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दोपहर होने के बाद, पदमा भुवनऔर अपने पति के लिए भोजन लेकर खेत चली गईं। वह चिंतित थी, कि राजेश के हवेली जाने पर ठाकुर उसे कोइ नुकसान न पहुंचा दे।
इधर राजेश भी पलंग पर लेट कर सोच रहा था कि मां के साथ गांव में ये सब गुजरी है इसका जिक्र कभी किया नहीं।
ठाकुर ने जो किया है उसका हिसाब तो उससे लेना पड़ेगा, और दादा जी की हास्य में किसका हाथ था, उसका भी पता लगाना होगा।
राजेश के कमरे मे पुनम पहुंची।
पुनम _क्या कर रहे हो, देवर जी।
राजेश _कुछ नही भौजी, आराम कर रहा था। कुछ काम था क्या?
पुनम _देवर जी, मां जी बता रही थी की आज हवेली में पार्टी रखा है जिसमे ठाकुर ने तुम्हे बुलाया है।
क्या ये सच है?
राजेश _हा, भौजी।
पुनम _पर देवर जी, ठाकुर साहब तो सुरज पूर वालो को अपना दुश्मन समझता है, फिर तूमको कैसे बुलाया है? मां जी कह रही थी की ठाकुर की बेटी के कहने पर बुलाया है?
राजेश _हो सकता है भौजी, ठाकुर की बेटी दिव्या के कहने पर मुझे पार्टी में बुलाया गया हो।
पुनम _देवर जी कहीं ठाकुर की बेटी के साथ तुम्हारा कोइ चक्कर तो नही है।
राजेश _अरे, नही भौजी ऐसी कोई बात नही।
जब मैं ट्रैन से गांव आ रहा था तो दिव्या जी भी उसी ट्रैन से अपने गांव आ रही थी, कुछ बदमाश उससे बदतमीजी कर रही थी।
मैने उसकी मदद की, तभी से उससे जान पहचान huwa
पुनम _ओह मैं तो समझ रही थी कि ठाकुर की बेटी तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो नही।
राजेश हसने लगा।
राजेश _भौजी आप भी न।
पुनम _वैसे देवर जी, तुम बताने वाले थे की तुम्हारी गर्लफ्रेंड के साथ आखिर किस बात को लेकर झगड़ा huwa, आखिर वह तुम्हे क्यो छोड़ कर चली गईं।
राजेश _रहनी दो भौजी, वह बात आपको बताने लायक नही है?
पुनम _देवर जी ऐसे क्या बात है, जो अपनी भौजी को नही बता सकते?
राजेश _भौजी, मेरी गलतियों की वजह से ही वह से ही उसने मुझे छोड़ दिया।
पुनम _मैं भी तो जानू की आखिर मेरे देवर से क्या इतनी बड़ी गलती हो गई जो, छोड़ कर चली गईं।
राजेश _मैं आपको बता नही सकता भौजी।
पुनम _ठिक है देवर जी, आप बताना नही चाहते हो अपने भौजी को तो, कोइ बात नही।
वैसे तुम तो बड़े स्मार्ट हो, कोइ भी अच्छी लडकी मिल जाएगी।
जो तुम्हे छोड़ कर चली गई उसे भुल जाओ।
और कोइ नई देखो।
पुनम _वैसे तुम्हे कैसी लडकी चाहिए?
राजेश ने मजाक में कहा,
राजेश _बिलकुल आप ही की तरह?
पुनम _धत बदमाश?
ऐसी क्या खास बात है मुझमें?
राजेश _कोइ एक बात हो तो बताऊं।
पुनम _मैं भी तो जानू, मेरी देवर को मुझमें क्या खास दिखाई देता है।
राजेश _रहने दो आप बुरा मान जाएंगी।
पुनम _अरे नही मानूंगी, बता तो सही।
राजेश _ये लंबी लंबीबाल, ये गोरे गोरे गाल, ये कजरारी आंखे , ये रस भरी गुलाबी ओंठ,
पतली क़मर, गहरी नाभी, और,,,
पुनम _और क्या देवर जी,,,
राजेश _और बड़े बड़े दूध से भरे चूची,,,
पुनम शर्मा गई,,
पुनम _धत, तुम तो बड़े बदमाश निकले, लगता है अपनी भौजी पे बुरी नियत रखते हो,,
राजेश _अरे भौजी, मैने तो कहा था कि आप बुरा मान जाएंगी,,,
पुनम _मुझे क्या पता था कि तुम मेरे स्तन के बारे में ऐसे बोलेंगे।
मतलब तुम्हारी नजर मेरी स्तनों पर रहती हैं।
राजेश _ जवान हूं न क्या करू, नजर फिसल जाती है,माफ कर देना भौजी गलती हो गई, अब नही देखूंगा?
पुनम _क्या नही देखोगे?
राजेश ने उसकी चूचियों के तरफ इशारे करते हुए कहा?
इसकी ओर,,
पुनम शर्मा गई,,
पुनम _छी देवर जी आप सच में न बड़े बदमाश है?
लगता, है तुम्हारी लैला ने तुम्हे किसी और के साथ देख लिया था, और तुमसे नाराज होकर, तुम्हें छोड़ कर चली गई।
राजेश _वाह भौजी आप तो अंतर्यामी है।
पुनम _मतलब मैने जो कहा वो सच है।
राजेश _हूं।
पुनम _मतलब तुम भी अपनें भईया के जैसे शादी के पहले ही इधर उधर मुंह मार चूके हो।
राजेश _मतलब, भुवन भईया भी शादी से पहले ही सब सीख लिया था।
पुनम _हा,
भुवन _यह बात आपको कैसे पता चला।
पुनम _शादी के कुछ दिनो के बाद ही, उसने ख़ुद ही मुझ बता दिया।
राजेश _तो आपको बुरा नही लगा।
पुनम _बुरा तो लगा, पर कर भी क्या सकती थी? यहां के सभी लड़को का लगभग यहीं हाल है।
शादी के पहले ही, सब इधर उधर मुंह मारते फिरते है।
राजेश _कहीं आप भी तो शादी के पहले,,,
पुनम _छी देवर जी, मैं आपको ऐसी लगती हूं क्या?
शादी के पहले कई लड़के मुझसे अपनी हसरते पूरी करना चाहते थे, मैने उसे ऐसा सबक सिखाया की वे आज भी मुझे देख कर डरते हैं हा।
राजेश _अरे भौजी, यह जानकर तो अब मुझ भी आपसे डर लगने लगा।
कहीं आप मुझे भी सबक न सीखा दे।
पुनम _मतलब तू, सच में मुझपे बुरी नजर रखता है।
राजेश _कहा तो था, जवान हूं कभी कभी नजर फिसल जाती है।
पुनम _तूमको मूझसे डरने की जरूरत नही।
राजेश _क्यू भौजी, मूझसे भी तो कोइ खता हो सकती है?
पुनम _तुम मेरे देवर हो मैं तुम्हे प्यार से समझा दूंगी कि जो तुम चाह रहे हो वो गलत है।
राजेश _वाह भई, ये तो अच्छी बात है, मतलब हम आपसे मजाक कर सकते है?
पुनम _हूं।
राजेश _भौजी, दूध पीने ने का मन कर रहा है। अगर दूध बचा हो तो पिला देती, अपने देवर को।
पुनम समझ गई राजेश किस दूध की बात कर रहा है?
पुनम नाराज होते हुईं,,
दूध तो बहुत है,,
अभी लाती हूं लोटा भरकर,,,
राजेश _अरे नही भौजी मैं तो मजाक कर रहा था।
पुनम _मैं भी मजाक कर रही हूं,,
दोनो हसने लगे,,,
इधर ग्राम पंचायत भवन में पंच और सरपंच की बैठक रखा गया था।
गांव के लोगो ने सरकार के आवास योजना के तहत आवेदन लगाया था।
गांव के क़रीब 600परिवारों ने आवास के लिए आवेदन पंचायत में दिया था, जिसका पंच सरपंच द्वारा प्रस्ताव पारित कर, पंचायत विभाग के पास भेजा जाना था।
पिछले कई सालो से ग्राम पंचायत के द्वारा प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा गया था, परंतु आज तक गांव के किसी भी गरीब परिवार को इसका लाभ नहीं मिल पाया था।
सचिव _सरपंच जी, पिछले साल भी हमने इन लोगो का आवास हेतु प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा था।
पर विधयक जी, इस गांव के लोगो को योजना का लाभ होने से रोक देते हैं।
इस बार हमें विधायक जी से बात करनी चाहिए, ताकि गांव के गरीब लोगो को भी सरकार की आवास योजना का लाभ मिल सके।
सभी पंचों ने भी सचिव की बातो का समर्थन किया।
सरपंच _लगता है गरीब लोगो की भलाई के लिए, न चाहते हुवे भी विधायक जी से मिलना पड़ेगा। हम सब कल उससे मिलने उसके लक्षमण पुर कार्यालय चलेंगे
इधर शाम होते ही पदमा और भुवन खेत से घर आ जाते है।
भुवन राजेश के कमरे मे पहुंचता है।
राजेश _भुवन भाई आ गए खेत से।
भुवन _हा, राजेश।
राजेश मां बता रही थी कि तुम्हे हवेली की किसी पार्टी में बुलाया गया है, इस बात को लेकर मां चिंतित है।
राजेश _ताई तो फालतू ही चिन्ता कर रही है।
भुवन _राजेश चिंतित तो मैं भी हूं, ठाकुर सुरज पूर वालो से नफरत करता है फिर तुम्हे बुलाया क्यू है?
तभी पदमा भी वहां पहुंच गई।
पदमा _राजेश बेटा मैं तुम्हे हवेली में अकेले जाने नही दूंगी। अगर तुम्हे कुछ हो गया तो सुनीता को क्या जवाब दुंगी? क्यू भेजा मेरे बेटे को,,
बेटा तुम अकेले नहीं भुवन भी तुम्हारे साथ जायेगा।
भुवन _हा राजेश तुम वहां अकेले नहीं जाओगे, मैं भी चलूंगा तुम्हारे साथ।
राजेश _ठीक है भईया , दोनो साथ चलेंगे।
पदमा की चिन्ता थोडा कम हुई।
भुवन घर में फ्रेश huwa
थोड़ी देर बाद पुनम चाय लेकर राजेश और भुवन को चाय दी।
भुवन _राजेश कितने बजे चलना है पार्टी में।
राजेश _भईया, 7बजे निकलेंगे।
राजेश और भुवन दोनो आंगन में बैठे बात चीत कर रहे थे तभी आरती वहा पहुंची।
आरती _भईया, आप लोग पार्टी में जा रहे हैं। ठाकुर की बेटी ने आपको अपनी पार्टी में बुलाया है, उसके लिए क्या लें जाओगे।
भुवन _हां राजेश खाली हाथ जाना ठीक रहेगा क्या?
चलो लक्षमण पुर से कोइ गिफ्ट खरीद लाते है।
पुनम _इतने बड़े लोग है उनके सामने हमारी कोई औकात नही,उन्हे गिफ्ट में देगें क्या?
राजेश _हम दिव्या जी को फूल भेंट करेंगे। एक खुबसूरत राजकुमारी के लिए खुबसूरत फूल।
आरती _भईया, हमारे बाड़ी में तो बहुंत सारे खुबसूरत और खुशबू दार फूल खिले हुवे है, मैं उन फूलो से गुलदस्ता बना देती हूं। दिव्या जी खुश हो जाएगी।
पदमा _चुप कर, करमजली मैं राजेश को ठाकुर की बेटियो से दूर रहने कह रही तुम उसे खुश करने की बात कर रही। बेटा उन्हे कोई फूल वूल देने की जरूरत नही, उन्हे बधाई दे देना वही काफी है।
पुनम _मां जी आप भी न, ऐसे ही खाली हाथ थोड़े ही जायेंगे। आरती तुम गुलदस्ता बना दो, बधाई के साथ गुलदस्ता दे देना।
राजेश _ताई भौजी ठीक कह रही है, हम बधाई के साथ गुलदस्ता भेंट करेंगे।
आरती बाड़ी में जाकर गुलदस्ता के लिए फूल तोड़ने लगती है।
7बजे राजेश और भुवन पार्टी में जाने के लिए तैयार हो जाते है।
आरती के द्वारा बनाए गुलदस्ता ले कर वे दोनो भान गढ़ के लिए निकल पड़ते हैं।
इधर हवेली में पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी है।
मेहमान भी आने लगे थे।
पार्टी में शामिल होने राजधानी से खेल मंत्री भी पहुंच रहे थे। वे अपने साथ अपनी पत्नी और बेटा विक्की को भी ला रहा था।
विक्की _डैड, ये आप मुझे कहा ला रहे है, मुझे ये इलाका बहुत पिछड़ा हुआ लग रहा है।
मंत्री _चुप कर नालायक, तुम किसी काम के तो हो नही। मैने उद्योगपति के इकलौती बेटी रिया को अपनी प्रेम जाल में फसाने को कहा था, ताकि उसकी करोड़ों की संपत्ति तुम्हे मिले। वह काम तो ठीक से कर नही सका।
मेरा तुम दोनो को यहां लाने के पीछे एक उद्देश्य है। ठाकुर की दो बेटी है बड़ी बेटी तो राजनीति करना चाहती है, वह शादी करना नहीं चाहती। छोटे लडकी के लिए तुमसे शादी की बात ठाकुर से करना चाहता हूं। वे इस क्षेत्र के जमीदार है। उनके पूर्वज इस क्षेत्र के राजा थे। अरबों की संपत्ति है उसके पास। अगर तुम्हारी शादी उसकी बेटी से तय हो गया तो उसकी सारी संपत्ति हमारी हो जाएगी।
विक्की _ओह डैड ये बात है आप पहले क्यू नही बताए।
मंत्री _देखो बेटा तुम वहां कोइ उल्टी सीधी हरकत न करना, जिससे मामला बिगड़ जाए। ठाकुर और उसके परिवार वालों के बीच एक संस्कारी लडका की तरह पेश आना।
मंत्री _ठीक है डैड, इस बार कोइ गलती नहीं होगी।
मंत्री अपनी बीवी से कहता है। तुम भी रागनी ठाकुर साहब थोड़े रंगीले स्वभाव के है।
अगर ठाकुर तुमसे कोइ मजाक करे तो तुम भी हस के जवाब देना।
रागिनी _ठीक है जी।
मंत्री _तुम दोनो को किसी भी तरह से ठाकुर साहब और उसकी बेटी का दिल जीतना है । वे इस रिश्ते के लिए तैयार हो जाए।
कुछ देर में वे हवेली पहुंच जाते है।
ठाकुर _आइए मंत्री जी आइए, मुझे पूरा भरोसा था की आप जरूर आयेंगे।
मंत्री _ठाकुर साहब, हम अच्छे दोस्त हैं, आप बुलाए और हम न आए ऐसा हो सकता है क्या भला? देखो मैं अपने साथ किसको लाया हूं।
ये हैं मेरा बेटा विक्की।
बेटा पैर छुओ ठाकुर साहब का।
विक्की _प्रणाम अंकल।
ठाकुर _अरे जीते रहो बेटा।
मंत्री _और इनसे मिलो ये है मेरी पत्नि रागिनी।
रागनी _नमस्ते भाई साहब।
ठाकुर _नमस्ते भाभी जी। आप से मिलकर बड़ी खुशी हुईं।
मंत्री जी भाभी जी बहुत सुंदर है।
भाभी जी के आने से पार्टी की रौनक में चांद चांद लग गया।
रागिनी _शुक्रिया भाई साहब तारीफ के लिए।
मंत्री जी _अरे यार आपके बेटियां और भाभी कहा हैं।
ठाकुर _आओ मैं तुम्हे अपनी पत्नि और बेटी से मिलाता हूं।
ठाकुर मंत्री, रागनी और विक्की को अपने पत्नि और बेटियो से मिलाने ले जाता हैं। जो इसी पार्टी हाल में थी।
ठाकुर _अरे रत्ना।
ठकुराइन _क्या है जी?
ठाकुर _इनसे मिलो, मंत्री जी और भाभी जी और उनका बेटा विक्की इतने दूर से हमारे बुलावे पर दिव्या को बधाई देने आए है।
रत्ना _नमस्ते भाई साहब, नमस्ते दीदी। बड़ी खुशी हुईं आप लोग यहाँ आए।
रागिनी _मैं तो बहुत पहले से ही आप लोगो से मिलना चाहती थी, आज मौका मिला, तो चले आए। कैसी है आप दीदी। आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुईं।
रत्ना_मुझे भी बड़ी खुशी हो रही है।
मंत्री _विक्की बेटा पैर छुओ भाभी जी का।
विक्की _नमस्ते आंटी।
रत्ना _हमेशा खुश रहो बेटा।
ठाकुर _मंत्री ये है मेरी बड़ी बेटी गीता।
गीता ने मंत्री और उसकी पत्नि का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
ठाकुर _और ये है मेरी छोटी बेटी दिव्या।
दिव्या ने भी दोनो का पैर छूकर प्रणाम किया।
मंत्री और उसकी पत्नि ने दिव्या को डाक्टर बनने पर बधाई दिया।
मंत्री _ठाकुर साहब आपके दोनो बेटियां तो होनहार के साथ काफी सुन्दर भी है।
विक्की बेटा तुम भी दिव्या को बधाई दो।
विक्की _बहुत बहुत बधाई दिव्या जी, आपको डाक्टर बनने पर। आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुईं।
दिव्या _जी शुक्रिया।
मंत्री _ठाकुर साहब बच्चो को आपस में मिलजुल लेने दो, चलो हम लोग उधर चलकर बात करते हैं।
ठाकुर _अरे क्यू नही मंत्री जी, आइए।
लगभग सारे मेहमान आ चूके थे जो दिव्या को डाक्टर बनने पर बधाई दे रहे थे। विक्की दिव्या और गीता के साथ बात चीत कर उसे अपने प्रभाव में लाने की कोशिश कर रहा था।
रत्ना और रागिनी अन्य महिलाओं के साथ
के साथ बात चीत में लगे थे।
पर दिव्या का मन किसी का राह देख रहा था।
इधर भुवन और राजेश हवेली के मेन गेट पर पहुंचे।
ठाकुर के आदमी को दरवाज़े पर खड़े थे।
ठाकुर का आदमी भुवन को देखकर पहचान गया की यह सुरज पूर का रहने वाला है।
ठाकुर का आदमी _अरे तुम तो सूरजपुर के रहने वाले हो, तुम यहां क्या करने आए हो, चले जाओ यहां से।
भुवन _देखो हमें भी पार्टी में बुलाया गया है, हम ऐसे ही नहीं आए है।
ठाकुर का आदमी हसने लगा,
तूमको मालिक ने बुलाया है, क्यू पिटना चाहते हो अपनी खैरियत चाहते हो तो यहां से चले जाओ।
भुवन_नही, हम सच कह रहे है।
ठाकुर के आदमी और भुवन के बीच बहस होने लगा।
उनके बीच बहस होता देख, ठाकुर का खास आदमी, माखन वहा आया,
माखन ने कहा _क्या बात है तुम लोग बहस क्यू कर रहे।
ठाकुर का आदमी _ये सुरज पूर के रहने वाले हैं इनका कहना है की ठाकुर ने इन्हे पार्टी में।
भुवन _भईया हम ठीक कह रहे हैं, ठाकुर ने हमें बुलाया है।
राजेश _आपको यकीन नहीं है तो ठाकुर साहब से पुछ लो, उनसे कहना कि सुरज पूर से राजेश नाम का लडका आया है।
माखन _ठीक है, तुम लोग यहीं रुको, मैं मलिक से पुछ कर आता हूं।
माखन _पहरेदार इनपर कड़ी नजर रखना।
पहरेदार _ठीक है माखन भईया।
माखन पार्टी हाल में गया, वहा ठाकुर के पास गया,,
ठाकुर _क्या बात है माखन
माखन _मालिक, सुरज पूर से कोइ राजेश नाम का लडका आया है। कह रहा है की पार्टी में आपने उसे बुलाया है। क्या ये सच है?
ठाकुर _वे कहा है?
माखन _हमने उसे दरवाज़े पर रोक रखा है।
ठाकुर _उसे अंदर आने दो।
माखन _ठीक है मालिक।
माखन ने पहरेदार को कहा की उन्हे अंदर आने दो।
भुवन और राजेश दोनो पार्टी हाल में गए।
अभी लोग अपने में मस्त थे।
राजेश दिव्या को ढूंढने लगा।
दिव्या ने दूर से ही राजेश को देख लिया,,,
दिव्या के चेहरे पर मुस्कान आ गया।
भुवन _राजेश दिव्या जी कौन है?
राजेश _भईया,वो वहा खड़ी है आओ चलते है।
राजेश और भुवन दोनो दिव्या के पास पहुंचे।
राजेश _दिव्या जी, आपको बहुत बहुत बधाई डाक्टर बनने के लिए, ये लीजिए खुबसूरत से राजकुमारी के लिए, खुबसूरत सा फूल।
दिव्या _थैंक यू, राजेश, वाह बहुत अच्छी खुशबू आ रही है फूलो से । तुम इतने लेट क्यू हो गए? मैं तुम्हारा वेट कर रहा था।
भुवन _क्या करे दिव्या जी आपके पहरेदार हमें आने नही दे रहे थे।
दिव्या जी _क्या, पर क्यू?
राजेश _अरे छोड़िए न दिव्या जी इन बातो को, ये मेरे भुवन भईया है।
भुवन _नमस्ते जी।
दिव्या _नमस्ते भुवन भईया।
राजेश आओ मैं तुम्हे अपनी मां से मिलाता हूं।
दिव्या राजेश को रत्ना के पास ले गया।
दिव्या _मां इनसे मिलो ये वही राजेश है जिसने ट्रैन पे मैरी मदद किया था।
राजेश _नमस्ते मां जी।
रत्ना _जी ता रह बेटा। बेटा हम तुम्हारा अहसान जिंदगी भर नही भूलेंगे। बड़ी इच्छा थी तुमसे मिलने की अच्छा हुवा जो पार्टी में आए।
दिव्या _राजेश ये मैरी दीदी है इनसे तो कल मिल चूके थे।
राजेश _नमस्ते गीता दी।
गीता _नमस्ते राजेश कैसे हो, बड़ी खुशी हुईं तुम यहां आए।
तभी वहा पर विक्की पहुंचा।
विक्की _तुम राजेश हो न।
राजेश _और तुम विक्की।
विक्की _तुम यहां गांव में क्या कर रहे हो?
राजेश _यहीं सवाल मैं आपसे पूछूं तो।
विक्की _मेरे डैड तो दिव्या जी के पिता जी के अच्छे दोस्त हैं। तो हम पार्टी में आए है।
गीता _क्या तुम एक दूसरे को जानते हो।
विक्की _हम लोग एक ही कालेज में पढ़ते थे।
राजेश तुमने बताया नही तुम यहां कैसे?
राजेश _मैं अपने दादा जी का गांव आया huwa हूं।
विक्की _ओह तो तुम्हारे पिता जी इस क्षेत्र के रहने वाले हैं।
वैसे राजेश, मुझे पता चला है की निशा तुम्हे छोड़ कर हमेशा के लिए लंदन चली गईं, क्या ये सच है?
गीता _ये निशा कौन है?
विक्की _निशा राजेश की गर्लफ्रेंड, कहो या प्यार। क्यू राजेश।
राजेश चुप रहा,,,
विक्की _राजेश, लगता है तूम बुरा मान गए। अरे चलो छोड़ो उस बात को।
विक्की _यार राजेश अब तुम यहां आए हो तो कुछ गाने वाने का प्रोग्राम हो जाए। तुम तो बढ़िया गाते हो।
दिव्या _राजेश , क्या सच में तुम गाते हो?
अगर ऐसा है तो प्लीज गांव न।
राजेश _दिव्या जी, गाने के लिए गुनगुनाने का मन भी होना चाहिए।
दिव्या _राजेश, मुझे भी इस पार्टी में खास मजा नही आ रहा है। मेरे लिए एक गाना सुनादो। प्लीज।
तभी विक्की ने माइक पर अलाउंस कर दिया।
लेडिस एंड जेंटल मैन, पार्टी में आप लोगो के मनोरंजन के लिए, मिस्टर राजेश आप लोगो को गाना सुनाने जा रहे हैं कृपया ताली बजाकर उनका स्वागत कीजिए।
वहा मौजूद लोग ताली बजाने लगते है।
ठाकुर और मुनीम एक दूसरे की ओर देखने लगते हैं।
दिव्या _राजेश, प्लीज।
दिव्या के रिक्वेस्ट करने पर राजेश गाना शुरू करता है।
राजेश _दिल की तन्हाई को,,,,,
दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं,,
दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते है?
इधर राजेश भी पलंग पर लेट कर सोच रहा था कि मां के साथ गांव में ये सब गुजरी है इसका जिक्र कभी किया नहीं।
ठाकुर ने जो किया है उसका हिसाब तो उससे लेना पड़ेगा, और दादा जी की हास्य में किसका हाथ था, उसका भी पता लगाना होगा।
राजेश के कमरे मे पुनम पहुंची।
पुनम _क्या कर रहे हो, देवर जी।
राजेश _कुछ नही भौजी, आराम कर रहा था। कुछ काम था क्या?
पुनम _देवर जी, मां जी बता रही थी की आज हवेली में पार्टी रखा है जिसमे ठाकुर ने तुम्हे बुलाया है।
क्या ये सच है?
राजेश _हा, भौजी।
पुनम _पर देवर जी, ठाकुर साहब तो सुरज पूर वालो को अपना दुश्मन समझता है, फिर तूमको कैसे बुलाया है? मां जी कह रही थी की ठाकुर की बेटी के कहने पर बुलाया है?
राजेश _हो सकता है भौजी, ठाकुर की बेटी दिव्या के कहने पर मुझे पार्टी में बुलाया गया हो।
पुनम _देवर जी कहीं ठाकुर की बेटी के साथ तुम्हारा कोइ चक्कर तो नही है।
राजेश _अरे, नही भौजी ऐसी कोई बात नही।
जब मैं ट्रैन से गांव आ रहा था तो दिव्या जी भी उसी ट्रैन से अपने गांव आ रही थी, कुछ बदमाश उससे बदतमीजी कर रही थी।
मैने उसकी मदद की, तभी से उससे जान पहचान huwa
पुनम _ओह मैं तो समझ रही थी कि ठाकुर की बेटी तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो नही।
राजेश हसने लगा।
राजेश _भौजी आप भी न।
पुनम _वैसे देवर जी, तुम बताने वाले थे की तुम्हारी गर्लफ्रेंड के साथ आखिर किस बात को लेकर झगड़ा huwa, आखिर वह तुम्हे क्यो छोड़ कर चली गईं।
राजेश _रहनी दो भौजी, वह बात आपको बताने लायक नही है?
पुनम _देवर जी ऐसे क्या बात है, जो अपनी भौजी को नही बता सकते?
राजेश _भौजी, मेरी गलतियों की वजह से ही वह से ही उसने मुझे छोड़ दिया।
पुनम _मैं भी तो जानू की आखिर मेरे देवर से क्या इतनी बड़ी गलती हो गई जो, छोड़ कर चली गईं।
राजेश _मैं आपको बता नही सकता भौजी।
पुनम _ठिक है देवर जी, आप बताना नही चाहते हो अपने भौजी को तो, कोइ बात नही।
वैसे तुम तो बड़े स्मार्ट हो, कोइ भी अच्छी लडकी मिल जाएगी।
जो तुम्हे छोड़ कर चली गई उसे भुल जाओ।
और कोइ नई देखो।
पुनम _वैसे तुम्हे कैसी लडकी चाहिए?
राजेश ने मजाक में कहा,
राजेश _बिलकुल आप ही की तरह?
पुनम _धत बदमाश?
ऐसी क्या खास बात है मुझमें?
राजेश _कोइ एक बात हो तो बताऊं।
पुनम _मैं भी तो जानू, मेरी देवर को मुझमें क्या खास दिखाई देता है।
राजेश _रहने दो आप बुरा मान जाएंगी।
पुनम _अरे नही मानूंगी, बता तो सही।
राजेश _ये लंबी लंबीबाल, ये गोरे गोरे गाल, ये कजरारी आंखे , ये रस भरी गुलाबी ओंठ,
पतली क़मर, गहरी नाभी, और,,,
पुनम _और क्या देवर जी,,,
राजेश _और बड़े बड़े दूध से भरे चूची,,,
पुनम शर्मा गई,,
पुनम _धत, तुम तो बड़े बदमाश निकले, लगता है अपनी भौजी पे बुरी नियत रखते हो,,
राजेश _अरे भौजी, मैने तो कहा था कि आप बुरा मान जाएंगी,,,
पुनम _मुझे क्या पता था कि तुम मेरे स्तन के बारे में ऐसे बोलेंगे।
मतलब तुम्हारी नजर मेरी स्तनों पर रहती हैं।
राजेश _ जवान हूं न क्या करू, नजर फिसल जाती है,माफ कर देना भौजी गलती हो गई, अब नही देखूंगा?
पुनम _क्या नही देखोगे?
राजेश ने उसकी चूचियों के तरफ इशारे करते हुए कहा?
इसकी ओर,,
पुनम शर्मा गई,,
पुनम _छी देवर जी आप सच में न बड़े बदमाश है?
लगता, है तुम्हारी लैला ने तुम्हे किसी और के साथ देख लिया था, और तुमसे नाराज होकर, तुम्हें छोड़ कर चली गई।
राजेश _वाह भौजी आप तो अंतर्यामी है।
पुनम _मतलब मैने जो कहा वो सच है।
राजेश _हूं।
पुनम _मतलब तुम भी अपनें भईया के जैसे शादी के पहले ही इधर उधर मुंह मार चूके हो।
राजेश _मतलब, भुवन भईया भी शादी से पहले ही सब सीख लिया था।
पुनम _हा,
भुवन _यह बात आपको कैसे पता चला।
पुनम _शादी के कुछ दिनो के बाद ही, उसने ख़ुद ही मुझ बता दिया।
राजेश _तो आपको बुरा नही लगा।
पुनम _बुरा तो लगा, पर कर भी क्या सकती थी? यहां के सभी लड़को का लगभग यहीं हाल है।
शादी के पहले ही, सब इधर उधर मुंह मारते फिरते है।
राजेश _कहीं आप भी तो शादी के पहले,,,
पुनम _छी देवर जी, मैं आपको ऐसी लगती हूं क्या?
शादी के पहले कई लड़के मुझसे अपनी हसरते पूरी करना चाहते थे, मैने उसे ऐसा सबक सिखाया की वे आज भी मुझे देख कर डरते हैं हा।
राजेश _अरे भौजी, यह जानकर तो अब मुझ भी आपसे डर लगने लगा।
कहीं आप मुझे भी सबक न सीखा दे।
पुनम _मतलब तू, सच में मुझपे बुरी नजर रखता है।
राजेश _कहा तो था, जवान हूं कभी कभी नजर फिसल जाती है।
पुनम _तूमको मूझसे डरने की जरूरत नही।
राजेश _क्यू भौजी, मूझसे भी तो कोइ खता हो सकती है?
पुनम _तुम मेरे देवर हो मैं तुम्हे प्यार से समझा दूंगी कि जो तुम चाह रहे हो वो गलत है।
राजेश _वाह भई, ये तो अच्छी बात है, मतलब हम आपसे मजाक कर सकते है?
पुनम _हूं।
राजेश _भौजी, दूध पीने ने का मन कर रहा है। अगर दूध बचा हो तो पिला देती, अपने देवर को।
पुनम समझ गई राजेश किस दूध की बात कर रहा है?
पुनम नाराज होते हुईं,,
दूध तो बहुत है,,
अभी लाती हूं लोटा भरकर,,,
राजेश _अरे नही भौजी मैं तो मजाक कर रहा था।
पुनम _मैं भी मजाक कर रही हूं,,
दोनो हसने लगे,,,
इधर ग्राम पंचायत भवन में पंच और सरपंच की बैठक रखा गया था।
गांव के लोगो ने सरकार के आवास योजना के तहत आवेदन लगाया था।
गांव के क़रीब 600परिवारों ने आवास के लिए आवेदन पंचायत में दिया था, जिसका पंच सरपंच द्वारा प्रस्ताव पारित कर, पंचायत विभाग के पास भेजा जाना था।
पिछले कई सालो से ग्राम पंचायत के द्वारा प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा गया था, परंतु आज तक गांव के किसी भी गरीब परिवार को इसका लाभ नहीं मिल पाया था।
सचिव _सरपंच जी, पिछले साल भी हमने इन लोगो का आवास हेतु प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा था।
पर विधयक जी, इस गांव के लोगो को योजना का लाभ होने से रोक देते हैं।
इस बार हमें विधायक जी से बात करनी चाहिए, ताकि गांव के गरीब लोगो को भी सरकार की आवास योजना का लाभ मिल सके।
सभी पंचों ने भी सचिव की बातो का समर्थन किया।
सरपंच _लगता है गरीब लोगो की भलाई के लिए, न चाहते हुवे भी विधायक जी से मिलना पड़ेगा। हम सब कल उससे मिलने उसके लक्षमण पुर कार्यालय चलेंगे
इधर शाम होते ही पदमा और भुवन खेत से घर आ जाते है।
भुवन राजेश के कमरे मे पहुंचता है।
राजेश _भुवन भाई आ गए खेत से।
भुवन _हा, राजेश।
राजेश मां बता रही थी कि तुम्हे हवेली की किसी पार्टी में बुलाया गया है, इस बात को लेकर मां चिंतित है।
राजेश _ताई तो फालतू ही चिन्ता कर रही है।
भुवन _राजेश चिंतित तो मैं भी हूं, ठाकुर सुरज पूर वालो से नफरत करता है फिर तुम्हे बुलाया क्यू है?
तभी पदमा भी वहां पहुंच गई।
पदमा _राजेश बेटा मैं तुम्हे हवेली में अकेले जाने नही दूंगी। अगर तुम्हे कुछ हो गया तो सुनीता को क्या जवाब दुंगी? क्यू भेजा मेरे बेटे को,,
बेटा तुम अकेले नहीं भुवन भी तुम्हारे साथ जायेगा।
भुवन _हा राजेश तुम वहां अकेले नहीं जाओगे, मैं भी चलूंगा तुम्हारे साथ।
राजेश _ठीक है भईया , दोनो साथ चलेंगे।
पदमा की चिन्ता थोडा कम हुई।
भुवन घर में फ्रेश huwa
थोड़ी देर बाद पुनम चाय लेकर राजेश और भुवन को चाय दी।
भुवन _राजेश कितने बजे चलना है पार्टी में।
राजेश _भईया, 7बजे निकलेंगे।
राजेश और भुवन दोनो आंगन में बैठे बात चीत कर रहे थे तभी आरती वहा पहुंची।
आरती _भईया, आप लोग पार्टी में जा रहे हैं। ठाकुर की बेटी ने आपको अपनी पार्टी में बुलाया है, उसके लिए क्या लें जाओगे।
भुवन _हां राजेश खाली हाथ जाना ठीक रहेगा क्या?
चलो लक्षमण पुर से कोइ गिफ्ट खरीद लाते है।
पुनम _इतने बड़े लोग है उनके सामने हमारी कोई औकात नही,उन्हे गिफ्ट में देगें क्या?
राजेश _हम दिव्या जी को फूल भेंट करेंगे। एक खुबसूरत राजकुमारी के लिए खुबसूरत फूल।
आरती _भईया, हमारे बाड़ी में तो बहुंत सारे खुबसूरत और खुशबू दार फूल खिले हुवे है, मैं उन फूलो से गुलदस्ता बना देती हूं। दिव्या जी खुश हो जाएगी।
पदमा _चुप कर, करमजली मैं राजेश को ठाकुर की बेटियो से दूर रहने कह रही तुम उसे खुश करने की बात कर रही। बेटा उन्हे कोई फूल वूल देने की जरूरत नही, उन्हे बधाई दे देना वही काफी है।
पुनम _मां जी आप भी न, ऐसे ही खाली हाथ थोड़े ही जायेंगे। आरती तुम गुलदस्ता बना दो, बधाई के साथ गुलदस्ता दे देना।
राजेश _ताई भौजी ठीक कह रही है, हम बधाई के साथ गुलदस्ता भेंट करेंगे।
आरती बाड़ी में जाकर गुलदस्ता के लिए फूल तोड़ने लगती है।
7बजे राजेश और भुवन पार्टी में जाने के लिए तैयार हो जाते है।
आरती के द्वारा बनाए गुलदस्ता ले कर वे दोनो भान गढ़ के लिए निकल पड़ते हैं।
इधर हवेली में पार्टी की सारी तैयारी हो चुकी है।
मेहमान भी आने लगे थे।
पार्टी में शामिल होने राजधानी से खेल मंत्री भी पहुंच रहे थे। वे अपने साथ अपनी पत्नी और बेटा विक्की को भी ला रहा था।
विक्की _डैड, ये आप मुझे कहा ला रहे है, मुझे ये इलाका बहुत पिछड़ा हुआ लग रहा है।
मंत्री _चुप कर नालायक, तुम किसी काम के तो हो नही। मैने उद्योगपति के इकलौती बेटी रिया को अपनी प्रेम जाल में फसाने को कहा था, ताकि उसकी करोड़ों की संपत्ति तुम्हे मिले। वह काम तो ठीक से कर नही सका।
मेरा तुम दोनो को यहां लाने के पीछे एक उद्देश्य है। ठाकुर की दो बेटी है बड़ी बेटी तो राजनीति करना चाहती है, वह शादी करना नहीं चाहती। छोटे लडकी के लिए तुमसे शादी की बात ठाकुर से करना चाहता हूं। वे इस क्षेत्र के जमीदार है। उनके पूर्वज इस क्षेत्र के राजा थे। अरबों की संपत्ति है उसके पास। अगर तुम्हारी शादी उसकी बेटी से तय हो गया तो उसकी सारी संपत्ति हमारी हो जाएगी।
विक्की _ओह डैड ये बात है आप पहले क्यू नही बताए।
मंत्री _देखो बेटा तुम वहां कोइ उल्टी सीधी हरकत न करना, जिससे मामला बिगड़ जाए। ठाकुर और उसके परिवार वालों के बीच एक संस्कारी लडका की तरह पेश आना।
मंत्री _ठीक है डैड, इस बार कोइ गलती नहीं होगी।
मंत्री अपनी बीवी से कहता है। तुम भी रागनी ठाकुर साहब थोड़े रंगीले स्वभाव के है।
अगर ठाकुर तुमसे कोइ मजाक करे तो तुम भी हस के जवाब देना।
रागिनी _ठीक है जी।
मंत्री _तुम दोनो को किसी भी तरह से ठाकुर साहब और उसकी बेटी का दिल जीतना है । वे इस रिश्ते के लिए तैयार हो जाए।
कुछ देर में वे हवेली पहुंच जाते है।
ठाकुर _आइए मंत्री जी आइए, मुझे पूरा भरोसा था की आप जरूर आयेंगे।
मंत्री _ठाकुर साहब, हम अच्छे दोस्त हैं, आप बुलाए और हम न आए ऐसा हो सकता है क्या भला? देखो मैं अपने साथ किसको लाया हूं।
ये हैं मेरा बेटा विक्की।
बेटा पैर छुओ ठाकुर साहब का।
विक्की _प्रणाम अंकल।
ठाकुर _अरे जीते रहो बेटा।
मंत्री _और इनसे मिलो ये है मेरी पत्नि रागिनी।
रागनी _नमस्ते भाई साहब।
ठाकुर _नमस्ते भाभी जी। आप से मिलकर बड़ी खुशी हुईं।
मंत्री जी भाभी जी बहुत सुंदर है।
भाभी जी के आने से पार्टी की रौनक में चांद चांद लग गया।
रागिनी _शुक्रिया भाई साहब तारीफ के लिए।
मंत्री जी _अरे यार आपके बेटियां और भाभी कहा हैं।
ठाकुर _आओ मैं तुम्हे अपनी पत्नि और बेटी से मिलाता हूं।
ठाकुर मंत्री, रागनी और विक्की को अपने पत्नि और बेटियो से मिलाने ले जाता हैं। जो इसी पार्टी हाल में थी।
ठाकुर _अरे रत्ना।
ठकुराइन _क्या है जी?
ठाकुर _इनसे मिलो, मंत्री जी और भाभी जी और उनका बेटा विक्की इतने दूर से हमारे बुलावे पर दिव्या को बधाई देने आए है।
रत्ना _नमस्ते भाई साहब, नमस्ते दीदी। बड़ी खुशी हुईं आप लोग यहाँ आए।
रागिनी _मैं तो बहुत पहले से ही आप लोगो से मिलना चाहती थी, आज मौका मिला, तो चले आए। कैसी है आप दीदी। आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुईं।
रत्ना_मुझे भी बड़ी खुशी हो रही है।
मंत्री _विक्की बेटा पैर छुओ भाभी जी का।
विक्की _नमस्ते आंटी।
रत्ना _हमेशा खुश रहो बेटा।
ठाकुर _मंत्री ये है मेरी बड़ी बेटी गीता।
गीता ने मंत्री और उसकी पत्नि का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
ठाकुर _और ये है मेरी छोटी बेटी दिव्या।
दिव्या ने भी दोनो का पैर छूकर प्रणाम किया।
मंत्री और उसकी पत्नि ने दिव्या को डाक्टर बनने पर बधाई दिया।
मंत्री _ठाकुर साहब आपके दोनो बेटियां तो होनहार के साथ काफी सुन्दर भी है।
विक्की बेटा तुम भी दिव्या को बधाई दो।
विक्की _बहुत बहुत बधाई दिव्या जी, आपको डाक्टर बनने पर। आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुईं।
दिव्या _जी शुक्रिया।
मंत्री _ठाकुर साहब बच्चो को आपस में मिलजुल लेने दो, चलो हम लोग उधर चलकर बात करते हैं।
ठाकुर _अरे क्यू नही मंत्री जी, आइए।
लगभग सारे मेहमान आ चूके थे जो दिव्या को डाक्टर बनने पर बधाई दे रहे थे। विक्की दिव्या और गीता के साथ बात चीत कर उसे अपने प्रभाव में लाने की कोशिश कर रहा था।
रत्ना और रागिनी अन्य महिलाओं के साथ
के साथ बात चीत में लगे थे।
पर दिव्या का मन किसी का राह देख रहा था।
इधर भुवन और राजेश हवेली के मेन गेट पर पहुंचे।
ठाकुर के आदमी को दरवाज़े पर खड़े थे।
ठाकुर का आदमी भुवन को देखकर पहचान गया की यह सुरज पूर का रहने वाला है।
ठाकुर का आदमी _अरे तुम तो सूरजपुर के रहने वाले हो, तुम यहां क्या करने आए हो, चले जाओ यहां से।
भुवन _देखो हमें भी पार्टी में बुलाया गया है, हम ऐसे ही नहीं आए है।
ठाकुर का आदमी हसने लगा,
तूमको मालिक ने बुलाया है, क्यू पिटना चाहते हो अपनी खैरियत चाहते हो तो यहां से चले जाओ।
भुवन_नही, हम सच कह रहे है।
ठाकुर के आदमी और भुवन के बीच बहस होने लगा।
उनके बीच बहस होता देख, ठाकुर का खास आदमी, माखन वहा आया,
माखन ने कहा _क्या बात है तुम लोग बहस क्यू कर रहे।
ठाकुर का आदमी _ये सुरज पूर के रहने वाले हैं इनका कहना है की ठाकुर ने इन्हे पार्टी में।
भुवन _भईया हम ठीक कह रहे हैं, ठाकुर ने हमें बुलाया है।
राजेश _आपको यकीन नहीं है तो ठाकुर साहब से पुछ लो, उनसे कहना कि सुरज पूर से राजेश नाम का लडका आया है।
माखन _ठीक है, तुम लोग यहीं रुको, मैं मलिक से पुछ कर आता हूं।
माखन _पहरेदार इनपर कड़ी नजर रखना।
पहरेदार _ठीक है माखन भईया।
माखन पार्टी हाल में गया, वहा ठाकुर के पास गया,,
ठाकुर _क्या बात है माखन
माखन _मालिक, सुरज पूर से कोइ राजेश नाम का लडका आया है। कह रहा है की पार्टी में आपने उसे बुलाया है। क्या ये सच है?
ठाकुर _वे कहा है?
माखन _हमने उसे दरवाज़े पर रोक रखा है।
ठाकुर _उसे अंदर आने दो।
माखन _ठीक है मालिक।
माखन ने पहरेदार को कहा की उन्हे अंदर आने दो।
भुवन और राजेश दोनो पार्टी हाल में गए।
अभी लोग अपने में मस्त थे।
राजेश दिव्या को ढूंढने लगा।
दिव्या ने दूर से ही राजेश को देख लिया,,,
दिव्या के चेहरे पर मुस्कान आ गया।
भुवन _राजेश दिव्या जी कौन है?
राजेश _भईया,वो वहा खड़ी है आओ चलते है।
राजेश और भुवन दोनो दिव्या के पास पहुंचे।
राजेश _दिव्या जी, आपको बहुत बहुत बधाई डाक्टर बनने के लिए, ये लीजिए खुबसूरत से राजकुमारी के लिए, खुबसूरत सा फूल।
दिव्या _थैंक यू, राजेश, वाह बहुत अच्छी खुशबू आ रही है फूलो से । तुम इतने लेट क्यू हो गए? मैं तुम्हारा वेट कर रहा था।
भुवन _क्या करे दिव्या जी आपके पहरेदार हमें आने नही दे रहे थे।
दिव्या जी _क्या, पर क्यू?
राजेश _अरे छोड़िए न दिव्या जी इन बातो को, ये मेरे भुवन भईया है।
भुवन _नमस्ते जी।
दिव्या _नमस्ते भुवन भईया।
राजेश आओ मैं तुम्हे अपनी मां से मिलाता हूं।
दिव्या राजेश को रत्ना के पास ले गया।
दिव्या _मां इनसे मिलो ये वही राजेश है जिसने ट्रैन पे मैरी मदद किया था।
राजेश _नमस्ते मां जी।
रत्ना _जी ता रह बेटा। बेटा हम तुम्हारा अहसान जिंदगी भर नही भूलेंगे। बड़ी इच्छा थी तुमसे मिलने की अच्छा हुवा जो पार्टी में आए।
दिव्या _राजेश ये मैरी दीदी है इनसे तो कल मिल चूके थे।
राजेश _नमस्ते गीता दी।
गीता _नमस्ते राजेश कैसे हो, बड़ी खुशी हुईं तुम यहां आए।
तभी वहा पर विक्की पहुंचा।
विक्की _तुम राजेश हो न।
राजेश _और तुम विक्की।
विक्की _तुम यहां गांव में क्या कर रहे हो?
राजेश _यहीं सवाल मैं आपसे पूछूं तो।
विक्की _मेरे डैड तो दिव्या जी के पिता जी के अच्छे दोस्त हैं। तो हम पार्टी में आए है।
गीता _क्या तुम एक दूसरे को जानते हो।
विक्की _हम लोग एक ही कालेज में पढ़ते थे।
राजेश तुमने बताया नही तुम यहां कैसे?
राजेश _मैं अपने दादा जी का गांव आया huwa हूं।
विक्की _ओह तो तुम्हारे पिता जी इस क्षेत्र के रहने वाले हैं।
वैसे राजेश, मुझे पता चला है की निशा तुम्हे छोड़ कर हमेशा के लिए लंदन चली गईं, क्या ये सच है?
गीता _ये निशा कौन है?
विक्की _निशा राजेश की गर्लफ्रेंड, कहो या प्यार। क्यू राजेश।
राजेश चुप रहा,,,
विक्की _राजेश, लगता है तूम बुरा मान गए। अरे चलो छोड़ो उस बात को।
विक्की _यार राजेश अब तुम यहां आए हो तो कुछ गाने वाने का प्रोग्राम हो जाए। तुम तो बढ़िया गाते हो।
दिव्या _राजेश , क्या सच में तुम गाते हो?
अगर ऐसा है तो प्लीज गांव न।
राजेश _दिव्या जी, गाने के लिए गुनगुनाने का मन भी होना चाहिए।
दिव्या _राजेश, मुझे भी इस पार्टी में खास मजा नही आ रहा है। मेरे लिए एक गाना सुनादो। प्लीज।
तभी विक्की ने माइक पर अलाउंस कर दिया।
लेडिस एंड जेंटल मैन, पार्टी में आप लोगो के मनोरंजन के लिए, मिस्टर राजेश आप लोगो को गाना सुनाने जा रहे हैं कृपया ताली बजाकर उनका स्वागत कीजिए।
वहा मौजूद लोग ताली बजाने लगते है।
ठाकुर और मुनीम एक दूसरे की ओर देखने लगते हैं।
दिव्या _राजेश, प्लीज।
दिव्या के रिक्वेस्ट करने पर राजेश गाना शुरू करता है।
राजेश _दिल की तन्हाई को,,,,,
दिल की तन्हाई को आवाज़ बना लेते हैं,,
दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते है?