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Incest ये गालियाँ ये चौबारा

vedu

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7: मिश्राजी, धीरे धीरे प्लीज़

अरे सुनती हो विधि के कॉलेज से फोन था, प्लीज़ तुम चली जाना, पतिदेव ने ऑफिस के लिए निकलते हुए सोनाली को बोला, क्यु क्या हुआ अचानक, सोनाली थोड़े चिंतित स्वर में बोली, वो अब थोड़ा थोड़ा विधि से डरने भी लगी थी, अरे कुछ नहीं, कुछ सब्जेक्टस में थोड़े कम मार्क्स आए है सो बुलाया है.

कहा है तू? जैसे ही विधि ने फोन उठाया सोनाली उसी चिंतित स्वर में बोली, क्या हुआ जान विधि ने मीठी आवाज में बोला, तेरे पापा ने मुझे तेरे कॉलेज जाने का बोला है, क्या हुआ सब ठीक तो है, ओह वो, हाँ यार मम्मी लास्ट सेमेस्टर में दो सब्जेक्ट में फैल हो गई हूँ, मिश्रा जी ने बुलाया होगा, मम्मी, मिश्रा अंकल एकदम कड़क माल है सही से पटाना पास करवा देना फर्स्ट डिवीजन से, विधि खिलखिलाते हुए बोली, ये कैसी बातें करती है विधि मरवाऐगी तू मुझे, अरे मेरी जान तुझे नहीं मरवानी क्या अपनी, विधि ने पूछा, सोनाली एकदम से सकपका गई, विधि बेटा प्लीज़ यह क्या गेम खेल रही है, अरे यार बहुत डरपोक है तू, विधि हसते हुए बोली, अच्छा छोड़ रात को समझाती हू, कह कर फोन काट दिया.

रात पतिदेव के सोने के बाद सोनाली दबे पांव अपनी बेटी के कमरे के डोर के पास पहुंची, विधि किसी से फोन पर बात कर रही थी, सोनाली चुपके से सुनने लगी
V: अरे मामा साले ने जान बुझ कर फैल किया है, बड़े दिनों से मम्मी पर नजर थी ठरकी की
M: हाहा दीदी भी याद करेगी, बहुत कड़क चौदता है मिश्रा, लाल कर देगा दीदी को बेल्ट से मार मार कर
V: सही कहा, वहशी है पूरा
M: पर ठीक है तेरा काम हो जाएगा और दीदी की शुरुआत हो जाएगी
V: तुम कब चढ रहे हो अपनी प्यारी दीदी पर,
M: क्या यार तुझे तो पता है मुझे चोदने से ज्यादा रांड बनाने में मज़ा आता है, अगले महीने कोल्हापुर वाले समधी के यहा शादी है, वहां दीदी की चुत का भौसडा बनाएंगे
V: बहुत हरामी हो मामा

सोनाली दरवाजा नोक करती है, आजा मेरी जान, विधि पलंग पर एकदम नंगी बेठी थी, सोनाली भी हमेशा की तरह एकदम नंगी ही आई थी, विधि ने अपनी माँ को अपने बिस्तर पर खिंचा और एक लम्बा किस किया. दोनों एक दूसरे से लिपट गई, विधि अपनी माँ के निप्पलस से खेलने लगी, सोनाली सिसक रही थी, विधि वो वाइब्रेटर लगा दे बड़ी इच्छा हो रही है, विधि मुस्करा पड़ी, और अपने ड्राअर से एक लंबा सा डिल्डो निकाला और सोनाली की चुत पर धीरे धीरे रगड़ने लगी, धीरे कर विधि सोनाली सातवें आसमान पर थी, विधि कानो में फुसफुसाई, बोलों धीरे-धीरे करो सुनील भैया, सोनाली सिहर उठी, आह भैया धीरे-धीरे चोदो अपनी दीदी को, सोनाली फिर से फुसफुसाई बोलो धीरे-धीरे मिश्रा जी, सोनाली कांप रही थी, एक गजब का ओर्गेज्म उफान मार रहा था, धीरे मिश्रा जी, धीरे-धीरे प्लीज़

विधि को अपने कंट्रोल पर मज़ा आ रहा था, सोनाली चरम सुख में समाई हुई किसी कुतिया सी हांफ रही थी, यह सब कुछ नया था, विधि ने सोनाली को अपने आगोश में लिया, कल अच्छी सी साड़ी पहन कर जाना, ब्रा पैंटी बिल्कुल नहीं पसंद मिश्रा अंकल को, थोड़ा निर्दयी है पर मज़ा पूरा देगा, सोनाली कुछ समझ नहीं पा रही थी, यह क्या बोल रही है बेटा तू, मुझे डर लग रहा है, विधि हल्के हल्के निप्पलस से खेलते हुए बोली, मस्त चुदाई चाहिए या केंसल करू, सोनाली अब मुस्करा पड़ी, अरे नहीं जस्ट पूछ रही हूँ. 8 इंच का लंड है मिश्रा अंकल का, बेल्ट से मार मार के पहले चुत लाल करते है फिर कड़क वाली चुदाई होती है, जन्नत घुमाएंगे तुझे, सोनाली फिर सिहर उठी. यह क्या बोल रही है तू विधि मतलब तुझे वो चोद चुके है, अरे नहीं जान, तेरी बेटी अभी अनछुआ माल है सिर्फ लंड चुसती हूं अंकल का, किन्तु पता है उनके स्वाद और किंक के बारे में. दोनों माँ बेटी अब सब दीवारें ढह चुकी थी, विधि सोनाली को कल के लिए तैयार कर रही थी, वही सुनील अपनी दीदी को और खोलने और खेलने का प्लान तैयार कर रहा था.
 
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malikarman

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7: मिश्राजी, धीरे धीरे प्लीज़

अरे सुनती हो विधि के कॉलेज से फोन था, प्लीज़ तुम चली जाना, पतिदेव ने ऑफिस के लिए निकलते हुए सोनाली को बोला, क्यु क्या हुआ अचानक, सोनाली थोड़े चिंतित स्वर में बोली, वो अब थोड़ा थोड़ा विधि से डरने भी लगी थी, अरे कुछ नहीं, कुछ सब्जेक्टस में थोड़े कम मार्क्स आए है सो बुलाया है.

कहा है तू? जैसे ही विधि ने फोन उठाया सोनाली उसी चिंतित स्वर में बोली, क्या हुआ जान विधि ने मीठी आवाज में बोला, तेरे पापा ने मुझे तेरे कॉलेज जाने का बोला है, क्या हुआ सब ठीक तो है, ओह वो, हाँ यार मम्मी लास्ट सेमेस्टर में दो सब्जेक्ट में फैल हो गई हूँ, मिश्रा जी ने बुलाया होगा, मम्मी, मिश्रा अंकल एकदम कड़क माल है सही से पटाना पास करवा देना फर्स्ट डिवीजन से, विधि खिलखिलाते हुए बोली, ये कैसी बातें करती है विधि मरवाऐगी तू मुझे, अरे मेरी जान तुझे नहीं मरवानी क्या अपनी, विधि ने पूछा, सोनाली एकदम से सकपका गई, विधि बेटा प्लीज़ यह क्या गेम खेल रही है, अरे यार बहुत डरपोक है तू, विधि हसते हुए बोली, अच्छा छोड़ रात को समझाती हू, कह कर फोन काट दिया.

रात पतिदेव के सोने के बाद सोनाली दबे पांव अपनी बेटी के कमरे के डोर के पास पहुंची, विधि किसी से फोन पर बात कर रही थी, सोनाली चुपके से सुनने लगी
V: अरे मामा साले ने जान बुझ कर फैल किया है, बड़े दिनों से मम्मी पर नजर थी ठरकी की
M: हाहा दीदी भी याद करेगी, बहुत कड़क चौदता है मिश्रा, लाल कर देगा दीदी को बेल्ट से मार मार कर
V: सही कहा, वहशी है पूरा
M: पर ठीक है तेरा काम हो जाएगा और दीदी की शुरुआत हो जाएगी
V: तुम कब चढ रहे हो अपनी प्यारी दीदी पर,
M: क्या यार तुझे तो पता है मुझे चोदने से ज्यादा रांड बनाने में मज़ा आता है, अगले महीने कोल्हापुर वाले समधी के यहा शादी है, वहां दीदी की चुत का भौसडा बनाएंगे
V: बहुत हरामी हो मामा

सोनाली दरवाजा नोक करती है, आजा मेरी जान, विधि पलंग पर एकदम नंगी बेठी थी, सोनाली भी हमेशा की तरह एकदम नंगी ही आई थी, विधि ने अपनी माँ को अपने बिस्तर पर खिंचा और एक लम्बा किस किया. दोनों एक दूसरे से लिपट गई, विधि अपनी माँ के निप्पलस से खेलने लगी, सोनाली सिसक रही थी, विधि वो वाइब्रेटर लगा दे बड़ी इच्छा हो रही है, विधि मुस्करा पड़ी, और अपने ड्राअर से एक लंबा सा डिल्डो निकाला और सोनाली की चुत पर धीरे धीरे रगड़ने लगी, धीरे कर विधि सोनाली सातवें आसमान पर थी, विधि कानो में फुसफुसाई, बोलों धीरे-धीरे करो सुनील भैया, सोनाली सिहर उठी, आह भैया धीरे-धीरे चोदो अपनी दीदी को, सोनाली फिर से फुसफुसाई बोलो धीरे-धीरे मिश्रा जी, सोनाली कांप रही थी, एक गजब का ओर्गेज्म उफान मार रहा था, धीरे मिश्रा जी, धीरे-धीरे प्लीज़

विधि को अपने कंट्रोल पर मज़ा आ रहा था, सोनाली चरम सुख में समाई हुई किसी कुतिया सी हांफ रही थी, यह सब कुछ नया था, विधि ने सोनाली को अपने आगोश में लिया, कल अच्छी सी साड़ी पहन कर जाना, ब्रा पैंटी बिल्कुल नहीं पसंद मिश्रा अंकल को, थोड़ा निर्दयी है पर मज़ा पूरा देगा, सोनाली कुछ समझ नहीं पा रही थी, यह क्या बोल रही है बेटा तू, मुझे डर लग रहा है, विधि हल्के हल्के निप्पलस से खेलते हुए बोली, मस्त चुदाई चाहिए या केंसल करू, सोनाली अब मुस्करा पड़ी, अरे नहीं जस्ट पूछ रही हूँ. 8 इंच का लंड है मिश्रा अंकल का, बेल्ट से मार मार के पहले चुत लाल करते है फिर कड़क वाली चुदाई होती है, जन्नत घुमाएंगे तुझे, सोनाली फिर सिहर उठी. यह क्या बोल रही है तू विधि मतलब तुझे वो चोद चुके है, अरे नहीं जान, तेरी बेटी अभी अनछुआ माल है सिर्फ लंड चुसती हूं अंकल का, किन्तु पता है उनके स्वाद और किंक के बारे में. दोनों माँ बेटी अब सब दीवारें ढह चुकी थी, विधि सोनाली को कल के लिए तैयार कर रही थी, वही सुनील अपनी दीदी को और खोलने और खेलने का प्लान तैयार कर रहा था.
Lovely update
Pics bhi add kro
 

vedu

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8: जाल शिकारी का

एन्टीसिपेशन बड़ कुत्ती चीज होती है वो भी उसके लिए जिसे रोजाना एक्सटेसी की डोज मिल रही हो, चुत चुदने के लिए उतावली हो, पतिदेव ऑफिस जा चुके थे, बेटी भी जा चुकी थी, कहां यह पूछने की हिम्मत सोनाली में नहीं बची थी, बार बार निगाह घड़ी पर जा रही थी, बढ़िया कॉटन की साड़ी निकाल कर रखी थी, सोनाली की चुत पानी पानी हो रही थी, मिश्रा जी क्या करेंगे कैसे करेंगे, सोच सोच कर सोनाली सिहर रही थी, ब्रा पैंटी का तो मना था पर सोनाली की बड़ी भरी पूरी गांड बिना पैंटी के बहुत शानदार दिख रही थी, बिना ब्रा के बूब्स और निप्पलस कहर ढा रहे थे, सोनाली बार बार गुजबम्पस फील कर रही थी, बेल्ट से मार मार कर चुत लाल करता है फिर चौदता है, यह सोच सोच कर ही ना जाने कितनी बार सोनाली सिहर उठ रही थी, और हो भी क्यों नहीं आखिर बहुत महीनों बाद लंड नसीब होने वाला था.

काम बोलो पहले, साब बीजी है, अपोईन्टमेन्ट है क्या, मिश्रा जी के ऑफिस के बाहर बेठे चपरासी ने सोनाली को ऊपर से नीचे निहारा, फिर पास आके ब्लाऊज के ऊपर से दोनों बूब्स मसलते हुए बोला साब को ब्रा पैंटी पहनी हुई मदर्स पसंद नहीं है, सोनाली कांप सी गई, "भाभी कौनसा माला जाना है" लिफ्टमैन ने जैसे सोनाली को नींद से जगाते हुए पूछा, "कब से लिफ्ट में यूँ ही खड़ी हो", सोनाली थोड़ा झेंप गई, मिश्रा जी के ख्यालों में ऐसी डूब रही थी कि कुछ भान सा नहीं रह रहा था.

सटाक, पांच, सटाक छः, सटाक सात, ऊई माँ सोनाली दर्द के मारे चिल्ला उठी, प्लीज़ धीरे मिश्राजी, पैर खोलो, मिश्राजी की खुरदुरी उंगलिया अब रस और दर्द से लाल हुई सोनाली की चूत पर सितार बजा रही थी, जितना मार्क्स चाहिए उतना बेल्ट तो खाना ही पडता है, मिश्राजी ने सोनाली की जांघों को थोड़ा चौडा किया और चूत पर एक झन्नाटेदार सटाक की आवाज गूंज पड़ी, "उतरो बीबी जी, आपका स्कूल कब का आ गया, टेंपो वाला सोनाली को जगाते हुए बोला," "कहा खो गए थे, आगे चला गया होता मैं तो", सोनाली फिर से झैंप गई. ऑटो वाले को उसका भाड़ा दिया और प्रिन्सिपल के ऑफिस की और बढ़ गई, बहुत बड़ा केंपस था, मिश्रा जी का ऑफिस 10th फ्लोर पर था. ऑफिस के बाहर काफी लोग वेटींग में थे, चपरासी ने उसके रजिस्टर में एंट्री की और बाहर वित्त करने को बोला, दस मिनट बाद आवाज दे कर उसे मिश्रा जी के ऑफिस में भेज दिया.

बहुत बड़ा ऑफिस था, एक बड़ी सी टेबल के पीछे एक बहुत ही हेंडसम छः फूटा मर्द बैठा था, गजब का बॉडी बिल्डर जैसा तन था, सोनाली की चूत गिली हो रही थी, साइड में एक विशालकाय सोफा सेट प़डा था, जरूर इस पर बजेगा मेरा बाजा, सोनाली को एक हल्का सा ओरगेस्म जैसा महसूस हुआ, मिश्राजी ने कोई काम में बिजी दिख रहे थे, बिना सर ऊपर उठाए, एक बंडल सोनाली की तरफ किया, इसमे से अपनी बेटी का आन्सवर शीट निकालो और देखो, हाउ पुअर शी ईज डुईंग, एक भारी भरकम और संजीदा आवाज में मिश्रा जी ने बोला, सोनाली की निप्पलस टाइट हो गई, उसका ध्यान आन्सवर शीट पर था ही नहीं, जी आगे से ध्यान रखेगी, प्लीज़ फैल मत कीजिएगा, मिश्रा जी ने अब सोनाली की तरफ देखा, हल्का सा मुस्कुराये, किसने फैल किया, शी ईज अ नाईस गर्ल, ईनफेक्ट वन ऑफ माय फेवरीट, अभी मिश्रा जी उठ खड़े हुए, क्या पर्सनैलिटी थी, सोनाली की धड़कन बढ़ने लगी, मिश्रा जी ने टेबल पर पड़ा बेल्ट अपने हाथों में लिया, सोनाली की सांसे तेज हो गई, उसकी चुत अब रस छोड़ रही थी, अरे कहा खो गई आप, मिश्रा जी की भारी भरकम आवाज से जैसे वो नींद से जागी, मिश्रा जी बेल्ट को अलमारी में रख कर मुड़े और बोले, विधि को बोलना थोड़ी मेहनत और करे, वो कोई सब्जेक्ट में फैल नहीं है, मैंने ग्रेस मार्क्स दे कर उसे आलरेडी पास कर दिया है, बस उसे कहना मिश्रा अंकल ने याद किया है.

सोनाली एकदम हक्की बक्की सी बाहर आई, मिश्रा जी ने तो उसे ध्यान से देखा भी नहीं, उसका सर अब चक्कर खा रहा था, कहा वो चुदने की तैयारी से आई थी और कहा किसीने उसे देखा भी नहीं, बाहर बहुत गहमागहमी थी, काफी लोग वेट कर रहे थे, उसकी जांघें गीली हो गई थी, वो जल्दी से घर पहुंच कर अपने आप को शांत करना चाह रही थी, लिफ्ट का दरवाजा खुला, उसने देखा उसके साथ एक बहुत चंचल सी दिखती लड़की खड़ी थी, वो मुस्कराइ, मेम न्यु जोईनिंग है, कौन-से सब्जेक्ट की प्रोफेसर है, अरे नहीं मेरी बेटी यहां पढ़ती है, किसी काम से आई थी, ओह आय एम सॉरी, बाय द वे आई एम रिया, सोनाली ने भी अपना हाथ बढ़ाया, रिया ने सोनाली की उंगली पकड़ कर अपनी मुट्ठी में बांध ली, और मुस्करा कर बोली, आंटी यू लुक सो स्वीट, रियली होट, सोनाली थोड़ा झेप गई. लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पहुंच गई थी, मैं यही हास्टल में रहती हूँ, आइए ना आंटी काफ़ी पीते है, अरे नहीं बेटा मुझे लेट हो जाएगा, सोनाली ना कहना चाहती थी पर इसबार रिया ने सोनाली की उंगली को अपनी मुट्ठी में आगे पीछे करते हुए, आखों में आखें डालकर धीरे से बोली, कम आय विल नोट ईट यू, सोनाली को कुछ अजीब पर मीठा अह्सास हुआ और वो रिया के साथ चलने लगी, देट्स माय गर्ल, कम डेल्गोना काफ़ी पिलाती हूं.
 
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