कुछ सोचकर वो तुरंत उससे अलग हो गया...
और उसने सोनिया की आँखो में देखने की कोशिश की... पर वो एक बार फिर से शरमा रही थी अब...
एक बार फिर से उसे ये लगने लगा की जो कुछ देर पहले तक वो सोच रहा था , कहीं वो सही तो नही था.
ये सब उसे आने वाले दिनों में पता चलने वाला था... अभी तो पूरा महीना पड़ा था.
पर सबसे पहले तो उसे आज की रात का इन्तजार था, क्योंकि वो देखना चाहता था की सब बातें जानने के बाद आज रात वो मास्टरबेट करेगी या नही.
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अब आगे
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दोपहर के समय सोनिया मार्केट चली गयी, और शाम को सीधा मम्मी के साथ ही वापिस आई... दोनो ने मिलकर डिनर बनाया, उनके पापा भी आ चुके थे, सबने मिलकर खाना खाया... पूरा दिन कैसे निकल गया, पता ही नही चला..
पर सोनू को तो सुबह से ही रात का इंतजार था,
उसने एक बात नोट की थी की जब भी सोनिया मॉम के साथ होती थी तो उसके साथ बिल्कुल नॉर्मल सी रहती थी... और ना ही ऐसी कोई बात करती थी जो उसके ''छोटे सिपाही'' को खड़ा कर दे...
पर अकेले होते ही ना जाने उसे क्या हो जाता था, इसलिए भी सोनू रात का इंतजार कर रहा था ताकि वो अपने रूम में जाकर खुल कर एटलीस्ट बात तो कर सकें..
और वही हुआ जैसा सोनू ने सोचा था..
डिनर के बाद जब वो अपने रूम में पहुँचे तो उसके रंग ढंग ही बदल गये..
रंग इसलिए की बाथरूम में जाकर उसने नाइट ड्रेस पहन ली जो कल से ज़्यादा सैक्सी थी
उसने एक स्लीवलेस टी शर्ट और एक नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी..जिसमें उसकी मांसल पिंडलिया और मोटी जाँघे सॉफ चमक रही थी
और ढंग इसलिए बदल गये की अब वो कुछ ज़्यादा ही कमर मटका कर और सीना उभार कर चल रही थी..
सोनू ने उसे छेड़ते हुए कहा : "क्या बात है दी ...रूम में आते ही एकदम बदल जाती हो तुम...''
सोनिया : "यार, तुझे पता तो है, मॉम के सामने ये सब करके मुझे उनका भाषण नही सुनना, एंड इन फ्रंट ऑफ यू आई केन डू वॉटेवर आई वॉंट टू डू ....''
इतना कहकर वो सोनू को आँख मारती हुई अपने बिस्तर पर जाकर बैठ गयी...
सोनू तो उसकी इस कातिलाना अदा को देखकर आँखे फाड़कर उसे देखता रह गया..
वो भी बाथरूम में गया और चेंज करके वापिस आ गया....
पर बाहर निकलते ही उसके होश उड़ गये..
उसका मोबाइल सोनिया के पास था..
वो देखते ही समझ गया की वो उसके व्हाटसऐप के मैसेज देख रही होगी..
वैसे तो ऐसा कुछ नही था उसमे... साक्षी के साथ नॉर्मल सी चैट थी... एक दो किस्सेस और आई लव यू वगेरह था..
पर
उसके नॉटी बाय्स वाले ग्रुप में आज काफ़ी माल आया था..
उसके एक फ्रेंड आकर्षण ने आज करीब 15-20 वीडियोस भेजे थे....
जिसमें कई तो इंडियन गर्ल्स के थे, ऐसी लड़कियों के जो मोबाइल पर अपना वीडियो बनाकर अपने बी एफ को भेजती है, पर उनके वो हरामी बी एफ वो वीडियो नेट पर डालकर उनकी ऐसी तेसी कर देते हैं...
अब कल से अब तक सोनिया के साथ इतनी बातें हो चुकी थी की उसे वो अपना फोन देखने से मना भी नही कर सकता था...
वो चुपचाप जाकर अपने बेड पर लाइट गया... और सोनिया से इधर उधर की बातें करने लगा..
तिरछी नज़रों से वो देख रहा था की वो बड़े ही गोर से उसके मोबाइल को चेक कर रही है... और उसके लाल होते चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो वही वीडियोस देख रही है जो वो नही चाहता था की वो देखे..
उसका हाथ अपने ही पेट को सहला रहा था.... सोनू के भी कान लाल होने लगे ये सोचकर की उसकी बहन उसी के सामने गंदे वीडियो देख रही है...
कुछ देर बाद उसने बोल ही दिया : "दी, ऐसा क्या देख रही हो इतने गोर से मेरे मोबाइल में ... कहीं साक्षी वाले मैसेज तो नही पढ़ रही ....''
उसने नज़रें सोनू की तरफ की और शरारती मुस्कान के साथ बोली : "उसमें था ही क्या जो पढ़ती ... बेकार की नॉर्मल सी बातें थी... माल तो इसमें है... तुम्हारे नॉटी बॉयज वाले ग्रुप में ..''
वो एक बार फिर से शरारती टोन में हंस दी.
सोनू ने हिम्मत करके अपनी आवाज़ में थोड़ा सख्ती लाते हुए कहा : "देखो दी... आप उन्हे नही देख सकती... वो ...वो.... आपके मतलब के नही है....''
वो तपाक से बोली : "मेरे मतलब के नही है , बट तुम्हारे मतलब के हैं.... ये कैसे... हम तो एक ही एज के है... जब तुम देख सकते हो तो मैं क्यो नही....और वैसे भी अब हमारे बीच ये सब फॉरमॅलिटीस वाली बातें बंद हो चुकी है...सो प्लीस...चुपचाप बैठो और देखने दो मुझे...''
सोनू अपना सिर खुजाने लगा.... उसे पता था की अपनी बहन से वो बहस में कभी नही जीत सकता...
सोने ने आख़िरी कोशिश की
''दी, लड़को और लड़कियो में फ़र्क होता है.... हमे ये अलाव है... ''
ये बात सुनकर वो भी उठकर बैठ गयी : "क्यों , ऐसा क्या है तुम लड़को में .... क्या कोई सुरखाब के पर लगे हैं तुम्हारे बदन पर... या फिर उपर से टपके हो...''
सोनू : "नही दी.... वो... आई मीन्स.... लड़कियों को ये सब करना शोभा नही देता... ये सब अडल्ट क्लिप्स देखना, गंदी मूवीस देखना... वो ऐसा करते हुए अच्छी नही लगती.... ये गलत है ''
अब तो सोनिया एकदम से भड़क गयी... बात आख़िरकार औरतजात पर जो आ चुकी थी.
''बंद करो ये बकवास.... और मेरी एक बात कान खोलकर सुन लो, ये आग जो तुम्हारे तन को जलाती है, उतना ही हमारे तन को भी जलाती है... ये तो लड़कियों का शर्मीला स्वाभाव उन्हे खुलकर अपने मन की बातें बोलने नही देता, वरना हम लड़कियों के दिल में भी सैक्स के प्रति उतना ही आकर्षण है जितना तुम लड़कों में ... और इसका जीता जागता सबूत ये सारे वीडियोस है... इन सभी में लड़कियाँ ही है... जिन्हे देखकर तुम साले लड़के लोग मास्टरबेट करते फिरते हो... ये लड़किया ऐसा ना करे तो तुम क्या करोगे... सोचा भी है कभी...''
सोनिया ने तो उसे अच्छा ख़ासा भाषण दे डाला था..लेकिन बात वो सही कह रही थी
वो वहीँ नही रुकी, वो आगे बोली : "तुम लड़के सिर्फ़ अपने नज़रिए से देखते हो, आपस में बातें करके लड़कियों को फुद्दू बना कर रखा है... पर ऐसा है नही मिस्टर.... हम लड़कियाँ किसी भी मुक़ाबले में तुम लड़कों से कम नही है....''
इतना कहकर उसने मोबाइल में चल रहा एक वीडियो सोनू के सामने कर दिया... जिसमे एक लड़का अपनी जी एफ के पैरों की उंगलियों को किसी नौकर की तरह चूस रहा था... वो आराम से नंगी होकर एक कुर्सी पर बैठी थी और अपने बाय्फ्रेंड को डोमिनेट कर रही थी...
सोनू का सिर चकरा गया वो देखकर.... सुबह ये वीडियो देखकर तो उसके मन में भी इच्छा हुई थी की काश वो भी किसी का नौकर बन पाता, कम से कम उसके नंगे शरीर को चाटने का तो मौका मिलता...
पर इस वक़्त उसी वीडियो को दोबारा अपनी बहन के दिखाने पर देखकर वो शर्मिंदा होने के सिवाए कुछ कर ही नही पाया...
सोनू को सिर झुकाता देखकर सोनिया को एहसास हुआ की उसने शायद आवेश में आकर कुछ ज़्यादा ही बोल दिया है अपने भाई को... वो उठकर उसके करीब आई और उसके बेड पर आकर बैठ गयी.
और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर बड़े ही प्यार से, उसे समझाने के अंदाज में बोली : "देखो भाई... होस्टल में रहकर शायद मेरी बातें, मेरा स्वभाव थोड़ा बदल गया है... और देखा जाए तो हर लड़की को ऐसा ही होना चाहिए...मेरी तरह... जिसे हर बात की जानकारी होनी ज़रूरी है... वरना इस मेन डोमिनेटिंग वर्ल्ड में वो बेचारी पीस कर रह जाए..... जो छूट लड़को को मिली हुई है, वो लड़कियो के लिए भी होती है... बस वो अपने समाज की बंदिशों की वजह से खुलकर उनको एंजाय नही कर पाती है... पर अब टाइम बदल रहा है... अब सभी को पता है की क्या सही है और क्या ग़लत''
ये बात उसने सोनू की आँखो में देखते हुए कही थी... जो हर बात में उसे 'ये ग़लत है - ये ग़लत है' बोलता रहता है.
सोनू ने तो सिर्फ़ एक कोशिश की थी की वो उसके मोबाइल के वीडियोस ना देखे...
उसके बदले में उसे अच्छा ख़ासा भाषण सुनने को मिल गया...
पर एक और बात उसे पता चल चुकी थी की उसकी बहन खुलकर जीने में विश्वास रखती है...
और उसे अगर टोका जाए तो वो उसे कतई पसंद नही है... शायद इसी टोका टाकी की वजह से , उसकी हर बात मनवाने की जिद्द की वजह से, उसे होस्टल भेजा गया था... पर वहां जाकर तो वो और भी ज़्यादा बिगड़ चुकी थी... होस्टल में ना तो माँ -बाप का डर रहता है और ना ही उनकी नज़रें...और वो खुलापन उसे बहुत पसंद आया था. जिसका परिणाम ये था की सोनू को हर बात का जवाब उसी की भाषा में मिल रहा था... और वो बेचारा अपनी बहन को ये कहने की सिचुएशन में भी नही रह गया था की बहना, जो तूँ ये सब बोल रही है 'ये ग़लत है' ....
उसकी बहन ने तो रिश्तों के, संस्कारों के, औरत मर्द के बीच के फ़र्क के सारे मायने ही बदल दिए थे....
और अंदर ही अंदर ये सब बदलाव सोनू को बहुत भा रहे थे...
सोनू को चुप देखकर वो समझ गयी की जो बात वो उसे समझना चाहती थी वो समझ चुका है...
और उसके हाथ पर दबाव डालकर वो एक बार फिर से अपनी गांड मटकाती हुई अपने बेड पर जाकर लेट गयी...
पर मोबाइल अभी भी उसी के पास था.
कुछ देर तक इधर-उधर की बाते करने के बाद वो बोली : "चलो ना भाई ,अब सोते हैं... काफ़ी देर हो गयी है...''
अभी तो सिर्फ़ साढ़े दस ही बजे थे...
ये 12 बजे तक जागने वाली सोनिया को एकदम से कैसे नींद आ रही है...
पर फिर भी सोनू ने कुछ नही कहा और लाइट बुझा कर वो अपने बिस्तर पर आकर सो गया..
उसने देखा की लेटने के बाद एक बार फिर से सोनिया उसके मोबाइल को देखने लगी है...
अंधेरे कमरे में मोबाइल की रोशनी से उसका चेहरा अलग ही चमक रहा था...
और उसके चेहरे पर आ रही होली सी मुस्कान को देखकर वो फिर समझ गया की वो वीडियोस फिर से देख रही है...
सोनू भी उसी की तरफ मुँह करके बड़ी ही बेशर्मी से उसे देखने लगा...
वो उसके हाथों को भी गोर से देख रहा था, जो धीरे-2 सरक कर कभी उसके पेट पर जाते, और कभी उसके बूब्स पर... अपनी बहन को अपने ही बूब्स मसलता देखकर एक अजीब सा एहसास हो रहा था... अंदर ही अंदर उसे गंदा तो लग रहा था पर पूरी दुनिया में ये बात इस वक़्त किसी को नही पता, ये सोचकर वो निश्चिन्त होकर वो देख भी रहा था...
एक अजीब से दोराहे पर पहुँच चुकी थी सोनू की जिंदगी.....
सोनिया ने रिश्ते की परवाह किए बिना उसे एक औरत - मर्द के शारीरिक आकर्षण के मापदंड से नापकर अपनी ही परिभाषा सीखा डाली थी.. जिसपर चलकर कुछ भी हो सकता था..