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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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कौशल्या देवी के मटकती गांड को देखकर ,राजेश का लंड फिर से खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।

इधर कौशिल्या देवी बाथरूम में जाकर नहाने लगी वह अपनी चूत को ,उंगली डालकर अच्छे से साफ कर रही थी ।जब उसने अपनी चूत* की हालत देखी तो से बड़ी शर्म आ रही थी ।

कितना बुरी तरीका से राजेश ने उसे चोदा था और खूब सारा माल उसके बूर में भर दिया था। उसका चुत काफी फैल गया था ।लेकिनउसे राजेश से चुदवाने मे*बहुत ही मजा आया था ।ऐसा सुख उसे आज तक कभी नहीं मिला था। यही सब सोचते हुए वह नहा रही थी ।

इधर राजेश का पहला चुदाई* था ।उसे भी खूब मजा आया था ।कौशल्या देवी को भागने ,उसे जन्नत का आनंद प्राप्त हुआ था ।उस आनंद का एहसास होते ही उसका मन फिर से चुदाॉई करने का होने लगा।

उससे रहा न गया और वह बेड से उठकर बाथरूम की ओर चला गया ।बाथरूम का दरवाजा अभी बंद नहीं था। वह सीधा बाथरूम के अंदर घुस गया।

कौशल्या देवी अपनने विचारों में मग्न होकर नहा रही थी। राजेश पीछे से जाकर उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा ।

इधर कौशिल्या लिया देवी अपनी आंखें खोली, वह थोड़ा घबरा सी गई थी, पर तभी जब उसे पता चला कि राजेश ने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया है तो वह राजेश से कहती है ,बेटा छोड़ो मुझे अभी मुझे नहाना एवं खाना भी बनानी है ।तुमने मेरी चूत* की क्या हालत कर दी है देखो जरा ।

राजेश कहता हैं नहीं मा जी मेरा फिर से चुदाई**** करने का मन कर रहा ।देखो मेरे लंड को कैसे फिर से तुम्हारे चूत में जाने के लिए तड़प रहा है। मैं बिना चोदी नहीं रह सकता और वह कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगता है और अपने लंड* को उसकी गांड में दबाने लगा ।

उसके गर्दन को चूमने और चटनी लगा ।राजेश की इन हरकतों से कौशल्या देवी फिर से गर्म होने लगी। राजेश अपना एक हाथ को कौशल्या देवी के पेट में ले जाकर उसके नाभी कुरेदने सहलाने लगा ।फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए ।अपना हाथ उसकी चूत की ओर ले जाने लगा ।एक हाथ से उसके चूत* को सहलाने लगा। जिससे कौशल्या देवी की उत्तेजना बढ़ने लगी

फिर राजेश एक उंगली से उसके भग्नासा को छेड़ने लगा ।जिससे कौशल्या देवी सिसकने लगी ।कुछ देर ऐसी हरकत करते रहने से कौशल्या देवी फिर से उत्तेजित हो गई ।उसे फिर से चुदाने की इच्छा होने लगी।

इधर राजेश का लंड* कौशिल्या देवी के चूत पर जाने के एहसास से ही झटके पर झटके लगाया जा रहा था। वह बहुत ही कठोर लंबा और मोटा हो गया था।

कौशल्या देवी नल की टोटी को पकड़कर थोड़ा झुक गई ।राजेश कौशल्या देवी के पीछे खड़ा होकर उसके कमर को पकड़ लिया। फिर एक हाथ से अपने लंड* को पकड़ कर उसकी चूत * के पास ले गया।

वह एक हाथ से कौशल्या देवी के बूर * के पहले सहलाया फिर उसके भग्नासा को उंगली से रगड़ा तो देखा कि कौशल्या देवी के बूर से चिपचिपा पदार्थ निकलना शुरू हो गया है ।

राजेश अपना एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी चूत के छेद पर रख कर ।हल्के से दबाया लंड का टोपा कौशिल्या देवी के चूत में घुस गया ।

राजेश फिर से एक धक्का मारा क्योंकि कौशल्या देवी का बूर पहले चुदाई से काफी खूल गया था ।अत: धक्का लगते ही राजेश का लंड सर सराता हुआ कौशल्या देवी के चूत में आधा घुस गया।

राजेश कौशल्या देवी के कि चूचियों को अपने दोनों हाथों में लेकर फिर से दबाने लगा और अपने कमर को हल्के हल्के हिलाते हुए अपने लंड को कौशल्या देवी की चूत * के अंदर बाहर करने लगा ।

धीरे-धीरे राजेश का लंड कौशल्या देवी के पूदी में पूरी तरह अपनी अपनी जगह बना लिया ।अब राजेश अपना स्पीड बढ़ाने लगा ।राजेश का लंड, अब कौशल्या देवी के बूर में गच ,गच फचफच की आवाज करता हुआ। आने जाने लगा ।

कौशिल्या देवी एक बार फिर से आनंद के मारे अपने मूह से सिसकारी निकलना शुरू कर दी।

इधर राजेश को भी कौशिल्या देवि का फिर से चूत ** मारने में बहुत मजा आने लगा है।

वह जोर-जोर से उसकी चूत * को मारने लगा ,जिससे लंड का टोपा कौशल्या देवी के बच्चेदानी को ठोकने लगा ,जिससे कौशल्या देवी के शरीर में तरंग पैदा होने लगी और वह आनंद के मारे चिखने और सिसकने लगी ।

पूरे बाथरूम में गच गच और फच फच की आवाज के साथ-साथ कौशल्या देवी के सिसकने की भी आवाज गूंजने लगी ।साथी ही लंड* के टट्टे कौशल्या देवी के कुल,हे से टकराने के कारण थप थप की आवाज भी गूंज रही थी ।

कौशल्या देवी को पीछे से चोदने में राजेश को एक बार फिर से बहुत ही मजा आने लगा है ।तेजी से लंड* को कौसिल्या देवी की चूत * में अंदर-बाहर करने लगा।

लमड गपागप चूत के अंदर बाहर हो रहा था ।इसी तरह चुदवाने *** से काौशिल्या देवी आनंद के मारे अपना सुध बुध खो बैठी।और वह झड़ने लगी। झड़ते समय उसके पर कप कपाने चूत फूलने पिचकने लगा ।

इधर राजेश को जब पता चला कि वो झड़ गई है ,तो वह चुदाइ*** बंद कर दिया इधर कौशल्या देवी सिसकते हुए झरने का आनंद ले रही थी।

इस समय उसकीआंखें बंद थी ।कुछ देर ऐसे ही राजेश खड़ा रहा फिर वह कौशल्या देवी को जकड़ कर लैट्रिन सीट पर जाकर बैठ गया ।और अपने लंड पर कौशल्या देवी को बिठा लिया ।

वह कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठाकर दोनों हाथों से उसकी चूची को फिर से मसलने लगा उसके पेट को सहलाने ,उसके गर्दन को चूमने चाटने लगा। उसके होठों को चूमने लगा।

अपना एक हाथ सामने ले जाकर उसकी चूत* को सहलाने लगा उसकी भग्नासा को रगड़ने लगा ।

कौशल्या देवी फिर से एक बार सिसकने लगी। कौशल्या देवी को फिर से चुदने की इच्छा होने लगी। वह अपने कमर को ऊपर नीचे करते हुए राजेश के लंड* को धीरे-धीरे अपनी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दी ।

राजेश भी कौशिल्या देवी के कमर को पकड़कर अपने लंड पर उसके कूल्हे को पटकना शुरू कर दिया ।ऐसा करने से लंड का बूर में गपा गप अंदर बाहर आना-जाना शुरू हे गया ।दोनों को ही बहुत ही मजा आने लगा ।

राजेश को लंड बहुत ही मोटा होने के कारण वह चुत के अंदर पूरे हिस्से को अच्छी तरह से रगड़ रहा था ।चुत क् भग्नासा लंड से रगड़ खाने के कारण ,कौशल्या देवी को बहुत ही मजा आने लगा ,जिससे उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगी ।

इधर राजेश को भी इस आसन में चूदाई करने से एक नया आनंद मिल रहा था ।वह भी जोश में आकर कौशल्या देवी के कमरर को पकड़ कर उसके कूल्हे को अपने लंड पर पटक पटक कर जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया ।जिससे लंड काै शिल्या देवी के चूत मे गहराई के अंतिम छोर बच्चेदानी के मुख पर जाकर ठोकर मारने लगा ।जिससे कौशल्या देवी को दोगुना मजा मिलने लेगा ।

उसकी आंखें बंद हो गई। उसके मुख से सिसकारी के साथ बीच-बीच में और कराहने और चीखने की आवाजें भी निकालने लगी।

इधर राजेश भी आनंद के मारे स्वर्ग में चला गया ।उसे जन्नत का मजा आने लगा ।वह भी तेज गति से चूदाई करने लगा ।दोनों ही अपना सुध बुध खो बैठे थे ।

अपना सुध बुध खो कर चूदाई*** का मजा ले रहे थे।

लंड कौशल्या देवी के चूत * में फच फच , गच गच की आवाज करता हुआ ।अंदर बाहर आ जा रहा था ।

राजेश का लंड कौशल्या देवी के चूत* के रस से पूरी तरह भीग चुका था ।बूर रस अमड कोश से बहता हुआ लैट्रिन सीट पर टपकने लगा ।

कौशल्या देवी से बर्दाश्त करना अब मुश्किल हो गया। अपने पैरों को सिकुड़ने लगी ,अपने दांतो से अपने होंठ को चबीने लगी ।उसकी आंखों की पुतलियां पलट गई। और वो झड़ने लगी ।

झड़ते समय उसकी योनि द्वार टाइट हो गया। उसके बर फूलने पिचकने लगी। जिससे राजेश को पता चल गया कि कौशल्या देवी फिर से झड़ गई है।

पर राजेश बहुत ही जोश में था और रुकना नहीं चाहता था ।कौशल्या देवी लंड पर उछलना बंद कर थी,जिससे राजेश को मजा नहीं मिल पा रहा था।

अतः वह लेटरीन सूट से से खड़ा हो गया और कौशल्या देवी को घुमाकर लैट्रिन सूट की ओर झुका दिया।

कौशिल्या देवी अपने दोनों हाथों से लैट्रिन सीट को पकड़ लिया। इस समय राजेश का लंड बूर के अंदर ही था।

राजेश कैशिलेया देवी के कमर पकडंकर लंड को जोर जोर से चूत मे मारना शुरू कर दिया ,क्योंकि देवी अभी झड़ चुकी थी अत:उसे राजेश के द्वारा चूदाई*** करने से ,उसके चूत में दर्द होने लगा ।

वह राजेश को रूकने के लिए बोली ,बेटा रुक जा दर्द कर रहा है ।पर राजेश इस समय बहुत ही जोश में था। वह तेजी से चूदाई** करना जारी रखा ।

लंड फच फच , गच गच की आवाज करता हुआ कौशल्या देवी के बूर में गपा गप अंदर बाहर हो रहा था। राजेश लगातार तेज झटके कौशल्या देवी के चूत पर लगारहा था।

राजेश के लंड के टट्टे कौशल्या देवी के कूल्हे पर टकराने से बाथरूम में फिर से एक बार थप थप की आवाज गूंजने लगा।

राजेश की लगातार चूदाई* करने से एक बार फिर से कौशल्या देवी गर्म हो गई और वह भी उत्तेजित हो गई। राजेश का लमड उसके बच्चेदानी से टकराने से फिर से कौशल्या देवी सिसकने लगी उस् फिर से चूदवाने **मे मजा आने लगा ।

वह भी अपनी कमर को हिला हिला कर राजेश का चूदाई * करने में साथ देने लगी ।

इधर राजेश से को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया और वह भी एक जोरदार शॉट लगाते हुए अपने लंड को कौशल्या देवी के कुल्हे से जोर से सटा लिया और अपने लमड से वीर्य की जोर-जोर से पिचकारी मारने लगा, जो कौशल्या देवी के बच्चेदानी पर गिरने लगा ।गर्म वीर्य का अहसास पाकर कौशल्या देवी फिर से एक बार झड़ गई ।

दोनों कुछ ही देर तक ऐसे ही खड़े रहे। कूछ देर बाद राजेश का लंड कुछ ढीला हुआ। वह अपने लंड * को खींचकर बाहर निकाला।

कौशल्या देवी अपने चूत की ओर को देखा ,उसका बूरी तरह से चोदने से काफी फैल गई थी ,जैसे कोई औरत बच्चे को को जन्म देने से उसका योनि द्वारा फैल हो जाताीहै ।

उसकी चूत सूज गयी थी। उसमे दर्द कर रहा था।

कौशल्या देवी राजेश से कहा बेटा अब जल्दी नहा लेते हैं फिर मै खाना बनाऊंगी लेट हे रही है ।तुम नहा कर आराम करना ।

बाथरूम में दोनो एक साथ नहाने लगे। ना कर राजेश ऊपर भगत के कमरे मे चला गया और वह आराम करने लगा।

इधर कौशल्या देवी राजेश जैसे स्मार्ट लड़के से चुद कर बहुत ही खुश थी ।वह अपने को भाग्यशाली समझ रही थी। वह खुश थी कि इस उम्र में इतने स्मार्ट लड़के से संभोग का सुख प्राप्त हुआ । ऐसा सुख उसे अभी तक कभी नहीं मिला था ।वह राजेश की दीवानी हो गई थी ।

राजेश को आकर्षित करने के लिए नहा लेने के बाद नए कपड़े पहन कर सजने सवरने लगी। खुद को आईने में देखकर उसे शर्म आने लगी कि आज भी वह इस उम्र में भी कितनी जवान लगती है ,फिर वह खाना बनाने कीचन मे चली जाती है , जा कर खाना बनाने लगी

घर में खाना बनाने लगी ,खाना बनाते हुए वह सोच रही थी कि राजेश कितना जल्दी सब सीख गया ,कितना जोश है उसमे । उसका लंड कितना बड़ा और मोटा तथा खूबसूरत है। चुत के हर हिस्से को रगड़ता है और बच्चे दानी चोट करने से कितना आनंद देता है। आज तक मुझे चुदवाने**मे ऐसा मजा कभी नहीं आया ।वह राजेश की दीवानी हो गई ।

उधर राजेश भी सोए हुए सोचने लगा की चोदने* में कितना मजा आता है। आज तक मै इस सुख से वंचित था , परअब मैं रोज ही चुदाई का मजा लूंगा और औरत का सुख भाेगूंगा ।

दो बार की दमदार चुदाई* से राजेश भी थोडा थकावट महसूस करने लगा और उसे बहुत जल्दी नींद आ गई।

कौशल्या देवी ने खाना बना ली और नौकर को फोन लगा कर टिफिन ले ले जाने के लिए बुला ली। नौकर घर आया और टिफिन लेकर चला गया ।

कौशल्या देवी उपर के रूम में गई और राजेश से बोली बेटा चलो खाना खा लो ।राजेश सोया हुआ था वह नींद से जागा ।वह कौशल्या देवी को देखता रह गया वह इस वक्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ।

राजेश कौशल्या देवी को खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और कौशल्या देवी से बोला । मा जी इस साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही हो और वह कौशल्या देवी की चूची को दोनों हाथों से मसलने लगा। मां जी चलो न एक बार फिर से चुदाई करते हैा

कौशल्या देवी ने कहा ,बेटा छोड़ो मुझे। मेरी चूत* की क्या हालत कर दी है। चूत सूज गई है । चूत में दर्द हो रहा है ।

वह राजेश से बोली चलो बेटा खाना खा लो । खाना ठंडा हो जाएगा।

फिर दोनो साथ नीचे चले आये ।जब किचन में कौशल्या देवी खाना निकाल रही थी । राजेश से रहा ना जा रहा था ।राजेश किचन में गया। अतः वह किचन में जाकर उसे पीछे से बाहों में लेकर ,जकड़ लिया।

कौशल्या देवी बोली बेटा पहले खाना तो खा लो और अभी और नही चूद पाऊंगी । मेरी चूत में दर्द हो रहा है मैं ठीक से चल भी नहीं पा पा रही हूं ।

इसे पहले ठीक होने दो उसके बाद जब मन करे चोद लेना । मैं मना नहीं करूंगी ।तुम्हें जब इच्छा हो , घर आ जाना। राजेश बोला मा जी मुझे अभी करने की इच्छा हो रही है। करने दो ना और वह उसकी चूची को मसलने लगा।

कौशल्या देवी ने कहा नहीं बेटा मेरा चूत सूज गया है वह दर्द भी कर रहा है तुम मेरा कहना मानो ।इस तरह जिद न करो । अपने पर नियंत्रण रखो। औरतों की परेशानियां और समस्या को भी इतने में समझना होगा तभी औरतों को तुम्हारे लिए प्रेम जागेगा ।

राजेश ने कहा ठीक है मा जी आपने सही कहा मुझे अपने पर नियंत्रण रखना होगा और दोनों खाना खाने लगे ।इस समय राजेश केवल टावेल लपे टा हुआ था। उसके कपड़े सूख रहे थे।

कौशिलेया देवी ने खाना खाने के बाद कहा बेटा तुम्हारे कपड़े सूख चुके होंगे मैं उसे प्रेस कर देती हूं ।फिर उसे तुम पहन लेना ।चार भी बजने वाला है ।

भगत भी अब आता ही होगा ।राजेश ने कहा ठीक है मा जी अब मुझे भी निकलना होगा क्योंकि कॉलेज की छुट्टी का समय 4:00 का ही है। आप मेरे कपडे जल्दी से प्रेस कर दीजिए।

।राजेश का लंड* कौशल्या देवी को पास में पाकर अभी भी खड़ा हुआ था ।उसकी टावेल काफी ऊपर उठा हुआ था जिस पर कौशल्या देवी की नजर पड़ी कौशल्या देवी ने कहा बेटा तुम्हारा तो अभी तक खडा है ।

राजेश ने कहा हां माजी तुम इस ड्रेस में बहुत ही खूबसूरत लग रही हो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा में मुझे माफ करना मैं अभी चूद नही पाउंगी । मेै इसे चूस कर शांत कर देती हूं। चलो मेरे बेडरूम में जाओ मैं बर्तन धो कर आती हूं।

राजेश बेडरूम में जाकर इंतजार करने लगा । वह फिर काफी उत्तेजित हो गया था। की फिर से कौशिल्या देवी उसके लंड को चूसने वाली है ।

कौशल्या देवी कुछ समय के बाद राजेश बेडरूम में आई राजेश बेडरूम में लेटा हुआ था ।उसका लैंड सीधा खड़ा होकर ।हवा में लहरा रहा था।

कौशिल्या देवी बेड के उपर चड कर राजेश के कमर के पास जाकर बैठ गई और झूक कर एक हाथ से राजेश के लंड को पकडकर अपने मूह मे ले ली और राजेश के लंड* को चूसने लगी।

राजेश कैशिल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का आनंद लेने लगा ।कौशल्या देवी राजेश के लंड को अपने मुंह गपा गप ,अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी।

इधर राजेश आंखें बंद कर मजा लेने लगा। अपने मुख से आवाज निकालने लगा ।मां जी आप बहुत ही अच्छा चूसती हो, बहुत ही मजा आ रहा है ।आह ,आह और तेज चूसो।

राजेश अपने चरम अवस्था की ओर बढ़ने लगा और कुछ ही समय के बाद राजेश से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया और वह कौशल्या देवी के मुख् में ही झडने लगा ।

कौशल्या देवी वीर्य को अपने मुंह में भर ली।सारा वीर्य अपने मुंह मे भर लेने के बाद ,राजेश के वीर्य को निगल गई। उसे वीर्य का स्वाद कुछ मीठा और कुछ नमकीन लगा ।इसके पहले कौशल्या देवी ने किसी के वीर्य को नहीं पिया था।

वह राजेश कि वह दीवानी हो गई थी राजेश के लिए उसके मन मैं प्रेम उमडने लगा अतः वह उसके वीर्य को बाहर फेंकना उचित नहीं लगा और वह उसे पी गई।

एक प्रकार से वह राजेश के लिए समर्पित भावना उसके मन में जागृत हो गई थी। राजेश को उसे लंड का पानी पीता हुआ देखकर ।आश्चर्य हुआ उसने कौशल्या देवी से पूछा माझी ।आप लंड का पानी पी गई ।

कौशल्या देवी ने कहा पता नहीं बेटा मुझे इसे उगलने का मन नहीं हुआ और मैं और मैं तुम्हारे वीर्य को निगल ली। तुम्हारा वीर्य का स्वाद बहुत ही अच्छा लगा।

राजेश मुस्कुराने लगा जिसे देख कर कौशिल्या देवी को शर्म आने लगी।

कौशल्या देवी राजेश के कपड़े को प्रेस कर दी ।राजेश अपना कपड़ा पहन कर तैयार हो गया। तभी राजेश को स्वीटी का फोन आया ।भैया तुम कहां हो स्वीटी ने राजेश ने कहा ।

राजेश-स्वीटी तुम अपनी सहेली के साथ घर चली जाओ ।मुझे कुछ काम है ,थोड़ा लेट हो जाऊंगा।

स्वीटी ने कहा ठीक है भैया ।

कुछ समय के बाद भगत भी आ गया ।भगत ने देखा कि राजेश का गुस्सा शांत हो गया है । वह खुश लग रहा है।

उसने राजेश से कहा भाई अब तुम कैसे हो ।

राजेश ने कहा मां जी के प्यार ने मेरा गुस्सा शांत कर दिया ।

भगत ने कहा मुझे यकीन था मा जी तुम्हारा गुस्सा को शांत कर देगी ।

राजेश ने कहा ठीक है यार अब मैं निकलता हूं ।काफी समय हो गया है।

भगत ने कहा ठीक है भाई ।

कौशल्या देवी ने राजेश से जाते हुए कहा बेटा घर में आते जाते रहना अपने मा जी को भूल मत जाना। राजेश मुस्कुराने लगे और मुस्कुरा कर कहा नही मा जी अब आप जब बुलाएंगे मै आ जाऊंगा । अभी तो अभी तो बहुत कुछ सीखना है आपसे और वे दोनों मुस्कुराने लगे ।
 

Sanju@

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कौशल्या देवी के रूम से बाहर चले जाने के बाद भगत रूम में बेड पर आराम से लेट गया। वह पुरानी यादों में खो गया ।

जब वह किराए मकानपर खोज रहा था ,तब उसे ढंग का कोई मकान मिल नहीं रहा था । एक रिश्तेदार की सिफारिश पर यह मकान उसे किराए पर बड़ा मुश्किल से मिल पाया ।

जब शुरू शुरू में वह यहां रह रहा था ,एक ही मकान में रहने के बावजूद कौशल्या देवी और कामता प्रसाद से आमना सामना कभी कभार ही हो पाता था और हेलो अंकल और हेलो आंटी तक ही सीमित था ।

कौशल्या देवी दिन भर नीचे ही समय व्यतीत करती थी ।वह बहुत कम दूसरी मंजिल पर जाति थी ।

कभी-कभी ऊपर छत पर कुछ सुखाने के लिए चली जाती थी ।

भगत घर में खाना नहीं बनाता था ।वह रात मेंढाबे पर खाने के लिए चला जाता दोपहर में भोजन कॉलेज के कैंटीन में करता था ।इस तरह रहते रहते उसे तीन-चार माह हो गया था।

इन तीन चार माह में कौशल्या देवी और भगत के बीच हाय हेलो के अलावा कोई ज्यादा वार्तालाप नहीं हुआ था ।

तभी एक घटना घटित हो गय रात की 1:00 बजे का समय था ।उस समय भगत अपने बेड पर सोया हुआ था ।तभी किसी ने उसकी दरवाजा खटखटाया ।

भगत ने सोचा इस समय कौन हो सकता है ।वहउठा और दरवाजा खोलने के लिए चला गया।

भगत जैसे ही दरवाजा खोला उसने देखा सामने आंटी खड़ी थी। वह रो रही थे बेटा जल्दी चलो तुम्हारे अंकल बाथरूम में गिर गया है मेरी मदद करो।

उसके सिर पर चोट लगी है ।खून बह रहा है ।इस समय भगत लोवर और टी शर्ट पहना हुआ था ।

आंटी की बातों को सुना और वह तुरंत ही आंटी के साथ नीचे चला गया।

उसने देखा बाथरूम में अंकल नीचे पड़ा हुआ है ।उसके सिर से खून बह रहा है ।बाथरूम में भी बहुत सारा खून फैल गया था।

भगत कौशल्या देवी से कहा आंटी अंकल के सिर पर गहरी चोट लगी है। इसे तुरंतअस्पताल ले जाना होगा।

कामता प्रसाद इस समय बेहोश हो गया था ।

कौशल्या देवी डरी हुई थी और रोए जा रही थी।

भगत सिंह ने कौशल्या देवी से कोई कपड़ा लाने के लिए कहा ताकि कामता प्रसाद जी के सिर पर बांधा जा सके जिससे खून का बहना कुछ कम हो जाए ।

कौशल्या देवी तुरंत कपड़ा लेकर आई ।

भगत ने कामता प्रसाद के सिर को कपड़े से बांध दिया उसके चेहरे पर पूरा खून लगा हुआ था। वह उसे कपड़े से पूछा और उसे कौशल्या देवी की मदद से उठाकर बेड पर सुला दिया।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा आंटी अंकल को तुरंत अस्पताल ले जाना होगा मैं ले जाने का कोई साधन जुगाड़ करता हूं और वह घर के बाहर सड़क की ओर चला गया।

वह इधर-उधर ऑटो की तलाश करने लगा ,तभी सड़क के किनारे उसे एक ऑटो खड़ा हुआ दिखाई पड़ा। ऑटो के अंदर कोई सोया हुआ था ।उसने ऑटो वाले को जगाया और उससे कहा भैया तुम्हारी मदद चाहिए ।

ऑटो वाले ने उससे पूछा क्या हुआ भाई ।

उसने सारी बातें ऑटो वाले को बताया ।

ऑटो वाले ने भगत की बातों को सुनकर उसकी मदद के लिए तैयार हो गया ।

भगत ऑटो वाले के साथ ऑटो में बैठ कर घर की ओर आया ।ऑटो वाले की मदद से कांता प्रसाद जी को बेड से उठाकर ऑटो पर बिठाया ।

भगत और कौशल्या देवी भी आटो पर बैठ गए और अस्पताल की ओर चले गए ।

अस्पताल में जाने के बाद भगत ने डॉक्टरों से मुलाकात किया हादसे के बारे में डॉक्टरों को बताया ।

कामता प्रसाद के आपातकाल चिकित्सकीय रूम में ले जाया गया ।रूम के बाहर भगत और कौशल्या देवी चेयर पर बैठकर डॉक्टरों का बाहर निकलने का इंतजार करने लगे ।

कौशल्या देवी रोए जा रही थी ।

भगत ने उसे कहा आंटी रोइए मत सब ठीक हो जाएगा मैं हूं ना ।

भगत ने उससे पूछा कि यह हादसा हुआ कैसे ?

आंटी ने बताया बेटा तुम्हारे अंकल बाथरूम के लिए उठे थे ।बाथरूम के अंदर जाते ही उसे चक्कर आ गया और वह गिर पड़ा। मैं दौड़ते हुए उसके पास गई। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करू तब मैं तुमसे मदद मांगने के लिए तुम्हारे पास गई।

एक नर्स रूम से बाहर आई उसने सामान की एक लिस्ट कौशल्या देवी के हाथों में दिया और उसने उसे मेडिकल से तुरंत लाने के लिए कहा।

भगत ने कहा आंटी लिस्ट मुझे दो मैं मेडिकल से ले आता हूं वह कौशल्या देवी के हाथों से पर्ची लिया और मेडिकल स्टोर की ओर चला गया ।

वह मेडिकल सामान लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचा और नर्स को वह सामान दे दिया।

डॉक्टरों के द्वारा इलाज जारी था ।लगभग 2 घंटे इलाज के करने के के बाद एक डॉक्टर चिकित्सकीय रूम से से बाहर आया ।

डॉक्टर को आते देख भगत उसके पास जाकर उससे पूछा।

सर अंकल की हालत कैसी है अंकल ठीक तो है है ना ।

डॉक्टर ने भगत से कहा तुम लोग उसे ठीक समय पर अस्पताल ले आए ,थोड़ा भी लेट होता तो उसकी जान भी जा सकती थी ।पेशेंट का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है ।जिसके कारण उसे चक्कर आया ।गिरने से उसके सर पे , गहरी चोट लगी है जिसमें बहुत सारा खून शरीर से बह गया है ।उसकी सर्जरी कर दिया गया है लेकिन उससे खून चढ़ाना होगा। जिस ग्रुप की खून की आवश्यकता ,वह हमारे अस्पताल में अभी उपलब्ध नहीं है। तुम अगर कहीं से जुगाड़ सकते हो तो, ब्लड की व्यवस्था जल्दी करो ।

कौशल्या देवी डॉक्टर की बात को सुनकर रोन् लगी बेटा अब क्या होगा ?खून की व्यवस्था कैसे होगा ?

भगत ने कहा आंटी तुम चिंता मत करो ।मैं कुछ करता हूं और वह अपने दोस्तों को फोन कर ब्लड के लिए मदद मांगने लगा ,लेकिन उस ब्लड ग्रुप वाला कोई मिल नहीं रहा था ।

तभी उसे याद आया कि यह ग्रुप तो राजेश का भी है उसने राजेश को फोन लगाया। राजेश ने फोन उठाया इस समय सुबह का 5:00 बज चुके थे।

राजेश ने अपनी मां सुनीता को इस बारे में बताया। सुनीता ने उसकी दोस्त की मदद के लिए हामी भर दी ।

राजेश तुरंत घर से बाहर निकल कर अपना बाइक से अस्पताल के लिए चल पड़ा ।
वह अस्पताल पहुचा

भगत उसका इंतजार कर रहा था ।वह राजेश को डॉक्टरों के पास ले गया ।

डॉक्टर ने राजेश का खून चेक किया दोनों का ही ग्रुप मैच पाया गया।

डॉक्टरों ने राजेश का खून कामता प्रसाद के शरीर में चढ़ा दिया ।

2 घंटे बाद राजेश रूम से बाहर निकला। भगत ने राजेश को देखकर गले लगा लिया थैंक यू यार ।

कौशल्या देवी ने राजेश को देखकर राजेश से कहा बेटा मैं तुम्हारी शुक्रिया अदा किस प्रकार से करू। तूने मेरे पति को नया जीवनदान दिया है। तुम्हारा बहुत धन्यवाद बेटा ।

राजेश ने आंटी से कहा नहीं आंटी जी यह तो मेरा फर्ज है। मेरे कारण किसी की जान बची यह तो मेरे लिए खुशी की बात है।

राजेश कुछ समय तक अस्पताल में रुका फिर वह भगत से कहकर अच्छा यार मैं चलता हूं मां राह देख रही होगी। मेरी जरूरत पड़े तो फोन पर बताना मैं आ जाऊंगा।

भगत राजेश को एक बार फिर अपने गले से लगा लिया थैंक यू यार तू मेरा सच्चा दोस्त है।

राजेश अस्पताल से चला गया ।

2 घंटे के बाद कामता प्रसाद को आपातकाल की रूम से निकालकर वार्ड रूम में लाया गया वह होश में आ चुका था ।

कौशल्या देवी और भगत दोनों उनसे मिलने के लिए वार्ड रूम में गए ।
कौशल्या देवी अपने पति को खतरे से बाहर देख कर और होश में आया देखकर वह खुश हो गई और भगवान की को शुक्रिया अदा करने लगी।

फोन के माध्यम से कौशल्या देवी ने अपने बेटे और बेटियों को इस घटना की जानकारी दे दी ।

उनकी बेटियां कविता और काजल दोनों को जब यह मालूम हुआ कि उसके पिताजी अस्पताल में एडमिट है,वे अपने पतियों एवं बच्चों के केसाथ अपने अस्पताल के लिए निकल पड़े।

इधर भगत अस्पताल में ही रुका था और हर प्रकार की मदद कर रहा था ।

जब का कौशिल्या देवी की बेटियां अस्पताल पहुंचे अपने पिताजी को देखने ,तब कौशल्या देवी ने अपनी बेटियों को भगत के बारे में बताया कि किस प्रकार से भगत ने मदद की अगर भगत नहीं होता तो तो पता नहीं क्या हो जाता ।

उनकी बेटियों ने बेटियों ने भगत को मदद के लिए धन्यवाद दिया और उनसे कहा कि अब से तुम हमारे छोटे भाई के समान हो।

भगत ने कहा मैं तुम्हारा छोटा भाई ही हूं आंटी और अंकल का मदद करना मेरा फर्ज है ।

उनकी बेटियों के आने के बाद कुछ समय तक और अस्पताल में भगत रुका फिर वह आंटी के पास जाकर बोला अच्छा आंटी अब मैं चलता हूं और किसी प्रकार की जरूरत हो तो मुझे फोन करना ।मैं तुरंत आ जाऊंगा ।

तब कौशल्या देवी ने कहा बेटा मैं तुम्हारा एहसान का बदला जिंदगी भर नहीं चुका सकूंगी तुमने मेरी सुहाग को बचाया है ।अगर तुमने मदद नहीं की होती तो पता नहीं क्या हो जाता ।

फिर भगत ने कौशल्या देवी से कहा आंटी में तुम्हारे बेटे जैसा ही तुम्हें जब भी कोई मदद की जरूरत पड़े मुझे बता देना ।

कौशल्या देवी ने कहां थैंक्यू बेटा और भगत अस्पताल से घर की ओर चला गया ।चार-पांच दिन अस्पताल में रहने के बाद कामता प्रसाद जी को अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया। और वे घर आ गए उनकी बेटियां भी ससुराल चली गई ।

शाम को कॉलेज से वापस आने के बाद भगत सीधे कामता प्रसाद जी की हाल चाल पूछने के लिए उसके रूम में चला गया।

कामता प्रसाद जी से भगत ने कहा अंकल अब आपकी तबीयत कैसी है ।

कांता प्रसाद जी ने कहा मैं अच्छा हूं बेटा ।कौशिल्या ने बताया तुमने हमारी मदद किस प्रकार की । इतनी मदद तो कोई सगा बेटा भी नहीं करता ।एक हमारा बेटा किशोर है जिसको खबर देने के बाद भी अभी तक मिलने के लिए भी नहीं आया ।

भगत ने कामता प्रसाद से कहा अंकल जी आप मुझे अपना बेटा ही समझिए।

तब कौशल्या देवी इस समय बना रही थी वह चाय लेकर के रूम में आई लो बेटा चाय पी लो ।

भगत ने कहा थैंक्यू आंटी और चाय का कप उठाकर पीने लगा ।

कौशल्या देवी भगत से बोली बेटा अब से तुम मुझे आंटी मत बोलना ,अब तुम मुझे मा जी बुलाना, मुझे अच्छा लगेगा ।

भगत ने कहा ठीक है मा जी आजसे मैं आपको मा जी ही कहूंगा ।

कौशिल्या देवी ने कहा एक बात और कहनी थी बेटे तुम रात का भोजन हमारे साथ ही किया करो ।साथ ही सुबह का चाय नाश्ता भी मैं तेरे लिए बना दिया करूंगी ।
भगत ने कहा मा जी आपको मेरे लिए कष्ट उठाने की जरूरत नहीं है।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा तुमने हमारी इतनी मदद की मैं तुम्हारे लिए इतना नहीं कर सकती ।

आज से तुम मेरे बेटे जैसा ही हो।

तब भगत ने कहा ठीक है मा जी जैसी आपकी इच्छा ।

और भगत आज से कौशल्या देवी को मा जी कहकर बुलाने लगा ।

अगली सुबह जब भगत सोया हुआ था किसी ने दरवाजा खटखटाया ।भगत ने सोचा इस वक्त कौन होगा।इस समय सुबह के 7:00 बज गए थे ।

भगत ने दरवाजा खोला सामने कौशल्या देवी खड़ी थी ।अरे बेटा मैं तुम्हारे लिए चाय लाई हूं चाय पी लो ।।भगत ने कहा अरे माजी आप अंदर आइए ना ।

कौशल्या देवी चाय लेकर अंदर आई बेटा चाय ठंडी हो जाएगी इसे पी लो ।

भगत ने चाय का कप उठा लिया और उसने कौशल्या देवी से कहां थैंक यू मा जी ।

भगत चाय पीने लगा उधर कौशल्या देवी कमरे के अंदर मुआयना किया उसने देखा कि कमरे में तो काफी धूल जमा हुआ। उसने भगत से कहा अरे बेटा कमरे में तो बहुत धूल जमा हुआ है ।बेटा आज से में झाड़ू पोछा कर दिया करूंगी ।

भगत ने कहा मां जी इ मैं कर लूंगा ।

बेटा तुम नहा कर तैयार हो जाना ,मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना रही हू। कॉलेज जाने से पहले तुम नाश्ता कर लेना ।

भगत ने कहा ठीक है मा जी और हां बेटा अपने रूम की चाबी मुझे दे देना मैं तुम्हारे कमरे की साफ सफाई कर दूंगी ।भगत ने कहा ठीक है मा जी ।

इस तरह से कुछ दिन और निकल गए कौशल्या देवी और भगत के बीच अपनापन और बढ़ता गया।

कौशल्या देवी भगत को अपने बेटा जैसे मानने लगी भगत की सेवा करने लगी ।

इधर भगत भी कौशल्या देवी को अपने मां के समान ही मानने लगा ।

एक दिन की बात है भगत कॉलेज नहीं गया था वह घर पर ही रुक गया था । वह पलंग पर लेटा हुआ था। तभी का कौशल्या देवी भगत के कि रूम में सफाई करने के लिए आई।

कौशल्या देवी भगत को देख कर बोली अरे बेटा आज तू कॉलेज नहीं गया ।

भगत ने कहा मा जी आज कॉलेज में छुट्टी है ।

कौशल्या देवी कमरे में झाड़ू लगाने लगी ।कौशल्या देवी को भगत झाड़ू लगाते हुए देख रहा था ।

कौशल्या देवी नीचे झुक कर झाड़ू लगा रही थी तभी अचानक कौशल्या देवी के साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया ।पल्लू के नीचे गिरते ही कौशल्या देवी की बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी ब्लाउज सी बाहर झाकते हुए दिखाई दिया ।

उनके बड़े-बड़े गोल गोल स्तन भगत की नजर पर पड़ी कौशल्या देवी के स्तनों के गोलियों को देखकर भगत की शरीर की नसों में खून की रफ्तार बढ़ने लगा ।टकटकी नजरों से वह कौशल्या देवी के स्तनों को को देख रहा था ।

तभी कौशल्या देवी को लगा की भगत उसके स्तनों कौन निहार रहा है उसने साड़ी के पल्लू को जल्दी से ठीक किया और झाड़ू लगाने लगी ।

भगत मन में सोचने लगा मां जी की चुटिया कितनी सुंदर है काफी बड़ी और गोल गोल है ।ना चाहते हुए भी उसके लमड में तनाव आने लगा ।

इसके पहले भगत न कौशल्या देवी के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था भगत को चुदाई की हुई काफी दिन हो गए थे। जब वह अपना घर गांव जाता था तो वहां की कुछ औरतों को वह चोदता था और अपना प्यास बुझा कर शहर आता था ।

आज कौशल्या देवी स्तनों को द देख फिर उसकी प्यास जागने लगी ।

कौशल्या देवी झाड़ू लगाने के बाद पोछा लगाने फिर से भगत के रूम में आई और फर्श पर उकड़ू बैठकर पोछा लगाने लगी। उकड़ू बैठन से उसके घुटनों से उसके स्तन दब गए थे। उसके स्तन उसके ब्लाउज से बाहर आने की कोशिश कर रही थी ।केवल निप्पल ही बचा हुआ था ।स्तन की पूरी गोलाई ब्लाउज से बाहर झांक रही थी ।

भगत की नजर उस पर फिर से एक बार पड़ी ।

कौशल्या देवी की स्तनों को देखकर भगत का शरीर गर्म होने लगा।

भगत अपनी आंखों से नयन सुख ने ने लगा ।कभी-कभी उसे डर लगता की मा जी कही अपनी चुचियों को निहारते पकड़ न ले । मां जी मेरे बारे में क्या सोचेगी।

इधर कौशल्या देवी को लगा की भगत की नजर मेरी चूचियों पर है। उसने अपनी चुचियों को साड़ी के पल्लू से ढकने की कोशिश की लेकिन झुक कर पोछा लगाने से साड़ी का पल्लू स्तनों से हट जा रहा था ।

इधर भगत कौशल्या देवी के स्तनों को देखकर काफी गर्म हो चुका था ।उसका लंड खड़ा हो गया था ।

कौशल्या देवी पोछा लगाने के बाद भगत से बोला ।मैं तुम्हारे लिए दोपहर का भोजन बना दूंगी । भगत ने कहा ठीक है मां जी।

दोपहर में जब भोजन बनकर तैयार हो गया तब कौशल्या देवी ने भगत को खाने के लिए बुलाया ।


भगत भोजन के लिए नीचे चला गया।

भ गत की नजर अब कौशल्या देवी के लिए बदल चुका था ।अब वह उसे मां की नजर से नहीं बल्कि एक औरत की नजर से देखने लगा ।

जब का कौशिलेया देवी उसके सामने आती थी तब भगत की नजर उसके स्तनों पर चला जाता था। उसके स्तनों को के दर्शन के लिए लालायित रहता था। जब पीछे मुड़कर जाने का होती तो उसकी चुतड को निहारने लगता और गर्म हो जाता ।उसके नसों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता।

इधर कौशिलेया देवी को भी एहसास होने लगा कि भगत उन्हें अलग ही नजरों से देखने लगा है ।इस तरह दो-तीन दिन और बीत गए ।


कौशल्या देवी झाड़ू पोछा करने के लिए कमरे में आई

कौशल्या देवी भगत को देखकर बोला । आज कॉलेज नहीं जा रहे हो ।आज भी छुट्टी है क्या ?
भगत ने कहा मा जी आज मुझे मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है मेरे सिर पर दर्द है आज मैं कॉलेज नहीं जाऊंगा ।घर में आराम करूंगा ।

कौशल्या देवी भगत के पास गया और उसके माथे पर हाथ रख कर देखा कि उसका माथा गर्म था।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा तुम्हे तो बुखार है तुमने दवाई ली कि नहीं ।

भगत ने कहा हां माजी दवाई ली है

कौशल्या ने कहा ने कहा ठीक है बेटा तुम आराम करो ।और वह पोछा लगाने लगी ।

भगत की नजर फिर से उनके स्तनों पर चला गया क्योंकि कौशल्या देवी पोछा लगाने उकडू बैठने के कारण स्तन का काफी हिस्सा ब्लाउज के बाहर दिखाई पड़ रहा था ।

स्तनों को देखकर भगत गर्र्म हो गया। उसका लंड खड़ा हो गया था ।वह अपने शरीर को चादर से ढक लिया और एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा ।

उसकी नजर कौशल्या देवी की चूचियों पर गढी थी ।

भगत ने सोचा अब मैं और नहीं सहन कर सकता।

मुझे कुछ करना ही होगा नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगा ।वह सोचने लगा कि क्या करें ।

इधर पोछा लगाने के बाद कौशल्या देवी नीचे जाने को हुई ।

तभी भगत ने कौशल्या देवी से कहा मा जी मैंने टेबलेट लिया पर सिर पर दर्द अभी भी है ।तुम्हारे पास बाम वगैरह है क्या सिर पर लगाने के लिए।

तब का कौशिल्या देवी ने कहा अरे बेटा बाम तो नहीं है। लेकिन मैं सरसों तेल को गर्म करके लाती हूं मैं तुम्हारे सिर पर मालिश कर दूंगी तुम्हें अच्छा लगेगा।

कौशल्या देवी नीचे चली गई ।

भगत को एक मौका दिखाई देने लगा।

कौशल्या देवी कुछ समय के बाद सरसों का तेल कटोरी में लेकर भगत के कमरे में आई ।

भगत अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था ।

कौशल्या देवी भगत के विस्तार पर उसकी छाती के बगल में बैठ गई । भगत से बोली बेटा मैं तुम्हारी सिर के मालिश कर देती हूं ।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा माजी तुम मेरा कितना ख्याल रख रही हो ।

तब कौशिलेया देवी ने भगत से कहा बेटा तुमने भी तो हमारी बहुत मदद की है ।

कौशल्या देवी अपने हाथों में सरसों तेल लगा कर भगत के माथे और सिर को मालिश करने लगी।

इस समय कौशल्या देवी मालिश करते हुए थोड़ा झुक गई ।जिससे उसका साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया ।कौशल्या देवी की चूचिया भगत के आंखों के सामनेझूलने लगा ।वह उसे खाए जाने वाली नजरों से देखने लगा।

कौशल्या देवी भगत की नजरों को देखा। भगत की नजर उसकी चूचियां पर टिकी हुई थी ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा क्या देख रहा है बेटा ।

भगत शर्मा गया, कुछ नहीं मा जी।

कैशिल्या अपने स्तनों को अपने पल्लू से ढक लिया।

भगत ने एक हाथ से कौशल्या के एक स्तन को हाथों पर रखकर उसे उसे सहलाने लगा ।

कौशल्या देवी ने भगत ने कहा बेटा यह क्या कर रहा है ।

तब भगत ने कहा मां जी आपके दूदू बहुत सुंदर हैं ।

कौशल्या देवी शर्मा गई ।वह भगत से बोली बेटा मैं तुम्हारी मां जैसी हूं ऐसा नहीं बोलते।

कौशल्या देवी सरसों के तेल से भगत के सिर और माथे पर मालिश कर रहा था ।इधर भगत एक हाथ से कौशल्या देवी एक चूची पर अपना हाथ फिरा रहा रहा था। वह उसे अपने हाथों से सहलाने लगा।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा मां जी आप के दूदू कितने बड़े और सुंदर है।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा चल हट पगला कहीं का ।मैं तुम्हारी मां समान हू तुम्हें मुझसे ऐसा नहीं कहना चाहिए ।

मां जी मैं तो तुम्हारे बेटा जैसा हू ।मुझे अपना बेटा बना लो न।

कौशल्या ने भगत से कहा मैं तो तुम्हें अपना बेटा ही मानती हूं।

तब भगत ने कहा मा मोी जी मै ऐसे ही आपका बेटा थोडे ही हो जाऊगा ।मुझे अपना पूरा बेटा बनाने के लिए तुम्हे अपना दूध पिलाना पड़ेगा ।

मैंने तो आपका दूध पिया ही नहीं है तो आपका बेटा कैसे बन जाऊंगा ।

कौशल्या ने भगत से कहा धत बदमाश ।दूध पीने की बातें करता है यह तुम्हारी दूध पीने की उम्र है क्या? तू बिगड़ गया है।

भगत ने कौशलिया देवी के एक स्तन को सहलाते हुए कहा मां जी मुझे अपना दूध पिलाओ ना ।

कौशल्या देवी ने कहा नहीं बेटा तू बड़ा हो गया है यह तुम्हारी दूध पीने की उम्र नहीं है ।

तब भगत ने कौशल्या से कहा नहीं मां माजी मुझे तुम्हारा दूध पीकर तुम्हारा पूरा बेटा बनना है।

और वह एक हाथों से कौशिल्या देवी के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा ।

कौशल्या भगत से बोले जा रही थी नहीं बेटा ऐसा मत करो पर ।

भगत ने नहीं माना और उसके ब्लाउज की सारी बटन खोल डाले।

बटन खोलते ही कौशल्या के दोनों चूचिया नंगी हो गई क्योंकि कौशल्या देवी ब्रा नहीं पहनती थी ।दोनों चूचियां भगत के आंखों के सामने लटक रहे थे। उसकी नंगी चूचियो को देखकर भगत का लंड खड़ा होकर लोहे की रातड की तरह कठोर हो गया ।उसका लंड ठूनकी मरने लगा ।कौशल्या देवी के दोनों चुचियों को भगत अपने हाथों से पकड़ लिया और उसकी निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा ।

कौशल्या देवी भगत से बोले जा रही थी बेटा यह क्या कर रहा है ।यह ठीक नहीं है। मत कर ऐसा ।

भगत ने कौशिल्या देवी से बोला ,नहीं माझी मुझे तुम्हारा पूरा बेटा बनना है ।मुझे तुम्हारा दूध पीने दो और वह दोनों चुचियों को अपने हाथों से मसलते हुए चूसने लगा ।

एक मर्द की कड़े हाथों का एहसास पाकर कौशल्या देवी का शरीर सिहरने लगी ।

भगत उसकी चुचियों को को जोर जोर से मसल कर उसकी निप्पल को चूसने लगा ।उसके निप्पल को अपने दांतों में दबाकर खींचने लगा ।


भगत के ऐसा करने से कौशल्या देवी कि शरीर में कपकपी आने लगी । उसकी सांसे तेज होने लगी ।उसकी आंखें बंद होने लगी। कौशल्या देवी की चूचियां फुल ने और पिचकने लगी ।उसकी निप्पल कड़क हो गए ।

भगत समझ गया मा जी गरम हो गई है तब उसने कौशल्या देवी से कहा मा जी आपके हाथों में जादू है ।आप की तेल मालिश से मेरा सिर दर्द ठीक हो गया ।

कौशल्या देवी अपनी आंखें खोली वह भगत से बोला ठीक है बेटा अब तुम आराम करो ।मैं चलती हू ।

तब भगत ने कौशलिया से कहा नहीं मा जी अभी तुम्हारे दूध पीने से मेरा मन भरा नहीं है ।मुझे अच्छे से पी लेने दो ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा नहीं बेटा यह ठीक नहीं है। छोडो मुझे ।

भगत ने कहां मा जी क्या तुम अपने बेटे से प्यार नहीं करती।
कौशल्या ने भगत से कहा मैंने ऐसा कब कहा बेटा ।तो मुझे जी भर के अपना दूध पी लेने दो ना ।

कौशिल्या तेल मालिश को बंद कर बिस्तर पर पर सीधा बैठ गई ।भगत भी उठ कर बैठ गया ।और कौशल्या देवी के दोनों स्तनों को अपने हाथों में पकड़ कर मसलने लगा। कौशल्या देवी के सासे फिर से तेज तेज चलने लगी। कौशल्या देवी को भी अब बर्दाश्त से बाहर होने लगा ।वह बिस्तर से उठ कर वह दरवाजे की तरफ जाने लगी। भगत ने उसके एक हाथ को पकड़ लिया कौशल्या देवी भगत से कहा अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश की ।

भगत बिस्तर से उठ कर खड़ा हो गया ।वह कौशल्या देवी को पीछे जकड़ लिया और दोनों हाथों से उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों को मसलने लगा और अपने खड़े हुए लंड को कौशल्या देवी की गांड पर हल्का-हल्का धक्का मारने लगा।

कौशल्या देवी भगत का लंड का एहसास अपने गांड मेपाते ते ही मदहोश सी होने लगी ।

कुछ समय तक ऐसे ही खड़े-खड़े भगत कौशल्या देवी की चुचियों को मसलता रहा ।

कौशल्या देवी कि संास तेज तेज चलने लगी उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगी।

भगत कौशल्या को घुमा कर अपनी अपनी ओर कर लिया । कौशल्या की आंखें बंद थी ।भगत कौशिल्या को अपनी बाहों में जकड़ कर उसके होंठों को चूसने लगा। इस समय कौशिल्या की सांसे तेज तेज चल रही थी ।आंखें बंद थी।

भगत कौशल्या को अपनी बाहों में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और खुद भी बिस्तर पर चड गया। और उसकी चुचियों को चूसने लगा ।

कौशल्या के मुख से सिसकारी निकल रही थी। भगत कौशल्या की चूची को एक हाथ से मसल रहा था और एक चूची को मुंह में भर कर चूस रहा था।

अब वह थोड़ा चूची से नीचे आया और पेट को चूमने लगा पेट को चुमते चुमते वह साड़ी को कमर से थोड़ा खिसका दिया है ।साड़ी के हटते ही कौशल्या की नाभि भगत को दिखाई पड़ा। भगत उसके बदन की खूबसूरती को देखकर बावरा हो गया ।वह पागलों की तरह उसकी नाभि को चूमने लगा ।उसे चाटने लगा।

भगत की इस हरकत से कौशल्या देवी जोर जोर से सिसकने लगी ।

अब भगत से रहा नहीं गया वह बिस्तर से से उठा और अपने लोवर और अंडरवियर निकाल कर नीचे से नंगा हो गया ।

कौशल्या देवी भगत की इस हरकत को देख रही थी ।उसकी नजर उसके लंड पर पड़ी जो काफी लंबा था ।उसका लंड ठूनकी मार रहा था।

कौशल्या देवी भगत के लंड को देखकर उसके दिल जोर-जोर से धड़कने लगा ।

भगत देर न करते हुए वह फिर से बिस्तर पर चढ़ गया और कौशल्या देवी के ऊपर लेट गया। फिर से उसके होंठों को चूसने चूसते हुए वह नीचे की ओर गया ।

उसकी चूची को मसलने लगा और उससे निप्पल को चूसने लगा। फिर वह नीचे की ओर जाकर उसके पेट को चूसने लगा। उसकी नाभि पर हाथ फेरने लगा फिर उसके नाभि को चूसने लगा। कौशल्या देवी के मुख से सिसकारी लगातार फुटे जा रही थी ।

भगत कौशल्या देवी के टांगों के बीच जाकर बैठ गया उसके पेटीकोट को ऊपर खींच उसके कमर तक चढ़ा ।

दिया पेटिकोट के ऊपर उठते ही उसे कौशल्या देवी की पेंटी नजर आया ।वह पेंटी के ऊपर से ही अपने हाथ उसके चूत र पर रखकर उसे सहलाने लगा ।

कौशल्या देवी अपनी आंखें बंद कर लगातार सिसक रही थी। नहीं बेटा वहां नहीं ।

भगत ने देर ना करते हुए दोनों हाथों से उसकी पैंटी को पकड़ा आर उसको खींचने लगा।
कमर से पेंटी दबे होने के कारण निकालने में दिक्कत होने लगी।

तभी कौशल्या देवी ने अपना कमर ऊपर उठा दिया ।

कौशल्या देवी की इस हरकत को देखकर भगत बावरा हो गया ।वह समझ गया कि कौशल्या देवी अब खुद चुदना * चाहती है ।

वह कौशल्या देवी की पैंटी को पकड़ उसे खींचकर उसके पैरों से अलग कर दिया ।

भगत कौशल्या देवी की फूली हुई चिकनी चूत को देखकर बावरा हो गया ।उसने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा। उसकी उंगलियां योनि रस से भीग गया ।

कौशल्या देवी आनंद के मारे जो जोर-जोर से सिसकने लगी ।
भगत अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ लिया और कौशल्या देवी के योनि के पास ले गया ।अपने लंड के टोपे को योनि मुख पर रखकर उसे योनी पर घिसने लगा।

कौशी ल्या जाेर जोर से सिसक रही थी। वह अपने दोनों टांगों को पूरा खोल दी। अपनी दोनों टांगों को खोल कर वह चुदाई के लिए अपनी सहमति दे रही थी।

अब भगत को भी बर्दाश्त से बाहर लग रहा था उसने अपने लंड को कौशल्या देवी के चूत के छेद पर पर रखकर हल्का धक्का मारा। चूत बूर** रस से पूरी तरह गीली हो चुकी थी। अतः लंड पहले ही धक्के में सरसराते हुए आधा घुस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकने की जोर से आवाज आई ।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चुचियों को पकड़कर मसला और एक जोरदार धक्का अपने लंड से चूत पर मारा। उसका ल़ड चूत को चीरते हुए फच की आवाज के साथ पूरे जड़ तक अंदर घुस गया ।कौशल्या देवी के मुंह से उई मां की आवाज निकल पड़ी ।

अब भगत अपने दोनों हाथों को कौशल्या देवी की चूची पर रख कर। अपने लंड* को कौशल्या देवी की चूत मे* धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी की आंखें बंद थी और उसके मुख से सिसकारी निकल रही थी।

इधर भगत कौशल्या देवी की चूची को जोर जोर से मसलते हुए, अपने लंड से तेज झटके लगाते हुए कौशल्या देवी के चूत में अपना लंड तेजी से अंदर-बाहर करने लगा ।

उसका लंड * चूत * के रस से पूरा गीला होजाने से आसानी से सर सर अंदर बाहर हो रहा था

कौशल्या देवी की योनि से बू र रस बहते हुए उसके गांड में भरने लगी थी।

अब भगत का लैंड कौशल्या देवी के चूत* के अंदर फच फच गच गच आवाज करते हुए अंदर बहार होने लगा ।

दोनों को चुदाई में इतना मजा आ रहा था कि कौशल्या देवी अपने दोनों हाथों से भगत के पीठ को पकड़ लिया और उसे अपने शरीर से चिपकाने लगी वह अपने कमर को ऊपर उठा उठा कर लंड बूर मे गहराई तक लेने लगी।

कौशल्या देवी को अपने पति से चुदाई * में ऐसा मजा कभी नहीं आया था ।तभी कौशल्या देवी का शरीर अकड़ने लगा औरअगले ही पल वह झड़ने लगी ।

कौशि ल्या जब झड रही थी तब लंड पर उसके चूत का कसाव बढ़ गया था उसकी चत खुलने और सिकुडने लगी ।

भगत जान गया कि कौशल्या देवी झड़ गई है ।भगत ने चुदाई बंद कर, कौशल्या देवी के ऊपर लेट गया। इस समय कौशल्या देवी झड़ने की की आनंद ले रही थी ।

जब उसका शरीर शांत हुआ तब भगत कौशल्या देवी की आंखों में देखा।

कौशल्या देवी शर्मा गई ।
भगत कौशल्या देवी की होंठों को अपने होंठों पर दबाकर चूसने लगा ।

कुछ देर तक होंठ चूसने के बाद वह नीचे गया और उसके चूची को अपने हाथों में पकड़ कर मसलने लगा फिर उसके निप्पल को चूसने लगा।

कौशल्या देवी फिर से धीरे-धीरे गर्म होने लगी। चू ची के नीचे पेट को चुमते हुए ।

भगत उसके नाभि को चाटने चूमने लगा। कौशल्या देवी अपने हाथों से भगत के सिर को पकड़ कर,अपने नाभि पर दबा दी और शिसकने ने की आवाज निकालने लगी।

भगत समझ गया कि कौशल्या देवी फिर से गर्म हो चुकी है उसने कौशल्या देवी को ऊपर उठा दिया और पलट दिया ।उसे उसके कमर को पकड़ कर ऊपर की ओर खींचा और उसे कुतिया बना दीया ।

भगत अपने लमड को अपने हाथों से पकड़ा जो चूत के अंदर जाने के लिए फड़फड़ा रहा था

वह लंड को चूत* के मुख पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा ।फच की आवाज के साथ लंड पूरा जड़ तक अंदर घुस गया ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर कौशल्या देवी की चूचियों को पकड़ कर मसल लगा।

कुछ देर मसलने के बाद वह उसके चूतड़ को चूमने लगा।
कौशिल्या उसकी हरकतों से पागल सी हो गई और अपने कमर को हिला कर खुद ही लंड* पर धक्के मारने लगी ।

भगत समझ गया कि कोशल्या क्या चाहती है वह अपने लंड * से बूर मे धक्का मारना शुरू कर दिया ।

लंड चूत पर सर सर अंदर बाहर होने लगा । कुछ देर बाद वह लंड को चूत में तेजी से अंदर बाहर करना शुरू कर कर दिया ।लंड चूत में गपा गप अंदर बाहर जा रहा था ।कमरे में कौशल्या देवी की लगातार शि सकने और लंड का चूत में गपा गप अंदर जाने की आवाज गूंज रही थी ।

एक बार फिर से कौशल्या देवी और भगत स्वर्ग में चले गए थे । भगत कौशल्या देवी के कमर को अपने हाथों में कस के पकड़ कर हुमच हुमच कर चोदने लगा।

वह ल़ड को चूत से पूरे टोपी तक बाहर निकाल लेता था और फच की आवाज के साथ पूरे जड़ तक लंड को चूत * के अंदर डाल देता था।

इधर कौशल्या देवी को बर्दाश्त से बाहर हो रहा था उसके शरीर अकड़ने लगी और वह फिर से झड़ने लगी ।उसकी चूत की कसावट लंड पर बढ़ गई उसकी चूत खुलने और सिकुडने लगी।

भगत इस समय अपना धक्का और बढ़ा दिया ।अब वह कौशल्या देवी के चूतड़ के के ऊपर बैठ गया और कमर पकड़ कर लंड को तेजी चूत डालने लगा ।अब वह भी झड़ने वाला था ।तभी वह जोर से एक धक्का मारा कौशल्या देवी के कमर को जोर से खींच कर अपने लंड से सटा लिया ।उसके लंड* से वीर्य की फव्वारा निकलकर कौिशल्या चूत को भरने लगा ।

जब उसका लंड वीर्य निकालना बंद कर दिया। भगत हांपते हुए बिस्तर पर लुढ़क गया ।
कौशल्या देवी भी बेड पर पेट के बल लेट गई और वह भी सुस्ताने लगी ।

जब दोनों होश में आए तो दोनों की नजरें मिली कौशल्या देवी शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी। वह बिस्तर से उठी और भागते हुए रूम से बाहर चली गई।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उतेजनापूर्ण अपडेट है
 

Sanju@

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इधर सुनीता किचन मैं काम करते हुए सोच रही थी कि मेरा बेटा राजेश नेक, सुशील ,संस्कारी और मर्यादित लड़का है ।उसे अपने बेटे पर गर्व हो रहा था।

लेकिन भगत के द्वारा राजेश के को लेकर कही गई बातों को याद करते हैं ही ,उनके मन में एक एक डर भी घर करने लगा।

राजेश को सच में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ।उसके मन में अजीब सी कश्मकश चलने लगी ।

इस तरह 10 दिन निकल गए। सुनीता ने पाया कि इन 10 दिनों तक राजेश को अपने हाथों से पेशाब कराने के बाद भी उनके लिंग में कोई तनाव नहीं आया ।उसे राजेश को लेकर बहुत चिंता होने लगी ।

सुनीता सोचने लगी हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं मुझ में कोई आकर्षण ही न रह गया हो ।मैं राजेश की मां हूं ,इसलिए भी उसे सेक्सुअल फीलिंग भी नहीं आ रहा हो। जिससे लिंग में तनाव ना आप आ रहा हो ।

तभी वह सोचती है , यह जानना आवश्यक है मेरे लिए कि राजेश नॉर्मल है ।पर वह क्या करें? उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था।

तभी स्वीटी अपने मां के पास आती है

इस समय वह ब्लू कलर की लहंगा और चोली पहनी हुई थी ।

सुनीता स्वीटी से कहती है। अरे बेटी इतनी सजी-धजी हो ,कहीं जा रही हो क्या ?

स्वीटी ने अपने मां से कहा हां मा मैं तुम्हें बताने ही आई हूं ।मेरी सहेली की बहन की शादी है मैं वही जा रही हूं।

सुनीता ने स्वीटी को गौर से देखा ।
स्वीटी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ।उसकी नाभि और खुली हुई पेट उसकी सुंदरता में चार चार चांद लगा रहा था ।खूबसूरत के साथ-साथ बहुत ही हॉट भी लग रही थी। चोली की कसावट को को बाहर देख कर ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। कि चोली के अंदर स्तनों का साइज क्या होगा?

सुनीता ने स्वीटी से कहा मेरी बेटी तो बहुत सुंदर लग रही है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा थैंक यू मम्मी ।
इसमें समय शाम के 7:00 बज रहे थे ।

सुनीता ने स्वीटी से कहा ठीक है बेटी तुम चली जाओ लेकिन 9:30 बजे से पहले ही चली आना ।ज्यादा देर ना करना ।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा मामी 9:30 तक आ जाऊंगी ।

सुनीता ने कहा अच्छी बात है बेटी ।

स्वीटी घर से अपने सहेली के यहां चली गई ।घर से

इधर सुनीता किचन में सोच रही थी ,स्वीटी भी कितनी बड़ी हो गई है ।वह लहंगा और चोली मे इतनी सुंदर और हाट लग रही है ।कुछ समय के बाद फिर वह राजेश के बारे में सोचने लगी उसे उसी चिंता होने लगी ।

तभी अचानक से उसके मन में एक विचार आया ,हो सकता है कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं और मैं राजेश की मां भी हूं इस कारण राजेश के मन में कोई सेक्सुअल फिलिंग ना आप आ रहा हूं जिसके कारण उसके लिंग पर तनाव ना आप आ रहा हो पर स्वीटी तो बहुत ही खूबसूरत और हॉट है। क्यों ना आज राजेश की मदद करने के लिए स्वीटी से कहूं ।सिटी की सुंदरता को देखकर हो सकता है। राजेश के मन में कोई फीलिंग जागे और उसके लिंग मैं कोई हरकत हो और पता चल सके कि राजेश नॉर्मल है ।

फिर सोचती है,स्वीटी राजेश की बहन है ,क्या यह करना सही रहेगा?

सुनीता सोचती है राजेश नॉर्मल है कि नहीं यह पता लगाना बहुत ही जरूरी है। चाहे इसके लिए मुझे किसी की भी मदद लेनी पड़े ।

पर मैं स्वीटी से राजेश की मदद करने की बात कैसे कहूं।वह फिर से दुविधा में फंस गई ।

फिर उसके मन में एक विचार आया और वह सोच ली कि उसे क्या करना है। प्रतिदिन की तरह वह घर का सारा काम निपटाने लगी।

शेखर ड्यूटी से आया,सुनिता ने राजेश को खाना खिलाने के बाद, शेखर और सुनीता दोनों भी खाना खा लिए ।
सुनीता ने किचन के काम को निपटा ली और फिर अपने हाथों में मेहंदी लगाने लगी। वह अपने दोनों हाथों में मेहंदी लगा ली।

शेखर ने सुनीता को मेहंदी लगाते हुए देखा। आज क्या बात है जान हाथों पर मेहंदी लगा रही हो।

सुनिता बोली , मैं सोच रही थी कल संडे है तुम्हारा छुट्टी भी है, क्यों ना हम कल घर में में पूजा कराएं ताकि हमारा बेटा जल्दी स्वस्थ हो जाए ।

शेखर ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है तुमने अच्छा सोचा है ।

सुनिता बोली पूजा हम प्रातः 11:00 बजे ही करा देते हैं। पंचांग के अनुसार 11:00 बजे का समय कल पूजा के लिए अच्छा है।

शेखर ने कहा जैसी तुम्हारी इच्छा।

मेहंदी लगाकर सुनीता, स्वीटी के घर आने का इंतजार करने लगी ।वह दरवाजा बंद नहीं की थी। हाथों पर मेहंदी लगाने के कारण उसे दरवाजा खोलने में दिक्कत होती ।

शेखर सो चुका था ।करीब 10:00 बजे स्वीटी घर पहुंची स्वीटी घर के अंदर आई उसे देखकर सुनीता ने कहा। आ गई बेटी कैसा रहा पार्टी।

स्वीटी ने कहा पार्टी में बहुत मजा आया मम्मी ।

स्वीटी अपने रूम की ओर जाने लगी। तभी सुनीता ने स्वीटी से कहा बेटी दरवाजा बंद कर दो मेरी हाथों पर मेहंदी लगी है।

स्वीटी ने अपने मां से कहा क्या बात है मम्मी? हाथों पर मेहंदी लगाई हो।

तब सुनीता ने कहां, बेटा घर में कल पूजा है तुम्हारे भाई जल्दी स्वस्थ हो ,इसके लिए घर में पूजा करा रहे है।

स्वीटी ने कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है मा।

स्वीटी ने घर के दरवाजा बंद कर दी और वह अपने रूम में जाने लगी।तब सुनीता स्वीटी से बोली बेटी रुको। मुझे तुमसे कुछ काम है।

स्वीटी ने अपनी मां से कहा क्या काम है मां ।

बेटा तुम्हें तुम्हारी भाई की हेल्प करनी होगी। स्वीटी यह सुनकर चौक गई।वह बोली मा कैसी मदद?

सुनिता-- बेटा उस दिन तो तुमने देखी थी कि तुम्हारे भाई की मदद में कैसे करती हूं।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी के दिल की धड़कन बढ़ने लगा। उसे वह दृश्य फिर से याद आने लगी। किस तरह से उसकी मां उसके भाई के लंड को हाथों से पकड़कर उसे मूतवाती है ।

सुनीता स्वीटी से कहती है बेटा मेरे दोनों हाथों पर मेहंदी लगी है। मैं तुम्हारी भाई की मदद अभी नहीं कर सकती ।सोने से पहले राजेश को पेशाब कराना जरूरी है नहीं तो रात में से परेशानी होगी।

अपनी मां की बात को सुनते ही स्वीटी कि दिल की धड़कन बढने लगी । उसके शरीर कपकपाने लगी।

वह लड़खडाते शब्दों में अपने मां से कहती है मा मुझे बहुत शर्म आएगी। यह कहते हुए उसने अपना सिर नीचे झुका ली ।उसके गाल शर्म के मारे लाल हो गए थे ।

सुनीता ने कहा बेटी शर्म छोड़कर हमें राजेश की मदद तो करनी ही पड़ेगी और कोई रास्ता ही नहीं है।

स्वीटी कहती है मा मैं यह कैसे कर पाऊंगी कोई दूसरा तरीका ढूंढो ना ।

सुनीता ने कहा नहीं बेटा या तुम्हें करना ही होगा ।

स्वीटी ने कहा ठीक है मम्मी मैं अपने कपड़े बदल लेती हूं ।उसके बाद मैं भैया की मदद करूंगी।

तब सुनीता कहती है नहीं बेटा पहले तुम अपनी भैया की मदद करो ।रात काफी हो चुकी है। उसे पेशाब भी लग रहा होगा ।उसे पिशाब किए बहुत समय भी हो गयाहै।

तुम पहले राजेश की मदद कर दो उसके बाद कपड़े चेंज कर लेना ।

सुनीता चाहती थी कि स्वीटी इसी ड्रेस पहने हुए राजेश को पेशाब कराएं ,क्योंकि स्वीटी इस ड्रेस में बहुत ही हॉट और खूबसूरत लग रही थी।लहंगा और चोली में देखकर हो सकता है राजेश के लिंग में कोई हरकत हो ।
स्वीटी --ठीक है मां ,मैं भैया की पहले में मदद कर लेती हूं ।उसके बाद मै कपड़ा चेंज करूंगी और स्वीटी राजेश की कमरे की ओर चली जाती है।

आगे क्या होने वाला है यह सो सोच कर उसकी दिल की धड़कन बढ़ गई थी। वह राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।

राजेश सोच रहा था कि उसकी मां होगी ।लेकिन कमरे में स्वीटी थी ।

राजेश ने स्वीटी से कहा क्या बात है? स्वीटी ।कुछ काम था।

स्वीटी ने अपने भाई से लड़खड़ाते हुए शब्दों में कहा। भैया मुझे मा ने भेजा है। आपकी हेल्प करने के लिए ।

ऐसा बोलकर वह शर्म से गाड़ी जा रही थी ।उसके गाल लाल हो गए थे। उसके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश ने चौकते हुए कहा मम्मी क्यों नहीं आई ?

स्वीटी ने इसके बारे में बताया की मां के दोनों हाथों में मेहंदी लगी हुई है। कल घर में पूजा रखा गया है ,ताकि तुम जल्दी स्वस्थ हो, इसलिए माने तुम्हारे हेल्प के लिए मुझे भेजा है फिर वह अपने सिर झुका ली और मुस्कुराने लगी ।

राजेश असहज महसूस करने लगा वह स्वीटी से कहा तुम्हें क्या करना होगा पता है ?

स्वीटी ने अपना सिर हिला कर हां कहीं। शर्म के मारे उसके गाल लाल हो गए थे ।उनके दिल की धड़कन बढ़ गई थी ।

राजेश अपने बिस्तर से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा ।स्वीटी भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम की ओर चली गई ।

राजेश यूरिनल पाट के सामने जाकर खड़ा हो गया ।

स्वीटी राजेश के पीछे खड़ी हो गई। राजेश भी कुछ असहज महसूस कर रहा था।

स्वीटी की तो हालत ही खराब थी। बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी ।

स्वीटी अपने कपकपाते हाथों को आगे ले जाकर राजेश के लोवर को खींचते हुए उसे घुटने तक खीच दिया ।हांथ लंड पर रख दिया और उसे पकड़ कर उसके लटके लंड को सीधा कर दिया। उसकी सांसे तेज होने लगी ।

राजेश के कूल्हे को देखकर स्वीटी की शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगी। स्वीटी को मालूम था कि आगे उसे क्या करना है ।उसके दिल जोर-जोर से धड़कने लगी।

राजेश का लंड काफी बड़ा था ।स्वीटी क हाथों मैं लेने के बाद भी आधा लंड उसके हाथ से बाहर बचा हुआ था ।

स्वीटी झुककर राजेश के लंड* को देखने लगी। उसने सही पकड़ी है कि नहीं, ताकि राजेश की मूत यूरिनल पाट में सही तरीके से जाए।

इसके पहले स्वीटी ने किसी का लंड नहीं देखा था। वह बहुत ही उत्तेजित हो गई। उसकी चूची फुलने पिचकने लगी। उसकी निप्पल कड़क हो गई। उसकी चूत मे खलबली मचने लगी । वह रस बहाने शुरू कर शुरू कर दी ।

इधर राजेश अपने लंड* पर दबाव बनाया ।उसके लंड से पेशाब तेज गति से निकलकर यूरिनल पाट मे जाने लगा ।

राजेश की मूतने की आवाज बाथरूम में गूंजने लगा।

उसे सुनकर स्वीटी मदहोश हो गई। स्वीटी का बुरा हाल हो रहा था। उसके चूत का पानी बह कर उसकी पैंटी को भिगो रही थी।

स्वीटी की दिल की धड़कन काफी बढ़ गई थी। उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी ।अब सिटी से बर्दाश्त करना मुश्किल था। उसका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ने लगी ।

झड़ने के बाद स्वीटी जब आंख खोली उसका ध्यान दरवाजे की तरफ गया। दरवाजे के सामने सुनीता खड़ी होकर राजेश के लंड* को ही देख रही थी।

इस समय स्वीटी राजेश के लंड को पकड़ा उसकी मां के द्वारा देखे जाने से हां बहुत ही शर्म महसूस करने लगी।

दरअसल सुनीता की यह एक योजना थी कि वह जाकर देखेगी जब स्वीटी राजेश को पेशाब करा रहेगी तब राजेश के लिंग में तनाव आता है कि नही और समय देखकर राजेश के कमरे में आ गई थी ।

सुनीता ने जब देखा स्वीटी के द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में तनाव नहीं आया। तब वह निराश हो गई।

, राजेश को पेशाब कराता मा के द्वारा देखे जाने से ।स्वीटी बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी। राजेश को पेशाब करा कर, वह सीधे अपने कमरे में चली गई ।

स्वीटी अपने कमरे में जाने के बाद राहत की सांस ली और वह अपने लहंगा और चोली को उतारने लगी ।

उसने अपने लहंगा को हाथो से उठाकर देखा तो उसका एक हिस्सा उसके चूत के रस् से गीला हो गया था ।

उसने अपनी पैंटी की ओर देखा ।उसका तो और बुरा हाल हो गया था जैसे कि वह अपने पेंटी में मूत डाली हो ।

उसे जोरों की मूत भी आ रही थी वह पेंटी को निकालकर अपने बाथरूम में घुस गई औरउकडू बैठककर मूतूने लगी ।

वह मूतते हुए अपनी चूत को देखने लगा । उसके साथ उसके चुत के साथ उसकी चूत का पानी भी मिलकर साथ साथबाहर आ रहा था। मूतने के बाद उसको कुछ अच्छा महसूस होने लगा ।

इधर सुनीता भी राजेश के कैमरे से निकलकर अपने कमरे में आ गई ।अपने बिस्तर पर लेट कर सोचने लगी ।

सिटी के द्वारा द्वारा पेशाब कराए जाने के बाद भी राजेश के लंड में कोई हरकत नहीं हुआ यह सोच कर सुनीता की चिंता और बढ़ गई ।

अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आगे क्या करें ।

अगली सुबह सुनीता नहाने के बाद वह घर के काम निपटाने के बाद वह पूजा की तैयारी मैं लग गई। शेखर ने पंडित को फोन करके घर में पूजा करने की बात कही।

पंडित जी ने समय समय पर आने के लिए हामी भर दी।शेखर , पूजा सामग्री लेने के लिए मार्केट चला गया और वह सामग्री लेकर घर आया।

इधर सुनीता , पूजा की सारी तैयारी कर ली थी पंडित जी भी 11:00 बजे पूजा के लिए शेखर के घर पहुंच गया ।

पूजा में बैठने के लिए सुनीता तैयार हो गई थी इस समय लाल रंग की साड़ी पहनी थी ।साडी काफी फैशनेबल था। वह नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी ।

स्वीटी ने अपनी मां को देखकर कहा, मां तुम तो नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही रही हो।

स्वीटी की बात सुनकर सुनीता ने स्वीटी से कहा ,चुप बेशर्म और वह मुस्कुराने लगी।

राजेश को पूजा में शामिल होने के लिये बुला लिया गया।

पंडित जी के सामने की ओर शेखर और सुनीता बैठी थी ।पंडित जी के दाएं और राजेश बैठा था और बाएं और स्वीटी बैठी थी और पूजा का कार्यक्रम 2 घंटे तक चला ।

पंडित जी ने पूजा विधिवत पूर्ण कराया ।पूजा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पंडित जी चला गया ।

स्वीटी ने अपने मम्मी और पापा से कहा आप लोग यहां आइए मुझे सेल्फी लेनी है। फैमिली सेल्फी ।

,सेल्फी लेने के बाद स्वीटी ने अपनी मां से कहा मां मुझे आपकी फोटो लेनी है ।तुम् आज दुल्हन की तरह लग रही हो। बहुत ही सुंदर। मैं अपनी सहेलियों को दिखा उंगी कि मेरी मां कितनी सुंदर है।

सुनीता -- धत पगली मेरा मजाक उड़ाती है !मैं बूड़ी हो चुकी हूं।

स्वीटी-- नहीं मैं झूठ नहीं बोल रही हूं बहुत ही सुंदर लग रही हो !तुम तो मेरी बड़ी बहन जैसी लग रही हो।

राजेश भाई से वह , बोलो भैया क्या मैं झूठ बोल रही हूूं।
तब राजेश की नजर अपनी मा पर गया ।उसने देखा कि उसकी मां सच में खूबसूरत लग रही थी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह।वह एक एकटक अपनी मां को ही देखने लगा ।

सुनीता की नजर राजेश् पर पड़ी ।सुनीता ने देखा कि राजेश उसकी और नजर गड़ाए देख रहा है ।उसे शर्म आने लगी ।शर्म से उसकी गाल लाल हो गई ।

स्वीटी ने राजेश से कहा भैया कुछ बोलते क्यों नहीं ?

राजेश कहीं खो सा गया था ।वह सोते जागा। वह अपनी मां से कहा हा मा आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो ।किसी नई नवेली दुल्हन की तरह ।

अपने बेटे की बात को सुनकर सुनीता शर्म से पानी पानी हो गई और वह सीधी अपने कमरे में चली गई ।

शाम को 4:00 बज गया था। आज राजेश को हॉस्पिटल ले जाना था। चेकअप के लिए। शेखर ने राजेश को हॉस्पिटल जाने कीबात बताया ,फिर दोनों तैयार होकर कार से अस्पताल के लिए चले गए ।

अस्पताल जाने के बाद डॉक्टरों ने राजेश का चेकअप किया। डॉक्टरों ने पाया कि राजेश उमिद से भी ज्यादा ज्यादा तेजी से उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है ।उसके हाथ में मूवमेंट होना शुरू हो गया था। डॉक्टर ने राजेश के के हाथों में लगी पट्टी को निकाल दिया ।राजेश लगभग 70% ठीक हो चुका था लेकिन राजेश को अपने हाथों को उठाने और नीचे ले जाने में अभी दर्द महसूस हो रहा था। राजेश के हाथों को सहारा के लिए एक हाथ में पट्टा डालकर उसके गले से लटका दिया गया ।यह पट्टा वाटरप्रूफ था जो पानी से भीगने पर भी खराब नहीं होता। डॉक्टरों न राजेश के हाथों पर मालिश करने के लिए एक तेल दिया। जिससे हाथों पर मालिश करने से हाथ जल्दी ठीक हो जाएगा। उन्हें 1 सप्ताह के लिए दवाइयां भी दिया गया ।शेखर बहुत खुश था कि उसका बेटा बहुत तेजी से ठीक हो रहा है ।वे दोनों अस्पताल से घर आए ,घर में आते ही सुनीता ने देखा।

राजेश के हाथों पट्टी खोल दिया गया है सुनीता ने शेखर से कहा क्या हुआ जी? राजेश की हाथों मैं लगी पट्टी कहां गया।

शेखर ने बताया राजेश बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा डॉक्टरों ने कहा अब पट्टी लगाने की जरूरत नहीं है। उसने हाथों पर मालिश करने के लिए कोई तेल दिया है जिससे सुबह-शाम राजेश के हाथों को तेल से मालिश करना है ।वह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा।

सुनीता यह सुनकर बहुत ही खुश हो गई पूजा रूम में गई और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगी ।

भगवान को शुक्रिया अदा करने के बाद सुनीता फिर से शेखर के पास गई जो हाल में ही बैठा था। राजेश भी हाल मैं बैठा था।

शेखर सुनीता को राजेश को डॉक्टरों के द्वारा दी गई तेल और दवाइयों को दिखाने लगी। किस समय ककौन सी दवाई को खिलानी है।सुनिता को समझाने लगा और अंत में बताया कि अब राजेश को हम नहला भी सकते हैं ।राजेश पिछले 10 दिनों नहाया नहीं है। कल से तुम उसे रोज नहला ला सकती हो ।

बाते समझकर सुनीता अपने किचन में चली गई। राजेश अपने रूम में चला गया। शेखर भी अपने रूम में चला गया।

इधर राजेश अपने रूम मे लेटा हुआ था ।अपने हाथों को हल्का हल्का मूवमेंट भी करा पा रहा था। उसकी हाथों की कलाइयां और उंगलियां पूरी तरह से कार्य कर रहा था ।वह अब मोबाइल उठा एवं उसे चला भी सकता था। वह मोबाइल उठा कर उसे चलाने लगा ,अपने दोस्तों को व्हाट्सएप मैसेज करने लगा।

रात में सुनीता अपने बिस्तर पर लेटे लेटे सोच रही थी। मेरा बेटा बहुत कुछ ठीक हो गया है और जल्दीही पूरा ठीक हो जाएगा ।यह सोचकर वह मन ही मन बहुत खुश हो रही थी ।

तभी याद आया कि राजेश कैसी उसकी ओर टकटकी की की नजरों से देख रहा था और उसने कहा कि मैं नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही हू। यह सोच कर वह शर्माने लगी ।वह मंद मंद मुस्कुराने लगी ।

कुछ समय बाद फिर से चिंता सताने लगी कि राजेश सेक्सुवली रुप से नॉर्मल तो है ना ।

वह कैसे पता करें इसके बारे में वह सोचने लगी। तब उसे एक रास्ता सुझा । उसे याद आया कि राजेश को कल नहलाना है और उसने यह मन में ठान ली जो भी करना है वह कल करेगी। अगर राजेश के लिंग में फिर भी तनाव नहीं हुआ ,तो इसके बाद वह यह मान लेगी कि राजेश को सचमुच में कोई प्रॉब्लम है ।

कल राजेश को नहलाते समय वह क्या क्या करेगी इसी के बारे में सोचने लगी। वह सोच कर ही शर्माने लगी और मंद मंद मुस्कुराने लगी।
बेहतरीन अपडेट है
 

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सुनीता प्रतिदिन की तरह सुबह उठती है । उठ कर नहा कर, पूजा करने के बाद वह किचन में काम करने के लिए चली जाती है।

किचन में काम करते हैंसमय वह सोच रही थी आज से राजेश को नहलाना है ।

उसने आज सोच लिया था कि आज वह अंतिम प्रयास करेगी ताकि पता लगा सके कि राजेश है नार्मल है की नहीं ।

अतः वह जो कुछ भी कर सकती है आज करेगी वह मंद मंद मुस्कुराने लगी कि वह क्या क्या करने वाली है ।

कभी वह मन में मुस्कुरा रही थी और खुद से ही शर्म आ रही थी ।तो कभी-कभी उसके चेहरे पर गंभीरता के भाव आ रहे थे ।

वह राजेश को लेकर चिंतित भी हो रही थी।
इधर स्वीटी और शेखर नहा धोकर प्रतिदिन की तरह डायनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए आ चुके थे।

सुनीता ने अपने पति और अपने बेटी के लिए नाश्ता लगाया ।

शेखर ने कहा सुनीता तुम नाश्ता नहीं करोगी ।

सुनीता ने कहा मैं आज राजेश को नहलाऊंगी उसके बाद ही नाश्ता करुंगी।

शेखर ने कहा राजेश ने नाश्ता किया कि नहीं ।

सुनीता बोली राजेश भी नहा कर नाश्ता करेगा।

शेखर ने कहां ठीक है।

स्वीटी और शेखर नाश्ता करने के बाद ,शेखर अपने ड्यूटी पर चला गया।

स्वीटी भी कुछ समय के बाद अपने कालेज चली गई ।

सुनीता आौर राजेश घर में अकेले रह गए थे ।

सुनीता को राजेश को नहलाना था इसके लिए तैयार होने के लिए वह अपने बेडरूम में चली गई।


वह अपनी अलमारी से एक ब्लाउज निकाली ।यह ब्लॉउज, उसने कभी पहनी नहीं थी। यह ब्लाउज स्वीटी के जिद करने पर माल से खरीदी थी ।

लेकिन जब घर में उसे पहन कर देखी उसे बहुत ही शर्म आने लगी क्योंकि ब्लाउज से उसकी चूचिया पूरी बाहर दिखाई पड़ रही थी। केवल उसके निप्पल ही ढक पा रहे थे ।

उसके पीछे वाला हिस्सा भी पूरा खुला हुआ था। जब उसने यह ब्लाउज पहनकर आईने में देखा तो बहुत ही शर्म महसूस की।

वह ब्लाउज निकालकर अलमारी में ही रख दी और फिर उसे कभी नहीं पहनी।

आज वह उस ब्लाउज काउपयोग करना चाहती थी । उस ब्लाउज को अलमारी से प हनने के लिए निकाल ली।

पुराने ब्लाउज जो पहनी थी उसे निकालकर उस ब्लाउज को पहन ली।

अपने पेटीकोट को भीअपने नाभि के काफी नीचे बांध ली और आईने के सामने जाकर खुद को निहारने लगी।

वह इस समय काम की देवी लग रही थी। वह खुद को आईने मे देखकर अपने बदन पर उन्हें गर्व महसूस होने लगी कि आज भी कितनी हॉट है।

वह पेटीकोट को भी अपने नाभि के काफी नीचे बांध ली थी जिसकी वजह से बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रहेी थेी।

उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां बाहर आने के लिए उतावले लग रहे थे।

वह यह सब जतन सोए हुए कामदेव को जगाने के लिए कर रही थी ।वह सोए हुए कामदेव पर काम बाण चलाकर उसे जगाना चाहती थी।

वह अपने को इस रूप में देख कर शर्म भी महसूसरही थी ।लेकिन उसे आज अंतिम प्रयास करना था ताकि वह पता कर लगा सके कि राजेश नॉर्मल है कि नहीं और इसलिए वह अपने को काम देवी के रूप में सोए हुए कामदेव को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थी ।

वह ऊपर से एक साड़ी लपेट कर वह राजेश के कमरे की ओर चल पड़ी।

राजेश के कैमरे पर जाने के बाद वह देखती है राजेश मोबाइल चला रहा था ।

सुनीता कहती है चलो बेटा तुम नहाने के लिए तैयार हो जाओ ।आज तुम्हें नहाना है।

राजेश कहता हैं ठीक है मा ।मै काफी दिनों से नहाया नहीं हू ।मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा है ।

अनीता ने राजेश से कहा चलो तुम खड़े हो जाओ मैं तुम्हारे कपड़ा निकाल देती हूं ।

राजेश बेड से उतर कर खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश की टी-शर्ट ,लोअर को निकाल दी ।राजेश कुछ असहज महसूस करने लगा।

सुनीता ने राजेश के अंडरवियर को भी दोनों हाथों से पकड़ कर खींच कर उसके पैरों से अलग कर दी ।अंडर वियर निकलते ही राजेश का लंड बाहर आ गया ।इस समय लटका हुआ था।

राजेश शर्माने लगा। वह अपनी लंड को अपने हाथ से छुपाने लगा।

सुनीता उसकी हरकत को देख कर मुस्कुराने लगी और वह राजेश से कहती है बेटा इसमें शर्माना क्या मैंने तो तुम्हें कई बार नंगा नहलाया है।

राजेश ने कहा मा ,मै उस समय छोटा था अब बड़ा हो गया हूं ।

सुनीता ने कहा अब शर्म आना बंद करो चलो बाथरूम में नहला देती हूं।

राजेश बाथरूम की ओर जाने लगा ।पीछे पीछे सुनीता की बाथरूम में जाने लगी।

बाथरूम में जाने के बाद सुनीता ने राजेश से कहा ।बेटा तुम नीचे बैठ जाओ ।

राजेश बाथरूम में नीचे बैठ गया सुनीता ने बाल्टी में पानी भर ली और जग के द्वारा पानी डालकर राजेश को नहलाने लगी ।पानी उसकी साड़ी में पड़ने पर वह राजेश ने बोली बेटा मेरा साडी गीला हो रही है। मुझे साड़ी निकाल देना होगा ।

वह बाथरूम से बाहर आ गई वह अपने साड़ी निकाल दी साड़ी की निकलती ही वह अपने काम देवी रूप में आ गई थी और मैं बाथरूम में चली गई ।

जब वह बाथरुम में गई तब राजेश की नजर अपनी मां पर पड़ी ।आज से पहले उसने अपनी मां को ऐसे रूप में कभी नहीं देखा था। वह असहज महसूस करने लगा और अपने सिर को नीचे कर लिया।

सुनिता ने राजेश के ऊपर जग से पानी डालकर उसे नहलाने लगी पानी डाल लेने के बाद वह साबुन से उसके सर वह उसके बालों पर साबुन लगाने के लिए झुकी और उसके बालों पर साबुन लगाने लगी।

सुनीता की नजर राजेश के लंड पर बार-बार जा रही थी वह देख रही थी कि उसके लंड पर कोई हरकत हो रहीहै या नहीं और वह निराश हो जाती थी ।

राजेश ने अपनी आंख बंद कर लिया था कुछ समय के बाद राजेश ने अपने आप खोला ।राजेश ने अपना आख खोला तो इस समय सुनीता नीचे झुक कर उसके बालों पर साबुन लगा रही थी उसकी चुचिया उसकी आंखों के सामने आ गया था।

राजेश ने जैसी आंख खोला तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसकी आंखों के सामने झूल रहे थे। राजेश ना चाहते हुए भी वह अपनी मां कीचुचियो को देखने लगा ।

उनकी चुचियों को देखने से उसकी शरीर में अजीब सी अनुभूति होने लगा। इधर सुनीता और झुक गई ताकि उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां राजेश की आंखों के सामने रहे ।

उसने राजेश को अपनी चुचियों को घूरते हुए देखा और मुस्कुराने लगी ।

इधर राजेश आप अपनी मां की चुचियों को एकटक देखने लगा ।उनकी इस शरीर में अब सरसराहट महसूस होने लगा आखिर राजेश भी एक इंसान था और वह एक जवान था अब तक वह अपने आप को संयमित करके रखा था वह अपने आप पर नियंत्रण रख सका था पर अब उसका उसका हिम्मत जवाब देने लगा ।

जब सुनीता खड़ी होती थी तो उसकी नाभि उसकी राजेश की आंखों के सामने आ जाता था उनकी खूबसूरत बदन को देख कर राजेश अपने पर नियंत्रण रख पाना उसके लिए मुश्किल महसूस हो पा रहा था ।
अब उसका शरीर गर्म होने लगा था और उसके लिंग में तनाव आने शुरु हो गया था। अपनी मां के काम रूप को देखकर उसका लिंग में तनाव आना शुरू हो गया ।

उसका लिंक आधा खड़ा हो गया ।

सुनीता देवी की नजर जब राजेश के लंड पर गया तो उसकी आंखों में चमक आ गया।

उसके लंड पर हरकत होते हुए देखा देखा तो वह मुस्कुराने लगी ।उसे खुशी का अनुभव होने लगी।

सिर के बालों पर साबुन लगा ली तब उसने राजेश को खड़ा करा दिया और उसकी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी ।

शरीर पर साबुन लगाते लगाते हुए उसके हाथ उसके लंड* की ओर जाने लगी।
राजेश के शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगा ।सांसे भारी होने लगी।

उसका लंड* आधा खड़ा हो गया था राजेश अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाया। वह अपनी मां की काम रुक को देखकर उसकी सांसे तेज होने लगी उसके हृदय की धड़कन भी अब बढ़ने लग गया था ।

उसकी मां अभिषेक औरत नजर आने लगे एक गदराए बदन की मल्लिका ।

जिसे देखकर वह चाहकर भी अपने पर काबू नहीं रख सका ।

उसके लंड पर असर साफ दिखाई पड़ रहा था ।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश हो रही थी मन ही मन मुस्कुरा रही थी ।सुनीता देवी ने अपनी अंतिम काम-बाण का भी प्रयोग में लाने के लिए उचित समय समझा और उसने अपने हाथों पर साबुन लगाया और राजेश के लंड को पकड़ कर उसे मुठ मारने लगी।
सुनीता की हरकत से राजेश के शरीर में करंट दौड़ पड़
राजेश के लंड जो आधाखडा हुआ था। सुनीता देवी की साबुन से चिकनाई युक्त हाथ पढ़ने से वह अद्भुत आनंद उसे प्राप्त होने लगा ।उसका असर यह हुआ उसकी क सांसे तेज होने लगी और वह उसका लंड अकड़ने लगा और लोहे की राड की तरह हो गया।

अब वह सुनीता के हाथों पर ठूनकी भी मारने लगा सुनीता देवी बहुत हीखुश हो गई और वो मुस्कुराने लगी ।उसे पता चल चुका था कि राजेश नॉर्मल है।

इधर राजेश को अपने आप पर शर्म महसूस होने लगा इस समय उसका लंड* खड़ा हुआ था और सुनीता देवी अपने हाथों पर साबुन लगाकर उस मुट्ठ मार रही थी ।

शर्म के साथ-साथ राजेश को बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा था। वह अपने शर्म को भूल गया और मूठ मारने का आनंद लेने लगा ।

मां के द्वारा मुठ मारने का आनंद लेने लगा। इस समय राजेश की नजर उसकी मां की चूचियों पर थी। वह अपनी मां की चुचियों पर कहीं खो गया था।

इस समय उसकी मां एक गदराए माल लग रही थी ।वह अपनी मां की चूचिये को घूरे जा रहा था ।

राजेश इस समय अपनी मां के कामरूप पर पूर्ण रुप से मोहित हो गया।

इधर सुनीता देवी बहुत ही खुश थी और वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी साबुन लगाने के बाद सुनीता देवी ने पानी से राजेश को नहलाया।

अब भी राजेश का लखड़ा होकर ठूनकी मार रहा था राजेश को नहलाने के बाद सुनीता देवी ने राजेश से कहा चलो बेटा अब तुम नहा लिए।

राजेश का लंड खड़ा हुआ था वह बाथरूम से बाहर आया उसका लंड ठूनकी मार रहा था ।

सुनीता की नजर उसके लंड पर ही थी वह मंद मंद मुस्कुरा रही थी।

राजेश़़़बाथरूम से बाहर आया सुनीता देवी भी उसके पीछे-पीछे बाहर आई और टावेल से राजेश के शरीर को पोछने लगी।

शरीर को पोछते समय सूनिता की नजर राजेश के लंड पर थी ।अपने लंड को देखते हुए राजेश ने जब देखा तो वह शर्म महसूस करने लगा।

सुनीता देवी ने देखा कि राजेश असहज महसूस कर रहा है तब उसने राजेश से कहा ।बेटा यहां सब नॉर्मल है ।

राजेश ने कहा सॉरी मां मुझे पता नहीं है सब कैसे हो गया ।

सुनीता ने कहा बेटा अब तू जवान हो गए हो जवानी में यह सब होता है। यह सब नॉर्मल है इसमें शर्माने की जरूरत नहीं है।

इधर सुनीता देवी इस समय पेटीकोट और ब्लाउज में ही थी राजेश की नजर बार-बार उसकी चुचियों पर ही जा रही थी। जिससे उसका लंड ठूनकी मारने लगता था।

इधर सुनीता देवी मुस्कुराए जा रही थी उसे अपने शरीर पर भी गर्व महसूस हो रहा था जो सोए हुए कामदेव को जगा चुकी थी ।

सुनीता ने कहा बेटा कुछ समय के बाद यह नॉर्मल हो जाएगा और वह राजेश को कपड़ा पहना कर अपने साड़ी उठाकर राजेश के कमरे से जाने लगी जाते समय वाह राजेश से बोली बेटा तुम नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाना ।मैं वही तुम्हें नाश्ता करा दूंगी।

सुनीता देवी राजेश के रूम से निकलकर वहां किचन में आ गई अपनी साड़ी को लपेट ली ।

खुश हो रही थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है वह सोचने भी लगी की उसके बेटे का लैंड कितना बड़ा है ।कितना मोटा है। वह जिसके चूत में जाएगा उसकी चूतफाड़ कर रख देगा ।
सुनीता की मां के जाने के कुछ समय के बाद राजेश का लंड * कुछ डीला पड़ा ।वह राहत के सास लेने लगा। वह अपने आप पर शर्मिंदा था ।किमां के सामने उसका लंड खड़ा हो गया । लंड ढीला पढ़ने के बाद राजेश को पेशाब आने लगी।

इधर सुनीता ने नाश्ता लगाकर राजेश को आवाज दी बेटा आ जाओ नाश्ता लग चुका है। राजेश इस समय असहज महसूस कर रहा था कि वह मां के सामने कैसे जाए फिर भी वहां संकोच करते हुए अपने रूम से बाहर निकला और हाल पर लगे हुए डाइनिंग टेबल की ओर चला गया ।
हुआ नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया परंतु से पेशाब आ रही थी तो उसने अपना हाथ अपने ल** पर रखकर दबाने लगा जिससे सुनीता ने देख लिया सुनीता ने राजा से कहा बेटा कुछ प्रॉब्लम है क्या तब राजेश ने अपने मां से संकोच करते हुए कहा मां को पेशाब आ रही है सुनीता ने राजा से कहा चलो पहले तुम्हें पेशाब करा देती हूं तब नाश्ता करना और हाल पर ही एक बाथरूम के होने पर बना हुआ था वहां उसे राजेश को पेशाब कराने के लिए ले गई पेशाब कराने के लिए जैसे ही सुनीता नीचे बैठ गए और राजेश के ल** को पकड़ ली राजेश की नजर सुनीता की छुट्टियों पर पर चली गई जिसके कारण राजेश का ल** खड़ा हो गया ल** खड़ा हो जाने पर पेशाब ल** से बाहर नहीं आ सका सुनीता समझ गई कि माजरा क्या है कुछ देर तक राजेश वैसा ही खड़ा रहा तब सुनीता जी राजेश जी का बेटा ऐसे में पेशाब नहीं आई जब यह डीला पड़ेगा तभी पेशाब कर आओगे तब राजेश ने कहा ना मुझे पता नहीं है कैसे खड़ा हो जाता है मुझे माफ कर दो ना तब सुनीता ने कहा बेटा यह सब नॉर्मल है चलो जब याद दिला हो जाएगा तब भी साफ करा दूंगी तब तक तुम नाश्ता कर लो राजेश ने कहा ठीक है मां और वह बाथरूम से निकलकर डाइनिंग टेबल की ओर चले गए और नाश्ता करने लगी नाश्ता करते हुए वाह
बहुत ही कामुक गरमागरम अपडेट है
 
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इधर कॉलेज में भगत क्लास अटेंड कर रहा था।

क्लास में मैडम सुमन केमिस्ट्री पढ़ा रही थी। वह 40 वर्ष की खूबसूरत महिला थी ।आज वह ब्लू कलर की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। सुमन आज बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी ।

साड़ी के अंदर से उसके ब्लाउज और उसकी चूची साफप नजर आ रहे थे ।उसकी नाभि उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी ।

क्लास के कई लड़के मैडम सुमन की हॉट अवतार को देखकर अपना लंड मसल रहे थे ।

भगत का भी हालत खराब हो चुका था। उसका भी लैंड सुमन की खूबसूरत बदन को देख कर खड़ा हो चुका था।

भगत से भी बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा ।

मैडम सूमन जब ब्लैक बोर्ड पर चित्र बना रही होती ,तब वह थोड़ा श्यामपट्ट की ओर झुक जाती, जिसेसे उसका पिछवाड़ा थोड़ा उभर कर स्टूडेंट के सामने आ जाता है ।

मैडम सुमन की पिछवाड़ा देख कर भगत की हालत और खराब हो गई ।वह अपने लंडपर एक हाथ तेजी से चलाने लगा।

भगत से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था अगर कुछ देर और इसी प्रकार से हाथ चलाता रहा तो अबकभी भी झड़ सकता था ।

कक्षा से बाहर जाना ही उसे उचित लगा। और वह मैडम से इजाजत मांग कर कक्षा से बाहर चला गया ।

क्लास से बाहर जाने के बाद भी भगत का लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। उसकी आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था। अतः वह सीधा घर की ओर चला गया ।

घर जाकर देखा तो दरवाजा बंद था। वह दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी इस समय सो रही थी। जब दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनी ,वह बेड से उठती है और इस समय कौन हो सकता है ।सोचकर दरवाजा खोलने चली जाती है ।

जब दरवाजे खोली तो देखती है सामने भगत खड़ा है ।वह भगत को देखकर कहती है अरे बेटा तुम कॉलेज से इतनी जल्दी आ गए ।

भगत ने कहा हां माजी आज कॉलेज में मन नहीं लग रहा था ,तो जल्दी आ गया ।

भगत सीधे उपर अपने कमरे में चला जाता है ।कपड़े चेंज कर लोवर और टीशर्ट पहन लेता है। और बेड पर लेट कर आराम करने लगता है।

अभी भी भगत की आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था जिससे उसके लंडमें तनाव अभी भी बना हुआ था ।

भगत को चुदाई करने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी ।अतः वह सीधे नीचे चला गया ।

कौशल्या देवी अपने कमरे में आराम कर रही थी ।भगत ने दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी ने दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही कौशल्या देवी ने देखा भगत सामने खड़ा है। उसने भगत से बोला बेटा कुछ काम है क्या ?

भगत ने कौशल्या देवी से कहा हां मा जी मुझे अजीब सी बेचैनी लग रही है।वह कमरे के अंदर चला गया और बेड पर जाकर बैठ गया ।

कौशल्या देवी भगत के पास आई ।तब भगत कौशल्या देवी को खींचकर को अपनी गोद में बैठा लिया और अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगा और उसके गर्दन को चूमनेने लगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो ।अभी मैं गंदी हूं। अभी तुम्हें 3 दिन रुकना होगा ।अभी मेरी मांहवारी चल रही है ।

भगत ने कहा नहीं मां जी मुझे चुदाई करने का बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रह सकता। आज मैंने मैडम सुमन की गदराय बदन को देख कर बहुत उत्तेजित हो गया हो गया हूं ।बिना चुदाई के रह पाना मुश्किल है ।

बेटा समझा करो अभी मेरी माहवारी चल रही है।

इधर भगत कौशल्या देवी के ब्लाउज बटन को खोलने लगा ।ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया और दोनों चुचियों को अपने हाथों से मसल कर उसकी चूची को पीने लगा ।

भगत की इन हरकतों से कौशल्या देवी भी गर्म होने लगी ।भगत का लंड लोहे की राड की तरह खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।जिसका असर सुमन को अपने गांड पर हो रहा था और वह भी मदहोश होने लगी थी ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अच्छा ठीक बेटा मैं तुम्हारे लंड* को चूस कर तुम्हे शांत कर देती हूं।

भगत ने कहा जो भी करना है जल्दी करो, मेरी जान मुझ से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है ।

भगत अपनी लोअर और अंडरवियर को खींचकर नंगा हो गया। और वह बेड पर जाकर लेट गया।

कौशल्या देवी भी बैड पर जाकर भगत के बगल में बैठ गई और उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर सहलाने लगी ।

तभी भगत ने अपने लंड को चूसने का इशारा किया ।

कौशल्या देवी भगत के इसारा को समझ कर ,अपना मुख लंड की ओर ले गई।

कौशल्या देवी भगत के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी ।

भगत ने अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगा ।

भगत को लंड चूसवाने में बहुत ही आनंद आने लगा ।वह लंड चूसवाते समय अपने मुह से बोले जा रहा था। मेरी जान चुस,और चूस पूरा अंदर लेकर चूसो बहुत मजा आ रहा है ।

कौशल्या देवी गपा गप लंड** को मुंह में लेकर चूसे जा रही थी ।

भगत कौशल्या को रुकने के लिए कहा । और वह बेड से उतर गया।

कौशल्या देवी भी बेड से उतर गई।

भगत कौशलेया देवी की ब्लाउज को निकाल दिया और कौशल्या देवी के साड़ी को खीच कर ,उसके बदन से अलग कर दिया।

कौशल्या देवी सिर्फ पेटीकोट में रह गई थी।

भगत बेड किनारे फिर से बैठ गया और कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठा लिया और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा ।

कौशल्या देवी भगत की इन हरकतों से जोश में आ गई वह मदहोश होने लगी। उसके मुंह से सिसक निकलना शुरू हो गई ।

भगत ने कहा मैं बिना चोदे नहीं रह सकता।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अरे बेटा अभी माहवारी चल रही है ।अभी चूत * पूरा गंदा है। मैं चुदाने लायक नहीं हूं।

भगत ने कहा आज मैं तेरी चूत नही तेरी गांड चोदूंगा।आज मैं तुम्हारी गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा मैंने पहले कभी गाड नहीं मरवाई ।मुझसे नहीं हो पाएगा ।गांड का छेद बहुत ही सकरी होती है । तुम्हारा लंड उसमें जाएगा कैसे? मेरी गांड फट जाएगी ।

तब भगत ने अपना मोबाइल आन किया और उस पर पोर्न चलाने लगा जिसमें एक लड़का एक महिला का गांड चोद रहा था।

उसे देख कर कौशल्या देवी की आंखें बाहर आ गई इतना मोटा लैंड उस महिला के गांड में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।

भगत ने पोर्न कौशल्या देवी को दिखाते हुए कहा देखो लंड कैसे गांड में आराम से अंदर बाहर आ जा रहा है। ऐसा ही मैं तुम्हारा आज गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा पर बहुत दर्द होगा अगर मेरी गांड फट गई तो ।

भगत ने कहा पहली बार दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा ।

जाओ घर में ़घी होगा उसे ले आओ मैं अपने लंड और तुम्हारी गांड में भी लगा देता हूं ताकि आसानी से तुम्हारे गांड में मेरा लंड चला जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से के गोद से उतरकर किचन की ओर चली गई और वहां से घी का डब्बा उठाकर ले आई ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया, कौशल्या देवी इशारा समझ कर घी के डिब्बे से घी निकालकर भगत के लंड पर लगाने लगी ।

भगत ने पीछे से कौशल्या देवी को अपने बाहो से भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा। फिर अपने हाथों से कौशल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच लिया ।

कौशल्या देवी की पेटीकोट सर सराते हुए उसके पैरों से नीचे गिर गया ।कौशल्या देवी पेंटिं नहीं पहनी थी वह पूरी तरह नंगी हो गई ।

नंगे होते ही भगत ने कौशल्या देवी को बेड पर झुका दिया और खुद उसके पीछे खड़ा हो गया और उसके गांड के छेद को देखने लगा ।

अपने एक उंगली पर घी लगा कर कौशल्या देवी के गांड के छेद में भरने लगा ।वह उंगली को कौशल्या देवी के गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

गांड काफी टाइट था कौशल्या देवी ने भगत ने कहा बेटा मुझे बहुत ही दर्द होगा ।मेरा गांड मत मारो ।मै तुम्हारे लंड को चुस कर तुम्हारे तुम्हारा वीर्य को निकाल देती हूं ।

भगत ने कहा चुप साली आज तो मैं तुम्हारी गाड चोदूंगा। चुपचाप झुकी रह।

इधर भगत का लंड कौशल्या देवी के गांड को देखकर लोहे की रॉड की तरह हो गया और वह ठूनकी मारने लगा ।

राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के गांड के ऊपर रख कर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसक निकलने लगी ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा ।अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकारी निकलने लगी। भगत के लंड घी लगा हुआ था वह चमक रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,लंड के टोपे को कौशल्या देवी के गांड छेद पर रखा ।

भगत का लैंड का टोपा थोड़ा पतला और जड़ मोटा था । थोड़ा जोर लगाते ही लैंड का टोपा कौशल्या देवी के गांड के छेद पर जाकर फस गया।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकली वह बोली निकालो बेटा उई मा दर्द हो रहा है।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की कमर को पकड़े हुए था दोनों हाथ से कमर को पकड़ कर वह लंड का दबाव गाड के छेद पर बढ़ाने लगा, जिससे लंड* सरकर गांड के अंदर थोड़ा और घुस गया।

कैशल्या देवी के मुख से फिर से चीख निकली बेटा दर्द हो रहा है ।निकाल दो ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने लाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़ कर मसलने लगा। कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। और वह सिसक ने लगी है ।

भगत फिर से कौशल्या देवी के कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और लंड* का दबाव उसके गाड की छेद पर लगाने लगा। जिससे लैंड और थोड़ा अंदर घुस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से फिर से ची ख निकली, बेटा दर्द कर रहा है निकाल दो।

अब भगत ने लंड को थे थोड़ा बाहर खींचा और फिर थोड़ा सा धक्का मारा जिसे लैंड फिर से सर सर आता हुआ हुआ आधा अंदर घुस गया।

भगत फिर से कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगा कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। फिर उसके मुंह से सिसक निकलने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के कमर को हाथों से पकड़कर लंड का दबाव उसकी गांड के छेद पर लगाया लंड कुछ और अंदर चला गया अब अपने दोनों हाथों से उसकी के चूची को पकड़कर मसलते हुए अपने लंड* को कौशल्या देवी के गांड के छेद घर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकलने लगी। बेटा दर्द हो रहा है निकाल दो ।मगर

भगत कौशल्या देवी के बातों को अनसुना कर वह उसकी चूची को जोर जोर से मसलने लगा और अपने लंड* को उसके गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

लंड गांड के के छेद में में अपना जगह बनाने लगा अब उसका लंड पूरे गांड के अंदर घुस चुका था।

कौशल्या देवी का गांड बुरी तरह से भगत के लंड* को जकडा हुआ था। लंडड कसा कसा हुआ अंदर बहार आने जाने लगा ।

भगत को चूत चोदने से गांड चोदने में एक अलग ही अनुभव और आनंद आने लगा। उसे चूत चोदने से ज्यादा गांड चोदने में मजा आने लगा ,क्योंकि गांड काफी टाइट था और वह लंड* को ही कस कर जकड़ा हुआ था ।काफी तेज घर्षण लंडपर हो रहा था।

इधर कौशल्या देवी का दर्द भी धीरे-धीरे कम होने लगा और उसे भी गांड चुदाने में मजा आने लगा। वह अपने कमर को आगे पीछे हिलाकर भगत को गांड चोदने में सहयोग करने लगी ।

इधर भगत को एहसास हो गया कि कौशल्या देवी को अब मजा आने लगा है ।अब भगत अपने लंड पूरा गाड से बाहर निकालकर कौशल्या देवी के गांड के के अंदर बाहर करने लगा । और वह कसकस कर गांड चोदने लगा ।

कौशल्या देवी भी अब मजा लेने लगी। वह भी लंड पर अपनी गांड को पीछे से धक्का लगाने लगी।

इधर भगत भी तेज धक्का मारने लगा। लंड कौशल्या देवी के गांड में बिना किसी रोक के फक फक के अवाज के साथ अंदर बाहर आने जाने लगा।

भगत को चूत चोदने से ज्यादा मजा, गांड चोदने में आने लगा ।वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया और अपने लंड को तेजी से कौशल्या देवी की गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा आह मेरी जान गांड चोदने में बहुत ही मजा आ रहा है ।मेरा लंड तुम्हारे गांड के अंदर कितना कसा कसा आ जा रहा है। हां मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा है। अब से मै रोज ही तुम्हारा गांड मारूंगा ।

इधर कौशल्या देवी को गांड चुदाने में भी अलग मजा आने लगा । वह भी गांड चोदने में भगत की मदद करने लगी।
भगत से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था ,उसकी सांस तेज तेज चलने लगी। उसका लंड अकड़ने लगा उसके शरीर की सारी ताकत अपने लंड * की ओर जाता हुआ महसूस करने लगा और वह जोर-जोर से कौशल्या देवी की गांड को चोदने लगा ।

दोनों कमर को पकड़कर भगत ने कौशल्या देवी के कूल्हे को अपनी जांघो से कस कर सटा दिया और आह आह करते हुए झड़ने लगा। उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकल कर कौशल्या देवी के गांड में भरने लगा।

इधर कौशल्या देवी भी झड़ने लगी।
कुछ समय तक वे दोनो इसी अवस्था में थे और वे दोनो झडने का आनंद लेने लगे ।

कुछ समय तक दोनों उसी अवस्था में थे। लंड जब ढीला हुआ तो ,भगत अपने लंड को गांड से खींच कर निकाल दिया ।भगत ने देखा कौशल्या का गार्ड पूरी तरह से खुल चुका है वह पूरी तरह फैल चुका था। वह उसके गांड को देख कर मुस्कुराने लगा

भगत बेड पर लेट गया और सुस्ताने लगा ।

कौशल्या देवी के गांड से वीर्य निकलता हुआ उसकी चूत से बहता हुआ वीर्य जमीन पर टपकने लगा ।जिसका अहसास होते ही कौशल्या देवी खड़े हो गई और अपनी गांड मटकाते हुए , बाथरूम की ओर जाने लगी ।

वह अपने गांड में मटकाते हुए बाहर गई जिसे देख कर भगत अपन् लंड काे सहलाते हुुए मुस्कुराने लगा ।

इधर राजेश अपने बेड पर लेटा हुआ सोच रहा था कि आज यह क्या हो गया उसके साथ आज क्या-क्या हो रहा है ।अपनी मां को आज वह बुरी नजर से देखने लगा है ।उसकी मां के हाथ लगते ही आज उसका लंड खड़ा हो जाता है।

उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां झूलने लगती है जिससे उसका लंड तन कर खड़ा हो जाता है। वह अपने मन में कहता है कि क्या मस्त चूचियां है मां की और वह अपनी मां की चुचियों को इमेज करते हुए ,एक हाथ अपने लंड पर चलाने लगता हैं ।

इधर सुनीता भी घर का सारा काम निपटा कर अपने बेड पर लेट कर आराम कर रही थी ।वह आज बहुत ही खुश थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है ।और वह एक तगड़े लंड का मालिक है । उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगता है।

वह राजेश के लंड को इमेज करने लगी जिसके कारण उसके शरीर भी गर्म होने लगी ।जिसका असर उसके चूत पर होने लगा ।

उसकी चूत पर खुजली होने लगी। वह मन मे सोची जा रही थी कि उसका बेटा का लैंड कितना मोटा बड़ा और खूबसूरत है ।

वह उस पल को याद करती है जब ढेर सारा वीर्य उसके चेहरे पर गिरकर उसकी चुचियों पर टपकने लगा। वह राजेश के बीज से नहा डाली थी यह सब सोचते उसके चूत से रस निकलने लगा ।

सुनीता अपने एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और एक उंगली से अपनी चूत के भग्नासा को रगड़ने लगी। उसे बहुत ही आनंद आने लगी। उसके मुख से सिसक निकलने लगी ।

इधर राजेश ने अपना मोबाइल उठाया और अपने मां को व्हाट्सएप मैसेज कर दी ।

राजेश- मां क्या कर रही हो।

सुनीता ने मोबाइल पर मैसेज रिंग सुनकर मोबाइल उठा कर देखी , उसने देखा राजेश का मैसेज आया है। उसने मैसेज पढ़ी। सुनीता ने राजेश को मेसेज भेजी ।

सुनीता- कुछ नहीं बेटा बस थोडा आराम कर रही थी। कुछ काम था क्या।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो आज यह सब क्या हो रहा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं यह सब जानबूझकर नहीं कर रहा हूं।

सुनीता -मैं सब समझ सकती हूं। बेटा यह सब नॉर्मल है और तुम्हें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है।

राजेश - मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद मां।

सुनीता- बेटा मैं तुम्हारी मां हूं ,मैं तुम्हारी मदद नहीं करूंगी तो और कौन करेगा। तुम्हें धन्यवाद देने की जरूरत नहीं।

राजेश- मा मैंने तुम्हें आज गंदा कर दिया ,मैंने अपना पानी तुम्हारे चेहरे पर गिरा दिया मुझे माफ कर देना ।

सुनीता -बेटा इसके लिए भी तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं। इंसान उस समय जब उसका पानी निकलने वाला होता है तब वह जोश मे , सब कुछ भूल सा जाता है और जोश में यह सब हो जाता है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- हां मा जब तुम अपने हाथों से मेरे नूनू को हिला रही थी तब मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और जब मेरा पानी निकला तो उस समय तो मैं बता ही नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आया। मैं अपना होश खो बैठा था। मैं किसी दूसरे दुनिया में खो गया था और मेरा पानी तुम्हारे चेहरे पर गिर रहा है मुझे पता ही नहीं चला।

सुनीता -हां बेटा मैं समझ सकती हूं ।पुरुषों की नूनू से पानी निकलने से पुरुषों को अनोखा आनंद मिलता है ।

राजेश- पर मा पहले तो मै अपने पर कंट्रोल कर पा रहा था ।पर अब मुझसे कंट्रोल क्यों नहीं हो पा रहा है ।पहले भी तुम मुझे पेशाब कराती थी तो मुझे ऐसा कोई फीलिंग नहीं होता था ,लेकिन अब तुम्हारे हाथ में आते ही , मेरा नूनू तन कर खड़ा हो जाता है ऐसा क्यों हो रहा है मा

सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम जवान हो गए हो। हम मां बेटे के साथ-साथ एक औरत और मर्द भी हैं। पहले तुम सिर्फ मुझे मां की नजरों से देख रहे थे ।इसलिए तुम्हारे नूनू में तनाव नहीं आ रहा था ।अब तो मुझे एक औरत की नजरों से देख रहे हो इसलिए तुम्हारे नूनू पर तनाव आ रहा है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो मैं अब तुम्हें औरत की नजर से देखने लगा हू । मां मुझे तुमसे एक और बात पूछनी थी।
सुनीता -पूछोबेटा क्या बात है?

राजेश -ओ मां मेरी नूनू बढ़कर इतना लंबा और मोटा हो जाता है क्या सभी का नूनू इतना बड़ा और मेटा हो जाता है ।

सुनीता -बेटा अब तुम बड़े हो गए हो तुम्हारा नूनू अब नूनू नहीं रहा।

राजेश - हां तो अब इसे क्या कहते हैं?

सुनीता- बेटा मुझे लिखने पर मुझे शर्म आ रही है ।

राजेश -मा अगर तुम नहीं बताओगी तो मैं कैसे जानूंगा

सुनिता -बेटा इतने इसे लंड * कहते हैं अब तुम्हारा नूनू लंड बन चुका है। तुम्हारा लंड काफी बड़ा हर मोटा है।

मां की लिखी बातों को पढते ही राजेश का लंड* और कठोर हो गया और ठूनकी मारने लगा ।इधर संुनीता की भी हालत खराब हो रही थी। लंड शब्द लिखते ही उसकी चूत से और रस तेज गति से बहना शुरू हो गई।

राजेश -मां क्या पापा का लंड भी इतना बड़ा हो जाता है ।

सुनीता -नहीं बेटा तुम्हारा पापा का लंड तो तुम्हारे लमड में काफी छोटा है।

राजेश - आह मा।

सुनीता - क्या बात है बेटे क्या हुआ?
राजेश- दर्द हो रहा है ।

सुनीता -बेटा कहां दर्द हो रहा है ?

राजेश -ओ मा लंड पे दर्द हो रहा है ?लंड बार बार खड़ा हो रहा जिसके कारण दर्द करने लगा है ।


सुनीता -लगता है ,तुम मेरे बारे में ही सोच रहे हो इसलिए तुम्हारा लंड खड़ा हो जा रहा है।

राजेश -हां मा मुझे नहलाते समय जिस रूप में तुम्हे देखा ,तुम बहुत ही खूबसूरत हॉट और सेक्सी लग रही थी ।तुम्हारा कामरूप मेरी नजरों के सामने बार-बार आ जा रहा है ।जिससे मेरे लंड बार बार खडी हेकर दर्द करने लगा है ।मा कुछ करो ना ।

अनीता सोचती है कि मैंने अपना काम रुप अपने बेटे को दिखाया ,जिसके कारण आज उसकी ये हालत हो रही है ।मेरे कारण ही उसके लैंड पर दर्द हो रहा है इसलिए मुझे कुछ करना होगा?

सुनीत व्हाट्सएप करती है ।

सुनिता -बेटा तुम मेरे कमरे में चले आओ। मैं तुम्हारे लंड का पानी निकाल दूंगी ।इससे तुम्हें रात मिलेगा।

राजेश -थैंक यू मा मैं अभी तुम्हारे कमरे में आ रहा हूं ।

दोनों के द्वारा इस तरह व्हाट्सएप मैसेज करने से

राजेश का लंड और तन कर खड़ा हो गया और उसकी मां फिर से उसका मुठ मारेगी ,इसका एहसास से उसका लंड ठुमके मारने लगा।
राजेश इतना देर से उठकर मैं कैमरे से अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा
वह अपने रूम से निकलकर अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा।

इधर सुनीता भी उसका बेटा राजेश उसके कमरे में आ रही है यह सोचकर ही उसके चूत का बहा व बढ गया , उसके दिल की धड़कन बढ़ गई। और उसकी चूत में खुजली भी बढ़ गई ।उसकी चूत से से रस बहना बढ़ गया ।

राजेश अपनी मां के कमरे पास जाकर खड़ा होकर दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने राजेश से कहा दरवाजा खुला बेटा अंदर आ जाओ । आ जाओ बेटा सुनीता का ध्यान राजेश के लोवर की ओर की ओर गया इस समय उसे लोअर मे बडा सा तंबू बना था ।जिससे स्पष्ट हो रहा था कि राजेश का लंड इस समय खड़ा हुआ है।

सुनीता के शरीर में सिहरन दौड़ने लगा । राजेश सुनीता की बेड पर जाकर बैठ गया ।सुनीता ने राजेश से कहा चलो बेटा बाथरूम में चलो।

राजेश ने कहा ठीक है मा और राजेश बाथरूम की ओर चला गया। बाथरूम में जाकर वह यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश के पीछे जाकर खड़ी खड़ी हो गई और उसके लेवर को नीचे सरकार कर उसके लंड को बाहर निकाल दी।

सुनीता के द्वारा उसके लोवर को नीचे खिसकाने से राजेश का लंड हवा में ठुमके लगाने लगा। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी और उसके चूत की खुजली और बढ़ गई ।

सुनिता राजेश से बोली बेटा तुम्हारा लंड तो काफी लंबा मोटा और कठोर हो गया है। तुम्हें काफी दर्द हो रहा होगा ।

राजेश बोला हा मा लंड में काफी दर्द हो रहा है तुम उसका पानी निकालकर दर्द कम कर दो ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और वह राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ ली और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी।
अपनी मां के द्वारा अपने लंड सहलाये जाने से राजेश की सांसें तेज़ होने लगी। उसके लंड पर रक्त का प्रवाह और बड़ गया ।

इधर सुनीता का भी हाल बुरा था ।उसके चूत से रस टपक रहा था ।वह ना चाहते हुए भी अपना एक हाथ अपने चूत पर रख कर अपने चूत को रगड़ने लगी ।

इधर सुनीता के द्वारा मुठ मारने से राजेश को बहुत ही आनंद आने लगा। वह अपनी आंखें बंद कर अपने मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।

इधर सुनीता एक हाथ से राजेश के लंड को मुठ मार रही थी। दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत रगड़े जा रही थी।

सुनीता को भी बहुत आनंद आ रहा था। उसकी भी सांसें तेज हो गई। मां बेटे दोनों की सांसें तेज हो गई थी। दोनों की दिल की धड़कन बढ़ गई ।

राजेश ने अपनी मां से कहा मा बहुत ही आनंद आ रहा है ,बहुत ही मजा आ रहा है ,ऐसे ही मुठ मारते रहो, आह ,आह ,आह ,कितना मजा आ रहा है मां ।और तेजो मारो और तेज मारो ।

इधर सुनीता का भी हालत खराब हो चुकी थी उसके मुख से भी सिसक निकलना शुरू हो गया था ।वह भी एक हाथ से अपन् चूत कोतेज तेज रगड़ने लगी और एक हाथ से राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी ।

इस तरह दोनों ही मुठ मारने का आनंद लेने लगे दोनों की आंखें बंद हो गई थी ।वे दोनों भूल गए थे कि वह मां और बेटे हैं।

अब राजेश को बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड अकडने लगा उसने सुनीता से कहा मा मेरा पानी आने वाला है और तेज तेज मारो मां बहुत मजा आ रहा है ।

सुनीता अपने हाथ को और तेज तेज चलाने लगी और अपनी चूत पर भी अपनी उंगलियां तेज तेज अरे रगडने नहीं लगी ।उसके मुख से भी शिशक निकल रही थी ।

ईधर राजेश अपने पर कंट्रोल न कर सका और आह मम्मी ,आह मम्मी ,आह करके झड़ने लगा ।

उसके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी निकलकर यूरिनल पाट में में जाने लगा ।

इधर सुनीता भी झडने ने लगी। दोनों मां-बेटे साथ झड़ने लगे ।दोनों की आंखें बंद थी।

जब दोनो होश में आए दोनों की नजरें एक दूसरे मिले सुनीता शर्मा गई। वह अपने नजरें नीचे कर दी ।

राजेश ने सुनीता से का थैंक्यू मां । और वह सुनीता के गालों पर किस कर दिया।

सुनीता अपनी नजरें नीचे करके मुस्कुरा रही थी और शर्मा रही थी ।

सुनीता ने राजेश का लोवर उपर कर दिया और राजेश से कहां ,जाओ बेटा तुम अपने कमरे में ,तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो।

राजेश अपनी मां के कमरे से निकलकर ,अपने कमरे में चला जाता है।

राजेश के बाथरूम से चले जाने के बाद ,सुनीता अपनी पेंटी को निकाल कर देखती है ।उसकी पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से गीली हो चुकी थी। वह अपनी पेंटी की हालत देखकर कहती है , छी मैं कितनी गंदी हो गई हूं।

अपने बेटे के पास रहते ही इतनी गंदी हरकत कर डाली। हे। भगवान मुझे माफ कर दो । मुझसे कितना बड़ा पाप हो गया।
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इधर कॉलेज में भगत क्लास अटेंड कर रहा था।

क्लास में मैडम सुमन केमिस्ट्री पढ़ा रही थी। वह 40 वर्ष की खूबसूरत महिला थी ।आज वह ब्लू कलर की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। सुमन आज बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी ।

साड़ी के अंदर से उसके ब्लाउज और उसकी चूची साफप नजर आ रहे थे ।उसकी नाभि उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी ।

क्लास के कई लड़के मैडम सुमन की हॉट अवतार को देखकर अपना लंड मसल रहे थे ।

भगत का भी हालत खराब हो चुका था। उसका भी लैंड सुमन की खूबसूरत बदन को देख कर खड़ा हो चुका था।

भगत से भी बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा ।

मैडम सूमन जब ब्लैक बोर्ड पर चित्र बना रही होती ,तब वह थोड़ा श्यामपट्ट की ओर झुक जाती, जिसेसे उसका पिछवाड़ा थोड़ा उभर कर स्टूडेंट के सामने आ जाता है ।

मैडम सुमन की पिछवाड़ा देख कर भगत की हालत और खराब हो गई ।वह अपने लंडपर एक हाथ तेजी से चलाने लगा।

भगत से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था अगर कुछ देर और इसी प्रकार से हाथ चलाता रहा तो अबकभी भी झड़ सकता था ।

कक्षा से बाहर जाना ही उसे उचित लगा। और वह मैडम से इजाजत मांग कर कक्षा से बाहर चला गया ।

क्लास से बाहर जाने के बाद भी भगत का लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। उसकी आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था। अतः वह सीधा घर की ओर चला गया ।

घर जाकर देखा तो दरवाजा बंद था। वह दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी इस समय सो रही थी। जब दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनी ,वह बेड से उठती है और इस समय कौन हो सकता है ।सोचकर दरवाजा खोलने चली जाती है ।

जब दरवाजे खोली तो देखती है सामने भगत खड़ा है ।वह भगत को देखकर कहती है अरे बेटा तुम कॉलेज से इतनी जल्दी आ गए ।

भगत ने कहा हां माजी आज कॉलेज में मन नहीं लग रहा था ,तो जल्दी आ गया ।

भगत सीधे उपर अपने कमरे में चला जाता है ।कपड़े चेंज कर लोवर और टीशर्ट पहन लेता है। और बेड पर लेट कर आराम करने लगता है।

अभी भी भगत की आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था जिससे उसके लंडमें तनाव अभी भी बना हुआ था ।

भगत को चुदाई करने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी ।अतः वह सीधे नीचे चला गया ।

कौशल्या देवी अपने कमरे में आराम कर रही थी ।भगत ने दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी ने दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही कौशल्या देवी ने देखा भगत सामने खड़ा है। उसने भगत से बोला बेटा कुछ काम है क्या ?

भगत ने कौशल्या देवी से कहा हां मा जी मुझे अजीब सी बेचैनी लग रही है।वह कमरे के अंदर चला गया और बेड पर जाकर बैठ गया ।

कौशल्या देवी भगत के पास आई ।तब भगत कौशल्या देवी को खींचकर को अपनी गोद में बैठा लिया और अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगा और उसके गर्दन को चूमनेने लगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो ।अभी मैं गंदी हूं। अभी तुम्हें 3 दिन रुकना होगा ।अभी मेरी मांहवारी चल रही है ।

भगत ने कहा नहीं मां जी मुझे चुदाई करने का बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रह सकता। आज मैंने मैडम सुमन की गदराय बदन को देख कर बहुत उत्तेजित हो गया हो गया हूं ।बिना चुदाई के रह पाना मुश्किल है ।

बेटा समझा करो अभी मेरी माहवारी चल रही है।

इधर भगत कौशल्या देवी के ब्लाउज बटन को खोलने लगा ।ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया और दोनों चुचियों को अपने हाथों से मसल कर उसकी चूची को पीने लगा ।

भगत की इन हरकतों से कौशल्या देवी भी गर्म होने लगी ।भगत का लंड लोहे की राड की तरह खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।जिसका असर सुमन को अपने गांड पर हो रहा था और वह भी मदहोश होने लगी थी ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अच्छा ठीक बेटा मैं तुम्हारे लंड* को चूस कर तुम्हे शांत कर देती हूं।

भगत ने कहा जो भी करना है जल्दी करो, मेरी जान मुझ से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है ।

भगत अपनी लोअर और अंडरवियर को खींचकर नंगा हो गया। और वह बेड पर जाकर लेट गया।

कौशल्या देवी भी बैड पर जाकर भगत के बगल में बैठ गई और उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर सहलाने लगी ।

तभी भगत ने अपने लंड को चूसने का इशारा किया ।

कौशल्या देवी भगत के इसारा को समझ कर ,अपना मुख लंड की ओर ले गई।

कौशल्या देवी भगत के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी ।

भगत ने अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगा ।

भगत को लंड चूसवाने में बहुत ही आनंद आने लगा ।वह लंड चूसवाते समय अपने मुह से बोले जा रहा था। मेरी जान चुस,और चूस पूरा अंदर लेकर चूसो बहुत मजा आ रहा है ।

कौशल्या देवी गपा गप लंड** को मुंह में लेकर चूसे जा रही थी ।

भगत कौशल्या को रुकने के लिए कहा । और वह बेड से उतर गया।

कौशल्या देवी भी बेड से उतर गई।

भगत कौशलेया देवी की ब्लाउज को निकाल दिया और कौशल्या देवी के साड़ी को खीच कर ,उसके बदन से अलग कर दिया।

कौशल्या देवी सिर्फ पेटीकोट में रह गई थी।

भगत बेड किनारे फिर से बैठ गया और कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठा लिया और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा ।

कौशल्या देवी भगत की इन हरकतों से जोश में आ गई वह मदहोश होने लगी। उसके मुंह से सिसक निकलना शुरू हो गई ।

भगत ने कहा मैं बिना चोदे नहीं रह सकता।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अरे बेटा अभी माहवारी चल रही है ।अभी चूत * पूरा गंदा है। मैं चुदाने लायक नहीं हूं।

भगत ने कहा आज मैं तेरी चूत नही तेरी गांड चोदूंगा।आज मैं तुम्हारी गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा मैंने पहले कभी गाड नहीं मरवाई ।मुझसे नहीं हो पाएगा ।गांड का छेद बहुत ही सकरी होती है । तुम्हारा लंड उसमें जाएगा कैसे? मेरी गांड फट जाएगी ।

तब भगत ने अपना मोबाइल आन किया और उस पर पोर्न चलाने लगा जिसमें एक लड़का एक महिला का गांड चोद रहा था।

उसे देख कर कौशल्या देवी की आंखें बाहर आ गई इतना मोटा लैंड उस महिला के गांड में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।

भगत ने पोर्न कौशल्या देवी को दिखाते हुए कहा देखो लंड कैसे गांड में आराम से अंदर बाहर आ जा रहा है। ऐसा ही मैं तुम्हारा आज गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा पर बहुत दर्द होगा अगर मेरी गांड फट गई तो ।

भगत ने कहा पहली बार दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा ।

जाओ घर में ़घी होगा उसे ले आओ मैं अपने लंड और तुम्हारी गांड में भी लगा देता हूं ताकि आसानी से तुम्हारे गांड में मेरा लंड चला जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से के गोद से उतरकर किचन की ओर चली गई और वहां से घी का डब्बा उठाकर ले आई ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया, कौशल्या देवी इशारा समझ कर घी के डिब्बे से घी निकालकर भगत के लंड पर लगाने लगी ।

भगत ने पीछे से कौशल्या देवी को अपने बाहो से भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा। फिर अपने हाथों से कौशल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच लिया ।

कौशल्या देवी की पेटीकोट सर सराते हुए उसके पैरों से नीचे गिर गया ।कौशल्या देवी पेंटिं नहीं पहनी थी वह पूरी तरह नंगी हो गई ।

नंगे होते ही भगत ने कौशल्या देवी को बेड पर झुका दिया और खुद उसके पीछे खड़ा हो गया और उसके गांड के छेद को देखने लगा ।

अपने एक उंगली पर घी लगा कर कौशल्या देवी के गांड के छेद में भरने लगा ।वह उंगली को कौशल्या देवी के गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

गांड काफी टाइट था कौशल्या देवी ने भगत ने कहा बेटा मुझे बहुत ही दर्द होगा ।मेरा गांड मत मारो ।मै तुम्हारे लंड को चुस कर तुम्हारे तुम्हारा वीर्य को निकाल देती हूं ।

भगत ने कहा चुप साली आज तो मैं तुम्हारी गाड चोदूंगा। चुपचाप झुकी रह।

इधर भगत का लंड कौशल्या देवी के गांड को देखकर लोहे की रॉड की तरह हो गया और वह ठूनकी मारने लगा ।

राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के गांड के ऊपर रख कर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसक निकलने लगी ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा ।अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकारी निकलने लगी। भगत के लंड घी लगा हुआ था वह चमक रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,लंड के टोपे को कौशल्या देवी के गांड छेद पर रखा ।

भगत का लैंड का टोपा थोड़ा पतला और जड़ मोटा था । थोड़ा जोर लगाते ही लैंड का टोपा कौशल्या देवी के गांड के छेद पर जाकर फस गया।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकली वह बोली निकालो बेटा उई मा दर्द हो रहा है।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की कमर को पकड़े हुए था दोनों हाथ से कमर को पकड़ कर वह लंड का दबाव गाड के छेद पर बढ़ाने लगा, जिससे लंड* सरकर गांड के अंदर थोड़ा और घुस गया।

कैशल्या देवी के मुख से फिर से चीख निकली बेटा दर्द हो रहा है ।निकाल दो ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने लाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़ कर मसलने लगा। कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। और वह सिसक ने लगी है ।

भगत फिर से कौशल्या देवी के कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और लंड* का दबाव उसके गाड की छेद पर लगाने लगा। जिससे लैंड और थोड़ा अंदर घुस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से फिर से ची ख निकली, बेटा दर्द कर रहा है निकाल दो।

अब भगत ने लंड को थे थोड़ा बाहर खींचा और फिर थोड़ा सा धक्का मारा जिसे लैंड फिर से सर सर आता हुआ हुआ आधा अंदर घुस गया।

भगत फिर से कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगा कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। फिर उसके मुंह से सिसक निकलने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के कमर को हाथों से पकड़कर लंड का दबाव उसकी गांड के छेद पर लगाया लंड कुछ और अंदर चला गया अब अपने दोनों हाथों से उसकी के चूची को पकड़कर मसलते हुए अपने लंड* को कौशल्या देवी के गांड के छेद घर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकलने लगी। बेटा दर्द हो रहा है निकाल दो ।मगर

भगत कौशल्या देवी के बातों को अनसुना कर वह उसकी चूची को जोर जोर से मसलने लगा और अपने लंड* को उसके गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

लंड गांड के के छेद में में अपना जगह बनाने लगा अब उसका लंड पूरे गांड के अंदर घुस चुका था।

कौशल्या देवी का गांड बुरी तरह से भगत के लंड* को जकडा हुआ था। लंडड कसा कसा हुआ अंदर बहार आने जाने लगा ।

भगत को चूत चोदने से गांड चोदने में एक अलग ही अनुभव और आनंद आने लगा। उसे चूत चोदने से ज्यादा गांड चोदने में मजा आने लगा ,क्योंकि गांड काफी टाइट था और वह लंड* को ही कस कर जकड़ा हुआ था ।काफी तेज घर्षण लंडपर हो रहा था।

इधर कौशल्या देवी का दर्द भी धीरे-धीरे कम होने लगा और उसे भी गांड चुदाने में मजा आने लगा। वह अपने कमर को आगे पीछे हिलाकर भगत को गांड चोदने में सहयोग करने लगी ।

इधर भगत को एहसास हो गया कि कौशल्या देवी को अब मजा आने लगा है ।अब भगत अपने लंड पूरा गाड से बाहर निकालकर कौशल्या देवी के गांड के के अंदर बाहर करने लगा । और वह कसकस कर गांड चोदने लगा ।

कौशल्या देवी भी अब मजा लेने लगी। वह भी लंड पर अपनी गांड को पीछे से धक्का लगाने लगी।

इधर भगत भी तेज धक्का मारने लगा। लंड कौशल्या देवी के गांड में बिना किसी रोक के फक फक के अवाज के साथ अंदर बाहर आने जाने लगा।

भगत को चूत चोदने से ज्यादा मजा, गांड चोदने में आने लगा ।वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया और अपने लंड को तेजी से कौशल्या देवी की गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा आह मेरी जान गांड चोदने में बहुत ही मजा आ रहा है ।मेरा लंड तुम्हारे गांड के अंदर कितना कसा कसा आ जा रहा है। हां मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा है। अब से मै रोज ही तुम्हारा गांड मारूंगा ।

इधर कौशल्या देवी को गांड चुदाने में भी अलग मजा आने लगा । वह भी गांड चोदने में भगत की मदद करने लगी।
भगत से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था ,उसकी सांस तेज तेज चलने लगी। उसका लंड अकड़ने लगा उसके शरीर की सारी ताकत अपने लंड * की ओर जाता हुआ महसूस करने लगा और वह जोर-जोर से कौशल्या देवी की गांड को चोदने लगा ।

दोनों कमर को पकड़कर भगत ने कौशल्या देवी के कूल्हे को अपनी जांघो से कस कर सटा दिया और आह आह करते हुए झड़ने लगा। उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकल कर कौशल्या देवी के गांड में भरने लगा।

इधर कौशल्या देवी भी झड़ने लगी।
कुछ समय तक वे दोनो इसी अवस्था में थे और वे दोनो झडने का आनंद लेने लगे ।

कुछ समय तक दोनों उसी अवस्था में थे। लंड जब ढीला हुआ तो ,भगत अपने लंड को गांड से खींच कर निकाल दिया ।भगत ने देखा कौशल्या का गार्ड पूरी तरह से खुल चुका है वह पूरी तरह फैल चुका था। वह उसके गांड को देख कर मुस्कुराने लगा

भगत बेड पर लेट गया और सुस्ताने लगा ।

कौशल्या देवी के गांड से वीर्य निकलता हुआ उसकी चूत से बहता हुआ वीर्य जमीन पर टपकने लगा ।जिसका अहसास होते ही कौशल्या देवी खड़े हो गई और अपनी गांड मटकाते हुए , बाथरूम की ओर जाने लगी ।

वह अपने गांड में मटकाते हुए बाहर गई जिसे देख कर भगत अपन् लंड काे सहलाते हुुए मुस्कुराने लगा ।

इधर राजेश अपने बेड पर लेटा हुआ सोच रहा था कि आज यह क्या हो गया उसके साथ आज क्या-क्या हो रहा है ।अपनी मां को आज वह बुरी नजर से देखने लगा है ।उसकी मां के हाथ लगते ही आज उसका लंड खड़ा हो जाता है।

उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां झूलने लगती है जिससे उसका लंड तन कर खड़ा हो जाता है। वह अपने मन में कहता है कि क्या मस्त चूचियां है मां की और वह अपनी मां की चुचियों को इमेज करते हुए ,एक हाथ अपने लंड पर चलाने लगता हैं ।

इधर सुनीता भी घर का सारा काम निपटा कर अपने बेड पर लेट कर आराम कर रही थी ।वह आज बहुत ही खुश थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है ।और वह एक तगड़े लंड का मालिक है । उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगता है।

वह राजेश के लंड को इमेज करने लगी जिसके कारण उसके शरीर भी गर्म होने लगी ।जिसका असर उसके चूत पर होने लगा ।

उसकी चूत पर खुजली होने लगी। वह मन मे सोची जा रही थी कि उसका बेटा का लैंड कितना मोटा बड़ा और खूबसूरत है ।

वह उस पल को याद करती है जब ढेर सारा वीर्य उसके चेहरे पर गिरकर उसकी चुचियों पर टपकने लगा। वह राजेश के बीज से नहा डाली थी यह सब सोचते उसके चूत से रस निकलने लगा ।

सुनीता अपने एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और एक उंगली से अपनी चूत के भग्नासा को रगड़ने लगी। उसे बहुत ही आनंद आने लगी। उसके मुख से सिसक निकलने लगी ।

इधर राजेश ने अपना मोबाइल उठाया और अपने मां को व्हाट्सएप मैसेज कर दी ।

राजेश- मां क्या कर रही हो।

सुनीता ने मोबाइल पर मैसेज रिंग सुनकर मोबाइल उठा कर देखी , उसने देखा राजेश का मैसेज आया है। उसने मैसेज पढ़ी। सुनीता ने राजेश को मेसेज भेजी ।

सुनीता- कुछ नहीं बेटा बस थोडा आराम कर रही थी। कुछ काम था क्या।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो आज यह सब क्या हो रहा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं यह सब जानबूझकर नहीं कर रहा हूं।

सुनीता -मैं सब समझ सकती हूं। बेटा यह सब नॉर्मल है और तुम्हें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है।

राजेश - मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद मां।

सुनीता- बेटा मैं तुम्हारी मां हूं ,मैं तुम्हारी मदद नहीं करूंगी तो और कौन करेगा। तुम्हें धन्यवाद देने की जरूरत नहीं।

राजेश- मा मैंने तुम्हें आज गंदा कर दिया ,मैंने अपना पानी तुम्हारे चेहरे पर गिरा दिया मुझे माफ कर देना ।

सुनीता -बेटा इसके लिए भी तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं। इंसान उस समय जब उसका पानी निकलने वाला होता है तब वह जोश मे , सब कुछ भूल सा जाता है और जोश में यह सब हो जाता है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- हां मा जब तुम अपने हाथों से मेरे नूनू को हिला रही थी तब मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और जब मेरा पानी निकला तो उस समय तो मैं बता ही नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आया। मैं अपना होश खो बैठा था। मैं किसी दूसरे दुनिया में खो गया था और मेरा पानी तुम्हारे चेहरे पर गिर रहा है मुझे पता ही नहीं चला।

सुनीता -हां बेटा मैं समझ सकती हूं ।पुरुषों की नूनू से पानी निकलने से पुरुषों को अनोखा आनंद मिलता है ।

राजेश- पर मा पहले तो मै अपने पर कंट्रोल कर पा रहा था ।पर अब मुझसे कंट्रोल क्यों नहीं हो पा रहा है ।पहले भी तुम मुझे पेशाब कराती थी तो मुझे ऐसा कोई फीलिंग नहीं होता था ,लेकिन अब तुम्हारे हाथ में आते ही , मेरा नूनू तन कर खड़ा हो जाता है ऐसा क्यों हो रहा है मा

सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम जवान हो गए हो। हम मां बेटे के साथ-साथ एक औरत और मर्द भी हैं। पहले तुम सिर्फ मुझे मां की नजरों से देख रहे थे ।इसलिए तुम्हारे नूनू में तनाव नहीं आ रहा था ।अब तो मुझे एक औरत की नजरों से देख रहे हो इसलिए तुम्हारे नूनू पर तनाव आ रहा है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो मैं अब तुम्हें औरत की नजर से देखने लगा हू । मां मुझे तुमसे एक और बात पूछनी थी।
सुनीता -पूछोबेटा क्या बात है?

राजेश -ओ मां मेरी नूनू बढ़कर इतना लंबा और मोटा हो जाता है क्या सभी का नूनू इतना बड़ा और मेटा हो जाता है ।

सुनीता -बेटा अब तुम बड़े हो गए हो तुम्हारा नूनू अब नूनू नहीं रहा।

राजेश - हां तो अब इसे क्या कहते हैं?

सुनीता- बेटा मुझे लिखने पर मुझे शर्म आ रही है ।

राजेश -मा अगर तुम नहीं बताओगी तो मैं कैसे जानूंगा

सुनिता -बेटा इतने इसे लंड * कहते हैं अब तुम्हारा नूनू लंड बन चुका है। तुम्हारा लंड काफी बड़ा हर मोटा है।

मां की लिखी बातों को पढते ही राजेश का लंड* और कठोर हो गया और ठूनकी मारने लगा ।इधर संुनीता की भी हालत खराब हो रही थी। लंड शब्द लिखते ही उसकी चूत से और रस तेज गति से बहना शुरू हो गई।

राजेश -मां क्या पापा का लंड भी इतना बड़ा हो जाता है ।

सुनीता -नहीं बेटा तुम्हारा पापा का लंड तो तुम्हारे लमड में काफी छोटा है।

राजेश - आह मा।

सुनीता - क्या बात है बेटे क्या हुआ?
राजेश- दर्द हो रहा है ।

सुनीता -बेटा कहां दर्द हो रहा है ?

राजेश -ओ मा लंड पे दर्द हो रहा है ?लंड बार बार खड़ा हो रहा जिसके कारण दर्द करने लगा है ।


सुनीता -लगता है ,तुम मेरे बारे में ही सोच रहे हो इसलिए तुम्हारा लंड खड़ा हो जा रहा है।

राजेश -हां मा मुझे नहलाते समय जिस रूप में तुम्हे देखा ,तुम बहुत ही खूबसूरत हॉट और सेक्सी लग रही थी ।तुम्हारा कामरूप मेरी नजरों के सामने बार-बार आ जा रहा है ।जिससे मेरे लंड बार बार खडी हेकर दर्द करने लगा है ।मा कुछ करो ना ।

अनीता सोचती है कि मैंने अपना काम रुप अपने बेटे को दिखाया ,जिसके कारण आज उसकी ये हालत हो रही है ।मेरे कारण ही उसके लैंड पर दर्द हो रहा है इसलिए मुझे कुछ करना होगा?

सुनीत व्हाट्सएप करती है ।

सुनिता -बेटा तुम मेरे कमरे में चले आओ। मैं तुम्हारे लंड का पानी निकाल दूंगी ।इससे तुम्हें रात मिलेगा।

राजेश -थैंक यू मा मैं अभी तुम्हारे कमरे में आ रहा हूं ।

दोनों के द्वारा इस तरह व्हाट्सएप मैसेज करने से

राजेश का लंड और तन कर खड़ा हो गया और उसकी मां फिर से उसका मुठ मारेगी ,इसका एहसास से उसका लंड ठुमके मारने लगा।
राजेश इतना देर से उठकर मैं कैमरे से अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा
वह अपने रूम से निकलकर अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा।

इधर सुनीता भी उसका बेटा राजेश उसके कमरे में आ रही है यह सोचकर ही उसके चूत का बहा व बढ गया , उसके दिल की धड़कन बढ़ गई। और उसकी चूत में खुजली भी बढ़ गई ।उसकी चूत से से रस बहना बढ़ गया ।

राजेश अपनी मां के कमरे पास जाकर खड़ा होकर दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने राजेश से कहा दरवाजा खुला बेटा अंदर आ जाओ । आ जाओ बेटा सुनीता का ध्यान राजेश के लोवर की ओर की ओर गया इस समय उसे लोअर मे बडा सा तंबू बना था ।जिससे स्पष्ट हो रहा था कि राजेश का लंड इस समय खड़ा हुआ है।

सुनीता के शरीर में सिहरन दौड़ने लगा । राजेश सुनीता की बेड पर जाकर बैठ गया ।सुनीता ने राजेश से कहा चलो बेटा बाथरूम में चलो।

राजेश ने कहा ठीक है मा और राजेश बाथरूम की ओर चला गया। बाथरूम में जाकर वह यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश के पीछे जाकर खड़ी खड़ी हो गई और उसके लेवर को नीचे सरकार कर उसके लंड को बाहर निकाल दी।

सुनीता के द्वारा उसके लोवर को नीचे खिसकाने से राजेश का लंड हवा में ठुमके लगाने लगा। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी और उसके चूत की खुजली और बढ़ गई ।

सुनिता राजेश से बोली बेटा तुम्हारा लंड तो काफी लंबा मोटा और कठोर हो गया है। तुम्हें काफी दर्द हो रहा होगा ।

राजेश बोला हा मा लंड में काफी दर्द हो रहा है तुम उसका पानी निकालकर दर्द कम कर दो ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और वह राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ ली और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी।
अपनी मां के द्वारा अपने लंड सहलाये जाने से राजेश की सांसें तेज़ होने लगी। उसके लंड पर रक्त का प्रवाह और बड़ गया ।

इधर सुनीता का भी हाल बुरा था ।उसके चूत से रस टपक रहा था ।वह ना चाहते हुए भी अपना एक हाथ अपने चूत पर रख कर अपने चूत को रगड़ने लगी ।

इधर सुनीता के द्वारा मुठ मारने से राजेश को बहुत ही आनंद आने लगा। वह अपनी आंखें बंद कर अपने मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।

इधर सुनीता एक हाथ से राजेश के लंड को मुठ मार रही थी। दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत रगड़े जा रही थी।

सुनीता को भी बहुत आनंद आ रहा था। उसकी भी सांसें तेज हो गई। मां बेटे दोनों की सांसें तेज हो गई थी। दोनों की दिल की धड़कन बढ़ गई ।

राजेश ने अपनी मां से कहा मा बहुत ही आनंद आ रहा है ,बहुत ही मजा आ रहा है ,ऐसे ही मुठ मारते रहो, आह ,आह ,आह ,कितना मजा आ रहा है मां ।और तेजो मारो और तेज मारो ।

इधर सुनीता का भी हालत खराब हो चुकी थी उसके मुख से भी सिसक निकलना शुरू हो गया था ।वह भी एक हाथ से अपन् चूत कोतेज तेज रगड़ने लगी और एक हाथ से राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी ।

इस तरह दोनों ही मुठ मारने का आनंद लेने लगे दोनों की आंखें बंद हो गई थी ।वे दोनों भूल गए थे कि वह मां और बेटे हैं।

अब राजेश को बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड अकडने लगा उसने सुनीता से कहा मा मेरा पानी आने वाला है और तेज तेज मारो मां बहुत मजा आ रहा है ।

सुनीता अपने हाथ को और तेज तेज चलाने लगी और अपनी चूत पर भी अपनी उंगलियां तेज तेज अरे रगडने नहीं लगी ।उसके मुख से भी शिशक निकल रही थी ।

ईधर राजेश अपने पर कंट्रोल न कर सका और आह मम्मी ,आह मम्मी ,आह करके झड़ने लगा ।

उसके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी निकलकर यूरिनल पाट में में जाने लगा ।

इधर सुनीता भी झडने ने लगी। दोनों मां-बेटे साथ झड़ने लगे ।दोनों की आंखें बंद थी।

जब दोनो होश में आए दोनों की नजरें एक दूसरे मिले सुनीता शर्मा गई। वह अपने नजरें नीचे कर दी ।

राजेश ने सुनीता से का थैंक्यू मां । और वह सुनीता के गालों पर किस कर दिया।

सुनीता अपनी नजरें नीचे करके मुस्कुरा रही थी और शर्मा रही थी ।

सुनीता ने राजेश का लोवर उपर कर दिया और राजेश से कहां ,जाओ बेटा तुम अपने कमरे में ,तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो।

राजेश अपनी मां के कमरे से निकलकर ,अपने कमरे में चला जाता है।

राजेश के बाथरूम से चले जाने के बाद ,सुनीता अपनी पेंटी को निकाल कर देखती है ।उसकी पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से गीली हो चुकी थी। वह अपनी पेंटी की हालत देखकर कहती है , छी मैं कितनी गंदी हो गई हूं।

अपने बेटे के पास रहते ही इतनी गंदी हरकत कर डाली। हे। भगवान मुझे माफ कर दो । मुझसे कितना बड़ा पाप हो गया।
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भगत कॉलेज के कैंटीन में बैठा , राजेश को मिस कर रहा था।

भगत राजेश को फोन लगाता है। भगत कहता है भाई तुम्हारी तबीयत कैसी है ?

राजेश भगत के मैसेज को पढ़कर जवाब देता है । अरे़ यार भगत मैं तो ठीक हूं ।तुम बताओ कॉलेज में सब कैसा चल रहा है?

भगत कहता हैं भाई तुम्हारे बिना कॉलेज में मजा नहीं आ रहा है।

राजेश कहता है अरे यार बस अब मै ठीक होने वाला हूं लगता है ,बस दो-तीन दिनों में मैं पूरी तरह ठीक हो जाऊंगा। उसके बाद में मै कालेज आता हूंा

भगत- भाई जिन लड़कों ने तुम पर हमला किया थाउनका पता चल गया है । ़उनके साथ क्या करना है।

राजेश कहता है ,उन पर नजर रखो और सालाे को सबक में ही सिखाऊंगा ।

भगत कहता है ठीक है भाई।

सुनीता द्वारा अच्छी तरह से राजेश की देखभाल करने से, राजेश पूरी तरह से ठीक होने लगा था। समय पर दवाई खिलाना और समय पर उनके हाथों पर तेल से मालिश करना। राजेश पूरी तरह ठीक होने वाला था।

अगले दिन रविवार था ।शेखर ड्यूटी पर नहीं गया था और काले सिटी भी कॉलेज नहीं गई थी ।

शेखर ने सुनीता से कहा, यार आज मेरे स्टाफ के एक कर्मचारी का लड़का हुआ है। तो उसने पार्टी रखा है ।जिसमें मुझे आने के लिए जीद किया है। साथ में तुम्हें भी बुलाया है ।हमे जाना पड़ेगा।

सुनीता ने कहा पार्टी कब रखा है ?
शेखर-पार्टी दोपहर में ही है ।

सुनिता -पर राजेश के मेरी जरूरत पड़ती है ।उसकीअ देखभाल के लिए मुझे घर में ही रहना पड़ेगा ।तुम अकेले चले जाओ।

शेखर कहता है, अरे यार उसे बुरा लगेगा, बस जाएंगे और एक घंटा में आ जाएंगे, मिलकर और स्वीटी तो आज घर पर ही है अगर कुछ जरूरत पड़े तो राजेश की मदद कर देगी।

अनीता कहती है ठीक है।

वे दोनो पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगते है राजेश और सुनीता दोनों तैयार होकर अपने रूम से बाहर निकलते हैं ।

सुनीता ,स्वीटी को आवाज लगाती है ।स्वीटी इस

समय अपने कमरे पर पढ़ाई कर रही थी ।मां की आवाज को सुनकर वह हाल में चली आती है।

स्वीटी -क्या हुआ मां।

सुनीता-बेटी हम पार्टी में जा रहे हैं ।तुम्हारे पापा के स्टाफ का कोई कर्मचारी है जिसने पार्टी दिया है। सच में हमारा जाना जरूरी है।

राजेश को किसी चीज की मदद की जरुरत पडे तो ध्यान रखना ।मैं बस जल्दी आ जाऊंगी ,एक-दो घंटे में।

स्वीटी ने कहा ठीक है मम्मी ।

राजेश और सुनीता दोनो पार्टी के लिए निकल जाते हैं।

इधर स्वीटी को इसी मौके की तलाश थी क्योंकि जब से उसने अपने राजेश हाथो से राजेश का लंड पकड़ी थी उसे रात से उसे ठीक से नींद नहीं आती थी वह रोज रात अपने भैया के लंड को याद करके उत्तेजित हो जाती थी और अपनी चूत को उंगली से रगड़ कर झड़ने के बाद ही उसे नींद आती थी।

वह अपने भैया के लंड को फिर से पकड़ने की इच्छा रखती थी और उसे आज फिर से एक मौका बनता हुआ दिखाई पड़ा था। यह सोचते ही उसकी चूत में खुजली बढ़ने लगी।

इधर राजेश अपने कमरे मे सोया हुआ था। कुछ समय के बाद उसकी नींद खुलती है तो उसे पेशाब लगता हुआ महसूस होता है। वह बेड से उठकर हाल की ओर चला आता है, वहां पर जाने के बाद सोफे पर स्वीटी को बैठा देखकर उसे पूछती है। स्वीटी मम्मी कहां है?

स्वीटी बताती है भैया मम्मी और पापा तो किसी पार्टी में गए हैं ।कुछ काम था क्या? मा ने मुझे तुम्हारे हेल्प करने के लिए कहा है ।कोई काम है तो मुझे बताओ और यह कहते हुए ही स्वीटी की सांसे से तेज होने लगी ।

राजेश ने स्वीटी से पूछा मां कितने समय तक आ जाऊंगी बोली है ?

स्वीटी कहती है वह 2 घंटे के बाद आ जाएगी ।भैया कोई काम हो तो मुझे बतला दो ।मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी ।

राजेश को पेशाब लगी थी पर वह नहीं चाहता था कि स्वीटी उसे पेशाब कराएं क्योंकि मां के द्वारा पेशाब कराए जाने पर अब उसका लंड* खड़ा हो जाता था। उसको डर था। कहीं स्वीटी के हाथ लगाने से भी खड़ा ना हो जाए ।उसे शर्मिंदा होना पड़ेगा ।

राजेश कहता है मां को कॉल लगाओ मुझे उससे बात करनी है।

स्वीटी अपनी मा को कॉल लगाती है।

सुनीता कॉल उठाती है बेटा क्या हुआ कुछ काम था
क्या?

स्वीटी कहती है भैया आपसे बात करना चाहते हैं। फ स्वीटी मोबाइल को राजेश के मुख्य के पास ले जाता है और राजेश से कहता है लो भैया मां से बात करो।

राजेश कहता है हेलो मम्मी ।

सुनीता कहती है हलो बेटा। बेटा कुछ काम था क्या?

राजेश- मा तुम कब आओगी मुझे पेशाब लगी है।

सुनीता कहती है बेटा मैंने स्वीटी को बोल दिया था कि तुम्हारी हेल्प करेगी ।

राजेश-पर मम्मी मुझे कुछ अच्छा नहीं लगेगा 0।

सुनिता बेटा शर्माओ मत आज सिटी की हेल्प ले लो मैं मुझे आने में अभी एक घंटा लग जाएगा ।क्या तुम रुक सकते हो।

राजेश नहीं मम्मी एक घंटा नहीं रुक पाऊंगा ।

सूनिता -तो फिर स्वीटी की मदद ले लो स्वीटी ने पहले भी तुम्हे पेशाब कराया है शर्मा क्यू रहा।स्वीटी को फोन दो बेटा।

स्वीटी फोन पर बात करने लगती है हां बोलो मम्मी।

सुनीता बेटा राजेश को पेशाब लगी है तुम पेशाब करने में हेल्प कर दो ।

स्वीटी कहती है ठीक है मम्मी, स्वीटी राजेश से कहती है चलो भैया मैं तुम्हें पेशाब करा देती हूं।

राजेश ना चाहते हुए भी वह बाथरूम की ओर चला जाता है। स्वीटी भी उसके पीछे-पीछे चली जाती है।

इस समय स्वीटी के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी। उ क्योंकि एक बार फिर से वह अपने भाई का लंड अपने हाथों में लेने वाली थी ।जिसकी वह इच्छा रखती थी।

उसके चूत मे फिर से खुजली बढ़ चुकी थीऔर उसकी चूत से रस बहना शुरू हो गया था।

राजेश यूरीनल पाट के सामने जाकर खड़ा हो जाता है। स्वीटी उसके पीछे खड़ी होकर राजेश के लोवर को उसके कमर से किसका कर नीचे कर देती है।

इधर राजेश कुछ असहज महसूस कर रहा था।

स्वीटी ,राजीव को पेशाब कराने के लिए उसके पीछे से एक हाथ आगे बढ़ा कर उसके लंड को पकड़ लेती है। और उसे सीधा कर लेती है ,ताकि उसका पेशाब यूरिनल पाट पर जाए।

जैसे ही राजेश को इसका आभास होता है कि एक जनाना हाथ में फिर से उसके लंड* को पकड़ी है ।उसके लंड* के नसों में खून भरना शुरू हो जाता है। और वह धीरे-धीरे खड़ा होने लगता है। जनाना हाथ की पकड़ महसूस कर राजेश का लंड* तन कर खड़ा हो जाता है ।उसके लंड पर झटके लगना शुरू हो जाता है। उसका लंड टन टनाने लगता है ।

आखिर जिसका उसे डर था वही हो गया, राजेश अपने को शर्मिंदा महसूस करने लगता है ।

इधर स्वीटी के हाथों में उसका तना हुआ लंड था। स्वीटी ने भी या नहीं सोची थी कि उसका भाई का लंड अपने हाथों में लेने से खड़ा हो जाएगा ।

स्वीटी भी असहज महसूस करने लगी। खडे लंड का एहसास पाते सिटी कि दिल की धड़कन और बढ़ गया और वह मन में सोचने लगती है भैया का लंड* तो खड़ा हो गया है कितना मोटा और लंबा है । उसे बड़ा शर्म आने लगी साथ ही उसके सासे तेज तेज चलने लगती है।

राजेश का लंड उसके हाथों पर नहीं आ पा रहा था। स्वीटी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। और लंड* खड़ा होने से राजेश का भी पेशाब बाहर नहीं आ पा रहा था ।

भाई बहन दोनों ही उत्तेजना महसूस करने लगे। वे दोनों कुछ देर तक उसी अवस्था में खड़े रहे । दोनों ही काफी असहज महसूस कर रहे थे ।

कुछ देर बाद कर स्वीटी राजेंश से कहती है भैया कुछ प्रॉब्लम है क्या पेशाब करो ना।

तब राजेश कहता है स्वीटी पेसाब बाहर नहीं आ रहा।

स्वीटी कहती है क्यों भैया कुछ प्रॉब्लम है क्या ?

राजेश ना चाहते हुए भी,उसे स्वीटी से कहना पड़ता है हां ।जब तक यह खड़ा रहेगा पेशाब नहीं आएगा ।

तब स्वीटी कहती है भैया यह कब तक खड़ा रहेगा।

राजेश कहता है जब तक इसका सफेद पानी बाहर नहीं आएगा ।यह ढीला नहीं होगा ।

स्वीटी राजेश से कहती है, भैया इसका सफेद पानी बाहर कैसे आएगा ।

राजेश कहता है ,स्वीटी इसे हीलाना पड़ेगा। तब इससे सफेद पानी निकलेगा ,तब यह ढीला हो जाएगा और मैं पेशाब कर पाऊंगा ।

इधर स्वीटी को पता था कि लंड खड़ा होने पर उसे मुठ मारा जाता है क्योंकि वह अपने मोबाइल पर पोर्न देखती थी ।जिसमें लड़कों का लंड* खड़ा होने पर लड़कियां उसके लंड को हाथों में लेकर कर मुठ मारती है ।

स्वीटी कहती है ठीक है , भैया मैं तुम्हारे लिंग को हिला देती हूं ।हिलाकर तुम्हारा पानी निकाल देती हूं ।

स्वीटी की बात को सुनकर राजेश को लंड और तनकर कठोर हो जाता है और ठूमकने लगता है।

राजेश कहता है ठीक है स्वीटी।

इधर स्वीटी का हालत बहुत ही खराब हो जा रहा था उसके चुत से रस लगातार बहती जा रही थी। उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था ,तो वह अपने एक हाथ से अपनी चूत को मसलने लगी और एक हाथ से राजेश के लंडको मुठ मारने लगी।

इधर राजेश को स्वीटी द्वारा मूठ मारना बहुत ही अच्छा लगने लगा। वह भी आंखें बंद कर मुठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।

इधर सिटी की सांसे तेज हो गई थी उसकी दिल की धड़कन बड चुकी थी ।वह अपने हाथ की उंगली से अपनी चूत को तेजी से रगड़ी जा रही थी और एक हाथ से राजेश के लंड* को मुंठ मार रही थी।

राजेश को अपनी बहन की हरकतों का पता नहीं था वह अपने आंख बंद किए हुए मूठ मरवाने का आनंद ले रहा था ।

उसे स्वीटी के द्वारा मुठ मारना, बहुत ही आनंददायक अनुभव लग रहा था। उसकी शरीर की उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी।

इधर स्वीटी की हालत और ज्यादा खराब हो गई और स्वीटी की सूची भी फूलने और पिचकने लगी थी उस किससे ऊपर नीचे हो रही । उत्तेजना के कारण उसकी चूचियों के निप्पल तन गए थे।

स्वीटी को अब बर्दाश्त से बाहर लगने लगी और वह झड़ने लगी।

इधर राजेश का लंड और कठोर मोटा हो गया था।स्वीटी के हाथों पर ठुमके लगा रहा था ।

इधर स्वीटी आंखें बंद कर झड़ने का आनंद लेने लगी। आनंद के मारे उसकी आंखों की पुतलियां पलट गई थी। वह मुठ मारना बंद कर दी।

जब राजेश ने देखा कि स्वीटी ने मुठ मारना बंद कर दी है वह अपने आप आंखें खोलाऔर स्वीटी से कहा, क्या हुआ स्वीटी। कुछ प्रॉब्लम है क्या?

अपने भैया की बातों को सुनकर स्वीटी होश में आई वह शर्म से पानी पानी होने लगी ।वह राजेश से बोली कुछ नहीं भैया और वह राजेश के लंड को फिर से मूठ मारने लगी।

राजेश के लंड को मुठ मारते हुए उसके हाथों दर्द करने लगा। स्वीटी को मालूम मालूम था कि लंड का पानी जल्दी कैसे निकाला जाता है ।वह पोर्न मूवी देखती थी। वह राजेश से बोली भैया तुम्हारा तो पानी निकल ही नहीं रहा है।

तब राजेश ने कहा तुम जोर-जोर से हिलाओ पानी जल्दी निकलेगा ।

सिटी कहती है ,भैया वैसे लिंग से पानी जल्दी निकालने का दूसरा तरीका भी है। अगर आप कहे तो।

राजेश कहता है और कैसा निकाला जाता हैं ,तुम्हें पता है ?

स्वीटी कहती है ओ भैया मैंने एक मोबाइल पर एक मूवी में देखी थी कि लड़की लड़के का लिंग अपने मुंह में लेकर चुस्ती है ,तो लड़की का लंड* का पानी बहुत जल्दी निकल जाता है।

राजेश ने कहा तुम क्या पोर्न मूवी देखती हो ।

स्वीटी को लगता है यह मैंने क्या बोल दिया। भैया क्या समझेंगे। मैं कितनी गंदी हो गई हूं। वह बोलती है , भैया मेरी एक सहेली है जो पोर्न देखती है उसने मुझे बताई थी ।

स्वीटी आगे कहती है भैया क्या मैं दूसरा तरीका ट्राई करूं।
स्वीटी की बात को सुनकर राजेश क। उत्तेजना और बढ़ जाता है। उसका लंड टन टना ने लगता है।


राजेश कहता हैं, ठीक है ।ट्राई करो।

स्वीटी राजेश को अपनी ओर घूमने के लिए कहती है राजेश घूम कर वह स्वीटी की ओर मुख् करके खड़ा हो जाता है।

स्वीटी नीचे बैठी हुई थी। राजेश का लंड* उसके मुंह के सामने आ गया था ।उसका लंड तन कर ठुमके लगा रहा था ।
राजेश इस इस समय स्वीटी की ओर देख रहा था। स्वीटी अपनी नजरें ऊपर उठाकर राजेश की ओर देखि दोनों की नजरें मिली। स्वीटी शर्म से पानी पानी हो गई। स्वीटी अपनी नजरें नीचे कर ली और वह राजेश के लंड के सूपाडे को चाटने लगती हैं।

राजेश को स्वीटी द्वारा उसका लंड चाटने से एक अलग ही एक आनंद का अनुभव होने लगता है। उसके मुंह से आह निकल जाता है ।

स्वीटी लंडको चाटते समय अपने भैया की ओर देखता है। राजेश इस समय स्वीटी की हरकतों को ही देखे जा रहा था। दोनों की नजरें फिर मिलती है स्वीटी को बहुत शर्म महसूस होता है। और वह अपनी नजरें नीचे कर लेती है ।

वह लंड की सुपाडे को अपने मुंह में भर लेती है और लंड के सूपाडे को अपने मुंह में भर कर अंदर बाहर करने लगती है।

राजेश को बहुत ही अच्छा एक नया आनंद आने लगता है ।वह आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगता है और उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलने लगती है। आह स्वीटी बहुत ही आनंद आ रहा है और चूसो, चूस्ती रहो, स्वीटी ,रुको मत बहुत ही आनंद आ रहा है।

इधर राजेश की उत्तेजना और बढ़ता जा रहा था वह पूरी तरह जोश में आ गया। जोश में बोले जा रहा था। आह स्वीटी बहुत ही आनंद आ रहा है.।

राजेश ना जोश मे अपने कमर को हिलाने लगा ।अपनी कमर को आगे पीछे हिलाने लगा ,जिससे उसका लंड स्वीटी के मुख में और गहराई तक जाने लगा।

राजेश द्वारा लंड को हल्का हल्का सिटी के मुख पर धक्का मारने से, उसका लंड सिटी के गले तक उतरने लगा । जिसे स्वीटी की आंखें बाहर आने लगी ।फिर भी पूरा लंड अभी भी अंदर नहीं गया था । कुछ भाग अभी भी बचा हुआ था ।

इस प्रकार लंड से धक्के मार कर अंदर बाहर करने से राजेश को बहुत ही मजा आने लगा।

लंड स्वीटी के मूह मे गपा गप अंदर बाहर आ जा रहा था ।

चूसती रहो, हां, ऐसे ही, ऐसे हीचुस्ती रहो ,हां ,बहुत अच्छा कर रही हो।

इधर स्वीटी अपनी भैया की बातों को सुनकर और तेज तेज मुंह चलाने लगेी।वह अपने मुंह में लंड को गपा गप अंदर-बाहर करने लगी ।

राजेश जोश में पागल सा होने लगा। वह लगातार आवाजें निकालने लगा ।आह, स्वीटी बहुत मजा आ रहा है। चूसती रहो । आह ,आह ।

इधर स्वीटी अपने भैया की बातों को सुनकर लंड चूसने की गति को बढ़ा दी।

राजेश को अब बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड* अकड़ने लगा ।उसके सासे तेज गति से चलने लगी ।अब उसे और बर्दाश्त नहीं हुआ और वह स्वीटी के स्वीटी के मुख पर ही झडने लगा। झडते समय उसके मुख से, आह ,आह ,आह ,आह मम्मी की आवाज निकल रहा था।

उसके लंड का सारा वीर्य स्वीटी के मुंह में जाने लगा सिटी हड़बड़ा गई और वह राजेश की लैंड को बाहर निकाली तो राजेश के लंड का दो-तीन पिचकारी उसके चेहरे पर पडा ।उसके चेहरे से बहता हुआ वीर्य ,उसके कपड़े पर गिरने लगा।

इधर राजेश की आंखें बंद था जब उसका लंड लावा उगलना बंद किया। तब उसने खोला ।

इधर स्वीटी के मुख में वीर्य भरा हुआ था वह कुछ बोल नहीं पा रही थी ।राजेश का कुछ वीर्य उसकी गले के नीचे उतर गया। स्वीटी को उबकाई आ गई और उसके मुख से सारा वीर्य बाहर आने लगा ।वह बाथरूम में खो खो आंखों की आवाज करते हुए अपने मुंह से वीर्य को उगलने लगी।जिसे राजेश देख कर मुस्कुराने लगा। स्वीटी बहुत ही शर्म महसूस करने लगी वह शर्म से पानी पानी हो गई। शर्म के मारे एक पल भी ना रुक सकी और भागकर अपने कमरे में चली गई ।

वह बाथरूम के नल ऑन कर अपने मुंह और चेहरे को धोने लगी । कुछ देर बाद राजेश उसके कमरे में आया और वह बोला स्वीटी तुम कहां हो। उसका लंड ढीला हो चुका था ।अब उसे पेशाब आने लगा ।वह स्वीटी से कहता है ।स्वीटी पेशाब करा दो ।

इधर स्वीटी को पता चलता है कि राजेश उसके कमरे में आया है तो उसके दिल की धड़कन फिर से बढ़ने लगी उसकी सांसे तेज हो गई ।

राजेश को जब पता चलता है कि इस समय स्वीटी बाथरूम में है तो राजेश उसके बाथरूम में चला जाता है स्वीटी देखती है कि राजेश का लंड ढीला पड़ चुका है। स्वीटी राजेश को पेशाब करा देती है ।

पेशाब करने के बाद राजेश बाथरूम से निकलकर वह सीधे अपने कमरे में चला जाता है। कुछ समय के बाद सुनीता और शेखर दोनों घर आ जाते और सभी सामान्य दिनों की तरह अपने काम में बिजी हो जाते है घर का माहौल सामान्य हो जाता है।

रातका समय था ।रात को 11:00 बज चुके थे। पर राजेश को नींद नहीं आ रही थी ।उसे आज दोपहर में हुई घटना याद आ रहा था । जिसके कारण उसका लंड खड़ा हो गया था ।आज दोपहर में जिस प्रकार से स्वीटी ने उसके लं चुसी थी ।यह राजेश का लंड चूसवाने का पहला अनुभव था ।उसे लंड चूूसाने में बहुत ही ज्यादा आनंद आया था ।

वह उस आनंद को महसूस कर रहा था जिसके कारण वह उत्तेजित हो गयाथा और उसका लंड लोहे की राड की तरह कडा होकर , खड़ा हो गया था और ठुनकी लगा रहा था।

राजेश अपने आप से कहता है ।लंड चूसवाने में कितना मजा आता है। स्वीटी कितना अच्छे से लंड चुसी । फिर वह सोचता है यदी मा लंड* चूसेगी तो कितना मजा आएगा।और वह मोबाइल को देखता है 11:00 बज चुका था।

इधर सुनीता भी घर के सारे काम निपटा कर बेड पर सो गई थी। पर अभी नींद नहीं लगा था ।इधर राजेश अपनी मां को एक व्हाट्सएप मैसेज भेजता है।

राजेश - सो गई क्या?मा।

सुनीता अभी आंख बंद कर लेटी थी ।वह सोई नहीं थी उसका नींद अभी लगा हुआ नहीं था। वह मैसेज आने की आवाज सून लेती है ।वह सोचती है इस समय किसका मैसेज आया होगा। वह देखती है कि राजेश का मैसेज आया है ।वह शेखर कर की ओर देखती हैजो इस समय नींद में खर्राटे ले रहा था ।

राजेश के मैसेज पढ़ने के बाद ,वह राजेश को रिप्लाई देता है।

सुनीता- बेटा अभी तक तुम सोए नहीं ।

राजेश -मां नींद नहीं आ रही।

सुनीता- पर बेटा क्यों नींद नहीं आ रही है ?लगता है जरूर तुम कुछ उल्टा सीधा सोच रहे होगे। बताओ क्या हुआ?

राजेश- रहने दोमा ।

सुनीता - बताओ बेटा तुम्हें नींद क्यों नहीं आ रही है। कोई परेशानी है क्या? अपनी मां को नहीं बताओगे।

राजेश-ओ ,मा ,दोपहर की बातें ,याद आ रही है ।

सुनीता- दोपहर में क्या हुआ थाबेटा।

राजेश -मा तुम दोपहर में तो घर में थी नहीं, तुम किसी फंक्शन में गईथी ।दोपहर में जब मेरा नींद खुला तो मुझे पेशाब लग रहा था ।स्वीटी ने मेरी हेल्प की।

सूनीता -हां बेटा मैं जानती हूं ।स्वीटी ने तुम्हारी मदद की । तो क्या हुआ बेटा ,वह तुम्हारी बहन है मैंने कहा था हेल्प करने।
राजेश-ओ मां मुझे स्वीटी के सामने शर्मिंदा होना पड़ा7।
सुनीता -क्यों क्या हुआ बेटा क्यों शर्मिंदा होना पड़ा।

राजेश -जैसे ही स्वीटी ने पेशाब कराने मेरा लंड पकड़ी तो ना चाहते हुए भी उसके नाजुक और मुलायम हाथ का एहसास होते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे बहुत ही शर्मिंदा होना पड़ा ।लंड खड़ा होने के कारण मैं पेशाब नहीं कर पा रहा था। मा मै अपने पर नियंत्रण क्यों नहीं रख पा रहा हूं ।जनाना हाथ लगती है उसका एहसास पा कर लंड खड़ा हो जाता है ।मुझे स्वीटी के सामने शर्मिंदा होना पड़ा ।

सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम बच्चे नहीं रहे अब तुम जवान हो गए हो और मर्द बन गए हो ।जवानी में जब कोई जनाना हाथ लंड को पकडे तो वह हाथ उसकी मां या उसकी बहन का ही क्यों ना हो लंड* का खड़ा होना स्वाभाविक है। इसलिए तुम्हें शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है।

सुनीता -बेटा तुम्हारा लंड जब खड़ा हो गया तो स्वीटी तुम्हारी मदद कर पाई कि नहीं।

राजेश- मा मैं शर्मिंदा था मैं वैसा ही कुछ पल खड़ा रहा है ।फिर स्वीटी ने मुझसे कहा कि भैया कुछ प्रॉब्लम है क्या ?पेशाब क्यों नहीं कर रहे हो। तब स्वीटी को मुझे बताना पड़ा कि जब मेरे लंड** से सफेद पानी बाहर आएगा तभी मैं पेशाब कर पाऊंगा। स्वीटी ने कहा कि लंड का पानी बाहर कैसे आएगा, भैया। तब मैंने कहा इसे हीला कर बाहर निकालना पड़ेगा ।

सुनीता -ताे क्या बेटा ,स्वीटी ने तुम्हारा लंड को हिलाई।

राजेश -हा मां स्वीटी ने मेरा लंड पर मूठ मारना शुरू कर दी और वह बोली , भैया मुझे पता है लंड पर मुठ मारने से, उसका पानी निकलता है। मुझे मेरे सहेली ने बताया है। उसकी सहेली पोर्न मूवी देखती है ।


सुनीता- क्या स्वीटी मूठ मारने के बारे मे जानती है। मैं कितनी भोली भाली समझती थी स्वीटी को। फिर क्या हुआ बेटा ।

राजेश -मा वह मेरा लंडपर मुठ मारती रही, मुझे स्वीटी के द्वारा मुठ मरना अच्छा लगने लगा ।पर मेरा लंड का पानी नहीं निकल पा रहा था ।स्वीटी बोली भैया मेरा हाथ दर्द करने लगा है ।

इधर सुनीता व्हाट्सएप पर मैसेज पढ़ कर बहुत ही गर्म होने लगी ,वहउत्तेजित होने लगी । उसके चूत से रस बहना शुरू हो गया था ।
सुनीता फिर व्हाट्सएप मैसेज करती है

सुनीता -फिर क्या हुआ बेटा।

राजेश- मा स्वीटी बोली लंड का पानी निकालने का दूसरा तरीका भी है। जिससे लंड का पानी जल्दी निकल जाता है भैया। मैंने कहा कि कौन सा तरीका है। स्वीटी ने कहा कि लंड को मुंह में लेकर चूसने से उसका पानी जल्दी निकल जाता है। मेरी सहेली ने बताई ।

सुनीता- फिर क्या हुआ बेटा क्या स्वीटी तुम्हारा लंड चूसने लगी।

राजेश- नहीं मा पहले वह ,मेरे लंड* के सूपाडे को चाटने लगी। कुछ देर लंड के सुपारी को चाटती रही। उसके चाटने से मुझे बहुत ही आनंद आने लगा ।मेरा लंड और तन कर और 7बडा हो गया और ठुमके लगाने लगा।

सूनीता की हालत बहुत ही खराब हो रही थी ।राजेश के द्वारा लिखी गई मैसेज को पढ़ने के बाद ,उसके चूत से रस लगातार बही जा रही थी ।वह बीच-बीच में अपने एक उंगली से अपनी चूत को रगड़ने लग जाती थी।

सुनीता -फिर क्या हुआ बेटे ।

राजेश -मा स्वीटी में मेरे लंड* को अपने मुंह में भर कर अंदर बाहर करने लगी ।जिससे मेरा मजा दोगुना हो गया और मैं मजे में अपनी आंखें बंद कर ली ।फिर स्वीटी ने आधे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसनेलगी और एक हाथ से मेरे अंडकोष को सहलाने लगी ।जिससे मेरा हालत और खराब हो गया ।मैं आनंद के मारे मेरे मुख से आह आह निकलने लगा ।स्वीटी लंड को लगातार अपने होठों से दबाकर गपा गप अंदर बाहर करने लगी । मैं पूरे जोश में आ गया और मैं जोश में आकर अपने लंड को अपने कमर हिला कर उसके मुंह के अंदर बाहर करने लगा ।

सुनीता - बेटा मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि स्वीटी ऐसी करेगी ।दिखने में कितनी भोली भाली लगती है। कितनी गंदी हो गई है। फिर क्या हुआ बेटा ।

राजेश- मा अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ ।मेरा वीर्य निकलने लगा और मैं स्वीटी के मुंह में ही झढ़ने लगा।

सुनीता- यह क्या बेटे तुम स्वीटी के मुंह में ही झड़ गए।

राजेश -मा मैं जोश के मारे होश खो बैठा था और मैं स्वीटी के मुंह में ही झड़ गया ।सॉरी मुझसे गलती हो गई।
सुनीता -कोई बात नहीं बेटा ।आदमी जोश में होश खो बैठता है। और उनसे गलतियां हो जाती है ।अरे बेटा अब तुम स्वीटी से हेल्प मत लेना मुझे डर है कहीं वह तुमसे पाप ना करा बैठे ।

राजेश-तुम शायद ठीक कहती हो मॉ अब मैं स्वीटी से कोई हेल्प नहीं लूगा ।

सुनीता -हां बेटा तुम तुम स्वीटी से कोई मदद न लेना ।यदी तुम्हें कोई हेल्प की जरूरत हो तो मुझे कहना। मैं तुम्हारी हेल्प करूंगी।

राजेश -ठीक है मा ।अब मैं सिर्फ तुमसे ही मदद लूंगा।
राजेश- मा मुझे तुमसे एक बात पूछनी थी ।

सुनीता -पूछो ना बेटा क्या बात है।

राजेश-वो मुझे लिखने में शर्म आ रही है।

सुनीता- पूछाे न बेटा शरमाओ मत ।

राजेश- मा लंड का पानी निकालने का कोई और तरीका नहीं है क्या ?

सुनीता -लंड का पानी निकालने का एक तरीका और है बेटा।

राजेश -और क्या तरीका है मां ।

सुनीता- बेटा है मुझे लिखने में शर्म आ रही है तुम मेरे बेटे हो ऐसी बातें कैसे लिखूं।

राजेश -मुझे बताओ ना मा तभी तो मैं जान पाऊंगा।

सुनीता बेटा- पुरुष जब औरत के साथ संभोग करता है तब भी उसका पानी निकलता है ।

और यह लिखते हुए सुनीता अपनी चूत को एक हाथ से तेजी से रगड़ने लगी।
इधर राजेश को संभोग का मतलब पता था फिर भी अपने मां से मजे लेने के लिए वह नाटक करता है। अपनी मां को फिर से व्हाट्सएप मैसेज करता है।

राजेश मां यह संभोग क्या है? खुल कर बताओ ना। मैं कुछ समझा नहीं ।

अनीता -अरे बेटा मुझे लिखने में मुझे बड़ा शर्म आ रही है।

राजेश -मां बताओ ना ,तभी तो तक मुझे जानकारी होगी।

सुनीता - बेटा जब पुरुष अपने लंड को औरत की योनि के अंदर बाहर करता है तभी उसका पानी योनि में निकल जाता हैा जिसने औरत को बच्चा होता हैा

राजेश -मां भगत कुछ और ही बता रहा था ।

सुनीता -क्या बता रहा था बेटा ।

राजेश यही कि जब पुरुष अपने लंड को औरत के योनि में अंदर बाहर करता है तो उसे चुदाई* कहते हैं।

सुनीता जब चूदाई शब्द* पढ़ता है तो उसकी चुत फूलने और पिचकने लगती है ।सांसे ऊपर नीचे होने लगती है। दिल की धड़कन तेज तेज चलने लगती है।

राजेश -मा क्या संभोग को ही चूदाई*** कहते हैं ।
उधर सुनीता की हालत बहुत खराब हो हो जाती है वह बर्दाश्त नहीं कर पाती और झड़ने लगती है ।झढ़ते समय वह अपनी आंखें बंद कर लेती हैं।

इधर राजेश लिखता है -कुछ बताती क्यों नहीं मा

सुनीता को जब होश आता है तो वह राजेश का मैसेज पड़ता है वह रिप्लाई देता है -हां बेटा संभोग को ही चूदाई* कहते हैं।
इधर राजेश अपनी मां का रिप्लाई को पढ़कर और अधिक उत्तेजित हो जाता है वह जोश मे आ जाता है और अपनी मां से मजा लेने के लिए फिर से मैसेज करता है।
राजेश -मां भगत कहता है की चूदाई करने में बहुत मजा आता है। क्या यह सच है ? सूनीता राजेश के मैसेज को पढ़कर शर्म से पानी पानी हो जाती है ।व रिप्लाई नहीं दे पाती ।तब राजेश उसे फिर पूछता है बताओ ना मा क्या चूदाई करने में बहुत मजा आता है।

अनीता- हां बेटा चूदाई * करने में औरत और मर्द दोनों को ही बहुत मजा आता है।

सुनीता को अब बहुत ही शर्म आने लगी थी

संगीता राजेश को लिखती है बेटा अब रात बहुत हो गई है। सो जाओ ।

राजेश- परमा मैं कैसे सो पाऊंगा ।

सुनीता- क्या हुआ बेटा कोई परेशानी है।

राजेश- हां मा मेरा लैंड खड़ा हो गया है।उसमें दर्द कर रहा है मां मेरी मदद करो ना। सुनीता समझ जाती है कि व्हाट्सएप पर चैट करने से उसका बेटा उत्तेजित हो गया है रिप्लाई देती है

सुनीता- अभी रात बहुत हो गई बेटा । तुम ऐसे ही सोने की कोशिश करो । धीरे-धीरे तुम्हारा लंड शांत हो जाएगा ।

राजेश -ठीक है मा .,मै कोशिश करता हूं पर लगता नहीं है कि यह ऐसे ही शांत हो जाएगा ।

इधर राजेश को लगता है उसकी मां उसकी मदद करने नहीं आएगी । वह निराश हो जाता है और ऐसे ही सोने की कोशिश करता है। उसका लंड खड़ा हुआ था
उधर सुनीता सोने की कोशिश करती है ,तभी वह सोचती है कहीं राजेश सच में उन्हें परेशानी ना हो जाए रात में ठीक से नींद नहीं आएगी तो उसकी तबीयत खराब हो सकती है।

वह अपना मोबाइल उठा कर व्हाट्सएप पर मैसेज करती है बेटा सो गया क्या ।इधर अपनी मां की मैसेज आया जानकर रजत की आंखों में चमक आ जाता है। नहीं मा नींद नहीं आ रही है यह तो बैठने का नाम ही नहीं ले रहा मा कुछ करो ।मा

। सुनीता- ठीक है बेटा मैं आ रही हूं ।

राजेश जैसे ही पड़ता है कि उसकी मम्मी उसे कमरे में आ रही है। उसका उत्तेजना और बढ़ जाता है ।उसका लंड और कठोर हो जाता है।

सुनीता चुपके से बेड से उठकर राज के कैमरे की ओर चली जाती है ।
राजेश का कमरे का दरवाजा लॉक नहीं था । सूनिता धक्के मारकर कर दरवाजे खोल कर अंदर चली जाती है। और राजेश के बेड पर जाकर बैठ जाती है ।

राजेश इस समय लेटा हुआ था ।उसकी लोवर पर उस लंड के उभार से उसे पता चल रहा था कि अभी लंड खड़ा हुआ है ।राजेश अपने बेड से उठ कर बैठ जाता है ।

सुनीता कहती है चलो बेटा बाथरूम मे मै तुम्हारे लंड पानी निकाल देती हूं।

राजेश कहता है ठीक है मा राजेश बाथरूम में चला जाता है।

सुनीता भी उसके पीछे-पीछे चली जाती है। बाथरूम में जाने के बाद सुनीता राजेश के लोअर को उसके कमर से नीचे खींच देती है।

उसका लंड हवा में लहराने लगता है जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगती है ।सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को पकड़ लेती है धीरे-धीरे उसे हिलाने लगती है।

इधर राजेश को अपनी मां के द्वारा मुठ मारने में मजा आने लगता है। वह अपने को लंड को मूठ मारते देखने लगता है। अपनी मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने के बाद।

अपनी मां से कहता है सुनीता मा लंड को मुंह में लो ना बहुत मजा आता है । प्लीज मा एक बार लो न

सुनीता कहती हैछी बेटा मुझसे ऐसी गंदी हरकत नहीं हो सकती।
सुनीता - मुझसे नहीं हो पायेगा मैंने कभी किसी का लैंड मुंह में नहीं लिया।

राजेश -पलीज मा एक बार ट्राई करो ना बहुत ही आनंद आता है

आर राजेश अपनी मां की और घूम जाता है जिससे उसका लंड* उसकी मां के मुख से सामने आ जाता है।

राजेश कहता है लो ना मां एक बार ले लो बहुत मजा आता है।

राजेश कि बार-बार जिद करने पर पता नहीं सुनीता को क्या हो जाता है । और वह राजेश के लंड* के सुपारी को अपने मुंह में भर लेती है।

इधर राजेश अपने लंड* को अपनी मां के मुंह का एहसास अपनी आंखें बंद कर लेने लगता है ।वह अपने मां से कहता है आह मा ।

सुनीता -राजेश के लंड के सुपारी को अपने मुंह में धीरे-धीरे चूसना शुरु कर देती है ।

राजेश को बहुत ही मजा आने लगता है ।हां बहुत ही मजा आ रहा है ।थोड़ा तेज तेज करो मा

सुनीता राजेश के लंड को और थोड़ा अंदर करके चूसने लगती है ।

राजेश -ऐसी ही चूसते रहो मा राजेश के मुख से आवाज निकलती है। मां बहुत ही मजा आ रहा है ।

इधर सुनीता राजेश की आंखों में देखता हुआ उसके ल लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगती है। राजेश का लंड * सुनीता के मुंह में पूरा अंदर घुस गया था ।वह राजेश के लंड** को पूरा पूरा अपने मुंह में लेकर गपा गप चूसने लगी ।

राजेश जोश मे पागल होने लगता है वह अपने कमर से धक्का लगा कर अपने लंड को अपनी मां के मूह के अंदर बाहर करने लगता है।

राजेश खडा लंड सुनीता के मूह में गपा गप अंदर बाहर होने लगता है।

स्वीटी के द्वारा लंड * चूसने से ज्यादा मजा उसके मां के द्वारा लंड* चुसाने में आ रहा था क्योंकि लंड उसके मां के मुंह में पूरा अंदर बाहर हो रहा था ।उसकी मां उसके लंड* को पूरा ले पा रही थी ।

कुछ समय के बाद राजेश का लंड अकडने लगता है। उसकी सांसे तेज चले लगती है ।असी शरीर की सारी शक्ती उसके लंड पर केंद्रित हो जाता है।

सुनीता को यह एहसास होता है कि उसका बेटा अब झड़ने के कगार पर है तो वह अपने मुख को लंड पर और तेज तेज चलाने लगती है। जिसे राजेश बर्दाश्त नहीं कर पाता और वो आह आह आह आह मम्मी आ कर के झड़ने लगता है ।
Nice update
 
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