अध्याय 76
काजल मेरी काजल ,आंखे बंद किये ना जाने कीस दुनिया में खो गई थी ,उसे देखकर एक बार तो मूझे चक्कर ही आ गया,मैं वही था जो कुछ दिनों पहले उसे मारने का प्लान कर रहा था ,आज उसकी इस कुर्बानी ने मुझे फिर से याद दिलाया जो वो मुझे बोला करती थी ,
‘मैं तुम्हारी ही रहूंगी देव चाहे शरीर किसी और के पास ही क्यो ना रहे लेकिन रूह तलक बस तुम्हारी ही रहूंगी ‘
मेरी आंखे भीग गई थी और मैं सिसक रहा था ,मेरा हाथ अभी भी काजल के हाथो में था,वो ऑपरेशन थिएटर मुझे काटने को दौड़ रहा था ,
‘कितना पागल था तू देव जो अपनी जान की वफादारी पर उसके प्यार पर शक किया ‘
मैं अपनी अतीत की यादों से तब निकला जब पूर्वी ने मुझे बुलाया ,आज 3 दिनों से काजल को होशं नही आया था वो अब भी कोमा में ही थी ..
“भइया देखो तो कौन आया है “
बाहर निशा खड़ी थी वो मुझे देखते ही मेरे पास आयी और मुझे अपने गले से लगा लिया ,
“सॉरी भइया मेरे कारण भाभी की ये हालत हो गई मुझे नही पता था की भाभी का प्लान क्या है मुझे तो लगा की वो आपको धोखा देना चाहती है “
“कोई बात नही मेरी जान तू मुझसे प्यार ही इतना करती है की तू मेरे आगे कुछ सोच ही नही पाती “
वो थोड़ी देर मुझसे ऐसे ही चिपकी रही ..
“दीदी अब तो मुझे नही मरोगी ना “
पूर्वी ने हंसते हुए कहा
“चुप कर पगली तू मेरी प्यारी वाली बहन है,और काजल भाभी ने तो मेरे भाई के लिए खुद गोली खाई है उनका ये अहसान तो मैं जीवन भर नही भूलूंगी “
“आपका कोई भरोसा थोड़ी है भइया के बारे में थोड़ा भी कोई कुछ कहे तो आप प्यार व्यार सब भूल कर मारने को दौड़ पड़ती हो “
पूर्वी जोरो से हँस पड़ी साथ ही वँहा खड़े सभी लोग भी..
“मेरे भइया का बुरा सोचेगा उसे ये निशा कच्चा चबा जाएगी समझ लेना “
निशा ने ये बात थोड़े मजाकिया अंदाज में कहा था ..
“डॉ अब तो आपको मेरी बहन पर कोई शक नही है ना “
“हा नही तो है लेकिन जिस तरह से उस दिन इसने धमकी दी थी कोई भी डर जाए ,खैर पूर्वी की तरफ से तो केस वापस हो चुका है तो किसी तरह की कोई प्रॉब्लम अब नही होगा ..लेकिन निशा तुम्हे ये क्यो लगा की काजल देव को धोखा देने वाली है “
“क्योकि मुझे पता लगा था की काजल ने ठाकुर का जाली पासपोर्ट बनवाया है ,वो तो बाद में शबनम और पूर्वी ने मुझे बतलाए की वो सब ठाकुर को फसाने के लिए चला गया दाव था,अगर भइया वँहा नही जाते तो उसे भी वो वैसे ही मरती जैसे की खान और अजीम को मारा था लेकिन मेरी गलती की वजह से ..”
“कोई बात नही निशा शायद जो भी होता है वो अच्छे के लिए ही होता है,मुझे लगता है की ठाकुर को काजल की सच्चाई का पता चल चुका था हो सकता है की अगर देव वँहा नही होता तो ठाकुर ही काजल पर अटैक कर देता,और खान और अजीम की बात अलग थी वो दोनो ही कमजोर थे लेकिन ठाकुर मजबूत और मरने मारने वाला इंसान है ,पता नही काजल उससे अकेले निपट पाती की नही क्योकि हमे वँहा पहुचने में समय लगने वाला था …”
“जो हुआ वो हो गया अब बस काजल जल्दी से ठीक हो जाए …”
मैं गहरी सांस लेकर कहने लगा ..
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मलीना मेडम मेरे सर पर हाथ फेर रही थी ..
“मेरी दोनो बेटियो को बहुत प्यार देना देव ये दोनो ही अब तुम्हारे हवाले है ,इन्होंने जीवन भर बस बदले और गुलामी में निकाल दिए अब इनकी जिंदगी शुरू हो रही है ,मैं तुमपर भरोसा कर सकती हु …”
मलीना मेडम की आंखों में पानी था और साथ ही काजल और शबनम की आंखों में भी …
काजल ठीक हो चुकी थी लेकिन उसके फेफड़ो में छेद हो चुका था जो नही भर पाया था,एक महीने बीत चुके थे और आज उसे घर ले जाया जा रहा था ,यंहा सभी मौजूद थे ,डॉ,मलीना,मैं,निशा,पूर्वी ,काजल ,शबनम ,काजल के मुह बोले भाई और पिता साथ ही भाई का दोस्त सुशांत और रश्मि भी …
कुछ दिन पहले ही शबनम ने अपने पति को तलाक दिया था और वो मेरे साथ ही रहने वाली थी ,सुशांत और निशा का टाका भिड़ गया था,जिस लड़की ने उसे गोली मारी थी अब वही उसकी जीवन संगनी बनने वाली थी ,सुशांत को भी निशा का इतिहास पता था लेकिन फिर भी प्यार क्या देखता है ,??
पूर्वी अभी सिंगल थी ,मैंने सोचा था की शायद वो अजीम के भाई को डेट करेगी लेकिन उसने क्यो इंटरेस्ट नही दिखाया ..
मैंने निशा और सुशांत को होटल आदित्य को सम्हालने भेज दिया क्योकि अब वो भी हमारे नाम पर था,अजीम के भाई को जब उसके पिता और भाई की सच्चाई का पता चला वो भी खुशी खुशी होटल छोड़ने को तैयार हो गया,लेकिन उसके बदले हमने उसे एक दूसरी जगह पर होटल खोलकर दे दिया था ,
खान का होटल मैं और शबनम चलाने लगे थे,काजल को आराम की सख्त जरूरत थी ,वो बेहद ही कमजोर हो चुकी थी ,
रश्मि अपने होटल का कारोबार अच्छे से चला रही थी लेकिन अब दोनो होटल में कोई कंपीटिशन नही था बल्कि कई मामलों में एक दूसरे का सहयोग ही करते थे …
और डॉ चुतिया ..???
वो नई स्टोरी लिखने के सोच में लगा हुआ था…….
************* समाप्त *****************