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Incest ये तो सोचा न था…

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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दोस्तों,

‘ये तो सोचा न था’ कहानी शुरू होने का आज ग्यारहवां दिन है और आज कुछ ही देर में मैं ग्यारहवां प्रकरण पोस्ट करूँगा..

इन ग्यारह दिनों में इस कहानी को ४२,००० से अधिक व्यू मिले है ! ( ये व्यू यानी? लोग पढ़ते होंगे? या सिर्फ पेज खोलने पर भी व्यू गिना जाता होगा?)

खेर, ४२,००० लोगो ने इस कहानी को या देखा या पढ़ा !

और

करीब १०० प्रतिक्रिया मिली !

मुझ जैसे के लिए यह बहुत बड़ी बात है…

सच कहूं तो

ये तो सोचा न था!

आप सबका बहुत बहुत आभार….

🙏

🙏🙏
दोस्त जैसा की आपने ऊपर लिखा है की पड़ने वाले बहुत होते हैं और अपने विचार पेश करने वाले काफी कम / मैं भी ऐसे में ही शामिल था आपकी कहानी लीक से हटकर है / उत्तम सामग्री पेश की है आपने एक नयी प्रकार की कहानी है / मुझे तो ऐसा ही लगा कि जैसे मैं भी इस कहानी के साथ साथ चल रहा हूँ / मुझे तो आज तक जितनी भी कहानिया पड़ी है और जो मेरी पसंदीदा कहानियां हैं उसमे आपकी कहानी शुमार हो गयी है / मैं आपकी कहानी को सहेजकर रखूंगा / और एक बार पूरी पड़ने के बाद फिर से पड़ना चाहूँगा और कुछ रोमांटिक और सेक्सी पलों को फिर से अपने दीमाग में जीवंत करूँगा /

आभार ऐसी कहानी पेश करने के लिए / उम्मीद है आगे भी आप सामजिक adultry और भावपूर्ण कहानी के प्रत्येक पहलु को पेश करेंगे /

फिर से आभार
बहुत बहुत प्यार
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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जिस मोड़ पर ‘यह तो सोचा न था...’ का ग्यारहवां प्रकरण ख़त्म हुआ, पाठको को बारहवें प्रकरण की बड़ी उत्सुकता हो रही होगी यह स्वाभाविक है.

बारहवां प्रकरण लिख रहा हूँ और मुझे कोई अंदाज़ा नहीं की यह पढ़ कर आप सब मुझे गालियां देंगे या इसे सराहेंगे पर बोस -यह प्रकरण लिखते हुए मेरा दम निकल रहा है…

मुझे भली भांति ज्ञात है
की
मैं इतना अच्छा लेखक नहीं
जितने
अच्छे आप बतौर पाठक हो.

जो लिखू उसे स्वीकार कर लेना दोस्तों…
_____/\_____
दोस्त ! आप एक अच्छे लेखक और मर्म को समझकर लिखने वाले लेखक हैं / मुझे नहीं लगता की आप दूसरों की परवाह करते हुए लिखते हैं / आप अपने दिल की सुनकर और दिमाग से कहानी को एक प्यारा सा रूप देते हो / ये बहुत ही अच्चा है, ऐसा मेरा मानना है / आपकी लेखनी से निकले जादू का इंतज़ार रहेगा, हमेशा //

प्यार से
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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दोस्तों,

‘यह तो सोचा न था…’ को इतना स्नेह और दुलार देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार.

अपडेट की डिमांड आप जरूर करें पर आपको बता दूँ की अपडेट की उत्सुकता जितनी आपको रहती है उतनी ही मुझे भी रहती है क्योंकि मेरे सामने भी कहानी लिखते हुए खुलती है. सो आगे क्या होगा ? – यह जानने के लिए मुझे भी इसे लिखना पड़ता है.

सुझाव का न की सिर्फ स्वागत है बल्कि सुझाव को मैं अपने आप में कहानी के लिए एवॉर्ड समझता हूँ. क्योंकि सुझाव का मतलब है आप का कहानी के साथ कहानी के किरदार के साथ इस कदर जुड़ना की इनके साथ अब आगे क्या होना चाहिए इस हद तक आप शामिल हो रहे हो. दोस्तों – किसी भी लेखक के लिए यह गर्व की बात है कि औरों को यह लगे की लिखी जा रही है वो उनकी भी बात है!

कुछ स्पष्टता करना चाहूँगा.

हिन्दी मेरी भाषा नहीं सो कहीं उन्नीस बीस हो तो टोकियेगा, मैं भाषा सुधार लूँगा.

यह कहानी इन्सेस्ट है यह मुझे भली भांति पता है इसलिए सब्र रखें. इन्सेस्ट मेरे लिए एक कॉम्प्लेक्स कन्सेप्ट है. यह कहानी उसे समझने की एक कोशिश है.

इस कहानी की बहुत सारी परतें है जो शनैः शनैः खुलेगी. बात जगदीश और शालिनी से शुरू हुई है पर यह कहानी केवल जगदीश और शालिनी की नहीं है. इस कहानी में अनगिनत नायक और नायिकाए है और अपनी बारी आने पर सभी जुड़ेंगे. यह एक दीर्घकथा है.
इसलिए आप सभी से अनुरोध है की धैर्य बनाए रखें.

आप सभी का एक बार फिर तहे दिल से शुक्रिया.

राकेश बक्षी / ७ मार्च २२


***
मुझे भी ऐसी ही उम्मीद है की ये कहानी काफी दीर्घ (लम्बी) चलेगी, जो की मुझे पसंद है //
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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धन्यवाद, मैं अपनी हिंदी को लेकर आशंकित रहा करता हूँ. आप को भाषा ठीक लगी यह मेरे लिए बल देने वाली प्रक्रिया है…

आप को कहानी अच्छी लगी यह मेरे लिए कीमती प्रमाणपत्र है.

आप का बहुत बहुत आभार —
दोस्त ! ये अनीता जी ने ठीक कहा की आपकी हिंदी काफी अच्छी है / यहाँ पर तो हिंदी में अंग्रेजी के अक्षर मिश्रित कहानिया भी भरी पड़ीं हैं /
आप आगे बड़ते रहिये और ऐसे ही मित्रों और पाठकों की संख्या बढ़ाते रहिये / मेरे जैसे सभी (आपके) प्रिय मित्रों की शुभ कामनाए आपके साथ हैं /

प्रेम से
 

rakeshhbakshi

I respect you.
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चांदनी और जुगल का मिलन तो हो गया अब देखना है की जगदीश और शालिनी का क्या होता है। सुंदर अपडेट।
हमारे साथ बने रहे ... :)
 
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