Sanju@
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Fantastic updateमंगली ने अपने खाट के बाजू अपने पति का खाट लगा दिया, उसमे एक नया चादर बिछा दिया।
मंगली _लो बबुवा , सो जाओ।
राजेश खाट पे सो गया।
मंगली भी अपनी खाट पे सो गई।
राजेश को नींद नहीं आ रहा था, क्यू की उसका land तो अभी अकड़ा हुआ था, उसने मंगली और बंशी की chudai जो देख लिया था।
करीब आधा घंटा बाद,,
राजेश अपनी खाट से उठ कर बैठ गया।
मंगली की नींद भी नहीं लगी थी।
मंगली _बबूवा, अभी तक सोए नही।
राजेश _ओ काकी प्यास लगी थी।
मंगली अपनी अपनी खाट से उठी और कीचन से पानी लाने के लिए जाने लगी।
राजेश की नजर उसकी मटकती गाड़ पड़ पड़ी तो उसका land और झटके मारने लगा।
राजेश ने पानी पिया।
राजेश खाट पर लेट गया
मंगली _अरे बबुआ तुम्हारी तबियत तो ठीक है न।
राजेश _नही काकी मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है। बड़ी तकलीफ हो रही है।
मंगली _अरे बाबुवा, कहा तकलीफ है।
राजेश _रहने दो काकी आप जानकर भी क्या करोगी?
मंगली _अरे बबूवा, तकलीफ क्या है? मुझे तो बताओ हो सकता है मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकू।
राजेश _अरे काकी, अब मैं तुम्हे कैसे बताऊं क्या तकलीफ है, आप मुझे गलत समझने लगोगी।
आप मुझे गंदा लड़का समझोगी।
मंगली _मैं गलत नहीं समझूंगी, तकलीफ क्या है बताओ।
राजेश _काकी, अब क्या बताऊं, मुझे बताने में शर्म आ रहा है।
मंगली _अरे बबुआ शर्माना तो लड़कियों का काम है तुम तो लड़के हो। लड़के होकर शर्मा रहे हो। चलो बताओ बात क्या है अपने काकी से शर्माने की आवश्यकता नही।
राजेश _ओ काकी क्या है न कि मेरे,,,,
मंगली _अरे रूक क्यू गए, बबुआ बताओ,,,
राजेश _ओ काकी,,, मेरे,,, नुनु में,,,,, बड़ा दर्द है,,,
मंगली नुनु शब्द सुनकर शर्मा गई,,,
मंगली _क्यू बाबुवा, क्या huwa तुम्हारे नुनु को,, मुंह छिपाते हुए बोली, और मुस्कुराने लगी।
राजेश _ओ आपको और काका को घर के पीछे, जब से देखा है न, तब से दर्द कर रहा है।
मंगली, शर्म से पानी पानी हो गई।
मंगली _अरे बबुआ अब क्या बताऊं तुम्हे? मैने तुम्हारे काका को मना भी की थी घर में सब मेहमान है ऐसे में, ये करना ठीक नहीं, पर दारू पीने के बाद तो तुम्हारे काका अपने पर काबू ही नही रख पाते।
आखिर वही huwa जिसका डर था तुम वहा आ गए।
राजेश _माफ करना काकी मुझे पता होता की आप आप और काका वहा, कुश्ती लड़ रहे हैं तो मैं वहा नही जाता।
मंगली _कुश्ती शब्द सुनकर, मंगली शर्म से पानी पानी होने लगी।
मंगली _, अरे जो नई होना था वो तो हो गया। अब कर भी क्या सकते हैं?
अब तेरा तकलीफ दूर कैसे होगा? ये बताओ।
राजेश _काकी, आप चाहे तो तकलीफ दूर कर सकती हो,,
मंगली _वो कैसे बबुआ?
राजेश _मेरे नुनु से पानी निकालकर।
मंगली शर्मा गई,,,
राजेश _अरे काकी, थोड़ा तेल लगाकर मालिश कर दोगी तो, मुझे दर्द से राहत मिल जायेगी। और मैं चैन से सकूंगा।
मंगली _मैं तो तुम्हे बड़ा शरीफ लडका समझती थी, तू तो बदमाश निकला, अपनी काकी को मूठ मारने कह रहा है। तुम तो अपनी काकी को गंदी औरत समझने लगे।
मंगली, नाराज होते हुवे बोली।
राजेश _काकी आप तो नाराज हो गई, माफ करना मुझसे गलती हो गई।
राजेश अपनी खाट से उठ गया।
राजेश _काकी मैं दोस्तो के साथ सो ने जा रहा हूं। आप नाराज मत होइए।
राजेश जाने को huwa
मंगली _अरे रुको, बाबुवा।
नाराज हो गए क्या अपने काकी से,,
राजेश _नही तो
मंगली _फिर यहां से जा क्यूं रहे हो।
राजेश _यहां रहने से दर्द तो कम होगा नही, बल्कि और बढ़ेगा, इसलिए यहां से जाना ही अच्छा है।
मंगली _अच्छा ठीक है, दिखाओ अपना नुनु मैं मालिश कर देती हूं।
बबुआ तुम्हारे जगह कोई और होता तो खुद ही यहां से जाने कह देती, पर तुमको निराश करने की हिम्मत मुझमें नहीं है,और मेरी क्या इस गांव की किसी भी औरत में नही होगी।
पर हां यह बात किसी से कहना मत नही तो मेरी बड़ी बदनामी होगी। पता नही गांव के कितने लोगो ने मुझे फसाने की कोशिश की पर पराया मर्द के बारे में कभी सोचा ही नहीं।
राजेश _अरे काकी ऐसी बात है तो मैं आपका पतिव्रता धर्म नही तोड़ना चाहता। मुझे जाने दीजिए।
काकी _अरे बबुआ तुम्हे निराश करके अपनी पतिव्रता धर्म बचा के रखूंगी, तो मेरे दिल को बिलकुल अच्छा नही लगेगा।
राजेश _काकी ठीक से सोच लो बाद में मुझे दोष न देना कि मैने आपका पतिव्रता धर्म को भ्रष्ट कर दिया।
काकी _नही दूंगी बाबा नही दूंगी। चल अब तू खाट में लेट जा मैं सरसो तेल गर्म करके लाती हूं।
मंगली मुस्कुराते हुवे कमरे से जाने लगी तभी राजेश ने उसकी चूतड पे चिकोटी कांट ली।
मंगली _उई मां, बदमाश बड़ा जोर से चिकोटी कांटा, अपनी काकी से शरारत करता है। आती हूं तब बताती हूं तुझे।
मंगली कीचन में जाकर सरसो तेल गर्म कर लें आई।
मंगली _चलो दिखाओ अपना नुनु,
राजेश ने अपना पैंट और चड्डी ने खिसका कर लंद बाहर निकाल दिया। लंद हवा में लहराने लगा।
मंगली , आश्चर्य से देखने लगी।
राजेश _क्या huwa काकी?
मंगली _ये क्या है re इतना बड़ा?
ये नुनु है।
राजेश _तो।
मंगली _इतना बड़ा तो किसी घोड़े का होता है!
राजेश _काकी, जल्दी करो न बड़ा तकलीफ हो रही है।
राजेश का लंद देखकर मंगली की boor पानी छोड़ने लगी।
मंगली, हाथो में तेल लेकर लंद की मालिश करना शुरू कर दी।
काफी देर तक मालिश करने के बाद भी जब लंद से पानी नही निकला।
मंगली _कितने देर से हिला रही, तेरा तो पानी ही नहीं निकल रहा है re, तेरा काका का तो हाथ लगाते ही पानी छोड़ देता है।
मेरा तो हाथ भी दर्द करने लगा।
राजेश _काकी, ये इतना आसानी से पानी नही छोड़ने वाला। मेरे घोड़े को बड़ी प्यास लगी है। जब तक जी भर कर कूवे का पानी नही पिएगा। ये उल्टी नही करेगा। इसे अपने कुवे का पानी पिलाओ।
मंगली _मतलब तू मेरे कुंवे की खुदाई करना चाहता है।
राजेश _अगर आप इजाजत दो।
मंगली _तू अपने इतने बड़े हथियार से खुदाई करेगा न, तो नसे में खर्राटे भरने वाले भी जाग जायेंगे।
राजेश _तो चलो घर के पीछे चलते है।kuwe की खुदाई करने। राजेश ने एक हाथ से मंगली की boor को साड़ी के ऊपर से ही सहलाते हुए कहा।
मंगली की पेटीकोट boor की पानी से गीली हो चुकी थी।
मंगली _अब तेरी इच्छा तो पूरी करनी ही पड़ेगी। नही तो रात भर प्यास से तड़फता रहेगा तेरा घोड़ा।मुस्कुराते हुवे बोली।
तू चल मैं लाल टेन लेके आती हूं। और जाने से पहले एक बार देख लो सब सो तो रहे है न।
राजेश ने कमरे में जाकर देखा जहा मेहमान सी रहे थे। सभी लोग नींद में खर्राटे भर रहे थे।
राजेश _काकी, सभी घोड़े बेच कर सो रहे है, चलो जल्दी। मेरे घोड़े को पानी पिला दो।
मंगली _अरे बबुआ आती हूं, थोड़ा धीरज धर।
राजेश घर के पीछे चला गया, कुछ देर बाद मंगली भी वहा लाल टेन, चादर और तकिया लेकर पहुंच गई।
मंगली _और बबुआ, बाजू वाले झोपड़ी में चलते है वहा दरवाजा लगा huwa है।
इस झोपड़ी में दरवाजा न होने के कारण कोई भी देख सकता है। जैसे तुमने देख लिया।
घर के पीछे झोपड़ी में रखे पैर को जमीन पर बराबर से फैला कर, चादर बिछा दिया और तकिया लगा दिया।
राजेश ने मंगली को खींचकर अपने गोद में बिठा लिया। और उसकी ब्लाउज का बटन खोल कर उसे शरीर से अलग कर दिया।
उसकी बड़ी बड़ीगोरे गोरे सुडौल चुचियों को देखकर उसका लंद झटके मारने लगा।
राजेश ने उसके स्तनों को हाथ में पकड़ कर मसलना और चूसना शुरु कर दिया।
मंगली सिसकने लगी।
राजेश का लंद देखकर उसकी हालत पहले से ही खराब थी।
राजेश ने एक हाथ, मंगली के पिटिकोट के अंदर डाल दिया और उसकी boor को मसलने लगा।
मंगली के हाथ पैर उटेजना के मारे कपकापने लगे।
राजेश एक हाथ से चूची को तो दूसरे हाथ से boor को मसल रहा था।
मंगली उत्तेजना के मारे गहरी गहरी सांस लेने लगी।
मंगली _बबुआ अब बस करो, और kuwe की खुदाई शुरू करो।
राजेश _काकी, आपका kuwa तो, पूरा लबा लब पानी से भर गया है। डुबकी लगाकर खुदाई करने में मजा आयेगा।
राजेश ने मंगली को चादर पे लिटाकर, अपना पैंट और चड्डी उतार दिया।
उसकी टांगे फैला कर बीच में उकडु बैठ गया।
उसकी मस्त चिकनी, गुदाज boor को हाथ से सहलाने लगा।
उसकी मस्त चिकनी chut देख कर लंद झटके मारने लगा।
राजेश देर न करते हुए, अपना लंद को पकड़ा और मंगली के कुंवे का रास्ता दिखाया।
फिर एक जोर का धक्का मारकर, एक ही बार में लंद को boor में आधा से ज्यादा अंदर कर दिया। योनि एकदम गीली थी फिर लंद मोटा होने के कारण boor लंद को जकड़ा हुआ था। धक्के से मंगली के मुंह से उई मां निकल गया।
मंगली _ऐसा कोई धक्का मारता है क्या, एक ही बार में घुसा दिया। मेरी boor फट गई।
राजेश _सॉरी काकी, रहा नही जा रहा था।
राजेश ने, मंगली की चुचियों को मसल मसल कर कुन्वे की खुदाई करना शुरू कर दिया।
राजेश धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता गया।
लंद boor में गच गैच अंदर बाहर होने लगा।
लंद लंबा होने के करना,boor की अंतिम छोर तक जा रहा था।
राजेश ने तभी एक जोर का धक्का मारा, लंद का टोपा सीधा मंगली के बच्चे दानी से टकराया।
मंगली का पूरा बदन अंदर से झनझना गया।
राजेश मंगली की boor दनादन ठोकने लगा।
लंद मंगली की boor में कसा कसा अंदर बाहर हो रहा था।
मंगली को अपार आनंद की अनुभूति हो रही थी। वह जन्नत में पहुंच चुकी थी।chudai की ऐसा सुख उसे मिल रहा था जिसकी उसने कभी कल्पना नही की थी
वह राजेश को एकदम से जकड़ ली थी।
राजेश गचा गाच पेले जा रहा था।
मंगली के मुंह से मादक सिसकारी निकल रही थी झोपड़े में उसकी चूड़ियों की खनक गूंज रही थी।
फ़च फाच, खन खन और आह उन आई मां,, मर गई मां,,, आई,, उन,,,
राजेश _अरे काकी सच में तू तो बड़ी मस्त मॉल है, चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है मेरी रानी।
एकदम कसा कसा अंदर जा रहा है।
लगता है काका ठीक से ठुकाई नही किए है
राजेश बड़ी बड़ी मस्त चूचियों को मसल मसल कर पेले जा रहा था।
मंगली के boor का पानी नीचे चादर पर टपक रहा था।
मंगली इतनी ज्यादा उत्तेजी हो गई की वह खुद को ज्यादा देर तक रोक न सकी और राजेश को जोर से जकड़ ली।
आई मां,, मर,, गई,,, आह,,, उसकी आंखो की पुतलियां पलट गई। वह जोर से चीखते हुए झड़ने लगी।
वह राजेश को जोर से जकड़ ली राजेश उसके ऊपर लेट कर उसकी ओंठ चूसने लगा।
इधर मधु अपने कमरे में सोई थी।
उसका बच्चा, अचानक रोने लगा। मधु की नींद खुल गई। वह अपने बच्चे को चुप कराते हुवे, अपनी ब्लाउज खोल कर एक चूची का निपल बच्चे के मुंह में डाल दिया।
लो बेटा दूदू पी ले, लगता है मुन्ने को भूख लगी है। वह उसके बालो को प्यार से सहलाने लगी।
उधर कुछ देर सुस्ताने के बाद राजेश ने मंगली को घोड़ी बना कर। गच गच चोदना शुरू कर दिया।
राजेश इतना जोर जोर से धक्के मारने लगा की। मंगली चीखने चिल्लाने लगी।
झोपड़ा, मधु के कमरे के ठीक पीछे था।
घर की दीवार तो ईट से बना था, लेकिन घर का छत कच्छा था, खपरैल से बना थी। जिसके कारण मंगली की चीखे मधु को सुनाई पढ़ने लगी।
मधु _ये कैसी आवाज है?
वह ध्यान से सुनने की कोशिश करने लगी।
इधर राजेश बड़ी तेजी से लंद को boor में अंदर बाहर कर रहा था झोपड़ी में थप थप, फच फच, खन खन, आह उन आई मां,,,, आई,,,
की आवाज गूंजने लगा।
तभी मंगली इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई।
मंगली _कहा से सीखा है re ऐसा chudai करना,,, आह मां,, पूरा,,, उई मां,,
राजेश _क्या huwa काकी,,, मजा तो आ रहा है न, ले और ले,,, बड़ी मस्त chut है तेरी,
मंगली की कमर पकड़ कर जोर जोर से चोद रहा था।
मंगली _को संभोग का असीम सुख प्राप्त हो रहा था।
उसकी boor से पानी की धार बह रही थी।
लंद बड़ा आसानी से अंदर बाहर हो रहा था।
मंगली खुद को ज्यादा देर रोक न सकी और फिर से जोर से चीखते हुवे झड़ने लगी।
मंगली _आह,,, माई गई re,,,,
मंगली नीचे लुड़क गई, राजेश भी उसके ऊपर लेट गया।
चीख इतनी जोर की थी जिसे सुनकर मधु भी डर गई।
मधु, यह पता करने की पीछे आखिर चल क्या रहा है, और कौन इतनी जोर से चीखी।
वह अपने कमरे से निकल कर अपनी मां को बताने उसके कमरे में गई। उसकी मां कमरे में नही थी।
वह डर गई, कही ये मां की चीखे तो नही थी,
कही उसके साथ कुछ गलत तो नहीं हो गया, वह घबरा गई, वह कमरे में अपने बापू को ढूंढी। बंसी घोड़े बेच कर सो रहा था।
हे भगवान बापू तो यहां सोया huwa है फिर मां,,
वह घबरा गई।
इधर राजेश ने मंगली की चूची मसल मसल और चूस कर फिर गर्म कर दिया।
राजेश लेट गया, और मंगली को अपने लंद पर बैठने को कहा।
इधर मंगली राजेश की मर्दानगी देख हैरान थी, वह दो दो बार झड़ चुकी थी, फिर भी राजेश झड़ा नहीं था। उसका लंद हवा में झटके मार रहा था।
मंगली राजेश के लंद को हाथ में पकड़ी और अपनी boor का रास्ता दिखाते हुए उस पर बैठ गई।
राजेश ने अपने दोनो हाथो से उसके चूतड पकड़ लिया और अपनी कमरे उठा उठा कर चोदना शुरू कर दिया।
इधर मधु मां के साथ कुछ अनहोनी न हो गया हो घबरा कर वह घर के पीछे गई और अपने कमरे के पीछे झोपड़ी की ओर गई। झोपड़ी का दरवाजा अंदर से बंद था।
झोपड़ी के अंदर हल्की रोशनी दिखाई पड़ी।
मधु अंदर क्या चल रहा है जानने के लिए कान दरवाजे से लगा कर सुनने की कोशिश करने लगी।
मंगली की मादक सिसकारी उसे सुनाई पड़ी।
वह अंदर का दृश्य देखने के लिए दरवाजे पर छेद ढूंढने लगी। उसे एक छेद मिल गया। वह जब छेद में आंखे डाल अंदर का दृश्य देखी तो दंग रह गई।
उसकी मां किसी के ऊपर नंगी होकर उछल रही थी।
वह अपनी मां की ऐसा रूप देख कर दंग रह गई।
जो मां हमेशा उसे संस्कार की पाठ पढ़ाया करती थी कि पराया मर्द के बारे में सोचना भी पाप है आज निर्लज होकर chud रही है, हे भगवान उसे यकीन नही हो रहा था।
वह यह जानने के लिए की उसकी मां किसके लंद पर उछल रही है, वह पहचानने की कोशिश करने लगी पर उसका चेहरा दिखाई नही दे रहा था।
जब लाख कोशिश करने के बाद वह जान ने सकी की नीचे कौन लेटा है। वह घर में गई और मेहमानों के कमरे में जाकर देखी सभी लोग नींद में खर्राटे भर रहे थे। सभी लोग तो सोए हुवे थे पर राजेश उसे नजर नहीं आया।
मधु _हे भगवान क्या मां राजेश भैया से chud रही है। उसे घोर आश्चर्य huwa वह अपने कमरे में जाकर लेट गई।
यह सोचते हुए की मां राजेश भैया से chud रही है।
उसकी शरीर रक्त प्रवाह तेज हो गया।
उधर मंगली की मादक सिसकारी और चीखे उसके कानो में अभी भी सुनाई पड़ रही थी।
मधु की boor में पानी भरने लगा, वह अपनी एक उंगली से अपनी boor रगड़ने लगी।
वह राजेश को इमेज कर अपनी boor में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगी।
वह बहुत अधिक उत्तेजित होने लगी आज तक मधु ने किसी पराया मर्द के बारे में कभी सोची नही थी, गांव के कई लड़के उसे फासने की कोशिश करते है पर वह कभी भी किसी पर ध्यान नहीं दी।
मगर आज उसकी मां को राजेश से chudte देख पता नही क्या हो गया। उसकी शरीर बहुत अधिक गर्म हो गई।
वह तेजी से अपनी उंगली को अपनी boor में अंदर बाहर कर सिसकने लगी।
मधु _राजेश भैया मुझे यकीन नही हो रहा है, तुम अपनी से लगभग दोगुनी उम्र की औरत को चोद रहे हो। क्या तुम्हे chut की कमी है, एक बार बोलेंगे तो पूरी गांव की लडकिया तुम्हारे नीचे लेट जाएगी।
मां तू बड़ी किस्मत वाली है। जो राजेश भैया का सानिध्य तुम्हे मिल रहा है।
Chut में उंगली अंदर बाहर करते हुए मधु इतनी उत्तेजित हो गई की, वह राजेश भैया कहते हुए झड़ने लगी।
आह मां,,,,
उसे ऐसा आनंद तो अपने पति के साथ चुदने में भी नहीं आया था जितना आनंद उसे राजेश के नाम का लेकर boor में उंगली डाल झड़ने में आया।
वह कुछ देर सुस्ताने लगी।
इधर उसके कानो में अभी भी, मंगली की मादक सिसकारी और बीच बीच में चीखने की आवाज सुनाई पड़ रही थी जिससे मधु फिर गर्म हो गई।
मधु _हे भगवान राजेश भैया में कितना पवार है जो एक बुरी औरत की चीख निकाल रहा है, कितने देर से चोदे जा रहा है।
उसकी boor फिर पानी छोड़ने लगी।
मधु फिर से अपनी boor सहलाने लगी।
मधु सोचने लगी _अगर राजेश भैया का सानिध्य पाना है तो यही अच्छा मौका है। नही तो जिंदगी भर उसके सानिध्य के लिए तरसना पड़ेगा। मुझे यह मौका नहीं खोना चाहिए।
वह अपनी पलंग से उठी और कमरे से निकल कर घर के पीछे जाने लगी। पीछे जाने से पहले मेहमानों के कमरे में गई देखा सभी अभी भी घोड़े बेच के सो रहे थे।
वह सीधे घर के पीछे झोपड़ी के पास जाकर छेद से देखी। राजेश मंगली के पीछे करवट लेकर लेट कर मंगली के एक टांग उठा कर दनादन पेल रहा था।
उसने दरवाजा खटखटाया।
मंगली और राजेश चौक गए।
Chudai रोक दिया।
मंगली _राजेश बेटा ये कौन आ गया अब क्या होगा?
राजेश_काकी तुम घबराओ मत मैं देखता हूं।
राजेश ने अपना चड्डी और पैंट पहना।
मंगली ने अपनी शरीर को साड़ी से ढक ली।
राजेश दरवाजे से बाहर निकला।
राजेश _अरे मधु तुम, यहां।
मधु _भैया, मां अंदर है क्या? घर में देखी तो कही नजर नहीं आई। घर के पीछे किसी की चीखने की आवाज सुनाई पड़ी तो इधर देखने आई।
मां ठीक तो है न, मुझे उसकी बड़ी चिन्ता हो रही थी।
राजेश कुछ देर सोचा,,,
मधु _राजेश भैया मुझे पता है अंदर क्या हो रहा है, आपको घबराने की आवश्यकता नही है। मैं किसी से इस बारे में कुछ नही कहूंगी।
राजेश _फिर आई क्यू?
मां की चीख सुनकर उसकी चिंता होने लगी तो पूछने आई हूं वह ठीक तो है न।
राजेश _काकी बिल्कुल ठीक है।
मधु _मुझे मां से मिलना है।
राजेश _ठीक है आ जाओ।
मधु अंदर गई, तो मंगली नीचे चादर पे लेटी थी और शरीर को साड़ी से ढक ली थी।
मंगली _अरे मधु तुम, बेटी तुम्हे यहां नही आना था।
मधु _मां मैने किसी की चीखे सुनी तो डर गया आपके कमरे में गया आप नही मिली, मुझे आपकी चिंता होने लगी कही आपके साथ कुछ अनहोनी तो नही हो गया। आपको ढूंढते यहां आ गई।
मंगली _अरे बेटी तुम्हारे आने से मैं कितना लज्जित महसूस कर रही हूं, तुमको यहां नही आना था। मैं बड़ी शर्मिंदगी महसूस कर रही हूं। तुमयहां से चली जाओ बेटीऔर हा अपनी बापू को इस बारे में मत बताना, नही तो उसे मुंह नही दिखा पाऊंगी।
मधु _मां मैं बापू को कुछ नही बताऊंगी पर आपको भी मेरी एक बात माननी पड़ेगी।
मधु _कैसी बात बेटी?
मधु _मुझे भी राजेश भैया के साथ सोना है। भैया से बोलो की मेरे सोए।
मंगली _बेटी ये तू क्या कह रही है?
मधु _मां जब आप सो सकती है राजेश भैया के साथ तो मैं क्यू नही?
मंगली _बेटी किसी पराया पुरुष के साथ सोना अच्छी बात नहीं है। आज तुम राजेश के साथ सोवोगी कल राजेश नही होगा तो, गांव के किसी दूसरे लड़को को बुलाने लगोगी।
इससे घर के बड़ी बदनामी होगी। किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। इससे अच्छा तो तू अपनी ससुराल चली जा।
मधु _मां, मैं आपसे वादा करती हूं की मैं किसी दूसरे लड़के के साथ सोने के बारे में कभी सोचूंगी भी नहीं। बापू की मान सम्मान का ध्यान रखूंगी। पर राजेश भैया के साथ मुझे सोने दो।
देखो न आप ही तो मुझे हमेशा संस्कार की पाठ सिखाती थी और खुद ही राजेश भैया के साथ सोने लगी।
मंगली _अरे बेटी, तुम्हारे बापू के अलावा किसी पराया मर्द के बारे में कभी सोचा नही था। पर राजेश को मैं मना नही कर पाई बेटी, इसके लिए मुझे माफ कर दो।
मधु _जानती हू मां तुम शायद ही गांव में कोई महिला हो जो राजेश को मना करे।
मां मैं भी तो एक महिला हू मै भी राजेश भैया का सानिध्य चाहती हूं।
मंगली _ठीक है बेटी पर वादा कर की तू राजेश के अलावा गांव के किसी भी पुरुष के साथ सोने के बारे में नही सोंचेगी।
मधु _मां मैने कहा न मैं घर की मान मर्यादा का हमेशा ध्यान रखूंगी।
मंगली _तो फिर ठीक है, राजेश, तुम मधु की इच्छा पूरी कर देना।
बेटी अब तुम कमरे से जाओ मैं साड़ी पहन लूं। मैं यहां से चली जाऊंगी, उसके बाद तुम अपनी इच्छा पूरी कर लेना।
बबुआ तुम मधु के साथ सोकर उसकी इच्छा पूरी कर देना।
राजेश _काकी, मुझे आपके साथ अभी और करना है, मेरा मन अभी नही भरा है, तुम भी यही रहो न हम तीनो साथ में सोएंगे।
मंगली _babuwa तू ये क्या कह रहा है, मैं क्या मधु के सामने ही नंगी होकर तुम्हारे साथ सो जाऊं, न बाबा मुझसे नही हो पाएगा।
राजेश _अरे काकी, बहुत मजा आएगा। प्लीज मेरी भी बात मान लो तुम दोनो।
मधु _मां, अब भैया कह रहा है तो मान लो न उसकी बात।
मंगली _अरे बेटी, मुझे तुम्हारे सामने बड़ी शर्मिंदगी महसूस होगी।
मधु _मां मैने देखा किस तुम राजेश भैया के ऊपर नंगी बैठ कर उछल रही थी। इतना होने के बाद अब क्या शर्माना।
मंगली _अरे बबुआ दरवाजा बंद कर दे कोई और न आ जाए।
राजेश ने दरवाजा बंद कर दिया।
मधु राजेश के पास जाकर उसके गले में अपना हाथ डाल दिया।
राजेश ने अपने दोनो हाथ से मधु की चूतड को पकड़ लिया। फिर उसकी ओंठ को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया।
मधु भी राजेश का सहयोग करने लगी।
उसके बाद मधु राजेश के गाल सीने को चूमता huwa नीचे बड़ा।
राजेश के पैंट का बटन खोल कर नीचे कर दिया उसका अंडरवियर भी खीच दिया।
राजेश का मोटा और लंबा लंद उसके आंखो के सामने आ गया। वह आश्चर्य से देखने लगी।
मधु _हाय दईया इतना बड़ा। तभी कहूं मां इतनी चीख चिल्ला क्यू रही थी।
मंगली _अरे बेटी तू नही ले पाएगी, राजेश का, तेरे बस की बात नहीं,मंगली हसने लगी।
मधु _मां, मैं भी कुवारी नही हूं एक बच्चे की मां हूं।
मधु राजेश का लंद हाथ में लेकर हिलाने लगी।
राजेश _मधु, मुंह में लेकर चूसो।
मधु _भैया, आपका तो बहुत बड़ा है, मुंह में नही आ पाएगा।
राजेश _अरे जितना आ सकता है उतना लेके चूसो। मधु राजेश के टट्टो को चाटने लगी।
फिर लंद का टोपा मुंह में भर कर चूसना शुरु कर दी, उसके बाद जितना अंदर जा सकता था, मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश _हां ऐसे ही, तुम बहुत अच्छे से चूस रही हो। मजा आ रहा है।
मंगली _अरे बबुआ हमे तो नही चुसवाया अपना मूसल। आज तक कभी चूसी नही। मैं भी तो देखूं कैसा लगता है।
राजेश _काकी, आ जाओ तुम भी।
मंगली उठ के बैठ गई।
रामधु _लो मां अब तुम चूसो।
मंगली ने राजेश का लंद मुंह में डाल कर चूसने लगी।
इधर राजेश मधु की साड़ी खींचने लगा।
मधु अब पेटीकोट और ब्लाऊज़ में रह गई। मधु ने अपनी ब्लाउज भी निकाल दी। वह अब सिर्फ पेटीकोट में रह गई। उसकी दूध से भरी मस्त बड़ी बड़ी चूचियां को देखकर राजेश का लंद मंगली के मुंह में झटके मारने लगा।
राजेश मधु को अपने पास खींचा और उसकी चूचियां पकड़ कर मसल मसल कर दूध निचोड़ निचोड़ कर पीना शुरू कर दिया। फिर एक हाथ से पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी boor मसलने लगा।
मधु के मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी। उसकी boor से पानी निकल कर पेटीकोट को गीला करने लगा।
इधर मंगली राजेश के के लंद को मुंह में भर कर चूस रही थी राजेश उसके मुंह में हल्का हल्का धक्का भी मार रहा था।
राजेश ने मधु की पेटीकोट का नाडा खीच दिया। पेटी कोट सरसराकर मधु के पैरो में गिर गया।
राजेश अपने हाथ से मधु की boor को सहलाया। मधु की boor में झांटे थी।
राजेश ने एक उंगली उसकी boor में डाल दिया।
मधु चिहुंक उठी।
फिर अंदर बाहर करने लगा।
राजेश ने अब दो उंगली अंदर डाल दिया। और boor में अंदर बाहर करने लगा।
मधु की boor पानी फेकने लगी। मधु के मुंह से, आह उन आन माई,,,
निकलने लगी।
राजेश _मधु चल अब तो घोड़ी बन जा।
मधु घोड़ी बन गई।
राजेश दो उंगली boor में डाल कर फिर अंदर बाहर करने लगा।
राजेश _काकी अब डाल दो अपनी बेटी के boor में मेरा लंद।
मंगली राजेश के लंद को पकड़ कर मधु की boor में सेट कर दी।
राजेश ने एक धक्का मारा।
मधु _उई मां,,,,
लंद का टोपा अंदर चला गया।
राजेश झुककर मधु की स्तन पकड़ कर मसलने लगा उसकी चूची से दूध फुहारा निकल नीचे गिरने लगा।
अब राजेश एक जोर का धक्का मारा,
मधु _उई मां,,,
भैया थोड़ा आराम से डालो तुम्हारा बहुत बड़ा और मोटा है।
लंद boor फाड़कर,आधा अंदर चला गयाथा ।
अब राजेश मधु की कमर पकड़ कर लंद को boor में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
लंद boor में सर सर अंदर बाहर होने लगा।
मधु को बहुत मजा आने लगा।
इधर राजेश अपना धक्का बढ़ाने लगा।
राजेश एक जोर का धक्का मारा लंद, मधु की बच्चेदानी से टकराया।
मधु का पूरा शरीर झनझना गया।
राजेश मधु की boor की दनादन ठुकाई करने लगा। मधु चीखने चिल्लाने लगी। मादक सिसकारी निकालने लगी।
वह संभोग की परम सुख को प्राप्त कर रही थी। उसे इतना मजा आ रहा था की अपनी कमर को आगे पीछे कर राजेश का सहयोग करने लगी
झोपड़ी में मधु की मादक सिसकारी,, आह उन आई,,, चूड़ियों की खनक खन खन,,,,
लंद का boor में जाने की फ्च फच की आवाज गूंजने लगी।
राजेश को भी मधु को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था। लंद boor में कसा कसा अंदर बाहर आ जा रहा था।
इधर मधु की chudai देख मंगली बहुत गर्म हो गई वह अपनी उंगली अपनी boor में डालकर अंदर बाहर करने लगी।
राजेश _काकी, मधु को चोदने में बहुत मजा आ रहा है, देखो ना लंद मधु की boor में कितना कसा कसा अंदर बाहर हो रहा है।
तभी राजेश ने अपना लंद बाहर निकाल दिया।
काकी, थोड़ा चूस कर फिर से अंदर डाल दो।
मंगली राजेश केboor के रस से भीगा लंद मुंह में लेकर चूसने लगी कुछ देर चूसने के बाद राजेश के लंद को फिर से मधु की boor ने सेट कर दिया।
राजेश फिर एक जोर का धक्का मारा लंद एक ही बार में जड़ तक boor में घुस गया।
मधु चीख उठी।
राजेश अब मधु की कमर पकड़ कस कस कर चोदने लगा। मधु फिर से जन्नत की सैर करने लगी।
राजेश तेज रफ्तार से चोदने लगा। मधु का पूरा शरीर कपकपाने लगा, वह खुद को रोक न सकी और चीखते हुवे झड़ने लगी।
मधु नीचे लुड़क गई।
राजेश का लंद अभी अकड़ा हुआ था। वह झटके मार रहा था।
उसने मंगली को कमरा पकड़ कर उठा लिया और अपना लंद उसकी boor में डालकर हवा में उछाल उछाल कर चोदने लगा।
मंगली _चीखने चिलाने लगी।
इधर मधु आंखे खोली, उसने राजेश को अपनी मां को गोद में उठा कर चोदते हुवे आश्चर्य से देखने लगी।
और फिर गर्म होने लगी।
इधर मंगली की हालत खराब हो गई वह फिर ऐसी chudai भी होता है वह सांची न थी, वह कुछ देर की chudai में ही झड़ने लगी। राजेश से बच्ची की तरह चिपक गई। आह मां,, आह माई,,,,
राजेश उसे कुछ देर अपने से चिपकाया रखा फिर से नीचे लिटा दिया।
उसके बाद उसने मधु को अपनी गोद में उठा लिया और हवा में उछाल उछाल कर चोदने लगा।
मंगली राजेश की मर्दानगी देख कर दंग रह गई।
राजेश मधु को हवा में उछाल उछाल कर कुछ देर चोदने के बाद राजेश मधु को लेकर लेट गया।
मधु लंद में उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश मधु की हिलती चुचियों को थाम लिया और मुंह में भर कर उसकी दूध पीने लगा। और नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर लंद को boor में अंदर बाहर करने लगा।
मधु को ऐसा सेक्स सुख मिल रहा था जिसकी कल्पना नही की थी वह कुछ देर में चीखतेहुए फिर से झड़ने लगी।
वह राजेश से कस कर लिपट गई थी। कुछ देर बाद राजेश उसे बाजू लिटा दिया।
और मंगली के ऊपर आ गया।
मंगली के चूतड के नीचे तकिया रख दिया। और लंद को एक ही बार में फाच से अंदर कर दिया।
उकड़ू बैठ कर उसकी चूचियों मसल मसल कर चोदना शुरू कर दिया।
मंगली की चीखे फिर से कमरे में गूंजने लगी। वह मंगली को तब तक चोदता रहा जब तक वह फिर से न झड़ गई।
मंगली के झड़ने के बाद राजेश मधु के ऊपर आ गया और उसकी चूतड के नीचे तकिया रखकर,boor चोदना शुरू कर दिया।
लंद पूरी जड़ तक अन्दर बाहर होने लगा।
मधु चीखने लगी।
उसका रोम रोम झनझनाने लगा। राजेश तेज गति से चोदने लगा। अब वह झड़ने की स्थिति में आ चुका था।
राजेश जोर जोर से चोदते हुवे एक करारा धक्का मारा और,,,
आह मां आह,,, आह ह ह,, आ,,,
राजेश मधु की boor में लंबी लंबी पिचकारी मार कर उसकी योनि को पूरी तरह भर दिया।
गर्म गर्म वीर्य मधु की boor में जाने से मधु भी एक बार फिर झड़ने लगी।
राजेश मधु के ऊपर ढेर हो गया। मधु अपनी सीने से राजेश को कस लिया।
कुछ देर बाद राजेश बाजू में लुड़क गया।
तीनो सुस्ताने लगे।
कुछ देर बाद, मधु और मंगली दोनो राजेश से लिपट कर सोने लगी।
राजेश को मां बेटी को एक साथ चोदने में बड़ा मज़ा आया था।
कुछ देर बाद तीनो नार्मल हुवे।
राजेश _काकी मजा आया की नही।
मंगली _बबुआ तुमने तो मेरी बरसो की प्यास बुझा दी, लगता है भगवान ने मेरी बरसो की प्यास बुझाने के लिए ही यहां भेजा था।
राजेश _और मधु तुमको।
मधु _भैया तुमने तो पूरी जन्नत की सैर करा दी।
मंगली _मधु बेटा, अब ज्यादा देर तक यहां रुकना ठीक नही कोई आ न जाए, कपड़े पहन कर अपनी कमरे में जाओ।
मधु , और कमली उठ कर अपने अपने कपड़े पहनने लगी, उसने अपनी boor की हालात देखी। उनकी boor बुरी तरह फट चुकी थी।
उसका मुंह ऐसा खुल गया था की जब कोई स्त्री बच्चे को जन्म देने पर boor की हालत हो जाती है।
दोनो कपड़े पहनने लगे राजेश उन्हे कपड़े पहनता देखने लगा।
मंगली _अरे बबुआ तू यही सोएगा क्या?
तू भी कपड़े पहन ले।
राजेश भी उठा और कपड़े पहनने लगा।
तीनो वहा से चले गए।
घर मे पहुंचे तो सभी अभी भी गहरे नींद में सोए हुवे थे।
राजेश खाट में जाकर सो गया। मधु भी अपने कमरे में जाकर सो गई। और मंगली भी।
इधर सुबह होते ही सभी लोग उठ गए।
सबसे पहले मंगली उठी वह साफ सफाई करने लगी।
इधर भुवन और उसके दोस्त भी उठ गए।
भुवन _अरे राजेश कहा है, कही दिख नही रहा।
बंशी _अरे बेटा राजेश को नींद नही आ रही थी तो तुम्हारी काकी के कमरे में सोने को बोल दिया था। वह कमरे में सो रहा होगा।
भुवन _चलो भई तालाब की ओर चलते है फ्रेस होने।
काका _राजेश को भी उठा देता हूं ।
मंगली _बबुआ का नींद रात में काफी लेट से लगा है, मधु के बापू उसे सोने दो।
सभी मेहमान तालाब की ओर चले गए।
सुबह के आठ बजे ,,
घर का काम निपटाने के बाद,,,
मंगली, मधु के कमरे में गई।
अरे बेटी और कितनी देर तक सोएगी। सुबह के आठ बज गए है।
मधु _क्या? मेहमान लोग चले गए क्या?
मंगली _वे सभी तालाब की ओर गए है। राजेश कमरे में सोया huwa है।
मैं उसे उठाने जा रही तू भी उठ जा।
मधु उठने को हुई, दर्द से आह,,,
मंगली _क्या huwa बेटी।
मधु _मां boor सूज गई है दर्द कर रहा है।
मंगली _बेटी, कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी। मेरी भी boor सूज गई है।
बुरी तरह ठोका है बदमाश ने।
मंगली हस्ते हुवे कमरे से बाहर आई,,,
अपने कमरे में गई,,,
उसने देखा राजेश अभी भी खाट में गहरी नींद में सोया था। मूत भर जाने के कारण उसका लंद अभी भी खड़ा था।
मंगली _राजेश के खाट में बैठ गई,,,
अरे बेटा और कितने देर तक सोएगा।
राजेश का नींद खुला।
राजेश _अरे काकी सब उठ गए क्या?
मंगली _सब उठ कर तालाब की ओर चले गए हैं।
राजेश _ओह, मेरे बारे में पूछे होंगे।
मंगली _हां, मैने कहा की तू रात में काफी लेट से सोया है, उसे सोने दो।
चलो तुम भी उठो और पीछे जाकर फ्रेश हो जाओ मैं चाय बनाकर लाती हूं।
तभी मधु भी कमरे में आ गई।
वह अपने बच्चे को गोद में लेकर दूध पिला रही थी।
राजेश _मधु थोड़ा मुझे भी पिलाओ।
काकी _बबुआ, रात भर निचोड़ा है फिर भी मन नही भरा है क्या?
राजेश _नही।
काकी _पिला दे बेटी, इसे भी।
राजेश खाट में बैठ गया।
और मधु को अपने गोद में बिठा लिया।
मधु एक चूची को अपने बच्चे को पिला रही थी राजेश दूसरा चूची, मुंह में भर कर पीने लगा।
तभी लोगो की आने की आवाज आई।
काकी _बबुआ लगता है मेहमान लोग आ रहे है, अब जाओ तुम भी फ्रेश होकर आ जाओ। मैं चाय बनाती हूं।
राजेश _ठीक है काकी।
राजेश भुवन और साथी अपनी पार्टी करके बंसी काका के घर ही सो जाते हैं राजेश को नींद नहीं आ रही थी वह पेशाब करने जाता है तो वह वहां बंसी और मंगली की चूदाई देख लेता है और उत्तेजित हो जाता है तो बंसी उसे मंगली काकी के पास सोने भेजते हैं वहां वह मंगली काकी को अपनी परेशानी बताता है दोनों में घर के पीछे चूदाई होती हैं मधु अपनी मां की चीख सुनकर देखने जाती है वहां का सीन देखकर वह गरम हो जाती है अपने आप को शांत करने के बाद भी वह उत्तेजित हो जाती है और वह राजेश से चूदने का फैसला कर लेती है राजेश सारी रात दोनों मां बेटी की दमदार चूदाई करता है दोनों को असीम सुख प्राप्त होता है
