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Romance रंडी से प्यार (Completed)

Chutiyadr

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Apne sahi kaha,,
Dr sahab pahle v kuch update dene k baad gyab ho gaya. Phir mahino baad yaha dheka to laga shayed yaha pura ho but lag nhi raha hai ki yaha v hoga
Yar mangal ko to diya tha aaj shukra hai...
Is bat ka shukra karo ki mangal me hu to shukra ko hi de dunga...:roflol::hspin
 

Chutiyadr

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अध्याय 29

हम सब अभी गर्ल्स होस्टल के कमरे में बैठे हुए थे,अविनाश और काजल अभी भी इमोशनल लग रहे थे,

“भाई मैं तुम्हारे और काजल के बारे में बहुत ही खुश हु ,इस बेचारी ने बहुत दुख देखे है इसे हमेशा खुश रखना “

अविनाश काजल के बालो को सहलाते हुए बोला

“अरे भैया काजल इसकी लैला है और ये काजल का मजनू ..क्यो मजनू “

तरुणा ने अपने चिर परिचित अंदाज में हमे चिढ़ाया ,काजल ने झट से उसके कन्धे पर अपना हाथ मार दिया

“अच्छा मैं चलता हु कुछ जरूरी काम है “

अविनाश उठ खड़ा हुआ ,साथ ही तरुणा भी खड़ी हो गई

“अच्छा मैं भी चलती हु ,लैला मजनू को थोड़ा अकेले छोड़ दिया जाए ना जाने कितने अरमान दिल में दबाए बैठे होंगे “

तरुणा हँस पड़ी वही उसकी बात से मैं और काजल शर्मा से गए थे.

“अरे रुको ना सालों बाद मिले और अभी जा रहे हो “

काजल ने अविनाश को देखते हुए कहा

“जिसने हमारा ये हाल किया है उसको सबक भी तो सिखाना होगा ,राहुल तुम अभी प्रिया के पास रुको हम तुम्हारे प्लान पर बाद में काम करना शुरू करेंगे अभी के लिए मुझे और भी थोड़ी तैयारी करनी होगी ..”

मैंने हा में सर हिलाया और तरुणा और अविनाश वंहा से चले गए ,

ये अजीब सी सिचुएशन थी आज हम दोनों इतने दिनों के बाद अकेले थे लेकिन बोलने को कुछ भी नही था,बस एक नर्भसनेश हम दोनों को ही घेरे हुए थी ,मैं भी कुछ बोलने से हिचकिचा रहा था और वो भी ,तभी फिर से दरवाजा खुला ,वो तरुणा थी

“अरे अकेले हो फिर भी दूर दूर बैठे हो ,चलो उठो अब क्या यही सुहागरात मनाने का इरादा है काजल इसे अपने कमरे में ले जा “

काजल ने अजीब निगाह से तरुणा को देखा

“अरे ऐसे क्या देख रही है ,तेरा बालम आया है आज तो कुछ हो ही जाएगा “

तरुणा की बात सुनकर काजल ने उसे झूठे गुस्से वाली आंखे दिखाई लेकिन उसके होठो में अब भी शहद सी प्यारी शर्मीली सी मुस्कान थी ,

“चलो चलो ये प्रेजेंट्स के लिए विजिटिंग रूम है और तुम दोनों एक दूसरे के पेरेंट्स नही हो बल्कि तुम दोनों को मिलकर किसी का पेरेंट बनना है “तरुणा फिर से खिलखिला उठी

“क्या मेडम आप भी “मैं पहली बार अपना मुह खोला था

“अरे ये क्या मेडम मेडम लगा के रखा है ,अब से मुझे तरुणा कहना,आखिर तुम मेरी बहन के पति देव जो हो तो मेरे तो जीजा जी हुए ना”

तरुणा के बात से तो मैं भी शर्मा गया था

“ओहो शर्मीले जीजा जी क्या दीदी के साथ अकेले समय नही बिताना ...ऐसे नही बिताना चाहते तो आप जा सकते हो “

मैं थोड़ा शर्म में था तो थोड़ा हिचक में मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या जवाब दु

“तरुणा बस कर यार हम जा रहे है अपने कमरे में “

काजल उठ कर मेरा हाथ पकड़कर मुझे खड़े करती हुई बोली और मैं किसी रोबोट की तरह उसके पीछे पीछे चलाने लगा ,होस्टल की लडकिया अजीब निगाहों से मुझे देख रही थी ,इतना डर तो मुझे उस रंदीखाने में भी नही लगता था,जितना इन शरीफ लड़कियों के निगाहों से लग रहा था ….

काजल के कमरे में दो बिस्तर लगे हुए थे दोनों ही सिंगल बेड थे,पास ही में एक अलमारी सी बनी थी जिसमे कुछ किताबे थी और एक स्टडी टेबल ,ये पूरी तरह बॉयज होस्टल की ही तरह था लेकिन बस ज्यादा साफ सुधरा था चीजे अपनी सही जगह पर थी ,

मुझे एक बिस्तर में बिठा दिया गया था ,

“देखो ये काजल के कमरे के साथ साथ मेरा भी कमरा है तो जो भी करना है जल्दी जल्दी कर लेना ,ऐसे 1 घण्टे में तो काम हो जाएगा ना,नही हुआ तो कोई बात नही मैं दूसरे कमरे में सो जाऊंगी “

तरुणा के चहरे में अर्थपूर्ण मुस्कान थी

“चुप कर कमीनी हम ऐसा वैसा कुछ भी नही करने वाले ,तू अपनी फेंटेसी हमारे ऊपर मत थोप “

काजल ने तरुणा के बांहों में एक मुक्का मारा

“हाय काश मेरे पास भी इतना प्यार करने वाला मजनू होता तो मैं तो रात दिन बस ..”

तरुणा इतना बोलकर खिलखिला उठी जबकि काजल का चहरा शर्म से लाल हो गया था,मैंने काजल को इतना शर्माते हुए नही देखा था,

“चुप कर कुछ भी बोलते रहती है “

इस बार काजल की आवाज भी शर्म की वजह से धीमी हो गई थी

तरुणा के काजल का चहरा अपने हाथो में पकड़ लिया

“ओह हो देखु तो मेरे लाडो का चहरा शर्म से सुर्ख हो रहा है ,कितनी प्यारी लग रही है कही किसी की नजर ना लग जाए ,”

फिर तरुणा का चहरा मेरी ओर हो गया

“ए हीरो मेरी बहन को ज्यादा परेशान मत करना ,”

मैंने हा में सर हिलाया ,तभी तुरुणा के होठो में एक शैतानी मुस्कान खिल गई

“ऐसे थोड़ा परेशान कर सकते हो “

इस बार वो खिलखिलाते हुए बाहर को गई ,

“अंदर से कुंडी लगा लेना नही तो कोई आ जाएगा “

वो बाहर जाते जाते कह गई ,उसकी बात सुनकर काजल बुरी तरह से शर्मा गई थी वही हाल मेरा भी हो गया था,हम दोनों इतने दिनों तक एक ही कमरे में कई दिन एक ही बिस्तर में साथ सोए भी लेकिन इतनी अजीब सिचुएशन हमारे सामने कभी नही आयी थी ,काजल दूसरे बिस्तर में जाकर बैठ गई थी ,

जिससे मिलने की इतनी तम्मना थी ,जिसे निहारने को मैं रातों को तड़फता था,जिससे बात करने को मैं व्याकुल रहता वही आज मेरे सामने थी और मेरे मुह से एक शब्द भी नही फुट रहे थे,मैं उससे निगाहे भी नही मिला पा रहा था ना जाने काजल कितना शर्मा रही थी लेकिन उससे ज्यादा तो मैं ही शर्मा रहा था…….

“कुछ बोलोगे भी “आखिर काजल ने ही वो शर्म की दीवार गिराने की पहल की

“क्या बोलूं “

“कुछ भी “

मेरी नजर सीधे काजल पर गई वो मुझे ही देख रही थी लेकिन मेरी नजर मिलते ही उसने नजर झुका ली ,मैं उसके टमाटर से लाल हुए चहरे को देख रहा था,मुझे अपनी ओर देखता हुआ पाकर उसका चहरा और भी सुर्ख हो गया था,उसकी उन अदांओ में मैं अपनी जान लुटा सकता था आखिर मैं उठा और सके करीब जा बैठा ,वो मुझसे थोड़ा दूर सरकी जिससे मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई ..

“जानती हो मुझे कैसा लग रहा है “मैंने बहुत ही हल्की आवाज में कहा

“कैसा ‘उसकी नजर अभी भी नीचे थी

“जैसे आज हमारी सुहागरात हो “

“धत “वो और भी शर्मा गई और मैंने उसे अपनी बांहों में समेट लिया ,वो भी मेरे बांहों में घुलने लगी थी ……

“काजल मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु “

“ये भी कोई कहने वाली बात है”काजल मेरे सीने में सिमटे हुए बोली

“क्या तुम मुझे अपना चहरा नही दिखाओगी “

मैं उसका चहरा नही देख पा रहा था

“नही “उसके आवाज में एक शरारत थी जरूर उसके होठो में मुसकान भी रही होगी ,वो मेरे सीने से और भी कस कर सट गई

“जानती हो मैंने इस दिन का कितना इंतजार किया है “

“मैंने भी “

“फिर भी मुझे अपना चहरा नही दिखा रही “मैंने नीचे देखने की कोशिस की उसके बाल ही मेरे सामने थे

“नही “

मैं अपनी उंगलियों को उसके गालों पर ले गया और उसके कोमल गालों को सहलाने लगा,वो मेरे सीने में ही मचली मुझे उसकी हल्की सी हंसी सुनाई दी …

“तुम्हारे गाल कितने कोमल है “

मैं अब भी उसके गालों को सहला रहा था ,उसने अपने को थोड़ा उठाकर मेरे सीने में एक किस किया और फिर से मुझे कस लिया ,

“अरे अपना चहरा तो उठाओ “

“ना “

“मुझे तुम्हारे गालों को चूमना है “

मैं अधीर हो रहा था

“ना”उसने बड़ा ही प्यारा सा जवाब दिया लेकिन उसकी ना में भी एक मदहोशी थी एक शर्म था ,मैंने उसके चहरे को अपने हाथो से उठाया वो बिना किसी विरोध के मेरे सामने थी ,उसकी आंखे बंद। थी ,उसका प्यारा मुखड़ा मेरे आंखों में भर रहा था,उसके लबो में एक हल्की सी हलचल थी जो मुझे अपनी ओर खिंच रही थी ,मेरे होठो ना जाने किस आकर्षण से उसके होठो से मिल गए….

हम दोनों ही एक दूसरे को भिच कर एक दूसरे को अपने में समाने को आतुर हो गए थे,हमारे होठ एक दूसरे के गीलेपन से भीग रहे थे,कभी हमारे दांत उसने गढ़ जाते तो कभी जीभ उसके मुह में चली जाती ,

दुनिया जैसे खो गई थी काजल मुझसे और सट गई थी मैं अपनी बांहों में उसे कसकर भरे हुए था,मैं उससे इंच भर भी दूर नही था लेकिन हम और भी पास आने को तड़फ रहे थे,हमारे होठो एक दूसरे के मुह की गहराई को नाप रहे थे वो और भी गहरे जाने को बेताब थे,कोई दीवार नही थी कोई पर्दा नही था,कोई हसरत भी नही थी ,और शायद हम भी नही थे,

जो था वो बस एक अहसास था एक प्यार का अहसास एक दूसरे का होने का अहसास एक दूसरे में घुल जाने का अहसास,और दुनिया में कुछ भी तो नही बचा था ………….
 
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