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Incest यह क्या हुआ

Sanju@

Well-Known Member
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पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था ,किस प्रकार राजेश अपनी मां के मुंह में ही झड़ जाता है। पूरा वीर्य लंड से बाहर निकल जाने के बाद, वह अपनी मां के मुंह से अपना लंड बाहर खींच लेता है।

सुनीता के मुंह से राजेश का लंड फच की आवाज करता हुआ बाहर निकलता है ।जैसे ही उसका लंड सुनीता के मुंह से बाहर निकलता है। सुनीता अपना मुंह बंद कर लेती है और पूरा वीर्य अपने मुंह में भर कर राजेश की ओर देखती है ।

राजेश इस समय अपनी मां को ही देख रहा था। दोनों की नजरें मिलती है सुनीता शर्म से पानी पानी हो जाती है।

वहां इस समय उसका ठहर पाना मुस्किल था। वह शर्म के मारे गड़ी जा रही थी ।एक पल भी वहां उसको ठहरना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। वह अपने मूह में वीर्य को भरे हुए ही बाहर ,अपने कमरे की ओर भागती है ।और सीधे अपने कमरे के बाथरूम में चली जाती है। और वहां जाकर वाश बेसिन पर खो खो की आवाज आवाज करते हुए सारा वीर्य अपने मूह से उगलने लगती है।

खो-खो की आवाज सुनकर शेखर का नींद खुल जाता है ।वह सुनीता को उल्टियां करते हुए देखता है ।
वह घबराकर वागड़ सुनीता के पास जाकर उसे पूछता है ।सुनीता क्या हुआ? तबीयत ठीक नहीं है क्या ?

सुनीता घबरा जाती है ।वह बातें बनाते हुए बोलती है हां जी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है ।लगता है मैंने आज दोपहर पार्टी में कुछ उल्टा सीधा खा लिया इसलिए उल्टी आ रही है ।मैं ठीक हो जाऊंगी परेशान होने की बात नहीं नहीं है ।

और सुनीता अपने मुंह से राजेश का पूरा वीर्य बाहर निकाल लेने के बाद वह मुंह को पानी से कुल्ला कर गो़ बेड पर सोने के लिए चली जाती है
।शेखर भी उसके पीछे पीछे चला जाता है।

शेखर सुनीता से पूछता है ,सुनीता तुम सच कह रही हो ना तुम ठीक हो।

तब सुनीता शेखर से कहती है हां जी मैं ठीक हूं परेशान होने की बात नहीं है तूम सो जाओ।

शेखर सुनिता की बातो से राहत महसूस करता है ।और वह सो जाता है।

इधर सुनीता आज की घटनाओं के बारे में सोचने लगती है कि मैं कितनी गंदी हो गई हूं मैंने अपने बेटे का लंड* अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा मै कर सकती हूं। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । मुझे आज अपनी पाप छुपाने के लिए शेखर से भी पहली बार झूठ बोलना पड़ा ।हे भगवान मुझे माफ कर दो पता नहीं मैं ना चाहते हुए भी कैसे राजेश के बातों में आ गई। उसका लंड चूसने लगी हे ।भगवान मुझे क्षमा कर दो।

यह सोचते सोचते उसे नींद आ गई ।इसी प्रकार 2 दिन का समय और निकल गया ।इन 2 दिनों में सुनीता ने राजेश को केवल हाथों से ही मुठ मार कर शांत किया। राजेश के बोलने पर भी उसके लंड को नहीं चूसा । राजेश अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस करने लगा ।

आज शेखर अपने बैंक से छुट्टी लेकर घर आ जाता है क्योंकि आज उसे राजेश को लेकर हॉस्पिटल जाना था। शेखर और राजेश दोनों ही तैयार होकर, हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं ,जहां पर राजेश की जांच डॉक्टरों को द्वारा की जाती है ।डॉक्टर पाते हैं कि अब राजेश पूर्ण रूप से ठीक हो चुका है ।

यह बात डॉक्टरों के द्वारा, शेखर को बताया जाता है। शेखर बहुत खुश हो जाता है ।राजेश की हाथों पर लगाई गई पट्टियां भी निकाल दी गई ।डॉक्टरों के द्वारा राजेश को आवश्यक सलाह देकर हॉस्पिटल उसे छुट्टी दे दिया गया ।
दोनों ही अपने घर चले आते हैं।

राजेश ने सुनीता को फोन करके, पहले ही बता दिया था कि डॉक्टर ने कहा है कि अब राजेश बिल्कुल ठीक हो गया है ।सुनीता बहुत ही खुश हो जाती है और वह अपने बेटे का स्वागत करने के लिए थाली पर आरती सजा देती है ।जैसे ही राजेश और शेखर घर में प्रवेश करते हैं। आरती की थाली लेकर सुनीता खड़ी रहती है। और वह अपने बेटे राजेश की आरती उतारने लगती है। मेरे बेटे को किसी की नजर ना लगे और अपने बेटे को राजेश को अपने गले से लगा लेती हैऔर उसके उसके माथे पर किस कर देती है ।

राजेश भी अपनी मां को गले से लगा लेता है ।

इधर शेखर मां बेटे का प्यार देखकर भावुक हो जाता है।
रात के समय राजेश अपनी मां का आने का इंतजार कर रहा होता है ,पर उसकी मां सुनीता उसके कमरे में नहीं आती है क्योंकि उसके कमरे में जाने का कोई कारण भी नहीं था। अब राजेश पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया था। उसे अब हेल्प की जरूरत नहीं थी। राजेश थोड़ा निराश हो जाता है ।इससे अच्छा तो मैं ठीक नहीं हुआ था तो ही अच्छा था। राजेश रात में अपने लंड को अपने ही हाथो से मसलते सोना पड़ता है ।

राजेश सुबह 6:00 बजे उठ जाता है ,राजेश सीधा किचन की ओर चला जाता है ।सुनिता किचन में काम कर रही होती है। वह किचन में जाकर अपनी मां को पीछे से बाहों में ले लेता है और कहता हैं गुड मॉर्निंग मा।
सुनीता थोड़ी चौक से जाती है, और रिप्लाई देतीहै, गुड मॉर्निंग बेटा ।उठ गया ,मेरा बेटा ।तुम्हारी तबीयत कैसी है ।

मैं ठीक हूं मा । राजेश सुनीता से पूछता है मम्मी कल रात मेरे कमरे में क्यों नहीं आई ।

सुनीता कहती है क्याे बेटे कुछ काम था क्या ?

राजेश-नहीं मा ऐसे ही ।

सुनीता-बेटा अब तुम अपना काम स्वयं कर सकते हो इसलिए मैं तुम्हारे कमरे में नहीं आई।

राजेश- ओक मम्मी, मैं जिम के लिए जा रहा हूं ।
सुनीता कहते हैं ठीक है बेटा और राजेश जिम के लिए भी निकल जाता है ।

राजेश जिम से आने के बाद नहा कर तैयार हो जाता है और स्वीटी ,राजेश और शेखर तीनों ही डायनिंग टेबल पर नाश्ता करने के लिए बैठ जाते है आज सुनीता ने राजेश की पसंद का नास्ता बनाई थी िजसे द्खकर राजेश खुश हो जाताहै ।वह अपने मा को अपनी पसंद का नाश्ता बनाने की के लिए धन्यवाद देता है और मां की हाथों को पकड़कर किस कर देता है।

तीनों नाश्ता खत्म कर लेते हैं ,घर के सभी सदस्य बहुत खुश थे कि राजेश आज ठीक हो चुका है और आज युवा कॉलेज भी जाएगा ।

10 बजते ही स्वीटी और राजेश दोनों साथ में कॉलेज के लिए निकल जाते हैं ।कॉलेज पहुंचते ही सभी दोस्त राजेश को देखकर बहुत ही खुश हो जाते हैं कि राजेश ठीक होकर आज कॉलेज आया हुआ है। भगत दोस्तों को कैटिंन में राजेश के ठीक होने पर पार्टी दे डालता है।
राजेश कॉलेज में अपनी सभी क्लास अटेंड करता है। छुट्टी के समय राजेश और भगत दोनो क्लास से जब बाहर निकल रहे होते हैं ,ठीक उसी समय उनकी केमिस्ट्री टीचर मैडम सुमन भी अपने स्टाफ रूम से बाहर ,अपने घर जाने के लिए निकल रही होती है।

वह राजेश को देखकर आवाज लगाती है राजेश एक मिनट इधर आना ।

राजेश सुमन मैडम की आवाज सुनकर उसके पास चला जाता है।

राजेश कहताहैं मैम आपने मुझे बुलाया ,कुछ काम था क्या ?

सुमन कहती है राजेश जब मैने तुम्हारे बारे में सुना था मुझे काफी दुख हुआ । मैं तुम से संपर्क करना चाहती थी पर कर नहीं सकी।

राजेश कहता है मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं मैम।

सुमन कहती है राजेश तुम्हारे पढ़ाई का काफी नुकसान हो गया ।तुम्हारी अनुपस्थिति के दौरान मैंने तीन यूनिट कंप्लीट कर दीए ।अगर तुम्हें इन यूनिटों के किसी टॉपिक पर कोई समस्या हो तो , तुम मेरे घर आ सकते हो ।मैं तुम्हें समझा दूंगी ।

राजेश ने कहा धन्यवाद मैन, मुझे कोई समस्या होगी तो मैं जरूर आपसे संपर्क करूंगा ।

सुमन ने कहा जब तुम मेरे घर आओगे तो मुझे पहले से ही फोन कर जानकारी दे देना ।

राजेश ने कहा ठीक है मैम ।

मैडम सुमन अपने घर के लिए निकल जाती है इधर राजेश भगत के पास जाता है। भगत राजेश से पूछता है मैडम क्या बोल रही थी । राजेश भगत को सारी बातें बता देता है।

भगत राजेश से कहता है यार यह तो तुम्हें बहुत ही अच्छा मौका मिला है मैडम सुमन के करीब जाने का क्या मस्त माल है ,?कॉलेज के सभी लड़के और टीचर उसके करीब आने के लिए तरसते हैं ।मगर किसी को भाव ही नहीं देती। तुम तो लकी हो यार।

राजेश कहता है अबे तुम्हें तो और कुछ सूझता नही अपनी बकवास बंद कर ।

भगत कहता है सॉरी भाई क्या करूं आदत से मजबूर जो हूं ।इधर स्वीटी राजेश के पास पहुंच जाती है भैया चलो घर चलते ।

सीटीआर राजेश दोनों बाइक से अपने घर के लिए निकल जाते है ।

रात के समय राजेश फिर से अपनी मां को मिस करने लगता है उसे याद आने लगता है कि किस प्रकार से
उसकी मा ने उसका लंड * चूसी थी । सोचते ही उसका लंड में तनाव आने लगता है ।राजेश अपने लंड को सहलाने लगता है । पर रात में सुनीता उसके पास नहीं आती वह निराश हो जाता है।

इस तरह से 5दिन और निकल जाता है ।इधर राजेश को अपने मा से मूठ मरवाये 7 दिन हो गए थे। राजेश ने अपने लंड पर मुठ न मारने के कारण उसके टट्टो पर बहुत अधिक मात्रा वीर्य में जमा हो गया था,जो लंड से बाहर आने के लिए बेताब थे।

राजेश अपने मां के हाथों मुठ मरवाकर अपना लंड को शांत करना चाहता था, पर उसकी मां , उसके कमरे में जब नहीं आती है तो व्याकुल हो जाता है क्योंकि आज वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो चुका था उससे रहा नहीं जा रहा था।

राजेश अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है ।

राजेश- मां सो गई क्या?

सुनीता इस समय सोई नहीं थी।वह बेड पर लेटी जरूर थी उसकी नींद नहीं लगीथी ।, क्योंकि वह भी राजेश के साथ जो भी घटना हुई थी। याद कर रही थी। वह सोच रही थी कि वह राजेश के साथ कितना आगे बढ़ गई थी ।अगर राजेश कुछ दिन और ठीक ना हो पाता तब पता नहीं क्या हो अनर्थ हो जाता ।

जब उसे व्हाट्सएप पर मैसेज रिंग सुनाई पड़ती है तो अपने मोबाइल उठा कर देखती है कि किसका मैसेज है। और देखती है कि राजेश ने मैसेज किया है ।

वह शेखर की ओर देखती है इस समय खर्राटे लेकर सो रहा था ।सुनीता व्हाट्सएप पर रिप्लाई देती है।

सुनीता -बेटे तू अभी तक सोया नहीं।

राजेश -नहीं मां नींद नहीं आ रही है ।

सुनीता -बेटा नींद क्यों नहीं आ रही है ।कोई समस्या क्या ।

राजेश- मां मै पिछले 1 सप्ताह से ठीक से सो नहीं पाया हूं।

सुनीता- क्यों क्या हुआ बेटा ?
राजेश- मा हमारे बीच जो भी की घटनाएं घटित हुई मुझे याद आ रही है जिसके कारण मैं बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाता हूं। और मै 7 दिनो से ठीक से सो नहीं ना पा रहा ।मैं क्या करूं ?

सुनीता -बेटा मैं समझ सकती हूं। लेकिन अब तुम ठीक हो चुके हो । जब तुम अधिक उत्तेजित हो जाते होंगे तो अपने हाथों का इस्तेमाल कर लेना ,जिससे तुम्हें राहत मिलेगी ।

राजेश -नहीं मा मैं अपने हाथों से मूठ मारू ईसके लिए मेरा दिल गवाही नहीं देता ।

सुनीता - बेटे अगर तुम अपने हाथों से मूठ नहीं मारना चाहते तब राहत पाने का केवल एक ही तरीका है। तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो, जो तुम्हें उत्तेजना से राहत दे सके।

राजेश -पर मा मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

सुनीता -बेटा तुम स्मार्ट हो, टैलेंटेड हो ,तुम पर तो कई लड़कियां मरती होगी ,उसमे से तुम किसी एक को अपनी गर्लफ्रेंड बना लो ,जो तुम्हें पसंद हो।

राजेश -पर मा गर्लफ्रेंड बनाने में तो समय लगेगा। मुझे अभी बरदास्त से बाहर हो रहा है, मां मेरे लंड* में दर्द कर रहा है ।मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया हूं ।मां तुम कुछ करो मा ।

सुनीता- बेटा अब यह सब ठीक नहीं है मैं तुम्हारी मां हूं हमें हमारे बीच एक मर्यादा है हमें उस मर्यादा को बनाकर रखना होगा। अभी तक जो भी हमारे बीच हुआ है।वह मजबूरी में हुआ ,पर अब जानबूझकर करना पाप होगा।

राजेश- पर मा मैं 7 दिनों से ठीक से सो नहीं पाया हू प्लीज मेरी हेल्प करो ना, कम से कम मेरी कोई गर्लफ्रेंड बनने तक मेरी हेल्प कर दो । मा मेरे लंडमें बहुत दर्द कर रहा है।

सुनीता राजेश की बातों को सुनकर सोचने लगती है राजेश 1 सप्ताह से ठीक से सोया नहीं है इसी तरह से अगर चलता रहा तो उसकी तबीयत फिर से खराब ना हो जाए ।मुझे कुछ करना चाहिए ,लेकिन मुझे अपने आप पर नियंत्रण रखना होगा ।मैं भी बहक जाती हूं और जो चीज ना करना चाहिए वह कर जाती हूं। सुनीता राजेश को व्हाट्सएप मैसेज करती है ।

सुनीता -ठीक है बेटा तुम्हारे रूम में मै आ रही ।एक शर्त है मैं सिर्फ मूठ मारूंगी। तुम्हारी लंड* नहीं चूसूगी ।

राजेश- ठीक है मा तुम केवल मेरा मुठ मार कर राहत दे दो ।

इधर राजेश यह जानकर कि उसकी मां उसकी कमरे में आ रही है और बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो जाता है उसके लंड तनकर और कठोर हो जाता है। इस समय राजेश अपने लंड को अपने लोवर र से बाहर निकाल लिया था । और उसे अपने हाथो से सहला रहा था। उसका लंड हवा में ठुमके लगा रहा था। यह जानकर कि उसकी मां उसी कमरे में आने वाली है ।

राजेश ने अपना कमरे का दरवाजा लॉक नहीं किया था ,। सुनीता दरवाजे को धक्के मार कर , राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।कमरे में घुसते ही उसकी नजर राजेश के लंड पर जाती है ।राजेश इस समय बेड पर लेटा हुआ था ।उसका लंड खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था ।राजेश अपने एक हाथ से लंड सहला रहा था ।सुनीता की नजर राजेश की लंड पर जाती है । सुनिता के शरीर मे सिहरन दैडने लगती है।

राजेश अपनी मां से कहता है देखो ना मा लंड अकड़ गया है। अपने हाथों से इसे हिलाकर कर शांत कर दो।

राजेश अपने बेड से उठ कर खड़ा हो जाता है सुनीता बिना कुछ बोले फर्श पर नीचे बैठ जाती है और एक हाथ से राजेश की लंड को पकड़ कर सहलाने लगती है।

वाह राजेश से कहती है बेटा जल्दी तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो ।अपनी मां से यह सब कराना ठीक नहीं । इससे से पाप होता है ।पहले की बात और थी।

राजेश कहता है ठीक है मा मेरी कॉलेज में जब तक कोई गर्लफ्रेंड न बन जाए ,तब तक तूम मेरी मदद कर देना ।

सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को सहलाने * लगता है और एक हाथ से उसकी टट्टो को ।

राजेश को बहुत आनंद का अनुभव होने लगता है। आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लेता है और अपनी मां के हाथों से मूठ मरवाने का मजा लेने लगता है। धीरे-धीरे राजेश की उत्तेजना और बढ़ने लगती है उसके शरीर का सारा खून उसके लंड की ओर दैडता महसूस हेनो लगता है ।

वह जोश में आने लगा और अपनी मां से कहने लगा मा बहुत ही मजा आ रहा है ।हिलाती रहो ,हिलाती रहो मा।

राजेश जोश मे आकर अपनी मा से कहता है ।मां तुम चूस्ती तो और कितना मजा आता मा।

इधर सुनीता भी गर्म होने गई थी । वह राजेश का लंड को अपने हाथों में महसूस कर उसके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ने लगती है ।

इधर राजेश अपनी मां से कहता है आह बहुत ही मजा आ रहा है मा । थोड़ा सा मुंह में ले लो ना ।

इधर सुनीता कि सासे भी तेज होने लगती है। उसकी चूचियां फूलने और पिचकने लगती है ।उसके चूत से रस बहना शुरू हो जाता है ।

राजेश अपनी मां की आंखों में देखता हुआ कहता है मा प्लीज एक बार मह मे ले लो न बहुत मजा आता है।

राजेश के बार बार कहने पर सुनीता को पता नहीं क्या हो जाता है वह राजेश के लंड * को मुंह में भर लेती है।
और धीरे धीरे लंड को अपनी मुंह में अंदर बाहर करने करने लगती है।

राजेश आनंद के मारे पागल सा होकर आंखें बंद कर आह ,आह ,आह मां बहुत मजा आ रहा है बोलने लगता है और जोश में आकर अपने कमर को हिला कर अपनी मां के मुंह में हल्के हल्के धक्के लगाना शुरु कर देता है ।

राजेश अपनी आंखें खोलता है अपनी मा की ओर देखता है ।सुनीता इस समय लंड चूसने में व्यस्त थी राजेश की नजर उसी चूचियो पर पडता है ।

सुनीता इस समय नाइटी पहनी. हुई थी इसकी चूचियो का काफी है हिस्सा बाहर नजर आ रहा था जिस पर राजेश की नजर चला गया ।

वह अपनी मां की खूबसूरत चूचियो को देखकर और ।अधिक उत्तेजित और जोश में आ गया। उससे रहा न गया । और वह थोड़ा झुक कर अपनी मां की दोनों चूचियो को अपने हाथों से पकड़ कर मजा लेने लगा।

वह अपनी मां से बोला मा तुम्हारी चुचीया बहुत ही सुंदर है।

सुनिता इस समयअपनी आंखों को बंद कर, अपने बेटे के लंड* को चूस रही थी ।जैसी अपने स्तनों पर किसी मरदाना हाथों का एहसास हुआ ,उसकी आंखें खुल जाती है। वह लंड * चूसना बंद कर देती है। उसकी सांसे तेज हो जाती है ।

राजेश के हाथों को ,अपने हाथों से चुराते हुए कहती है। बेटा यह पाप है छोड़ो मुझे ,मेरे स्तनों को मत पकड़ो।

राजेश जोश मे था । वह नहीं मानता और उनकी चुचियों को अपने हाथों में लेकर मसलता रहता है।

सुनीता एहसास होता है कि बहुत ही गलत हो रहा है।राजेश को नही रोकी तो अनर्थ हो जाएगा । वह अपने बेटे के हाथ को छुड़ाते हुए खड़ी हो जाती है और वह राजेश के कमरे से चली जाती है।

राजेश मां को आवाज देत् रह गया मां कहां जा रही हो अभी मेरा शांत हुआ नहीं है ।

सुनीता राजेश की बातों पर ध्यान नहीं देती हो तेजी से और अपने रूम में चली जाती है।

इधर राजेश को कुछ समझ नहीं आता अचानक से मां को क्या हो गया ।वह अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है।
राजेश- मा क्या हुआ अचानक से क्यों चली गई।

सुनीता रिप्लाई देती है।

सुनीता -मां बेटे की के बीच मैं यह सब ठीक नहीं बेटे।

राजेश -मा मुझे नींद नहीं नहीं आएगी ।

सुनीता -बेटा अब मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा तुम कोई गर्लफ्रेंड से कराना ।

राजेश को बहुत ही बुरा लगता है पर वह कर भी क्या सकता था ।वह किसी तरह सोने की कोशिश करता है पर ठीक से सो नहीं पाता ।

इधर सुनिता अपने कमरे में जाकर लेटे हुए सोचने लगती है पता नहीं मैं कैसे बहक जाती हूं और राजेश की बातों में आ जाती हूं। आज मैं राजेश के कैमरे से नहीं आती तो अनर्थ हो जाता है । वह द्रिड निश्चय कर लेती है कि आज के बाद वह राजेश के बहकावे मे कभी नहीं आएगी । वह अपने गलती पर पछताने लगती है। भगवान से क्षमा मांगने लगती है कि वह ना चाहते हुए भी फिर से गलती कर बैठी।

इधर राजेश को रात भर ठीक से नींद नहीं आता है। जैसे खडे लंड पर किसी ने धोखा दे दिया हो ।रात भर ठीक से सो नहीं पाता । वह सुबह जल्दी उठ जाता है वह रात मैं की घटनाओं को याद करत करता है किस प्रकार किया उसकी मां ने रात के समय उसे अधूरा छोड , उसकी बिना मदद किए ही चली गई हैं ।

वह सुबह 6:00 बजे जिम जाने के लिए अपने रूम से बाहर निकलता है ।राजेश को पता था कि इस समय उसकी मां कीचन मे में होगी ।वह किचन की ओर चला जाता है ।

सुनीता इस समय किचन में काम कर रही थी सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी ।राजेश किचन में जाकर अपने मां को काम करते हुए देखता हैऔर पीछे से अपने मां को जाकर जकड़ लेता है। राजेश अपना खडा लंड* को अपनी मां की गांड मैं दबाने लगता है। और अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर अपनी मां की चूचियों को पकड़ मसलने लगता है ।

राजेश अपनी मा से कहता है मा रात में क्यों चली आई मुझे ऐसे ही छोड़कर ,मैं रात भर सो नहीं सका ।

सुनिता राजेश के द्वारा अचानक से ऐसे जकडकर चूची मसलने से वहचौक जाती है ।राजेश को छुड़ाने लगती है ।बेटा छोड़ो कोई देख लेगा तो क्या कहेगा ।दूर हटो मुझसे।
राजेश नहीं मानता और अपनी मां के स्तनों को अपने हाथों में लेकर जोर-जोर से मसलने लगता है ।

सुनीता उसकी हाथों से छूटने के लिए कसमसाने लगती है ।वह राजेश से कहती है बेटा यह गलत है । पाप है।
राजेश नहीं मानता ,उसकी आंखों में हवस जाग चुका था ।

सुनिता किसी तरह राजेश की ओर घूम जाती है ।उसे समझाने लगती है ।बेटा यह गलत है ।

राज्श अपनी मा को सीने से लगा लेता है और उसकी ओठ को चूमने लगता है ।

सुनिता राजेश को अपनी पूरी ताकत से दूर हटा कर उसकी गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा देती है ।राजेश अपने होश में आता है ।वह भौचक रह जाता है।

सुनिता राजेश को गुस्से मे कहती है , नालायक कहीं का तू मर्यादा भूल गया है । मैनै तुम्हें यही संस्कार दिया ।तू हवस मे आकर अपनी ही मां पर चढ़ना चाहता है।

राजेश का जोश ठंडा पड़ गया था वह एक हाथ से अपने गाल पकड़े हुए चूपचाप खडा था ।वह मां के इस रूप को देखकर हैरान था ।वह चुपचाप खड़ा होकर अपनी मां की बातों को सुनने लगा ।

सुनीता ने कहा मैं कभी सोची नहीं थी कि तू स हद तुम गिर सकता हो चले जाओ मेरी आंखों के सामने से ,चले जाओ ।

राजेश अपना मुंह लटका करके घर से निकल जा ता वह अपने बाइक लेकर सीधे जिम चला जाता है ।

वह बाइक चला रहा था पर का ध्यान नही था ।अभी जो घटनाएं घटित हुआ था उसे ही याद कर रहा था।

जीम मे वह एक ही व्यायाम को लगातार किया जा रहा था। उसका ध्यान कहीं और था उसके मन में उथल-पुथल मचा हुआ था।

इधर सुनीता भी राजेश के जाने के बाद अपने आप से कहती है यह मैंने क्या कर दिया ।मैंने अपने बेटे को थप्पड़ मारा ।आज तक कभी मैंने उस पर हाथ नहीं उठाई थी ।यह भगवान यह मुझसे क्या हो गया ।फिर वह सोचती है उसने जो किया ठीक किया उसे रोकने का यही एक तरीका था ।नहीं तो आज न जाने क्या हो जाता ।उसे रोकना बहुत जरूरी था ।

इधर राजेश काफी मंथन करने के बाद एक निर्णय पर पहुंचता है ।वह अपने मन में कहता है। मा ,दर्द तुमने दिया है तो दवा तुम्हे ही करना होगा ।अगर उस दिन तुमने मुझे कामदेवी रूप नहीं दिखाई होती तो आज मेरी यह स्थिति नहीं होती । हां मैं अपनी मर्यादा भूल गया ।तुम्हारी दी हुई संस्कारों को भूल गया हूं । मैं यह नहीं जानता कि क्या पाप क्या पुण्य है ।मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैं तुम्हें पाकर ही रहूंगा ।मैं तुम्हें इतना तड़पाऊंगा कि तुम खुद ही मुझसे चुदने के लिए मेरे रूम में आओगी ।मेरे खड़े लंड पर आकर बैठो गी ।

दोस्तों राजेश किस तरह अपनी मां को तड़पाएगा और उसकी मा उससे चुदने के लिए खुद ही उसके कमरे में कैसे आएगी ।यह जानने के लिए पढ़ते रहिए
,,, यह क्या हो गया,,,
Jaberdast update
 
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Rajesh Bhai, apni mummy Sunita ko bolo ki sirf saree blouse hi pehane hamesha. Saree ke ander peticoat and panty na pehne and blouse ke andar bra na pehne
 

sunoanuj

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Bhaut hi behtarin or kamukta se bharpur updates tha …
 

Ek number

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कौशल्या देवी के मटकती गांड को देखकर ,राजेश का लंड फिर से खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।

इधर कौशिल्या देवी बाथरूम में जाकर नहाने लगी वह अपनी चूत को ,उंगली डालकर अच्छे से साफ कर रही थी ।जब उसने अपनी चूत* की हालत देखी तो से बड़ी शर्म आ रही थी ।

कितना बुरी तरीका से राजेश ने उसे चोदा था और खूब सारा माल उसके बूर में भर दिया था। उसका चुत काफी फैल गया था ।लेकिनउसे राजेश से चुदवाने मे*बहुत ही मजा आया था ।ऐसा सुख उसे आज तक कभी नहीं मिला था। यही सब सोचते हुए वह नहा रही थी ।

इधर राजेश का पहला चुदाई* था ।उसे भी खूब मजा आया था ।कौशल्या देवी को भागने ,उसे जन्नत का आनंद प्राप्त हुआ था ।उस आनंद का एहसास होते ही उसका मन फिर से चुदाॉई करने का होने लगा।

उससे रहा न गया और वह बेड से उठकर बाथरूम की ओर चला गया ।बाथरूम का दरवाजा अभी बंद नहीं था। वह सीधा बाथरूम के अंदर घुस गया।

कौशल्या देवी अपनने विचारों में मग्न होकर नहा रही थी। राजेश पीछे से जाकर उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा ।

इधर कौशिल्या लिया देवी अपनी आंखें खोली, वह थोड़ा घबरा सी गई थी, पर तभी जब उसे पता चला कि राजेश ने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया है तो वह राजेश से कहती है ,बेटा छोड़ो मुझे अभी मुझे नहाना एवं खाना भी बनानी है ।तुमने मेरी चूत* की क्या हालत कर दी है देखो जरा ।

राजेश कहता हैं नहीं मा जी मेरा फिर से चुदाई**** करने का मन कर रहा ।देखो मेरे लंड को कैसे फिर से तुम्हारे चूत में जाने के लिए तड़प रहा है। मैं बिना चोदी नहीं रह सकता और वह कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगता है और अपने लंड* को उसकी गांड में दबाने लगा ।

उसके गर्दन को चूमने और चटनी लगा ।राजेश की इन हरकतों से कौशल्या देवी फिर से गर्म होने लगी। राजेश अपना एक हाथ को कौशल्या देवी के पेट में ले जाकर उसके नाभी कुरेदने सहलाने लगा ।फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए ।अपना हाथ उसकी चूत की ओर ले जाने लगा ।एक हाथ से उसके चूत* को सहलाने लगा। जिससे कौशल्या देवी की उत्तेजना बढ़ने लगी

फिर राजेश एक उंगली से उसके भग्नासा को छेड़ने लगा ।जिससे कौशल्या देवी सिसकने लगी ।कुछ देर ऐसी हरकत करते रहने से कौशल्या देवी फिर से उत्तेजित हो गई ।उसे फिर से चुदाने की इच्छा होने लगी।

इधर राजेश का लंड* कौशिल्या देवी के चूत पर जाने के एहसास से ही झटके पर झटके लगाया जा रहा था। वह बहुत ही कठोर लंबा और मोटा हो गया था।

कौशल्या देवी नल की टोटी को पकड़कर थोड़ा झुक गई ।राजेश कौशल्या देवी के पीछे खड़ा होकर उसके कमर को पकड़ लिया। फिर एक हाथ से अपने लंड* को पकड़ कर उसकी चूत * के पास ले गया।

वह एक हाथ से कौशल्या देवी के बूर * के पहले सहलाया फिर उसके भग्नासा को उंगली से रगड़ा तो देखा कि कौशल्या देवी के बूर से चिपचिपा पदार्थ निकलना शुरू हो गया है ।

राजेश अपना एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी चूत के छेद पर रख कर ।हल्के से दबाया लंड का टोपा कौशिल्या देवी के चूत में घुस गया ।

राजेश फिर से एक धक्का मारा क्योंकि कौशल्या देवी का बूर पहले चुदाई से काफी खूल गया था ।अत: धक्का लगते ही राजेश का लंड सर सराता हुआ कौशल्या देवी के चूत में आधा घुस गया।

राजेश कौशल्या देवी के कि चूचियों को अपने दोनों हाथों में लेकर फिर से दबाने लगा और अपने कमर को हल्के हल्के हिलाते हुए अपने लंड को कौशल्या देवी की चूत * के अंदर बाहर करने लगा ।

धीरे-धीरे राजेश का लंड कौशल्या देवी के पूदी में पूरी तरह अपनी अपनी जगह बना लिया ।अब राजेश अपना स्पीड बढ़ाने लगा ।राजेश का लंड, अब कौशल्या देवी के बूर में गच ,गच फचफच की आवाज करता हुआ। आने जाने लगा ।

कौशिल्या देवी एक बार फिर से आनंद के मारे अपने मूह से सिसकारी निकलना शुरू कर दी।

इधर राजेश को भी कौशिल्या देवि का फिर से चूत ** मारने में बहुत मजा आने लगा है।

वह जोर-जोर से उसकी चूत * को मारने लगा ,जिससे लंड का टोपा कौशल्या देवी के बच्चेदानी को ठोकने लगा ,जिससे कौशल्या देवी के शरीर में तरंग पैदा होने लगी और वह आनंद के मारे चिखने और सिसकने लगी ।

पूरे बाथरूम में गच गच और फच फच की आवाज के साथ-साथ कौशल्या देवी के सिसकने की भी आवाज गूंजने लगी ।साथी ही लंड* के टट्टे कौशल्या देवी के कुल,हे से टकराने के कारण थप थप की आवाज भी गूंज रही थी ।

कौशल्या देवी को पीछे से चोदने में राजेश को एक बार फिर से बहुत ही मजा आने लगा है ।तेजी से लंड* को कौसिल्या देवी की चूत * में अंदर-बाहर करने लगा।

लमड गपागप चूत के अंदर बाहर हो रहा था ।इसी तरह चुदवाने *** से काौशिल्या देवी आनंद के मारे अपना सुध बुध खो बैठी।और वह झड़ने लगी। झड़ते समय उसके पर कप कपाने चूत फूलने पिचकने लगा ।

इधर राजेश को जब पता चला कि वो झड़ गई है ,तो वह चुदाइ*** बंद कर दिया इधर कौशल्या देवी सिसकते हुए झरने का आनंद ले रही थी।

इस समय उसकीआंखें बंद थी ।कुछ देर ऐसे ही राजेश खड़ा रहा फिर वह कौशल्या देवी को जकड़ कर लैट्रिन सीट पर जाकर बैठ गया ।और अपने लंड पर कौशल्या देवी को बिठा लिया ।

वह कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठाकर दोनों हाथों से उसकी चूची को फिर से मसलने लगा उसके पेट को सहलाने ,उसके गर्दन को चूमने चाटने लगा। उसके होठों को चूमने लगा।

अपना एक हाथ सामने ले जाकर उसकी चूत* को सहलाने लगा उसकी भग्नासा को रगड़ने लगा ।

कौशल्या देवी फिर से एक बार सिसकने लगी। कौशल्या देवी को फिर से चुदने की इच्छा होने लगी। वह अपने कमर को ऊपर नीचे करते हुए राजेश के लंड* को धीरे-धीरे अपनी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दी ।

राजेश भी कौशिल्या देवी के कमर को पकड़कर अपने लंड पर उसके कूल्हे को पटकना शुरू कर दिया ।ऐसा करने से लंड का बूर में गपा गप अंदर बाहर आना-जाना शुरू हे गया ।दोनों को ही बहुत ही मजा आने लगा ।

राजेश को लंड बहुत ही मोटा होने के कारण वह चुत के अंदर पूरे हिस्से को अच्छी तरह से रगड़ रहा था ।चुत क् भग्नासा लंड से रगड़ खाने के कारण ,कौशल्या देवी को बहुत ही मजा आने लगा ,जिससे उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगी ।

इधर राजेश को भी इस आसन में चूदाई करने से एक नया आनंद मिल रहा था ।वह भी जोश में आकर कौशल्या देवी के कमरर को पकड़ कर उसके कूल्हे को अपने लंड पर पटक पटक कर जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया ।जिससे लंड काै शिल्या देवी के चूत मे गहराई के अंतिम छोर बच्चेदानी के मुख पर जाकर ठोकर मारने लगा ।जिससे कौशल्या देवी को दोगुना मजा मिलने लेगा ।

उसकी आंखें बंद हो गई। उसके मुख से सिसकारी के साथ बीच-बीच में और कराहने और चीखने की आवाजें भी निकालने लगी।

इधर राजेश भी आनंद के मारे स्वर्ग में चला गया ।उसे जन्नत का मजा आने लगा ।वह भी तेज गति से चूदाई करने लगा ।दोनों ही अपना सुध बुध खो बैठे थे ।

अपना सुध बुध खो कर चूदाई*** का मजा ले रहे थे।

लंड कौशल्या देवी के चूत * में फच फच , गच गच की आवाज करता हुआ ।अंदर बाहर आ जा रहा था ।

राजेश का लंड कौशल्या देवी के चूत* के रस से पूरी तरह भीग चुका था ।बूर रस अमड कोश से बहता हुआ लैट्रिन सीट पर टपकने लगा ।

कौशल्या देवी से बर्दाश्त करना अब मुश्किल हो गया। अपने पैरों को सिकुड़ने लगी ,अपने दांतो से अपने होंठ को चबीने लगी ।उसकी आंखों की पुतलियां पलट गई। और वो झड़ने लगी ।

झड़ते समय उसकी योनि द्वार टाइट हो गया। उसके बर फूलने पिचकने लगी। जिससे राजेश को पता चल गया कि कौशल्या देवी फिर से झड़ गई है।

पर राजेश बहुत ही जोश में था और रुकना नहीं चाहता था ।कौशल्या देवी लंड पर उछलना बंद कर थी,जिससे राजेश को मजा नहीं मिल पा रहा था।

अतः वह लेटरीन सूट से से खड़ा हो गया और कौशल्या देवी को घुमाकर लैट्रिन सूट की ओर झुका दिया।

कौशिल्या देवी अपने दोनों हाथों से लैट्रिन सीट को पकड़ लिया। इस समय राजेश का लंड बूर के अंदर ही था।

राजेश कैशिलेया देवी के कमर पकडंकर लंड को जोर जोर से चूत मे मारना शुरू कर दिया ,क्योंकि देवी अभी झड़ चुकी थी अत:उसे राजेश के द्वारा चूदाई*** करने से ,उसके चूत में दर्द होने लगा ।

वह राजेश को रूकने के लिए बोली ,बेटा रुक जा दर्द कर रहा है ।पर राजेश इस समय बहुत ही जोश में था। वह तेजी से चूदाई** करना जारी रखा ।

लंड फच फच , गच गच की आवाज करता हुआ कौशल्या देवी के बूर में गपा गप अंदर बाहर हो रहा था। राजेश लगातार तेज झटके कौशल्या देवी के चूत पर लगारहा था।

राजेश के लंड के टट्टे कौशल्या देवी के कूल्हे पर टकराने से बाथरूम में फिर से एक बार थप थप की आवाज गूंजने लगा।

राजेश की लगातार चूदाई* करने से एक बार फिर से कौशल्या देवी गर्म हो गई और वह भी उत्तेजित हो गई। राजेश का लमड उसके बच्चेदानी से टकराने से फिर से कौशल्या देवी सिसकने लगी उस् फिर से चूदवाने **मे मजा आने लगा ।

वह भी अपनी कमर को हिला हिला कर राजेश का चूदाई * करने में साथ देने लगी ।

इधर राजेश से को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया और वह भी एक जोरदार शॉट लगाते हुए अपने लंड को कौशल्या देवी के कुल्हे से जोर से सटा लिया और अपने लमड से वीर्य की जोर-जोर से पिचकारी मारने लगा, जो कौशल्या देवी के बच्चेदानी पर गिरने लगा ।गर्म वीर्य का अहसास पाकर कौशल्या देवी फिर से एक बार झड़ गई ।

दोनों कुछ ही देर तक ऐसे ही खड़े रहे। कूछ देर बाद राजेश का लंड कुछ ढीला हुआ। वह अपने लंड * को खींचकर बाहर निकाला।

कौशल्या देवी अपने चूत की ओर को देखा ,उसका बूरी तरह से चोदने से काफी फैल गई थी ,जैसे कोई औरत बच्चे को को जन्म देने से उसका योनि द्वारा फैल हो जाताीहै ।

उसकी चूत सूज गयी थी। उसमे दर्द कर रहा था।

कौशल्या देवी राजेश से कहा बेटा अब जल्दी नहा लेते हैं फिर मै खाना बनाऊंगी लेट हे रही है ।तुम नहा कर आराम करना ।

बाथरूम में दोनो एक साथ नहाने लगे। ना कर राजेश ऊपर भगत के कमरे मे चला गया और वह आराम करने लगा।

इधर कौशल्या देवी राजेश जैसे स्मार्ट लड़के से चुद कर बहुत ही खुश थी ।वह अपने को भाग्यशाली समझ रही थी। वह खुश थी कि इस उम्र में इतने स्मार्ट लड़के से संभोग का सुख प्राप्त हुआ । ऐसा सुख उसे अभी तक कभी नहीं मिला था ।वह राजेश की दीवानी हो गई थी ।

राजेश को आकर्षित करने के लिए नहा लेने के बाद नए कपड़े पहन कर सजने सवरने लगी। खुद को आईने में देखकर उसे शर्म आने लगी कि आज भी वह इस उम्र में भी कितनी जवान लगती है ,फिर वह खाना बनाने कीचन मे चली जाती है , जा कर खाना बनाने लगी

घर में खाना बनाने लगी ,खाना बनाते हुए वह सोच रही थी कि राजेश कितना जल्दी सब सीख गया ,कितना जोश है उसमे । उसका लंड कितना बड़ा और मोटा तथा खूबसूरत है। चुत के हर हिस्से को रगड़ता है और बच्चे दानी चोट करने से कितना आनंद देता है। आज तक मुझे चुदवाने**मे ऐसा मजा कभी नहीं आया ।वह राजेश की दीवानी हो गई ।

उधर राजेश भी सोए हुए सोचने लगा की चोदने* में कितना मजा आता है। आज तक मै इस सुख से वंचित था , परअब मैं रोज ही चुदाई का मजा लूंगा और औरत का सुख भाेगूंगा ।

दो बार की दमदार चुदाई* से राजेश भी थोडा थकावट महसूस करने लगा और उसे बहुत जल्दी नींद आ गई।

कौशल्या देवी ने खाना बना ली और नौकर को फोन लगा कर टिफिन ले ले जाने के लिए बुला ली। नौकर घर आया और टिफिन लेकर चला गया ।

कौशल्या देवी उपर के रूम में गई और राजेश से बोली बेटा चलो खाना खा लो ।राजेश सोया हुआ था वह नींद से जागा ।वह कौशल्या देवी को देखता रह गया वह इस वक्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ।

राजेश कौशल्या देवी को खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और कौशल्या देवी से बोला । मा जी इस साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही हो और वह कौशल्या देवी की चूची को दोनों हाथों से मसलने लगा। मां जी चलो न एक बार फिर से चुदाई करते हैा

कौशल्या देवी ने कहा ,बेटा छोड़ो मुझे। मेरी चूत* की क्या हालत कर दी है। चूत सूज गई है । चूत में दर्द हो रहा है ।

वह राजेश से बोली चलो बेटा खाना खा लो । खाना ठंडा हो जाएगा।

फिर दोनो साथ नीचे चले आये ।जब किचन में कौशल्या देवी खाना निकाल रही थी । राजेश से रहा ना जा रहा था ।राजेश किचन में गया। अतः वह किचन में जाकर उसे पीछे से बाहों में लेकर ,जकड़ लिया।

कौशल्या देवी बोली बेटा पहले खाना तो खा लो और अभी और नही चूद पाऊंगी । मेरी चूत में दर्द हो रहा है मैं ठीक से चल भी नहीं पा पा रही हूं ।

इसे पहले ठीक होने दो उसके बाद जब मन करे चोद लेना । मैं मना नहीं करूंगी ।तुम्हें जब इच्छा हो , घर आ जाना। राजेश बोला मा जी मुझे अभी करने की इच्छा हो रही है। करने दो ना और वह उसकी चूची को मसलने लगा।

कौशल्या देवी ने कहा नहीं बेटा मेरा चूत सूज गया है वह दर्द भी कर रहा है तुम मेरा कहना मानो ।इस तरह जिद न करो । अपने पर नियंत्रण रखो। औरतों की परेशानियां और समस्या को भी इतने में समझना होगा तभी औरतों को तुम्हारे लिए प्रेम जागेगा ।

राजेश ने कहा ठीक है मा जी आपने सही कहा मुझे अपने पर नियंत्रण रखना होगा और दोनों खाना खाने लगे ।इस समय राजेश केवल टावेल लपे टा हुआ था। उसके कपड़े सूख रहे थे।

कौशिलेया देवी ने खाना खाने के बाद कहा बेटा तुम्हारे कपड़े सूख चुके होंगे मैं उसे प्रेस कर देती हूं ।फिर उसे तुम पहन लेना ।चार भी बजने वाला है ।

भगत भी अब आता ही होगा ।राजेश ने कहा ठीक है मा जी अब मुझे भी निकलना होगा क्योंकि कॉलेज की छुट्टी का समय 4:00 का ही है। आप मेरे कपडे जल्दी से प्रेस कर दीजिए।

।राजेश का लंड* कौशल्या देवी को पास में पाकर अभी भी खड़ा हुआ था ।उसकी टावेल काफी ऊपर उठा हुआ था जिस पर कौशल्या देवी की नजर पड़ी कौशल्या देवी ने कहा बेटा तुम्हारा तो अभी तक खडा है ।

राजेश ने कहा हां माजी तुम इस ड्रेस में बहुत ही खूबसूरत लग रही हो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा में मुझे माफ करना मैं अभी चूद नही पाउंगी । मेै इसे चूस कर शांत कर देती हूं। चलो मेरे बेडरूम में जाओ मैं बर्तन धो कर आती हूं।

राजेश बेडरूम में जाकर इंतजार करने लगा । वह फिर काफी उत्तेजित हो गया था। की फिर से कौशिल्या देवी उसके लंड को चूसने वाली है ।

कौशल्या देवी कुछ समय के बाद राजेश बेडरूम में आई राजेश बेडरूम में लेटा हुआ था ।उसका लैंड सीधा खड़ा होकर ।हवा में लहरा रहा था।

कौशिल्या देवी बेड के उपर चड कर राजेश के कमर के पास जाकर बैठ गई और झूक कर एक हाथ से राजेश के लंड को पकडकर अपने मूह मे ले ली और राजेश के लंड* को चूसने लगी।

राजेश कैशिल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का आनंद लेने लगा ।कौशल्या देवी राजेश के लंड को अपने मुंह गपा गप ,अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी।

इधर राजेश आंखें बंद कर मजा लेने लगा। अपने मुख से आवाज निकालने लगा ।मां जी आप बहुत ही अच्छा चूसती हो, बहुत ही मजा आ रहा है ।आह ,आह और तेज चूसो।

राजेश अपने चरम अवस्था की ओर बढ़ने लगा और कुछ ही समय के बाद राजेश से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया और वह कौशल्या देवी के मुख् में ही झडने लगा ।

कौशल्या देवी वीर्य को अपने मुंह में भर ली।सारा वीर्य अपने मुंह मे भर लेने के बाद ,राजेश के वीर्य को निगल गई। उसे वीर्य का स्वाद कुछ मीठा और कुछ नमकीन लगा ।इसके पहले कौशल्या देवी ने किसी के वीर्य को नहीं पिया था।

वह राजेश कि वह दीवानी हो गई थी राजेश के लिए उसके मन मैं प्रेम उमडने लगा अतः वह उसके वीर्य को बाहर फेंकना उचित नहीं लगा और वह उसे पी गई।

एक प्रकार से वह राजेश के लिए समर्पित भावना उसके मन में जागृत हो गई थी। राजेश को उसे लंड का पानी पीता हुआ देखकर ।आश्चर्य हुआ उसने कौशल्या देवी से पूछा माझी ।आप लंड का पानी पी गई ।

कौशल्या देवी ने कहा पता नहीं बेटा मुझे इसे उगलने का मन नहीं हुआ और मैं और मैं तुम्हारे वीर्य को निगल ली। तुम्हारा वीर्य का स्वाद बहुत ही अच्छा लगा।

राजेश मुस्कुराने लगा जिसे देख कर कौशिल्या देवी को शर्म आने लगी।

कौशल्या देवी राजेश के कपड़े को प्रेस कर दी ।राजेश अपना कपड़ा पहन कर तैयार हो गया। तभी राजेश को स्वीटी का फोन आया ।भैया तुम कहां हो स्वीटी ने राजेश ने कहा ।

राजेश-स्वीटी तुम अपनी सहेली के साथ घर चली जाओ ।मुझे कुछ काम है ,थोड़ा लेट हो जाऊंगा।

स्वीटी ने कहा ठीक है भैया ।

कुछ समय के बाद भगत भी आ गया ।भगत ने देखा कि राजेश का गुस्सा शांत हो गया है । वह खुश लग रहा है।

उसने राजेश से कहा भाई अब तुम कैसे हो ।

राजेश ने कहा मां जी के प्यार ने मेरा गुस्सा शांत कर दिया ।

भगत ने कहा मुझे यकीन था मा जी तुम्हारा गुस्सा को शांत कर देगी ।

राजेश ने कहा ठीक है यार अब मैं निकलता हूं ।काफी समय हो गया है।

भगत ने कहा ठीक है भाई ।

कौशल्या देवी ने राजेश से जाते हुए कहा बेटा घर में आते जाते रहना अपने मा जी को भूल मत जाना। राजेश मुस्कुराने लगे और मुस्कुरा कर कहा नही मा जी अब आप जब बुलाएंगे मै आ जाऊंगा । अभी तो अभी तो बहुत कुछ सीखना है आपसे और वे दोनों मुस्कुराने लगे ।
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दोस्तों कहानी को अब आगे बढ़ाते हैं

जिम से राजेश घर आ जाता है। घर आने के बाद वह नहा कर। कॉलेज जाने की तैयारी में लग जाता है।

इधर सेखर और स्वीटी दोनों नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाते हैं, परंतु राजेश डाइनिंग टेबल पर नहीं पहुंचता।

शेखर राजेश को आवाज लगाता है।पर राजेश कोई जवाब नहीं देता,। तब शेखर उसके कमरे में जाकर राजेश को आवाज लगाता हैं ।

राजेश अपने पिताजी से कहता है ।पापा आज मेरा पेट कुछ ठीक नहीं है आज मैं नाश्ता नहीं करूंगा।

शेखर राजेश से कहता हैं थोड़ा सा कर ले बेटा,पर राजेश मना कर देता। राजेश यह बात सुनीता को जाकर बताता है ।सुनीता आज राजेश की तबीयत ठीक नहीं है, वह नाश्ता नहीं करना चाहता ।

सुनीता समझ जाती है कि राजेश नाश्ता क्यों नहीं करना चाहता , सुनीता शेखर से कहती है ठीक है जी तुम लोग नाश्ता कर लो जब उसका तबीयत ठीक होगा तो वह नाश्ता कर लेगा या कॉलेज के कैटीन मे नाश्ता कर लेगा ।

शेखर -एक बार जाकर देख लो की राजेश की तबीयत कैसी है ,क्यों नाश्ता नहीं करना चाहता।

सुनीता कहती है मैं बाद में पूछ लूंगी तुम लोग नाश्ता कर लो ।

शेखर को कुछ अजीब सा लगा पहले सुनिता तो ऐसे नही करती थी ।

10:00 बजने के बाद राजेश कालेज जाने के लिए तैयार हो जाता है और वह अपनी मां से बिना कुछ बोले ही कालेज के लिए निकल जाता है ।स्वीटू भी उसके साथ चली जाती है ।

इधर सुनीता अपने किचन में राजेश का कॉलेज जाने ने का इंतजार कर रही थी कि वह कुछ बोलेगा लेकिन राजेश सुनिता से कुछ बोलता नही , सुनीता को थोड़ा बुरा लगता है ।वह में सोचती है कि अभी राजेश नाराज होगा । कुछ दिन बाद सब ठीक हो जाएगा ।

उधर कॉलेज जाने के बाद राजेश कॉलेज की कैटिंन मे बैठा था साथ में भगत और उसके अन्य साथी भी बैठे थे।

भगत राजेश से कहता है भाई आज कुछ बोल नहीं रहा है ।गुमशुम सा हो कुछ बात है क्या ?क्लास का समय हो रहा है आज क्लास अटेंड नहीं करनी है क्या?

राजेश कहता है नहीं यार आज क्लास अटेंड करने का मन नहीं है तुम लोग जाओ क्लास अटेंड करना है।

भगत कहता ह भाई कुछ प्रॉब्लम है क्या ?बताओ मुझे।

राजेश कहता है कुछ नहीं यार, बस ऐसे हीा बस आज मन थोडा ठीक नही ।

तभी भगत को किसी का काल आता है किसी लड़के का काल था। लड़के ने भगत को बताया कि भाई जिन लड़कों ने राजेश भाई पर हमला किया था ।वे लड़के लोग पूल के नीचे पार्टी कर रहे है ।

यह बात भगत ने राजेश को बताता है ।राजेश इस समय गुस्से में था। उसका गुस्सा और बढ़ जाता है।

राजेश अपने मन में कहता हैं इन भोसड़ी वालों को मैं नहीं छोडूंगा इन साले के कारण आज मेरी ये हालत हुई है ।और वे साले मजे कर रहे है ।

वह भगत से कहता है इन सालों को आज मैं छोडूंगा नहीं और वह अपना बाईक लेके निकल पड़ता है । भगत कहता है रूको भाई हम भी आते है ।

भगत अपने साथियो से कहता है।चलो रे भाई के साथ।

वे सभी राजेश के पीछे पीछे अपने बाइक लेकर जाने लगते हैं।

राजेश पुल के नीचे पहुंच जाता है सभी लोग गाड़ी खड़ा करके रूके थे ।राजेश लड़कों की तरफ आगे बढ़ता है ।भगत राजेश से कहता हैं भाई तुम यहीं रुको उन सालों को हम लोग सबक सिखा कर आते हैं।

राजेश कहता हैं नहीं तुम लोग यहीं रुको इन सालों को अकेले ही सबक सिखाऊंगा, पर भगत राजेश से कहता हैं भाई मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं। लड़के लोग को वहीं ठहरने के लिए कह देता है। पर राजेश कहता हैं नहीं तुम भी यही ठहरो ।मैं अकेले ही जाऊंगा ।

राजेश अकेले ही उन लड़कों की तरफ चला जाता हैं।

एक लड़का ,राजेश को आते हुए देखता है और कहता है ।भीमा भाई यह तो वही लडका है जिसका हमने पिटाई किया था। हमारे तरफ ही आ रहा है ।

भीमा उन लड़कों के लीडर का नाम था, भीमा कहता है लगता है । लगता है साला फिर मार खाने आया
है।

जब राजेश लड़कों के पास जाकर खड़ा हो जाता है तब भीमा कहता है क्यों बे लल्लू और मार खाने के लिए चला आया ।

राजेश करता है बहनचोदो , लल्लू नहीं तेरा बाप आया है। तुम लोग को सबक सिखाने।

राजेश पर उन लड़कों को बहुत गुस्सा आता है एक लड़का गुस्से में आकर राजेश के पास जाकर अपने मुक्क से हमला कर देते हैं।

राजेश लड़के कि प्रहार को अपने एक हाथ से रोक देता है और दूसरे हाथ से जोर का मू क्का उसके पेट पर लगाता है ।वह लड़का हवा में उछलता हुआ, अपने साथी लड़कों के पास जाकर गिरता है।

उसकी हालत देखकर दो लड़के राजेश की ओर दौड़ते हैं ।दोनों लड़के राजेश पर मुक्के से हमला करते हैं।

राजेश दोनों लड़कों के प्रहार को हाथ से रोक लेता है। राजेश एक लड़के के पेट पर लात से और एक लड़के की गाल पर पर मुक्के से प्रहार कर देता है ।राजेश के प्रहार से दोनों लड़के हवा में उछलकर दूर जा कर गिर जाते हैं।

शेष लड़के राजेश पर एक साथ टूट पड़ते हैं। राजेश उन सभी लड़कों पर भारी पड़ता है।

राजेश उन लडके को बुरी तरह से पिटने लगता है सभी लड़की जमीन पर पड़े करा ने लगते हैं ।एक लड़का कहता हैं ।यह साला जानवर बन गया है ।हम लोगो को छोड़ेगा नहीं भाई हमें भाग कर अपनी जान बचाना पड़ेगा ।

भीमा को अपने साथियों की हालत देखकर कुछ घबराहट होने लगता है । वह भी राजेश पर हमला कर देते हैं। राजेश भीमा के प्रहार को रोक कर उसे बुरी तरह लात घुसा से पिटने लगता है ।

राजेश के रौद्र रूप को देखकर सभी लड़के अपनी जान बचा कर भाग जाते हैं ।इधर भीमा अकेला पड़ गया ।राजेश उसे बुरी तरीके से लात घुसाे से पीटता है भीमा की हालत खराब होने लगता है वह भगत से माफी मांगने लगता है । पर राजेश रूकता नही ।

तभी भगत को लगता है कि अगर वह राजेश को नही रोकेगा तो अनर्थ हो जाएगा। वह तेजी से राजेश को रोकने उसके पास जाता है। राजेश से कहता हैं भाई उइसे छोड़ दो नही ते ये मर जाएगा ।मर जाने दे साले को ,राजेश भीमा को बूरी तरह पिटाई करता रहता है।

भगत राजेश को पकड़ लेता है ।वह राजेश से कहता है ।भाई उसको छोड़ो नहीं तो मर जाएगा।

राजेश कहता है भगत छोरा मुझे साले को आज छोडूंगा नहीं। तभी भगत के अन्य साथी भी आ जाते है राजेश को पकड़ लेते वे राजेश से कहते है , भैया छोडो इसे, जाने दो नहीं ये तो मर जाएगा ।

सभी लड़के जब राजेश को पकड़ लेते हैं ,तब भीमा भी अपनी जान बचाकर किसी तरह कराहते हुए लंगड़ाते हुए भागने लगता है ।

इधर भगत कहता है भैया यह साले बचकर जाएंगे कहां इन सालों को पुलिस वाले भी कुत्ते की तरह ढूंढ रहे हैं।

राजेश गुस्से में था वह बाइक चलाने की स्थिति में नहीं था ।भगत राजेश इसे कहता हैं। भाई अभी तुम बहुत गुस्से में हो ,तुम गाड़ी चलाने की हालात में नहीं हेो।

भगत अपने साथी लड़का से कहता हैं अरे पप्पू गाड़ी चला लड़का गाड़ी स्टार्ट करता हैं । भगत ,राजेश को गाड़ी पर बैठने के लिए कहता है ।राजेश गाड़ी पर बैठ जाता। भगत जी उसके पीछे बैठ जाता है पप्पू भगत से कहता चलना कहां है भैया। राजेश बीच बीच मे बडबडाता रहता है शालो को छोडूंगा नही ।

भगत कहता हैं अब ऐसी हालत में कॉलेज जाना ठीक नहीं है। गाड़ी मेरे किराये के घर की ओर ले चल।

पप्पू कहता है ठीक है भैया।

राजेश का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। भगत और पप्पू के बीच क्या बातचीत हो रही है ।उस पर उसका ध्यान ही नहीं था ।त भी तीनों बाइक में भगत जहां किराए पर रहता था वहां पहुंच जाते हैं ।मकान कालेज के पास ही थ ।

साथी लड़के भी बाइक लेकर पीछे पीछे पहुंच जाते ,भगत उन्हे आवश्यक सलाह देकर उन लड़कों को कॉलेज के लिए भेज देते हैं।

लड़के अपनी बाइक लेकर कालेज चले जाते हैं

राजेश भगत से कहता हैं अबे तू मुझे यहां क्यों ले आया ।

भगत कहता है भाई तेरा मन ठीक नहीं है आज तुम मेरे रेंट के घर में आराम करना और जब मूड ठीक हो जाये तब घर जाना ।

घर के मेन दरवाजा अंदर से बंद था भगत दरवाजा खटखटाता है।

कौशल्या देवी दरवाजा खोलती है अरे बेटा तुम कॉलेज से आज जल्दी घर आ गए ।

भगत कौशल्या देवी से कहा मा जी आज कालेज में मन नहीं लगा तो घर आ गए। मां जी इसे पहचाना।

कौशल्या देवी राजेश को गौर से देखने लगती है ।अरे यह तो राजेश है न जिसने तुम्हारे अंकल को रक्त देकर मदद किया था।

हां मा जी आपने बिल्कुल सही पहचाना यह मेरा दोस्त राजेश है ।

कौशल्या देवी राजेश से पूछती है ।कैसे हो बेटे?

पर राजेश कोई जवाब नहीं देता।

भगत कौशल्या देवी से कहता है ।मा जी अभी राजेश भाई का मुंड ठीक नहीं है इसलिए मैं इसे अपने यहां ले आया ।

कौशल्या देवी पूछती है क्या हुआ बेटे राजेश को ।

भगत कहता हैं मैं बाद में बताऊंगा ।मां जी।

भगत राजेश को लेकर ऊपर अपने रूम में ले जाता ह। कौशल्या देवी जानना चाहती थी कि आखिर राजेश को हुआ क्या है ?

इधर घर में राजेश की मां सुनीता जब नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठती है ।और जैसे ही वह नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में ले जाने को होती है। वह स सोचने लगती है पता नहीं राजेश कुछ खाया होगा कि नहीं । आज की घटनाओ से उसका भी मन कुछ अच्छा नहीं लग रहा था ।उसे भी खाने का मन नहीं किया।वह नाश्ता को किचन में रख देती है ।

इधर राजेश और भगत बेड पर लेटे हुए थे ।राजेश अपनी सोच में डूबा हुआ था। तभी भगत सिगरेट जलाने लगता है। वह कभी कभार सिगरेट भी पीता था। राजेश की नजर उस पर पड़ता है वह सिगरेट को खींच कर भगत के मुंह से हटाकर अपने मुंह में दबा लेता है ।

भगत को आश्चर्य होता है । वह कहता है भाई यह क्या कर रहे हो ।

राजेश ने कहां हा मुझे भी सिगरेट पीना है , अब मैं वह हर काम करूंगा जो अभी तक नहीं किया है। अब मैं भी हूं गर्लफ्रेंड बनाऊंगा आप उसके साथ वेो सब करूंगा जो तू करने कहता था ।

भगत कहता हैं भाई कोई बात है क्या ? तुम बताते क्यों नहीं ? वह सोचता राजेश भाई मे इतना बदलाव कैसे आ गया ।

राजेश कहता हैं हां मैं बदल गया हूं अब मै वह सब करूंगा जो अभी तक नहीं किया था ।अबे तू सिगरेट जलायेगा या देखता रहेगा।

भगत कहते हैं जलाता हू भाई। भगत सिगरेट जलाता है ।

राजेश सिगरेट पीने लगता है। लेकिन उसका पहली बार था ।इसलिए वह खासने लगता है ।

भगत कहता है भाई आराम से , धीरे-धीरे पीना सीख जाओगे। मैं सिखा दूंगा ।

सिगरेट पीने के बाद राजेश फिर उन लड़कों के बारे में सोचने लगता हैं उन लड़कों की लड़कों के कारण मेरा यह हाल हुआ है मैं उन सालों को को छोडूंगा नहीं। उसे फिर गुस्सा आने लगते हैं। वह भगत से फिर सिगरेट मांगने लगता है, पर भगत सिगरेट नहीं देता। भाई अभी तुम्हारा मूड ठीक नहीं है तुम आराम कर लो ।ज्यादा सिगरेट पीना ठीक नही ।

भगत राजेश से कहता है भाई तूम आराम कराे मै थोडा नीचे से आता हू।


भगत नीचे चला जाता हैा कौशल्या देवी इस समय नीचे घर का काम कर रही थी ।

भगत को देखकर कौशल्या देवी पूछती है बेटा राजेश को क्या हुआ ।भगत कौशल्या देवी के पूरी बातें बता देता है।

भगत कौशल्या देवी से कहता मां जी राजेश का मुड ठीक नहीं है ।वह बहुत गुस्से में है, पर तुम उसकी मदद कर सकती हो ,जिससे उसका गुस्सा शांत हो जाएगा। उसका मूड ठीक हो जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से कहती हैं । बेटे मै कैसे मदद कर सकती हूं ।
भगत कहता हूं मा जी ऐसे समय में यदि मर्द को औरत का प्यार मिल जाता है तो उसका मूड भी ठीक हो जाता है और गुस्सा भी शांत हो जाता है । राजेश ने बुरे समय में रक्त देकर रक्त तुम्हारी मदद किया था। आज उसे औरत का प्यार देकर तूम राजेश भाई की मदद कर सकती हो।

कौशल्या देवी सोच में पड़ जाती है वह क्या जवाब दे। अंत में वह अपन् मन मे कहती है है कि उसे राजेश की मदद करनी चाहिए क्योंकि उसने भी बुरे समय में उसकी मदद की थी।

कौशल्या भगत से कहती है ठीक है बेटा मैं कोशिश करूंगी ।पर मैं यह सब तुम्हारे सामने नहीं कर पाऊंगी

भगत कहता है , ठीक है मा जी मै राजेश से बहाना बना कर कॉलेज चला जाऊंगा, ताकि तुम्हें राजेश की मदद करने में कोई दिक्कत ना हो ।कौशल्या देवी कहती है ठीक है बेटा।
Behtrin update
राजेश ने सारे लडको की जोरदार पिटाई कर दी लगता है वापिस राजेश से पंगा नहीं लेंगे वही भगत ने उसका गुस्सा शांत करने के लिए गर्दायी चूत का इंतजाम कर दिया है देखते हैं आगे क्या होता है
 
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Sanju@

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दोस्तों कहानी को अब आगे बढ़ाते हैं

जिम से राजेश घर आ जाता है। घर आने के बाद वह नहा कर। कॉलेज जाने की तैयारी में लग जाता है।

इधर सेखर और स्वीटी दोनों नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ जाते हैं, परंतु राजेश डाइनिंग टेबल पर नहीं पहुंचता।

शेखर राजेश को आवाज लगाता है।पर राजेश कोई जवाब नहीं देता,। तब शेखर उसके कमरे में जाकर राजेश को आवाज लगाता हैं ।

राजेश अपने पिताजी से कहता है ।पापा आज मेरा पेट कुछ ठीक नहीं है आज मैं नाश्ता नहीं करूंगा।

शेखर राजेश से कहता हैं थोड़ा सा कर ले बेटा,पर राजेश मना कर देता। राजेश यह बात सुनीता को जाकर बताता है ।सुनीता आज राजेश की तबीयत ठीक नहीं है, वह नाश्ता नहीं करना चाहता ।

सुनीता समझ जाती है कि राजेश नाश्ता क्यों नहीं करना चाहता , सुनीता शेखर से कहती है ठीक है जी तुम लोग नाश्ता कर लो जब उसका तबीयत ठीक होगा तो वह नाश्ता कर लेगा या कॉलेज के कैटीन मे नाश्ता कर लेगा ।

शेखर -एक बार जाकर देख लो की राजेश की तबीयत कैसी है ,क्यों नाश्ता नहीं करना चाहता।

सुनीता कहती है मैं बाद में पूछ लूंगी तुम लोग नाश्ता कर लो ।

शेखर को कुछ अजीब सा लगा पहले सुनिता तो ऐसे नही करती थी ।

10:00 बजने के बाद राजेश कालेज जाने के लिए तैयार हो जाता है और वह अपनी मां से बिना कुछ बोले ही कालेज के लिए निकल जाता है ।स्वीटू भी उसके साथ चली जाती है ।

इधर सुनीता अपने किचन में राजेश का कॉलेज जाने ने का इंतजार कर रही थी कि वह कुछ बोलेगा लेकिन राजेश सुनिता से कुछ बोलता नही , सुनीता को थोड़ा बुरा लगता है ।वह में सोचती है कि अभी राजेश नाराज होगा । कुछ दिन बाद सब ठीक हो जाएगा ।

उधर कॉलेज जाने के बाद राजेश कॉलेज की कैटिंन मे बैठा था साथ में भगत और उसके अन्य साथी भी बैठे थे।

भगत राजेश से कहता है भाई आज कुछ बोल नहीं रहा है ।गुमशुम सा हो कुछ बात है क्या ?क्लास का समय हो रहा है आज क्लास अटेंड नहीं करनी है क्या?

राजेश कहता है नहीं यार आज क्लास अटेंड करने का मन नहीं है तुम लोग जाओ क्लास अटेंड करना है।

भगत कहता ह भाई कुछ प्रॉब्लम है क्या ?बताओ मुझे।

राजेश कहता है कुछ नहीं यार, बस ऐसे हीा बस आज मन थोडा ठीक नही ।

तभी भगत को किसी का काल आता है किसी लड़के का काल था। लड़के ने भगत को बताया कि भाई जिन लड़कों ने राजेश भाई पर हमला किया था ।वे लड़के लोग पूल के नीचे पार्टी कर रहे है ।

यह बात भगत ने राजेश को बताता है ।राजेश इस समय गुस्से में था। उसका गुस्सा और बढ़ जाता है।

राजेश अपने मन में कहता हैं इन भोसड़ी वालों को मैं नहीं छोडूंगा इन साले के कारण आज मेरी ये हालत हुई है ।और वे साले मजे कर रहे है ।

वह भगत से कहता है इन सालों को आज मैं छोडूंगा नहीं और वह अपना बाईक लेके निकल पड़ता है । भगत कहता है रूको भाई हम भी आते है ।

भगत अपने साथियो से कहता है।चलो रे भाई के साथ।

वे सभी राजेश के पीछे पीछे अपने बाइक लेकर जाने लगते हैं।

राजेश पुल के नीचे पहुंच जाता है सभी लोग गाड़ी खड़ा करके रूके थे ।राजेश लड़कों की तरफ आगे बढ़ता है ।भगत राजेश से कहता हैं भाई तुम यहीं रुको उन सालों को हम लोग सबक सिखा कर आते हैं।

राजेश कहता हैं नहीं तुम लोग यहीं रुको इन सालों को अकेले ही सबक सिखाऊंगा, पर भगत राजेश से कहता हैं भाई मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं। लड़के लोग को वहीं ठहरने के लिए कह देता है। पर राजेश कहता हैं नहीं तुम भी यही ठहरो ।मैं अकेले ही जाऊंगा ।

राजेश अकेले ही उन लड़कों की तरफ चला जाता हैं।

एक लड़का ,राजेश को आते हुए देखता है और कहता है ।भीमा भाई यह तो वही लडका है जिसका हमने पिटाई किया था। हमारे तरफ ही आ रहा है ।

भीमा उन लड़कों के लीडर का नाम था, भीमा कहता है लगता है । लगता है साला फिर मार खाने आया
है।

जब राजेश लड़कों के पास जाकर खड़ा हो जाता है तब भीमा कहता है क्यों बे लल्लू और मार खाने के लिए चला आया ।

राजेश करता है बहनचोदो , लल्लू नहीं तेरा बाप आया है। तुम लोग को सबक सिखाने।

राजेश पर उन लड़कों को बहुत गुस्सा आता है एक लड़का गुस्से में आकर राजेश के पास जाकर अपने मुक्क से हमला कर देते हैं।

राजेश लड़के कि प्रहार को अपने एक हाथ से रोक देता है और दूसरे हाथ से जोर का मू क्का उसके पेट पर लगाता है ।वह लड़का हवा में उछलता हुआ, अपने साथी लड़कों के पास जाकर गिरता है।

उसकी हालत देखकर दो लड़के राजेश की ओर दौड़ते हैं ।दोनों लड़के राजेश पर मुक्के से हमला करते हैं।

राजेश दोनों लड़कों के प्रहार को हाथ से रोक लेता है। राजेश एक लड़के के पेट पर लात से और एक लड़के की गाल पर पर मुक्के से प्रहार कर देता है ।राजेश के प्रहार से दोनों लड़के हवा में उछलकर दूर जा कर गिर जाते हैं।

शेष लड़के राजेश पर एक साथ टूट पड़ते हैं। राजेश उन सभी लड़कों पर भारी पड़ता है।

राजेश उन लडके को बुरी तरह से पिटने लगता है सभी लड़की जमीन पर पड़े करा ने लगते हैं ।एक लड़का कहता हैं ।यह साला जानवर बन गया है ।हम लोगो को छोड़ेगा नहीं भाई हमें भाग कर अपनी जान बचाना पड़ेगा ।

भीमा को अपने साथियों की हालत देखकर कुछ घबराहट होने लगता है । वह भी राजेश पर हमला कर देते हैं। राजेश भीमा के प्रहार को रोक कर उसे बुरी तरह लात घुसा से पिटने लगता है ।

राजेश के रौद्र रूप को देखकर सभी लड़के अपनी जान बचा कर भाग जाते हैं ।इधर भीमा अकेला पड़ गया ।राजेश उसे बुरी तरीके से लात घुसाे से पीटता है भीमा की हालत खराब होने लगता है वह भगत से माफी मांगने लगता है । पर राजेश रूकता नही ।

तभी भगत को लगता है कि अगर वह राजेश को नही रोकेगा तो अनर्थ हो जाएगा। वह तेजी से राजेश को रोकने उसके पास जाता है। राजेश से कहता हैं भाई उइसे छोड़ दो नही ते ये मर जाएगा ।मर जाने दे साले को ,राजेश भीमा को बूरी तरह पिटाई करता रहता है।

भगत राजेश को पकड़ लेता है ।वह राजेश से कहता है ।भाई उसको छोड़ो नहीं तो मर जाएगा।

राजेश कहता है भगत छोरा मुझे साले को आज छोडूंगा नहीं। तभी भगत के अन्य साथी भी आ जाते है राजेश को पकड़ लेते वे राजेश से कहते है , भैया छोडो इसे, जाने दो नहीं ये तो मर जाएगा ।

सभी लड़के जब राजेश को पकड़ लेते हैं ,तब भीमा भी अपनी जान बचाकर किसी तरह कराहते हुए लंगड़ाते हुए भागने लगता है ।

इधर भगत कहता है भैया यह साले बचकर जाएंगे कहां इन सालों को पुलिस वाले भी कुत्ते की तरह ढूंढ रहे हैं।

राजेश गुस्से में था वह बाइक चलाने की स्थिति में नहीं था ।भगत राजेश इसे कहता हैं। भाई अभी तुम बहुत गुस्से में हो ,तुम गाड़ी चलाने की हालात में नहीं हेो।

भगत अपने साथी लड़का से कहता हैं अरे पप्पू गाड़ी चला लड़का गाड़ी स्टार्ट करता हैं । भगत ,राजेश को गाड़ी पर बैठने के लिए कहता है ।राजेश गाड़ी पर बैठ जाता। भगत जी उसके पीछे बैठ जाता है पप्पू भगत से कहता चलना कहां है भैया। राजेश बीच बीच मे बडबडाता रहता है शालो को छोडूंगा नही ।

भगत कहता हैं अब ऐसी हालत में कॉलेज जाना ठीक नहीं है। गाड़ी मेरे किराये के घर की ओर ले चल।

पप्पू कहता है ठीक है भैया।

राजेश का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। भगत और पप्पू के बीच क्या बातचीत हो रही है ।उस पर उसका ध्यान ही नहीं था ।त भी तीनों बाइक में भगत जहां किराए पर रहता था वहां पहुंच जाते हैं ।मकान कालेज के पास ही थ ।

साथी लड़के भी बाइक लेकर पीछे पीछे पहुंच जाते ,भगत उन्हे आवश्यक सलाह देकर उन लड़कों को कॉलेज के लिए भेज देते हैं।

लड़के अपनी बाइक लेकर कालेज चले जाते हैं

राजेश भगत से कहता हैं अबे तू मुझे यहां क्यों ले आया ।

भगत कहता है भाई तेरा मन ठीक नहीं है आज तुम मेरे रेंट के घर में आराम करना और जब मूड ठीक हो जाये तब घर जाना ।

घर के मेन दरवाजा अंदर से बंद था भगत दरवाजा खटखटाता है।

कौशल्या देवी दरवाजा खोलती है अरे बेटा तुम कॉलेज से आज जल्दी घर आ गए ।

भगत कौशल्या देवी से कहा मा जी आज कालेज में मन नहीं लगा तो घर आ गए। मां जी इसे पहचाना।

कौशल्या देवी राजेश को गौर से देखने लगती है ।अरे यह तो राजेश है न जिसने तुम्हारे अंकल को रक्त देकर मदद किया था।

हां मा जी आपने बिल्कुल सही पहचाना यह मेरा दोस्त राजेश है ।

कौशल्या देवी राजेश से पूछती है ।कैसे हो बेटे?

पर राजेश कोई जवाब नहीं देता।

भगत कौशल्या देवी से कहता है ।मा जी अभी राजेश भाई का मुंड ठीक नहीं है इसलिए मैं इसे अपने यहां ले आया ।

कौशल्या देवी पूछती है क्या हुआ बेटे राजेश को ।

भगत कहता हैं मैं बाद में बताऊंगा ।मां जी।

भगत राजेश को लेकर ऊपर अपने रूम में ले जाता ह। कौशल्या देवी जानना चाहती थी कि आखिर राजेश को हुआ क्या है ?

इधर घर में राजेश की मां सुनीता जब नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठती है ।और जैसे ही वह नाश्ता का टुकड़ा अपने मुंह में ले जाने को होती है। वह स सोचने लगती है पता नहीं राजेश कुछ खाया होगा कि नहीं । आज की घटनाओ से उसका भी मन कुछ अच्छा नहीं लग रहा था ।उसे भी खाने का मन नहीं किया।वह नाश्ता को किचन में रख देती है ।

इधर राजेश और भगत बेड पर लेटे हुए थे ।राजेश अपनी सोच में डूबा हुआ था। तभी भगत सिगरेट जलाने लगता है। वह कभी कभार सिगरेट भी पीता था। राजेश की नजर उस पर पड़ता है वह सिगरेट को खींच कर भगत के मुंह से हटाकर अपने मुंह में दबा लेता है ।

भगत को आश्चर्य होता है । वह कहता है भाई यह क्या कर रहे हो ।

राजेश ने कहां हा मुझे भी सिगरेट पीना है , अब मैं वह हर काम करूंगा जो अभी तक नहीं किया है। अब मैं भी हूं गर्लफ्रेंड बनाऊंगा आप उसके साथ वेो सब करूंगा जो तू करने कहता था ।

भगत कहता हैं भाई कोई बात है क्या ? तुम बताते क्यों नहीं ? वह सोचता राजेश भाई मे इतना बदलाव कैसे आ गया ।

राजेश कहता हैं हां मैं बदल गया हूं अब मै वह सब करूंगा जो अभी तक नहीं किया था ।अबे तू सिगरेट जलायेगा या देखता रहेगा।

भगत कहते हैं जलाता हू भाई। भगत सिगरेट जलाता है ।

राजेश सिगरेट पीने लगता है। लेकिन उसका पहली बार था ।इसलिए वह खासने लगता है ।

भगत कहता है भाई आराम से , धीरे-धीरे पीना सीख जाओगे। मैं सिखा दूंगा ।

सिगरेट पीने के बाद राजेश फिर उन लड़कों के बारे में सोचने लगता हैं उन लड़कों की लड़कों के कारण मेरा यह हाल हुआ है मैं उन सालों को को छोडूंगा नहीं। उसे फिर गुस्सा आने लगते हैं। वह भगत से फिर सिगरेट मांगने लगता है, पर भगत सिगरेट नहीं देता। भाई अभी तुम्हारा मूड ठीक नहीं है तुम आराम कर लो ।ज्यादा सिगरेट पीना ठीक नही ।

भगत राजेश से कहता है भाई तूम आराम कराे मै थोडा नीचे से आता हू।


भगत नीचे चला जाता हैा कौशल्या देवी इस समय नीचे घर का काम कर रही थी ।

भगत को देखकर कौशल्या देवी पूछती है बेटा राजेश को क्या हुआ ।भगत कौशल्या देवी के पूरी बातें बता देता है।

भगत कौशल्या देवी से कहता मां जी राजेश का मुड ठीक नहीं है ।वह बहुत गुस्से में है, पर तुम उसकी मदद कर सकती हो ,जिससे उसका गुस्सा शांत हो जाएगा। उसका मूड ठीक हो जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से कहती हैं । बेटे मै कैसे मदद कर सकती हूं ।
भगत कहता हूं मा जी ऐसे समय में यदि मर्द को औरत का प्यार मिल जाता है तो उसका मूड भी ठीक हो जाता है और गुस्सा भी शांत हो जाता है । राजेश ने बुरे समय में रक्त देकर रक्त तुम्हारी मदद किया था। आज उसे औरत का प्यार देकर तूम राजेश भाई की मदद कर सकती हो।

कौशल्या देवी सोच में पड़ जाती है वह क्या जवाब दे। अंत में वह अपन् मन मे कहती है है कि उसे राजेश की मदद करनी चाहिए क्योंकि उसने भी बुरे समय में उसकी मदद की थी।

कौशल्या भगत से कहती है ठीक है बेटा मैं कोशिश करूंगी ।पर मैं यह सब तुम्हारे सामने नहीं कर पाऊंगी

भगत कहता है , ठीक है मा जी मै राजेश से बहाना बना कर कॉलेज चला जाऊंगा, ताकि तुम्हें राजेश की मदद करने में कोई दिक्कत ना हो ।कौशल्या देवी कहती है ठीक है बेटा।
Behtrin update
Ab to Rajesh ko pahli bar chudai ka anubhav Milne wala hai
भगत राजेश के पास जाता है और उससे कहता है। भाई राजेश कॉलेज से पप्पू का फोन आया था। कॉलेज में कुछ जरूरी काम है। मुझे जाना होगा ,तुम आराम करो, मैं कॉलेज से होकर आता हूं। मैंने मां जी से कह दिया है ।वह तुम्हारा ख्याल रखेगी।

राजेश कहता है अबे जा साले ,मेरी तो किसी की चिंता ही नहीं और हां जल्दी आ जाना और अपना सिगरेट का पैकेट मुझे दे।

भगत कहता हैं भाई ज्यादा सिगरेट मत पीना ।ज्यादा सिगरेट पीना शरीर के के लिए नुकसानदायक होता है।

राजेश कहता है अबे पैकेट दे ,ज्यादा ज्ञान मत बांट।

भगत राजेश को सिगरेट का पैकेट दे कर कालेज चला जाता है ।इधर राजेश सिगरेट निकाल कर पीने लगता है ।ठीक उसी समय कौशल्या देवी पानी लेकर कमरे में आती हैं ।राजेश के पास जाकर कहती है बेटा पानी पी लो ।मैं तुम्हारे लिए पानी लाई हूं ।

राजेश को सिगरेट पीता हुआ देखकर वह कहती है ,यह क्या बेटे तुम सिगरेट पी रहे हो ।यह सेहत के लिए हानिकारक होता है। तुम तो एक अच्छे लड़के, तुम्हें इसे नहीं पीना चाहिए ।

राजेश कहता हूं मां जी आज मेरा मूड ठीक नहीं है।

कौशल्या देवी कहती है ,हां बेटा मैं जानती हूं ।आज तुम्हारा मूड ठीक नहीं है ।मुझे भगत ने सब कुछ बता दिया है ।बेटा इतना गुस्सा करना ठीक नहीं है। लो पानी पी लो तुम्हें ठीक लगेगा ।

राजेश कहता है ,पानी का गिलास टेबल पर रख दो मा जी। मैं बा़़़द मे पी लूंगा ।

सुनीता देवी कहती हैं, ठीक है बेटा और वह पानी का गिलास टेबल पर रख देती है।

सुनीता देवी वहीं राजेश के बगल में बेड पर बैठ जाती है और राजेश के मूह से सिगरेट को खींचकर उसे बुझाने लगती है ।बेटा सिगरेट सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। इसे मत पियो ।तुम एक अच्छे लड़के हो और अच्छे लड़के सिगरेट नहीं पिया करते ।

मैं तुम्हारी मनोदश अभी समझ सकती हूं ,पर इतना गुस्सा करना भी ठीक नहीं है ।लड़कों को पुलिस वाले खोज रहे हैं। कानून उन्हे सजा देगी।

सुनीता देवी की नजर राजेश के कपड़ों की ओर जाती है । वह देखती है कि राजेश का जींस एवं सर्ट पर जगह-जगह धूल लगा हुआ था ।राजेश से कहती है बेटा तुम्हारे कपड़े तो गंदा हो गया है । अगर इस हालत में तुम घर गए तो तुम्हारे घर वालों को पता चल जाएगा कि तुम किसी से लड़ाई झगड़ा करके आए हो ।

राजेश अपने कपड़े की और देखता है सच मेउसके कपड़े गंदे हो गए थे उसमें जगह-जगह धूल जमा हो गया था।उसे लगा सच में मैं इन कपड़ों में ऐसे ही घर जाउंगा ,तो घर वालों को इसका पता चल जाएगा जो वह नहीं चाहता था।

सुनीता राजेश से कहती है बेटा एक काम करो तुम अपने सारे कपड़े निकाल दो मैं ईसे धो देती हूं। धो कर सुखा कर उसे प्रेस कर दूंगी ।जाते समय पहन लेना ।

राजेश को भी उचित लगा ।

सुनीता देवी एक टावेल लाकर राजेश को दे देती है, बेटा तुम इस टावेल को लपेट लेना और अपने सारे कपड़े उतार कर मुझे दे दो ।पर राजेश चूप था ।

क्या सोच रहे हो बेटे मैं तुम्हारी मां जैसी हूं ।तुमने अपना खून देकर मेरे पति की जान बचाई है,तो मैं तुम्हारे लिए इतना नहीं कर सकती ।

सुनीता देवी पानी का गिलास उठा लेती है और कहती है लो पानी पी लो तुम्हें अच्छा लगेगा। वह गिलास उठाकर राजेश के माुख के पास ले जाती हैं ।

राजेश गिलास से ना चाहते हुए भी पानी पीने लगता है।

पानी पीते हुए उसकी नजर सुनीता देवी पर जाती है राजेश को अपनी मां की याद आने लगती है ।वह सोचता है ऐसा प्यार तो एक मां ही कर सकती है।

राजेश कौशल्या देवी से कहता है मां जी मुझे माफ कर देना ।मैंने आपके साथ बुरा बर्ताव किया। मैंने आपकी बातों का रिप्लाई नहीं दिया। आपको बुरा लगा होगा ।

कौशल्या देवी- नहीं बेटा मैने बुरा नहीं माना ।तुम्हारी स्थिति ही ऐसी है कि तुम्हारे जगह कोई और भी होता तो यही करता । बेटा अपने कपड़े उतार कर मुझे दे दो ,मैं इसे धो दूंगी ।

राजेश बेडसे उतर जाता है और अपना कपड़ा उतारने लगता है। वह जींस और सर्ट निकालकर टावेल लपेट लेता है ।

कौशल्या देवी कहता है बेटा तुम्हारे बनियान से तो पसीने की बू आ रही है। तुम बनियानभी निकाल दो ।यह गंदा हो गया है। राजेश को असहज महसूस करते हुए देखकर कौशल्या देवी ने कहा। बेटा तुम मेरे से शरमाओ मत। अपनी मां जैसी समझो।

राजेश अपने बनियान भी निकाल कर कौशल्या देवी को दे देता है ।बनियान निकलते ही राजेश का गठीला बदन देखकर कौशल्या देवी मोहित सी हो जाती है ।

वह राजेश से कहती है बेटा तुमने तो बहुत ही अच्छी बॉडी बनाई है ।तभी तुम उन लड़कों पर अकेले ही भारी पड़ गए ।राजेश अपने बदन को कौशल्या देवी को देखते हुए पाकर ।असहज महसूस करने लगा।

कौशल्या देवी मुस्कुराने लगी। कौशल्या देवी कहती है अच्छा मै न जाती हूं तुम कमरे मे आराम करो किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे आवाज देना।

कौशल्या देवी कपड़े लेकर नीचे चली जाती है ।इधर राजेश टावेल लपेटकर बेड पर लेट कर ,आज हुई घटना को सोचता रहता है।

नीचे जाकर कौशल्या देवी राजेश के कपड़े को एक बाल्टी में पानी डालकर डुबा देती है और उस पर वाशिंग पाउडर डाल देती है ।कौशल्या देवी सोचने लगती है कि वह आगे क्या करें। ताकि वह राजेश को एक औरत का प्यार दे पाएं ताकि उसका गुस्सा शांत हो जाए और उसका मूड भी ठीक हो जाए ।

तभी उसके मन में आगे बढ़ने का एक विचार आया औरं वह राजेश के कमरे में चली गइ ,वह देखती है कि राजेश फिर से सिगरेट पी रहा है।

कौशल्या देवी कहती है ,यह क्या बेटा, तुम फिर से सिगरेट पीने लगे ,मै जानती थी कि तुम ऐसा ही करोगे।वह राजेश के पास जाकर उसके मूह से सिगरेट खीचकर ,उसे बुझा कर फेंक देती है।

राजेश कहता है मा जी मुझे पीने दो ।मेरा मूड ठीक नहीं है । नहीं बेटा मैं तुम्हें और सिगरेट पीने ने नहीं दूंगी अब मैं तुम्हें यहां अकेले नहीं रहने दूंगी, तुम चलो नीचे मेरे साथ, नहीं तो फिर से सिगरेट पीना शुरू कर दोगे। और वह राजेश के ना चाहते हुए भी उसके हाथ को खींचते हुए ,नीचे ले गया और वह अपने बेडरूम में ले गया ।

वह बोली ,बेटे तुम, मेरे बेडरूम में आराम करो तब तक मैं तुम्हारे कपड़े धो लेती और नहा लेती हूं ।

राजेश को कुछ असहज महसूस कर रहा था जिसे भापकर ,कौशल्या देवी ने कहा बेटा तुम्हें डरने या घबराने की जरूरत नहीं,घर मे इस समय कोई नहीं आने वाला है। तुम्हें डरने या घबराने की जरूरत नहीं है ।अब मैं बाथरूम में तुम्हारे कपड़े धोकर नहा लेती हूं ।

और कौशिल्या देवी हाल के बाथरूम में चली गई। इधर राजेश बेड पर लेट गया और फिर से अपने विचारों में खो गया ।

इधर कौशिल्या देवी राजेश के कपड़ों एवं अपने का घर के कपड़ों को धोने के बाद नहाने की तैयारी करने लगी वह अपने साड़ी और ब्लाउज निकाल दी और वह सिर्फ़ पेटिकोट मेथी। वह नहाने लगी। अपने बदन पर साबुन लगाने लगी। वह अपने पीठ पर भी साबुन लगाना चाहती थी, पर हाथ वहां तक नहीं पहुंच पा रहा था ।राजेश को करीब लाने का एक अच्छा बहाना मिल गया था ।
वह अपने पेटिकोट को एक हाथ से पकड़े हुए थी और दूसरे हाथ से बाथरूम का दरवाजा थोड़ा स खोल कर राजेश को आवाज लगाती है ।बेटा राजेश ,बेटा राजेश

इधर राजेश बेड में अपने विचारों पर मग्न था। कौशिल्या देवी की आवाज सुनते ही वह अपने विचारों से बाहर आया। बाथरूम की ओर गया और कौशल्या देवी से कहा ,मां जी कुछ काम था।

हां बेटे क्या तुमने मेरी मदद करोगे ?कौशल्या देवी राजेश ने कहा ।

कैसी मदद मा जी ।

बेटा मेरे हाथ पीठ पर नहीं पहुंच पा रही है ।क्या तुम मेरे पीठ पर साबुन लगा दोगे ?

राजेश कुछ असहज महसूस करने लगा। वह समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या बोले ?

कौशल्या देवी ने कहा लगता है बेटा तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा ।ठीक है बेटा तुम जाओ ।कमरे में आराम करो। मैं ऐसे ही नहा लेती हूं ।

राजेश ने कहा नहीं मा जी ऐसी बात नहीं है ।चलो मैं साबुन लगा देता हूं ।और दानाे बाथरूम के अंदर घुस गए ।

कौशल्या देवी नीचे बाथरूम पर बैठ गई और अपने पेटिकोट के नाड़े को खोल दी और पेटीकोट को थोड़ा ढीला कर दी और अपने पीठ से पेटिकोट को थोड़ा नीचे सरकार दीऔर बोली , बेटा तुम पीठ पर साबुन लगा दो।

राजेश को कौशल्या देवी को ऐसी अवस्था में देखकर उसके शरीर में रक्त प्रवाह तेज होना शुरू हो गया ।वह साबुन उठाया और कौशल्या देवी की पीठ पर लगाने लगा ।

कौशल्या देवी को भी मर्दाना हाथ अपने शरीर पर महसूस होने पर, वह भी गर्म होने लगी।

कौशल्या देवी बोली, बेटा थोड़ा और नीचे लगादो और पेटीकोट को ढीला कर दी, ताकि राजेश का हाथ पूरे नीचे तक जा सके।

इधर राजेश भी गर्म होने लगा ।उसके लंड की ओर रक्त का प्रवाह तेज हो गया ।आखिर उसने भी पिछले कई दिनों से मुठ नहीं मारा था ।एक जनाना को ऐसी अवस्था में इतने करीब पाकर। वह भी गर्म होने लगा और कौशल्या देवी के पीठ पर साबुन लगाने मे उसे भी आनंद आने लगा ।

कौशल्या देवी ने बोला , बेटा पीठ पर साबुन लगाने में तो दिक्कत नहीं हो रही है ।मैं पेटीकोट को और थोड़ा ढीला कर देती हूं तीकि तूम् अच्छे से साबून लगा सको और पेटिकोट को अपनी चुचियों के नीचे ले गई।

वह राजेश से बोली , ठीक से लगा दो बेटा मैने कई दिनों से मेरी पीठ पर साबुन नहीं लगाई है ।जिससे पीठ पर खुजली होती है ।तुम अच्छे से रगड़ कर साबुन लगा दो ।

इधर राजेश की नजर कौशल्या देवी की चुचियों पर पड़ी ।उसकी गेल गोल बडी बडी सुंदर चुचियों को देखते ही ,उसका लंड खड़ा हो गया और खड़ा होकर ठुमकने लगा।

राजेश भी अब जोश में आने लगा । वह अपनी मां की चुचियों को अपने हाथे से मसलना चाहता था। उस से खेलना चाहता था। उसकी मा ने मना कर दिया । आज एक चूची उसके सामने थी ।उसके मन में इस से खेलने की इच्छा होने लगी ।

वह कौशल्या देवी के पीठ पर साबुन लगाते हुए। उसके पीठ को सहलाना शुरू कर दिया ।सहलाते हुए उसका हाथ कौशल्या देवी के चूची की तरफ जाने लगा।

कौशल्या देवी भी गर्म हो गई थी ।वह भी आंखें बंद कर मजा लेने लगी थी ।

इधर राजेश का हाथ कौशल्या देवी की चुचियों तक पहुंच गया और उसके सूचियों पर भी साबुन लगाने लगा।

उस की चूची पर हाथ पढ़ते ही कौशल्या देवी की सांसे तेज होने लगी ।उसके शरीर में सिहरन दौड़ने लगी ।

राजेश ने जब देखा कि कौशिल्या देवी ने कोई विरोध नहीं किया और वह आंखें बंद कर मजा ले रही है ,उसका हिम्मत बढ़ गया ।वह साबुन लगाते हुए कौशल्या देवी के चूची को मसलने लगा ।

कौशल्या देवी राजेश की इस हरकत से सिसकने लगी जिसे राजेश को पता चल गया की मा जी को भी मजा आ रहा है ।

राजेश भी अब जोश में आ गया ।वह अपने दोनों हाथों पर साबुन लगा कर ।दोनों चुचियों पर साबुन लगाते हुए उसे मसलने लगा।

कौशल्या देवी आंखें बंद करें सिसकने लगी । उसकी चुचिया फूलने और पिचकने लगी उसके चूचक कड़क हो गए।

इधर राजेश का लंड लोहे की राड की तरह सक्त होकर ठुनकी लगाने लगा ।राजेश को भी कौशल्या देवी के चूची को मसलने में बहुत मजा आने लगा ।राजेश अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चुचियो पर साबुन लगा लगाकर मसलने लगा। उससे खेलने लगा।

कौशल्या देवी और राजेश दोनों के अंदर हवस जाग चुका था ।

कौशिल्या देवी ने अपनी आंखें होली उसने कहा बस बेटा बस हो गया ।

इधर राजेश को मसलने में बहुत आनंद आ रहा था। उसका मन रुकने का नहीं हो रहा था ।लेकिन कौशल्या देवी के मना करने पर वह रुक गया ।

कौशिल्या , राजेश से बोली बेटा तुम्हारे शरीर से पसीने की गंध आ रही है ।तुम भी नहा लो। नहाने से तुम्हें अच्छा और हल्का महसूस होगा ।तुम्हारे मन शांत होगा। तमे ताजगी महसूस होगी ।

इधर राजेश जोश में था ।वह कौशल्या देवी की बातों को मानने लगा। ठीक है मा जी ।

कौशल्या देवी राजेश से बोली ,बेटा तुम्हारे पास अंडरवियर एक हीं है । तुम अपना अंडरवियर निकाल दो ।नहीं तो वह गीला हो जाएगा। उसे सूखने में काफी समय लगता है।

राजेश ने कहा ठीक है मा जी और वह टावेल और अंडरवियर दोनों को निकाल कर नंगा हो गया।वह टावेल और अंडरवियर बाथरूम के बाहर रख दिया।

राजेश के नंगा होते ही कौशल्या देवी की नजर राजेश के लंड पर पड़ी वह राजेश की लंड को आश्चर्य से देखने लगी। राजेश का लंड* कितना बड़ा लंबा और मोटा है। उसका लंड* देखकर उसके चूत मे खलबली मचने लगी । वह रस छोड़ने लगी।

कौशिल्या देवी उसके लंड देख कर मुस्कुराने लगी।

राजेश भी इस समय जोश में था। उसका लंड अधनंग जनाना को अपने करीब पाकर, हवा में लहरा रहा था। ठुमका लगा रहा था ।कौशल्या देवी को उसके लंड की ओर देखना उसे अच्छा लगने लगा।

कौशल्या देवी ने सावर चालू कर दी ।दोनों सावर के पानी से राजेश नहाने लगे। कौशल्या देवी ने कहा बेटा सावर बंद कर दी बोली ,बेटा मैं तेरी शरीर पर साबुन लगा देती हूं ।

कौशल्या देवी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी वह पूरे शरूर पर साबून लगाते लगाते, राजेश के लंड की ओर आगे बढ़ने लगी।

जब साबुन लगाते लगाते उसकी हाथ राजेश के लंड पर गई ।कौशल्या देवी के शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।

कौशल्या देवी राजेश के लंड पर साबून लगाने लगी । इस समय राजेश का लंड तन कर खड़ा हुआ था कौशल्या देवी कि हाथ पढ़ते हैं वाह ठूमकने लगा। कौशल्या देवी राजेश के लंड को सहलानेने लगी।

राजेश आनंद के मारे ,अपनी आंखें बंद कर लिया।

कौशल्या देवी को महसूस हुआ कि राजेश मजा आ रही है और आनंद मे अपनी आंखें बंद कर दिया है। वह उसके लंड को मुठ मारने लगी ।जिससे राजेश को अत्यधिक आनंद आने लगा।

राजेश ने अपनी आंखे खोला ।कौशल्या देवी इस समय के पेटीकोट में थी। उसकी चूचियां पेटीकोट से बाहर थी। राजेश की नजर उस की चुचियो पर पड़ी। राजेश कौशल्या देवी की चूचियो को अपने हाथों मेरे लेकर मसलने लगा ।

इधर कौशिल्या सिसकने लगी । वह राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी तभी राजेश की इच्छा लंड चूसाने का होने लगा ।राजेश ने कौशल्या देवी के हाथों को मुठ मारने से रोक दिया और उसे अपने हाथों से उसके कंधे को दबाकर नीचे बैठने का इशारा किया।

कौशिल्या देवी नीचे बैठ गई।राजेश ने अपना लंड कौशल्या देवी के मुख्य के पास ले गया ।कौशल्या देवी रीजेश की ओर देखी राजेश ने इशारा किया ।वह समझ गई कि राजेश क्या चाहता है ।वह अपना मुंह खोल कर राजेश के लंड* की सुपाडा को अपने मुंह में भर लेती है और धीरे-धीरे लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगती है ।

इधर राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के मुंह के अंदर बाहर होते हुए देख कर और उत्तेजित होने लगा।

वह अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के रसिर के बालो को पकड़कर अपने लंड को उसके मुंह के अंदर डालने की कोशिश करने लगा।

कौशल्या देवी राजेश के लंड को जितना अंदर तक ले सकती थी ।अंदर लेने लगी।

राजेश का लंड बहुत लंबा था। उसे पूरा अंदर लेने में न परेशानी होने लगी ।वह जितना अंदर ले सकती थी। लंड को अंदर लेकर चूसने लगी। लंड उसके मुंह में गपा गप अंदर-बाहर होने लगा ।

राजेश को लंड चूसवाने में बहुत मजा आने लगा ,उसके मुंह से आवाज निकलने लगी ।माजी और चूसो बहुत मजा आ रहा है हां मा जी ऐसे ही चुस्ती रहो।

राजेश जोश में आकर अपना कमर हिला कर अपने लंड को कौशल्या देवी के मुंह में ठेलने लगा।

लंड कौशल्या देवी के मूह में गपा गप अंदर बाहर होने लगा। राजेश को बहुत ही मजा आ रहा था ।

इधर कौशल्या देवी को लगा कि अगर वह ऐसे ही चूस्ती रही तो राजेश झड़ जाएगा ।वह चूसना बंद कर दी वह नहीं चाहती थी ,कि राजेश अभी झड़ जाए।

चूसना बंद होती है राजेश ने अपनी आंखें खोली। वह बहुत ही जोश में था ।उसे कौशल्या देवी के द्वारा चूसाई रोकना पसंद नहीं आया ।

वह कौशल्या देवी से बोला माजी चूसना क्यो बंद कर दी ,बहुत मजा आ रहा था।

कौशल्या देवी बोली बेटा तुमने किसी औरत को भोगा है।

राजेश ने कहा ,जी मैं समझा नहीं मा जी ।

बेटा मेरा मतलब है कि तुमने किसी औरत का बूर चोदा है।

राजेश शर्मा गया ,वह बोला नहीं माजी ।मैने तो किसि ऐरत का बूर देखी भी नही है।

कैशिल्या- बेटा क्या बूर चोदोगे ।

राजेश के शरीर में कौशल्या देवी की बात को सुनकर सनसनाहट होने लगा ।उसके दिल की धड़कन बढ़ गई उसने कहा कहा क्या माजी तुम मुझे अपनी बूर चोदने दोगी ।

कौशल्या देवी ने कहा तुम्हारा मस्त लंड को देख देखकर मेरा भी मन चुदवाने का हो रहा है ।

राजेश ने कहा मां जी मैंने आज तक किसी औरत का बूर नहीं देखा ,दिखाओ न मुझे अपनी बूर*।दिखाओ ना मा जी ।

ठीक है बेटा मैं तुम्हें अपना बूर दिखाऊंगी और तुम्हें बूर चोदना भी सीख आऊंगी ।

कौशल्या देवी जबसे राजेश का लंबा और मोटा लंड* देखी थी उसके चूत* से रस बहना शुरू हो गया था। उसे चुदवाने का बहुत इच्छा हो रही थी।उसकी चूत* पर खुजली बडं गई थी। उसकी चूत लंड* मांग रही थी।

कौशल्या देवी ने राजेश से कहा लो बेटा पहले मेरी चूची को मसलो और उसे पियो।

राजेश कौशल्या देवी के चूची पर टूट पड़ा वह उसे अपने हाथों से जोर जोर से मसलने लगा।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा आराम से करो मैं भागी नही जा रही।

राजेश चूची को आराम आराम से दबाने लगा और अपने मुंह में उसके निप्पल को भरकर चूसने लगा।
जिससे कौशल्या देवी की सांसे और तेज हो गई। वह बहुत ही अधिक उत्तेजित होने लगी ।वह सि सकने लगी।

इधर राजेश को कौशल्या देवी की चूत देखने का इच्छा हो रहा था क्योंकि आज तक वह किसी औरत का चूत नहीं देखा था ।वह एक हाथ से कौशिल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच दिया, जिससे कौशल्या देवी पूरी तरह नंगी हो गई क्योंकि वह पेंटी नहीं पहनी थी।

कौशल्या देवी के नंगी होते ही राजेश की नजर उसकी चूत पर गई। उसकी चिकनी चूत * को देखकर राजेश का उत्तेजना के मारे उसका लंड और कठोर हो गया और ठूमकने लगा।

राजेश से रहा न गया और वह एक हाथ , कौशल्या देवी के चूत पर ले जाकर ,उसे सहलाने लगा।

राजेश की इस हरकत से, अपनी आंखें खोल, कौशल्या देवी लैट्रिन सीट पर जाकर बैठ गई और अपनी दोनों टांगों को फैला दी देखो बेटा औरत की चूत कैसी होती है। कौशिल्या देवी हवश मे पूरी तरह बेशरम बन गई थी।

राजेश बाथरूम फर्श पर नीचे बैठ गया । चूत उसकेआखो के सामन् थी।

कौशल्या देवी के चिकनी एवं फूली हुई बूर को देखकर, राजेश का लंड झटके मारने लगा ।

राजेश ने कहा ,माजी तुम्हारी चूत कितनी चिकनी और पाव रोटी की तरह फूली हुई बहुत सुंदर लग रही है ।

कौशिल्या देवी ने अपने हाथ से अपनी चूत के मुख् को फैलाया ,और बोली लो बेटा ठीक से देख लो औरत की चूत कैसी होती ?

राजेश उसके चुत के छेद को देखने लगा ।राजेश कौशल्या देवी से पूछा, मां जी क्या इसी छेद में लंड को अंदर डाल कर चोदा जाता है।

कौशल्या देवी ने कहा,बेटा इस बूर के अंदर दो छेद होता है ।एक छेद से औरतें पेशाब करती हैं और दूसरे छेद से बच्चे को जन्म देती है ।

लंड को दूसरे छेद में डालकर चोदने से मर्द का बीज औरत के बच्चेदानी पर गिरता है ,जिससे औरतें पेट से से हो जाती है, और वह 9 महीने के बाद बच्चे को जन्म देती है ।

राजेश कहता है, मां जी यह तुम्हारी चूत में चने के दाने के जैसी उठा भा हुआ क्या है? कौशल्या देवी कहती है बेटा यह भग्नासा है यह काफी संवेदनशील अंग है ,इसे उंगली से रगड़ने से औरत बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाती है।

कौशल्या देवी की नजर राजेश के लंड पर जाती है राजेश से कहती है ,बेटा तुम्हारा लंड तो मेरा बूर देखकर ठुमके लगा रहा।

राजीव कहता हैं हा मा जी यह तुम्हारी चूत** को देखकर और लंबा ,मोटा और खड़ा हो गया है और तुम्हारी चूत के अंदर जाने के लिए तड़प रहा है।


राजेश ने देखा कि कौशल्या देवी के बूर से कुछ चिपचिपा सा निकल रहा है ।उसने कौशल्या देवी से कहा मां जी यह तुम्हारी बूर* से पानी जैसा क्या निकल रहा है?

कौशल्या देवी -बेटा यह चूत का रस है ।जब औरत उतेजित होती है तो उसके चूत से रस बहने लगती है।

राजेश कहता है मा जी पर तुम्हारा चूत* का छेद छोटा लग रहा है ।मेरा लंड तो काफी मोटा है तुम्हारी चूत * के अंदर जाएगा कैसे ?

अरे बेटा यही तो चूत* की खूबी है । चूत* जब बच्चे बाहर निकाल सकती है तो वह मोटा से मोटा लंड को भी अपने अंदर ले पा लेने की अद्भुत क्षमता होती है वह आवश्यकतानुसार फैल और सिकुड़ जाती है।

राजेश ने कहां मा जी क्या तुम्हे भी चुदने का मन कर रहा है जो क्या तुम्हारी बूर रस बहा रही।

कौशल्या देवी ने कहां ,बेटा जब से मैंने तेरा इतना बड़ा लंड देखी मेरा चूत् भी रस बहाने लगी है।

राजेश कहता हैं चलो ना माजी चुदाई * करते है मेरा भी बहुत मन कर रहा है ।

कौशल्या देवी और राजेश दोनों ही बहुत उत्तेजित हो गए थे। दोनों ही चुदाई के लिए तड़प रहे थे।

कौशल्या देवी ने कहां चलो बेटा बेड पर चलते हैं यहा बाथरूम में ठीक से चुदाई नहीं हो पाएगी ।

कौशिल्या देवी राजेश के हाथ को पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई ।बेडरूम में जाने के बाद कौशल्या देवी बेड पर किनारे मे पीठ के बल लेट गई ।और अपने दोनों पैर को मोड़कर फैला दी ,जिससे उसका चुत खुलकर राजेश के सामने आ गया ।

कौशल्या देवी ने कहा लो बेटा अपना लंड मेरी चूत में डालो ।राजेश बेड के किनारे खडा हुआ था, एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,कौशल्या देवी के चूत पर रखा और धक्के लगाने लगा। पर लंड चूत * में नहीं नहीं जा रहा था।

कौशल्या देवी को हंसी आ रही थी वह बोली बेटा तुम्हें अभी सीखना पड़ेगा और कौशल्या देवी अपना एक हाथ से लंड को पकड़ कर अपने चूत के मुख पर रख दी।

राजेश से बोली ,बेटा अब थोड़ा अपना लंड* का दबाव चूत पर डालो ।राजेश अपना लंड कौशल्या देवी के चूत पर धकेला। लंड का टोपा चूत की मुख् पर कुछ घुस गया।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा थोड़ा और धक्का लगाओ राजेश में थोड़ा और धक्का लगाया उसका लंड कौशल्या देवी के चूत को चीरता हुआ थोड़ा और आगे सरक गया ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा थोड़ा और धक्का मारो। इस बार राजेश ने थोड़ी ज्यादा ताकत से चूत पर अपना लंड ठोका। लंड चूत * को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा घूस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से ऊई मां निकल गया। बेटा आराम से तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मेरी चुत* फट जाएगी ।आराम से डालो ।

कौशल्या देवी ने आगे कहा लो बेटा अब मेरी चूची को मसलो और उससे खेलो ,उससे मेरी चुत का दर्द कम होगा।

राजेश कौशल्या देवी के चूची को अपने हाथों से मसलने लगा ।उसकी चूची को चूसने लगा जिससे सुशीला देवी और उत्तेजित होने लगी ।वह सिसकने लगी।

कौशल्या देवी ने राजेश से कहां बेटा अब तुम अपना लंड थोड़ा खींच कर फिर धकेलो ।थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर करते रहो ।

राजेश ने वैसे ही किया वह अपने कमर हिला कर अपना लंड धीरे धीरे चूत * के अंदर बाहर करने लगा।
राजेश को एक नया एहसास होने लगा । वह धीरे-धीरे अपना स्पीड बढ़ाने लगा। राजेश अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के चूची को मसल मसल कर अपना लंड कौशल्या देवी के चूत के अंदर बाहर करने लगा।

राजेश को बूर चोदने में बहुत ही मजा आने लगा। राजेश का लंड चूत* के अंदर अपनी जगह बना लिया था । कौशल्या देवी की चूत लंड को जकड़े हुए था। क्योंकि लंड काफी मोटा था ।लंड चूत* में कसा कसा सा अंदर बाहर आने जाने लगा । लंड काफी मोटा होने के कारण वह चूत के भग्नासा को भी रगड़ रहा था ।जिससे कौशल्या देवी सिसकने लगी ।दोनों ही स्वर्गीय आनंद पा रहे थे।

अब राजेश पुरी तरह जोश में आ गया वह अपना लंड* पूरी ताकत से कौशल्या देवी के चूत* में डाल कर चोदने लगा।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकारियां निकलने लगी। राजेश का यह पहला चुदाई* था। उसे चूत *चोदने मे बहुत मजा आ रहा था ।वह पूरी तरह जोश में आ गया। और लंड को तेजी से चूत* के अंदर बाहर करने लगा। लंड गच गच, फच फच की आवाज के करता हुआ,चूत के अंदर बाहर होने लगाा।

राजेश का लंड * काफी लंबा था ।राजेश का लंड कौशिल्या देवी के बच्चेदानी के मुख को ठोकर मारने लगा। जिसका एहसास कौशल्या देवी को होते ही उसकी शरीर में एक अलग तरंग पैदा होने लगा। कौशल्या देवी अपने मुख से कामुक आवाजें निकालने लगी ।उसे भगत से चुदाई में िजतना मजा आया था उससे कई गुना अधिक मजा राजेश के चोदने से आ रहा था।

इधर राजेश भी बोले जा रहा था मा जी भगत ने सही कहा था चुदाई करने में बहुत मजा आता है। वह जोश में पागल सा हो गया और तेज तेज चोदने लगा।

कौशल्या देवी के चूत * से रस बहता हुआ बेड पर गिरने लगा। राजेश का लंड कौशल्या देवी के चूत से पूरी तरह से भीग गया था ।और लंड चुत में गच गच फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।

राजेश के आश्चर्य हुआ कि उसका इतना मोटा और इतना लंबा लंड कौशल्या देवी के चूत के अंदर पूरा आ समाहित हो गया था दोनो दे जिश्म एक जान हो गए थे ।

कमरे में कौशल्या देवी की कामुक आवाजें गूंजने लगी ।वह अपने मुख से बोलने लगी बेटा और चोदो जोर से चोदो बड़ा ही मजा आ रहा है। कौशल्या देवी ज्यादा देर तक बर्दाश्त ना कर सके राजेश के कमर को अपने पैरों से जकड़ ली , जिससे राजेश धक्का मारना बंद कर दीया ।

उसने कौशल्या देवी से पूछा मा जी क्या हुआ, तुम ठीक तो हो ना ।

कौशल्या देवी ने आंखें नीचे कर शरमाते हुए बोली बेटा मैं झड़ गई। थोड़ा रुको ।

राजेश ने कहा मां जी अभी तक मेरा पानी निकला नहीं है मुझे अभी और चुदाई करने का मन कर रहा है।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा धीरज रखो ।औरत के झड़ने के बाद उसे फिर से गर्म करना पड़ता है ,ताकि फिर से वह चुदाई के लिए तैयार हो जाए ।

राजेश ने कहां मा जी उसके लिए क्या करना होगा ।

बेटा पहले अपना लंड* बाहर निकाल दो ।उसके बाद बताती हूं।

राजेश ने कौशल्या देवी के चूत से लंड बाहर खींच लिया। लंड फचाक की आवाज करता हुआ चूत से बाहर आया ।लंड कौशल्या देवी के चूत रस से भीगा चमक रहा था । काफी लंबा और मोटा लग रहा था और ठूनकी मार रहा था , जिसे देखकर कौशल्या देवी मुस्कुराने लगी।

कौशल्या देवी ने अपनी चूत को देखा उसका चूत काफी फैल गया था उसकी छेद काफी बड़ा लग रहा था।

राजेश ने कौशल्या देवी से कहा मां जी मुझसे रहा नहीं जा रहा है ।मुझे और चोदना है ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा जब औरतें झड़ जाते है तब उसे फिर से उत्तेजित करना पड़ता है ताकि वह चुदाई के लिए फिर से तैयार हो सके ।पूरूषो का काम केंद्र तो सिर्फ उसका लंड होता है ।परंतु औरतों के शरीर के अंग अंग में काम भरा होता है ।जिसे छेड़ने पर औरत उत्तेजित होता है।

राजेश ने पूछा माजी औरतों को फिर से उत्तेजित करने के क्या-क्या करना चाहिए ।

कौशिल्या -बेटा मर्द को एक औरत को उत्तेजित करने के लिए, उसके होंठों को चूसना चाहिए ।उसके गालों को चूमना चाहिए। उसके गर्दन एवं पट को चाटना एवं शहलाना लाना चाहिए। उसकी चूची को मसलना एवं मुंह से चूचक को पीना चाहिए । उसके पेट को चाटना, नाभि को चुमना चाहिए ।औरत की चू को सहलाने अऔर उसकी चूत के भग्नासा को उंगली से छेड़ना चाहिए। उसके नितंब को हाथों से सहलाना एवं मसलना चाहिए ।उसकी टांगों पर चुंबन करना चाहिए। टांगों को हाथों से सह लाना चाहिए ,उसके पैर की अंगुलियों को चूसना चाहिए ,ऐसा करने से औरतें बहुत जल्दी उत्तेजित और काम विहिल हो जाती है और वह चूदने के लिए जल्दी तैयार हो जाती है।

बेटा हर औरत का शरीर में कुछ अंग ऐसा होता है जिसे छेड़ने से वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाती है तुम्हें यह जानना होगा ,अपने अनुभव द्वारा कि कौन सी औरत किस अंग से जल्दी उत्तेजित होती है।

यह भी जान ना होगा कि किस आसन में किस औरत को चुदाई करने में बहुत अधिक मजा आता है ।क्योंकि हर औरत ही अपनी पसंद होती है। अगर तुम यह सब जान गए तो औरत तुम्हारी दीवानी हो जाएगी ।तुम जितनी अधिक औरतों को चोदोगे तुम्हारा अनुभव बढ़ता जाएगा। एक पुरुष को औरत के झड़ने के पहले नहीं झड़ना चाहिए, नहीं तो उसकी औरत खुश नहीं रहती और औरत किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाने के बारे में सोचने लगती है ।

राजेश ने कौशल्या देवी से कहा मा जी मेरी चुदाई से तुम खुश हो ना।

कौशल्या देवी कहां बेटा तुम्हारा लंड तो काफी मोटा और लंबा है हर कामुक औरत चाहती है कि उसे ऐसा लैंड चुदाने**के लिए मिले। मैंने तो तुम्हारी चुदाई से बहुत जल्दी झड़ गई। तुम्हारी चुदाई से मुझे बहुत ही मजा आया ।ऐसा मजा तो मुझे आज तक कभी नहीं आई देखो मेरी चूत के रस से पूरा बेड भीग गया है । तुम्हारा लंड मेरी चूत के हर हिस्से को रगडता है।और मेरे बच्चेदानी को भी ठोक रहा था । जिससे मेरे शरीर मे तरंग पैदा कर रहा था ।चूदवाने मै ऐसा सूख मूझे पहली बार मिला ।

जरा देखो तो तुम्हारा लंड अभी भी कैसे हवा में ठूमक रहा है ।कौशल्या देवी मुस्कुराने लगी ।

राजेश ने कहा मा जी मुझे चोदने का बहुत मन कर रहा है ।

कौशल देवी ने कहा हां हां मुझे फिर से चोद लेना, पहले मुझे गरम तो करो ।

राजेश बेड पर बैठ जाता है, उसके दोनों पैर नीचे थे। कौशल्या देवी को अपने गोद पर बैठने का इशारा करता है ।

कौशल्या देवी बेड से उठकर राजेश के गोद मे जाकर बैठ जाती है ।दोनों के चेहरे आने सामने थे। राजेश कौशिल्या देवी को अपने बाहों में जकड़ लेता है जिसे उसकी चूचियां राजेश के सीने में दब जाता है ।जिसका राजेश को अहसास होते ही ,उसके लंड* ठुमकने लगता है ।जिसका एहसास कौशल्या देवी को होता है। क्योंकि वह उस पर ही बैठी थी ।

अब राजेश उसके होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगता है ।कौशल्या देवी इस समय अपनी आंखें बंद कर ली।

होठों को कुछ देर चूसने के बाद वह उसके गर्दन पर चूसने लगा, चाटने लगा और हाथों से पेट को सहलाने लगा ।

कौशल्या देवी राजेश की इन हरकतों से उत्तेजित होने लगी।

अब राजेश कौशल्या देवी के चूचियो को हाथ से दबाने लगा उसकी निप्पल को मुंह में भरकर पीने लगा जिससे कौशल्या देवी के मुख सिसकने की आवाज निकलने लगी ।

राजेश को इसका अहसास हो गया था कि अब मा जी उत्तेजित हो रही है वह चूची को मसलते हुए एक हाथ उसके चूत पर ले जाकर सहलाने लगा जिससे कौशल्या देवी बहुत अधिक उत्तेजित हो गई ,और वह बोलनी बस बेटा बस अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा ।

वे दोनों बेड से उतर गए, कौशल्या देवी नीचे बैठ गई और राजेश के लैंड को मुंह में भर कर चूसने लगी। राजेश अपनी आंखें बंद करें लंड* चूसाने का मजा लेने लगा और वह अपने मुंह से बोलने लगे आह मा जी तुम बहुत अच्छे से लैंड चुस्ती हो ।हां बहुत मजा आ रहा है। और वह धीरे-धीरे अपना लंड उसकी मूह के अंदर बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी को लगा कि कहीं राजेश झड़ ना जाए वह चूसना बंद कर दी और खडी होकर, बेड को अपने हाथों से पकड़कर झुक जाती है ।उसके दोनों पैर जमीन के नीचे थे और झुकी हुई थी ।

वह राजेश को पीछे जाने का इशारा किया ।राजेश अपने लंड को हाथ से पकड़ ,कौशल्या देवी की पीछे खड़ा हो गया ।कौशल्या देवी के चिकनी गुदाज कुल्हे को देखकर उसका लंड झटके मारने लगा ।

कौशिल्या देवी अपना एक हाथ में पीछे ले जाकर राजेश के लंड को पकड़ लिया और लंड को अपनी चूत के मुख पर रख दी और राजेश से बोली बेटा अब अंदर डालो ।मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

चुत पहले चुदाई से खुल चुका था ।चूत से रस भी बह रहा था अतः धक्का मारते ही राजेश का लैंड का टोपा है उसके चुत के अंदर चला गया ।राजेश फिर से एक धक्का अपने लंड से कौशल्या देवी के चूत पर मारा लंड सर सराता हुआ आधा घुस गया ।

राजेश अपने दोनों हाथ सामने ले जाकर कौशल्या देवी के चूची को पकड़कर मसलने लगा। कुछ देर मसलने के बाद, वह अपने दोनों हाथों से मा जी के कमर को पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के अंदर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा।

कुछ ही देर के बाद लंड ने चूत पर अपनी जगह बना ली और लंडफच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।राजेश को फिर से जुदाई करने में बहुत मजा आने लगा ।वह स्वर्ग में चला गया और तेज झटके मार मार कर चुदाई । करने लगा ।

राजेश के तेज धक्के लगाते ही उसका लंड का टोपा कौशल्या देवी के बच्चेदानी से टकराने लगा जिससे कौशल्या देवी को बहुत ही मजा आने लगा। ऐसा मजा उसे भगत की चुदाई से भी नहीं आता था। वह चिखने और सीसकने लगी ।एक बार फिर से कमरे में गच गच फच की आवाज गूंजने लगी ।

राज को इस आसन में चोदने में बड़ा मजा आ रहा था क्योंकि कौशल्या देवी की गोरे गोरे कुल्हे उसके आंखों के सामने था जब राजेश अपना लंड* कौशल्या देवी की की चूत पर मारता था ।तो लंड* के टट्टे कौशल्या देवी के कुल्हे से टकराता था जिससे राजेश को एक अलग ही आनंद की अनुभूति होता था ।

लंड की टट्टो और कुल्हे के टकराने से कमरे थप थप की आवाज गूंज रही थी । राजेश पूरे जोश में था ।वह कौशल्या देवी को हूमच हूमच कर चोदने लगा। वह जन्नत मैं पहुंच गया था ।

इधर कौशल्या देवी को भी जन्नत का अनुभव मिलने लगा ।उसे चुदाने का ऐसा मजा इसके पहले कभी नहीं आया था वह सिसक रही थी ।

जब राजेश के लैंड का टोपा उसके गर्भाशय के मुख से टकराता था ।उसे परम आनंद की अनुभूति होती थी। जिससे उसके मुंह से आह आह की आवाजें निकलने लगती थी ।अब उसे और बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया। वह अपने हाथों से बेड को जोर से भीच ली। उसके पैर कपकपाने लगी ।वह एक बार फिर से झड़ गई थी ।

राजेश को इसका एहसास हुआ की मा जी फिर से झड़ गई है लेकिन राजेश इस समय रुकने के मूड पर बिल्कुल नहीं था क्योंकि उसे चुदाई ** करने में बहुत ही मजा आ रहा था।

वह और तेजी से कौशल्या देवी को चोदने लगा ।राजेश कौशल्या देवी को चोदते हुए किसी दूसरी दुनिया में खो गया था ।वह लगातार चुदाई** किए जा रहा था।

इधर कौशल्या देवी के चूत में दर्द करने लगा क्योंकि वो झड़ गई थी। वह दर्द से कराहने लगी ।पर राजेश रुका नहीं वह लगातार अपना लंड* कौशल्या देवी की चूत * में तेज गति से अंदर-बाहर करने लगा। कमरे में थप थप , फच फच ,गच गच की आवाजें गुंज रही थी।

राजेश भी अपनी चरम की ओर पहुंच रहा था। वह और तेज तेज शॉट लगाने लगा।

इधर कौशल्या देवी फिर से गर्भ होने लगी उसके चूत से फिर रस बहना शुरू हो गया ।फिर से का कौशिल्या देवी को आप चूत मरवाने में मजा आने लगा ।वह फिर से आनंद के मारे सिसकने लगी ।

राजेश को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया था उसकी सारी शक्ति उसके लंड* पर केंद्रित हो गई थी ।अब वह बहुत जोर जोर से कोशल्या देवी को चोदने लगा ।वह एक जोरदार शॉट लगाकर कौशल्या देवी के कुल्हे को अपने लंड से सटा दिया और वह कौशल्या देवी के चूत में ही झड़ने लगा। झड़ते हुए अपने मुंह से आह आह कि कराहने की आवाजें निकाल रहा था। उसके पैर कपकपा रहा था।

वह ढेर सारा वीर्य उसके लंड* से निकलकर कौशल्या देवी के बच्चेदानी तक जा रहा था कौशल्या देवी अपने बच्चेदानी पर गर्म गर्म में वीर्य का को गिरते हुए महसूस करके ।वह भी चरम में पहुंच गई और फिर से एक बार झड़ने लगी ।

इधर राजेश का लंड से जब वीर्य निकलना बंद हुआ । कुछ देर वैसे ही खड़ा रहा, फिर अपना लंड कौशल्या देवी के चूत से बाहर निकाला ।

लंड फचाक की आवाज करता हुआ बाहर आया ।राजेश बेड पर लुढ़क गया और लंबी लंबी सांसे लेते हुए सुस्ताने लगा।

इधर कौशल्या देवी के चूत से राजेश का वीर्य झरने की तरह बहता हुआ फर्श पर गिर रहा था। कौशल्या देवी को इसका अहसास होते ही वह खड़ी हो गई और अपने चूत को देखने लगी। वह आश्चर्य में थी कि कोई इतना सारा वीर्य भी अपने लंड से निकाल सकता है । वह अपने चूत की हालत देखकर मुस्कुराने लगी ।और शर्म के मारे बाथरूम की भागने लगी उसे भागते हुए मटकते गाड को को देखकर राजेश का लंड* फिर से ठूनकी मारने लगा।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उतेजनापूर्ण अपडेट है भगत कौशल्या को राजेश की परेशानी बताकर उसकी हेल्प करने के बोल कर कॉलेज चला जाता है वही कौशल्या उसके साथ दमदार चूदाई करके तृप्त हो जाती है देखते हैं आगे क्या होता है
राजेश भाई शब्दो का ध्यान रखो कौशल्या की जगह सुनीता लिख दिया है
 
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