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Incest ये गलत है(भाई-बहन का प्यार)

Nevil singh

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वो उसके और करीब आई और सिप लेकर उसकी आँखो में झांकती हुई बोली : "क्यों .... इसमें क्या प्राब्लम क्या है....''



वो फिर से हकला गया...उसका गला चॉक हो गया

"देखो....दी....ये...मेरा मतलब... मॉम या डेड देखेंगे तो वो क्या बोलेंगे....''

सोनिया : "और तुम.... तुम्हे तो बुरा नही लग रहा ना...''

सोनू : "वो...मैं ..... आई मीन..... मुझे क्यों ....''

वो मुस्कुरा दी और बोली : "वही तो.....देखो भाई, मुझे तो अपने होस्टल में ऐसे ही रहने की आदत है... ज़्यादा कपड़ो में ना तो मैं घूम सकती हूँ और ना ही सो सकती हूँ .... इंफेक्ट वहां तो मैं न्यूड ही सोया करती थी....वो तो तुम्हारी वजह से मुझे यहाँ थोड़ा डिसेंट होकर रहना पड़ रहा है....वरना...''

उसने बात अधूरी छोड़ दी...पर जितनी बात कही थी,उसे सुनकर सोनू का मुँह खुला का खुला रह गया..

सोनिया तो उसके बाद शुरू ही हो गयी बोलना

''देखो यार... तुम्हारे और मेरे बीच में ये सब फॉरमेलिटीस नही होनी चाहिए...आई मीन भाई बहन टाइप की.... जस्ट बी माय फ्रेंड.... मेरे दोस्त बनकर रहो ना... ऐसे हर बात पर , हमारे रिश्ते की, सोसायटी की या मॉम डेड की दुहाई देना बंद करो.... उन सबसे मुझे कोई मतलब नही है.... तुम मेरे भाई हो... मेरी लाइफ के सबसे करीब तुम हो .... और तुम्हारे साथ मैं वैसे ही रहना चाहती हूँ जैसे मैं खुद के साथ रहती हूँ .... वो सब बाते , जो मैं अंदर ही अंदर खुद से किया करती हूँ ,मैं चाहती हूँ की तुम उन्हे सुनो... अपनी सूनाओ... तुम्हारे और मेरे बीच किसी भी बात को लेकर ना लड़ाई हो, ना मनमुटाव हो और ना ही परदा हो...''

उसकी ऐसी बातें सुनकर वो अचंभित सा रह गया.... वो इस वक़्त ऐसी बातें कर रही थी जैसे कोई प्रवचन दे रही हो... और अंदर ही अंदर वो सब सोनू को बहुत अच्छा लग रहा था..

पर फिर भी सोनू ने कहा : "पर....ये ... ये ग़लत है दी...''

वो एकदम बिफर सी गयी 'ये ग़लत है' सुनकर....

वो लगभग चिल्लाती हुई बोली : "क्या ग़लत है... बोलो.... हम बचपन मे एक दूसरे के साथ ऐसे ही रहा करते थे ना, तब ठीक था, अब ग़लत क्यों ?..सिर्फ़ बॉडी से ऐसे रिश्ते होते है क्या...हमारी बॉडी अब वैसी नही रही तो हमारे नज़रिए फ़र्क में आ जाएगा क्या ?... वो ग़लत नही है क्या ??.... अपने भाई को एक दोस्त मानने की बात कर रही हूँ , ये ग़लत है क्या ?... डेम इट ... हम सैक्स नही कर रहे और अगर कर भी रहे होते तो दुनिया में किसी से डरने की ज़रूरत नही है हमें...''

सोनू फटी आँखो से उसे देखता रह गया...

सोनिया : "ओह....आई एम सॉरी... ये लास्ट वाली लाइन के लिए, आई थिंक ये कुछ ज्यादा हो गया .... बट ट्राइ टू अंडरस्टॅंड सोनू.... इन खोखले रीति रिवाजों और रिश्तों के जंजाल में फंसकर अपनी लाइफ को हेल मत बनाओ.... मैने देखी है ओपन लाइफ... हॉस्टिल लाइफ.... वो जिंदगी जीने के बाद इस तरह घुटन भरी जिंदगी मुझसे नही जी जाएगी....''

इतना कहकर वो एकदम चुप सी हो गयी....और चेयर पर बैठकर उसने अपना सिर काउंटर पर रख दिया और अपना चेहरा छुपा लिया... सोनू को लगा की वो रो रही है... लेकिन जब उसके करीब गया तो वो कुछ सोच रही थी...

उसके मासूम से चेहरे को देखकर और उसके अंदर चल रहे अंतर्द्वंद को समझकर सोनू का दिल पसीज गया.... वो उसके साथ वाली चेयर पर बैठ गया और अपनी एक बाजू उसके पीछे से लेजाकर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे अपने सीने में समेट कर हग कर लिया... और बोला : "आई एम सॉरी दी.... आई थिंक तुम सही कह रही हो.... हमें इन सब बातों की चिंता नही करनी चाहिए...''

उसकी बात सुनकर सोनिया का चेहरा खिल उठा...वो उछल पड़ी और बोली : "सच.... वाउ .... मुझे खुशी है की तू मेरी बात समझता है...''

सोनू : "यस ... मैं तो समझ गया ... पर माँ - पापा .... उनके सामने भी क्या तुम ऐसे ही ...''

सोनिया : "पागल है क्या..... मुझे माँ का लेक्चर नही सुनना, वरना वो तो मुझे कल ही वापिस बुला लेंगी.... और मैने तो अभी कॉलेज लाइफ भी देखनी है वहाँ की....''

वो जैसे कहीं खो सी गयी.... सोनू समझ गया की वो इस वक़्त खुली आँखो से आने वाली लाइफ के सपने देख रही है...

और सपने तो सोनू भी देखने लग गया... जो बातें सोनिया ने कही थी, उनके बारे में सोचकर उसके दिल मे गुदगुदी सी हो रही थी... और वो जानता था की अब उसकी लाइफ में बहुत कुछ बदलने वाला है...
julmi update
 

Nevil singh

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सोनू : "यस ... मैं तो समझ गया ... पर मॉम - डेड .... उनके सामने भी क्या तुम ऐसे ही ...''

सोनिया : "पागल है क्या..... मुझे माँ का लेक्चर नही सुनना, वरना वो तो मुझे कल ही वापिस बुला लेंगी.... और मैने तो अभी कॉलेज लाइफ भी देखनी है वहाँ की....''

वो जैसे कहीं खो सी गयी.... सोनू समझ गया की वो इस वक़्त खुली आँखो से आने वाली लाइफ के सपने देख रही है...

और सपने तो सोनू भी देखने लग गया... जो बातें सोनिया ने कही थी, उनके बारे में सोचकर उसके दिल मे गुदगुदी सी हो रही थी... और वो जानता था की अब उसकी लाइफ में बहुत कुछ बदलने वाला है...

*************
अब आगे
*************

कुछ ही देर में दोनो अपने-2 बेड पर जाकर सो गये... सोनिया को हमेशा से ही लाइट बंद करके सोने की आदत थी और सोनू को लाइट जलाकर..इसलिए अक्सर दोनो मे बहस होती थी...
पर इस बार जब से सोनिया वापिस आई थी, सोनू उस बात को लेकर झगड़ा ही नही...

सोनिया ने लाइट ऑफ की और उछलकर अपने बिस्तर में घुस गयी...
सोनू उसकी तरफ करवट लेकर सोया हुआ था, खिड़की से आ रही हल्की चाँदनी में उसे अपनी बहन का उठता-गिरता सीना सॉफ नज़र आ रहा था...उसने अपने दिल को लाख समझाया पर उसकी नज़रें वहां से हटी ही नही...
हल्की चाँदनी में उसका मासूम सा चेहरा कितना प्यारा लग रहा था...



अगर वो उसकी बगल में सो रही होती तो वो उसके माथे को चूम लेता....
या शायद होंठों को.......

उसके होंठों को चूमने का ख्याल आते ही उसने अपने सिर को झटका दिया.... और मन ही मन बड़बड़ाया 'नही नही... वो मेरी बहन है... ऐसे कैसे मैं उसके लिप्स पर किस्स कर सकता हूँ .... ये तो बिल्कुल ग़लत है...'

और शायद इस बार उसने कड़ा दिल करके ये बात कही थी, इसलिए उसकी नज़रें उसकी बात मानकर नीचे झुक गयी....बंद हो गयी...

वो सोने की कोशिश करने लगा... पर कुछ ही देर में सोनिया को उसके बिस्तर में कसमसाते देखकर वो एक बार फिर से टकटकी लगाकर देखने लगा... उसे लगा था की वो सो चुकी है...पर वो जाग रही थी.

उसकी नज़रें सोनू की तरफ ही थी... सोनू के बेड पर घुप्प अंधेरा था... पर फिर भी सोनू ने अपनी आँखे भींच कर इतनी बंद कर ली की वो दिख भी रहा होता तो सोया हुआ ही लगता...वो सोनू को ही देख रही थी,शायद ये देखने की कोशिश थी की वो सो गया है या नही...

कुछ देर तक उसे देखते रहने के बाद सोनिया का हाथ चादर के अंदर चला गया...और फिर धीरे-2 उसका पूरा शरीर लहराने लगा... जैसे समुंदर में लहरे उठती है,ठीक वैसे ही...

एक पल के लिए तो सोनू को लगा जैसे उसकी तबीयत खराब हो रही है... वो काँप सी रही थी... उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थी.... वो उठकर उसके करीब जाने ही वाला था की उसके मुँह से एक तेज सिसकारी निकली...

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... आआआहह.....''

और ये ठंडी सी सिसकारी ऐसी थी की उसे सुनकर सोनू समझ गया की वो क्या कर रही है...

वो मास्टरबेट कर रही थी...

यानी उसकी बहन, उसी के सामने अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर मुठ्ठ मार रही थी...

उसके मास्टरबेशन की कल्पना मात्र से ही सोनू का शरीर काँप उठा.... वो एकदम ठंडा सा पड़ गया... उसके दिल की धड़कने इतनी ज़ोर-2 से चलने लगी मानो वो सीना फाड़कर बाहर आ जाएँगी...

सोनू ने ज़ोर से अपनी आँखे मूंद ली, पर उसकी बहन की एक और सिसकारी ने उसे आँख खोलने पर मजबूर कर दिया... वो पूरे उन्माद में आकर अपनी चूत को मसल रही थी....

अचानक उसने एक जोरदार झटके से अपनी चादर उतार फेंकी... और हल्की रोशनी में उसकी कमर के नीचे का हिस्सा देखकर सोनू की रही सही हिम्मत भी जवाब दे गयी... वो नीचे से पूरी नंगी थी... चादर के नीचे उसने कब अपना लोवर निकाला,कब नीचे से नंगी हुई,वो जान ही नही पाया...

चाँद की हल्की रोशनी में उसकी चमकती हुई जाँघ और गांड वाला हिस्सा ऐसे लग रहा था मानो कोई चिकना तरबूज हो... और उसकी स्मूथ टाँगो को होले -2 मचलते देखकर उसका लंड कब खड़ा हो गया , उसे भी पता नही चला..

उसके भैय्या-वादी दिल ने एक आख़िरी कोशिश की : 'पलट कर दूसरी तरफ सो जा सोनू, वो तेरी बहन है... अपनी बहन को ऐसी हालत में देखना पाप है... वो अगर बेवकूफी कर रही है तो तू अपनी समझदारी से काम ले.. दूसरी तरफ घूम जा और उसे अपना काम करने दे.. तू सो जा सोनू, तू सो जा... ये ग़लत है ...'

कुछ देर तक वो सोचता रहा पर फिर उसके दिमाग़ ने वही रटा - रटाया जवाब अपने दिल को सुना दिया जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन ने उसे सुनाया था... वो बचपन में साथ खेलने वाला.... बॉडी में ही तो फ़र्क आया है, रिश्ते में नही.... वेगेरह -2 ..

उस दलील को सुनकर तो सोनू पहले भी शांत हो गया था और अब फिर से शांत हो गया...

और रही - सही कसर सोनिया ने पूरी कर दी

सोनिया ने एक झटके में अपनी टी शर्ट को निकाल फेंका... और फिर से अपने काम में जुट गयी... अब वो पूरी नंगी होकर अपनी चूत में उंगलबाजी कर रही थी..



उसे ऐसी हालत में देखकर उसके दिमाग़ के शैतानी हिस्से में नये-2 प्लान आने लगे...

की ऐसे में अगर वो लाइट जला दे तो उसे चादर पहनने का भी टाइम नही मिलेगा...
वो उसके सामने नंगी पड़ी होगी, और उसके बाद वो उसे ब्लेकमेल करके कुछ भी करवा सकता था...कुछ भी..

पर अगले ही पल वो खुद ही बोल पड़ा, नही यार, इतना भी कमीना नही हूँ मैं ... ये सब अलग बातें है, पर अपनी बहन के साथ मैं ऐसा हरगीज़ नही कर सकता...

और इस बात ने उसके दिल को एकदम बदल सा दिया... वो भावुक सा हो गया और वो करवट बदलकर दूसरी तरफ होने लगा...

पर जैसे ही वो थोड़ा सा हिला, सोनिया एकदम से चौकन्नी हो गयी ... उसने चादर से अपने शरीर को ढक लिया और कुछ देर तक सोनू की बॉडी में जब कोई और हरकत नही हुई तो वो धीरे से बोली : "सोनू..... ओ सोनू..... सो गया क्या....''

सोनू बेचारे की समझ में नही आ रहा था की क्या करे... वो कुछ नही बोला... बस आँखे बंद करके सोने का नाटक करता रहा...

अचानक सोनिया अपने बेड से उठ खड़ी हुई...और सोनू की तरफ आने लगी..उसने चादर लपेट ली थी अब.

उसने बड़ी मुश्किल से अपने जज्बातों पर काबू किया और आँखे बंद करके नॉर्मल तरीके से सोने का नाटक करने लगा..

वो उसके करीब तक आई, नीचे झुककर उसके चेहरे को देखा, और अपना हाथ उसके गाल पर रखकर उसे थपथपाया और होले से फुसफुसाई : "मेरा डार्लिंग भाई.... गुड नाइट....''

और इतना कहकर वो उठकर चली गयी...

सोनू ने तुरंत अपनी आँखे खोली, और उसने जो देखा,उसे देखकर एक इंसान का अपने उपर काबू रखे रखना बड़ी मुश्किल का काम होता है...

उसने देखा की उसके चेहरे से सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर जाकर सोनिया ने वो चादर , जो उसने अपने बदन पर लपेट रखी थी, उसे नीचे गिरा दिया.... और उसके संगमरमर जैसी गोरी-2 गांड ठीक उसके चेहरे के सामने उजागर हो गयी...



और उपर से , सोने पर सुहागा ये था की, खिड़की की रोशनी ठीक उनपर पड़ रही थी, उस चाँद की चाँदनी में नहाकार ,ये चाँद भी दमक उठा था...

उसकी दोनो टाँगो के बीच हल्का सा गेप था, जिसके दूसरी तरफ उसे सोनिया की चूत के कसे हुए होंठ तक नज़र आ रहे थे... कमाल का एंगल था उस वक़्त...

पर एक पल के लिए मिले इस नज़ारे को देखकर सोनू का लंड बुरी तरह से अकड़ गया... उसने लाख कोशिश करके उसे नीचे बिठाया पर वो किसी तंबू की तरह चादर में खड़ा रहा... ऐसे में अगर सोनिया लाइट जलाकर उसके लंड वाले हिस्से को देख लेती तो उसका झूट-मूठ सोने का नाटक अभी ख़त्म हो जाता...

सोनिया ऐसे ही नंगी चलती हुई अपनी अलमारी तक गयी



और उसने उसे खोलकर अपने बेग की अंदर वाली जीप से कुछ निकाला और फिर वापिस आकर बेड पर लेट गयी...

सोनू बड़े ही ध्यान से उसे देख रहा था...
उसके हाथ में रिमोट जितना लंबा सा कुछ था...
वो कुछ समझ पता, इससे पहले ही उसे हल्की गररर्रर की आवाज़ सुनाई दी...
उस रिमोट जैसी चीज़ में शायद एक मोटर थी...
और वो रिमोट नही था...
एक डिल्डो था...
यानी प्लास्टिक का लंड...

डिल्डो की कल्पना मात्र से ही सोनू का शरीर पसीने-2 हो गया....
उसकी कमसिन बहन के पास ये कहाँ से आया...
शायद हॉस्टिल में किसी लड़की ने दिया होगा.... पर इतनी कच्ची उम्र में वो अपनी चूत के अंदर इतने लंबे डिल्डो को कैसे लेती होगी.... इस कल्पना मात्र से ही उसके पसीने छूट गये.. यानी उसकी बहन वर्जिन नही है... उसने इस प्लास्टिक के लंड को अंदर डालकर अपनी सील तोड़ ली है...

पर जैसा उसने सोचा था, वैसा कुछ था नही... जब वो बेड पर लेती और उसने वो लंबा सा डिल्डो अपनी चूत के मुहाने पर रखा तो उससे आगे वो गया ही नही.... उसकी चूत थी ही इतनी टाइट...
उसकी बहन की सील अभी तक सलामत है, ये सोचकर ना जाने क्यों उसे अंदर ही अंदर थोड़ा सकून मिला ।

भले ही कमरे में अंधेरा था, पर हल्की चाँदनी में वो उसकी चूत के कसे हुए लिप्स और उसके दरवाजे पर घिसाई करता हुआ डिल्डो सॉफ देख पा रहा था... वो अपनी चूत के अधखुले होंठों के मुहाने पर उस मोटर वाले डिल्डो से घिसाई कर रही थी... और अंदर से आ रही वाइब्रेशन को अपनी चूत पर महसूस करके, उसकी तरंगो पर किसी जल बिन मछली की तरह मचल रही थी..



सोनू सोच रहा था की काश वो इस सीन को मोबाइल पर रेकॉर्ड कर पाता...
पर ऐसा घटिया विचार आते ही उसे खुद से घृणा होने लगी....
एक तो वो अपनी बहन को मास्टरबेट करते हुए देख रहा था, जो एकदम नेचुरल प्रोसेस होती है, उपर से उसके बारे में गंदा सोचते हुए, उसकी फिल्म बनाने की भी सोच रहा था... इतना घटिया वो कब हो गया... ये सोचकर उसने एक बार फिर से पलट कर सो जाने की सोची...

पर...

तभी उसे सोनिया के बुदबुदाने की आवाज़ें सुनाई दी...

''ओह....... उम्म्म्ममममममममममम..... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... लिकक्ककककक इट....... ज़ोर से........ अहह मेरा बच्चा ....... उम्म्म्ममम माय बैबी .....''



सोनू समझ गया की हो ना हो वो इस वक़्त ज़रूर अपने किसी बाय्फ्रेंड को याद करके ऐसा बोल रही है....
उसने भी अक्सर साक्षी के बारे में सोचकर मूठ मारी थी... और वो भी जब झड़ने लगता था तो साक्षी का नाम लेकर, उसे गालियाँ देकर झड़ने में उसे बहुत मज़ा आता था.

पर आगे जो सोनिया ने कहा, उसे सुनकर तो सोनू का दिमाग़ एकदम से सुन्न सा हो गया.

वो कसमसाते हुए फुसफुसाई...

''ओह मेरा बच्चा ..... सोनू......... माय डार्लिंग....... लीक इट...... ज़ोर से..... अहह अहह ऑफ़फ़फ़फ़ उम्म्म्मममम सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''



और इसके साथ ही उसका शरीर बेड पर किसी कमान की तरह तिरछा हुआ...और फिर धड़ाम से उसकी गद्देदार गांड बिस्तर पर आ गिरी....

सोनू दूर लेटा देख पा रहा था की उसके पूरे शरीर पर पसीने की बूंदे चमक रही थी...



पर उन बूँदों से ज़्यादा उसे इस बात की चिंता थी की उसकी बहन ने आख़िर उसका नाम क्यों लिया... यानी वो उसके बारे में सोच रही थी...

वो ये सोचता रह गया और सोनिया चादर तान कर ऐसे ही नंगी, बेड पर सो गयी..

पर सोनू काफ़ी देर तक उस बारे में सोचता रहा... हर तरह की अटकले लगाता रहा... और आख़िर में उसने निशचय कर लिया की कल वो सोनिया से इस बारे में खुलकर बात करके रहेगा... वरना वो कभी भी चैन से सो नही पाएगा...
rashili update
 

Nevil singh

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अगली सुबह सोनू के स्कूल की छुट्टी थी...वाल्मीकि जयंती की..इसलिए वो 9 बजे तक सोता रहा...और सोनिया तो थी ही एक नंबर की आलसन, वो भी बेसुध सी होकर सोई पड़ी थी..
सोनू की मॉम कमरे में आई और दोनो को आवाज़ लगाकर उठने को कहा..
सोनिया तो सोई रही पर सोनू को नीचे उठकर जाना पड़ा, वो क्लिनिक के लिए निकल रही थी...
दरवाजा बंद करके वो वापिस आकर सो गया..पर अब उसे नींद नही आ रही थी...
उसके दिमाग़ मे रात वाली बातें एक बार फिर से ताज़ा हो गयी की कैसे उसने अपनी बहन को मास्टरबेट करते हुए देखा...
उसके नंगे जिस्म को इतने करीब से देखा उसने...
उसे डिल्डो का इस्तेमाल करके झड़ते हुए देखा...
और अंत मे जब उसने उसका नाम लेकर वो सिसकारी मारी थी, उसे याद करके सोनू का लंड एकदम तन्ना सा गया... वैसे भी रोज सुबह उसका लंड खड़ा रहता था, पर आज तो कुछ ज़्यादा ही था.
अब उसके दिमाग़ में सिर्फ़ एक ही बात चल रही थी की उस बात को कैसे पूछा जाए...
कुछ देर में वो भी उठ गयी....और गुड मॉर्निंग बोलकर अपनी आँखे मलती हुई बाथरूम में घुस गयी...
वो फ़ौरन उठा और भागकर उसके बिस्तर तक गया.... और जैसा उसने सोचा था, उसके पिल्लो के नीचे उसे वो वाइब्रेटर मिल ही गया...
उसने वो उठा लिया... उसे छूकर और इस कल्पना मात्र से ही की वो उसकी बहन की चूत को ना जाने कितनी बार घिस चुका है, उसके लंड का पारा उपर तक जा पहुँचा...
ना चाहते हुए भी उसके हाथ से डिल्डो का बटन ऑन हो गया...और एक सुरीली सी आवाज़ के साथ वो उसके हाथ में फड़फड़ाने लगा...
उसमे से निकल रही वाइब्रेशन को महसूस करके उसका शरीर गुनगुना उठा....
वो अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा की इसे चूत पर लगाकर कैसा फील करती होंगी लड़कियाँ...
पर वो ये सोच ही रहा था की अपने मुँह में ब्रश डाले सोनिया बाथरूम से बाहर निकल आई....
और सोनू के हाथ में अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी देखकर वहीं के वहीं जम कर रह गयी...
दोनो की नज़रें मिली, पर कोई कुछ ना बोला.... पूरे कमरे में सिर्फ़ मोटर की गुर्र्रर गर की आवाज़ आ रही थी.
थोड़ी देर बाद जैसे सोनिया को होश सा आया....
वो भागकर बाथरूम में गयी और कुल्ला करके वापिस आई और लपककर उसने वो डिल्डो पकड़ लिया...
पर सोनू भी तैयार था... उसने वो छोड़ा ही नही...
डिल्डो का उपर वाला हिस्सा सोनिया के और नीचे वाला सोनू के हाथ में था...
और उसमे से निकल रही तरंगे दोनो के शरीर को झनझना रही थी..
कुछ देर तक पूरी सिचुएशन को अच्छी तरह से समझने के बाद सोनिया थोड़ी कॉन्फिडेंट सी हो गयी और ऐसी स्थिति में अपने भाई के साथ खड़ी होने के कारण उसकी हंसी निकल गयी.
सोनिया के मुँह से जब हँसी निकली to वो मुस्कुराते हुए बोली : "ओ पागल... पता भी है ये क्या है... बेकार में मेरी चीज़ों पर नज़र ना रखा कर...''
सोनू : "अच्छी तरह से पता है मुझे की ये क्या है....मैं अब बच्चा नही रहा..''
सोनिया का चेहरा थोड़ा शरारती हो उठा...
वो अपनी कमर को मटकाती हुई बड़े ही सेंशुअल स्टाइल में आगे आई और बोली : "अच्छा जी... तो मेरा भाई जवान हो गया है.... उसे सब पता है.... अच्छा तो बताओ... क्या है ये... और क्या यूज़ है इसका...''
वो मज़े लेने के मूड में आ चुकी थी....
उसे अब इस बात की ज़रा भी चिंता नही रह गयी थी की उसके भाई ने इतनी निजी चीज़ पकड़ ली है उसकी...
बल्कि वो अब इस सिचुएशन को एंजाय कर रही थी...
पहले सोनू ने बोल तो दिया था , पर सोनिया के पूछने पर उसकी तो गिग्घी बंद गयी...
पर फिर उसे रात वाली घटना एक बार फिर से याद आ गयी...
उसने मन में सोचा की इस वक़्त अगर चुप रह गया तो वो उससे कभी नही उगलवा सकेगा ...
इसलिए यही वक़्त है..
वो बोला : "ये ... ये मोटर वाला नकली ''वो'' है... और इसे लड़कियाँ ... अपनी... अपनी .. टाँगो के बीच..यानी अंदर .... रखकर ... मज़ा करती है...''
सोनिया ने जब ये सुना तो हंस-2 कर लोट-पोट हो गयी.... और वो अपने बेड पर गिरकर और अपना पेट पकड़कर हँसती रही...और फिर 2 मिनट बाद जब अपने उपर कंट्रोल हुआ तो बोली : "ओ मेरे भोले भाई.... क्या डेफिनिशन दी है तूने इसकी... कमाल है यार तू भी..... और तू कहता है की तू जवान हो गया है..... हा हा ..... पता नही साक्षी के सामने तू क्या करेगा.... ''
अपनी बहन के सामने चुतिया बनकर इस वक़्त सोनू को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर वो उसे सब सॉफ-2 बताकर ये नही जताना चाहता था की उसे अच्छी तरह से पता है की इस डिलडो को चूत में डालकर मास्टरबेट किया जाता है...
अपनी बहन के सामने उसने इतने गंदे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया वो भी सिर्फ़ इसलिए ताकि अपनी मर्यादा का उलंघन ना करे वो... वरना अभी उसे बता देता की क्या-2 पता है उसे...
पर सोनिया की अगली बात सुनकर उसे खुद की कही हुई बात पर काफ़ी खुशी हुई....
वो बोली : "भाई, लगता है तुझे अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा... वरना बाहर जाकर तू ऐसी बातें करेगा तो दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर कैसे चल पाएगा... हा हा''
उसकी हँसी अब तक नही रुक रही थी...
पर उसकी बात सुनकर सोनू का दिमाग़ कहीं और ही चलने लगा.... अब उसे लग रहा था की अपनी बहन के सामने ऐसे ही बुढ़ू सा बनकर रहे और देखे की उसकी बहन को सैक्स के बारे में क्या-2 पता है... और वो सब बताने के बहाने शायद वो उसके करीब भी आ जाए और कुछ मज़े करने को मिल जाएँ..
और आज ये सब सोचते हुए पहली बार हुआ था की उसके अंदर के ''भाई'' ने ये नही कहा की ''ये ग़लत है''
शायद उसकी वासना ने उसके रिश्ते की रही सही भावना को कुचल दिया था...पर शायद अभी के लिए.
पर जो अभी हो रहा था, उसे सोनू बहुत एंजाय कर रहा था.
और उसकी सोच के अनुसार वही हुआ , सोनिया ने उसे अपने बेड पर बिठाया और बड़े ही प्यार से उसे सैक्स का पाठ पड़ना शुरू किया..
''देखो सोनू... आई नो की हम दोनो भाई बहन है और हमें ये सब बातें एक दूसरे से नही करनी चाहिए... पर कल जो हम दोनो के बीच डिसाईड हुआ था, उसके बाद मुझे लगता है की हम दोनो को एक दूसरे से कुछ भी छिपाना नही चाहिए...''
सोनू किसी लंगूर की तरह सोनिया को एकटक देखता रहा ...
वो आगे बोली : "आई डोंट नो की तुम्हे पता है या तुम नासमझी का नाटक कर रहे हो.. पर जितना तुमने बताया है वो इन्फर्मेशन थोड़ी अधूरी सी है... इसलिए मैं उसको पूरा कर देती हूँ ...इसे डिल्डो कहते हैं... और इसका इस्तेमाल करके लड़कियाँ मास्टरबेट करती है... और ऑर्गॅज़म का मज़ा लेकर ही उन्हे चैन मिलता है...''
सोनू : "तो इसका मतलब.... कल रात को तुम .... म.. मास्टर .... बेट... कर रही थी .....''
सोनिया का चेहरा गुलाबी सा हो उठा.... और पहली बार सोनू ने उसे शर्माकर अपनी आँखे चुराते हुए देखा...
वो धीरे से बोली : "हम्म्म...''
और फिर अचानक उसने अपनी आँखे गोल कर ली, जैसे उसे कुछ याद आ गया हो या उसने सोनू की चोरी पकड़ ली हो..
सोनिया : "तुम कल रात जाग रहे थे ना.... जब मैं मास्टरबेट कर रही थी....बोलो .... ''
सोनू कुछ नही बोला.... उसने सिर झुका लिया... यानी उसने कबूल कर लिया की वो जाग रहा था..
सोनिया ने अपने दोनो हाथ अपने चेहरे पर रख लिए और ज़ोर से चिल्लाई : " ओह्ह्ह गॉडsssss ....... मुझे पता था.... कल रात ही पता चल गया था की तुम जाग रहे हो......इट मीन्स..... तुमने.... वो सब होते हुए देख लिया.....''
अब वो खिसिया सी रही थी.... और उसे थोड़ा बहुत गुस्सा भी आ रहा था...
सोनू ने बात संभाली : "नही दी.... वो मैने जान बूझकर नही किया.... मेरी आँख जब खुली तो ... तो... शायद तुम सब कर चुकी थी.... पर...''
वो गुरराती हुई उसके करीब आई : "पर.... पर क्या ?''
सोनू सकपका सा गया उसके गुस्से से भरे चेहरे को देखकर...
सोनू : "मैने वो आपको..... लास्ट में .. मेरा नाम लेते हुए सुना...''
सोनिया ने अपना माथा पीट लिया... शायद जिस बात का उसे डर था, वही हुआ था उसके साथ .
अभी तक जो सोनिया मज़े ले रही थी, एकदम से चुप हो चुकी थी..
सोनू : "दी, आपने ही तो कहा था की हम अब दोस्त हैं.... तो आप इस बात पर इतना नाराज़ क्यों हो रही हो.... ''
सोनिया धीरे से बोली : "नही.... नाराज़ नही हूँ मैं.... बट जो कल रात हुआ वो..... वो मेरे बस में नही था...''
सोनू : "देखो दी, मुझे नही पता की आप उस वक़्त क्या सोच रही थी... बट डोंट फील बेड की आपने मेरा नाम लिया था उस वक़्त... या फिर मैने वो सब सुन लिया था....''
वो कुछ नही बोल रही थी.... शायद उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा था..
सोनू अपनी तरफ से उसे कॉन्फिडेंस फील कराने के लिए कुछ ना कुछ बोले ही जा रहा था..
''देखो दी, वो सब कई बार मेरे साथ भी होता है.... कभी साक्षी के बारे में तो कभी किसी और लड़की के बारे में सोचकर मैने भी कई बार मास्टरबेट किया है... एक बार तो अपनी मेम के बारे में सोचकर भी किया था... ऐंड आई नो की वो सब करते हुए किसी का नाम लेने में कितना मज़ा आता है...''
सोनिया ने उसकी तरफ देखा... और बोली : "पर कभी एक भाई को बहन के बारे में या बहन को भाई के बारे में सोचकर करते हुए नही देखा होगा ना... पर पता नही क्या चल रहा था मेरे मन में उस वक़्त... मैने लाख कोशिश करी की अपनी क्लास के किसी फ्रेंड के बारे में सोचू , या किसी हेंडसम टीचर के बारे में ... या फिर कोई और... पर पता नही कैसे लास्ट में सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचकर मुझे कुछ हो गया .... और .. और ''
इतना कहकर वो चुप हो गयी....
सोनू समझ गया की शायद उसने ये सब जान बूझकर नही किया है...
कल से दोनो के बीच जो चल रहा था, कहीं ना कहीं सोनिया के दिमाग़ में वही सब रह गया होगा,
इसलिए आख़िरी वक़्त में झड़ते हुए सोनू का नाम निकल गया था उसके मुँह से...
सोनू ने माहौल को हल्का करते हुए कहा : "ओके दी... चलो छोड़ो ये सब... जो हुआ सो हुआ... अब इसके बारे में बात नही करते.... मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता... सो भूल जाओ कल रात की बात.... एन्ड मेरे साथ बाहर चलो, मैं आपको आइस्क्रीम खिलाता हूँ .. और ये भी बताता हूँ की कल साक्षी के साथ मैंने क्या किया ''
सोनिया एकदम से खुश हो गयी.... वो भी साक्षी के बारे में जानना चाहती थी, उसे शायद इस बात की भी खुशी थी की उसके भाई को इतना सब होने के बाद भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था... पर ये सिर्फ़ सोनू ही जानता था की उसे कितना फ़र्क पड़ रहा है... कितना पड़ चुका है....और आगे कितना पड़ने वाला है.
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सोनू ने माहौल को हल्का करते हुए कहा : "ओके दी... चलो छोड़ो ये सब... जो हुआ सो हुआ... अब इसके बारे में बात नही करते.... मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता... सो भूल जाओ कल रात की बात.... एन्ड मेरे साथ बाहर चलो,.. और ये भी बताता हूँ की कल साक्षी के साथ मैंने क्या किया ''

सोनिया एकदम से खुश हो गयी.... वो भी साक्षी के बारे में जानना चाहती थी, उसे शायद इस बात की भी खुशी थी की उसके भाई को इतना सब होने के बाद भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था... पर ये सिर्फ़ सोनू ही जानता था की उसे कितना फ़र्क पड़ रहा है... कितना पड़ चुका है....और आगे कितना पड़ने वाला है.

************
अब आगे
************

दोनो नीचे आ गये... घर में उनके अलावा कोई नही था..

सोनिया किचन में जाकर दोनो के लिए नाश्ता बनाने लगी, सोनू किचन काउंटर के बाहर पड़ी चेयर पर बैठा था.

सोनिया : "चल बता जल्दी से... क्या-2 हुआ कल ...''

सोनू के दिमाग़ में अभी तक कल रात वाला डिल्डो घूम रहा था...
और कुछ देर पहले हुई खुल्ली बातचीत से उसके अंदर की झिझक काफ़ी हद तक ख़त्म हो चुकी थी.

सोनू : "वैसे तुम्हे इतना इंटेरेस्ट क्यो है मेरे और साक्षी के बारे में जानने के लिए...''

सोनिया : "बस...ऐसे ही...''

वो आँखे चुरा रही थी...
और सोनू अच्छी तरह से जानता था की वो ऐसा तभी करती है जब वो झूट बोल रही होती है..

सोनू : "ओके ... तो सुनो.... कल हमने किस्स किया..''

उसने एक ही बार में वो बोल दिया, जो कल तक उसने किसी को भी ना बताने की अंदर ही अंदर कसम खाई थी.

वो आमलेट बनाती-2 पलट कर उसे हैरानी से देखने लगी..

और बोली : "वाव.... नोट बेड.... पहले ही दिन.... सही है....''

वो अपनी आँखे बंद करके एक पल के लिए अपने भाई को किस्स करते हुए इमैजिन करने लगी



और एक बार फिर से घूम कर नाश्ता बनाने में जुट गयी.

उसने कुछ और पूछा ही नही...
अभी कुछ देर पहले तक तो वो साक्षी का नाम सुनकर काफ़ी एक्साईटीड हो रही थी...अब एकदम से क्या हो गया उसे..

सोनू को अंदर ही अंदर कुछ महसूस हुआ
उसे लगा शायद सोनिया को ये बात सुनकर ज़्यादा अच्छा नही लगा है,
कही .... उसे... अंदर ही अंदर....
जलन तो नही हो रही...
साक्षी से.......

और इस बात की पुष्टि करने का सिर्फ़ एक ही तरीका था...

उसे और जलाया जाए..

सोनू : "पता है सोनी, हमारे स्कूल में एक लड़की है.... एंड शी इस बोम्बशेल... उसे देखकर हर लड़के का यही मन करता है की बस एक बार ये मिल जाए...''

उसने अपनी बात अधूरी छोड़ दी...
सोनू ने नोट किया की वो उसकी बात को कान लगाकर सुन रही है..

सोनू आगे बोला : "वो अपने बी एफ के साथ बिल्डिंग के पीछे की तरफ गयी...और वहां जाकर उसके साथ मस्ती करने लगी...''

ये कहकर वो रुक गया.

जब कुछ देर तक सोनू नही बोला तो वो झल्ला कर बोली : "अब आगे भी बोलेगा की क्या हुआ..''

सोनू को इस वक़्त बहुत मज़ा आ रहा था.

सोनू : "हाँ , बता तो रहा हूँ ...साक्षी उस वक़्त मेरे साथ ही थी...हम दोनो भी उनके पीछे-2 गये...और वो सब करते हुए उन्हे देखने लगे...''

सोनिया ने ऐसी नज़रों से उसे देखा जैसे पूछ रही हो की 'क्या देखा, ये भी तो बता'

सोनू (मंद-2 मुस्कुराते हुए) : "हमने देखा की वो ना... वो दोनो.... एक पेड़ के नीचे जाते ही.... एक दूसरे को.... उम्म्म... लिपट गये.... और .... और लीप तो लीप किस्स करने लगे...''

वो कुछ ज़्यादा ही आराम से और डीटेल में सब बातें बता रहा था....
सोनिया भी अपना काम छोड़कर उसकी तरफ घूम गयी और आँखे फाड़कर अपने भाई के मुँह से पहली बार ऐसी बाते निकलते हुए देखने लगी....
आज तक यही सोनू इस तरह की बातों से बचता फिरता था...
एक ही दिन में वो उससे इतना ओपन हो गया था की अब खुलकर अपने स्कूल की बातें उसे मज़े लेकर सुना रहा था.

वो फ्रूट्स छिल रही थी, और तिरछी नजरों से अपने भाई को भी देख रही थी




सोनिया : "फिर....?''

सोनू : "फिर उसके बी एफ ने उसकी शर्ट के बटन खोले... और उसकी..... बूबी को चूसने लगा...''

बूबी सुनकर सोनिया की हँसी निकल गयी.... और बोली : "ओ पागल, वो बूबी नही बूब्स होते हैं....''

सोनू : "हाँ , पता है.... पर उसके बिल्कुल छोटे-2 से थे.... बिल्कुल इतने से....''



सोनू ने उंगलियों को मोड़कर गोल सी शेप बनाई...उसे देखकर एक बार फिर से वो हंस दी

और बोली : "चाहे वो इतने हो या मेरे जितने , वो बूब्स हि कहलाएँगे... समझा....आगे बोल..''

सोनू ने हाँ में सिर हिलाया...कल स्टार्ट हुई सैक्स क्लास आज फिर से शुरू हो चुकी थी..

सोनू : "फिर....साक्षी ने भी मुझे पकड़ लिया... शायद उन्हे देखकर उसे भी जोश चढ़ गया था... और कल रात जो मैसेज था वो भी उसे याद आ गया.... और.... आई लव यू बोलकर उसने मुझे ज़ोर से किस्स कर लिया...''

सोनिया : "वाउ.... सो रोमांटिक .....''

उसकी आँखो में चमक थी.... पर सोनू उसमें ये देखने की कोशिश कर रहा था की वो पहले जो उसे फील हुआ था, वैसा कुछ है या नही... पर उसे कुछ महसूस नही हुआ... वो नॉर्मल सी ही लगी... शायद उसका ही वहम था पहले..

और इतनी सारी बातें उसने खुलकर अपनी बहन से कर ली थी, जिसके बारे में उसने सोचा तक नही था....
बूब्स, किस्स और ना जाने क्या-2...
ऐसा तो कोई भाई अपनी बहन को नही बताता...और ना ही कोई बहन अपने भाई को
पर वो सब उसे बताते हुए सोनू को मज़ा बहुत आया था...
और उसे खुद ही अंदर से बहुत फ्री-2 सा फील हो रहा था...
जैसे उसने ये बात अपनी बहन को नही बल्कि किसी लंगोटिया यार को बताई हो..

वो ये सब सोचता हुआ मंद-2 मुस्कुरा रहा था.

और उसे ऐसा करते देखकर सोनिया ने उससे पूछा : "क्या बात है... आजकल बड़ा मुस्कुराता रहता है... क्या चल रहा है तेरे दिमाग़ में इस वक़्त...''

उसने अपने हाथ में लिया चाकू उसकी तरफ लहरा कर पुछा, जैसे ना बताने पर उसे मार ही डालेगी




सोनू : "कुछ नही दी... बस यही सोचकर मुस्कुरा रहा था की आपसे ये सब शेयर करके कितना अच्छा लग रहा है... आई थिंक मुझे आपमें एक अच्छा दोस्त मिल गया है...''

सोनिया ने ये सुना और घूमकर बाहर आई और उसे ज़ोर से हग कर लिया....

और बोली : "मैं तो हमेशा से तेरी दोस्त थी, बस तूने ही कभी दिल खोलकर बातें नहीं की.. ''

दोनो काफ़ी देर तक एक दूसरे को पकड़कर एक दूसरे की पीठ सहलाते रहे...
वैसे भी सोनू को उसकी बिना ब्रा की पीठ पर हाथ फेरने में बहुत मज़ा आ रहा था..



उसने उसकी पीठ पर दबाव डालकर उसे और ज़ोर से अपनी तरफ खींचा, और तब उसे उसके बूब्स अपनी छाती पर महसूस हुए... और उसके निप्पल्स की चुभन को महसूस करके उसे एक ही पल में पता चल गया को वो तन कर खड़े हैं... और उनका एहसास होते ही उसका दिमाग़ घूमने सा लगा... वो कल साक्षी और आज सोनिया वाली हग को कंपेयर करने लगा... और उसे जवाब भी एक पल में मिल गया..

उसकी बहन की हग उसे ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी.

एक तरफ तो वो भाई बनकर ऐसी बातों की निंदा करने में कभी पीछे नही हटता था, पर उसके अंदर का शैतान जब उसके भाई पर भारी पड़ जाता है तो वो बेचारा कुछ कर ही नही पाता..

कुछ सोचकर वो तुरंत उससे अलग हो गया...
और उसने सोनिया की आँखो में देखने की कोशिश की... पर वो एक बार फिर से शरमा रही थी अब...
एक बार फिर से उसे ये लगने लगा की जो कुछ देर पहले तक वो सोच रहा था , कहीं वो सही तो नही था.

ये सब उसे आने वाले दिनों में पता चलने वाला था... अभी तो पूरा महीना पड़ा था.

पर सबसे पहले तो उसे आज की रात का इन्तजार था, क्योंकि वो देखना चाहता था की सब बातें जानने के बाद आज रात वो मास्टरबेट करेगी या नही.
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कुछ सोचकर वो तुरंत उससे अलग हो गया...

और उसने सोनिया की आँखो में देखने की कोशिश की... पर वो एक बार फिर से शरमा रही थी अब...
एक बार फिर से उसे ये लगने लगा की जो कुछ देर पहले तक वो सोच रहा था , कहीं वो सही तो नही था.

ये सब उसे आने वाले दिनों में पता चलने वाला था... अभी तो पूरा महीना पड़ा था.

पर सबसे पहले तो उसे आज की रात का इन्तजार था, क्योंकि वो देखना चाहता था की सब बातें जानने के बाद आज रात वो मास्टरबेट करेगी या नही.

**********
अब आगे
**********

दोपहर के समय सोनिया मार्केट चली गयी, और शाम को सीधा मम्मी के साथ ही वापिस आई... दोनो ने मिलकर डिनर बनाया, उनके पापा भी आ चुके थे, सबने मिलकर खाना खाया... पूरा दिन कैसे निकल गया, पता ही नही चला..

पर सोनू को तो सुबह से ही रात का इंतजार था,
उसने एक बात नोट की थी की जब भी सोनिया मॉम के साथ होती थी तो उसके साथ बिल्कुल नॉर्मल सी रहती थी... और ना ही ऐसी कोई बात करती थी जो उसके ''छोटे सिपाही'' को खड़ा कर दे...
पर अकेले होते ही ना जाने उसे क्या हो जाता था, इसलिए भी सोनू रात का इंतजार कर रहा था ताकि वो अपने रूम में जाकर खुल कर एटलीस्ट बात तो कर सकें..

और वही हुआ जैसा सोनू ने सोचा था..

डिनर के बाद जब वो अपने रूम में पहुँचे तो उसके रंग ढंग ही बदल गये..

रंग इसलिए की बाथरूम में जाकर उसने नाइट ड्रेस पहन ली जो कल से ज़्यादा सैक्सी थी

उसने एक स्लीवलेस टी शर्ट और एक नन्ही सी निक्कर पहनी हुई थी..जिसमें उसकी मांसल पिंडलिया और मोटी जाँघे सॉफ चमक रही थी

और ढंग इसलिए बदल गये की अब वो कुछ ज़्यादा ही कमर मटका कर और सीना उभार कर चल रही थी..

सोनू ने उसे छेड़ते हुए कहा : "क्या बात है दी ...रूम में आते ही एकदम बदल जाती हो तुम...''

सोनिया : "यार, तुझे पता तो है, मॉम के सामने ये सब करके मुझे उनका भाषण नही सुनना, एंड इन फ्रंट ऑफ यू आई केन डू वॉटेवर आई वॉंट टू डू ....''

इतना कहकर वो सोनू को आँख मारती हुई अपने बिस्तर पर जाकर बैठ गयी...

सोनू तो उसकी इस कातिलाना अदा को देखकर आँखे फाड़कर उसे देखता रह गया..

वो भी बाथरूम में गया और चेंज करके वापिस आ गया....

पर बाहर निकलते ही उसके होश उड़ गये..

उसका मोबाइल सोनिया के पास था..
वो देखते ही समझ गया की वो उसके व्हाटसऐप के मैसेज देख रही होगी..

वैसे तो ऐसा कुछ नही था उसमे... साक्षी के साथ नॉर्मल सी चैट थी... एक दो किस्सेस और आई लव यू वगेरह था..

पर

उसके नॉटी बाय्स वाले ग्रुप में आज काफ़ी माल आया था..
उसके एक फ्रेंड आकर्षण ने आज करीब 15-20 वीडियोस भेजे थे....
जिसमें कई तो इंडियन गर्ल्स के थे, ऐसी लड़कियों के जो मोबाइल पर अपना वीडियो बनाकर अपने बी एफ को भेजती है, पर उनके वो हरामी बी एफ वो वीडियो नेट पर डालकर उनकी ऐसी तेसी कर देते हैं...

अब कल से अब तक सोनिया के साथ इतनी बातें हो चुकी थी की उसे वो अपना फोन देखने से मना भी नही कर सकता था...

वो चुपचाप जाकर अपने बेड पर लाइट गया... और सोनिया से इधर उधर की बातें करने लगा..

तिरछी नज़रों से वो देख रहा था की वो बड़े ही गोर से उसके मोबाइल को चेक कर रही है... और उसके लाल होते चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो वही वीडियोस देख रही है जो वो नही चाहता था की वो देखे..

उसका हाथ अपने ही पेट को सहला रहा था.... सोनू के भी कान लाल होने लगे ये सोचकर की उसकी बहन उसी के सामने गंदे वीडियो देख रही है...

कुछ देर बाद उसने बोल ही दिया : "दी, ऐसा क्या देख रही हो इतने गोर से मेरे मोबाइल में ... कहीं साक्षी वाले मैसेज तो नही पढ़ रही ....''

उसने नज़रें सोनू की तरफ की और शरारती मुस्कान के साथ बोली : "उसमें था ही क्या जो पढ़ती ... बेकार की नॉर्मल सी बातें थी... माल तो इसमें है... तुम्हारे नॉटी बॉयज वाले ग्रुप में ..''

वो एक बार फिर से शरारती टोन में हंस दी.

सोनू ने हिम्मत करके अपनी आवाज़ में थोड़ा सख्ती लाते हुए कहा : "देखो दी... आप उन्हे नही देख सकती... वो ...वो.... आपके मतलब के नही है....''

वो तपाक से बोली : "मेरे मतलब के नही है , बट तुम्हारे मतलब के हैं.... ये कैसे... हम तो एक ही एज के है... जब तुम देख सकते हो तो मैं क्यो नही....और वैसे भी अब हमारे बीच ये सब फॉरमॅलिटीस वाली बातें बंद हो चुकी है...सो प्लीस...चुपचाप बैठो और देखने दो मुझे...''

सोनू अपना सिर खुजाने लगा.... उसे पता था की अपनी बहन से वो बहस में कभी नही जीत सकता...

सोने ने आख़िरी कोशिश की

''दी, लड़को और लड़कियो में फ़र्क होता है.... हमे ये अलाव है... ''

ये बात सुनकर वो भी उठकर बैठ गयी : "क्यों , ऐसा क्या है तुम लड़को में .... क्या कोई सुरखाब के पर लगे हैं तुम्हारे बदन पर... या फिर उपर से टपके हो...''

सोनू : "नही दी.... वो... आई मीन्स.... लड़कियों को ये सब करना शोभा नही देता... ये सब अडल्ट क्लिप्स देखना, गंदी मूवीस देखना... वो ऐसा करते हुए अच्छी नही लगती.... ये गलत है ''

अब तो सोनिया एकदम से भड़क गयी... बात आख़िरकार औरतजात पर जो आ चुकी थी.

''बंद करो ये बकवास.... और मेरी एक बात कान खोलकर सुन लो, ये आग जो तुम्हारे तन को जलाती है, उतना ही हमारे तन को भी जलाती है... ये तो लड़कियों का शर्मीला स्वाभाव उन्हे खुलकर अपने मन की बातें बोलने नही देता, वरना हम लड़कियों के दिल में भी सैक्स के प्रति उतना ही आकर्षण है जितना तुम लड़कों में ... और इसका जीता जागता सबूत ये सारे वीडियोस है... इन सभी में लड़कियाँ ही है... जिन्हे देखकर तुम साले लड़के लोग मास्टरबेट करते फिरते हो... ये लड़किया ऐसा ना करे तो तुम क्या करोगे... सोचा भी है कभी...''

सोनिया ने तो उसे अच्छा ख़ासा भाषण दे डाला था..लेकिन बात वो सही कह रही थी

वो वहीँ नही रुकी, वो आगे बोली : "तुम लड़के सिर्फ़ अपने नज़रिए से देखते हो, आपस में बातें करके लड़कियों को फुद्दू बना कर रखा है... पर ऐसा है नही मिस्टर.... हम लड़कियाँ किसी भी मुक़ाबले में तुम लड़कों से कम नही है....''

इतना कहकर उसने मोबाइल में चल रहा एक वीडियो सोनू के सामने कर दिया... जिसमे एक लड़का अपनी जी एफ के पैरों की उंगलियों को किसी नौकर की तरह चूस रहा था... वो आराम से नंगी होकर एक कुर्सी पर बैठी थी और अपने बाय्फ्रेंड को डोमिनेट कर रही थी...

सोनू का सिर चकरा गया वो देखकर.... सुबह ये वीडियो देखकर तो उसके मन में भी इच्छा हुई थी की काश वो भी किसी का नौकर बन पाता, कम से कम उसके नंगे शरीर को चाटने का तो मौका मिलता...

पर इस वक़्त उसी वीडियो को दोबारा अपनी बहन के दिखाने पर देखकर वो शर्मिंदा होने के सिवाए कुछ कर ही नही पाया...

सोनू को सिर झुकाता देखकर सोनिया को एहसास हुआ की उसने शायद आवेश में आकर कुछ ज़्यादा ही बोल दिया है अपने भाई को... वो उठकर उसके करीब आई और उसके बेड पर आकर बैठ गयी.

और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर बड़े ही प्यार से, उसे समझाने के अंदाज में बोली : "देखो भाई... होस्टल में रहकर शायद मेरी बातें, मेरा स्वभाव थोड़ा बदल गया है... और देखा जाए तो हर लड़की को ऐसा ही होना चाहिए...मेरी तरह... जिसे हर बात की जानकारी होनी ज़रूरी है... वरना इस मेन डोमिनेटिंग वर्ल्ड में वो बेचारी पीस कर रह जाए..... जो छूट लड़को को मिली हुई है, वो लड़कियो के लिए भी होती है... बस वो अपने समाज की बंदिशों की वजह से खुलकर उनको एंजाय नही कर पाती है... पर अब टाइम बदल रहा है... अब सभी को पता है की क्या सही है और क्या ग़लत''

ये बात उसने सोनू की आँखो में देखते हुए कही थी... जो हर बात में उसे 'ये ग़लत है - ये ग़लत है' बोलता रहता है.

सोनू ने तो सिर्फ़ एक कोशिश की थी की वो उसके मोबाइल के वीडियोस ना देखे...
उसके बदले में उसे अच्छा ख़ासा भाषण सुनने को मिल गया...
पर एक और बात उसे पता चल चुकी थी की उसकी बहन खुलकर जीने में विश्वास रखती है...
और उसे अगर टोका जाए तो वो उसे कतई पसंद नही है... शायद इसी टोका टाकी की वजह से , उसकी हर बात मनवाने की जिद्द की वजह से, उसे होस्टल भेजा गया था... पर वहां जाकर तो वो और भी ज़्यादा बिगड़ चुकी थी... होस्टल में ना तो माँ -बाप का डर रहता है और ना ही उनकी नज़रें...और वो खुलापन उसे बहुत पसंद आया था. जिसका परिणाम ये था की सोनू को हर बात का जवाब उसी की भाषा में मिल रहा था... और वो बेचारा अपनी बहन को ये कहने की सिचुएशन में भी नही रह गया था की बहना, जो तूँ ये सब बोल रही है 'ये ग़लत है' ....
उसकी बहन ने तो रिश्तों के, संस्कारों के, औरत मर्द के बीच के फ़र्क के सारे मायने ही बदल दिए थे....
और अंदर ही अंदर ये सब बदलाव सोनू को बहुत भा रहे थे...

सोनू को चुप देखकर वो समझ गयी की जो बात वो उसे समझना चाहती थी वो समझ चुका है...
और उसके हाथ पर दबाव डालकर वो एक बार फिर से अपनी गांड मटकाती हुई अपने बेड पर जाकर लेट गयी...

पर मोबाइल अभी भी उसी के पास था.

कुछ देर तक इधर-उधर की बाते करने के बाद वो बोली : "चलो ना भाई ,अब सोते हैं... काफ़ी देर हो गयी है...''

अभी तो सिर्फ़ साढ़े दस ही बजे थे...
ये 12 बजे तक जागने वाली सोनिया को एकदम से कैसे नींद आ रही है...
पर फिर भी सोनू ने कुछ नही कहा और लाइट बुझा कर वो अपने बिस्तर पर आकर सो गया..

उसने देखा की लेटने के बाद एक बार फिर से सोनिया उसके मोबाइल को देखने लगी है...
अंधेरे कमरे में मोबाइल की रोशनी से उसका चेहरा अलग ही चमक रहा था...
और उसके चेहरे पर आ रही होली सी मुस्कान को देखकर वो फिर समझ गया की वो वीडियोस फिर से देख रही है...

सोनू भी उसी की तरफ मुँह करके बड़ी ही बेशर्मी से उसे देखने लगा...
वो उसके हाथों को भी गोर से देख रहा था, जो धीरे-2 सरक कर कभी उसके पेट पर जाते, और कभी उसके बूब्स पर... अपनी बहन को अपने ही बूब्स मसलता देखकर एक अजीब सा एहसास हो रहा था... अंदर ही अंदर उसे गंदा तो लग रहा था पर पूरी दुनिया में ये बात इस वक़्त किसी को नही पता, ये सोचकर वो निश्चिन्त होकर वो देख भी रहा था...

एक अजीब से दोराहे पर पहुँच चुकी थी सोनू की जिंदगी.....
सोनिया ने रिश्ते की परवाह किए बिना उसे एक औरत - मर्द के शारीरिक आकर्षण के मापदंड से नापकर अपनी ही परिभाषा सीखा डाली थी.. जिसपर चलकर कुछ भी हो सकता था..

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सोनू भी उसी की तरफ मुँह करके बड़ी ही बेशर्मी से उसे देखने लगा...
वो उसके हाथों को भी गोर से देख रहा था, जो धीरे-2 सरक कर कभी उसके पेट पर जाते, और कभी उसके बूब्स पर... अपनी बहन को अपने ही बूब्स मसलता देखकर एक अजीब सा एहसास हो रहा था... अंदर ही अंदर उसे गंदा तो लग रहा था पर पूरी दुनिया में ये बात इस वक़्त किसी को नही पता, ये सोचकर वो निश्चिन्त होकर वो देख भी रहा था...

एक अजीब से दोराहे पर पहुँच चुकी थी सोनू की जिंदगी.....
सोनिया ने रिश्ते की परवाह किए बिना उसे एक औरत - मर्द के शारीरिक आकर्षण के मापदंड से नापकर अपनी ही परिभाषा सीखा डाली थी.. जिसपर चलकर कुछ भी हो सकता था..

**********
अब आगे
**********

सोनिया का पूरा शरीर पानी की लहर की तरह बिस्तर पर उफान मार रहा था...
उसके सीने से उठकर एक लहर नीचे तक जाती और ऐसा करते-2 उसकी चादर कब उतर गयी शायद उसे भी पता नही चला...
अब उसकी गोरी-2 टांगे सोनू को साफ़ दिख रही थी..

सोनिया भी जानती थी की अभी तक सोनू सोया नही है फिर भी शायद वो अपने उपर कंट्रोल नही रख पाई और उसका हाथ धीरे-2 खिसक कर उसकी शॉर्ट्स में घुस गया.

ये पहला मौका नही था जब सोनू ने अपनी बहन को अपनी चूत मसलते हुए देखा था पर उसके ऐसा करते ही एक अजीब सा एहसास हुआ उसे अंदर तक..

सोनिया अपने हाथ की उंगलियों से अपनी चूत के मुहाने को रगड़ रही थी और बीच-2 में अपनी जांघों से अपने हाथ को भींच कर हल्की फुल्की सिसकारी भी मार रही थी.

भले ही कमरे में अंधेरा हो चुका था पर कल की तरह आज भी सोनिया के बेड पर सोनू से ज़्यादा रोशनी थी... कारण था खिड़की से आ रही चाँद की रोशनी का वहां पड़ना..

अचानक सोनू बोल पड़ा : "दी.... क्या तुम ये रोज करती हो....''

वो एकदम से हड़बड़ा सी गयी...

और बोली : "तु ...तुम अभी तक सोए नही...''

सोनू : "नही....नींद नही आ रही....बोलो ना..... क्या तुम रोज रात को मास्टरबेट करती हो...''

अपने भाई से शायद इस तरह के सीधे सवाल की उम्मीद नही थी उसे...
पर फिर भी वो बड़े ही शांत स्वर में बोली : ''हम्म ...... ऑलमोस्ट डेली...''

सोनू : "और क्या सोचकर करती हो.... आई मीन आप किसी के बारे में सोचकर करती हो क्या...''

सोनिया : "मैने पहले भी बताया था ना... आई डोंट हेव एनी बाय्फ्रेंड... सो जो मन में आता है,उसके बारे में सोच लेती हूँ ...''

सोनू अब असली बात पर आया, और बोला : "तो कल मेरा नाम क्यो लिया.... क्या तुम मेरे..... बारे में ..... सोच कर..... मा.... मास्टरबेट कर रही थी ??....''

वो चुप रही... सोनू का दिल धड़-2 बज रहा था उसका जवाब सुनने के लिए..

सोनिया : "सच कहूं .....जब शुरू किया था तो ऐसा कुछ नही था... बट .... पता नही कैसे.... वो करते-2 जब तुमपर नज़र पड़ी तो.... तो... सोच बैठी...''

सोनू का लंड ये सुनते ही पूरा खड़ा हो गया.... यानी उसकी बहन ने उसके बारे में सोचकर मास्टरबेट किया....

वो अंदाज़ा लगाने लगा की क्या सोचा होगा ....
क्या उसके लंड के बारे में ....
उसे सक्क करने के बारे में ...
या फिर....
या फिर
उसने सोनू का लंड अपनी चूत में लेने की सोची होगी....
और वही सोचते-2 झड़ गयी होगी...

छी .... कितना गंदा हूँ मैं.....

क्या-2 सोचने लग गया....

भले ही उसकी बहन ने उसके बारे में सोचकर मुठ मारी थी, इसका मतलब ये नही की वो अपनी बहन के बारे में इतना गंदा सोचेगा... उसे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए... सोनिया ने तो सिर्फ़ सोचा है, कुछ किया थोड़े ही ना है... सोचने और करने में काफ़ी अंतर है... सोच पर तो किसी का ज़ोर ही नही चलता, उसकी बहन अलग थोड़े ही है.... उसने अगर कुछ सोच भी लिया होगा तो उसका क्या गया.... एक तरह से देखा जाए तो वो अपनी बहन के काम ही आया..भले ही मुठ मारने में मदद की पर कुछ तो किया ना...

अपनी बातो को तर्क-वितर्क के तराजू में तोलकर वो खुद ही अपनी अदालत में चल रहे केस में जीत गया...

पर फिर भी वो अपनी बहन के मुँह से सुनना चाहता था.... और उसने पूछा ही लिया

"वैसे दी, तुम बुरा ना मानो तो प्लीज़ बताओगी ... की ... क्या सोचा था मेरे बारे में ...''

इतना सुनते ही सोनिया के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गयी....
वो अपने नीचे वाले होंठों को दाँत के नीचे दबा कर हँसने लगी और बोली : "तू बड़ा शरारती हो गया है.... एक तरफ तो बड़ा संत बना फिरता है... भाई-बहन के रिश्ते की दुहाई देता रहता है.... और ये गलत है-वो गलत है कहता है, और अब अपनी बहन से सुनना चाहता है की क्या सोचकर वो मास्टरबेट कर रही थी.... सही जा रहा है घुन्ने ...''

वो अक्सर सोनू को घुन्ना कहा करती थी...
घुन्ना यानी ऐसा इंसान जो उपर से तो शरीफ दिखता है पर अंदर से पूरा घाग किस्म का होता है...

सोनू ने कोई जवाब नही दिया.... और फिर से पूछा : "बताओ ना दी.... क्या सोच रही थी....''

अब सोनिया को सच में शर्म आ रही थी.... हर बात को खुल कर बोलने वाली सोनिया की बोलती अब बंद हो गयी थी.... सवाल ही ऐसा किया था उसके भाई ने...

वो धीरे से बोली : "नही..... अभी मैं नही बता सकती....''

सोनू ने भी सोचा की वो भी ना जाने क्यों ऐसी डीटेल निकलवाने निकल पड़ा है,जिसका जवाब देने में उसकी बहन को इतनी परेशानी हो रही है वो उसे पूछना ही नही चाहिए था...

पर उसने सोनिया के चेहरे को देखा तो उसने आँखे बंद कर ली थी...
भले ही वो सोनू को बता पाने में आनाकानी कर रही थी पर शायद सोनू के ज़ोर देने पर वो कल रात वाली बात को एक बार फिर से याद कर बैठी थी... और उसी को याद करके उसका हाथ एक बार फिर से हिलने लगा... जो अभी तक उसने अपनी शॉर्ट्स में से निकाला नही था...

सोनू अब एक बार फिर से उसे अपलक निहारने लगा..

लड़कियाँ मुठ मारती हुई कितनी क्यूट लगती है, ये उसे आज ही पता चला था...
इस वक़्त उसे अपनी बहन का चेहरा इतना प्यारा लग रहा था की एक बार तो उसका मन किया की उसे जाकर चूम ले... ऐसी हालत में वो ज़्यादा विरोध भी नही करेगी...




पर अपनी मर्यादा की दीवार का उलंघन करने की सोच उसे एक बार फिर से भाई बहन के रिश्ते की तरफ ले गयी...और उसने सोचना बंद कर दिया.... और पलटकर सो जाने की सोची...

पर तभी

सोनिया का हाथ सरककर अपने पिल्लो की तरफ गया और उसने अपना हथियार बाहर निकाल लिया... यानी अपना डिल्डो..

ना चाहते हुए भी सोनू का हाथ अपने लंड की तरफ चला गया और उसने उसे ज़ोर से भींच दिया..

सोनिया ने अपनी जीन्स की निक्कर के दो बटन खोले और उसे थोड़ा नीचे खिसका दिया...अंधेरे में सोनू को उसकी टाँगो के बीच का हिस्सा सॉफ नही दिख रहा था... इसलिए वो देख ही नही पाया अपनी बहन की चूत को.. पर वहां से आ रही सोंधी - २ महक पूरे कमरे में फ़ैल गयी थी

उसकी उस खुशबु को सूंघ कर और इस एहसास से की वो नीचे से नंगी है, सोनू के मुँह से एक सिसकारी सी निकल गयी.

सोनिया ने बटन दबाकर डिल्डो की मोटर स्टार्ट कर दी....
हल्की घुं की आवाज़ के साथ वो नकली लंड एक बार फिर से थरथराने लगा...
और सोनिया ने उसे अपनी टाँगो के बीच रख कर दबा दिया...

और ज़ोर से सिसकारी मारी..

''आआआआआआआआआआआहह ...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....''

ये चीख तो इतनी ज़ोर से मारी थी उसने की उसे डर लगने लगा की कहीं उसके मॉम डेड तक ना पहुँच गयी हो... पर ऐसा कुछ नही हुआ... सोनिया ये बात अच्छी तरह से जानती थी की उसका भाई जाग रहा है, उसके बावजूद उसने अपनी ठरक को रोका नही और मास्टरबेट करना चालू कर दिया... और इतनी तेज आवाज़ भी निकाली... कहीं ये पागल तो नही हो गयी...
पर अगले ही पल उसके दिमाग़ में एक और विचार कौंधा की कहीं ये सब जानबूझकर तो नही कर रही वो...
कहीं उसे उकसाने के लिए तो ये सब इतना खुलकर नही कर रही वो...
पर अपनी बहन को वो अच्छी तरह से जानता था, वो भला ऐसा क्यो करेगी...
उसने ये विचार भी निकालकर बाहर फेंक दिया और गोर से उसकी सिसकारियों में अपना नाम तलाशने लगा...
उसे लगा की शायद कल की तरह आज भी वो उसी के बारे में सोचकर मास्टरबेट कर रही होगी...
और शायद आज भी वो उसी का नाम लेकर झड़ेगी...
पर काफ़ी देर तक कान लगाए रखने के बाद भी उसे सिर्फ़ उम्म्म्म अहह के सिवाए कुछ सुनाई ही नही दिया..

पर उन सिसकारियों को सुनकर उसके अंदर कुछ-2 होने लगा था..

उसने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे मसलने लगा...

अब एक ही कमरे में दोनो भाई-बहन अलग-2 बेड पर लेटकर मुठ मार रहे थे..

सोनू ने देखा की वो डिल्डो को चूत पर रखकर ज़ोर-2 से रगड़ रही है...
उसकी वाइब्रेशन का आनंद लेती हुई वो सिसकारियाँ मार रही है....
ऊsssss ओsssssss की आवाज निकालते हुए उसके होंठों की गोलाई उसे दूर से दिखाई दे रही थी...और अपने लंड को एक पल के लिए उन होंठों के बीच डालने की सोचकर सोनू की आँखे बंद होती चली गयी और उसी पल में ही वो यथार्थ के धरातल से उड़कर मस्ती भरी सिसकारियाँ लेता हुआ कल्पना की दुनियाँ में पहुँच गया..

उस कल्पना में सोनिया उसके सामने नंगी बैठी थी , सोनू ने बड़ी ही बेशर्मी से अपना लंड सोनिया के मुँह में डाल दिया जिसे वो भी उतने ही भूखेपन से चूसने लगी...

और एक मिनट में ही सोनू के लंड से पिचकारियाँ निकलकर बाहर आने लगी...

और झड़ते-2 दबी आवाज़ में उसके मुँह से भी सोनियाआआssssss निकल ही गया

और बाद में उसने जब मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोली तो सकपका कर रह गया.

सोनिया ठीक उसके सामने खड़ी थी.
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Nevil singh

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सोनू की तो फट्ट कर हाथ में आ गयी...

सोनिया के चेहरे पर गुस्से वाले एक्शप्रेशन थे....

वो कुछ बोलने ही वाला था की सोनिया की हँसी निकल गयी... और वो बहुत देर तक हँसती रही..

सोनू बेचारा फुद्दू सा बनकर उसे देखता रहा...



सोनू के हाथ अभी तक अपने माल से सने हुए थे....

सोनिया की निक्कर के बटन भी अभी तक खुले थे और उसकी नाभि के नीचे का करीब 5 इंच तक का हिस्सा उसे सॉफ नज़र आ रहा था... बस चूत को छोड़कर.

उसकी टी शर्ट भी अस्तव्यस्त ही थी...जिसके नीचे छुपे बूब्स की नोकें सोनू सॉफ देख पा रहा था.

सोनिया जब हंसकर चुप हुई तो बोली : "देखा.... तुमने भी मेरा नाम लिया ना... अब बोलो... ये किसलिए...??''

बेचारा कुछ बोल ही नही पाया... बस अपराध भाव से भरकर इधर उधर देखता रहा...

सोनू ने गोर किया की सोनिया बार-2 उसके लंड की तरफ ही देख रही है.... हालाँकि अँधेरा काफी था और वो उसे साफ़ नहीं दिख पा रहा था, पर फिर भी सोनिया की नजरें अँधेरे में भी कुछ ढूँढ़ने की कोशिश कर रही थी.

आज उसके लंड को पहली बार किसी ने देखा था... और वो भी उसकी खुद की बहन ने...

भले ही अँधेरे में पर देखा तो था , ऐसे में उसे छुपाने के बदले ना जाने क्यो वो बेशर्मों की तरह ऐसे ही पड़ा रहा...

दिखाता रहा अपने उस लंड को अपनी बहन को, जिसे उसने पूरी दुनिया की नज़रों से बचा कर रखा था. उसके लंड से अभी तक बूँद-2 करके वीर्य बाहर निकल रहा था

सोनिया : "यही मेरे साथ भी हुआ था.... और मुझसे कंट्रोल नही हुआ... कल भी.... और आज भी.... बट मेरा ऑर्गॅज़म होने से पहले ही तुम्हारा हो गया.... और तुम्हे ऐसा करते देखकर मैं जब यहाँ आई तो तुमने लास्ट में मेरा ही नाम लिया था....''

सोनिया ने बहुत करीब से अपना नाम सोनू के मुंह से सूना था, इसलिए वो उसे झुठला भी नही सकता था. सोनू ने ग्लानि भाव में भरकर अपना सिर झुका लिया...

उसे ऐसा करते देखकर वो एकदम से उसके करीब आई और उसके बेड के साइड में बैठ गयी और बोली : "अर्रे... सोनू.... ऐसा क्यों मुंह बना रहा है... इट्स ओके ..... मुझे इस बात का बिल्कुल बुरा नही लगा की तूने ऑर्गॅज़म के टाइम मेरा नाम लिया... जो ग़लती मुझसे हो सकती है वो तुझसे भी तो हो सकती है ना.... और मैने फील किया है, ऐसे में खुद पर कुछ भी कंट्रोल नही रहता.... ना तो रिश्तेदारी दिखाई देती है और ना ही कुछ और.... अब तो समझ गया ना की क्यों मेरे मुंह से भी तेरा नाम निकला था ....''

इतना कहते हुए और समझाने के भाव में बहकर सोनिया ने अपने भाई का हाथ पकड़कर अपने हाथ में रख लिया..

और बोली : "आई नो की ये सब हमें एक दूसरे के बारे में नही सोचना चाहिए... तुम्हारा तो मुझे पता नही पर जब से मैं घर आई हूँ मेरे माइंड में तुम्हारे अलावा कोई और आया ही नही.... हालाँकि तुम्हारे पास तो सोचने के लिए साक्षी है... बट मेरा तो तुम्हारे सिवा कोई और नही है ना....''

वो अपने दिल की बातें उसे सुना रही थी और सोनू का सारा ध्यान अपने और उसके हाथ की तरफ था...

क्योंकि दोनो के ही हाथ अपने-2 जुर्मों से रंगे हुए थे....

सोनू के हाथ में उसके लंड से निकला गरमा गरम वीर्य अभी तक लगा हुआ था...

और वहीं दूसरी तरफ सोनिया के हाथ भी अपनी चूत के रस में डूबकर अभी तक चिपचिपे से थे...

ऐसे में जब सोनिया ने सोनू का हाथ लेकर सहलाना शुरू किया तो दोनो का रस मिलकर एक हो गया और दोनो के हाथ आपस में चिपकने से लगे...

और सबसे बड़ी बात ये थी की दोनो के हाथ चिपचिपा रहे थे और इस बात से सोनिया को कोई फ़र्क ही नही पड़ रहा था... वो तो अपनी ही बातें चोदने में लगी हुई थी...

आख़िरकार सोनू बोल ही पड़ा : "बट दी....... आई थिंक .. मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए था... मुझसे ग़लती हो गयी...आई एम सॉरी.''

वो एक बार फिर से बड़े प्यार से बोली : "अर्रे बेबी , इट्स ओके .... मैने कहा ना आई एम ओके विद दिस.... इंफेक्ट अगर तुम चाहो तो आगे से भी मेरे बारे में सोचकर ये सब कर सकते हो...''

ये बोलते हुए एक बार फिर से सोनिया की नजरें सोनू के लंड की तरफ चली गयी

जवाब में सोनू आश्चर्य से अपनी आँखे फाड़कर उसे देखने लगा..

सोनिया : "या.... आई थिंक जब इतनी बाते हमारे बीच हो चुकी है और इतना सब हम एक दूसरे को देख चुके हैं तो इन सब बातों को खुलकर होने देने में ही हम दोनो की भलाई है....वरना बेकार में ही हम अपने-2 माइंड में सॉरी फील करते रहेंगे... लेकिन करेंगे तो फिर भी ना.... इसलिए जब करना ही है तो खुल कर करना चाहिए...''

सोनू तो उसके इस प्रस्ताव को सुनकर हक्का बक्का सा रह गया...

जिस भाई-बहन की मर्यादा का वास्ता देकर उसने खुद को इतने समय से रोक रखा था, उसी मर्यादा की धज्जियाँ उड़ाने में लगी थी उसकी बहन...
सोनिया के हिसाब से अगर चलने लगे तो एक ही हफ्ते में वो उसे चोद बैठेगा...
और वो तो बिल्कुल ग़लत होगा...
और उस ग़लती को रोकने का एक ही तरीका है...
इस खेल को आगे बढ़ाया ही ना जाए.

पर सोनू का खुद पर कंट्रोल ख़त्म सा हो चुका था....
जैसे अभी कुछ देर पहले मुठ मारते हुए उसने भी अपनी बहन का नाम ले ही लिया, ठीक उसी तरह से उसकी इतनी बातें सुनने के बाद भी वो सिर्फ़ हूँ-हाँ ही कर पाया...

यही बात अगर सोनिया ने कुछ दिनों पहले कही होती तो वो शायद गुस्से में आग बबूला होकर उसे थप्पड़ भी मार देता...
पर इन 2-3 दिनों में इतना कुछ हो चुका था की वो बेचारा अब ये कहने की हालत में भी नही रह गया था
की
'ये ग़लत है'

बस जो-2 सोनिया कहती जा रही थी उसे सुनता जा रहा था और उसे साकार होने के बारे में सोचकर सोनिया के हाथों की उंगलियों को ज़ोर-2 से मसलने लगा..

सोनिया ने जब अपने हाथ पर उसका दबाव महसूस किया तो उसकी नज़र अपने और सोनू के हाथ पर गयी....
और वहाँ चल रही गुथम - गुत्था देखकर उसकी साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी...
उसका गीला हाथ पूरी तरह से अपने भाई के वीर्य से भर चुका था....
सोनू ने शायद अपने पेट पर पड़े माल को भी समेट कर हाथों में भर लिया था, इस वजह से चिपचिपापन कुछ ज़्यादा ही बड़ चुका था.

सोनिया ने उसे देखा और बोली : "छी: .... गंदे...छोड़ मेरा हाथ.... देख अपना सारा का सारा गंद मेरे हाथ में लगा दिया है तूने...''

सोनू भी हंसते हुए बोला : "ये गंद नही है...पावर टॉनिक है ये...पावर टॉनिक...''

वो बोल इस तरह से रहा था जैसे उसे चखने के लिए उकसा रहा हो...
और सोनू की बात सुनकर वो कुछ देर के लिए सोच में भी पड़ गयी थी, पर अगले ही पल बोली : "आई डोंट नो... सुना तो मैने भी बहुत है अपनी फ्रेंड्स से... बट मुझे नही लगता की मैं ये कभी टेस्ट कर पाऊँगी..''

सोनू को पता भी नही चला की वो अपने लंड से निकले माल के बारे में डिसकस कर रहे हैं...

और जब उसे ये एहसास हुआ तो एकदम से चुप हो गया..

उसे चुप होता देखकर सोनिया वहाँ से उठी और अपने बेड की तरफ चल दी...
और सोनू ने जाते-2 देखा की वो अपने दाँये हाथ को सूँघकर सोनू के माल की सुगंध तलाश रही थी...पर उसे कुछ एहसास हुआ ही नही.

वो एक बार फिर से जाकर अपने बेड पर लेट गयी... और अपने बाँये हाथ से अपनी चूत को एक बार फिर से रगड़ने लगी...



जिस हाथ पर सोनिया ने सोनू के लंड का पानी मला हुआ था वो उसने अपनी चूत से दूर ही रखा हुआ था...

सोनिया देख पा रही थी की अभी तक उसका भाई उसे ही देख रहा है...

वो मास्टरबेट करते हुए बोली : "सो...सोनू.....क....क्या मैं अब एक बार फिर से ....तेरे...बारे में ....सोचकर..... नाम लेकर......''

वो ये बात पूरी बोल भी नही पाई थी और सोनू बोल पड़ा : "यस्ससस्स........दी...... यू केन...''

इतना कहने की देर थी की उसका हाथ अपनी चूत पर पिस्टन की तरह चलने लगा...वो अपनी बीच की तीन उंगलियों से अपनी चूत का चेहरा बुरी तरह से रगड़ रही थी... और सोनू की तरफ देखते हुए वो बुदबुदाने लगी...




''आआआआआआहह..... सोनू .......... उम्म्म्मममममममममम........... ओह ....... फकककककक...ओह यएस्स............... माय बैबी............''

और इतना कहते -2 एक साथ दो काम हुए...
एक तो उसकी चूत से एकदम गाड़े पानी की बौछार बाहर निकली, जिसकी खुश्बू ने पूरे कमरे को महका कर रख दिया....
और दूसरा ये की सोनू का नाम लेकर झड़ते हुए उसने अपना दाँया हाथ अपने मुँह के अंदर डाला और उसे बुरी तरह से चाटने लगी....



ये जानते हुए भी की उसपर उसके भाई के लंड से निकला रस लगा है... पर ना जाने कौन सी प्रेतात्मा सवार हो गयी थी उसपर की अभी कुछ देर पहले तक उसे देखकर छी: बोलने वाली सोनिया उसे भूखे जानवर की तरह चाट गयी...

उसके बाद सब शांत सा हो गया...वो चुपचाप उठी और बाथरूम से अपनी चूत और हाथ साफ़ करके वापिस आई और सो गयी...
वो भी बाथरूम में गया और अपने लंड को सॉफ सुथरा करके वापिस आकर सो गया..

सोनू की सोनिया से ये पूछने की हिम्मत नही हुई की उसे उसके लंड के पानी का स्वाद कैसा लगा..

उसने अपना मोबाइल सोनिया के बिस्तर से उठाया और उसे चेक करने लगा...

उसमे पिछले आधे घंटे में साक्षी के करीब 25 मैसेज आए हुए थे....
जिसमे वो उसे किस्सेस और हग्स दिए जा रही थी....
उस वक़्त तो सोनू अपनी बहन के साथ लगा हुआ था...
वरना उनका जवाब ज़रूर दे देता...

लास्ट के मैसेज में उसने कल अपने घर आने को कहा था.... शाम के समय.

ये पढ़कर उसके लंड में एकदम फिर से कसावट आने लगी...
वो समझ गया की कल ज़रूर उसके घर वाले कही जा रहे होंगे,इसलिए वो उसे घर बुला रही है...

आने वाले कल की शाम के बारे में सोचता हुआ वो सो गया...

ये सब भूलकर जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन के साथ हुआ था..पर जो भी हुआ था उसके बाद दोनों भाई-बहन की जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला था.
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Nevil singh

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साक्षी ने लास्ट के मैसेज में उसने कल अपने घर आने को कहा था.... शाम के समय.

ये पढ़कर उसके लंड में एकदम फिर से कसावट आने लगी...
वो समझ गया की कल ज़रूर उसके घर वाले कही जा रहे होंगे,इसलिए वो उसे घर बुला रही है...

आने वाले कल की शाम के बारे में सोचता हुआ वो सो गया...

ये सब भूलकर जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन के साथ हुआ था..पर जो भी हुआ था उसके बाद दोनों भाई-बहन की जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला था.

************
अब आगे
************

अगले दिन सोनू जब स्कूल गया तो उसे पता चला की साक्षी आज छुट्टी पर है....
वो ऐसा करती नही थी, पर पता नही आज वो छुट्टी क्यों मार गयी....
स्कूल में मोबाइल अलाव नही था, वरना वो उसे कॉल करके पूछ लेता..

स्कूल के बाद उसने टेलीफोन बूथ से उसे कॉल किया, फोन उसी ने उठाया

साक्षी : "हाय स्वीटहार्ट...मैं तुम्हारे कॉल का ही वेट कर रही थी....''

सोनू : "हाय ...वो तो ठीक है पर तुम आज स्कूल क्यो नही आई....सब ठीक तो है ना...''

साक्षी : "हाँ बाबा...सब ठीक है....तभी तो मैने तुम्हे शाम को घर आने को कहा था..... बट ...अभी आ सकते हो तो मैं तुम्हे रोकूंगी नही....''

ये बात उसने इतनी शरारती टोन में कही थी की सोनू के सामने वो नंगी घूमने लगी...वो तुरंत बोला : "बस....अभी आया...''

इतना कहकर उसने फोन रख दिया और ऑटो पकड़कर सीधा उसके घर की तरफ चल दिया...

हालाँकि उसे ये एहसास हुआ की वहीँ से उसे अपनी बहन सोनिया को भी फोन करके बोल देना चाहिए था की वो अभी घर नही आ रहा .... साक्षी के बारे में तो वो जानती ही थी..इसलिए उसे बता भी देता तो कोई डर नही था...

कुछ ही देर में वो साक्षी के घर पहुँच गया.

दरवाजा भी साक्षी ने ही खोला....
दोनो एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए ...
सोनू तो आगे बड़कर उसे गले ही लगाने वाला था की पीछे से कोई भागता हुआ आया.

''कौन है दीदी....''

सोनू ने देखा वो एक 10 साल की बच्ची थी...
उसके हाथ में एक्स बॉक्स का रिमोट था , वो शायद कोई गेम खेल रही थी

साक्षी मुस्कुराते हुए बोली : "इनसे मिलो...ये है मेरी छोटी बहन...रिंकी..और रिंकी ही इस माय फ्रेंड सोनू, जिसके बारे में मैने तुम्हे अभी बताया था...''

रिंकी : "ओके ....हाय सोनू भैय्या , कैसे हो आप....''

"हाय , आई एम फाइन ''

सोनू तो सोच कर आया था की वो अकेली होगी....
पर ये तो अपनी छोटी बहन के साथ है..

सोनू अंदर आकर बैठ गया.रिंकी वापिस अपने रूम में खेलने चली गयी...

साक्षी : "आई नो की तुम थोड़े से डिसपायंटेड हो, पर मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो तुम भी...मोम डेड कल शाम को अचानक दूसरे शहर चले गये हैं, हमारे किसी रिलेटिव की डेथ हो गयी है और वो आज रात तक ही वापिस आ पाएंगे ...रिंकी का स्कूल टाइमिंग थोड़ा अलग था, इसलिए उसका ऑफ करा दिया...और मैने भी उसका ध्यान रखने के लिए छुट्टी ले ली ..''

उसने एक ही साँस में पूरी गाथा सुना दी..

पर सोनू मन ही मन सोच रहा था की जब उसकी छोटी बहन घर है तो उसे क्यों बुला लिया...

और शायद साक्षी उसके उदास चेहरे को देखकर उसके मन में चल रही बात समझ चुकी थी....
वो उसके करीब आई और एकदम से उसने सोनू के होंठों को चूम लिया..




एक पल में ही सोनू की सारी शिकायतें दूर हो गयी और उसने उसे पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और जोरों से उसके होंठों को सकक् करने लगा...



एक लंबी सी स्मूच देकर साक्षी ने किस्स तोड़ी और बोली : "आराम से मेरे शेर, मेरी छोटी बहन घर पर ही है...और मैं नही चाहती की वो मेरी शिकायत मोम से करे... खुलकर तो कुछ हो नही सकता आज के दिन, पर जितना हो सकता है वो ज़रूर करेंगे... पर उसका भी ध्यान रखना पड़ेगा...''

सोनू आराम से बैठ गया....
भागते भूत की लंगोटी ही सही..

तभी उसे सोनिया का ध्यान आया, उसने साक्षी से उसका मोबाइल माँगा ताकि वो घर पर फोन करके बोल सके की वो कहां है..

वो उसे फोन देकर रिंकी को देखने चली गयी.

सोनू ने अपना ही नंबर मिलाया, उसे पता था की उसका फोन भी सोनिया के पास ही होगा.

सोनिया ने फोन उठाया और सोनू ने उसे बताया की वो आज थोड़ा लेट घर वापिस आएगा... वो साक्षी के साथ डेट पर जा रहा है..

सोनिया को पता तो चल ही गया था की वो साक्षी के साथ है,क्योंकि फोन तो उसी के नंबर से आया था..और उसके लेट आने की बात सुनकर वो चुप सी हो गयी थी...सोनू को लगा की शायद उसे वो सुनकर अच्छा नहीं लगा..

पर तभी साक्षी भागती हुई सी आई, इसलिए सोनू ने फोन कट कर दिया.

वो पास आई और बोली : "मैने उसे नयी गेम लगा दी है, वो अभी हमें तंग नहीं करेगी.... हमारे पास करीब दस मिनट है अभी....''

उसने जैसे ही ये कहा, सोनू की तो बाँछे ही खिल गयी..

साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग घसीटते हुए अपने मोम डेड के रूम में ले गयी...
और अंदर घुसकर दरवाजा बंद किया और उसपर कमर टीकाकार वहीं खड़ी हो गयी...
सोनू समझ गया की वो दरवाजा लॉक करके कोई रिस्क नही लेना चाहती...
उसके लिए इतना ही बहुत था, वो तुरंत उसे पकड़कर चूमना शुरू हो गया..

दोनो एक दूसरे के होंठों को बुरी तरह से चूस रहे थे..



साक्षी के हाथों को दरवाजे पर टीका कर उसने उसे उपर से नीचे तक चूमना शुरू कर दिया...
सबसे पहले तो होंठों आए उसके मुँह में, साक्षी भी प्यासी लोमड़ी की तरह उसके लिप्स को काट रही थी....चूस रही थी....

और सोनू इतने इत्मीनान से पहली बार उसे चूम रहा था....
हालाँकि एक बार पहले भी वो उसे किस्स कर चुका था....
पर इस तरहा घर पर करने का मज़ा ही कुछ और आ रहा था उसे....
उसने आँखे खोल कर देखा तो वो बंद आँखे किए उसकी किस्स का मज़ा ले रही थी....

सोने ने किस्स तोड़ दी और उसे गोर से देखने लगा...

और अचानक

उसे साक्षी में सोनिया का चेहरा दिखाई दिया..

अपनी खुद की बहन का..

साक्षी ने आँखे खोल दी और बोली : "क्या हुआ बैबी.... रुक क्यो गये.... करो ना.... कितना मज़ा आ रहा था...''

इतना कहते हुए उसने सोनू के हाथ पकड़कर अपनी ब्रेस्ट पर रख दिए..

सोनू एक बार फिर से अपनी चेतना में वापिस आया और साक्षी के बूब्स को ज़ोर-2 से दबाने लगा...

उसने आज तक किसी के बूब्स चूसे नही थे...

और आज ये पहला मौका था उसके पास

जिसे गँवाना उसने उचित नही समझा...

उसने तुरंत उसकी टी शर्ट को पकड़ा और उपर करना शुरू कर दिया..

साक्षी ने अपना निचला होंठ दांतो तले दबा लिया और शरारती हँसी हँसती हुई बोली : "नॉटी बॉय...... ये क्या कर रहे हो.... रिंकी आ गयी तो...''

सोनू : "बस.....उपर-2 से देखूँगा..... आई प्रोमिस.... टी शर्ट मत उतारना....''

वो तो वैसे भी तैयार ही थी, बस, थोड़ा नखरे कर रही ती..

"ओके ...तुम कहते हो तो दिखा देती हूँ ....बट लिमिट में रहना, समझे बच्चू ...''

और उसने मुस्कुराते हुए अपनी टी शर्ट को खुद उपर करना शुरू कर दिया...

जैसे ही उसके मुम्मे कसी हुई ब्रा में सोनू की नज़रों के सामने आए , वो साँस लेना ही भूल गया...

उसने टी शर्ट निकाल कर हाथ में रख ली , अब वो सिर्फ एक लाल ब्रा में कड़ी थी सोनू के सामने
**** red bra

वो अपने बूब्स को हाथों में लेकर दबाने लगी और बोली : "क्या हुआ बैबी....अच्छे नही लगे क्या....''

सोनू भला क्या जवाब देता , उसकी आँखों में तो कोई और ही पिक्चर चल रही थी.....

उसे इस वक़्त सोनिया की नंगी छातियाँ याद आ गयी, जिन्हे देखकर उसके लंड का बुरा हाल हो गया था....

हालाँकि साक्षी की ब्रेस्ट भी ऑलमोस्ट उतनी ही पर्फेक्ट थी, पर पता नही क्यो वो उसे सोनिया से कंपेयर करने में लगा था....

साक्षी ने अपनी ब्रा को भी उपर कर दिया और अपने दोनो चाँद उसके सामने उजागर कर दिए.

ये शायद साक्षी के लिए पहला मौका था की उसने अपनी कीमती ब्रेस्ट को किसी के सामने नंगा किया था...

इसलिए उसे शर्म भी आ रही थी....

पर उसे मालूम था की हर लड़का ब्रेस्ट का दीवाना होता है, और उसे पक्का विश्वास था की सोनू भी उसकी ब्रेस्ट को देखकर उसका पक्का वाला दीवाना बनकर रह जाएगा..

पर ऐसा हुआ नही..

सोनू भले ही साक्षी की नंगी छातियों को इतने करीब से देख रहा था,
पर उसकी आँखो के आगे तो सोनिया की ब्रेस्ट ही नाच रही थी....

चाहकर भी वो अपना ध्यान साक्षी के उपर नही लगा पा रहा था...

ये एक ऐसा पल था जिसके लिए हर लड़का मरता है.....
उसकी गर्लफ्रेंड खुद उसे अपनी ब्रेस्ट दिखा रही थी..
और वो उल्लू सा बनकर उसे सिर्फ़ देख रहा था..

उसे तो अपनी बहन और उसकी ब्रेस्ट नज़र आ रही थी इस वक़्त...
इसलिए उसके हाथ उठे ही नही उन्हे दबोचने के लिए...
वो तो बस बुत्त सा बनकर वहां खड़ा रहा...
उन्हे देखने का नाटक करता रहा..

साक्षी : "बोलो ना बेबी, कैसे हैं ये.....''

सोनू : "हम्म्म्म हाँ .... हन..... काफ़ी अच्छे है...''

इतना कहते हुए उसने उनपर अपना हाथ रख दिया...

साक्षी का शरीर थर्रा उठा सोनू का स्पर्श पाकर.....
उसके निचले होंठ काँप से गये जब उसने कहा : "सकक् करो सोनू..... प्लीज़ सकक् माय ब्रेस्टsssssss ....''

सोनू की हालत कुछ ऐसी थी की वो खुद ही समझ नही पा रहा था....
अभी कुछ देर पहले तक तो वो उसे चोदने तक की बातें सोचता हुआ उसके घर आया था, और अब जब खेल शुरू हुआ तो वो आगे ही नही बड़ रहा था...
पता नही क्या था जो उसे रोके हुए था....

पर साक्षी को अभी तक उसका आभास नही हुआ था...
हालाँकि उसे थोड़ा आशचर्य ज़रूर हुआ था जब उसने अपनी ब्रेस्ट खुद खोल कर उसे दिखाई और उसके बाद भी वो उसे दबाने या चाटने के लिए लपका नही...
पर जब सोनू ने उन्हे अपने हाथों में पकड़ा तो वो अपनी सुध-बुध खोती चली गयी और उसे कुछ भी होश नही रह गया की वो सोनू के बारे में क्या सोच रही थी अभी....

उसके पूरे शरीर में चींटियां सी रेंग रही थी, और ख़ासकर उसके निप्पल्स पर....
वो अंदर से चाह रही थी की सोनू उसके निप्पल्स को ज़ोर से दबा डाले.....
उन्हे चुभला कर ज़ोर से काट ले...

पर जब सोनू ने अपनी तरफ से कुछ नही किया तो उसने खुद उसका सिर पकड़ कर अपनी छाती की तरफ किया और अपना नुकीला निप्पल उसके मुँह में ठूस दिया...

एक बार फिर से सोनू यथार्थ के धरातल पर आ गिरा..
और जब उसे एहसास हुआ की उसके मुँह में क्या है तो उसने अपने दाँत गड़ा दिए उन नन्हे निप्पल्स पर....

और वो इतने जोर से गाड़े की साक्षी बुरी तरह से चीख उठी..



''आआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ''

दोनो के लिए ये पहला मौका था...
सोनू का बूब्स चूसने का और साक्षी का चुसवाने का..

साक्षी को भला क्या पता था की वो किन सपनों में खोया हुआ है....
उसे तो बस ये पता था की पहली बार में ही उसके बी एफ ने उसके बूब्स पर निशान बना दिया है..

उसकी चीख सुनकर रिंकी दौड़ती हुई चली आई...
और उसके कदमों की आवाज़ सुनकर साक्षी ने जल्दी से अपना टॉप पहना और सोनू को चेयर पर बिठा कर दरवाजा खोल दिया.

रिंकी के आने पर उसे बोली की बिल्ली थी, इसलिए उसे देखकर चीख निकल गयी.... रिंकी भी उसे अजीब नज़रों से घूरती हुई वापिस अपने रूम में चली गयी...जैसे उसे सब पता था की वो क्यों चीखी थी.

उसके जाते ही साक्षी बोली : "ये आजकल के बच्चे भी..... मुझे लगता है अब वो बार-2 आकर चेक करेगी...इसलिए हमे ऐसे ही बैठना पड़ेगा...''

सोनू कुछ नही बोला, वो चुपचाप बैठा रहा.

साक्षी उसके करीब आई और बोली : "ओये मिस्टर...क्या हुआ था तुम्हे... क्यों काटा इतनी ज़ोर से... पता है ये कितना सेंसीटिव पार्ट होता है हमारा.... उन्नहुऊऊँ...... दर्द हो रहा है....''

वो अपनी ब्रैस्ट सहलाती हुई रोने का नाटक करने लगी

अब जाकर सोनू को एहसास हुआ की उसने कितना बड़ा मौका गँवा दिया है....
उसके दिमाग़ में अगर सोनिया की तस्वीर ना आई होती तो वो अब तक शायद साक्षी को नंगा करके उसे चूम रहा होता.... या फिर उसे अपना लंड चुसवा रहा होता...

सोनू : "आई एम सॉरी यार.... पता नही मुझे क्या हुआ था.... वो जब मुँह में आया तो कंट्रोल ही नही हुआ...''

वो आँखे तरेर कर बोली : "यू आर वाइल्ड ऐनिमल..... ऐसे लोग बेड पर बहुत ख़तरनाक होते हैं....''

उसकी बात का मतलब समझकर वो बोला : "कहो तो दिखा दूँ अभी... कितना वाइल्ड हूँ मैं बेड पर ...''

मान तो साक्षी का भी बहुत कर रहा था कुछ और करने का...पर वो कोई रिस्क लेने के मूड में नही थी.

साक्षी : "आई एम सॉरी.... वो टाइम अब निकल चुका है.... अब किसी और दिन सेट्टिंग करेंगे कुछ करने की...तब तक के लिए सिर्फ़ क़िस्सी मिलेगी...''

इतना कहकर वो उसकी गोद में आकर बैठ गयी और उसे किस्स करने लगी...
सोनू भी बड़े प्यार से उसके होंठों को चूम रहा था... ऐसा करते हुए अब दोनो की नज़रें बाहर की तरफ थी, क्योंकि रिंकी कभी भी आ सकती थी..

फिर वो बाहर आकर ही बैठ गए, कुछ देर बाद रिंकी भी आ गयी... साक्षी ने सेंडविच बना रखे थे, सबने मिलकर खाए...

ऐसे ही कुछ देर और बैठ कर वो वापिसी की तैयारी करने लगा..
क्योंकि वो जानता था की अपनी ग़लती की वजह से उसने एक सुनहरा मौका खो दिया है, जो शायद अब दोबारा ना मिले.

वो वापिस घर की तरफ चल दिया.

उसके दिमाग़ में सब कुछ घूम रहा था...

उसे अपने पर गुस्सा भी आ रहा था की क्यों वो साक्षी में सोनिया को ढूँढने में लगा था...

पर काफ़ी सोचने के बाद भी उसे अपने अंदर से कोई जवाब नही मिला..

ऐसे ही चलते -2 वो घर पहुँच गया..

जहाँ एक सरप्राइज उसका इंतजार कर रहा था.
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Nevil singh

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दरवाजे पर पहुँचकर जैसे ही घंटी बजाने के लिए उसके हाथ उठे, उससे पहले ही उसके दिमाग़ की घंटी बज गयी...
उसे 2 दिन पहले का वो वाक्या याद आ गया जब वो अपनी चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर आ गया था... और उसी दिन उसने अपनी बहन सोनिया को पहली बार नंगा देखा था..

आज भी शायद उसकी किस्मत साथ दे जाए और उसे कोई नज़ारा देखने को मिल जाए...
क्योंकि सोनिया को तो उसने यही बताया था की वो 5 बजे तक ही वापिस आएगा...
अभी तो 3 ही बजे थे बस.

उसने अपनी पॉकेट से चाबी निकाली और दरवाजा खोलकर चुपचाप अंदर आ गया...

पूरे घर में शांति थी..

उसने अपना स्कूल बैग आराम से एक कोने में रखा और दबे पाँव अपने रूम की तरफ चल दिया.

जैसे-2 वो कमरे के करीब पहुँचा,उसे सोनिया की आवाज़ सुनाई देने लगी...
वो किसी से फोन पर बात कर रही थी...
और वो भी स्पीकर फोन पर...

दरवाजा आधा खुला था...
वो पर्दे के पीछे छुपकर अंदर झाँकने की कोशिश करने लगा...
और अंदर का नज़ारा देखकर उसकी साँसे रुक सी गयी...

उसकी बहन सोनिया उसी के बेड पर बैठी थी...
और वो भी सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में ...
वो अपने पैरों में नेल-पॉलिश लगा रही थी... उसे शुरू से ही अपने नेल्स की बहुत परवाह रहती थी...इसलिए उसके हाथ और पैरों के नेल्स बहुत सुंदर थे..वो नेल आर्ट करती रहती थी अक्सर..

हाथों से तो वो पॉलिश लगा रही थी...इसलिए वो स्पीकर फ़ोन पर बात कर रही थी.



दूसरी तरफ उसकी सहेली तन्वी थी, उसकी आवाज़ तो सोनू अच्छी तरह से पहचानता था...
क्योंकि पहले वो उन्ही के घर के पास किराए पर रहती थी, और सोनिया की अच्छी दोस्त थी इसलिए सारा दिन उन्ही के घर पर पड़ी रहती थी, उसी की दोस्ती की वजह से सोनिया के कम मार्क्स आए थे और उसे होस्टल जाना पड़ा था...
इसी वजह से सोनू को तन्वी से चिढ़ सी हो गयी थी...
बाद में तन्वी के पापा ने अपना खुद का घर ले लिया और वो वहां शिफ्ट हो गये...
पर तन्वी और सोनिया रेग्युलर टच में थे और बात करते रहते थे...

इस वक़्त शायद तन्वी अपने किसी बी एफ की बात कर रही थी...
वैसे तो सोनू को उससे चिढ़ थी पर इस तरह छुप कर लड़कियो की बातें सुनने में कितना मज़ा आता है,वो जल्द ही जान गया.

तन्वी : "यार....तुझे मैने कल भी बताया था ना, रोहन का ज़रूर उस चुड़ैल निशि के साथ कुछ चक्कर है... साला सारा दिन तो मेरे साथ बैठता है, पर घर जाते हुए उसे बाइक पर बिठा लेता है... मैने तो आज उसे डायरेक्ट बोल दिया था की आज मुझे घर छोड़ने तू ही जाएगा...वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा...साले का मुँह उतर गया था...पता है उसे की नही लेकर गया तो मैं उसके घर पहुँच जाउंगी ...उसकी मोंम और मेरी मोंम आपस में कितनी अच्छी फ्रेंड है वो अच्छी तरह से जानता है...''

सोनिया मस्ती से अपनी जांघे फैलाए हुए, उकड़ू बैठकर अपने नेल्स पॉलिश कर रही थी.

वो बोली : "तो मज़ा आया के नही.... पीछे बैठकर तूने क्या किया ये भी तो बता दे जानेमन..उसका पकड़ा या नही.. हे हे''

तन्वी : "क्या हे हे...तू भी ना.... मुझे तो उसके कंधे पर हाथ रखते हुए भी शर्म सी आ रही थी...पर फिर भी,थोड़ा दूर जाकर मैने हाथ रख ही दिया...बेचारा नर्वस सा हो गया था,और फिर मैने उसे पीछे से हग किया...''

सोनिया : "हाआआ ...तूने हग कर लिया.... उसके तो मज़े आ गये होंगे ...तेरे बूब्स फील करके''

तन्वी : "वेरी फन्नी....अब तू फिर से शुरू हो गयी ना मेरे बूब्स के बारे में ... तू अच्छी तरह जानती है की इनकी वजह से मुझे कितनी शर्म महसूस होती है....''

सोनू भी हंस दिया ये सुनकर...
वो सच ही कह रही थी...
बूब्स के नाम पर उसके पास कुछ नही था...
सिर्फ़ निप्पल्स थे..
पर चेहरा बड़ा ही सेक्सी था उसका...



शुरू-२ में तो सोनू उसकी नशीली आँखो और सैक्सी होंठों पर काफ़ी ध्यान देता था...
पर फिर धीरे-2 उसे बूब्स वाली लड़कियो में दिलचस्पी बढ़ने लगी तो उसने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान देना ही बंद कर दिया...
सोनिया के होस्टल जाने के बाद तो पूरी तरह से.

सोनिया : "अच्छा बाबा...सॉरी....अब नही बोलूँगी तेरे बूब्स के बारे में कुछ...पर ये तो बता की कुछ हुआ भी या नही...''

तन्वी : "कहाँ यार...उसे तो कुछ फ़र्क ही नही पड़ा...अब मेरे पास तेरी जैसी ब्रेस्ट तो है नही...जो एक बार किसी की पीठ से लगा दो तो उसे मज़ा आ जाए...''

सोनिया : "ओहो....तू आज ये एकदम से मेरी ब्रेस्ट की क्यों तारीफ करने लगी... पहले तो बोलती थी की कुछ ख़ास नही है... ये है...वो है...अब क्या हो गया...''

तन्वी : "यार... एटलीस्ट दे आर ग्रोयिंग ... मेरे तो साले निकलने ही बंद से हो गये हैं...मुझे तो डिप्रेशन सा होने लगा है इनकी वजह से...पता नही क्या होगा मेरा...''

उसकी आवाज़ रुंआसी सी हो गयी..

सोनिया : "तभी तो कहती हूँ मैं ....कोई ढूंड ले...जो इनकी मालिश करा करे रोज... तभी बढ़ेंगे ये... वरना ऐसी ही रहियो पूरी जिंदगी...अपने पति को भी निप्पल चुस्वा कर खुश करना पड़ेगा तुझे...हा हा...''

तन्वी : "यार,तेरी फ्रेंड प्राब्लम में है और तू हंस रही है....मस्ती सूझ रही है तुझे तो...और वैसे भी, मुझे नही लगता की रोहन को मुझमे कोई इंटरस्ट है... क्योंकि घर छोड़कर जाने के बाद जब मैने उसे फोन किया तो उसने उठाया ही नही...और बाद में तो स्विच ऑफ ही कर दिया...यार...पता नही क्या होगा मेरा...क्या मुझे कोई प्यार करने वाला मिलेगा या नही...

सोनू ने मन में सोचा 'अगर बात सिर्फ़ बूब्स चुसवाने की है तो वो काम तो मैं भी कर सकता हूँ ...कभी मौका देके देखना..'

भले ही वो उसे पसंद नही करता था, पर आज के बाद वो उसे दूसरी नज़रों से ही देखने वाला था...
उसे क्या पता था की इस फ़्लैट सी दिखने वाली लड़की में इतना सैक्स भरा है..

सोनिया : "यार...तेरा तो पता नही, पर मुझे तो आजकल किसी से प्यार सा हो गया है...''

सोनिया की ये बात सुनकर जितना तन्वी चोंकी उतना ही सोनू भी....
ये उसके लिए किसी सरप्राइज से कम नही था...
उसकी बहन किसी से प्यार करती है...
और उसे पता भी नही...
अभी कल ही तो वो ये बात बोल रही थी की उसका कोई बी एफ नही है, फिर ये एकदम से कहां से आ गया...
उसे लगने लगा की शायद वो उसे बताना नही चाहती थी, इसलिए उससे झूट बोला.

तन्वी चीख सी पड़ी : "साली....एक नंबर की चालू है तू तो....कल तक तो कुछ बताया नही..ये एकदम से कहां से टपक गया....कौन है ये... कहाँ रहता है.... तेरे होस्टल में है क्या.... स्टूडेंट है या टीचर....बोल ना....बता ना...''

सोनिया ने हंसते हुए अपना पैर नीचे किया और दूसरा उठा कर सामने रख लिया और उसपर पॉलिश लगाने लगी और बोली : "अरे....सब्र कर....सब बताउंगी ...पर प्रोमिस कर ...तू किसी को नही बोलेगी....''

तन्वी : "यार...ड्रामे ना कर...तेरे-मेरे बीच की बात मैने आज तक किसी को बोली है जो आज बोलूँगी...बता ना यार...मेरे तो पेट में दर्द सा हो रहा है.... जल्दी बोल...कौन है वो...''

सोनिया कुछ देर चुप सी हो गयी....उसके चेहरे पर वही कल रात वाली हँसी आ गयी.... और बोली :"तू उसे जानती है.... वो यहीं रहता है....''

तन्वी : "मैं जानती हू....वो वही रहता है, तेरे मोहल्ले में ....ओह माय गॉड .... कहीं वो रजत तो नही....वो तेरे पीछे काफ़ी दिनों से था....वो है क्या..... या फिर वो राहुल....जो तेरे घर के सामने रहता है...सक्सैना आंटी का लड़का , वो है ना..''

सोनिया के साथ-2 अब तो सोनू को भी काफ़ी उत्सुकतता हो रही थी....
अपनी बहन के बी ऍफ़ का नाम जानने के लिए...
अंदर से उसे अजीब सी फीलिंग हो रही थी....
जलन वाली...
कुछ जल सा रहा था उसके दिल में.

सोनिया : "वो.....वो......सोनू है.....मेरा भाई...''

जब उसने ये कहा तो तन्वी का तो मुँह ही बंद हो गया.....
और
सोनू के दिल ने तो इतनी ज़ोर से धड़कना शुरू कर दिया जैसे उसके अंदर कोई मशीन लगा दी हो....
धड़-धड़ की आवाज़ें उसके कानो तक आ रही थी....

ये क्या कह दिया सोनिया ने...

वो उसे प्यार करती है...
ये कैसे हुआ..
कब हुआ...

कोई अपने भाई से कैसे प्यार कर सकता है...हालाँकि जो कुछ उनके बीच चल रहा था वो सब इसी तरफ इशारा कर रहा था, पर सोनू ने तो उस नजरिये से अपनी बहन को कभी देखा ही नहीं था

ये तो ग़लत है.

बिल्कुल ग़लत .

और यही बात कुछ देर चुप रहकर तन्वी ने भी कही..

''ओह्ह माय गॉड ..... आर यू मेड ... तुझे सोनू से प्यार हो गया है... अपने सगे भाई से.... तू पागल है क्या... पता भी है की तू क्या बोल रही है.... ये बहुत ग़लत है...बिल्कुल ग़लत.''

सोनू ने भी मन ही मन में तन्वी की बात पर हामी भरी...
आज जिंदगी में उसे पहली बार तन्वी की बात सही लग रही थी...
वरना वो उसे एकदम झल्ली समझता था.

सोनिया : "आई नो यार.... ये ग़लत है... बट मुझे अपने आप पर कुछ कंट्रोल ही नही रह गया... जब से वापिस आई हूँ ...कुछ ना कुछ ऐसा होता चला गया जो मेरे साथ लाइफ में पहली बार हो रहा था... वो सब जिनके लिए मैने ना जाने कितने सपने देखे थे.....''

तन्वी की परेशान सी आवाज़ गूँजी फोन पर : "है भगवान...ऐसा क्या कर लिया तूने.... कुछ ग़लत काम तो नही कर बैठी भाई के साथ ...''

सोनिया : "अरे नहीं पागल.... .वैसा कुछ नही है.... बस .... जो मैने कहा वो है.... तू ज़्यादा दिमाग़ पर ज़ोर ना दे... और वैसे भी, प्यार तो किसी से भी हो सकता है.... तूने भी तो मुझे लास्ट टाइम कहा था ना की तुझे अपने पापा बहुत अच्छे लगते हैं... उनके जैसा कोई शादी के लिए मिल जाए तो तू दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की होगी...''

तन्वी : "अरे पागल.... वो तो मेरी एक फीलिंग थी.... तुझे तो पता है की मेरे पापा कितने हेंडसम है... उन्हे देखकर अक्सर मेरे दिल में ऐसे ख़याल आते हैं... और वही मैने तेरे साथ शेयर कर लिया... अब इसका मतलब ये नही है की जो मैने सोचा वो मैं कर ही डालूंगी... वो मेरे पापा है पागल... उनके बारे में सोचना एक बात है, उनसे शादी करना दूसरी बात , ऐसे मन में सोचना अलग बात है... और इस तरह से बोलना दूसरी बात...''

सोनिया : "तो मैने कौन सा बोल दिया है उसको... मेरे भी मन में ये बात आई और मैने तेरे साथ शेयर कर ली...मैं कौन सा सोनू को बोलने जा रही हूँ की आई लव यू सोनू...''

उसने आई लव यू सोनू इतने प्यार से कहा था जैसे उसे बोलने की प्रैक्टिस कर रही हो....
और बाहर खड़े सोनू का दिल नम सा हो गया अपनी बहन के मुँह से ये सुनकर...
भले ही उसने सामने नही कहा था...
पर उसके दिल की बात सोनू को पता चल ही चुकी थी.

तन्वी : "चल मान ली तेरी बात... पर ये क्या था,जो तूने अभी बोला की जब से आई है कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है.... मुझे बता तो ज़रा...की ऐसा क्या चल रहा है तेरे और सोनू के बीच जो बात प्यार तक पहुँच गयी...''

वो तो किसी इंस्पेक्टर की तरह सवाल कर रही थी सोनिया से...

सोनू सोचने लगा की अगर उसकी बहन ने सब बता दिया की पिछले 2 दिनों से उनके बीच क्या चल रहा है तो वो तन्वी से कैसे नज़रें मिला सकेगा...

पर ऐसा कुछ हुआ नही.

सोनिया : "अरे इडियट ... वो जो कुछ भी हो रहा है, मेरी सोच का ही फल है...वरना उसकी तरफ से कुछ नही है...वैसे एक बात बता...तुझे सोनू की बड़ी फ़िक्र हो रही है....कही तुझे वो पसंद तो नही है...''

तनवी : "वो....अकड़ू....हुंह ...वो साला तो मेरी तरफ देखता भी नही है...हाँ ये सच है की शुरू में वो मुझे अच्छा लगता था..पर औरों की तरह वो भी बड़े बूब्स वाली लड़कियों का दीवाना है...पता है मुझे...उसकी क्लास में मेरी भी एक फ्रेंड है...उसने काफ़ी कुछ बताया है उसके बारे में मुझे...''

अब चौंकने की बारी सोनिया की थी...
और साथ-2 सोनू की भी...
यानी उसके और साक्षी के बीच की बात तन्वी तक भी पहुँच चुकी है....
कितनी छोटी दुनिया है ये..

सोनिया : "बता ना यार....जल्दी से...क्या पता है तुझे...''

तन्वी अब ऐंठने लगी और बोली : "ओहो....अपनी बाते तो छुपा रही है, और मुझसे निकलवाने में लगी है...पहले तू बोल, फिर मैं बताउंगी ...''

सोनिया : "एक काम कर...तू घर आ जा ... यहीं बैठकर बातें करेंगे...''

तन्वी : "सॉरी....अभी मैं नही आ सकती...शाम को आउंगी ... ओके...''

सोनिया : "ओके ...आई विल वेट फॉर यू .... बाइ....''

इतना कहकर उसने फोन काट दिया.

उसकी नाइल पोलिश भी लग चुकी थी...
उसने अपना समान समेटना शुरू कर दिया.

सोनू भी दबे पाँव नीचे उतार आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...

करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.

सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.

उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.
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सोनू भी दबे पाँव नीचे उतार आया...
बेग लेकर वो बाहर गया और लॉक लगाकर उसने बाहर की बेल बजाई...

करीब 2 मिनट बाद दरवाजा खुला....
सोनिया ने एक टी शर्ट और निक्कर पहन ली थी...
उसे देखकर वो थोड़ा शॉक सी हुई, अंदर आकर उसने सवालों की झड़ी सी लगा दी....
पर सोनू को जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था....
वो बड़े ही प्यार से सोनिया की आँखों को और हिलते हुए होंठों को देखता रहा...
उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था..बस दिखाई दे रहा था.

सोनिया की बातें सुनने के बाद सोनू का नज़रिया कुछ बदल सा चुका था.

उसे अंदर ही अंदर डर सा लग रहा था की अब वो कैसे अपने आप पर कंट्रोल रख पाएगा.

*************
अब आगे
*************

सोनिया : "ओये हेल्लो ....कितनी देर से बोल रही हूँ .... क्या बात हो गयी....तू तो साक्षी के साथ डेट पर गया था ना.... क्या हुआ.... झगड़ा हुआ क्या... इतनी जल्दी क्यों वापिस आ गया....''

सोनू : "अर्रे....दी, ऐसा कुछ नही हुआ... हम तो जा ही रहे थे की उसकी मॉम का फोन आ गया... और वो घर चली गयी..''

सोनिया : "तो वो घर कुछ बोलकर नही जा रही थी क्या..?''

सोनू : "नही...मैं तो तुम्हे बोल सकता हूँ , पर वो अपनी मॉम से इतनी फ्रेंक नही हुई अभी...समझी...''

सोनिया : "वो तो समझ गयी....और साथ में ये भी की तुम्हारा क्या हाल हो रहा होगा इस वक़्त...''

सोनू : "मेरा !!! मतलब ? "

सोनिया : "अरे भाई, जिसकी गर्लफ्रेंड के साथ डेट हो और वो एंड टाइम पर कैंसिल हो जाए तो सारे अरमानो पर तो पानी फिर ही जाता है ना..... अब तो खुद ही करना पड़ेगा...''

उसका इशारा मास्टरबेशन की तरफ था....

ये पहली बार था जब उसकी बहन ने इतनी बेशर्मी से ऐसी गंदी बात अपने भाई से की थी..

सोनू :" वेरी फन्नी.... मेरी हालत पर इतना ही तरस आ रहा है तो... तो...''

वो कहते-2 बीच में ही रुक गया.....

हे भगवान, वो भी भावनाओ में बहकर क्या बोलने जा रहा था...

अपनी बहन को वो बोलने वाला था की वो कर दे उसका मास्टरबेशन ...

या जो भी था...

जो वो समझ रही थी...

सोनिया : "तो....तो क्या....?? बोलो.... ''

वो दबी हँसी से ये बात बोल रही थी...
जैसे वो सुनना चाहती हो अपना नाम उसके मुँह से.

पर सोनू ने बात घुमा दी...
और बोला : "तो अपनी किसी फ्रेंड को बोलो मेरी हेल्प करने को....''

सोनिया : "जब तेरी जी एफ तेरी हेल्प नही कर रही तो मेरी फ्रेंड से क्यों करवाना चाहता है.... और वैसे भी, मेरी सारी बदमाश फ्रेंड्स तो मंसूरी में है, यहाँ ऐसी कोई नही है...''

सोनू ने थोड़ा हिम्मत की और बोल दिया

"क्यो, वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड तन्वी को क्या हुआ...वो तो यहीं है ना... उसे बोलो...''

वो एकदम आश्चर्य से उसे देखने लगी...
सोनिया का मुँह खुल सा गया...
एक पल के लिए तो उसे लगा की कहीं सोनू ने उसकी और तन्वी की बाते तो नही सुन ली..


सोनिया : "तुझे उसमे इतना इंटेरेस्ट कब से हो गया... मुझे तो लगा था की तुझे वो पसंद नही है....''

सोनू : "किसने कहा ??''

सोनिया अपनी झेंप मिटाते हुए बोली : "कहा तो किसी ने नही.... पर ..... वो.... उसे लगा.... आई मीन मुझे लगा की वो थोड़ी दुबली है ना... शायद इसलिए ....तूने उसे अवाय्ड किया...''

सोनू (हैरान होने का नाटक करते हुए) : "अरे दी... मैने कब अवाय्ड किया.... तुम जब से होस्टल गयी हो, तब से तो उसने आना ही बंद कर दिया.... बाद में वो कहीं और शिफ्ट हो गये.... अब मिलना ही नही होता पहले जैसा तो कैसे कह सकते हो की अवाय्ड किया... इनफॅक्ट मुझे तो वो काफ़ी पसंद थी....''

सोनू की बाते सुनकर सोनिया हैरान हुए जा रही थी..

"देख रही हूँ मैं ....आजकल काफ़ी ऑप्शन्स एक्सप्लोर किए जा रहे हैं..... स्कूल में साक्षी.... और अब मेरी फ्रेंड भी....''

सोनू (मुस्कुराते हुए) : "अरे दी... यही तो उम्र है ये सब करने की... अभी मस्ती नही करेंगे तो कब करेंगे...''

सोनिया : "अच्छा ... तो आजकल बड़ी मस्ती करने की सूझ रही है...''

सोनू बस मुस्कुरा कर रह गया.

सोनिया : "वैसे एक खुशख़बरी है...वो आज शाम को आ रही है...''

सोनू चोंकने का नाटक करता हुआ बोला : "कौन....तन्वी ??''

सोनिया : "ओये होये बड़ा खुश हो रहा है उसका नाम सुनकर ...हाँ वही...आ रही है शाम को.... कहो तो बात करू उसके साथ... वैसे भी वो आजकल अपने लिए कोई बाय्फ्रेंड ढूँढ रही है...''

सोनू : "ठीक है...कर लेना..''

सोनिया : "और वो साक्षी का क्या होगा....''

सोनू : "वो तो स्कूल में है ना...ये बाहर हो जाएगी...''

सोनिया : "वाह जी वाह ... एक स्कूल वाली...एक बाहर वाली...घर पर भी रख ले कोई...''

सोनू : "घर पर तो तुम हो ना...''

सोनिया ने हंसते हुए अपनी खुशी दबाई और सोनू की ही तरह भाषण देने के अंदाज कहा : "पर ये तो ग़लत है ना.... मैं तो तुम्हारी बहन हूँ ....''

सोनू : "पर जो भी कल रात हुआ उसके बाद तो हमारे रिश्ते के मायने ही बदल चुके है....''

सोनिया की आँखे गुलाबी हो उठी ये सुनकर....
वो शायद अपने दिल की बात यानी उसे प्यार करने की बात उसे बोलना चाह रही थी...
पर हिम्मत नही कर पाई वो...

सोनिया : "चल ठीक है.... आने दे उसको... बात कर लूँगी... पर तू शरमाना मत उसके सामने... वरना सब गड़बड़ हो जाएगा....''

फिर कुछ देर रुककर वो बोली : "पर उसके साथ सेट्टिंग करवाने में मेरा क्या फायदा.... ऐसे तो वो तुझे मुझसे अलग कर देगी....''

सोनू उसके करीब आया...
और उसके दोनो हाथों को पकड़ कर बोला : "दी, हमे कोई अलग नही कर सकता.... कभी नही...''

दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखकर एक पल के लिए कहीं गुम से हो गये...
दोनो के दिल धड़क उठे....
सोनिया के लब लरज उठे...
और वो थोड़ा आगे खिसक आई....
अपने भाई के बिल्कुल करीब...
इतने करीब की उसकी साँसे वो अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी...

सोनू के हाथ सोनिया ने अपनी छाती के बिल्कुल सामने पकड़े हुए थे...
सोनू की छोटी उंगली उसकी ब्रेस्ट को टच कर रही थी...
उसका मन तो कर रहा था की अपने हाथ और अंदर दबा दे, पर ऐसा करना उसके सिद्धांतो में नही था, इसलिए उसने अपने हाथ छुड़ाए और अपनी भावनाओ को काबू करने के लिए बाथरूम में घुस गया..

अंदर जाकर उसने वाश्बेसन पर अपना चेहरा धोया ...
सोनिया उसके करीब आकर खड़ी हो गयी.

और बोली : "वैसे मुझे भी एक बात बोलनी थी तुमसे... ''

सोनू समझ गया की वो अपने प्यार का इज़हार करना चाहती है..

वो उसके चेहरे की तरफ देखने लगा....
पर वो असमंजस मे थी, की बोले या नही..

सोनिया : "वैसे कहना तो नही चाहिए, पर मेरा क्या फायदा होगा ये सब कराने में ...?''

सोनू समझ गया की वो बातें गोल कर रही है...
उसकी हिम्मत ही नही हुई अपने भाई को आई लव यू बोलने की...
इसलिए बीच में ये दूसरी बात छेड़ दी.

सोनू : "तू बोल दी, क्या चाहिए.... आइस्क्रीम.... मूवी .... मेरी पॉकेट मनी में तो यही सब आ सकता है...''

सोनिया : "अर्रे ये सब नही पागल....कुछ और... जिसमें तेरे पैसे खर्च नही होंगे...''

अब तो सोनू भी उत्सुक सा हो गया...
ये जानने के लिए की उसकी कामुक बहन के मन में क्या चल रहा है...

सोनू : "बोलो फिर, क्या चाहिए ?"

सोनिया ने शरमाते हुए कहा : "वही....कल रात जैसे...नाम लेकर....करने की परमिशन....''

सोनू हैरानी से उसे देखने लगा....
यानी उसकी बहन एक बार फिर से आज रात को मास्टरबेट करते हुए उसका नाम लेना चाहती थी...
जैसे कल रात लिया था...

सो एक्साइटिंग .... वो और उसका लण्ड फूल कर कुप्पा हो गये...

सोनू ने कुछ देर तो परेशान से होने का नाटक किया फिर दबी ज़ुबान से बोला : "ओके .... ठीक है.... कर लेना...''

वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे मिस यूनिवर्स का खिताब मिल गया हो...
उछलते हुए उसने ताली बजाई और सोनू के गले से लग गयी....

उफफफफ्फ़.... क्या फीलिंग थी उसके बूब्स की......
आज तो सोनू से भी सब्र नही हुआ.....
उसने उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे और ज़ोर से गले लगा लिया...
और उसके नन्हे बूब्स को पीस डाला अपनी कठोर छाती से...

वो तो खुद चाहता था अब की जो खेल उन भाई बहन के बीच रात को चल रहा है, वो थोड़ा और आगे बड़े...
सोनिया ने खुद पहल करके अपनी सहमति तो दे ही डाली थी....
अब सोनू के उपर था की वो इस खेल को किस दिशा में ले जाता है..

पर

ये सब करने के पीछे सोनू की मंशा एकदम सॉफ थी...
उसे पता था की स्कूल में साक्षी के साथ वो ज़्यादा मज़े ले नही सकता...
और अपनी बहन के साथ वो सब करना नही चाहता जिसके लिए उसका दिल गवाही नही देता...
इसलिए..
इस तन्वी को उसने चुना जो साक्षी और सोनिया द्वारा उठाए गये लण्ड की अकड़ को ठीक करने का काम करेगी..

इसलिए अब उसे तन्वी का इंतजार था....

वो देखना चाहता था की उसकी बहन कैसे उसे तैयार करती है और वो तन्वी किस हद तक उसके साथ मज़े लेने के लिए तैयार हो सकती है....
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