भगत राजेश के पास जाता है और उससे कहता है। भाई राजेश कॉलेज से पप्पू का फोन आया था। कॉलेज में कुछ जरूरी काम है। मुझे जाना होगा ,तुम आराम करो, मैं कॉलेज से होकर आता हूं। मैंने मां जी से कह दिया है ।वह तुम्हारा ख्याल रखेगी।
राजेश कहता है अबे जा साले ,मेरी तो किसी की चिंता ही नहीं और हां जल्दी आ जाना और अपना सिगरेट का पैकेट मुझे दे।
भगत कहता हैं भाई ज्यादा सिगरेट मत पीना ।ज्यादा सिगरेट पीना शरीर के के लिए नुकसानदायक होता है।
राजेश कहता है अबे पैकेट दे ,ज्यादा ज्ञान मत बांट।
भगत राजेश को सिगरेट का पैकेट दे कर कालेज चला जाता है ।इधर राजेश सिगरेट निकाल कर पीने लगता है ।ठीक उसी समय कौशल्या देवी पानी लेकर कमरे में आती हैं ।राजेश के पास जाकर कहती है बेटा पानी पी लो ।मैं तुम्हारे लिए पानी लाई हूं ।
राजेश को सिगरेट पीता हुआ देखकर वह कहती है ,यह क्या बेटे तुम सिगरेट पी रहे हो ।यह सेहत के लिए हानिकारक होता है। तुम तो एक अच्छे लड़के, तुम्हें इसे नहीं पीना चाहिए ।
राजेश कहता हूं मां जी आज मेरा मूड ठीक नहीं है।
कौशल्या देवी कहती है ,हां बेटा मैं जानती हूं ।आज तुम्हारा मूड ठीक नहीं है ।मुझे भगत ने सब कुछ बता दिया है ।बेटा इतना गुस्सा करना ठीक नहीं है। लो पानी पी लो तुम्हें ठीक लगेगा ।
राजेश कहता है ,पानी का गिलास टेबल पर रख दो मा जी। मैं बा़़़द मे पी लूंगा ।
सुनीता देवी कहती हैं, ठीक है बेटा और वह पानी का गिलास टेबल पर रख देती है।
सुनीता देवी वहीं राजेश के बगल में बेड पर बैठ जाती है और राजेश के मूह से सिगरेट को खींचकर उसे बुझाने लगती है ।बेटा सिगरेट सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। इसे मत पियो ।तुम एक अच्छे लड़के हो और अच्छे लड़के सिगरेट नहीं पिया करते ।
मैं तुम्हारी मनोदश अभी समझ सकती हूं ,पर इतना गुस्सा करना भी ठीक नहीं है ।लड़कों को पुलिस वाले खोज रहे हैं। कानून उन्हे सजा देगी।
सुनीता देवी की नजर राजेश के कपड़ों की ओर जाती है । वह देखती है कि राजेश का जींस एवं सर्ट पर जगह-जगह धूल लगा हुआ था ।राजेश से कहती है बेटा तुम्हारे कपड़े तो गंदा हो गया है । अगर इस हालत में तुम घर गए तो तुम्हारे घर वालों को पता चल जाएगा कि तुम किसी से लड़ाई झगड़ा करके आए हो ।
राजेश अपने कपड़े की और देखता है सच मेउसके कपड़े गंदे हो गए थे उसमें जगह-जगह धूल जमा हो गया था।उसे लगा सच में मैं इन कपड़ों में ऐसे ही घर जाउंगा ,तो घर वालों को इसका पता चल जाएगा जो वह नहीं चाहता था।
सुनीता राजेश से कहती है बेटा एक काम करो तुम अपने सारे कपड़े निकाल दो मैं ईसे धो देती हूं। धो कर सुखा कर उसे प्रेस कर दूंगी ।जाते समय पहन लेना ।
राजेश को भी उचित लगा ।
सुनीता देवी एक टावेल लाकर राजेश को दे देती है, बेटा तुम इस टावेल को लपेट लेना और अपने सारे कपड़े उतार कर मुझे दे दो ।पर राजेश चूप था ।
क्या सोच रहे हो बेटे मैं तुम्हारी मां जैसी हूं ।तुमने अपना खून देकर मेरे पति की जान बचाई है,तो मैं तुम्हारे लिए इतना नहीं कर सकती ।
सुनीता देवी पानी का गिलास उठा लेती है और कहती है लो पानी पी लो तुम्हें अच्छा लगेगा। वह गिलास उठाकर राजेश के माुख के पास ले जाती हैं ।
राजेश गिलास से ना चाहते हुए भी पानी पीने लगता है।
पानी पीते हुए उसकी नजर सुनीता देवी पर जाती है राजेश को अपनी मां की याद आने लगती है ।वह सोचता है ऐसा प्यार तो एक मां ही कर सकती है।
राजेश कौशल्या देवी से कहता है मां जी मुझे माफ कर देना ।मैंने आपके साथ बुरा बर्ताव किया। मैंने आपकी बातों का रिप्लाई नहीं दिया। आपको बुरा लगा होगा ।
कौशल्या देवी- नहीं बेटा मैने बुरा नहीं माना ।तुम्हारी स्थिति ही ऐसी है कि तुम्हारे जगह कोई और भी होता तो यही करता । बेटा अपने कपड़े उतार कर मुझे दे दो ,मैं इसे धो दूंगी ।
राजेश बेडसे उतर जाता है और अपना कपड़ा उतारने लगता है। वह जींस और सर्ट निकालकर टावेल लपेट लेता है ।
कौशल्या देवी कहता है बेटा तुम्हारे बनियान से तो पसीने की बू आ रही है। तुम बनियानभी निकाल दो ।यह गंदा हो गया है। राजेश को असहज महसूस करते हुए देखकर कौशल्या देवी ने कहा। बेटा तुम मेरे से शरमाओ मत। अपनी मां जैसी समझो।
राजेश अपने बनियान भी निकाल कर कौशल्या देवी को दे देता है ।बनियान निकलते ही राजेश का गठीला बदन देखकर कौशल्या देवी मोहित सी हो जाती है ।
वह राजेश से कहती है बेटा तुमने तो बहुत ही अच्छी बॉडी बनाई है ।तभी तुम उन लड़कों पर अकेले ही भारी पड़ गए ।राजेश अपने बदन को कौशल्या देवी को देखते हुए पाकर ।असहज महसूस करने लगा।
कौशल्या देवी मुस्कुराने लगी। कौशल्या देवी कहती है अच्छा मै न जाती हूं तुम कमरे मे आराम करो किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे आवाज देना।
कौशल्या देवी कपड़े लेकर नीचे चली जाती है ।इधर राजेश टावेल लपेटकर बेड पर लेट कर ,आज हुई घटना को सोचता रहता है।
नीचे जाकर कौशल्या देवी राजेश के कपड़े को एक बाल्टी में पानी डालकर डुबा देती है और उस पर वाशिंग पाउडर डाल देती है ।कौशल्या देवी सोचने लगती है कि वह आगे क्या करें। ताकि वह राजेश को एक औरत का प्यार दे पाएं ताकि उसका गुस्सा शांत हो जाए और उसका मूड भी ठीक हो जाए ।
तभी उसके मन में आगे बढ़ने का एक विचार आया औरं वह राजेश के कमरे में चली गइ ,वह देखती है कि राजेश फिर से सिगरेट पी रहा है।
कौशल्या देवी कहती है ,यह क्या बेटा, तुम फिर से सिगरेट पीने लगे ,मै जानती थी कि तुम ऐसा ही करोगे।वह राजेश के पास जाकर उसके मूह से सिगरेट खीचकर ,उसे बुझा कर फेंक देती है।
राजेश कहता है मा जी मुझे पीने दो ।मेरा मूड ठीक नहीं है । नहीं बेटा मैं तुम्हें और सिगरेट पीने ने नहीं दूंगी अब मैं तुम्हें यहां अकेले नहीं रहने दूंगी, तुम चलो नीचे मेरे साथ, नहीं तो फिर से सिगरेट पीना शुरू कर दोगे। और वह राजेश के ना चाहते हुए भी उसके हाथ को खींचते हुए ,नीचे ले गया और वह अपने बेडरूम में ले गया ।
वह बोली ,बेटे तुम, मेरे बेडरूम में आराम करो तब तक मैं तुम्हारे कपड़े धो लेती और नहा लेती हूं ।
राजेश को कुछ असहज महसूस कर रहा था जिसे भापकर ,कौशल्या देवी ने कहा बेटा तुम्हें डरने या घबराने की जरूरत नहीं,घर मे इस समय कोई नहीं आने वाला है। तुम्हें डरने या घबराने की जरूरत नहीं है ।अब मैं बाथरूम में तुम्हारे कपड़े धोकर नहा लेती हूं ।
और कौशिल्या देवी हाल के बाथरूम में चली गई। इधर राजेश बेड पर लेट गया और फिर से अपने विचारों में खो गया ।
इधर कौशिल्या देवी राजेश के कपड़ों एवं अपने का घर के कपड़ों को धोने के बाद नहाने की तैयारी करने लगी वह अपने साड़ी और ब्लाउज निकाल दी और वह सिर्फ़ पेटिकोट मेथी। वह नहाने लगी। अपने बदन पर साबुन लगाने लगी। वह अपने पीठ पर भी साबुन लगाना चाहती थी, पर हाथ वहां तक नहीं पहुंच पा रहा था ।राजेश को करीब लाने का एक अच्छा बहाना मिल गया था ।
वह अपने पेटिकोट को एक हाथ से पकड़े हुए थी और दूसरे हाथ से बाथरूम का दरवाजा थोड़ा स खोल कर राजेश को आवाज लगाती है ।बेटा राजेश ,बेटा राजेश
इधर राजेश बेड में अपने विचारों पर मग्न था। कौशिल्या देवी की आवाज सुनते ही वह अपने विचारों से बाहर आया। बाथरूम की ओर गया और कौशल्या देवी से कहा ,मां जी कुछ काम था।
हां बेटे क्या तुमने मेरी मदद करोगे ?कौशल्या देवी राजेश ने कहा ।
कैसी मदद मा जी ।
बेटा मेरे हाथ पीठ पर नहीं पहुंच पा रही है ।क्या तुम मेरे पीठ पर साबुन लगा दोगे ?
राजेश कुछ असहज महसूस करने लगा। वह समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या बोले ?
कौशल्या देवी ने कहा लगता है बेटा तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा ।ठीक है बेटा तुम जाओ ।कमरे में आराम करो। मैं ऐसे ही नहा लेती हूं ।
राजेश ने कहा नहीं मा जी ऐसी बात नहीं है ।चलो मैं साबुन लगा देता हूं ।और दानाे बाथरूम के अंदर घुस गए ।
कौशल्या देवी नीचे बाथरूम पर बैठ गई और अपने पेटिकोट के नाड़े को खोल दी और पेटीकोट को थोड़ा ढीला कर दी और अपने पीठ से पेटिकोट को थोड़ा नीचे सरकार दीऔर बोली , बेटा तुम पीठ पर साबुन लगा दो।
राजेश को कौशल्या देवी को ऐसी अवस्था में देखकर उसके शरीर में रक्त प्रवाह तेज होना शुरू हो गया ।वह साबुन उठाया और कौशल्या देवी की पीठ पर लगाने लगा ।
कौशल्या देवी को भी मर्दाना हाथ अपने शरीर पर महसूस होने पर, वह भी गर्म होने लगी।
कौशल्या देवी बोली, बेटा थोड़ा और नीचे लगादो और पेटीकोट को ढीला कर दी, ताकि राजेश का हाथ पूरे नीचे तक जा सके।
इधर राजेश भी गर्म होने लगा ।उसके लंड की ओर रक्त का प्रवाह तेज हो गया ।आखिर उसने भी पिछले कई दिनों से मुठ नहीं मारा था ।एक जनाना को ऐसी अवस्था में इतने करीब पाकर। वह भी गर्म होने लगा और कौशल्या देवी के पीठ पर साबुन लगाने मे उसे भी आनंद आने लगा ।
कौशल्या देवी ने बोला , बेटा पीठ पर साबुन लगाने में तो दिक्कत नहीं हो रही है ।मैं पेटीकोट को और थोड़ा ढीला कर देती हूं तीकि तूम् अच्छे से साबून लगा सको और पेटिकोट को अपनी चुचियों के नीचे ले गई।
वह राजेश से बोली , ठीक से लगा दो बेटा मैने कई दिनों से मेरी पीठ पर साबुन नहीं लगाई है ।जिससे पीठ पर खुजली होती है ।तुम अच्छे से रगड़ कर साबुन लगा दो ।
इधर राजेश की नजर कौशल्या देवी की चुचियों पर पड़ी ।उसकी गेल गोल बडी बडी सुंदर चुचियों को देखते ही ,उसका लंड खड़ा हो गया और खड़ा होकर ठुमकने लगा।
राजेश भी अब जोश में आने लगा । वह अपनी मां की चुचियों को अपने हाथे से मसलना चाहता था। उस से खेलना चाहता था। उसकी मा ने मना कर दिया । आज एक चूची उसके सामने थी ।उसके मन में इस से खेलने की इच्छा होने लगी ।
वह कौशल्या देवी के पीठ पर साबुन लगाते हुए। उसके पीठ को सहलाना शुरू कर दिया ।सहलाते हुए उसका हाथ कौशल्या देवी के चूची की तरफ जाने लगा।
कौशल्या देवी भी गर्म हो गई थी ।वह भी आंखें बंद कर मजा लेने लगी थी ।
इधर राजेश का हाथ कौशल्या देवी की चुचियों तक पहुंच गया और उसके सूचियों पर भी साबुन लगाने लगा।
उस की चूची पर हाथ पढ़ते ही कौशल्या देवी की सांसे तेज होने लगी ।उसके शरीर में सिहरन दौड़ने लगी ।
राजेश ने जब देखा कि कौशिल्या देवी ने कोई विरोध नहीं किया और वह आंखें बंद कर मजा ले रही है ,उसका हिम्मत बढ़ गया ।वह साबुन लगाते हुए कौशल्या देवी के चूची को मसलने लगा ।
कौशल्या देवी राजेश की इस हरकत से सिसकने लगी जिसे राजेश को पता चल गया की मा जी को भी मजा आ रहा है ।
राजेश भी अब जोश में आ गया ।वह अपने दोनों हाथों पर साबुन लगा कर ।दोनों चुचियों पर साबुन लगाते हुए उसे मसलने लगा।
कौशल्या देवी आंखें बंद करें सिसकने लगी । उसकी चुचिया फूलने और पिचकने लगी उसके चूचक कड़क हो गए।
इधर राजेश का लंड लोहे की राड की तरह सक्त होकर ठुनकी लगाने लगा ।राजेश को भी कौशल्या देवी के चूची को मसलने में बहुत मजा आने लगा ।राजेश अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चुचियो पर साबुन लगा लगाकर मसलने लगा। उससे खेलने लगा।
कौशल्या देवी और राजेश दोनों के अंदर हवस जाग चुका था ।
कौशिल्या देवी ने अपनी आंखें होली उसने कहा बस बेटा बस हो गया ।
इधर राजेश को मसलने में बहुत आनंद आ रहा था। उसका मन रुकने का नहीं हो रहा था ।लेकिन कौशल्या देवी के मना करने पर वह रुक गया ।
कौशिल्या , राजेश से बोली बेटा तुम्हारे शरीर से पसीने की गंध आ रही है ।तुम भी नहा लो। नहाने से तुम्हें अच्छा और हल्का महसूस होगा ।तुम्हारे मन शांत होगा। तमे ताजगी महसूस होगी ।
इधर राजेश जोश में था ।वह कौशल्या देवी की बातों को मानने लगा। ठीक है मा जी ।
कौशल्या देवी राजेश से बोली ,बेटा तुम्हारे पास अंडरवियर एक हीं है । तुम अपना अंडरवियर निकाल दो ।नहीं तो वह गीला हो जाएगा। उसे सूखने में काफी समय लगता है।
राजेश ने कहा ठीक है मा जी और वह टावेल और अंडरवियर दोनों को निकाल कर नंगा हो गया।वह टावेल और अंडरवियर बाथरूम के बाहर रख दिया।
राजेश के नंगा होते ही कौशल्या देवी की नजर राजेश के लंड पर पड़ी वह राजेश की लंड को आश्चर्य से देखने लगी। राजेश का लंड* कितना बड़ा लंबा और मोटा है। उसका लंड* देखकर उसके चूत मे खलबली मचने लगी । वह रस छोड़ने लगी।
कौशिल्या देवी उसके लंड देख कर मुस्कुराने लगी।
राजेश भी इस समय जोश में था। उसका लंड अधनंग जनाना को अपने करीब पाकर, हवा में लहरा रहा था। ठुमका लगा रहा था ।कौशल्या देवी को उसके लंड की ओर देखना उसे अच्छा लगने लगा।
कौशल्या देवी ने सावर चालू कर दी ।दोनों सावर के पानी से राजेश नहाने लगे। कौशल्या देवी ने कहा बेटा सावर बंद कर दी बोली ,बेटा मैं तेरी शरीर पर साबुन लगा देती हूं ।
कौशल्या देवी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी वह पूरे शरूर पर साबून लगाते लगाते, राजेश के लंड की ओर आगे बढ़ने लगी।
जब साबुन लगाते लगाते उसकी हाथ राजेश के लंड पर गई ।कौशल्या देवी के शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।
कौशल्या देवी राजेश के लंड पर साबून लगाने लगी । इस समय राजेश का लंड तन कर खड़ा हुआ था कौशल्या देवी कि हाथ पढ़ते हैं वाह ठूमकने लगा। कौशल्या देवी राजेश के लंड को सहलानेने लगी।
राजेश आनंद के मारे ,अपनी आंखें बंद कर लिया।
कौशल्या देवी को महसूस हुआ कि राजेश मजा आ रही है और आनंद मे अपनी आंखें बंद कर दिया है। वह उसके लंड को मुठ मारने लगी ।जिससे राजेश को अत्यधिक आनंद आने लगा।
राजेश ने अपनी आंखे खोला ।कौशल्या देवी इस समय के पेटीकोट में थी। उसकी चूचियां पेटीकोट से बाहर थी। राजेश की नजर उस की चुचियो पर पड़ी। राजेश कौशल्या देवी की चूचियो को अपने हाथों मेरे लेकर मसलने लगा ।
इधर कौशिल्या सिसकने लगी । वह राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी तभी राजेश की इच्छा लंड चूसाने का होने लगा ।राजेश ने कौशल्या देवी के हाथों को मुठ मारने से रोक दिया और उसे अपने हाथों से उसके कंधे को दबाकर नीचे बैठने का इशारा किया।
कौशिल्या देवी नीचे बैठ गई।राजेश ने अपना लंड कौशल्या देवी के मुख्य के पास ले गया ।कौशल्या देवी रीजेश की ओर देखी राजेश ने इशारा किया ।वह समझ गई कि राजेश क्या चाहता है ।वह अपना मुंह खोल कर राजेश के लंड* की सुपाडा को अपने मुंह में भर लेती है और धीरे-धीरे लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगती है ।
इधर राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के मुंह के अंदर बाहर होते हुए देख कर और उत्तेजित होने लगा।
वह अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के रसिर के बालो को पकड़कर अपने लंड को उसके मुंह के अंदर डालने की कोशिश करने लगा।
कौशल्या देवी राजेश के लंड को जितना अंदर तक ले सकती थी ।अंदर लेने लगी।
राजेश का लंड बहुत लंबा था। उसे पूरा अंदर लेने में न परेशानी होने लगी ।वह जितना अंदर ले सकती थी। लंड को अंदर लेकर चूसने लगी। लंड उसके मुंह में गपा गप अंदर-बाहर होने लगा ।
राजेश को लंड चूसवाने में बहुत मजा आने लगा ,उसके मुंह से आवाज निकलने लगी ।माजी और चूसो बहुत मजा आ रहा है हां मा जी ऐसे ही चुस्ती रहो।
राजेश जोश में आकर अपना कमर हिला कर अपने लंड को कौशल्या देवी के मुंह में ठेलने लगा।
लंड कौशल्या देवी के मूह में गपा गप अंदर बाहर होने लगा। राजेश को बहुत ही मजा आ रहा था ।
इधर कौशल्या देवी को लगा कि अगर वह ऐसे ही चूस्ती रही तो राजेश झड़ जाएगा ।वह चूसना बंद कर दी वह नहीं चाहती थी ,कि राजेश अभी झड़ जाए।
चूसना बंद होती है राजेश ने अपनी आंखें खोली। वह बहुत ही जोश में था ।उसे कौशल्या देवी के द्वारा चूसाई रोकना पसंद नहीं आया ।
वह कौशल्या देवी से बोला माजी चूसना क्यो बंद कर दी ,बहुत मजा आ रहा था।
कौशल्या देवी बोली बेटा तुमने किसी औरत को भोगा है।
राजेश ने कहा ,जी मैं समझा नहीं मा जी ।
बेटा मेरा मतलब है कि तुमने किसी औरत का बूर चोदा है।
राजेश शर्मा गया ,वह बोला नहीं माजी ।मैने तो किसि ऐरत का बूर देखी भी नही है।
कैशिल्या- बेटा क्या बूर चोदोगे ।
राजेश के शरीर में कौशल्या देवी की बात को सुनकर सनसनाहट होने लगा ।उसके दिल की धड़कन बढ़ गई उसने कहा कहा क्या माजी तुम मुझे अपनी बूर चोदने दोगी ।
कौशल्या देवी ने कहा तुम्हारा मस्त लंड को देख देखकर मेरा भी मन चुदवाने का हो रहा है ।
राजेश ने कहा मां जी मैंने आज तक किसी औरत का बूर नहीं देखा ,दिखाओ न मुझे अपनी बूर*।दिखाओ ना मा जी ।
ठीक है बेटा मैं तुम्हें अपना बूर दिखाऊंगी और तुम्हें बूर चोदना भी सीख आऊंगी ।
कौशल्या देवी जबसे राजेश का लंबा और मोटा लंड* देखी थी उसके चूत* से रस बहना शुरू हो गया था। उसे चुदवाने का बहुत इच्छा हो रही थी।उसकी चूत* पर खुजली बडं गई थी। उसकी चूत लंड* मांग रही थी।
कौशल्या देवी ने राजेश से कहा लो बेटा पहले मेरी चूची को मसलो और उसे पियो।
राजेश कौशल्या देवी के चूची पर टूट पड़ा वह उसे अपने हाथों से जोर जोर से मसलने लगा।
कौशल्या देवी ने कहा बेटा आराम से करो मैं भागी नही जा रही।
राजेश चूची को आराम आराम से दबाने लगा और अपने मुंह में उसके निप्पल को भरकर चूसने लगा।
जिससे कौशल्या देवी की सांसे और तेज हो गई। वह बहुत ही अधिक उत्तेजित होने लगी ।वह सि सकने लगी।
इधर राजेश को कौशल्या देवी की चूत देखने का इच्छा हो रहा था क्योंकि आज तक वह किसी औरत का चूत नहीं देखा था ।वह एक हाथ से कौशिल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच दिया, जिससे कौशल्या देवी पूरी तरह नंगी हो गई क्योंकि वह पेंटी नहीं पहनी थी।
कौशल्या देवी के नंगी होते ही राजेश की नजर उसकी चूत पर गई। उसकी चिकनी चूत * को देखकर राजेश का उत्तेजना के मारे उसका लंड और कठोर हो गया और ठूमकने लगा।
राजेश से रहा न गया और वह एक हाथ , कौशल्या देवी के चूत पर ले जाकर ,उसे सहलाने लगा।
राजेश की इस हरकत से, अपनी आंखें खोल, कौशल्या देवी लैट्रिन सीट पर जाकर बैठ गई और अपनी दोनों टांगों को फैला दी देखो बेटा औरत की चूत कैसी होती है। कौशिल्या देवी हवश मे पूरी तरह बेशरम बन गई थी।
राजेश बाथरूम फर्श पर नीचे बैठ गया । चूत उसकेआखो के सामन् थी।
कौशल्या देवी के चिकनी एवं फूली हुई बूर को देखकर, राजेश का लंड झटके मारने लगा ।
राजेश ने कहा ,माजी तुम्हारी चूत कितनी चिकनी और पाव रोटी की तरह फूली हुई बहुत सुंदर लग रही है ।
कौशिल्या देवी ने अपने हाथ से अपनी चूत के मुख् को फैलाया ,और बोली लो बेटा ठीक से देख लो औरत की चूत कैसी होती ?
राजेश उसके चुत के छेद को देखने लगा ।राजेश कौशल्या देवी से पूछा, मां जी क्या इसी छेद में लंड को अंदर डाल कर चोदा जाता है।
कौशल्या देवी ने कहा,बेटा इस बूर के अंदर दो छेद होता है ।एक छेद से औरतें पेशाब करती हैं और दूसरे छेद से बच्चे को जन्म देती है ।
लंड को दूसरे छेद में डालकर चोदने से मर्द का बीज औरत के बच्चेदानी पर गिरता है ,जिससे औरतें पेट से से हो जाती है, और वह 9 महीने के बाद बच्चे को जन्म देती है ।
राजेश कहता है, मां जी यह तुम्हारी चूत में चने के दाने के जैसी उठा भा हुआ क्या है? कौशल्या देवी कहती है बेटा यह भग्नासा है यह काफी संवेदनशील अंग है ,इसे उंगली से रगड़ने से औरत बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाती है।
कौशल्या देवी की नजर राजेश के लंड पर जाती है राजेश से कहती है ,बेटा तुम्हारा लंड तो मेरा बूर देखकर ठुमके लगा रहा।
राजीव कहता हैं हा मा जी यह तुम्हारी चूत** को देखकर और लंबा ,मोटा और खड़ा हो गया है और तुम्हारी चूत के अंदर जाने के लिए तड़प रहा है।
राजेश ने देखा कि कौशल्या देवी के बूर से कुछ चिपचिपा सा निकल रहा है ।उसने कौशल्या देवी से कहा मां जी यह तुम्हारी बूर* से पानी जैसा क्या निकल रहा है?
कौशल्या देवी -बेटा यह चूत का रस है ।जब औरत उतेजित होती है तो उसके चूत से रस बहने लगती है।
राजेश कहता है मा जी पर तुम्हारा चूत* का छेद छोटा लग रहा है ।मेरा लंड तो काफी मोटा है तुम्हारी चूत * के अंदर जाएगा कैसे ?
अरे बेटा यही तो चूत* की खूबी है । चूत* जब बच्चे बाहर निकाल सकती है तो वह मोटा से मोटा लंड को भी अपने अंदर ले पा लेने की अद्भुत क्षमता होती है वह आवश्यकतानुसार फैल और सिकुड़ जाती है।
राजेश ने कहां मा जी क्या तुम्हे भी चुदने का मन कर रहा है जो क्या तुम्हारी बूर रस बहा रही।
कौशल्या देवी ने कहां ,बेटा जब से मैंने तेरा इतना बड़ा लंड देखी मेरा चूत् भी रस बहाने लगी है।
राजेश कहता हैं चलो ना माजी चुदाई * करते है मेरा भी बहुत मन कर रहा है ।
कौशल्या देवी और राजेश दोनों ही बहुत उत्तेजित हो गए थे। दोनों ही चुदाई के लिए तड़प रहे थे।
कौशल्या देवी ने कहां चलो बेटा बेड पर चलते हैं यहा बाथरूम में ठीक से चुदाई नहीं हो पाएगी ।
कौशिल्या देवी राजेश के हाथ को पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई ।बेडरूम में जाने के बाद कौशल्या देवी बेड पर किनारे मे पीठ के बल लेट गई ।और अपने दोनों पैर को मोड़कर फैला दी ,जिससे उसका चुत खुलकर राजेश के सामने आ गया ।
कौशल्या देवी ने कहा लो बेटा अपना लंड मेरी चूत में डालो ।राजेश बेड के किनारे खडा हुआ था, एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,कौशल्या देवी के चूत पर रखा और धक्के लगाने लगा। पर लंड चूत * में नहीं नहीं जा रहा था।
कौशल्या देवी को हंसी आ रही थी वह बोली बेटा तुम्हें अभी सीखना पड़ेगा और कौशल्या देवी अपना एक हाथ से लंड को पकड़ कर अपने चूत के मुख पर रख दी।
राजेश से बोली ,बेटा अब थोड़ा अपना लंड* का दबाव चूत पर डालो ।राजेश अपना लंड कौशल्या देवी के चूत पर धकेला। लंड का टोपा चूत की मुख् पर कुछ घुस गया।
कौशल्या देवी ने कहा बेटा थोड़ा और धक्का लगाओ राजेश में थोड़ा और धक्का लगाया उसका लंड कौशल्या देवी के चूत को चीरता हुआ थोड़ा और आगे सरक गया ।
कौशल्या देवी ने कहा बेटा थोड़ा और धक्का मारो। इस बार राजेश ने थोड़ी ज्यादा ताकत से चूत पर अपना लंड ठोका। लंड चूत * को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा घूस गया ।
कौशल्या देवी के मुख से ऊई मां निकल गया। बेटा आराम से तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मेरी चुत* फट जाएगी ।आराम से डालो ।
कौशल्या देवी ने आगे कहा लो बेटा अब मेरी चूची को मसलो और उससे खेलो ,उससे मेरी चुत का दर्द कम होगा।
राजेश कौशल्या देवी के चूची को अपने हाथों से मसलने लगा ।उसकी चूची को चूसने लगा जिससे सुशीला देवी और उत्तेजित होने लगी ।वह सिसकने लगी।
कौशल्या देवी ने राजेश से कहां बेटा अब तुम अपना लंड थोड़ा खींच कर फिर धकेलो ।थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर करते रहो ।
राजेश ने वैसे ही किया वह अपने कमर हिला कर अपना लंड धीरे धीरे चूत * के अंदर बाहर करने लगा।
राजेश को एक नया एहसास होने लगा । वह धीरे-धीरे अपना स्पीड बढ़ाने लगा। राजेश अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चूची को मसल मसल कर अपना लंड कौशल्या देवी के चूत के अंदर बाहर करने लगा।
राजेश को बूर चोदने में बहुत ही मजा आने लगा। राजेश का लंड चूत* के अंदर अपनी जगह बना लिया था । कौशल्या देवी की चूत लंड को जकड़े हुए था। क्योंकि लंड काफी मोटा था ।लंड चूत* में कसा कसा सा अंदर बाहर आने जाने लगा । लंड काफी मोटा होने के कारण वह चूत के भग्नासा को भी रगड़ रहा था ।जिससे कौशल्या देवी सिसकने लगी ।दोनों ही स्वर्गीय आनंद पा रहे थे।
अब राजेश पुरी तरह जोश में आ गया वह अपना लंड* पूरी ताकत से कौशल्या देवी के चूत* में डाल कर चोदने लगा।
कौशल्या देवी के मुख से सिसकारियां निकलने लगी। राजेश का यह पहला चुदाई* था। उसे चूत *चोदने मे बहुत मजा आ रहा था ।वह पूरी तरह जोश में आ गया। और लंड को तेजी से चूत* के अंदर बाहर करने लगा। लंड गच गच, फच फच की आवाज के करता हुआ,चूत के अंदर बाहर होने लगाा।
राजेश का लंड * काफी लंबा था ।राजेश का लंड कौशिल्या देवी के बच्चेदानी के मुख को ठोकर मारने लगा। जिसका एहसास कौशल्या देवी को होते ही उसकी शरीर में एक अलग तरंग पैदा होने लगा। कौशल्या देवी अपने मुख से कामुक आवाजें निकालने लगी ।उसे भगत से चुदाई में िजतना मजा आया था उससे कई गुना अधिक मजा राजेश के चोदने से आ रहा था।
इधर राजेश भी बोले जा रहा था मा जी भगत ने सही कहा था चुदाई करने में बहुत मजा आता है। वह जोश में पागल सा हो गया और तेज तेज चोदने लगा।
कौशल्या देवी के चूत * से रस बहता हुआ बेड पर गिरने लगा। राजेश का लंड कौशल्या देवी के चूत से पूरी तरह से भीग गया था ।और लंड चुत में गच गच फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।
राजेश के आश्चर्य हुआ कि उसका इतना मोटा और इतना लंबा लंड कौशल्या देवी के चूत के अंदर पूरा आ समाहित हो गया था दोनो दे जिश्म एक जान हो गए थे ।
कमरे में कौशल्या देवी की कामुक आवाजें गूंजने लगी ।वह अपने मुख से बोलने लगी बेटा और चोदो जोर से चोदो बड़ा ही मजा आ रहा है। कौशल्या देवी ज्यादा देर तक बर्दाश्त ना कर सके राजेश के कमर को अपने पैरों से जकड़ ली , जिससे राजेश धक्का मारना बंद कर दीया ।
उसने कौशल्या देवी से पूछा मा जी क्या हुआ, तुम ठीक तो हो ना ।
कौशल्या देवी ने आंखें नीचे कर शरमाते हुए बोली बेटा मैं झड़ गई। थोड़ा रुको ।
राजेश ने कहा मां जी अभी तक मेरा पानी निकला नहीं है मुझे अभी और चुदाई करने का मन कर रहा है।
कौशल्या देवी ने कहा बेटा धीरज रखो ।औरत के झड़ने के बाद उसे फिर से गर्म करना पड़ता है ,ताकि फिर से वह चुदाई के लिए तैयार हो जाए ।
राजेश ने कहां मा जी उसके लिए क्या करना होगा ।
बेटा पहले अपना लंड* बाहर निकाल दो ।उसके बाद बताती हूं।
राजेश ने कौशल्या देवी के चूत से लंड बाहर खींच लिया। लंड फचाक की आवाज करता हुआ चूत से बाहर आया ।लंड कौशल्या देवी के चूत रस से भीगा चमक रहा था । काफी लंबा और मोटा लग रहा था और ठूनकी मार रहा था , जिसे देखकर कौशल्या देवी मुस्कुराने लगी।
कौशल्या देवी ने अपनी चूत को देखा उसका चूत काफी फैल गया था उसकी छेद काफी बड़ा लग रहा था।
राजेश ने कौशल्या देवी से कहा मां जी मुझसे रहा नहीं जा रहा है ।मुझे और चोदना है ।
कौशल्या देवी ने कहा बेटा जब औरतें झड़ जाते है तब उसे फिर से उत्तेजित करना पड़ता है ताकि वह चुदाई के लिए फिर से तैयार हो सके ।पूरूषो का काम केंद्र तो सिर्फ उसका लंड होता है ।परंतु औरतों के शरीर के अंग अंग में काम भरा होता है ।जिसे छेड़ने पर औरत उत्तेजित होता है।
राजेश ने पूछा माजी औरतों को फिर से उत्तेजित करने के क्या-क्या करना चाहिए ।
कौशिल्या -बेटा मर्द को एक औरत को उत्तेजित करने के लिए, उसके होंठों को चूसना चाहिए ।उसके गालों को चूमना चाहिए। उसके गर्दन एवं पट को चाटना एवं शहलाना लाना चाहिए। उसकी चूची को मसलना एवं मुंह से चूचक को पीना चाहिए । उसके पेट को चाटना, नाभि को चुमना चाहिए ।औरत की चू को सहलाने अऔर उसकी चूत के भग्नासा को उंगली से छेड़ना चाहिए। उसके नितंब को हाथों से सहलाना एवं मसलना चाहिए ।उसकी टांगों पर चुंबन करना चाहिए। टांगों को हाथों से सह लाना चाहिए ,उसके पैर की अंगुलियों को चूसना चाहिए ,ऐसा करने से औरतें बहुत जल्दी उत्तेजित और काम विहिल हो जाती है और वह चूदने के लिए जल्दी तैयार हो जाती है।
बेटा हर औरत का शरीर में कुछ अंग ऐसा होता है जिसे छेड़ने से वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाती है तुम्हें यह जानना होगा ,अपने अनुभव द्वारा कि कौन सी औरत किस अंग से जल्दी उत्तेजित होती है।
यह भी जान ना होगा कि किस आसन में किस औरत को चुदाई करने में बहुत अधिक मजा आता है ।क्योंकि हर औरत ही अपनी पसंद होती है। अगर तुम यह सब जान गए तो औरत तुम्हारी दीवानी हो जाएगी ।तुम जितनी अधिक औरतों को चोदोगे तुम्हारा अनुभव बढ़ता जाएगा। एक पुरुष को औरत के झड़ने के पहले नहीं झड़ना चाहिए, नहीं तो उसकी औरत खुश नहीं रहती और औरत किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाने के बारे में सोचने लगती है ।
राजेश ने कौशल्या देवी से कहा मा जी मेरी चुदाई से तुम खुश हो ना।
कौशल्या देवी कहां बेटा तुम्हारा लंड तो काफी मोटा और लंबा है हर कामुक औरत चाहती है कि उसे ऐसा लैंड चुदाने**के लिए मिले। मैंने तो तुम्हारी चुदाई से बहुत जल्दी झड़ गई। तुम्हारी चुदाई से मुझे बहुत ही मजा आया ।ऐसा मजा तो मुझे आज तक कभी नहीं आई देखो मेरी चूत के रस से पूरा बेड भीग गया है । तुम्हारा लंड मेरी चूत के हर हिस्से को रगडता है।और मेरे बच्चेदानी को भी ठोक रहा था । जिससे मेरे शरीर मे तरंग पैदा कर रहा था ।चूदवाने मै ऐसा सूख मूझे पहली बार मिला ।
जरा देखो तो तुम्हारा लंड अभी भी कैसे हवा में ठूमक रहा है ।कौशल्या देवी मुस्कुराने लगी ।
राजेश ने कहा मा जी मुझे चोदने का बहुत मन कर रहा है ।
कौशल देवी ने कहा हां हां मुझे फिर से चोद लेना, पहले मुझे गरम तो करो ।
राजेश बेड पर बैठ जाता है, उसके दोनों पैर नीचे थे। कौशल्या देवी को अपने गोद पर बैठने का इशारा करता है ।
कौशल्या देवी बेड से उठकर राजेश के गोद मे जाकर बैठ जाती है ।दोनों के चेहरे आने सामने थे। राजेश कौशिल्या देवी को अपने बाहों में जकड़ लेता है जिसे उसकी चूचियां राजेश के सीने में दब जाता है ।जिसका राजेश को अहसास होते ही ,उसके लंड* ठुमकने लगता है ।जिसका एहसास कौशल्या देवी को होता है। क्योंकि वह उस पर ही बैठी थी ।
अब राजेश उसके होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगता है ।कौशल्या देवी इस समय अपनी आंखें बंद कर ली।
होठों को कुछ देर चूसने के बाद वह उसके गर्दन पर चूसने लगा, चाटने लगा और हाथों से पेट को सहलाने लगा ।
कौशल्या देवी राजेश की इन हरकतों से उत्तेजित होने लगी।
अब राजेश कौशल्या देवी के चूचियो को हाथ से दबाने लगा उसकी निप्पल को मुंह में भरकर पीने लगा जिससे कौशल्या देवी के मुख सिसकने की आवाज निकलने लगी ।
राजेश को इसका अहसास हो गया था कि अब मा जी उत्तेजित हो रही है वह चूची को मसलते हुए एक हाथ उसके चूत पर ले जाकर सहलाने लगा जिससे कौशल्या देवी बहुत अधिक उत्तेजित हो गई ,और वह बोलनी बस बेटा बस अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा ।
वे दोनों बेड से उतर गए, कौशल्या देवी नीचे बैठ गई और राजेश के लैंड को मुंह में भर कर चूसने लगी। राजेश अपनी आंखें बंद करें लंड* चूसाने का मजा लेने लगा और वह अपने मुंह से बोलने लगे आह मा जी तुम बहुत अच्छे से लैंड चुस्ती हो ।हां बहुत मजा आ रहा है। और वह धीरे-धीरे अपना लंड उसकी मूह के अंदर बाहर करने लगा ।
कौशल्या देवी को लगा कि कहीं राजेश झड़ ना जाए वह चूसना बंद कर दी और खडी होकर, बेड को अपने हाथों से पकड़कर झुक जाती है ।उसके दोनों पैर जमीन के नीचे थे और झुकी हुई थी ।
वह राजेश को पीछे जाने का इशारा किया ।राजेश अपने लंड को हाथ से पकड़ ,कौशल्या देवी की पीछे खड़ा हो गया ।कौशल्या देवी के चिकनी गुदाज कुल्हे को देखकर उसका लंड झटके मारने लगा ।
कौशिल्या देवी अपना एक हाथ में पीछे ले जाकर राजेश के लंड को पकड़ लिया और लंड को अपनी चूत के मुख पर रख दी और राजेश से बोली बेटा अब अंदर डालो ।मुझसे रहा नहीं जा रहा है।
चुत पहले चुदाई से खुल चुका था ।चूत से रस भी बह रहा था अतः धक्का मारते ही राजेश का लैंड का टोपा है उसके चुत के अंदर चला गया ।राजेश फिर से एक धक्का अपने लंड से कौशल्या देवी के चूत पर मारा लंड सर सराता हुआ आधा घुस गया ।
राजेश अपने दोनों हाथ सामने ले जाकर कौशल्या देवी के चूची को पकड़कर मसलने लगा। कुछ देर मसलने के बाद, वह अपने दोनों हाथों से मा जी के कमर को पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के अंदर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा।
कुछ ही देर के बाद लंड ने चूत पर अपनी जगह बना ली और लंडफच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।राजेश को फिर से जुदाई करने में बहुत मजा आने लगा ।वह स्वर्ग में चला गया और तेज झटके मार मार कर चुदाई । करने लगा ।
राजेश के तेज धक्के लगाते ही उसका लंड का टोपा कौशल्या देवी के बच्चेदानी से टकराने लगा जिससे कौशल्या देवी को बहुत ही मजा आने लगा। ऐसा मजा उसे भगत की चुदाई से भी नहीं आता था। वह चिखने और सीसकने लगी ।एक बार फिर से कमरे में गच गच फच की आवाज गूंजने लगी ।
राज को इस आसन में चोदने में बड़ा मजा आ रहा था क्योंकि कौशल्या देवी की गोरे गोरे कुल्हे उसके आंखों के सामने था जब राजेश अपना लंड* कौशल्या देवी की की चूत पर मारता था ।तो लंड* के टट्टे कौशल्या देवी के कुल्हे से टकराता था जिससे राजेश को एक अलग ही आनंद की अनुभूति होता था ।
लंड की टट्टो और कुल्हे के टकराने से कमरे थप थप की आवाज गूंज रही थी । राजेश पूरे जोश में था ।वह कौशल्या देवी को हूमच हूमच कर चोदने लगा। वह जन्नत मैं पहुंच गया था ।
इधर कौशल्या देवी को भी जन्नत का अनुभव मिलने लगा ।उसे चुदाने का ऐसा मजा इसके पहले कभी नहीं आया था वह सिसक रही थी ।
जब राजेश के लैंड का टोपा उसके गर्भाशय के मुख से टकराता था ।उसे परम आनंद की अनुभूति होती थी। जिससे उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलने लगती थी ।अब उसे और बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया। वह अपने हाथों से बेड को जोर से भीच ली। उसके पैर कपकपाने लगी ।वह एक बार फिर से झड़ गई थी ।
राजेश को इसका एहसास हुआ की मा जी फिर से झड़ गई है लेकिन राजेश इस समय रुकने के मूड पर बिल्कुल नहीं था क्योंकि उसे चुदाई ** करने में बहुत ही मजा आ रहा था।
वह और तेजी से कौशल्या देवी को चोदने लगा ।राजेश कौशल्या देवी को चोदते हुए किसी दूसरी दुनिया में खो गया था ।वह लगातार चुदाई** किए जा रहा था।
इधर कौशल्या देवी के चूत में दर्द करने लगा क्योंकि वो झड़ गई थी। वह दर्द से कराहने लगी ।पर राजेश रुका नहीं वह लगातार अपना लंड* कौशल्या देवी की चूत * में तेज गति से अंदर-बाहर करने लगा। कमरे में थप थप , फच फच ,गच गच की आवाजें गुंज रही थी।
राजेश भी अपनी चरम की ओर पहुंच रहा था। वह और तेज तेज शॉट लगाने लगा।
इधर कौशल्या देवी फिर से गर्भ होने लगी उसके चूत से फिर रस बहना शुरू हो गया ।फिर से का कौशिल्या देवी को आप चूत मरवाने में मजा आने लगा ।वह फिर से आनंद के मारे सिसकने लगी ।
राजेश को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया था उसकी सारी शक्ति उसके लंड* पर केंद्रित हो गई थी ।अब वह बहुत जोर जोर से कोशल्या देवी को चोदने लगा ।वह एक जोरदार शॉट लगाकर कौशल्या देवी के कुल्हे को अपने लंड से सटा दिया और वह कौशल्या देवी के चूत में ही झड़ने लगा। झड़ते हुए अपने मुंह से आह आह कि कराहने की आवाजें निकाल रहा था। उसके पैर कपकपा रहा था।
वह ढेर सारा वीर्य उसके लंड* से निकलकर कौशल्या देवी के बच्चेदानी तक जा रहा था कौशल्या देवी अपने बच्चेदानी पर गर्म गर्म में वीर्य का को गिरते हुए महसूस करके ।वह भी चरम में पहुंच गई और फिर से एक बार झड़ने लगी ।
इधर राजेश का लंड से जब वीर्य निकलना बंद हुआ । कुछ देर वैसे ही खड़ा रहा, फिर अपना लंड कौशल्या देवी के चूत से बाहर निकाला ।
लंड फचाक की आवाज करता हुआ बाहर आया ।राजेश बेड पर लुढ़क गया और लंबी लंबी सांसे लेते हुए सुस्ताने लगा।
इधर कौशल्या देवी के चूत से राजेश का वीर्य झरने की तरह बहता हुआ फर्श पर गिर रहा था। कौशल्या देवी को इसका अहसास होते ही वह खड़ी हो गई और अपने चूत को देखने लगी। वह आश्चर्य में थी कि कोई इतना सारा वीर्य भी अपने लंड से निकाल सकता है । वह अपने चूत की हालत देखकर मुस्कुराने लगी ।और शर्म के मारे बाथरूम की भागने लगी उसे भागते हुए मटकते गाड को को देखकर राजेश का लंड* फिर से ठूनकी मारने लगा।