुम खाने पीने में संकोच न करो। ये घर तुम्हारा ही है।
सच तो यह है की विशाल भईया और सुजाता भाभी ने अगर हमारी बिजनेस में मदद नहीं किया होता तो मैं किसी कंपनी में नौकरी कर रहा होता जो कुछ भी है सब विशाल भईया की वजह से है यहां की सब कुछ को अपना ही समझो।
अगर किसी प्रकार की दिक्कत हो तो मुझे बताना।
निशा _ठीक है फूफा जी।
निशा थोडा सा भोजन की अपनी बुआ की बात रखने के लिए।
रात में निशा और सीमा दोनो बेड पर सोने की कोशिश करने लगे। उन्हे नींद नहीं आ रही थी।
सीमा ने निशा से कहा,,
सीमा _क्यू? नींद नहीं आ रही है? राजेश के बारे में सोच रही हो न।
निशा _नही, मै उसे क्यू याद करुंगी? रंडीबाज को।
सीमा _फिर क्या सोच रही हो?
निशा _अपनी मॉम और डैड, पता नही वे कैसे होंगे?
सीमा _तुम खुश रहोगी तो वे भी वहा अच्छे से रहेंगे।
दोनो सोने की कोशिश करने लगे पर सो नही पाए।
इधर राजेश सुबह उठने के बाद खुद को घर वालो के सामने खुश दिखाने की कोशिश करता।
जिम जाता।
और आईएएस की तैयारी करता।
शाम के समय वह नदी किनारे जाकर समय बिताता।
इधर निशा ने अपने फूफा जी से कहा,,
निशा _फूफा जी मुझे आपसे कुछ बात करनी थीं।
प्रीतम सिंह _बोलो बेटा,
निशा _अगर आपको दिक्कत न हो तो हम भी आपके ऑफिस जायेंगे। पढाई के साथ बिजनेस के बारे में भी सीखना चाहती हूं। दिन भर आखिर हम यहां करेंगे क्या?
प्रीतम _बेटा ये तो बडी अच्छी बात है। जैसे तुम लोग चाहो। चलो आज से ही मेरे साथ मेरे काम में हाथ बटाना।
निशा और सीमा दोनो ऑफिस चले गए। सब कुछ भूलने की कोशिश करने लगे।
कुछ दिन बाद रिया ने राजेश को फोन किया,,,
राजेश ने फोन नही उठाया,,
रिया राजेश का घर गई। पता चला राजेश घर पर नहीं है।
कही बाहर टहलने गया है।
दोस्तो से पता कराने पर पता चला की राजेश शाम के समय नदी की ओर टहलने जाता है।
वह नदी की ओर चली गई।
इधर उधर ढूंढने के बाद रिया को राजेश नदी किनारे बैठा मिला।
रिया _राजेश तुम यहां हो मैने तुम्हे कहा कहा नही ढूढा। तुम मेरा काल भी रिसीव नहीं करते।
राजेश _रिया तुम यहां क्या करने आई हो? जो तुम चाहती थी, वो तो हो गया। तुम अपनी चाल में कामयाब हो गई। अभी और कुछ बाकी रह गया है?
रिया, राजेश के पाव में गिर गई।
राजेश मुझे माफ कर दो।
मै नही जानती थीं की बात इतनी बिगड़ जाएगी।
मै सोंची नही थी कि निशा और तुम्हारे बीच दूरियां इतनी बड़ जाएगी।
मै निशा को सब सच बता दूंगी, कि मैने तुम्हे अपनी जाल में कैसे फसाया? मै अभी निशा के काल करती हूं।
राजेश _नही रिया, ऐसा करने की जरूरत नहीं। क्यू कि मैं निशा को धोखे में नही रख सकता। क्यू की सच तो यही है कि मेरे कई औरतों से संबंध है।
एक दिन निशा जी को यह सच्चाई पता चलना ही था।
रिया _राजेश, मुझे माफ कर दो, प्लीज।
रिया राजेश की पैर पकड़ कर माफी मांगने लगीं।
राजेश _जाओ रिया मैने तुम्हे माफ किया?
रिया _राजेश मेरे मॉम डैड ने मेरी शादी अपने दोस्त के बेटे से तय कर दी है। कल मेरी सगाई है।
राजेश अगर कल तुम मेरे सगाई पर आए तो मैं समझूंगी की तुमने मुझे माफ कर दिया है।
रिया वहा से चली गईं।
रात में सुजाता राजेश के कमरे में यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही,,
सुनीता _बेटा तुम अभी तक सोए नही।
निशा को भुल जाओ बेटे। मेरे बेटे को निशा से भी अच्छी लड़की मिलेगी देखना।
राजेश _नही मां, निशा जी मेरी अच्छी दोस्त थी। जब मैं निराश होता था टू हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती थी आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती थीं। वह एक सच्ची दोस्त थी मां।
सुनीता _अब बिता समय वापस तो नही आ सकता बेटा। पुरानी बातो को भुल कर हमे एक नई सिरे से सोचना चाहिए।
राजेश _हां मां मै पुरानी यादों को ही भूलने की कोशिश कर रहा हूं।
सुजाता _रात बहुंत हो गई है बेटा अब सो जाओ।
सुजाता राजेश के सिर को अपने गोद पर रख कर सुलाने की कोशिश करने लगी।
अगले दिन रिया की सगाई थी सगाई की पार्टी में उनके सारे दोस्त रिश्तेदार समय पर पहुंच चूके थे।
शहर के सारे बड़े बिजनेस मैन और उद्योग पतियों को आमंत्रित किया गया था।
रिया की सगाई में सुजाता और रीता भी आई थी।
रिया को राजेश का आने का इंतजार था।
वह बार बार दरवाज़े को ओर देख रही थीं और दोस्तो को पुछ रही थी की राजेश आया की नही।
काफी समय हो गया तब रिया को लगा की राजेश नही आयेगा। वह निराश हो गई।
अंगूठी का रस्म पूरा करने ही वाली थी की उसकी सहेलियों ने बताई की राज आ गया।
राजेश और भगत अपने दोस्तो के साथ पहुंच चुका था।
रिया बहुँत खुश हो गई।
वह राजेश की ओर देखी और आंखो हो आंखो में उसे शुक्रिया कहा।
अंगूठी की रश्म पूरा होने के बाद सभी ने रिया और उसके होने वाले पति को बधाई दिया।
सुजाता वहा मौजूद थीं। रीता ने राजेश को देखकर उसके पास गईं।
रीता _कैसे हो राज?
राजेश _ठीक हूं मैम।
रीता _निशा के बारे में सुनी बडा दुख huwa
संगीत का कार्यक्रम शुरू huwa,
रिया ने राजेश को खुशी के मौके पर गीत गाने के लिए मंच पर आमंत्रित किया।
सभी दोस्तो राज राज चिल्लाने लगे।
राजेश मंच पर गया और माइक से बोला,,,
राजेश _दोस्तो जब किसी का दिल टूटा huwa हो और उससे खुशी के मौके पर गीत गाने के लिए कहा जाए,,,
तो गीत गाने वाले की दिल का दर्द मुंह से बाहर आ ही जाता है। ऐसे खुशी के मौके पर अपने दिल की दर्द बया कर मैं आज इस खुशी की माहौल को खराब नही करना चाहता इसलिए मुझे क्षमा कीजिए।
मै गीत नही गा पाऊंगा।
सभी दोस्त उदास हो गए।
तभी रिया बोली _
राजेश तुम्हारा दिल जो कहे वो सुनाओ हम सबको अच्छा लगेगा,,,
सभी दोस्त राज राज चिल्लाना शुरू कर दिया,,,
इधर सीमा के दोस्त ने सीमा को फोन कर बता दिया की राज रिया की सगाई में आया huwa है।
उनके दोस्त गीत गाने के लिए जिद कर रहे हैं।
सीमा ने अपनी सहेली से वीडियो कालिंग कर सब दिखाने कह दी कि पार्टी में क्या हो रहा है।
वह अपनी मोबाइल से सब देखने लगी।
तभी निशा कमरे में पहुंची।
सीमा मोबाइल पर क्या देख रही है में तुम्हे कब से आवाज़ दे रही हूं?
मै भी तो देखूं?
निशा ने सीमा से मोबाइल छीनकर देखने लगी।
इधर राजेश _माइक पर बोला,
दोस्तो मेरी गलती की वजह से मेरी सच्ची दोस्त मुझसे रूठ कर दूर चली गई है। पता नही वह कभी वापस आयेगी भी की नही। लेकीन मुझे पता है मैं उसे कभी नहीं भुल पाऊंगा। मै यह गीत उसकी याद में सुनाने जा रहा हूं,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
इधर निशा की दिल की धड़कन बढ़ गई थी,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,
ओ साथी re तेरे बिना भी क्या जीना
राजेश के द्वारा गीत गाने के बाद वहा मौजूद सभी लोगों के आंखो में आंसू भर गए,निशा फूट फूट कर रोने लगी। सीमा ने उसे ढाढस बंधाया।
इधर गीत गाने के बाद राजेश और उसके दोस्त डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। बाजू वाले टेबल पर सुजाता और रीता बैठी थी।
वेटर विस्की का ट्रे लेकर विस्की के लिए आवाज़ लगा रहा था। तभी राजेश ने वेटर से विस्की के लिए आवाज़ लगाया।
रीता और सुजाता चौकी। वह राऐश की ओर देखने लगे।
राजेश_भाई आज रिया की सगाई है। सभी दोस्तो के लिए विस्कि लगाओ।
भगत _भाई आप शराब मत पियो।
राजेश _क्यू, आज तो खुशी का पल है।वेटर सबके लिए पेग बनाओ।
राजेश ने एक पैग उठाया और चेस कहते हुए। शराब की दो तीन पैग पी लिया।
सुजाता और राजेश की गतिविधियों को देख रही थीं।
राजेश _ये दुनियां भी कितनी अजीब है। कौन कब बदल जाय कहा नही जा सकता। कल जो हमारे बाहों से लिपटी रहती थीं। आज उन्हे हमारी ओर देखना भी पसंद नही। राजेश ने एक पैग और पी लिया।
भगत _अब बस करो तीन पैग ले चूके हो।
राजेश _शाला ये कैसा शराब है नशा ही नहीं हो रहा। राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ में कहा।
एक और पैग बनाओ।
राजेश ने एक पैग पी लिया।
कुछ ही देर में राजेश का नशा चढ़ गया।
राजेश _भाई हम तो ठहरे आवारा भौरा कभी इस डाली तो कभी उस डाली मंडराने की हमारी फितरत है। कोई कली पसंद आ जाए तो हम उसका रस पी लेते है।
भगत तुम शरीफ लडकियों और और औरतों से कह दो मुझसे दूर रहें।
एक पैग और बनाओ re।
शाला शराब में नशा ही नही है,,
भगत _भाई, मै आपको ओर पीने नही दूंगा।
राजेश ने लड़खड़ाते आवाज़ से कहा।
कल तक बड़े बड़े कसमें खाते थे,,, और एक पल में ही कह देते है सब कुछ खतम,,,
राजेश ने एक और पैग पीने के लिए, प्याला उठाया।
सुजाता जो बाजू टेबल पर बैठी थी ।
उससे बर्दाश्त नही huwa और उठ कर आई गिलास प्याला राजेश की हाथो से छीनते हुवे बोली।
सुजाता _राजेश और कितना पियोगे। मै तुम्हे और पीने नही दुंगी। प्याला छीनकर फेक दिया।
सभी लोग राजेश और सुजाता की ओर देखने लगे।
आप कौन हैं मोहतरमा हमे रोकने वाली। हमारी मर्जी हमारा जितना मर्जी करेगा उतना पियेंगे।
राजेश की बात सुनकर सुजाता रोने लगी। वह आंसू पोछते हुवे वहा से भागी। रीता उसको आवाज़ देते हुए पीछे गईं ।
सुजाता के वहा से जाने के बाद राजेश अपने चेयर पर बैठ गया।
बिलकुल खामोश हो गया।
रिया वहा पहुंची।
रिया _राजेश तुम ठीक तो हो न।
तभी राजेश के आंखो में आंसू देख कर। वह राजेश की अपने सीने से लगा लिया
। राजेश तुम रो रहे हों।
राजेश सब ठीक हो जाएगा।
रिया _भगत तुम राजेश को घर छोड़ आओ।
भगत राजेश को लेकर उसके घर छोड़ने चला गया।
भगत बेल दरवाज़े का बजाया।
सुनीता ने दरवाजा खोली।
सुनीता _क्या huwa मेरे बेटे को
भगत,_कुछ नही मां जी। राजेश भाई ने थोडा विस्की पी लिया है।
भगत ने राजेश को उसके कमरे तक पहुंचाया ।
उसे बेड पर लिटा दिया।
भगत _अच्छा मां जी अब मै चलता हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश को होश नहीं था। वह अपने आंखे खोला सामने अपनी मां को पाया।
इधर स्वीटी भी कमरे में आ चुकी थी।
स्वीटी _मां, भाई को क्या हुआ है।
राजेश _आईएम सॉरी मां, मैंने शराब पी।
सुनीता रोने लगी।
राजेश _मां तुम रो रही हो।
सुनीता _अपने बेटे को ऐसी हालात में देखकर कौन मां नही रोएगी ।
राजेश _आई एम सॉरी मां गलती हो गई अब मैं कभी शराब नही पियूंगा।
स्वीटी राजेश की मोजे जूते उतारने लगी। उसकेशर्ट पेंट उतार दिया।
सुनीता _बेटा तुम आराम करो। तुम होश में नहीं हो।
सुनीता ने राजेश को चादर उड़ा दिया।
सुनीता _स्वीटी बेटा तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो।
स्वीटी _ठीक है मां।
स्वीटी अपने कमरे में चली गई।
सुनीता , राजेश को कुछ देर सुलाने की कोशिश की फिर अपने कमरे में चली गई।
इधर स्वीटी कुछ देर बाद राजेश के कमरे मे पहुंची।
वह नाईटी में थी।
राजेश सोया huwa था।
स्वीटी _भाई मै तुम्हे निशा की कभी कमी महसूस नही होने दुंगी।
वह नाईटी उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
और राजेश की अंडरवियर निकाल दिया।
उसके land को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद राजेश ने आंखे खोला।
सामने स्वीटी को थी। वह अभी भी नसे में था। उसने स्वीटी को निर्वस्त्र पाया।
राजेश _स्वीटी, तुम ये ये क्या कर रही हो, जाओ यहां से।
स्वीटी _नही भईया मै निशा की याद तुम्हारे दिल से निकाल दुंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश नसे में था ज्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं था।
राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो जाओ अपने कमरे मे।
स्वीटी _नही भईया, मै तुम्हारे दिल से निशा को निकाल के रहूंगी। तुम्हे खुब प्यार दुंगी।
वह राजेश के land को चूसती रही उसके अंडकोष को सहलाती रही।
स्वीटी की हरकतों से राजेश का land खड़ा हो गया।
स्वीटी राजेश के land को पकड़ कर अपने chut पर सेट की और उस पर बैठ गई।
फिर उसके ऊपर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश नसे में था वह ज्यादा विरोध नही कर सका।
स्वीटी की हरकतों से राजेश भी उत्तेजित हो गया।
राजेश का land स्वीटी की बुर में अंदर बाहर होने लगा
धीरे धीरे राजेश के ऊपर भी काम वासना हावी होने लगा। वह स्वीटी की कमर को अपने दोनो हाथो से थाम लिया।
इधर स्वीति कामुक सिसकारी, निकालने लगी।
आह उह आह,,,
स्वीटी राजेश के ऊपर झुक कर अपनी चूंची राजेश के मुंह में भर दी।
कहते हैं कि काम सुख के आगे व्यक्ति अपना सारा गम कुछ पलो के लिए भुल जाता है ।
राजेश भी अब काम के वशीभूत हो गया।
वह स्वीटी की क़मर पकड़ लिया और नीचे से अपनी क़मर उठा उठा कर land को स्वीटी की बुर की गहराइयों में उतारने की कोशिश करने लगा।
दोनो काम के परम आनंद को प्राप्त करने लगें।
कमरे में स्वीटी की कामुक सिसकारी गूंज रही थी। दोनो स्वर्ग की सैर कर रहें थे।
इधर सुजाता की आंखो में नींद नहीं थी।
कुछ देर बाद वह अपने कमरे से यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही।
जब वह राजेश के कमरे के पास पहुंची तो उसके कमरे से सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी। वह वही जम गई और धीरे से दरवाजा धकेली ।
दरवाजा थोडा खुला। सामने का दृश्य देखकर उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
वह उस दृश्य को ज्यादा देर तक नहीं देख सकी। वहा से हाल में आकार रोने लगी।
उसने सोचा नहीं था कि राजेश और स्वीटी के बीच ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगीं।
उसेउन दोनो पर बहुत गुस्सा आया पर राजेश की हालात को देखकर वह दोनो को रोक नहीं पाया।
इधर स्वीटी राजेश के ऊपर तब तक उछल उछल कर चुदती रही जब तक राजेश झड़ नही गया। इधर सुनीता अपने कमरे मे आकार लेट गई।
वह रात भर सो न सकी।
वहसोचती रही हे भगवान ये कैसा अनर्थ हो गया। राजेश बेटा ये तुमने क्या किया? अपनी कुंवारी बहन की सील तोड़ दी।
स्वीटी की शादी के बाद सुहागरात के दिन दूल्हे को जब पता चलेगा की स्वीटी की सील टूट चुकी है और chudai की आदी हैं। पता नही वह स्वीटी के साथ कैसा बरताव करेगा। वह बहुन्त चिंतित हो गई।
और अंत में एक फैसले पर पहुंची।
सुबह होते ही वह अपने फैसले से अपनी पति को अवगत कराई।
सुनीता _सुनो जी मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
शेखर _यार इतनी सुबह।
सोने दो, न।
सुनीता _तुमको तो घर परिवार की कोई चिन्ता ही नहीं ।
शेखर _बोलो क्या बात है?
सुनीता _राजेश अपनी आई ए एस की तैयारी ई पर फोकस नही कर पा रहा है। मुझे लगता है कि राजेश को दिल्ली के किसी कोचिंग सेन्टर में एडिमिसन लें लेना चाहिए। वह यहां रहेगा तो। उनकी पुरानी यादें,जीने नही दे। कल रात तो उसने शराब पीकर घर आया था।
तुम राजेश से आज बोल देना कि आई ए एस की तैयारी के लिए तुम दिल्ली जाकर वहां कोई अच्छे कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर लो।
शेखर _ठीक है, मै आज राजेश से इस बारे में बात करूंगा।
सुबह जब सभी डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे तब शेखर ने कहा
शेखर _बेटा, तुम्हारी मां चाह रही है कि तुम दिल्ली जाकर कोई अच्छी सी कोचिंग सेन्टर ज्वाइन कर आई ए एस की तैयारी करो। तुम्हारी मां का कहना है कि तुम यहां ठीक से तैयारी नही कर पा रहे हों।
राजेश ने अपनी मां की ओर देखा।
राजेश _पापा, मुझे कोचिंग की आवश्यकता नहीं है मुझे विश्वास है कि मैं आई ए एस की परिक्षा निकाल लूंगा।
सुनीता _नही, तुम दिल्ली जाओगे, यह मेरा अंतिम फैसला है।
राजेश _पर मां मै वहा अकेला आप लोगो के बिना कैसे रह पाऊंगा?
सुनीता _अब तुम छोटे बच्चे नही हो जो हर काम के लिए मां बाप की मदद की जरूरत पड़े। यहां रह कर तुम बिगड़ते जा रहें हो। लडकियों के चक्कर में अपना कैरियर पर ध्यान नहीं दे पा रहे।
राजेश _मां दिल्ली तो बहुत भीड़ भाड़ वाली जगह है। वहा का वातावरण प्रदूषित है। वहा सांस लेना भी मुस्किल है।
सुनीता _कुछ बनने के लिए कुछ त्याग तो करना ही पड़ता है। सब कुछ तुम्हारे हिसाब से तो नही हो सकता।
तुम यहां नही रहोगे यह मेरा अंतिम फैसला है।
स्वीटी _मां भईया, जब नही जाना चाहते तो उसे क्यू जबरदस्ती भेज रहे हो।
सुनीता _तू चुप कर अच्छे बुरे की तुम्हे कोई समझ है। मेरे लाड प्यार ने तुम दोनो को बहुत बिगाड़ दिया है।
राजेश _पापा, मां का यही अंतिम फैसला है कि मैं यहां न रहूं। तो ठीक है मैं गांव चला जाता हूं वहा के एकांत वातावरण में मै आई ए एस की तैयारी भी कर लूंगा। वैसे मुझे अपने ताऊ और चाचा जी से मिलना है। मैने कितनी बार आप लोगो से कहा की गांव चलते है। आप लोग न खुद जाते हो न हमें जाने देते हो।
शेखर_बेटा गांव में कोई सुविधा नहीं वह बहुत पिछड़ा क्षेत्र है।वहा तुमअभावमें कैसे रह पाओगे।
राजेश _वहा रहने वाले लोग कैसे रहते होंगे आखिर वे भी तो हमारी तरह इंसान है न।
शेखर_बेटा, तुम अपनी मां से पूछ लो अगर वह अनुमति देती है तो,,,
राजेश _नही पापा जब मां मुझे यहां नही रहने देना चाहती है तो मैं गांव ही जाऊंगा।
और कहीं नहीं ।
मुझे आप लोग कलेक्टर बना देखना चाहते हैं न, मै वही, रहकर आप लोगो का सपना पूरा कर दिखाऊंगा।
राजेश डाइनिंग टेबल से उठ कर अपने कमरे मे चला गया।
कुछ देर बाद शेखर अपना ऑफिस चला गया।
शेखर के ऑफिस चले जाने के बाद स्वीटी कीचन में गई। जहां सुनीता काम कर रही थी।
स्वीटी _मां मै जानती हूं कि भईया को आप यहां क्यू नही रहने देना चाहते।
सुनीता _तुम क्या जानती हो?
स्वीटी _कल रात तुम भाई के कमरे में आए थे मैने आपको देख लिया था।
सुनीता _तुम्हे शर्म नही आई, अपनी भाई के साथ सोने में। तुम्हे अपनी भविष्य की कोई फिक्र ही नहीं। अपना सील अपने भाई से ही तुड़वा डाली।
स्वीटी _यही बात मै आपसे कहूं तो आपको शर्म नही आती भईया से अपनी जिश्म की भूख मिटाती हो।
सुनीता _क्या बकवास कर रही है तू?
स्वीटी _मैने अपनी आंखो से देखा है तुम्हे भईया से चुदाते हुवे।
सुनीता ने एक जोर का थप्पड़ स्वीटी के गालों पर मारा,,,
सुनीता _चुप कर बेहया, अपनी मां से ऐसी बातें करती है।
स्वीटी _क्यू क्या मै झूठ बोल रही हूं?
क्या ये सच नहीं है की तुम भईया से चुदती हो।
सुनीता _अब चुप कर बेशरम और कितना जलील करेगी मुझे।
सुनीता फफक फफक कर रोने लगी।
स्वीटी _मां मै ये सब तुमसे नही कहना चाहती थी पर भईया को यहां से जाने को कह कर मुझे सब बोलने पर मजबूर कर दी आपने।
सुनीता _*ये सब मै तुम्हारे दोनो की भलाई के लिए रही हूं बेटा ।
राजेश यहां रहेगा तो तुम्हारा जीवन भी खराब हो जायेगा।
मै तुम दोनो की जिंदगी खराब होते नही देख सकती। राजेश का यहां से जाने में ही हमारी भलाई है।
राजेश दरवाज़े पर खड़ा सब सून रहा था।
सुनीता और स्वीटी की नजर उस पर पड़ी तो दोनो सकते मेंआ गए ।
राजेश वहा से चला गया।
नदी किनारे जा कर किसी विचार में डूब गया।
इधर निशा ने राजेश की कल रात की घटना से आहत होकर उसने व्हाट्सएप मेसेज किया,,,
तुम मुझे भुल जाओ राज।अब मै कभी वापस नहीं आउंगी। अच्छा होगा तुम जिंदगी की नई शुरुवात करो। आई ए एस अफसर बनकर अपनी मां के सपने पूरा करो। इसमें मुझे भी खुशी होगी। अब मुझे याद न करना राज। मै तुम्हे भूलने की कोशिश कर रही हूं। तुम भी मुझे भुल जाओ।
राजेश ने यह मेसेज पड़ा।
आज का दिन उसके जीवनमें भूचाललेके आया था।
वह सीधा आश्रम चला गया। सेविकाओं ने बाबा चर्मानंद को बताया की राजेश आया है।
बाबा ने सेविकाओं को राजेश को अंदर भेजने को कहा।
राजेश बाबा के कमरे में गया।
बाबा साधना में बैठे थे।
बाबा _आओ राजेश बैठो।
राजेश ने बाबा का चरण छूकर प्रणाम किया।
बाबा _जीता रह बेटा। सदा सुखी रहो। हमेशा कामयाब रहो।
राजेश बाबा के सामने बैठ गया।
बाबा _बेटा तुमबहुत उदास लग रहे हो । मुझे तुम्हारे आंखो में कई सवाल तैरते नजर आ रहे हैं।
बोलो राजेश क्या बात है?
राजेश _आपने एक दिन मुझे कहा था कि मुझे सभी ठुकरा देंगे। मेरी प्रेमिका मेरी मां, आज वहसच होगया बाबा । आज मै अपने आप को बहुंत अकेला महसूस कर रहा हूं ।
बाबा _बेटा, दुखी मत हो। जो होता है अच्छे के लिए होता है।
और जो आगे होगा वह अच्छा ही होगा।
अब तुम्हारी जिंदगी की नई शुरुवात होगी बेटा।
तुम अपने को कभी अकेला मत समझना। क्यो की जो दूसरों की मदद करता है ईश्वर उसकी मदद करता है।
तुम्हारे जिंदगी में अभी कई घटनाएं घटेगी। तुम बस एक योद्धा की तरह लड़ते रहना बेटा। ईश्वर सदा तुम्हारी मदद करेगा।
अब जाओ राजेश, तुम्हारे घर वाले चिंतित होंगे।
राजेश बाबा जी का आशीर्वाद लेकर चला गया।
राजेश ने भगत को फोन कर बता दिया की वह अपने पिता जी का गांव जा रहा है। अब कुछ समय वही रहेगा।
भगत को रेल टिकट बुक कराने कह दिया।
भगत _भाई ये अचानक से गांव जाने का फैसला।
राजेश _हां भगत सब, जिंदगी में सब अचानक ही होता है।
राजेश ने घर पहुंच कर अपनी मां को बता दिया की आज शाम को ही वह निकल जायेगा।
कल सुबह की ट्रेन है।
दोस्त लोग आज रात अपने साथ बिताने को कह रहे हैं।
राजेश अपना सामान पैक करने लगा।
स्वीटी _भईया, आप मत जाओ, मै आपके बिना नहीं रह पाऊंगी। मै भी आपके साथ जाऊंगी।
राजेश _नही स्वीटी, तुम यहीं रहोगी । मै जानता हू मां ने अपने दिल में पत्थर रख कर यह फ़ैसला लिया है। मेरे जाने के बाद पता नही मां और पापा पर क्या बीतेगी। तुम्हे उन दोनो का ख्याल रखना है।
मुझे कसम दो मेरी बहना।
तुम हमेशा मां और पापा का कहना मानेगी और उनका ख्याल रखेगी।
मुझे कसम दो,,,
स्वीटी _भईया, मै कसम देती हूं। मै हमेशा उन दोनो को खुश रखने की कोशिश करुंगी।
राजेश _मुझे तुमसे यही उम्मीद है छूटकी।
स्वीटी राजेश को गले से लगा लिया। और रोने लगी।
स्वीटी _भाई अपना ख्याल रखना।
राजेश अपना सामान लेकर घर से जाने लगा।
कीचन पर जाकर,,
राजेश _मै जा रहा हूं मां, अपना ख्याल रखना,,
राजेश ने सुनीता का पैर छूकर इजाजत लिया,,
सुनीता _रोते हुवे बोली, मुझे माफ करना बेटा मै मजबूर हूं।
भगवान तुम्हारी सदा रक्षा करे बेटा।
कल सुबह की ट्रेन है पापा से कहना स्टेशन पर मिले।
राजेश वहा से चला गया। भगत उसे लेने आया वह उसके कार से उसके घर चला गया।
सभी दोस्त राजेश से मिले रात में किसी होटल में खाने के लिए चले गए।
एक दोस्त ने कहा यार अब राजेश भाई से पता नही कब मुलाकात होगा। चलो एक एक पैग हो जाए।
विस्की का आर्डर किया और दो दो पैग पीने लगे।
रात में आज का मौसम कुछ खराब था।
बाहर बारिश होने लगी।
होटल में खाने के बाद कुछ देर और समय बिताने के बाद। सभी दोस्त एक एक कर के अपने अपने घर चलें गए।
आखरी में राजेश और भगत भी कार से अपने निवास स्थान की ओर निकलने के लिए अपने कार के पास पहुंचे ही थे की उन्हे कुछ लोग होटल के बाहर बारिश में नाचते गाते दिखे।
राजेश को बडा अच्छा लगा और वह भी उसमे शामिल हो गया।
अगले दिन राजेश प्रातः 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंच गया। भगत उसे छोड़ने गया था। ट्रेन के आने का वेट कर रहे थे। तभी fशेखर राजेश से मिलने के लिए स्टेशन पहुंचा। राजेश को स्टेशन में इधर उधर ढूंढा। कुछ देर बाद उसे राजेश और भगत बेंच पर बैठे ट्रेन का वेट करते मिले।
वह राजेश के पास गया।
शेखर _बेटा राजेश।
राजेश _पापा आप, अच्छा हो गया आप आ गए। मै आप को ही याद कर रहा था। जब कल घर से निकला तो आप अपने ऑफिस गए हुवे थे।
शेखर _बेटा अच्छा होता की मै भी तुम्हारे साथ गांव चला जाता। पर ऑफिस में काम इतना है की छुट्टी नही मिल पा रही है।
राजेश _कोई बात नही पापा जब आपको छुट्टी मिले आ जाइएगा।
शेखर _बेटा मैने तुम्हारे ताऊ जी को फोन कर दिया है कि तुम गांव आ रहें हो। कुछ दिन वही रहोगे।
वहा स्टेशन पर लेने तुम्हारा बडा भाई भुवन पहुंच जाएगा। मैने उसका नम्बर तुम्हारे मोबाइल पे सेंड कर दिया है। तुम उससे बात करना।
राजेश _ठीक हैं पापा।
शेखर _बेटा तुम अपना ख्याल रखना और किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे फोन करना।
राजेश _ठीक है पापा।
राजेश ने अपने पिता जी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
शेखर _जी ता रह बेटा, मेरे बेटे को भगवान कामयाब बनाए। उसने राजेश को अपने गले से लगा लिया।
शेखर के आंखो में आंसू आ गए।
राजेश _ये क्या पापा आपके आंखो में आंसू।
शेखर _पहली बार तुम दूर जा रहें हो न, अभी तक हम साथ ही थे।
अच्छा बेटा अब मैं चलता हूं।
राजेश _ठीक है पापा, आप अपना और मां का ख्याल रखना।
शेखर _बेटा तुम हमारी चिन्ता बिल्कुल मत करना।
अपने लक्ष्य पर ध्यान देना।
राजेश _ठीक है पापा।
शेखर वहा से सीधा अपना ऑफिस चला गया।
इधर ट्रेन के निकलने का समय हो जाने के बाद भी ट्रेन स्टेशन में आया नही।
तभी अलाउंस huwa की अभी जो ट्रेन यहां से निकलने वाली थी वाली थीं तकनीकी खराबी के कारण। आज नही जा पाएगी।
भगत _भाई हमे कोई दूसरी ट्रेन देखनी पड़ेगी।
जिस ट्रेन पर जाने वाले थे उसमें खराबी आ गई है।
दोनो टिकट काउंटर में जाकर पता किए तो पता चला की एक ट्रेन शाम को दिल्ली से आयेगी। उसमे एक शीट खाली है।
राजेश ने वह शीट बुक करा ली।
भगत _भाई अब ट्रेन तो शाम को 5बजे आयेगी। यहां बैठकर क्या करेंगे चलो। घर चलते हैं। शाम को ही आयेंगे। हम साथ में कुछ और वक्त बिता ले।
राजेश _तुम ठीक कह रहें हो भगत।
दोनो घर आ गए।
घर आने के बाद राजेश बेड रूम में आराम करने लगा।
भगत _भाई आप आराम करिए। पार्टी के कुछ लोग मुझसे मिलने आए हैं।
मै उनसे मिलकर आता हूं।
राजेश _ठीक है भगत।
यार सिगरेट हो तो देते जाना ।
भगत ने सिगरेट का पैकेट दे गया।
राजेश सिगरेट का कश लगाते हुवे छत बालकनी से रास्ते में आने जाने वाले को देखने लगा।
तभी कमरे में कोई दाखिल हुई।
उसने राजेश को पुकारा।
राजेश ने पीछे पलट कर देखा सामने सुजाता खड़ी थी।
राजेश _मैम आप, यहां।
सुजाता _भगत ने बताया की तुम इस शहर से जा रहें हो, उससे पूछने पर बताया की अभी तुम उनके साथ ही हो। शाम को निकलोगे ट्रेन से।
राजेश _तो आप यहां क्या करने आई है?
सुजाता _राजेश, मैने पिछले दो दिनों में बहुत सोचा और पाया की तुमने हमारी कंपनी को डूबने से बचाया। अपनी जान से खेलकर मेरी इज्जत बचाई। मेरी कंपनी और इस जिस्म पर तुम्हारा हक है।। सुजाता ने राजेश को पीछे से जकड़ लिया और कहा तुम मेरे शरीर का जैसे चाहे उपयोग कर सकते हो।
राजेश मेरे चाहती हू कि तुम मेरे साथ मेरी कंपनी सम्हालो। तुम्हे कही जाने की जरूरत नहीं।
राजेश _नही मैम, मुझे अपनी मां के सपने पूरे करने है। मै सरकारी अफसर बनकर जनता की सेवा करना चाहता हूं। धन कमाना मेरा उद्देश्य नही।
और रही बात तुम्हारे जिस्म की इतना कुछ होने के बाद हम एक दूसरे से दूर रहें, वही दोनो के लिए अच्छा होगा। आप चले जाइए यहां से।
सुजाता _पर राजेश मै तुम्हारे साथ बिताए हुवे पल नही भुल पाऊंगी।
राजेश _अब सब कुछ भुल जाने में ही भलाई है मैम। तुम्हारा और मेरा दोनो का।
सुजाता _यहां से जाना क्या तुम्हारा अंतिम फ़ैसला है।
राजेश _मेरा नही, परिस्थिति चाहती है कि मैं यहां से चला जाऊ।
सुजाता _तो ठीक है राजेश, अब तुम जा रहें हो तो जाने से पहले का कुछ पल मुझे दे दो, क्यू कि इसके बाद पता नही हम कब मिलेंगे।
मै आज तुम्हारे साथ बिताए पल के सहारे जिंदगी बिता दुंगी।
सुजाता ने राजेश का हाथ पकड़ कर कमरे के अंदर ले गया।
राजेश को बेड पर बिठा दिया।
राजेश की आंखो में देखने लगा।
फिर उसके करीब गया उसके ओंठ पर अपना ओंठ रख चुसने लगी।
राजेश ने सुजाता को अपने से दूर धकेल दिया।
राजेश _नही मैम अब ये सब मुझसे नही हो पाएगा।
राजेश अपना सिर पकड़ कर बैठ गया।
सुजाता ने अपनी साड़ी खींचकर निकाल दी।
सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी।
राजेश इधर देखो क्या मुझमें पहले जैसा आकर्षण नही रहा।
राजेश ने अपना सिर उठा कर देखा।
राजेश _मैम प्लीज आप यहां से चले जाओ।
उसने फिर सिर को नीचे झुका लिया।
इधर सुजाता ने अपना ब्लाउज और ब्रा, पेटीकोट उतार कर निर्वस्त्र हो गई।
फिर राजेश के ठुड्ढी पकड़ कर ऊपर कहा, राजेश इधर देखो मेरा ये जिस्म का रोम रोम तुम्हे पुकार रही है।
राजेश ने आंखे खोल सुजाता को देखा जो मादर जात नंगी थी।
अप्सरा की तरह खुबसूरत ऊपर से नंगी औरत को देखकर नामर्द के शरीर में ही कुछ हलचल न हो, राजेश तो मर्द था।
सुजाता की नग्न शरीर को को देखकर उसका मन विचलित होने लगा।
सुजाता एक बार फिर अपनी ओंठ राजेश की ओंठ को चुसने लगी।
राजेश से अब सहन न huwa वह भी सुजाता का साथ देने लगा।
वह भी सुजाता को पागलों की तरह चूमने लगा।
इधर सुजाता राजेश के कपड़ो को एक एक कर निकालता गया और उसे निर्वस्त्र कर दिया।
फिर राजेश को बेड में लिटा कर पूरे शरीर को चूमने लगी।
अंत में राजेश का land मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश बहुत अधिक उत्तेजित हो गया। उसका land लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
अब राजेश से रहा न गया, वह सुजाता को नीचे कर खुद उसके ऊपर आ गया। उसके सुडौल मस्त चूचियों को मुंह में भर कर चूसने लगा।
मसलने लगा। सुजाता की मादक सिसकारी कमरे में गूंजने लगा।
राजेश सुजाता की बदन को चूमते हुवे नीचे गया और उसकी मस्त फूली हुई रसीली चिकनी chut को चाटने लगा।
सुजाता की पैर मारे उत्तेजना के कप कपाने लगा। उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया। वह राजेश को पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया।
राजेश ने उसकी ओंठो को फिर जी भर कर चूसा।
फिर सुजाता की दोनो टांगो को फैला दिया।
अपना तना huwa land पकड़ का सुजाता की योनि द्वार पर रख कर एक जोर का धक्का मारा।
Land एक ही धक्के में बुर फाड़कर सरसरता huwa आधे से ज्यादा अंदर चला गया।
सुजाता की मुंह से आह मां,
निकल पड़ा।
अब राजेश सुजाता की दोनो चूचियां अपने हाथ में थामकर गच गच सुजाता को चोदना शुरू कर दिया।
कुछ ही पलों में सुजाता जन्नत की सैर करने लगी।
वह अपनी क़मर उचका कर राजेश का सहयोग करने लगी।
राजेश ने इस पोजीसन में सुजाता को जमकर काम सुख दिया। आह उह उई मां की आवाज़ से कमरा गूंजता रहा।
उसके राजेश नीचे आ गया सुजाता राजेश के ऊपर आ गई।
राजेश के land के ऊपर बैठ कर उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो काम के परम सुख को प्राप्त कर रहे थे।
राजेश भी अपना क़मर उठा उठा कर अपने land को सुजाता की योनि में और अधिक गहराई तक ले जाने का प्रयास कर रहा था।land का टोपा सुजाता की गर्भाशय को ठोक रहा था जिससे सुजाता के जिस्म में एक अलग तरंग पैदा हो रहा था।
वह उत्तेजना की अंतिम शिखर तक पहुंच गई। और झडने लगी।
राजेश के ऊपर लुड़क गई।
कुछ देर राजेश की बाहों मे सुस्ताने लगी।
कुछ देर बाद राजेश सुजाता को नीचे किया और स्वयं ऊपर आ गया।
फिर उसकी ओंठ चूसने लगा चूचियां मसलने लगा।
नाभी जीभ से चाटने लगा।
राजेश की इस हरकत से सुजाता फिर गर्म हो गई।
राजेश ने सुजाता को घोड़ी बना दिया।
अपना land पकड़ कर फिर से उसकी योनि द्वार पर रख कर ग च से पेल दिया।
Land एक ही बार में पुरा अंदर चला गया।
अब राजेश सुजाता की क़मर को पकड़ कर सुजाता की दनादन chudai शुरू कर दिया।
एक बार फिर सुजाता के मुंह से आह उह, उई मां आह की आवाज़ निकल कर कमरे मे गूंजने लगा।
राजेश ने अपना देखा की सुजाता की गाड़ फूल और पिचक रहा है। वह एक उंगली उसकी गाड़ में डाल दिया।
कुछ देर बाद दो उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा।
कुछ देर जमकर बुर मारने के बाद वह अपने land को बुर से बाहर निकाल दिया।
और सुजाता की गाड़ में रख कर दबाव बनाया
सुजाता की गाड़ धीरे धीरे फैलने लगा और राजेश का land उसमे समाते चला गया।
सुजाता को दर्द भी हो रहा था।
पर वह सारा दर्द सह ली एक समय ऐसा आया जब लन्ड ने गाड़ में अपना जगह बना लिया।
अब सुजाता का दर्द कम होने लगा।
अब राजेश सुजाता की गाड़ में land तेज तेज अंदर बाहर करने लगा।
Land गाड़ में कसा कसा अंदर बाहर होने लगा।
राजेश को भी बहुत मजा आने लगा।
राजेश अब land Ko गाड़ से निकाल योनि में डाल दिया। फिर कुछ देर जमकर बुर चोदा फिर गाड़ में डाल दिया और गाड़ मारने लगा ।
दोनो संभोग के परमसुख को प्राप्त कर रहे थे।
गाड़ की तेज रगड़ से राजेश भी अब झडने की स्थिति में आ गया ।
वह सुजाता को लिटा दिया और उसकी टांगो को अपने कंधे पर रख कर।
अपना land उसकी योनि में डाल कर जमकर चोदा।
और अपने land का पानी सुजाता की बुर में भर दिया।
गर्म गर्म वीर्य को अपनी योनि में जाता पाकर सुजाता को एक असीम आनद का अनुभव huwa और वह फिर झडने लगी।
दोनो एक दूसरे के बाहों में सो गए।
जब सुजाता आंखे खोली तो देखा दो बज रहे थे।
सुजाता _राजेश उठाे मुझे भुख लग रही है। किसी अच्छे से होटल में चलकर खाना खाते हैं।
सुजाता उठी और बाथरुम में घुस कर नहाई।
उसने देखा राजेश अभी भी सो रहा है। वह राजेश को उठा कर बाथरुम ले गई उसे नहलाई।
फिर दोनो अपने कपड़े पहन कर तैयार होने लगे।
दोनो तैयार होकर बाहर निकले। भगत को फोन कर बता दिया कि वे होटल जा रहें हैं लंच के लिए।
फाइव स्टार होटल में जाकर सुजाता ने पसंदिदा डीस आर्डर किया।
फिर दोनो ने लंच किया। लंच करने के बाद 3.30बजे तक साथ समय बिताए।
ट्रेन का समय 4बजे का था।
राजेश और सुजाता दोनो भगतके निवास स्थल आय। वहा बैग लेकर निकल पड़े।
निकलते समय भगत साथ आ रहा था कि राजेश ने कहा।
राजेश _मैम स्टेशन जा रही है, भगत तुम अपने काम देखो।
भगत _भाई, मुझे हर पल आपकी मदद की जरूरत होगी।
राजेश _किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत हो मुझे फोन कर बताना।
भगत _ठीक है भाई। भगवान आपको कामयाब बनाए।
सुजाता और राजेश स्टेशन के लिए निकल गए।
कुछ देर में ही ट्रेन पहुंच गई।
राजेश _अच्छा मैम अब मै चलता हूं।
सुजाता _ठीक है राजेश, तुम अपना ख्याल रखना।
और समय मिले तो मुझसे फोन पर बात करना।
ट्रेन पर राजेश चढ़ गया।
ट्रेन चलने लगी।
राजेश ट्रेन के गेट पर खड़ा होकर सुजाता को टाटा कर रहा था ट्रेन दूर निकल गई।
तभी एक बहुत खुबसूरत लड़की ट्रेन के पीछे पीछे भागते हुवे ट्रेन को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
राजेश ने देखा लड़की ट्रेन पर चढ़ने के लिए दौड़ रही है।
राजेश उसकी मदद करना चाहा।
वह हाथ आगे बढाया।
लड़की ने अपना एक हाथ आगे बढ़ाई। और पूरे जोर लगाकर दौड़ी।
राजेश भी जितना हो सके झुक गया।
और लड़की की तरफ हाथ आगे बढाया।
लड़की ने पूरा जोर लगाकर आखिर राजेश का हाथ पकड़ने में कामयाब हो गई।
राजेश ने उसे अपनी ओर खींचा।
लड़की ट्रेन पर चढ़ गई।
लड़की हापने लगी।
लड़की _ओह थैंक्स, अगर तुमने मदद नहीं की होती तो ट्रेन छूट गई होती।
राजेश _पर आपका बैग कहा है।
लड़की _मेरा बैग मेरे सीट पर है। मै कुछ सामान लेने उतरी थी की ट्रेन स्टार्ट हो गई।
राजेश _ओह।
लड़की अपने सीट की ओर जाने लगी।
राजेश अपना टिकट चेक किया सीट नंबर देखा।
उसे ढूंढने लगा।
जब अपना सीट पाया तो देखा की उसका सीट उस लड़की के सीट का ऊपर वाला सीट था।
लड़की _आपका सीट नंबर क्या है?
राजेश _जी ये ऊपर वाला सीट मेरी है।
लड़की _ओह।
राजेश ने अपना बैग नीचे डाल दिया। और उस लड़की के सामने वाली सीट पर बैठ गया।
वह बोगी पूरी तरह यात्रियों से भर चुका था।
राजेश जिस सीट पर बैठा था। उस पर २लोग और बैठे थे।
सामने वाली सीट पर भी ३लोग बैठे थे।
राजेश अपने ऊपर के सीट पर चढ़ गया और लेट गया।
अपने विचारो में खो गया।
राजेश अपने मोबाइल पर अपनी मां पापा का फोटो देखकर उन्हें मिस करने लगा।
इधर ट्रेन सिटी बजाते हुवे तेज गति से सरपट दौड़ने लगा।
नीचे उस लड़की के बाजू में एक औरत और उसका पति बैठा था।
औरत को लगा की राजेश ऊपर से उसका फोटो खीच रही है।
औरत _सुनो जी वो लडका ऊपर चडकर मेरी फोटो खीच रहा है।
पति _क्या? मेरे सामने ही मेरी बीवी की फोटो खीच रहा है। इसकी इतनी हिम्मत।
अबे उतर, तेरी इतनी हिम्मत मेरी बीबी की फोटो ले रहा है।
नीचे उतर, तुम जैसे लफंगों से मुझे निपटना आता है।
चोरी छिपे औरतों की फोटो खिचतो हो फिर उसे यू ट्यूब पर डालते हो।
नीचे उतर।
लड़की _क्या तुमने सच मे इनकी फोटो खींची, मै तुम्हे शरीफ लडका समझ रहा था तुम तो लफंगा निकले।
राजेश _इनकी बीवी को कोई गलत फहमी huwa हैं मैने इनकी कोई तस्वीर नही लिया है।
पति _सच क्या है अभी पता चल जायेगा दिखाओ अपना मोबाइल।
राजे_मैंने कहा न मैने कोई तस्वीर नही खींची है।
लड़की _अगर तुमने कोई तस्वीर नही खींची है तो मोबाइल दिखा क्यू नही देते।
राजेश ने लड़की को अपना मोबाइल दे दिया ठीक है आप चेक कर लीजिए।
लड़की ने मोबाइल लिया और कहा _पासवर्ड क्या है?
राजेश ने मोबाइल का पासवर्ड बता दिया।
लड़की ने मोबाइल की गैलरी चेक की। उसे उस औरत की कोई फोटो नही मिला।
लड़की _इसमें तो आपकी कोई फोटो नही है।
पति _इसने जरूर फोटो कही छिपा दिया होगा।
इन जैसे बदमाशो को मैं अच्छी तरह जानता हूं।
राजेश ने अपना मोबाइल लिया और अपने सीट पर चादर ओर के सो गया।
राजेश का गांव राजधानी से 600km दूर था। लक्ष्मण पुर स्टेशन से उतरकर 15km अंदर जाना था। ट्रेन सुबह ही लक्ष्मण पुर स्टेसन पहुंचेगा।
जिस रूट पर ट्रेन चल रहा था 400km से आगे 200km तक इंटिरयल रूट था। उसके आगे केवल 2ही स्टेशन पड़ता था।400km चलते चलते अधि कांश यात्री उतर जाते थे।
बोगी में 1/3यात्री ही शेष रह जाते।
इसी का फायदा बदमाश लड़के उठाते।
400km के बाद एक स्टेशन पड़ता था। जहा बदमाशो का एक गिरोह सक्रिय था। जो औरतों और लड़कियों का शिकार करता था।
बदमाशोका गिरोह न जाने कितने लड़कियो को अपने हवस का शिकार बना चूके थे।
इनको चलती ट्रेन में लडकियों औरतों का बलात्कार करने में बड़ा मजा आता था।
इधर ट्रेन आगे बड़ने लगी। रात होने पर यात्री अपने पास रखे भोजन करके सोने लगे।
राजेश भी सो गया था।
वह लड़की और औरत भी अपने अपने सीट पर सोने की तैयारी करने लगें।
इधर जैसे जैसे स्टेशन आता यात्री उतरने लगे। बोगी खाली होता गया।
400 km के बाद जब स्टेशन आया वहा। गिरोह के बदमाश जो 8_9के संख्या मे थे।
ये गिरोह जनरल कोच का टिकट लेते थे।
फिर सभी अलग अलग एसी कोच स्लीपर कोच में चले जाते और अपनी शिकार की तलास में जुट जाते।
जब किसी सदस्य को खुबसूरत औरत या लड़की मिल जाता। और बोगी में कम लोग बैठे हो तो उसका चुनाव करता और फोन कर अपने सभी साथी को इसकी जानकारी देते। फिर वे धीरे धीरे सभी उस बोगी में एकत्र होने लगते।
इशारों में बात करते।
जब सभी यात्री सो जाते तब ये पिस्तौल, चाकू निकाल लेते। बोगी के दोनो ओर के दरवाज़े बंद कर देते। लोगो को डरा धमकाकर लडकियों औरतों का बलात्कार करते फिर अगले स्टेशन पर उतर कर भाग जाते।
जब गिरोह के एक सदस्य ने राजेश के सीट के नीचे वाली लड़की को देखा।
तो वह अपने banki साथियों को फोन कर इसकी जानकारी दिया की आज का शिकार मिल गया है।
सदस्य _भाई तुम लोग एसी कोच के 25 नंबर की बोगी में आ जाओ।
यार सच में क्या गजब की मॉल है?
दिव्या भारती से भी ज्यादा खुबसूरत मॉल है।
गिरोह के सभी सदस्य एक एक कर के उस बोगी में आने लगें।
खाली सीटो में बैठने लगे।
वे इशारों में बात करते।
इधर बोगी में कम यात्री ही बचे थे। वो भी अपने अपने सीट पर सो चूके थे।
गिरोह को लगा की यह सही मौका है।
रात के करीब 2बज चूके थे।
बदमाशो का लीडर ने अपने साथियों को इशारा किया।
उनके साथियों ने बोगी के दोनो ओर का दरवाजा बंद कर दिया। ताकि दूसरे बोगी के लोग न आ सके।
उसके बाद वह लड़की के पास गए।
लड़की का मुंह बन्द कर दिया। उसे ठाकर खाली सीट पर ले जाने लगे।
लड़की हाथ पैर चलाने लगी। चीखने की कोशिश करने लगी।
उसने पूरे जोर लगाकर कर उनका विरोध किया।
बदमाशो की पकड़ कम होने पर चीखी।
चीख सुनकर आसपास के लोग उठे।
बदमाशो ने पिस्तौल दिखा कर लोगो को धमकी दी, सभी अपने सीट पर चुप चाप लेटे रहे किसी ने कोई हरकत किया तो मारे जाओगे।
लोग डर के मारे अपने जगह पर लेटे रहे।
इधर बदमाश लड़की को खाली सीट पर उठा कर ले जाने लगे।
लड़की चीखने लगी तुम लोग कौन हो?
छोड़ो मुझे, इधर एक बदमाश कोऔरतों के साथ खेलने में ज्यादा मजा आता था।
जब लड़की के बाजू वाली सीट पर लेटी महिला पर नजर गया।
तो, यार तुम लोग उस लड़की का सील तोड़ो।
मुझे मेरा मॉल मिल गया है।
उस औरत को बदमाश ने उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया।
आजा मेरी रानी मेरी प्यास तू बुझायेगी।
क्या गदराया बदन है तुम्हारा।
उसका पति, जो लेटा था उठ गया।
छोड़ दो मेरी बीवी को।
बदमाश _तेरी बीबी को तो तेरे आंखो के सामने चोदूंगा हाय बड़ा मजा आएगा।
एक बदमाश ने उसके पति के गले में चाकू अड़ा दिया।
उसका पति डर गया।
प्लीज मेरी पत्नि को छोड़ दो।
कोई बचाव मेरी बीवी को।
औरत भी छोड़ने की रहम मांग रहि थी।
बदमाश को बड़ा मजा आ रहा था वह उसकी चूची को कपड़े के ऊपर से ही मसलने लगा।
उधर लड़की भी चीख रही थी।
बदमाश _और चीखों यहाँ तुम्हारी पुकार सुनने वाला कोई नहीं।
हा हा हा,,,,
दो बदमाश लड़की के दोनो हाथ पकड़ लिए। दो बदमाश उसके पैर।
बदमाशो का लीडर लड़की के कपड़े को पकड़ कर फाड़ने वाला ही था कि,,,
किसी ने आवाज़ दिया,,,
छोड़ दो इन लोगो को,,,
बदमाशो ने इधर उधर देखा कौने बोला बे,,
किसको मरने का है,,,
राजेश अपने सीट से उठकर बैठ गया,,,
मैने कहा छोड़ दो इन लोगो को,,,
बदमाश _लो जग गया हीरो, हीरोइन को बचाने सभी बदमाश हसने लगे।
अबे क्यू अपनी जान गवाना चाहता है।
राजेश _अगर तुम लोग अपनी जान बचाना चाहते हो तो छोड़ दो इस लड़की और औरत को।
बदमाश _अबे शाला हमे धमकाता है ।
एक बदमाश ने चाकू से प्रहार किया।
राजेश ने उसके हाथ को रोक दिया ।
फिर उसके हाथ पकड़ कर ज़ोर से खींचा की उस बदमाश का गला उसके चाकू से ही कट गया वह वही लुड़क गया।
अपने साथी को जमीन पर गिरता देख।
बदमाशो के लीडर ने कहा _मारो साले को। राजेश पर एक एक करके अटैक करने लगें।
एक चाकू राजेश के भुजा पर लगा।
उसके भुजा से खून बहने लगा।
राजेश शेर की भाती दहाड़ा।
जो भी उसके सामने आता उसे उसके प्रहार को रोक कर उसकी गर्दन को अपनी भुजा में दबाता।
दूसरे बदमाश को जोर दार मुक्का मारता एक एक कर सभी बदमाश नीचे लुढ़कते गए।
बचे बदमाश डर के मारे भागने लगे वे बोगी का दरवाजा खोल कर दूसरे बोगी की ओर भागने लगे तभी राजेश एक एक को पकड़कर उसकी गर्दन तोड़ने और ट्रेन की दरवाजा खोल बाहर फेकने लगा।
राजेश और बदमाशो के बीच tarin के दरवाजे के पास जमकर फाइट huwa बदमाश मिलकर राजेश को ट्रेन से फेकने की कोशिश करने लगें।
पर राजेश को ट्रेन से फेकने में असफल रहे राजेश ने फिर से जोर दार दहाड़ा और बदमाशो पर जोरदार प्रहार कर सबकी हाथ गर्दन तोड़ कर ट्रेन से फेकता गया।
एक एक कर सभी बदमाशो को ट्रेन से फेक दिया। ट्रैन तेज गति से चली जा रही थी।
लड़की राजेश को बदमासो से लड़ते हुए देख रही थी।
जब सभी बदमाशो को मारकर ट्रैन से फेक दिया।
राजेश लड़खड़ाता हुवा अपने सीट की ओर गया लड़की ने उसे सहारा दिया। और राजेश को सीट पर बिठाया।
लड़की _, तुम्हारी भुजाओं से तो काफी खून बह रहा है।
लड़की ने अपने बैग से उपचार की सामाग्री निकाला।
और राजेश का उपचार करने लगा।
राजेश लड़ते लड़ते थक चुका था। करीब आधे घण्टे बाद वह नार्मल महसूस किया।
उस औरत और उसके पति ने राजेश से माफी मांगने लगीं। हम लोग तुम्हे लोफर समझ कर बुरा भला कहा और तुम ने हमारी इज्जत और जान बचाया।
हमे।
उसका पति _तुम सच में हीरो हो,,,
लड़की _तुम बहुत बहादुर हो,,,
क्या नाम है तुम्हारा,,,
राजेश _राजेश,,,
लड़की _राजेश,,, हम लोगो की इज्जत बचाने के लिए,,, बहुत बहुत धन्यवाद।
राजेश _वैसे आपका नाम क्या हैं?
लड़की _दिव्या, दिव्या ठाकुर।
राजेश _दिव्या जी,,
आप डॉक्टर है क्या?
ये सब उपचार की सामाग्री,,
दिव्या _आप ने बिलकुल ठीक कहा मैं एक डॉक्टर हूं।
मै मुंबई के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर अपना घर जा रही हूं।
राजेश _ओह।